PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 26 मौलिक अधिकार तथा मानवीय अधिकारों के कारण मौलिक कर्त्तव्य

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 26 मौलिक अधिकार तथा मानवीय अधिकारों के कारण मौलिक कर्त्तव्य Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 26 मौलिक अधिकार तथा मानवीय अधिकारों के कारण मौलिक कर्त्तव्य

SST Guide for Class 8 PSEB मौलिक अधिकार तथा मानवीय अधिकारों के कारण मौलिक कर्त्तव्य Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित खाली स्थान भरो :

1. भारतीय संविधान में ………… मौलिक अधिकार शामिल किए गए हैं।
2. भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार अनुच्छेद ……….. में दर्ज या शामिल हैं।
3. संविधान की धारा 25 ………… की मनाही करती है।
4. पहला मौलिक अधिकार …………. है।
5. प्रैस की स्वतंत्रता ………. के अधीन दी गई है।
उत्तर-

  1. सात प्रकार के
  2. 14-32
  3. धर्म के आधार पर भेदभाव
  4. समानता का अधिकतर
  5. स्वतन्त्रता के अधिकार।

II. निम्नलिखित वाक्यों में ठीक (✓) या ग़लत (✗) के चिन्ह लगाओ :

1. संविधान के समक्ष हम सब समान हैं। – (✓)
2. अधिकार और कर्त्तव्य में कोई सम्बन्ध नहीं है। – (✗)
3. न्यायपालिका मौलिक अधिकारों की रक्षक है। – (✓)
4. शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार है। – (✓)
5. सरकारी शिक्षा संस्थाओं में धर्म, जाति या रंग के आधार पर दाखिला देने से इन्कार किया जा सकता है। – (✗)

III. विकल्प वाले प्रश्न :

प्रश्न 1.
मुफ्त तथा आवश्यक शिक्षा क अधिकार कौन-सी कक्षा से तक लागू है ?
(क) पांचवीं
(ख) आठवीं
(ग) दसवीं
(घ) बारहवीं।
उत्तर-
(ख) आठवीं

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प्रश्न 2.
मनुष्यों का व्यापार करने की मनाही किस अधिकार अधीन शामिल है ?
(क) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
(ख) समानता का अधिकार
(ग) शोषण के विरुद्ध अधिकार
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) शोषण के विरुद्ध अधिकार

प्रश्न 3.
भारत में शिक्षा के अधिकार का एक्ट कब से लागू हुआ ?
(क) 4 अगस्त 2009
(ख) दिसम्बर 2002
(ग) 1 अप्रैल 2010
(घ) 1 अप्रैल 2009
उत्तर-
(घ) 1 अप्रैल 2009

प्रश्न 4.
शिक्षा का अधिकार संविधान की कौन-सी धारा के अन्तर्गत आता है ?
(क) धारा 21
(ख) धारा 21-A
(ग) धारा 20
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) धारा 21-A

IV. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 1-15 शब्दों में लिखें:

प्रश्न 1.
अधिकारों से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
अधिकार हमें समाज से प्राप्त सुविधाएं हैं। साधारण अर्थों में अधिकार मनुष्य की वे उचित मांगें हैं जो उसके विकास तथा कल्याण के लिए आवश्यक हैं। अधिकारों को राज्य तथा समाज की मान्यता प्राप्त होती है।

प्रश्न 2.
प्रारम्भिक अधिकार के अर्थ लिखें।
उत्तर-
मौलिक (प्रारम्भिक) अधिकार वे अधिकार हैं जिन्हें देश के संविधान में अंकित किया है। इन्हें संवैधानिक उपचारों द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई है। ये अधिकार मनुष्य के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक हैं।

प्रश्न 3.
किन्हीं दो अधिकारों से जुड़े दो कर्त्तव्य लिखो।
उत्तर-

  1. कानून सभी को समान समझता है। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम किसी से कोई भेदभाव न करें।
  2. हमें अनेक प्रकार की स्वतन्त्रता का अधिकार प्राप्त है। इस अधिकार के साथ यह कर्त्तव्य जुड़ा हुआ है कि हम दूसरों की स्वतन्त्रताओं का ध्यान रखें।

प्राश्न 4.
संवैधानिक उपचारों के अधिकार से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
संवैधानिक उपचारों के अधिकार के अनुसार राज्य किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकार नहीं छीन सकता। यदि किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है तो वह व्यक्ति न्यायपालिका की शरण ले सकता है।

प्रश्न 5.
छुआछूत को किस अधिनियम द्वारा समाप्त किया गया है ?
उत्तर-
छुआछूत की समाप्ति संविधान के अनुच्छेद 17 द्वारा की गई है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 26 मौलिक अधिकार तथा मानवीय अधिकारों के कारण मौलिक कर्त्तव्य

V. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखें:

प्रश्न 1.
शिक्षा के अधिकार पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
संविधान में शिक्षा का अधिकार संविधान 86वें संशोधन के अनुसार शामिल किया गया। अनुच्छेद 21-A में शामिल इस अधिकार के अनुसार 6 से 14 साल के प्रत्येक बच्चे नि:शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया। इस बारे में 2009 में एक एक्ट (कानून) पास किया गया। यह कानून अप्रैल 2010 से जम्मू एवं कश्मीर को छोड़ कर सारे देश में यह कानून लागू हो गया। आज 6-14 वर्ष की आयु वर्ग के सभी बच्चे मुफ्त तथा अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

प्रश्न 2.
संविधान में कौन-कौन से मौलिक अधिकार दर्ज हैं ?
उत्तर-
संविधान में निम्नलिखित मौलिक अधिकार दर्ज हैं(1) समानता का अधिकार (2) स्वतन्त्रता का अधिकार (3) शोषण के विरुद्ध अधिकार । (4) धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार (5) सांस्कृतिक तथा शैक्षिक अधिकार (6) संवैधानिक उपचारों का अधिकार (7) शिक्षा का अधिकार।

प्रश्न 3.
अधिकार तथा कर्तव्य ‘एक सिक्के के दो पहलू’ हैं। कैसे ?
उत्तर-
अधिकार और कर्त्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ये एक-दूसरे के पूरक हैं। अधिकारों के बिना कर्त्तव्यों और कर्त्तव्यों के बिना अधिकारों का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। इसलिए प्रायः यह कहा जाता है कि एक नागरिक के अधिकार दूसरे के कर्त्तव्य हैं। यदि हम केवल अपने अधिकारों का ही प्रयोग करते हैं और अपने कर्त्तव्य नहीं निभाते हैं तो इसका अर्थ यह होगा कि हम दूसरे नागरिक के अधिकारों का हनन कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, नागरिक को अपने जीवन की रक्षा का अधिकार प्राप्त है। अतः हमारा भी यह कर्त्तव्य है कि हम दूसरे नागरिकों के जीवन की रक्षा के विरुद्ध कार्य न करें। अतः स्पष्ट है कि अधिकारों और कर्तव्यों में गहरा सम्बन्ध है।

प्रश्न 4.
शोषण के विरुद्ध अधिकार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
हमारे समाज में चिरकाल से निर्धन व्यक्तियों, स्त्रियों तथा बच्चों का शोषण होता चला आ रहा है। इसे समाप्त करने के लिए संविधान में शोषण के विरुद्ध अधिकार की व्यवस्था की गई है। इसके अनुसार –

  • मनुष्यों के व्यापार और बिना वेतन दिए ज़बरदस्ती काम करवाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इसका उल्लंघन करने वाले को कानून के अनुसार दण्ड दिया जा सकता है।
  • 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखानों, खानों या जोखिम भरी नौकरी पर नहीं लगाया जा सकता। वास्तव में उनसे कोई ऐसा कार्य नहीं लिया जा सकता जो उनके विकास में बाधा डाले।

प्रश्न 5.
हम मौलिक अधिकारों की रक्षा कैसे कर सकते हैं?
उत्तर-
हम अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा संवैधानिक उपचारों के अधिकारों के अधीन कर सकते हैं। इसके अनुसार यदि कोई हमारे मौलिक अधिकारों का हनन करता है तो हम उसके विरुद्ध न्यायालय में जा सकते हैं। यहां तक कि सरकार भी हमारे मौलिक अधिकारों का हनन नहीं कर सकती। न्याय संगत होने पर न्यायालय हमें हमारे अधिकार वापिस दिलाता है।

PSEB 8th Class Social Science Guide मौलिक अधिकार तथा मानवीय अधिकारों के कारण मौलिक कर्त्तव्य Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

सही जोड़े बनाइए:

1. अधिकार – संविधान में अंकित
2. मौलिक अधिकार – मनुष्य की उचित मांगें
3. स्वतंत्रता का अधिकार – न्यायपालिका की शरण
4. संवैधानिक उपचारों का अधिकार – विचार अभिव्यक्त करना
उत्तर-

  1. मनुष्य की उचित मांगें,
  2. सविधान में अंकित
  3. विचार अभिव्यक्त करना
  4. न्यायपालिका की शरण।

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार किन अनुच्छेदों में अंकित हैं ? इन्हें किस आधार पर सम्मिलित किया गया है ?
उत्तर-
भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार अनुच्छेद 14 से 32 तक अंकित हैं। संविधान में ये अधिकार संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के आधार पर सम्मिलित किए गए हैं।

