PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Physical Education Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

PSEB 10th Class Physical Education Guide एशियन और ओलिम्पिक खेलें Textbook Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ओलिम्पिक खेलों का नाम ओलिम्पिक क्यों पड़ा ?
(Why Olympic games are called Olympic?)
उत्तर-
प्राचीन ओलिम्पिक खेलें ओलिम्पिया नामक नगर से आरम्भ हुई थीं। इसलिए इन का नाम ओलिम्पिक खेलें पड़ा।

प्रश्न 2.
प्राचीन ओलिम्पिक खेलें कब आरम्भ हुईं ?
(When Ancient Olympic started ?)
उत्तर-
प्राचीन ओलिम्पिक खेलें 776 ई० पूर्व यूनान में आरम्भ हुईं।

प्रश्न 3.
ओलिम्पिक ध्वज में कितने रिंग होते हैं ?
(How many rings are there in Olympic Flag ?)
उत्तर-
पांच रिंग।

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

प्रश्न 4.
प्राचीन ओलिम्पिक खेलों के विजेता को क्या ईनाम मिलता था ?
(What prizes are given to the winners of Ancient Olympic ?)
उत्तर-
जीतने वाले को जीयस देवता के मन्दिर में ले जाकर जैतून वृक्ष की टहनियां और पत्ते भेंट किए जाते थे।

प्रश्न 5.
प्राचीन ओलिम्पिक खेलें के कोई दो नियम लिखो।
(Write any two rules of Ancient Olympic.)
उत्तर-

  1. इन खेलों में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ी यूनान के नागरिक होने चाहिएं।
  2. कोई भी व्यावसायिक (Professional) खिलाड़ी इन खेलों में भाग नहीं ले सकता था।

प्रश्न 6.
नवीन ओलिम्पिक खेलों किसने शुरू करवाईं ?
(Who was the founder of modern Olympic games ?)
उत्तर-
बैरन दि कुबर्टिन ने।

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

प्रश्न 7.
नवीन ओलिम्पिक खेलें कहां तथा कब आरम्भ हुई ?
(When and where modern Olympic were started ?)
उत्तर-
नवीन ओलिम्पिक खेलें 1896 ई० में ऐथेन में आरम्भ हुईं।

प्रश्न 8.
नवीन ओलिम्पिक खेलों के कोई दो नियम लिखें।
(Write any two Rules of modern Olympic games.)
उत्तर-

  1. इनमें भाग लेने वाले खिलाड़ी पर आयु, जाति, धर्म आदि का कोई प्रतिबन्ध नहीं होता।
  2. कोई भी व्यावसायिक खिलाड़ी (Professional player) ओलिम्पिक में भाग नहीं ले सकता।

प्रश्न 9.
एशियाई खेलें किस के प्रयल से आरम्भ हुई ?
(Who has originated Asian Games ?)
उत्तर-
महाराजा पटियाला श्री यादविन्दर सिंह और श्री जी० डी० सोंधी के प्रयत्नों से यह खेलें आरम्भ हुईं।

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

प्रश्न 10.
एशियाई खेलें कब और कहां शुरू हुई ?
(When and where Asian games were started ?)
उत्तर-
पहली एशियाई खेलें 1951 में नई दिल्ली के नैशनल स्टेडियम में हुईं।

प्रश्न 11.
ओलिम्पिक खेलें कितने वर्षों के बाद होती हैं ?
(After how many years olympic games were held ?).
उत्तर-
चार वर्ष के बाद।

प्रश्न 12.
पांचवीं एशियाई खेलें कहां हुई ?
(Where were the fifth Asian games were held ?)
उत्तर-
1966 में जकार्ता (इण्डोनेशिया) में।

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

प्रश्न 13.
मिलखा सिंह ने कौन-से ओलिम्पिक में 400 मीटर दौड़ में चौथा स्थान प्राप्त किया ?
(In which Olympic Mr. Milkha Singh got 4th position in 400 meters race ?)
उत्तर-
1960 (Rome Olympic) खेलों में मिलखा सिंह ने 400 मीटर दौड़ में चौथा स्थान प्राप्त किया था।

प्रश्न 14.
भारत ने ओलिम्पिक में पहली बार कब भाग लिया ?
(In which year India participated in Olympic first time ?)
उत्तर-
1920 की ओलिम्पिक खेलों में भाग लिया।

प्रश्न 15.
2008 बीजिंग ओलम्पिक खेलों में किस भारतीय खिलाड़ी ने स्वर्ण पदक जीता ?
(Name the Indian player who won the gold medal in 2008 Beizing olympic games.)
उत्तर-
श्री अभिनव बिंदरा ने 2008 में बीजिंग ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता।

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ओलिम्पिक झण्डे के विषय में संक्षिप्त जानकारी दो।
(Give brief description about Olympic Flag.)
उत्तर-
ओलिम्पिक झण्डा 1919 ई० में एंटवर्प (Antwerp) में होने वाली ओलिम्पिक खेलों में फहराया गया। इस झण्डे की रचना क्यूबर्टिन ने की थी। इस झण्डे में पांच रंगोंलाल, हरे, पीले, नीले तथा काले से पांच चक्कर परस्पर जोड़ कर बनाए गए हैं। ये पांच चक्कर यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, अफ्रीका तथा अमेरिका पांच महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें 1
इन चक्रों का परस्पर जुड़ा होना इन पांच महाद्वीपों की मित्रता तथा सद्भावना का प्रतीक है।

