Punjab State Board PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions Chapter 5 फलदार पौधों की खेती Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 10 Agriculture Chapter 5 फलदार पौधों की खेती
PSEB 10th Class Agriculture Guide फलदार पौधों की खेती Textbook Questions and Answers
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के एक – दो शब्दों में उत्तर दीजिए-
प्रश्न 1.
पंजाब में फलों के अन्तर्गत कितना क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
78000 हेक्टेयर।
प्रश्न 2.
पौधों को दीमक से बचाने के लिए कौन-सी दवाई डालनी चाहिए ?
उत्तर-
30 ग्राम लिंडेन या 15 मिली लीटर क्लोरोपाईरीफास 20 ताकत को 2.5 किलो मिट्टी में मिला कर प्रति खड्डे के हिसाब से डालें।
प्रश्न 3.
आड़की दो उन्नत किस्मों के नाम लिखिए।
उत्तर-
फ्लोरिडा प्रिंस, प्रताप।
प्रश्न 4.
बाग़ लगाने की उत्तम विधि कौन-सी है?
उत्तर-
तीन विधियां हैं-वर्गाकार, फिल्लर ढंग, छ: कोना ढंग।
प्रश्न 5.
पतझड़ी फलदार पौधे किस महीने में लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
मध्य जनवरी से मध्य फरवरी।
प्रश्न 6.
आम तथा लीची के पौधे लगाने का उचित समय कौन-सा है ?
उत्तर-
सितंबर-अक्तूबर में।
प्रश्न 7.
बागों में देसी रूड़ी कब डालनी चाहिए ?
अथवा
फलदार वृक्षों को रूड़ी की खाद किस महीने में डालनी चाहिए?
उत्तर-
फुटारा आने से 2-3 माह पहले साधारणतया दिसंबर माह में।
प्रश्न 8.
आंवले की दो उन्नत किस्मों के नाम लिखिए।
उत्तर-
बलबंत, नीलम, कंचन।
प्रश्न 9.
फलदार पौधे लगाने के लिए गड्ढा कितना गहरा खोदना चाहिए ?
उत्तर-
एक मीटर गहरा।
प्रश्न 10.
अमृतसर जिले में कौन-से फल लगाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
नाशपाती, अंगूर, आम, अमरूद, आड़, किन्नू, अन्य संतरे, नींबू आदि।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का एक – दो वाक्यों में उत्तर दीजिए-
प्रश्न 1.
फलदार पौधे लगाने के लिए किस तरह की मिट्टी चाहिए ?
उत्तर-
फलदार पौधे लगाने के लिए अच्छे जल निकास वाली, भल्ल वाली, गहरी तथा उपजाऊ भूमि होनी चाहिए। भूमि की दो मीटर तक गहराई में कोई सख्त सतह नहीं होनी चाहिए।
प्रश्न 2.
अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र में कौन-से फलदार पौधे लगाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
अमरूद, आम, लीची, नाशपाती, किन्नू तथा अन्य संतरे, नींबू, आड़, अलूचा, चीकू, आंवला आदि।
प्रश्न 3.
सेंजु तथा शुष्क क्षेत्र के उपयुक्त फल कौन-से हैं ?
उत्तर-
मालटा, नींबू, किन्न तथा अन्य संतरे, अंगूर, बेर, अमरूद आदि।
प्रश्न 4.
सदाबहार फलदार पौधे कौन-से होते हैं ?
उत्तर-
लुकाठ, अमरूद, आम, लीची, किन्नू तथा अन्य संतरे, मालटा, नींबू, चीकू आदि।
प्रश्न 5.
पतझड़ी फलदार पौधे कौन-से होते हैं ?
उत्तर-
नाशपाती, अंगूर, आड़, अलुचा।।
प्रश्न 6.
