PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Rachana Patra Lekhan पत्र-लेखन Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

अनौपचारिक (पारिवारिक या सामाजिक) पत्र की रूप-रेखा

अपने से बड़ों को पत्र-पिता को पत्र

18 लाजपतराय नगर
जी० टी० रोड़,
जालन्धर।
दिसम्बर 18, ……..

पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।
आपका कृपा पत्र मिला, समाचार ज्ञात हुआ। निवेदन है कि ……………………………………………………………………………………………………………………….. …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………

पूज्य माता जी को मेरा प्रणाम कहना।

आपका आज्ञाकारी,
…………………
…………………

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

प्रशासनिक पत्र की रूप-रेखा

उच्च अधिकारियों को लिखा जाने वाला पत्र
सेवा में
उपायुक्त महोदय,
ज़िला पंजाब।

विषय – लाउडस्पीकर के प्रयोग पर पाबन्दी लगाये जाने बारे। श्रीमान जी,
सविनय निवेदन है कि ……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………
2. …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
3. …………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………

धन्यवाद सहित,

आपका आज्ञाकारी,
(हस्ताक्षर) नाम व पता ……………
…………….

दिनांक ……………
आपके पाठ्यक्रम में केवल दो ही प्रकार के पत्र रखे गये हैं। जैसे-
(क) प्रार्थना पत्र या आवेदन पत्र तथा (ख) व्यक्तिगत पत्र या पारिवारिक पत्र ।
प्रार्थना पत्र/आवेदन पत्र प्रशासनिक पत्रों की कोटि में आते हैं-इसमें मुख्याध्यापक। मुख्याध्यापिका को लिखे जाने वाले पत्र, उच्च अधिकारियों को लिखे जाने वाले शिकायत या सुझाव सम्बन्धी पत्र आते हैं। इन्हें अनौपचारिक पत्रों की कोटि में रखा जाता है। हाथ से लिखे बधाई पत्र, निमन्त्रण पत्र, सांत्वना पत्र आदि भी अनौपचारिक पत्रों की कोटि में आते हैं। इनमें और व्यक्तिगत पत्रों में अन्तर यह होता है कि ये बहुत लम्बे नहीं लिखे जाते अर्थात् ऐसे पत्र संक्षेप में ही लिखने चाहिएं-
निमन्त्रण पत्र या शोक पत्र छपे हुए भेजे जाते हैं उन्हें औपचारिक पत्रों की कोटि में रखा जाता है। जैसे किसी बड़े नेता को उसके जन्म दिवस पर या चुनाव में जीत प्राप्त करने पर लिखे जाने वाले पत्र दो चार पंक्तियों में ही होते हैं-इसी कारण इन्हें औपचारिक पत्र कहते हैं-

विशेष रूप से ध्यान देने योग्य बात –
ऊपर दी गई रूप रेखा के अनुसार ही पत्र लिखने चाहिएं, चाहे वे व्यक्तिगत पत्र हों या प्रशासनिक (प्रार्थना पत्र आदि) प्रायः देखने में आता है कि लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं। हालांकि इस छोटी-सी बात को दफ्तरों का साधारण कर्मचारी जानता है। वह ऊपर दिये गए नियमों के अनुसार ही पत्र लिखता अथवा टाइप करता है। आगे चल कर इन नियमों का पालन करते हुए लिखे गये पत्र को ही अच्छे अंक दिये जाते हैं। आशा है आप पत्र लिखते समय इन नियमों का पूरी तरह पालन करेंगे।

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(ख) आवश्यक प्रार्थना-पत्र और अन्य पत्र

1. मान लीजिए आपका नाम रेखा है और आप आर्य हाई स्कूल, जालन्धर छावनी में पढ़ती हैं। अपने स्कूल की मुख्याध्यापिका को एक पत्र लिखिए, जिसमें बीमारी के कारण छुट्टी के लिए प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
श्रीमती मुख्याध्यापिका जी,
आर्य हाई स्कूल,
जालन्धर छावनी।
श्रीमती जी,

सविनय निवेदन है कि मुझे कल रात को अकस्मात् ज्वर (बुखार) हो गया था और अभी तक उतरा नहीं। डॉक्टर साहिब ने दवा देने के साथ-साथ पूर्ण विश्राम करने के लिए कहा है। इसलिए मैं दो दिन स्कूल में उपस्थित नहीं हो सकती। अत: आप मुझे दो दिन की छुट्टी देकर कृतार्थ करें। आपका अति धन्यवाद होगा। आपकी आज्ञाकारी शिष्या,
रेखा।
आठवीं ‘ए’
19 अप्रैल, 20….

2. मान लीजिए आपका नाम पंकज है और आप राजकीय हाई स्कूल, करतारपुर में आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखिए जिसमें भाई के विवाह के कारण अवकाश दिया जाए।
अथवा
अपने मुख्याध्यापक को भाई या बहन के विवाह के कारण अवकाश लेने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखें।

सेवा में
श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
राजकीय हाई स्कूल,
करतारपुर।
श्रीमान् जी,

सविनय प्रार्थना है कि मेरे बड़े भाई का विवाह 12 अक्तूबर को होना निश्चित हुआ है। अत: मेरा इसमें सम्मिलित होना आवश्यक है। बारात 12 तारीख को दिल्ली जाएगी और 14 अक्तूबर की सुबह वापस लौटेगी। इसलिए इन दिनों मैं स्कूल में उपस्थित नहीं हो सकता। कृपया मुझे तीन दिन की छुट्टी देकर अनुगृहीत करें।
धन्यवाद सहित,

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
पंकज।
आठवीं ‘बी’
दिनांक 11 अक्तूबर, 20….

3. मान लीजिए आपका नाम सदेश है और आप डी० ए० वी० हाई स्कूल लुधियाना में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र लिखें जिसमें जुर्माना मुआफी के लिए प्रार्थना की गई हो।

सेवा
में मुख्याध्यापक जी,
डी० ए० वी० हाई स्कूल,
लुधियाना।
श्रीमान् जी,

सविनय निवेदन है कि कल हमारे अंग्रेजी के अध्यापक महोदय ने हमारी मासिक परीक्षा लेनी थी, किन्तु प्रात: स्कूल आते समय रास्ते में मेरी साइकिल पंक्चर हो गई। इस कारण मैं स्कूल देर से पहुँचा और परीक्षा में भाग न ले सका। अध्यापक महोदय ने मेरी इस सच्ची बात का विश्वास न किया और मुझे 20 रु० जुर्माना कर दिया। मैं यह जुर्माना नहीं दे सकता क्योंकि मेरे पिता जी बड़े ग़रीब हैं। वैसे अंग्रेजी विषय में मैं बहुत अच्छा हूँ। इस बार त्रैमासिक (तिमाही) परीक्षा में मेरे 100 में से 80 अंक आए थे। मैं आज तक स्कूल में अकारण अनुपस्थित नहीं रहा।।
कृपया मेरा जुर्माना माफ़ कर दें। मैं आपका अत्यन्त धन्यवादी हूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
सुदेश।
आठवीं ‘ए’

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4. मान लीजिए आपका नाम देवेन्द्र है और आप एस० डी० हाई स्कूल, होशियारपुर में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र लिखें जिसमें शिक्षा शुल्क (फीस) क्षमा करने की प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
एस० डी० हाई स्कूल,
होशियारपुर।
मान्यवर महोदय,

सविनय प्रार्थना यह है कि मैं आपके स्कूल में आठवीं श्रेणी में पढ़ता हूँ। मेरे पिता जी एक दुकान पर काम करते हैं। उनकी मासिक आय केवल 2500 रुपये है। हम घर में पाँच सदस्य हैं। आजकल इस महँगाई के समय में निर्वाह होना अति कठिन है। ऐसी दशा में मेरे पिता जी मेरी स्कूल की फीस देने में असमर्थ हैं।

मेरी पढ़ाई में विशेष रुचि है। मैं हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम स्थान पर रहता आया हूँ। मैं स्कूल की जूनियर हॉकी टीम का कप्तान भी हूँ। मेरे सभी अध्यापक मेरे आचरण से पूर्णतया सन्तुष्ट हैं। अतः आप से मेरी विनम्र प्रार्थना है है कि आप मेरी पूरी फीस माफ़ कर मुझे आगे पढ़ने का सुअवसर प्रदान करने की कृपा करें।
मैं जीवन भर आपका आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
देवेन्द्र।
कक्षा आठवीं ‘ए’
रोल नं0 22
11 मई, 20….

5. मान लीजिए आपका नाम कमल मोहन है और आप राजकीय हाई स्कूल, करतारपुर में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखें, जिसमें किसी स्कूल फण्ड से पुस्तकें लेकर देने की प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
राजकीय हाई स्कूल,
करतारपुर।
श्रीमान् जी,

निवेदन है कि मैं आपके स्कूल में कक्षा आठवीं ‘ए’ का अत्यन्त निर्धन विद्यार्थी हूँ। जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले वर्ष मेरे पिता जी की मृत्यु हो गई है। मेरी माँ पढ़ीलिखी नहीं है। आय का अन्य कोई साधन नहीं है। मेरे अलावा मेरे दो छोटे भाई हैं, जिनमें से एक छठी कक्षा में पढ़ता है। माँ हम सब का मेहनत मजदूरी करके पालन-पोषण कर रही है और पढ़ा-लिखा रही है। नवम्बर का महीना बीत रहा है और अभी तक मेरे पास एक भी पाठ्य-पुस्तक नहीं है। अभी तक मैं साथियों से पुस्तकें माँग कर काम चला रहा हूँ। परन्तु परीक्षा के समय मेरे साथी चाह कर भी अपनी पाठ्य-पुस्तकें नहीं दे पाएँगे। यह बात स्मरण करके अपनी बेबसी का बेहद एहसास होता है। वार्षिक परीक्षा दो-तीन महीने बाद शुरू होने वाली है।

अतः आपसे नम्र प्रार्थना है कि आप मुझे निर्धन छात्र कोष या पुस्तकालय से सभी आवश्यक पाठ्य-पुस्तकें दिलाने की कृपा करें। आपके इस उपकार का मैं जीवनभर आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
कमल मोहन।
कक्षा आठवीं ‘ए’
रोल नं0 20
11 नवम्बर, 20….

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6. मान लीजिए आपका नाम चन्द्रशेखर है और आप डी० ए० वी० हाई स्कूल, अमृतसर में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखें जिसमें छात्रवृत्ति (वजीफा) देने की प्रार्थना की हो।
अथवा
अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को आर्थिक सहायता के लिए प्रार्थना-पत्र लिखें।

सेवा में
मुख्याध्यापक जी,
डी० ए० वी० हाई स्कूल,
अमृतसर।
श्रीमान् जी,

सविनय निवेयन है कि मैं आपके स्कूल में कक्षा आठवीं ‘ए’ का विद्यार्थी हूँ। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से सम्बन्ध रखता हूँ। मेरे पिता जी एक स्थानीय कार्यालय में केवल 2500 रुपये मासिक पर कार्य करते हैं। हम परिवार में कुल छः सदस्य हैं। महँगाई के समय में इतने कम वेतन में निर्वाह होना अति कठिन है। अत: मेरे पिता जी मुझे आगे पढ़ाने से इन्कार कर रहे हैं।
मेरी पढ़ाई में विशेष रुचि है। मैं सदा अपनी कक्षा में प्रथम रहता आया हूँ। मेरे सभी अध्यापक मुझ से अतीव प्रसन्न हैं। अतः आपसे मेरी विनम्र प्रार्थना है कि आप मुझे स्कूल के आरक्षित कोष (फण्ड) से छात्रवृत्ति प्रदान करने की कृपा करें।
मैं जीवन-भर आपका आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
चन्द्रशेखर।
कक्षा आठवीं ‘ए’
5 मई, 20….

7. मान लीजिए आपका नाम संजीव है और आप राजकीय हाई स्कल, फाजिल्का में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र लिखें जिसमें उचित कारण बताते हुए सैक्शन बदलने की प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
राजकीय हाई स्कूल,
फाजिल्कां।
मान्यवर महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं आपके स्कूल में आठवीं श्रेणी ‘सी’ सैक्शन में पढ़ रहा हूँ। मैं अपना सैक्शन बदलना चाहता हूँ। मेरे सैक्शन ‘सी’ में अधिकतर छात्र ड्राइंग विषय के हैं, जबकि मैंने संस्कृत विषय ले रखा है। पढ़ाई की सुविधा के विचार से मैं ‘ए’ सैक्शन में जाना चाहता हूँ। इसी सैक्शन में मेरे मुहल्ले के सभी छात्र पढ़ते हैं। सैक्शन अलगअलग होने से मेरे लिए पढ़ाई में कुछ रुकावट पड़ जाती है क्योंकि मैं उनसे पूर्ण सहयोग प्राप्त नहीं कर पा रहा।

इसके अतिरिक्त ‘ए’ सैक्शन में पढ़ने वाले छात्रों को योग्यता के आधार पर रखा जाता है। मैं इस त्रैमासिक परीक्षा में अपनी श्रेणी में प्रथम आया हूँ। इस कारण मुझे ‘ए’ सैक्शन के उन योग्य छात्रों में बैठ कर पढ़ने की अनुमति दी जाए, ताकि मेरा ठीक से विकास हो सके। मेरी प्रार्थना है कि मुझे आठवीं ‘सी’ सैक्शन से ‘ए’ सैक्शन में जाने की अनुमति प्रदान की जाए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि पढ़ाई में मैं किसी भी छात्र से पीछे नहीं रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
संजीव।
आठवीं ‘सी’
रोल नं० 40
तिथि 25 सितम्बर, 20….

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8. मान लीजिए आपका नाम रोहित है और आप सरकारी हाई स्कूल लुधियाना में आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए, जिसमें स्कूल में पीने के पानी की कमी की ओर ध्यान दिलाते हुए नया नल लगवाने की प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
मुख्याध्यापक जी,
सरकारी हाई स्कूल,
लुधियाना।
श्रीमान् जी,

सविनय प्रार्थना है कि स्कूल में पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। एक ही नल है, जो स्कूल के सभी विद्यार्थियों के लिए काफ़ी नहीं है। जब दोपहर के समय आधी छुट्टी होती है तो विद्यार्थी नल की ओर दौड़ते हैं। वहाँ इतनी भीड़ हो जाती है कि आधी छुट्टी का सारा समय पानी पीने की धक्का-मुक्की में ही बीत जाता है। बहुत से विद्यार्थी फिर भी पानी प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। इसलिए विद्यार्थियों की इस उचित कठिनाई को ध्यान में रखते हुए स्कूल में एक नया नल लगवाने की कृपा की जाए। गर्मियों के मौसम में तो हर विद्यार्थी पानी पीने की इच्छा रखता है। आपका

आज्ञाकारी शिष्य,
रोहित।
आठवीं ‘बी’
रोल नं० 28
तिथि 5 अप्रैल, 20….

9. मान लीजिए आपका नाम अशोक कुमार है और आप सरकारी हाई स्कूल, मानसा में पढ़ते हैं। अपने मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखिए, जिसमें स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र (सर्टीफिकेट) देने की प्रार्थना की गई हो।
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
सरकारी हाई स्कूल,
मानसा।
महोदय,

निवेदन है कि मेरे पिता जी का स्थानांतरण मानसा से अमृतसर हो गया है वे कल यहाँ से अमृतसर जा रहे हैं और साथ में परिवार भी जा रहा है। इस अवस्था में मेरा यहाँ अकेला रहना बहुत मुश्किल है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप कृपा करके मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र प्रदान कीजिए ताकि मैं वहाँ जाकर स्कूल में प्रविष्ट हो सकूँ।

आपका विनीत शिष्य,
अशोक कुमार।
आठवीं ‘ख’
रोल नं० 10
तिथि 11 जुलाई, 20….

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10. अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखिए जिसमें उन्हें स्कूल के पुस्तकालय में हिन्दी की पुस्तकें मंगवाने के लिए कहा गया हो।

सेवा में
श्रीमान् मुख्याध्यापक जी,
राजकीय हाई स्कूल,
करतारपुर।
श्रीमान् जी,

सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके स्कूल में कक्षा दसवीं ‘बी’ छात्र हूँ। मैं आपको यह सूचित करना चाहता हूँ कि हमारे स्कूल के पुस्तकालय में हमारे लिए उपयोगी हिन्दी विषय की पुस्तकें बहुत कम हैं। पिछले तीन-चार वर्षों से हिन्दी विषय की पुस्तकें नहीं खरीदी गई हैं। सभी पुरानी किताबें ही हैं। अतः आपसे निवेदन है कि हिन्दी विषयों से । सम्बन्धित ज्ञान वर्धक पुस्तकें तथा रसाले शीघ्र मंगवा दें।

इस कार्य के लिए हम सब छात्र-छात्राएँ आपके अत्यन्त आभारी होंगे।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
शुभम
कक्षा आठवीं।

11. आप अपनी गली की सफाई के लिए स्वास्थ्य अधिकारी को एक पत्र लिखो।
अथवा
नगरपालिका (म्युनिसिपल कमेटी) पटियाला के स्वास्थ्य अधिकारी को अपनी गली की सफ़ाई के विषय में शिकायत पत्र लिखो।
अथवा
अपने नगर की नगरपालिका के स्वास्थ्याधिकारी को पत्र लिखें, जिसमें ठीक प्रकार से सफ़ाई न करने के कारण मुहल्ले के सफ़ाई कर्मचारी की शिकायत करें।
अथवा
नगरपालिका के महापौर को अपने क्षेत्र की सफाई ठीक ढंग से न होने की शिकायत करते हुए पत्र लिखिए।

सेवा में
स्वास्थ्याध्यक्ष महोदय,
नगरपालिका,
पटियाला।
महोदय,

मैं आपका ध्यान एक आवश्यक बात की ओर आकृष्ट करवाना अपना कर्त्तव्य समझते हैं। मेन रोड के दाहिने मोड़ के साथ लगे हुए भट्टाँ मुहल्ला का जमादार मोहन लाल अपने कर्त्तव्य का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहा है। बार-बार रोकने पर भी वह बाहर से लाई हुई गन्दगी को मकान नं0 70 की नुक्कड़ पर डाल देता है। सारे मुहल्ले का कूड़ाकर्कट भी वहीं फेंकता है, कई-कई दिन तक वहाँ कूड़ा-कर्कट पड़ा रहता है जिससे बदबू उत्पन्न हो जाती है। चलने-फिरने वालों को नाक बन्द करके जाना पड़ता है। दुर्गन्ध के अतिरिक्त 24 घंटे मक्खी-मच्छरों के झुंड उस पर मँडराते रहते हैं। नालियों का पानी खड़ा हो जाता है और आने-जाने में बाधा पड़ती है। रात के समय अन्धेरे में तो यह स्थान नरक बन जाता है। गन्दी वायु के कारण रोग फूटने का भय बना रहता है। हमने उसे कई बार समझाया, किन्तु उसके कानों पर तक नहीं रेंगती। उल्टे गाली-गलौच पर उतर आता है।

आशा है कि आप यथाशीघ्र कोई कठोर कार्यवाही करेंगे।

सधन्यवाद
भवदीय
अमरजीत सिंह
तिथि 6 मई, 20….

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12. पत्रों के सही वितरण न होने पर आप अपने स्थानीय पोस्टमास्टर को प्रार्थनापत्र लिखो।
अथवा
पोस्टमास्टर को डाकिए की शिकायत का पत्र लिखें।

रेलवे कालोनी,
होशियारपुर।
30 अप्रैल, 20….
सेवा में
पोस्टमास्टर महोदय,
होशियारपुर।
श्रीमान् जी,

निवेदन है कि हमारी रेलवे कालोनी का डाकिया सुन्दर दास बहुत आलसी और लापरवाह है। वह ठीक समय पर पत्र नहीं पहुँचाता। जिस कारण कई बार तो हमें पत्रों का उत्तर देने से भी वंचित रहना पड़ता है। इसके अतिरिक्त वह बच्चों के हाथ पत्र देकर चला जाता है। वे पत्र इधर-उधर फेंक देते हैं। कल ही रामनाथ का पत्र नाली में गिरा हुआ पाया गया। हमने उसे कई बार सावधान किया है पर वह आदत से मजबूर है।
अतः आप से सनम्र प्रार्थना है कि या तो उसे आगे के लिए समझा दें या कोई और डाकिया नियुक्त कर दें ताकि हमें और हानि न उठानी पड़े।
सधन्यवाद,
भवदीय
सिमरन कौर

13. जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को एक प्रार्थना-पत्र लिखो जिसमें अपने गाँव में एक डिस्पैंसरी खोलने की प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी,
जिला होशियारपुर।
श्रीमान् जी,

निवेदन है कि हमारा गाँव गढ़दीवाला होशियारपुर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी जनसंख्या लगभग चार हज़ार है। परन्तु बड़े खेद की बात है कि इस गाँव में कोई डिस्पैंसरी नहीं है। गाँववासियों को छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज के लिए शहर भागना पड़ता है। इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है सर्दी के मौसम में छोटे बच्चों व बूढ़ों को बीमारी की हालत में शहर ले जाना बहुत ही कठिन है।
इस गाँव में डिस्पैंसरी की बहुत आवश्यकता है। हमारा आपसे निवेदन है कि इस पिछड़े क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य की ओर भी ध्यान दिया जाए। हमारे गाँव में यदि डिस्पैंसरी खुल जाती है तो इससे आसपास के गाँवों को भी लाभ पहुँच सकता है। आशा है कि आप हमारी इस प्रार्थना की ओर तुरन्त ध्यान देकर डिस्पैंसरी खोलने के लिए शीघ्र उचित पग उठायें।

सधन्यवाद,
भवदीय
अजीत सिंह
तिथि 17 मई, 20….

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14. अपने पिता जी को पत्र लिखो जिसमें आपके स्कूल का वर्णन हो।

सत्य निवास,
होशियारपुर।
17 मई, 20….
पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।

ईश्वर की कृपा और आपके आशीर्वाद से मैं आठवीं कक्षा में अच्छे अंकों से पास हो गया हूँ। अब मेरा दाखिला अपने ही स्कूल के सैकण्डरी शाखा में हो गया है। मैं संक्षेप में आपको अपने स्कूल के विषय में बता रहा हूँ। मेरे स्कूल का वातावरण मेरे अनुकूल है। यहाँ पर छात्रों की संख्या बहुत है। यहाँ पर लगभग एक हजार छात्र पढ़ते हैं। प्रत्येक श्रेणी के चार-चार विभाग हैं। स्कूल का भवन बड़ा आकर्षक है। इसके अगले भाग में बड़ी सुन्दर फुलवाड़ी है।

हमारे स्कूल के कमरे स्वच्छ तथा विशाल हैं। उनमें बिजली के पंखों का प्रबन्ध है। सफ़ाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। यहाँ के अध्यापकों का चरित्र बड़ा ऊँचा है। वे अपने-अपने विषय के विद्वान् हैं। मुख्याध्यापक जी बड़े परिश्रमी तथा छात्रों के साथ सहानुभूति रखने वाले हैं। विद्यार्थियों के खेलने के लिए एक विशाल क्रीड़ा क्षेत्र है, जिसमें शाम को विद्यार्थी खेलते हैं। हमारे स्कूल में एक पुस्तकालय भी है, जिसमें भिन्न-भिन्न विषयों पर हज़ारों पुस्तकें हैं। इसके अतिरिक्त एक विज्ञानशाला है, जिसमें विज्ञान का सारा सामान है। स्कूल पढ़ाई, खेलों तथा अन्य विषयों में अपने शहर में एक उन्नत स्कूल है। इसका परिणाम हर वर्ष बहुत बढ़िया रहता है। मैं सब प्रकार से ठीक हूँ। कुशल समाचार लिखते रहा करें। माता जी को प्रमाण।

आपका सुपुत्र,
अरुण।

15. अपने मित्र को पत्र लिखो, उससे पूछो कि तुम गर्मियों की छुट्टियाँ कहाँ और कैसे बिताओगे। अपना विचार भी उसे बताओ।
अथवा
अपने मित्र/सखी को गर्मियों के अवकाश में अपने पास बुलाने के लिए पत्र लिखिए।
362, माडल टाउन,
जालन्धर।
18 जून, 20….
प्रिय विनोद,
सप्रेम नमस्ते।

बहुत समय से आपका पत्र नहीं आया, क्या कारण है ? स्वास्थ्य तो ठीक है ? आपको याद होगा कि जब इस बार शिशिर के अवकाश में मैं आपके पास आया था तो आपने ग्रीष्मावकाश एक साथ यहाँ बिताने का वचन दिया था। अब उस वचन को पूरा करने का समय आ गया है। यहाँ मेरे पास अलग दो कमरे हैं। स्थान बिल्कुल एकान्त है। बिजली तथा पंखा लगा हुआ है। साथ ही खेलने के लिए अलग एक छोटा-सा क्रीडांगन है। यहाँ शाम को टैनिस खेला करेंगे और प्रात:काल दौड़ा करेंगे जिससे हमारा शरीर बलवान् और सुन्दर बनेगा।

मेरे अभिन्न मित्र राकेश ने भी मेरा साथ देने का वचन दिया है। उसके पिता जी यहाँ एक स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं। उनसे भी समय-समय पर सहायता ली जा सकेगी। इस विषय में मैंने उनसे बात कर ली है। उन्होंने सहर्ष सहायता देना स्वीकार कर लिया है। मेरे पिता जी तथा माता जी का भी आपको यहाँ बुलाने का आग्रह है। आशा है, हमारा कार्यक्रम बहुत ही सुन्दर और रुचिकर होगा। आप कब आने का कष्ट कर रहे हैं, लिखें। माता-पिता को मेरा सादर प्रणाम कहना।

आपका प्रिय मित्र,
राजीव।

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16. ‘मेरे जीवन का उद्देश्य’ विषय पर अपने विचार अपने पिता जी को एक पत्र द्वारा सूचित करो।

कबीर भवन,
गांधी नगर।
गुरदासपुर।
20 अप्रैल, 20….
पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।

अब मैं अपने स्कूल की परीक्षा से प्रायः निपट चुका हूँ। अब आगे मुझे क्या करना चाहिए। मेरे जीवन का उद्देश्य क्या होगा ? मैं अपने जीवन में क्या बन पाऊँगा ? इसका उत्तर देना कठिन है। फिर भी मैं अपने मन के विचार लिख रहा हूँ।