प्रश्न 2.
एशियाई खेलें कब तथा क्यों शुरू हुईं ? इन खेलों को शुरू करने में भारत का क्या योगदान है ?
(When and where Asian games were started ? Write the contribution of India to start Asian games.)
उत्तर-
एशियाई खेलें (Asian Games)-14वीं ओलिम्पिक खेलों का 1948 ई० में लन्दन में आयोजन हुआ। उस समय श्री जी० डी० सोंधी ने यह विचार प्रस्तुत किया कि जब भारतीय या एशियाई खिलाड़ी यूरोपीय देशों में आयोजित खेलों के मुकाबलों में भाग लेने जाते हैं तो वे खेल का अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। इसलिए यदि एशियाई देशों के खिलाड़ी पहले आपस में मुकाबला कर लें तो एक तो उनमें मुकाबला करने की शक्ति बढ़ेगी और दूसरे खेल का स्तर उन्नत होगा। इस विचार को कार्यरूप देने के लिए उन्होंने 8 अगस्त, 1945 ई० को लन्दन के साऊंड पायल होटल में एशियाई देशों की एक सभा बुलाई। इस सभा में कोरिया, बर्मा (म्यनमार), चीन, श्रीलंका आदि देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इन सभी सदस्यों ने एशिया में खेल मुकाबले करवाने के सुझाव का समर्थन किया।

महाराजा पटियाला श्री यादविन्दर सिंह ने भी एशियाई खेलों के आरम्भ करने में विशेष महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने फरवरी, 1949 में दिल्ली में एशियाई खेलों के लिए एशियाई देशों की सभा बुलाई। इस सभा में भारत, अफ़गानिस्तान, श्रीलंका, बर्मा, पाकिस्तान, इण्डोनेशिया, नेपाल, फिलीपाइन तथा थाइलैंड आदि देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सभा में एशियाई एथलैटिक्स फैडरेशन को खेल फैडरेशन का नाम दिया गया था। इसके संविधान का निर्माण किया गया। एशियाई खेलों को हर चार वर्ष बाद आयोजित करने का निश्चय किया गया। पहली एशियाई खेलें 4 मार्च से 11 मार्च तक, 1951 में दिल्ली के नैशनल स्टेडियम में हुईं। फिर 1982 में नौवीं एशियाई खेलें दिल्ली में तथा 10वीं एशियाई खेलें सिओल में सम्पन्न हुईं।

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ओलिम्पिक खेलें कब और किन-किन देशों में हुईं ?
(When and where Olympic Games were organised ?)
उत्तर-
पहली ओलिम्पिक खेलों के स्थान एवं तिथियां
PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें 2
PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें 3
1906 के खेल, आधुनिक खेलों की 10वीं वर्षगांठ मनाए जाने हेतु खेले गये थे, मगर इनकी गिनती नहीं की गई क्योंकि ये खेल 1904-1908 के ओलिम्पियाड के प्रथम वर्ष में नहीं आयोजित किए गए थे।
यहां केवल घुड़-सवारी के खेल ही करवाए गए थे।

प्रश्न 2.
प्राचीन ओलिम्पिक खेलें कहां और कब आरम्भ हुईं ?
(When and where Ancient Olympic was organised?)
उत्तर-
इतिहास (History)-प्राचीन ओलिम्पिक खेलें 776 ई० पूर्व यूनान के ओलिम्पिया नामक नगर में आरम्भ हुईं। इन खेलों का आरम्भ करने का श्रेय इफिटस तथा कलाऊस्थैनीज़ को दिया जाता है। ये खेलें अगस्त तथा सितम्बर महीने की पूर्णिमा की रात को आरम्भ हुईं। प्रथम ओलिम्पिक खेलों के विजेता का नाम कोर्बस था। ये खेलें हर चार वर्ष के पश्चात् आयोजित की जाती थीं। 394 ई० पू० में रोमन सम्राट् थ्यूसिडियस के आदेश से ये खेलें बन्द हो गईं। ओलिम्पिक नगर एल्फिस नदी के तट पर बसा हुआ था। यह एलिस राज्य का पवित्र नगर था। 1100 ई० पू० में खेलों के लिए विशेष जगह बन गई जिनकी मन्दिर के समान पूजा होने लगी। ओलिम्पिक खेलों के शुरू होने पर सारे यूनान में लड़ाइयां बन्द हो जाती थीं। ओलिम्पिक नगर में कोई भी शस्त्रों के साथ प्रवेश नहीं कर सकता था।

खेलें (Sports)—प्राचीन ओलिम्पिक खेलों में पहले केवल की दौड़ की वृद्धि की गई। पन्द्रहवीं ओलिम्पिक खेलों में तीन मील की दौड़ की वृद्धि की गई। 18वीं ओलिम्पिक में पेंटाथलीन (Pantathlon) शुरू की गई। इसमें लम्बी छलांग, दो सौ गज़ की दौड़, नेज़ा फेंकना तथा कुश्तियां पांच खेलें रखी गईं। 25वीं ओलिम्पिक्स में रथ दौड (Chariot Race) तथा 30वीं ओलिम्पिक्स में मुक्केबाज़ी, पानी की खेलें, कुश्तियां तथा पैक्ट्रयम आदि खेलें सम्मिलित की गईं। ये खेलें तीन से पांच दिन तक चलती थीं। पहले स्त्रियां इन खेलों में भाग नहीं ले सकती थीं परन्तु बाद में स्त्रियों के लिए भी द्वार खोल दिए गए।

ईनाम (Rewards)—इन खेलों के विजेताओं को खूब सम्मानित किया जाता था। उन्हें जीयस देवता के मन्दिर में ले जाकर जैतून वृक्ष की टहनियां और पत्ते भेंट किए जाते थे। लोग उनकी विजय के गीत गाते थे। विजेताओं के नाम पर खेलों के नाम रखे जाते थे। विजेताओं के साथी बाजा बजाकर उनके घर छोड़ कर आते थे। विजेता खिलाड़ियों पर देश गर्व करता था। सभी यूनानी इन खेलों में विजय प्राप्त करने की हार्दिक कामना करते थे।

