PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Vyakaran Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

प्रश्न 1.
व्याकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिस शास्त्र के द्वारा हमें भाषा के शुद्ध या अशुद्ध होने का ज्ञान प्राप्त हो, उसे व्याकरण कहते हैं।

PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

प्रश्न 2.
हिन्दी व्याकरण के कितने भाग हैं ?
उत्तर:
हिन्दी व्याकरण के तीन भाग हैं-

  1. वर्ण विचार।
  2. शब्द विचार।
  3. वाक्य विचार।

प्रश्न 3.
भाषा किसे कहते हैं? इसके कितने प्रकार हैं ?
उत्तर:
वह साधन जिसके माध्यम से हम अपने मन के विचार दूसरों पर प्रकट करते हैं तथा दूसरों के विचार समझते हैं भाषा कहलाती है। जैसेहिन्दी, पंजाबी, मराठी, बंगला आदि। भाषा के दो प्रकार हैं-
(क) मौखिक
(ख) लिखित।

प्रश्न 4.
लिपि किसे कहते हैं ? हिन्दी की लिपि का नाम लिखो।
उत्तर:
जिन वर्ण चिह्नों के द्वारा भाषा लिखी जाती है, उसे लिपि कहते हैं। हिन्दी भाषा की लिपि का नाम देवनागरी है।

प्रश्न 5.
वर्ण या अक्षर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
उस छोटी-से-छोटी ध्वनि को जिसके टुकड़े न हो सकें, वर्ण या अक्षर कहा जाता है।
जैसे-अ, इ, उ, ऋ, क्, च्, ट्, त्, प् आदि।

प्रश्न 6.
हिन्दी वर्णमाला में कितने वर्ण (अक्षर) हैं ?
उत्तर:
हिन्दी वर्णमाला में कुल 44 वर्ण हैं।। इनमें से 11 स्वर और 33 व्यंजन हैं।

प्रश्न 7.
शब्द किसे कहते हैं ? इसके कितने प्रकार हैं ?
उत्तर:
दो या दो से अधिक वर्षों के मेल से बनी सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं। जैसे-र् + आ, म् + अ = राम।
शब्द दो प्रकार के होते हैं-सार्थक और निरर्थक।

प्रश्न 8.
संज्ञा की परिभाषा लिखो और उसके भेद बताओ।
उत्तर:
किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, स्थान, नगर आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे-रमेश, सोहन, मेज, कुर्सी, दिल्ली, जालन्धर आदि। संज्ञा के प्रायः तीन भेद माने जाते हैं-

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. जातिवाचक संज्ञा
  3. भाववाचक संज्ञा।

प्रश्न 9.
सर्वनाम की परिभाषा लिखो। उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
वाक्य में संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले विकारी शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। जैसे सोहन, मोहन के साथ उसके घर गया। इस वाक्य में ‘उसके’ सर्वनाम मोहन के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है। सर्वनाम के छ: भेद हैं-पुरुषवाचक, निश्चय-वाचक, अनिश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, सम्बन्धवाचक और निजवाचक।

प्रश्न 10.
विशेषण किसे कहते हैं और उसके भेद बताओ।
उत्तर:
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें विशेषण कहा जाता है। जैसेवीर पुरुष। इसमें ‘वीर’ शब्द पुरुष की विशेषता प्रकट करता है। इसलिए यह विशेषण है। विशेषण के भेद

  1. गुणवाचक विशेषण
  2. परिमाण वाचक विशेषण
  3. संख्यावाचक विशेषण
  4. सार्वनामिक विशेषण।

प्रश्न 11.
क्रिया किसे कहते हैं? क्रिया के कितने भेद हैं?
उत्तर:
जिन शब्दों के द्वारा किसी काम का करना, होना, सहना आदि पाया जाए, उसे क्रिया कहते हैं। जैसे-मोहन पढ़ता है। कमला लिखती है। क्रिया के भेद-क्रिया के दो भेद माने जाते हैं-

  1. अकर्मक क्रिया
  2. सकर्मक क्रिया।

प्रश्न 12.
वचन किसे कहते हैं और वचन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
शब्दों के जिस रूप में किसी वस्तु के एक अथवा अनेक होने का बोध हो, उसे वचन कहते हैं। हिन्दी में दो वचन हैं-

