PSEB 11th Class Agriculture Solutions Chapter 11 कुछ नए कृषि विषय

Punjab State Board PSEB 11th Class Agriculture Book Solutions Chapter 11 कुछ नए कृषि विषय Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Agriculture Chapter 11 कुछ नए कृषि विषय

PSEB 11th Class Agriculture Guide कुछ नए कृषि विषय Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दो-

प्रश्न 1.
जी० एम० का पूरा नाम लिखो।
उत्तर-
जनैटिकली मोडीफाइड फसलें।

प्रश्न 2.
बी०टी० का पूरा नाम लिखो।
उत्तर-
बैसिलस थुरिजैनिसस।

प्रश्न 3.
बी० टी० कपास में कौन-सा कीटनाशक पदार्थ पैदा होता है ?
उत्तर-
रवेदार प्रोटीन पैदा होता है जिसको खाकर सूंडी मर जाती है।

प्रश्न 4.
पी० पी० वी० और एफ० आर० का पूरा नाम लिखो।
उत्तर-
पौध किस्म और किसान अधिकार सुरक्षा एक्ट (Protection of Plant Variety and Farmers Rights)।

प्रश्न 5.
पौध प्रकार एवं किसान अधिकार सुरक्षा अधिनियम किस वर्ष पास किया गया ?
उत्तर-
वर्ष 2001 में।

प्रश्न 6.
खेत को समतल करने वाली नवीनतम मशीनों का नाम लिखें।
उत्तर-
लेजर कराहा।

प्रश्न 7.
धान में पानी की बचत करने वाले यंत्र का नाम लिखें।
उत्तर-
टैंशीओमीटर।

प्रश्न 8.
गत एक शताब्दी में धरती की सतह के तापमान में कितनी वृद्धि हो चुकी है ?
उत्तर-
0.5 डिग्री सैंटीग्रेड।

प्रश्न 9.
प्रमुख ग्रीन हाऊस गैसों के नाम लिखो।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरो कार्बन, मीथेन आदि।

प्रश्न 10.
सी० एफ० सी० का पूरा नाम लिखें।
उत्तर-
क्लोरो-फ्लोरो कार्बन (Chlorofloro Carbon)।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दो-

प्रश्न 1.
जी० एम० फसल की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
जी० एम० फसल का अर्थ है ऐसी फ़सलें जिनमें किसी ओर फ़सल या जीवजंतु का जीन डाल कर सुधार किया गया हो। जी० जैम० का पूरा नाम है जनेटिकली मोडीफाइड फ़सलें।

प्रश्न 2.
बी०टी०-1 और बी० टी०-2 प्रकार में क्या अंतर है ?
उत्तर-
बी० टी०-1 और बी० टी०-2 से अर्थ है बालगार्ड-1 और बालगार्ड-2 किस्में, ये कपास की किस्में हैं। बी० टी०-1 में सिर्फ एक बी० टी० जीन डाला गया है जबकि बी० टी०-2 में दो बी० टी० जीन डाले गए हैं। बी० टी०-1 सिर्फ़ अमरीकन सूंडी का मुकाबला कर सकती थी जबकि बी० टी०-2 अमरीकन सूंडी के अलावा अन्य इंडियों का भी मुकाबला कर सकती है।

प्रश्न 3.
बी० टी० कपास की टिंडे की सुंडियां हानि क्यों नहीं पहुंचाती ?
उत्तर-
बी० टी० कपास में वैसिलस थरिजैनिसस नाम के बैक्टीरिया के जीन डाले जाते हैं। यह जीन कपास के पौधे में रवेदार प्रोटीन पैदा करता है। यह प्रोटीन टिंडे की सुंडियों के लिए विषैला होता है, इसे खाकर सुंडियां मर जाती हैं तथा कपास को हानि नहीं पहुंचातीं।

प्रश्न 4.
बारीकी की कृषि से क्या अभिप्राय है? इसके क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
बारीकी की कृषि से भाव है प्राकृतिक स्रोतों का उचित प्रयोग करना तथा कृषि में प्रयोग होने वाली वस्तुओं जैसे कीटनाशक, खादें, नदीननाशक आदि का भी उचित प्रयोग करना। खेत को एक जैसा न समझ कर उपरोक्त वस्तुओं की कुछ स्थानों पर अधिक तथा कुछ स्थानों पर कम प्रयोग की आवश्यकता होती है। इस प्रकार एक ही खेत में भिन्नभिन्न स्थानों पर आवश्यकता अनुसार कीड़े-मकौड़े तथा रोगों से प्रभावित भाग में स्प्रे, खादों का प्रयोग करके वातावरण भी दूषित नहीं होता तथा पैदावार भी बढ़ती है तथा दवाइयां, खादों पर अनावश्यक खर्चा भी नहीं होता।

