PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 18 सारणीयन द्वारा आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण-सारणीकरण

Punjab State Board PSEB 11th Class Economics Book Solutions Chapter 18 सारणीयन द्वारा आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण-सारणीकरण Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Economics Chapter 18 सारणीयन द्वारा आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण-सारणीकरण

PSEB 11th Class Economics सारणीयन द्वारा आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण-सारणीकरण Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
सारणीयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सारणीयन द्वारा एकत्रित सामग्री को सरल, संक्षिप्त व बोधगम्य बनाया जाता है। सांख्यिकीय आंकड़ों को सारणी के रूप में प्रस्तुत करने की क्रिया को सारणीयन कहते हैं।

प्रश्न 2.
आंकड़ों के प्रस्तुतीकरण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
आंकड़ों के प्रस्तुतीकरण से यह अभिप्राय है कि आंकड़ों को स्पष्ट तथा व्यवस्थित रूप से इस प्रकार आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया जाए कि उन्हें सभी व्यक्ति सरलतापूर्वक समझ सकें और उनसे उचित परिणाम निकाले जा सकें।

प्रश्न 3.
सारणीयन का एक लाभ लिखिए।
उत्तर-
इसकी सहायता से सांख्यिकीय सामग्री को इस प्रकार से प्रस्तुत किया जाता है कि इसे समझने में सरलता होती है तथा सांख्यिकीय प्रयोग के लिए ठीक हो जाती है।

प्रश्न 4.
एकत्रित किए आंकड़ों को कॉलम तथा पंक्तियों में प्रदर्शन करने को ……………. कहते हैं।
उत्तर-
सारणीयन।

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प्रश्न 5.
आंकड़ों को चित्रों द्वारा प्रदर्शित करने को सारणीयन कहा जाता है।
उत्तर-
ग़लत।

प्रश्न 6.
आंकड़ों को कॉलम तथा पंक्तियों में प्रदर्शित करने को …………. कहते हैं।
(a) वर्गीकरण
(b) सारणीयन
(c) चित्रण
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) सारणीयन।

प्रश्न 7.
सारणी (Table) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
आंकड़ों को कॉलम तथा पंक्तियों में प्रदर्शन करने को सारणी कहते हैं।

प्रश्न 8.
पंक्ति शीर्षक (Stub) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
पंक्तियों के शीर्षक को पंक्ति शीर्षक (Stub) कहा जाता है।

प्रश्न 9.
उप शीर्षक (Caption) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
सारणी के कॉलमों के शीर्षक को उप-शीर्षक कहा जाता है।

प्रश्न 10.
सारणी में क्षेत्र (Body) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
क्षेत्र में आंकड़ों सम्बन्धी सारणी में दी गई समूची सूचना को दिखाया जाता है।

प्रश्न 11.
सारणी में स्रोत से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
सारणी के अन्त में द्वितीय आंकड़ों को प्राप्त करने के स्रोत अथवा आंकड़े कहां से प्राप्त किये गए हैं इसको प्रकट करने को स्रोत कहते हैं।

प्रश्न 12.
सारणी की मुख्य तीन किस्में बताएँ।
उत्तर-

  • उद्देश्य अनुसार सारणी
  • मौलिकता अनुसार सारणी
  • बनावट अनुसार सारणी।

प्रश्न 13.
जो सारणी एक से अधिक गुणों को प्रकट करती है उसको …………… कहा जाता है।
उत्तर-
जटिल सारणी।

प्रश्न 14.
सारणी तथा ग्राफ में कोई अन्तर नहीं होता।
उत्तर-
ग़लत।

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II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
सारणीयन से क्या अभिप्राय है ? .
उत्तर-
सारणीयन का अर्थ (Meaning of Tabulation)-सारणीयन आंकड़ों को पेश करने की वह विधि होती है, जिसमें तथ्यों सम्बन्धी एकत्रित किए आंकड़ों को विभिन्न कालमों (Columns) अथवा कतारों (Rows) में प्रस्तुत किया जाता है। एकत्रित किए आंकड़ों को पेश करने के लिए सारणियों का निर्माण महत्त्वपूर्ण होता है, क्योंकि इससे आंकड़े सरल तथा सापेक्ष रूप धारण कर लेते हैं। इसलिए एकत्रित किए आंकड़ों को उनकी संख्याओं अनुसार कालमों तथा पंक्तियों में पेश करने की विधि को सारणी अथवा सूची कहा जाता है। इसको स्पष्ट करते हुए प्रो० एम० एम० ब्लेयर ने कहा है, “सारणीयन, विशाल अर्थों में कालमों तथा पंक्तियों के रूप में आंकड़ों को क्रमबद्ध करने से होता है।”

