PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

Hindi Guide for Class 8 PSEB सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

I. शब्दार्थ:

अन्यथा = नहीं तो।
हेलमेट = सिर की रक्षा करने वाला टोप।
सेफ्टी बैल्ट = सुरक्षा बैल्ट।
निर्धारित = नियत, निश्चित किया हुआ।
संकेत = इशारा।
पार्क = गाड़ी खड़ा करना।

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(ख) विषय बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) सड़क पर दिनों-दिन बढ़ती दुर्घटनाओं का लेखक ने क्या कारण बताया
उत्तर:
लापरवाही और सुरक्षा नियमों का पालन न करना ही दिनों दिन बढ़ती दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है।

(ख) सड़क-सुरक्षा-जीवन रक्षा से लेखक का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
सड़कों पर अपनी और दूसरों की सुरक्षा से ही जीवन की सुरक्षा की जा सकती

(ग) स्कूटर तथा कार चलाने के लिए कम-से-कम कितनी उम्र होनी चाहिए ?
उत्तर:
स्कूटर तथा कार चलाने के लिए कम से कम उम्र 16 वर्ष होनी चाहिए।

(घ) वाहन चलाते समय मोबाइल सुनना क्यों खतरनाक हो सकता है ?
उत्तर:
वाहन चलाते समय मोबाइल सुनने से ध्यान बंट जाता है जिससे दुर्घटना होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए यह खतरनाक हो सकता है।

(ङ) निश्चित स्थान पर वाहन पार्किंग का क्या फायदा है ?
उत्तर:
निश्चित स्थान पर वाहन पार्किंग से किसी को भी असुविधा नहीं होती।

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(च) चौराहे में लाल-हरी बत्ती के पास सड़क पर काली-सफेद लकीरें क्या दर्शाती हैं ?
उत्तर:
चौराहे में लाल-हरी बत्ती के पास काली-सफेद लकीरें यह दर्शाती हैं कि पैदल सड़क पार करने वाले वहाँ से जाएँ।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) वाहन चलाते समय सेफ्टी बैल्ट लगाना क्यों अनिवार्य है ?
उत्तर:
वाहन चलाते समय चालक और अगली सीट पर बैठे दूसरे व्यक्ति को सेफ्टी बैल्ट लगानी अनिवार्य है। अचानक किसी कारण ब्रेक लगाने पर उनके सिर का भाग आगे को तेजी से झुकते हैं जो वाहन में सामने की किसी भी वस्तु से टकरा सकते हैं। दुर्घटना हो जाने की स्थिति में सिर और चेहरे पर गम्भीर चोट लग सकती है। सेफ्टी बेल्ट लगाने से शरीर और छाती आगे गति नहीं कर पाते जिससे व्यक्ति की सुरक्षा बढ़ जाती है।

(ख) कौन-से वाहनों पर काले रंग के शीशे और लाल रंग की बत्ती लगायी जा सकती है ?
उत्तर:
विशेष अधिकार प्राप्त लोगों के द्वारा ही अपने वाहनों पर काले रंग के शीशे और लाल रंग की बत्ती लगवाई जा सकती है। इसके लिए अधिकार प्राप्त व्यक्ति ट्रैफिक विभाग से लिखित आज्ञा प्राप्त करते हैं। बिना आज्ञा के ऐसा नहीं किया जा सकता। बिना आज्ञा काले रंग के शीशे और लाल बत्ती का प्रयोग करने वालों को दण्डित किया जा सकता है।

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(ग) हमें सड़क पर दुर्घटना से बचने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर:
हमें सड़क पर दुर्घटनाओं से बचने के लिए वाहन की गति कम और नियन्त्रित रखनी चाहिए। सीट बेल्ट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। सड़क पर लाल-हरी बत्तियों का ध्यान रखना चाहिए। सड़कों का प्रयोग करने के लिए बनाए गए नियमों का पालन करना चाहिए। स्कूटर-मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. शुद्ध करके लिखें :

पराथना = …………….
चारट = …………….
टरैफिक = …………….
दाँयी = …………….
मंतर = …………….
सिखना = …………….
किन्तू = …………….
रफतार = …………….
मोबाईल = …………….
रूकावट = …………….
मतबल = …………….
निचित = …………….
उबड़-खबड़ = …………….
रस्ते = …………….
धन्यावाद = …………….
उत्तर:
पराथना = प्रार्थना
चारट = चार्ट
टरैफिक = ट्रैफिक
दाँयी = दायीं
मंतर = मंत्र
सिखना = सीखना
किन्तू = किंतु
रफतार = रफ़्तार
मोबाईल = मोबाइल
रूकावट = रुकावट
मतबल = मतलब
निचित = निश्चित
उबड़-खबड़ = ऊबड़-खाबड़
रस्ते = रास्ते
धन्यावाद = धन्यवाद

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II. रिक्त स्थान में उचित सम्बन्धबोधक शब्द भरकर वाक्य पूरे करें

(क) इसे अन्य नियमों ……. कठोरता से लागू नहीं किया जा सका है। (की ओर, की अपेक्षा)
(ख) आज्ञा ……….. किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए। (के लिए, के बिना)
(ग) सड़क ………… काली सफ़ेद लकीरें लगाई गयी हैं। (के पास, पर)
(घ) हमें भारी गाड़ियों …….. से नहीं गुज़रना चाहिए। (के बीच, के बदले)
(ङ) चालक …….. बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना चाहिए। (के बगैर, के पीछे)
उत्तर:
(क) इसे अन्य नियमों की अपेक्षा कठोरता से लागू नहीं किया जा सका है।
(ख) आज्ञा के बिना किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए।
(ग) सड़क पर काली सफ़ेद लकीरें लगाई गयी हैं।
(घ) हमें भारी गाड़ियों के बीच से नहीं गुज़रना चाहिए।
(ङ) चालक के पीछे बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना चाहिए।

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III. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें

(i) स्कूल का सर्वप्रमुख अध्यापक
(ii) स्कूल में सुबह आयोजित की जाने वाली सभा
(iii) स्कूटर चलाने वाला व्यक्ति
(iv) विद्या प्राप्त करने वाला
(v) जो बीमार हो
(vi) जहाँ बीमारों का इलाज हो
(vii) चौराहे में लाल बत्ती के पास सड़क पर लगी काली सफेद लाइनें
उत्तर:
(i) मुख्याध्यापक
(ii) प्रार्थना सभा
(iii) स्कूटर चालक
(iv) विद्यार्थी
(v) रोगी/बीमार/रुग्ण
(vi) अस्पताल
(vii) जैबरा लाइनें

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IV. एक शब्द में अलग-अलग अक्षरों व मात्राओं के प्रयोग से कई शब्द बना सकते हैं। ‘खतरनाक’ शब्द से बनने वाले विविध शब्द कैसे बनते हैं। देखो

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा 1
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं इसका अभ्यास करें।

V. इस तरह निम्नलिखित शब्दों में अलग-अलग अक्षरों व मात्राओं के प्रयोग से नए शब्द बनायें

अचानक, जानकारी
अचानक = अचकन, चना, आक, नाच, कन, चाक।
जानकारी = जान, जारी, कान, कार, जनक, करी।

इन्हें भी याद रखिये-
1. स्कूटर चालक के साथ-साथ पीछे बैठे व्यक्ति को भी बढ़िया किस्म का हेलमे पहनना चाहिए।
2. महिलाओं को भी अपनी सुरक्षा हेतु हेलमेट पहनना चाहिए।
3. यदि लाल बत्ती हुई हो और उस समय किसी भी तरफ से कोई न आता जाता | दिखाई दे तो भी हमें लाल बत्ती पर खड़े रहना चाहिए।
4. केवल हरी बत्ती पर ही चलना चाहिए।
5. हमें हरी बत्ती दिखाई देने पर जल्दी लाँघने के लिए अपने वाहन की गति बढ़ा नहीं देनी चाहिए। इससे जल्दबाजी में दुर्घटना घट सकती है।
6. हमें हेलमेट सुरक्षा के लिए पहनना है न कि नियमों का पालन करने के लिए। हेलमेट होते हुए भी उसे सिर पर न पहन कर हाथ में पकड़ना या स्कूटर पर लटका कर रखना नियमों की अवहेलना के साथ-साथ बेवकूफी है।
7. हमें सड़क पर अपने वाहन से किसी से रेस नहीं लगानी चाहिए।
8. हमें अपना वाहन निश्चित जगह पर ही खड़ा करना चाहिए।

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PSEB 8th Class Hindi Guide सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
हमें सड़क पर किस ओर चलना चाहिए ?
(क) दायीं
(ख) बायीं
(ग) किसी भी दिशा में
(घ) बीच में।
उत्तर:
बायीं।

प्रश्न 2.
वाहन कहाँ खड़े करने चाहिए ?
(क) कहीं भी
(ख) फुटपाथ पर
(ग) सड़क पर
(घ) निश्चित स्थान पर।
उत्तर:
निश्चित स्थान पर।

प्रश्न 3.
‘P’ के दोनों ओर तीर (2) क्या दर्शाते हैं ?
(क) वाहन दायीं ओर खड़ा करें
(ख) वाहन बायीं ओर खड़ा करें
(ग) वाहन खड़ा नहीं करें
(घ) वाहन दोनों ओर खड़ा करें
उत्तर:
वाहन दोनों ओर खड़ा करें

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प्रश्न 4.
चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल की कितनी बत्तियाँ होती हैं ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
तीन।

प्रश्न 5.
स्कूटर/कार चलाने के लिए कम-से-कम कितनी आयु होनी चाहिए ?
(क) 14
(ख) 15
(ग) 16
(घ) 18.
उत्तर:
16.

प्रश्न 6.
चौराहे पर लगी काली-सफेद लकीरों वाले क्षेत्र का प्रयोग कौन करते हैं ?
(क) कार चालक
(ख) स्कूटर चालक
(ग) पैदल यात्री
(घ) ट्रक चालक।
उत्तर:
पैदल यात्री।

प्रश्न 7.
अस्पताल के पास हार्न के कटे हुए निशान का क्या अर्थ है ?
(क) हार्न बजायें
(ख) हार्न न बजायें
(ग) हार्न ज़ोर से बजायें
(घ) हार्न बार-बार बजायें।
उत्तर:
हार्न न बजायें।

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प्रश्न 8.
वाहन चलाते समय मोबाइल सुनने से क्या हो सकता है ?
(क) कुछ नहीं
(ख) दुर्घटना
(ग) कान का फटना
(घ) मोबाइल का गिरना।
उत्तर:
दुर्घटना।

प्रश्न 9.
ट्रैफिक सिग्नल पर कौन-सी बत्ती जल रही हो तो वाहन चलाना चाहिए ?
(क) लाल
(ख) पीली
(ग) हरी
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर:
हरी।

प्रश्न 10.
वाहन किस बत्ती के जलने पर चलाना नहीं चाहिए ?
(क) हरी
(ख) पीली
(ग). नीली
(घ) लाल।
उत्तर:;
लाल।

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सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Summary

सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा पाठ का सार

स्कूल में ट्रैफिक पुलिस अधिकारी आमन्त्रित किए गए थे। प्रधानाचार्य ने उनका परिचय देते हुए स्कूल में आने के लिए स्वागत किया। सभी विद्यार्थी यातायात के नियमों को जानना चाहते थे। स्टेज पर लगे यातायात नियमों तथा चिह्नों से सम्बन्धित चार्यों को समझना चाहते थे। ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि यातायात के नियमों का पालन न करने और सड़क पर लापरवाही के कारण दुर्घटनाओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इनसे बचने का एक ही मूल तरीका है कि हमें स्वयं सड़क पर सुरक्षित ढंग से चलना चाहिए और दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। विद्यार्थियों की जानकारी बढ़ाते हुए उन्होंने बताया कि हमें हमेशा सड़क के बायीं ओर ही चलना चाहिए। यदि सड़क पार करनी हो तो दायीं-बायीं ओर देखकर सावधानी से ऐसा करना चाहिए।

हमें सड़क के किनारे फुटपाथ पर ही चलना चाहिए। तेज़ रफ्तार से वाहन नहीं चलाना चाहिए। पुरुषों और महिलाओं को हेलमेट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। वाहन चलाते समय सुरक्षा बैल्ट का प्रयोग करना चाहिए। यदि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन की घण्टी बज जाती है तो वाहन को सड़क के किनारे रोककर बात करनी चाहिए। ट्रैफिक पुलिस ने जगह-जगह सड़क किनारे बोर्ड लगवाए हुए हैं। स्कूल के सामने बोर्ड पर जो बैग ले जाते बच्चे का चित्र बना होता है उसका अर्थ होता है कि यहाँ स्कूल है इसलिए वाहन की गति कम करो। अस्पताल के पास हार्न के कटे हुए निशान का अर्थ होता है कि व्यर्थ में हार्न न बजाया जाए क्योंकि ऊँची आवाज़ से रोगियों को परेशानी होती है।

पार्किंग के लिए अलग-अलग तीर लगे होते हैं। ‘P’ के नीचे दायीं ओर लगा तीर यह दर्शाता है कि वाहन दायीं ओर खड़ा करें। यही तीर का चिह्न बाईं ओर लगा हो तो वाहन को बाईं तरफ खड़ा करना चाहिए। ‘P’ के दोनों तरफ लगे तीर यह दर्शाते हैं कि वाहन दोनों तरफ खड़े किए जा सकते हैं। यदि ‘P’ के नीचे ‘साइकिल’ या ‘कार’ का चिह्न लगा हो तो वहाँ वहीं सम्बन्धित वाहन ही खड़ा करना चाहिए। सड़क पर लगी काली-सफेद लाइनों को ज़ेबरा लाइनें कहते हैं। पैदल चलने वालों को सदा उन्हीं पर चलते हुए सड़क पार करनी चाहिए। ऊबड़-खाबड़ सड़क की चेतावनी भी बोर्ड पर अंकित की जाती है। सड़क पर बायें, दायें या घूमने के संकेत बोर्डों द्वारा चालकों को दिए जाते हैं। हमें सड़क पर न तो खेलना चाहिए और न कूड़ा-कर्कट फेंकना चाहिए। भारी गाड़ियों के बीच में से हमें नहीं निकलना चाहिए। यातायात के नियम हमें और दूसरों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

Hindi Guide for Class 8 PSEB भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Textbook Questions and Answers

(क) विषय – बोध

I. शब्दार्थ:

लक्ष्य = उद्देश्य।
अब्बू = पिता।
अन्तरिक्ष विज्ञान = अन्तरिक्ष में स्थित, ग्रहों, उपग्रहों आदि की स्थिति स्वरूप जानकारी से सम्बन्धित विज्ञान।
कर्मठता = काम में कुशलता।
विभूति = विभव, अधिकता, बढ़ती, ऐश्वर्य।
सजग = जागरूक।
नजरअन्दाज = अनदेखा।
अथक = कभी न थकने वाला।
मशगूल = लीन।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

II. इन शब्दों के अर्थ लिखकर वाक्य बनायें :

उपाधि = ………………..
अथक = ………………..
मिसाइल = ………………..
लक्ष्य = ………………..
अन्तरिक्ष = ………………..
सपना = ………………..
टूटना = ………………..
उत्तर:
उपाधि = पदवी – हमारे अध्यापक के पास पीएच०डी० की उपाधि भी है।
अथक = बिना थके हुए – आपने अपने जीवन में यह पद प्राप्त करने के लिए अथक प्रयत्न किए हैं।
मिसाइल = दूर तक वार करने वाला एक हथियार – भारत ने अपने बलबूते पर अनेक प्रकार की मिसाइलें तैयार कर शत्रु के हृदय में डर पैदा कर दिया है।
लक्ष्य = मंजिल – अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मनोज कुछ भी कर सकता है।
अन्तरिक्ष = आकाश – पिछले सप्ताह भारत ने अपना एक रॉकेट अन्तरिक्ष में सफलतापूर्वक छोड़ा।
सपना टूटना = इच्छा अधूरी रह जाना – पति के देहान्त के कारण कल्पना का बड़ी कोठी बनाने का सपना टूट गया था।

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) भारत का प्रथम नागरिक किसे कहा जाता है ?
उत्तर:
भारत का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति जी को कहा जाता है।

(ख) राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का पूरा नाम लिखें।
उत्तर:
डॉ० अबुल पकीर जैनुलाबुदीन अब्दुल कलाम।

(ग) इन्होंने अपने पिता का हाथ बंटाने के लिए क्या काम लिया ?
उत्तर:
इन्होंने घर-घर अखबार बांट कर अपने पिता का हाथ बंटाया था।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

(घ) इन्होंने वैमानिकी इंजीनियरी (एयरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग) की डिग्री कहाँ से प्राप्त की ?
उत्तर:
इन्होंने वैमानिकी इंजीनियरी की डिग्री मद्रास तकनीकी संस्थान से प्राप्त की थी।

(ङ) इनके प्रेरणास्त्रोत कौन-कौन थे ?
उत्तर:
इनके प्रेरणास्रोत प्रो० विक्रम साराभाई, प्रो० सतीश धवन, प्रो० ब्रह्म प्रकाश, प्रो० एम०जी० मेनन, डॉ० राजा रमन्ना आदि प्रसिद्ध विभूतियाँ थीं।

(च) एस०एल०वी० 3 क्या है ?
उत्तर:
यह उपग्रह का अन्तरिक्ष में छोड़ने वाला प्रक्षेपण यन्त्र है।

(छ) आपको ‘मिसाइल मैन’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
आपने नाग, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल आदि मिसाइलें देश को प्रदान की जिस कारण आपको मिसाइल मैन कहा जाता है।

(ज) अपंग बच्चों के लिए आपने क्या बनाया और उसमें कौन-सी धातु प्रयोग की जाती है ?
उत्तर:
अपंग बच्चों के लिए आपने चलने की छड़ी बनाई। उनमें धातु कार्बन का प्रयोग किया जाता है।

(झ) आपको कौन-कौन से सम्मान, कब-कब प्राप्त हुए ?
उत्तर:
आपको सन् 1981 में पद्मभूषण, सन् 1990 में पद्म विभूषण और सन् 1997 में भारत रत्न नामक सम्मान प्राप्त हुए थे।

(ञ) किस गुण के कारण आप चाचा नेहरू की याद करा देते हैं ?
उत्तर:
बच्चों में घुल-मिल जाने के कारण आप चाचा नेहरू की याद करा देते हैं।

(त) हर इन्सान के बारे में आपकी क्या राय है ?
उत्तर:
हर इन्सान में कोई न कोई अनोखा गुण अवश्य होता है जिसे उभारने की आवश्यकता होती है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) उस घटना का वर्णन करो जिससे प्रेरित होकर उन्होंने उड़ान को अपना लक्ष्य बनाया।
उत्तर:
रामेश्वरम् ऐलिमैंटरी स्कूल के अध्यापक श्री शिवा सुब्रमण्यम ने पांचवीं कक्षा के अपने छात्रों को रामेश्वरम् के तट पर समझाया था कि पक्षी को उड़ने की इच्छा अपनी इच्छा से मिलती है। डॉ० कलाम उस समय छात्र के रूप में उस कक्षा में थे। उनके मन में अपने अध्यापक की बात सुनकर पक्षी की उड़ान एक प्रेरणा बन गई थी। कठोर परिश्रम से वे अपने लक्ष्य में पूर्ण रूप से सफल रहे थे।

(ख)’सपने टूट जायें तो निराश न हों।’ ऐसा उन्होंने क्यों कहा ?
उत्तर:
डॉ० कलाम के जीवन का लक्ष्य वायुसेना में पायलट बनने का था। उन्होंने इसके लिए प्रयत्न किया था पर उन्हें अन्तिम चयन प्रक्रिया में सफलता की प्राप्ति नहीं हुई थी। उन्होंने तब ऐसा कहा था कि सपने टूट जायें तो निराश न हों। वे अपने प्रयत्न से उड़ान प्रणाली में काम आने वाले यन्त्र बनाने में काम करने लगे थे।

(ग) युवा वर्ग के लिए उनका क्या सन्देश है ?
उत्तर:
युवा वर्ग के लिए उनका सन्देश है कि वे सब अपने ज्ञान का सदुपयोग करें। अपने खाली समय में वे जरूरतमन्द बच्चों में अपना ज्ञान बांटें। पर्यावरण सुधारने के लिए अधिक-से-अधिक पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें। वे समाज को खुशहाल बनाने के लिए प्रयत्न करें।

(घ) अब्दुल कलाम की जीवनी से आपने क्या-क्या सीखा ?
उत्तर:
अब्दुल कलाम अति बुद्धिमान और सचेत थे। बचपन में अपने अध्यापक के द्वारा कही गई बात को मन में रखकर वे देश के सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने में सफल हुए। अधिक सम्पन्न न होने के बावजूद उन्होंने अपने मन में हताशा नहीं आने दी थी। छुटपन से ही अपने पिता की सहायता करने के लिए प्रयत्न करते थे। अपने जीवन के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त न करने पर भी वे हताश नहीं हुए थे। सर्वोच्च शिखर पर पहुँच कर भी वे संगीत, कविता-लेखन और पढ़ने में अपना ध्यान लगाते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

(ङ) अपने विद्यालय के पुस्तकालय से इनकी जीवनी लेकर पढ़ें। अच्छी बातें/गुण अपनी डायरी में नोट करें।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखें :

पक्षी = ………………..
इच्छा = ………………..
आकाश = ………………..
अध्यापक = ………………..
लक्ष्य = ………………..
समुद्र = ………………..
अब्बू = ………………..
उत्तर:
पक्षी = खग, पंछी
इच्छा = चाह , कामना
आकाश = नभ , आसमान
अध्यापक = गुरु , शिक्षक
लक्ष्य = उद्देश्य , मंजिल
समुद्र = सागर , उद्धि
अब्बू = पिता , तात।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

II. इन शब्दों के विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें :

आमदनी = ………………..
गुण = ………………..
असफल = ………………..
इच्छा = ………………..
विकसित = ………………..
मिलन = ………………..
विश्वास = ………………..
युवा = ………………..
सदुपयोग = ………………..
बुराई = ………………..
उत्तर:
आमदनी = खर्चा
गुण = अवगुण/दोष
असफल = सफल
इच्छा = अनिच्छा
विकसित = अविकसित
मिलन = वियोग
विश्वास = अविश्वास
युवा = वृद्ध
सदुपयोग = दुरुपयोग
बुराई = अच्छाई।

III. इन शब्दों में से मूल शब्द अलग करें :

सुशोभित = ………………..
नागरिक = ………………..
निर्मित = ………………..
सम्मानित = ………………..
विकसित = ………………..
परिवर्तित = ………………..
उत्तर:
सुशोभित = शोभा
नागरिक = नगर
निर्मित = निर्माण
सम्मानित = मान
विकसित = विकास
परिवर्तित = वृत

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

IV. ‘ता’ लगाकर भाववाचक संज्ञा बनायें :

नैतिक = ………………..
कर्मठ = ………………..
विनम्र = ………………..
सफल = ………………..
आवश्यक = ………………..
मिलनसार = ………………..
सजग = ………………..
नागरिक = ………………..
उत्तर:
नैतिक = नैतिकता
कर्मठ = कर्मठता
विनम्र = विनम्रता
सफल = सफलता
आवश्यक = आवश्यकता
मिलनसार = मिलनसारता
सजग = सजगता
नागरिक = नागरिकता।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

PSEB 8th Class Hindi Guide भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
डॉ० कलाम कब से कब तक भारत के राष्ट्रपति रहे ?
(क) 2002 से 2007 तक
(ख) 2000 से 2005 तक
(ग) 2001 से 2006 तक
(घ) 2003 से 2008 तक।
उत्तर:
2002 से 2007 तक।।

प्रश्न 2.
डॉ० कलाम का जन्म कब हुआ था ?
(क) 15-8-1931
(ख) 5-9-1931
(ग) 15-10-1931
(घ) 15-11-1931.
उत्तर:
15-10-1931.