  1. एकवचन
  2. बहुवचन।

1. एकवचन-संज्ञा का जो रूप एक ही वस्तु का बोध कराए, उसे एकवचन कहते हैं। जैसेलड़की, बहन आदि।
2. बहुवचन-संज्ञा का जो रूप एक से अधिक वस्तुओं का बोध कराए, उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे-लड़कियाँ, घोड़े, बहनें आदि।

प्रश्न 13.
कारक किसे कहते हैं ?
उत्तर:
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप में उस वाक्य का दूसरे शब्दों से सम्बन्ध जाना जाए, उस रूप को कारक कहते हैं। जैसे–मोहन ने पुस्तक को मेज़ पर रख दिया।

PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

प्रश्न 14.
काल किसे कहते हैं और काल के भेद लिखो।
उत्तर:
क्रिया के जिस रूप से उसके होने या करने के समय का बोध हो, उसे काल कहते हैं। काल के मुख्य भेद हैं-

  1. भूतकाल-जिससे क्रिया के बीते हुए समय में होने का बोध हो, उसे भूतकाल कहते हैं।
  2. वर्तमान काल-जिससे क्रिया के चल रहे अथवा वर्तमान समय में होने का बोध हो, उसे वर्तमान काल कहते हैं।
  3. भविष्यत् काल-जिससे क्रिया के आने वाले समय में होने का बोध हो, उसे भविष्यत् काल कहते हैं।

विराम चिह्न

प्रश्न 1.
विराम चिह्न से क्या अभिप्राय है? हिन्दी में प्रचलित विराम चिह्नों को स्पष्ट करें।
उत्तर:
बातचीत करते समय हम अपने भावों को स्पष्ट करने के लिए कहीं-कहीं ठहरते हैं। लिखने में भी ठहराव प्रकट करते हैं। ठहराव को प्रकट करने के लिए जो चिह्न लगाए जाते हैं, वे विराम चिह्न कहलाते हैं।

निर्धारित विराम चिह्न

(क) पूर्ण विराम (।)- वाक्य की पूर्ति की सूचना देने वाले चिह्न को पूर्ण विराम कहते हैं। जैसे-अनुशासनहीनता देश के लिए घातक है।

(ख) अर्द्ध विराम (:)- वाक्य की पूर्ण समाप्ति न होने पर भी जहां बीच में समाप्ति सी लगे। अगले वाक्य से जोड़ने वाले अव्यय का अभाव हो, तब इसका प्रयोग होता है। जैसे-आजकल शिक्षा का उद्देश्य नौकरी है; इसलिए उसका वास्तविक महत्त्व जाता रहा है।

(ग) प्रश्न सूचक (?)- वाक्य को प्रश्नवाचक सूचित करने के लिए इसका प्रयोग होता है। जैसे-क्या मूर्ख को समझाना सरल है?

(घ) विस्मयादि बोधक (!)- मानसिक आवेगों के लिए इसका प्रयोग होता है। जैसे-हाय ! मैं मारा गया। उफ़ ! इतनी पीड़ा।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में विराम चिह्न लगाइए

  1. राम पढ़ कर आ गया है
  2. सुधा अब तुम उठ जाओ मोहन आने वाला
  3. क्या आज वर्षा होगी
  4. ओह अब मैं थक गया हूँ
  5. जीत ही मेरा लक्ष्य है इसलिए दिन-रात एक कर दिया है
  6. मारिया ने कहा अहा कैसा अद्भुत प्रकाश है अन्त में हमने इसे पा ही लिया

उत्तर:

  1. राम पढ़ कर आ गया है। (पूर्ण विराम)
  2. सुधा अब तुम उठ जाओ; मोहन आने वाला है। (अर्द्ध विराम, पूर्ण विराम)
  3. क्या आज वर्षा होगी ? (प्रश्नवाचक)
  4. ओह ! अब मैं थक गया हूँ। (विस्मयादि बोधक, पूर्ण विराम)
  5. जीत ही मेरा लक्ष्य है; इसलिए दिन-रात एक कर दिया है। (अर्द्ध विराम, पूर्ण विराम)
  6. मारिया ने कहा-“अहा ! कैसा अद्भुत प्रकाश है। अन्त में हमने इसे पा ही लिया।”.
    (विस्मयादि बोधक, पूर्ण विराम)