प्रश्न 2.
सारणीयन के कोई दो गुण बताएं।
उत्तर-

  1. जटिल आंकड़ों को सरल बनाना-सूचीकरण का मुख्य उद्देश्य एकत्रित किए जटिल आंकड़ों को सरल रूप प्रदान करना होता है। जब हम आंकड़ों को खानों तथा पंक्तियों में स्पष्ट करते हैं तो आंकड़े सरल हो जाते हैं।
  2. समझने में आसानी-आंकड़ों को जब सूची द्वारा स्पष्ट किया जाता है तो साधारण मनुष्य भी इनको समझने में आसानी महसूस करते हैं।

III. लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
वर्गीकरण तथा सारणीयन में दो आधारों पर अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर-
वर्गीकरण या सारणीयन में अन्तर (Difference between Classification and Tabulation)वर्गीकरण तथा सारणीयन दोनों ही सांख्यिकीय अनुसंधान कार्य के लिए महत्त्वपूर्ण क्रियाएं हैं, जिनके द्वारा संग्रहित समंकों को संक्षिप्त बनाने और उन्हें व्यवस्थित तथा क्रमबद्ध करने में सहायता मिलती है। फिर भी दोनों में अन्तर है।

  1. क्रम-दोनों का क्रम (Sequence) भिन्न है। पहले समंकों को वर्गीकृत किया जाता है। उसके पश्चात् ही उन्हें सारणियों में प्रस्तुत किया जाता है। अतः वर्गीकरण सारणीयन का आधार है।
  2. समानता व असमानता-वर्गीकरण में समंकों को समानता व असमानता के आधार पर अलग-अलग वर्गों में विभाजित किया जाता है जबकि सारणीयन में उन वर्गीकृत समंकों को खानों व पंक्तियों में बद्ध करके प्रस्तुत करते हैं। इस प्रकार सारणीयन वर्गीकरण की यन्त्रात्मक प्रक्रिया (Mechanical function of Classification) है।
  3. विधि-वर्गीकरण सांख्यिकीय विश्लेषण की विधि है जबकि सारणीयन समंकों के प्रस्तुतीकरण की रीति है।

प्रश्न 2.
हिन्दू कॉलेज अमृतसर के विद्यार्थियों की आयु तथा लिंग अनुसार संख्या प्रदर्शित करने हेतु एक कोरी सारणी बनाइए।
उत्तर-
शीर्षक-हिन्दू कॉलेज अमृतसर के विद्यार्थियों की आयु व लिंगानुसार संख्या –
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प्रश्न 3.
एक उत्तम सारणी के आवश्यक लक्षण लिखें।
उत्तर-
एक अच्छी सारणी में कुछ आवश्यक विशेषताएं होनी चाहिएं जिनमें मुख्य निम्नलिखित हैं –

  1. सारणी संक्षिप्त और सूगढ़ होनी चाहिए जिससे आवश्यक और वांच्छनीय जानकारी सरलता से प्राप्त हो सके।
  2. सारणी स्पष्ट और शुद्धता से पूर्ण होनी चाहिए। यह देखने में सुन्दर और आकर्षक होनी चाहिए।
  3. सारणी अनुसंधान के उद्देश्य के अनुकूल होनी चाहिए।
  4. सारणी सुनियोजित तथा वैज्ञानिक ढंग से निर्मित की जानी चाहिए।
  5. सारणी में तथ्यों की व्यवस्था इस प्रकार की जानी चाहिए जिससे कि उनमें तुलना सरलता से की जा सके।
  6. सारणी में अनावश्यक वर्गीकरण नहीं किया जाना चाहिए।
  7. सारणी स्वयं परिचायक (Self-explanatory) होनी चाहिए जिसमें कि उचित शीर्षक, खानों व पंक्तियों के शीर्षक, मदों के योग तथा टिप्पणियां आदि स्पष्ट रूप में व्यक्त होनी चाहिए।

