PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 10 नर्स

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 10 नर्स Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 10 नर्स

Hindi Guide for Class 10 PSEB नर्स Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
महेश कितने साल का था?
उत्तर:
महेश छ: साल का था।

प्रश्न 2.
महेश कहाँ दाखिल था?
उत्तर:
महेश अस्पताल में दाखिल था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 10 नर्स

प्रश्न 3.
अस्पताल में मुलाकातियों से मिलने का समय क्या था?
उत्तर:
अस्पताल में मुलाकातियों से मिलने का समय शाम चार से छः बजे तक का था।

प्रश्न 4.
वार्ड में कुल कितने बच्चे थे?
उत्तर:
वार्ड में कुल बारह बच्चे थे।

प्रश्न 5.
सात बजे कौन-सी दो नर्से वार्ड में आईं?
उत्तर:
सात बजे. मरीडा और मांजरेकर नाम की दो नर्से वार्ड में आई थीं।

प्रश्न 6.
महेश किस सिस्टर से घुल-मिल गया था?
‘उत्तर:
महेश सिस्टर सूसान से घुल-मिल गया था।

प्रश्न 7.
महेश को अस्पताल से कितने दिन बाद छुट्टी मिली?
उत्तर:
महेश को तेरह दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिली।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
सरस्वती की परेशानी का क्या कारण था?
उत्तर:
सरस्वती का बेटा अस्पताल में दाखिल था। उसका ऑप्रेशन हुआ था। सरस्वती उससे मिलने अस्पताल आई थी। उसका बेटा उससे लिपटकर रो रहा था। सरस्वती का बेटा उसे वहाँ से जाने नहीं दे रहा था। बेटा सरस्वती की कोई बात सुनने को तैयार नहीं हो रहा था। बेटे का इस प्रकार रोना और तड़पना सरस्वती की परेशानी का कारण था।

प्रश्न 2.
सरस्वती ने नौ नम्बर बैड वाले बच्चे से क्या मदद माँगी?
उत्तर:
सरस्वती को नौ नम्बर बैड वाला बच्चा ज्यादा समझदार और अक्लमंद लग रहा था। वह शायद दस वर्ष का था। सरस्वती ने उसे पास बुलाकर कहा कि वह उसके बेटे महेश को बातों में लगाए, उसे कोई कहानी आदि सुनाए ताकि वह वहाँ से बाहर जा सके। लड़के ने सरस्वती की बात मान ली और उसकी मदद को तैयार हो गया। वह महेश के पास जाकर बात करने लगा और इसी बीच सरस्वती वहाँ से निकल कर बाहर आ गई।

प्रश्न 3.
सिस्टर सूसान ने महेश को अपने बेटे के बारे में क्या बताया?
अथवा
‘नर्स’ कहानी में सिस्टर सूसान ने महेश को अपने बेटे के बारे में क्या बताया?
उत्तर:
जब सिस्टर सूसान ने महेश को रोते देखा था तो उसने महेश को बताया कि उसका बेटा भी उसी की भाँति रोता है। वह बहुत शैतान है। उसका नाम भी महेश है। वह अभी तीन महीने का है। बिल्कुल छोटा-सा है। उसने महेश को यह भी बताया कि आया उससे जब खेलती है या गाना गाती है तो वह खुशी से हाथ-पैर ऊपर-नीचे करने लगता है जैसे नाच रहा हो। महेश के पूछने पर वह उसे बताती है कि उसके बेटे को अभी बोलना नहीं आता। इसलिए वह . अभी अंगू-अंगू ……गू, गूं…. बोलता है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 10 नर्स

प्रश्न 4.
दूसरे दिन महेश ने माँ को घर जाने की इजाजत खुशी-खुशी कैसे दे दी?
उत्तर:
महेश ने अपनी माँ को घर जाने की इजाज़त खुशी-खुशी दे दी थी क्योंकि सिस्टर सूसान के छोटे-से बच्चे की बातें सुनकर उसने अपनी माँ के बारे में सोचा था। उसे अपनी छोटी बहन मोना के रोने की चिंता की जिसे मम्मी पास वाले राजू के घर छोड़कर आई थी। वह नहीं चाहता था कि उसके रोने से माँ का कष्ट बड़े।

प्रश्न 5.
सरस्वती द्वारा सिस्टर सूसान को गुलदस्ता और उसके बबलू के लिए गिफ्ट पेश करने पर सिस्टर सूसान ने क्या कहा?
उत्तर:
सरस्वती द्वारा सिस्टर सूसान को गुलदस्ता और उसके बबलू के लिए गिफ्ट देने पर सिस्टर सूसान ने रंगबिरंगे फूलों वाला गुलदस्ता तो ले लिया पर अपने बबलू के लिए गिफ्ट नहीं लिया। उसकी न तो अभी शादी हुई थी और न ही उसकी कोई संतान थी। उसने तो महेश को बहलाने के लिए झूठ ही कहा था कि उसका छोटा-सा बबलू है।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह-सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
सिस्टर सूसान का चरित्र-चित्रण अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
सिस्टर सूसान ‘नर्स’ कहानी की दूसरी प्रमुख पात्र है। आधी से ज्यादा कहानी उसी के इर्द-गिर्द घूमती है। वह एक नर्स है। एक नर्स होने के सभी गुण उसमें विद्यमान हैं। वह अपना कार्य बहुत ही मेहनत तथा ईमानदारी से करती है। सूसान सरल हृदय वाली नारी है। उसका चरित्र ममतामयी नारी का चरित्र है। कहानीकार ने उसे सरल हृदया, कर्मठ तथा विवेकशील नारी के रूप में चित्रित किया है। उसके चरित्र में सहजता तथा स्वाभाविकता है। वह अस्पताल के बच्चों को एक माँ के समान प्यार करती है। उसमें स्थितियों को समझने और उसके अनुसार स्वयं को ढालने की शक्ति है। वह महेश को रोता देख उसकी पीड़ा को समझकर उसकी मनोव्यथा को दूर करती है। वह बाल मनोविज्ञान को समझती है। अतः सूसान सही अर्थों में एक ममतामयी, सेवाभाव से युक्त तथा ममत्व से परिपूर्ण नारी है। वह ईमानदार है। यदि ऐसा न होता तो महेश की माँ से उपहार भी ले सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

प्रश्न 2.
‘नर्स’ कहानी का उद्देश्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
कहानीकार का उद्देश्य उसकी रचना में ही समाहित है। उसने अपने वर्ण्य चरित्र का गुणगान करते समय उसकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला है कि किस प्रकार नर्स सूसान बच्चों को चिकित्सा के अतिरिक्त अपनी ममता, स्नेह, दुलार, सोहार्द तथा भावों से भरी बातचीत से कैसे बच्चों का दिल जीत लेती है। उनका इलाज करती है। माँ न होते हुए भी उन्हें माँ की कमी महसूस नहीं होने देती। लेखक का उद्देश्य नर्स के सेवाभाव और ममत्व को रोगी के हितों के लिए प्रस्तुत करना रहा है। इसके साथ कहानीकार ने एक बच्चे के मनोभावों तथा माँ के हृदय की पीड़ा को बड़े ही सशक्त शब्दों में प्रस्तुत किया है।

(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित पंजाबी गद्यांशों का हिंदी में अनुवाद कीजिए

प्रश्न 1.
ਅੱਠ ਵਜੇ ਸਿਸਟਰ ਸੂਸਾਨ ਦੇ ਵਾਰਡ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦੇ ਹੀ ਕਈ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਚਿਹਰੇ ਤੇ ਮੁਸਕਾਨ ਛਾ ਗਈ । ਇਕ ਤੇ ਨੌ ਨੰਬਰ ਵਾਲੇ ਬੱਚੇ ਤਾਂ ਉਸਦੇ ਸੁਆਗਤ ਲਈ ਬਿਸਤਰ ਤੋਂ ਉੱਠ ਕੇ ਬੈਠ ਗਏ । ਸਿਸਟਰ ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਲ ਹੱਥ ਹਿਲਾਇਆ !
उत्तर:
आठ बजे सिस्टर सूसान के वार्ड में आते ही कई बच्चों के चेहरे पर मुस्कान छा गई। एक से नौ नंबर वाले बच्चे तो उसका स्वागत करने के लिए बिस्तर से उठकर बैठ गए। सिस्टर ने उनकी तरफ हाथ हिलाया।

प्रश्न 2.
ਰੰਗ ਬਿਰੰਗੇ ਸੁੰਦਰ ਫੁੱਲਾਂ ਵਾਲਾ ਇਹ ਗੁਲਦਸਤਾ ਤਾਂ ਮੈਂ ਖੁਸ਼ੀ ਨਾਲ ਲੈ ਰਹੀ ਹਾਂ ਬਾਕੀ ਇਹ ਗਿਫਟ ਕਿਸੀ ਇਹੋ ਜਿਹੀ ਔਰਤ ਨੂੰ ਦੇ ਦੇਣਾ ਜਿਸਦਾ ਕੋਈ ਬਬਲੂ ਹੋਏ । ਮੇਰਾ ਤਾਂ ਕੋਈ ਬਬਲੂ ਹੈ ਹੀ ਨਹੀਂ । ਮੈਂ ਤਾਂ ਹਾਲੇ ਤਕ ਸ਼ਾਦੀ ਹੀ ठी वीठी वै ।
उत्तर:
रंग बिरंगे सुंदर फूलों वाला यह गुलदस्ता तो मैं खुशी से ले रही हूँ। शेष यह गिफ्ट किसी ऐसी औरत को देना जिसका कोई बबलू हो। मेरा तो कोई बबलू है ही नहीं। मैंने तो अभी तक शादी ही नहीं की है।

