Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 5 लोकतंत्र एवं चुनाव राजनीति Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 5 लोकतंत्र एवं चुनाव राजनीति
SST Guide for Class 9 PSEB लोकतंत्र एवं चुनाव राजनीति Textbook Questions and Answers
(क) रिक्त स्थान भरें :
- भारत में केंद्रीय संसद् के चुने हुए प्रतिनिधि को ……….. कहा जाता है।
- प्रथम लोकसभा चुनाव ……. ई० में हुआ।
- मुख्य चुनाव आयुक्त तथा उप-चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति ……. द्वारा की जाती है।
उत्तर-
- एम० पी०
- 1952
- राष्ट्रपति
(ख) बहुविकल्पीय प्रश्न :
प्रश्न 1.
लोगों के प्रतिनिधि
(अ) नियुक्त किए जाते हैं
(आ) लोगों द्वारा निश्चित समय के लिए चुने जाते हैं
(इ) लोगों द्वारा पक्के तौर पर चुने जाते हैं
(ई) राष्ट्रपति द्वारा चुने जाते हैं
उत्तर-
(आ) लोगों द्वारा निश्चित समय के लिए चुने जाते हैं
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में कौन-सा लोकतंत्र का स्तंभ नहीं है ?
(अ) राजनैतिक दल
(आ) निष्पक्ष व स्वतंत्र चुनाव
(इ) गरीबी
(ई) वयस्क मताधिकार।
उत्तर-
(इ) गरीबी
(ग) निम्नलिखित कथनों में सही के लिए तथा गलत के लिए चिन्ह लगाएं :
- भारत में बहुदलीय प्रणाली है।
- चुनाव आयुक्त का मुख्य कार्य चुनाव का निर्देशन, प्रबंधन व निरीक्षण करना है।
उत्तर-
- (✓)
- (✓)
अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
ग्राम पंचायत के लिए चुने गए प्रतिनिधि को क्या कहा जाता है ?
उत्तर-
ग्राम पंचायत के लिए चुने गए प्रतिनिधि को पंच कहा जाता है।
प्रश्न 2.
विधानसभा के लिए चुने गए प्रतिनिधि को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
विधानसभा के लिए चुने गए प्रतिनिधि को एम० एल० ए० (MLA) कहते हैं।
प्रश्न 3.
चुनाव विधियों के नाम लिखें।
उत्तर-
प्रत्यक्ष चुनाव तथा अप्रत्यक्ष चुनाव।
प्रश्न 4.
राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति का चुनाव किस विधि द्वारा किया जाता है ?
उत्तर-
राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष विधि द्वारा किया जाता है। उन्हें जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा चुना जाता है।
प्रश्न 5.
भारत में चुनाव कराने वाली संस्था का क्या नाम है ?
उत्तर-
भारत में चुनाव कराने वाली संस्था का नाम चुनाव आयोग है।
प्रश्न 6.
भारत में चुनाव प्रणाली की कोई दो विशेषताएं बतलाएं।
उत्तर-
- भारत में चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर करवाए जाते हैं।
- एक चुनाव क्षेत्र से ही एक ही उम्मीदवार का चयन किया जा सकता है।
प्रश्न 7.
चुनाव विवाद के संबंध में याचिका कहां दायर की जा सकती है ?
उत्तर-
चुनाव संबंधी विवाद के लिए याचिका उच्च न्यायालय में दायर की जा सकती है।
प्रश्न 8.
चुनाव आयोग के कोई दो कार्य लिखें।
उत्तर-
- चुनाव आयोग वोटर सूची तैयार तथा संशोधित करवाता है।
- चुनाव आयोग अलग-अलग राजनीतिक दलों को मान्यता देता है।
प्रश्न 9.
पंजाब विधानसभा के चुनाव क्षेत्र कितने हैं ?
अथवा
पंजाब विधानसभा की कितनी सीटें हैं ?
उत्तर-
पंजाब विधानसभा के 117 चुनाव क्षेत्र या सीटें हैं।
प्रश्न 10.
भारत में चुनाव-प्रक्रिया का संचालन कौन करता है ?
उत्तर-
भारत में चुनाव-प्रक्रिया का संचालन चुनाव आयोग करता है।
प्रश्न 11.
मुख्य चुनाव आयुक्त व उप-चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कौन करता है ?
उत्तर-
इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
प्रश्न 12.
मुख्य चुनाव आयुक्त व उप चुनाव आयुक्तों के पद का कार्यकाल कितना है ?
उत्तर-
6 वर्ष अथवा 65 वर्ष तक की आयु तक वह अपने पद पर बने रह सकते हैं।
लघु उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
चुनाव का लोकतांत्रिक देशों में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
लोकतंत्र में चुनाव का बड़ा भारी महत्त्व है। चुनाव के द्वारा ही जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है और उनके माध्यम से शासन में भाग लेती है तथा शासन पर अपना नियंत्रण रखती है। चुनाव के कारण ही जनता अर्थात् मतदाताओं का महत्त्व क्या रहता है और यदि कोई मंत्री या प्रतिनिधि अपना कार्य ठीक प्रकार से न करें तो मतदाता उसे अगले चुनाव में वोट न देकर असफल कर सकते हैं। चुनाव के समय जनता को सरकार की आलोचना का भी अवसर मिलता है और वह अपनी इच्छानुसार सरकार को बदल सकती है। चुनाव ही एक ऐसा साधन है जिसके कारण जनता अपने को देश का शासक समझ और कह सकती है। चुनावों से जनता को राजनीतिक शिक्षा भी मिलती है, क्योंकि चुनावों के दिनों में सभी और सरकार अपने-अपने कार्यों का प्रचार करती तथा एक-दूसरे की आलोचना करती है। इससे नागरिकों को पता चल जाता है कि देश की समस्याएं क्या हैं और उन्हें कैसे हल किया जाए।
प्रश्न 2.
