PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई

Punjab State Board PSEB 9th Class Home Science Book Solutions Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Home Science Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई

PSEB 9th Class Home Science Guide वस्त्रों की धुलाई Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
वस्त्र धोने से पूर्व आप क्या-क्या तैयारी करेंगे?
उत्तर-

  1. वस्त्रों की उधड़ी सिलाइयां लगा लेनी चाहिएं। यदि रफू, बटन, हुकों आदि की ज़रूरत हो तो लगा लो।
  2. वस्त्रों की जेबों आदि को देख लो, बैल्टें, बक्कल आदि उतार दो।
  3. वस्त्रों को रंग अनुसार, रेशे अनुसार, आकार अनुसार, गन्दगी अनुसार छांट कर अलग कर लो।
  4. यदि वस्त्रों पर कोई दाग धब्बे हैं तो पहले इन्हें दूर करो।

प्रश्न 2.
वस्त्रों को छांटने से आप क्या समझते हो?
उत्तर-
वस्त्रों को छांटने का अर्थ है कि वस्त्रों को उनके रंग, रेशे, आकार तथा गन्दगी के आधार पर अलग-अलग कर लेना क्योंकि सारे रेशे एक विधि से नहीं धोए जा सकते इसलिए सूती, ऊनी, रेशमी, नायलॉन, पालिएस्टर के अनुसार वस्त्र अलग कर लिये जाते हैं।
सफ़ेद वस्त्र रंगदार वस्त्रों से पहले धोने चाहिएं क्योंकि रंगदार वस्त्रों से कई बार रंग निकलने लगता है।
छोटे वस्त्र पहले धो लो तथा बड़े जैसे चादरें, खेस आदि को बाद में। कम गन्दे वस्त्र हमेशा पहले धोएं तथा अधिक गन्दे बाद में।

प्रश्न 3.
धोने से पूर्व वस्त्रों की मुरम्मत करनी क्यों जरूरी है?
उत्तर-
कई बार वस्त्र सिलाइयों से अथवा उलेड़ियों से उधड़ जाते हैं अथवा किसी चीज़ में फँसकर फट जाते हैं। ऐसी हालत में वस्त्रों को धोने से पहले मरम्मत कर लेनी चाहिए नहीं तो और फटने अथवा उधड़ने का डर रहता है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई

प्रश्न 4.
कौन-कौन सी बातों के आधार पर आप वस्त्रों को धोने से पहले छांटोगे?
उत्तर-
वस्त्रों की छंटाई उनके रंग, रेशों, आकार तथा गन्दगी के आधार पर की जाती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
सूती वस्त्रों की धुलाई कैसी की जाती है?
उत्तर-

  1. पहले वस्त्र को कुछ समय के लिए भिगोकर रखा जाता है ताकि मैल उगल जाये। इस तरह साबुन, मेहनत तथा समय कम लगता है।
  2. कीटाणु रहित करने के लिए वस्त्रों को पानी में 10-15 मिनट के लिए उबाला जाता
  3. पहले से भीगे वस्त्रों को पानी से निकालकर निचोड़ा जाता है तथा साबुन अथवा अन्य किसी डिटर्जेंट आदि से वस्त्रों को रगड़कर, मलकर अथवा थापी से धोया जाता है। अधिक गन्दे हिस्से जैसे कालर, कफ आदि को ब्रुश आदि से रगड़कर साफ़ किया जाता है।
  4. उबालने अथवा साबुन वाले पानी से धोने के पश्चात् कपड़ों को साफ़ पानी से 24 बार खंगाल कर सारा पानी निकाल देना चाहिए। फिर उन्हें अच्छी तरह निचोड़ लो ।।
  5. आवश्यकतानुसार नील अथवा मावा आदि देकर वस्त्र निचोड़कर झाड़कर सूखने के लिए डाल दो।

प्रश्न 6.
ऊनी वस्त्र धोते समय बहुत सावधानी प्रयोग करने की ज़रूरत क्यों पड़ती है?
उत्तर-
ऊनी रेशे पानी में डालने से कमजोर हो जाते हैं तथा लटक जाते हैं। गर्म पानी में डालने पर तथा रगड़कर धोने से यह रेशे जुड़ जाते हैं । सोडे वाले साबुन से धोने पर भी यह रेशे जुड़ जाते हैं। इसलिए ऊनी वस्त्र धोते समय काफ़ी सावधानी की जरूरत होती है।
इनको धोते समय ध्यान रखो कि जितना भी पानी प्रयोग किया जाये सारे का तापमान एक-सा होना चाहिए। कभी भी गर्म पानी तथा सोडे वाले साबुन का प्रयोग न को धोने के वस्त्रों की धुलाई लिए वस्त्र को हाथ से धीरे-धीरे दबाते रहना चाहिए तथा ऊनी वस्त्र को लटकाकर सुखाना नहीं चाहिए। वस्त्र को समतल स्थान पर सीधा रखकर सुखाना चाहिए।