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
आप अपने जीवन में क्या बनना चाहेगे ? इस विषय पर कक्षा में सभी विद्यार्थी चर्चा कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य अनेक कल्पनाएँ करता है। वह अपने को ऊपर उठाने के लिए योजनाएँ बनाता है। कल्पना सबके लिए होती है लेकिन उस कल्पना को साकार करने की शक्ति किसी-किसी के पास होती है। सपनों में सब घूमते हैं। सभी अपने सामने कोई-न-कोई लक्ष्य रखकर चलते हैं। सभी महत्त्वाकांक्षा का मोती प्राप्त करना चाहते हैं।

विभिन्न व्यक्तियों के विभिन्न लक्ष्य होते हैं। कोई डॉक्टर बनकर रोगियों की सेवा करना चाहता है तो कोई इंजीनियर बनकर निर्माण करना चाहता है। कोई कर्मचारी बनना चाहता है तो कोई व्यापारी। कोई नेता बनना चाहता है तो कोई अभिनेता। मेरे मन में भी एक कल्पना है। मैं अध्यापक बनना चाहता हूँ। भले ही कुछ लोग इसे साधारण उद्देश्य समझें पर मेरे लिए यह गौरव की बात है। अध्यापक देश-सेवा और समाज-सेवा का सबसे बड़ा साधन होता है।

मैं व्यक्ति की अपेक्षा समाज और समाज की अपेक्षा राष्ट्र को अधिक महत्त्व देता हूँ। स्वार्थ की अपेक्षा परमार्थ को महत्त्व देता हूँ। मैं मानता हूँ कि जो ईंट नींव बनती है, महल उसी पर खड़ा होता है। मैं धन, कीर्ति और यश का भूखा नहीं। मेरे सामने तो राष्ट्र-कवि श्री मैथिलीशरण गुप्त का यह सिद्धांत रहता है ‘समष्टि के लिए समष्टि हों बलिदान’। विद्यार्थी देश की नींव हैं। मैं उस नींव को मज़बूत बनाना चाहता हूँ।

यदि मैं अध्यापक होता-अध्यापक बनने की मेरी इच्छा पूरी होगी अथवा नहीं इस विषय में मैं निश्चित रूप से पता नहीं कर सकता। यदि मैं अध्यापक होता तो क्या करता, यह बता देना मैं अपना कर्त्तव्य समझता हूँ। आज के अध्यापक को देखकर मेरा मन निराशा से भर जाता है। आज का अध्यापक अध्यापन को भी एक व्यवसाय समझता है। पैसे कमाने को ही वह अपना लक्ष्य समझ बैठा है। वह यह भूल गया है कि इस व्यवसाय में त्याग और बलिदान की ज़रूरत है। यदि मैं शिक्षक होता तो सबसे पूर्व अपने में उत्तम गुणों का विकास करता।

छात्रों को शिक्षा के महत्त्व से संचित कराकर उनमें शिक्षा के प्रति रुचि पैदा करता। आज बहुत से विद्यार्थी शिक्षा को बोझ समझते हैं। स्कूल से भाग जाना, काम से जी चुराना, अनुशासनहीनता का परिचय देना, बड़ों का अपमान करना उनके जीवन की साधारण घटनाएँ बन गई हैं। मैं उनमें अच्छे संस्कार पैदा कर उनकी बुराइयों को समाप्त करता।

मुझे जो भी विषय पढ़ाने के लिए दिया जाता उसे रोचक और सरल ढंग से पढ़ाता। शैक्षणिक भ्रमण की योजनाओं द्वारा इसमें ऐतिहासिक स्थानों के प्रति रुचि पैदा करता। उन्हें सच्चा भारतीय बनाता। मैं अपने विद्यार्थियों को अपने परिवार । के सदस्यों के समान समझता, उनकी कठिनाइयों को दूर करने की कोशिश करता। मैं यह कभी न भूलता कि यदि स्वामी दयानंद, विवेकानंद, शिवाजी जैसे महापुरुष पैदा करने हैं तो अपने व्यक्तित्व को भी ऊँचा उठाना पड़ेगा। आज भारत को आदर्श नागरिकों की आवश्यकता है। आदर्श शिक्षा द्वारा ही उच्चकोटि के व्यक्ति पैदा किए जा सकते है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 10 नर्स

प्रश्न 2.
नर्सिंग क्षेत्र के अतिरिक्त और किस-किस क्षेत्र में मानव-सेवा के भाव जिंदा हैं? कक्षा में इसकी चर्चा कीजिए।
उत्तर:
नर्सिंग के अतिरिक्त आज के युग में अन्य बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ मानव-सेवा भाव जिंदा है जैसे-विभिन्न प्रकार के समाज सेवी कार्य, अध्यापन का कार्य आदि। विद्यार्थी अपने विवेक के आधार पर स्वयं कक्षा में चर्चा करें।

प्रश्न 3.
अस्पताल के किसी वार्ड का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मैंने सरकारी अस्पताल के सामान्य वार्ड को एक बार तब देखा था जब मैं अपने घर काम करने वाले माली के पिता को देखने अपने पापा के साथ गया था। उस सामान्य वार्ड में लगभग बीस रोगी लेटे हुए थे। सब तरफ गंदगी बिखरी हुई थी। वहाँ न तो कोई डॉक्टर था और न ही नर्स। हर रोगी के साथ दो-तीन लोग थे। वह स्थान रोगियों के लिए वार्ड नहीं लग रहा था। कुछ रोगी तड़प रहे थे तो कुछ लेटे हुए थे। गर्मी के कारण सबका बुरा हाल था।

प्रश्न 4.
‘नर्स होना चुनौतीपूर्ण वचनबद्धता है’-इस विषय पर अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर:
नर्स होना वास्तव में ही चुनौतीपूर्ण वचनबद्धता है। प्राय: सभी रोगी कष्ट की स्थिति में ही अस्पताल में भर्ती होते हैं। उनके साथ वहाँ आए लोग भी परेशान होते हैं। नर्स को रोगी की सहायता करनी होती है तो उसके साथ आए लोगों को समझाना पड़ता है। उसे सब से सभ्यतापूर्वक व्यवहार करना पड़ता है। उन्हें सांत्वना देनी होती है। साथ ही साथ सभी को समय पर दवाई देनी होती है, उनके आवश्यक टेस्ट कराने होते हैं। स्वयं कष्ट में होने पर भी सभी को मीठी भाषा में समझाना पड़ता है। निश्चित रूप से यह कार्य आसान नहीं है।

(घ) पाठ्येतर सक्रियता

  1. 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस और 1 जुलाई को डॉक्टर्स-डे पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। टी० वी० पर इन कार्यक्रमों को देखिए और समाचार-पत्रों से इसके बारे में जानकारी जुटाइए।
  2. विद्यालय में नर्सिंग सेवा भाव पर कोई नाट्य प्रस्तुति करें।
  3. सेवा भाव से दुनिया जीतने वाली मदर टेरेसा के चित्रों की एलबम तैयार कीजिए।

(ङ) ज्ञान-विस्तार

‘नर्सिंग’ शब्द नर्स से बना है। नर्स का अर्थ परिचारिका होता है, जो रोगियों की सेवा करती है। नर्सिंग का अर्थ रोगियों की सेवा करना है। प्रतिवर्ष 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस पर मनाया जाता है। इनका जन्म 12 मई, सन् 1820 ई० में ब्रिटेन में हुआ था। इनका मन दीन-दुखियों तथा समाज-सेवा में बहुत लगता था। इन्होंने क्रीमिया के युद्ध में सक्रिय योगदान घायलों की सेवा करके दिया। इन्होंने अक्तूबर सन् 1854 ई० में 38 महिलाओं का दल तुर्की घायलों की सेवा के लिए भेजा था। वे स्वयं रात को भी लालटेन लेकर रोगियों की सेवा करती थीं, जिस कारण इन्हें लेडी विद दी लैम्प कहा गया। इसी प्रकार से मदर टेरेसा ने सन् 1950 में कोलकाता में मिशनरी ऑफ चैरिटी स्थापित कर बीमारों, गरीबों, असहायों की पैंतालीस वर्षों तक सेवा की। इनके कार्यों के लिए इन्हें भारत रत्न तथा नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला था।

PSEB 10th Class Hindi Guide नर्स Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
‘नर्स’ कहानी में लेखक ने क्या बताना चाहा है?
उत्तर:
‘नर्स’ कहानी में लेखक ने नर्स के सेवाभाव तथा ममत्व को रोगी के हितों में प्रस्तुत किया है।

प्रश्न 2.
सरस्वती कौन थी?
उत्तर:
सरस्वती नन्हें छ: साल के उस बच्चे की माँ थी जिसका नाम महेश था।

प्रश्न 3.
नौ नंबर बैड वाले बच्चे के बारे में सरस्वती की क्या राय थी ?
उत्तर:
सरस्वती नौ नंबर बैड वाले बच्चे को समझदार मानती थी। उसके अनुसार वह दस साल का था। वह स्थिति को समझता था।

प्रश्न 4.
ऑपरेशन के बाद महेश ने क्या किया था ?
उत्तर:
ऑपरेशन के बाद जब महेश होश में आया तो वह मम्मी-मम्मी पुकारते हुए चिल्ला रहा था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 10 नर्स

प्रश्न 5.
सरस्वती चुपचाप चोरों की भाँति वार्ड से बाहर क्यों निकल गई ?
उत्तर:
सरस्वती अपने बेटे महेश से बहुत प्यार करती थी। महेश भी अपनी माँ से बहुत प्यार करता था। वह उसे छोड़ नहीं रहा था इसलिए वह चुपचाप चोरों की भाँति वार्ड से बाहर निकल गई।