चुनाव प्रक्रिया के पड़ावों की तालिका बताएँ।
उत्तर-
- चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन
- चुनाव तिथियों की घोषणा
- नामांकण पत्र भरना
- नामांकन पत्र वापिस लेना
- चुनाव अभियान चलाना
- चुनाव प्रचार बंद करना
- मतदान करना
- मतगणना
- परिणाम घोषित करना।
प्रश्न 3.
चुनाव अभियान से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
जब नामांकन पत्र वापिस लेने की तारीख समाप्त हो जाती है तो इसके पश्चात् सभी उम्मीदवारों को कम से कम 20 दिन चुनाव प्रचार के लिए दिए जाते हैं। इस चुनाव प्रचार को ही चुनाव अभियान का नाम दिया जाता है।
इस समय के दौरान चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवार अपने पक्ष में प्रचार करते हैं ताकि अधिक-से-अधिक वोट उन्हें डाल सकें। राजनीतिक दल व उम्मीदवार जनता को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए घोषणा-पत्र सामने लाते हैं तथा जनता के साथ बहुत से वायदे भी किए जाते हैं। चुनाव से 48 घंटे पहले चुनाव अभियान बंद कर दिया जाता है।
प्रश्न 4.
मतदान केंद्र पर बलात् अधिकार करने से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
मतगणना वाले स्थान या केंद्र को एक या एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा घेरना, वोट की गणना करने वाले कर्मचारियों से मतपेटी या मशीनें छीन लेना या कोई ऐसी गतिविधि जिससे चुनाव में विघ्न उत्पन्न हो बूथ केपचरिंग या मतदान केंद्र पर बलात् अधिकार कहलाता है। काबूले के अनुसार यदि कोई ऐसा करेगा तो उसे कम से कम 6 महीने की सजा तथा जुर्माने का प्रावधान है तथा इस कारावास की अवधि को दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। परंतु अगर कोई सरकारी कर्मचारी ऐसा करता है तो उसे 1 वर्ष की सज़ा व जुर्माना होगा तथा सजा को तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
प्रश्न 5.
राजनीतिक दलों की चुनाव में क्या भूमिका है ?
उत्तर-
लोकतंत्र रूपी गाड़ी में राजनीतिक दल पहिए के समान होते हैं जिनके बिना चुनाव करवाना मुमकिन ही नहीं है। हम राजनीतिक दलों के बिना लोकतंत्र की कल्पना भी नहीं कर सकते। संपूर्ण विश्व में सरकार चाहे कोई हो, राजनीतिक दल तो होते ही हैं। चाहे उत्तरी कोरिया जैसी तानाशाही हो या भारत जैसा लोकतंत्र, राजनीतिक दल तो होते ही हैं। भारत में बहुदलीय व्यवस्था है। भारत में 8 राष्ट्रीय दल हैं 59 क्षेत्रीय दल हैं तथा अगर उन सभी दलों को मिला दिया जाए जो चुनाव आयोग के पास पंजीकृत हैं तो यह संख्या 1700 के करीब है।
प्रश्न 6.
भारत के कोई चार राष्ट्रीय दलों के नाम लिखें।
उत्तर-
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- भारतीय जनता पार्टी
- बहुजन समाज पार्टी
- कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया।
प्रश्न 7.
भारत के कोई चार क्षेत्रीय दलों के नाम लिखें।
उत्तर-
- शिरोमणि अकाली दल (पंजाब)
- शिवसेना (महाराष्ट्र)
- आम आदमी पार्टी (दिल्ली व पंजाब)
- तेलगुदेशम् पार्टी (आंध्र प्रदेश)
प्रश्न 8.
मुख्य चुनाव आयुक्त को पद से कैसे निष्कासित किया जा सकता है.?
उत्तर-
वैसे तो मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु जो पहले हो जाए, होता है परंतु उसे उसका कार्यकाल पूर्ण होने से पहले भी उसे हटाया जा सकता है। यदि संसद् के दोनों सदन उसके विरुद्ध दो तिहाई बहुमत से दोष प्रस्ताव पारित करके राष्ट्रपति के पास भेज दें तो उसे राष्ट्रपति उसके पद से हटा सकते हैं।
दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
भारतीय चुनाव प्रणाली की मुख्य विशेषताओं का वर्णन संक्षेप में करें।
उत्तर-
भारतीय चुनाव प्रणाली की निम्नलिखित विशेषताएं हैं
- वयस्क मताधिकार-भारतीय चुनाव प्रणाली की प्रथम विशेषता वयस्क मताधिकार है। भारत के प्रत्येक नागरिक को जिसकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक हो मताधिकार प्राप्त है।
- संयुक्त चुनाव पद्धति-भारतीय चुनाव प्रणाली की मुख्य विशेषता संयुक्त चुनाव पद्धति है। इसमें प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में एक ही निर्वाचक सूची होती है जिसमें उस क्षेत्र के सभी मतदाताओं के नाम होते हैं और वे सभी मिलकर एक प्रतिनिधि को चुनते हैं।
- अनुसूचित जातियों तथा पिछड़े वर्गों के लिए सुरक्षित स्थान-संयुक्त चुनाव प्रणाली के बावजूद भी हमारे संविधान निर्माताओं ने अनुसूचित तथा पिछड़े वर्गों के लिए स्थान सुरक्षित कर दिए हैं। संविधान के अनुसार अनुसूचित जाति तथा पिछड़े वर्गों के लिए लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के स्थान सुरक्षित कर दिए हैं।
- गुप्त मतदान-भारत में मतदान गुप्त रूप से होता है।
- प्रत्यक्ष चुनाव-भारत में लोकसभा, राज्यों की विधानसभाओं, नगरपालिकाओं, पंचायतों आदि के चुनाव जनता के द्वारा प्रत्यक्ष रूप से होते हैं और ये संस्थाएं ही शक्ति का वास्तविक प्रयोग करती हैं।
प्रश्न 2.