वर्गाकार ढंग से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
यह बाग़ लगाने का एक ढंग है जिसमें पौधे तथा पंक्तियों में फासला बराबर होता है। इस तरह आमने-सामने लगाए चार पौधे एक वर्गाकार बनाते हैं।
प्रश्न 7.
फलदार पौधों को पानी कितनी देर के बाद देना चाहिए ?
उत्तर-
छोटे पौधे को 3-4 वर्ष तक मार्च से जून तक सप्ताह-सप्ताह के बाद, नवंबर से फरवरी तक 2-3 सप्ताह बाद तथा जुलाई से नबंवर तक वर्षा तथा मिट्टी की किस्म के अनुसार पानी की आवश्यकता है।
प्रश्न 8.
बागों के लिए पानी का स्तर कितना गहरा होना चाहिए ?
उत्तर-
बागों के लिए पानी का स्तर तीन मीटर से नीचे होना चाहिए तथा इसमें कोई उतार-चढ़ाव नहीं होना चाहिए।
प्रश्न 9.
बाग़ लगाने के फिल्लर ढंग के बारे में लिखिए।
उत्तर-
कुछ फलदार पौधे जैसे लीची, आम, नाशपाती बहुत लम्बे समय के बाद फल देना शुरू करते हैं। इन बागों में पहले कुछ अस्थाई पौधे लगाए जाते हैं जो जल्दी फल देने वाले होते हैं। यह फिल्लर का काम करते हैं। जब मुख्य बाग़ फल देना शुरू कर देते हैं तो इन अस्थाई पौधों को उखाड़ दिया जाता है।
प्रश्न 10.
बाग़ लगाने के लिए पौधे कहां से लेने चाहिए ?
उत्तर-
बाग़ लगाने के लिए अच्छी किस्म के, कीड़ों तथा रोगों से रहित, स्वास्थ्य पौधे किसी विश्वसनीय नर्सरी, हो सके तो पी०ए०यू० लुधियाना, बागवानी विभाग तथा सरकारी मंजूरशुदा नर्सरी से लेने चाहिए।
(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के पांच-छः वाक्यों में उत्तर दीजिए-
प्रश्न 1. नर्सरी से फलदार पौधे खरीदते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
- पौधे अच्छी किस्म के, कीड़ों तथा रोगों से मुक्त, स्वस्थ होने चाहिए।
- पौधे निरोल तथा मध्यम ऊंचाई के होने चाहिए।
- सदाबहार पौधों को निकालने के लिए ध्यान रखें कि जड़ों पर मिट्टी काफ़ी मात्रा में हो।
- प्योंद किए पौधे की प्योंद प्राथमिक पौधे पर की गई हो तथा इसका जोड़ सीधा होना चाहिए।
- पौधा खरीदते समय आवश्यकता से 10% पौधे अधिक खरीदने चाहिए ताकि मरने वाले पौधों की जगह पर लगाया जा सके।
प्रश्न 2.
बाग़ लगाने के कौन-कौन से ढंग हैं ?
उत्तर-
बाग़ लगाने के तीन ढंग हैं-
(i) वर्गाकार ढंग
(ii) फिल्लर ढंग
(iii) छ: कोना ढंग।
(i) वर्गाकार ढंग-इस ढंग में लगाए पौधे तथा पंक्तियों का फासला एक-दूसरे से बराबर होता है। इस तरह आमने-सामने लगे चार पौधे वर्गाकार बनाते हैं। इस ढंग को पंजाब में काफी पसंद किया जाता है। इस ढंग से लगे पौधे लम्बे समय तक फल देते रहते हैं तथा आरंभिक वर्षों में जब बाग़ से आय नहीं होती तो इसमें अन्तर फ़सलें उगा कर लाभ लिया जा सकता है।
(ii) फिल्लर ढंग-कुछ फलदार पौधे जैसे लीची, आम, नाशपाती बहुत लम्बे समय के बाद फल देना शुरू करते हैं। इन बागों में पहले कुछ अस्थाई पौधे जो जल्दी फल देने वाले हों, लगाने चाहिए। यह फिल्लर का काम करते हैं। जब मुख्य बाग़ फल देना शुरू कर देते हैं तो इन अस्थाई पौधे को निकाल दिया जाता है।
(ii) छः कोना ढंग-इस ढंग में पंक्तियों का फासला पौधों के आपसी फासलों से कम होता है परन्तु पौधे से पौधे का फासला बराबर होता है। इस ढंग का प्रयोग करके 15 से 20 प्रतिशत पौधे अधिक लगाए जा सकते हैं। इस ढंग में पौधों को आपस में फंसने से बचाने के लिए कांट-छांट अच्छे ढंग से करनी चाहिए।
प्रश्न 3.