समाप्ति (End)—समय की गति के साथ ये खेलें लोकप्रिय होती गईं और अन्य देशों तथा राष्ट्रों ने भी भाग लेना आरम्भ कर दिया। रोमनों द्वारा यूनान की विजय के पश्चात् इन खेलों की लोकप्रियता को ठेस पहुंची। कई व्यावसायिक (Professional) खिलाड़ी इनमें भाग लेने लगे। इससे इन खेलों में कई बुराइयां घर कर गईं। रोमन सम्राट् थिओडसस के आदेश से 394 ई० पू० में ये खेलें बन्द कर दी गईं। 395 ई० पू० में जीयस देवता का बुत भी तोड़ दिया गया। ओलिम्पिक नगर की चहल-पहल समाप्त हो गई। रोमन सम्राट् थिओडसस द्वितीय ने स्टेडियम भी नष्ट करवा दिया। इस प्रकार कुछ समय तक ओलिम्पिक खेलों तथा ओलिम्पिया नगर के चिन्ह ही मिट गए।

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

प्रश्न 3.
प्राचीन ओलिम्पिक खेलों के क्या नियम थे और कौन-कौन सी खेलें करवाई जाती थी ?
(What were the main rules of the Ancient Olympic Games ? Which were the different games organised ?)
उत्तर-
प्राचीन ओलिम्पिक खेलों के नियम (Rules of Ancient Olympics)प्राचीन ओलिम्पिक खेलों में भाग लेने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करना परमावश्यक था—

  1. इन खेलों में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ी यूनान के नागरिक होने चाहिएं।
  2. खिलाड़ी के लिए खेलों में भाग लेने से पूर्व किसी की देख-रेख में 10 मास तक प्रशिक्षण पाना ज़रूरी था। उसे अन्तिम एक मास ओलिम्पिक में व्यतीत करना पड़ता था।
  3. कोई भी व्यावसायिक (Professional) खिलाड़ी इन खेलों में भाग नहीं ले सकता था।
  4. आरम्भ में औरतों को न तो खेलों में भाग लेने और न ही इन्हें देखने की आज्ञा थी।
  5. खिलाड़ियों को खेलों में ठीक ढंग से भाग लेने की शपथ लेनी पड़ती थी।
  6. खिलाड़ियों पर किसी प्रकार के अपराध का आरोप नहीं होना चाहिए था।
  7. ओलिम्पिक में खिलाड़ियों की देख-रेख की ज़िम्मेदारी खेलों के जजों की थी।
  8. पहला और अन्तिम दिन धार्मिक रीतियों और बलियों के लिए निश्चित था।

खेलें (Sports)—प्राचीन ओलिम्पिक खेलों में पहले तो केवल एक दौड़ सम्मिलित थी परन्तु धीरे-धीरे इसमें और खेलों का समावेश हो गया। यह दौड़ लगभग 100 गज़ लम्बी थी। 724 ई० पू० में आयोजित 14वीं ओलिम्पिक खेलों में 400 गज़ की दौड़ और 15वीं ओलिम्पिक खेलों में 3 मील की दौड़ सम्मिलित की गई। 18वीं ओलिम्पिक खेलों में पेंटाथलोन आरम्भ की गई। इसमें लम्बी छलांग, नेज़ाबाजी, 300 गज़ दौड़, डिस्कस थ्रो तथा कुश्तियां पांच खेलें आती थीं। 25वीं ओलिम्पिक्स में पुरुषों के लिए बॉक्सिंग (मुक्केबाज़ी) आरम्भ की गई। ओलिम्पिक खेलों में रथ दौड़ तथा 30वीं ओलिम्पिक्स स्त्रियां इन खेलों में भाग नहीं ले सकती थीं परन्तु बाद में उन्हें अनुमति दे दी गई।

प्रश्न 4.
नवीन ओलिम्पिक खेलें किसने शुरू करवाईं ? उसके विषय में आप क्या जानते हो ?
(Who has started Modern Olympic Games ? What do you know about him ?)
उत्तर-
14वीं शताब्दी तक ओलिम्पिक खेलों के महत्त्व की ओर किसी ने तनिक ध्यान न दिया। परन्तु इन खेलों का पुनर्जन्म लिखा हुआ था। 1829 ई० में जापानी तथा फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने ओलिम्पिया की खुदवाई का काम आरम्भ किया। वर्षों के प्रयत्नों के पश्चात् उनके हाथ सफलता लगी। इन खुदाइयों से ओलिम्पिया के मन्दिर और स्टेडियम प्राप्त हुए।
PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें 4
बैरन दि कबर्टिन को नवीन ओलिम्पिक खेलों के जन्मदाता माना जाता है। उनका जन्म 1863 ई० में फ्रांस में हुआ। वह फ्रांस के शिक्षा विभाग में कार्य करते थे। उनकी शारीरिक शिक्षा से विशेष रुचि थी। 1854 ई० में वे इंग्लैण्ड के भ्रमण पर गए। वे इंग्लैण्ड के शैक्षणिक ढांचे से अत्यधिक प्रभावित हुए।

कुबर्टिन बर्तानिया और अमेरिका गए। वहां इन्होंने लोगों को अपनी योजनाओं से अवगत कराया। इस पर अन्य खेल प्रेमियों ने उनको सहायता देने का समर्थन किया। कुबर्टिन खेलों के माध्यम से स्वास्थ्य, सुन्दरता, मनोरंजन तथा सहयोग बढ़ाना चाहते थे। उन्होंने विभिन्न देशों का दौरा किया और वहां के लोगों को अपने विचारों की जानकारी दी। उन्होंने फ्रांस में फ्रांसीसी खेल संघ की आधारशिला रखी। 16 जून, 1894 ई० को एक अन्तर्राष्ट्रीय कांग्रेस के समक्ष ओलिम्पिक योजना रखी गई।
इसका सभी ने समर्थन किया। फलस्वरूप 5 अप्रैल से 15 अप्रैल, 1896 ई० तक प्रथम ओलिम्पिक खेलों का आयोजन किया गया। इन खेलों के लिए कुबर्टिन ने एक महान् आदर्श प्रस्तुत किया। वह आदर्श है-“ओलिम्पिक खेलों में महत्त्वपूर्ण बात, जीत प्राप्त करना नहीं बल्कि उनमें भाग लेना है। आवश्यक बात जीतना नहीं है बल्कि अच्छी तरह मुकाबला करना है।” (“The important thing in Olympics is not to win but to take part. As the important thing in life is not triumph but struggle. The essential thing is not to have conquered but to have fought well.”;