प्रश्न 6.
पौने सात बजे वार्ड की क्या स्थिति थी ?
उत्तर:
पौने सात बजे सारे वार्ड में खामोशी छाई हुई थी। इस सारी खामोशी में महेश की हिचकी भरी मम्मी-मम्मी की रट सुनाई दे रही थी।

प्रश्न 7.
कौन-सा बैड सबसे सही जगह पर लगा हुआ था?
उत्तर:
चार नंबर का बैड सबसे सही जगह पर था क्योंकि वह खिड़की के पास था। वहाँ से बाहर का सारा दृश्य दिखता था।

प्रश्न 8.
‘नर्स’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कहानीकार ने अपनी कहानी का शीर्षक ‘नर्स’ एक दम सटीक रखा है। सारी कहानी नर्स पर ही केंद्रित है। कहानी में नर्स के सेवाभाव तथा समर्पण को दर्शाया गया है। पाठक जैसे-जैसे कहानी को पढ़ता है वह शीर्षक के प्रति अग्रसर होता जाता है। अत: कहानी का शीर्षक ‘नर्स’ अत्यंत रोचक तथा जिज्ञासावर्धक है।

प्रश्न 9.
कहानीकार कलाप्रकाश की कहानी ‘नर्स’ की भाषा शैली पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
आधुनिक हिंदी साहित्य में कहानीकार कला प्रकाश का अपना विशेष स्थान है। उनकी कहानी ‘नर्स’ की भाषा सरल तथा पात्रानुकूल है। आवश्यकतानुसार लेखिका ने अंग्रेज़ी के प्रचलित शब्दों का भी प्रयोग किया है। छोटेछोटे वाक्य देखते ही बनते हैं। मुहावरों का सटीक प्रयोग हुआ है। इनकी भाषा में भावना एवं कल्पना के साथ-साथ अलंकारों का भी प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 10.
महेश अस्पताल में किसे और क्या पुकार कर रो रहा था ?
उत्तर:
महेश अस्पताल में अपनी माँ को देखकर उससे लिपट रहा था। वह माँ-माँ पुकारता हुआ खूब रो रहा था। वह अपने पास से अपनी माँ को दूर नहीं जाने दे रहा था। वह माँ की कोई बात नहीं सुनता था। वह तो बस उससे चिपटा रहना चाहता था किंतु जब माँ चली गई तब भी वह रोता रहा था। वह माँ-माँ पुकारता रहा था।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
“चिल्लाओगे तो दर्द ज्यादा होगा”-महेश को यह किसने समझाया ?
उत्तर:
वार्ड में नौ नंबर वाले बच्चे ने महेश को यह समझाया।

प्रश्न 2.
किस नर्स के वार्ड में आते ही बच्चों के चेहरे पर मुस्कान छा जाती थी ?
उत्तर:
सिस्टर सूसान के वार्ड में आते ही बच्चों के चेहरे पर मुस्कान छा जाती थी।

प्रश्न 3.
दूसरे दिन सरस्वती जब घर जाने लगी तो महेश ने उससे क्या कहा ?
उत्तर:
महेश ने माँ को जल्दी घर जाने और राजू के घर से मोना को ले आने के लिए कहा।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 10 नर्स

प्रश्न 4.
सूसान ने सरस्वती से बबलू के लिए गिफ़्ट क्यों नहीं लिया ?
उत्तर:
सूसान की अभी शादी नहीं हुई थी और उसका कोई बबलू भी नहीं था।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
अस्पताल के वार्ड से मुलाकातियों के जाने का समय क्या था?
(क) चार बजे
(ख) पाँच बजे
(ग) छह बजे
(घ) सात बजे।
उत्तर:
(ग) छह बजे

प्रश्न 2.
बच्चों के वार्ड में कितने पलंग थे?
(क) नौ
(ख) दस
(ग) ग्यारह
(घ) बारह।
उत्तर:
(घ) बारह

प्रश्न 3.
किस नंबर के बैड का बच्चा अपनी माँ को क्राइस्ट समझता होगा?
(क) तीन
(ख) पाँच
(ग) सात
(घ) नौ।
उत्तर:
(ख) पाँच

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न

प्रश्न 1.
सात बजे वार्ड में कितनी नर्से आईं? (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
दो

प्रश्न 2.
मरीडा बोली-यहाँ तो मरने तक की फुर्सत नहीं, इन बच्चों के साथ किस वक़्त बैठकर बातें करें। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 3.
सिस्टर सूसान महेश के बिस्तर के ऊपर खिलौने बांध देती हैं। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 4.
“अस्पताल में नर्स ही मम्मी होती है।” सूसान ने महेश को बताया। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
हाँ

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 10 नर्स

प्रश्न 5.
सूसान ने कहा-‘पति बहुत ही ईर्ष्यालु होते हैं।’ (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 6.
सरस्वती की भी ……… छूट गई।
उत्तर:
हँसी

प्रश्न 7.
बच्चे ने …………. उठाकर आंखें पोंछीं।
उत्तर:
नैपकिन

प्रश्न 8.
कैसी होगी ………… नाम की सोनपरी।
उत्तर:
सूसान।

नर्स कठिन शब्दों के अर्थ

ऑप्रेशन = चीरफाड, शल्य प्रक्रिया। तंग करना = परेशान करना। मुलाकाती = परिचित। बाँह = बाजू। कायदा = नियम। संतोष = शांति। पसीना आना = घबराहट होना। बेखबर = अनजान। सिस्टर = नर्स। पायताने = पाँयता। वह दिशा जिधर पैर फैलाकर सोया जाए। प्लीज = कृपया, फुर्सत = अवकाश। दिलासा देना = सांत्वना देना। अनसुना = जो सुना न गया हो। निगाहें = नजरें, शुक्रगुज़ार = एहसान मानने वाला। ख़्याल आना = ध्यान आना। इजाजत = अनुमति, आज्ञा। पुकार = आवाज़। आँखें बहना = रोना, ईर्ष्या = जलन। खामोश = चुपचाप। तुशी = तीखापन। आँखें पोंछना = आँसू पोंछना। सैड = उदास। विचलित = चंचल, अस्थिर।

नर्स Summary

नर्स लेखिका परिचय

जीवन-परिचय-श्रीमती कला प्रकाश सिंधी की सुप्रसिद्ध लेखिका हैं। उन्होंने हिंदी-साहित्य के लेखन में भी अपनी कुशलता को अच्छी तरह से प्रकट किया है। उनका जन्म 2 जनवरी, सन् 1934 ई० में कराची (पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने एम० ए० तक की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् महाराष्ट्र के उल्हास नगर के महाविद्यालय में प्राध्यापिका का कार्य किया। बाद में दुबई के विद्यालय में प्रधानाचार्या का कार्यभार सफलतापूर्वक निभाया। सन् 1953 ई० से अब तक इन्होंने सिंधी-साहित्य को संपन्नता प्रदान करने में सफलता प्राप्त की है। इनकी पहली कहानी ‘दोही बेदोही’ मुंबई की एक पत्रिका ‘नई दुनिया’ में छपी थी। .

रचनाएँ-
श्रीमती कला प्रकाश के रचित साहित्य है-
उपन्यास-‘हिक दिल हजार अरमान’, ‘शीशे जो दिल’, ‘हिक सपनों सुखन जी’, ‘हयाली होतन री’, ‘वक्त विथियू बिछोटिषु’, ‘आरसी अ-आड़ो’, ‘प्यार’, ‘पखन जी प्रीत’, ‘समुद्र-ए-किनारे’, ‘औखा पंथ प्यार जा’।
कहानी संग्रह–’मुर्क ए ममता’, ‘वारन में गुल’, ‘इंतजार’। .
काव्य संग्रह-‘ममता जूं लहरूं (1963)’, ममता जूं लहरू (2006)।
यात्रा वृत्तांत—’जे-हिअन्रे हुटन’।

साहित्यिक विशेषताएं-श्रीमती कला प्रकाश के लेखन की मुख्य दिलचस्पी महिलाओं से संबंधित विभिन्न विषयों में है। स्वयं नारी होने के कारण इन्हें नारी-संबंधी विषयों को प्रस्तुत करने में अपेक्षाकृत अधिक सफलता प्राप्त हुई है। इन्हें ‘आरसी-अ-आडो’ उपन्यास पर साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया था। इनकी पुस्तक ‘ममता तू लहरूं’ को अखिल भारतीय सिंधी अकादमी ने ‘बेस्ट बुक ऑफ दा ईयर’ घोषित किया था। इनके पति भी लेखक हैं और इन दोनों पति-पत्नी को साहित्य अकादमी अवार्ड मिल चुका है।

कला प्रकाश का सारा साहित्य भावात्मक है। इनकी रचनाओं में जहाँ पाठक आत्म-विभोर होता है वहीं दूसरी ओर पाठकों का मनोरंजन भी होता है। उनके मन में समसामयिक समस्याओं के प्रति भावनाएँ भी उद्वेलित होती हैं। इन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग में व्याप्त विषमताओं को उजागर किया है। इन्होंने समाज में जागरूकता लाने का भी सफल प्रयास किया है। इनके साहित्य में भावात्मकता की प्रधानता है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 10 नर्स