व्यावहारिक व्याकरण चार्ट

चार्ट नं० 1
अशुद्ध-शुद्ध

अशुद्ध – शुद्ध
अनीवार्य – अनिवार्य
सनान – स्नान
अधिआपक – अध्यापक
इश्वर – ईश्वर
आग्या – आज्ञा
दुख – दुःख
बुद्धीमान – बुद्धिमान्
परार्थना – प्रार्थना
दुश्ट – दुश्ट
शरत – शर्त
उदयोग – उद्योग
सबजी – सब्जी
सर्मपित – समर्पित
असमरथ – असमर्थ
चौकनना – चौकन्ना
चुनोती – चुनौती
चकव्यूह – चक्रव्यूह
कृश्ण – कृष्ण
युधिष्ठर – युधिष्ठिर

PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

महातमा – महात्मा
परिक्षा – परीक्षा
प्रतीख्शा – प्रतीक्षा
पंडित – पण्डित
मीठाई – मिठाई
मन्दर – मन्दिर
प्रन्तु – परन्तु
हिरदे – हृदय
शरन – शरण
मिठाईयां – मिठाइयाँ
सुरेन्दर – सुरेन्द्र
अनन्द – आनन्द
जित – जीत
कवि – कवी
पेंसिल – पैंसल
तैयारी – त्यारी
गनेष – गणेश
लक्षमी – लक्ष्मी
प्रतिग्या – प्रतिज्ञा
विग्यान – विज्ञान
रितु – ऋतु
|रिण – ऋण
रिषि – ऋषि
किरपा – कृपा
ऐक – एक
एसा – ऐसा.
म्रित्यु – मृत्यु
पृथ्वी – प्रिथ्वी
इस्री – स्त्री
स्वामि – स्वामी
हिन्दु – हिन्दू
आँसू – आंसु
भुमि – भूमि
बूढ़ा – बूड़ा
प्रशन – प्रश्न
पुन्य – पुण्य
किरन – किरण
पियार – प्यार
दुरदशा – दुर्दशा
धरम – धर्म
हिमांचल – हिमाचल
दृष्टी – दृष्टि
सेनापती – सेनापति
निरभय – निर्भय
अभीवादन – अभिवादन
रूचि – रुचि
लिपी – लिपि
उपस्थति – उपस्थित
गतवय – गंतव्य
आविश्कार – आविष्कार
मनुश्य – मनुष्य
समून्द्र – समुद्र
समीत – समर्पित
सवरगीय – स्वर्गीय
राजिसथान – राजस्थान
वयायाम – व्यायाम
मधया अवकाश – मध्यावकाश
तीतलीयाँ – तितलियाँ
पराचीनकाल – प्राचीनकाल
परतयेक – प्रत्येक
हसपताल – अस्पताल
समजदार – समझदार
मसतिषक – मस्तिष्क
सवासथिय – स्वास्थ्य
पौशटिक – पौष्टिक
परियाप्त – पर्याप्त
परिकर्मा – परिक्रमा
चर्कव्यूह – चक्रव्यूह
मरुसथल – मरुस्थल
उतेजित – उत्तेजित
मनुश्य – मनुष्य
दूरदरशन – दूरदर्शन
श्रीमति – श्रीमती
कलपना – कल्पना
ग्रहकार्य – गृहकार्य
दृष्टीहीन – दृष्टिहीन
परभावी – प्रभावी
विगयापन – विज्ञापन
विशेष – विषेश
उदयोग – उद्योग
गरव – गर्व
द्रिष्टि – दृष्टि
प्रसिद – प्रसिद्ध
रिषि – ऋषि
परबत – पर्वत
निरमल – निर्मल
दुरगम – दुर्गम
विषेश – विशेष
अभिलाशा – अभिलाषा
अर्पन – अर्पण
साइकल – साइकिल
परदूषण – प्रदूषण