प्रश्न 7.
अपने ऊनी स्वैटर की धुलाई आप कैसे करोगे?
उत्तर-

  1. पहले स्वैटर से नर्म ब्रुश से ऊपरी मिट्टी झाड़ी जाती है।
  2. यदि स्वैटर ऐसा हो कि धोने के पश्चात् उसके बेढंगे हो जाने का डर हो तो धोने से पहले इसका खाका अखबार अथवा खाकी कागज़ पर उतार लेना चाहिए। ताकि धोने के पश्चात् इसको फिर से पहले आकार में लाया जा सके।
  3. पहले ऊनी वस्त्र को पानी में से डुबो कर निकाल लो तथा हाथों से दबाकर पानी निकाल दो। शिकाकाई, रीठे, जैनटिल अथवा लीसापोल को गुनगुने पानी में घोल कर झाग बना लो । फिर इस निचोड़े पानी को इस साबुन वाले पानी में हाथों से धीरे-धीरे दबाकर रगड़े बगैर साफ़ करो।
  4. वस्त्र को साफ़ पानी में धीरे-धीरे खंगालकर इस में से साबुन अच्छी तरह निकाल दो तथा अतिरिक्त पानी तौलिए में दबाकर निकाल लो।
  5. वस्त्र को बनाये हुए खाके पर रखकर इसके आकार में ले आयो तथा समतल स्थान जैसे-चारपाई पर वस्त्र बिछाकर इसके ऊपर सीधा डालकर छांव में सुखाओ।

प्रश्न 8.
भिगोने से सूती, ऊनी और रेशमी वस्त्रों में से कौन-कौन से कमज़ोर हो जाते हैं और इनका धोने से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
भिगोने से ऊनी तथा रेशमी वस्त्र कमजोर हो जाते हैं जबकि सूती वस्त्र मज़बूत होते हैं। इनका धोने के साथ यह सम्बन्ध है कि ऊपर बताये कारण से सूती वस्त्रों को तो धोने से पहले कुछ समय के लिए भिगो कर रखा जाता है। परन्तु ऊनी तथा रेशमी वस्त्रों को भिगो कर नहीं रखा जाता।

प्रश्न 9.
ऐसी किस्म के वस्त्रों के बारे में बताओ जिन्हें उबाल कर धोया जा सकता है? ऐसे वस्त्र को धोते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिएं?
उत्तर-
सूती वस्त्रों को उबालकर धोया जा सकता है। इन वस्त्रों को धोते समय . निम्नलिखित सावधानियों की ज़रूरत है

  1. सिलाइयों से उधड़े अथवा किसी अन्य कारण से फटे वस्त्र को धोने से पहले मरम्मत कर लो।
  2. सूती, लिनन, ऊनी, नायलॉन, पॉलिएस्टर, रेशमी वस्त्रों को अलग-अलग कर लो।
  3. सफ़ेद वस्त्रों को पहले धोएं तथा रंगदार को बाद में।
  4. अधिक मैले वस्त्रों को बाद में धोएं।
  5. रोगी के वस्त्रों को 10-15 मिनट के लिए पानी में उबालो तथा बाद में धोएं।
  6. छोटे तथा बड़े वस्त्रों को अलग-अलग करके धोएं।

प्रश्न 10.
रेशमी वस्त्रों की धुलाई कैसे की जाती है?
उत्तर-

  1. रीठे, शिकाकाई अथवा जैनटिल को गुनगुने पानी में घोलकर झाग बनायो तथा इसमें वस्त्र को हाथों से धीरे-धीरे दबाकर धोएं तथा बाद पार पानी से 3-4 या खंगाल कर निकाल लो। वस्त्र को खंगालते समय एक चम्मच सिरका डाल लो । इससे वस्त्र में चमक आ जायेगी।
  2. धोने के पश्चात् रेशमी वस्त्र को गेहूँ का मावा दो ताकि इसकी प्राकृतिक ऐंठन कायम रखी जा सके।
  3. इन वस्त्रों को हमेशा छांव में सुखाएं। आधे सूखे वस्त्रों को इस्तरी करने के लिए उतार लो।