पिता जी, आप मेरी स्वाभाविक रुचियों और प्रवृत्तियों से परिचत ही हैं। उन्हीं के अनुसार मैं अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहता हूँ। .मेरा विचार एक अच्छा डॉक्टर बनने का है। आप जानते हैं कि हमारा देश स्वास्थ्य की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। प्रति वर्ष लाखों लोग विभिन्न रोगों का शिकार हो जाते हैं। चिकित्सा के अभाव में असमय ही मृत्यु का ग्रास बन जाते हैं। सरकार ने रोगों को दूर करने के लिए अनेक कदम उठाये हैं। फिर भी इतने बड़े देश के लिए यह ऊँट के मुँह में जीरा के समान हैं। हमारे देश में डॉक्टरों और वैद्यों की कमी तो नहीं, फिर भी निर्धन लोग अर्थाभाव के कारण उनकी सेवा से लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं। कस्बों और ग्रामों के चिकित्सालयों में बड़े-बड़े रोगों की दवाएँ नहीं मिलती। इसलिए ग्रामीण भाई चिकित्सा के अभाव में तड़प-तड़प कर जीवन-यात्रा पूरी करते हैं। पिता जी, ऐसी शोचनीय अवस्था देखकर मेरा संकल्प डॉक्टर बनने का है। इससे देश-सेवा होगी और जीवन का लक्ष्य पूरा होगा। आशा है कि आप मेरे विचारों से सहमत होंगे। मुझे इस कार्य में मनसा-वाचा-कर्मणा अधिकाधिक सहायता देंगे।

माता जी को प्रणाम।
आपका आज्ञाकारी पुत्र,
सुखदेव।

17. अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए जिसमें प्रतिदिन समाचार-पत्र पढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया हो।
अथवा
अपने छोटे भाई को पत्र लिखकर उसे समाचार-पत्र पढ़ने की प्रेरणा दीजिए।
परीक्षा भवन,
……….शहर।
15 मार्च, 20….
प्रिय संजीव,
चिरंजीव रहो।

तुम्हारा पत्र आज ही प्राप्त हुआ। यह जानकर मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हुई है कि तुम अपनी श्रेणी में प्रथम आए हो। मैं समझता हूँ कि तुम अपने पुस्तकीय ज्ञान को पाने में काफ़ी मेहनत करते हो, परन्तु तुम्हें आज के संसार के विषय में भी ज्ञान रखना चाहिए। इसके लिए तुम प्रतिदिन समाचार-पत्र पढ़ने की आदत डालो। समाचार-पत्र पढ़ने से देशदेशान्तर की राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिति का ज्ञान प्राप्त होता है। समाचार-पत्र दुनिया के व्यापारिक एवं आर्थिक हालात की अच्छी जानकारी देते हैं। उनमें बाजार भाव, वस्तुओं के विज्ञापन, रोज़गार सम्बन्धी सूचनाएँ आदि मिलती हैं।

समाचार-पत्रों में साहित्यिक चर्चा भी होती है तथा इतिहास सम्बन्धी खोजपूर्ण लेख भी मिलते हैं। समाचार-पत्र पढ़ने से हमारा मस्तिष्क वर्तमान के प्रति सजग हो जाता है। हम यह जान जाते हैं कि हमारे चारों तरफ क्या हो रहा है? जो व्यक्ति समाचार-पत्र नहीं पढ़ते, वे आज के युग के क्रिया-कलाप नहीं जान पाते तथा कुएँ में मेंढक की तरह पड़े रहते हैं।

इसलिए मेरा तुमसे यही कहना है कि तुम प्रतिदिन समाचार-पत्र पढ़ा करो और आम जानकारी में वृद्धि किया करो। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम मेरे विचारों की तरफ ध्यान दोगे।
तुम्हारा अग्रज,
राजीव।

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

18. हाथ का कोई काम सीखने की इच्छा व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखकर अपने पिताजी से उसकी अनुमति माँगिए।

केंद्रीय विद्यालय,
अमृतसर।
17 मार्च, 20….
आदरणीय पिता जी,
सादर नमस्कार।

इस वर्ष हमारे विद्यालय में दस्तकारी-शिक्षा नाम से एक नया पाठ्यक्रम शुरू हो रहा है। इस पाठ्यक्रम में हाथ से काम करने की व्यवस्था है। विद्यालय में एक वर्कशॉप भी स्थापित है। यहाँ रेडियो बनाने, टेलीविज़न के पुों को अलग करने और जोड़ने, फोटोग्राफ़ी तथा बढ़ई आदि के काम की शिक्षा दी जाएगी। पिताजी, आप जानते हैं कि हाथ से काम करने की कला में कुशल होना कितना उपयोगी है। इससे व्यक्ति की आजीविका की समस्या का समाधान हो जाता है। यदि आप आज्ञा दें तो मैं भी इस नए पाठ्यक्रम के लिए अपना नाम लिखवा दूं। यह अतिरिक्त शिक्षा अवश्य ही जीवन में उपयोगी साबित
होगी।

कृपया उत्तर शीघ्र दें क्योंकि 31 मार्च तक नाम लिखवा देना ज़रूरी है।
आपका पुत्र
राकेश कुमार।

19. अपने चाचा जी को अपने जन्मदिन पर घड़ी भेजने के लिए धन्यवाद पत्र लिखें।

परीक्षा भवन,
……….शहर।
12 अगस्त, 20….
पूज्य चाचा जी,
सादर प्रणाम।

मेरे जन्म-दिन पर आपका भेजा हुआ पार्सल प्राप्त हुआ। जब मैंने इस पार्सल को खोल कर देखा तो उसमें एक सुन्दर घड़ी देखकर मन अतीव प्रसन्न हुआ। कई वर्षों से इसका अभाव मुझे खटक रहा था।
कई बार विद्यालय जाने में भी विलम्ब हो जाता था। निस्सन्देह अब मैं अपने आपको नियमित बनाने का प्रयत्न करूँगा। इसको पाकर मुझे असीम प्रसन्नता हुई। इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। पूज्य चाची जी को चरण वन्दना। रमेश को नमस्ते। मुझे शैली बहुत याद आती है। उसे मेरी प्यार भरी चपत लगाइए। आपका प्रिय भतीजा, रोहित।

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20. अपनी बहन को पत्र लिख कर रक्षा-बन्धन की शुभ कामनाएँ भेजिए।

49, माल रोड,
अमृतसर।
11 जुलाई, 20….
प्रिय बहन रमा,
सप्रेम नमस्ते।

आज ही तुम्हारा पत्र मिला और उसमें प्रेम का प्रतीक रक्षा-सूत्र भी प्राप्त हो गया। रक्षा-बन्धन हमारा अनादि काल से चला आ रहा एक पवित्र त्योहार है। राखी के एक-एक तार में से बहन का भाई के प्रति पवित्र प्यार झाँकता हुआ दिखाई देता है। तुम्हारा भेजा हुआ रक्षा-सूत्र कल प्रातः जब मैं अपनी कलाई पर बाँधूंगा तो मैं अपना अहो भाग्य समझूगा। ईश्वर का लाख-लाख धन्यवाद है, जिसने मुझे तुम्हारी जैसी कोमल हृदय वाली बहन दी है।
मैं सोचता हूँ कि मैं राखी के बदले तुम्हें क्या शुभ कामना भेजूं ? मैं यही चाहता हूँ कि नन्हीं बहन जीवन भर सुख शान्ति से भरपूर रहे। साथ ही रक्षा-बन्धन का त्योहार हमारे पावन-प्रेम को बढ़ाता रहे।
मैं तो चाहता था कि इस बार रक्षा-बन्धन का त्योहार तुम्हारे पास ही आकर मनाता पर अचानक एक आवश्यक काम आ पड़ा। अतः पत्र द्वारा भेजी गई मेरी शुभ कामनाएँ स्वीकार करो। घर में सब को यथायोग्य प्रणाम। तुम्हारा भाई, राकेश कुमार।

21. रक्षाबन्धन के पवित्र त्योहार पर आप के भाई ने उपहार भेजा है। उस उपहार की उपयोगिता बताते हुए उसका धन्यवाद पत्र के द्वारा करें।

19 लाजपतराय नगर,
जालन्धर।
दिनांक 12 अगस्त, 20…..
आदरणीय भाई संजीव,
नमस्ते।

मेरे द्वारा भेजी गई राखी की पावती भेजते समय आपने जो मुझे पण्डित जवाहर लाल नेहरू जी द्वारा लिखित पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इण्डिया का हिन्दी संस्करण ‘भारत की खोज’ भेजा है, उसके लिए मेरे पास आप का धन्यवाद करने के लिए शब्द नहीं हैं।’
आदरणीय भाई यदि आप मुझे कोई सोने की चीज़ भेजते तो भी मुझे इतनी खुशी न होती जितनी इस पुस्तक को प्राप्त कर हुई है। वैसे तो पुस्तकें अमूल्य निधि होती हैं किन्तु इस पुस्तक को पढ़कर आठवीं की इस छोटी कक्षा में अपने देश के प्राचीन इतिहास के बारे में पूरी जानकारी मुझे प्राप्त हो जाएगी। मैंने पहली बार किसी राजनीतिज्ञ द्वारा लिखी साहित्यिक कृति देखी है। मेरी रुचि को ध्यान में रखते हुए आपने जो यह उपहार भेजा है इसके लिए मैं एक बार फिर आपका धन्यवाद करती हूँ।

आशा है आपका स्नेह और आशीर्वाद सदा बना रहेगा।

आपकी बहन
सुमन।

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22. अपनी छोटी बहन/अपने छोटे भाई को आठवीं की परीक्षा में असफल रहने पर सांत्वना पत्र लिखें।
519, राम कुटीर,
बटाला।
5 जुलाई, 20…..
प्रिय सुमन,
प्रसन्न रहो।

पिता जी का अभी-अभी पत्र आया है। तुम्हारे असफल होने का समाचार मिला। मुझे तो पहले ही तुम्हारे पास होने की आशा नहीं थी। इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं। जिन परिस्थितियों में तुमने परीक्षा दी, उसमें असफल रहना स्वाभाविक ही था। पहले माता जी बीमार हुए। फिर तुम स्वयं बुखार में फँस गई। जिस कष्ट को सहन करके तुमने परीक्षा दी वह मुझ से छिपा नहीं। इस पर तुम्हें रंच मात्र भी खेद नहीं करना चाहिए। तुम अपने मन से यह बात निकाल दो कि हम तुम्हारे असफल होने पर नाराज़ हैं। हाँ, अब अगले वर्ष की परीक्षा के लिए अभी से तैयार हो जाओ। किसी पुस्तक की आवश्यकता हो तो लिखो। डट कर पढ़ाई करो। माता जी व पिता जी को प्रणाम।

तुम्हारा प्यारा भाई,
राजू।

23. मित्र की दादा जी के निधन पर संवेदना पत्र।

201, मॉडल टाऊन,
पठानकोट।
29 मई, 20…..
प्रिय सुनील,

अभी-अभी तुम्हारा पत्र मिला। पूज्य दादा जी की मृत्यु का दुखद समाचार पाकर आँखों में अन्धकार-सा छा गया। पैरों तले जमीन खिसक गई। बार-बार सोचता हूँ-कहीं यह स्वप्न तो नहीं। थोड़े दिन हुए मैं उनको कश्मीर-मेल पर चढ़ा कर आया था। न कोई दुःख न कष्ट। उनका हँसता हुआ चेहरा अभी तक मेरे सामने मँडरा रहा है। उनके आशीर्वाद कानों में गूंज रहे हैं। उनकी मधुर वाणी समुद्र समान गम्भीर और शान्त स्वभाव, सबके साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार सदा स्मरण रहेगा।

प्रिय मित्र, भाग्य रेखा मिटाई नहीं जा सकती। मनुष्य सोचता कुछ है, होता कुछ और ही है। ईश्वरीय कार्यों में कौन दखल दे सकता है। इसलिए धैर्य के सिवा और कोई चारा नहीं। मेरी प्रार्थना है कि अब शोक को छोड़ कर कर्त्तव्य की चिन्ता करो। रोने-धोने से कुछ नहीं बनेगा। इससे स्वास्थ्य ही बिगड़ता है। अनिल और नलिनी को सान्त्वना दो। अन्त में मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि वह दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे।

तुम्हारा अपना,
नरेश शर्मा।

24. मित्र को नव-वर्ष का बधाई पत्र।

102, गांधी नगर,
फिरोजपुर।
31 दिसम्बर, 20…..
प्रिय राज,
नमस्ते।

कल नव वर्ष का शुभागमन हो रहा है। इस शुभ अवसर पर मैं आपको बहुतबहुत बधाई देता हूँ। कामना करता हूँ कि यह नूतन वर्ष आपको सुख और समृद्धि देने वाला हो। परिवार में सुख और शान्ति का प्रसार हो। शारीरिक आरोग्यता के साथ लक्ष्मी अपनी कृपा की वर्षा करती रहे।
अन्त: में पुनः पुनः मंगल कामना।

आपका प्रिय मित्र,
विजय कुमार।

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25. पुस्तकें मँगवाने के लिए पुस्तक विक्रेता को पत्र।

आर्य हाई स्कूल,
अबोहर।
12 जुलाई, 20…..
सेवा में
प्रबन्धक महोदय,
मल्होत्रा बुक डिपो,
रेलवे रोड,
जालन्धर।
महोदय,
कृपया निम्नलिखित पुस्तकें वी० पी० पी० द्वारा शीघ्रातिशीघ्र भेज कर अनुगृहीत करें। पुस्तकें भेजते समय इस बात का ध्यान रखें कि कोई पुस्तक मैली व फटी न हो। आपके नियमानुसार पाँच सौ रुपये मनीआर्डर द्वारा पेशगी भेज रहा हूँ।
ये पुस्तकें आठवीं श्रेणी के लिए पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के नये पाठ्यक्रम पर आधारित होनी चाहिएँ। पुस्तकें
1. MBD हिन्दी गाइड               8 प्रतियाँ
2. MBD इतिहास गाइड           5 प्रतियाँ
3. MBD संस्कृत गाइड            6 प्रतियाँ
4. MBD इंग्लिश गाइड            8 प्रतियाँ

भवदीय,
मोहन लाल।

26. अपने मित्र को पत्र लिखें, जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ जीवन में खेलों के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया हो।

परीक्षा भवन,
………. शहर।
15 नवम्बर, 20 ….
प्रिय कृष्ण,
नमस्कार।

परीक्षा में तुम्हारी शानदार सफलता ने मेरा मन प्रसन्नता से भर दिया। पर यह जानकर मुझे दुःख भी हुआ कि यह सफलता तुम्हें स्वास्थ्य गंवा कर मिली है। कैसा महँगा व्यवसाय रहा। मुझे पता लगा कि तुम पहले से भी अधिक किताबी कीड़े बन गए हो। न तुम खेलों में भाग लेते हो और न तुम बाहर भ्रमण के लिए ही जाते हो।

केवल पढ़ना व्यर्थ है। उसका मनन भी करना पड़ता है। उसके लिए समय पर मस्तिष्क को विश्राम देना अनिवार्य है। मैं तुम्हें सत्परामर्श देता हूँ कि तुम खेलों में भाग लिया करो। तुम जानते हो कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है।

खेल शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ हमारे अन्दर और भी कई गुण पैदा करते हैं। जब हम एक टीम के रूप में खेलते हैं तो हमारे अन्दर अनुशासन और सहयोग की भावना का भी विकास होता है।
पुस्तकीय शिक्षा से जहाँ हमारे अन्दर ज्ञान की वृद्धि और अच्छे-बुरे की पहचान करने के गुण उत्पन्न होते हैं, वहाँ खेल हमारे अन्दर प्रत्येक कार्य को खेल की भावना से करने के संस्कार उत्पन्न करती है। इसलिए विद्यार्थी के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास के लिए खेलों का बड़ा महत्त्व है। अत: मेरी सम्मति के अनुसार खेलों में भाग लेने के लिए कुछ समय अवश्य निकाल लेना।

तुम्हारा मित्र,
बलदेव।

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27. आपके शहर मोहाली के क्रिकेट स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच खेला जा रहा है। अपने दोस्त को पत्र लिखें कि वह उस दिन उसके घर आ जाए ताकि वे मिलकर क्रिकेट मैच का आनंद उठा सकें।

डी० ए० वी० हाई स्कूल,
लुधियाना
16 अगस्त, 20….
प्रिय अनूप,
नमस्ते।

कुछ दिनों से तुम्हारा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ और तुम्हें मिले.हुए भी काफ़ी समय हो गया है। मैं यह सोच ही रहा था कि तुम्हारे साथ किस प्रकार भेंट हो। मुझे पता चला कि हमारे शहर मोहाली के क्रिकेट स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच खेला जा रहा है। इससे बढ़िया अवसर तुम्हें मिलने का और क्या हो सकता है क्योंकि मुझे ज्ञात है कि मेरी तरह तुम भी क्रिकेट मैच देखने के बहुत शौकीन हो। यह मैच 3 सितंबर होने जा रहा है। मेरा सुझाव है कि तुम मेरे घर आ जाओ ताकि हम दोनों मिलकर क्रिकेट मैच का आनंद उठा सकें। अतः पत्र द्वारा भेजी मेरी प्रार्थना स्वीकार करो। घर में सबको प्रणाम।

तुम्हारा मित्र
सुखदेव

28. आपके नगर में विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे शहर में रहने वाले अपने किसी मित्र को पत्र लिखकर पुस्तक मेले में आने का निमंत्रण दीजिए।

19, लाजपतराय नगर,
जालन्धर।
दिनांक 12 अगस्त, 20……
प्रिय राजेश,
नमस्ते।

तुम्हारा पत्र आज ही प्राप्त हुआ। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि सब कुशल मंगल है तथा तुमने मेरे द्वारा भेजी गई किताबें भी पढ़ ली हैं। हमारे शहर में 18 अगस्त से 24 अगस्त तक विश्व पुस्तक सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। हमारे शहर से तथा विदेशों से भी कई प्रकाशक इस पुस्तक मेले में भाग ले रहे हैं। यहां पर कई पुरानी किताबों के स्टॉल भी लगे होंगे। पुस्तक प्रेमियों के लिए यह एक अच्छा मौका है। मुझे पता है कि तुम भी पुस्तक पढ़ने के शौकीन हो। तुम अपनी पसन्द की पुस्तकें, वाजिब दाम में यहां से खरीद सकते हो। इसीलिए मैं तुम्हें भी इस पुस्तक मेले में आने के लिए आमन्त्रित कर रहा हूँ। तुम्हारे उत्तर की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा प्रिय मित्र
सुधीर।

29. कुसंगति में फँसे अपने छोटे भाई को पत्र लिखें, जिसमें सदाचार के गुण बताते हुए सत्संगति की ओर प्रेरित किया गया हो।

परीक्षा भवन,
शहर।
15 मार्च, 20 ….
प्रिय भाई राजीव,
चिरंजीव रहो।

पन्द्रह-बीस दिन से तुम्हारा कोई पत्र नहीं मिला। हमारा सब का ध्यान तुम्हारी ओर ही लगा रहता है। हमें डर लगा रहता है कि तुम कहीं पढ़ाई से विमुख होकर कुसंगति का शिकार न हो जाओ। जीवन की उन्नति का आधार सदाचार है। सदाचार का अर्थ हैश्रेष्ठ आचरण । इसमें सत्य, उच्च विचार, नैतिकता आदि गुण आते हैं। वस्तुतः नैतिक मूल्यों के बिना, मनुष्य-जीवन ही व्यर्थ है। सदाचारहीन व्यक्ति अपना तो सर्वनाश कर ही लेता है, वह अपने समाज और राष्ट्र को भी कलंकित कर देता है। उसका विवेक नष्ट हो जाता है। उसे भले-बुरे का ज्ञान ही नहीं रहता।

प्रिय राजीव ! विद्या की देवी सदाचारी पर ही रीझती है। आज तक जितने भी महापुरुष हुए हैं, वे सदाचार के बल पर ही ऊँचे उठे हैं। विद्या प्राप्ति के लिए जीवन में कठोर तप और साधना करनी पड़ती है। तप और साधना सदाचारी ही कर सकता है। आचारहीन तो हाथ ही मलता रह जाता है, विद्या रूपी सुवासित फूल उसे कभी प्राप्त नहीं हो पाता। वह प्रख्यात उक्ति एक बार फिर तुम्हें याद दिलाना चाहता हूँ कि-‘आचारहीन न पुनन्ति वेदाः’ अर्थात् चरित्रहीन व्यक्ति को देव भी पवित्र नहीं कर सकते।

प्रिय भाई ! शिक्षा-काल में तो सदाचार की महती आवश्यकता रहती है क्योंकि संयम, धैर्य, सहिष्णुता, गुरु सेवा, व्रत आदि गुणों से ही पूर्ण शिक्षा उपलब्ध होती है। सदाचार का सूर्य शिक्षा का प्रकाश फैला सकता है। इसलिए मेरा बार-बार तुम से यही अनुरोध है कि जीवन में सदाचार को अपनाओ। गुरुजनों की आज्ञा से सदाचारी रहते हुए विद्या प्राप्ति के लिए जुट जाओ। किसी चीज़ की आवश्यकता हो तो नि:संकोच लिख भेजो। पत्र का उत्तर शीघ्र दे दिया करो।

तुम्हारा बड़ा भाई,
राकेश।

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30. अपनी सखी को भाई के विवाह में शामिल होने के लिए निमन्त्रण पत्र लिखो।

13, विकास नगर,
खन्ना मण्डी।
18 मार्च, 20 …
प्रिय अनु सप्रेम नमस्ते।

तुम्हें यह जान कर अत्यन्त प्रसन्नता होगी कि मेरे बड़े भाई विजय कुमार का शुभ विवाह दिल्ली में सेठ राम लाल की सुपुत्री सीमा से इसी मास की 24 तारीख को होना निश्चित हुआ है। इस विवाह में आप जैसे सभी इष्ट-मित्र तथा बन्धुओं का शामिल होना अत्यावश्यक है। अतः आपको भाई साहब की बारात में भी चलना पड़ेगा। विवाहोत्सव का कार्यक्रम आगे दिया जा रहा है
23 तारीख             दोपहर                                    1 बजे प्रीतिभोज।
23 तारीख             सायं                                        6 बजे घुड़चढ़ी।
24 तारीख             बारात का दिल्ली प्रस्थान            प्रात: 5 बजे।

आशा है कि तुम 22 तारीख को पहुँच जाओगी। मीना और मंजू भी 22 तारीख को यहाँ पहुँच जायगी।

तुम्हारी अनन्य सखी,
सुमन।

31. अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखो जिसमें “मानव जीवन पर सिनेमा का प्रभाव” विषय पर विचार प्रकट किये गए हों।

113, मोहन मोहल्ला,
सरहिन्द।
14 मार्च, 20 ….
प्रिय राजीव,
सप्रेम नमस्ते।

तुम्हारा पत्र मिला जिसमें तुमने अपने आजकल के दैनिक कार्यकाल की एक झलक प्रस्तुत की है। मुझे यह जानकर अचम्भा हुआ कि सिनेमा देखना भी तुम्हारे दैनिक कार्यक्रम में सम्मिलित है। सिनेमा मानव जीवन के लिए सर्वथा अहितकर है। तुम मनोविनोद के लिए सिनेमा जाते हो और सिनेमा के मानसिक प्रभाव पर विचार करते हो। किन्तु मैं तो सिनेमा के दुष्परिणामों को सदा सम्मुख रखता हूँ और यही कारण है कि मैंने अपनी आयु में कुछ बार ही सिनेमा देखा और अब देखने का विचार नहीं है। सिनेमा के प्रति मेरी यह अटल धारणा क्यों बनी है, इसके कई कारण हैं

(1) फिल्म कम्पनियों का मुख्य उद्देश्य धन बटोरना है। अतः वे दर्शकों की रुचि अनुसार सदा प्रेम कहानियाँ ही प्रस्तुत करते हैं। आज की फिल्मों के प्रायः गाने, कथोपकथन, नृत्य तथा अभिनय आदि अश्लील और वासना भड़काने वाले हैं।
(2) सिनेमा हॉल का वातावरण भी प्रायः दूषित हो जाता है। यहाँ अनेक प्रकार के संक्रामक रोगों के कीटाणु होते हैं, जो कई प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं।
(3) सिनेमा देखने से धन का भी नाश होता है।
(4) इन दिनों सिनेमा का एक और विचित्र प्रभाव भी हमारे सम्मुख आ रहा है। वह यह कि आज का प्रत्येक युवक अभिनेता और अभिनेत्री बनने का इच्छुक हो रहा है। पिछले दिनों हमारे स्कूल की दशम कक्षा के दो विद्यार्थी अचानक घर से पैसे लेकर मुम्बई भाग निकले।
आशा है, तुम मेरे विचारों पर अवश्य ध्यान दोगे। पूज्य पिता जी और माता जी जी सेवा में चरण वन्दना। रेणु को प्यार।

तुम्हारा स्नेहभाजक,
प्रेमनाथ।

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32. अपने मित्र को एक पत्र लिखो जिसमें दहेज प्रथा की बुराइयाँ बताई गई हों।

डी० ए० वी० हाई स्कूल,
होशियारपुर।
1 मार्च, 20 ….
प्रिय मित्र सुशील,
सप्रेम नमस्ते।

आपका प्रेम पत्र मिला। तदर्थ धन्यवाद। बहन रमा की मँगनी के विषय में आपने मुझसे परामर्श माँगा है। दहेज के सम्बन्ध में मेरी सम्मति मांगी है। इसके लिए कुछ शब्द प्रस्तुत हैं- मैं मनु के इस उपदेश का प्रचारक हूँ कि जिस घर में नारियों की पूजा होती है, उस घर में देवता निवास करते हैं। आज इस आदर्श पर पोचा फिर गया है। जिस गृहस्थ के घर में कन्या पैदा होती है वह समझता है कि मुझ पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है। मेरी सम्मति में इन सब बुरी भावनाओं का मूल कारण केवल मात्र दहेज प्रथा है।