चार्ट नं० 2
लिंग परिवर्तन

पुंल्लिग – स्त्रीलिंग
आदमी – औरत
भाई – बहन
पिता – माता
वर – वधू
सेवक – सेविका
ससुर – सास
बुद्धिमान् – बुद्धिमती
साधु – साध्वी
कवि – कवयित्री
चिड़ा – चिड़िया
बैल – गाय
शिष्य – शिष्या.
विधुर – विधवा
नायक – नायिका
बूढ़ा – बुढ़िया
बालक – बालिका
पाठक – पाठिका
अध्यापक – अध्यापिका
बन्दर – बन्दरिया
अभिनेता – अभिनेत्री
चूहा – चुहिया
बछड़ा – बछिया
कुत्ता – कुतिया
भैंसा – भैंस
युवा – युवती
मित्र – मित्रा, सहेली
महाराजा – महारानी
मामा – मामी
लोटा – लुटिया
दादा – दादी
चाचा – चाची
वीर – वीरांगना
सखा – सखी
स्त्री – पुरुष
हाथी – हथिनी
बकरा – बकरी
घोड़ा – घोड़ी
मोर – मोरनी
देव – देवी
नर – नारी
नाना – नानी
विद्वान् – विदुषी
लड़का – लड़की
पुत्र – पुत्री
पुजारी – पुजारिन
शेर – शेरनी
सुनार – सुनारिन
बेटा – बेटी
देवर – देवरानी
जेठ – जेठानी
नौकर – नौकरानी
राजपूत – राजपूतानी
छात्र – छात्रा
श्रीमान् – श्रीमती
दास – दासी
सयाना – सयानी
हिरन – हिरनी
लेखक – लेखिका
बिलाव – बिल्ली
माली – मालिन
राजा – रानी
गायक – गायिका
मछुआरा – मछुआरिन
पति – पत्नी
नौकर – नौकरानी
मुर्गी – मुर्गा
राजकुमार – राजकुमारी

PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

चार्ट नं० 3
वचन बदलो

एकवचन – बहुवचन
बच्चा – बच्चे
लड़का – लड़के
रात – रातें
घोड़ा – घोड़े
कुत्ता – कुत्ते
रस्सा – रस्से
खिलौना – खिलौने
तिनका – तिनके
आँख – आँखें
भैंस – भैंसें
अंगूठा – अंगूठे
कपड़ा – कपड़े
पुस्तक – पुस्तकें
दवात – दवातें
पेंसिल – पेंसिलें
कलम – कलमें
रानी – रानियाँ
मछली – मछलियां
चिड़िया – चिड़ियाँ
डिबिया – डिबियाँ
गुड़िया – गुड़ियाँ
बुढ़िया – बुढ़ियाँ
तिथि – तिथियाँ
नदी – नदियाँ
टोपी – टोपियाँ
लड़की – लड़कियाँ
सखी – सखियाँ
कापी – कांपियाँ
कन्या – कन्याएँ
रानी – रानियाँ
नदी – नदियाँ
बच्चा – बच्चे
कन्या – कन्याएँ
लड़का – लड़के
वह – वे
घर – घरों
स्त्री – स्त्रियाँ
दासी – दासियाँ
औरत – औरतें
सब्जी – सब्ज़ियाँ
माला – मालाएँ
चिड़िया – चिड़ियाँ
वह – वे
दासी – दासियाँ
रस्सी – रस्सियाँ
जिसने – जिन्होंने
कुआँ – कुएँ
दवाई – दवाइयाँ
रचना – रचनाएँ