प्रश्न 5.
पानी की बचत करने के लिए क्या पद्धति अपनाओगे ?
उत्तर-
लेज़र कराहे का प्रयोग करके खेत को समतल किया जाए तो पानी की काफ़ी बचत की जा सकती है। इस प्रकार धान की फसल में टैंशीयोमीटर का प्रयोग करके भी पानी की बचत की जा सकती है।

प्रश्न 6.
मौसमी (ऋतु) परिवर्तन का गेहूँ की कृषि पर क्या प्रभाव हो सकता है ?
उत्तर-
मौसमी (ऋतु) परिवर्तन के कारण फरवरी-मार्च में तापमान में वृद्धि होने के कारण पैदावार पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

प्रश्न 7.
ग्रीन हाऊस के भीतर तापमान में क्यों वृद्धि होती है ?
उत्तर-
शीशे या प्लास्टिक के बने घरों में जिनके अन्दर पौधे उगाए जाते हैं ; इनको हरे घर कहा जाता है। शीशे या प्लास्टिक में सूर्य की किरणें अन्दर प्रवेश कर सकती हैं परन्तु अन्दर से इनफ्रारेड किरणें बाहर नहीं निकल सकी। इस प्रकार शीशे या प्लास्टिक के घर के अन्दर गर्मी बढ़ जाती है तथा तापमान बढ़ जाता है।

प्रश्न 8.
ग्रीन हाऊस गैसों के नाम लिखो।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 9.
बी० टी० किस्मों ने पंजाब में कपास उत्पादन को किस प्रकार प्रभावित किया है ?
उत्तर-
बी० टी० किस्मों को पंजाब में वर्ष 2006 से बोना शुरू किया गया। इस फ़सल से पहले पंजाब में नरमे की फसल लगभग तबाह हो गई थी। अमरीकन सूंडी के हमले के कारण नरमे की पैदावार सिर्फ 2-3 क्विटल रुई प्रति एकड़ रह गई थी परन्तु बी० टी० नरमा बोने के बाद पैदावार 5 क्विटल रुई प्रति एकड़ से भी बढ़ गया है। कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग भी कम हो गया है जिस कारण वातावरण भी प्रदूषित नहीं होता तथा किसानों का अधिक खर्चा भी नहीं होता है।

प्रश्न 10.
सूक्ष्म कृषि में कौन सी उच्च तकनीकें प्रयोग में लाई जाती हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्म कृषि में कई उच्च तकनीकों का प्रयोग किया जाता है ; जैसे-सैंसर्स, जी० पी० एस० अन्तरिक्ष तकनीक आदि।

(ग) पांच-छ: वाक्यों में उत्तर दो-

प्रश्न 1.
पंजाब में कौन-सी जी० एम० फसल बोई जाती है और इसके क्या लाभ
उत्तर-
पंजाब में जी० एम० फसलों में नरमे की फसल बोई जाती है। इस को बी० टी० नरमा कहा जाता है। अब कई अन्य जी० एम० फसल ; जैसे बैंगन, मक्की, सोयाबीन तथा धान आदि भी तैयार कर लिया जाता है। बी० टी० फसलों में बैसीलस थुरैजीनिसेंस नामक बैक्टीरिया का जीन डाला जाता है। इस कारण फसल में रवेदार प्रोटीन पैदा होता है जो कि सूंडियों के लिए ज़हर का काम करता है तथा सूंडिया इसको खा कर 3-4 दिन में मर जाती हैं। बी० टी० किस्में अमेरिकन सूंडी, गुलाबी सूंडी और तंबाकू की सूंडी का मुकाबला कर सकती है। पर कोई ओर सूंडी का नहीं। इसलिए बालगार्ड-1 किस्म जिसमें एक बी० टी० जीन था। इसकी जगह पर बालगार्ड-2 किस्म तैयार की गई है जिसमें बी० टी० जीन की दो किस्में हैं। ये किस्म अमेरिकन सूंडी और अन्य अन्य सूंडियों का मुकाबला कर सकती हैं। . बी० टी० नरमे को कृषि पंजाब में 2006 में शुरू की गई है। इस की कृषि से पहले नरमे की पैदावार 2-3 क्विटल रुई प्रति एकड़ रह गई थी। बी० टी० किस्म का प्रयोग करने के कारण कीटनाशक की ज़रूरत कम हो गई है जिसके साथ वातावरण शुद्ध रहता है।