आज की प्रचलित दहेज प्रथा ने कई सुन्दर देवियों को पतित होने पर विवश किया है। कइयों ने अपने माता-पिता को कष्ट में देख कर आत्महत्याएँ कर ली। क्या आपको अमृतसर की प्रेमलता की आत्महत्या की घटना स्मरण नहीं है। माता-पिता की इज्जत की रक्षा के लिए उसने अपने प्राणों की बलि दे दी। इस कारण से समाज सुधारकों की आँखें खुलीं। समाज सुधारकों ने इस कुप्रथा का अन्त करने का बीड़ा उठाया।

मेरी अपनी सम्मति में कन्यादान ही महान् दान है। जिस व्यक्ति ने अपने हृदय का टुकड़ा दे दिया उसका यह दान तथा त्याग क्या कम है? आज के नवयुवकों की बढ़ती हुई दहेज की लालसा मुझे बिल्कुल पसन्द नहीं है। वरों की इस प्रकार से बढ़ती हुई कीमतें समाज के भविष्य के लिए महान् संकट बन रही हैं।

मेरी सम्मति में आप रमा बहन के लिए एक ऐसा वर ढूँढ़ें जो हर प्रकार से योग्य, स्वस्थ, समुचित रोज़गार वाला और शिक्षित हो। धनी-मानी और लालची लोगों की ओर एक बार भी नज़र न डालें। समय आ रहा है जबकि स्वतन्त्र भारत के कर्णधार कानून दहेज प्रथा को बन्द कर देंगे। इस सम्बन्ध में बहुत सोचने और घबराने की आवश्यकता नहीं है।

योग्य सेवा से सूचित करें।

आपका अभिन्न हृदय,
मनोहर लाल।

33. अपने छोटे भाई को पत्र लिखो जिसमें प्रातः भ्रमण के लाभ बताए गए हों।

208, कृष्ण नगर,
फगवाड़ा।
1 जून, 20 ….
प्रिय सुरेश,
प्रसन्न रहो।

कुछ दिनों से तुम्हारा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। तुम्हारे स्वास्थ्य की बहुत चिन्ता है। व्यक्ति का स्वास्थ्य उसकी पूंजी होता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा निवास करती है। गत वर्ष के टाइफाइड का प्रभाव अभी तक तुम्हारे ऊपर बना हुआ है। मेरा एक ही सुझाव है कि तुम प्रातः भ्रमण अवश्य किया करो। यह स्वास्थ्य सुधार के लिए अनिवार्य है। इससे मनुष्य को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।
प्रातः भ्रमण से शरीर चुस्त रहता है। कोई बीमारी पास नहीं फटकती। प्रातः बस्ती के बाहर की वायु बहुत ही शुद्ध होती है। इसके सेवन से स्वच्छ रक्त का संचार होता है। मन खिल उठता है। माँस पेशियाँ बलवान् बनती हैं। स्मरण शक्ति बढ़ती है। प्रात:काल की खेतों की हरियाली से आँखें ताज़ा हो जाती हैं। मुझे पूर्ण आशा है कि तुम मेरे आदेश का पालन

करोगे। नित्य प्रात: उठ कर सैर के लिए जाया करोगे। अधिक क्या कहूँ? तुम्हारे स्वास्थ्य का रहस्य प्रातः भ्रमण में ही छिपा है। पूज्य माता जी को प्रणाम। अनु व शुकील को प्यार।

तुम्हारा अग्रज,
प्रमोद कुमार।

34. मित्र को पास होने की बधाई देते हुए एक पत्र लिखो।
अथवा
मित्र को उसकी परीक्षा में सफलता पर बधाई पत्र लिखो।

108, मॉडल टाऊन,
जालन्धर।
29 अप्रैल, 20 ….
प्रिय मित्र सुधीर,
सप्रेम नमस्ते।

कल तुम्हारा पत्र मिला। यह पढ़ कर बहुत ही प्रसन्नता हुई कि तुम आठवीं श्रेणी में पास हो गए हो। वर्ष भर की मेहनत का ही यह शुभ फल प्राप्त हुआ है। इसके लिए मैं तुम्हें हार्दिक बधाई देता हूँ। जैसे ही मैंने तुम्हारी परीक्षा में सफलता की खबर माता जी को सुनाई, वे हर्ष-विभोर हो उठीं। उन्होंने तुम्हें आशीर्वाद दिया है और कामना की है कि भविष्य में भी तुम इसी प्रकार शानदार सफलता प्राप्त करते रहो।

हाँ, तो मैं आपके पास एक सप्ताह के अन्दर पहुँच जाऊँगा। उसी समय मित्रों को जलपान कराने का कार्यक्रम बना लिया जाएगा। इस बार ठाठ का प्रोग्राम होना चाहिए। इस हर्ष के मौके पर मित्र-मंडली सचमुच ही खुशी से झूम उठेगी। एक बात और लिखना आवश्यक जान पड़ता है कि अब अगली परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने का अभी से प्रयास करना शुरू कर दो।

अपने पूज्य माता जी और पिता जी को मेरी चरण वन्दना। शेष मिलने पर।

तुम्हारा मित्र,
राजीव शर्मा।

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35. टी-20 क्रिकेट मैच देखते हुए अपने रोमांच को अपने मित्र को एक पत्र लिखकर व्यक्त कीजिए।

212-पंडित पंतमार्ग,
क, ख, ग नगर।
दिनांक 25 मई, 20…..
प्रिय मित्र सुमित,
नमस्ते।

तुम्हारा पत्र प्राप्त कर अत्यन्त प्रसन्नता हुई कि तुम ग्रीष्मावकाश में यहाँ आ रहे हो। मैं तुम्हारे स्वागत के लिए तैयार हूँ। इस समय मैं आई० पी० एल० का टी-20 क्रिकेट मैच देख रहा हूँ। राजस्थान रॉयल और मुंबई के बीच चल रहा यह मैच हर गेंद पर मेरे दिल की धड़कनें बढ़ा रहा है। चौकों-छक्कों की बरसात हो रही है। मुम्बई को हराने के लिए राजस्थान की टीम ने कमर कस ली और अन्त में राजस्थान ने पाँच विकेट से मुम्बई को हरा ही दिया। दिन-भर तथा कई दिनों तक चलने वाले क्रिकेट मैचों की बजाए मुझे इन टी-20 क्रिकेट मैचों में बहुत आनन्द आ रहा है। आशा है तुम भी देख रहे होंगे। शेष मिलने पर।

तुम्हारे आने की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा अभिन्न मित्र,
मानव उनियाल।

36. अपने मित्र को एक पत्र लिखो जिसमें किसी पर्वतीय यात्रा का वर्णन हो।

18, माल रोड,
शिमला।
15 जून, 20 ….
प्रिय मित्र विनोद
सप्रेम नमस्ते।

मैंने आपको दो पत्र लिखे, परन्तु तुम्हारा कोई जवाब नहीं मिला क्या कोई नाराज़गी है ? इस बार हमें गर्मियों की छुट्टियाँ 6 जून को हो गई थीं। मेरा इरादा आप के पास कुछ दिन ठहरने का था, पर अचानक 7 तारीख को शिमला से मामा जी आ गए। वे मुझे शिमला ले गए। जालन्धर से शिमला तक मेरी यात्रा बड़ी ही रोमांचक रही। इसी के सम्बन्ध में शिमला से तुम्हें पत्र लिख रहा हूँ।

मैं और मामा जी सुबह 6 बजे जालन्धर से बस में सवार हुए। बस नॉन स्टाप थी। हम अढ़ाई घण्टे में चण्डीगढ़ पहुँच गए। इसे बाद हम चण्डीगढ़ से कालका पहुँच गए। वहाँ से हमें 12 बजे की ट्रेन पकड़नी थी। कालका से शिमला रेलवे की छोटी लाइन है। वहाँ से शिमला को जाने वाली रेलगाड़ी छोटी है। गाड़ी के डिब्बे छोटे-छोटे हैं। हमारे गाड़ी में बैठने के कुछ ही मिनट बाद गाड़ी चल पड़ी। उसकी रफ्तार बड़ी हल्की थी। वह साँप की तरह बल खाती हुई चल रही थी। सामने पहाड़ी दृश्य बड़े सुहावने लग रहे थे। हिमालय की ऊँची-ऊँची चोटियाँ दिखाई दे रही थीं। हरे-भरे वृक्ष और पर्वतीय नाले मन को मोह रहे थे। इस रास्ते पर एक और मज़ेदार बात थी कि हमें छोटी-बड़ी एक सौ से अधिक सुरंगों के बीच में से गुजरना पड़ा। सुरंगों में पहुँचते ही एक दम अन्धेरा हो जाता था और गाड़ी में बिजली जलने लग जाती थी। अब हम 4 बजे के लगभग शिमला पहुँच गए।

शिमला बहुत ही सुन्दर और स्वास्थ्यवर्धक स्थान है। यहाँ की माल रोड की शोभा दर्शनीय है। चारों तरफ हरियाली छाई रहती है। मुझे यह यात्रा सदैव अविस्मरणीय रहेगी। अपने माता-पिता को मेरा सादर प्रमाण कहना।

तुम्हारा मित्र,
अशोक।

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

37. अपने पिता जी को पत्र लिखो जिसमें अपनी परीक्षा में उत्तीर्ण होने की सूचना देते हुए खर्चे के लिए रुपए मँगवाओ।

मॉडल टाऊन,
लुधियाना।
27 अप्रैल, 20 ….
पूजनीय पिता जी,
सादर प्रणाम,

आपको यह जानकर हर्ष होगा कि हमारा परीक्षा परिणाम निकल आया है। मैं 540 अंक लेकर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो गया हूँ। अपनी कक्षा में मेरा दूसरा स्थान है। मुझे स्वयं इस बात का दुःख है कि मैं प्रथम स्थान प्राप्त न कर सका। इसका कारण यह है कि मैं दिसम्बर मास में बीमार हो गया था और लगभग 20-25 दिन स्कूल न जा सका। यदि मैं बीमार न हुआ होता तो सम्भवतः छात्रवृत्ति (वज़ीफा) प्राप्त करता। अब मैं मैट्रिक में अधिक अंक प्राप्त करने का यत्न करूँगा।

अब मुझे नई कक्षा के लिए नई पुस्तकें आदि खरीदनी हैं। इधर कुछ दिनों से मेरे पास अच्छे वस्त्र भी नहीं हैं। कुछ मित्र मेरी इस सफलता पर पार्टी भी माँग रहे हैं। इसलिए आप मुझे पाँच सौ रुपए शीघ्र ही भेजने की कृपा करें ताकि मैं अगली कक्षा की पुस्तकें खरीद सकूँ और मित्रों को भी पार्टी दे सकूँ।

आपका आज्ञाकारी बेटा,
दिनेश।

38. बड़े भाई को पत्र लिख कर किसी आँखों देखे मैच का वर्णन करो।

20, आदर्श नगर,
जालन्धर।
16 फरवरी, 20 ….
आदरणीय भाई साहब,
सादर प्रणाम,

ईश्वर की कृपा से आप स्वस्थ और सानन्द होंगे। इस बार पत्र लिखने में इसलिए देर हो गई क्योंकि हमारे स्कूल में जिला टूर्नामैंट हो रहे थे। मैं उसमें व्यस्त था। इस बार हमारे स्कूल की फुटबाल टीम ने कमाल कर दिखाया। उसने जिला भर में प्रथम रह कर ट्राफी प्राप्त की। मैं भी इस टीम का सदस्य था। फाइनल में हमारी टीम का मुकाबला नकोदर के गवर्नमैंट स्कूल की टीम से हुआ। इस रोमांचकारी मैच का संक्षिप्त-सा वर्णन पत्र द्वारा कर रहा हूँ।

फुटबाल प्रतियोगिता में कुल आठ टीमें शामिल हुई थीं। सेमी फाइनल में हमारी टीम की भिड़न्त नूरमहल की टीम से हुई, जिसमें हमारी टीम 2-0 से विजयी रही और उसने फाइनल में प्रवेश किया। दूसरी ओर नकोदर की टीम ने आदमपुर की टीम को 4-0 से रौंद कर फाइनल में प्रवेश किया था। पिछले रविवार को फाइनल मैच हुआ। इस अवसर पर लगभग दस हज़ार दर्शक मैच देखने के लिए उमड़ पड़े थे।

मैच ठीक दोपहर दो बजे शुरू हुआ। रैफ्री की हिसल हुई, दोनों टीमों में एक जोश ठाठे मारने लगा। दोनों टीमों के खिलाड़ियों का गेंद पर पूरा नियन्त्रण था। दोनों ओर के खिलाड़ी आपसी तालमेल के साथ छोटे-छोटे पास देकर खेल रहे थे। मध्यान्तर तक हमारी टीम को गोल करने के दो शानदार अवसर प्राप्त हुए परन्तु सफलता प्राप्त न हो सकी। क्योंकि प्रतिपक्षी टीम की रक्षा पंक्ति बहुत ही चौकन्नी थी। मध्यान्तर तक दोनों टीमें बराबर रहीं। रैफ्री ने जैसे ही मध्यान्तर की ह्विसल दी हज़ारों दर्शक खेल के मैदान में घुस आए। वे अपने-अपने प्रिय खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ा रहे थे।

कुछ देर के बाद खेल फिर शुरू हुआ। दोनों ओर के खिलाड़ियों ने सिर-धड़ की बाजी लगा रखी थी। दोनों ओर अद्भुत जोश था, दोनों टीमों की रक्षा पंक्तियाँ किले की दीवारें सिद्ध हो रही थीं। खेल समाप्त होने में केवल दस मिनट शेष रह गए थे। इतने में हमारी टीम को एक पैनल्टी किक मिल गई। हमारी टीम के कैप्टन राकेश ने ऐसा शानदार शॉट लगाया कि विपक्षी टीम का गोल कीपर देखता ही रह गया और गेंद गोली की तरह गोल में जा पहुँची। इस गोल से टीम के हौंसले बढ़ गए फिर हम ने रक्षात्मक खेलना शुरू कर दिया। अन्त में एक गोल से हमें जीत प्राप्त हो गई। खेल समाप्ति की हिसल के साथ ही जिन्दाबाद के नारे लगने शुरू हो गए। हम सब को बढ़िया इनाम मिले। जिला शिक्षा अधिकारी ने हमारी टीम को चमचमाती ट्रॉफी प्रदान की। हम सभी खिलाड़ी खुशी से झूम रहे थे।

पूज्य भाभी जी को प्रणाम। रेणु व कुक्कू को प्यार। कृपया पत्र का उत्तर शीघ्र दें।

आपका छोटा भाई.
विनोद कुमार।
कक्षा आठवीं-सी।

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

39. अपने छोटे भाई को एक पत्र लिखिए जिसमें व्यायाम के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया हो।

105 डी० ए० वी० हाई स्कूल,
अमृतसर।
20 मार्च 20 ….
प्रिय अनूप,
चिरंजीव रहो।

माता जी ने अपने पत्र में लिखा है कि तुम्हारा स्वास्थ्य निरंतर गिर रहा है, इससे मुझे बड़ी चिन्ता हुई है। प्रिय भाई। स्वास्थ्य ही मनुष्य की सबसे बड़ी सम्पत्ति है। इसके अभाव में जीवन का कोई भी कार्य सफल नहीं हो सकता है। खाने-पीने का आनन्द भी स्वस्थ व्यक्ति ही उठा सकता है। यह ठीक है कि तुम्हारा अध्ययन पूर्ववत् चल रहा है, परन्तु शीघ्र ही इस गिरते हुए स्वास्थ्य का प्रभाव तुम्हारे अध्ययन पर भी पड़ सकता है। मन एवं मस्तिष्क को बलवान् बनाने में भी स्वास्थ्य का बड़ा योगदान रहता है।

दुर्बलता एक प्रकार का अभिशाप है। शरीर को स्वस्थ एवं सुगठित बनाने के लिए व्यायाम की अत्यन्त आवश्यकता है। शरीर की दुर्बलता को दूर करने के लिए व्यायाम एक औषधि है। व्यायाम से शरीर सुन्दर तथा बलवान् बनता है। कोई बीमारी पास नहीं फटकती। व्यायाम से माँसपेशियों में नए रक्त का संचार होता है तथा पाचन शक्ति बढ़ती है। मुझे पूर्ण आशा है कि तुम मेरे कथन का पालन करोगे। नित्य प्रातः उठकर व्यायाम करोगे। अधिक क्या कहूँ तुम्हारे स्वास्थ्य का रहस्य व्यायाम में ही छिपा है।

पूज्य पिता जी को प्रणाम।

तुम्हारा हितैषी,
मुनीष शर्मा।

PSEB 8th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

40. अपने मित्र को पत्र लिखकर अपने स्कूल में होने वाले ‘वन महोत्सव’ का । वर्णन करें।

12 प्रोफैसर कालोनी
बरनाला
15 जनवरी, 20……
प्रिय मित्र सुरेश,

इस पत्र द्वारा मैं तुम्हें अपने स्कूल में मनाये गए वन महोत्सव’ का विवरण लिख रहा हूँ। आशा है इसे पढ़कर और प्रेरणा लेते हुए तुम अपने आस-पड़ोस में पेड़ लगाने का प्रयत्न करेंगे। गत सप्ताह हमारे स्कूल में ‘वन महोत्सव’ मनाया गया। समारोह से पूर्व हमारे क्षेत्र के विधायक महोदय ने वृक्षरोपण का महत्त्व हमें समझाया। उन्होंने बताया कि वृक्ष ही हमें वायु प्रदूषण से सुरक्षित रखते हैं। वर्षा करने में सहायता करते हैं। विधायक महोदय ने बताया कि यदि हम चाहते हैं कि धरती हरी-भरी रहे, नदियाँ अमृत जल बहाती रहें और सबसे बढ़कर मानवता की रक्षा सम्भव हो सके तो हमें पेड़-पौधे लगाने चाहिएं।

विधायक महोदय के भाषण के बाद स्कूल प्रांगण में एक वृक्ष लगाकर वन महोत्सव का श्री गणेश किया। उनके बाद स्कूल के विद्यार्थियों ने खेल मैदान के इर्द-गिर्द पेड़ लगाए और उन्हें थोड़ा जल से सींचा। हमारे प्रधानाचार्य और स्कूल के अध्यापकों ने भी स्कूल परिसर में एक-एक पेड़ लगाया। सब ने इन लगाये पेड़ों के पालन पोषण का भी व्रत लिया। समारोह के अन्त में बच्चों में मिठाई बांटी गई और विद्यार्थी पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ के नारे लगाते हुए अपने-अपने घरों में चले गए।

तुम्हारा मित्र
रमेश।

PSEB 9th Class English Vocabulary Homonyms

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Vocabulary Homonyms Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English Vocabulary Homonyms

Homonyms

जिन शब्दों का उच्चारण एक जैसा हो परन्तु उनके अर्थ तथा हिज्जे (spellings) अलग-अलग हों, उन्हें Homonyms कहते है, जैसे
break, brake; write, right; sight, site; weight, wait; etc.

List Of Homonyms

1. Berth – Please get a berth reserved for me in the Flying Mail.
Birth – She gave birth to a male child.

2. Brake – The driver applied brakes to save the child.
Break – Glass breaks easily.

3. Cell – This remote control works on two pencil cells.
Sell – We want to sell our old furniture.

4. Died – His father died at the age of eighty.
Dyed – She dyed her hair dark brown.

5. Dose – This bottle contains six doses.
Doze – He was dozing in the class.

6. Hair – She was combing her hair.
Hare – The hare can run very fast.

7. Heal – The wound healed slowly.
Heel – The thief took to heels.

PSEB 9th Class English Vocabulary Homonyms

8. Pain – I have pain in my stomach.
Pane – Who has broken the window pane ?

9. Pair – I have bought a pair of shoes.
Pare – Pare your nails.

10. Peace – Who does not want peace ?
Piece – I gave him a piece of bread.

11. Pray – I pray to God for your health and happiness.
Prey – The tiger jumped on its prey.

12. Principal – My mother went to the school to meet the principal.
Principle – He is a man of high principles.

13. Root – This tree has very deep roots.
Route – We took the shortest route.

14. Stair – The man slipped while climbing the stairs.
Stare – It is a bad habit to stare at anyone.

15. Storey – This house has three storeys.
Story – My grandmother told me a very interesting story.

16. Their – Their house is small but comfortable.
There – We went there in a group.

17. Wait – I had to wait for a long time.
Weight – My weight is fifty kilograms.

18. Waist – The water in the river soon rose above his waist.
Waste – Don’t waste your time.

19. Weather – The weather has suddenly turned cold.
Whether – I want to know whether this answer is correct.

PSEB 9th Class English Vocabulary Homonyms

20. Heir – Kanwar Mahendra Singh is the next heir to the throne.
Air – Go out for a walk in the fresh air.

Choose the word from the pairs of words given and complete the sentences. You may have to change the form of the word in some cases.

fair, fare; groan, grown; practise, practice; principle, principal; feet, feat; vain, vein; stationery, stationary; wait, weight.

1. It is my ………… not to lend money to anyone.
2. The player was badly hurt and was ………… with pain.
3. Can you ………… for some time? The officer is very busy at the moment.
4. A passenger train hit a ………… goods train near Pune.
5. The ………… of buses may go up by 10% next month.
6. Have you done enough ………… to win the match ?
7. Mamta tried in ………… to climb to the top of the building.
8. The Lotus Temple in Delhi is a great ………… of engineering.
Answers
1. principle
2. groaning
3. wait
4. stationary
5. fare
6. practice
7. vain
8. feat.

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 कार्निवल का चक्कर

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 4 कार्निवल का चक्कर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 4 कार्निवल का चक्कर

Hindi Guide for Class 7 PSEB कार्निवल का चक्कर Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ

कार्निवल = मेला, आनन्दोत्सव
नवरत्न = नौ रत्नों से बनी वस्तु
स्पर्श = छूना
नवग्रह = नौ ग्रह-सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्पति, शनि, राहु, केतु
तोड़ = बचाव
पगार = वेतन
तरकारी = सब्जी
पुनर्जीवित = दुबारा जीवित करना
मरुस्थल का जहाज़ = ऊँट
शुल्क = फीस
ड्राइव = गोता लगाना
सैम्पल – नमूना
क्रैश – दुर्घटनाग्रस्त
पेय = पीने का पदार्थ
विस्फारित = अच्छी तरह से खोला हुआ
हूटर = चेतावनी सूचक, ध्वनि यंत्र
कैमल राइडिंग = ऊँट की सवारी
ऊहापोह = दुविधा
उधेड़बुन = सोच-विचार

2. लिंग बदलो

लाला = ललाइन
बाबू = ……………
नाई = …………..
पंडित = …………..
चौधरी = …………..
गुरु = ……………
माली = …………..
धोबी = …………..
सुनार = ………….
ग्वाला = ………….
नौकर = ………….
उत्तर:
लाला = ललाइन
बाबू = बबुआइन
नाई = नाइन
पंडित = पंडिताइन
चौधरी = चौधरानी
गुरु = गुरुआइन
माली = मालिन
धोबी = धोबिन
सुनार = सुनारिन
ग्वाला = ग्वालिन
नौकर = नौकरानी

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 कार्निवल का चक्कर

3. इन शब्दों के विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें:

विदेशी = ………………..
विद्वान = ………………..
महंगा = ………………..
स्वाद = ………………..
प्रवेश = ………………..
नई = …………………
उत्तर:
शब्द विपरीत शब्द
विदेशी = देशी
विद्वान = मुर्ख
महंगा = सस्ता
प्रवेश =  निकास
नई = पुरानी

4. इन शब्दों के शुद्ध रूप लिखें:

इस्कूटर = ……………
सन्नाटा = …………..
पटरोल = …………..
कारनीवल = ……………..
विसफारित = …………….
जूनिवरसिटी = …………….
कमकपी = ……………
टिककीयाँ = ……………..
बुद्दी = ……………..
उत्तर:
अशुद्ध शुद्ध
इस्कूटर = स्कूटर
सन्नाटा = सन्नाटा
पटरोल = पैट्रोल
कारनीवल = कार्निवल
विसफारित = विस्फारित
जूनिवरसिटी = यूनिवर्सिटी
कमकपी = कँपकँपी
टिककीयाँ = टिक्कियाँ
बुद्दी = बुद्धि

5. इन शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखें:

पगार = …………….
आसमान = ……………..
आग = ……………
पवन = …………….
घोड़ा = ………………
उत्तर:
शब्द पर्यायवाची शब्द
पगार = वेतन, पारिश्रमिक, तनख्वाह
आसमान = गगन, आकाश, नभ
आग = पावक, अनल, बह्नि
पवन = समीर, वायु, हवा
घोड़ा = अश्व, तुरंग, हय।

6. (क) निम्नलिखित मुहावरों, लोकोक्तियों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करें

उकता जाना, हाथ पसारना, अक्ल घास चरने जाना, टेढ़ी खीर होना, कान पर जूं न रेंगना, आँखें तरेरना, दुम दबा कर भागना, हवा से बातें करना, चेहरे पर चमक आना।।
उत्तर:
उकता जाना (तंग होना) – मनजीत की फालतू बातें सुन-सुनकर सिमरन उकता गई।
हाथ पसारना (मांगना) – कौशल्या के पास इतना कुछ है फिर भी भाई के आगे हमेशा हाथ पसारती रहती है।
अक्ल घास चरने जाना (समझ नहीं आना) – हरदीप को चाहे कितना समझा लो, वह नहीं समझेगा क्योंकि उसकी तो अक्ल घास चरने गई है।
टेढ़ी खीर होना (बहुत कठिन कार्य) – एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ना कोई बच्चों का खेल नहीं, टेढी खीर है।
कान पर जूं न रेंगना (कोई असर न होना) – रेहाना को कितना भी डाँट लो उस के तो कान पर जूं भी नहीं रेंगती।
आँखें तरेरना (क्रोध से देखना) – कक्षा में शोर सुन कर जैसे ही अध्यापक ने आँखें तरेरी कि कक्षा में सन्नाटा छा गया।
दुम दबा कर भागना (चुपचाप चले जाना) – मुख्याध्यापक को आते देखकर राम और श्याम आपस में लड़ना छोड़ दुम दबा कर भाग गए।
हवा से बातें करना (तेज़ भागना) – राणा प्रताप का घोड़ा चेतक संकेत मिलते ही हवा से बातें करने लगता था।
चेहरे पर चमक आना (प्रसन्न होना)-अपने नाम लॉटरी निकलने का समाचार सुनते ही सुरेन्द्र के चेहरे पर चमक आ गई।

