PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 25 धर्म-निरपेक्षता का महत्त्व तथा आदर्श के लिये कानून

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 25 धर्म-निरपेक्षता का महत्त्व तथा आदर्श के लिये कानून Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 25 धर्म-निरपेक्षता का महत्त्व तथा आदर्श के लिये कानून

SST Guide for Class 8 PSEB धर्म-निरपेक्षता का महत्त्व तथा आदर्श के लिये कानून Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित खाली स्थान भरो :

1. प्रस्तावना को संविधान की …………… भी कहा जाता है।
2. भारतीय संविधान के अनुच्छेद ……………… तक …………… अधिकार दर्ज हैं।
3. संविधान की 42वीं शोध द्वारा प्रस्तावना में ………….. शब्द दर्ज किया गया।
4. सभी धर्मों को समान समझना …………… है।
उत्तर-

  1. संविधान के निर्माताओं के मन की कुंजी
  2. 14 से 18, समानता के मौलिक
  3. समानता तथा बंधुत्व (भाईचारा)
  4. हमारा कर्त्तव्य।

II. निम्नलिखित वाक्यों में ठीक (✓) या ग़लत (✗) के चिन्ह लगाओ :

1. प्रस्तावना का आरम्भ ‘हम भारत के लोग’ शब्द से होता है। – (✓)
2. प्रस्तावना में समानता शब्द शामिल नहीं किया गया है। – (✗)
3. संविधान के अनुसार धर्म, जाति, लिंग, नस्ल के आधार पर भेदभाव किया जा सकता है। – (✗)
4. मत (वोट) का अधिकार राजनीतिक न्याय प्रदान करता है। – (✓)
5. प्रस्तावना को भारतीय संविधान के अन्त लिखा गया है। – (✗)

III. विकल्प वाले प्रश्न :

प्रश्न 1.
मौलिक अधिकार भारतीय संविधान के कौन-से भाग में है ?
(क) पहला भाग
(ख) दूसरा भाग
(ग) तीसरा भाग
(घ) चौथा भाग।
उत्तर- तीसरे भाग

प्रश्न 2.
आदर्शों के लिए कानून कहां पर दर्ज हैं ?
(क) कानून की किताबों में
(ख) प्रस्तावना में
(ग) भारतीय संविधान में
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
भारतीय संविधान में

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प्रश्न 3.
संविधान के कौन-से अनुच्छेद द्वारा भारतीय नागरिकों को छः प्रकार की आज़ादी प्राप्त है ?
(क) अनुच्छेद 18
(ख) अनुच्छेद 14
(ग) अनुच्छेद 19
(घ) अनुच्च्छेद 17
उत्तर-
अनुच्छेद 19.

IV. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 1-15 शब्दों में दो :

प्रश्न 1.
धर्म-निरपेक्षता का अर्थ लिखें।
उत्तर-
धर्म-निरपेक्षता का अर्थ है कि राज्य अथवा सरकार का अपना कोई धर्म नहीं है। राज्य की दृष्टि में सभी . धर्म समान होते हैं। धर्म के आधार पर राज्य किसी से कोई भेद-भाव नहीं करता।

प्रश्न 2.
धर्म-निरपेक्षता का कोई उदाहरण दें।
उत्तर-
हमारे देश में समय-समय पर भिन्न-भिन्न धर्मों के राष्ट्रपति रहे हैं। इसी प्रकार प्रधानमन्त्री तथा अन्य उच्च पदों पर भी भिन्न-भिन्न धर्मों के लोग रहे हैं।

प्रश्न 3.
संविधान में शामिल आदर्शों से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में संविधान के मुख्य उद्देश्य तथा मौलिक सिद्धान्त दिए गए हैं। इन्हें संविधान के आदर्श कहा जाता है। ये आदर्श भारत राष्ट्र के स्वरूप को निश्चित करते हैं।

प्रश्न 4.
प्रस्तावना में शामिल आदर्शों को पूरा कैसे किया गया है ?
उत्तर-
संविधान के आदर्शों को कानूनी रूप देकर पूर्ण किया गया है। उदाहरण के लिए समानता के आदर्श को पाने के लिए छुआछूत को अवैध घोषित किया गया है।

प्रश्न 5.
प्रस्तावना क्या है ?
उत्तर-
प्रस्तावना संविधान की आत्मा है। इसमें संविधान के मूलभूत लक्ष्य तथा आदर्श दिए गए हैं।

V. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में दे :