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

प्रश्न 5.
नवीन ओलिम्पिक खेलों का मॉटो तथा शपथ क्या है ?
(What is Olympic Motto and Olympic Oath of modern Olympic Games ?)
उत्तर-
ओलिम्पिक मॉटो (Olympic Motto)-ओलिम्पिक मॉटो तीन शब्दों से बना है। ये तीन शब्द हैं—
सीटियस (Citius), आल्टीयस (Altius), फार्टियस (Fortius)
सीटियस (Citius) का अर्थ है बहुत तेज़.
आल्टीयस (Altius) का अर्थ है बहुत ऊंचा
फार्टियस (Fortius) का अर्थ है बहुत जोर से।
ये तीनों शब्द खिलाड़ी के लक्ष्य को सूचित करते हैं। इनका अभिप्राय है-बहुत तेज़ भागना, बहुत ऊंची छलांग लगाना तथा बहुत जोर से डिस्कस या गोला फेंकना।

ओलिम्पिक शपथ—यह रीति 1920 ई० में अन्तदीप में शुरू हुई थी। वर्ष 1984 में ओलिम्पिक खेलों के चार्टर रूप 63 में कहा गया है कि मेज़बान राष्ट्र का एक खिलाड़ी अपने बाएं हाथ में ओलिम्पिक झण्डे का कोना पकड़ कर और अपना दायां हाथ ऊपर उठा कर निम्नलिखित शपथ लेगा—

“सभी खिलाड़ियों की ओर से मैं बचन लेता हूं कि हम इन ओलिम्पिक खेलों में उन नियमों का आदर करते हुए और उन पर पाबन्द रहते हुए जो कि इसकी निगरानी करते हैं, खिलाड़ियों की सच्ची भावना से खेलों के गौरव और हमारी टीमों के सम्मान के लिए शामिल होंगे।”

ओलिम्पिक झण्डा (Olympic Flag)—ओलिम्पिक झण्डा (Olympic Flag) सर्वप्रथम बैल्जियम (Belgium) के ऐंटवरप (Antwerp) नगर में हुई ओलिम्पिक खेलों में लहराया गया। यह झण्डा सफ़ेद रंग का होता है। इसमें पांच चक्र परस्पर जुड़े हुए भिन्न-भिन्न रंगों के (लाल, हरा, पीला, नीला तथा काला) होते हैं। ये अंग्रेजी अक्षर W जैसे आकार के होते हैं। ये संसार के पांच महाद्वीपों यूरोप, अमेरिका, एशिया, अफ्रीका तथा ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करते हैं। झण्डे पर ओलिम्पिक मॉटो (Motto), तीन शब्दों Citius, Altius तथा Fortius द्वारा दर्शाया जाता है।
PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें 5
नोट—सभी खिलाड़ियों की ओर से ओलिम्पिक शपथ लेने वाले खिलाड़ी—

वर्ष नाम राष्ट्र एवं खेल
1920 विक्टर बैन (बैल्जियम, गतका)
1924 जियो एंङ्गीअ (फएंसम ऐथलैटिक्स)
1928 हैनरी डैनिस (नीदरलैंडस, फुटबाल)
1932 जार्ज चार्ल्स कैनन (अमेरिका, गतका)
1936 रुडुलफ इस्मायर (जर्मनी, भार उठाना)
1948 डोनलड फिनले (इंग्लैंड, ऐथलैटिक्स)
1952 हेईकी सावीलैनेन (फिनलैंड, जिमनास्टिक्स)
1956 जॉन लैंडी (आस्ट्रेलिया, ऐथलैटिक्स)
1960 एडोलफो कांसोलिनी (इटली, ऐथलैटिक्स)
1964 टकाशी ऊनो. (जापान, जिमनास्टिक्स)
1968 पाबलो मैरीडो (मैक्सिको, ऐथलैटिक्स)
1972 हेईडी सक्यूल  (पश्चिमी जर्मनी, ऐथलैटिक्स)
1976 पीएरे सेंट जीन (कैनेडा, भार उठाना)
1980 निकोलाई एंड्रीयनोव (सोवियत रूस, जिमनास्टिक्स)

 

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

प्रश्न 6.
नवीन ओलिम्पिक खेलों के क्या नियम हैं ? (अभ्यास का प्रश्न 5)
(Discuss the main rules of Modern Olympics.)
उत्तर-
नवीन ओलिम्पिक खेलों के नियम (Rules of New Olympics)-पहले. तो खेलों के नियम बहुत ही साधारण थे। कोई भी व्यक्ति इनमें भाग ले सकता था। 1908 ई० में ओलिम्पिक खेलें लन्दन में आयोजित की गईं और नियमों का निर्माण किया गया। ये नियम इस प्रकार हैं—

