Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Rachana Patra Lekhan पत्र-लेखन Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 7th Class Hindi रचना पत्र-लेखन (2nd Language)
प्रश्न 1.
अपने मुख्याध्यापक को बीमारी के कारण छुट्टी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर :
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
खालसा हाई स्कूल,
जालन्धर।
श्रीमान् जी,
सविनय निवेदन यह है कि मुझे कल रात सख्त बुखार हो गया है। डॉक्टर ने दवा देने के साथ-साथ आराम करने को कहा है। इसलिए मैं आज स्कूल नहीं आ सकता। कृपा करके मुझे दो दिन 14-4-20….. से 15-4-20…… की छुट्टी देकर कृतार्थ करें। मैं आपका बहुत धन्यवादी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
विजय सिंह।
कक्षा सातवीं ‘ए’।
तिथि : 14 अप्रैल, 20……
प्रश्न 2.
आवश्यक काम के कारण छुट्टी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर :
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
गवर्नमैंट हाई स्कूल,
नकोदर।
श्रीमान् जी,
विनम्र निवेदन यह है कि आज मुझे घर पर एक अति आवश्यक कार्य पड़ गया है। इसलिए मैं स्कूल में उपस्थित नहीं हो सकता। कृपा करके मुझे एक दिन का अवकाश देकर कृतार्थ करें। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद होगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
बलदेव सिंह।
तिथि : 5 मई, 20……
कक्षा सातवीं ‘बी’।
प्रश्न 3.
बड़े भाई/बड़ी बहन के विवाह के कारण अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर :
सेवा में
मुख्याध्यापिका महोदया,
गुरु तेग बहादुर हाई स्कूल,
फिरोज़पुर।
श्रीमती जी,
सविनय प्रार्थना यह है कि मेरे बड़े भाई/बड़ी बहन का विवाह 12 अक्तूबर को होना निश्चित हुआ है। मेरा इसमें सम्मिलित होना आवश्यक है। इसलिए इन दिनों मैं स्कूल में उपस्थित नहीं हो सकती। कृपया आप मुझे 11 अक्तूबर से 13 अक्तूबर तक का अवकाश प्रदान करें।
आपकी अति कृपा होगी।
आपकी आज्ञाकारिणी शिष्या,
निर्मल कौर।
रोल नं05
कक्षा सातवीं ‘ए’।
तिथि : 11 अक्तूबर, 20……
प्रश्न 4.
फीस माफी के लिए मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर :
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
गवर्नमैंट हाई स्कूल,
नवांशहर।
श्रीमान् जी,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके स्कूल में सातवीं श्रेणी में पढ़ता हूँ। मैं एक निर्धन विद्यार्थी हूँ। मेरे पिता जी एक छोटे से दुकानदार हैं। उनकी मासिक आमदनी केवल चार हज़ार रुपये है। इस आय से परिवार का गुजारा बहुत मुश्किल से होता है। अत: मेरे पिता जी मेरी फीस नहीं दे सकते। मुझे पढ़ने का बहुत शौक है, परन्तु आपके सहयोग की आवश्यकता है। कृपा करके मेरी पूरी फीस माफ करने का कष्ट करें। इस हेतु मैं आपका जीवन भर आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
महेन्द्र सिंह।
कक्षा सातवीं ‘ए’
रोल नं0 15
तिथि : 10 मई, 20……
प्रश्न 5.