चार्ट नं० 4
भाववाचक संज्ञाएँ

शब्द – भाववाचक संज्ञा
अच्छा – अच्छाई
अधिक – अधिकता
अनुकूल – अनुकूलता
अपना – अपनत्व
अज्ञान – अज्ञानता
आलसी – आलस्य
आवश्यक – आवश्यकता
ईश्वर – ऐश्वर्य
ऊँचा – ऊँचाई
उदार – उदारता
उचित – औचित्य, उचितता।
उड़ना – उड़ान
एक – एकता
कठिन – कठिनता
कंजूस – कंजूसी
कायर – कायरता
कुशल – कुशलता
क्रूर – क्रूरता
खट्टा – खटाई
खेलना – खेल
खोदना – खुदाई
गहरा – गहराई
गिरना – गिरावट
गरम – गरमी
गुलाम – गुलामी
घबराना – घबराहट
चतुर – चतुराई
चालाक – चालाकी
चौड़ा – चौड़ाई
चढ़ना – चढ़ाई
चलना – चाल
चुनना – चुनाव
झुकना – झुकाव
ठण्डा – ठण्डक
ठगना – ठगी
तेज़ – तेजी
खेलना – खेल
चालाक – चालाकी
पीसना – पिसाई
बूढ़ा – बुढ़ापा
बहना – बहाव
भूखा – भूख
मित्र – मित्रता
मनुष्य – मनुष्यता.
मीठा – मिठास
वीर – वीरता
लड़ना – लड़ाई
स्वतन्त्र – स्वतन्त्रता
सरल – सरलता
बच्चा – बचपन
शीघ्र – शीघ्रता
मोटा – मोटापा
प्यासा – प्यास
दुर्बल – दुर्बलता
लम्बा – लम्बाई
हँसना – हँसी
पशु – पशुता
बुद्धिमान् – बुद्धिमत्ता

PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

चार्ट नं० 5
विशेषण रचना

शब्द – भाववाचक संज्ञा
अर्थ – आर्थिक
अपमान – अपमानित
अभिमान – अभिमानी
अवश्य – आवश्यक
आदर – आदरणीय
आकर्षण – आकर्षक
इच्छा – इच्छुक
इतिहास – ऐतिहासिक
ईर्ष्या – ईर्ष्यालु
ईश्वर – ईश्वरीय
कपट – कपटी
कल्पना – काल्पनिक
केन्द्र – केन्द्रीय
कांटा – कंटीला
कुल – कुलीन
क्रोध – क्रोधी
कृपा – कृपालु
उद्योग – औद्योगिक
खोज – खोजी
खेलना – खिलाड़ी
ग्राम – ग्रामीण
गुण – गुणी, गुणवान्
गाना – गवैया
घर – घरेलू
घृणा – घृणित
चमक – चमकीला
जंगल – जंगली
जोश – जोशीला
झूठ – झूठी
झगड़ा – झगड़ालू
तेज – तेजस्वी
तप – तपस्वी
दया – दयालु
डर – डरावना
दान – दानी
दिन – दैनिक
दुध – दुधारू
देश – देशीय
धन – धनी
नमक – नमकीन
नशा – नशीला
बर्फ – बर्फीला
भार – भारी
रंग – रंगीन
मुख – मौखिक
विज्ञान – वैज्ञानिक
साहस – साहसिक
नगर – नागरिक
मास – मासिक
वर्ष – वार्षिक
मन – मनस्वी
तप – तपस्वी
विदेश – विदेशी
शरीर – शारीरिक
समय – सामयिक
स्वदेश – स्वदेशी
समाज – सामाजिक
हृदय – हार्दिक
पाप – पापी
नगर – नागरिक