  1. प्रत्येक देश जो ओलिम्पिक खेलों का सदस्य है अपने किसी भी देशवासी को खेलों में भाग लेने के लिए भेज सकता है।
  2. कोई भी व्यावसायिक खिलाड़ी (Professional player) इनमें भाग नहीं ले सकता। इस बात की पुष्टि उसकी राष्ट्रीय कमेटी करती है। इस विषय में खिलाड़ी को भी लिख कर देना पड़ता है।
  3. इनमें भाग लेने वाले खिलाड़ी पर आयु, जाति, धर्म आदि का प्रतिबन्ध नहीं है।
  4. कोई भी खिलाड़ी नशे की हालत में खेलों में भाग नहीं ले सकता।
  5. खिलाड़ी के लिंग की जांच की जाती है।
  6. किसी एक देश की ओर से भाग लेने वाला खिलाड़ी किसी दूसरे राष्ट्र की ओर से भाग नहीं ले सकता।
  7. यदि कोई नया देश अस्तित्व में आया हो तो वह अपना खिलाड़ी भेज सकता है।

इन खेलों का आयोजन, अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक कमेटी द्वारा किया जाता है। इस कमेटी में प्रत्येक देश का मैम्बर होता है। परन्तु जिस देश में ओलिम्पिक कमेटियां स्थापित हों अथवा जहां खेलों का आयोजन भली-भांति हो, उसके दो सदस्य भी हो सकते हैं। इस कमेटी के सदस्य आठ वर्ष के लिए अपने अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। इसके अतिरिक्त चार वर्ष के लिए दो उपाध्यक्षों का चुनाव करते हैं। पांच अन्य सदस्य भी इस कमेटी के सदस्य चुने जाते हैं। यह कमेटी नियमानुसार ओलिम्पिक खेलों का आयोजन करती है।

प्रश्न 7.
भारतीय खिलाड़ियों को ओलिम्पिक खेलों में क्या स्थान प्राप्त है ?
(Discuss the main achievements of Indian players in Olympic ?)
उत्तर-
ओलिम्पिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की सफलताएं (Achievements of Indian players in Olympics)-नवीन ओलिम्पिक खेलों का आरम्भ 1896 ई० में हुआ। इस कार्य में फ्रांस के बैरन दि कुबर्टिन ने प्रशंसनीय भूमिका निभाई थी। इसी कारण उसे ओलिम्पिक खेलों का जन्मदाता कहा जाता है। भारत ने इन खेलों में 1900 ई० में पहली बार भाग लिया। भारतीय खिलाड़ी नार्मन ने 200 मीटर की दौड़ में दूसरा स्थान प्राप्त करके चांदी का तमगा प्राप्त किया। 1920 ई० की ओलिम्पिक खेलों में भारत की ओर से छ: खिलाड़ियों ने एथलैटिक्स और कुश्तियों में भाग लिया। 1924 में पैरिस ओलिम्पिक खेलों का आयोजन हुआ। इन में आठ भारतीय खिलाड़ियों ने भाग लिया। श्री जी० डी० सोंधी, एच० सी० बक और ए० जी० कारेन ने ओलिम्पिक लहर को देश में लोकप्रिय करने के लिए महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। 1927 ई० में इण्डियन

ओलिम्पिक एसोसिएशन की स्थापना हुई।—1928 ई० में भारतीय हॉकी टीम ने प्रथम बार एमस्टर्डम में आयोजित ओलिम्पिक खेलों में भाग लिया। इसने सोने का तमगा जीता। 1928 ई० से 1956 ई० तक भारत हॉकी जगत् में छाया रहा। 1952 ई० में के० डी० यादव ने कुश्ती के मुकाबले में भाग लिया और तांबे का तमगा जीता। 1956 में मैलबोर्न में आयोजित ओलिम्पिक खेलों में भारत की फुटबाल टीम ने पहली बार भाग लिया। इस टीम ने चौथा स्थान प्राप्त किया। 1960 में रोम में हई ओलिम्पिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने दूसरा स्थान प्राप्त किया और पहला स्थान पाकिस्तानी टीम ने प्राप्त किया। इसी वर्ष मिलखा सिंह ने 400 मीटर दौड़ में चौथा स्थान प्राप्त किया।

1964 में टोकियो में ओलिम्पिक खेलों का आयोजन हुआ। इसमें भारतीय हॉकी की टीम फिर से प्रथम स्थान पाने में सफल हुई। 1968, 1972 तथा 1976 में आयोजित होने वाली ओलिम्पिक खेलों में भारतीय हॉकी – प्रथम स्थान पा कर सोने का तमगा जीतने में सफल रही। 1976 में ओलिम्पिक खेलें मांट्रियाल में हुईं। इसमें शिवनाथ ने मैरथान दौड़ में ग्यारहवां और श्री राम ने 800 मीटर दौड़ में सातवां स्थान प्राप्त किया। 1980 में मास्को में हुई ओलिम्पिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने सोने का तमगा जीतने में सफलता प्राप्त की। इन खेलों में भारतीय टीम ने एथलैटिक्स, कुश्तियां, बॉक्सिग, बास्केट बाल, निशानेबाज़ी तथा वालीबाल में तो भाग लिया था, परन्तु इनमें उसे कोई विशेष सफलता हाथ नहीं लगी थी। 1984 में लास ऐंजलस में आयोजित ओलिम्पिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा। 28वीं ओलम्पिक खेलें 2004 में ऐन्थन ग्रीस में हुईं इसमें मेजर राजवर्धन सिंह राठौर ने सूटिंग मुकबाले में दूसरा स्थान प्राप्त करके भारत की शान बढ़ाई। ऐथलैटिक में अंजू बोबी जार्ज ने लोंग जम्प में छठा स्थान प्राप्त किया और भारतीय हाकी टीम सातवां स्थान ही प्राप्त कर सकी।

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

प्रश्न 8.
अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक कमेटी के बारे संक्षेप से लिखें।
(Write in brief about International Olympic Committee I.O.A.)
उत्तर-
अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक (International Olympic Committee)
ओलिम्पिक खेलों के संगठन के लिए सर्वोच्चतम कमेटी अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक कमेटी है। 25 जून, 1894 में पेरिस की कांग्रेस के अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक कमेटी को निम्न उत्तरदायित्व सौंपे गए—