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
लेखक बच्चों को कहाँ घुमाने ले गए ?
उत्तर:
लेखक बच्चों को कार्निवल घमाने ले गए।

प्रश्न 2.
लेखक ने अपने आप को अमीर क्यों समझा ?
उत्तर:
लेखक ने अपने आप को अमीर इसलिए समझा क्योंकि उसे वेतन मिले दोचार दिन हुए थे तथा अभी तक उसने किसी का उधार नहीं चुकाया था।

प्रश्न 3.
कार्निवल घूमना टेढ़ी खीर क्यों था ?
उत्तर:
कार्निवल घूमना टेढ़ी खीर इसलिए था क्योंकि वहाँ बहुत रुपए खर्च हो जाते हैं तथा वह महंगा स्थान होता है।

प्रश्न 4.
बच्चों ने अपने पिता के आगे क्या-क्या फ़रमाइशें रखीं ?
उत्तर:
बच्चों ने पिता को बर्गर, गोलगप्पे खिलाने, कोल्ड ड्रिंक पिलाने, टिक्की खिलाने और झूला झुलवाने के लिए कहा।

प्रश्न 5.
गोलगप्पे खाते हुए लेखक का श्वास क्या सुनकर अटक गया ?
उत्तर:
गोलगप्पे खाते हुए लेखक का श्वास यह सुनकर अटक गया कि एक गोलगप्पे का मूल्य पाँच रुपये है।

प्रश्न 6.
टिक्की खाते हुए लेखक को कहाँ की याद आ गई ?
उत्तर:
टिक्की खाते हुए लेखक को नयी-नयी शादी पर कचौरी की खायी टिक्कियाँ याद आ गईं।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
झूले वाली घटना को अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर:
बच्चों ने झूला झूलने के लिए कहा तो लेखक तुरन्त अकड़ते हुए झूले वाले के पास रौब से पाँच टिकट देने के लिए कहा। जब झूले वाले ने पाँच टिकट के चार सौ रुपये मांगे तो वह धम्म से नीचे गिर गया। उसके चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगी और सिर चक्कर खाने लगा। आस-पास के लोगों ने कहा दौरा पड़ गया, कोई बोला मिर्गी है चप्पल-जूता सुंधाओ तो किसी ने कहा कि हृदयघात लगता है। इस पर लेखक ने उन्हें कांपते हाथों से अपने परिवार की ओर संकेत किया। तब सब लोग उसे उसके बच्चों के पास पटक गए।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 कार्निवल का चक्कर

प्रश्न 2.
इस पाठ में लेखक ने महंगाई पर व्यंग्य के बाण छोड़े हैं। कोई एक उदाहरण लिखें।
उत्तर:
लेखक बच्चों को घुमाने कार्निवल ले गया था पर उन्हें वहाँ कोल्ड ड्रिंक आदि नहीं पिलवा सका क्योंकि वहाँ वे सब बहुत महँगे थे। वह बच्चों को बहलाने के लिए कह देता है कि घर चलकर तुम्हें बादाम नींबू का शीतल पेय पिलाएंगे परन्तु मन-ही-मन सोचता है कि बच्चों से नाहक वायदा कर लिया क्योंकि नींबू दो सौ रुपए किलो और बादाम पाँच सौ रुपए किलो हैं। इस प्रकार लेखक ने महँगाई पर व्यंग्य किया है।

प्रश्न 1.
क्या आप कहीं घूमने गए हैं ? यदि हाँ, तो अपने शब्दों में लिखें कि वहाँ आपने क्या-क्या देखा? क्या खाया? क्या आनन्द लिया?
उत्तर:
मैं अपने माता-पिता के साथ जालन्धर में लगी ‘भारत-दर्शन’ प्रदर्शनी देखने गई थी। हमारे साथ हमारा छोटा भाई हरप्रीत भी था। वहाँ हमने भारत के विभिन्न प्रदेशों की सांस्कृतिक झलक देखी, जिसमें कहीं गुजरात दर्शन, कहीं उत्तराखंड, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु आदि के दर्शनीय स्थलों के सचित्र विवरण थे तो कहीं पृथ्वी के स्वर्ग कश्मीर का नज़ारा था। इससे मुझे विभिन्न प्रान्तों के सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन का पता चला। वहाँ इन प्रदेशों के फूड स्टाल भी थे, जहाँ से हमने गुजराती डोकला (ढोकला) तथा तमिलनाडु का डोसा खाया। बंगाल के रसगुल्ले ने तो हमारा मन मोह लिया था। हमने झूले झूलने तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने का आनन्द भी लिया।

(ग) रचना-बोध

प्रश्न 1.
नगरपालिका/नगर निगम/पंचायत के प्रधान को अपने गाँव/शहर की सड़कों की स्थिति बताते हुए उनकी मुरम्मत करवाने के लिए पत्र लिखें।
उत्तर:
1. बलवन्त सिंह संधू
सचिव, नागरिक रक्षा सभा,
रेलवे रोड, जालन्धर शहर।
दिनांक 25 जुलाई, 20…
सेवा में
अध्यक्ष,
नगर निगम,
जालन्धर।
महोदय,

निवेदन यह है कि जालन्धर शहर की सभी मुख्य सड़कों की बुरी हालत हो गई है। जगह-जगह गड्ढे पड़ गए हैं। कई स्थानों पर तो सड़क की जगह मिट्टी और गिट्टियां ही दिखाई देती हैं। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के पास तो बहुत बुरा हाल है। आए दिन इन से वाहन टकरा कर टूटते हैं और लोगों को चोट लगती रहती है। वर्षा के कारण तथा रात में दशा और भी दुखदायी हो जाती है क्योंकि इन खतरों का पता ही नहीं चलता और दुर्घटना हो जाती है।

आप शीघ्र ही इनकी मुरम्मत करवाने की कृपा करें।

धन्यवाद,
भवदीय,
बलवन्त सिंह संधू
सचिव, नागरिक रक्षा सभा।

प्रश्न 2.
बढ़ती हुई महँगाई विषय पर अपने विचार लिखें।
उत्तर:
आजकल बढ़ती हुई महँगाई ने लोगों का जीना हराम कर दिया है। आम आदमी रोज़ की चीजों के बढ़ते दामों से परेशान है। उसे अपना घर चलाना मुश्किल लग रहा है। दूध, सब्जियों, अन्न, दालों, पैट्रोल, गैस, डीज़ल आदि सबके दाम आकाश को छू रहे हैं। सरकार इन सब से लापरवाह बनी हुई है तथा केवल शब्दों से जनता को मूर्ख बना रही है। जमाखोरों, काला बज़ारियों और नेताओं की नकेल नहीं कसी जा रही। अनाज सड़ रहा है पर भूखों को नहीं मिलता। वितरण प्रणाली दोषपूर्ण है। सब तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है। अमीर तथा शासक वर्ग मौज उड़ा रहा है। मध्यमवर्ग तथा गरीब पिस रहे हैं। इससे असन्तोष बढ़ेगा तथा समाज में गृह-कलह तक की स्थिति बन सकती है। इसलिए सरकार को जाग कर महँगाई रोकने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।

PSEB 7th Class Hindi Guide कार्निवल का चक्कर Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1
‘कार्निवल का चक्कर’ किस प्रकार का लेख है ?
(क) कहानी
(ख) नाटक
(ग) व्यंग्यात्मक
(घ) चित्रात्मक
उत्तर:
(घ) व्यंग्यात्मक

प्रश्न 2.
किसके छूने से लेखक चौंक गया था ?
(क) पत्नी के
(ख) बेटे के
(ग) बेटी के
(घ) माँ के
उत्तर:
(क) पत्नी के

प्रश्न 3.
स्कूटर कैसे चला ?
(क) किक मारने से
(ख) धक्का मारने से
(ग) गिराने से
(घ) फूंक मारने से
उत्तर:
(ख) धक्का मारने से

प्रश्न 4.
लेखक ने स्कूटर स्टैंड वाले को कितने रुपये दिए ?
(क) दस रुपये
(ख) बीस रुपये
(ग) तीस रुपये
(ख) पंद्रह रुपये
उत्तर:
(क) दस रुपये

प्रश्न 5.
कार्निवल में प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क कितना था ?
(क) दस रुपए
(ख) बीस रुपये
(ग) पंद्रह रुपए
(घ) तीस रुपए
उत्तर:
(ख) बीस रुपए

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 4 कार्निवल का चक्कर

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
लेखक ने गोल गप्पे वाले को ……….. दिए।
(क) 100 रुपए
(ख) पचास रुपए
(ग) पचहत्तर रुपए
(घ) अस्सी रुपए
उत्तर:
(क) पचास रुपए

प्रश्न 2.
पाँच के चार सौ रुपए सुनकर लेखक ………………
(क) नाचने लगा
(ख) दौड़ने लगा
(ग) धम्म से गिर गया
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(ग) धम्म से गिर गया

प्रश्न 3.
बेटी ने ……. वाला कोल्ड ड्रिंक पीने की जिद्द की थी।
(क) गाँगुली वाला
(ख) सचिन वाला
(ग) गावस्कर वाला
(घ) कपिल वाला
उत्तर:
(ख) सचिन वाला

प्रश्न 4.
लेखक ने टिक्कियाँ का भुगतान …………………… रूपए किया था |
(का) दो सौ पचास
(खा) तीन सौ पचास
(ग) पाँच सौ
(घ) चार सौ
उत्तर:
(का) दो सौ पचास

प्रश्न 5.
लेखक ने टिक्कियों का भुगतान ………. रुपए किया था ।
(क) दो सौ पचास
(ख) तीन सौ पचास
(ग) पाँच सौ
(घ) चार सौ
उत्तर:
(क) दो सौ पचास

प्रश्न 6.
लेखक ने मुन्नू को घर चलकर ……… का शीतल पेय पीने को कहा।
(क) शिंकजी
(ख) संतरे
(ग) बादाम नीबूं
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) बादाम नीबूं

3. निम्नलिखित दिए गए शब्द के सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
पचहत्तर:
85
75
74
उत्तर-75.

प्रश्न 2.
उहापोह:
दुविधा
देनदारी
उत्तर:
दुविधा।

प्रश्न 3.
पगार:
परिर्वतन
परिक्रमा
पारिश्रमिक
उत्तर:
पारिश्रमिक।

प्रश्न 4.
पेय:
खाने का पदार्थ
सोने की जगह
पीने का पदार्थ
उत्तर:
पीने का पदार्थ।

कार्निवल का चक्कर Summary

कार्निवल का चक्कर पाठ का सार

‘कार्निवल का चक्कर’ लेखक का बढ़ती हुई महंगाई पर एक व्यंग्यात्मक लेख है। लेखक नाश्ता करने के बाद अखबार पढ़ने बैठा ही था कि उसकी पत्नी ने उसे छुआ तो वह चौंक गया। पत्नी ने उसे बच्चों सहित कार्निवल घूमने के लिए कहा। वह मान गया परन्तु सोचने लगा कि आज के ज़माने में दाल-रोटी चलाना मुश्किल हो रहा है और उस ने कार्निवल घूमने के लिए हाँ कर दी है। उसे वेतन मिले अभी दो-चार दिन ही हुए थे; इसलिए जेब गर्म थी तथा दूध, धोबी, चौकीदार आदि का भुगतान अभी किया नहीं था।

कार्निवल चलने के लिए लेखक ने स्कूटर को हिलाकर देखा तो उसमें पेट्रोल था। चुन्नू-मुन्नू स्कूटर साफ करने के लिए कपड़ा ले आए। किक मारने पर भी स्कूटर नहीं चला। जब बच्चों ने उसे धक्का लगाया तो वह चल पड़ा। बच्चों और पत्नी को स्कूटर पर बैठा कर लेखक बजरंगबली का नाम लेकर कार्निवल की ओर पवन वेग से स्कूटर को उड़ाता हुआ चल पड़ा। वहाँ स्कूटर स्टैंड वाले को दस रुपए और कार्निवल में प्रवेश के लिए प्रति व्यक्ति बीस रुपए की दर से सौ रुपए देने पड़े।

कार्निवल में प्रवेश करते ही उनके बच्चों ने बर्गर-गोलगप्पा तथा पत्नी ने गोलगप्पे खाने के लिए कहा तो लेखक को हाँ करनी पड़ी परन्तु पाँच रुपए की एक….. सुन कर गोलगप्पे का जल लेखक की श्वास नली में अटक गया और गोलगप्पे वाले को पिचहत्तर की बजाय पचास रुपए देकर आगे बढ़ गए। आगे चल कर बच्चे झूले पर सवारी करने के लिए कहने लगे तो पाँच के चार सौ रुपए सुनकर लेखक धम्म से नीचे गिर गए तो लोगों ने दौरा पड़ने, मिर्गी आने, हृदयघात की बात कही तो लेखक ने कांपते हाथों से अपने परिवार की ओर संकेत किया। लोग उन्हें उठा कर वहाँ पटक कर चले गए।

पत्नी ने पूछा कि क्या हुआ तो इन्होंने भीड़ के दम घुटने की बात कह कर खुले में चलने के लिए कहा। बेटी ने सचिन वाला कोल्ड ड्रिंक पीने की जिद की तो उसे डांट दिया और घर जाकर नींबू-पानी पीने के लिए कहा। पत्नी ने टिक्की खाने के लिए कहा तो पाँच प्लेट टिक्कियाँ खाईं और इन का भुगतान दो सौ पचास रुपए करते हुए घबरा गए। मुन्नू कुछ कहने लगा तो उसे घर चल कर बादाम नींबू का शीतल पेय पीने के लिए कहा और सोचने लगे नींबू दौ सौ रुपए किलो, बादाम पाँच सौ रुपए बच्चों से वायदा बेकार ही किया।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 3 मास्टर ब्लास्टर : सचिन तेंदुलकर

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 3 मास्टर ब्लास्टर : सचिन तेंदुलकर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 3 मास्टर ब्लास्टर : सचिन तेंदुलकर

Hindi Guide for Class 7 PSEB 3 मास्टर ब्लास्टर : सचिन तेंदुलकर Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ

लोकोक्ति = कहावत
चरितार्थ = सार्थक
मुगरी = कपड़े धोने का डंडा, थापी
दिनचर्या = रोज़ का काम
लक्षण = विशेषता, लच्छन
सम्मान = आदर
ग्रहण = लेना
आत्मीयता = अपनापन
संस्कार = मर्यादा की शिक्षा
श्रीगणेश = आरम्भ करना
सान्निध्य = निकटता
कार्यकुशलता = कार्य करने में निपुणता
आश्वस्त = भरोसा
चुनौती = ललकार
अविजित = जिसे कोई न जीत सके
खिलाफ = विरुद्ध
सर्वाधिक = सब से ज्यादा
शतक = सौ
कीर्तिमान = यशस्वी, विख्यात, नेकनाम
फितरत = आदत
कायल = प्रशंसक
अहंकार = घमंड
प्रेरणास्रोत = प्रेरणा देने वाले
लक्ष्य = उद्देश्य
समर्पण = श्रद्धापूर्वक देना
प्रयास = कोशिश
प्रदर्शन = दिखाने का काम
सम्मानित = सम्मान देना, आदर देना
कार्यरत = काम में लगे रहना
अढ़ाई = ढाई

2. लोकोक्ति एवं मुहावरों के अर्थ बताकर वाक्य बनाएँ:

(1) होनहार बिरवान के होत चीकने पात ____________ _________________________
(2) श्रीगणेश करना _______________ _____________________
(3) घुटने टेकना _______________ ____________________
(4) मुँह बन्द होना ______________ ____________________
उत्तर:

(1) होनहार बिरवान के होत चीकने पात – प्रतिभावान की प्रतिभा और योग्यता का ज्ञान बचपन से ही हो जाता है।
आठ वर्ष की आयु में ही शंकराचार्य ने जब संन्यास लेने का निर्णय किया तो लगा कि वे अवश्य ही बहुत महान् संन्यासी बनेंगे और वे आदि शंकराचार्य कहलाए। इसलिए कहते हैं कि होनहार बिरवान के होत चीकने पात।

(2) श्रीगणेश करना – आरंभ करना।
हरप्रीत ने अपनी नई दुकान का श्रीगणेश नवरात्रों में करना है।

(3) घुटने टेकना – हार मानना।
शत्रु सेना ने भारतीय सेना के सम्मुख घुटने टेक दिए।

(4) मुँह बन्द होना – चुप होना।
कक्षा में खूब शोर हो रहा था परन्तु अध्यापक जी के आते ही सब के मुँह बन्द हो गए।

3. निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त हुए अंकों के स्थान पर शब्द लिखें:

  1. सचिन का जन्म 24 अप्रैल, सन् ………………….. (चौबीस अप्रैल उन्नीस सौ तिहतर ईस्वी) को राजापुर (मुम्बई) में हुआ।
  2. बचपन के 11 ……………… (शब्दों में) वर्षों तक सचिन, उनके भाई अजीत, नितिन और बहन सविता का लालन-पालन उनकी नानी ने किया।
  3. सन् 1988 …………….. (शब्दों में) स्कूल स्तर के मैच में सचिन ने विनोद काम्बली के साथ मिलकर 664 ……………… (शब्दों में) दौड़ें बनायीं।
  4. सन् 1995 ………….. (शब्दों में) में इनका विवाह अंजली से हुआ।
  5. 38 ……………… (शब्दों में) वर्षीय सचिन ने अपने बल्ले से उम्र को मात दी है।
  6. सन् 1994 …………… (शब्दों में) में इन्हें अर्जुन पुरस्कार, सन् 1999 (शब्दों में) में पद्मश्री तथा सन् 2008 ……….. (शब्दों में) में इन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया।

उत्तर:

  1. सचिन का जन्म 24 अप्रैल, सन् 1973 ई० (चौबीस अप्रैल उन्नीस सौ तिहतर ईस्वी) को राजापुर (मुम्बई) में हुआ।
  2. बचपन के 11 ग्यारह वर्षों तक सचिन, उनके भाई अजीत, नितिन और बहन सविता का लालन-पालन उनकी नानी ने किया।
  3. सन् 1988 उन्नीस सौ अठासी में स्कूल स्तर के मैच में सचिन ने विनोद काम्बली के साथ मिलकर 664 छ: सौ चौंसठ दौड़ें बनायीं।
  4. सन् 1995 उन्नीस सौ पचानवें में इनका विवाह अंजली से हुआ।
  5. 38 अड़तीस वर्षीय सचिन ने अपने बल्ले से उम्र को मात दी है।
  6. सन् 1994 उन्नीस सौ चौरानवें में इन्हें अर्जुन पुरस्कार, सन् 1999 (उन्नीस सौ निन्यानवें) में पद्मश्री तथा सन् 2008 दो हजार आठ में इन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 3 मास्टर ब्लास्टर : सचिन तेंदुलकर

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
सचिन तेंदुलकर की नानी का क्या नाम था ?
उत्तर:
सचिन तेंदुलकर की नानी का नाम लक्ष्मीबाई गिजे था।

प्रश्न 2.
सचिन तेंदुलकर के माता-पिता का क्या नाम है ?
उत्तर:
सचिन तेंदुलकर की माता का नाम रजनी तेंदुलकर तथा पिता का नाम रमेश तेंदुलकर है।

प्रश्न 3.
कितने वर्ष की आयु में इन्होंने क्रिकेट जीवन का आरम्भ किया?
उत्तर:
सचिन तेंदुलकर ने चौदह वर्ष की आयु में क्रिकेट जीवन का आरम्भ किया था।

प्रश्न 4.
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जीवन की शुरुआत कब और कहाँ से की ?
उत्तर:
सचिन तेंदुलकर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जीवन की शुरुआत सन् 1989 ई० में कराची में पाकिस्तान के खिलाफ़ की थी।

प्रश्न 5.
सचिन की शादी कब और किससे हुई?
उत्तर:
सचिन तेंदुलकर की शादी सन् 1995 ई० में अंजली से हुई थी।

प्रश्न 6.
सचिन किस हाथ से लिखते और किस हाथ से खेलते हैं ?
उत्तर:
सचिन तेंदुलकर बाएँ हाथ से लिखते और दाएँ हाथ से खेलते हैं।

प्रश्न 7.
इनके व्यक्तित्व पर कौन-सी उक्ति पूरी तरह सार्थक होती है?
उत्तर:
सचिन तेंदुलकर के ऊपर ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’ उक्ति पूरी तरह सार्थक होती है।

प्रश्न 8.
सचिन अपना आदर्श किसे मानते हैं?
उत्तर:
सचिन तेंदुलकर अपना आदर्श भारतीय सैनिकों को मानते हैं।

प्रश्न 9.
अपने जीवन लक्ष्य तय करने के बाद हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर:
अपना जीवन लक्ष्य तय करने के बाद हमें उसे पाने के लिए तन, मन एवं समर्पण के भाव से परिश्रम और कोशिश करनी चाहिए।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
सचिन अपना जीवन गुरु किसे मानते हैं और क्यों ?
उत्तर:
सचिन अपना जीवन गुरु अपनी नानी लक्ष्मीबाई गिजे को मानते हैं क्योंकि क्रिकेट के प्रति उनके लगाव को देखकर उनकी नानी ने उन्हें उनके तीसरे जन्मदिन पर गेंद-बल्ला दिया था और वे उन के साथ क्रिकेट खेलती थी। उन्होंने सचिन को क्रिकेट से लगाव, बड़ों के प्रति सम्मान, सबसे अच्छे गुण लेना, मित्रों के प्रति अपनापन आदि संस्कार भी दिए थे।

प्रश्न 2.
सचिन तेंदुलकर के कोच का क्या नाम है और वे क्या चुनौती दिया करते थे ?
उत्तर:
सचिन के कोच का नाम रमाकांत अचरेकर था। वे सचिन के खेल पर बहुत गर्व करते थे। वे अभ्यास के समय स्टम्प्स पर सिक्का रख देते थे और गेंदबाजों को चुनौती दे कर कहते थे कि जो सचिन को आऊट कर देगा, यह सिक्का उसे मिलेगा और आऊट नहीं होने पर सिक्का सचिन का होगा।

प्रश्न 3.
सचिन को जीवन में आज भी क्या बहुत प्रिय है ?
उत्तर:
सचिन को कोच द्वारा दी गई चुनौती के रूप में खेल का बढ़िया प्रदर्शन करके जीते हुए तेरह सिक्के आज भी बहुत प्रिय हैं।

प्रश्न 4.
सचिन का सर्वोत्तम गुण कौन-सा है, विस्तार से बताएँ।
उत्तर:
सचिन की विशेषता उनकी विनम्रता है। अहंकार तो उन्हें छू भी नहीं पाया है। वे साहस, सूझबूझ, धैर्य एवं विवेकशील हैं। जब कभी आलोचक इनकी आलोचना करते हैं तो वे धैर्य एवं विवेक से काम लेते हैं और मौन रहकर अपने खेल का अच्छा प्रदर्शन करते हुए आलोचकों के मुँह बन्द कर देते हैं। यही उनके व्यक्तित्व का सर्वोत्तम गुण है।

प्रश्न 5.
सचिन के जीवन से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
सचिन के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि हम अपने जीवन का कोई लक्ष्य निश्चित करते हैं तो उसे पाने के लिए हमें तन, मन और समर्पण के भाव से परिश्रम और कोशिश करनी चाहिए।

प्रश्न 6.
सचिन ने सैनिक के जीवन से क्या शिक्षा ली है ?
उत्तर:
सचिन ने अपना आदर्श देश के सैनिकों को माना है। उन्होंने सैनिकों से अपनी ज़िम्मेदारी समझना और अन्त तक संघर्ष करना सीखा है।

प्रश्न 7.
सचिन को कौन-कौन से पुरस्कार मिले और कब ?
उत्तर:
सचिन को उन के इक्कीस वर्ष के प्रशंसनीय खेल प्रदर्शनों के लिए अनेक सम्मान दिए गए। सन् 1994 में इन्हें अर्जुन पुरस्कार में क्रिकेट जगत से राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया। सन् 1999 में इन्हें पद्मश्री और सन् 2008 ई० में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

प्रश्न 8.
क्रिकेट के अलावा सचिन और क्या-क्या कार्य करते हैं ?
उत्तर:
क्रिकेट के अतिरिक्त सचिन एक गैर सरकारी संगठन ‘अपनालय’ के दो सौ बच्चों का पालन-पोषण करते हैं और एक रेस्टोरेंट भी सफलतापूर्वक चला रहे हैं।

3. रिक्त स्थानों की पूर्ति करो :

  1. सचिन का पूरा नाम ……………… है।
  2. इनका जन्म …………… को ………….. में हुआ।
  3. इनकी पुत्री …………….. व पुत्र ……………. है।
  4. सचिन ने ………………. से उम्र को मात दी है।
  5. …………………. तो इन्हें कभी छू तक नहीं पाया।
  6. सचिन ……………. में अपना लक्ष्य ………….. प्राप्त करने में सफल हो गए।
  7. सन् 1999 में ……………. और सन् 2008 में इन्हें ………….. से सम्मानित किया गया।

उत्तर:

  1. सचिन का पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है।
  2. इनका जन्म 24 अप्रैल, सन् 1973 ई० को राजापुर, मुंबई में हुआ।
  3. इनकी पुत्री सारा व पुत्र अर्जुन है।
  4. सचिन ने बल्ले से उम्र को मात दी है।
  5. अहंकार तो इन्हें कभी छू तक नहीं पाया।
  6. सचिन 2 अप्रैल, सन् 2011 में अपना लक्ष्य विश्वकप-2011 प्राप्त करने में सफल हो गए।
  7. सन् 1999 में पद्मश्री और सन् 2008 में इन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