चुनाव आयुक्त के कार्यों का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-
चुनाव आयुक्त के कार्यों का वर्णन इस प्रकार है-
- चुनाव आयुक्त का सबसे प्रथम कार्य सभी प्रकार के चुनावों के लिए मतदाता सूचियां तैयार करवाना तथा उनमें संशोधन करवाना है।
- चुनाव का निर्देशन, नियंत्रण व निरीक्षण करवाना भी चुनाव आयुक्त का कार्य है।
- चुनाव के लिए समय सूची तैयार करना तथा चुनाव करवाने के लिए चुनाव की तिथियों का चुनाव आयुक्त ही करता है।
- चुनाव से संबंधित साधारण नियम बनाना तथा मनोनीत पत्रों की सुरक्षा भी उसका ही कार्य है।
- राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता भी वह ही लागू करवाते हैं।
- चुनाव चिह्न देना तथा राजनीतिक दलों को मान्यता देना भी उनका ही कार्य है।
- चुनाव रद्द करना, किसी स्थान पर दोबारा चुनाव करवाना तथा बूथ गड़बड़ी जैसी घटनाओं को रोकना भी उनका कार्य है।
- न्यायपालिका द्वारा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित व्यक्तियों के लिए कुछ छूट देना भी चुनाव आयुक्त का ही कार्य है।
प्रश्न 3.
चुनाव प्रक्रिया के मुख्य पड़ावों का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-
भारत में चुनाव प्रक्रिया के निम्नलिखित चरण हैं
- चुनाव क्षेत्र निश्चित करना-चुनाव प्रबंध में सर्वप्रथम कार्य चुनाव क्षेत्र को निश्चित करना है। लोकसभा में जितने सदस्य चुने जाते हैं, लंगभग समान जनसंख्या वाले उतने ही क्षेत्रों में सारे भारत को बांट दिया जाता है। इसी प्रकार विधानसभाओं के चुनाव में राज्य को समान जनसंख्या वाले चुनाव क्षेत्र में बांट दिया जाता है और प्रत्येक क्षेत्र से एक सदस्य चुना जाता है।
- मतदाताओं की सूची-मतदाता सूचियां तैयार करना चुनाव प्रक्रिया की दूसरी अवस्था है। सबसे पहले मतदाताओं की अस्थायी सूची तैयार की जाती है। इन सूचियों को कुछ एक विशेष स्थानों पर जनता को देखने के लिए रख दिया जाता है। यदि उस सूची में किसी का नाम लिखने से रह गया हो या किसी का नाम गलत लिख दिया गया हो तो उसको एक निश्चित तिथि तक संशोधन करवाने के लिए प्रार्थना-पत्र देना होता है। फिर संशोधित सूचियां तैयार की जाती हैं।
- चुनाव तिथि की घोषणा–चुनाव आयोग चुनाव की तिथि की घोषणा करता है। चुनाव आयोग नामांकन-पत्र भरने की तिथि, नाम वापस लेने की तिथि, नामांकन-पत्रों की जांच-पड़ताल की तिथि निश्चित करता है।
- उम्मीदवारों का नामांकन-चुनाव कमिशन द्वारा की गई चुनाव घोषणा के पश्चात् विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार अपने नामांकन-पत्र दाखिल करते हैं। राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के अतिरिक्त स्वतंत्र उम्मीदवार भी अपने नामांकन-पत्र प्रस्तुत करते हैं।
- मतदान-निश्चित तिथि पर मतदान होता है। मतदान के लिए प्रत्येक चुनाव क्षेत्र में मतदान केंद्र बनाए जाते हैं। प्रत्येक चुनाव केंद्र का एक मुख्य अधिकारी तथा कई सहायक अधिकारी होते हैं। प्रत्येक मतदाता को एक मत-पत्र दिया जाता है जिस पर मतदाता मर्जी से किसी उम्मीदवार पर क्रास का निशान लगा देता है।
- परिणामों की घोषणा-चुनावों के पश्चात् मतों की गिनती होती है। गिनती के समय उम्मीदवार तथा उनके प्रतिनिधि अंदर बैठे रहते हैं। जो उम्मीदवार सबसे अधिक वोटें प्राप्त करता है, उसे विजयी घोषित कर दिया जाता है।
प्रश्न 4.
चुनाव के महत्त्व पर संक्षेप में नोट लिखें।
उत्तर-
लोकतंत्र में चुनाव का बड़ा भारी महत्त्व है। चुनाव के द्वारा ही जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है और उनके माध्यम से शासन में भाग लेती है तथा शासन पर अपना नियंत्रण रखती है। चुनाव के कारण ही जनता अर्थात् मतदाताओं का महत्त्व क्या रहता है और यदि कोई मंत्री या प्रतिनिधि अपना कार्य ठीक प्रकार से न करें तो मतदाता उसे अगले चुनाव में वोट न देकर असफल कर सकते हैं। चुनाव के समय जनता को सरकार की आलोचना का भी अवसर मिलता है और वह अपनी इच्छानुसार सरकार को बदल सकती है। चुनाव ही एक ऐसा साधन है जिसके कारण जनता अपने को देश लोकतंत्र एवं चुनाव राजनीति का शासक समझ और कह सकती है। चुनावों से जनता को राजनीतिक शिक्षा भी मिलती है, क्योंकि चुनावों के दिनों में सभी और सरकार अपने-अपने कार्यों का प्रचार करती तथा एक-दूसरे की आलोचना करती है। इससे नागरिकों को पता चल जाता है कि देश की समस्याएं क्या हैं और उन्हें कैसे हल किया जाए।
PSEB 9th Class Social Science Guide लोकतंत्र एवं चुनाव राजनीति Important Questions and Answers
बहुविकल्पीय प्रश्न :
प्रश्न 1.