जुर्माना माफ करवाने के लिए मुख्याध्यापिका को प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर :
सेवा में
मुख्याध्यापिका महोदया,
खालसा हाई स्कूल,
अमृतसर।
श्रीमती जी,
सविनय प्रार्थना है कि इस शनिवार को मेरी अंग्रेजी विषय की अध्यापिका जी ने हमारा टैस्ट लेना था। उस दिन मेरे माता जी बीमार थे। घर में मेरे अलावा कोई नहीं था। अत: उस दिन मैं स्कूल में उपस्थित नहीं हो सकी। मेरी अध्यापिका ने मुझे बीस रुपए विशेष जुर्माना किया। मेरे पिता जी बहुत गरीब हैं। मैं यह जुर्माना नहीं दे सकती। वैसे मैं अंग्रेज़ी विषय में बहुत अच्छी हूँ। इस बार त्रैमासिक परीक्षा में मेरे 100 में से 80 अंक आए थे।
आपसे सविनय प्रार्थना है कि आप कृपया मेरा जुर्माना माफ कर दीजिए। मैं आपकी अत्यन्त आभारी रहूँगी।
आपकी आज्ञाकारिणी शिष्या,
सिमरन,
कक्षा सातवीं ‘ए’।
तिथि : 12 अगस्त, 20……
प्रश्न 6.
स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र लेने के लिए मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखो।
उत्तर :
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
गुरु नानक मिंटगुमरी हाई स्कूल,
कपूरथला।
श्रीमान् जी,
सविनय प्रार्थना यह है कि मेरे पिता जी की बदली फिरोज़पुर की हो गई है। इसलिए हम सबको यहाँ से जाना पड़ रहा है। मेरा यहाँ अकेला रहना मुश्किल है। अत: मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र देने की कृपा करें ताकि फिरोज़पुर जाकर मैं अपनी पढ़ाई जारी रख सकूँ। मैं आपका बहुत आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
सुखबीर सिंह,
कक्षा सातवीं ‘बी’
रोल नं0 18
तिथि : 15 सितम्बर, 20……..
प्रश्न 7.
पुस्तकें मँगवाने के लिए पुस्तक विक्रेता को पत्र लिखो।
उत्तर :
सेवा में
प्रबन्धक महोदय,
मल्होत्रा बुक डिपो,
रेलवे रोड,
जालन्धर।
श्रीमान् जी,
कृपया निम्नलिखित पुस्तकें वी०पी०पी० द्वारा शीघ्र भेज दें। पुस्तकें भेजते समय इस बात का ध्यान रखें कि कोई पुस्तक मैली और फटी न हो। आपके नियमानुसार दो सौ रुपए मनीआर्डर द्वारा भेज रहा हूँ।
ये सब पुस्तकें सातवीं श्रेणी के लिए और नए संस्करण (एडीशन) की होनी चाहिएँ।
1. MBD हिन्दी गाइड 10 प्रतियाँ
2. MBD इंग्लिश गाइड 12 प्रतियाँ
3. MBD पंजाबी गाइड 8 प्रतियाँ
भवदीय,
मोहन सिंह (मुख्याध्यापक),
माता गुजरी स्कूल,
तिथि : 15 मई, 20…..
अबोहर।
प्रश्न 8.
रुपए मँगवाने के लिए पिता जी को पत्र लिखो।
उत्तर :
गवर्नमैंट हाई स्कूल,
गढ़दीवाला।
15 मई, 20….
पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।
आपको यह जानकर बड़ी खुशी होगी कि मैं छठी कक्षा में से अच्छे अंक लेकर उत्तीर्ण अब मैंने सातवीं श्रेणी में दाखिला लेना है। इस श्रेणी की मैंने पुस्तकें एवं कापियाँ भी खरीदनी हैं। इसलिए कृपा करके मुझे पाँच सौ रुपए मनीआर्डर द्वारा शीघ्र भेज दें ताकि मैं ठीक समय पर सातवीं श्रेणी में दाखिला ले सकूँ। माता जी को प्रणाम। बिट्ट और मधु को प्यार।
आपका आज्ञाकारी बेटा,
राजीव कुमार
प्रश्न 9.