(ग) कुछ करो

  1. महान् क्रिकेट खिलाड़ियों के चित्र एकत्रित कर अपनी कापी पर चिपकाएँ।
  2. अपनी कक्षा को दो टीमों में बाँट कर खेलों की घंटी में क्रिकेट मैच खेलें।
  3. स्कूल के पी०टी०आई० या डी०पी०ई० अध्यापकों से क्रिकेट की तकनीकी जानकारी प्राप्त करें।
  4. क्रिकेट की गेंद व बल्ला कापी/चार्ट पर बनाकर मनपसन्द रंग भरें फिर कक्षा में टाँगें।
  5. आप जीवन में क्या बनना चाहते हैं, अपना लक्ष्य अपने अभिभावकों एवं अध्यापकों की मदद से निर्धारित करें और अभी से उसमें लग जाएं।

उत्तर:
विद्यार्थी शिक्षक के सहयोग से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 3 मास्टर ब्लास्टर : सचिन तेंदुलकर

(घ) रचना वाक्य

प्रश्न 1.
मेरे जीवन का लक्ष्य पर दस वाक्य लिखें।
उत्तर:

  1. मैं एक पुलिस अधिकारी बनना चाहता हूँ।
  2. मैं खूब मेहनत से पढ़कर आई०पी०एस० परीक्षा उत्तीर्ण करूँगा।
  3. पुलिस अधिकारी बनकर पुलिस में फैले भ्रष्टाचार को दूर करूँगा।
  4. मैं समाज को अनुशासित बनाने के लिए स्वयं अनुशासन का पालन करूँगा।
  5. मैं मन-प्राण से अपने कर्त्तव्य का पालन करूँगा।
  6. मैं अपराधियों को दंड दिलाने के लिए कानून की सहायता करूँगा।
  7. मैं समाज के उपेक्षित वर्ग के प्रति पूरी सहानुभूति रखते हुए उन्हें समाज के शोषक वर्ग से सुरक्षा प्रदान करूँगा।
  8. मैं अपने अधीन काम करने वाले पुलिसवालों को जनता का सच्चा सेवक बनाऊँगा।
  9. मैं किसी प्रकार के दबाव में काम नहीं करूँगा।
  10. मैं सदा अपने-पराये, ऊँच-नीच, निर्धन-धनवान, अधिकारी-कर्मचारी का भेद-भाव भुलाकर ही-न्यायपूर्ण उचित निर्णय करूँगा।

PSEB 7th Class Hindi Guide मास्टर ब्लास्टर : सचिन तेंदुलकर Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
सचिन की बहन का नाम क्या है ?
(क) सविता
(ख) गीता
(ग) सुनीता
(घ) रीटा।
उत्तर:
(क) सविता।

प्रश्न 2.
सचिन को अपने तीसरे जन्मदिन पर नानी से क्या उपहार मिला था ?
(क) मोटर
(ख) किताब
(ग) कलम
(घ) गेंद-बल्ला
उत्तर:
(घ) गेंद-बल्ला

प्रश्न 3.
सचिन का जन्म कहाँ हुआ था ?
(क) गाजीपुर
(ख) मुंबई
(ग) राजापुर मुंबई
(घ) देहरादून।
उत्तर:
(ग) राजापुर मुंबई।

प्रश्न 4.
सचिन को सन् 2008 में कौन-सा सम्मान मिला था ?
(क) भारत रत्न
(ख) पद्म विभूषण
(ग) अर्जुन पुरस्कार
(घ) राजीव गांधी खेल रत्न।
उत्तर:
(ख) पद्म विभूषण।

प्रश्न 5.
सचिन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट किस सन् में खेलना शुरू किया ?
(क) सन् 1989
(ख) सन् 1988
(ग) सन् 1990
(घ) सन् 1987
उत्तर:
(क) सन् 1989

प्रश्न 6.
सचिन अपना जीवन गुरु किसे मानते थे ?
(क) अपनी नानी को
(ख) अपनी दादी को
(ग) अपनी माँ को
(घ) अपने पिता को।
उत्तर:
(क) अपनी नानी को।

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
सचिन के बड़े भाई का नाम …………. था।
(क) अजित
(ख) रोहन
(ग) मोहन
(घ) सोहन
उत्तर:
(क) अजित

प्रश्न 2.
सचिन का पूरा नाम ……………. था।
(क) सचित तेंदुलकर
(ख) सचिन रमेश तेंदुलकर
(ग) मास्टर ब्लास्टर
(घ) सचिन रमेश।
उत्तर:
(ख) सचिन रमेश तेंदुलकर।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 3 मास्टर ब्लास्टर : सचिन तेंदुलकर

प्रश्न 3.
सचिन ने पहला प्रथम श्रेणी मैच ………….. में खेला।
(क) सन् 1986 में
(ख) सन् 1989 में
(ग) सन् 1988 में
(घ) सन् 1987 में।
उत्तर:
(ग) सन् 1988 में।

प्रश्न 4.
सचिन के कोच का नाम ………….. था ।
(क) उमाकांत
(ख) कपिलदेव
(ग) सुनील गावस्कर
(घ) रमाकांत अचरेकर।
उत्तर:
(घ) रमांकात अचरेकर।

3 .निम्नलिखित दिए गए शब्द के सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
बल्ला:
बला
बैट
बेला
उत्तर:
बैट।

प्रश्न 2.
मुगरी:
थापी
मूँग
मूंगफली
उत्तर:
थापी।

प्रश्न 3.
धैय:
धर
धीरज
धरा
उत्तर:
धीरज।

प्रश्न 4.
उत्तीर्ण:
फेल होना
गिर जाना
पास होना।
उत्तर:
पास होना।

मास्टर ब्लास्टर : सचिन तेंदुलकर Summary

मास्टर ब्लास्टर : सचिन तेंदुलकर पाठ का सार

‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’ उक्ति को पूरी तरह सिद्ध करने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अढ़ाई वर्ष की आयु में ही मुगरी का बल्ला बना कर प्लास्टिक की गेंद से अपनी नानी और बड़े भाई अजित के साथ खेलते थे। उनकी नानी लक्ष्मी बाई गिजे ने इन्हें इन के तीसरे जन्मदिन पर गेंद-बल्ला उपहार में दिया तो रोज़ क्रिकेट खेलना उनका नियम ही बन गया था। इनका पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर, माता का नाम रजनी तेंदुलकर तथा पिता का नाम रमेश तेंदुलकर है। इनका जन्म 24 अप्रैल, सन् 1973 ई० को राजापुर, मुंबई में हुआ था। इनके माता-पिता नौकरी करते थे, इसलिए ग्यारह वर्ष तक इनका तथा इनके भाई अजीत, नितिन तथा बहन सविता का पालन-पोषण इनकी नानी ने किया था। सन् 1995 ई० में इनका विवाह अंजली से हुआ। इनकी पुत्री सारा तथा पुत्र अर्जुन है। सचिन अपनी नानी को अपना क्रिकेट और जीवन गुरु मानते हैं।

शारदाश्रम विद्या मंदिर में पढ़ते हुए इन्होंने क्रिकेट खेलना प्रारंभ किया। कोच रमाकांत अचरेकर इन्हें घण्टों अभ्यास कराते थे और स्टम्प्स पर सिक्का रखकर गेंदबाजों को कहते थे, जो सचिन को आऊट करेगा, सिक्का उसे मिलेगा तथा आऊट नहीं होने पर सिक्का सचिन का होगा। सचिन के पास ऐसे जमा किए हुए तेरह सिक्के हैं। सचिन ने पहला प्रथम श्रेणी मैच सन् 1988 ई० में चौदह वर्ष की आयु में मुंबई के लिए विनोद काम्बली के साथ मिलकर खेला और दोनों ने मिलकर 664 दौड़ों की अविजित पारी खेली, जिसे देखकर विरोधी टीम ने आगे खेलने से मना कर दिया था।

सचिन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सन् 1989 ई० में पाकिस्तान के विरुद्ध कराची में खेला था। अब तक वे अपने नाम अनेक रिकार्ड कर चुके हैं। वे बाएँ हाथ से लिखते और दाएँ हाथ से खेलते हैं। वे ऑफ स्पिन, लेग स्पिन, गुगली गेंदबाजी भी करते हैं। वे भारतीय सैनिकों को अपना आदर्श मान कर संघर्ष करना सीखे हैं। वे बहुत विनम्र, धैर्यवान, संयमी एवं विवेकी हैं। वे अपनालय के बच्चों का पालन-पोषण करते हैं तथा एक रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं। उन्होंने 2 अप्रैल, सन् 2011 ई० को विश्वकप-2011 जिताया। इन्हें सन् 1994 में अर्जुन पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, सन् 1999 में पद्मश्री और सन् 2008 में पद्म विभूषण सम्मान दिया गया था।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 2 धूल का फूल

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 2 धूल का फूल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 धूल का फूल

Hindi Guide for Class 7 PSEB धूल का फूल Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ

सरपट – तेज़ चाल से
खलिहान = कटी हुई फसल रखने का स्थान
विपन्नता = गरीबी
मजूरी = मज़दूरी
व्यर्थ = बेकार
मुटियार = नवयुवती
उत्थान = उन्नति, बढ़ती
जन्नत = स्वर्ग
निहारते = देखते
प्रांगण = आंगन
पुष्प-गुच्छ = फूलों का गुलदस्ता
गुंजायमान = गूंजता हुआ

2. इन मुहावरों के अर्थ लिखते हुए वाक्य प्रयोग करें:

खुशी के आँसू छलकना ________________ ___________________________
मन बल्लियों उछलना _____________ _________________________
नाम रोशन करना __________________ ______________________
गले लगाना ________________ _______________________
फूले न समाना _______________ __________________________
उत्तर:
खुशी के आँसू छलकना (बहुत अधिक प्रसन्न होना) – परीक्षा में प्रथम आने का समाचार मिलते ही नीलम की आँखों में खुशी के आँसू छलकने लगे।
मन बल्लियों उछलना(बहुत प्रसन्न होना) – बहुत दिनों बाद गाँव जाते हुए प्रशांत का मन बल्लियों उछलने लगा।
नाम रोशन करना (प्रसिद्धि मिलना) – कलक्टर बन कर प्रशांत ने अपने माता-पिता का नाम रोशन कर दिया।
गले लगना (प्रेम से भेंटना)  -माता ने पुत्र को आशीर्वाद देते हुए बाँहों में भरकर गले लगा लिया।
फूले न समना (बहुत प्रसन्न होना) – एशिया-कप हॉकी में विजय प्राप्त कर भारतीय खिलाड़ी फूले न समा रहे थे।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 2 धूल का फूल

3. विपरीत शब्द लिखें: 

मौन = ……………..
ऊबड़-खाबड़ = ……………
ज़रूरी = ……………..
शहर = …………….
सुनसान = ……………….
मजदूर = ……………..
आमदन = ………………
उत्थान = ……………
उत्तर:
शब्द विपरीत शब्द
मौन = मुखर
ऊबड़-खाबड़ = सीधी-सपाट
ज़रूरी = गैर-ज़रूरी
शहर = गाँव
सुनसान = आबाद
मजदूर = मालिक
आमदन = खर्च
उत्थान = पतन

4. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

तरक्की = ……………
शिक्षा = ……………
अध्यापक = ……………
मेहनत = …………….
शिष्य = …………….
उत्तर:
शब्द पर्यायवाची शब्द
तरक्की = वृद्धि, बढ़ती
शिक्षा = परामर्श, सलाह, तालीम, सबक
अध्यापक = शिक्षक, गुरु
मेहनत = परिश्रम, श्रम
शिष्य = चेला, विद्यार्थी

प्रयोगात्मक व्याकरण

गुरु की शरण = गुरुशरण
माँ और बाप = माँ-बाप

उपर्युक्त पदों में गुरु की शरण को गुरुशरण तथा माँ और बाप को माँ-बाप रूप में संक्षेप में लिख सकते हैं। इस प्रकार शब्दों के मेल से नए शब्द बन जाते हैं।
अतः परस्पर सम्बन्ध रखने वाले दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से जब कोई नया सार्थक शब्द बनता है तो उस मेल को समास कहते हैं।

समास करने के बाद जो शब्द बनता है उसे समस्तपद कहते हैं। समस्तपद को इसके शब्द खण्डों में अलग-अलग करने की विधि को विग्रह कहते हैं। जैसे :

गुरुशरण (समस्त पद) = गुरु की शरण (विग्रह)

विशेष:
समस्त पद के दो पद होते हैं- पूर्व पद और उत्तर पद। पहले पद को पूर्व पद तथा बाद को उत्तर पद कहते हैं। जैसे-गुरु (पूर्व पद), शरण (उत्तर पद)

पदों की प्रधानता के आधार पर समास के चार भेद होते हैं :

  1. अव्ययीभाव समास
  2. तत्पुरुष समास
  3. द्वंद्व समास
  4. बहुब्रीहि समास
(क) समस्त पद विग्रह जिस अर्थ में अव्यय यहाँ प्रयुक्त हुआ
(1) बेरोज़गार रोज़गार के बिना ‘बे’ का प्रयोग के बिना’ अर्थ में हुआ है।
(2) आजीवन जीवन तक ‘आ’ का प्रयोग तक के अर्थ में हुआ है।
(3) यथानियम नियम के अनुसार ‘यथा’ का प्रयोग ‘अनुसार’ के अर्थ में हुआ है।

यहाँ समस्त पद में ‘बे’, ‘आ’ तथा ‘यथा’ अव्यय हैं तथा इसके मेल से पूर्ण पद ही अव्यय बन गया है।

अतएव जिस समस्त पद में पूर्वपद प्रधान हो और अव्यय हो और समास होने पर पूर्ण पद ही अव्यय बन जाए, वह अव्ययी भाव समास कहलाता है।
अन्य उदाहरण-आमरण-मरने तक, निडर-डर के बिना, भरपेट-पेट भर कर, आजन्म-जन्म भर, प्रति पल-हर पल, बेखबर-बिना खबर के, अनजान-जाने बिना आदि।
तत्पुरुष समास को समझने के लिए कारक का ज्ञान अपेक्षित है। अत: पहले कारकों को समझते हैं।

हमें साहब ने रहने के लिए घर दिया।

यदि इस वाक्य को इस ढंग से लिखें-‘हमें साहब रहने घर दिया’ तो वाक्य में आए शब्दों का एक-दूसरे से सम्बन्ध नहीं प्रकट होता और न ही अर्थ स्पष्ट होता है।
इसलिए वाक्य में आए ने, के लिए चिह्न वाक्य के अन्य शब्दों का परस्पर सम्बन्ध जोड़ते हैं।

अतएव संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उनका सम्बन्ध क्रिया तथा वाक्य के दूसरे शब्दों में जाना जाए, उसे कारक कहते हैं।

विशेष :- वाक्य में प्रयुक्त ‘के, ने, से, के लिए’ कारक चिह्नों को परसर्ग भी कहते हैं।

(1) शरण ने क्षमा माँगी।
इस वाक्य में क्षमा माँगने का काम शरण ने किया अर्थात् कर्ता शरण है। अतः शरण ने में कर्ता कारक है।

(2) प्रशांत उच्च पद को प्राप्त हुआ।
इस वाक्य में प्राप्त हुआ क्रिया है, प्रशांत कर्ता है तथा क्रिया का फल पद पर पड़ रहा है। अतः पद को में कर्म कारक है।

अतएव वाक्य में जिस संज्ञा या सर्वनाम पर क्रिया का फल पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते हैं।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 2 धूल का फूल

(3) प्रशांत गाड़ी से गाँव आया।
इस वाक्य में गया क्रिया का साधन गाड़ी है। अतः गाड़ी से में करण कारक है।

अतएव कर्ता जिस साधन की मदद से क्रिया सम्पन्न करता है, उसे करण कारक कहते हैं।

(4) हम पढ़ने के लिए विद्यालय जाते थे।
इस वाक्य में जाना क्रिया का कार्य पढ़ने के लिए है, अतः यहाँ सम्प्रदान कारक है।

अतएव जिस संज्ञा या सर्वनाम के लिए कुछ किया जाए उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं।

(5) हमारा पूरा परिवार गाँव से शहर आ गया।
इस वाक्य में गाँव से पद से अलग होने का अर्थ स्पष्ट हो रहा है, इसलिए यहाँ अपादान कारक है।

अतः जिस संज्ञा से पृथक्ता अर्थात् अलग होने का भाव प्रकट हो, उसे अपादान कारक कहते हैं।

इसके अतिरिक्त किसी से सीखने, लगाने, डरने, बचाने, तुलना करने, माँगने, निकलने तथा दूरी का भाव दर्शाने में भी अपादान कारक होता है।

(6) नसीब का लड़का कलक्टर बन गया।
इस वाक्य में नसीब का लड़का से पिता-पुत्र का सम्बन्ध प्रकट हो रहा है अतः यहाँ सम्बन्ध कारक है।

अतएव जहाँ दो संज्ञाओं या सर्वनामों का आपस में सम्बन्ध प्रकट हो, वहाँ सम्बन्ध कारक होता है।

(7) प्रशांत पहले गाँव में रहता था।
इस वाक्य में गाँव में पद में रहना क्रिया के आधार का पता चलता है, यहाँ अधिकरण कारक है।

अतएव जहाँ संज्ञा या सर्वनाम शब्द के आधार का पता चले उसे अधिकरण कारक कहते हैं।

(8) अरे शरण गाड़ी जल्दी चलाओ।
इस वाक्य में अरे शरण ! को सम्बोधन किया गया है, इसलिए यहाँ सम्बोधन कारक है।

अतएव संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी को पुकारने, बुलाने, सुनाने या सावधान करने का भाव प्रकट हो, वहाँ सम्बोधन कारक होता है। आइए, अब तत्पुरुष समास को समझते हैं।

(ख) समस्त पद विग्रह
पदप्राप्त पद को प्राप्त

उपर्युक्त समास में समस्त पद बनाते समय पूर्वपद (पद) के साथ आए परसर्ग (को) का लोप हो गया है। इसके उत्तरपद (प्राप्त) प्रधान है।
अतएव जिस समास में उत्तर पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। पद बनाते समय पूर्वपद के साथ आने वाले परसर्ग का लोप हो जाता है।

अन्य उदाहरण

समस्त पद = विग्रह
यशप्राप्त = यश को प्राप्त
समस्त पद = विग्रह
भावविह्वल = भाव से विह्वल
पाठशाला = पढ़ने के लिए शाला
धनहीन = धन से हीन
विद्याभ्यास = विद्या का अभ्यास
सिरदर्द = सिर में दर्द

(ख) विचार-बोध

1. प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
प्रशान्त का मन बल्लियों क्यों उछल रहा था ?
उत्तर:
प्रशान्त का मन बल्लियों इसलिए उछल रहा था क्योंकि वह कई वर्षों के बाद अपने गाँव जा रहा था।

प्रश्न 2.
गाँव की ओर जाते हुए उसे किन-किन लोगों की याद आने लगी ?
उत्तर:
गाँव की ओर जाते हुए पंच जी के खेत, दीनू ग्वाले की गाय-भैंसें, सब्बू कुम्हार के चाक की याद आने लगी।

प्रश्न 3.
उसके अध्यापक का क्या नाम था ?
उत्तर:
उस के अध्यापक का नाम मास्टर आदित्य प्रकाश था।

प्रश्न 4.
हर माँ-बाप का क्या सपना होता है ?
उत्तर:
हर माँ-बाप का यह सपना होता है कि उसकी संतान पढ़-लिखकर कुछ बन जाए।

प्रश्न 5.
प्रशान्त का क्या सपना था? यह सपना उसने कैसे पूरा किया ?
उत्तर:
प्रशान्त का सपना था कि एक दिन ज़रूर वह कुछ बनेगा। यह सपना उस ने खूब पढ़ कर पूरा किया।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 2 धूल का फूल

प्रश्न 6.
लड़कियों की शिक्षा के सम्बन्ध में उसके क्या विचार थे ?
उत्तर:
लड़कियों की शिक्षा के सम्बन्ध में उसके विचार थे कि लड़कियाँ घर का श्रृंगार होती हैं। उन्हें खूब पढ़ाना चाहिए, क्योंकि वे परिवार का आधार होती हैं।

प्रश्न 7.
प्रशान्त गाँव में क्यों आया था ?
उत्तर:
प्रशान्त गाँव में गाँव की पाठशाला का दर्जा बढ़ाने का आदेश लेकर आया था।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
गरीबी में रहते हुए भी प्रशान्त ने अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया?
उत्तर:
प्रशान्त गरीबी में रहते हुए भी पढ़ाई की तरफ बहुत ध्यान देता था। वह मास्टर आदित्य प्रकाश जी की बातें सुनकर धन्य हो जाता था। पढ़ाई का खर्च चलाने के लिए वह छुट्टियों में छोटा-मोटा आमदनी वाला काम कर लेता था। वह खूब पढ़ कर अफसर बनना चाहता था। उसे विश्वास था कि बड़े बनने की कुंजी विद्या है। इसलिए वह मेहनत से पढ़ता था और कर्म को पूजा मानता था। इस प्रकार परिश्रमपूर्वक पढ़-लिख कर उसने अपना लक्ष्य प्राप्त किया और कलक्टर बन गया।

प्रश्न 2.
आपका क्या लक्ष्य है ? अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर:
मेरे जीवन का लक्ष्य आदर्श अध्यापक बनना है, जो अपने विद्यार्थियों को विद्या के प्रति सच्ची लगन पैदा करके उन्हें भावी भारत का सच्चा एवं अनुशासित नागरिक बना सके। इसके लिए मैं खूब मेहनत से पढंगा। बी०ए० करने के बाद अध्यापक के प्रशिक्षण के लिए बी०एड्० की परीक्षा उत्तीर्ण करके किसी अच्छे विद्यालय में शिक्षक का पद ग्रहण कर विद्यार्थियों को सर्वगुण सम्पन्न बनाने का प्रयास करूँगा।

3. इस कहानी में कई बिन्दुओं को छुआ गया है जैसे :

…………………… गाँवों से शहर की ओर पलायन
…………………… ग्रामीण लोगों की दशा/गरीबी/यथास्थिति
…………………… लक्ष्य प्राप्त करना
…………………… लड़कियों की शिक्षा के प्रति सोच
…………………… गाँव के प्रति प्यार
…………………… सम्बन्धों की आत्मीयता
…………………… अध्यापकों का सम्मान
…………………… इन बिंदुओं पर विचार-विमर्श करें।
उत्तर:
विद्यार्थी आपस में विचार-विमर्श करें।

PSEB 7th Class Hindi Guide धूल का फूल Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
‘धूल का फूल’ किसकी कहानी है ?
(क) खेत मज़दूर के पुत्र की
(ख) खेत की
(ग) खेत मजदूर की पुत्री की
(घ) नाले की
उत्तर:
(क) खेत मज़दूर के पुत्र की

प्रश्न 2.
खेत मजदूर का लड़का पढ़-लिखकर क्या बनता है ?
(क) चपड़ासी
(ख) कलक्टर
(ग) अध्यापक
(घ) पुलिस कप्तान
उत्तर:
(ख) कलक्टर

प्रश्न 3.
गाड़ी चलाते हुए कौन सोच रहा था ?
(क) करण
(ख) गुरचरण
(ग) गुरशरण
(घ) गौरव
उत्तर:
(ग) गुरशरण

प्रश्न 4.
कुम्हार का क्या नाम था ?
(क) सब्बू
(ख) चौधरी
(ग) कब्बू
(घ) चेतन
उत्तर:
(क) सब्बू

प्रश्न 5.
बड़ा बनने की कुंजी क्या है ?
(क) शरीर की ताकत
(ख) ज़मीन
(ग) धन
(घ) विद्या
उत्तर:
(घ) विद्या

प्रश्न 6.
कलक्टर प्रशांत क्या आदेश लेकर आया था?
(क) गाँव खाली कराने का
(ख) गाँव के विद्यालय का दर्जा बढ़ाने का
(ग) ज़मीन लेने का
(घ) ज़मीन देने का
उत्तर:
(ख) गाँव के विद्यालय का दर्जा बढ़ाने का

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 2 धूल का फूल

निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
कलक्टर के चाचा का नाम ………… था ।
(क) चरण सिंह
(ख) विक्रम सिंह
(ग) करण सिंह
(घ) चेतन सिंह
उत्तर:
(क) चरण सिंह

प्रश्न 2.
कलक्टर का नाम …………… था।
(क) अविरल
(ख) प्रशांत
(ग) चहल
(घ) वेदांत
उत्तर:
(ख) प्रशांत

प्रश्न 3.
प्रशांत के पिता का नाम …………. था ।
(क) अब्दुल्ला
(ख) कासिम
(ग) सुजान सिंह
(घ) नसीब
उत्तर:
(घ) नसीब

प्रश्न 4.
प्रशांत के मास्टर का नाम ………… था ।
(क) आदित्य
(ख) विश्वास
(ग) विवेक शर्मा
(घ) कर्म सिंह
उत्तर:
(क) आदित्य

दिए गए शब्दों का सही अर्थ मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
सरपट:
साँप का पेट
सिर का पेट
तेज चाल से
उत्तर:
तेज़ चाल से

प्रश्न 2.
प्रांगण:
आंगन
पराग का कण
परात
उत्तर:
आंगन

प्रश्न 3.
मजूरी:
मंजूरी
मज़दूरी
मंजर
उत्तर:
मजदूरी

प्रश्न 4.
उत्थान:
उनका
उन्नति
उतना
उत्तरः
उन्नति

धूल का फूल Summary

धूल का फूल पाठ का सार

‘धूल का फूल’ एक ऐसे खेत-मज़दूर गरीब पिता के पुत्र की कहानी है, जो अपने परिश्रम तथा इच्छा शक्ति के बल पर पढ़-लिखकर कलक्टर बन जाता है। ऊबड़-खाबड़ सड़क पर गाड़ी चलाते हुए गुरशरण सोच रहा था कि न मालूम क्यों साहब इधर दौरे पर आए हैं ? जब उसने साहब से पूछा कि अभी और कितनी दूर जाना है तो साहब ने उसे चलते रहने को कहा।

साहब का मन बहुत प्रसन्न था। वे बरसों बाद अपने गाँव जा रहे थे। वे बीस-पच्चीस साल पहले के पंच जी के खेत, दीनू ग्वाले की गाय-भैंसें, सब्बू कुम्हार के चाक आदि की बातें सोच कर भाव-विभोर हो रहे थे। उन्हें गन्ने का रस पीना, गर्म गुड़ खाना, ऊधम मचाना, ककड़ियाँ-खरबूजे खाना, पाठशाला में आदित्य मास्टर जी से पढ़ना आदि याद आ रहा था। उसके पिता दूसरों के खेतों में मजदूरी करते थे तथा माँ के साथ वह खेतों पर खाना ले जाता था। उसके पिता को शहर में चपरासी की नौकरी मिली तो सारा परिवार गाँव से शहर आ गया। जहाँ आकर गाड़ी में बैठे अफसर को देखकर उसका मन भी उन जैसा बनने की इच्छा करता और वह सोचता कि जब लाल बहादुर शास्त्री, लिंकन, एडीसन जैसे बड़े बन सकते हैं, तो वह क्यों नहीं?