प्रश्न 3.
डॉ० कलाम का जन्म किस स्थान पर हुआ था ?
(क) धनुष पुर
(ख) धनुष कोटी
(ग) धनुष बाणी
(घ) धनुष नगर।
उत्तर:
धनुष कोटी।

प्रश्न 4.
डॉ० कलाम ने मद्रास तकनीकी संस्थान से किस विषय में डिग्री प्राप्त की थी ?
(क) कंप्यूटर विज्ञान
(ख) सिविल इंजीनियरिंग पर
(ग) वैज्ञानिकी इंजीनियरिंग
(घ) मकैनिकल इंजीनियरिंग।
उत्तर:
वैज्ञानिकी इंजीनियरिंग।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

प्रश्न 5.
डॉ० कलाम को किस नाम से जाना जाता है ?
(क) राकेट मैन
(ख) त्रिशूल मैन
(ग) मिसाइल मैन
(घ) उपग्रह मैन।
उत्तर:
मिसाइल मैन।

प्रश्न 6.
डॉ० कलाम को कौन-सा सर्वोच्च सम्मान दिया गया ?
(क) देशरत्न
(ख) रॉकेट रत्न
(ग) भारत रत्न
(घ) विज्ञान रस।
उत्तर:
भारत रत्न।

भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Summary

भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम पाठ का सार

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ० अब्दुल कलाम उच्च कोटि के वे वैज्ञानिक हैं जिन्होंने भारत के नाम को विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। वे जुलाई, सन् 2002 से जुलाई, सन् 2007 तक देश के राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने वाले महान् व्यक्तित्व के स्वामी हैं। इनका जन्म 15 अक्तूबर, सन् 1931 में रामेश्वरम् के धनुष कोटि गाँव में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। अपने पिता की सहायता करने के लिए प्रतिदिन ये अपने बचपन में ही सुबह चार बजे उठ जाते थे। नमाज़ पढ़ने के बाद अपने गणित के अध्यापक से पढ़ने के बाद पैदल तीन किलोमीटर रामेश्वरम् रेलवे स्टेशन से अखबार के बण्डल लाकर घर-घर बांटते और फिर पाठशाला जाते थे। गाँव से प्राथमिक शिक्षा परी करने के पश्चात् रामनाथपुरम् से मैट्रिक परीक्षा पास की। इन्होंने मद्रास तकनीकी संस्थान से वैमानिकी इंजीनियरी में डिग्री प्राप्त की तथा अंतरिक्ष विज्ञान में कुशलता प्राप्त की। माता-पिता के अतिरिक्त प्रो० विक्रम साराभाई, प्रो० सतीश धवन, प्रो० ब्रह्म प्रकाश, प्रो० एम०जी० मेनन, डॉ० राजा रमन्ना आदि इनके प्रेरणा स्रोत थे। ये एयरफोर्स में पायलट बनना चाहते थे पर ऐसा न कर पाने के बाद इन्होंने उड़ान प्रणाली में काम आने वाले यन्त्र बनाने में अपना पूरा ध्यान लगा दिया। इन्होंने सन् 1963 में भारत की पहली राकेट उड़ान और अन्य उड़ानों में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। रोहिणी उपग्रह को अन्तरिक्ष में छोड़ने वाले प्रक्षेपण यन्त्र एस०एल०वी० 3 की सफलता के बाद ये प्रधानमन्त्री के विज्ञान एवं तकनीकी सलाहकार बन गए थे। नाग, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल आदि मिसाइलों की सफलता के बाद इन्हें ‘मिसाइल मैन’ का नाम मिल गया था। इन्होंने मिसाइलों में प्रयुक्त होने वाली धातु कार्बन को विकसित किया। इसी से हैदराबाद निजाम संस्थान के अपंग बच्चों के चलने के लिए इन्होंने छड़ी तैयार की। इनके महान् योगदान के लिए इन्हें पदम् भूषण, पदम् विभूषण और भारत रत्न की उपाधियों से सम्मानित किया गया। इनका देश के युवा वर्ग में दृढ़ विश्वास है और मानना है कि यदि युवा वर्ग अपनी क्षमता से कार्य करे तो भारत सन् 2020 से पहले एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा। आज का युवा वर्ग बहुत सजग और सचेत है। उसे एकदूसरे के साथ ज्ञान, धन, खुशी और मुस्कान बांटनी चाहिए। सभी को एक-दूसरे की बुराइयों को नजरअंदाज करना चाहिए और अच्छाइयों से पाठ सीखना चाहिए।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Question 1.
Who were Sue and Johnsy? What happened to Johnsy?
(स्य और जॉह्नसी कौन थी? जॉह्नसी को क्या हुआ था?)
Answer:
Sue and Johnsy were two young artists. Johnsy was seriously ill. She had pneumonia.
स्यू और जॉह्नसी दो युवा चित्रकार थीं। जॉह्नसी भयानक रूप से बीमार थी। उसे न्यूमोनिया हो गया था।

Question 2.
What did Johnsy feel about her illness ?
(जॉह्रसी अपनी बीमारी के बारे में क्या महसूस करती थी?)
Answer:
She thought she was not going to get well. She thought she would die with the falling of the last ivy leaf.
वह समझती थी कि वह स्वस्थ नहीं होगी। वह समझती थी कि वह बेल के अन्तिम पत्ते के गिरने के साथ ही मर जाएगी।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Question 3.
What did Sue do to make her feel happy ?
(स्यू ने उसे प्रसन्न महसूस करवाने के लिए क्या किया?)
Answer:
She talked about
उसने वस्त्रों और फैशनों के बारे में बातें की। उसने अपनी पेन्टिंग पर काम करते हुए सीटियां बजानी शुरू कर दी।

Question 4.
Why did Johnsy look at the ivy leaves carefully ?
(जॉह्रसी ने बेल के पत्तों की तरफ़ ध्यान से क्यों देखा?)
Answer:
Johnsy thought she was nearing her death with the falling of each leaf. She kept looking at the leaves carefully to see how many of them were left.
जॉह्नसी समझती थी कि प्रत्येक पत्ते के गिरने के साथ वह अपनी मृत्यु के अधिकाधिक नज़दीक पहुंच रही थी। वह पत्तों की तरफ ध्यान से देखती रही, यह जानने के लिए कि वे कितने बचे हुए थे।

Question 5.
Who was Behrman ?
(बरमैन कौन था?)
Answer:
He was an old painter. He was sixty years old. He had always desired to paint a masterpiece. But he could never begin it.
वह एक बूढ़ा पेन्टर था। वह साठ वर्ष की आयु का था। उसने सदा एक श्रेष्ठ रचना बनाने की इच्छा की थी। किन्तु वह इसे कभी शुरू न कर पाया।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Question 6.
Why did Sue call Behrman to her room ?
(स्यू ने बरमैन को अपने कमरे में क्यों बुलाया ?)
Answer:
An ivy creeper went up the wall opposite Johnsy’s window. Only one leaf was left on the creeper. Johnsy thought she would die when this last leaf fell. Sue wanted Behrman to paint a similar leaf on the wall. That was why she took Behrman to her room. She wanted to show him how the last leaf looked from there.

जॉह्नसी की खिडकी के सामने वाली दीवार पर सिरपेंचे की एक बेल चढ़ी हुई थी। बेल पर केवल एक ही पत्ता रह गया था। जॉह्नसी समझती थी कि वह मर जाएगी जब यह अन्तिम पत्ता गिर जाएगा। स्यू चाहती थी बरमैन इसी तरह का एक पत्ता दीवार के ऊपर चित्रित कर दे। इसी कारण वह बरमैन को अपने कमरे में ले गई। वह उसे दिखाना चाहती थी कि अन्तिम पत्ता देखने में वहां से कैसे लगता था।

Question 7.
How was Johnsy saved ?
(जॉह्रसी को कैसे बचाया गया?)
Answer:
Johnsy thought she would die when the last leaf fell. Sue thought of an idea. She asked an old painter to paint an ivy leaf on the wall. When Johnsy woke up the next morning, she saw one last leaf on the ivy. She regained her will to live. Thus she was saved.

जॉह्नसी सोचती थी कि जब आखिरी पत्ता गिरेगा, तो वह मर जाएगी। स्यू को एक विचार सूझ आया। उसने एक बूढ़े पेन्टर को दीवार पर सिरपेंचे का एक पत्ता चित्रित करने को कहा। जब जॉह्रसी अगली सुबह जागी, उसने बेल पर एक आखिरी पत्ता देखा। उस को जीने की इच्छा-शक्ति फिर से प्राप्त हो गई। इस तरह वह बच गई।

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Question 8.
What happened to Behrman and why?
(बरमैन का क्या हुआ तथा क्यों ?)
Answer:
In order to save Johnsy, Behrman painted an ivy leaf on the wall. He worked in the night. It was a cold and windy night. It was raining also. Behrman got pneumonia. He died after two days.

जॉह्नसी को बचाने के लिए बरमैन ने दीवार के ऊपर सिरपेंचे का एक पत्ता चित्रित किया। वह रात में काम करता रहा। यह एक ठण्डी और तेज़ हवा वाली रात थी। वर्षा भी हो रही थी। बरमैन को न्यूमोनिया हो गया। वह दो दिन बाद मर गया।

Question 9.
What was Behrman’s masterpiece ?
(बरमैन की श्रेष्ठ कृति क्या थी?)
Answer:
It was the ivy leaf he had painted on the wall. It looked so real that Johnsy could not know it. She regained her will to live. Thus the painting proved Behrman’s masterpiece.

यह सिरपेंचे का वह पत्ता था जो उसने दीवार पर चित्रित किया था। यह इतना वास्तविक लगता था कि जॉह्नसी को इस का पता न चल पाया। उसने अपनी जीने की इच्छा फिर से प्राप्त कर ली। इस तरह वो पेन्टिंग बरमैन की श्रेष्ठ कृति साबित हुई।

Question 10.
Do you think Behrman was right in sacrificing his life ? Why?
(क्या आप समझते हैं कि बरमैन अपने जीवन का बलिदान करने में ठीक था? क्यों?)
Answer:
Behrman painted an ivy leaf on the wall. It looked so real that Johnsy could not know it. She regained her will to live. Thus she was saved. But Behrman got pneumonia and died. His sacrifice was not in vain. He had painted a masterpiece and also saved a life.

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बरमैन ने दीवार के ऊपर सिरपेंचे का एक पत्ता चित्रित कर दिया। यह इतना वास्तविक लगता था कि जॉह्नसी जान न पाई। उसने जीवित रहने की अपनी इच्छा फिर से प्राप्त कर ली। इस तरह वह बच गई। किन्तु बरमैन को न्यूमोनिया हो गया और वह मर गया। उसका बलिदान व्यर्थ न गया। उसने एक श्रेष्ठ कृति चित्रित कर दी थी और एक जीवन भी बचा दिया था।

Objective Type Questions

Answer the following in one word / phrase / sentence :

Question 1.
Which great writer has written the story, ‘The Last Leaf”?
Answer:
O. Henry.

Question 2.
In which month had Johnsy fallen seriously ill?
Answer:
In the month of November.

Question 3.
What was the name of Johnsy’s friend ?
Answer:
Sue.

Question 4.
What did Sue hear suddenly ?
Answer:
She heard Johnsy whisper something.

Question 5.
Where was Johnsy’s bed in the room ?
Answer:
Near the window.

Question 6.
Name the vine that climbed the brick wall.
Answer:
Ivy.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Question 7.
Who was Behrman ?
Answer:
An old painter.

Question 8.
How did the leaf painted by Behrman look like?
Answer:
Exactly like the real leaf.

Question 9.
What did the unfallen leaf fill Johnsy with ?
Answer:
With a new hope.

Question 10.
What had Behrman desired all his life?
Answer:
To paint a masterpiece.

Complete the following:

1. Johnsy and Sue were two ………..
2. The window …………….. the brick wall of the opposite house.
3. The last ivy leaf fell during the …………..
4. Behrman painted a …………………. in green colour.
5. Sue couldn’t ……………….. the curtain as she needed the light.
6. Johnsy was running a high
Answer:
1. friends
2. overlooked
3. night
4. leaf
5. draw
6. temperature.

Write True or False against each statement :

1. It was summer and ivy leaves were falling.
2. Johnsy’s condition worsened with the falling of each ivy leaf.
3. Sue talked about films and fashions to amuse Johnsy.
4. Behrman was a very famous painter.
5. Behrman worked in rain and caught pneumonia.
6. Sue poured out her worries to David.
Answer:
1. False
2. True
3. False
4. False
5. True
6. False

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Choose the correct option for each of the following:

Question 1.
What did Johnsy suffer from ?
(a) Pneumonia.
(b) Cancer.
(c) Jaundice.
(d) Cold.
Answer:
(a) Pneumonia.

Question 2.
Sue sent for the ………….
(a) painter
(b) carpenter
(c) chauffeur
(d) doctor.
Answer:
(d) doctor.

Question 3.
“I can’t draw the curtain for I need the light.” Who said these words ?
(a) Behrman.
(b) Sue.
(c) Johnsy.
(d) Lencho.
Answer:
(b) Sue.

Question 4.
The next morning, Sue came and sat on Johnsy’s ………..
(a) lap
(b) chair
(c) bed
(d) table.
Answer:
(c) bed

The Last Leaf Summary in English

The Last Leaf Introduction:

This story is based on the idea that our way of thinking has a deep effect on our life. If we have a positive approach towards life, we remain happy and enjoy good health. But if our way of thinking is negative, it always results in misery, unhappiness and even death. If a patient thinks positively and hopefully, it can help the doctor a great deal in curing him. Otherwise, he can’t hope to get well in spite of the best efforts on the part of the doctor.

The Last Leaf Summary in English

A girl named Johnsy catches pneumonia. Her bed was near the window which overlooked the brick wall of the opposite house. A very old ivy vine climbed half-way up the brick wall. It was winter and its leaves were falling. A strange idea took hold of Johnsy’s mind. She began to think that when the last ivy leaf fell, she would also pass away.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 6 The Bewitched Jacket 1

Her condition went from bad to worse with the falling of each leaf from the ivy. Her friend, Sue, tried her best to get this foolish idea out of Johnsy’s mind but in vain. When only one leaf was left on the ivy, Johnsy began to prepare herself for death. Then Sue thought of a plan to save the life of her friend. When Johnsy was asleep at night. Sue went to an old painter named Behrman. It was raining hard and the last ivy leaf fell during the night. Behrman painted a leaf in green colour, which looked exactly like the real leaf.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

Next morning when Johnsy woke up, she began to wait for the last leaf to fall. But the leaf didn’t fall even after two days and two nights. It filled Johnsy with a new hope. Her condition began to improve. When she was completely out of danger, Sue told her that the last leaf was not the real leaf, but a mere painting by Behrman. She also told her that Behrman worked in rain during the night and caught pneumonia. He died the next day. Behrman had desired all his life to paint a masterpiece but had never been able to begin it. But the last leaf that he painted before his death, really proved a masterpiece.

The Last Leaf Summary in Hindi

The Last Leaf Introduction:

यह कहानी इस विचार पर आधारित है कि हमारे सोचने के ढंग का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि हम जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखेंगे तो हम प्रसन्न और स्वस्थ रहेंगे। किन्तु यदि हमारे सोचने का ढंग नकारात्मक है तो इसका परिणाम दुःख और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकता है। यदि एक रोगी सकारात्मक और आशापूर्ण ढंग से सोचता है तो डॉक्टर को उसका इलाज करने में बहुत मदद मिल सकती है। अन्यथा, डॉक्टर के पूरे प्रयत्नों के बावजूद वह अच्छा होने की आशा नहीं कर सकता है।

The Last Leaf Summary in Hindi

कहानी का विस्तृत सार ‘ जॉह्नसी नाम की एक लड़की को न्यूमोनिया हो जाता है। उसका बिस्तर उस खिड़की के पास था जो सामने वाले घर की ईंट की दीवार की दिशा में खुलती थी। एक बहुत पुरानी सिरपेंचे की लता ईंट की दीवार की आधी दूर ऊपर तक चढ़ी हुई थी। शरद ऋतु थी और उसके पत्ते झड़ रहे थे। जॉह्नसी के दिमाग में एक अजीब विचार आया। वह सोचने लगी कि जब सिरपेंचे का आखिरी पत्ता गिरेगा तो वह भी मर जाएगी। सिरपेंचे से प्रत्येक पत्ते के गिरने के साथ उसकी हालत बद से बदतर होती गई।

उसकी सहेली स्यू ने जॉह्नसी के दिमाग से यह मूर्खतापूर्ण विचार निकालने की बहुत कोशिश की किन्तु सब व्यर्थ गया। जब सिरचे पर केवल एक पत्ता रह गया तो जॉह्नसी स्वयं को मृत्यु के लिए तैयार करने लगी। तब स्यू ने अपनी सहेली की जान बचाने के लिए एक योजना सोची। रात को जब जॉह्नसी सोई हुई थी तो स्यू बरमैन नाम के एक बूढ़े चित्रकार के पास गई। जोरों की वर्षा हो रही थी और रात को सिरपेंचे का आखिरी पत्ता गिर गया। बरमैन ने एक पत्ते को हरे रंग में रंगा जो बिल्कुल असली पत्ते की भान्ति प्रतीत होता था। अगली सुबह जॉह्नसी जागी तो वह आखिरी पत्ते के गिरने की प्रतीक्षा करने लगी। परन्तु दो दिन और दो रातों के बाद भी पत्ता नहीं गिरा।

इसने जॉह्नसी के मन में एक नई आशा भर दी। उसकी हालत सुधरने लगी। जब वह पूरी तरह से खतरे से बाहर हो गई तो स्यू ने उसे बताया कि वह आखिरी पत्ता असली पत्ता नहीं था बल्कि मात्र बरमैन के द्वारा की हुई चित्रकारी थी। उसने उसे यह भी बताया कि रात को बरमैन ने वर्षा में काम किया और उसे न्यूमोनिया हो गया। अगले दिन वह मर गया। बरमैन ने जीवन भर एक उत्तम चित्र बनाने की इच्छा की थी लेकिन वह उसे कभी आरम्भ नहीं कर पाया था। किन्तु अपनी मृत्यु के पहले उसने जो आखिरी पत्ते की चित्रकारी की थी, वास्तव में वही उसकी अति उत्तम कलाकृति सिद्ध हुई।

The Last Leaf Translation in Hindi

(Page 40)

कठिन शब्दार्थ-1. artist – कलाकार; 2. worried – चिन्तित; 3. respond – जवाब देना; 4. whispered – फुसफुसाई, धीरे से बोली; 5. anxiously – उत्सुकतापूर्वक; 6. creeper – लता, बेल; 7. shedding-झड़ रहे।

अनुवाद-स्यू और जॉहसी, दो युवा कलाकार, एक छोटे घर में इकट्ठी रहती थीं। उनका घर एक पुराने मकान की तीसरी मंजिल पर था। नवम्बर के महीने में जॉह्नसी काफ़ी गम्भीर रूप से बीमार पड़ गयी। उसे न्यूमोनिया हुआ था। वह बिना हिले बिस्तर पर पड़ी खिड़की के बाहर देखती रहती। उसकी सहेली स्यू बहुत चिन्तित हो गयी। उसने एक डॉक्टर को बुलवा भेजा। हालांकि डॉक्टर रोज़ उसको देखने आता था पर उसकी हालत में कोई सुधार नहीं था। एक दिन डॉक्टर जॉह्रसी को देखने के लिए आया, तो वह स्यू को एक तरफ ले गया और उससे पूछा, “क्या जॉह्नसी को कोई बात परेशान कर रही है?” “नहीं,” स्यू ने जवाब दिया। “पर आप क्यों पूछ रहे हैं ?”

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

डॉक्टर ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि जॉह्नसी के दिमाग़ में यह बात बैठ गयी है कि वह दोबारा स्वस्थ नहीं हो पायेगी। अगर वह जीना नहीं चाहती तो दवाओं से उसे कोई लाभ नहीं होगा।” । स्यू अपनी तरफ से पूरी कोशिश करती, कि जॉह्नसी अपने आसपास की चीज़ों में दिलचस्पी ले। वह फैशन और परिधानों के बारे में बातें करती, पर जॉह्नसी कोई जवाब नहीं देती। वह बस बिस्तर पर निश्चल लेटी रहती। स्यू अपना ड्राइंग-बोर्ड लेकर जॉह्नसी के कमरे में आ गयी और चित्र बनाने लगी। जॉह्रसी का ध्यान उसकी बीमारी से हटाने के लिए, वह चित्र बनाते हुए सीटी बजाने लगी।

अचानक स्यू ने जॉह्नसी को धीरे से कुछ कहते हुए सुना। वह जल्दी से उसके बिस्तर के पास गयी और उसको उलटी गिनती करते हुए सुना। वह खिड़की के बाहर देख रही थी और कह रही थी, ‘बारह!’ थोड़ी देर बाद वह बुदबुदाई ‘ग्यारह’, फिर ‘दस’, फिर ‘नौ’, फिर ‘आठ’, ‘सात’। स्यू ने उत्सुकतापूर्वक खिड़की से बाहर देखा। उसने उनकी खिड़की के सामने वाली दीवार पर आधी ऊँचाई तक चढ़ी सिरपेंचे की एक पुरानी लता देखी। बाहर की ठण्डी हवा में उस लता के पत्ते झड़ कर गिर रहे थे।

(Page 41 – 42)

कठिन शब्दार्थ-1. autumn – पतझड़; 2. finality – निश्चयात्मकता, निर्णयात्मकता; 3. nonsense – बकवास, मूर्खतापूर्ण बात; 4. soup-शोरबा; 5. curtain – परदा; 6. begged—प्रार्थना की।

अनुवाद-“क्या बात है प्रिय?” स्यू ने पूछा।
“छ:,” जॉह्रसी धीरे से बुदबुदायी। “अब वे पहले से तेज़ गति से गिर रहे हैं। तीन दिन पहले वहां लगभग सौ थे।
अब केवल पाँच शेष रह गए हैं।”
“पतझड़ का मौसम है,” स्यू बोली, “और पत्ते तो गिरेंगे ही।”
“जब आखिरी पत्ता गिरेगा, तब मैं मर जाऊंगी,” जॉह्नसी ने विश्वास से कहा।
“मुझे तो यह बात तीन दिन पहले से ही पता है।”
“ओह, कितनी मुर्खता भरी बात है!” स्यू ने जवाब दिया।
“उन पुराने सिरपेंचे के पत्तों का तुम्हारे स्वस्थ होने से क्या सम्बन्ध हो सकता है? डॉक्टर को विश्वास है कि तुम अच्छी हो जाओगी।”
जॉह्रसी ने कुछ नहीं कहा। स्यू गयी और उसके लिए एक कटोरा शोरबा ले आयी।
“मुझे शोरबा नहीं चाहिए,” जॉह्नसी ने कहा। “मुझे भूख नहीं लगी अब केवल चार पत्ते शेष रह गए हैं।
मैं अंधेरा होने से पहले अन्तिम पत्ते को गिरता हुआ देखना चाहती हूं। फिर मैं हमेशा के लिए सो जाऊंगी।”
स्यू जॉह्रसी के बिस्तर पर बैठ गयी, उसे चूमा और बोली, “तुम नहीं मरोगी। मैं पर्दा नहीं कर सकती क्योंकि मुझे रोशनी की ज़रूरत है। मैं चित्र को पूरा करके हमारे लिए थोड़े पैसे प्राप्त करना चाहती हूँ। मेरी प्यारी सहेली,” उसने जॉह्रसी से प्रार्थना की, “कृपया वादा करो कि जब तक मैं चित्र बना रही हूँ तब तक तुम खिड़की से बाहर नहीं देखोगी।”

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

(Page 42-43)

कठिन शब्दार्थ-1. peacefully-शान्तिपूर्वक; 2. miner-खनिक; 3. masterpiece-सर्वश्रेष्ठ कलाकृति; 4. poured out-उंडेल दी, पूरी बात बता दी; 5. convinced—विश्वास होना; 6. stupid-मूर्ख; 7. tiptoed-चुपके से अंदर गए; 8. peeped out-बाहर झांक कर देखा; 9. icy-बहुत ठण्डा ; 10. feebleकमजोर; 11. nervous-घबराई हुई; 12. reluctantly–अनिच्छा से; 13. exclaimed—विस्मयपूर्वक कहा; 14. vine–बेल; 15. fierce – भयंकर, तेज़।

अनवाद-“ठीक है,” जॉह्नसी ने कहा। “अपना चित्र जल्दी पुरा करो क्योंकि मैं अन्तिम पत्ते को गिरता देखना चाहती हूँ। मैं इन्तज़ार करते-करते थक चुकी हूं। मुझे मरना है, इसलिए उन बेचारे, थके हुए पत्तों की तरह शान्ति से चले जाने दो।”

“सोने की कोशिश करो,” स्यू ने कहा। “मुझे एक बूढ़े खनिक की तस्वीर बनानी है। मैं बरमैन को अपना मॉडल बनने के लिए बुला लेती हूँ।”वह जल्दी से नीचे चली गयी। बरमैन मकान की सबसे नीचे वाली मंजिल पर रहता था। वह साठ वर्ष की आयु का एक बूढ़ा पेंटर था। जीवन भर उसका सपना रहा था कि वह कोई श्रेष्ठ कृति बनाये, परन्तु यह अभी तक एक सपना ही था। स्यू ने अपनी सारी व्यथा बरमैन को बता दी। उसने उसे बताया कि किस प्रकार जॉह्नसी को यह विश्वास था कि आखिरी पत्ते के गिरने के साथ ही उसकी मृत्यु हो जाएगी।

“क्या वह मूर्ख है?” बरमैन ने पूछा। “वह इतनी नासमझ कैसे हो सकती है?” “उसे काफ़ी तेज़ बुखार है,” स्यू ने शिकायत की। “वह खाने-पीने से इन्कार कर रही है और मुझे इस बात की बहुत चिन्ता है।” “मैं तुम्हारे साथ चलकर जॉह्नसी को देखुंगा,” बरमैन ने कहा। वे चुपचाप जॉह्रसी के कमरे में गए। जॉह्नसी सो रही थी। स्यू ने पर्दा कर दिया और वे दूसरे कमरे में चले गए। उसने खिड़की के बाहर झांका। लता पर केवल एक ही पत्ता था। बड़ी तेज़ वर्षा हो रही थी और बर्फीली हवा चल रही थी। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो यह पत्ता अब किसी भी पल गिर जाएगा। बरमैन ने एक शब्द भी नहीं कहा। वह वापस अपने कमरे में चला गया।

जॉह्रसी अगली सुबह सोकर उठी। दुर्बल आवाज़ में उसने स्यू को पर्दा हटाने के लिए कहा। स्यू घबराई हुई थी। उसने बड़ी अनिच्छा से पर्दा हटा दिया। “ओह,” लता को देखते ही स्यू विस्मय से बोली। “देखो, उस लता पर अब भी एक पत्ता है। यह काफ़ी हरा और स्वस्थ प्रतीत हो रहा है। आंधी और तेज़ हवाओं के बावजूद यह गिरा नहीं।” “मैंने रात को तेज़ हवाओं की आवाज़ सुनी थी,” जाह्नसी ने कहा, “मैंने सोचा कि यह रात को गिर गया होगा। यह आज ज़रूर गिर जाएगा, फिर मैं मर जाऊंगी।”

(Page 43-44)

कठिन शब्दार्थ-1. lovingly – प्यार से; 2. cooperated – सहयोग दिया; 3. depressed – निराश; 4. gloomy – उदास; 5. wicked-दुष्ट; 6. sin – पाप; 7. hugged – गले से लगाया; 8. brightly – खुशी से; 9. confident-विश्वस्त; 10. janitor-चौकीदार; 11. paints – चित्रकारी के रंग; 12. flutter – फड़फड़ाना; 13. masterpiece – श्रेष्ठ-कृति, सर्वोत्तम रचना।

अनुवाद-“तुम नहीं मरोगी,” स्यू ने जोश से कहा। “तुम्हें अपने दोस्तों के लिए जीना है। अगर तुम मर गयी तो मेरा क्या होगा?” जॉह्नसी धीरे से मुस्करायी और उसने अपनी आँखें बन्द कर ली। हर एक घण्टे के बाद वह खिड़की से बाहर देखती और पत्ते को वहीं पाती। वह लता से चिपका हुआ प्रतीत होता था। शाम को फिर से आंधी आयी, पर वह पत्ता नहीं गिरा। जॉह्नसी लेटे हुए काफ़ी देर तक पत्ते को देखती रही। फिर उसने स्यू को बुलाया।

“मैं एक बरी लडकी बन गयी थी। तुमने इतने प्यार से मेरी देखभाल की पर मैंने तुम्हें सहयोग नहीं दिया। मैं दुःखी और उदास थी। उस आखिरी पत्ते ने मुझे दिखा दिया कि मैंने कितना बुरा व्यवहार किया है। मुझे पता चल गया है कि मृत्यु की इच्छा करना पाप है।”

स्यू ने जॉह्रसी को गले लगा लिया। फिर उसे बहुत सारा गर्म शोरबा और एक दर्पण लाकर दिया। जॉह्नसी ने अपने बालों में कंघी की और प्रफुल्लता से मुस्कुरायी। दोपहर को डॉक्टर आया। अपने मरीज़ का परीक्षण करने के बाद उसने स्यू ने कहा, “अब जॉह्नसी के पास जीने की इच्छा है। मुझे विश्वास है कि वह जल्दी ही अच्छी हो जाएगी। अब मुझे नीचे जाकर बरमैन को देखना चाहिए। वह भी न्यूमोनिया से ग्रस्त है। पर मुझे उसके बचने की कोई आशा नहीं है।”

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 5 The Last Leaf

अगली सुबह स्यू जॉह्नसी के बिस्तर पर आकर बैठ गयी। जॉह्नसी का हाथ अपने हाथों में लेते हुए उसने कहा, “मेरे पास तुम्हें बताने के लिए कुछ है। बरमैन महोदय की आज सुबह न्यूमोनिया से मृत्यु हो गयी। वह केवल दो दिन बीमार रहा। पहले दिन चौकीदार ने उसे उसके बिस्तर पर पाया। उसके कपड़े और जूते गीले थे और वह कांप रहा था। वह उस तूफ़ानी रात को घर से बाहर रहा था।” “फिर उन्हें उसके बिस्तर के पास एक सीढ़ी और एक जलती हुई लालटेन मिली। फर्श पर सीढ़ी के पास कुछ ब्रुश और हरा और पीला रंग भी था। प्रिय जॉह्नसी,” स्यू ने कहा, “खिड़की के बाहर देखो। उस सिरपेंचे के पत्ते को देखो। क्या तुम्हें यह हैरानी नहीं हुई कि इतनी तेज़ हवा के चलने के बावजूद भी यह फड़फड़ाता क्यों नहीं है? यह बरमैन की श्रेष्ठ-कृति है। उसने इसे उस रात चित्रित किया था जब बेल का आखिरी पत्ता गिर गया था।”

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 18 लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 18 लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 18 लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा

Hindi Guide for Class 8 PSEB लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा Textbook Questions and Answers

(क) भाषा बोध

I.शब्दार्थ :-

उत्सुकता = जानने की इच्छा।
कंपकंपाती सर्दी = कंपकंपी पैदा करने वाली ठंड।
करिश्मा = चमत्कार।
जर्जर = जीर्ण, टूटा-फूटा।
सतरंगी = सात रंगों वाला।
नुक्कड़ = नोक, मोड़, छोर।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 18 लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा

II. इन मुहावरे/लोकोक्तियों का अर्थ समझते हुए वाक्य बनायें :

साफ-साफ कहना = ……………..
टालमटोल करना = ……………..
अपना सा मुँह लेकर रह जाना = ……………..
पाँव जमाना = ……………..
दिल मचलना = ……………..
औंधे मुँह गिरना = ……………..
हाथ में थमाना = ……………..
अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत = ……………..
गहरी सोच में डूबना = ……………..
उत्तर:
1. साफ-साफ कहना = स्पष्ट रूप से कहना।
वाक्य – मकान मालिक ने किरायेदार को घर छोड़ देने के लिए आज साफ-साफ कह दिया है।

2. टालमटोल करना = बहाने बनाना।
वाक्य – तुम मेरा उधार चुकाने में टालमटोल क्यों कर रहे हो ?

3. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना = अपमानित होना।
वाक्य – दुकान से चोरी करते हुए पकड़े जाने पर राघव अपना-सा मुँह ले कर रह गया।

4. पाँव जमाना = पकड़ मज़बूत करना।
वाक्य – गीली जमीन पर जरा अपने पाँव जमा कर रखना, नहीं तो फिसल जाओगे।

5. दिल मचलना = ललचाना।
वाक्य – प्रत्येक बच्चे का खिलौनों के लिए दिल मचलता ही है।

6. औंधे मुँह गिरना = उलट कर गिरना, लज्जित होना।
वाक्य – अन्ना जी को झूठा सिद्ध करने की कोशिश में नेता जी को खुद ही औंधे मुँह गिरना पड़ा था।

7. हाथ में थमाना = देना।
वाक्य – मांगने पर मैंने अपना प्रमाण पत्र उनके हाथ में थमा दिया था।

8. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत = नुकसान हो जाने के बाद पछताने का कोई लाभ नहीं होता।
वाक्य – जब परीक्षाएँ चल रही थीं तुम तब भी क्रिकेट खेलते रहे इसलिए तुम्हें फेल तो होना ही था और इसे ही तो कहते हैं कि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।

9. गहरी सोच में डूबना = चिन्तित होना।
वाक्य – बेटे की आवारागर्दी की बातें सुनकर बेचारा रामदीन गहरी सोच में डूब गया था।

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(ख) विषय बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) रमेश और सुरेश में किस बात की समस्या थी ?
उत्तर:
उन दोनों में माँ को रखने के लिए पैसे देने की समस्या थी। रमेश अपने भाई से माँ को अपने साथ रखने के पैसे प्राप्त करना चाहता था।

(ख) चौधरी साहब ने रमेश और सुरेश को क्या समझाया ?
उत्तर:
चौधरी साहब ने उन्हें समझाया कि माँ जन्म देकर बच्चों को अपने पास रखती है न कि बच्चे उसे अपने पास रखते हैं।

(ग) दोनों भाइयों को क्या सीख मिली ?
उत्तर:
दोनों भाइयों को सीख मिली कि उन्हें माँ को सम्मानपूर्वक अपने साथ रखना चाहिए।

(घ) स्वाभिमान का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
स्वाभिमान का अर्थ है-अपनी क्षमता पर अभिमान।

(ङ) छोटा-सा लड़का क्या काम करता था ?
उत्तर:
छोटा-सा लड़का नौवीं में पढ़ता था और बीमार पिता की सहायता के लिए अखबार बांटता था।

(च) लेखक ने जब उसे कापियाँ देनी चाहीं तो उसने क्या उत्तर दिया ?
उत्तर:
लेखक ने जब उसे कापियाँ देनी चाहीं तो उसने उत्तर दिया कि जो कापियां नहीं ले सकते वे उन्हें कापियाँ दे दें।

(छ) चुन्नू ने माँ की अलमारी से क्या निकाला ?
उत्तर:
चुन्नू ने माँ की अलमारी से पचास रुपए का एक नोट निकाला।

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(ज) पचास के नोट का उसने क्या किया ?
उत्तर:
पचास के नोट से उसने पटाखे खरीदे और घण्टा भर चलाए।

(झ) चुन्नू ने माँ की दवाई के लिए पैसे कैसे जुटाये ?
उत्तर:
चुन्नू ने कागज के फूल बेचकर दवाई के लिए पैसे जुटाये।

(ब) उसकी खुशी का ठिकाना क्यों न था ?
उत्तर:
माँ के बच जाने से उसकी खुशी का ठिकाना न था।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग/प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनायें :

उपसर्ग + मूल शब्द = नया शब्द
बे + रोक = ……………..
बे + काबू = ……………..
बे + शर्म = ……………..
बे + कार = ……………..

मूल शब्द + प्रत्यय = नया शब्द
खुश + ई = ……………..
निर्भीक + ता = ……………..
कोमल + ता = ……………..
नम्र + ता = ……………..
उत्तर:
उपसर्ग + मूल शब्द = नया शब्द
बे + रोक = बेरोक
बे + काबू = बेकाबू
बे + शर्म = बेशर्म
बे + कार = बेकार

मूल शब्द + प्रत्यय = नया शब्द
खुश + ई = खुशी
निर्भीक + ता = निर्भीकता
कोमल + ता = कोमलता
नम्र + ता = नम्रता।

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II. पर्यायवाची शब्द लिखें :

अखबार = …………..
खुद = ……………..
मदद = ……………..
बीमार = ……………..
फूल = ……………..
जेब = ……………..
माँ = ……………..
उत्तर:
अख़बार = समाचार-पत्र
खुद = स्वयं
मदद = सहायता
बीमार = रुग्ण।
फूल = पुष्प
जेब = खीसा
माँ = मातृ

II. ‘कलाकार’ शब्द कला + कार से मिलकर बना है। इसी प्रकार अन्य शब्द बनायें :

चित्र + कार = ……………..
मूर्ति + कार = ……………..
नाटक + कार = ……………..
संगीत + कार = ……………..
साहित्य + कार = ……………..
उत्तर:
चित्र + कार = चित्रकार
मूर्ति + कार = मूर्तिकार
नाटक + कार = नाटककार
संगीत + कार = संगीतकार
साहित्य + कार = साहित्यकार।

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IV. बहुवचन रूप लिखें :

कॉपी = कापियाँ
दवाई = ……………..
पोटली = ……………..
चारपाई = ……………..
अलमारी = ……………..
चिड़िया = ……………..
गुड़िया = ……………..
लुटिया = ……………..
बुढ़िया = ……………..
उत्तर:
कॉपी = कापियाँ
दवाई = दवाइयाँ
पोटली = पोटलियाँ
चारपाई = चारपाइयाँ
अलमारी = अलमारियाँ
चिड़िया = चिड़ियाँ
गुड़िया= गुड़ियाँ
लुटिया = लुटियाँ
बुढ़िया = बुढ़ियाँ।

(घ) आत्म बोध

आपने एक मुहावरा सुना होगा ‘अपना हाथ जगन्नाथ’। जिसका अर्थ है-अपने हाथ से काम करना सबसे अच्छा है। दूसरी तथा तीसरी लघु कथायें इसी मुहावरे को चरितार्थ करती हैं। अतः हमेशा याद रखें : कार्य कोई भी छोटा नहीं होता, उसके पीछे मन की भावना महान् होनी चाहिए।

(छ) रचना बोध

आप अपने परिवार/पड़ोस/मित्र/सम्बन्धी की क्या सहायता कर सकते हैं ? सोचिये और लिखिये।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

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बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
रमेश के साथ उसकी माँ कितने महीनों से रह रही थी ?
(क) पाँच
(ख) सात
(ग) आठ
(घ) नौ।
उत्तर:
आठ।

प्रश्न 2.
रमेश के बड़े भाई का क्या नाम है ?
(क) सुरेश
(ग) गणेश
(घ) राकेश।
उत्तर:
सुरेश।

प्रश्न 3.
मुखिया चौधरी किस के साथ रह रहे थे ?
(क) भाई
(ख) मौसी
(ग) माँ
(घ) मामी।
उत्तर:
माँ।

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प्रश्न 4.
सुरेश माँ को अपने पास क्यों नहीं रखना चाहता था ?
(क) पत्नी के कारण
(ख) बच्चों के कारण
(ग) छोटा घर था
(घ) आर्थिक तंगी।
उत्तर:
आर्थिक तंगी।

प्रश्न 5.
लड़का कौन-सी कक्षा में पढ़ता था ?
(क) सातवीं
(ख) आठवीं
(ग) नौवीं
(घ) दसवीं।
उत्तर:
नौवीं।

प्रश्न 6.
लड़का क्या बांटता था ?
(क) अखबार
(ख) कापियाँ
(ग) पुस्तकें
(घ) भोजन।
उत्तर:
अखबार।

प्रश्न 7.
चुन्नू का मन क्या कर रहा था ?
(क) खेलने जाना है।
(ख) मिठाई खानी है
(ग) पटाखे चलाने हैं
(घ) साइकिल लेनी है।
उत्तर:
पटाखे चलाने हैं।

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प्रश्न 8.
चुन्नू ने कितने रुपए चुराए ?
(क) बीस
(ख) तीस
(ग) चालीस
(घ) पचास।
उत्तर:
पचास।

प्रश्न 9.
चुन्नू क्यों पछता रहा था ?
(क) मिठाई खाने पर
(ख) चोरी करने पर
(ग) खेलने जाने पर
(घ) माँ की चिंता न करने पर।
उत्तर:
चोरी करने पर।

प्रश्न 10.
चुन्नू के फूल कितने में बिके ?
(क) पचास रुपए में
(ख) एक सौ रुपए में
(ग) एक सौ दस रुपए में
(घ) एक सौ सात रुपए में।
उत्तर:
एक सौ सात रुपए में।

लघु कथाएँ-सीख,स्वाभिमान, मेहनत का करिश्मा Summary

लघु कथाएँ-सीख,स्वाभिमान, मेहनत का करिश्मा कथाओं का सार

1. सीख

सुरेश और रमेश दो भाई थे। उनकी माँ रमेश के साथ पिछले आठ महीने से रह रही थी। सुरेश अपनी माँ से मिलने और छोटे भाई को आर्थिक सहायता देने के लिए इस दौरान कभी नहीं आया था। एक बार सुरेश जब आया तो रमेश ने उससे साफ-साफ कह दिया कि माँ को उसके पास रखने के लिए खर्चे के कुछ पैसे भेजा करे। सुरेश ने अपनी कमज़ोर आर्थिक स्थिति के कारण ऐसा करने से मना कर दिया। उनमें यह भी बात हुई कि माँ छहछह महीनों के लिए बारी-बारी दोनों भाइयों के पास रहे। रमेश माँ को अपने पास रखना तो चाहता था पर बड़े भाई से माँ के खर्चे के लिए पैसे पाना चाहता था। जब वे आपस में मिल कर कोई निर्णय नहीं कर पा रहे थे तब उन्हें गाँव के मुखिया चौधरी जी दिखाई दिए। उन्होंने उनसे झगड़े को निपटाने के लिए कहा क्योंकि चौधरी साहब का भी एक भाई था पर उनकी माँ चौधरी साहब के साथ रहती थी। चौधरी साहब ने उन दोनों भाइयों से पूरी बात सुन कर कहा कि सच बात तो यह थी कि वे अपनी माँ के साथ रह रहे थे, न कि माँ उनके साथ रह रही थी। जब से उनका जन्म हुआ वे अपनी माँ के साथ रह रहे थे और यह उनका सौभाग्य था। उनकी बात सुन दोनों भाई सुरेश और रमेश ने शर्म से अपना सिर झुका लिया। इसके बाद रमेश ने कभी भी सुरेश से इस बात के लिए पैसे नहीं मांगे।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 18 लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा

2. स्वाभिमान

पिछले कुछ दिन से अखबार बांटने वाले की जगह एक छोटा-सा लड़का साइकिल पर आने लगा था। कंपकंपाती सर्दी में सुबह-सवेरे उसका आना लोगों को अजीब-सा लगा था। उन्हें विचार आया कि शायद वह पढ़ने स्कूल न जाता हो। एक सुबह उसने उसे रोक कर पूछा कि क्या पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाता। उसने बताया कि वह नौवीं में पढ़ता था। पिता जी के बीमार होने के कारण वह उनकी मदद के लिए आ रहा था। लेखक ने उसे कुछ कॉपियाँ सहायता के रूप में देने की बात कही तो उसने कहा कि वह खुद अपने लिए कॉपियाँ ले सकता था। जो नहीं ले सकते थे, वे कापियां उन्हें दे दें।

3. मेहनत का करिश्मा

दीवाली का दिन था। गली के सब बच्चे पटाखे चला रहे थे। चुन्नू का मन भी पटाखे चलाने का था पर उसके पास पैसे नहीं थे। उसकी माँ बीमार थी। वह दबे पाँव माँ के कमरे में गया। उसने माँ की अलमारी में फटे-पुराने कपड़ों के नीचे से एक पोटली निकाली। उसमें पचास रुपये का एक ही नोट था जो कुछ कागज़ों के साथ बंधा हुआ था। उसने उस नोट को चुपके से जेब में रखा और बाज़ारं से उनके पटाखे खरीदे। घंटा भर बाद जब वह वापस घर आया तो माँ चारपाई पर औंधे मुंह पड़ी थी। बुलाने पर भी वह बोल नहीं रही थी। वह डॉक्टर को बुला लाया। डॉक्टर ने उसे कुछ दवाइयों के नाम लिख कर दिए और कहा कि माँ के जीवन के लिए उसे दो घंटे में दवाइयाँ अवश्य मिल जानी चाहिए थी। घर में एक पैसा भी नहीं था। वह पछता रहा था कि उसने चोरी क्यों की और क्यों उन पैसों से पटाखे चला दिए। वह गहरी सोच में था। अचानक उसे याद आया कि स्कूल में कुछ दिन पहले कागज़ के फूल बनाना सिखाया था। उसने झट से अलमारी में से सतरंगी कागज़ निकाले। तेज़ी से उनके फूल बनाने आरम्भ किए। एक डलिया में भर कर वह गली की नुक्कड़ में बैठ कर उन्हें बेचने लगा। फूल सुंदर थे। वे सभी शीघ्र ही एक सौ सात रुपये में बिक गए। वह माँ की दवाई लाया और उसकी माँ खतरे से बाहर हो गई।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 17 नीरज के दोहे

Hindi Guide for Class 8 PSEB नीरज के दोहे Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

उत्तर:
विषय विकार = लोभ, मोह, अहंकार आदि विषय वासनाएँ। शूल = काँटा, चुभन। प्रभु = भगवान । कृपा = दया। निर्मूल = बिना जड़ का, बिना कष्टों और दुखों का। मर्यादा = सदाचार। रम गया = लग गया। निष्काम = इच्छा से रहित। जग = संसार। अनूप = बेजोड़, अति सुंदर। दीखे = दिखाई देता है। भीतर = अंदर। लोभ = लालच। क्रोध = गुस्सा। मुक्ति = छुटकारा। धन = पैसा, दौलत, संपत्ति। मात्र = केवल। मनुज = मनुष्य। ध्येय = उद्देश्य। अगर = यदि। हेय = हीन, तुच्छ। अमरत्व = सदा बने रहना। हित = भला, कल्याण। सर्व-भूत-हित-रत = सब के कल्याण में लीन। सदा = हमेशा। डसे = डसना, डंक मारना। त्यागे = छोड़े। दुष्टता = बुराई। मसलो = कुचलो, दोनों हाथों के बीच रगड़ो। स्नेह = प्रेम। निवास = रहने का स्थान, रहना। निष्ठा = कौशल। श्रद्धा = एकाग्रता, आधार।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) इन दोहों के कवि का नाम लिखें।
उत्तर:
इन दोहों के कवि का नाम श्री नीरज है।

(ख) कवि ने प्रभु से क्या प्रार्थना की है ?
उत्तर:
कवि ने प्रभु से प्रार्थना की है कि वे उसके हृदय में विद्यमान सभी बुराइयों और विषय विकारों को सदा के लिए दूर कर दें।

(ग) हमें अपना मन किस में और किस भाव से रमाना चाहिए ?
उत्तर:
हमें अपना मन मर्यादा और त्याग के प्रतीक श्री राम में रमाना चाहिए।

(घ) कवि ने जग के रंग की तुलना किस रंग से की है ?
उत्तर:
कवि ने जग के रंग की तुलना इंद्रधनुष के रंगों से की है।

(ङ) हम अपने को कब पहचान सकते हैं ?
उत्तर:
जब हमारे मन में लोभ और क्रोध न हो तो हम अपने को पहचानते हैं।

(च) जीवन में महत्त्व किस बात का है ?
उत्तर:
जीवन का महत्त्व इस बात में छिपा है कि हम अपना जीवन किस प्रकार जीते हैं। जीवन का महत्त्व लंबी आयु से नहीं है।

(छ) सभी देशों में भारत की विशेष पहचान क्या है ?
उत्तर:
भारत अन्य देशों के समान स्वार्थी आधार पर कार्य नहीं करता बल्कि सभी देशों के कल्याण की दिशा में कार्य करता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

(ज) दृष्ट व्यक्ति की तुलना किससे की गई है ?
उत्तर:
दुष्ट व्यक्ति की तुलना साँप से की गई है।

(झ) फूल की क्या विशेषता है ?
उत्तर:
फूल की विशेषता है कि वह मसले जाने पर भी सुगंध ही देता है।

(ञ) घर की सुख-शान्ति किस में निहित है ?
उत्तर:
घर की सुख-शान्ति माता-पिता के गुणों और व्यवहार में निहित है।

II. इन दोहों की सप्रसंग व्याख्या करें :

(क) लोभ न जाने……………पहचान।
उत्तर:
देखिए, सप्रसंग व्याख्या भाग।

(ख) स्नेह, शान्ति……………..विश्वास।
उत्तर:
देखिए सप्रसंग व्याख्या भाग।

(ग) साँप’ और ‘फूल’ के उदाहरण द्वारा कवि क्या कहना चाहता है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
‘साँप’ और ‘फूल’ के उदाहरण देकर कवि ने मानव के स्वभाव को स्पष्ट करना चाहा है। दुष्ट और बुरे लोग साँप जैसे होते हैं जो उनका भला करना वालों का भी बुरा ही करते हैं। अच्छे स्वभाव के लोग फूल की तरह सब को सुगंध ही प्रदान करते हैं। जिस प्रकार फूल मसला जाने के बाद भी सुगंध ही प्रदान करता है उसी प्रकार अच्छे स्वभाव का व्यक्ति बुरे और दुष्ट लोगों का भी कल्याण करना चाहता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

(घ) जीवन की पहचान क्या है ? पठित दोहे के आधार पर उत्तर दें।
उत्तर:
जीवन की पहचान बुराइयों से दूर रहकर परिश्रम करते हुए ईमानदारी से जीना है। सभी का हित चाहते हुए लोभ और क्रोध से दूर रहकर अच्छी भावना को धारण करना ही इसकी पहचान है।

(ङ) कवि ने धर्म/अध्यात्म से सम्बन्धित दोहों में क्या-क्या कहा है ?
उत्तर:
कवि ने धर्म और अध्यात्म से संबंधित दोहों में कहा है कि इन्सान को केवल अपने स्वार्थ के लिए काम न करते हुए परोपकार की भावना को महत्त्व देना चाहिए। मर्यादा और त्याग के द्वारा समाज को एक साथ जोड़ा जा सकता है। ईश्वर सर्वत्र है और उसे कभी नहीं भुलाना चाहिए। ईश्वर ही हमारे विषय विकारों को दूर करते हैं।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

जग = ………………..
मुक्ति = ………………..
ध्येय = ………………..
मनुज = ………………..
हित = ………………..
हाथ = ………………..
साँप = ………………..
खुशबू = ………………..
फूल = ………………..
स्नेह = ………………..
उत्तर:
जग = संसार, जगत
मुक्ति = मोक्ष, निर्वाण
ध्येय = उद्देश्य, लक्ष्य
मनुज = मानव, मनुष्य
हित = कल्याण, भलाई
हाथ = हस्त, कर
दूध = दुग्ध, क्षीर
साँप = सर्प, नाग
खुशबू = सुगंध, महक
फूल = पुष्प, प्रसून
स्नेह = प्रेम, प्यार।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

II. ‘जीवित’ में ‘इत’, ‘महत्त्व’ में त्व’ और ‘दुष्टता’ में ‘ता’ प्रत्यय लगे हैं। इन तीनों प्रत्ययों से नये शब्द बनायें :

मर्यादा + इत = ————–
अमर + त्व = ————–
मनुज + ता = ————–
क्रोध + इत = ————–
—– + —— = ————–
—– + —— = ————–
—– + —— = ————–
—– + —— = ————–
—– + —— = ————–
—– + —— = ————–
उत्तर:
मर्यादा + इत = मर्यादित
क्रोध + इत = क्रोधित
सुगन्ध + इत = सुगन्धित
अमर + त्व = अमरत्व
कवि + त्व = कवित्व
मनुष्य + त्व = मनुष्यत्व
मनुज + ता = मनुजता
महान + ता = महानता
मानव + ता = मानवता

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

PSEB 8th Class Hindi Guide नीरज के दोहे Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
मर्यादा और त्याग के नाम से किसे स्मरण करते हैं ?
(क) राम को
(ख) परशुराम को
(ग) अहिराम को
(घ) जगराम को।
उत्तर:
राम को।

प्रश्न 2.
संसार का रंग किसके समान अनुपम है ?
(क) इंद्रधनुष
(ख) अर्जुनधनुष
(ग) राम धनुष
(घ) शिव धनुष।
उत्तर:
इंद्रधनुष।

प्रश्न 3.
लोभ किसे नहीं जानता ?
(क) त्याग को
(ख) प्रेम को
(ग) दान को
(घ) मान को।
उत्तर:
दान को।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

प्रश्न 4.
दुष्ट क्या नहीं त्यागता ?
(क) प्रेम
(ख) संबंध
(ग) मित्रता
(घ) दुष्टता।
उत्तर:
दुष्टता।

प्रश्न 5.
फूल को मसल देने पर भी वह क्या नहीं त्यागता ?
(क) आकार
(ख) पंखुड़ियाँ
(ग) पराग
(घ) सुगंध।
उत्तर:
सुगंध।

सप्रसंग व्याख्या

1. मेरे विषय विकार जो, बने हृदय के शूल।
हे प्रभु, मुझ पर कृपा कर, करो उन्हें निर्मूल॥

शब्दार्थ:
विषय विकार = लोभ, मोह, अहंकार आदि विषय वासनाएँ। शूल = काँटा, चुभन। प्रभु = भगवान । कृपा = दया। निर्मूल = बिना जड़ का, बिना कष्टों और दुखों का।

प्रसंग:
यह दोहा कविवर ‘नीरज’ द्वारा रचित ‘नीरज के दोहे’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वे उनके हृदय को विकारों से रहित बना

व्याख्या:
कवि कहता है हे भगवन् ! मेरे हृदय में तरह-तरह के विषय-विकार काँटा बनकर चुभे हुए हैं। लोभ, मोह, अहंकार आदि बुराइयाँ मेरे भीतर चुभ कर मुझे सदा कष्ट देते रहते हैं। आप कृपा करके मेरे इन कष्टों और दुखों को सदा के लिए दूर कर दीजिए। भाव है कि कवि अपने जीवन को विषय विकारों से मुक्त करना चाहता है जिससे हृदय में पवित्रता का भाव बना रहे।

विशेष:

  1. कवि ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वह उसे तरह-तरह की बुराइयों से दूर रखे।
  2. तत्सम शब्दों का प्रयोग अधिक किया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

2. मर्यादा और त्याग का, एक नाम है राम।
उसमें जो मन रम गया, रहा सदा निष्काम।।

शब्दार्थ: मर्यादा = सदाचार। रम गया = लग गया। निष्काम = इच्छा से रहित।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता ‘नीरज के दोहे’ से लिया गया है। कवि ने इसमें श्री राम के महत्त्व को प्रकट किया और माना है कि उनके नाममात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

व्याख्या:
कवि ने श्री राम के गुणों को प्रकट करते हुए कहा है कि सदाचार का पालन और त्याग देने की अपार शक्ति ही श्री राम का एक नाम है। जो भी प्राणी उस नाम में एक बार लीन हो गया वह सदा-सदा के लिए किसी भी प्रकार की इच्छा से रहित हो गया। भाव है कि श्री राम की भक्ति का फल भक्त को यह मिलता है कि उसकी सभी इच्छाएँ अपने आप ही पूरी हो जाती हैं और वह किसी अतिरिक्त इच्छा को प्रकट ही नहीं करता।

विशेष:

  1. कवि ने श्री राम के प्रति आस्था और उनकी अपार शक्ति को प्रकट किया है।
  2. तत्सम शब्दों का अधिकता से प्रयोग किया गया है।

3. इन्द्रधनुष के रंग-सा जग का रंग अनूप।
बाहर से दीखे अलग, भीतर एक स्वरूप।

शब्दार्थ : जग = संसार। अनूप = बेजोड़, अति सुंदर। दीखे = दिखाई देता है। भीतर = अंदर।

प्रसंग:
यह दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘नीरज के दोहे’ से लिया गया है। यह कवि नीरज द्वारा रचित है। कवि ने ईश्वर के द्वारा बनाई इस सृष्टि के अद्भुत रूप को प्रकट किया है।

व्याख्या :
कवि कहता है कि यह संसार इन्द्रधनुष के सात रंगों की तरह अति सुंदर और अनूठा है। इसमें पूरी तरह से सुंदरता छिपी हुई है। यह बाहर से अलग तरह का दिखाई देता है, पर इसके भीतर ईश्वर का एक स्वरूप ही विद्यमान है। भाव है कि माया से युक्त इस सतरंगी दुनिया की रचना करने वाले ईश्वर ही हैं।

विशेष:

  1. कवि ने ईश्वर के प्रति अपनी आस्था को व्यक्त किया है।
  2. भाषा सरस और भावपूर्ण है। तत्सम शब्दों की अधिकता है। |

4. लोभ न जाने दान को, क्रोध न जाने ज्ञान।
हो दोनों से मुक्ति जब, हो अपनी पहचान॥

शब्दार्थ : लोभ = लालच। क्रोध = गुस्सा। मुक्ति = छुटकारा।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘नीरज के दोहे’ से लिया गया है। कवि ने स्पष्ट किया है कि इस संसार में रहने वाले अपनी वास्तविक पहचान प्रकट कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें प्रयत्न करना पड़ेगा।