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प्रश्न 4.
भारत की जनसंख्या की आयु के चार वर्ष वर्गों 0 – 5, 5 – 25, 25 – 50 तथा 50 से अधिक, में प्रस्तुत करने के लिए सारणी का खाका बनाएं।
उत्तर-
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प्रश्न 5.
निम्नलिखित आधारों पर वितरित डी० ए० वी० कॉलेज जालन्धर के 2009-10 वर्ष के विद्यार्थियों को प्रदर्शित करने के लिए एक कोरी सारणी की रचना करें।
(i) लिंग-पुरुष, स्त्री
(ii) विषय-विज्ञान, कला, वाणिज्य
उत्तर-
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IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
सारणीयन से क्या अभिप्राय होता है ? सारणीयन के मुख्य उद्देश्य अथवा महत्त्व अथवा गुण बताओ। (What is meant by Tabulation ? Explain the objectives or Importance or Merits of Tabulation.)
उत्तर-
सारणीयन का अर्थ (Meaning of Tabulation)-सारणीयन आंकड़ों को पेश करने की वह विधि होती है, जिसमें तथ्यों सम्बन्धी एकत्रित किए आंकड़ों को विभिन्न कालमों (Columns) अथवा कतारों (Rows) में प्रस्तुत किया जाता है। एकत्रित किए आंकड़ों को पेश करने के लिए सारणियों का निर्माण महत्त्वपूर्ण होता है, क्योंकि इससे आंकड़े सरल तथा सापेक्ष रूप धारण कर लेते हैं। इसलिए एकत्रित किए आंकड़ों को उनकी संख्याओं अनुसार कालमों तथा पंक्तियों में पेश करने की विधि को सारणी अथवा सूची कहा जाता है। इसको स्पष्ट करते हुए प्रो० एम० एम० ब्लेयर ने कहा है, “सारणीयन, विशाल अर्थों में कालमों तथा पंक्तियों के रूप में आंकड़ों को क्रमबद्ध करने से होता है।” (“Tabulation in its broadest sense is an orderly arrangement of data in Columns and rows.” – M. M. Blair)

प्रो० फर्गुसन अनुसार, “सूचीकरण वह क्रिया है, जिस द्वारा कम-से-कम परिश्रम करके अधिक-से-अधिक सूचना प्रदान की जा सकती है।” (“Tabulation is a process to enable the reader to grasp with minimum efforts the maximum information.” – Ferguson) इन परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि सांख्यिकी आंकड़ों को सारणी के रूप में पेश करने की क्रिया को सारणीयन कहा जाता है। एक अनुसूची (Table) आंकड़ों को कालमों तथा पंक्तियों में प्रदर्शित किया होता है।

सारणीयन का उद्देश्य, महत्त्व अथवा गुण (Objectives, Importance or Merits of Tabulation) –
सारणीयन बिखरे हुए आंकड़ों को वैज्ञानिक रूप देने की विधि होती है, जिससे बहुत-से उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है। इसलिए सारणीयन को महत्त्वपूर्ण विधि माना जाता है। इस विधि के मुख्य लाभ निम्नलिखित अनुसार हैं-

  1. जटिल आंकड़ों को सरल बनाना (Make simple to Complicated Data)-सूचीकरण का मुख्य उद्देश्य एकत्रित किए जटिल आंकड़ों को सरल रूप प्रदान करना होता है। जब हम आंकड़ों को खानों तथा पंक्तियों में स्पष्ट करते हैं तो आंकड़े सरल हो जाते हैं।
  2. समझने में आसानी (Easy to Understand)-आंकड़ों को जब सूची द्वारा स्पष्ट किया जाता है तो साधारण मनुष्य भी इनको समझने में आसानी महसूस करते हैं।
  3. किफायती (Economical) सारणीयन की सहायता से समय तथा परिश्रम की बचत होती है।
  4. तुलना में सहायक (Helpful in Comparison)-सूचीकरण द्वारा आंकड़ों को विभिन्न वर्गों में पेश किया जाता है। इसलिए विभिन्न वर्गों की तुलना करनी आसान हो जाती है।
  5. व्याख्या में सहायक (Helpful in Interpretation)-जब हम आंकड़ों को सारणियों के रूप में स्पष्ट करते हैं तो इस द्वारा आंकड़ों की व्याख्या करनी आसान हो जाती है अर्थात् सारणी को देखकर विभिन्न वर्गों की जानकारी कम समय में ही प्राप्त की जा सकती है।
  6. विश्लेषण में सहायक (Helpful in Analysis)-सारणीयन द्वारा आंकड़ों का विश्लेषण भी आसानी से किया जा सकता है। इस उद्देश्य के लिए विभिन्न सांख्यिकी विधियां मध्यमान, मध्यिका, बहुलक, अपकिरण इत्यादि का प्रयोग आसानी से हो सकता है।

प्रश्न 2.
सारणी की किस्मों को स्पष्ट कीजिए। उद्देश्यानुसार और मौलिकतानुसार सारणी को स्पष्ट करें। (Explain the types of Tabulation. How is Tabulation done on the basis of purpose and originality ?)
उत्तर-
सारणी की किस्में निम्नलिखित अनुसार स्पष्ट की जा सकती है-
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ऊपर दिए चित्र अनुसार सारणी की किस्मों को निम्नलिखित अनुसार स्पष्ट किया जा सकता है-
1. उद्देश्य अनुसार (On the Basis of Purpose)-सारणी बनाने के उद्देश्य को ध्यान में रखकर इसको दो किस्मों में विभाजित किया जा सकता है