नर्स कहानी का सार

कला प्रकाश द्वारा रचित ‘नर्स’ एक श्रेष्ठ कहानी है। यह कहानी एक नर्स के सेवाभाव और ममत्व को रोगी के हितों में प्रस्तुत करती है। इसमें बाल मनोविज्ञान की तरफ भी संकेत किया गया है।।
महेश छः साल का छोटा बच्चा था। उसका आप्रेशन हुआ था इसलिए वह अस्पताल में भर्ती था। अस्पताल में मरीज से मिलने का समय छ: बजे तक का था। लेकिन महेश की माँ सरस्वती समय पूरा हो जाने पर भी महेश की जिद्द के कारण वहाँ रुकी हुई थी। वह चाहकर भी जा नहीं पा रही थी। महेश अपनी माँ को अपने पास रोकना चाहता था। सरस्वती वार्ड में इधर-उधर देखने लगी। सभी बच्चे महेश को ताक रहे थे। सरस्वती को याद आया कि कुछ देर पहले नौ नंबर बैड वाले ने उसे बताया था कि ऑप्रेशन के बाद महेश माँ-माँ करके रो रहा था।

तब सरस्वती उस नौ नंबर बैड वाले बालक को महेश पास छोड़ कर जल्दी से अस्पताल के गेट के पास आ गई। उसकी आँखों से आँसू छलछला रहे थे। वार्ड में नौ नंबर वाला बच्चा महेश को समझा रहा था किंतु महेश कुछ सुनने को तैयार नहीं था। वह तो बस माँ की रट लगाए हुए था। कुछ देर बाद वह बच्चा वापस अपने बैड पर चला गया। थोड़ी देर बाद चारों ओर खामोशी छा गई। इस खामोशी में भी महेश की मम्मी-मम्मी की हिचकी गूंज रही थी। सात बजे मरीडा और मांजरेकर नाम की दो नर्से वार्ड में आईं। वे दोनों आपस में बातें कर रही थीं। मरीजों को दवाई खिला रही थीं। उनका बिस्तर ठीक कर रही थीं। चार नंबर बैड पर पहुँच कर मरींडा बच्चे से बोली कि उसका बिस्तर खिड़की के पास है और उसे बाहर का दृश्य देखना चाहिए न कि चादर में मुँह छिपाकर रोना चाहिए। मरीडा में बच्चों के प्रति अत्यंत लगाव और प्यार था। वह मांजरेकर से बच्चों के पास समय बिताने और बातें करने को कहती है लेकिन मांजरेकर यह कहकर टाल देती है कि साँस लेने तक की फुर्सत तो है नहीं बातें कब करेंगे।

दोनों नौं के जाने के बाद फिर से वार्ड में खामोशी समा गई। सभी के बैड एक जैसे थे। उनकी चादर तथा कंबल भी एक ही रंग के थे। बैड के साइड में एक कबर्ड भी था। उसे साइड टेबल की तरह काम में लिया जाता था। आठ बजे नर्स सूसान वार्ड में आई। उसे देखकर सभी बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा गई। नौ नंबर बैड का बच्चा तो उसके स्वागत में उठकर बैठ गया। वह बच्चों को दवाई पिलाने लगी। उनका बुखार चैक करने लगी। अंत में वह महेश के पास पहुँची। उससे प्यार से बातें करने लगी। उसने उसको बताया कि उसका भी एक बेटा है जिसका नाम महेश है किंतु वह अभी छोटा है केवल तीन महीने का है। वह उसे बहुत परेशान करता है। सूसान महेश को बातें बताती हुई सूप और दवाई पिला रही थी।

अपने ममत्व से उसने महेश को चुप करा दिया उसे दवाई भी पिला दी। महेश से रहा न गया और वह सूसान के बेटे के बारे में और जानने को उत्सुक होने लगा। उसने पूछा वह और क्या करता है। सूसान ने कहा वह अभी बोल नहीं सकता। लेकिन अगं, अगूं… गू, गूं आदि स्वर निकालता रहता है। सूसान बबलू के समान मुँह फुलाकर आवाजें निकालकर महेश को दिखाने लगी। महेश हँस पड़ा। सूसान ने महेश को कहा अब उसे जाना है जब ज़रूरत हो वह उसे बुला सकता है। दूसरे दिन जब सरस्वती महेश से मिलने अस्पताल आई तो वह बहुत विचलित थी कि उसका बेटा कैसा होगा? मम्मी को देखते ही महेश ने उसे गले से लगा लिया। उसने माँ से अपनी बहन मोना के बारे में पूछा क्या वह उसके आने पर रो रही थी ? माँ ने उसे बताया नहीं वह मोना को राजू के पास छोड़कर आई है।

तब महेश ने माँ को बताया कि सिस्टर सूसान का बेटा उसके आने पर बहुत रोता है। वह बहुत शैतान है। माँ के दिल पर सूसान का नाम छप गया। उसने महेश को बड़ा प्यार और दुलार जो दिया था। बाद में जब माँ को सूसान से पता लगा कि वह तो अभी अविवाहित थी और उसने महेश को सहज बनाने के लिए झूठ ही अपने विवाह की बात कही थी तो माँ उसके स्वभाव और बालमनोविज्ञान की समझ पर मुग्ध हो उठी थी।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 9 दो कलाकार

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 9 दो कलाकार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 9 दो कलाकार

Hindi Guide for Class 10 PSEB दो कलाकार Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
छात्रावास में रहने वाली दो सहेलियों के नाम क्या थे?
उत्तर:
छात्रावास में रहने वाली दो सहेलियों के नाम अरुणा और चित्रा थे।

प्रश्न 2.
चित्रा कहानी के आरंभ में अरुणा को क्यों जगाती है?
उत्तर:
चित्रा कहानी के आरंभ में अरुणां को अपने द्वारा बनाया हुआ चित्र दिखाने के लिए जगाती है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 9 दो कलाकार

प्रश्न 3.
अरुणा चित्रा के चित्रों के बारे में क्या कहती है?
उत्तर:
अरुणा चित्रा के चित्रों को देखकर कहती है कि “कागज़ पर इन बेज़ान चित्रों को बनाने की बजाय दोचार की ज़िंदगी क्यों नहीं बना देती।”

प्रश्न 4.
अरुणा छात्रावास में रात को देर से लौटती है तो शीला उसके बारे में क्या कहती है?
उत्तर:
शीला अरुणा के बारे में कहती है कि वह बहुत गुणी है। वह दूसरों के बारे में सोचने वाली समाज सेविका है।

प्रश्न 5.
चित्रा के पिता जी ने पत्र में क्या लिखा था?
उत्तर:
चित्रा के पिता जी ने जो पत्र भेजा उसमें लिखा था कि जैसे ही उसकी पढ़ाई खत्म हो जाएगी, वह विदेश जा सकती है।

प्रश्न 6.
अरुणा बाढ़ पीड़ितों की सहायता करके स्वयंसेवकों के दल के साथ कितने दिनों बाद लौटी?
उत्तर:
अरुणा बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए स्वयंसेवकों के दल के साथ सहायता पंद्रह दिन बाद लौटी।

प्रश्न 7.
विदेश में चित्रा के किस चित्र ने धूम मचायी थी?
उत्तर:
विदेश में भिखमंगी और दो अनाथ बच्चों के चित्र ने खूब धूम मचायी।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में लिखें

प्रश्न 1.
अरुणा के समाज सेवा के कार्यों के बारे में लिखिए।
उत्तर:
अरुणा अपने विद्यार्थी जीवन से ही समाज सेवा के कार्यों से जुड़ी हुई थी। वह बेसहारा लोगों को सहारा देने का काम करती हैं। वह अपनी सेवा के खूबसूरत रंगों से लोगों की बेरंगी जिंदगी में रंग भरने का काम करती है। वह दाइयों, चपरासियों आदि के बच्चों को पढ़ाती है। फुलिया के बच्चे की मृत्यु उसे अत्यधिक आहत करती है। भिखारिन के मरने के बाद वह उसके दोनों बच्चों का पालन-पोषण करती है।

प्रश्न 2.
मरी हुई भिखारिन और उसके दोनों बच्चों को उसके सूखे शरीर से चिपक कर रोते देख चित्रा ने क्या किया?
उत्तर:
मरी हुई भिखारिन और उसके दोनों बच्चों को उसके सूखे शरीर से चिपक कर रोते देख चित्रा का हृदय करुणा से भर गया। वह चाह कर भी स्वयं को वहां से दूर नहीं कर पाई। वह वहीं रुकी और उस दृश्य को देखकर उसने उनका चित्र कागज़ पर उतारा। यह उसके अंदर का कलाकार था जो चित्र के रूप में उभर कर हमारे सामने आया।

प्रश्न 3.
चित्रा की हॉस्टल से विदाई के समय अरुणा क्यों नहीं पहुँच सकी?
उत्तर:
जब चित्रा की हॉस्टल से विदाई हो रही थी तब अरुणा वहाँ नहीं पहुँच सकी थी। चित्रा बार-बार हॉस्टल के फाटक पर खड़ी हो उसे इधर-उधर ढूँढ़ रही थी लेकिन वह वहाँ कहीं नहीं थी। अरुणा उस समय उन दो अनाथ बच्चों के पास पहुँच गई थी जिनकी तस्वीर चित्रा ने तब बनाई थी जब उनकी माँ पेड़ के नीचे मरी पड़ी थी। वह उन अनाथ बच्चों को संभालने के कारण समय पर नहीं पहुँच सकी थी।

प्रश्न 4.
प्रदर्शनी में अरुणा के साथ कौन-से बच्चे थे?
उत्तर:
प्रदर्शनी में अरुणा के साथ वे दो बच्चे थे जो भिखारिन के मरने के बाद बेसहारा रह गए थे। अरुणा ने उन्हें पाला-पोसा था। अब वह माँ की तरह उन दोनों की देखभाल करती थी।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह या सात पंक्तियों में दीजिए।