अपने जन्म-दिन पर चाचा जी को निमन्त्रण पत्र लिखो।
उत्तर :
205, मॉडल टाऊन,
जालन्धर शहर।
20 अप्रैल, 20……
पूज्य चाचा जी,
सादर प्रणाम।
आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि 23 अप्रैल को मेरा जन्म-दिन है। इसलिए मैं अपने मित्रों को शाम को चाय पार्टी दे रहा हूँ। आप भी चाची जी एवं रिंकू और नीतू को लेकर इस छोटी-सी चाय पार्टी पर आएँ।
चाची जी को प्रणाम। रिंकू और नीतू को प्यार।
आपका भतीजा,
विजय सिंह
प्रश्न 10.
मित्र के प्रथम आने पर बधाई पत्र लिखो।
उत्तर :
208, प्रेमनगर,
लुधियाना।
11 अप्रैल, 20…..
प्रिय मित्र प्रताप,
कल ही तुम्हारा पत्र मिला। यह पढ़कर बहुत खुशी हुई कि तुम पाँचवीं कक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो गए हो। मेरी ओर से अपनी इस शानदार सफलता पर हार्दिक बधाई स्वीकार करो। मैं कामना करता हूँ कि तुम अगली परीक्षा में भी इसी प्रकार सफलता प्राप्त करोगे। मैं एक बार फिर तुम्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र,
मनोहर सिंह
प्रश्न 11.
चाचा जी को जन्म-दिन पर भेजे गए उपहार का धन्यवाद देते हुए पत्र लिखो।
उत्तर :
16, जवाहर नगर,
जालन्धर शहर।
24 अगस्त, 20…..
पूज्य चाचा जी,
सादर प्रणाम।
आपका भेजा हुआ उपहार मुझे परसों मिल गया था। जब मैंने उसे खोला तो उसमें अपने लिए एक पैन देखकर बहुत खुश हुआ। यह बहुत बढ़िया पैन है। यह बहुत सुन्दर लिखता है। मैं इसे हर रोज़ अपने स्कूल लेकर जाता हूँ। मेरे मित्रों को यह बहुत पसन्द है। मैं इस सुन्दर उपहार के लिए आपका बहुत आभारी हूँ। चाची जी को प्रणाम। रमा और बिट्ट को प्यार।
आपका भतीजा,
बलवन्त सिंह
प्रश्न 12.
अपने मित्र को बड़े भाई के विवाह पर निमन्त्रण-पत्र लिखो।
उत्तर :
105, आदर्श नगर,
लुधियाना।
12 सितम्बर, 20…..
प्रिय मित्र दिनेश,
तुम्हें यह जानकर बड़ी खुशी होगी कि मेरे बड़े भाई का विवाह 15 सितम्बर को होना निश्चित हुआ है। बारात गुरदासपुर जा रही है। इसी खुशी के मौके पर मैं तुम्हें भी विवाह पर आने का निमन्त्रण देता हूँ। कृपया इस शुभ अवसर पर आकर मंडप की शोभा बढ़ाएँ। तुम्हें बारात के साथ भी चलना पड़ेगा। सचमुच अगर तुम साथ होगे तो बड़ा मज़ा आएगा। भैया और माता-पिता जी को साथ लाना न भूलना।
तुम्हारा मित्र,
उदय सिंह
प्रश्न 13.
अपने मित्र को पत्र लिखकर बतायें कि आपका नया स्कूल किन-किन बातों में अच्छा है।
उत्तर :
81, विजय नगर,
पटियाला।
17 मई, 20…..
प्रिय मित्र सुरेश,
सादर प्रणाम!
तुम्हारी इच्छा के अनुसार मैं इस पत्र में अपने स्कूल के बारे में कुछ पंक्तियां लिख रहा हूं। मेरे स्कूल का नाम राजकीय हाई स्कूल है। यह अपने नगर के सभी स्कूलों में सबसे अच्छा स्कूल है। यहां खेलों का बहुत ही अच्छा प्रबंध है। प्रत्येक छात्र किसी-न-किसी खेल में अवश्य भाग लेता है। इसका भवन बहुत बड़ा है। इसमें लगभग 1500 छात्र पढ़ते हैं तथा 50 अध्यापक पढ़ाते हैं। इसके चारों और सुंदर बाग हैं, जिसमें कई प्रकार के फूल खिले रहते हैं। हमारे अध्यापक बहुत ही सदाचारी तथा मेहनती हैं। मुख्याध्यापक तो बहुत ही योग्य, शांत तथा अनुशासन-प्रिय व्यक्ति हैं। मुझे अपने स्कूल पर गर्व है।
तुम्हारा मित्र,
गुरदेव।
प्रश्न 14.