व्याख्या:
कवि कहता है कि मनुष्य के हृदय में जब लालच और जमाखोरी का भाव आ जाता है तो वह दूसरों को दान नहीं दे सकता। वह औरों की सहायता नहीं करता। गुस्सा करने पर वह अपना ज्ञान भूल जाता है, वह अज्ञानी और मूर्ख-सा व्यवहार करने लगता है। जब लालच और गुस्से से वह मुक्ति पा जाता है तो वह अपनी पहचान बना पाता है भाव है कि अवगुणों के समाप्त हो जाने के बाद ही वह समाज में अपना नाम और पहचान को बना सकता है।

विशेष:

  1. कवि ने जीवन की वास्तविकता को प्रकट किया है।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

5. धन तो साधन मात्र है, नहीं मनुज का ध्येय।
ध्येय बनेगा धन अगर, जीवन होगा हेय॥

शब्दार्थ : धन = पैसा, दौलत, संपत्ति। मात्र = केवल। मनुज = मनुष्य। ध्येय = उद्देश्य। अगर = यदि। हेय = हीन, तुच्छ।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘नीरज के दोहे’ से लिया गया है। कवि ने इस में धन को मनुष्य की आवश्यकता तो माना है लेकिन उसे अपना सब कुछ न मानने की शिक्षा दी है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि हम सब मनुष्यों के लिए धन केवल एक साधन है। यह किसी भी प्रकार से मनुष्य के जीवन का उद्देश्य नहीं है। यदि धन-संपत्ति को जीवन का उद्देश्य मान लिया तो हमारा जीवन हीन हो जाएगा, वह व्यर्थ हो जाएगा। कवि का भाव है कि मनुष्य के जीवन में धन का महत्त्व अवश्य है पर वह उसका उद्देश्य नहीं मान लिया जाना चाहिए।

विशेष:

  1. कवि ने मानव-जीवन में धन की स्थिति को प्रकट किया है जो किसी भी प्रकार सब कुछ नहीं माना जाना चाहिए।
  2. कवि की भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है। तत्सम शब्दों की अधिकता है।

6. हम कितना जीवित रहे, इसका नहीं महत्त्व।
हम कैसे जीवित रहे, यही तत्त्व अमरत्व।

शब्दार्थ : अमरत्व = सदा बने रहना।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘नीरज के दोहे’ नामक कविता से लिया गया है। कवि ने जीवन के लंबे होने को महत्त्वपूर्ण नहीं माना बल्कि जीवन जीने के ढंग को महत्त्वपूर्ण माना है।

व्याख्या:
कवि कहता है मनुष्य के जीवन में इस बात का महत्त्व नहीं है कि हम कितना लंबा जीवन जीते हैं। हम किस प्रकार जीवित रहते हैं-यही महत्त्वपूर्ण है और यही किसी व्यक्ति के अमरत्व तत्व को प्रकट करता है। भाव है कि छोटी-सी अच्छे ढंग से जी हुई, मानव की जिंदगी लंबे जीवन से कई गुना अच्छी होती है जो उसे सेवा, कल्याण, भक्ति और श्रेष्ठता के कारण समाज में ऊँचा नाम प्रदान कर देती है। उसके मर जाने के लंबे समय बाद भी उस का सम्मानपूर्वक नाम लिया जाता है, उसे याद किया जाता है।

विशेष:

  1. कवि ने मनुष्य को जीवित अवस्था में श्रेष्ठ कार्य करने की प्रेरणा देते हुए लंबे जीवन को महत्त्वपूर्ण नहीं माना है।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है। तत्सम शब्दावली की अधिकता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

7. अपना ही हित साधते, सारे देश विशेष।
सर्व-भूत-हित-रत सदा, वो है भारत देश।

शब्दार्थ : हित = भला, कल्याण। सर्व-भूत-हित-रत = सब के कल्याण में लीन। सदा = हमेशा।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘नीरज के दोहे’ से लिया या है। इसके कवि श्री नीरज हैं। कवि ने भारत देश की महत्ता को प्रकट किया है और माना है कि वह अपने गुणों के कारण अन्य देशों से भिन्न है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि संसार के अन्य देश विशेष रूप से अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए ही कार्य करते हैं, वे केवल अपना ही हित साधते हैं। वे दूसरे देशों के कल्याण की बात नहीं सोचते। वह केवल भारत देश ही है जो सदा सब के कल्याण के लिए कार्य करने में लगा रहता है।

विशेष:

  1. कवि ने भारतवासियों की परोपकारिता और कल्याणकारी प्रकृति को प्रकट किया है।
  2. भाषा में तत्सम शब्दावली की अधिकता है।

8. दूध पिलाये हाथ जो, डसे उसे भी साँप।
दुष्ट न त्यागे दुष्टता, कुछ भी कर लें आप॥

शब्दार्थ : डसे = डसना, डंक मारना। त्यागे = छोड़े। दुष्टता = बुराई।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में श्री नीरज के द्वारा रचित ‘नीरज के दोहे’ नामक कविता से लिया गया है। कवि ने दुष्ट स्वभाव वाले व्यक्ति के बारे में अपने भाव प्रकट किये हैं।

व्याख्या:
कवि कहता है कि साँप उस हाथ को भी डस लेता है जो उसे दूध पिलाता है। वह उसके प्रति भी अहित ही करता है जो उसे जीवन देना चाहता है। दुष्ट प्राणी कभी भी अपनी दुष्टता को नहीं छोड़ता चाहे कोई उसके हित के लिए कुछ भी कर ले। भाव है कि दुष्ट व्यक्ति किसी भी अवस्था में अपनी दुष्टता को नहीं त्यागता। वह किसी का कैसा भी एहसान नहीं मानता, चाहे कोई कुछ भी कर ले।

विशेष:

  1. कवि ने दुष्ट स्वभाव वाले प्राणियों के स्वभाव का सटीक चित्रण किया
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

9. तोड़ो मसलो या कि तुम, उस पर डालो धूल।
बदले में लेकिन तुम्हें खुशबू ही दे फूल।

शब्दार्थ : मसलो = कुचलो, दोनों हाथों के बीच रगड़ो।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘नीरज के दोहे’ नामक कविता से लिया गया है जिसमें कवि ने अच्छे स्वभाव वाले लोगों की विशेषता को प्रकट किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि अच्छे स्वभाव के लोग हानि पहुँचाने वालों के प्रति भी बुरा व्यवहार नहीं करते। वे उनके लिए भी कल्याण का भाव ही अपने मन में रखते हैं। यदि किसी फूल को तोड़ो, दोनों हाथों के बीच मसलो या उस पर धूल डालो तो भी बदले में कभी नुकसान नहीं पहुंचाते। वे बदले में तुम्हें खुशबू ही देते हैं। अच्छे लोग विपरीत व्यवहार करने पर भी अहित का भाव मन में कभी नहीं लाते। भाव है कि अच्छे लोग हर स्थिति में अच्छे ही रहते हैं।

विशेष:

  1. कवि ने अच्छे स्वभाव के लोगों को हर स्थिति में अच्छा व्यवहार करने वाला ही माना है।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

10. स्नेह, शान्ति, सुख सदा ही, करते वहाँ निवास।
निष्ठा जिस घर माँ बने, पिता बने विश्वास॥

शब्दार्थ : स्नेह = प्रेम। निवास = रहने का स्थान, रहना। निष्ठा = कौशल। श्रद्धा = एकाग्रता, आधार।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘नीरज के दोहे’ से लिया गया है। इसके रचयिता श्री नीरज हैं। कवि ने किसी भी अच्छे घर के गुणों को माता-पिता के गुणों के आधार पर प्रकट किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि किसी भी घर की सुख-शांति और प्रेम की नींव की मज़बूती उसके माता-पिता के गुण होते हैं। जिस भी घर में श्रद्धा, एकाग्रता और कौशल की आधार माँ होती है और पिता विश्वास के आधार बनते हैं। उस घर में सदा ही स्नेह, शांति और सुख का निवास होता है। उस घर में सब प्रकार का आनंद होता है। भाव है कि किसी भी घर की खुशियाँ उसमें रहने वाले माता-पिता के उच्च संस्कारों और गुणों पर निर्भर करती हैं। बच्चे उन्हीं अच्छे गुणों को प्राप्त करके अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाते हैं।

विशेष:

  1. कवि ने किसी भी परिवार के संस्कारों की श्रेष्ठता को माता-पिता के कारण माना है जो परिवार की सुख-शांति के आधार बनते हैं।
  2. भाषा में सरलता, सरसता और सहजता के गुण विद्यमान है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

नीरज के दोहे Summary

नीरज के दोहे दोहों का सार

कवि ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहता है कि हे भगवन् ! तरह-तरह की बुराइयाँ मेरे हृदय में काँटे की तरह चुभ रही हैं। कृपा कर के उन्हें सदा के लिए मिटा दो। मर्यादा और त्याग ही तो राम का नाम है। जिसका मन इन दोनों में लग जाता है वह सदा बुराइयों से दूर हो जाता है। यह सारा संसार इंद्रधनुष के रंग जैसा दिखाई देता है। यह बाहर से अलगअलग तरह का दिखाई देता है पर इसके अंदर तो परमात्मा का एक स्वरूप ही विद्यमान है। लालच का भाव कभी दान नहीं करने देता और गुस्सा मनुष्य को ज्ञान से दूर करता है। इन दोनों से जब मुक्ति मिल जाती है तभी अपनी पहचान बनती है। धन केवल साधन है। यह मनुष्य के जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं होता। यदि जीवन का लक्ष्य केवल धन बन जाएगा तो यह तुच्छ और व्यर्थ हो जाएगा। हम मनुष्य कितना लंबा जीवन जीते हैं इसका कोई अर्थ नहीं है। वास्तविकता तो इस बात में है कि हम किस प्रकार जीवित रहते हैं। इस संसार के सारे देश अपना-अपना स्वार्थ पूरा करते हैं। केवल भारत देश ही ऐसा है जो प्राणी मात्र के लिए प्रयत्न करता रहता है। जो हाथ दूध पिलाते हैं साँप तो उन्हें भी डसता है। आप कुछ भी कर लीजिए दुष्ट व्यक्ति कभी भी अपनी दुष्टता नहीं छोड़ सकता। अच्छा व्यक्ति हर स्थिति में अपने गुणों को ही प्रकट करता है। आप किसी फूल को तोड़ो या मसल डालो पर बदले में वह सदा सुगंध ही देता है। जिस घर में माँ निष्ठावान होती है और इसे किसी भी तरह पिता विश्वास का रूप बन जाते हैं वहाँ सदा प्रेम, शांति और सुख ही निवास करते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 तुम भी ऊँचे उठ सकते हो

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 16 तुम भी ऊँचे उठ सकते हो Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 16 तुम भी ऊँचे उठ सकते हो

Hindi Guide for Class 8 PSEB तुम भी ऊँचे उठ सकते हो Textbook Questions and Answers

(क) भाषा बोध

I. शब्दार्थ:

पथिक = यात्री।
आँच = आग।
हाँडी = मिट्टी का बरतन।
तट = किनारा।
व्यर्थ = बेकार।
नभ = आकाश।
अवैध = गैर-कानूनी।
विश्राम = आराम।
कदाचित् = कभी भी।
खटास = खट्टापन।
ताड़ी = शराब।
शुष्क = सूखा।
औषिधि = दवा।

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II. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करें-

विश्राम – ………………………
पथिक – ………………………
विजयश्री – ………………………
मरुस्थल – ………………………
अवैध – ………………………
उत्तर:
विश्राम – बीमार व्यक्ति को दिन के समय भी विश्राम करना ही पड़ता है।
पथिक – पथिक पेड़ के नीचे विश्राम करने के लिए रुका।
विजयश्री – हमारे सैनिकों ने शत्रु सेना पर शानदार विजयश्री प्राप्त की।
मरुस्थल – खजूर की लकड़ी खुरदरी और टेढ़ी-मेढ़ी होने पर भी मरुस्थल में उपयोगी वस्तु है।
अवैध – पेड़ों की अवैध कटाई के कारण बाढ़ें आने का खतरा रहता है।

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) खजूर का पेड़ मनुष्य को क्या एहसास दिलाता है ?
उत्तर:
खजूर का पेड़ हमें ऊँचा उठने का एहसास दिलाता है।

(ख) खजूर की लकड़ी किस काम आती है ?
उत्तर:
खजूर की लकड़ी घर बनाने के काम आती है। इससे नौकाएँ भी बनाई जाती

(ग) महाराष्ट्र और बंगाल के गाँवों में खजूर का रस कैसे इकट्ठा किया जाता है ?
उत्तर:
महाराष्ट्र और बंगाल में लोग खजूर के तने को छीलकर और तेज़ चाक से इसमें कटाव लगाकर हांडी बाँध देते हैं।

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(घ) ताड़ी किसे कहते हैं और यह कैसे बनती है ?
उत्तर:
खजूर के रस को कुछ देर रख दिया जाता है। फिर उससे ताड़ी बनाई जाती

(ङ) खजूर के पत्तों का क्या उपयोग है ? .
उत्तर:
खजूर के पत्तों से चटाइयाँ, झोंपड़ियाँ और हस्तशिल्प की सुन्दर चीजें बनती हैं।

(च) खजूर के फल देखने में कैसे लगते हैं ?
उत्तर:
खजूर के फल देखने में गहरे भूरे और हल्के पीले रंग के कुछ लम्बे तथा खाने में बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं।

II. इन के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें।

(क) खजूर के क्या-क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
खजूर के अनेक लाभ हैं। यह व्यक्ति को अपनी तरह ऊँचा उठने का सन्देश देती है। इसकी लकड़ी से घर बनाए जाते हैं। इसके फल स्वादिष्ट होते हैं। पत्तों से चट्टाइयाँ, झोंपड़ियाँ और हस्त शिल्प की सुंदर वस्तुएँ बनाई जाती हैं। इसके रस को इकट्ठा कर गुड़ तैयार किया जाता है। इसके तने से नौकाएं तैयार की जाती हैं। सूखी खजूर औषधियों में काम आती है। (ख) खजूर का पेड़ हमें क्या सीख देता है ?
उत्तर-खजूर का पेड़ हमें ऊँचा उठने, निर्भीक रहने, संकट सहने, परोपकार करने की सीख देता है। यह हमें सिखाता है कि कठोर जीवन ही सुख का आधार बनता है। कठिन जीवन ही मुसीबतों से टकराने की प्रेरणा देता है। विपरीत परिस्थितियों में भी जीने की राह खजूर ही दिखाता है।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. शुद्ध रूप लिखो

बलकि – ………………………
छतर – ………………………
सवाद – ………………………
अनन्द – ………………………
दुपहर – ………………………
उत्तर:
अशुद्ध रूप – शुद्ध रूप
बलकि – बल्कि
छतर – छत्र
सवाद – स्वाद
अनन्द – आनन्द
दुपहर – दोपहर।

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II. अन्, अनु, कु, दुर उपसर्ग लगाकर विपरीत शब्द बनाओ

शासन – ………………………
उपयोगी – ………………………
आवश्यकता – ………………………
आस्था – ………………………
रूप – ………………………
मति – ………………………
उपयोग – ………………………
दैव – ………………………
बल – ………………………
उत्तर:

अन् अनु कु दुर
अनावश्यकता कुशासन दुरुपयोग
अनास्था कुरूप दुर्दैव
कुमति दुर्बल
अनुपयोगी

III. परन्तु, कि, इसलिए, एवं योजकों का वाक्यों में प्रयोग करें।

उत्तर:
(क) परन्तु-तुम आ जाओ परन्तु मोहन को साथ मत लाना।
(ख) कि-वह जाएगा कि नहीं।
(ग) इसलिए-वहाँ जाकर तूने धोखा दिया इसलिए अब घर बैठो।
(घ) एवं-राम एवं श्याम दोनों भाई हैं।

IV. अति + अन्त = अत्यन्त। इसी प्रकार इन शब्दों के सन्धि विच्छेद करें।

अत्यधिक = ………………………
अत्याचार = ………………………
इत्यादि = ………………………
उत्तर:
अत्यधिक = अति + अधिक।
इत्यादि = इति + आदि।
अत्याचार = अति + आचार।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 तुम भी ऊँचे उठ सकते हो

PSEB 8th Class Hindi Guide तुम भी ऊँचे उठ सकते हो Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
खजूर का पेड़ कैसा होता है ?
(क) बहुत ऊँचा
(ख) नाटा
(ग) सामान्य
(घ) मध्यम।
उत्तर:
बहुत ऊँचा।

प्रश्न 2.
खजूर के पेड़ की किस कवि ने निंदा की है ?
(क) कबीर
(ख) रहीम
(ग) रैदास
(घ) वृंद।
उत्तर:
रहीम।

प्रश्न 3.
खजूर की लकड़ी से कहाँ घर बनाए जाते हैं ?
(क) मरुस्थलों में
(ख) पहाड़ों में
(ग) समुद्र के किनारे
(घ) अधिक वर्षा के क्षेत्र में।
उत्तर:
मरुस्थल में।

प्रश्न 4.
खजूर के तनों से किन का निर्माण होता है ?
(क) नौकाओं का
(ख) छत्तों का
(ग) हथियारों का
(घ) हलों का।
उत्तर:
नौकाओं का।

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प्रश्न 5.
सूखी खजूर किस काम आती है ?
(क) औषधि के रूप में
(ख) जलाने के
(ग) पानी में भिगोने के
(घ) खेलने के।
उत्तर:
औषधि के रूप में।

प्रश्न 6.
खजूर की गुठलियाँ पीसकर किन्हें खुराक में मिलाकर खिलाते हैं ?
(के) ऊँटों को
(ख) घोड़ों को
(ग) गधों को
(घ) बैलों को।
उत्तर:
ऊँटों को।

तुम भी ऊँचे उठ सकते हो Summary

तुम भी ऊँचे उठ सकते हो पाठ का सार

खजूर का पेड़ बहुत ऊँचा होता है। वह न जीव-जगत् को छाया प्रदान करता है न ही उसकी लकड़ी अच्छी मानी जाती है। शायद इसी कारण रहीम ने खजूर की निन्दा की है। खजूर का एक उज्ज्वल पक्ष भी है। इसका भी अपना विशेष योगदान है। खजूर के पेड़ का लम्बा-ऊँचा आकार मनुष्य को उसके बौनेपन का आभास कराता है। इसके शिखर को देखने के लिए मनुष्य को अपनी टोपी और पगड़ी सम्भालनी पड़ती है। ये मनुष्य के लिए ऊँचा उठने का सन्देश देता है।

खजूर की जड़ और पत्ते मनुष्य की भलाई में प्रयुक्त होते हैं। अरब देशों में इसकी जड के स्वादिष्ट व्यंजन बनते हैं। मरुस्थल के लोग इसकी लकड़ी से घर बनाते हैं। इसके तनों से नौकाओं का भी निर्माण होता है। इसके वृक्ष से मीठा रस भी निकलता है। इसके रस से गुड़ भी बनाया जाता है। ताड़ी (शराब) भी बनती है।

खजूर के पत्तों से चटाइयाँ बनती हैं। पत्तों से झोंपड़ियाँ और विभिन्न प्रकार की हस्त शिल्प की सुन्दर वस्तुएँ भी तैयार होती हैं। खजूर के फल तो बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं। इन्हें स्वास्थ्यवर्धक भी माना जाता है। खजूर की गुठलियाँ पीस कर ऊँटों की खुराक में मिलाई जाती हैं। अधिकतर खजूर के पेड़ शुष्क जलवायु, कड़ी धूप और अल्प वर्षा वाले तथा मरुस्थलीय क्षेत्रों में उगते हैं। इस दृष्टि से भी यह व्यक्ति को विपरीत परिस्थितियों में भी प्रसन्न रहने की प्रेरणा देता है। अतः खजूर एक सर्वगुण सम्पन्न पेड़ है। व्यक्ति को सन्देश देता है कि तुम भी ऊँचे उठ सकते हो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 साइंस सिटी

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 15 साइंस सिटी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 15 साइंस सिटी

Hindi Guide for Class 8 PSEB साइंस सिटी Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

प्रयोगशाला = वह स्थान जहाँ पदार्थ विज्ञान, रसायन शास्त्र आदि विषयक तथ्यों को समझने, जानने या नयी बातों का पता लगाने के लिए प्रयोग किये जाते हैं।
प्रयत्न = कोशिश।
शिलान्यास = नींव पत्थर रखना।
अनिवार्य = आवश्यक।
बेमिसाल = अद्भुत, अतुलनीय।
रेटीना = आँख का भीतरी परदा।
अहम् = महत्त्वपूर्ण।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 साइंस सिटी

II. इन शब्दों के अर्थ लिखकर वाक्य प्रयोग करें

शिलान्यास – …………………..
भूमिका – …………………..
ग्लोब – …………………..
गैलरी – …………………..
प्रदर्शनी – …………………..
उत्तर:
शिलान्यास – नींव पत्थर रखना-साइंस सिटी का शिलान्यास 17 अक्तूबर, सन् 1997 को किया गया था।
भूमिका – रोल-साइंस सिटी वैज्ञानिक सोच पैदा करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
ग्लोब – धरती का रूप-ग्लोब से किसी देश की स्थिति आसानी से पता चल जाती
गैलरी – दर्शकदीर्घा-कल हम आर्ट गैलरी देखने जाएंगे।
प्रदर्शनी – नुमाइश-प्रदर्शनी देखकर बच्चे बहुत प्रसन्न हुए।

(ख) विषय : बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

(क) साइंस सिटी कहाँ पर स्थापित किया गया है ?
उत्तर:
साइंट सिटी पंजाब में जालन्धर-कपूरथला सड़क पर स्थापित किया गया है।

(ख) इसका शिलान्यास किसने, कब और किसके नाम पर किया था ? :
उत्तर:
इसका शिलान्यास 17 अक्तूबर, सन् 1997 में तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्द्र कुमार गुजराल के द्वारा उनकी माता श्रीमती पुष्पा गुजराल के नाम पर किया गया था।

(ग) स्पेस थियेटर और आम थियेटर में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
स्पेस थियेटर गोलाकार है और इसमें आम थियेटर से 10 गुणा बड़ी स्क्रीन है। इसमें सूई गिरने की आवाज़ से बादल गरजने तक की आवाज़ साफ सुनाई देती है जबकि आम थियेटर में ऐसा नहीं होता।

(घ) लेज़र की खोज किसने की थी ?
उत्तर:
लेज़र की खोज इंजीनियर थोडर मेमाईन ने की थी।

(ङ) दिल का मॉडल कहाँ पर रखा हुआ है ?
उत्तर:
दिल का मॉडल साइंस एक्स पलोरियम नाम की इमारत की गैलरी अमेजिंग लिविंग मशीन में रखा हुआ है।

(च) पारदर्शी मनुष्य के थियेटर की क्या विशेषता है ?
उत्तर:
इसमें मानव शरीर की सभी क्रियाओं का पता लगता है और सी०टी० स्कैन तथा ऑपरेशन भी मॉडलों के जरिये खुद कर सकते हैं।

(छ) वरचुअल रिएलटी गैलरी में मनोरंजन कैसे होता है ?
उत्तर:
इसमें तितलियाँ सामने खड़े दर्शक की हिलजुल के साथ हिलती हैं तथा मेकअप द्वारा केवल दो मिनट में बूढे को जवान और जवान को बूढ़ा बनाया जा सकता है।

(ज) डायनासोर पार्क में डायनासोर के कितने मॉडल हैं ?
उत्तर:
डायनासोर पार्क में डायनासोर के 45 मॉडल हैं।

(झ) ऊर्जा पार्क में किन-किन शक्तियों का प्रदर्शन किया गया है ?
उत्तर:
ऊर्जा पार्क में सूर्य, जल, परमाणु शक्तियों का प्रदर्शन किया गया है।

(अ) डिफैंस गैलरी में कौन-कौन से टैंक हैं ?
उत्तर:
डिफैंस गैलरी में विजैन्ता टैंक है।

(त) टेलीस्कोप का प्रयोग किस लिए किया गया है ?
उत्तर:
टेलीस्कोप का प्रयोग दूर की वस्तु को साफ़ स्पष्ट देखने के लिए किया जाता है।

(थ) रेलवे गैलरी की क्या विशेषता है ?
उत्तर:
रेलवे गैलरी में दिल्ली की मैट्रो, जापान की बुलेट ट्रेन और कालका-शिमला रेल के मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 साइंस सिटी

II. इन-प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

(क) फ्लाइट सिमुलेटर और अर्थक्यूक सिमूलेटर में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
फ्लाइट सिमुलेटर एक ऐसी मशीन है जिस पर बैठ कर ऐसा लगता है जैसे हम आकाश में उड़ रहे हैं। यह मशीन वास्तव में उड़ती नहीं है। यह कहीं जाती भी नहीं है। यह अपनी जगह पर ही झूलती रहती है। क्यूक सिमूलेटर नामक मशीन पर बैठ कर भूकम्प के झटकों जैसा अहसास होता है। इसके सामने लगी स्क्रीन से रिक्टर स्केल पर अलगअलग प्रकार के झटके महसूस कर सकते हैं।

(ख) साइंस सिटी को देखने के बाद वैज्ञानिक सोच को ठोस आधार मिलता है ? क्या यह सही है ? अपने उत्तर की पुष्टि किसी एक उदाहरण द्वारा करें।
उत्तर:
साइंस सिटी को देखने के बाद वैज्ञानिक सोच को ठोस आधार निश्चित रूप से मिलता है। केवल कल्पना से ही किसी बात को ठीक प्रकार से नहीं समझा जा सकता। आकाश में सूर्य, चन्द्रमा, तारे आदि हम सब अपने बचपन से देखते आ रहे हैं लेकिन इनका अपने अक्ष के चारों ओर घूमते हुए सूर्य के इर्द-गिर्द घूमने के विषय में सब जानकर भी सच में वैसी कल्पना नहीं कर सकते जैसी पलैनिटेरियम के माध्यम से दिखाई दे जाती है। साइंस सिटी तो वैज्ञानिक तथ्यों को एकदम स्पष्ट कर देती है।

(ग) साइंस सिटी पंजाब का गौरव है। इसने पंजाब राज्य का मान बढ़ाया है। अपने उत्तर की पुष्टि करें।
उत्तर:
साइंस सिटी ने वास्तव में ही पंजाब का गौरव बढ़ाया है। पूरे देश में ऐसी राष्ट्रीय प्रयोगशालाएँ गिनी-चुनी ही हैं। देश के छात्र-छात्राएँ ही नहीं बल्कि सभी आयु वर्गों के लोग इससे ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। वे प्रकृति के उन रहस्यों से इससे परिचित हो सकते हैं जिनकी कल्पना भी सरल नहीं थी। यह ज्ञान के साथ-साथ मनोरंजन का आधार भी है।