प्रश्न 1.
दो कलाकार कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मन्नू भंडारी रचित ‘दो कलाकार’ एक उद्देश्यपूर्ण कहानी है जिसमें यह दर्शाया गया है कि कला विशेष के अनन्य साधक या साधिका को कलाकार मानना परंपरागत रूप में यथार्थ है किंतु कलाकार वह भी है जिसमें मानवोचित गुणों का समुचित विकास हो भले ही वह किसी कला का अभ्यासी न हो। सच तो यह है कि मानव मूल्यों का संपोषक उस कलाकार से बड़ा है जो मनुष्य समाज के प्रति अपने दायित्व से विरक्त होकर केवल कला की साधना में ही लीन रहता है। लेखिका ने चित्रा को आत्म-सुख, अपनी उन्नति, अपनी चित्रकला में लीन दिखा कर तथा अरुणा को समाज के लिए दया, करुणा, सहानुभूति आदि बांटते हुए दिखाकर यही सिद्ध किया है कि अरुणा चित्रा से महान् कलाकार है क्योंकि उसमें उच्च मानवीय गुण विद्यमान हैं।

प्रश्न 2.
दो कलाकार के आधार पर अरुणा का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर:
मन्नु भंडारी द्वारा रचित कहानी ‘दो कलाकार’ में अरुणा को एक समर्पित समाज-सेविका के रूप में चित्रित किया गया है। वह निर्जीव चित्र बनाने की अपेक्षा किसी का जीवन संवार देना अधिक उचित मानती है। चित्रा के प्रति उसके मन में मित्रता का भाव है। वह अध्ययन से भी अधिक दीन-दुखियों की सेवा को महत्त्व देती है। पर दुःख कातरता के कारण ही वह मृत भिखारिन के बच्चों का पालन-पोषण करती है। फुलिया दाई के बीमार बच्चे की सेवा करती है। वह अत्यंत भावुक भी है। इसी कारण दाई के बच्चे के मर जाने पर वह खाना भी नहीं खाती है। वह अपने कर्तव्य पालन में इतनी लीन रहती है कि वह चित्रा को विदा करने भी नहीं आ पाती। वह अपनी जैसी विचारधारा वाले मनोज को पति के रूप में पाना चाहती है क्योंकि वह मानती है कि जो व्यक्ति समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को जानता हो वही उसका पति बन सकता है। इस प्रकार अरुणा एक ऐसी आदर्शवादी युवती है जिसने अपना समस्त जीवन-सेवा में अर्पित कर दिया है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 9 दो कलाकार

प्रश्न 3.
चित्रा एक मंझी हुई चित्रकार है। आप इससे कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर:
हाँ, चित्रा एक मंझी हुई चित्रकार है। उसे चित्रकला का बहुत शौक है। वह चित्र बनाने के लिए सदैव नवीन प्रेरणाओं की तलाश करती है। उसकी मेहनत उसे विश्व प्रसिद्ध चित्रकार बना देती है। वह आधुनिक चित्रकला के नियमों के अनुसार अपने चित्रों को बनाती है। उसकी कला जीवन के सुख-दुःख से जुड़ी हुई थी। उसके द्वारा बनाया गया भिखमंगी तथा उसके दोनों बच्चों का चित्र उसकी मंझी कलाकार होने का सबूत हैं।

प्रश्न 4.
‘दो हाथ’/’दो कलाकार’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘दो हाथ’/ दो कलाकार’ कहानी का शीर्षक एक उचित शीर्षक है क्योंकि इसमें एक कलाकार, एक चित्रकार तथा दूसरी कलाकार एक समाज सेवी महिला है। दोनों की कलाओं की तुलना करते हुए लेखिका ने दोनों को समान रूप से सच्ची संवेदना प्रदान की है। दूसरों की पीड़ा से अनुप्रेरित होने के कारण समाज सेवा सौंदर्यपरक चित्रकला की भाँति है। अतः इस कहानी का शीर्षक ‘दो कलाकार’ बिल्कुल उचित है।

(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझ कर इनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए

मुहावरा = अर्थ = वाक्य
राह देखना = बेसब्री से इंतज़ार करना रोब खाना = ————–
रोब खाना = प्रभाव या हस्ती मानना = ————
आँखें छलछला आना = आँसू निकल आने = ———–
पीठ थपथपाना = हौसला शाबाशी देना = ————–
धूम मचना = प्रसिद्धि होना = ————–
उत्तर:
राह देखना = बेसब्री से इंतज़ार करना
वाक्य = बूढ़े माता-पिता अपने इकलौते पुत्र की कई घंटों से राह देख रहे थे।
रोब खाना = प्रभाव या हस्ती मानना
वाक्य = सिकंदर की वीरता का रोब शीघ्र ही सारे संसार में फैल गया था।
आँखें छलछला आना = आँसू निकल आने
वाक्य = बालक की मृत्यु का समाचार सुनाते-सुनाते अरुणा की आँखें छलछला आईं।
पीठ थपथपाना = हौसला, शाबाशी देना
वाक्य = विद्यार्थी द्वारा अच्छे अंक लाने पर अध्यापक ने विद्यार्थी की पीठ थपथपाई।
धूम मचना = प्रसिद्धि होना
वाक्य = आजकल सारे देश में क्रिकेट की धूम मची हई है।

II. निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखें

बेवकूफी
गुण
निरक्षरता
आदर्श
जिंदगी
बंधन
शोहरत
बीमार
धनी
विदेश
उत्तर:
शब्द = विपरीत शब्द
बेवकूफी = समझदारी
गुण = अवगुण
निरक्षरता = साक्षरता
आदर्श = अनादर्श
जिंदगी = मौत
बंधन = मुक्त
शोहरत = बदनामी
बीमार = स्वस्थ
धनी = निर्धन
विदेश = स्वदेश।

III. निम्नलिखित का हिंदी में अनुवाद कीजिए

प्रश्न 1.
‘भेटे से गठ, ठेठ विमरे। प्टिर उडी रिउता भगमी चै, लभमडे व भायटी भगमी ” मठा ठे भारत (वन) ठिा।
उत्तर:
“मेरे बच्चे हैं, और किसके। यह तुम्हारी चित्रा मासी है, नमस्ते करो अपनी मासी को” अरुणा ने आदेश (हुक्म) दिया।

प्रश्न 2.
ਸੱਚ ? ਹੈਰਾਨੀ ਨਾਲ ਬੱਚੀ ਬੋਲ ਪਈ । ਫਿਰ ਤਾਂ ਮਾਸੀ, ਤੁਸੀਂ ਜ਼ਰੂਰ ਚਿੱਤਰਕਲਾ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲਾ ਨੰਬਰ ਲਿਆਉਂਦੀ हेगी। मैं ही पग्लिा ठप्पत प्लिभारिटी गां।
उत्तर:
सच? हैरानी से बच्ची बोल पड़ी। फिर तो मासी, आप अवश्य चित्रकला में प्रथम स्थान लाती होंगी। मैं भी प्रथम स्थान लाती हूँ,

प्रश्न 3.
उिता हुँ ठगी, निउता? हेवट माप्टी मी। ई उ प्टिवर उप्ल ती ताप्टी।
उत्तर:
चित्रों को नहीं, चित्रा को देखने आई थी। तुम तो एकदम भूल ही गई।

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
क्या आप ने भी अरुणा की तरह किसी ज़रूरतमंद या बेसहारा की मदद की है-अगर की है तो उस प्रसंग को लिख कर अपने अध्यापक को दिखाएं या कक्षा में सुनाएं।
उत्तर:
पिछले रविवार की बात है मैं अपने मित्र के साथ सुबह-सुबह सैर करने माल रोड पर गया। वहाँ बहुत से स्त्री-पुरुष और बच्चे भी सैर करने आये हुए थे। जब से दूरदर्शन पर स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम आने लगे हैं। अधिकसे-अधिक लोग प्रातः भ्रमण के लिए इन जगहों पर आने लगे हैं। रविवार होने के कारण उस दिन भीड़ कुछ अधिक थी। तभी मैंने वहाँ एक युवा दंपत्ति को अपने छोटे बच्चे को बच्चा गाड़ी में बिठा कर सैर करते देखा। अचानक लड़कियों के स्कूल की ओर एक तांगा आता हुआ दिखाई पड़ा। उसमें चार पाँच सवारियाँ भी बैठी थीं। बच्चा गाड़ी वाले दंपत्ति ने तांगे से बचने के लिए सड़क पार करनी चाही। जब वे सड़क पार कर रहे थे तो दूसरी तरफ से बड़ी तेज़ गति से आ रही एक कार उस तांगे से टकरा गई।

तांगा चलाने वाला और दो सवारियाँ बुरी तरह से घायल हो गये थे। बच्चा गाड़ी वाली स्त्री के हाथ से बच्चा गाड़ी छूट गयी किंतु इससे पूर्व कि वह बच्चे समेत तांगे और कार की टक्कर वाली जगह पर पहुँच कर उनसे टकरा जाती मैंने और मेरे साथी ने भागकर उस बच्चा गाड़ी को संभाल लिया। कार चलाने समय फ़ोन करके मैंने एंबुलैंस को बुलवाया। हम सबने घायलों को उठा कर एंबुलैंस में लिटाया। कार चालक को पुलिस ने पकड़ लिया था। दूसरी तरफ बच्चे को बचाने के लिए मेरे मित्र तथा मेरे द्वारा चुस्ती-फुर्ती की लोग खूब प्रशंसा कर रहे थे।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 9 दो कलाकार