प्रश्न 2.
मानवीय अधिकारों से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
वे अधिकार जो मनुष्य को मानवीय जीवन जीने के योग्य बनाते हैं, उन्हें मानवीय अधिकार कहा जाता है। ये अधिकार मानव को मान-सम्मान का जीवन जीने में सहायता करते हैं।

प्रश्न 3.
समानता का अधिकार क्या है ?
उत्तर-
समानता का अधिकार एक महत्त्वपूर्ण मौलिक अधिकार है। इसके अनुसार सभी व्यक्ति कानून के सामने समान हैं। किसी भी नागरिक के साथ ऊँच-नीच, धनी-निर्धन, रंग, नस्ल, जाति तथा जन्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 4.
धर्म के अधिकार के साथ कौन-सा कर्त्तव्य जुड़ा हुआ है ?
उत्तर-
धर्म के अधिकार को बनाये रखने के लिए हमें किसी धर्म तथा धार्मिक स्थल की निन्दा नहीं करनी चाहिए। हमारा कर्तव्य है कि हम सभी धर्मों का सम्मान करें।

प्रश्न 5.
समानता के अधिकार को बनाये रखने के लिए संविधान की धारा 15 तथा 25 में क्या-क्या कहा गया है ?
उत्तर-

  • संविधान की धारा 15 के अनुसार किसी भी नागरिक के साथ धर्म, जाति, लिंग तथा नस्ल के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।
  • संविधान की धारा 25 के अनुसार किसी भी व्यक्ति के लिए धर्म के आधार पर भेदभाव करना निषेध है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 26 मौलिक अधिकार तथा मानवीय अधिकारों के कारण मौलिक कर्त्तव्य

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सांस्कृतिक तथा शिक्षा के मूल अधिकार तथा इससे जुड़े कर्त्तव्य की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
नागरिकों को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को सुरक्षित रखने का अधिकार है। भाषा या नस्ल के आधार पर किसी भी नागरिक को ऐसी शिक्षा-संस्थाओं में प्रवेश पाने से नहीं रोका जाएगा जो सरकार अथवा सरकारी सहायता द्वारा चलाई जा रही हैं।

अत: हमारा कर्त्तव्य है कि हम इस अधिकार का सम्मान करें। हमें रंग, नस्ल, जाति के आधार पर किसी को भी सरकारी शिक्षा संस्थानों में प्रवेश लेने से नहीं रोकना चाहिए। हमें चाहिए कि हम सभी की लिपि, संस्कृति, बोली तथा धर्म का सम्मान करें। राजकीय संस्थानों को सहायता देते समय भी किसी प्रकार का कोई भेदभाव न हो।

प्रश्न 2.
भारतीय नागरिक को प्राप्त किन्हीं चार मौलिक अधिकारों का वर्णन करो।
उत्तर-

  1. स्वतन्त्रता का अधिकार भारतीय नागरिकों को भ्रमण करने, विचार प्रकट करने तथा व्यवसाय सम्बन्धी स्वतन्त्रता दी गई है।
  2. धार्मिक स्वतन्त्रता–भारत के लोगों को किसी भी धर्म को मानने अथवा छोड़ने की स्वतन्त्रता दी गई है। वे धार्मिक संस्थाओं का निर्माण कर सकते हैं या उन्हें चला सकते हैं।
  3. शिक्षा का अधिकार-भारतवासियों को किसी भी भाषा को पढ़ने तथा अपनी संस्कृति और लिपि की रक्षा का अधिकार भी प्रदान किया गया है।

समता का अधिकार-प्रत्येक नागरिक को समता का अधिकार प्रदान किया गया है और हर प्रकार के भेदभाव को मिटा दिया गया है। कोई भी व्यक्ति अपनी योग्यता के बल पर उच्च से उच्च पद प्राप्त कर सकता है।

प्रश्न 3.
अधिकारों तथा कर्तव्यों में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
अधिकारों तथा कर्त्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ये एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। इन्हें एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। एक के बिना दूसरे का कोई अर्थ नहीं है।

प्रश्न 4.
भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार सम्मिलित क्यों किए गए हैं ?
उत्तर-
कुछ अधिकार मनुष्य के शारीरिक, मानसिक, नैतिक तथा सांस्कृतिक विकास के लिए आवश्यक हैं। इनके बिना व्यक्ति का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता है। इन्हें मौलिक अधिकार कहा जाता है। नागरिकों को इन अधिकारों की गारंटी देने के लिए इन्हें संविधान में सम्मिलित किया गया है। इतना ही नहीं संवैधानिक उपचारों द्वारा इन अधिकारों को सुरक्षा भी प्रदान की गई है। यदि राज्य या कोई अन्य व्यक्ति इन अधिकारों का हनन करता है, तो पीड़ित व्यक्ति न्यायालय की शरण ले सकता है।

प्रश्न 5.
धर्म की स्वतन्त्रता हमारे संविधान के अनुसार कैसे लागू की गई है ? ।
उत्तर-
हमारे संविधान में धर्म की स्वतन्त्रता को निम्नलिखित ढंग से लागू किया गया है.