(घ) साइंस सिटी में आपको सबसे अच्छा क्या लगा ? संक्षेप में लिखें।
उत्तर:
साइंस सिटी अपने आप में अनूठी है जिसका हर हिस्सा ज्ञान से भरा हुआ है पर मुझे इसमें बनाई गई झील के बीचों बीच टापू सबसे अच्छा लगा जिस पर तरह-तरह के छोटे-बडे डायनोसोर मॉडल स्थापित किए गए हैं। वे सभी को अपनी ओर आकृष्ट करते हैं। डायनासोर के अंत को दर्शाने वाला ज्वालामुखी भी बहुत सुन्दर है। आवाज़ों के आधार पर हिलते-डुलते डायनासोर बहुत प्रभावशाली और आकर्षक हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 साइंस सिटी

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखें

आज़ाद = …………………..
अनिवार्य = …………………..
दायें = …………………..
साफ = …………………..
असली = …………………..
मिसाल = …………………..
विस्तार = …………………..
उत्तर:
आज़ाद = गुलाम
अनिवार्य = ऐच्छिक
दायें = बायें
साफ = गंदा
असली = नकली
मिसाल = बेमिसाल
विस्तार = संकुचन।

II. इन शब्दों में बतायें कि ‘र’ रेफ है या ‘र’ पदेन

प्रदर्शनी = …………………..
ग्रह = …………………..
आकर्षण = …………………..
सिर्फ = …………………..
अनिवार्य = …………………..
स्क्रीन = …………………..
उत्तर:
प्रदर्शनी = रेफ
ग्रह = रेफ
आकर्षण = रेफ
सिर्फ = रेफ
अनिवार्य = रेफ
स्क्रीन = पदेन।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 साइंस सिटी

III. निम्नलिखित समास शब्दों का विग्रह करें

समास – विग्रह
प्रयोगशाला = …………………..
समाज सेवा = …………………..
पंजाब = …………………..
बेमिसाल = …………………..
परमाणु शक्ति = …………………..
उत्तर:
प्रयोगशाला = प्रयोग के लिए शाला
समाज सेवा = समाज की सेवा
पंजाब = पाँच (पंज) आबों का समाहार
बेमिसाल = मिसाल नहीं है जिसकी
परमाणु शक्ति = परमाणु की शक्ति।

IV. निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखें-

विज्ञानिक, अनीवार्य, आकरषण, अधारित, अवाज़, विषेश, केन्दर, वायू, परदर्शनी, जलवायू, उदेश्य, नजदीक, सिदाँध, जाहज, आजाद, शुरूआत।

उत्तर
विज्ञानिक = वैज्ञानिक
अनीवार्य = अनिवार्य
आकरषण = आकर्षण
अधारित = आधारित
अवाज़ = आवाज़
विषेश = विशेष
केन्दर = केन्द्र
वायू = वायु
परदर्शनी = प्रदर्शनी
जलवायू = जलवायु
उदेश्य = उद्देश्य
नजदीक = नज़दीक
सिदाँध = सिद्धांत
जाहज = जहाज़
आजाद = आजाद
शुरूआत = शुरुआत।

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V. इन शब्दों में से मूल शब्द अलग करके लिखें

वैज्ञानिक = …………………..
राष्ट्रीय = …………………..
स्थापित = …………………..
स्वास्थ्य = …………………..
प्रदर्शनी = …………………..
आकाशीय = …………………..
ऊर्जा = …………………..
उत्तर:
वैज्ञानिक = ज्ञान
राष्ट्रीय = राष्ट्र
स्थापित = स्था
स्वास्थ्य = स्वस्थ
प्रदर्शनी = दर्शन
आकाशीय = आकाश
ऊर्जा = ऊर्ज

(घ) रचना बोध

I. अपने मित्र/सहेली को साइंस सिटी देखने के लिए उत्साहित करते हुए. पत्र लिखें।

उत्तर:
18, मॉडल टाऊन,
जालन्धर।
10 अगस्त, 20….
प्रिय मनप्रीत,

आशा है कि तू ठीक होगी। मुझे पता है कि तेरी मासिक परीक्षाएँ पिछले सप्ताह समाप्त हो गई थीं। तू अपने स्वभाव के अनुसार फिर से किताबों में डूबने ही वाली होगी पर मैंने तझे एक विशेष कारण से यह पत्र लिखा है। जालन्धर-कपूरथला सड़क पर बहुत बड़े क्षेत्रफल में बने साइंस सिटी को एक बार अवश्य देख कर आ। जिस दिन भी तुझे समय मिले तु माता-पिता जी को साथ लेकर वहाँ जा। जो कुछ तुमने अब तक अपनी किताबों में पढ़ा है उसे अपनी आँखों से वहाँ देख कर जो मज़ा आएगा उसे जुबान से प्रकट नहीं किया जा सकेगा। पूरे एक सौ करोड़ रुपये की लागत से बना यह अपने आप में अनूठा है। इसका गोलाकार थियेटर इतना अद्भुत है कि दिखाई जाने वाली फिल्म में तू एक सूई गिरने की आवाज़ तक सुन सकेगी। तारामंडल, ग्रह-उपग्रह और मंदाकनियाँ अद्भुत ढंग से घूमती दिखाई देती हैं। साइंस और भूगोल की पुस्तकों में जो पढ़ा है उसे अपनी आँखों से देखना अद्भुत-सा लगता है। एक मशीन पर बैठ कर तो ऐसा लगता है जैसे हम आकाश में उड़ रहे हों जबकि मशीन कहीं नहीं उड़ती और न कहीं जाती है। भूकंप के झटके को भी एक मशीन महसूस करा देती है। रंगबिरंगी लेज़र किरणों का शो तो मन को मोह लेता है। ‘अमेजिंग लिविंग मशीन’ के द्वारा मानव शरीर की संरचना की वैसी झलक मिल जाती है जैसी हमारी किताबों में नहीं लिखी हुई। एक गैलरी में तितलियाँ ऐसे लगती हैं जैसे हमारी इच्छा से हिल रही हों। वे तो हमारे ऊपर आ कर बैठती-सी लगती हैं। डायनासोर पार्क के मॉडल तो जूरैसिक पार्क फ़िल्म को याद करा देते हैं। तरह-तरह के हवाई जहाज़ टैंक हमारे ज्ञान को बढ़ाते ही नहीं बल्कि मोह लेते हैं। मेरे कहने या लिखने से तुझे वह मज़ा नहीं आ सकता जितना तुझे इसे देखने से आएगा। तू यहाँ जरूर जाना। जब मैं इसे देख रही थी तब तू मुझे बार-बार याद आ रही थी। इसे देखने के बाद तू मुझे पत्र लिखना और बताना कि वहाँ तुझे सब से अच्छा क्या लगा। माता-पिता जी को मेरी ओर से नमस्ते कहना।

तुम्हारी सखी,
सिमरन।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 साइंस सिटी

II. अपने विज्ञान के अध्यापक को साथ लेकर साइंस सिटी देखकर आयें और अपने अनुभव डायरी में लिखें।

उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

PSEB 8th Class Hindi Guide साइंस सिटी Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
‘साइंस सिटी’ का निर्माण कहाँ हुआ है ?
(क) जालंधर-कपूरथला सड़क पर
(ख) जालंधर-अमृतसर सड़क पर
(ग) जालंधर-लुधियाना सड़क पर
(घ) जालंधर-फिरोजपुर सड़क पर।
उत्तर:
जालंधर-कपूरथला सड़क पर।

प्रश्न 2.
साइंस सिटी कितने एकड़ भूमि पर बनाया गया है ?
(क) 70
(ख) 71
(ग) 72
(घ) 73.
उत्तर:
72.

प्रश्न 3.
साइंस सिटी का शिलान्यास कब हुआ था ?
(क) 17-10-1997
(ख) 17-10-1996
(ग) 17-10-1995
(घ) 17-10-1994.
उत्तर:
17-10-1997.

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 साइंस सिटी

प्रश्न 4.
साइंस सिटी को जनता के लिए कब खोला गया ?
(क) 19-3-2001
(ख) 19-3-2003
(ग) 19-3-2005
(घ) 19-3-2007.
उत्तर:
19-3-2005.

प्रश्न 5.
पुष्पा-गुजराल साइंस सिटी में किस थियेटर का विशेष महत्त्व है ?
(क) अर्थ
(ख) स्पेस
(ग) नाट्य
(घ) गोष्ठी।
उत्तर:
स्पेस।

प्रश्न 6.
स्पेस थियेटर किस आकार का है ?
(क) गोल
(ख) आयताकार
(ग) चोकोर
(घ) तिकोन।
उत्तर:
गोल।

प्रश्न 7.
ग्लोब कितनी लाख विभिन्न रंगों की टाइलों से बना है ?
(क) बीस
(ख) पच्चीस
(ग) तीन
(घ) पैंतीस।
उत्तर:
पच्चीस।

प्रश्न 8.
साइंस सिटी में डायनासोर के कितने मॉडल हैं ?
(क) 45
(ख) 50
(ग) 40
(घ) 55.
उत्तर:
45.

प्रश्न 9.
जापान की किस ट्रेन का मॉडल साइंस सिटी में है ?
(क) मैट्रो
(ख) बुलेट
(ग) मिनी
(घ) स्पेस।
उत्तर:
बुलेट।

प्रश्न 10.
साइंस सिटी में रात के समय टेलीस्कोप से किन पिंडों को दिखाया जाता
(क) पर्यावरणीय
(ग) आकाशीय
(ख) खगोलीय
(घ) जलीय।
उत्तर:
आकाशीय।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 साइंस सिटी

साइंस सिटी Summary

साइंस सिटी पाठ का सार

हमारे देश की स्वतन्त्रता के बाद देशवासियों को वैज्ञानिक सोच प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की अनेक प्रयोगशालाएं विभिन्न नगरों में स्थापित की गई थीं। पंजाब सरकार ने जालन्धर-कपूरथला सड़क पर पंजाब और केन्द्र सरकार ने संयुक्त रूप से 72 एकड़ भूमि पर एक सौ करोड़ रुपए की लागत से साइंस सिटी का निर्माण किया था। ‘पुष्पा गुजराल साइंस सिटी’ नामक इस प्रयोगशाला का शिलान्यास 17 अक्तूबर, सन् 1997 में किया गया था और इसे साधारण जनता के लिए 19 मार्च, सन् 2005 को खोल दिया गया था। इसमें स्पेस थियेटर विशेष महत्त्व का है। यह गोल आकार का है जिसके बाहर 25 लाख विभिन्न रंगों की टाइलों से ग्लोब बनाया गया है। इसमें सामान्य से 10 गुणा बड़ी स्क्रीन और अति उच्च क्षमता के ध्वनि यंत्र लगाए गए हैं। इसी में ग्रहों, तारा मंडल और मंदाकनियों की जानकारी दी जाती है। फ्लाइट सिम्यूलेटर नामक मशीन से आकाश में उड़ने का अनुभव प्राप्त किया जा सकता है। इसमें अर्थक्यूक सिम्यूलेटर मशीन की सहायता से भूकम्प के असली झटकों का अहसास किया जा सकता है। भूकम्प आते ही किन सावधानियों का प्रयोग किया जाना चाहिए, उसे यहाँ अच्छे ढंग से सिखाया जाता है। विशेष किस्म की ऐनकों से थ्री डी फिल्म देखने का अनूठा अनुभव भी यहाँ किया जा सकता है। लेज़र किरणों से विशेष प्रकार का शो किया जाता है। सन् 1960 में थोडर मेमाईन के द्वारा खोजी गई लेज़र किरणों से आँख के उखड़े हुए रैटीना को भी वापस अपने स्थान पर जोड़ा जा सकता है। यहाँ बनाए गए ‘अमेजिंग लिविंग मशीन’ नामक गैलरी में प्रवेश करते ही 12 फुट ऊँचे दिल का मॉडल दिखाई देता है और हृदय की धड़कन सुनाई देती है। पारदर्शी मनुष्य के थियेटर में मानव शरीर के सभी अंमों की प्रक्रिया देखी और समझी जा सकती है। यहाँ सी०टी० स्कैन और ऑपरेशन भी मॉडलों की सहायता से किए जा सकते हैं। एच०आई०वी० एड्स से संबंधित एक अलग गैलरी बनाई गई है। ‘फन साइंस नाम’ की गैलरी में मूल वैज्ञानिक सिद्धान्तों को मनोरंजक ढंग से समझाया जाता है। वोर टैक्स की घूमन-धेरी से एक जगह खड़े रह कर भी घूमने का अनुभव किया जा सकता है। वरचुअल रिएलटी गैलरी और मेकअप के द्वारा अद्भुत अनुभव प्राप्त किए जा सकते हैं। यहाँ एक झील के बीचों-बीच टापू पर डायनासोर के 45 मॉडल भी हैं जो अपनी ओर खेलने के लिए बुलाते-से प्रतीत होते हैं। ज्वालामुखी का बहुत बड़ा मॉडल विशेष रूप से आकर्षक है।

‘साइंस सिटी’ के एक भाग में सौर ऊर्जा का ही प्रयोग किया जाता है। पनशक्ति केन्द्र में रणजीत सागर डैम से विद्युत् उत्पत्ति का तरीका दिखाने के साथ-साथ परमाणु शक्ति के उपयोगों को भी समझाया गया है। डिफैंस गैलरी में मिगन्टड, विजैन्ता टैंक, एल-टी स्वाति हवाई जहाज़ आदि रखे गए हैं। रात के समय आकाशीय पिंडों को टेलीस्कोप से दिखाने का प्रबन्ध किया गया है। पोलर सैटेलाइट लाँचिंग विहेकल का मॉडल उड़ान भरता हुआ दिखाई देता है। साइंस ऑफ़ स्पोर्ट्स विभिन्न खेलों के वैज्ञानिक सिद्धान्तों को प्रकट करता है। जापान की बुलेट ट्रेन, कालका-शिमला रेल, दिल्ली की मैट्रो आदि के मॉडल रेलवे गैलरी में प्रदर्शित किए गए हैं। लाइफ श्रू दी एजिज़ से मनुष्य की विकास यात्रा को दर्शाया जाता है। जलवायु परिवर्तन से संबंधित शो भी इसमें दिखाए जाते हैं। वास्तव में ही यह साइंस सिटी सभी के आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 4 A Letter to God

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Literature Book Solutions Chapter 4 A Letter to God Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 English Literature Book Solutions Chapter 4 A Letter to God

Question 1.
Where was Lencho’s house located ? Did he have any neighbours ?
(लैंको का घर कहां स्थित था? क्या उसके कोई पड़ोसी थे?)
Answer:
Lencho’s house was on the top of a low hill. It was the only house in the valley. Thus Lencho had no neighbours.
लैंको का मकान एक कम ऊंची पहाड़ी की चोटी पर था। घाटी में यह एकमात्र मकान था। इस प्रकार लैंको का कोई पड़ोसी नहीं था।

Question 2.
When did it start raining ?
(वर्षा होनी कब शुरू हुई?)
Answer:
It started raining when Lencho and his family were having dinner.
वर्षा तब शुरू हुई जब लैंको और उसका परिवार रात का भोजन कर रहे थे।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 4 A Letter to God

Question 3.
What was Lencho’s family doing when it started raining ?
(जब वर्षा होनी शुरू हुई तो लैंको का परिवार क्या कर रहा था?)
Answer:
They were having dinner.
(वे रात्रिभोज कर रहे थे।)

Question 4.
Why did Lencho go out ? What did he observe ?
(लैंको बाहर क्यों गया? उसने क्या देखा?)
Answer:
It had started raining. Lencho went out to have the pleasure of feeling of rain on his body. He observed the raindrops falling from the sky. He called them new coins. He said, “The big drops are ten-cent pieces and the little ones are fives.”

वर्षा होनी शुरू हो गई थी। लैंको अपने शरीर पर वर्षा को महसूस करने का आनन्द लेने के लिए बाहर गया। उसने आकाश से गिर रही वर्षा की बूंदों को देखा। उसने उन्हें नए सिक्कों का नाम दिया। उसने कहा, “बड़ी बूंदे दस-सेन्ट के सिक्के हैं और छोटी बूंदे पांच-सेन्ट के सिक्के हैं।”

Question 5.
Why did Lencho’s sons run out ? Were they happy ? How do you know?
(लैंको के बेटे भागते हुए बाहर क्यों गए? क्या वे प्रसन्न थे? आप कैसे कह सकते हैं ?)
Answer:
It had started hailing. The sons went out to collect the hailstones. They were very happy. The hailstones seemed to them like frozen pearls. And they ran out to collect them.

ओले पड़ने लगे थे। पुत्र ओले इकट्ठे करने के लिए बाहर गए। वे बहुत प्रसन्न थे। उन्हें ओले जमे हुए मोतियों के जैसे लग रहे थे। और वे उन्हें बटोरने के लिए बाहर को भागे।

Question 6.
Why did Lencho become unhappy after the storm ? What did he say?
(लैंको तूफान के बाद उदास क्यों हो गया ? उसने क्या कहा ?)
Answer:
After the storm, the field was all covered with hailstones. Not a leaf remained in the trees. The corn was totally destroyed. The flowers were gone from the plants. All this made Lencho very unhappy. He said that the hail had left nothing. They would have no corn that year.

तूफ़ान के बाद पूरा खेत ओलों से ढक गया था। पेड़ों पर एक भी पत्ता नहीं रहा था। अनाज पूरा नष्ट हो गया था। पौधों पर से फूल जाते रहे थे। इस सब से लैंको बहुत दुःखी हो गया। उसने कहा कि ओलों ने कुछ नहीं छोड़ा था। उस वर्ष उन्हें कोई अनाज प्राप्त नहीं होगा।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 4 A Letter to God

Question 7.
What did Lencho think throughout the night ?
(लैंको पूरी रात क्या सोचता रहा?)
Answer:
Lencho thought only of help from God. This was his only hope. He believed that God sees everything. He believed that God sees even what is deep in one’s heart.

लैंको केवल ईश्वर से सहायता के बारे में सोचता रहा। यह उसकी एकमात्र आशा थी। उसका विश्वास था कि ईश्वर हर चीज़ देखता है। उसका विश्वास था कि ईश्वर वह भी देख लेता है जो आदमी के गहरे दिल में होता है।

Question 8.
Who did Lencho write to for help ? What did he write in his letter ?
(लैंको ने सहायता के लिए किसे लिखा? अपने पत्र में उसने क्या लिखा?) ”
Answer:
Lencho wrote to God for help. In his letter, he wrote, “God, if you don’t help me, my family and I will go hungry this year. I need a hundred pesos in order to sow my field again.”

लैंको ने सहायता के लिए ईश्वर को लिखा। अपने पत्र में उसने लिखा, “ईश्वर, यदि तुम मेरी सहायता नहीं करोगे, तो इस वर्ष मेरे परिवार को और मुझे भूखा रहना पड़ेगा। अपने खेत को फिर से बोने के लिए मुझे एक सौ पेसो की ज़रूरत है।”

Question 9.
How did Lencho address the envelope ? What did he do after that ?
(लिफ़ाफ़े के ऊपर लैंको ने पता कैसे लिखा? इसके बाद उसने क्या किया?)
Answer:
Lencho wrote on the envelope only two words : ‘To God’. He put his letter inside the envelope and went to the town. There he got a stamp at the post office. He put the stamp on the envelope and dropped it into the mailbox.

लैंको ने लिफ़ाफ़े के ऊपर केवल दो शब्द लिखे : ‘ईश्वर को’। उसने अपना पत्र लिफ़ाफ़े में डाला और नगर को गया। वहां उस ने डाकघर से एक टिकट लिया। उसने टिकट को लिफ़ाफ़े के ऊपर लगाया और इसे डाक बक्से में डाल दिया।

Question 10.
Who took the letter to the postmaster?
(पोस्टमास्टर के पास पत्र को कौन ले कर गया?)
Answer:
It was a postman who took the letter to the postmaster.
यह एक डाकिया था जो पोस्टमास्टर के पास पत्र ले कर गया।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 4 A Letter to God

Question 11.
What did the postmaster do after reading Lencho’s letter ? Why did he do so?
(लैंको का पत्र पढ़ने के बाद पोस्टमास्टर ने क्या किया? उसने ऐसा क्यों किया?)
Answer:
The postmaster was struck by Lencho’s faith in God. He thought of sending God’s reply to Lencho’s letter. He collected money from his employees. He himself gave a part of his salary. Thus he collected seventy pesos. The money was handed to Lencho in the form of a letter.

पोस्टमास्टर ईश्वर में लैंको की आस्था पर चकित रह गया। उसने लैंको के पत्र का ईश्वर द्वारा उत्तर भेजने का विचार बनाया। उसने अपने कर्मचारियों से पैसे इकट्ठा किए। उसने स्वयं अपने वेतन का कुछ भाग दिया। इस तरह उसने सत्तर पेसो इकट्ठे कर लिए। ये पैसे एक पत्र के रूप में लैंको को दे दिए गए।

Question 12.
When did Lencho receive the letter from ‘God’ ? Who gave it to him and where ?
(लैंको को ‘ईश्वर’ की तरफ से आया पत्र कब प्राप्त हुआ? यह पत्र उसे किसने दिया और कहां दिया?)
Answer:
It was a Sunday morning. Lencho went to the post office to ask if there was a letter for him. The postman handed a letter to him. Lencho thought it was a letter from God. But it was the same letter which the post office people had sent for Lencho.

रविवार की प्रातः थी। लैंको डाकघर में यह पूछने गया कि क्या वहां उसके लिए कोई पत्र था। डाकिए ने उसे एक पत्र दिया। लैंको ने समझा कि यह ईश्वर की ओर से आया हुआ पत्र था। किन्तु यह वही पत्र था जो डाक-घर के लोगों ने लैंको के लिए भेजा था।

Question 13.
Was Lencho surprised to receive the money ? Why?
(क्या पैसे प्राप्त करने के बाद लैंको को हैरानी हुई ? क्यों ?)
Answer:
Lencho was not at all surprised to receive the money. He was certain that God would reply his letter and send him the money.
लैंको को पैसे प्राप्त करके बिल्कुल भी हैरानी नहीं हुई। उसे पूरा विश्वास था कि ईश्वर उसके पत्र का उत्तर देगा और उसे पैसे भेजेगा।

Question 14.
Why was Lencho angry after counting the money ?
(पैसे गिनने के बाद लैंको को क्रोध क्यों आया?)
Answer:
Lencho had asked God for a hundred pesos. But he found only seventy pesos in the envelope. He thought that the post-office people had taken out the rest of money. That was why he was angry.

लैंको ने ईश्वर से एक सौ पेसो मांगे थे। किन्तु उसे लिफ़ाफ़े में केवल सत्तर पेसो मिले। उसने सोचा कि बाकी के पैसे डाकघर के लोगों ने निकाल लिए थे। इसी कारण से वह क्रोधित था।

Question 15.
Did Lencho write back to God ? Why did he do so ?
(क्या लैंको ने ईश्वर को वापस पत्र लिखा? उसने ऐसा क्यों किया?)
Answer:
Lencho did write back to God. He had asked God for a hundred pesos. But he got only seventy pesos. He thought the post-office people had taken out the money. So he wrote back to God to send him the rest of money.

लैंको ने ईश्वर को वापस पत्र अवश्य लिखा। उसने ईश्वर से एक सौ पेसो मांगे थे किन्तु उसे केवल सत्तर पेसो प्राप्त हुए। उसने सोचा कि डाकघर के लोगों ने पैसे निकाल लिए थे। इसलिए उसने ईश्वर को वापस पत्र लिखा कि वह उसे बाकी के पैसे भेजे।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 4 A Letter to God

Question 16.
What did Lencho write in his second letter to God ?
(लैंको ने ईश्वर को अपने दूसरे पत्र में क्या लिखा?)
Answer:
Lencho had asked God for a hundred pesos. But he got only seventy. He thought the post-office people had taken out his money. So he asked God to send him the other thirty pesos. But he asked Him not to send the money through mail. He said that the post-office employees were a bunch of crooks.

लैंको ने ईश्वर से एक सौ पेसो मांगे थे। किन्तु उसे केवल सत्तर पेसो प्राप्त हुए। उसने सोचा कि डाक-घर के लोगों ने उसके पैसे निकाल लिए थे। इसलिए उसने ईश्वर से कहा कि वह उसे शेष तीस पेसो भेज दे परन्तु उसने उससे (ईश्वर से) यह भी कहा कि वह पैसे डाक से न भेजे। उसने कहा कि डाकखाने के कर्मचारी मक्कारों का टोला थे।

A Letter to God Summary in English

A Letter to God Introduction:

Lencho was, a poor farmer. He was very hard-working. Once there was a hailstorm. It destroyed his crops completely. Lencho had great faith in God. He wrote a letter to God. He asked God to send him money. The postmaster saw this letter. He decided to help Lencho. He collected some money. He put it inside an envelope. Lencho came to the post office to check his mail. The post office people gave him the envelope. Lencho opened the envelope. He took out the money and counted it. He found that it was less than he had asked for. He wrote another letter to God. He asked God to send him the rest of the money. But he wanted Him not to send the money through the mail. He said that the post office people were a bunch of crooks.

A Letter to God Summary in English

Lencho was a poor farmer. He was very hard-working. He was expecting a good harvest after the rains. Lencho waited expectantly for the rains. The rain did come but it came with hailstorm and destroyed his crop completely. Lencho’s soul was filled with sadness. He had firm faith in God. He believed that God would not let him starve. He, therefore, wrote a letter to God, asking Him to send one hundred pesos. (Peso is a unit of money in many Latin American countries and the Philippines.) Lencho then went to the post-office. He fixed a stamp on the letter and put it in the mail-box.

One of the postmen laughed to find in the mail a letter addressed to God. He showed it to the postmaster. The postmaster also laughed on seeing the letter. But immediately he became serious. He admired the faith of the man and decided to help him. He asked for contribution from his employees. He himself also gave a part of his salary. Though he could not collect one hundred pesos, yet he was able to send the farmer a little more than half of it. The postmaster put the money inside an envelope and addressed it to Lencho. He also put into the envelope a letter. But his letter had only one single word written on it. The word was in the form of a signature — God.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 4 A Letter to God

The next Sunday Lencho went to the post-office to ask if there was any letter for him. The postman took out a letter and handed it over to Lencho. Lencho was not surprised on seeing the money in the envelope. He was rather angry when he counted the money. There were only seventy pesos in the envelope. Lencho was sure God could not have made a mistake. So he wrote another letter to God asking him to send him the rest of the money. He also wrote to God not to send the money through the mail because he thought that the post-office employees were a bunch of crooks.