प्रश्न 2.
स्कूल में हुई किसी चित्र प्रदर्शनी या प्रतियोगिता का अपने शब्दों में वर्णन करें।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने अनुभव के आधार पर स्वयं लिखें।

(घ) पाठ्येतर सक्रियता

(1) सभी विद्यार्थी मिलकर अपनी चित्रकला की प्रदर्शनी का आयोजन करें। यह आयोजन दीवाली आदि त्योहार पर किया जा सकता है।
(2) अपने विद्यालय या शहर में आयोजित होने वाली चित्रकला को देखने जायें और चित्रकला से संबंधित ज्ञान प्राप्त करें।
(3) समाज भलाई का काम करने वाले प्रसिद्ध चरित्र मदर टेरेसा, फलोरेंस नाइटगेल, स्वामी दयानंद आदि के जीवन के बारे में पढ़ें तथा इंटरनेट पर सहायतार्थ कार्य करने वालों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

(ङ) ज्ञान-विस्तार

चित्रकला के क्षेत्र में विश्व भर में प्रसिद्ध अमृता शेरगिल का जन्म हंगरी के बुडापेस्ट नगर में 30 जनवरी, सन् 1913 ई० को हुआ था। इनके पिता उमराव सिंह, संस्कृत-फ़ारसी के विद्वान् थे। इनकी माता मेरी एंटोनी गोट्समन हंगरी की यहूदी तथा ओपेरा गायिका थीं। इनके पति का नाम डॉ० विक्टर इगान था। इन्हें भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण ने सन् 1976 और 1979 में भारत के नौ सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में सम्मलित किया था। दिल्ली की नेशनल आर्ट गैलरी में इनके चित्र सुरक्षित हैं। सबसे कम आयु की एशियाई चित्रकार के रूप में इन्हें पेरिस की एसोसिएशन ऑफ़ दी ग्रैंड सैलून में अपनी कलाकृति ‘यंग गर्ल्स’ के माध्यम से पहुँचने का अवसर मिला था। इनका 5 दिसंबर, सन् 1941 ई० को लाहौर में निधन हो गया था।

PSEB 10th Class Hindi Guide दो कलाकार Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
‘दो कलाकार’ कहानी किसके द्वारा लिखी गई है?
उत्तर:
‘दो कलाकार’ कहानी लेखिका मन्नू भंडारी द्वारा लिखी गई है।

प्रश्न 2.
‘दो कलाकार’ कहानी में लेखिका ने किस चीज़ का विश्लेषण करने का प्रयास किया है?
उत्तर:
‘दो कलाकार’ कहानी में लेखिका ने एक महिला चित्रकार तथा एक महिला समाज सेविका की सोच का विश्लेषण किया है।

प्रश्न 3.
चित्रा विदेश क्यों जाना चाहती थी?
उत्तर:
चित्रा पढ़ाई समाप्त कर कला के विशेष अध्ययन के लिए विदेश जाना चाहती थी।

प्रश्न 4.
अरुणा और चित्रा में कैसा संबंध था?
उत्तर:
अरुणा और चित्रा दोनों सहेलियां थीं। दोनों छात्रावास के एक ही कमरे में रहती थी। दोनों का आपस में गहरा प्रेम था।

प्रश्न 5.
अरुणा को कौन-सा काम सबसे अधिक पसंद आता था?
उत्तर:
अरुणा को चपरासियों के बच्चों को पढ़ाने, किसी बीमार की सेवा करने आदि में बहुत आनंद आता था।

प्रश्न 6.
किस दुर्घटना ने अरुणा को विचलित कर दिया था?
उत्तर:
अरुणा फुलिया दाई के बीमार बच्चे की सेवा कर रही थी, किंतु अथाह प्रयास के बाद भी वह उस बच्चे को बचा न सकी। इस घटना ने उसे विचलित कर दिया था।

प्रश्न 7.
बच्चे की मृत्यु के बाद अरुणा की क्या दशा थी?
उत्तर:
बच्चे की मृत्यु के बाद अरुणा बहुत उदास थी। उसकी मृत्यु के दिन अरुणा ने खाना भी नहीं खाया। वह दो-तीन दिन तक उदास और गुमसुम रही।

प्रश्न 8.
चित्रा किससे मिलने गई थी और कब लौट कर आई?
उत्तर:
चित्रा विदेश जाने से पहले गुरु जी से मिलने गई थी और उनसे मिलकर वह साढ़े चार बजे हॉस्टल के फाटक पर आई।

प्रश्न 9.
चित्रा की आँखें किसे ढूँढ़ रही थीं?
उत्तर:
चित्रा की आँखें अरुणा को ढूँढ़ रही थीं। वह रह-रहकर भीड़ में अरुणा को ही खोज़ रही थी।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 9 दो कलाकार

प्रश्न 10.
लेखक ने चित्रकला की अपेक्षा किसे अच्छा और सार्थक काम बताया है?
उत्तर:
लेखक ने चित्रकला की अपेक्षा अशिक्षितों को पढ़ाना अधिक अच्छा और सार्थक काम बताया है।

प्रश्न 11.
‘दो कलाकार’ कहानी की मूल संवेदना क्या है?
(क) कला केवल कला के लिए होती है।
(ख) कला का अंतिम प्रयोजन यश प्राप्त करना है।
(ग) जीवन के सुःख-दुःख से सीधे जुड़ कर ही कला उत्कृष्ट बनती है।
(घ) सच्ची कला धन-संपदा प्रदान करती है।
उत्तर:
(ग) जीवन के सुःख-दुःख से सीधे जुड़ कर ही कला उत्कृष्ट बनती है।

प्रश्न 12.
‘रहने दे चित्रा मैं खाऊंगी नहीं, मुझे ज़रा भी भूख नहीं है’-अरुणा द्वारा भोजन करने से इन्कार करने का क्या कारण था?
उत्तर:
फुलिया दाई का बच्चा बड़ा बीमार था। अरुणा दोपहर से ही उसकी देख-भाल में लगी हुई थी। अनेक प्रयत्न करने पर भी उसे बचाया न जा सका और उसकी मृत्यु हो गई। बच्चे की मृत्यु से दुःखी होने के कारण ही अरुणा ने भोजन करने से इन्कार कर दिया था।

प्रश्न 13.
‘किस काम की ऐसी कला जो आदमी को आदमी न रहने दे’-इस कथन का तात्पर्य क्या हैं?
उत्तर:
जो कला मनुष्य को मानवीय गुणों से वंचित कर उसे स्वार्थी चित्रकार ही बना दे वह कला निरर्थक है। मनुष्य की कला को तो मानव जीवन के सुख-दुःख से जुड़ा होना चाहिए।

प्रश्न 14.
अरुणा के इस कथन में कि ‘तू हर घड़ी हर जगह और हर चीज़ में से अपने चित्रों के लिए मॉडल खोजती रहती है।’ चित्रा की किस मनोवृत्ति पर व्यंग्य किया गया है?
उत्तर:
अरुणा के इस कथन से स्पष्ट है कि चित्रा को अपनी चित्रकला के अतिरिक्त मानव जीवन के सुख-दुःखों से कोई संबंध नहीं है। वह कला को केवल-कला मानती है तथा चित्रकला के प्रति उसका स्वार्थी मनोवृत्ति का भी इस कथन से ज्ञात होता है।

प्रश्न 15.
‘दोनों कलाकारों की कलाओं में अंतर है एक में मात्र कला है तो दूसरे में जीवन’-आपकी दृष्टि से दोनों में कौन श्रेष्ठ है और क्यों?
उत्तर:
मेरी दृष्टि में वह कला श्रेष्ठ है जो जीवन से जुड़ी हुई होती है। जिस कला में जीवन न हो वह मानव मन में किसी प्रकार की भावनाएँ नहीं उत्पन्न कर सकतीं। जिस कलाकृति को देखकर दर्शक का मन उसमें रम जाए वही कलाकृति श्रेष्ठ कही जा सकती है। अतः जीवन के सुख-दुःख से सीझे जुड़ कर ही कला उत्कृष्ट बनती है। इस दृष्टि में समाज-सेविका की कला श्रेष्ठ है।

प्रश्न 16.
‘जब तक समाज का सारा ढांचा नहीं बदलता तब तक कुछ होने का नहीं।’ लेखिका के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर:
लेखिका के इस कथन से हम पूरी तरह सहमत नहीं हैं क्योंकि जब तक समाज की रूढ़ियों से ग्रस्त परंपराओं को धीरे-धीरे बदला नहीं जाएगा तब तक समाज का सुधार भी नहीं हो सकता। यह परिवर्तन एकदम तथा अपने आप नहीं हो सकता। इसके लिए हममें से कुछ लोगों को पहल करनी होगी तथा हमारे नये कदमों की आलोचना करने वालों की चिंता न करते हुए हमें समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास करना होगा। जैसे बूंद-बूंद से घड़ा भर जाता है उसी प्रकार से हम में से एक-एक व्यक्ति के द्वारा किया गया समाज सुधार का प्रयास समस्त समाज को भी बदल सकता है। जैसे इस कहानी में अरुणा ने चपरासियों के अनपढ़ बच्चों को पढ़ा कर साक्षर बनाया गया तथा दो अनाथ बच्चों को अपनी सन्तान के समान पाल-पोस कर बड़ा किया। अतः समाज को बदलने के लिए धीरे-धीरे किए गए प्रयास भी महत्त्वपूर्ण होते हैं।