मान लो आपका नाम गणेश है। आप 15, पटेल नगर, दिल्ली में रहते हैं। अपने मित्र, जिसका नाम हरीश है, को गर्मी की छुट्टियाँ किसी पर्वत पर बिताने के लिए निमन्त्रण-पत्र लिखें।
अथवा
अपने मित्र को एक पत्र लिखें, जिसमें उसे गर्मी की छुट्टियाँ शिमला में बिताने के लिए कहा गया हो।
उत्तर :
15, पटेल नगर,
दिल्ली।
20 मार्च, 20…..
प्रिय मित्र हरीश,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारा पत्र मिला। तुमने ग्रीष्मावकाश में मेरा कार्यक्रम जानने की इच्छा प्रकट की। तुम्हें याद होगा कि मैंने गत गर्मियों की छुट्टियाँ तुम्हारे साथ जयपुर में बिताई थीं। इस समय तुमने वायदा किया था कि अगली गर्मी की छुट्टियाँ किसी पर्वतीय स्थान पर बिताएंगे। इस बार मेरा विचार शिमला जाने का है। अपने वचन के अनुसार तुम्हें भी मेरे साथ चलना है। मेरे मामा जी वहाँ अध्यापक हैं। अत: वहाँ मनोरंजन के साथ-साथ पढ़ाई भी हो सकेगी।
इस प्रकार शिमला में गर्मियों की छुट्टियाँ बिताने में एक पंथ और दो काज होंगे। तुम तो जानते ही होगे कि शिमला को पहाड़ों की रानी कहा जाता है। गर्मियों में वहाँ का मौसम बहुत ही सुहावना होता है। वहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य तो अद्भुत हैं। चीड़ और देवदार के ऊँचे-घने पेड़ उसकी शोभा को चार चाँद लगाते हैं। वहाँ जब शाम के समय हम रिज और माल रोड पर घूमेंगे तो मज़ा आ जाएगा।
आशा है कि तुम मेरा शिमला चलने का सुझाव अवश्य स्वीकार करोगे। तुम्हारी स्वीकृति आने पर मैं मामा जी को पत्र लिखूगा। पूज्य माता-पिता जी को मेरी चरण वन्दना कहना। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में –
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
गणेश।
प्रश्न 15.
खिड़की का शीशा टूट जाने पर क्षमा माँगते हुए प्रार्थना पत्र लिखिए।
उत्तर :
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
राजकीय हाई स्कूल,
जालन्धर।
श्रीमान् जी,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके स्कूल में सातवीं श्रेणी में पढ़ता हूँ। मैं एक निर्धन विद्यार्थी हूँ। आधी छुट्टी के समय मैं अपने सहपाठियों के साथ खेल रहा था। अचानक मेरे हाथ से गेंद छूटकर खिड़की के शीशे पर लगी और शीशा टूट गया। मेरे कारण विद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुँचा है। इस नुकसान के लिए मुझं पर ₹ 500 का जुर्माना किया गया है। मुझे अपनी गलती पर दुख एवं शर्मिंदगी है। मेरे पिता जी की मासिक आमदनी बहुत कम है। वह यह जुर्माना नहीं भर पाएँगे। अत: आपसे मेरी करबद्ध प्रार्थना है कि मेरी इस भूल तथा मुझ पर लगाए जुर्माने को क्षमा करने का कष्ट करें। इस हेतु मैं आपका जीवन भर आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
प्रेम कुमार,
कक्षा सातवीं बी,
तिथि : 10 दिसंबर, 20.
रोल नं0 25