फलदार पौधों की शद्धि और कांट-छांट करनी क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
फलदार पौधों को छोटी आयु में ही सही आकार पर ढांचा देने की आवश्यकता होती है। यह काम इनकी सिधाई करके किया जाता है। सही आकार तथा ढांचा इसलिए आवश्यक है ताकि पौधों में सूर्य का प्रकाश तथा हवा का निकास बढ़िया ढंग से हो सके। इससे फल की गुणवत्ता भी बढ़ती है तथा पौधे की आयु में भी वृद्धि होती है। पंजाब में कृषि किए जाने वाले पतझड़ी फलदार पौधे जिनमें प्रमुख रूप से अंगूर, नाख, आड़ तथा अलूचा है की शुद्धि पहले चार से पांच वर्षों तक की जाती है। जब पौधों को फल लगना शुरू हो जाता है तो उत्पादकता में कमी न आने पाए तथा यह शिखर पर हो तथा फल गुणवत्ता वाले मिले। इसलिए पौधों की कांट-छांट की जाती है जोकि बहुत आवश्यक होती है।
प्रश्न 4.
फल तोड़ते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
- फलों की तुड़ाई के लिए कुछ मापदंड निर्धारित करने चाहिए जैसे कुछ फलों को कच्चा तोड़ने के बाद भी पकाया जा सकता है; जैसे-आम, केला, अलूचा आदि। परन्तु अंगूर, लीची आदि को तोड़ कर नहीं पकाया जा सकता। इसलिए फल के अनुसार ही मापदंड निर्धारित करने चाहिए।
- फलों को कभी शाखा से खींच कर नहीं तोड़ना चाहिए। इस प्रकार शाखा को नुकसान हो सकता है तथा फल की छील भी उतर सकती है।
- तोड़े फलों की 3-4 वर्गों में दर्जाबंदी कर लेनी चाहिए तथा दर्जाबंदी के बाद इनको गत्ते के डिब्बों, पोली नैट, प्लास्टिक के क्रेट में डाल कर पैक करना चाहिए।
- कच्चे, अधिक पक्के, छोटे, बदशकल, गले सड़े तथा दागी फलों को डिब्बा बंद नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 5.
बागों में कौन-सी खादें और क्यों डालनी चाहिए?
उत्तर-
जब फलदार पौधे लगाने के लिए गड्ढा बनाया जाता है तो इसकी ऊपर वाली आधी मिट्टी में बराबर रूड़ी (गले सड़े गोबर को) खाद मिलाई जाती है। इसके बाद पौधे लगाने के बाद फरवरी से अप्रैल माह में पौधे :ो वृद्धि होती है। बढ़ रहे पौधों को सारे तत्व मिलने चाहिए। इसलिए देसी खाद जैसे गली-सड़ी रूड़ी की खाद को फुटारा आने से 2-3 माह पहले डाल देना चाहिए। गली-सड़ी रूड़ी को साधारणतया दिसंबर माह में डाला जाता है नाइट्रोजन तत्व पौधों को दो भागों में डाला जाता है। एक फुटारा आने पर तथा एक फल लगने के बाद। फास्फोरस खाद नाइट्रोजन खाद के पहले भाग के साथ डालनी चाहिए। पोटाश खाद को फल पकने से पहले डालना चाहिए ताकि फल की गुणवत्ता अच्छी रहे। मुख्य तत्व वाली खाद को छट्टा द्वारा डाला जाता है। छोटे तत्वों वाली खाद जैसे जिंक, लोहा, मैंगनीज़ आदि का प्रयोग इन तत्त्वों की कमी होने पर ही करना चाहिए।
Agriculture Guide for Class 10 PSEB फलदार पौधों की खेती Important Questions and Answers
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
फलों में निम्न पौष्टिक तत्व होते हैं-
(क) विटामिन
(ख) खनिज
(ग) प्रोटीन
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।
प्रश्न 2.