  1. खेलों का लगातार करना।
  2. खेलें कुबर्टिन के आम आशय के अनुसार तथा सारे विश्व में प्रेम और शान्ति का सन्देश दें।
  3. खेलों में अव्यावसायिक प्रतियोगिता को उच्चतम स्थान दें।
  4. खेलें विश्व शान्ति तथा मैत्री को बढ़ाएं।

ओलिम्पिक खेलों की इस कमेटी में प्रत्येक देश का एक प्रतिनिधि होता है। परन्तु ऐसे देश जहां ओलिम्पिक खेलें हुई हों तथा वे देश जिन्होंने ओलिम्पिक खेल में महत्त्वपूर्ण काम किया हो, के दो सदस्य होते हैं अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक कमेटी अपने लिए बैकट द्वारा अपना प्रधान चुनती है जो पांच वर्ष तक इस पद पर रहता है। फिर दुबारा चुने जाने पर वह चार वर्ष और रह सकता है। इसमें दो उप-प्रधान भी होते हैं जिनकी कार्य अवधि चार वर्ष होती है। यह दुबारा चुनाव लड़ सकते हैं। उप-प्रधान तथा पांच कार्यपालिका के सदस्य हर चार साल बाद इन खेलों को कराने में सहायता करते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक कमेटी का मुख्य कार्यालय सीरोन (स्विट्ज़रलैण्ड) में है।
एशियाई खेलें
(Asian Games)
एशियाई खेलों का जन्म 13 जनवरी, 1949 में नई दिल्ली के पटियाला हाऊस में अफगानिस्तान, म्यनमार (बर्मा), भारत, पाकिस्तान तथा फिलीपाइन्स के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षरों के साथ हुआ। इन खेलों के लिए सदैव आगे (Ever onward) का आदर्श अपनाया गया। इन खेलों को प्रारम्भ करने का श्रेय अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी के भारतीय प्रतिनिधि स्वर्गीय जी० डी० सोंधी को है। श्री सोंधी तत्कालीन भारतीय ऐथलैटिक्स संघ के प्रधान थे। इन खेलों से पहले एशियन क्षेत्र में सुदूर पूर्व खेलें, पश्चिमी एशियन खेलें, जिनमें जापान, चीन, फिलीपाइन तथा स्वेज़ नहर के पूर्वी देश तथा सिंगापुर के पश्चिमी देश भाग लेते थे। मगर यह खेलें द्वितीय विश्व युद्ध के कारण बन्द हो गई।

एशियाई खेलों को कराने के पीछे प्रमुख उद्देश्य था कि एशियाई सब देश खेल के मैदान में इच्छुक हो। इस सम्बन्ध में मार्च, 1949 में पंडित नेहरू द्वारा नई दिल्ली में एशियाई देशों सम्बन्धी कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें एशियाई खेलों की तरफ आए हुए सदस्यों का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया गया। जी० डी० सोंधी द्वारा पंडित नेहरू का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया। श्री नेहरू के इस विचार का अपना अनुमोदन किया। 1949 में लन्दन के ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाले एशियाई सदस्यों को एकत्र करके पहले एशियाई खेलों का प्रारम्भ 1950 में माना गया। फलस्वरूप प्रारम्भिक खेलें नई दिल्ली, मार्च, 1951 में कराई गई। ये खेलें हर चार साल बाद कराई जाती हैं। विभिन्न खेलों के विवरण इस तरह हैं—
PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें 6

सदस्य देश
(Member Countries)
अफगानिस्तान, बेहरी, म्यनमार (बर्मा) चीन, हांगकांग, भारत, इण्डोनेशिया, ईरानइराक, इजराइल, जापान, गणतन्त्र कोरिया, गणतंत्र जनतांत्रिक कोरिया, मलेशिया, मंगोलिया, नेपाल, पाकिस्तान, फिलिपाइन, सऊदी अरब, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, वियतनाम।

विभिन्न खेलें
(Different Games)
एथलैटिक, बैडमिन्टन, बास्केट बाल, बाक्सिंग, साइकलिंग, सलवान, खाली, फुटबाल, जिमनास्टिक, हॉकी, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल-टैनिस, लान-टैनिस यांत्री, भार उठाना, कुश्ती।

प्रश्न 9.
एशियाई खेलों में भारतीयों ने कौन-कौन से इनाम जीते हैं ?
(Write about Indian players who won Lourels in Asian Games ?)
उत्तर-
एशियाई खेलों में भारत की सफलता (India’s achievement in Asian Games)-पहली एशियाई खेलों का आयोजन नई दिल्ली में 1951 ई० में हुआ।