  • प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा से किसी भी धर्म को मानने, उस पर आचरण करने, और उसका प्रचार करने का समान अधिकार है।
  • लोग अपनी इच्छा से धार्मिक तथा परोपकारी संस्थाओं की स्थापना कर सकते हैं तथा उनका प्रबन्ध चला सकते हैं।
  • किसी भी व्यक्ति को ऐसे कर देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा जिनका प्रयोजन किसी धर्म विशेष का प्रचार करना है।
  • शिक्षा-संस्थाओं में किसी विद्यार्थी को किसी धर्म विशेष की शिक्षा प्राप्त करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 6.
क्या अभी भी हमारे देश में रंग, नसल, धर्म तथा जाति के आधार पर भेदभाव है ?
उत्तर-
भारतीय संविधान द्वारा रंग, नसल, धर्म तथा जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव को समाप्त कर दिया गया है, परन्तु खेद की बात यह है कि अभी इस भेदभाव को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सका। आज भी अपने आप को उच्च कहने वाले लोग दूसरों से घृणा करते हैं और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार करते हैं। अतः इसके लिए विशेष कदम उठाने की आवश्यकता है। इस प्रकार के भेदभाव के विरुद्ध जो कानून बने हैं, उन्हें सभी लोगों तक पहुँचाना आवश्यक है। इन्हें कठोरता से लागू करने की भी ज़रूरत है।

प्रश्न 7.
भारतीय नागरिक को प्राप्त किन्हीं तीन मौलिक अधिकारों का वर्णन करो।
उत्तर-

  • स्वतन्त्रता का अधिकार भारतीय नागरिकों को भ्रमण करने, विचार प्रकट करने तथा व्यवसाय सम्बन्धी स्वतन्त्रता दी गई है।
  • धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार–भारत के लोगों को किसी भी धर्म को मानने अथवा छोड़ने की स्वतन्त्रता दी गई है। वे धार्मिक संस्थाओं का निर्माण कर सकते हैं या उन्हें चला सकते हैं।
  • समानता का अधिकार प्रत्येक नागरिक को समानता का अधिकार प्रदान किया गया है और हर प्रकार के भेदभाव को मिटा दिया गया है। कोई भी व्यक्ति अपनी योग्यता के बल पर उच्च से उच्च पद प्राप्त कर सकता है।

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मौलिक अधिकार तथा मानवीय अधिकारों के कारण मौलिक कर्त्तव्य PSEB 8th Class Social Science Notes

  • अधिकार – अधिकार हमें समाज से प्राप्त सुविधाएं हैं। राज्य इन्हें उचित मानता है।
  • मौलिक अधिकार – नागरिकों के लिए संविधान में अंकित अधिकार मौलिक अधिकार कहलाते हैं। इनकी सुरक्षा के लिए संवैधानिक उपचारों की व्यवस्था की गई है।
  • महत्त्वपूर्ण मूल (मौलिक) अधिकार – धर्म की स्वतन्त्रता, स्वतन्त्रता तथा समानता के अधिकार बहुत-ही महत्त्वपूर्ण अधिकार हैं।
  • कर्त्तव्य – अधिकारों की सुरक्षा के लिए राज्य हमसे जो मांग करता है, वह हमारा कर्त्तव्य है। कर्तव्यों के बिना अधिकारों का कोई अर्थ नहीं है। इसलिए प्रत्येक अधिकार के साथ कर्तव्य जुड़ा है।
  • धर्म की स्वतन्त्रता | धर्म की स्वतन्त्रता का अर्थ है कि राज्य की दृष्टि में सभी धर्म समान हैं। नागरिकों को कोई भी धर्म मानने की स्वतन्त्रता है। वे अपने धार्मिक स्थानों पर स्वतन्त्रतापूर्वक आजा सकते हैं और अपने ढंग से पूजा-पाठ कर सकते हैं।
  • सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार – हमारे देश के अल्पसंख्यकों को संविधान द्वारा अपनी शिक्षा संस्थाएं स्थापित करने का अधिकार प्राप्त है। सरकार इन संस्थाओं को वित्तीय सहायता देने में कोई भेदभाव नहीं करती।
  • समानता का अधिकार – समानता के अधिकार के अनुसार देश के सभी नागरिक कानून के सामने समान हैं। सभी के लिए एक जैसी न्याय प्रणाली अपनाई गई है। सभी नागरिक सार्वजनिक स्थानों का एक जैसा प्रयोग कर सकते हैं।

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