सदाबहार फ़लदार पौधे कब लगाने चाहिए?
(क) फरवरी-मार्च
(ख) सितम्बर-अक्तूबर
(ग) दोनों ठीक
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) दोनों ठीक
प्रश्न 3.
बाग लगाने के ढंग हैं-
(क) वर्गाकार
(ख) फिल्लर ढंग
(ग) छ: कोना ढंग
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।
प्रश्न 4.
सदाबहार फलदार पौधा नहीं है-
(क) नाशपाती
(ख) लुकाठ
(ग) आम
(घ) लीची।
उत्तर-
(क) नाशपाती
प्रश्न 5.
पतझड़ी फलदार पौधे हैं-
(क) अंगूर
(ख) आड़
(ग) अलूचा
(घ) सी।
उत्तर-
(घ) सी।
प्रश्न 6.
सदाबहार फलदार पौधे हैं?
(क) आम
(ख) लीची
(ग) नींबू
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।
प्रश्न 7.
पतझड़ी फलदार पौधे किस महीने में लगाए जाते हैं ?
(क) अप्रैल-मई
(ख) जनवरी-फरवरी
(ग) जून-जुलाई
(घ) मई-जून।
उत्तर-
(ख) जनवरी-फरवरी
प्रश्न 8.
पंजाब का कौन-सा जिला नीम (अर्द्ध) पहाड़ी क्षेत्र में आता है ?
(क) बठिंडा
(ख) अमृतसर
(ग) रूपनगर
(घ) चण्डीगढ़।
उत्तर-
(ग) रूपनगर
II. ठीक/गलत बताएँ-
1. प्रताप आड़ की किस्म है।
2. कंचन, आंवला की उन्नत किस्म है।
3. फलों को शाखाओं से खींच कर नहीं तोड़ना चाहिए।
4. फलदार पौधों का जीवन चक्कर कई वर्षों का होता है।
5. बाग लगाने के तीन ढंग हैं।
उत्तर-
- ठीक
- ठीक
- ठीक
- ठीक
- गलत।
III. रिक्त स्थान भरें-
1. ………….. फलदार पौधे मध्य जनवरी से आधे फरवरी में लगाए जाते हैं।
2. डब्ल्यू मर्कट ……………… की किस्म है।
3. क्रिकेट बाल ……………… की किस्म है।
4. गनेश .. …………… की एक किस्म है।
5. अरली ग्रेड ……………………. की किस्म है।
उत्तर-
- पतझड़ी
- संतरे
- चीकू
- अनार
- आड़।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1.
फलों मे कौन-से तत्त्व होते हैं ?
उत्तर-
फलों में प्रोटीन, खनिज, विटामिन आदि होते हैं।
प्रश्न 2.
पंजाब को जलवायु के आधार पर कितने क्षेत्रों में बांटा गया है ?
उत्तर-
तीन।
प्रश्न 3.
बाग़ लगाने के समय अनुसार फलदार पौधों को कितनी श्रेणियों में बांटा
उत्तर-
दो श्रेणियों में।
प्रश्न 4.
सदाबहार फलदार पौधों की उदाहरण दें।
उत्तर-
आम, लीची, नींबू, किन्नू, चीकू आदि।
प्रश्न 5.