प्रश्न 1.
न्याय से क्या तात्पर्य है ? इस आदर्श को कैसे लागू किया गया है ? .
उत्तर-
न्याय से भाव यह है कि भारत में सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक न्याय मिले। इसके लिए सभी को समान अवसर प्रदान करना आवश्यक है। इस उद्देश्य से संविधान के तीसरे अनुभाग में धर्म, नस्ल, रंग आदि के आधार पर भेदभाव को निषेध माना गया है। इसी अनुभाग में मौलिक अधिकारों द्वारा सभी नागरिकों को अवसर की समानता प्रदान की गई है। यह समानता आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक न्याय की गारंटी है। इस समानता को बनाये रखने के लिए विशेष कानून बनाये गए हैं। इन कानूनों का उल्लंघन करने वालों को दण्ड दिया जाता है।

प्रश्न 2.
समानता से क्या तात्पर्य है ? संविधान अनुसार कौन-कौन सी समानताएं दी गई हैं ?
उत्तर-
समानता से भाव यह है कि राज्य के सभी नागरिक, चाहे वे किसी भी जाति या धर्म से सम्बन्ध रखते हों, समान हैं। संविधान में निम्नलिखित समानताएं दी गई हैं-

  1. कानून के सामने सभी लोग समान हैं।
  2. अस्पृश्यता को अवैध घोषित कर दिया गया है, ताकि सामाजिक समानता को सुनिश्चित किया जा सके।
  3. सैनिक तथा शैक्षिक उपाधियों को छोड़कर अन्य सभी उपाधियां समाप्त कर दी गई हैं।
  4. किसी भी धर्म, जाति, नस्ल या वर्ग को कोई विशेष अधिकार प्राप्त नहीं है।
  5. समानताओं को लागू करने के लिए न्यायपालिका को विशेष अधिकार प्रदान किए गए हैं।

प्रश्न 3.
संविधान की प्रस्तावना का क्या महत्त्व है ? ।
उत्तर-
संविधान की प्रस्तावना संविधान के आरम्भ में दी गई है। यह संविधान के मुख्य उद्देश्य मूल सिद्धान्तों तथा आदर्शों पर प्रकाश डालती है। प्रस्तावना के अनुसार संविधान के मुख्य आदर्श हैं-

  1. प्रभुसत्ता सम्पन्न
  2. धर्मनिरपेक्षता, सबके लिए समान न्याय,
  3. स्वतन्त्रता तथा समानता,
  4. भाईचारा तथा
  5. राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता। इन आदर्शों को कानूनी रूप दिया गया गया है।

प्रश्न 4.
राष्ट्रीय एकता व अखण्डता से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय एकता तथा अखण्डता का अर्थ यह है कि पूरा भारत एक राष्ट्र है। देश के सभी वर्गों, जातियों तथा धर्मों के लोग एक ही राष्ट्र का निर्माण करते हैं। देश की कोई भी इकाई इससे अलग नहीं है। हमारे संविधान निर्माता राष्ट्रीय एकता के इच्छुक थे। इस आदर्श को संविधान के 42वें संशोधन द्वारा संविधान की प्रस्तावना में सम्मिलित किया गया है। इस आदर्श की प्राप्ति के लिए भिन्न-भिन्न कानून बनाये गए हैं। यदि कोई इन कानूनों को तोड़ता है, तो उसे कठोर दण्ड दिया जाता है। परन्तु आज कुछ असामाजिक तथा अलगाववादी तत्त्व देश की एकता तथा अखण्डता को चोट पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ विदेशी शक्तियां भी भारत की एकता को भंग करने की ताक में रहती हैं। हमें इन तत्त्वों तथा शक्तियों से कठोरता से निपटना होगा। हमें पूरी आशा है कि हम अपने लक्ष्य को पाने में सफल रहेंगे।

प्रश्न 5.
सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक न्याय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-

  1. सामाजिक न्याय-सामाजिक न्याय से भाव है किसी नागरिक से जाति, धर्म, रंग तथा नस्ल के आधार पर कोई भेदभाव न करना। सामाजिक न्याय को ‘समानता के मूल अधिकार’ द्वारा सुनिश्चित बना गया है।
  2. आर्थिक न्याय-इसका भाव है समाज में आर्थिक असमानता को दूर करके आर्थिक समानता लाना। इस उद्देश्य से सभी नागरिकों को रोजी-रोटी कमाने के लिए बराबर अवसर तथा एक समान काम के लिए समान मज़दूरी की व्यवस्था की गई है।
  3. राजनीतिक न्याय-भारतीय नागरिकों को राजनीतिक न्याय देने के लिए यह व्यवस्था की गई है-(1) सभी को बिना भेदभाव के वोट देने का अधिकार, (2) चुने जाने का अधिकार, (3) सरकारी पद प्राप्त करने का अधिकार तथा (4) सरकार की आलोचना की स्वतन्त्रता।