चार्ट नं० 6
विपरीतार्थक या विलोम शब्द

शब्द – विपरीतार्थक
अर्थ – अनर्थ
अन्त – आरम्भ
अपना – पराया
अच्छा – बुरा
अधिक – कम
पूर्ण – अपूर्ण
अनुकूल – प्रतिकूल
अमृत – विष
असाध्य – साध्य
आदर – अनादर
आदि – अन्त
आय – व्यय
आदान – प्रदान
आकाश – पाताल
आना – जाना
आस्तिक – नास्तिक
आज्ञा – अवज्ञा
आलसी – उद्यमी
आशा – निराशा
इच्छा – अनिच्छा
ईश – अनीश
उदार – कृपण
उदय – अस्त
उधार – नकद
उन्नति – अवनति
उत्तर – प्रश्न
उठना – बैठना
उपकार – अपकार
उत्थान – पतन
उतार – चढ़ाव
उचित – अनुचित
उपस्थित – अनुपस्थित
उपयोगी – अनुपयोगी
एक – अनेक
कठिन – सरल
काला – सफेद
कायर – वीर
कोमल – कठोर
क्रोध – शान्ति
क्रय – विक्रय
कुरूप – सुरूप
खुशबू – बदबू
खूबसूरत – बदसूरत
गर्म – ठण्डा
गर्मी – सर्दी
गीला – सूखा
घर – बाहर
चालाक – सीधा
चतुर – मूर्ख
चढ़ना – उतरना
हार – जीत
जय – पराजय
जागरण – सुप्त
जागना – सोना
दृश्य – अदृश्य
दूषित – शुद्ध
दयालु – निर्दयी
दुश्मन – दोस्त
दुःख – सुख
दूर – पास
धर्म – अधर्म
पवित्र – अपवित्र
अंधेरा – उजाला
पतित – पवित्र
भयभीत – निर्भय
मित्र – शत्रु
मृत्यु – जीवन
मरण – जन्म
मूक – वाचाल
मूर्ख – बुद्धिमान
मूल्य – अमूल्य
मूल्यवान् – अमोल
मान – अपमान
मीठा – कड़वा
योग्य – अयोग्य
रात – दिन
राजा – रंक
राग – विराग
लाभ – हानि
लाभकारी – हानिकारक
लोभ – निर्लोभ
विजय – पराजय
विपरीत – समान
विशाल – लघु
व्यवस्था – अव्यवस्था
शीतल – गर्म
शान्त – अशान्त
समर्थ – असमर्थ
सजीव – निर्जीव
सरल – कठिन
सफल – असफल
समान – असमान
सुपूत – कपूत
सन्तुलित – असन्तुलित
साधारण – असाधारण
साक्षर – निरक्षर
सुर – असुर
सुविधा – असुविधा
सुस्त – चुस्त
सुगन्धि – दुर्गन्ध
श्याम – शुक्ल
श्याम – श्वेत
सुन्दर – कुरूप
हिंसक – अहिंसक

PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

चार्ट नं० 7
पर्यायवाची या समानार्थक शब्द

अमृत – सोम, सुधा, पीयूष।
असुर – राक्षस, दैत्य, दानव, दनुज।
अग्नि – आग, अनल, पावक, दहन।
अन्धकार – अन्धेरा, तम, तिमिर।
आँख – नेत्र, चक्षु, नयन, लोचन।
आनन्द – हर्ष, खुशी, प्रसन्नता, मोद।
आकाश – नभ, अम्बर, आसमान, गगन।
इच्छा – अभिलाषा, कामना, लालसा।
ईश्वर – प्रभु, भगवान्, परमात्मा, जगदीश।
कपड़ा – वस्त्र, पट, वसन।
कमल – पंकज, सरोज, अरविन्द।
किनारा – तट, कूल, कगार, तीर।
गो – गाय, सुरभि, धेनु।
घर – गृह, सदन, भवन।
घोड़ा – अश्व, बाजी, घोटक, तुरंग।
चन्द्रमा – चाँद, इन्द, राकेश, शशि, चन्द्र।
जल – वारि, पानी, नीर, पय।
तलवार – खड्ग, कृपाण, असि।
तीर – बाण, शर, सायक।
दिन – दिवस, वार, अहन।
देवता – सुर, देव, अमर।
नदी – सरिता, तरंगिणी, नद, तटिनी।
नमस्कार – प्रणाम, नमस्ते, अभिवादन।
पृथ्वी – ज़मीन, धरती, भूमि।
पुत्र – बेटा, सुत, तनय।
पर्वत – गिरि, पहाड़, अचल, शैल।
पक्षी – खग, नभचर, विहग।
बादल – मेघ, घन, जलद, नीरद।
बिजली – विद्युत्, तड़ित, दामिनी।
फूल – सुमन, कुसुम, पुष्प।
माता – जननी, माँ, मैया।
राजा – नृप, नरेश, भूपति, भूप।
वायु – हवा, मारुत, पवन, अनिल।
रात – रात्रि, निशा, रजनी।
संसार – जग, जगत, दुनिया।
सूर्य – रवि, भानु, सूरज, दिनकर।
सरोवर – तालाब, तड़ाग, सर।
समुद्र – सिन्धु, सागर, उद्धि, जलधि।
शत्रु – वैरी, रिपु, अरि, दुश्मन।
डाली – शाखा, लता, टहनी।