पतझड़ी फलदार पौधों की उदाहरण दें।
उत्तर-
नाशपाती, अंगूर, आड़, अलूचा आदि।
प्रश्न 6.
सदाबहार फलदार पौधे लगाने का सही समय बताओ।
उत्तर-
फरवरी-मार्च, सितंबर-अक्तूबर का माह।
प्रश्न 7.
आम तथा लीची के बाग़ कब लगाने चाहिए ?
उत्तर-
सितंबर-अक्तूबर में।
प्रश्न 8.
पतझड़ी फलदार पौधे कब लगाने चाहिए ?
उत्तर-
सर्दियों में जब यह शिथिल अवस्था में हो।
प्रश्न 9.
आड़, अलूचा के पौधे कब लगाने चाहिए ?
उत्तर-
मध्य जनवरी।
प्रश्न 10.
नाशपाती, अंगूर के पौधे कब लगाने चाहिए ?
उत्तर-
मध्य फरवरी।
प्रश्न 11.
फलदार पौधों की कृषि के लिए पानी का स्तर कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
पानी का स्तर तीन मीटर से नीचे होना चाहिए।
प्रश्न 12.
संतरे की किस्में बताओ।
उत्तर-
किन्न, डेज़ी, डब्ल्यू०, मरकट।
प्रश्न 13.
मालटे की किस्में बताओ।
उत्तर-
मुसम्मी, जाफा, ब्लड रैड, बलैनसीया।
प्रश्न 14.
नींबू की किस्में बताओ।
उत्तर-
कागज़ी, बारामासी नींबू, गलगल।
प्रश्न 15.
आम की किस्में बताओ।
उत्तर-
दशहरी, लंगड़ा, अलफँजो।
प्रश्न 16.
नाशपाती की दो उन्नत किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
पंजाब नाख, पत्थर नाख (सख्त), पंजाब नैक्टर, पंजाब गोल्ड, बब्बूगोशा तथा लिंकोट आदि।
प्रश्न 17.
आड़ की किस्में बताओ।
उत्तर-
अरली ग्रैंड, शाने पंजाब, प्रभात।
प्रश्न 18.
अलुचा की किस्में लिखो।
उत्तर-
सतलुज पर्पल, काला अमृतसरी।
प्रश्न 19.
अमरूद की उन्नत किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
सरदार, अलाहाबाद, सफैदा, अरका अमुलिया, पंजाब पिंक।
प्रश्न 20.
अंगूर की किस्में बताओ।
उत्तर-
परलिट, ब्यूटी सीडलैस, फलेम सीडलैस, श्वेता।
प्रश्न 21.
बेर की किस्में बताओ।
उत्तर-
उमरान, सनोर-2, बलैती।
प्रश्न 22.
लीची की किस्में बताओ।
उत्तर-
देहरादून, कलकतीया।
प्रश्न 23.
चीकू की किस्में बताओ।
उत्तर-
काली पत्ती, क्रिकेट बाल।
प्रश्न 24.
अनार की किस्में बताओ।
उत्तर-
भगवा, गनेश, कंधारी।
प्रश्न 25.
बाग़ लगाने के छ: कोना ढंग में कितने पौधे अधिक लग जाते हैं ?
उत्तर-
15-20%.
प्रश्न 26.
नर्सरी से लिए गए पौधों की ऊंचाई के बारे में बताओ।
उत्तर-
पौधे मध्यम ऊंचाई के होने चाहिए।
प्रश्न 27.
बाग़ में मुख्य तत्व वाली खादें किस विधि द्वारा डाली जाती हैं ?
उत्तर-
छिड़काव विधि द्वारा।
पश्न 28.
फल को शाखा से खींच कर क्यों नहीं तोड़ना चाहिए ?
उत्तर-
फल की छील उतर सकती है तथा शाखा टूट सकती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पंजाब को जलवायु के आधार पर कितने क्षेत्रों में बांटा गया है तथा कौन-कौन से ?