भारत में किस प्रकार का लोकतंत्र पाया जाता है ?
(क) प्रतिनिधि लोकतंत्र
(ख) प्रत्यक्ष लोकतंत्र
(ग) राजतांत्रिक लोकतंत्र
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) प्रतिनिधि लोकतंत्र
प्रश्न 2.
भारत में लोकसभा एवं राज्य विधानसभा के चुनाव कितने वर्षों बाद होते हैं ?
(क) 2 वर्ष
(ख) 4 वर्ष
(ग) 5 वर्ष
(घ) 7 वर्ष।
उत्तर-
(ग) 5 वर्ष
प्रश्न 3.
भारत में मतदान के लिए न्यूनतम कितनी आयु होनी चाहिए ?
(क) 15 वर्ष
(ख) 18 वर्ष
(ग) 20 वर्ष
(घ) 25 वर्ष।
उत्तर-
(ख) 18 वर्ष
प्रश्न 4.
निर्वाचन आयोग के कितने सदस्य हैं ?
(क) 1 सदस्य
(ख) 2 सदस्य
(ग) 3 सदस्य
(घ) 4 सदस्य।
उत्तर-
(ग) 3 सदस्य
प्रश्न 5.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है ?
(क) राष्ट्रपति
(ख) प्रधानमंत्री
(ग) स्पीकर
(घ) गृहमंत्री।
उत्तर-
(क) राष्ट्रपति
प्रश्न 6.
भारत में लोकसभा के अब तक कितने चुनाव हो चुके हैं ?
(क) 12
(ख) 13
(ग) 14
(घ) 16
उत्तर-
(घ) 16
प्रश्न 7.
भारत में लोकसभा का पहला आम चुनाव कब हुआ ?
(क) 1950
(ख) 1951
(ग) 1952
(घ) 1955
उत्तर-
(ग) 1952
प्रश्न 8.
भारत में लोकसभा का 16वां चुनाव कब हुआ ?
(क) 2006
(ख) 2008
(ग) 2007
(घ) 2014
उत्तर-
(घ) 2014
प्रश्न 9.
किस पहले राज्य में मतदाता पहचान पत्र का प्रयोग किया गया था ?
(क) हरियाणा
(ख) पंजाब
(ग) उत्तर प्रदेश
(घ) तमिलनाडु।
उत्तर-
(क) हरियाणा
रिक्त स्थान भरें :
- लोकतांत्रिक देश में ……… का बहुत महत्त्व होता है।
- मुख्य चुनाव आयुक्त ……….. वर्षों के लिए नियुक्त किए जाते हैं।
- लोकसभा व विधानसभाओं के चुनाव ………… वर्षों के पश्चात् होते हैं।
- देश में …………. राष्ट्रीय दल हैं।
- नगरपालिका के चुने हुए प्रत्याशी को ……. कहते हैं।
- चुनाव आयुक्त को ………… नियुक्त करता है।
उत्तर-
- चुनाव
- छ:
- पांच
- सात
- पार्षद
- राष्ट्रपति
सही/गलत :
- मुख्य चुनाव आयुक्त को प्रधानमंत्री हटा सकते हैं।
- चुनाव करवाने का कार्य सरकार करती है।
- लोकसभा के चुने हुए सदस्य को एम० एल० ए० कहते हैं।
- मतदाता सूची में संशोधन का कार्य चुनाव आयोग का होता है।
- चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को मान्यता देता है।
उत्तर-
- (✗)
- (✗)
- (✗)
- (✓)
- (✓)
अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में कौन-सी शासन प्रणाली 1950 में अपनाई गई ?
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन प्रणाली।
प्रश्न 2.
भारत में कौन-सी प्रतिनिधित्व प्रणाली पाई जाती है ?
उत्तर-
प्रादेशिक प्रतिनिधित्व प्रणाली।
प्रश्न 3.
भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव कितने वर्षों के बाद होते हैं ?
उत्तर-
पांच वर्ष।
प्रश्न 4.
लोकसभा की निर्वाचित सीटें (सदस्य संख्या) कितनी हैं ?
उत्तर-
543.
प्रश्न 5.
लोकतांत्रिक चुनाव की शर्ते लिखें।
उत्तर–
प्रत्येक नागरिक को एक वोट का अधिकार प्राप्त हो और प्रत्येक वोट का मूल्य समान हो।
प्रश्न 6.
चुनावी प्रतियोगिता का एक महत्त्वपूर्ण दोष लिखें।
उत्तर-
निर्वाचन क्षेत्र में लोगों में गुटबंदी की भावना पैदा हो जाती है।
प्रश्न 7.
आम चुनाव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
लोकसभा के निर्धारित समय के पश्चात् (5 वर्ष के पश्चात्) होने वाले चुनावों को आम चुनाव कहते हैं।
प्रश्न 8.
मध्यावधि चुनाव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मध्यावधि चुनाव उस चुनाव को कहते हैं जो चुनाव विधानमंडल के निश्चित कार्यकाल की समाप्ति के पूर्व कराए जाते हैं।
प्रश्न 9.