A Letter to God Summary in Hindi

A Letter to God Introduction:

लैंको एक ग़रीब किसान था। वह बहत परिश्रम किया करता था। एक बार भारी ओले पड़े। इससे उसकी पूरी फ़सल नष्ट हो गई। लैंको को ईश्वर में बहुत भरोसा था। उसने ईश्वर को एक पत्र लिखा। उसने ईश्वर से कहा कि वह उसे पैसे भेज दे। पोस्टमास्टर ने लैंको का यह पत्र देख लिया। उसने लैंको की सहायता करने का निश्चय किया। उसने कुछ पैसे एकत्रित किए। उसने ये पैसे एक लिफ़ाफ़े में डाल दिए। लैंको अपनी डाक देखने के लिए डाकघर में आया। डाकघर के लोगों ने उसे लिफ़ाफ़ा दे दिया। लैंको ने लिफ़ाफ़ा खोला। उसने पैसे निकाले और इन्हें गिना। उसने देखा कि पैसे उस से कम थे, जितने उसने मांगे थे। उसने ईश्वर को एक अन्य पत्र लिखा। उसने ईश्वर से कहा कि वह उसे बाकी पैसे भेज दे। किन्तु वह ईश्वर से चाहता था कि वह उसे पैसे डाक द्वारा न भेजे। उसने कहा कि डाकघर के लोग धोखेबाज़ों का एक टोला थे।

A Letter to God Summary in Hindi

कहानी का विस्तृत सार लैंको एक निर्धन किसान था। वह बहुत परिश्रम किया करता था। उसे आशा थी कि वर्षा होने के बाद उसकी फ़सल अच्छी होगी। लैंको ने वर्षा की प्रतीक्षा की। वर्षा तो आई किन्तु यह ओलों के साथ आई। लैंको की फ़सल पूरी तरह नष्ट हो गई। उसकी आत्मा उदासी से भर गई किन्तु उसे ईश्वर में विश्वास था। उसे विश्वास था कि ईश्वर उसे भूखा नहीं मरने देगा। इसलिए उसने ईश्वर को एक पत्र लिखा कि वह उसे एक सौ पेसो भेज दे। (पेसो अनेक लेटिन अमरीकी देशों और फिलीपीन्ज़ में मुद्रा की इकाई का नाम है।) पत्र लिखने के बाद लैंको डाकघर को गया। वहां उसने पत्र पर एक टिकट लगाई और इसे डाक-पेटी में डाल दिया।

डाकियों में से एक डाकिया भगवान् को सम्बोधन किए उस पत्र को देखकर हंस दिया। उसने यह पत्र पोस्टमास्टर को दिखाया। पोस्टमास्टर भी पत्र देखकर हंस दिया। परन्तु तुरन्त ही वह गम्भीर हो गया। उसने पत्र लिखने वाले द्वारा भगवान् में व्यक्त विश्वास की सराहना की और उसकी सहायता करने का निश्चय किया। उसने अपने साथी कर्मचारियों से कुछ धन एकत्रित किया। उसने अपने वेतन का भी कुछ भाग दिया। यद्यपि वह एक सौ पेसो एकत्रित न कर सका, वह किसान को आधे से कुछ अधिक पैसे भेजने के योग्य हो गया। पोस्टमास्टर ने यह धन एक लिफ़ाफ़े में डाल दिया जिस पर लैंकों का पता लिखा था। उसने इस लिफाफे के अन्दर एक पत्र भी डाला किन्तु इस पर केवल एक ही शब्द लिखा था। वह शब्द हस्ताक्षर के रूप में था-ईश्वर।

अगले रविवार के दिन लैंको डाकघर में यह पूछने गया कि क्या उसका कोई पत्र आया था। डाकिए ने एक पत्र निकाला और इसे लैंको को दे दिया। लैंको लिफ़ाफ़े में पड़े पैसे देखकर चकित न हुआ क्योंकि उसे विश्वास था कि ईश्वर उसकी सहायता अवश्य करेगा। किन्तु जब उसने पैसों को गिना तो वहां केवल 70 पेसो ही निकले। लैंको क्रोध से भर गया। उसे विश्वास था कि ईश्वर ग़लती नहीं कर सकता था। इसलिए उसने ईश्वर के नाम एक और पत्र लिखा तथा उसे शेष पैसे भेजने के लिए कहा। उसने ईश्वर को यह भी लिखा कि वह डाक द्वारा पैसे न भेजे क्योंकि उसके अनुसार डाकघर के कर्मचारी धोखेबाज़ लोगों का एक टोला था।

A Letter to God Translation in Hindi

(Page 35-36)

कठिन शब्दार्थ-1. entire—पूरी ; 2. crest-चोटी ; 3. dotted—इधर-उधर बिखरा हुआ, छिटका हुआ ; 4. harvest—पकी हुई फसल ; 5. downpour_भारी वर्षा ; 6. intimately-पूरी तरह से ; 7. supper – सायंकाल का भोजन ; 8. predicted-पहले ही बता दिया था ; 9. approaching-नजदीक आते हुए ; 10. pleasure-खुशी।

अनुवाद-वह मकान-जो उस पूरी घाटी में एकमात्र ही था-एक निचली पहाड़ी की चोटी पर खड़ा था। इस ऊंचाई पर से आदमी नदी को तथा पके हुए अनाज के उस खेत को देख सकता था जो हर जगह ऐसे फूलों, से भरा हुआ था जो सदा एक अच्छी फसल के होने का भरोसा दिलाते थे।

एकमात्र चीज़ जिसकी धरती को ज़रूरत थी, वह थी-एक मूसलाधार वर्षा अथवा कम-से-कम एक बौछार। उस पूरी प्रातः के दौरान लैंको-जो अपने खेतों को पूरी तरह से जानता था–ने उत्तर-पूर्व से आकाश को देखने के अतिरिक्त अन्य कोई काम नहीं किया था।

“ए औरत, हमें अब सचमुच कुछ पानी मिलने वाला है।” उस औरत ने, जो सायंकाल का भोजन तैयार कर रही थी, उत्तर दिया, “हां, यदि ईश्वर की इच्छा हुई।” जो लड़के आयु में बड़े थे, वे खेत में काम कर रहे थे, जबकि छोटे लड़के घर के नज़दीक खेल रहे थे, और अन्त में औरत ने उन सब को यह कहते हुए बुलाया, “रात्रि-भोजन के लिए आ जाओ……………।”

इस भोजन के दौरान ही, जैसा कि लैंको ने पहले ही अनुमान लगा लिया था, वर्षा की बड़ी-बड़ी बूंदें गिरने लगीं। उत्तर-पूर्वी दिशा में बड़े-बड़े पहाड़ों के जैसे बादल आते दिखाई दिये। हवा ताजी तथा सुहावनी लग रही थी। वह आदमी बाहर चला गया, तथा इसके अतिरिक्त इसका अन्य कोई कारण नहीं था कि वह अपने शरीर पर वर्षा के अनुभव का आनन्द लेना चाहता था, तथा जब वह वापस आया तो उसने खुशी से चिल्लाते हुए कहा “ये आकाश से गिरती हुई वर्षा की बूंदे नहीं हैं; ये तो नये सिक्के हैं। बड़ी बूंदें दस-दस सेन्ट के सिक्के हैं, तथा छोटी बूंदे पांच-पांच सेन्ट के सिक्के।”

(Page 36)

कठिन शब्दार्थ-1. expression-चेहरे पर का भाव ; 2. regarded—सन्तोष के भाव से निरन्तर देखता रहा ; 3. draped—ढके हुए ; 4. hailstones-ओले ; 5. resemble-के जैसे लगना ; 6. exposing बिना ढके हुए छोड़ देना ; 7. passes—समाप्त हो जाएगा ; 8. cornfield-अनाज का खेत ; 9. plague-बड़ा भारी दल ; 10. locusts-पंखदार, कीड़े, टिड्डियां ; 11. solitary-एकान्त ; 12. upset-चिन्तित ; 13. instructed—सिखाया ; 14. conscience—दिल, आत्मा।

अनुवाद-संतोष की भावना सहित उसने पके अनाज के उस खेत को देखा जो फूलों से भरा हुआ था तथा जो वर्षा रूपी चादर से ढका हुआ था। किन्तु अचानक एक तेज़ हवा चलने लगी और वर्षा के साथ-साथ बहुत बड़े-बड़े ओले गिरने लगे। ये सचमुच ही चांदी के नए सिक्कों के जैसे लगते थे। वर्षा में भीगने की परवाह न करते हुए लड़के उन जमे हुए मोतियों को इकट्ठा करने के लिए बाहर को भाग लिए। “अब मौसम सचमुच खराब होता जा रहा है,” लैंको ने दु:खी होते हुए कहा, “मुझे आशा है कि यह (ओले पड़ना) शीघ्र ही समाप्त हो जाएगा।”

किन्तु यह शीघ्र समाप्त न हुआ। लगातार एक घण्टा भर ओले बरसते रहे-घर के ऊपर, बाग़ में, पहाड़ी की ढलान पर, अनाज के खेत में और पूरी घाटी के ऊपर। खेत सफ़ेद हो गया, मानो यह नमक से ढका हुआ हो। पेड़ों के ऊपर एक पत्ता भी न रहा। अनाज पूरी तरह से नष्ट हो गया। पौधों पर से फूल जाते रहे। लैंको की आत्मा उदासी से भर गई। जब तूफ़ान समाप्त हो गया तो वह खेत के मध्य में जा खड़ा हुआ, और अपने बेटों से कहने लगा,

“एक बड़ा टिड्डी-दल भी इससे ज्यादा शेष छोड़ जाता ओले तो कुछ भी बाकी नहीं छोड़ गए हैं। इस वर्ष हमारे पास कोई अनाज नहीं होगा ………….” वह रात एक दुःख की रात थी।
“हमारी सब मेहनत बेकार गई है।” “कोई नहीं है. जो हमारी मदद कर सके।”
“इस वर्ष हम सब को भूखे रहना होगा …..” किन्तु उन सभी लोगों के दिलों में, जो घाटी के मध्य उस एकान्त घर में रहते थे, वहां एक-मात्र आशा अब भी थी-ईश्वर से मदद की आशा।
“इतना दुःखी मत बनो, यद्यपि ऐसा लगता है कि सब लुट गया है। याद रखो, भूख से कोई नहीं मरता है।”
“कहते तो ऐसा ही हैं-भूख से कोई नहीं मरता।” (अर्थात् ईश्वर किसी को भूख से नहीं मरने देता)।
पूरी रात भर लैंको अपनी एकमात्र आशा के विषय में सोचता रहा-उस ईश्वर की सहायता के बारे में जिस की आंखें, जैसा कि उसे सिखाया गया था, सब-कुछ देखती हैं, उस चीज़ को भी जो मनुष्य के गहरे अन्तर्मन में होती है।

(Page 37-38)

कठिन शब्दार्थ-1. an ox of a man-बैल की भाँति काम करने वाला ; 2. following-अगले ; 3. daybreak-प्रभात ; 4. pesos-अनेक लातीनी अमरीकी देशों का सिक्का ; 5. troubled- चिन्तित ; 6. dropped—डाल दिया ; 7. employees—कर्मचारी ; 8. boss—अधिकारी ; 9. heartily-बहुत ज्यादा ; 10. career-काम, नौकरी ; 11. amiable-मैत्रीपूर्ण ; 12. broke out-शुरू हो गया ; 13. tapping—टपटपाते हुए ; 14. commented—टिप्पणी की ; 15. correspondence-पत्र-व्यवहार ;16. shake-कमज़ोर बनाना ; 17. evident-स्पष्ट ; 18. goodwill-सद्भावना ; 19. stuck-दृढ़-निश्चय बना रहा ; 20. resolution-निश्चय ; 21. obliged—बाध्य हो गए ; 22. charity-दया ; 23. the following–अगले ; 24. a bit थोड़ा सा ; 25. handed—दिया ; 26. experiencing-महसूस करते हुए ; 27. contentment-सन्तोष ; 28. performed—किया होना।

अनुवाद-लैंको बैल की भाँति काम करने वाला व्यक्ति था। वह खेतों में एक पशु की भाँति काम करता था, किन्तु फिर भी उसे लिखना आता था। आगामी रविवार के दिन प्रातः होते ही वह एक पत्र लिखने लगा जिसे वह स्वयं नगर ले जा कर डाक में डालना चाहता था। यह पत्र ईश्वर को लिखे गए पत्र से कोई कम पत्र नहीं था।

“प्रभु,” उसने लिखा, “यदि आप मेरी सहायता नहीं करोगे तो मुझे तथा मेरे परिवार को इस वर्ष भूखा रहना होगा। मुझे अपने खेत को फिर से बोने के लिए अपना गुजारा चलाने के लिए एक सौ पेसो की ज़रूरत है जब तक कि (अगली) फसल नहीं आती क्योंकि ओलों ने ……”

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

Question 1.
Where did the villagers take shelter? Why?
(गांव वालों ने आश्रय कहां लिया ? क्यों ?)
Answer:
They took shelter in the temple. The village was flooded and the temple was the highest point in the village. That was why the villagers took shelter there.

गांव वालों ने एक मन्दिर में आश्रय लिया। गांव में बाढ आई हई थी और मन्दिर गांव में सबसे ऊंची जगह पर था। इसी कारण से गांव वालों ने वहां आश्रय ले लिया।

Question 2.
Why did Chenna Paraya not want to leave lis hut?
(चेन्ना परया झोंपड़ी छोड़कर जाना क्यों नहीं चाहता था ?)
Answer:
There were a few banana trees in the plot. There was also a haystack. Chenna did not want to leave them at the mercy of thieves.
वहां कुछ केले के पेड़ थे। वहां सूखी घास का एक ढेर भी था। चेना उन्हें चोरों की दया पर नहीं छोड़ना चाहता था।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

Question 3.
Why did Chenna leave his hut ?
(चेन्ना अपनी झोंपड़ी छोड़ कर क्यों चला गया ?)
Answer:
Chenna faced the flood for two nights and a day. But the flood water continued rising. The hut could go down the water any time. Chenna’s pregnant wife and his four kids were also with him. That was why he left the cottage.

चेन्ना ने दो रातों और एक दिन तक बाढ़ का मुकाबला किया। किन्तु बाढ़ का पानी चढ़ता रहा। झोंपड़ी किसी भी समय पानी में डूब सकती थी। चेन्ना की गर्भवती पत्नी और उसके चार बच्चे भी उसके साथ थे। इसी कारण से वह झोंपड़ी छोड़ कर चला गया।

Question 4.
How did Chenna leave the village ?
(चेन्ना गांव कैसे छोड़ कर गया ?)
Answer:
Chenna saw a boat at some distance. He cried aloud to the boatmen. Luckily, they heard him and came to his help. Chenna, his wife and the kids quickly got on to the boat. Thus they left the village.

चेन्ना को कुछ दूरी पर एक किश्ती दिखाई दी। उसने ऊंचे स्वर में किश्ती वालों को पुकारा। सौभाग्यवश उन्होंने उसकी आवाज़ सुन ली तथा उसकी सहायता को आ गए। चेन्ना, उसकी पत्नी और बच्चे जल्दी से किश्ती में सवार हो गए। इस तरह वे गांव से चले गए।

Question 5.
Who went with Chenna ?
(चेन्ना के साथ कौन-कौन गया ?)
Answer:
Chenna’s wife, his four kids and the cat went with him.
चेन्ना की पत्नी, उसके चार बच्चे तथा बिल्ली उसके साथ गए।

Question 6.
Why did the dog cry continuously ?
(कुत्ता निरन्तर क्यों भौंकता रहा ?)
Answer:
The dog was hungry and alone. That was why he kept crying. He hoped that some boatman would hear him and rescue him from the flooded place.

कुत्ता भूखा और अकेला था। इसी कारण से वह चिल्लाता रहा। उसे आशा थी कि कोई किश्ती वाला उसकी आवाज़ सुन लेगा और उसे उस बाढ़ आई जगह से बचा लेगा।

Question 7.
How long was the dog alone in the hut ?
(कुत्ता कितनी देर झोंपड़ी में अकेला रहा ?)
Answer:
He was alone for two days and two nights.
कुत्ता दो दिन और दो रात अकेला रहा।

Question 8.
Did anyone help the dog ?
(क्या किसी ने कुत्ते की मदद की ?)
Answer:
Nobody helped the dog.
(कुत्ते की मदद किसी ने नहीं की।)

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

Question 9.
Why did the two men come to the hut ?
(दो आदमी झोंपड़ी की ओर क्यों आए ?)
Answer:
The two men were thieves. They came to steal hay, coconuts and bananas from the plot.
वे दो आदमी चोर थे। वे उस जगह से सूखी घास, नारियल और केले चुराने के लिए आए थे।

Question 10.
Why did the two men hit the dog ?
(उन दोनों आदमियों ने कुत्ते को चोट क्यों पहुंचाई ?)
Answer:
The two men were thieves. The dog bit one of them hard in the leg. He cried in pain. The other man picked up a pole and hit the dog on the belly.

वे दोनों आदमी चोर थे। कुत्ते ने उनमें से एक को उसकी टांग में ज़ोर से काट लिया। वह दर्द से चिल्ला उठा। दूसरे आदमी ने एक बल्ली उठाई और कुत्ते के पेट में मार दी।

Question 11.
What happened to the dog in the end ?
(अन्त में कुत्ते का क्या हुआ ?)
Answer:
A crocodile caught the dog and killed him. When the flood water receded, his dead : body was found under a coconut tree. One ear was bitten off. The colour of the body had changed. It was all rotten.

एक मगरमच्छ ने कुत्ते को पकड़ कर मार दिया। जब बाढ़ का पानी कम हुआ तो उसका मृत शरीर नारियल के. एक पेड़ के नीचे पड़ा हुआ मिला। एक कान काट खाया हुआ था। शरीर का रंग बदल गया था। यह पूरी तरह गल-सड़ गया था।

Question 12.
Was Chenna Paraya unkind to his dog ? Discuss.
(क्या चेन्ना परया अपने कुत्ते के प्रति निर्दय था ? विवेचना करें।)
Answer:
Chenna was really unkind to the dog. He left the cottage with his wife and kids. He took no notice of the dog. The poor dog was left alone. He was hungry. He guarded the cottage till the end of his life. But Chenna had no thought of him. He came back only when the flood water had receded.

चेन्ना सचमुच कुत्ते के प्रति निर्दय था। वह अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर झोंपड़ी से चला गया। उसने कुत्ते का कोई विचार न किया। बेचारा कुत्ता अकेला रह गया। वह भूखा था। उसने अपने जीवन के अन्त तक झोंपड़ी की रखवाली की। किन्तु चेन्ना को उसका कोई विचार न आया। वह केवल तब वापस आया जब बाढ़ का पानी कम हो चुका था।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

Objective Type Questions

Answer the following in one word / phrase / sentence :

Question 1.
Name the writer of the story.
Answer:
Thakazhi Sivasankara Pillai.

Question 2.
Where had many of the villagers gone for shelter ?
Answer:
To the village temple.

Question 3.
Why did Chenna not leave his cottage?
Answer:
For fear of thieves.

Question 4.
How did Chenna manage to come out of his cottage ?
Answer:
By breaking a part of the thatched roof.

Question 5.
What happened when the heavy rain started again?
Answer:
A huge crocodile came near the hut.

Question 6.
How long did the hungry dog keep crying in the night?
Answer:
For a long time.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

Question 7.
What did the dog do in the sunlight ?
Answer:
He dozed off.

Question 8.
Two men came in a boat. Who were they?
Answer:
They were thieves.

Question 9.
What was the fate of the thief who climbed onto the rooftop?
Answer:
The dog bit him hard.

Question 10.
What happened to the dog in the end ?
Answer:
He was caught and killed by a crocodile.

Complete the following:

1. The temple was the highest …………. in the village.
2. Chenna Paraya had made a ………………. platform in his cottage.
3. The kids were getting on to the ……………..
4. In the afternoon, two men came that way in a small …………
5. The night was terrible with ………………… and storm.
6. There was no sound except that of the …………..
Answer:
1. point
2. raised
3. catamaran
4. boat
5. rain
6. storm.

Write True or False against each statement :

1. During the flood, the villagers went to the palace for shelter.
2. There was water and water everywhere.
3. Chenna Paraya lived alone in his hut.
4. The dog climbed on to the roof and kept growling.
5. The thieves picked all the mangoes from the trees.
6. After a few days, the flood water started receding.
Answer:
1. False
2. True
3. False
4. True
5. False
6. True.

Choose the correct option for each of the following:

Question 1.
Where did the villagers go for safety ?
(a) To the palace.
(b) To the village school.
(c) To the fields.
(d) To the village temple.
Answer:
(d) To the village temple.

Question 2.
There were a few ……………… trees in the plot.
(a) mango
(b) old
(c) banana
(d) jamun.
Answer:
(c) banana

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

Question 3.
Chenna lived with his wife and …………………. children.
(a) two
(b) four
(c) six
(d) three.
Answer:
(b) four

Question 4.
How many children were huddled up in one room of the temple ?
(a) Sixty-seven.
(b) Twenty
(c) Thirty children.
(d) One hundred.
Answer:
(a) Sixty-seven.

In the Flood Summary in English

In the Flood Introduction:

It is a touching story of a dog who guards his master’s house till the end of his life. But his master doesn’t care for him when there are floods. He leaves with his wife and children and has no thought of the poor dog. The dog keeps waiting for two nights. But nobody comes to his rescue. Two thieves come there in a boat. The dog barks at them and tries to frighten them away. He even bites one of the thieves. The other thief hits him in his belly with a pole. The poor animal cries in pain. At night, he is caught by a crocodile and pulled into the water.

The flood water begins to recede after a few days. The master comes there looking for the dog. He finds the dog dead under a coconut tree. The dog is all rotten. One of his ears has been bitten off. The master turns the dog over with his toe. He is not certain whether it is his dog.

In the Flood Summary in English

There were floods and the villagers had left for dry land. Many of them had gone to the temple which was the highest point in the village. Even this temple was neck-deep in water. There was water and water everywhere.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood 1

Chenna Paraya was yet in his cottage. He had been braving the flood for two nights and a day. He had no boat to escape. His landlord had left three days ago. Chenna had made a raised platform in his hut. He had been staying there with his wife and kids. A cat and a dog were also with them. Chenna had not left for fear of thieves. In the plot around his cottage, chere were a few banana trees and a haystack. He could not leave them at the mercy of thieves.

Chenna felt that their end was near. For three days, it had been raining heavily and continuously. Their hut could go under water any time. Chenna broke open a part of the thatched roof. He came out through it and looked around. At some distance there was a boat. He cried aloud to the boatmen. Luckily, they heard him and came to his help. Chenna, his wife and the kids came upon the rooftop. They got into the boat. The cat also jumped in. But no one took notice of the dog. He was still sniffing around in one corner of the hut. The boat started moving. It was soon in mid-water.

Heavy rain started again. A huge crocodile came near the hut. The dog lowered his tail in fear. But the crocodile went away without doing any harm. The hungry dog kept crying for a long time in the night. Then he was too tired to cry. He heard a man chanting the Ramayana. Again the dog started crying. Soon there was no sound of chanting. The only sound was the sound of the waves and the roar of the wind. Then it was morning. The sun shone for some time. The dog dozed off in the sunlight.

The dog woke up. Dead animals were floating around. A small boat came moving fast. It was a little away from the hut. The dog stood up and started wagging his tail. But the boat soon disappeared. It started drizzling again. The dog looked helpless. After some time the drizzle stopped. Another boat came that way. It stopped at the coconut tree. The dog wagged his tail and made noises. But the boatman picked a coconut and rowed away.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

In the afternoon, there was a third boat. The dog barked gratefully and wagged his tail. But the two men in the boat didn’t take much notice of the dog and went away. The dog climbed onto the roof and kept growling. Perhaps he was trying to say that never again he would love a human being.

Again there was night. It started raining heavily. A terrible storm was blowing. The roof of the hut started moving. A long head appeared from under the water. It was that of a crocodile. The dog started barking in great fear.

Just then two men came in a boat. They heard the dog barking in the dark. The dog at once knew they were thieves. He jumped down from the rooftop. One of the men got frightened. He fell into the water. The other man pulled him out. The dog swam back to the roof. He continued barking. The thieves picked all the bananas from the trees.

Then they loaded the boat with hay from the haystack. The dog kept barking wildly. One of the thieves climbed on to the rooftop. The dog bit him hard. The man cried in pain. The other thief picked up a pole and hit the dog in the belly. The dog cried in pain. The two thieves left the place.

No one heard the groan of the dog after that. Here and there, rotten corpses floated on the water. Crows were eating them. There was no sound at all. The thieves were having a nice time. The hut stayed above water until the dog was caught by a crocodile and pulled down into the water. And then the hut too went down and sank in the water.

After a few days, the flood water had started receding. Chenna came back swimming in search of the dog. He found the dog dead under a coconut tree. He turned it from side to side with his toe. He was not sure if it was his dog. One ear was bitten off. The body was all rotten. Its colour had changed.