उत्तर-
पंजाब को जलवायु के आधार पर तीन क्षेत्रों में बांटा गया है जो हैं –
- अर्द्ध पहाड़ी क्षेत्र
- केन्द्रीय क्षेत्र
- सिंचाई योग्य तथा शुष्क क्षेत्र।
प्रश्न 2.
अर्द्ध पहाड़ी के कौन-से जिले हैं ?
उत्तर-
रूपनगर, होशियारपुर, पठानकोट, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, शहीद भक्त सिंह नगर, केन्द्रीय शासित प्रदेश चण्डीगढ़।
प्रश्न 3.
अर्द्ध पहाड़ी क्षेत्र में कौन-से मुख्य फलों की कृषि होती है ?
उत्तर-
आम, नींबू, नाशपाती, किन्नू, संतरे, लीची, आड़, अलूचा, चीकू, आंवला आदि।
प्रश्न 4.
केन्द्रीय क्षेत्र में कौन-से जिले हैं ?
उत्तर-
अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, बरनाला, पटियाला, जालंधर, संगरूर, लुधियाना, मोगा, फतेहगढ़ साहिब आदि।
प्रश्न 5.
केन्द्रीय क्षेत्र में कौन-से फलों की कषि की जाती है ?
उत्तर-
नाशपाती, अमरूद, आड़, आम, किन्नू, संतरे, नींबू, अंगूर आदि।
प्रश्न 6.
सिंचाई वाले तथा शुष्क क्षेत्रों में कितने ज़िले हैं ?
उत्तर-
बठिंडा, मानसा, श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट, फिरोज़पुर, फाजिल्का आदि।
प्रश्न 7.
सिंचाई वाले तथा शुष्क क्षेत्रों के फल बताओ।
उत्तर-
किनू तथा अन्य संतरे, नींबू, अंगूर, बेर, अमरूद आदि।
प्रश्न 8.
फलदार पौधों की कृषि के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिए ?
उत्तर-
फलदार पौधे लगाने के लिए अच्छे जल निकास वाली, गहरी भल्ल वाली तथा उपजाऊ मिट्टी होनी चाहिए। भूमि की दो मीटर तक की गहराई तक कोई सख्त सतह नहीं होनी चाहिए।
प्रश्न 9.
फलदार पौधों के लिए कैसी मिट्टी ठीक नहीं रहती ?
उत्तर-
फलदार पौधों के लिए सेम वाली, तेज़ाबी तथा लवणीय भूमि में नहीं लगाना चाहिए।
प्रश्न 10.
कौन-से फल तोड़ने के बाद अधिक पक सकते हैं तथा कौन-से नहीं ? उदाहरण दें।
उत्तर-
केला, आम, अलूचा आदि तोड़ने के बाद अधिक पक सकते हैं परन्तु अंगूर, लीची आदि तोड़ने के बाद पक नहीं सकते।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
फलदार पौधों की सिंचाई तथा खादों का विवरण दें।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में (खादों के लिए)। सिंचाई-छोटे पौधों को 3-4 वर्ष तक मार्च से जून तक सप्ताह-सप्ताह के बाद, नवम्बर से फरवरी तक 2-3 सप्ताह के बाद तथा जुलाई से नवम्बर तक वर्षा तथा मिट्टी की किस्म के अनुसार पानी की आवश्यकता होती है।
बाग फल देने लग जाए तो कोंपल फुटावल से पहले, फल लगने पर तथा अधिक गर्मी में पानी देना आवश्यक हो जाता है। गर्मियों में पानी की कमी से फूल अधिक झड़ने लगते हैं।
प्रश्न 2.