भारतीय चुनाव प्रणाली की एक विशेषता लिखें।
उत्तर-
भारत में संयुक्त चुनाव प्रणाली को अपनाया गया है।
प्रश्न 10.
भारत में मतदाता कौन है?
उत्तर-
जिस नागरिक की आयु 18 वर्ष या इससे अधिक हो, उसे मताधिकार प्राप्त है। चुनाव में उसी नागरिक को मत डालने दिया जाता है जिसका नाम मतदाता सूची में हो।
प्रश्न 11.
मतदाता सूची से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
जिस सूची में मतदाताओं के नाम लिखे होते हैं, उसे मतदाता सूची कहते हैं।
प्रश्न 12.
क्या चुनाव आयोग किसी राजनीतिक दल की मान्यता समाप्त कर सकता है ?
उत्तर-
चुनाव आयोग को यह अधिकार प्राप्त है कि यदि कोई राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर का दल निर्धारित मापदंडों को पूरा नहीं करता तो चुनाव आयोग उसकी मान्यता समाप्त कर सकता है।
प्रश्न 13.
भारतीय संविधान के किस अध्याय व किन अनुच्छेदों में चुनाव व्यवस्था का वर्णन किया गया है ?
उत्तर-
भारतीय संविधान के 15वें अध्याय के अनुच्छेद 324 से 329 तक चुनाव व्यवस्था का वर्णन किया गया है।
प्रश्न 14.
निर्वाचन आयोग के कितने सदस्य हैं ?
उत्तर-
आजकल चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त व दो अन्य चुनाव आयुक्त हैं।
प्रश्न 15.
चुनाव आयोग की नियुक्ति कौन करता है ?
उत्तर-
चुनाव आयोग की नियुक्ति संविधान के अनुसार राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।
प्रश्न 16.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है ?
उत्तर-
मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
प्रश्न 17.
चुनाव आयोग के सदस्यों का कार्यकाल बताइए।
उत्तर-
चुनाव आयोग के सदस्यों का कार्यकाल राष्ट्रपति नियम बनाकर निश्चित करता है। प्रायः यह अवधि 6 वर्ष होती है।
प्रश्न 18.
भारतीय चुनाव आयोग का कोई एक कार्य लिखें।
उत्तर-
चुनाव आयोग का मुख्य कार्य संसद् तथा राज्य विधान सभाओं के चुनाव करवाना तथा उनकी मतदाता सूची तैयार करवाना है।
प्रश्न 19.
चुनाव चिह्न का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
भारत के अधिकांश मतदाता अनपढ़ हैं जिस कारण मतदाता चुनाव चिह्न को पहचान कर ही अपनी पसंद के राजनीतिक दल तथा उम्मीदवार को मत देते हैं।
प्रश्न 20.
चुनाव याचिका का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
चुनाव में यदि कोई उम्मीदवार चुनाव के नियमों का उल्लंघन करता है या भ्रष्ट तरीकों का इस्तेमाल करता है तब संबंधित व्यक्ति द्वारा उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में दी गई याचिका को चुनाव याचिका कहते हैं।
प्रश्न 21.
भारत में चुनाव याचिका की सुनवाई कौन करता है ?
उत्तर-
भारत में चुनाव याचिका की सुनवाई सीधे उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में की जा सकती है।
प्रश्न 22.
भारतीय चुनाव प्रणाली का कोई एक दोष बताएं।
उत्तर-
भारत में सांप्रदायिकता का बड़ा प्रभाव है और इसने हमारी प्रगति में सदैव बाधा उत्पन्न की है।
प्रश्न. 23.
चुनाव प्रणाली में सुधार करने का एक उपाय बताएं।
उत्तर-
बूथों पर कब्जा करने वालों को कड़ी सज़ा देनी चाहिए।
प्रश्न 24.
भारत में अब तक लोकसभा के कितने चुनाव हो चुके हैं ?
उत्तर-
अब तक लोकसभा के 17 चुनाव हो चुके हैं।
प्रश्न 25.
भारत में पहली लोकसभा का चुनाव किस वर्ष में हुआ था ?
उत्तर-
भारत में पहली लोकसभा का चुनाव 1952 में हुआ था।
प्रश्न 26.
भारत सरकार द्वारा किया गया एक चुनाव सुधार बताइए।
उत्तर-
61वें संशोधन द्वारा मताधिकारी की आयु 21 वर्ष से हटाकर 18 वर्ष कर दी गई।
प्रश्न 27.
सन् 1989 में पारित संविधान द्वारा मताधिकार की आयु सीमा में क्या परिवर्तन किया गया है ?
उत्तर-
मताधिकार की आयु सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।
प्रश्न 28.
चुनाव प्रचार के लिए क्या-क्या तरीके अपनाए जाते हैं ?
उत्तर-
चुनाव घोषणा-पत्र, चुनाव सभा एवं जुलूस, घर-घर जाकर मत याचना इत्यादि।
प्रश्न 29.
निर्धारित मतदान के समय से कितने घंटे पहले चुनाव प्रचार कानूनतः बंद कर दिया जाता है ?
उत्तर-
निर्धारित मतदान के समय से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार कानूनतः बंद कर दिया जाता है।
प्रश्न 30.
भारत में मताधिकार का आधार क्या है ?
उत्तर-
भारत में मताधिकार का आधार आयु है।
प्रश्न 31.
भारत में चुनाव करवाने का उत्तरदायित्व किसका है ?
उत्तर-
भारत में चुनाव करवाने का उत्तरदायित्व चुनाव आयोग का है।
प्रश्न 32.
राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह कौन निश्चित करता है ?
उत्तर-
राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह चुनाव आयोग निश्चित करता है।
प्रश्न 33.
‘एक नागरिक एक मत’ का सिद्धांत किसका प्रतीक है ?
उत्तर-
‘एक नागरिक एक मत’ का सिद्धांत राजनीतिक एकता का प्रतीक है।
प्रश्न 34.
उप चुनाव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो चुनाव रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए करवाया जाता है, उसे उप चुनाव कहते हैं।
लघु उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
भारतीय मतदाता की कौन-सी तीन योग्यताएं होनी चाहिए?
उत्तर-
- वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आयु कम-से-कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- मतदाता सूची में नाम होना चाहिए।
प्रश्न 2.
भारत में निर्वाचकीय प्रवृत्तियों पर एक संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
भारत में निर्वाचकीय प्रवृत्तियों को संक्षेप में निम्नलिखित रूप में बताया जा सकता है-
- भारत में सोलह आम चुनावों के फलस्वरूप नागरिकों में निर्वाचक चेतना का विकास हुआ।
- चुनाव में मतदाताओं की अभिरुचि बढ़ी है।
- मतदाताओं को राजनीतिक दलों की नीतियों तथा कार्यक्रम का ज्ञान हुआ है।
प्रश्न 3.
चुनाव चिह्न पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
ज़ो राजनीतिक दल चुनाव में हिस्सा लेते हैं उन्हें चुनाव आयोग चुनाव चिह्न प्रदान करता है। चुनाव चिह्न राजनीतिक दल की पहचान होता है। भारत में अधिकांश मतदाता अनपढ़ हैं। अनपढ़ मतदाता चुनाव चिह्न को पहचान कर ही अपनी पसंद के राजनीतिक दल अथवा उम्मीदवार को मत देते हैं।
प्रश्न 4.
चुनाव आयोग की स्वतंत्रता भारतीय प्रजातंत्र की कार्यशीलता को किस तरह प्रभावित करती है?
उत्तर-
भारतीय संविधान के अंतर्गत चुनाव कराने के लिए एक स्वतंत्र चुनाव आयोग की व्यवस्था की गई है। चुनाव आयोग की स्वतंत्रता ने भारतीय प्रजातंत्र की कार्यशीलता को काफ़ी प्रभावित किया है। चुनाव आयोग की स्वतंत्रता ने भारतीय प्रजातंत्र को सुदृढ़ तथा सफल बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। बिना स्वतंत्रता के चुनाव आयोग स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में सफल नहीं हो सकता था। चुनाव आयोग की स्वतंत्रता के कारण ही लोकसभा के पंद्रह आम चुनाव स्वतंत्रता एवं निष्पक्षता से हो चुके हैं। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों के कारण ही जनता की प्रजातंत्र के प्रति आस्था बढ़ी है।
प्रश्न 5.
भारत में चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए किन्हीं दो सुधारों का वर्णन करो।
उत्तर-
भारत की चुनाव प्रक्रिया में निम्नलिखित दो सुधार किए जाने अति आवश्यक हैं
- निष्पक्षता-चुनाव निष्पक्ष ढंग से होने चाहिए। सत्तारूढ़ दल को चुनाव में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और न ही अपने दल के हित में सरकारी मशीनरी का प्रयोग करना चाहिए।
- चुनाव व्यय-एक चुनाव क्षेत्र में एक उम्मीदवार द्वारा धन व्यय करने के लिए निश्चित की गई धन की सीमा में वह धन भी सम्मिलित किया जाना चाहिए जो धन उम्मीदवार के मित्रों और उसके राजनीतिक दल द्वारा खर्च किया जाता है।
प्रश्न 6.
चुनाव के रद्दीकरण से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
चुनाव के रद्दीकरण से अभिप्राय है कि यदि चुनाव प्रचार के दौरान किसी प्रत्याशी की मृत्यु हो जाए तो उस चुनाव क्षेत्र का चुनाव कुछ समय के लिए चुनाव आयोग द्वारा निरस्त किया जाता था। फरवरी, 1992 में जनप्रतिनिधि कानून में एक संशोधन करके यह व्यवस्था की गई है कि यदि किसी निर्दलीय प्रत्याशी की मृत्यु हो गई हो तो उस चुनाव क्षेत्र के चुनाव रद्द नहीं किए जाएंगे।
प्रश्न 7.
भारत में निर्वाचन प्रक्रिया की किन्हीं दो अवस्थाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
भारत में चुनाव प्रक्रिया की निम्नलिखित अवस्थाएं हैं
- चुनाव क्षेत्र निश्चित करना-चुनाव प्रबंध में सर्वप्रथम कार्य चुनाव क्षेत्र को निश्चित करना है। लोकसभा में जितने सदस्य चुने जाने हों, लगभग समान जनसंख्या वाले उतने ही क्षेत्रों में सारे भारत को बांट दिया जाता है। इसी प्रकार विधानसभाओं के चुनाव में राज्य को समान जनसंख्या वाले चुनाव क्षेत्र में बांट दिया जाता है और प्रत्येक क्षेत्र से एक सदस्य चुना जाता है।
- चुनाव तिथि की घोषणा-चुनाव आयोग चुनाव की तिथि की घोषणा करता है। चुनाव आयोग नामांकन-पत्र भरने की तिथि, नाम वापस लेने की तिथि, नामांकन-पत्रों की जांच-पड़ताल की तिथि निश्चित करता है।
दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में वयस्क मताधिकार के सिद्धान्त को अपनाने के पक्ष में कोई पांच तर्क दीजिए।
उत्तर-
- लोकतंत्र में प्रभुसत्ता जनता के पास होती है, इसीलिए समानता के आधार पर सभी को मत का अधिकार मिलना चाहिए।
- कानूनों का प्रभाव सभी पर पड़ता है, इसलिए मताधिकार सभी को.मिलना चाहिए।
- व्यक्ति के विकास के लिए मताधिकार आवश्यक है।
- वयस्क मताधिकार द्वारा चुनी गई सरकार अधिक शक्तिशाली रहती है।
- वयस्क मताधिकार से लोगों में राजनीतिक जागृति उत्पन्न होती है और उन्हें राजनीतिक शिक्षा भी मिलती है।
प्रश्न 2.