In the Flood Summary in Hindi

In the Flood Introduction:

यह एक कुत्ते के बारे में मर्मस्पर्शी कहानी है जो अपने जीवन के अन्त तक अपने स्वामी के घर की रखवाली करता रहता है। किन्तु स्वामी उसकी कोई परवाह नहीं करता जब बाढ़ आ जाती है। वह अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर चला जाता है और उसे बेचारे कुत्ते का कोई विचार नहीं आता है। कुत्ता दो रात तक प्रतीक्षा करता रहता है। किन्तु उसे बचाने कोई नहीं आता। दो चोर एक किश्ती में सवार हुए वहां आ जाते हैं। कुत्ता उन पर भौंकता है और उन्हें डरा कर भगाने की कोशिश करता है। वह एक चोर को काट भी लेता है।

दूसरा चोर एक बल्ली उसके पेट में मार देता है। बेचारा जानवर पीड़ा में कराह देता है। रात को एक मगरमच्छ उसे पकड़ लेता है और पानी के अन्दर को घसीट लेता है। कुछ दिनों के बाद बाढ़ का पानी उतरने लगता है। कुत्ते का मालिक कुत्ते की खोज करता हुआ वहां आ जाता है। नारियल के एक पेड़ के नीचे वह कुत्ते को मरा पड़ा हुआ देखता है। कुत्ता पूरा सड़ चुका होता है। उसका एक कान काट खाया गया होता है। मालिक कुत्ते को अपने पैर के पंजे के साथ पलट कर देखता है। उसे निश्चय नहीं हो पाता कि यह उसका कुत्ता है अथवा नहीं।

In the Flood Summary in Hindi

बाढ़ आ गई थी और गांव वाले सूखी जगहों पर चले गए थे। उनमें से अनेक मन्दिर में थे जो गांव के सब से ऊंचे बिन्दु पर था। यह मन्दिर भी गर्दन तक पानी में डूबा हुआ था। वहां सभी जगह पानी ही पानी था। चेन्ना परया अभी भी अपनी झोंपड़ी में था। वह दो रातों और एक दिन से बाढ़ का मुकाबला कर रहा था। उसके पास बच कर निकलने के लिए कोई किश्ती नहीं थी। उसका ज़मींदार तीन दिन पहले चला गया था। चेन्ना ने अपनी झोपड़ी में एक ऊंचा चबूतरा बना रखा था। वह वहां अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ठहरा हुआ था। एक बिल्ली और एक कुत्ता भी उनके साथ थे। चेन्ना चोरों के डर की वजह से छोड़ कर नहीं गया था। उसकी झोंपड़ी के गिर्द वाले प्लाट में वहां कुछ केले के पेड़ और सूखी घास का एक ढेर था। वह इन्हें चोरों की दया पर छोड़ कर नहीं जा सकता था।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

चेन्ना को महसूस हुआ कि उनका अन्त समीप आ गया था। तीन दिन से निरन्तर जोरदार वर्षा हो रही थी। उनकी झोंपड़ी कभी भी पानी में डूब सकती थी। चेन्ना ने घास-फूस की बनी छत का एक कोना तोड़ा। वह इसमें से बाहर को आया और चारों तरफ देखा। कुछ दूरी पर वहां एक किश्ती थी। उसने सहायता के लिए नाविकों को ऊंचे स्वर में पुकारा। सौभाग्यवश उन्होंने उसकी आवाज़ सुन ली तथा उसकी सहायता के लिए आ गए। चेन्ना, उसकी पत्नी और बच्चे छत के ऊपर आ गए। वे किश्ती में सवार हो गए। बिल्ली भी कूद कर इसमें आ गई। किन्तु किसी ने भी कुत्ते की तरफ़ ध्यान न दिया। वह अब भी झोंपड़ी के एक कोने में सूंघता फिर रहा था। किश्ती ने चलना शुरू कर दिया। शीघ्र ही यह पानी के मध्य में पहुंच गई।

भारी वर्षा फिर से शुरू हो गई। एक विशाल मगरमच्छ झोंपड़ी के समीप आया। कुत्ते ने भय के मारे अपनी पूंछ नीचे को कर ली। किन्तु मगरमच्छ बिना कोई हानि पहुंचाए वहां से चला गया। भूखा कुत्ता रात को लम्बे समय तक चिल्लाता रहा। फिर वह इतना थक गया कि चिल्ला भी न पाया। उसे रामायण का पाठ करते हुए एक आदमी की आवाज़ सुनाई दी। कुत्ते ने फिर से चिल्लाना शुरू कर दिया। शीघ्र ही वहां पाठ करने की कोई आवाज़ नहीं थी। केवल एकमात्र आवाज़ लहरों की आवाज़ और तेज़ हवा का शोर था। फिर सुबह हो गई। कुछ समय के लिए सूर्य चमका। धूप में पड़ा कुत्ता ऊंघता हुआ सो गया।

कुत्ता जाग उठा। मरे हुए जानवर इर्द-गिर्द तैर रहे थे। एक छोटी-सी किश्ती तेजी से चलती हुई आई। यह झोंपड़ी से कुछ दूरी पर थी। कुत्ता उठ खड़ा हुआ और अपनी पूंछ हिलाने लगा। किन्तु किश्ती शीघ्र ही ओझल हो गई। फिर से बूंदा-बांदी होने लगी। कुत्ता असहाय दिखाई दे रहा था। कुछ समय के बाद बूंदा-बांदी रुक गई। एक अन्य किश्ती उधर. को आई। यह नारियल के पेड़ के पास आ कर रुकी। कुत्ते ने अपनी पूंछ हिलाई और शोर करने लगा। किन्तु किश्ती वाले ने एक नारियल तोड़ा और वहां से चला गया। तीसरे पहर वहां एक तीसरी किश्ती आई। कुत्ता कृतज्ञता व्यक्त करने के रूप में भौंकने और अपनी पूंछ हिलाने

लगा। किन्तु किश्ती में सवार दो लोगों ने कुत्ते की तरफ कोई ज्यादा ध्यान न दिया और वहां से चले गए। कुत्ता छत के ऊपर को चढ़ आया और गुर्राता रहा। शायद वह यह कहने की कोशिश कर रहा था कि वह फिर कभी किसी मानव से प्यार नहीं करेगा। फिर से रात हो गई। जोरदार वर्षा शुरू हो गई। भयानक तूफ़ान चल रहा था। झोंपड़ी की छत हिलने लगी। पानी के नीचे से एक लम्बा सिर दिखाई दिया। यह एक मगरमच्छ का सिर था। कुत्ता अति भय के मारे भौंकने लगा।

उसी समय दो आदमी एक किश्ती में आए। उन्होंने कुत्ते को अन्धेरे में भौंकते हुए सुना। कुत्ता तुरन्त जान गया कि वे चोर थे। वह छत पर से नीचे कूद आया। उनमें से एक आदमी डर गया। वह पानी में जा गिरा। दूसरे आदमी ने उसे खींच कर बाहर निकाला। कुत्ता तैर कर वापस छत को आ गया। वह भौंकता रहा। चोरों ने पेड़ों पर से सभी केले तोड़ लिए। फिर उन्होंने घास के ढेर पर से घास उठा कर किश्ती में लाद ली। कुत्ता ज़ोर-ज़ोर से भौंकता रहा। चोरों में से एक छत के ऊपर चढ़ आया। कुत्ते ने उसे ज़ोर से काट लिया। दूसरे चोर ने एक बल्ली उठाई और कुत्ते के पेट में दे मारी। कुत्ता दर्द से कराह दिया। दोनों चोर वहां से चले गए।

इसके बाद किसी ने भी कुत्ते के कराहने की आवाज़ न सुनी। इधर-उधर गले-सड़े शव पानी पर तैर रहे थे। कौवे उन्हें खा रहे थे। वहां बिल्कुल कोई आवाज़ नहीं थी। चोरों के लिए बड़े मज़े का समय था। झोंपड़ी तब तक पानी से ऊपर बनी रही,जब तक एक मगरमच्छ ने कुत्ते को पकड़ कर पानी के अन्दर को घसीट न लिया और फिर झोंपड़ी भी ढह गई और पानी में डूब गई।

कुछ दिनों के बाद बाढ़ का पानी उतरने लगा। चेन्ना कुत्ते की खोज में तैरता हुआ वापस आया। उसने कुत्ते को नारियल के एक पेड़ के नीचे मरा हुआ पाया। उसने अपने पंजे के साथ इसे इधर-उधर पलट कर देखा। उसे निश्चित नहीं था कि यह उसी का कुत्ता था। एक कान काट खाया हुआ था। पूरा शरीर गल-सड़ गया था। इसका रंग बदल गया था।

In the Flood Translation in Hindi

(Page 15-16)

कठिन शब्दार्थ-1. huddled—एक दूसरे के साथ सट कर बैठे हुए; 2. artic-अटारी; 3. fowls-मुर्गेमुर्गियां; 4. braving—मुकाबला कर रहा; 5. husk— भूसा; 6. recede—नीचे आना, कम होना; 7. at the mercy of—किसी के भरोसे; 8. pregnant-गर्भवती; 9. submerged-डूब गई; 10. thatched roof—घास फूस की बनी छत; 11. catamaran-लट्ठों से बनी किश्ती।

अनुवाद-मन्दिर गांव में सब से ऊंचा बिन्दु था। किन्तु यह पानी में गर्दन तक डूबा हुआ था। सब जगह पानी ही पानी था। सभी गांव वाले सूखी जगह की ओर चले गए थे। वहां 67 बच्चे थे जो मन्दिर के सब से ऊपर वाले एक कमरे में ढेर की भांति एक दूसरे से सटे पड़े थे। वहां 367 पुरुष तथा स्त्रियां भी थे; कुत्ते, बकरियां और मुर्गियां भी। ये सभी एक साथ रह रहे थे। कोई झगड़ा नहीं हो रहा था।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

दो रातों तथा एक दिन तक चेन्ना परया अकेला ही बाढ़ का मुकाबला करता रहा था। उसके पास कोई किश्ती नहीं थी। उस जमीन के मालिक को गए हुए तीन दिन हो गए थे। चन्ना परया ने झोंपड़ी के अन्दर नारियल के भूसे और बल्लियों की मदद से एक चबूतरा बना रखा था। वह दो दिन तक झोंपड़ी के अन्दर ही ठहरा रहा, यह आशा करते हुए कि पानी उतर जाएगा। वह उस जगह को इतनी जल्दी कैसे छोड़ सकता था ! भूमि के उस टुकड़े में कुछ केले के पेड़ थे और एक सूखी घास का ढेर था, तथा उस जगह को छोड़ कर जाने का निश्चय ही यह अर्थ होना था कि उन्हें चोरों की दया पर छोड़ जाना।

अब पानी चबूतरे के ऊपर को आ गया था। इसने झोंपड़ी के एक हिस्से को भी डुबो दिया था। चेन्ना ने झोंपड़ी के अन्दर से आवाज़ लगाई। किन्तु वहां उसे सुनने वाला कौन था ? उसकी औरत जो गर्भवती थी, चार बच्चे, एक बिल्ली, एक कुत्ता केवल ये ही थे जो वहां रह गए थे। तथा वह जानता था कि उसका तथा उनका अन्त नज़दीक आ गया था क्योंकि पूरी झोंपड़ी के पानी में डूब जाने को कुछ घण्टे से ज्यादा नहीं लगने थे। तीन दिन से बहुत ज़ोर से तथा निरन्तर वर्षा होती रही थी।

चेन्ना घास-फूस की बनी छत की एक पंक्ति को तोड़ कर बाहर को निकला और चारों तरफ नजर दौड़ाई। कुछ दूरी पर वहां एक लट्ठों की बनी नाव थी। चेन्ना ने ऊंचे स्वर में किश्ती वालों को आवाज़ लगाई। सौभाग्यवश उन्होंने उसकी आवाज़ सुन ली तथा उसकी सहायता को आ गए। उसने जल्दी से अपनी औरत तथा बच्चों तथा बिल्ली और कुत्ते को भी दीवार की दरार में से खींच कर बाहर निकाल लिया।

बच्चे किश्ती में सवार हो रहे थे। ‘चन्ना-चा, पूहे,’ चेन्ना ने पश्चिम की तरफ से किसी को ऊंची आवाज़ लगाते हुए सुना। उसने मुड़ कर देखा। ‘इधर आ जाओ।’ यह मदियाथारा कुनहप्पा था जो अपनी छत की चोटी पर से आवाज़ लगा रहा था। चेन्ना की पत्नी भी किश्ती में सवार हो गई। बिल्ली भी सवार हो गई। कुत्ते की तरफ किसी ने ध्यान न दिया जो झोंपड़ी के एक कोने में अभी भी सूंघता फिर रहा था। किश्ती ने चलना शुरू कर दिया। अब यह फिर से पानी के मध्य में पहुंच गई थी।

भारी वर्षा फिर से शुरू हो गई। तब तक उसका मालिक रात हुए अम्बलपुजहा पहुंच चुका था। एक विशाल मगरमच्छ मकान के नज़दीक आया। कुत्ते ने डर के मारे अपनी पूंछ नीचे को कर ली और भौंकना शुरू कर दिया। किन्तु मगरमच्छ (बिना कोई हानि किए) वहां से चला गया।

(Page 16-17)

कठिन शब्दार्थ-1. rooftop—छत के ऊपर; 2. sniffing-सूंघ रहा; 3. howled-ज़ोर से भौंका; 4. chanting-गा रहा; 5. groaning-पीड़ा से चिल्ला रहा; 6. amazed—आश्चर्यचकित रह गए; 7. fleas-पिस्सू; 8. dozed—ऊंघा; 9. stirred—हिलाया; 10. carcass-शव (जानवर का) ; 11. drizzling-बूंदा-बांदी हो रही; 12. rowed off—नाव द्वारा चला गया।

अनुवाद-भूखा कुत्ता छत के ऊपर से गुर्राया, काले और बादलों वाले आकाश में देखता हुआ। उसकी चीखें दूर-दूर की जगहों में पहुंच रही थी। तथा ऐसे लोग जो अब भी अपने घरों की रखवाली कर रहे थे, कहने लगे, “अय्यो, छत के ऊपर एक कुत्ता अकेला रह गया है !” कुत्ता लम्बे समय तक निरन्तर चिल्लाता रहा। फिर वह इतना थक गया कि वह चीख भी न सका। उत्तर की दिशा में किसी मकान में एक आदमी रामायण का पाठ कर रहा था। कुछ समय तक कुत्ता उस आवाज़ की तरफ मुंह किए रहा, मानो वह उस भजन को सुन रहा हो।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

उसने फिर से चिल्लाना शुरू कर दिया। शीघ्र ही पवन के शोर तथा लहरों की आवाज़ के अतिरिक्त कुछ भी सुनाई नहीं देता था। प्रातः के आरम्भ का समय था। कुत्ते ने गुर्राना शुरू कर दिया। मेंढक हैरान हुए उसकी तरफ देखने लगे। उसने घास-फूस की बनी छतों की तरफ देखा। वही उसकी एकमात्र आशा थीं। कहीं भी कोई आग नहीं जल रही थी। पिस्सू उसे काट रहे थे तथा वह उन्हें अपने पंजे मार-मार कर भगा रहा था।

सूर्य कुछ समय के लिए चमका। वह सूर्य की धूप में ऊंघता हुआ सो गया। वह कूदने और भौंकने लगा जब उसने केले के पत्ते की छाया छत के ऊपर देखी। फिर बादल छा गए। एक बार फिर से अन्धेरा हो गया। पवन के वेग से पानी हिलने लगा। जानवरों के शव पानी में इधर-उधर तैर रहे थे। कुत्ता लालसा पूर्वक उनकी तरफ देखने लगा। घर से कुछ दूरी पर एक छोटी-सी किश्ती तेजी के साथ जा रही थी। कुत्ते ने इसे देखा, और अपनी पूंछ को हिलाता हुआ खड़ा हो गया। वह देखता रहा जब तक यह ओझल न हो गई। फिर से बूंदा-बांदी होने लगी। कुत्ता अपनी पीछे वाली टांगों के बल खड़ा हो गया। वह असहाय प्रतीत हो रहा था।

बंदा-बांदी रुक गई। उत्तर की दिशा में स्थित एक घर की तरफ से एक नाव आई तथा नारियल वाले पेड़ के समीप आ कर रुक गई। कुत्ते ने अपनी पूंछ को हिलाया और शोर करने लगा। नाव वाले व्यक्ति ने पेड़ पर से एक नारियल तोड़ा, तथा इसे फोड़ कर इसके रस को पी लिया। तब वह वहां से चला गया। कुछ दूरी पर एक पेड़ पर बैठा हुआ कौवा उड़ कर नीचे आया और एक बड़े भारी बैल के शव पर बैठ गया। यद्यपि कुत्ता इस पर भौंकता रहा, कौवे ने मरे हुए जानवर का मांस खाना शुरू कर दिया। इसने कुत्ते की तरफ कोई ध्यान न दिया। कुछ समय के बाद यह उड़ कर वहां से चला गया।

तीसरे पहर दो आदमी एक छोटी-सी किश्ती में बैठे हुए उस रास्ते आए। कुत्ता धन्यवादपूर्वक भौंका और अपनी पूंछ हिलाने लगा। वह किश्ती में चला जाना चाहता था। ‘देखो, वहां एक कुत्ता है,’ उनमें से एक ने कहा। कुत्ता कराह दिया। ‘इसे उधर ही रहने दो,’ दूसरे ने कहा। कुत्ते ने अपना मुंह खोला और कराहने के जैसी आवाज़ की। उसने कूद कर किश्ती के अन्दर आने की कोशिश की। किन्तु किश्ती वहां से चल दी। कुत्ता एक बार फिर कराह दिया। नौका वालों में से एक ने घूम कर देखा।

(Page 17-18)

कठिन शब्दार्थ-1. farewell-अलविदा; 2. terrible—भयानक; 3. wailing-पीड़ा से चिल्ला रहा; 4. hay-भूसा; 5. leap-उछलना; 6. frightened-डर गया; 7. loaded-भर ली; 8. belly-पेट; 9. rotten-गले सड़े; 10. corpse-शव।

अनुवाद-‘अय्यो।’ यह आवाज़ किश्ती वाले की तरफ से नहीं आई थी। यह कुत्ते की तरफ से आई थी। इसके बाद लहरों की आवाज़ के अतिरिक्त कोई भी आवाज़ सुनाई देने को नहीं थी। इसके बाद किसी ने भी घूम कर न देखा। केवल वहां कुत्ता रह गया था, नाव की तरफ देखता हुआ, जब तक यह ओझल न हो गई। वह एक बार फिर से छत के ऊपर चढ़ आया, गुर्राता हुआ, मानो संसार को विदा कह रहा हो। शायद वह यह कहने की कोशिश कर रहा था कि वह दोबारा किसी मानव से प्यार नहीं करेगा।।

वर्षा तथा आन्धी की वजह से रात बहुत भयानक हो गई थी। छत लहरों में हिलने लगी। कुत्ता दो बार छत पर से गिर ही पड़ा था। फिर पानी के नीचे से एक लम्बा सिर प्रकट हुआ। यह एक मगरमच्छ का था। कुत्ता बहुत भय में भौंकने लगा। कहीं नज़दीक से वहां, मुर्गे-मुर्गियों के विलाप भरी आवाज़ भी आ रही थी।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 3 In the Flood

‘वह कुत्ता कहां से भौंक रहा है ? क्या वहां के लोग छोड़ कर नहीं गए हैं ?’ किसी ने किश्ती में से कहा जो सूखी घास, नारियल और केले लिए जा रही थी, ‘ओह! कुत्ता नीचे को छलांग लगाने जा रहा है।’ और फिर कुत्ते ने छत से नीचे को छलांग लगा दी। उनमें से एक डर गया और वह पानी में जा गिरा, किन्तु दूसरे आदमी ने उसे खींच कर बाहर निकाल लिया। तब तक कुत्ता तैर कर वापस छत्त तक पहुंच गया था और उसने भौंकना जारी रखा। चोर उस जगह में लगे हुए. सभी केले ले गए। ‘बाद में तुम्हें ऐसा करने पर पश्चात्ताप होगा,’ उन्होंने कुत्ते से कहा जो ज़ोर-ज़ोर से भौंक रहा था।

फिर उन्होंने किश्ती में और अधिक सूखी घास लाद ली। अन्त में उनमें से एक छत के ऊपर चढ़ आया। कुत्ते ने उसकी टांग पर ज़ोर से काट दिया और वह दर्द से चिल्ला दिया। दूसरे आदमी ने एक बल्ली कुत्ते के पेट में ज़ोर से दे मारी। कुत्ता बिलखने लगा। कुत्ते के द्वारा काटा हुआ आदमी किश्ती में पड़ा चिल्ला रहा था। ‘खामोश रहो,’ दूसरे आदमी ने कहा।

वे दोनों उस जगह से चल दिए। काफी समय हो गया था कि जब कुत्ता दोबारा भौंका। वह बहुत पीड़ा में था। वहां तूफ़ान के अतिरिक्त अन्य कोई आवाज़ नहीं थी। उसके बाद किसी ने भी कुत्ते की कराह न सुनी। सड़ रहे शव इधर-उधर पानी में तैर रहे थे। कौवे उन्हें खा रहे थे। वहां बिल्कुल कोई आवाज़ नहीं थी। चोरों के लिए बहुत मज़े का समय था।

(Page 18)

कठिन शब्दार्थ-1. loyal-वफ़ादार; 2. guarded—रखवाली की; 3. toe-पैर की अंगुली।

अनुवाद-कुछ समय के पश्चात् झोंपड़ी ढह गई और डूब गई। पानी के ऊपर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। वफ़ादार कुत्ता अन्त तक अपने स्वामी के घर की रखवाली करता रहा। अब वह भी जा चुका था। मकान पानी के ऊपर तब तक दिखाई देता रहा जब तक एक मगरमच्छ ने कुत्ते को दबोच न लिया, मानो उसी की खातिर मकान पहले नहीं डूबा था। अब बाढ़ का पानी कम होने लगा था। चेन्ना वापस आ गया, कुत्ते की खोज में तैर कर अपनी झोंपड़ी की ओर आता हुआ। उसे नारियल के एक पेड़ के नीचे मरे हुए कुत्ते का शव मिल गया। उसने अपने पैर के अग्रभाग से इसे इधर-उधर लुढ़काया और उसकी जांच की। उसे ऐसा निश्चित नहीं था कि यह उसी का कुत्ता था। एक कान कटा हुआ था और गायब था। रंग भी बदल गया था क्योंकि शरीर पूरा सड़ चुका था।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True

Punjab State Board PSEB 9th Class English Book Solutions English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True

Question 1.
Why did Sushilchandra’s neighbours get angry with him ?
(सुशीलचन्द्र के पड़ोसी उससे नाराज़ क्यों होते थे ?)
Answer:
Sushil was not so well-behaved. He would keep playing pranks. It irritated his neighbours.
सुशील व्यवहार से इतना अच्छा नहीं था। वह नटखट शरारतें करता रहता। इससे उसके पड़ोसी चिढ जाते।

Question 2.
Why did Sushil not want to go to school one Saturday ? What happened then ?
(एक शनिवार को सुशील स्कूल क्यों नहीं जाना चाहता था ? तब क्या हुआ ?)
Answer:
There was going to be a geography test at school. Sushil wanted to escape the test. He wanted to spend the day at the Boses’ where they were preparing to have fireworks in the evening. Sushil made a pretence that he had a tummyache. The father understood Sushil’s trick. He gave him a bitter mixture of medicine to drink. Then he locked him in a room.

स्कूल में भूगोल का एक टेस्ट होना था। सुशील इस टेस्ट से बचना चाहता था। वह पूरा दिन बोस परिवार के घर पर बिताना चाहता था जहां वे सायं को आतिशबाजी करने की तैयारियां कर रहे थे। सुशील ने बहाना किया कि उसके पेट में दर्द था। पिता सुशील की चालाकी समझ गया। उसने उसे पीने के लिए दवाई का एक कड़वा घोल दिया। फिर उसने उसे एक कमरे में ताला लगाकर बन्द कर दिया।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True

Question 3.
Why did the Lady of Wishes grant wishes to both the father and the son ?
(देवी कामनापूर्णा ने पिता और पुत्र दोनों की इच्छाओं को पूरा क्यों कर दिया ?)
Answer:
Both the father and the son felt unhappy in their present states. The father wished he were a child again. The son wished he were as old as his father. The Lady of Wishes granted their wishes. She wanted to see what would happen if they got their wishes.

पिता तथा पुत्र दोनों अपनी वर्तमान स्थितियों में स्वयं को अप्रसन्न महसूस करते थे। पिता चाहता था कि वह फिर से एक बच्चा बन जाए। पुत्र चाहता था कि काश उसकी आयु उसके पिता जितनी होती। देवी कामनापूर्णा ने उनकी इच्छाएं पूरी कर दीं। वह देखना चाहती थी कि तब क्या होगा यदि उनकी इच्छाएं पूरी हो जाएं।

Question 4.
What changes took place in Sushil ?
(सुशील में क्या-क्या तबदीलियां आ गईं ?)
Answer:
Sushil had grown up overnight. His clothes had burst at the seams. His face was covered with grey stubbles of beard. He had become bald also. He did not feel like getting up from his bed. He yawned again and again.

सुशील रातों-रात बड़ा हो गया था। उसके वस्त्र सिलाई वाली जगहों से फट आए थे। उसका चेहरा दाढ़ी के सफेद खूटों से भरा हुआ था। वह गंजा भी हो गया था। उसका मन अपने बिस्तर से उठने को नहीं करता था। वह बार-बार जंभाइयां ले रहा था।

Question 5.
What happened to Subalchandra after his wish was granted ?
(सुबलचन्द्र का उसकी इच्छा पूरी होने के बाद क्या हुआ ?)
Answer:
Subal had now become very small. He had got back all his teeth. His beard and moustache were gone. His clothes were now too big for his small body.

सुबल अब बहुत छोटा हो गया था। उसे अपने सब दाँत फिर से प्राप्त हो गए थे। उसकी दाढ़ी और मूंछे जाती रहीं थीं। उसके वस्त्र अब उसके छोटे से शरीर के हिसाब से बहुत बड़े हो गए थे।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True

Question 6.
Why was Subal kept busy in the evening?
(सुबल को सायंकाल के समय व्यस्त क्यों रखा जाता था ?)
Answer:
A group of old men used to gather in Sushil’s room to play chess. Subal was kept busy so that he could not come and disturb the elders in their game of chess. Sushil hired a tutor to keep Subal quiet at that time. The tutor kept Subal busy till ten at night.

बूढ़े आदमियों की एक टोली शतरंज खेलने के लिए सुशील के कमरे में इकट्ठी हुआ करती थी। सुबल को व्यस्त रखा जाता था ताकि वह बड़ों को उनके शतरंज के खेल में आकर तंग न करे। सुशील ने उस समय पर सुबल को खामोश बनाए रखने के लिए एक अध्यापक रख दिया। अध्यापक सुबल को रात के दस बजे तक व्यस्त रखता था।

Question 7.
Was Subalchandra happy with the change ? Why?
(क्या सुबलचन्द्र उस तबदीली से प्रसन्न था ? क्यों ?)
Answer:
Subal was not at all happy with the change. He used to imagine that if he were a child again, he would spend all his time in studying. But now he hated going to school. Sometimes he would imagine he was as old as before. He would join old men playing cards or chess. They would then box his ears and say, “Run away and play.”

सुबल तबदीली से तनिक भी खुश नहीं था। वह प्रायः यह कल्पना किया करता था कि अगर वह दोबारा बच्चा बन जाता तो वह अपना सारा समय पढ़ने में लगाता। परन्तु अब वह स्कूल जाने से भी घृणा करता था। कई बार वह कल्पना करने लगता कि वह पहले जितना ही बड़ा था। वह बड़े आदमियों में जाकर शामिल हो जाता जो ताश या शतरंज खेल रहे होते थे। तब वे उसके कानों पर एक तमाचा जड़ देते और कहते, “भाग जाओ और जाकर खेलो।”

Question 8.
What happened when the Lady of Wishes changed them once more ?
(तब क्या हुआ जब देवी कामनापूर्णा ने उन्हें एक बार फिर से बदल दिया ?)
Answer:
Both the father and the son started behaving as they always did. The father started bossing over the child, and the child started making excuses. Subal said to Sushil, “Aren’t you going to start learning your grammar ?” Sushil replied, “Father, I’ve lost my book.”

पिता और पुत्र दोनों ने वैसा ही व्यवहार करना शुरू कर दिया जैसा वे सदा किया करते थे। पिता ने बच्चे पर अधिकार जमाना शुरू कर दिया, तथा बच्चे ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। सुबल ने सुशील से कहा, “क्या तुम अपनी व्याकरण सीखना शुरू नहीं कर रहे हो ?” सुशील ने उत्तर दिया, “पिता जी, मेरी पुस्तक खो गई है।”

Objective Type Questions

Answer the following in one word / phrase / sentence :

Question 1.
Who has written the story, ‘Wishes Come True’?
Answer:
Rabindranath Tagore.

Question 2.
How were Subhalchandra and Sushilchandra related to each other?
Answer:
They were father and son.

Question 3.
What problem did the old father suffer from ?
Answer:
The painful joints.

Question 4.
What was Sushil given to drink by his father?
Answer:
A bitter mixture of medicine.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True

Question 5.
Who happened to pass the house ?
Answer:
The Lady of Wishes.

Question 6.
What transformation took place in Sushil ?
Answer:
He turned into the age of his father.

Question 7.
What change took place in Subhalchandra ?
Answer:
He turned into the age of his son.

Question 8.
Why did the people laugh at the old man ?
Answer:
To see the old man doing childish pranks.

Question 9.
Was Subhalchandra happy with the change ?
Answer:
Not at all.

Question 10.
What pray did the father and the son make to the Lady of Wishes at last ?
Answer:
To turn them back into what they were before.

Complete the following :

1. The boy was always ………………. his neighbours.
2. Subhalchandra locked the boy in a ………
3. Sushil wished he were as …………………. as his father.
4. Sushil found that he had ……………… very big overnight.
5. Sometimes old Sushil would put a ………………… in his mouth.
6. There was going to be a ……………… test at school.
Answer:
1. annoying
2. room
3. old
4. grown
5. paan
6. geography.