प्रश्न 17.
अपने चित्र के जीवित मॉडल देख कर चित्रा हतप्रभ क्यों हो गई?
उत्तर:
चित्रा हतप्रभ रह गई थी क्योंकि उसे यह आशा नहीं थी कि मृत भिखारिन के बच्चों को अरुणा अपने बच्चों के समान पाल-पोस कर बड़ा करेगी। वह तो यह सोचती थी कि भिखारिन के बच्चे मर गए होंगे अथवा कहीं भिखारी के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर रहे होंगे।

प्रश्न 18.
दोनों बच्चों की जानकारी हो जाने के बाद चित्रा की दोनों बच्चों और अरुणा के प्रति क्या प्रतिक्रिया हुई होगी? अपनी कल्पना से बताइए।
उत्तर:
चित्रा को जब यह ज्ञात हुआ कि अरुणा ने मृत भिखारिन के अनाथ बच्चों को अपने बच्चों के समान पालापोसा है तो वह विस्मित रह गई। वह सोचने लगी कि वह कितनी स्वार्थी है जो उस समय वह मृत भिखारिन और उसके दोनों बच्चों का स्केच ही बनाती रही तथा उन बच्चों के प्रति उसके मन में कोई भी विचार क्यों न आया। अपनी इस स्वार्थी मनोवृत्ति पर उसे बहुत ग्लानि हुई होगी। दूसरी ओर वह अरुणा की मन ही मन प्रशंसा कर रही होगी कि अरुणा ने दुनिया की चिंता न करके इन अनाथ बच्चों का अपने बच्चों के समान पालन-पोषण किया तथा इन्हें जीवन दान दिया। वह अरुणा को बहुत ही महान् त्यागी, दयावान् तथा करुणाशील महिला मान रही थी।

प्रश्न 19.
दो कलाकार कहानी के आधार पर ‘चित्रा’ का संक्षिप्त चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
चित्रा मन्नू भंडारी द्वारा रचित कहानी ‘दो कलाकार’ की एक प्रमुख पात्रा है। वह अभिजात्य वर्ग में उत्पन्न एक संपन्न युवती है। उसके पिता अत्यंत धनी व्यक्ति हैं। उसे चित्रकला का बहुत शौक है। वह चित्रकला में निपुण बन कर विश्व प्रसिद्ध चित्रकार बनना चाहती है। वह चित्र बनाने के लिए सदा नवीन प्रेरणाओं को तलाश करती रहती है। अरुणा के प्रति उसके मन में सद्भाव है तथा उसे वह अपनी सच्ची सखी मानती है। विचारशील होने के कारण वह अपने भावी जीवन के संबंध में स्वयं ही निर्णय लेती है। अपनी मेहनत से ही वह विश्व प्रसिद्ध कलाकार बन जाती है। वह परिस्थितियों के साथ समझौता भी कर लेती है। कहानी के अंत में अपने चित्र के अनाथ बच्चों को अरुणा द्वारा पाला-पोसा जान कर वह जीवन और कला में सामंजस्य को स्वीकार कर लेती है। अत: हम कह सकते हैं कि चित्रा विचारशील, महत्त्वाकांक्षिणी कला अनुरागिणी एवं सत्यनिष्ठ सखी भाव से युक्त युवती है।

प्रश्न 20.
चित्रा एवं अरुणा की संवेदना में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चित्रा को दूसरों से कोई मतलब नहीं, बस चौबीस घंटे अपने रंग और तालिका में डूबी रहती है। दुनिया में बड़ी-से-बड़ी घटना हो जाए पर यदि उसमें चित्र के लिए कोई ‘आइडिया’ नहीं, तो उसके लिए वह घटना कोई महत्त्व नहीं रखती। वह बाढ़ पीड़ितों तथा अनाथ बच्चों के प्रति संवेदना शून्य, जड़ बनी रहती है। हां, उनके चित्र अवश्य बना डालती है। अरुणा की दीन-दुःखियों के प्रति संवेदना-सहानुभूति बड़ी गहरी है। वह बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए अपना अध्ययन भी स्थगित कर देती है तथा अनाथों का जिक्र सुनते ही उनकी सहायता के लिए चल पड़ती है। चित्रा की संवेदना मात्र मौखिक है किंतु अरुणा की हार्दिक एवं मर्मस्पर्शिणी है। इसी कारण वह मृत भिखारिन के बच्चों का पालन-पोषण करती है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 9 दो कलाकार

प्रश्न 21.
आधुनिक चित्रकला के संबंध में अरुणा के क्या विचार हैं?
उत्तर:
जब चित्रा अरुणा को नींद से उठाकर अपना नवीन चित्र दिखाती है तो उसने आधुनिक चित्रकला के नियमों के अनुसार बनाया था। अरुणा को चित्रा की यह कलाकृति बिल्कुल भी समझ में नहीं आती इसलिए वह उसे कहती है कि तेरा यह चित्र मेरी समझ में बिल्कुल नहीं आ रहा क्योंकि इससे यह पता ही नहीं चलता कि चौरासी लाख योनियों में से तुमने यह किस जीव का चित्र बनाया है।

प्रश्न 22.
चित्रा और अरुणा के जीवन में क्या अंतर था?
उत्तर:
लेखिका के अनुसार चित्रा और अरुणा दोनों के रहन-सहन, सोचने-विचारने, आचरण तथा रुचियों में बहुत अंतर था। चित्रा चित्रकला के कल्पना लोक में विचरण करती थी जबकि अरुणा यथार्थ जीवन के सुख-दुःखों को महत्त्व देते हुए दीन-दुःखियों की सेवा करना अपना मुख्य लक्ष्य मानती थी। इस प्रकार से दोनों की रुचियों में मूल रूप में अंतर होते हुए भी दोनों में बहुत अधिक प्रेम है।

प्रश्न 23.
कौन-सी कला निरर्थक होती है?
उत्तर:
अरुणा चित्रा को निरंतर चित्रकला में लीन देख कर कहती है कि वह कला निरर्थक है जो मनुष्य को मनुष्य ही न रहने दे। जो व्यक्ति दुनिया के सुख-दुःख से दूर केवल अपने रंगों और बुशों में ही डूबा रहे वह मानव कहलाने के योग्य नहीं है क्योंकि कला जीवन के सुख-दुःख से जुड़कर ही उत्कृष्ट बनती है। जो कला मानवता के विरुद्ध आचरण करना सिखाए वह कला कहलाने योग्य नहीं है।

प्रश्न 24.
चित्रा क्या देखकर विस्मित रह जाती है?
उत्तर:
विदेश जाकर चित्रा अपनी कला की साधना में लीन हो गई। भिखमंगी तथा दो अनाथ बच्चों का उसका चित्र बहुत प्रशंसित हुआ। कुछ दिन उसका अरुणा से पत्र-व्यवहार होता रहा फिर वह भी बंद हो गया। तीन वर्ष बाद वह भारत आई तो उसका बहुत स्वागत हुआ। दिल्ली में उसके चित्रों की प्रदर्शनी लगी तो अरुणा उससे मिलने आई। उसके साथ आठ और दस साल के दो बच्चे भी थे। चित्रा के पूछने पर उसने उन बच्चों को अपने बच्चे बताया तथा स्वयं चित्रा के साथ बातचीत करती है। चित्रा उससे फिर उन बच्चों के विषय में पूछती है तो अरुणा उसे बताती है कि ये बच्चे चित्र में मरी हुई भिखारिन के अनाथ बच्चे हैं तो चित्रा विस्मित रह जाती है।

प्रश्न 25.
‘चित्रा’ और ‘अरुणा’ में से आपको किसने अधिक प्रभावित किया और क्यों?
उत्तर:
‘चित्रा’ और ‘अरुणा’ में से मुझे अरुणा ने अधिक प्रभावित किया है। अरुणा और चित्रा दोनों अभिन्न सखियाँ हैं। अरुणा समाज सेवा को प्रमुखता देती है तथा चित्रा सदा चित्रकला में ही डूबी रहती है। चित्रा अरुणा को अपना एक आधुनिक कला पर आधारित चित्र दिखा कर उसकी व्याख्या कर रही है कि तभी अरुणा से पढ़ने आये बच्चों ने आकर उसे बताया कि पढ़ने वाले सभी बच्चे आ गए हैं तो अरुणा उन्हें जैसे ही पढ़ाने के लिए जाने लगती है कि चित्रा उसके समाज सेविका होने पर व्यंग्य करती है जो निरंतर निम्न वर्ग की सेवा में लगी रहती है तथा अपनी कोई चिंता नहीं करती। वह उस पर आक्षेप करती है कि वह उसकी तरह बेकार में लकीरें खींचकर समय तो व्यर्थ नहीं गंवाती। अत: स्पष्ट है कि चित्रा की अपेक्षा अरुणा का कार्य और सोच अत्यधिक प्रभावित करने वाली है।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रूनी किसका नाम है?
उत्तर:
प्नी अरुणा का नाम है।

प्रश्न 2.
अरुणा किसके बीमार बच्चे के लिए परेशान थी?
उत्तर:
अरुणा फुलिया दाई के बीमार बच्चे के लिए परेशान थी।

प्रश्न 3.
चित्रा को किस चित्र पर अनेक प्रतियोगिताओं में पहला ईनाम मिला था?
उत्तर:
चित्रा को ‘अनाथ’ शीर्षक चित्र पर अनेक प्रतियोगिताओं में पहला ईनाम मिला था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 9 दो कलाकार

प्रश्न 4.
“तेरी बेवकूफी का/आयी है बड़ी प्रतीक वाली”-ये कथन किसने किसे कहा है?
उत्तर:
यह कथन अरुणा ने चित्रा को कहा है।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
“तेरे मनोज की चिट्ठी आई है” यह कथन किसका है?
(क) शीला का
(ख) चित्रा का
(ग) अरुणा का
(घ) सविता का।
उत्तर:
(ख) चित्रा का