इन खेलों में भारतीयों ने 15 स्वर्ण, 16 रजत तथा 21 कांस्य पदक जीते। भारतीय फुटबाल टीम ने सोने का तमगा जीता। भारतीय एथलीट लेरी पिंटो ने 100 तथा 200 मीटर दौड़ में, रणजीत सिंह ने 800 मीटर में, निक्का सिंह ने 1500 मीटर में एवं मदन लाल ने गोला फेंकने में तथा मक्खन सिंह ने डिस्कस फेंकने में सोने के पदक जीते। 1954 ई० में दूसरे एशियाई खेल मनीला में हुए। इन में अजीत सिंह ने ऊंची छलांग, प्रद्युमन सिंह ने डिस्कस तथा गोला फेंकने में, सरवन सिंह ने 110 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक जीते जबकि सोहन सिंह ने 800 मीटर में तथा जोगिन्दर सिंह ने 400 मीटर दौड़ में रजत पदक पाये। भारतीय महिलाओं ने 4 × 100 मीटर रिले दौड़ में गोल्ड मैडल हासिल किया। 1958 ई० में तीसरी एशियाई खेलें टोकियो में सम्पन्न हुईं। इन में मिलखा सिंह ने 200 तथा 400. ‘ मीटर में, बलकार सिंह ने डिस्कस थ्रो में, प्रद्युमन सिंह ने गोला फेंकने में तथा महिन्दर सिंह ने हाप स्टेप जम्प में स्वर्ण पदक जीते तथा भारत का नाम खेल जगत् में ऊंचा किया। भारतीय हॉकी टीम ने दूसरा स्थान प्राप्त करके चांदी का तमगा जीता। भारत ने इन खेलों में 5 सोने के, 4 चांदी के तथा 4 तांबे के तमगे जीते। 1962 की चतुर्थ एशियाई खेलें जर्काता में सम्पन्न हुईं। इन में मिलखा सिंह ने 400 मीटर में, मोहिन्द्र सिंह ने 1500 मीटर में, तरलोक सिंह ने 10,000 मीटर में तथा पुरुषों की 4 × 400 मीटर रिले दौड़ में स्वर्ण पदक जीते। भारतीय हॉकी टीम को दूसरा स्थान मिला। भारत ने इन खेलों में 11 सोने के, 13 चांदी के तथा 10 तांबे के पदक जीते।

1966 ई० में एशियाई खेलों का आयोजन बैंकाक में हुआ जिन में भारतीय खिलाड़ियों ने 7 सोने के, 3 चांदी के तथा 11 तांबे के पदक जीते। भारतीय हॉकी टीम ने दूसरा स्थान पाया तथा भारतीय एथलीट अजमेर ने 400 मीटर में, बी० एस० बरुआ ने 800 मीटर में, भीम सिंह ने ऊंची छलांग लगाने में, परवीन ने डिस्कस और जोगिन्दर सिंह ने गोला फेंकने में सोने के पदक जीते।

1970 में बैंकाक में आयोजित एशियाई खेलों में परवीन ने डिस्कस में, महिन्दर सिंह ने हाप स्टेप जम्प में, जोगिन्दर सिंह ने गोला में महिला एथलीट कंवलजीत सन्धु ने 400 मीटर दौड़ में सोने का तमगा जीत कर . ख्याति में वृद्धि की। भारतीय हॉकी टीम को दूसरा स्थान मिला। कुल मिला कर भारत ने इन खेलों में 6 सोने के, 9 चांदी के और 10 तांबे के पदक जीते।

1974 में तेहरान में आयोजित एशियाई खेलों में भारत ने 4 सोने, 12 चांदी और 12 तांबे के तमगे जीत कर सातवां स्थान प्राप्त किया। इन खेलों में श्री राम सिंह ने 800 मीटर दौड़ में, शिव नाथ सिंह ने 5000 मीटर (नया रिकार्ड) सोने का तथा 10,000 मीटर दौड़ में चांदी का तथा टी० सी० योगनन ने लम्बी छलांग में सोने के तमगे जीते।

1978 ई० में बैंकाक में आयोजित एशियाई खेलों में भारत ने 11 सोने के, 11 चांदी के तथा 6 तांबे के पदक जीत कर छठा स्थान प्राप्त किया। 5000 तथा 10,000 मीटर दौड़ में हरि चन्द ने, बहादुर सिंह ने गोला फेंकने में, सुरेश बाबू ने लम्बी छलांग में, हुक्म सिंह ने 20 किलोमीटर वाक में स्वर्ण पदक जीते। गीता जुत्शी ने 1500 मीटर दौड़ में चांदी का मैडल तथा 800 मीटर में स्वर्ण पदक जीते। भारतीय हॉकी टीम को दूसरा स्थान मिला।

1982 में नवम एशियाई खेलें नई दिल्ली में हुईं जिनमें भारत ने 13 सोने, 19 चांदी और 19 कांस्य पदक जीते। भारतीय महिला हॉकी टीम ने सोने का तथा पुरुष हॉकी टीम ने चांदी का पदक प्राप्त किया। गीता जुत्शी ने 800, 1500 मीटर दौड़ में दूसरा स्थान, बाल सम्मा ने 400 मीटर हर्डल दौड़ में तथा 800 मीटर दौड़ में चार्ल्स बरोनियो ने सोने के पदक जीते। 1986 में एशियाई खेल सिओल में आयोजित किए गए। भारतीय महिला एथलीट पी० टी० ऊषा ने 200, 400, 800 मीटर हर्डल तथा 4 × 400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक जीत कर भारत को पदक तालिका में सम्मानजनक स्थिति पर ला खड़ा किया। ऊषा ने 100 मीटर दौड़ में दूसरा स्थान पाया। उसने सर्वोत्तम प्रदर्शन द्वारा भारत के नाम को रोशन किया। भारत ने कुल 5 सोने के, 9 चांदी के तथा 23 कांस्य पदक जीते। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाने वाले भारतीय खिलाड़ियों का वर्णन इस प्रकार है—