सरकारी स्कूल दूर थे फिर भी वह पढ़ता गया क्योंकि उसे विश्वास था कि बड़े बनने की कुंजी विद्या ही है और विद्याधन मेहनत के बिना नहीं मिलता। वह कर्म को पूजा मानने लगा। वह शरण को गाड़ी धीरे चलाने के लिए कहता है और शरण से यह जान कर कि उसका लड़का तो पढ़ने जाता है परन्तु वह अपनी लड़की को स्कूल नहीं भेजता तो उसे समझाता है कि लड़की को भी पढ़ाओ क्योंकि लड़कियाँ घर का श्रृंगार होती हैं, वे ही परिवार का आधार हैं। उसने गाड़ी की खिड़की से मुटियारों को सिर पर बोझ लेकर जाते, खेतों में कम्बाइन चलाते तथा स्त्रियों-बच्चों को झोला लिए अनाज की बालियाँ चुनते देखा तो सोचने लगा कि आजादी के इतने सालों बाद भी गरीब की वही दशा है जो उस के ज़माने में थी। तभी उसे एक बुजुर्ग दिखाई दिए। उस ने गाड़ी रुकवाई और उनके पैर स्पर्श किए। वे चाचा चरण सिंह थे।

उन्होंने उसे नहीं पहचाना तो उसने स्वयं ही अपना परिचय दिया कि वह उनका प्रशांत है। चाचा को भी याद आया नसीब का पुत्र प्रशांत। वह आज यहाँ गाँव के विद्यालय का दर्जा बढ़ाने का आदेश लेकर आया था। पाठशाला रंगोली, रंग-बिरंगी झंडियों से सजी हुई थी। पुष्प-गुच्छों से उसका स्वागत हुआ। अपने प्रिय अध्यापक आदित्य प्रकाश के पैरों को स्पर्श करने के लिए जैसे ही प्रशांत झुका कि उन्होंने उसे बाँहों में भरकर गले लगा लिया और वे फूले नहीं समा रहे थे कि उनका गरीब प्रशांत कलक्टर प्रशांत बन गया है। वही सरकार की ओर से पाठशाला का दर्जा बढ़ाने का आदेश लाया है।

PSEB 9th Class English Vocabulary Antonyms

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Vocabulary Antonyms Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English Vocabulary Antonyms

Match the Antonyms correctly :

A — B
admit — destroy
public — straight
junior — conclude
bent — stale
defend — senior
dark — private
fresh — well-lit
create — descend
ascend — dangerous
safe — attack
start — modern
ancient — deny
Answer:
admit → deny; public → private ; junior → senior; bent → straight; defend → attack; dark → well-lit; fresh → stale ; create → destroy; ascend → descend; safe → dangerous; start → conclude ; ancient → modem.

PSEB 9th Class English Vocabulary Antonyms

Complete the following sentences with the Antonyms given in the box. The italicized words will help you to choose the right words:

modern;  spend; withdraw; vacant; remember; success; punctual; expensive; plus; import

1. Ramesh, you are always ………… but why are you late today?
2. We will not ………… all the money now. We will save it for the rainy day.
3. Seven seats are still ………… They were all full by now last year.
4. I will deposit the whole amount. I can ………… it at any time I want to.
5. The Goyals ………… wool from Australia, make garments and export them to the U.K.
6. Don’t forget your sweater here ………….. to wear it when it is cold in Srinagar.
7. ……….. and failure go hand in hand in life.
8. This umbrella is very ……… I need a cheap one.
9. Rome has both ancient and ……….. buildings.
10. Can you tell me the minus and ……….. points of this proposal?
Answer:
1. punctual
2. spend
3. vacant
4. withdraw
5. import
6. Remember
7. Success
8. expensive
9. modem
10. plus.

PSEB 9th Class English Vocabulary Antonyms

Antonyms

जिन दो शब्दों के अर्थ एक-दूसरे के विपरीत हों, उन्हें Antonyms कहते हैं; जैसे
clean → dirty
deep → shallow
sorrow → joy

List Of Antonyms

PSEB 9th Class English Vocabulary Antonyms 1
PSEB 9th Class English Vocabulary Antonyms 2

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 1 कामना

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 1 कामना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 कामना

Hindi Guide for Class 7 PSEB कामना Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध:

1. शब्दार्थ

शब्दार्थ-शब्दों के अर्थ सरलार्थ के साथ दे दिए गए हैं।
कामना = इच्छा
आधार = सहारा
ज्योतिर्मय = प्रकाशमन
अमित = अत्यधिक
भार = बोझ
मृक्त = आजाद
करुणामय = (करुणा + मय ) दयालु
पतवार = चपपू
संहार = नाश
सुखद = सुख देने वाली
गुणागार = (गुण + आगार ) सब गुणों वाला
निर्द्धद्व = ( द्वन्द रहित) समरस शान्तु स्तिति

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 1 कामना

2. ‘विपरीतार्थक शब्द लिखें:

आधार = निराधार
दुःखी = ……………
गुणी = ……………
मानवता = …………….
सद्गुण = …………….
सुखद = ……………
मुक्त = …………….
द्वन्द्व = …………….
उत्तर:
शब्द विपरीत शब्द
आधार = निराधार
दु:खी = सुखी
गुणी = निर्गुणी
मानवता = दानवता
सद्गुण = दुर्गुण
सुखद = दुःखद
मुक्त   = बद्ध
द्वन्द्व    = निर्द्वन्द्व

3. पर्यायवाची शब्द लिखें:

कामना = ………………
दुःख = ……………….
गुणी = ………………
नौका = ……………..
इन्सान = …………………
उत्तर:
शब्द पर्यायवाची शब्द
कामना = इच्छा, अभिलाषा
दुःख = कष्ट, क्लेश
नौका = नाव, तरणि
इन्सान = मानव,मनुष्य
माँ = माता, जननी

4. नये शब्द बनाएँ:

करुणा+मय = करुणामय
प्रकाश+मय = ……………
ज्योतिः +मय = …………….
अन्धकार+मय = ……………..
दुःख+मय = ……………..
सुख+मय = …………….
पाप+मय = …………….
उत्तर:
नये     शब्द
करुणा+मय = करुणामय
प्रकाश+मय = प्रकाशमय
ज्योतिः+मय = ज्योतिर्मय
अन्धकार+मय = अन्धकारमय
दुःख+मय = दुःखमय
सुख+मय = सुखमय
पाप+मय = पापमय

5. शुद्ध रूप लिखें:

करूणा = ………….
विदवान = ………….
निरदवन्द = ………….
उत्तर
अशुद्ध शुद्ध
करूणा = करुणा
विदवान = विद्वान्
निरदवन्द = निर्द्वन्द्व

6. मानव जातिवाचक संज्ञा शब्द है। इसके अन्त में ‘ता’ लगाने से मानवता भाववाचक संज्ञा शब्द बना ।।

वीर = ……………..
दीन = ……………..
सुन्दर = ………….
मित्र = …………..
दास = …………..
एक = …………..
अमर = …………..
दानव = …………….
उत्तर:
वीर = वीरता
दीन = दीनता
सुन्दर = सुन्दरता
मित्र = मित्रता
दास – दासता
एक = एकता
अमर = अमरता
दानव = दानवता

(ख) विचार-बोध:

1. रिक्त स्थानों में समुचित शब्द भरें:

  1. दुखियों का …………….. बनूँ। (नेता, बन्धु, आसरा)
  2. मैं …………….. इन्सान बनूँ। (मजबूत, सच्चा, ईमानदार)
  3. जग में …………. सुगन्ध भरूं। (सुखद, भारी, मीठी)
  4. शक्तिमान दो …………… शक्ति। (बहुल, भारी, अमित)

उत्तर:

  1. आसरा
  2. सच्चा
  3. सुखद
  4. अमित

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 1 कामना

2. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

(1) कवि करुणा का वरदान किस लिए माँगता है ?
उत्तर:
कवि करुणा का वरदान इसलिए माँगता है कि वह दीन-दुखियों का सहारा बनकर उनकी सहायता करे और उन के दुःखों को दूर कर सके।

(2) वह सच्चा इन्सान क्यों बनना चाहता है ?
उत्तर:
कवि सच्चा इन्सान बन कर मनुष्य मात्र की सेवा करना चाहता है।

(3) कवि शक्तिमान बनाकर कौन-से तीन काम करना चाहता है ?
उत्तर:
कवि शक्तिमान बन कर दुष्टों का नाश, दीन-दुखियों की सहायता तथा भारत माता के कष्टों के भार को दूर करना चाहता है।

(4) वह सद्गुणों की कामना क्यों करता है ?
उत्तर:
कवि सद्गुणों की कामना इसलिए करता है, जिससे वह संसार में सब को सुखी तथा चिन्ताओं से मुक्त कर सके।

3. इन काव्य-पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें:

(1) हे ज्योतिर्मय ज्ञान ज्योति दो,
गुणी और विद्वान बनूं।
मानवता की सेवा करके,
मैं सच्चा इन्सान बनूँ।
उत्तर:
सप्रसंग व्याख्या के लिए सरलार्थ क्रमांक दो देखिए।

(2) कवि की कामनाओं को अपने शब्दों में व्यक्त करें।
उत्तर:
कवि कामना करता है कि परमात्मा उसे करुणा से भर दे, उसे ज्ञान का प्रकाश
दे, उसे बहुत शक्ति दे और उसे सद्गुणों से भर दें; जिससे वह संसार के दीन
दुखियों के दुःख-दर्द को दूर करके उन्हें सुखी कर सके।

(3) भगवान एक है। कवि ने उसे किन-किन नामों से पुकारा है?
उत्तर:
कवि ने भगवान को करुणामय, ज्योतिर्मय, शक्तिमान और गुणागार नामों से पुकारा है।

(ग) आत्म-बोध:

(1) नित्य प्रार्थना करें। भगवान से जो भी माँगें, प्राप्त होने पर उस परम सत्ता का धन्यवाद अवश्य करें।
(2) आप भगवान से क्या मांगेंगे? अपनी कल्पना से लिखें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Guide कामना Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
कवि स्वयं में क्या भरने को कहता है ?
(क) दया
(ख) खून
(ग) पसीना
(घ) अकड़
उत्तर:
(क) दया

प्रश्न 2.
‘कामना’ शब्द का क्या अर्थ है ?
(क) अच्छा
(ख) इच्छा
(ग) करुणा
(घ) काम
उत्तर:
(ख) इच्छा

प्रश्न 3.
कवि मानवता की सेवा करके क्या बनना चाहता है ?
(क) पुलिस
(ख) सैनिक
(ग) सच्चा इंसान
(घ) कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) सच्चा इंसान

प्रश्न 4.
कवि सारे संसार को किससे भरना चाहता है ?
(क) पानी से
(ख) काले बादलों से
(ग) दुःख की सुगंध से
(घ) सुख की सुगंध से
उत्तर:
(घ) सुख की सुगंध से

प्रश्न 5.
मनुष्य किससे परेशान है ?
(क) चिंता से
(ख) सुख से
(ग) सैर से
(घ) घर से
उत्तर:
(क) चिंता से

निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
जीवन नाव डूब रही लोगों के लिए कवि ……….. बनना चाहता है ?
(क) चप्पू
(ख) बम्बू
(ग) कलम
(घ) दवात
उत्तर:
(क) चप्पू

प्रश्न 2.
कवि ज्ञानी और गुणी बनकर ………. की सेवा करना चाहता है।
(क) कायरता
(ख) मानवता
(ग) बच्चों
(घ) घायलों
उत्तर:
(ख) मानवता

प्रश्न 3.
कवि ………… का नाश करना चाहता है।
(क) कष्टों
(ख) नेत्रों
(ग) दुष्टों
(घ) नाखूनों
उत्तर:
(ग) दुष्टों

प्रश्न 4.
कवि चिंता से परेशान मनुष्य को ………. जीवन व्यतीत करने में मदद करना चाहता है।
(क) आज़ाद
(ख) अमीर
(ग) गरीब
(घ) घायल
उत्तर:
(क) आज़ाद

कामना सप्रसंग व्याख्या

1. हे करुणामय! करुणा भर दो,
दुखियों का आधार बनें।
डूब रही हो जिनकी नौका,
मैं उनकी पतवार बनूँ॥

शब्दार्थ:
करुणामय = दयालु। करुणा = दया। आधार = सहारा । नौका = नाव। पतवार = चप्पू।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपनी इच्छा बताता है।

सरलार्थ:
कवि परमात्मा को कहता है कि हे दयालु! मुझे दया से भर दो जिससे मैं दुखियों का सहारा बनूँ। जिन की जीवन की नाव डूब रही हो उन के लिए मैं चप्पू बन जाऊँ।

भाव:
कवि दुखी और जीवन से निराश लोगों का सहारा बन कर उनकी सहायता करने की कामना परमात्मा से करता है।

2. हे ज्योतिर्मय! ज्ञान ज्योति दो,
गुणी और विद्वान बनूँ।
मानवता की सेवा करके,
मैं सच्चा इन्सान बनूँ॥

शब्दार्थ:
ज्योतिर्मय = प्रकाशमान, प्रकाश देने वाले। ज्ञान = जानकारी, बोध। ज्योति = प्रकाश। गुणी = गुणों वाला।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपने मन की इच्छा बताई है।

सरलार्थ:
कवि परमात्मा से प्रार्थना करता है कि हे प्रकाश देने वाले! मुझे ज्ञान का प्रकाश दीजिए, जिससे मैं गुणी और ज्ञानी बनकर मानवता की सेवा करके सच्चा इन्सान बन जाऊँ।

भाव:
कवि परमात्मा से उसे सद्गुणी तथा ज्ञानी बनाने की प्रार्थना करता है, जिससे वह मानव मात्र की सेवा कर सके।

3. शक्तिमान! दो अमित शक्ति,
मैं दुष्टों का संहार करूँ।
दीन-दुःखी का बनूं आसरा,
भारत माँ का भार हरूँ॥

शब्दार्थ-शक्तिमान = ताकतवाला। अमित = बहुत अधिक। संहार = नाश । दीन = गरीब। भार = बोझ, कष्ट।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता में से लिया गया है। इसमें कवि ने परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपनी इच्छा बताई है।

सरलार्थ:
कवि परमात्मा से कहता है कि हे शक्तिशाली! आप मुझे बहुत अधिक शक्ति दो, जिससे मैं दुष्टों का नाश करूँ, गरीबों और दुखियों का सहारा बनूँ और भारत माता के कष्टों को दूर कर सकूँ।

भाव:
कवि परमात्मा से उसे शक्ति प्रदान करने के लिए कहता है, जिससे वह दीनदुखियों की सहायता करते हुए भारत माता के कष्टों को भी दूर कर सके।

4. गुणागार! सब सद्गुण भर दो,
जग में सुखद सुगन्ध भरूँ।
चिन्ता में घुलते मानव को,
मुक्त और निर्द्वन्द्व करूँ॥

शब्दार्थ:
गुणागार = गुणों का भण्डार। सद्गुण = अच्छे गुण। सुखद = सुख देने वाला। सुगन्ध = खुशबू। चिन्ता में घुलते = चिन्ता से परेशान । मानव = मनुष्य। मुक्त = आज़ाद, स्वच्छंद। निर्द्वन्द्व = द्वन्द्व रहित, संघर्ष से रहित, शान्त।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘कामना’ नामक कविता में से लिया गया है। इसमें कवि ने परमात्मा से प्रार्थना करते हुए उन्हें अपनी इच्छा बताई है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि हे गुणों के भंडार! मुझ में सभी अच्छे गुण भर दो जिससे मैं सारे संसार को सुख की सुगन्ध से भर दूं। मैं चिन्ता से परेशान मनुष्य को आज़ाद और शान्त जीवन व्यतीत करने में सहायता कर सकूँ।

भाव:
कवि परमात्मा से अच्छे गुण प्राप्त कर मानव को सुखी बनाना चाहता है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 1 कामना

कामना Summary

कामना कविता का सार

‘कामना’ शब्द का अर्थ है-‘इच्छा’। कवि परमात्मा से प्रार्थना करते हुए कहता है कि हे दयालु! आप मेरे हृदय में दया भर दो जिससे मैं दुखियों का सहारा बन सकूँ। हे प्रकाशमान! आप मुझे ज्ञान दो जिससे मैं गुणी और ज्ञानी बनकर सच्चा इन्सान बन कर मानवता की सेवा कर सकूँ। हे शक्तिशाली ! मुझे असीम शक्ति दो जिससे मैं दुष्टों को नष्ट करके दीनदुखियों का सहारा बनूँ तथा भारत माता के संतापों का भार दूर कर सकूँ। हे गुणों के भंडार! मुझ में अच्छे गुणों को भर दो जिससे मैं संसार में सुख रूपी सुगन्ध भर सकूँ तथा चिन्ताओं से परेशान लोगों को स्वतन्त्र और शान्त जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा दे सकूँ।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Lokoktiyan लोकोक्तियाँ Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar लोकोक्तियाँ

वाक्य प्रयोग सहित लोकोक्तियाँ

1. अन्धों में काना राजा = मूों में थोड़ा पढ़ा (सयाना) ।
प्रयोग – हमारे गाँव की अनपढ़ जनता को पोस्टमैन ही पत्र पढ़कर और सुनाकर आदर पाते हैं क्यों न हो ‘अन्धों में काना राजा’।

2. अधजल गगरी छलकत जाए = कम ज्ञान या धन वाला दिखावा अधिक करता है।
प्रयोग-कृष्णलाल है तो कमेटी में चपरासी लेकिन बातें ऐसी करता है, जैसे कहीं सचिव हो। ठीक है ‘अधजल गगरी छलकत जाए’।

3. अन्त भले का भला = अच्छे काम का फल अच्छा होता है।
प्रयोग – मैं तो सच्चाई और ईमानदारी पर चलने वाला हूँ। मेरा ‘अन्त भले का भला’ में दृढ़ विश्वास है।

4. अन्धी पीसे कुत्ता खाए = कमाए कोई, खाए कोई। प्रयोग-लाला सोहन लाल दिन-रात कोल्हू के बैल की तरह पिसते रहते हैं
और थोड़ी – सी पूँजी जमा करते हैं लेकिन उनके सम्बन्धी हितैषी वनकर गुलछर्रे उड़ाते हैं। ठीक ही कहा है अँधी पीसे कुत्ता खाए।

5. अक्ल बड़ी या भैंस = शारीरिक बल से बुद्धि बल बड़ा होता है।
प्रयोग – मोहन चाहे शारीरिक रूप से हृष्ट-पुष्ट है, परन्तु परीक्षा में सुधा के मुकाबले में उसे बहुत कम नम्बर मिलते हैं। इसीलिए कहा गया है कि अक्ल बड़ी या भैंस।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

6. अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गई खेत = हानि होने पर पछताने से क्या लाभ।
प्रयोग – भाई मोहन परिश्रम करते तो पास होते। अब रोने से क्या होगा ? सच है ‘अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत।’

7. आम के आम गुठलियों के दाम = सब प्रकार से लाभदायक सौदा।
प्रयोग – रामदास हरिद्वार जाकर पुराने कपड़े भी बेच आया और गंगा स्नान भी कर आया। इसे कहते हैं-आम के आम गुठलियों के दाम।

8. आँख का अन्धा नाम नयन सुख = काम के प्रतिकूल नाम होना।
प्रयोग – उसका नाम तो भीमसेन है लेकिन है हड्डियों का ढाँचा। इसे कहते हैं ‘आँख का अन्धा नाम नयन सुख’।

9. आ बैल मुझे मार = जान बूझकर मुसीबत मोल लेना।
प्रयोग – अगले स्टेशन पर टी० टी० टिकट चैक कर रहा है। तुम बिना टिकट यात्रा करने की सोच रहे हो। इसे कहते हैं ‘आ बैल मुझे मार’।

10. आसमान से गिरा और खजूर पर अटका = एक मुसीबत से बचकर दूसरी मुसीबत में फँसना।
प्रयोग – चोर ने जब पुलिस को आते देखा तो अन्धेरे की ओर भागा और गड्ढे में गिर जाने से उसकी टाँग टूट गई। बेचारा ‘आसमान से गिरा और खजूर में अटका’।

11. आगे कुआँ पीछे खाई = दोनों ओर मुसीबत।
प्रयोग – सोहन ने आगे शेर आते देखा, पीछे साँप फुकारता, उसकी दशा तो ‘आगे कुआँ पीछे खाई’ वाली हो गई।

12. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे = स्वयं का अपराध अन्य निर्दोष पर लगाना।
प्रयोग – राम की किताब रमेश ने चुराई तो रमेश उल्टे राम पर चोरी का इल्जाम लगाता है। ठीक है ‘उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

13. ऊँट के मुँह में जीरा = अधिक खाने वाले को कम मिलना,
प्रयोग – उस पहलवान के लिए एक चपाती ऊँट के मुँह में जीरे के समान ही है।

14. ऊँची दुकान फीका पकवान = बड़ा दिखावा पर भीतर से खोखला।
प्रयोग – स्कूल का नाम तो रखा ‘तक्षशिला विद्यालय’ परन्तु वहाँ जाकर देखा तो तीन-चार टूटे-फूटे कमरे थे। वही बात है ‘ऊँची दुकान फीका पकवान’।

15. एक अनार सौ बीमार = वस्तु एक, ग्राहक अनेक।
प्रयोग – गाँव में डॉक्टर तो एक है परन्तु बीमारी घर-घर फैली है। वहाँ एक अनार सौ बीमार’ वाली हालत है।

16. एक हाथ से ताली नहीं बजती = दो लड़ने वालों के कारण ही लड़ाई आरम्भ होती है।
प्रयोग – सुधा ने सारा दोष जब अपनी सास पर लगाया तो उसके पति ने कहा यह कैसे हो सकता है, भला एक हाथ से ताली बजती है।

17. एक पंथ दो काज = एक ही उपाय से दो काम निकालना।
प्रयोग – मैं गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से फार्म लेने अमृतसर गया था और वहाँ दरबार साहिब और दुर्याणा मन्दिर भी देख आया। इस प्रकार ‘एक पंथ दो काज’ हो गए।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

18. एक ही थैली के चट्टे-बट्टे = सब एक जैसे बुरे।
प्रयोग – इस विभाग के सभी कर्मचारी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं, तुम किसी को भी रिश्वत देकर काम निकाल सकते हो।

19. एक करेला दूसरा नीम चढ़ा = एक बुराई स्वाभाविक हो, दूसरी संगतिजन्य बुराई और इकट्ठी हो जाए।
प्रयोग – दिलीप पढ़ता-लिखता तो था नहीं अब सोहन जुआरिये के साथ जुआ भी खेलने लग पड़ा है। उस पर यह लोकोक्ति चरितार्थ होती है कि “एक करेला, दूसरा नीम चढ़ा।”

20. एक मछली सारे तालाब को गन्दा करती है = एक बुरा व्यक्ति सारे परिवार और समाज को बदनाम कर देता है।
प्रयोग-हमारे स्कूल का नाम सारे राज्य में है लेकिन राम बेकार की शरारतें करता है। वही नहीं जानता कि “एक मछली सारे तालाब को गन्दा करती है।”

21. ओखली में सिर दिया तो मसल से क्या डर = कठिन काम में कष्टों को सहना पड़ता है।
प्रयोग – कृपाराम ने जब चोरी कर ही ली है तो पुलिस का क्या डर ? क्योंकि “ओखली में सिर दिया तो मूसल से क्या डर ?”