प्रश्न 2.
जी० एम० फसलों से होने वाली संभावित संकट कौन-से हैं ?
उत्तर-
जी० एम० फसलों की जब से खोज हुई तब से ही बहुत सारी संस्थाओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। ये संस्थाएं वातावरण भलाई, सामाजिक, मनुष्य के स्वास्थ्य के साथ संबंधित संस्थाएं और कई वैज्ञानिक भी इसके विरोध में हैं। उनके अनुसार जी० एम० मनुष्य की स्वास्थ्य, वातावरण, फ़सलों की प्रजातियाँ और अन्य पौधों के लिए हानिकारक हैं और उन पर बुरा असर पड़ता है। कई देशों में इन फ़सलों की पैदावार पर रोक लगाई गई है। पर इनके बुरे असर का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

प्रश्न 3.
पौध प्रकार एवं किसान अधिकार सुरक्षा अधिनियम के मुख्य उद्देश्य क्या
उत्तर-
पौध प्रकार एवं किसान अधिकार सुरक्षा अधिनयम के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित-

  • प्लांट ब्रीडर द्वारा पैदा की गई नई पौध किस्म के ऊपर अधिकार स्थापित करना।
  • किसान का कई सालों से संभाली और सुधारी पौध किस्म पर उसका अधिकार स्थापित करना।
  • किसान को सुधरी किस्मों का अच्छा बीज और पौध सामग्री की प्राप्ति करवाना।

प्रश्न 4.
ग्रीन हाऊस गैसों का वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
ग्रीन हाऊस गैसों का वातावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। ग्रीन हाऊस गैसों के बढ़ने के कारण धरती की सतह का तापमान बढ़ रहा है, पिछले 100 सालों में इसके तापमान में 0.5°C की बढ़ोत्तरी हुई है और साल 2050 तक इसमें 3.2°C की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। इस तरह तापमान में वृद्धि के कारण आगे लिखे बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं। बाढ़, अकाल पढ़ना, ग्लेशियर पिघलना, जिसके साथ समुद्री पानी के स्तर का बढ़ना, मानसून वर्षा में उतार-चढ़ाव तथा अनिश्चितता का बढ़ना, समुद्री तूफ़ान और चक्रवात आदि में वृद्धि होना।

प्रश्न 5.
मौसमी (ऋतु) परिवर्तन के कृषि पर क्या प्रभाव पड़ सकते हैं ?
उत्तर-
मौसमी बदलाव के कारण खेतीबाड़ी में कई तरह के बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग के कारण धरती की सतह का तापमान बढ़ रहा है जिस कारण कई तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं।

  • तापमान में वृद्धि के कारण फसलों का जीवन काल, फसली चक्कर और फ़सलों की कृषि के समय पर प्रभाव पड़ सकता है।
  • तापमान और हवा में नमी के बढ़ने के कारण कई तरह की नई बीमारियाँ और नए कीड़े-मकौड़े फसलों की हानि कर सकते हैं।
  • गेहूँ की पैदावार को फरवरी-मार्च में तापमान में हुई वृद्धि कम कर सकती है।
  • मानसून की अनिश्चितता के कारण खेती पैदावार कम हो सकती है।
  • रात के तापमान में वृद्धि के कारण खेती पैदावार कम हो सकता है।
  • कई देशों में तापमान में वृद्धि के कारण फसल की पैदावार पर अच्छे-प्रभाव भी हो सकते हैं।

Agriculture Guide for Class 11 PSEB कुछ नए कृषि विषय Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जी० एम० फसलों को ओर क्या कहा जाता है ?
उत्तर-
ट्रांसजेनिक फसलें।

प्रश्न 2.
फसलों में अन्य किसी फसल या जीव के जीन को किस तकनीक के द्वारा डाला जाता है ?
उत्तर-
जैनेटिक इंजीनियरिंग तकनीक द्वारा।