प्रश्न 11.
सूती, ऊनी और रेशमी वस्त्रों को इस्त्री करने में क्या अन्तर है?
उत्तर-
सूती वस्त्रों की प्रैस-सूखे वस्त्रों पर पानी छिड़ककर इन्हें नम कर लिया जाता है तथा कुछ समय के लिए लपेट कर रख दिया जाता है ताकि वस्त्र एक जैसे नम हो जाएं। जब प्रैस अच्छी तरह गर्म हो जाये तो वस्त्र के उल्टे तरफ पहले सिलाइयां, प्लीट, उलेड़ियों वाले फट्टे आदि प्रैस करो। वस्त्र की सीधी तरफ वस्त्र की लम्बाई की ओर प्रैस करो । कालर, कफ, बाजू आदि को पहले इस्तरी करो । प्रेस करने के पश्चात् वस्त्रों को तह लगा कर रख दें अथवा हैंगर पर टांग दें।
ऊनी वस्त्र की प्रेस-ऊनी वस्त्र पर प्रैस सीधी सम्पर्क में नहीं लाई जाती, इससे ऊनी रेशे जल जाते हैं। मलमल के एक सफ़ेद वस्त्र को गीला करके ऊनी वस्त्र पर बिछायो तथा हल्की गर्म प्रैस से उसको प्रैस करो। एक स्थान पर प्रैस 3-4 सैकिण्ड से अधिक न रखो। प्रैस करने के पश्चात् वस्त्र की तह लगा दो।
रेशमी वस्त्रों की इस्त्री-वस्त्रों को नम तौलिए में लपेटकर नम कर लो। पानी का छींटा देने से दाग पड़ सकते हैं। हल्की गर्म इस्त्री से इस्त्री करो । इस्तरी करने के पश्चात् यदि वस्त्र नम हों तो इन्हें सुखा लो तथा सूखने के बाद ही सम्भालो।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 12.
वस्त्र धोने से पूर्व क्या-क्या तैयारी करनी चाहिए? सूती वस्त्रों की धुलाई कैसे की जाती है?
उत्तर-
सूती वस्त्रों की प्रैस-सूखे वस्त्रों पर पानी छिड़ककर इन्हें नम कर लिया जाता है तथा कुछ समय के लिए लपेट कर रख दिया जाता है ताकि वस्त्र एक जैसे नम हो जाएं। जब प्रैस अच्छी तरह गर्म हो जाये तो वस्त्र के उल्टे तरफ पहले सिलाइयां, प्लीट, उलेड़ियों वाले फट्टे आदि प्रैस करो। वस्त्र की सीधी तरफ वस्त्र की लम्बाई की ओर प्रैस करो । कालर, कफ, बाजू आदि को पहले इस्तरी करो । प्रेस करने के पश्चात् वस्त्रों को तह लगा कर रख दें अथवा हैंगर पर टांग दें।
ऊनी वस्त्र की प्रेस-ऊनी वस्त्र पर प्रैस सीधी सम्पर्क में नहीं लाई जाती, इससे ऊनी रेशे जल जाते हैं। मलमल के एक सफ़ेद वस्त्र को गीला करके ऊनी वस्त्र पर बिछायो तथा हल्की गर्म प्रैस से उसको प्रैस करो। एक स्थान पर प्रैस 3-4 सैकिण्ड से अधिक न रखो। प्रैस करने के पश्चात् वस्त्र की तह लगा दो।
रेशमी वस्त्रों की इस्त्री-वस्त्रों को नम तौलिए में लपेटकर नम कर लो। पानी का छींटा देने से दाग पड़ सकते हैं। हल्की गर्म इस्त्री से इस्त्री करो । इस्तरी करने के पश्चात् यदि वस्त्र नम हों तो इन्हें सुखा लो तथा सूखने के बाद ही सम्भालो।

प्रश्न 13.
सूती और ऊनी वस्त्रों की धुलाई कैसे की जाती है? इन्हें धोते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
उत्तर-
सूती वस्त्रों की प्रैस-सूखे वस्त्रों पर पानी छिड़ककर इन्हें नम कर लिया जाता है तथा कुछ समय के लिए लपेट कर रख दिया जाता है ताकि वस्त्र एक जैसे नम हो जाएं। जब प्रैस अच्छी तरह गर्म हो जाये तो वस्त्र के उल्टे तरफ पहले सिलाइयां, प्लीट, उलेड़ियों वाले फट्टे आदि प्रैस करो। वस्त्र की सीधी तरफ वस्त्र की लम्बाई की ओर प्रैस करो । कालर, कफ, बाजू आदि को पहले इस्तरी करो । प्रेस करने के पश्चात् वस्त्रों को तह लगा कर रख दें अथवा हैंगर पर टांग दें।
ऊनी वस्त्र की प्रेस-ऊनी वस्त्र पर प्रैस सीधी सम्पर्क में नहीं लाई जाती, इससे ऊनी रेशे जल जाते हैं। मलमल के एक सफ़ेद वस्त्र को गीला करके ऊनी वस्त्र पर बिछायो तथा हल्की गर्म प्रैस से उसको प्रैस करो। एक स्थान पर प्रैस 3-4 सैकिण्ड से अधिक न रखो। प्रैस करने के पश्चात् वस्त्र की तह लगा दो।
रेशमी वस्त्रों की इस्त्री-वस्त्रों को नम तौलिए में लपेटकर नम कर लो। पानी का छींटा देने से दाग पड़ सकते हैं। हल्की गर्म इस्त्री से इस्त्री करो । इस्तरी करने के पश्चात् यदि वस्त्र नम हों तो इन्हें सुखा लो तथा सूखने के बाद ही सम्भालो।