चुनाव अभियान (Election Campaign) के तरीकों की संक्षिप्त व्याख्या करो।
उत्तर-
चुनाव से पूर्व राजनीतिक दल, उम्मीदवार, सदस्य चुनाव अभियान के अंतर्गत अनेक तरीके अपनाते हैं जिनमें महत्त्वपूर्ण निम्नलिखित हैं-
- चुनाव घोषणा-पत्र-प्रत्येक प्रमुख दल और कभी-कभी निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव में अपना-अपना घोषणा-पत्र जारी करते हैं।
- चुनाव सभाएं व जुलूस-पार्टी के सदस्य व उम्मीदवार चुनाव अभियान के अंतर्गत सभाओं व जुलूस का आयोजन करके जनसाधारण से संपर्क स्थापित करके अपने उद्देश्यों व नीतियों को स्पष्ट करते
- भित्ति चित्र, पोस्टर व पर्चे-चुनाव अभियान के अंतर्गत अपनाए जाने वाले अन्य तरीके भित्ति चित्र, पोस्टर व पर्चे हैं, जिनके द्वारा उम्मीदवार व पार्टी के चिह्न का प्रचार मतदाताओं में किया जाता है।
- झंडे एवं ध्वजाएं-भिन्न-भिन्न पार्टियों के झंडों एवं ध्वजाओं को घरों, गैर-सरकारी कार्यालयों, दुकानों, रिक्शा, स्कूटरों, ट्रकों व कारों पर लटका कर चुनाव प्रचार किया जाता है।
- लाउड स्पीकर व ग्रामोफोन-अनेक तरह के वाहनों के ऊपर लाउड स्पीकर एवं ग्रामोफोन को लगाकर सड़कों व मुहल्लों में चुनाव अभियान के प्रचार का महत्त्वपूर्ण साधन अपनाया जाता है।
प्रश्न 3.
भारत में चुनाव में निम्न स्तर की जन-सहभागिता के लिए उत्तरदायी पांच तत्त्वों की व्याख्या करें।
उत्तर-
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। 2019 की 17वीं लोकसभा के चुनाव के अवसर पर
मतदाताओं की संख्या 89 करोड़ से अधिक थी। भारत में चुनाव में अधिकांश मतदाता वोट डालने नहीं जाते हैं। भारत में निम्न स्तर की जन-सहभागिता के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं
- अनपढ़ता-भारत की अधिकांश जनता अनपढ़ है। अशिक्षित व्यक्ति मताधिकार का महत्त्व नहीं समझता न ही अधिकांश अशिक्षित व्यक्तियों को मताधिकार का प्रयोग करना आता है।
- गरीबी-गरीब व्यक्ति चुनाव लड़ना तो दूर की बात वह चुनाव लड़ने की बात सोच भी नहीं सकता। गरीब व्यक्ति मताधिकार का महत्त्व नहीं समझता और अपनी वोट को बेचने के लिए तैयार हो जाता है।
- बेकारी-भारत में जन-सहभागिता के निम्न स्तर के होने का एक कारण बेकारी है। भारत में करोड़ों लोग बेकार हैं। बेकार व्यक्ति मताधिकार को कोई महत्त्व नहीं देता और अपना वोट बेचने के लिए तैयार हो जाता है।
- शिक्षित लोगों में राजनीतिक उदासीनता-चुनाव में अधिकांश शिक्षित लोग वोट डालने नहीं जाते।
- मतदान केंद्रों का दूर होना-मतदान केंद्र दूर होने के कारण कई मतदाता वोट डालने नहीं जाते।
प्रश्न 4.
भारतीय चुनाव आयोग की रचना का वर्णन करें।
उत्तर-
चुनाव आयोग में मुख्य आयुक्त तथा कुछ अन्य सदस्य हो सकते हैं। इनकी संख्या राष्ट्रपति द्वारा निश्चित की जाती है। 1989 से पूर्व चुनाव आयोग एक सदस्यीय था। 1989 में कांग्रेस सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ दो चुनाव आयुक्त नियुक्त किए , परंतु राष्ट्रीय मोर्चा सरकार ने इस फैसले को बदल दिया था। 1 अक्तूबर, 1993 को केंद्र सरकार ने दो नए चुनाव आयुक्तों कृषि सचिव एस० एस० गिल और विधि आयोग के सदस्य जी० वी० जी० कृष्णामूर्ति की नियुक्ति कर चुनाव आयोग को तीन सदस्यीय बनाने का महत्त्वपूर्ण कदम उठाया। दिसंबर, 1993 को संसद् ने चुनाव आयोग को बहु-सदस्यीय बनाने संबंधी विधेयक पारित कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
प्रश्न 5.