प्रश्न 3.
बी० टी० का पूरा नाम बताओ।
उत्तर-
बैसिलस थुरिजैनिसस।

प्रश्न 4.
बी० टी० क्या है ?
उत्तर-
ज़मीन में मिलने वाला एक बैक्टीरिया।

प्रश्न 5.
बी० टी० नरमे (कपास) के अलावा और कौन-सी फसलें तैयार की गई हैं ?
उत्तर-
बैंगन, मक्की, सोयाबीन, धान आदि।

प्रश्न 6.
किस तकनीक का प्रयोग करने के बाद कौन-सी किस्म को रजिस्टर नहीं कर सकते ? …
उत्तर-
टर्मीनेटर,तकनीक वाली फसल को।

प्रश्न 7.
फसली किसम की रजिस्ट्रेशन कितने समय के लिए करवाई जा सकती है ?
उत्तर-
6 साल के लिए जिसको 15 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

प्रश्न 8.
फसल की किस्म को रजिस्टर कराने के लिए जानकारी प्राप्त करने के लिए वैबसाइट बताओ।
उत्तर-
www. plantauthority. gov.in

प्रश्न 9.
सूक्ष्म कृषि का सिद्धान्त कौन-से किसानों के लिए लागू होता है ?
उत्तर-
छोटे और बड़े किसानों दोनों के लिए।

प्रश्न 10.
विकसित देशों में कौन-से यंत्र की सहायता से सही मात्रा में खाद डाली जाती है ?
उत्तर-
नाइट्रोजन सैंसर यंत्र।

प्रश्न 11.
विकसित देशों में किस तकनीक की सहायता से खेतों को मापा जाता
उत्तर-
जी० पी० एस० तकनीक के साथ।

प्रश्न 12.
धान के खेत में लंबे समय तक पानी खड़ा रहने से कौन-सी गैस पैदा होती है ?
उत्तर-
मीथेन गैस।

प्रश्न 13.
नाइट्रोजन की खाद के अधिक प्रयोग के कारण कौन-सी ग्रीन हाऊस गैस पैदा होती है ?
उत्तर-
नाइट्रोजन ऑक्साइड।

प्रश्न 14.
रात के तापमान में वृद्धि के कारण फ़सलों की पैदावार पर क्या असर पड़ता है ?
उत्तर-
पैदावार कम हो सकती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बालगार्ड-2 की कौन-सी किस्में हैं ?
उत्तर-
एम० आर० सी० 7017, एम० आर० सी०-7031, आर० सी० एच०-650, एन० सी० एस०-855 आदि बालगार्ड-2 की किस्में हैं।

प्रश्न 2.
PPV तथा FR एक्ट के अनुसार कौन-सी फसलों को रजिस्टार करवाया जा सकता है ?
उत्तर-
इस एक्ट के अनुसार ज्वार, मक्की , बाजरा, गेहूं, धान, गन्ना, कपास, मटर, अरहर, मसर, हल्दी, चने आदि फ़सलों को रजिस्टर करवाया जा सकता है।

प्रश्न 3.
PPV तथा FR एक्ट के अनुसार कौन-सी फसलों की रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकती ?
उत्तर-
ऐसी कोई भी किस्म जो मनुष्य के स्वास्थ्य, वातावरण या पौधों के लिए हानिकारक हो। टर्मीनेटर तकनीक वाली किस्मों को भी रजिस्टर नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 4.
टर्मीनेटर तकनीक किस्मों द्वारा पैदा की गई किस्मों को रजिस्टर क्यों नहीं करवाया जा सकता ?
उत्तर-
टर्मीनेटर तकनीक के साथ तैयार की गई बीजों की फसल के बीज में उगने की शक्ति नहीं होती है।

प्रश्न 5.
PPV तथा FR एक्ट के उल्लंघन की सजा के बारे में बताओ।
उत्तर-
गलत जानकारी देना जैसे रजिस्ट्रर्ड किस्म का गलत नाम, देश का गलत नाम या प्रजनन करता का गलत नाम और पता देने से एक्ट का उल्लंघन होता है। इसकी सजा के तौर पर जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