22. कंगाली में आटा गीला = एक कष्ट पर दूसरा कष्ट।
प्रयोग – जगदीश पहले तो कठिनाई से गुजारा करता था। अब उसका लड़का बीमार हो गया है। सच है ‘कंगाली में आटा गीला’।

23. करनी और कथनी में अन्तर = कहने और करने में अन्तर।
प्रयोग – आतंकवादियों के विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाही में पाकिस्तान के मन्त्री की करनी और कथनी में अन्तर साफ दिखाई पड़ता है।

24. काला अक्षर भैंस बराबर = अनपढ़ व्यक्ति।
प्रयोग – भारत के अधिकतर-ग्रामीणों के लिए काला अक्षर भैंस बराबर है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

25. काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती = छल-कपट का काम सदा सम्भव नहीं होता।
प्रयोग – मोहन मुझसे रुपए लेकर मुकर गया। जब दुबारा माँगने आया तो मैंने उसे साफ़ कह दिया भाई ‘काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती’।

26. कोयले की दलाली में मुँह काला = बुरी संगति का बुरा प्रभाव।
प्रयोग – जगदीश ने दुष्ट प्रमोद से दोस्ती करके बदनामी प्राप्त की। उसे क्या मालूम था कि ‘कोयले की दलाली में मुँह काला’ होता है।

27. कुत्ते को घी हज़म नहीं होता = नीच आदमी उच्च पदवी मिल जाने पर इतराने लगता है।
प्रयोग – जब से आवारा देव की लाटरी निकली है उसने नौकरी छोड़कर जुआ खेलना शुरू कर दिया है क्योंकि ‘कुत्ते को घी हज़म नहीं होता’।

28. कौआ चला हंस की चाल अपनी चाल भी भूल गया = दूसरों की नकल में अपना गुण भी खो देना।
प्रयोग – धनी राम की नकल करके गरीबू अपनी थोड़ी-सी पूंजी भी गवां बैठा। इसलिए किसी ने कहा है ‘कौआ चला हंस की चाल अपनी चाल भी भूल गया।

29. खोदा पहाड़ निकली चुहिया = परिश्रम अधिक किन्तु लाभ थोड़ा।
प्रयोग – जब हम कांगड़ा का किला देखने चार किलोमीटर पैदल चलकर गए तो वहाँ पर देखा कि सब कुछ खंडहर हो चुका है। तब सब ने कहा कि ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

30. गंगा गए गंगाराम, जमुना गए जमुनादास = परिस्थिति के अनुसार बदलना।
प्रयोग – आजकल के विधायक तो लोभवश दल बदल लेते हैं। उनकी हालत तो ‘गंगा गए गंगाराम, जमुना गए जमुनादास’ जैसी ही है।

31. धूप में बाल सफ़ेद करना = अनुभव प्राप्त करना।
प्रयोग – बड़ों ने धूप में बाल सफ़ेद नहीं किए होते, हमें उनकी बात माननी चाहिए।

32. घर की मुर्गी दाल बराबर = अपने घर की वस्तु या चीज़ का आदर न होना।
प्रयोग – राम के घर तो पकौड़े भी देसी घी के बनते हैं, घर में चार दुधारू भैंसें हैं। ठीक ही कहा है ‘घर की मुर्गी दाल बराबर’।

33. चिराग तले अन्धेरा = खुद की बुराई नहीं देखना।
प्रयोग-मास्टर जी कहते हैं कि भाइयों से प्रेम करो और खुद भाइयों को पीटते हैं। इसे कहते हैं ‘चिराग तले अन्धेरा’।

34. चार दिन की चाँदनी फिर अन्धेरी रात = सुख सदैव नहीं रहता।
प्रयोग – धन सदा स्थिर नहीं रहता लाला जी, यह तो ‘चार दिन की चाँदनी फिर अन्धेरी रात, सिद्ध होता है।

35. जल में रहकर मगर से वैर = जिस जगह पर रहना हो वहाँ के अधिकारियों से बिगाड़ लेना।
प्रयोग – मैंने मोहन से कहा कि भाई, तूने तो सोहन से झगड़ा करके नौकरी खतरे में डाल ली है। इस तरह ‘जल में रहकर मगर से वैर’ नहीं हो सकता।

36. जिस थाली में खाना उसी में छेद करना = कृतघ्न व्यक्ति।
प्रयोग – सेठ जी ने अपने नौकर की लड़की की शादी के लिए चार हज़ार रुपए तो दे दिए किन्तु जाते समय वह हार भी चुरा कर ले गया। इस प्रकार ‘जिस थाली में खाया, उसी में छेद किया।

37. जिसकी लाठी उसकी भैंस = शक्तिशाली की जीत होती है।
प्रयोग – शिवाजी के शक्तिशाली होने पर उन्होंने दक्षिणी प्रदेश जीत लिया। इसको कहते हैं ‘जिसकी लाठी उसकी की भैंस’।

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38. जहाँ चाह वहाँ राह = तीव्र इच्छा हो तो काम बन जाता है।
प्रयोग – अरे बलदेव, पैसों की परवाह न करो, दिल से मेहनत करो सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी, क्योंकि कहा है कि ‘जहाँ चाह वहाँ राह’।

39. जो गरजते हैं वे बरसते नहीं = डींग मारने वाले कुछ करते नहीं।
प्रयोग – अरे जाओ, बड़-बड़ न करो, मैंने बहुत देखे हैं तुम्हारे जैसे जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं।

40. झोंपड़ी में रहकर महलों से नाता जोड़ना = अपनी पहुंच से बाहर की इच्छा करना।
प्रयोग – आज मध्यम वर्गीय लोग झोंपड़ी में रहकर महलों से नाता जोड़ने की बात सोच रहे हैं अमीर वे हो नहीं सकते, ग़रीब वे कहाना नहीं चाहते।

41. थोथा चना बाजे घना = कम योग्यता वाला ज्यादा डींगें मारता है।
प्रयोग – मोहन है तो पाँचवीं पास, पर कहता है अपने को साहित्यकार। सच है ‘थोथा चना बाजे घना’।

42. दूर के ढोल सुहावने = बिन देखी वस्तु प्रिय लगती है।
प्रयोग – हमने मंसूरी के बारे में खूब सुन रखा था कि यह तो पहाड़ों की रानी है लेकिन जब उसे देखने गए तो ऐसा कुछ भी न दिखाई दिया जिससे हम भी कह सकें कि मंसूरी बहुत सुन्दर नगर है। सच है ‘दूर के ढोल सुहावने’ लगते हैं।

43. दूध का जला छाछ को फूंक-फूंक कर पीता है = एक बार धोखा खाने वाला हमेशा आशंकित रहता है।
प्रयोग – रामचन्द्र ने जब से लोहे में घाटा खाया, तब से होशियारी से काम करता है। सच है कि ‘दूध का जला छाछ को फूंक-फूंक कर पीता है’।

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44. दूध का दूध पानी का पानी = सच्चा न्याय।
प्रयोग – न्यायाधीश ने प्रवीण और गौतम के झगड़े में निर्णय देते हुए ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ करके दिखला दिया।

45. धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का = अस्थिर चित्त का व्यक्ति कहीं का नहीं रहता।
प्रयोग – इधर तो तुमने व्यापार में भी घाटा खा लिया और उधर नौकरी भी गई। तुम्हारी तो वही हालत है, ‘धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का।

46. न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी = कारण को ही समाप्त कर देना।
प्रयोग – अभिमन्यु की वीरता देखकर दुर्योधन ने कहा कि इसे जान से मार डालो। ‘न रहेगा बांस न बजेगी बाँसुरी’।

47. न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी = अपनी असमर्थता को छिपाने के लिए असम्भव शर्त लगाना।
प्रयोग – सुधा को गीत सुनाने को कहा गया तो वह कहने लगी-आर्केस्ट्रा, हारमोनियम, तबला बजाने वाले हों तो गा सकती हूँ। इस पर सबके मुँह से निकला ‘न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी’।

48. नाच न जाने आँगन टेढ़ा = कार्यविधि न जानने पर इधर-उधर के बहाने करना।
प्रयोग – तुलसीदास की चौपाइयों का अर्थ नन्दलाल को आता नहीं। कहने लगे यहाँ श्रोता ही बहुत कम हैं। वाह ! ‘नाच न जाने आँगन टेढ़ा’।

49. नौ नकद न तेरह उधार = ज्यादा उधार की बजाय थोड़ा नकद ही अच्छा है।
प्रयोग – लोभवश रमेश अधिक लाभ लेकर माल उधार बेचता है और लोग पैसे देते नहीं। इससे अच्छा है-नकद बेचो चाहे थोड़ा बेचो। सच है ‘नौ नकद न तेरह उधार’।

50. पाँचों उँगलियाँ बराबर नहीं होती = सब लोग एक जैसे नहीं होते।
प्रयोग – राम ने तो गंगू तेली की लड़की की शादी के लिए उसे तीन हजार रुपए दिए, लेकिन उसके भाई ने श्याम का मकान कुर्क करा लिया । तभी तो कहा है कि ‘पाँचों उँगलियाँ बराबर नहीं होतीं’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

51. बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद = कदर करने की योग्यता न होना।
प्रयोग – जब मैंने कलावती को खाने के लिए काजू दिए तो उसने फीके हैं कहकर फेंक दिए। सच है, ‘बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद’।

52. भैंस के आगे बीन बजाना = मूर्ख को ज्ञानोपदेश देना।
प्रयोग – कवि सम्मेलन में कविताओं का स्तर बहुत अच्छा था मगर श्रोताओं में आधे व्यक्ति तो अनपढ़ ही थे, तो मुझे लगा कि यहाँ पर तो ‘भैंस के आगे बीन बजाना’ है।

53. मान न मान मैं तेरा मेहमान = जबरदस्ती मेहमान बनना।
प्रयोग – मेरा मित्र महीने भर से मेरे घर ठहरा हुआ है जाने का नाम ही नहीं लेता। इसे कहते हैं मान न मान मैं तेरा मेहमान।

54. मन चंगा तो कठौती में गंगा = यदि मन शुद्ध है, तो तीर्थ घर में ही है।
प्रयोग – पिता जी ने भीम से कहा कि बेटा मन्दिर में जाकर आडम्बर करने से तो अच्छा है कि घर में ही पूजा कर लो और माँ-बाप का आदर करो। जानते हो कि ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’।

55. मुद्दई सुस्त गवाह चुस्त = खुद तो कुछ भी न करना और साथियों से अधिक मदद मिलना।
प्रयोग – रवीन्द्र ने स्वयं तो आवेदन-पत्र तक नहीं भरा था कि चाचा जी उसकी नौकरी के लिए मुख्याध्यापक महोदय से मिल आए। वहीं बात सुनी हुई कि ‘मुद्दई सुस्त गवाह चुस्त’।

56. रस्सी जल गई पर बल न गया = दुर्दशा होने पर भी घमण्डी रहना।
प्रयोग – कत्ल के आरोप में नन्द किशोर की नौकरी तो छूट गई, पर अब भी घर वालों पर पैसे लेने के लिए रौब डालता है। सच है कि ‘रस्सी तो जल गई, पर बल नहीं गया।

57. सहज पके सो मीठा होय = धीरे-धीरे किया जाने वाला काम दृढ़ तथा फलदायक होता है।
प्रयोग – अरे महेश ! परीक्षा की शुरू से ही तैयारी करोगे, तब ही प्रथम स्थान प्राप्त कर सकोगे क्योंकि ‘सहज पके सो मीठा होय’।

58. साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे = काम भी हो जाए और हानि भी न हो।
प्रयोग – पिता जी ने दिनेश से कहा कि बेटा, उससे झगड़ा करना ठीक नहीं। कुछ ऐसी तरकीब सोचो कि ‘साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ

59. सावन हरे न भादों सूखे = सदा एक-सी अवस्था में रहना।।
प्रयोग – सुरेश निर्धन होने के कारण पाई-पाई के लिए मरता था। लेकिन अब जबकि उसका व्यापार चमक उठा है, अब भी उसकी पाई-पाई के लिए मरने की आदत नहीं गई। उसकी तो ‘सावन हरे न भादों, सूखे’ वाली बात है।

60. सौ सुनार की एक लोहार की = कमज़ोर की सौ चोटों से बलवान की एक चोट ही करारी होती है।
प्रयोग – प्रतिदिन तंग किये जाने पर प्रमोद ने बलदेव से कहा-ध्यान से सुन लो किसी दिन इतना पीढूँगा कि नानी याद आ जाएगी। तुम शायद जानते नहीं कि “सौ सुनार की, एक लोहार की” होती है।

61. होनहार बिरवान के होत चीकने पात = योग्य व्यक्ति की योग्यता का बचपन में ही पता चल जाता है।
प्रयोग – भारत केसरी विजय का बचपन से ही कुश्ती में इतना लगाव था कि गुरु गिरधारी ने कह दिया था कि यह कभी भारत का सर्वश्रेष्ठ पहलवान होगा, क्योंकि ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’।

62. हाथी के दाँत, खाने के और दिखाने के और = कपटी व्यक्ति।
प्रयोग – आजकल के नेताओं की कथनी और करनी में दिन-रात का अन्तर होता है, क्योंकि वे तो ‘हाथी के दाँत, खाने के और दिखाने के और’ की लोकोक्ति को चरितार्थ करते हैं।

63. हाथ कंगन को आरसी क्या = प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता है
प्रयोग – कठोर परिश्रम सफलता की गारंटी है आज से ही परिश्रम करना शुरू करें और परिणाम स्वयं देख लें- हाथ कंगन को आरसी क्या’।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Muhavare  मुहावरे Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar मुहावरे

मुहावरे :
जब कोई वाक्य या वाक्यांश अपने साधारण अर्थ को छोड़कर विलक्षण अर्थ प्रकट करे, उसे मुहावरा या वाग्धारा कहा जाता है।
वाक्य प्रयोग सहित मुहावरे

1. अपनी खिचड़ी अलग पकाना = सबसे अलग रहना,
प्रयोग – सबके साथ मिलकर रहना चाहिए, अपनी खिचड़ी अलग पकाने से कोई लाभ नहीं होता।

2. अन्धे की लकड़ी = एकमात्र सहारा,
प्रयोग – राकेश ही बुढ़ापे में मुझ अन्धे की लकड़ी है।

3. अन्धेरे घर का उजाला = इकलौता बेटा,
प्रयोग – रमन अन्धेरे घर का उजाला है, उसका ध्यान रखो।

4. अंग-अंग ढीला होना = थक जाना,
प्रयोग – दिन भर के परिश्रम से मजदूरों का अंग-अंग ढीला हो जाता है।

5. अन्तिम दीपक बुझना = आखिरी सहारा भी खत्म होना,
प्रयोग – पहले बड़े पुत्र की मौत हो गई और अब छोटे की, लाला राम नाथ का अन्तिम दीपक भी बुझ गया।

6. अँगूठा दिखाना = इन्कार कर देना,
प्रयोग – नेता लोग चुनाव के दिनों में बीसों वायदे करते हैं, परन्तु बाद में अँगूठा दिखा देते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

7. अंगुली उठाना = दोष लगाना, निन्दा करना,
प्रयोग – कर्त्तव्यपरायण व्यक्ति पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता।

8. अंगारे उगलना = क्रोध में जली-कटी बातें कहना,
प्रयोग – रावण को जब अंगद ने खरी-खरी सुनाई तो वह भरी सभा में अंगारे उगलने लगा।

9. अपना उल्लू सीधा करना = स्वार्थ निकालना,
प्रयोग-आज हर कोई अपना उल्लू सीधा करना चाहता है।

10. अगर-मगर करना = टाल मटोल करना,
प्रयोग-कभी भी अगर-मगर नहीं करना चाहिए सदैव हाँ या नहीं में उत्तर देना ही उचित है।

11. अपना खून देना = कुर्बानी करना,
प्रयोग – आजादी के लिए अनेक देशभक्तों ने अपना खून दिया था।

12. आँख उठाना-बुरी नज़र से देखना,
प्रयोग – पाकिस्तान की क्या हिम्मत जो भारत की ओर आँख उठा सके।

13. आँख मूंदना = मर जाना,
प्रयोग – लम्बी बीमारी के बाद बिन्दा ने सदा के लिए आँख मूंद ली।

14. आँखें बिछाना = प्रेम से स्वागत करना,
प्रयोग – प्रधानमन्त्री के आगमन पर नगरवासियों ने आँखें बिछा दीं।

15. आँखें मलना = जागना,
प्रयोग – पिता के उठाने पर मनोहर आँखें मलता हुआ बाहर आया तो दिन चढ़ चुका था।

16. आकाश से बातें करना = बहुत ऊँचे होना,
प्रयोग – राजधानी दिल्ली के कई भवन आकाश से बातें करते दिखाई देते हैं।

17. आड़े हाथों लेना = खरी-खरी सुनाना,
प्रयोग – सोहन के लगातार बोलने पर मैंने उसे आड़े हाथों लिया।

18. आग बबूला होना = बहुत कुद्ध होना,
प्रयोग – अंगद की खरी-खोटी सुनकर रावण आग-बबूला हो गया।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

19. आँखों का तारा = बहुत प्यारा,
प्रयोग – सुनील तो अपनी माता-पिता की आँखों का तारा है।

20. आकाश-पाताल एक करना = बहुत प्रयत्न करना,
प्रयोग – चोर ने बचने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया लेकिन उसकी एक न चली।

21. आँखों में खून उतरना = बहुत गुस्सा आना-नौकर को अपने साथ जुबान लड़ाते देख सेठ जी की आँखों में खून उतर आया।

22. आग भड़क उठना = फैल जाना,
प्रयोग – छोटी-सी बात पर मुरादाबाद में साम्प्रदायिक दंगों की आग भड़क उठी।

23. आगे-पीछे घूमना = चापलूसी करना,
प्रयोग – आजकल बहुत से नेता मन्त्रियों के आगे-पीछे घूमते हैं।

24. आँखों में धूल झोंकना = धोखा देना,
प्रयोग – ठग राम की आँखों में धूल झोंक कर पाँच सौ रुपए ले गया।

25. आँखों में रात काटना = चिन्ता के कारण सो न सकना,
प्रयोग – कब तक आँखों में रात काटोगे ? यह मत भूलो कि हर रात के बाद सवेरा होता है।

26. आँखें भर आना = आँसू निकलना,
प्रयोग – भिखारी की दर्द भरी कहानी सुनकर मेरी आँखें भर आईं।

27. आँखें फेर लेना = बदल जाना, प्रतिकूल होना,
प्रयोग – अक्सर काम निकल जाने पर लोग आँखें फेर लेते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

28. आँखों में चर्बी छा जाना = बहुत घमण्ड होना,
प्रयोग – लाटरी निकलने पर हर किसी की आँखों में चर्बी छा जाती है।

29. आँधी की भाँति बढ़ना = बड़ी तेजी से आगे जाना,
प्रयोग – स्यालकोट क्षेत्र में भारतीय सेना, आँधी की भाँति आगे बढ़ गई थी।

30. इधर-उधर की हाँकना = व्यर्थ की गप्पें मारना,
प्रयोग – राम सदैव इधर-उधर की हाँकता रहता है।

31. ईद का चाँद होना = बहत दिनों के बाद दिखाई देना,
प्रयोग – अरे सुरेश ! तुम तो ईद के चाँद हो गए हो, कहाँ रहते हो ?

32. उत्साह मन्द पड़ जाना = हौसला ठण्डा पड़ना,
प्रयोग – परीक्षा में एक बार असफल रहने पर दिनेश का उत्साह मन्द पड़ गया।

33. उल्टी गंगा बहाना = उल्टी बातें करना,
प्रयोग – आजकल माता-पिता बच्चों से डरने लगे हैं, अब उल्टी गंगा बह रही है।

34. उड़ती चिड़िया पहचानना-चालाक होना, दूर की बात जान लेना,
प्रयोग – मोहन ने धूप में बाल सफ़ेद नहीं किए, वह उड़ती चिड़िया पहचानता है।

35. उन्नीस-बीस का अन्तर = बहुत कम अन्तर,
प्रयोग – मोहन तथा सोहन के कद में उन्नीस-बीस का अन्तर है।

36. एक न चलना = कोई युक्ति सफल न होना,
प्रयोग – रावण की श्री रामचन्द्र के आगे युद्ध में एक न चली।

37. एक आँख से देखना = बराबर का बर्ताव,
प्रयोग – माता-पिता अपने सभी बच्चों को एक आँख से देखते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

38. एड़ी चोटी का जोर लगाना = पूरा जोर लगाना।
प्रयोग – औरंगज़ेब ने शिवाजी को पकड़ने के लिए एडी चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन सफल न हो सका।

39. कमर कसना = तैयार होना,
प्रयोग – आज देश की ग़रीबी दूर करने के लिए सबको कमर कसनी चाहिए।

40. काम आना = युद्ध में मारा जाना,
प्रयोग – कारगिल के युद्ध में अनेक भारतीय वीर काम आए।

41.कान में तेल डालना = किसी बात को न सुनना,
प्रयोग – अरे राकेश, क्या तूने कान में तेल डाल रखा है, जो इतना ऊँचा बोलने पर भी नहीं सुनता।

42. कोलाहल मचाना = बहुत शोर करना,
प्रयोग – स्कूल में छुट्टी होते ही बच्चे कोलाहल मचाने लगते हैं।

43. नकोरा जवाब देना = साफ़ इन्कार करना,
प्रयोग – जब मैंने सोहन से साइकिल माँगी तो उसने मुझे कोरा जवाब दे दिया।

44. कसौटी पर कसना = बहुत परखना,
प्रयोग – मैं पहले व्यक्ति को कसौटी पर कस लेने के पश्चात् ही मित्र बनाता

45. कुत्ते की मौत मरना = बुरी हालत में मरना,
प्रयोग – बुरे कार्यों में लिप्त रहने वाले सदैव कुत्ते की मौत मरते हैं।

46. कोल्हू का बैल – रात-दिन काम करने वाला,
प्रयोग – कोल्हू का बैल बनने पर भी आजकल निर्वाह कठिनता से होता है।

47. खून खौलना = बहुत क्रोधित होना,
प्रयोग – भरी सभा में द्रौपदी का अपमान होते देखकर भीम का खून खौलने लगा।

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48. खून का प्यासा = कट्टर शत्रु,
प्रयोग – आज भाई-भाई के खून का प्यासा बन गया है।

49. खून का घूट पीना = क्रोध को दिल में दबाए रखना,
प्रयोग – हरगोपाल की पुत्रवधू उसकी गालियाँ सुनकर खून का चूंट पीये रहती है।

50. खून की नदियाँ बहाना = बहुत मार काट करना,
प्रयोग – सरहिन्द में बन्दा बहादुर ने खून की नदियाँ बहा दीं।

51. खून पसीना एक करना = बहुत परिश्रम करना,
प्रयोग – इस महँगाई के ज़माने में खून पसीना एक करना पड़ता है, तब कहीं जाकर निर्वाह होता है।

52. खाला जी का घर = आसान काम,
प्रयोग – दसवीं श्रेणी उत्तीर्ण करना खाला जी का घर नहीं है।

53. खरी-खरी सुनाना = सच्ची बात कहना,
प्रयोग – अंगद ने रावण को खरी-खरी सुनाई तो वह अंगारे उगलने लगा।

54. खेल बिगाड़ना = बने काम को खराब करना,
प्रयोग – अनिल तुमने बीच में पकड़कर हमारा सारा खेल बिगाड़ दिया। वह अभी मेरे साथ चलने वाला था।

55. खाक छानना = मारे-मारे फिरना,
प्रयोग – बचपन में राम पढ़ा नहीं, अब खाक छानता फिरता है।

56. गुदड़ी का लाल = बहुत प्यारा
प्रयोग-सचमुच सुनील गुदड़ी का लाल है। निर्धनता की अवस्था में भी
परीक्षा में जिले भर में प्रथम आया है।

57. गले लगाना = बहुत प्यार करना, आलिंगन करना,
प्रयोग – बुढ़िया ने देर से बिछुड़े पुत्र के मिलने पर उसे गले लगा लिया।

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58. गले का हार = बहुत प्रिय,
प्रयोग – रीता इकलौती बेटी होने के कारण अपने माता-पिता के गले का हार है।

59. गागर में सागर भरना-संक्षेप में बहुत कुछ कह देना,
प्रयोग – रीतिकालीन कवि बिहारी जी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है।

60. घर में गंगा = सहज प्राप्ति,
प्रयोग – अरे सुरेश ! तुम्हें पढ़ाई की क्या चिन्ता ? तुम्हारा भाई अध्यापक है, तुम्हारे घर में गंगा बहती है।

61. घुटने टेकना = आत्म-समर्पण करना,
प्रयोग – सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में पकिस्तान की सेना ने शीघ्र ही भारतीय सेना के आगे घुटने टेक दिए थे।

62. घाव पर नमक छिड़कना = दुःखी को और दुखाना,
प्रयोग – उसने मुझसे ऐसी बातें कह-कह कर मेरे दुःख को कम नहीं किया बल्कि मेरे घावों पर नमक छिड़क दिया है।

63. घी के दीये जलाना = खुशी मनाना,
प्रयोग – जब अयोध्या में श्री रामचन्द्र वापस पहुँचे तो लोगों ने घी के दीये
जलाए।

64. घाट-घाट का पानी पीना = अनुभवी होना,
प्रयोग – अनिल को कोई धोखा नहीं दे सकता क्योंकि उसने तो घाट-घाट का पानी पीया है।

65. चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना = भयभीत होना,
प्रयोग-पुलिस को पहुँचा देखकर चोर के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ गईं।

66. चकमा देना = धोखा देना,
प्रयोग – डाकू पुलिस को चकमा देकर चम्पत हो गए।

67. चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना = बनते काम में रुकावट डालना,
प्रयोग – आजकल चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाने वाले बहुत हैं।

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68. चल बसना = मर जाना,
प्रयोग – श्याम के पिता दो वर्ष की लम्बी बीमारी के बाद चल बसे।

69. चार चाँद लगना = मान बढ़ना,
प्रयोग – नवनीत ने आठवीं की परीक्षा में सर्वप्रथम आकर अपने कुल को चार चाँद लगा दिए।

70. चाँदी होना-बहुत लाभ होना,
प्रयोग – जब से तुमने व्यापार आरम्भ किया है, तुम्हारी तो चाँदी हो गई है।

71. चाल में आना = धोखे में फँसना,
प्रयोग – तुम्हें राम की चाल में नहीं आना चाहिए, वह ठग है।

72. चम्पत होना = खिसक जाना,
प्रयोग – सिपाही का जैसे ही ध्यान दूसरी तरफ हुआ कि चोर चम्पत हो गया।

73. चादर से बाहर पैर पसारना = आमदनी से बढ़ कर खर्चा करना,
प्रयोग – चादर से बाहर पैर पसारने वाले लोग अन्त में पछताते हैं।

74. चीत्कार कर उठना = ज़ोर से चीखना,
प्रयोग – कलिंग के युद्ध में भीषण मार-काट देखकर महाराजा अशोक चीत्कार कर उठा।

75. चुल्लू भर पानी में डूब मरना = बहुत लज्जित होना,
प्रयोग – अरे अनिल ! इस छोटे से पिट गए , चुल्लू भर पानी में डूब मरो।

76. छाती पर पत्थर रखना = चुपचाप दुःख सहना,
प्रयोग – शीला जिस दिन से अपने ससुराल आई थी, उसी दिन से उसने अपनी छाती पर पत्थर रख लिया था।

77. छक्के छूटना = हिम्मत हारना, घबरा जाना,
प्रयोग – महात्मा गाँधी के आन्दोलनों के समय अंग्रेजों के छक्के छूट गए।

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78. छक्के छुड़ाना = बुरी तरह हराना,
प्रयोग – सन् 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना के छक्के छुड़ा दिए।

79. छठी का दूध याद आना = भारी संकट पड़ना, कठिनाई अनुभव होना,
प्रयोग – श्री रामचन्द्र ने तीक्ष्ण बाणों के प्रहार से रावण को छठी का दूध याद दिला दिया।

80. जंगल में मंगल होना = निर्जन स्थान में रौनक होना,
प्रयोग – जब से विद्यार्थियों की टोली ने इस स्थान पर अपना कैम्प लगाया है, तब से यहाँ जंगल में मंगल हो गया है।

81. जूतियाँ चाटना = खुशामद करना,
प्रयोग – मोहन दूसरों की जूतियाँ चाटकर अपना काम निकालने में निपुण है।

82. जूं तक न रेंगना = कुछ प्रभाव न होना,
प्रयोग – मैंने मोहन को कई बार चोरी करने से मना किया, लेकिन उस पर जूं तक न रेंगी।

83. जान हथेली पर रखना = मरने की बिल्कुल परवाह न करना,
प्रयोग – रणक्षेत्र में भारत के वीर सदा जान हथेली पर रख कर लड़ते हैं।

84. जलती आग में घी डालना = क्रोध को अथवा लड़ाई को बढ़ाना,
प्रयोग – अनि पहले से ही सोहन से नाराज़ था ऊपर से कमल ने सोहन के विरुद्ध भड़का कर जलती आग में घी डाल दिया।

85. ज़हर का पूंट पीना = क्रोध को दबाना,
प्रयोग – देवर की बातें सुन कर शीला को क्रोध तो बहुत आया लेकिन वह ज़हर का चूंट पीकर रह गई।

86. जादू का सा प्रभाव पड़ना-अच्छा प्रभाव पड़ना,
प्रयोग- महात्मा जी की बातों का श्रद्धालुओं पर जादू का सा प्रभाव पड़ा।

87. जान पर खेलना = खुशी से जान देना, प्राणों की परवाह न करना,
प्रयोग-भगत सिंह जैसे देशभक्त भारत की स्वतन्त्रता के लिए जान पर खेल गए।

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88. जिगर का टुकड़ा = बहुत प्यारा,
प्रयोग – इकलौता बेटा अपने माँ-बाप के जिगर का टुकड़ा होता है।

89. जी चुराना = परिश्रम से भागना,
प्रयोग – अच्छे विद्यार्थी कभी भी पढ़ाई से जी नहीं चुराते।

90. टाँग अड़ाना = व्यर्थ दखल देना, रुकावट डालना,
प्रयोग – अरे प्रमोद ! अगर तुम सुरेश की सहायता नहीं कर सकते तो उसके काम में टाँग क्यों अड़ाते हो ?