Write True or False against each statement :

1. Sushil was a well-behaved boy.
2. Sushil made a pretence that he had a tummy-ache.
3. Both the father“and the son felt sad in their present states.
4. There was going to be a mathematics test at school.
5. A group of old men gathered in Sushil’s room to play at cards.
6. Subal was not at all happy with the change.
Answer:
1. False
2. True
3. True
4. False
5. False
6. True.

Choose the correct option for each of the following :

Question 1.
What excuse did Sushil make for not going to school ?
(a) Tummy-ache.
(b) Severe cold.
(c) High fever.
(d) Severe headache.
Answer:
(a) Tummy-ache.

Question 2.
The boy kept crying ………..
(a) for two hours
(b) for half of the day
(c) for three hours
(d) all the day.
Answer:
(d) all the day.

Question 3.
Sushil came back to his mat in …….
(a) the room
(b) the lawn
(c) the porch
(d) the evening.
Answer:
(c) the porch

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True

Question 4.
Subhalchandra asked Sushil if he was not going to start learning
(a) driving
(b) grammar
(c) gardening
(d) spoken English.
Answer:
(b) grammar

Wishes Come True Summary in English

Wishes Come True Introduction:

No man is satisfied with his own position in life. Each one always thinks that others are far happier than he is. The poor think that the rich are happy. The rich think that there is no happiness in being rich. Children think that elders enjoy their life.

Elders long to regain their childhood. Tagore illustrates this fact through an interesting story. Subal and Sushil are father and son. The old father wishes that he were a child again. His little son, Sushil, wishes that he were the age of his father. He thinks that then he would be free to do or eat anything he liked. The Lady of Wishes grants them their wishes.

Now the son has the age of his old father. And the father becomes the age of his son. But instead of being happy, both of them find that they were far better in their old states. They request the Lady of Wishes to turn them back into what they were before. The Lady grants them their wishes. But strangely, even now they behave in the same manner. They behave as if they were not satisfied with what they are.

Wishes Come True Summary in English

Subalchandra and Sushilchandra were father and son. Neither of them was what their name reflected. Subal was not strong, and Sushil was not so well- behaved. The boy was always annoying his neighbours. The old father suffered from painful joints. But he had to keep running after his naughty son.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True 1

One Saturday, Sushil didn’t want to go to school. He said that he had a tummy-ache. The father understood the boy’s trick. He decided to teach him a lesson. He gave him a bitter mixture of medicine to drink. Then he locked him in a room and said that he should rest all day. Now the boy said that he would go to school. But the father said that he must rest there.

The boy kept crying the whole day. He wished that he were as old as his father. Then he could do just as he liked. He could come home any time he liked, and eat whatever he wanted to. On the other hand, his father sat thinking outside. He thought about the days of his childhood. He remembered how he had wasted his time and not studied properly in his childhood. He said, “If I get back my childhood, I would study properly and waste no time at all.” His son inside was saying, “If only I were as old as my father!”

The Lady of Wishes happened to pass that house. She heard what the father and the son had said. She granted them their wishes. When they woke up the next morning, Subal was the age of his son, and Sushil was the age of his father.

Subal found that he had become very small. He had got back all his teeth. His beard and moustache were gone. His clothes were now too big for his little body. Sushil found that he had grown very big overnight. His clothes had burst at the seams. His face was covered with beard stubbles and he had become bald also. Thus the wishes of both the father and the son had come true.

But this only added to their troubles. Sushil had always imagined that if he was as old as his father,’ he would be free to do anything. He would climb trees, dive into the pool, eat green mangoes, steal eggs from birds’ nests and roam all day long. But very strangely, that morning he didn’t want to climb any tree. He didn’t want to swim also. He thought that he would catch cold and have fever. He rolled out a mat and sat there quietly.

But once he did think of climbing a mango tree. He caught hold of a thin branch and tried to push himself up. The branch broke under his weight and he fell down. People · laughed to see the old man doing childish pranks. Sushil came back to his mat in the porch. He sent a boy to get him a rupee’s worth of toffees. But then he said to himself, “I’ll give these to my child-father.” But then he decided at once, “No, they’ll make the boy sick.” On that evening, his friends came to play with him. But they all ran away when they saw the old man.

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True

Subal had always thought that if he got back his childhood, he would shut himself in his room and study all day. But now after getting his childhood, he didn’t like going to school. He would often complain of tummy-aches. Sushil had to send his little father to school by force. On returning home from school, Subal would like to run about and play.

But Sushil would put on his glasses and make him do sums of arithmetic. In the evening, old men gathered in Sushil’s room to play chess. To keep Subal quiet at that time, Sushil got for him a tutor who kept Subal busy till ten at night. Old Sushil, too, got into all kinds of troubles. Nothing he had liked as a child, agreed with him now. Whenever he got a dip in the pond, his joints would grow stiff and give him a lot of pain. Sometimes he would put a paan in his mouth. But then he would realize that he had no teeth to chew it with. Sometimes he would pick up a comb, but then he remembered that he had no hair left on his head.

At last, both the father and the son prayed to the Lady of Wishes, “Mother, we have had enough. Please turn us back into what we were before.” The Lady granted their wishes and disappeared.

The next morning, Subal was as old as before, and Sushil was again a little boy. Subal called his son and said, “Sushil, aren’t you going to start learning your grammar ?” Sushil scratched his head and said, “Father, I’ve lost my book.”

Wishes Come True Summary in Hindi

Wishes Come True Introduction:

कहानी का संक्षिप्त परिचय . कोई भी व्यक्ति जीवन में अपनी स्थिति से सन्तुष्ट नहीं होता है। प्रत्येक आदमी यही समझता है कि दूसरे उसकी अपेक्षा कहीं अधिक प्रसन्न हैं। ग़रीब लोग समझते हैं कि धनी लोग खुश रहते हैं। धनी लोग समझते हैं कि अमीर होने में कोई खुशी नहीं होती। बच्चे समझते हैं कि बड़े अपने जीवन का आनन्द लेते हैं।

बड़े अपने बचपन को फिर से प्राप्त करने की लालसा रखते हैं। टैगोर इस तथ्य को एक दिलचस्प कहानी के द्वारा समझाता है। सुबल तथा सुशील पिता और पुत्र हैं। बूढ़ा पिता कामना करता है कि वह फिर से बच्चा बन जाए। उसका छोटा-सा पुत्र सुशील कामना करता है कि काश वह अपने पिता की उम्र का होता। वह समझता है कि तब वह कुछ भी करने या खाने को स्वतंत्र होता। देवी कामनापूर्णा उनकी इच्छाओं को पूरा कर देती है। अब बेटा अपने बूढे पिता की उम्र का हो जाता है और पिता अपने पुत्र की आयु जितना हो जाता है।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True

किन्तु प्रसन्न होने की बजाए वे दोनों देखते हैं कि अपनी पुरानी स्थितियों में वे कहीं अधिक बेहतर थे। वे देवी कामनापूर्णा से प्रार्थना करते हैं कि वह उन्हें फिर से उनकी पुरानी स्थितियों में लौटा दे। देवी उनकी इच्छाएं पूर्ण कर देती है। किन्तु अब भी वे वैसा ही व्यवहार करते हैं। वे ऐसा व्यवहार करते हैं मानो वे अपने वर्तमान से प्रसन्न नहीं

Wishes Come True Summary in Hindi

सबलचन्द्र और सुशीलचन्द्र पिता और पुत्र थे। दोनों में से कोई भी अपने नाम के अनुरूप नहीं था। सबल शक्तिशाली नहीं था और सुशील इतने अच्छे व्यवहार वाला नहीं था। लड़का सदा अपने पड़ोसियों को तंग करता था। बूढ़े पिता को जोड़ों के दर्द की शिकायत थी। परन्तु उसे अपने शरारती बेटे के पीछे भागते रहना पड़ता था।

एक शनिवार, सुशील स्कूल नहीं जाना चाहता था। उसने कहा कि उसके पेट में दर्द था। पिता लड़के की चालाकी समझ गया। उसने उसे सबक सिखाने का निश्चय किया। उसने उसे पीने के लिए कड़वी दवाई दी। फिर उसने लड़के को ताला लगाकर एक कमरे में बन्द कर दिया और कहा कि पूरा दिन उसे आराम करना चाहिए। अब लड़के ने कहा कि वह स्कूल चला जाएगा। परन्तु पिता ने कहा कि उसे वहीं आराम करना चाहिए।

लड़का पूरा दिन चिल्लाता रहा। उसने इच्छा की कि काश वह अपने पिता जितनी आयु का होता। फिर वह जो चाहे कर सकता था। वह कभी भी घर आ सकता था, और जो चाहे खा सकता था। दूसरी तरफं उसका पिता बाहर बैठा सोच रहा था। वह अपने बचपन के दिनों के बारे में सोच रहा था। उसे याद आया कि किस प्रकार बचपन में उसने अपना समय बरबाद किया था और ठीक प्रकार से पढ़ाई नहीं की थी। उसने कहा, “यदि मुझे अपना बचपन फिर से प्राप्त हो जाए तो मैं ठीक ढंग से पढ़ाई करूंगा और कोई समय बरबाद नहीं करूंगा।” उसका पुत्र अन्दर बैठा कह रहा था, “काश मैं अपने पिता की आयु का होता !”

देवी कामनापूर्णा उस घर के पास से जा रही थी। उसने वह सुन लिया जो पिता और पुत्र ने कहा था। उसने उनकी इच्छाएं पूरी कर दी। अगली प्रातः जब वे उठे, सुबल अपने पुत्र की आयु का हो गया था, और सुशील अपने पिता की आयु का।

सबल ने देखा कि वह बहुत छोटा हो गया था। उसके दांत फिर से आ गए थे। उसकी दाढ़ी और मंछ जाती रही थीं। उसके छोटे-से शरीर के लिए उसके कपड़े बहुत बड़े हो गए थे। सुशील ने पाया कि रात भर में वह बहुत बड़ा हो गया था। उसके कपड़े सिलाइयों से उधड़ गए थे। उसका चेहरा दाढ़ी के खूटों से भर आया था और वह गंजा भी हो गया था। इस प्रकार पिता और पुत्र दोनों की इच्छाएं पूरी हो गईं । परन्तु इससे उनकी मुसीबतें ही बढ़ीं।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True

सुशील ने सदा ही यह कल्पना की थी यदि वह अपने पिता की आयु का हो जाए, तो वह कहीं भी जाने को स्वतन्त्र हो जाएगा। वह पेड़ों पर चढ़ेगा, तालाब में डुबकी लगाएगा, हरे आम खाएगा, पक्षियों के घोंसलों से अण्डे चुराएगा और सारा दिन इधर-उधर घूमा करेगा। परन्तु बड़ी विचित्र बात थी कि उस प्रातः वह किसी पेड़ पर चढ़ना नहीं चाहता था। वह तैरना भी नहीं चाहता था। उसने सोचा कि इससे उसे जुकाम और बुखार हो जाएगा। उसने एक चटाई खोली और चुपचाप वहां पर बैठ गया।

परन्तु एक बार उसने आम के पेड़ पर चढ़ने के बारे में अवश्य सोचा। उसने एक पतली-सी टहनी पकड़ी और उस पर चढ़ने का प्रयास किया। टहनी उसके भार से टूट गई और वह नीचे गिर गया। लोग एक बूढ़े आदमी को बच्चों जैसी हरकतें करते देख हंस पड़े। सुशील ड्योढ़ी में बिछी अपनी चटाई पर दुबारा आकर बैठ गया। उसने नौकर को एक रुपए की टॉफियां लाने भेजा। परन्तु फिर उसने स्वयम् से कहा, “इन्हें मैं अपने शिशु-पिता को दे दूंगा।” परन्तु तुरन्त उसने फिर निर्णय किया, “नहीं, इससे तो लड़का बीमार हो जाएगा।” उस शाम उसके मित्र उसके साथ खेलने के लिए आए। परन्तु वे सब एक बूढ़े आदमी को देख कर भाग गए।

सुबल ने सदा यह सोचा था कि यदि उसे अपना बचपन दुबारा मिल गया तो वह स्वयम् को कमरे में बन्द करके सारा दिन पढ़ा करेगा। परन्तु अब अपना बचपन वापस मिलने पर उसका स्कूल जाने को दिल नहीं करता था। वह अक्सर पेट-दर्द की शिकायत करता था। सशील को अपने नन्हें पिता को ज़बरदस्ती स्कूल भेजना पडता। स्कूल से घर वापस आने पर, सुबल इधर उधर भागना और खेलना पसन्द करता। परन्तु सुशील अपना चश्मा पहनता और उससे गणित के प्रश्न करवाता। शाम के समय बूढ़े आदमी सुशील के कमरे में शतरंज खेलने के लिए इकट्ठा हो जाते।

उस समय सुबल को व्यस्त रखने के लिए, सुशील ने एक मास्टर लगा दिया जो सुबल को रात के दस बजे तक व्यस्त रखता। बूढ़ा सुशील भी अनेक प्रकार के कष्टों से घिर गया। बचपन में जो चीजें उसे पसन्द आती थीं, अब उसे रास नहीं आती थीं। जब भी वह तालाब में डुबकी लगाता उसके जोड़ सख्त हो जाते और उनमें बहुत दर्द होता। कई बार वह अपने मुंह में पान डाल लेता। तब उसे याद आता कि उसे चबाने के लिए उसके मुंह में दांत ही नहीं हैं। कई बार वह कंघा उठा लेता, परन्तु फिर उसे याद आता कि उसके सिर पर कोई बाल नहीं बचे थे।

अन्त में दोनों, पिता और पुत्र, ने देवी कामनापूर्णा से प्रार्थना की, “मां, बहुत हो गया। कृपया हमें पहले जैसा बना दें।” देवी ने उनकी इच्छाएं पूरी कर दी और अदृश्य हो गई। अगली प्रातः, सुबल पहले जितना ही बूढ़ा था और सुशील फिर से एक छोटा लड़का था। सुबल ने अपने पुत्र को बुलाया और कहा, “सुशील क्या तुमने अभी व्याकरण सीखना शुरू नहीं किया है ?” सुशील ने अपना सिर खुजलाया और कहा, “पिता जी, मेरी पुस्तक खो गई है।”

Wishes Come True Translation in Hindi

(Page 8) कठिन शब्दार्थ-1. childhood—बचपन; 2. frail-कमज़ोर; 3. annoy-तंग करना; 4. pranksशरारतें; 5. rheumatic-गठिए या जोड़ों के दर्द से पीड़ित होना; 6. geography-भूगोल; 7. tummy-acheपेट-दर्द; 8. make up-बहाने बनाना; 9. in a fix-बुरी हालत होना, दुविधा में होना; 10. bowl-कटोरा; 11. swallow-निगलना।

अनुवाद-सुबलचन्द्र के पुत्र का नाम सुशीलचन्द्र था। किन्तु नाम से सदा किसी व्यक्ति का प्रतिबिम्ब प्राप्त नहीं होता है। सुबल का अर्थ होता है – शक्तिशाली, किन्तु वह बहुत दुबला-पतला था; सुशील इतने अच्छे व्यवहार वाला नहीं था, यद्यपि उसके नाम का बिल्कुल वही अर्थ होता है। लड़का अपनी शरारतों से सदा पड़ोसियों को परेशान करता रहता था, इसलिए उसे दण्ड देने के लिए पिता सदा उसके पीछे भागता रहता था। किन्तु पिता जोड़ों के दर्द से पीड़ित था, जबकि लड़का एक मृग की भांति भागा करता, इसलिए प्रहार सदा निशाने पर नहीं लगा करते थे।

शनिवार का दिन था, जब स्कूल दो बजे जल्दी ही बन्द हो जाता था, किन्तु सुशील को स्कूल जाना तनिक भी पसन्द नहीं था। इसके अनेक कारण थे। पहला, यह कि वहां भूगोल की परीक्षा होनी थी, तथा दूसरा यह कि वहां बोस परिवार के घर सायं को आतिशबाज़ी होनी. थी, जिसकी तैयारी उन्होंने प्रातः से ही करनी शुरू कर देनी थी। सुशील ने पूरा दिन वहीं बिताने की योजना बनाई हुई थी। इसलिए वह वापस बिस्तर पर जाकर लेट गया।

PSEB 9th Class English Literature Book Solutions Chapter 2 Wishes Come True

जब स्कूल जाने का समय आया, उसके पिता ने आकर पूछा, “क्या तकलीफ है ? तुम बिस्तर में क्यों लेटे हो ? क्या तुम स्कूल नहीं जा रहे हो ?” “मेरे पेट में दर्द है। मैं आज स्कूल नहीं जा सकता हूं,” सुशील ने कहा। सुबल आसानी से समझ सकता था कि लड़का झूठी कहानी बना रहा था। इसलिए उसने स्वयं से कहा, “तनिक रुको – मुझे उसे सबक सिखाना होगा।” तब ऊंचे स्वर में उसने कहा, “क्या पेट में दर्द है ? तो बेहतर होगा तुम पूरा दिन घर पर ही रहो। बोस परिवार के घर पर आतिशबाजी देखने के लिए हरि अकेला ही चला जाएगा।

और उन टाफियों में से कोई मत खाना जो मैं तुम्हारे लिए लेकर आया था। बस चुपचाप पड़े रहो जबकि मैं तुम्हारे लिए थोड़ी-सी वह कड़वी दवाई मिला कर लाता हूं।” उसने लड़के को ताला लगा कर अन्दर बन्द कर दिया, और उसे (दवाई को) तैयार करने के लिए चला गया। सुशील उलझन में पड़ गया। उसे टाफियां उतनी ही पसन्द थीं जितनी उसे कड़वी दवाई से घृणा थी। तथा वह बोस परिवार के घर भी जाना चाहता था। जब सुबल बाबू दवाई का बड़ा प्याला लेकर आया, तो सुशील बिस्तर से उठ खड़ा हुआ और बोला, “मेरे पेट में दर्द होना बन्द हो गया है। मैं समझता हूं कि मैं स्कूल चला ही जाऊँ।” “नहीं, नहीं,” पिता ने कहा, “केवल इसे पी लो और आराम करो।” उसने लड़के को दवाई गले से नीचे उतारने को मजबूर कर दिया, दरवाज़े को फिर से ताला लगा दिया और वहां से चला गया।

(Page 9) कठिन शब्दार्थ-1. pampered – बिगाड़ दिया; 2. leapt – उछला; 3. crack of the dawn-प्रातः बहुत जल्दी; 4. burst-फट गए; 5. seams-सिलाइयां; 6. stubble-छोटे-छोटे बाल; 7. bald—गंजा; 8. yawned – जम्हाई ली; 9. imagined – कल्पना की; 10. roam – इधर-उधर व्यर्थ घूमना; 11. scold – डांटना।

अनुवाद-सुशील पूरा दिन भर चिल्लाता रहा और सोचने लगा, “काश मेरी आयु मेरे पिता की आयु जितनी होती! तब मैं जैसा चाहता कर सकता था कोई भी मुझे ताला लगाकर बन्द नहीं कर सकता था।”
उसका पिता सोचता हुआ बाहर बैठा था, “मेरे माता-पिता मुझे बहुत लाड़-प्यार किया करते थे, इसी कारण से मैं उपयुक्त शिक्षा नहीं ले पाया था। काश मुझे मेरा बचपन वापस मिल जाए ! इस बार मैं ठीक ढंग से पढ़ाई करूंगा और समय बरबाद नहीं करूंगा।”

अब देवी कामनापूर्णा अचानक उस घर के पास से गुजर रही थी तथा उसे वह सुनाई दे गया जो पिता और पुत्र ने कहा था। “तो मैं कुछ समय के लिए उनकी इच्छाएं पूरी कर देती हूं और फिर देखती हूं कि क्या होता है !” इसलिए वह पिता के सामने प्रकट हुई और बोली, “तुम्हें वह मिल जाएगा जो तुम चाहते हो। कल तुम अपने पुत्र की आयु के हो जाओगे।” पुत्र से उसने कहा, “कल तुम्हारी आयु अपने पिता की आयु जितनी हो जाएगी।” वे दोनों ऐसा सुन कर प्रसन्न हो गए।

बूढ़ा सुबलचन्द्र रात को ठीक तरह से सो नहीं पाता था; लगभग प्रातः होने पर ही उसे नींद आती थी। किन्तु आज एक अजीब बात घटित हो गई; वह प्रभात फूटते ही उछल कर बिस्तर से बाहर आ गया। उसने देखा कि वह बहुत छोटा हो गया था। उसके सब दांत दोबारा निकल आए थे, और उसकी दाढ़ी तथा मूंछे जाती रही थीं। उसके वस्त्र अब उसके आकार के हिसाब से बहुत ही बड़े थे।

इसी बीच सुशीलचन्द्र आज उठ ही नहीं पाया था। जब आखिर वह अपने पिता के ऊंचा-ऊंचा चिल्लाने से जागा तो उसने देखा कि वह रातों-रात इतना बड़ा हो गया था कि उसके कपड़े सिलाई वाली जगहों पर फट आए थे। उसका चेहरा सफ़ेद दाढ़ी के खूटों से भर आया था, और वह गंजा भी हो गया था। उसका उठने को बिल्कुल भी दिल नहीं कर रहा था। वह बार-बार जंभाई ले रहा था। उसके पिता द्वारा किए जाने वाले शोर ने अन्ततः उसे जगाकर उठा ही दिया।

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उनकी इच्छाएं सच्ची हो गईं थीं, किन्तु इससे उनकी केवल मुसीबतें ही बढ़ी थीं। सुशील ने सदा यही कल्पना की थी कि यदि वह बड़ा हो जाए और अपने पिता की तरह आज़ाद बन जाए तो वह पेड़ों पर चढ़ा करेगा, सरोवर में डुबकियां लगाया करेगा, हरे-हरे आम खाया करेगा, पक्षियों के घोंसलों में लूट-पाट किया करेगा, तथा पूरा दिन भर घूमा करेगा। वह घर आया करेगा तथा जो चाहे खाया करेगा, जब भी उसका मन किया करेगा, और उसे डांटने वाला कोई नहीं होगा। किन्तु कितना अजीब लगता है कि उस प्रातः वह किसी पेड़ पर चढ़ना नहीं चाहता था। वह तैरना भी नहीं चाहता था। उसने सोचा (कि ऐसा करने से) उसे जुकाम लग जाएगा और बुखार हो जाएगा। उसने एक चटाई खोली और इस पर बैठ गया, चुपचाप अपने मन में सोचता हुआ।

(Page 10-11)

कठिन शब्दार्थ-1. porch-ड्योढ़ी; 2. irritated—चिढ़ गया; 3. mischief-शरारत; 4. scratchखुजलाना; 5. sing-song-एक-सुरा गाना; 6. noisy-शोर-भरी।

अनुवाद-एक समय उसे विचार आया कि उसे सभी खेल एकदम नहीं छोड़ देने चाहिएं – उसे कम से कम खेलने की कोशिश तो करनी चाहिए। इसलिए वह उठ खड़ा हुआ और समीप ही एक आम के पेड़ पर चढ़ने की कोशिश की। ज्योंही उसने एक पतली-सी टहनी को पकड़ कर स्वयं को उस पर खींचने की कोशिश की, यह उसके बोझ की वजह से टूट गई और वह ज़मीन पर आ गिरा। समीप से गुजरने वाले लोग उस बूढ़े आदमी को बच्चों जैसी उछल-कूद करते हुए देख कर हंस दिए।

सिर को झुकाए हुए वह बरामदे में पड़ी अपनी चटाई पर वापस आ गया, नौकर को आवाज़ लगाई और बोला, “अरे लड़के, मुझे बाज़ार से एक रुपए की टॉफियां ला दो।” सुशील को हमेशा ही टॉफियों का शौक रहा था। प्रतिदिन स्कूल के नज़दीक वाली दुकान पर वह अनेक रंगों की टॉफियां देखा करता था, तथा कुछ खरीद लिया करता था जब उसे थोड़े पैसे दिए जाते थे। वह सदा स्वप्न लिया करता कि वह उनसे अपनी जेबें ठोंस लिया करेगा जब उसके पास ढेरों पैसे होंगे। आज उसके नौकर ने पूरे एक रुपए की टॉफियां उसे लाकर दी।

उसने एक टुकड़ा लिया और इसे खाने लगा; किन्तु बूढ़े आदमी ने बच्चों वाली उन मीठी चीज़ों की कोई परवाह न की। “मैं इन्हें अपने शिशु-पिता को दे दूंगा,” उसने सोचा, किन्तु फिर उसने तुरन्त अपना मन बना लिया, “नहीं, इससे लड़का बीमार पड़ जाएगा।”

सभी छोटे-छोटे लड़के जो कल तक सुशील के साथ कबड्डी खेला करते थे, प्रतिदिन की भान्ति आए, उन्होंने बूढ़े आदमी को देखा और भाग गए। सुशील सदा सोचा करता था कि वह सारा दिन अपने मित्रों के साथ कबड्डी खेला करता यदि वह अपने पिता की भांति आजाद होता; किन्तु अब उन्हें देखने से ही उसे चिढ़ मच जाती थी। “मैं आराम से बैठा हुआ हूं,” वह सोचा करता, “और मुझे परेशान करने के लिए ये लड़के आ गए हैं।”

सुबलचन्द्र को प्रतिदिन बरामदे में अपनी चटाई पर बैठने और सोचने की आदत. थी, “जब मैं बच्चा था तो मैं अपना समय शरारतों में बरबाद कर दिया करता था। यदि मुझे अपना बचपन वापस मिल जाए, तो मैं स्वयं को अपने कमरे में बन्द कर लूंगा, और चुपचाप पूरा दिन पढ़ता रहूंगा।” किन्तु अपना बचपन प्राप्त करने के बाद, उसे स्कूल जाना पसन्द नहीं था। सुशील उससे प्रातःकाल पूछता, “बाबा, क्या आप स्कूल नहीं जाओगे ?” सुबल अपना सिर खुजलाता, अपनी आंखें नीचे को करता और कहता, “मेरे पेट में दर्द है, मैं स्कूल नहीं जा सकता हूं।” इस पर सुशील को क्रोध आ गया, “ओह, तुम नहीं जा सकते ? मुझे भी अपने दिनों में पेट की बहुत दर्द हुआ करती थीं, जब मेरा स्कूल जाने का समय होता था। मैं तुम्हारी चालाकियां समझता हूं।”

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सुशील ने अपने नन्हें पिता को ज़बरदस्ती स्कूल भेजना शुरू कर दिया। घर लौटने पर सुबल इधर-उधर भागता और खेलना चाहा करता, किन्तु उस समय बूढ़ा सुशील अपना चश्मा लगा कर ऊंचे-ऊंचे स्वर में रामायण का एकालाप करना चाहता। सुबल के शोर भरे खेल उसका ध्यान विकेन्द्रित कर देते, इसलिए वह सुबल को उसकी स्लेट देकर बिठा देता और उससे (गणित के) प्रश्न हल करवाता। वे इतने लम्बे-लम्बे प्रश्न होते कि उसका पिता, उनमें से एक को करने में ही पूरा घण्टा लगा देता। सायंकाल को बूढ़े आदमियों का एक टोला शतरंज खेलने के लिए सुशील के कमरे में इकट्ठा हो जाता। उस समय सुबल को खामोश बनाए रखने के लिए सुशील ने एक मास्टर लगा दिया जो सुबल को रात दस बजे तक व्यस्त रखता।