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PSEB 8th Class Social Science Guide धर्म-निरपेक्षता का महत्त्व तथा आदर्श के लिये कानून Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

सही जोड़े बनाइए:

1. भारतीय संविधान का प्रारंभ – समानता का रूप
2. भारतीय संविधान का एक आदर्श – प्रस्तावना
3. छुआछूत की समाप्ति – समान न्याय।
उत्तर-

  1. प्रस्तावना
  2. समान न्याय
  3. समानता का रूप।

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
संविधान में कौन-से आदर्श हैं ?
उत्तर-

  1. सम्पूर्ण प्रभुसत्ता सम्पन्न,
  2. धर्म-निरपेक्ष,
  3. सभी को समान न्याय,
  4. स्वतन्त्रता, समानता तथा भ्रातृत्व,
  5. राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता,
  6. गणराज्य ।

प्रश्न 2.
धर्म-निरपेक्षता का महत्त्व-लिखें।
उत्तर-
धर्म-निरपेक्षता राज्य का एक महत्त्वपूर्ण आदर्श है। ऐसे राज्य में सभी धर्मों के लोग शान्ति एवं सद्भावना से रह सकते हैं। इससे देश की एकता एवं अखण्डता बनी रहती है।

प्रश्न 3.
चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा भारत के संविधान किस-किस विचारधारा पर आधारित हैं ?
उत्तर-
चीन का संविधान साम्यवादी विचारधारा पर जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान पूंजीवादी विचारधारा पर आधारित है। परन्तु भारत का संविधान किसी विशेष विचारधारा पर आधारित नहीं है।

प्रश्न 4.
अंग्रेज़ी शासन में देश को धार्मिक संकीर्णता के कौन-कौन से परिणाम भुगतने पड़े ? कोई दो परिणाम बताओ।
उत्तर-

  1. धर्म के नाम पर देश में झगड़े तथा दंगे-फसाद होते रहे जिसके कारण भीषण रक्तपात हुआ।
  2. 1947 में देश का विभाजन कर दिया गया।

प्रश्न 5.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना कहां अंकित की गई है ? इसका क्या महत्त्व होता है ?
उत्तर-
भारतीय संविधान की प्रस्तावना संविधान के प्रारम्भ में दी गई है। प्रस्तावना एक ऐसा दस्तावेज़ होता है जिसमें संविधान के मुख्य उद्देश्य तथा मौलिक सिद्धान्त दिए होते हैं। यह विधान निर्माताओं के मन की कुंजी होती है।

प्रश्न 6.
भारतीय संविधान का प्रथम आदर्श ( उद्देस्श्य ) क्या था ? क्या हमने इस आदर्श को पा लिया है ?
उत्तर-
भारतीय संविधान का प्रथम उद्देश्य आंतरिक तथा बाह्य स्वतन्त्रता प्राप्त करना था। हमने इस आदर्श को पा लिया है क्योंकि आज हम किसी विदेशी शक्ति के दास नहीं हैं। आज सम्पूर्ण शक्ति लोगों के पास है। विदेशी मामलों में भी हम पूरी तरह स्वतन्त्र हैं।

प्रश्न 7.
भारतीय संविधान के स्वतन्त्रता के आदर्श का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
संविधान की प्रस्तावना में अभिव्यक्ति, विश्वास तथा उपासना की स्वतन्त्रता दी गई है। स्वतन्त्रता को मौलिक अधिकारों के रूप में सुरक्षा प्रदान की गई है। इन अधिकारों की प्राप्ति के लिए नागरिक न्यायालय की शरण ले सकते हैं।

प्रश्न 8.
हम अभी तक संविधान के आदर्शों को पूरा करने में क्यों सफल नहीं हो पाये ? कोई दो कारण बताइए।
उत्तर-