भारत की निर्वाचन प्रणाली की कोई पांच कमजोरियां लिखिए।
उत्तर-
भारत में चुनाव प्रणाली तथा चुनावों में कई दोष हैं जो मुख्य रूप से निम्नलिखित हैं-
- एक सदस्यीय चुनाव क्षेत्र-भारत में एक सदस्यीय चुनाव क्षेत्र है और एक स्थान के लिए बहुत-से उम्मीदवार खड़े हो जाते हैं। कई बार थोड़े-से मत प्राप्त करने वाला उम्मीदवार भी चुनाव जीत सकता है।
- जाति और धर्म के नाम पर वोट-जाति और धर्म के नाम पर खुले रूप से मत मांगे और डाले जाते हैं।
- धन का अधिक खर्च- भारत में चुनाव में धन का बहुत अधिक खर्च होता है, जिसे देखकर साधारण व्यक्ति तो चुनाव लड़ने की कल्पना भी नहीं कर सकता है।
- सरकारी मशीनों का दुरुपयोग-सत्तारूढ़ दल चुनाव जीतने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करता है। इससे चुनाव निष्पक्ष रूप में नहीं होते हैं।
- जाली वोटें भुगताना-चुनाव जीतने के लिए जाली वोटें बड़े पैमाने पर भुगताई जाती हैं।
प्रश्न 6.
भारतीय चुनाव प्रणाली में कोई पांच महत्त्वपूर्ण सुधार समझाइए।
उत्तर-
चुनाव प्रणाली के दोषों को निम्नलिखित ढंगों से दूर किया जा सकता है-
- निष्पक्षता-चुनाव निष्पक्ष ढंग से होने चाहिए। सत्तारूढ़ दल को चुनाव में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए न ही अपने दल के हित में सरकारी मशीनरी का प्रयोग करना चाहिए।
- धन के प्रभाव को कम करना-इसके लिए पब्लिक फंड बनाना चाहिए और उम्मीदवारों की धन से सहायता करनी चाहिए। चुनाव का खर्च शासन को ही देना चाहिए।
- आनुपातिक चुनाव प्रणाली-प्रायः सभी विपक्षी दल वर्तमान में एक सदस्यीय चुनाव क्षेत्र की प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं। कांग्रेस को अल्पसंख्यक मत मिलते हैं पर संसद् में सीटें बहुत अधिक मिलती हैं। आम तौर पर सभी विरोधी दल आनुपातिक चुनाव प्रणाली के पक्षधर हैं।
- परिचय-पत्र-जाली मतदान को रोकने के लिए मतदाताओं को परिचय-पत्र दिए जाने चाहिए।
- कड़ी सज़ा-बूथों पर कब्जा करने वालों को कड़ी सज़ा देनी चाहिए।
लोकतंत्र एवं चुनाव राजनीति PSEB 9th Class Civics Notes
- हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है तथा लोकतंत्र की सबसे महत्त्वपूर्ण पहचान उसकी चुनावी राजनीति होती है। लोकतंत्र में एक निश्चित समय के पश्चात् चुनाव करवाए जाते हैं तथा सरकार का चुनाव किया जाता है।
- देश का प्रशासन चलाने के लिए कुछ निर्णय लिए जाते हैं तथा निर्णय लेने का अधिकार उन लोगों के पास होता है जिन्हें जनता वोट देकर चुनती है।
- जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव इसलिए करती है ताकि उनकी समस्याओं को उनके ही स्तर पर हल किया जा सके।
- आज के समय में चुनाव का बहुत महत्त्व है क्योंकि इससे सरकार में परिवर्तन करना आसान है तथा इससे सरकारों को निरंकुश होने से रोका जा सकता है।
- हमारे देश में एक वयस्क-एक वोट-एक मूल्य का सिद्धांत लागू किया गया है ताकि चुनावी राजनीति में समानता लाई जा सके।
- हमारे देश में लोकसभा, राज्य विधान सभाओं तथा स्थानीय स्वै-संस्थाओं के लिए प्रत्यक्ष चुनाव करवाए जाते हैं तथा इन सब चुनावों के लिए इकहरी वोटर सूची तैयार की जाती है।
- भारत में चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर करवाए जाते हैं तथा जिस व्यक्ति की आयु 18 वर्ष से अधिक है वह वोट देने के योग्य हो जाता है।
- देश में मतदाताओं को मत गुप्त रूप से प्रयोग करने का अधिकार दिया गया है ताकि किसी अन्य व्यक्ति को पता न चल सके कि हमने किसे वोट दिया है।
- हमारे देश में चुनाव करवाने का उत्तरदायित्व स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव आयोग को दिया गया है। इसके तीन सदस्य होते हैं जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- चुनाव आयोग कई महत्त्वपूर्ण कार्य करता है जैसे कि वोटर सूची तैयार करवाना, चुनाव का निर्देशन करना, चुनावों से संबंधित नियम बनाने, आचार संहिता लागू करना, चुनाव चिन्ह देना, राजनीतिक दलों को मान्यता देना, चुनाव करवाना इत्यादि।
- लोकतंत्र में आशा की जाती है कि चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष हो। इसके लिए सरकार तथा चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया में बहुत से परिवर्तन किए हैं।
- चुनावी प्रक्रिया काफी लंबी प्रक्रिया है जिसमें चुनावी क्षेत्रों का परिसीमन, चुनाव तिथियों की घोषणा, नामांकन पत्र भरना व वापिस लेना, चुनाव अभियान चलाना, मतदान करना, मतगणना करना तथा परिणाम घोषित करना शामिल है।
- राजनीतिक दल लोकतंत्र में काफी महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं क्योंकि इसके बिना चुनाव नहीं हो सकते। भारत में बहुदलीय व्यवस्था है।
- देश में दो प्रकार के दल-राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दल पाए जाते हैं। देश में 8 राष्ट्रीय राजनीतिक दल व 59 क्षेत्रीय – राजनीतिक दल हैं।