Home Science Guide for Class 9 PSEB वस्त्रों की धुलाई Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

रिक्त स्थान भरें

  1. ……………….. वस्त्रों को सीधा प्रैस के सम्पर्क में न लाएं।
  2. ………………. रेशे गर्म पानी में डालने से जुड़ जाते हैं।
  3. जुकाम वाले रूमाल को ……………….. मिले पानी में भिगोना चाहिए।
  4. सिल्क के वस्त्रों को …………………. में सुखाना चाहिए।

उत्तर-

  1. ऊनी,
  2. ऊनी,
  3. नमक,
  4. छाया।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
वस्त्रों को कलफ देने से क्या होता है?
उत्तर-
अकड़ाव आ जाता है।

प्रश्न 2.
ऊनी वस्त्र को कैसे नहीं सुखाना चाहिए?
उत्तर-
लटका कर।।

प्रश्न 3.
पहले कौन-से वस्त्र धोने चाहिए?
उत्तर-
सफेद।

ठीक/ग़लत बताएं

  1. सफ़ेद कपड़े पहले धोने चाहिए।
  2. ऊनी कपड़ों को लटका कर नहीं सूखाना चाहिए।
  3. सूती कपड़ों को पानी का छींटा देकर प्रेस करें।
  4. भिगोने से ऊनी कपड़े मज़बूत हो जाते हैं।
  5. रेशमी कपड़ों को धूप में ही सुखाना चाहिए।

उत्तर-

  1. ठीक,
  2. ठीक,
  3. ठीक,
  4. ग़लत,
  5. ग़लत।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ठीक तथ्य हैं-
(A) कपड़े घर में तथा लांडरी में धुलाए जा सकते हैं
(B) ऊनी कपड़ों को सीधा प्रैस के सम्पर्क में न लाएं
(C) अधिक मैले कपड़ों को सदा अन्त में धोएं।
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

प्रश्न 2.
ठीक तथ्य नहीं हैं
(A) धोने से पहले कपड़ों की मुरम्मत कर लेनी चाहिए
(B) ऊनी स्वैटर को तार पर लटका कर सुखाएं
(C) रेशमी कपड़ों को छांव में सुखाएं
(D) ऊनी कपड़ों को रीठा, शिकाकाई, जैनटिल आदि से धोना चाहिए।
उत्तर-
(B) ऊनी स्वैटर को तार पर लटका कर सुखाएं

वस्त्रों की धुलाई PSEB 9th Class Home Science Notes

  • वस्त्रों की अच्छी धुलाई से वस्त्र नये जैसे तथा स्वच्छ हो जाते हैं।
  • वस्त्र घर में अथवा लाऊण्डरी में धुलाए जा सकते हैं।
  • वस्त्र धोने से पहले इनकी मरम्मत, छंटाई तथा दाग़ उतारने का काम कर लेना चाहिए।
  • वस्त्रों की छंटाई रेशों, रंग, आकार तथा गन्दगी के अनुसार करनी चाहिए।
  • सूती वस्त्र पानी में भिगोने पर मज़बूत हो जाते हैं जबकि ऊनी तथा रेशमी वस्त्र पानी में भिगो कर रखने पर कमजोर हो जाते हैं।
  • सूती वस्त्रों को कीटाणु रहित करने के लिए उबलते पानी में 10-15 मिनट के लिए रखना चाहिए।
  • सफ़ेद वस्त्र पहले धोने चाहिएं।
  • सूती वस्त्रों को पानी का छींटा देकर प्रैस करो ।
  • ऊनी, रेशमी वस्त्रों को रीठा, शिकाकाई, जैंटील आदि से धोना चाहिए।
  • ऊनी वस्त्रों को लटका कर नहीं सुखाना चाहिए।
  • ऊनी वस्त्रों को सीधा प्रैस के सम्पर्क में न लायें।
  • रेशमी/ सिल्क के वस्त्र को पानी छिड़क कर नम न करो बल्कि किसी नम तौलिए में लपेटकर नम करो तथा प्रैस करो ।

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