  1. लैरी पिंटो ने 1951 में हुई पहली एशियाई खेलों में 100 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान पाकर सोने का तमगा जीता।
  2. 1954 में मनीला में आयोजित एशियाई खेलों में सोहन सिंह ने 400 मीटर दौड़, अजीत सिंह ने ऊंची छलांग, प्रद्युमन सिंह ने डिस्कस तथा गोला फेंकने में सोने के तमगे जीते। इनके अतिरिक्त जोगिन्दर सिंह ने चांदी का और ए० ग्रेबियन ने 100 मीटर दौड़ तथा दालू राम ने 3000 और 5000 मीटर दौड़ में तीसरा स्थान प्राप्त करके तांबे के तमगे जीते।
  3. 1958 में हुई एशियाई खेलों में फ्लाईंग सिक्ख (Flying Sikh) मिलखा सिंह ने 200 मीटर और 400 मीटर दौड़ में, महिन्दर सिंह ने हाप स्टैप एण्ड जम्प में, बलकार सिंह ने जैवलिन फेंकने में, प्रद्युमन सिंह ने गोला फेंकने में, एच० चांद ने 100 मीटर हर्डल्ज़ में और 400 मीटर हर्डल्ज़ में जगदेव सिंह ने सोने का तमगा प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त स्वीटी डिसूजा ने 200 मीटर दौड़ की हीट्स में नया रिकार्ड कायम किया। एलिज़ाबैथ डैवनपोर्ट ने 46.07 मीटर दूर जैवलिन फेंक कर दूसरा स्थान प्राप्त किया।
  4. 1966 में हुई एशियाई खेलों में अजमेर सिंह ने 400 मीटर, बी० एस० बरुआ ने डिस्कस थ्रो, जोगिन्दर सिंह ने गोला फेंकने तथा भीम सिंह ने गोला फेंकने में सोने के तमगे जीते।
  5. 1970 में बैंकाक में आयोजित एशियाई खेलों में कंवलजीत संधु ने 400 मीटर दौड़ में, महिन्दर सिंह ने हाप स्टैप एण्ड जम्प में, जोगिन्दर सिंह ने गोला फेंकने में सोने के तमगे प्राप्त किए। इसके अतिरिक्त एडवर्ड शकेरा ने 5000 मीटर में, श्रीराम ने 800 मीटर में, लाभसिंह ने लम्बी छलांग तथा हाप स्टेप जम्प में चांदी के तमगे प्राप्त किये। मनजीत वालिया ने 80 मीटर हर्डल्ज़, सुच्चा सिंह ने 400 मीटर में और गुरमेज सिंह ने 3000 मीटर में तांबे का तमगा प्राप्त किया।
  6. 1974 में तेहरान में हुई एशियाई खेलों में शिवनाथ ने 5000 मीटर में नया रिकार्ड स्थापित किया। कंवलजीत संधू ने 56.5 सैकिण्ड में 400 मीटर की दौड़ जीत कर भारतीय स्त्री खिलाड़ियों की ओर से सोने का तमगा जीता। इन्हीं खेलों में टी० सी० योग ने लम्बी छलांग में तथा वी० एस० चौहान ने 1500 मीटर दौड़ में सोने का तमगा प्राप्त किया। निर्मल सिंह ने हैमर फेंकने में चांदी का तथा लैहम्बर सिंह ने 400 मीटर हर्डल में तांबे का तमगा प्राप्त किया।
  7. 1978 की एशियाई खेलों में हरिचन्द ने 1000 मीटर दौड़ में सोने का तमंगा प्राप्त किया। गीता जुत्शी ने 1500 मीटर में चांदी तथा 800 मीटर दौड़ में सोने के तमगे प्राप्त किए।

उपर्युक्त खिलाड़ियों के अतिरिक्त कई अन्य भारतीय खिलाड़ियों ने ओलिम्पिक खेलों में भी अपने उत्तम खेल का प्रदर्शन करके अन्तर्राष्ट्रीय क्रीडा क्षेत्र में बहुत नाम कमाया।

1982 की नौवीं खेलें जो दिल्ली में हुई थीं, बहादुर सिंह ने गोला फेंकने में नया रिकार्ड कायम किया। गीता जुत्शी ने 800, 1500 मीटर दौड़ में दूसरा स्थान, बालसम्मा ने 400 . मीटर हर्डल दौड़ में प्रथम स्थान, 800 मीटर दौड़ में बरोनियो ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। हॉकी में लड़कियों ने सोने का तमगा और लड़कों ने चांदी का तमगा जीता। कुश्तियों में सत्यपाल ने सोने का तमगा और करतार सिंह ने चांदी का तमगा जीता। कौर सिंह ने बाक्सिग में सोने का तमगा जीता। भारत की घोड़ों की टीम ने सोने के तमगे जीते और भारत की गोल्फ की टीम ने सोने के तमगे जीते।

1986 की एशियाई खेलों में भारतीय महिला खिलाड़ी पी० टी० ऊषा ने 200, 400, 400 मीटर हर्डल तथा 4 × 400 मीटर रिले में सोने के पदक जीत कर खेल जगत में तहलका मचा दिया। ऊषा ने सिओल में सम्पन्न इन खेलों में 100 मीटर दौड़ में चांदी का पदक जीता।

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

प्रश्न 10.
वर्ष 1982 में एशियाई खेलें किस देश में हुई थीं।
उत्तर-
वर्ष 1982 में एशियाई खेलें भारत में हुई थीं।

प्रश्न 11.
नवीन ओलिम्पिक खेलों में कौन-कौन सी खेलें होती हैं ?
(Name the main sports events which are organised in Modern Olympic.)
उत्तर-

  1. तीर अन्दाजी
  2. एथलैटिक्स
  3. बॉक्सिग
  4. बास्केटबाल
  5. कैनोईग
  6. साइकलिंग
  7. इकवीएस टीरंग
  8. फुटबाल
  9. जिम्नास्टिकस
  10. हैंडबाल
  11. हाकी
  12. जूड़ो
  13. निशानेबाजी
  14. रोईग
  15. तैराकी और डुबकी लगाना
  16. तलवार बाजी
  17. वालीबाल
  18. भार उठाना
  19. कुश्ती
  20. बाटर पोलो
  21. याट किशती दौड़।

PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें

प्रश्न 12.
11वीं एशियाई खेलों में भारत ने कौन-कौन से इनाम प्राप्त किये?
(Which awards India won in the Eleventh Asian Games ?)
उत्तर-
11वीं एशियाई खेलें बीजिंग (चीन) में 1990 में हुई थी जिसमें भारत ने नीचे लिखे मुकाबलों में इनाम प्राप्त किए थे।
PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 4 एशियन और ओलिम्पिक खेलें 7

Leave a Comment