91. टका-सा जवाब देना = साफ इन्कार कर देना,
प्रयोग – मैंने जब सुनील से 20 रुपए उधार माँगे तो उसने मुझे टका-सा जवाब दे दिया।

92. टेढ़ी खीर = कठिन कार्य,
प्रयोग – आजकल शिक्षित के लिए भी सरकारी नौकरी ढूँढ़ना टेढ़ी खीर है।

93. टक्कर लेना = मुकाबला करना,
प्रयोग – महाराणा प्रताप ने मुग़लों से टक्कर ली।

94. टस से मस न होना = ज़रा भी प्रभाव न होना, बात पर डटे रहना,
प्रयोग – बहुत समझाने पर भी जब वह टस से मस न हुआ तो मैंने उससे बोलना बन्द कर दिया।

95. ठोकरें खाना = धक्के खाना,
प्रयोग – प्रमोद पहले बचपन में पढ़ा नहीं और अब ठोकरें खाता फिरता है।

96. ठिकाने लगाना = मार देना, नाश कर देना,
प्रयोग-शिवाजी ने कितने ही मुग़लों को ठिकाने लगा दिया।

97. ठन-ठन गोपाल = जेब खाली होना,
प्रयोग – तुझे पैसे कहाँ से दूँ आज तो मैं भी ठन-ठन गोपाल हूँ।

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98. डींग मारना = शेखी मारना,
प्रयोग – राकेश डींगें मारता है लेकिन वैसे पाई-पाई के लिए मरता है।

99. डंका बजना = प्रभाव होना, अधिकार होना, विजय पाना,
प्रयोग – आज विश्व भर में रूस की शक्ति का डंका बज रहा है।

100. डूबते को तिनके का सहारा = संकट में थोड़ी-सी सहायता मिलना,
प्रयोग – इस मुसीबत में तुम्हारे दस रुपए ही मेरे लिए डूबते को तिनके का सहारा सिद्ध होंगे।

101. ढाढस बंधाना = हौसला देना,
प्रयोग – शाम के पिता की मृत्यु पर सभी उसे ढाढस बंधाने लगे।

102. तलवे चाटना = चापलूसी करना,
प्रयोग – मुनीश दूसरों के तलवे चाट कर काम निकालने में बड़ा चुस्त है।

103. ताक में रहना = अवसर देखते रहना,
प्रयोग – डाकू सदैव डाका मारने की ताक में रहते हैं।

104. तिल का ताड़ बनाना = बात बढ़ाना,
प्रयोग – क्यों तिल का ताड़ बनाते हो ? इतनी छोटी-सी लड़ाई पर मुख्याध्यापक के पास जाकर शिकायत करना ठीक नहीं है।

105. तिल धरने की जगह न होना = बहुत अधिक भीड़ होना,
प्रयोग – वार्षिक परीक्षा के नतीजे के दिन पाठशाला में इतनी भीड़ थी कि तिल धरने की जगह न थी।

106. तिलाञ्जलि देना = त्याग देना, छोड़ना,
प्रयोग – तुम्हें मोहन जैसे स्वार्थी तथा शरारती मित्र को दूर से ही तिलाञ्जलि दे देनी चाहिए।

107. तूती बोलना = प्रभाव होना, बात का माना जाना,
प्रयोग – आजकल धनी व्यक्ति की प्रत्येक स्थान पर तूती बोलती है।

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108. थाह लेना = पता लगाना, रहस्य पाना,
प्रयोग – किसी के दिल की थाह लेना बहुत कठिन काम है।

109. दम घुटने लगना = श्वास लेने में कठिनाई होना,
प्रयोग – आजकल यात्रा के समय इतनी भीड़ का सामना करना पड़ता है कि कई बार दम घुटने लगता है।

110. दंग रह जाना = हैरान रह जाना,
प्रयोग – अनिल के द्वारा चोरी किए जाने का समाचार सुनकर सभी दंग रह गए।

111. दिन में तारे नज़र आना = कोई अनहोनी घटना होने से घबरा जाना,
प्रयोग – जंगल में शेर को अपनी ओर लपकते देखकर प्रमोद को दिन में तारे नज़र आ गए।

112. दिन फिरना = अच्छे दिन आना,
प्रयोग – मित्रवर ! निर्धनता में इतना घबराओ नहीं, दिन फिरते देर नहीं लगती।

113. दाँत खट्टे करना = हराना,
प्रयोग – महाराणा प्रताप ने युद्ध में कई बार मुग़लों के दाँत खट्टे किए।

114. दिन दुगुनी रात चौगुनी = अत्यधिक,
प्रयोग – भूतपूर्व प्रधानमन्त्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में भारत ने दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति की।

115. दाल न गलना = वश न चलना,
प्रयोग – सुधीर ने अनिल तथा सुनील की मित्रता तो तोड़ने के लिए उनको लड़ाने का बहुत प्रयास किया लेकिन उसकी दाल न गली।

116. दांतों तले उंगली दबाना = आश्चर्य प्रकट करना,
प्रयोग – ताजमहल की सुन्दरता देखकर विदेशी दांतों तले उंगली दबा लेते

117. दौड़ धूप करना = खूब परिश्रम करना,
प्रयोग – बहुत दौड़-धूप की, तब कहीं छोटी-सी नौकरी मिल सकी।

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118. दिल बाग-बाग होना = प्रसन्न होना,
प्रयोग – परीक्षा में प्रथम श्रेणी पाने पर मेरा दिल बाग-बाग हो गया।

119. धाक जमाना = रौब या प्रभाव पैदा करना,
प्रयोग – सिकन्दर की वीरता की धाक शीघ्र ही सारे संसार में जम गई।

120. धावा बोलना = हमला करना, .
प्रयोग – शिवाजी की सेना ने एकदम मुग़लों पर धावा बोल दिया।

121. धज्जियाँ उड़ाना = पूरी तरह खंडन करना,
प्रयोग – महात्मा गाँधी ने अंग्रेज़ों के अत्याचारों की धज्जियाँ उड़ा दीं।

122. धूप में बाल सफ़ेद न करना = अनुभवी होना,
प्रयोग – इस विषय में मेरी भी राय लेनी चाहिए थी; मैंने भी दुनिया देखी है, धूप में बाल सफ़ेद नहीं किये।

123. नाक में दम करना = बहुत तंग करना,
प्रयोग – वर्षा ने नाक में दम कर दिया है, कहीं जाना भी कठिन हो गया है।

124. नाक कट जाना = बदनामी होना, मान नष्ट होना,
प्रयोग – बेटे के कुकर्मों ने पिता की नाक कटवा दी। अथवा यदि तुम इस उत्सव में शामिल न हुए तो मेरी नाक कट जाएगी।

125. नाम कमाना = प्रसिद्ध होना,
प्रयोग – घर बैठे-बैठे नाम नहीं कमाया जा सकता।

126. नमक-मिर्च लगाना = छोटी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना,
प्रयोग – हरीश के स्कूल से भागने पर सुरेश ने मुख्याध्यापक के सम्मुख खूब नमक मिर्च लगाकर उसकी शिकायत की।

127. नाकों चने चबाना = खूब तंग करना, भारी कष्ट पहुँचाना,
प्रयोग – सुभाष चन्द्र बोस जैसे वीरों ने अंग्रेज़ी सेना से टक्कर लेकर उनको नाकों चने चबा दिए थे।

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128. नाक भौं सिकोड़ना = घृणा करना,
प्रयोग – युवतियों को आधुनिक ढंग के कपड़े पहने देख बुजुर्ग नाक भौं सिकोड़ते हैं।

129. नौ दो ग्यारह होना = भाग जाना,
प्रयोग – सिपाही को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गया।

130. नीचा दिखाना = हराना, घमंड तोड़ना,
प्रयोग – पाकिस्तान सदैव भारत को नीचा दिखाने की ताक में रहता है।

131. प्राण पखेरू उड़ना = मृत्यु होना,
प्रयोग – मोटर के नीचे आकर लड़के के प्राण पखेरू उड़ चुके थे।

132. पासा पलटना = उलटफेर होना,
प्रयोग – राम ने यह चाल सोच समझकर चली थी, परन्तु पासा पलट गया।

133. पैरों में पर लगना = बहुत तेज़ भागना,
प्रयोग – अपने चाचा के अमेरिका से आने का समाचार पाकर वह उनसे मिलने ऐसे दौड़ा जैसे उसके पैरों में पंख लग गए हों।

134. पैरों पर गिरना = क्षमा माँगना,
प्रयोग – सेठ का क्रोध बढ़ता देखकर नौकर उसके पैरों पर गिर पड़ा।

135. पानी में आग लगाना = क्रोध दिलवाना,
प्रयोग – अपने बॉस से राजेश की शिकायत करके मोहन ने तो पानी में आग लगाने का काम किया।

136. पेट में चूहे कूदना = बड़े ज़ोरों की भूख लगना,
प्रयोग – जल्दी से खाना दे दो भई, पेट में तो चूहे कूद रहे हैं।

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137. पाँचों उंगलियाँ घी में होना = खूब फायदे में होना,
प्रयोग – भाई रमेश ! आजकल तो तुम्हारा व्यापार खूब चल रहा है, तुम्हारी तो पाँचों उंगलियाँ घी में हैं।

138. पानी-पानी होना = बहुत लज्जित होना,
प्रयोग – मेरे द्वारा सच्ची बात कहने पर राकेश पानी-पानी हो गया।

139. पानी फेरना = मेहनत बरबाद कर देना,
प्रयोग – बड़ी मेहनत से लेख लिखा था, मधु ने स्याही गिराकर उस पर पानी फेर दिया।

140. पीठ पर हाथ होना = पूरा सहायक होना,
प्रयोग – मोहन से झगड़ा मोल न लो, उसकी पीठ पर एक मन्त्री का हाथ

141. पीठ दिखाना = युद्ध से भाग जाना,
प्रयोग – युद्ध में पीठ दिखाना कायरों का काम है, वीरों का नहीं।

142. पट्टी पढ़ाना = बुरी सलाह देना,
प्रयोग – शीला ने अपने पति को ऐसी पट्टी पढ़ाई है कि वह अपने माता पिता की एक नहीं सुनता।

143. पलकें बिछाना = प्रेम से स्वागत करना,
प्रयोग – प्रधानमन्त्री के आगमन पर नगरवासियों ने पलकें बिछा दीं।

144. पसीना छूटना = घबरा जाना,
प्रयोग – कठिन प्रश्न-पत्र देखकर परीक्षार्थियों के पसीने छूट गए।

145. पगड़ी उछालना = अपमान करना,
प्रयोग – बड़ों की पगड़ी उछालना सज्जन पुरुषों को शोभा नहीं देता।

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146. पाँव की जूती = गुलाम, तुच्छ वस्तु,
प्रयोग – नारी को पाँव की जूती समझना बड़ी मूर्खता है।

147. पत्थर की लकीर = अटल बात,
प्रयोग – श्री जयप्रकाश नारायण का कथन पत्थर की लकीर सिद्ध हुआ था।

148. पापड़ बेलना = कई तरह के काम करना,
प्रयोग-कमल कान्त ने कई पापड़ बेले हैं लेकिन टिक कर कहीं भी काम नहीं किया।

149. प्राणों के लाले पड़ना = जान जोखिम में होना,
प्रयोग – दुर्घटनाग्रस्त बस के सभी यात्रियों को अपने-अपने प्राणों के लाले पड़े थे।

150. प्राणों पर खेल जाना = बलिदान देना,
प्रयोग – देश को स्वतन्त्र कराने के लिए सैंकड़ों देश-भक्त प्राणों पर खेल गए।

151. फूला न समाना = बहुत प्रसन्न होना,
प्रयोग- श्री रामचन्द्र जी के अयोध्या लौटने पर उनका छोटा भाई भरत फूला न समाया।

152. बाट जोहना = प्रतीक्षा करना,
प्रयोग – अरे मोहन । तुमने बहुत देर कर दी, मैं कब से तुम्हारी बाट जोह रहा

153. बात का धनी = वचन का पक्का ,
प्रयोग – सतीश बात का धनी है। वह अवश्य आपकी सहायता करेगा।

154. बन्दर घुड़की = प्रभावहीन धमकी,
प्रयोग-भगत सिंह जैसे वीर अंग्रेजों की बन्दर घुड़कियों से डरने वाले नहीं थे।

155. बहती गंगा में हाथ धोना = सुधरी हालत में लाभ उठाना,
प्रयोग – जनता पार्टी के राज में अनेक लोग बहती गंगा में हाथ धोकर मालामाल हो गए।

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156. बगुला भगत = कपटी,
प्रयोग – मोहन को अपनी कोई बात न बताना; वह धोखा देने वाला बगुला भगत है।

157. बांछे खिल जाना = बहुत खुश होना,
प्रयोग – अपने पास होने का समाचार सुनकर उसकी बांछे खिल गईं।

158. बाल की खाल निकालना = बहुत छानबीन करना, बहुत अधिक तर्क।
प्रयोग – विद्यार्थी को अपनी पढ़ाई में दत्तचित्त होना चाहिए। उसे बाल की खाल नहीं निकालनी चाहिए।

159. बाएँ हाथ का खेल = आसान काम,
प्रयोग – पी एच० डी० की उपाधि प्राप्त करना बाएँ हाथ का खेल नहीं है।

160. बाल बांका न करना = हानि न पहुँचाना,
प्रयोग – मेरे होते हुए कोई रमा का बाल बांका नहीं कर सकता।

161. बीड़ा उठाना-ज़िम्मेवारी लेना,
प्रयोग – श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने किसानों को ऊँचा उठाने का बीड़ा उठाया था।

162. बाल-बाल बच जाना = बड़ी कठिनाई से बचना,
प्रयोग – टक्कर तो बड़ी भयानक हुई थी पर रमेश बाल-बाल बच गया।

163 बैल के से दीदे निकालना = क्रोध से देखना,
प्रयोग – मालकिन ने नौकरानी से कहा, “अरी, बैल के से दीदे क्यों निकाल रही हो ? जाकर अपना काम करो।”

164. भंडा फोड़ना = भेद प्रकट करना, भेद खोलना,
प्रयोग – प्रवीण के वास्तविक बात न बतलाने पर राजेश ने उसका भंडा फोड़ दिया।

165. भूत सवार होना = धुन-सवार होना,
प्रयोग – उस कंजूस सेठ को तो धन कमाने का ही भूत सवार रहता है।

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166. भाड़े के टट्ट = किराये का आदमी,
प्रयोग – आजकल सच्चा देशभक्त मिलना कठिन है। सभी भाड़े के टट्ट हैं।

167. मात खाना = हारना,
प्रयोग – कारगिल के युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह मात खानी पड़ी।

168. मात देना = हरा देना,
प्रयोग – भारत ने अपने पड़ोसी देश को सभी क्षेत्रों में मात दी है।

169. मन में लड्डू फूटना = काल्पनिक आनन्द,
प्रयोग – भाई के विदेश से आने की खबर सुनकर सुधा के मन में लड्डू फूटने लगे।

170. माथा ठनकना = संदेह उत्पन्न होना,
प्रयोग – उसके घर पर ताला देख मेरा माथा ठनक गया।

171. मोती चुगना = अच्छी बात ग्रहण करना,
प्रयोग – सज्जनों की संगति से व्यक्ति मोती चुगना सीखता है।

172. मन मारना = इच्छा रोकना, मन को काबू में करना,
प्रयोग – सच्चा देशभक्त बनने के लिए मन मारना पड़ता है।

173. मिट्टी का माधो = निरा-मूर्ख,
प्रयोग – सभी विद्यार्थी रमेश को मिट्टी का माधो समझते थे लेकिन वह बहुत चालाक निकला।

174. मिट्टी खराब करना = बेइज्जत करना,
प्रयोग – अरे भाई साधारण-सी बात पर किसी की मिट्टी खराब करना अच्छा नहीं।

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175. मुँह की खानी = बुरी तरह हारना,
प्रयोग – सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी थी।

176. मैदान मारना = जीतना,
प्रयोग – भारतीय फ़ौज ने देखते ही देखते छम्ब क्षेत्र में मैदान मार लिया।

177. रंग लाना = प्रभाव दिखलाना,
प्रयोग – विद्यार्थी की मेहनत एक-न-एक दिन रंग अवश्य लाती है।

178. रंग जमना = प्रभाव पड़ना,
प्रयोग – मुकेश के गीतों ने महफिल में रंग जमा दिया।

179. रंग उड़ना = डर जाना, हैरान होना,
प्रयोग – रीछ को देखते ही दोनों का रंग उड़ गया।

180. रंगा सियार = धोखेबाज़,
प्रयोग – तुम्हें सतीश की बातों में नहीं आना चाहिए, वह तो निरा रंगा सियार है।

181. रंग में भंग पड़ना = मजा किरकिरा होना,
प्रयोग – जलसा शुरू ही हुआ था कि रंग में भंग पड़ गया।

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182. राई का पहाड़ बनाना = ज़रा-सी बात को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर कहना,
प्रयोग – अपनी चालाकी से राई का पहाड़ बनाना तो कोई लीला से ही सीखे।

183. रोंगटे खड़े होना = रोमांच होना,
प्रयोग – सर्कस में शेर को दहाड़ता देख हमारे रोंगटे खड़े हो गए।

184. रफूचक्कर होना = भाग जाना,
प्रयोग – डाकू पुलिस को देखते ही रफूचक्कर हो गए।

185. लपेट में आना = वश में आना, घिर जाना,
प्रयोग – बेचारा निर्दोष राम चोरी की लपेट में आ गया।

186. लोहा लेना = मुकाबला करना,
प्रयोग – पाकिस्तानी सेना से लोहा लेने को हमारी सेना सदा तैयार रहती है।

187. लात पर लात रखना = बेकार बैठे रहना,
प्रयोग – इस कार्यालय में सब कर्मचारी लात पर लात रख कर बैठे रहते हैं।

188. लाल पीला होना = क्रुद्ध होना,
प्रयोग – अरे सुरेश ! क्यों लाल पीले हो रहे हो? कसूर तुम्हारा ही है।

189. लोहा लेना = युद्ध करना, मुकाबला करना,
प्रयोग – अधिकतर मुग़ल सम्राट राजपूतों से लोहा लेना नहीं चाहते थे।

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190. लोहा मानना = शक्ति मानना,
प्रयोग – सम्पूर्ण एशिया भारत का लोहा मानता है।

191. लेने के देने पड़ जाना = लाभ के बदले हानि होना,
प्रयोग – भारत पर आक्रमण करके पाकिस्तान को लेने के देने पड़ गए।

192. लोहे के चने चबाना = अति कठिन काम, कष्ट अनुभव करना,
प्रयोग – भारत पर आक्रमण करके चीन को लोहे के चने चबाने पड़े।

193. लहू पसीना एक करना = बहुत परिश्रम करना,
प्रयोग – आजकल अच्छी तरह जीवन निर्वाह करने के लिए लहू पसीना एक करना पड़ता है।

194. सोने पर सुहागा = दोहरी अच्छाई या गुण,
प्रयोग – रमेश की पत्नी सुन्दर भी है और पढ़ी-लिखी भी उसके लिए सोने पर सुहागा वाली उक्ति ठीक बैठती है।

195. सिर पर भूत सवार होना = अत्यधिक क्रोध में आ जाना,
प्रयोग – अरे सुनील राम के तो सिर पर भूत सवार है, तुम्हारी वह एक न मानेगा।

196. सिंहासन डोल जाना = राज्य जाने का खटका होना,
प्रयोग – महात्मा गाँधी के आन्दोलन से अंग्रेज़ों का सिंहासन डोल गया।

197. हवा लगना = बुरा प्रभाव पड़ना,
प्रयोग – अब तो सुधा को भी शहर की हवा लग गई है, उसने बाल तराश लिए हैं।

198. हवा से बातें करना = तेज़ भागना,
प्रयोग – शीघ्र ही हमारी गाड़ी हवा से बातें करने लगी।

199. हक्का बक्का रह जाना = हैरान रह जाना,
प्रयोग – संजय गाँधी की मौत का समाचार सुनकर सभी लोग हक्के बक्के रह गए।

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200. हँसी-खेल नहीं = आसान काम नहीं,
प्रयोग – इस नदी को तैर कर पार करना कोई हँसी-खेल नहीं।

201. हवा हो जाना = भाग जाना,
प्रयोग – पहरेदार को अपनी तरफ आते देखकर चोर हवा हो गया।

202. हृदय पर साँप लोटना = ईर्ष्या में जलना,
प्रयोग – हरीश की लाटरी निकलने का समाचार सुनकर सुरेश के हृदय पर साँप लोटने लगा।

203. हृदय टूट जाना = हताश हो जाना,
प्रयोग – पुत्र की मृत्यु पर वृद्ध का हृदय टूट गया।

204. हाथों के तोते उड़ जाना = बुरा समाचार सुनकर डर जाना,
प्रयोग – कारखाने में आग लगने की खबर सुनकर सेठ हरिदत्त के हाथों के तोते उड़ गए।

205. हाथ तंग होना = पैसे का अभाव होना,
प्रयोग – हमारा आजकल हाथ बहुत तंग है, कृपया नकद रुपया दें।

206. हाथ मलना = पछताना,
प्रयोग – अब फेल होने पर हाथ मलने से क्या लाभ, पहले डटकर परिश्रम करते।

207. हाथ धो बैठना = खो देना, छिन जाना,
प्रयोग – पाकिस्तान युद्ध में कई युद्धपोतों तथा पनडुब्बियों से हाथ धो बैठा।

208. हाथ पैर मारना = प्रयत्न करना,
प्रयोग – आजकल बहुत हाथ पैर मारने पर भी कठिनता से निर्वाह होता है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

209. हाथ पसारना = माँगना,
प्रयोग – स्वाभिमान शून्य व्यक्ति हर किसी के सामने हाथ पसारने लगता है।

210. हथियार डालना = हार मान लेना,
प्रयोग – बंगलादेश में पाकिस्तानी सेना ने साधारण युद्ध के बाद हथियार डाल दिए।

211. आँख लगना = नींद आना,
प्रयोग – वह ज्यों ही बिस्तर पर लेटा उसकी आँख लग गई।

212. आँखों से ओझल होना = गायब होना,
प्रयोग – देखते ही देखते चोर पुलिस की आँखों से ओझल हो गया।

213. ईंट से ईंट बजाना = नष्ट करना,
प्रयोग – युद्ध में भारत ने दुश्मन की ईंट से ईंट बजायी।

214. साँस फूलना = हाँफना,
प्रयोग – इतनी सीढ़ियाँ चढ़कर मेरी साँस फूलने लगी।

PSEB 9th Class English Vocabulary Synonyms

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Vocabulary Synonyms Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 9th Class English Vocabulary Synonyms

Match the words in column A with their synonyms in column B :

A — B
just — reach
leave — wrath
permit — refuge
brave — fearless
certain — vanish
disappear — sure
anger — prevent
forbid — fair
shelter — inactive
attempt — depart
lazy — allow
arrive — try
Answer:
just = fair ; leave = depart ; permit = allow ; brave = fearless ; certain = sure ; disappear = vanish; anger = wrath ; forbid = prevent; shelter = refuge; attempt = try; lazy = inactive; arrive = reach.

PSEB 9th Class English Vocabulary Synonyms

Complete the sentences with the words given in the box. The italicized words will help you to choose the right words 

inactive ; pouring ; bright ; finish ; annoyed ; enormous ; collect ; wear ; try

1. Is the new student intelligent ? Yes, he is very ……………..
2. It was raining heavily. In fact, it was ………………
3. The show stopped at 10 p.m. because the policemen asked us to ………….. early.
4. She was very angry with my brother. I don’t know why she was so …………….. with him.
5. It was a very huge animal. We had never seen such an ……………. animal before.
6. He likes to assemble photographs. He has decided to …………….. about one thousand rare ones.
7. Don’t put on the red cap, …………….. the black one.
8. She is quite lazy. I don’t know why she is so ……………..
Answer:
1. bright
2. pouring
3. finish
4. annoyed
5. enormous
6. collect
7. wear
8. inactive.

Synonyms

जिन शब्दों का अर्थ एक ही हो अथवा मिलता-जुलता हो, उन्हें Synonyms कहते हैं; जैसे
hard = difficult
pray = request
fact = truth

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List Of Synonyms

PSEB 9th Class English Vocabulary Synonyms 1
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