चार्ट नं० 8
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

जो पढ़ा लिखा न हो – अशिक्षित, अनपढ़
जिसका आदि न हो – अनादि
जिसमें धैर्य न हो – अधीर
जो कुछ भी न जानता हो – अज्ञ
जो गिना न जा सके – अगणित, अगण्य
जहां कोई न जा सके – अगम्य, अगम
जहां अनाथ रहते हों – अनाथालय
जिसका कोई शत्रु पैदा न हुआ हो – अजातशत्रु
जो परीक्षा में पास न हो – अनुत्तीर्ण
जो थोड़ा जानता हो – अल्पज्ञ
जो बिना वेतन के काम करे – अवैतनिक
जिसका अन्त न हो – अनन्त
जो कभी बूढ़ा न हो – अजर
जो कभी न मरे – अमर
जिसे भेदा न जा सके – अभेध
जिसको कोई जीत न सके – अजेय
जिस पर विश्वास न किया जा सके। – अविश्वसनीय
जिसका कोई इलाज न हो सके – असाध्य
जिसका कोई मूल्य न हो – अमूल्य
जिसका कोई पार न हो – अपार
जो ईश्वर को मानता हो – आस्तिक
आलोचना करने वाला – आलोचक
अत्याचार करने वाला – अत्याचारी
जिसकी तुलना न हो – अतुलनीय
अन्याय करने वाला – अन्यायी
गाँव में रहने वाला – ग्रामीण
शहर में रहने वाला – शहरी
जिसका आकार न हो – निराकार
जिसका आकार हो – साकार
जिसमें बल न हो – निर्बल
दूसरों पर दया करने वाला – दयालु
दूसरों का उपकार करने वाला – परोपकारी
सदा सच बोलने वाला – सत्यवादी
साथ-साथ पढ़ने वाला – सहपाठी
साथ-साथ चलने वाला – सहचर
किए हुए उपकार को मानने वाला – कृतज्ञ
किए हुए उपकार को न मानने वाला – कृतघ्न
ईश्वर को न मानने वाला – नास्तिक
जो सब कुछ जानता हो – सर्वज्ञ
जो बहुत कम जानता हो – अल्पज्ञ
जो दिखाई न दे – अदृश्य

PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

जो पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन करता हो – सम्पादक
जहाँ पोस्ट कार्ड लिफाफे आदि मिलते हैं – डाकघर
जो पाठशाला में पढ़ाए – अध्यापक
जो नई-नई बातों की खोज करे – शोधकर्ता
खेती सम्बन्धी पढ़ाई – कृषि शिक्षा
रेलगाड़ियों के रुकने का स्थान – रेलवे-स्टेशन
घोड़ों के बाँधने का स्थान – अस्तबल
जिस लिपि द्वारा अंधे पढ़ते-लिखते हैं – ब्रेल-लिपि
संगीत को जानने वाला – संगीतज्ञ
जहाँ बीमारों का इलाज होता है – अस्पताल
जिसका कोई पार न हो – अपार
जहाँ प्रयोग किए जाते हैं – प्रयोगशाला
जिसको दिखाई न देता हो – अन्धा
जहाँ पत्र-पत्रिकाएँ तथा पुस्तकें पढ़ने को मिलें – पुस्तकालय
जिसमें दया न हो – निर्दय
नीचे लिखा हुआ – निम्नलिखित
जहाँ विद्यार्थी पढ़ते हैं – विद्यालय
समाचार इकट्ठा करने वाला – संवाददाता
हाथी हाँकने वाला – महावत
टाइप पर प्राप्त समाचार – फैक्स
रिपोर्ट तैयार करने वाला – रिपोर्टर
हिंसा करने वाला – हिंसक
पहाड़ के आसपास का स्थान जहाँ नमी हो – तलहटी
सम्पादक की ओर से – सम्पादकीय
लम्बी आयु वाला – दीर्घायु
जिसकी आत्मा महान हो – महात्मा
दूर की बात सोचने वाला – दूरदर्शी
तेज़ गति से चलने वाला – तीव्रगामी
संदेश ले जाने वाला – संदेशवाहक
साथ पढ़ने वाला – सहपाठी

Leave a Comment