  1. अभी भी लोग जाति, धर्म, भाषा तथा क्षेत्र के नाम पर आपस में झगड़ते हैं। ।
  2. कुछ प्रान्त आज भी भारत से अलग होने की मांग कर रहे हैं।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
धर्म-निरपेक्षता का सिद्धान्त भारतीय संविधान में क्यों सम्मिलित किया गया है ?
उत्तर-
भारतीय संविधान में धर्म-निरपेक्षता के सिद्धान्त को सम्मिलित करने का मुख्य कारण भारत की परतन्त्रता था। भारत शताब्दियों तक अंग्रेज़ों का दास रहा। अंग्रेज़ों ने कभी भारत के एक धर्म को उकसाया तो कभी दूसरे धर्म को ताकि देश में आर्थिक सद्भावना न रह सके। कभी हमारा देश नक्सलवादी विचारधारा का शिकार रहा। इस प्रकार देश में धार्मिक संकीर्णता का वातावरण बना रहा जिसने हमारे देश का विभाजन कर दिया। धर्म के नाम पर दंगे-फसाद भी होते रहे। ऐसे में राज्य को धर्म-निरपेक्ष बनाना अनिवार्य था। इसी कारण भारतीय संविधान में धर्म-निरपेक्षता के सिद्धान्त को सम्मिलित किया गया।

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प्रश्न 2.
संविधान में आदर्शों को क्यों सम्मिलित किया गया है ?
उत्तर-
संविधान द्वारा किसी देश के प्रशासन के स्वरूप तथा राज्य एवं नागरिकों के बीच सम्बन्धों को निश्चित किया जाता है। राज्य को कल्याणकारी बनाने तथा विदेशों के साथ मधुर सम्बन्ध बनाने के लिए भी कुछ सिद्धान्त निश्चित किए जाते हैं। इसके लिए यह भी आवश्यक है कि देश में सामाजिक तथा धार्मिक भाईचारा बना रहे, सभी वर्गों को न्याय मिले और देश की एकता एवं अखण्डता को कोई आंच न आये। इसी उद्देश्य से संविधान में कुछ लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इन्हें संविधान के आदर्श भी कहा जाता है।

प्रश्न 3.
भारतीय संविधान के ‘भ्रातृत्व’ के आदर्श पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
भारतीय संविधान में दिए गए भ्रातृत्व के आदर्श का उद्देश्य नागरिकों में भाईचारे की भावना विकसित करना है। भारत में भिन्न-भिन्न धर्मों तथा जातियों के लोग रहते हैं। देश की एकता एवं अखण्डता के लिए इनके बीच भाईचारे (भ्रातृत्व) की भावना होना आवश्यक है। सामाजिक सद्भावना बनाए रखने के लिए साम्प्रदायिक सद्भाव अनिवार्य है। इसलिए संविधान के भिन्न-भिन्न अनुच्छेदों द्वारा धर्म, जाति, लिंग तथा नस्ल आदि के भेदभाव को समाप्त कर दिया गया है।

धर्म-निरपेक्षता का महत्त्व तथा आदर्श के लिये कानून PSEB 8th Class Social Science Notes

  • राष्ट्रीय लक्ष्य अथवा आदर्श – प्रत्येक राष्ट्र के कुछ निश्चित लक्ष्य होते हैं जो राष्ट्र की एकता, उन्नति तथा समृद्धि के लिए निश्चित किये जाते हैं। इन्हें राष्ट्रीय लक्ष्य कहते हैं। भारत के भी अपने राष्ट्रीय लक्ष्य हैं।
  • संविधान के आदर्श – धर्म-निरपेक्षता, न्याय, स्वतन्त्रता, समानता, भ्रातृत्व तथा राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता हमारे संविधान के मुख्य आदर्श हैं।
  • धर्म-निरपेक्ष राज्य – हमारा देश एक धर्म-निरपेक्ष राज्य है। यहां सभी धर्मों के लोगों को अपने धर्म का पालन करने और अपने ढंग से उपासना करने की स्वतन्त्रता है।
  • आर्थिक समानता – आर्थिक समानता का अर्थ है कि राज्य में अमीर-गरीब का अन्तर कम-से-कम हो।
  • राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता – भारत एक विशाल देश होने के कारण अनेक भाषाओं, संस्कृतियों तथा धर्मों की भूमि है। सभी को अपनी-अपनी संस्कृति विकसित करने की छूट है। परन्तु कई क्षेत्रों के लोग अपनी भाषा या क्षेत्र के हितों को राष्ट्रीय हितों से अधिक महत्त्व देने लगते हैं। इससे देश की मूलभूत एकता पर प्रहार होता है। अतः राष्ट्रीय एकीकरण को बनाए रखना | हमारा लक्ष्य है।

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