प्रश्न 6.
सूक्ष्म कृषि का स्पष्ट संदेश क्या है ?
उत्तर-
सूक्ष्म कृषि का स्पष्ट संदेश यह है कि खेत के किसी भाग में क्या कमी है, इसको जाने बगैर केवल अधिक खादों का प्रयोग करके इन कमियों को पूरा नहीं किया जा सकता।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न-
ग्रीन हाऊस गैसों और ग्रीन हाऊस के सिद्धांत के बारे में बताओ। धरती के लिए इसका संबंध बताओ।
उत्तर-
ग्रीन हाऊस गैसें हैं-कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रस डाइऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरो कार्बन, मीथेन आदि।
शीशे या प्लास्टिक के बने घरों को जिनके अंदर पौधे उगाए जाते हैं, इनको हरे घर कहा जाता है। शीशे या प्लास्टिक में सूरज की किरणें अंदर तो आ जाती हैं पर अंदर से इनफ्रारेड किरणे बाहर नहीं निकल सकतीं, इस तरह शीशे या प्लास्टिक के घर में गर्मी बढ़ जाती है और तापमान अधिक हो जाता है।
ग्रीन हाऊस गैसों ने शीशे की तरह धरती को सभी तरफ से घेरा हुआ है और सूरज की गर्मी को धरती पर आने देती हैं पर धरती से बाहर नहीं जाने देती जिससे धरती का तापमान बढ़ जाता है जिसको ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। धरती का तापमान बढ़ने के कारण कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं, जैसे-बाढ़ों में वृद्धि, सूखा पड़ना, मानसून के समय में अंतर आना आदि।

कुछ नए कृषि विषय PSEB 11th Class Agriculture Notes

  • आदिकाल से ही मनुष्य कृषि का व्यवसाय करता आ रहा है।
  • नई तकनीकों का प्रयोग करके किसी ओर फ़सल या जीव जंतु का जीन किसी फ़सल में डाल कर इसको संशोधित जाता है।
  • जीन डाल कर संशोधित फ़सल को जी० एम० या ट्रांसजीनक फ़सलें कहा जाता है।
  • बी० टी० का अर्थ बैसिलस थुरिजैनिसस नाम के बैक्टीरिया से है।
  • बी० टी० नरमे (कपास) में एक रवेदार प्रोटीन पैदा होता है जिसको खाकर – सुंडियां मर जाती हैं।
  • बी० टी० नरमे (कपास) की बोलगार्ड-1 किस्म में सिर्फ एक बी० टी० जीन डाला गया था पर बोलगार्ड-2 में दो बी० टी० जीन डाले गए हैं।
  • बी० टी० नरमे की किस्म से पैदावार पाँच क्विंटल कपास प्रति एकड़ से भी ज्यादा मिलता है।
  • बी० टी० किस्मों के प्रयोग के कारण कीटनाशकों के प्रयोग पर भी रोक लगी
  • बैंगन, सोयाबीन, मक्की, चावल आदि की भी जी० एम० फ़सलें तैयार की जा चुकी हैं।
  • कई संस्थाएं जी० एम० फसलों को मनुष्यों के स्वास्थ्य, वातावरण, फ़सलों की । प्रजातियाँ तथा अन्य पौधों के लिए हानिकारक मानते है और इसका विरोध करते हैं।
  • किसानों के अधिकार और पौधे किस्मों के संबंध में 2001 में भारत सरकार ने पौध किस्म और किसान अधिकार सुरक्षा एक्ट पास किया।
  • फ़सली किस्मों की रजिस्ट्रेशन की सीमा शुरू में 6 वर्ष और बाद में अर्जी दे कर सीमा ज्यादा-से-ज्यादा 15 साल तक बढ़ायी जा सकती है।
  • वृक्ष और बेलदार वाली फ़सलों का समय पहले 9 साल तथा बढ़ा कर 18 साल तक हो सकता है।
  • रजिस्ट्रेशन की जानकारी वैबसाइट www. plantauthority. gov.in से प्राप्त हो सकती है।
  • विकसित देशों में सूक्ष्म कृषि के लिए सैंसरज, जी० पी० एस०, अंतरिक्ष ) तकनीकों आदि का प्रयोग किया जाता है।
  • विकसित देशों में नाइट्रोजन सैंसर यंत्रों के प्रयोग से खाद की सही मात्रा का प्रयोग किया जाता है।
  • लेज़र कराहा और टैंशीयोमीटर के प्रयोग से हम पानी की बचत कर सकते हैं।
  • कई विकसित देशों में जी० पी० एस० तकनीक के प्रयोग से खेतों को नापा जाता है।
  • जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले सौ सालों में ग्लोबल वार्मिंग हुई है और धरती की सतह पर तापमान 0.5°C बढ़ गया है।
  • ग्रीन हाऊस गैसें हैं-कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रसऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरो कार्बन, मिथेन आदि।

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