निम्न फलों की उन्नत किस्मों के नाम लिखेंआम, आड़, अलूचा, अमरूद, अंगूर, आंवला, अनार।
उत्तर-
1. आम-लंगड़ा, अलफांजो, दुसहरी, चूसने वाला आम।
2. आड़-प्रताप, शाने पंजाब, फ्लोरिडा प्रिंस, अरली ग्रैंड, प्रभात।
3. अलूंचा-काला अमृतसरी, सतलुज परपल।
4. अमरूद-अर्का अमूलीया, सफैदा, पंजाब पिंक, अलाहाबाद, सरदार।
5. अंगूर-ब्यूटी सीडलैस, पंजाब परपल, फलेम सीडलैस, परलिट, श्वेता।
6. आंवला-नीलम, कंचन, वलवंत।
7. अनार-कंधारी, गनेश, भगवा।
प्रश्न 3.
बाग लगाने की वर्गाकार विधि के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
स्वयं करें।
प्रश्न 4.
नर्सरी से फलदार पौधों का चुनाव करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
स्वयं करें।
फलदार पौधों की खेती PSEB 10th Class Agriculture Notes
- फलों में शरीर को स्वस्थ रखने वाले पौष्टिक तत्व होते हैं, जैसे विटामिन, खनिज, प्रोटीन आदि।
- पंजाब में फलों की कृषि के अधीन क्षेत्रफल 78000 हेक्टेयर है।
- पंजाब में जलवायु के आधार पर इसको तीन क्षेत्रों में बांटा गया है-अर्द्ध पर्वतीय क्षेत्र, केन्द्रीय क्षेत्र, सेंजू वाला तथा शुष्क क्षेत्र।।
- फलदार पौधों को लगाने के समय अनुसार दो श्रेणियों में बांटा गया है
- सदाबहार फलदार पौधे तथा पतझड़ी फलदार पौधे।
- सदाबहार फलदार पौधे फरवरी-मार्च तथा सितंबर-अक्तूबर में लगाने चाहिए।
- पतझड़ी फलदार पौधे सर्दियों में जब यह शिथिल अवस्था में होते हैं लगाने चाहिए।
- फलदार पौधों के लिए मिट्टी गहरी, अच्छे जल निकास वाली, भल्ल वाली उपजाऊ होनी चाहिए।
- सेम वाली, नमक वाली या तेज़ाबी मिट्टी में फलदार पौधे नहीं लगाने चाहिए।
- फलदार पौधों की कृषि के लिए पानी का स्तर तीन मीटर से नीचे होना चाहिए।
- प्रत्येक पौधे के लिए 1 x 1 x 1 मीटर गहरे तथा चौड़े खड्डे खोदने चाहिए।
- पौधों को दीमक से बचाने के लिए लिंडेन या क्लोरोपाईरीफास का प्रयोग करो।
- फलदार पौधों का जीवन चक्र कई वर्षों का होता है।
- फलों के बाग़ लगाने के लिए सदा नई, सुधरी हुई तथा कृषि विशेषज्ञ द्वारा सिफ़ारिश की गई किस्में ही लगानी चाहिए।
- फलदार पौधों में सही फासला होना आवश्यक है ताकि सूर्य का प्रकाश, खादें, पानी की ठीक मात्रा मिलती रहे।
- बाग़ लगाने के तीन ढंग (विधियां) हैं-वर्गाकार, फिल्लर ढंग (विधि), छः कोना ढंग (विधि)।
- बाग़ लगाने के लिए पौधे पी०ए०यू० बागवानी विभाग, सरकारी मन्जूरशुदा नर्सरियों से ही लेने चाहिए।
- फलदार पौधों की वृद्धि मुख्य रूप से फरवरी से अप्रैल माह में होती है।
- फलदार पौधों को छोटी आयु में ही सही आकार तथा ढांचा देने के लिए इनकी सिंचाई करनी आवश्यक है।
- पौधे बड़े होने पर इन्हें कांट-छांट बहुत ज़रूरी है।
- फलों को टहनियों से खींच कर नहीं तोड़ना चाहिए।