  • साधारण उद्देश्य वाली सारणी (General Purpose Table)-साधारण उद्देश्य वाली सारणी वह सारणी होती है जोकि साधारण उद्देश्य की पूर्ति के लिए बनाई जाती है। इसमें मुख्य तौर पर आंकड़ों को प्रस्तुत किया जाता है तथा आवश्यकता पड़ने पर इन आंकड़ों का प्रयोग किया जा सकता है। ऐसी सारणी को संदर्भ सारणी भी कहा जाता
  • विशेष उद्देश्य के लिए सारणी (Special Purpose Table)-विशेष उद्देश्य वाली सारणी किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए बनाई जाती है, जैसे कि किसी देश को विकसित अथवा अल्प विकसित सिद्ध करना हो तो विभिन्न देशों की प्रति व्यक्ति आय के आंकड़ों की तुलना की जाती है। ऐसी सारणी संक्षेप होती है, जिस कारण इसको सार सारणी (Summary Table) भी कहा जाता है।

2. मौलिकतानुसार (On the basis of Originality)-मौलिकता के आधार पर जो सारणियां बनाई जाती हैं, वह दो प्रकार की होती है-

  • मौलिक सारणियां (Original Tables)-मौलिक सारणियां वे सारणियां होती हैं, जिसमें आंकड़ों को जिस
    रूप में एकत्रित किया जाता है, उनको मूल रूप में ही पेश किया जाता है।
  • हासिल की सारणी (Derivative Table)-हासिल की सारणी वह सारणी होती है, जिसमें आंकड़े उसी रूप में पेश नहीं किए जाते हैं, जिस रूप में एकत्रित किए जाते हैं, बल्कि इन आंकड़ों को प्रतिशत अथवा अनुपात के रूप में दिखाया जाता है अर्थात् मौलिक सारणी में से ही नई सारणी निकालकर पेश की जाती है तो इस सारणी को हासिल की सारणी कहते हैं।

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प्रश्न 3.
बनावट अनुसार सारणी के निर्माण को स्पष्ट करें। (Explain the tabulation on the basis of Construction.)
उत्तर-
बनावट अनुसार (On the basis of Construction)–बनावट के अनुसार सारणी को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।
(a) सरल सारणी (Simple Table)-सरल सारणी वह सारणी होती है जोकि आंकड़ों के एक गुण अथवा विशेषता के आधार पर बनाई जाती है। यह गुण आयु, लिंग, कार्य की किस्म इत्यादि के रूप में प्रकट किया जा सकता है जैसे कि सरकारी कॉलेज में विभिन्न विषयों को पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सारणी को सरल सारणी कह सकते हैं।
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(b) जटिल प्रणाली (Complex Table)-एक सारणी में जब आंकड़ों को एक विशेषता से अधिक विशेषताओं अथवा गुणों के आधार पर प्रकट किया जाता है, तो ऐसी सारणी को जटिल सारणी कहा जाता है। जटिल सारणी तीन प्रकार की हो सकती है :
(i) द्विगुण सारणी (Two way Table)-एक सारणी में जब आंकड़ों की दो विशेषताओं को दिखाया जाता है तो इसको दो गुणों वाली सारणी कहा जाता है। उदाहरणस्वरूप एक सरकारी कॉलेज में लड़के तथा लड़कियों की संख्या अनुसार पढ़ने वाले कुल विद्यार्थियों की सारणी को दो गुणों वाली सारणी कहा जाता है।
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(ii) त्रिगुण सारणी (Three way Table)-एक सारणी में जब तीन गुणों अथवा विशेषताओं के आधार पर आंकड़ों को पेश किया जाता है तो ऐसी सारणी को तीन गुणों वाली सारणी कहते हैं। उदाहरणस्वरूप सरकारी कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में लड़के तथा लड़कियों की संख्या शहरी तथा ग्रामीण विद्यार्थियों की संख्या को दिखाया जाए तो इसको त्रिगुण सारणी कहा जाता है।
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(iii) बहुगुणों वाली सामग्री-जब आंकड़ों को तीन से अधिक विशेषताओं अथवा गुणों के आधार पर विभाजित किया जाता है तो ऐसी सारणी को बहुगुणों वाली सारणी कहते हैं। उदाहरणस्वरूप सरकारी कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या को लिंग, फैकलटी, निवास तथा होस्टल में रहने वाले तथा घरों से रोज़ाना पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या अनुसार सारणी को बहुगुणी सारणी कहा जाता है।
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