प्रश्न 2.
चित्रा कितने वर्षों बाद भारत लौटी
(क) दो
(ख) चार
(ग) तीन
(घ) पाँच।
उत्तर:
(ग) तीन

प्रश्न 3.
अरुणा के साथ आए लड़के की क्या उम्र थी?
(क) आठ
(ख) दस
(ग) बारह
(घ) पाँदहु
उत्तर:
(ख) दस

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के किस शहर में चित्रा के चित्रों की शानदार प्रदर्शनी हुई? (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
दिल्ली

प्रश्न 2.
विदेश जाने से पहले स्टेशन पर चित्रा को विदा करने अरुणा भी आई। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 3.
अरुणा चित्र बनाती थी तथा चित्रा समाज सेवा करती थी। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 4.
चित्रा धनी पिता की इकलौती बेटी थी। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 5.
चित्रा की मनोज से शादी होने वाली थी। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 6.
हॉस्टल में उसे बड़ी ………. विदाई मिली थी।
उत्तर:
शानदार

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 9 दो कलाकार

प्रश्न 7.
चित्रा ने माचिस लेकर ……… जलाया।
उत्तर:
लालटेन

प्रश्न 8.
तू लिखा करना …………… चिट्ठियाँ।
उत्तर:
रसभरी।

दो कलाकार कठिन शब्दों के अर्थ

उल्लास = हर्ष, खुशी। तनिक = थोड़ी। फरमाइश = इच्छा। प्रेरणा = प्रोत्साहन। अनुमति = आज्ञा। दिनचर्या = दैनिक कार्य। मेस = होस्टल का भोजन कक्ष। कमबख्त = बदकिस्मत। निरर्थक = व्यर्थ। तमन्ना = इच्छा, कामना। विराट् = भव्य, बहुत अधिक। आश्चर्य = हैरानी। छात्रावास = होस्टल। प्रतियोगिता = मुकाबला। घनचक्कर = जंजाल। खिझलाहट = खीझ से भरी हुई। हुनर = कला। बड़-बड़ = प्रलाप। प्रतीक = चित्र, प्रतिरूप। कन्फ्यूज़न = भ्रम। सृजन = रचना, निर्माण। असहन = न सहने योग्य। शोहरत = प्रसिद्धि। ठाट = मज़े, आनन्द। पंडिता = विदुषी।

दो कलाकार Summary

दो कलाकार लेखिका परिचय

सुप्रसिद्ध कथा लेखिका श्रीमती मन्नू भंडारी का जन्म 3 अप्रैल, सन् 1931 ई० को मध्य प्रदेश के भानपुरा नामक स्थान में हुआ था। सन् 1949 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की परीक्षा पास करने के बाद एम० ए० हिंदी में शिक्षा प्राप्त कर वे कलकत्ता तथा दिल्ली में अध्यापन कार्य करती रही हैं। इन्होंने उपन्यास तथा कहानियाँ लिखी हैं। इनकी रचनाओं में सामाजिक जीवन का यथार्थ चित्रण प्राप्त होता है। पारिवारिक एवं नारी जीवन की विसंगतियों को इन्होंने मार्मिक रूप से प्रस्तुत किया है। अपने पात्रों के मनोवैज्ञानिक विश्लेषण में ये अधिक सफल रही हैं। इनका विवाह हिंदी के प्रसिद्ध कथाकार श्री राजेंद्र यादव के साथ हुआ था। मन्नू भंडारी ने अपने पति के साथ मिलकर ‘एक इंच मुस्कान’ की रचना की थी। इनकी कहानियाँ मानव-मन को बहुत गहरे से छू लेती हैं। लेखिका को सन् 2008 में व्यास सम्मान प्रदान किया गया था।

रचनाएँ-कहानी संग्रह-मैं हार गई, एक प्लेट सैलाब, यही सच है, तीन निगाहों की तस्वीर।
उपन्यास-आपका बंटी, स्वामी, महाभोज।

श्रीमती मन्नू भंडारी छठे दशक की प्रतिष्ठित कथाकार हैं। इस दशक में हिंदी कहानी में जो मोड़ आया, मन्नू भंडारी जी का उसमें योगदान उल्लेखनीय रहा है। उनकी कहानियों में घटनाओं का विस्तार कम तथा पात्रों का मानसिक विश्लेषण अधिक मिलता है। इनकी कहानियाँ अनेक प्रकार की हैं, कुछ कहानियों में जीवन की विसंगतियों को उभारा गया है, किन्हीं कहानियों में नारी जीवन का वर्णन है जो किन्हीं अन्य कहानियों में पारिवारिक जीवन को अभिव्यक्ति मिली है। इनके उपन्यास ‘यही सच है’ पर आधारित ‘रजनी गंधा’ फ़िल्म बनी थी जिसे फ़िल्मफेयर अवार्ड में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म घोषित किया गया था। इन्होंने ‘स्वामी’ फ़िल्म के संवाद भी लिखे थे जो बासु चैटर्जी के द्वारा निर्देशित की गई थी।

दो कलाकार कहानी का सार

‘दो कलाकार’ कहानी लेखिका के “मैं हार गई” कहानी संग्रह से इस संकलन में संकलित किया गया है। इस कहानी में लेखिका ने एक महिला चित्रकार तथा एक महिला समाज सेविका की सोच का विश्लेषण करते हुए यह बताने का प्रयास किया है कि जीवन के सुख-दुःख सीधे जुड़कर ही कला उत्कृष्ट बनती है। चित्रा और अरुणा दो सहेलियाँ थीं तथा छात्रावास के एक ही कमरे में रहती थीं। चित्रा को चित्रकला का बहुत शौक था तथा अरुणा की समाज-सेवा में रुचि थी। चित्रा जब भी अपना कोई चित्र बनाती तो सबसे पहले अरुणा को दिखाती थी। अरुणा को चपरासियों के बच्चों को पढ़ाने, किसी बीमार की सेवा करने आदि में ही अधिक आनन्द आता था। एक बार फुलिया दाई का बच्चा बीमार हुआ तो अरुणा उसकी देखभाल में लगी रही और जब उस बच्चे की मृत्यु हो गई तो उसकी मृत्यु के दिन अरुणा ने खाना भी न खाया और दो-तीन दिन तक बहुत उदास भी रही थी।

चित्रा पढ़ाई समाप्त कर कला के विशेष अध्ययन के लिए विदेश जाना चाहती थी जबकि अरुणा यहीं रहना चाहती थी। वह कागज़ पर निर्जीव चित्र बनाने के स्थान पर समाज सेवा द्वारा कुछ लोगों के जीवन को सुधारना श्रेष्ठ मानती थी। अरुणा परीक्षा के दिनों में भी बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए भटकती रहती थी। दोनों के आचार-विचार, रहनसहन, रुचियों आदि में पर्याप्त भिन्नता होते हुए भी जो स्नेह था उससे समस्त छात्रावास की छात्राओं को ईर्ष्या थी। अन्त में चित्रा का विदेश जाने का दिन भी आ गया। छात्रावास में उसे शानदार विदाई पार्टी मिली।

अरुणा ने सुबह से ही उसका सामान ठीक कर दिया था। चित्रा गुरु जी से मिलने गई तो तीन बजे तक न लौटी। पांच बजे की गाड़ी से उसे जाना था। अरुणा उसे खुद जाकर देखने का विचार बना ही रही थी कि तभी हड़बड़ाती-सी चित्रा आ गई और अपनी देरी का कारण बताते हुए कहने लगी की गर्ग स्टोर के सामने पेड़ के नीचे जो भिखारिन बैठती थी वह मर गई थी तथा उसके दोनों बच्चे उसके सूखे शरीर से चिपक कर बुरी तरह रो रहे थे–वह उसी दृश्य का स्कैच बनाने के लिए वहाँ रुक गई थी। चित्रा का यह कथन सुनते ही अरुणा वहाँ से चुपके से खिसक गई थी और फिर वह चित्रा को विदा करने न आ सकी थी।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 9 दो कलाकार

विदेश जाकर चित्रा अपनी कला की साधना में लीन हो गई। भिखमंगी तथा दो अनाथ बच्चों का उसका चित्र बहुत प्रशंसित हुआ। कुछ दिन उसका अरुणा से पत्र-व्यवहार होता रहा फिर वह भी बंद हो गया। तीन वर्ष बाद वह भारत आई तो उसका बहुत स्वागत हुआ। दिल्ली में उसके चित्रों की प्रदर्शनी लगी तो अरुणा उससे मिलने आई। उसके साथ आठ और दस साल के दो बच्चे भी थे। चित्रा के पूछने पर उसने उन बच्चों को अपने बच्चे बताया। चित्रा ने बच्चों को प्रदर्शनी दिखाई और अंत में वे उसी चित्र के पास पहुँचे जिसमें भिखारिन और दो बच्चे थे। चित्रा ने अरुणा को बताया कि इसी चित्र ने उसे इतनी प्रसिद्धि दिलाई थी। बच्चे इस चित्र में मृत भिखारिन को देखकर उसके बच्चों के बारे में सोचने लगे थे। अरुणा ने बच्चों को अपने पति के साथ प्रदर्शनी देखने के लिए भेज दिया तथा स्वयं चित्रा के साथ बातचीत करने लगी। चित्रा ने उससे फिर उन बच्चों के विषय में जब पूछा तो अरुणा ने उसे बताया कि वे बच्चे चित्र में मरी हुई भिखारिन के अनाथ बच्चे थे तो चित्रां आश्चर्यचकित रह गई।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 8 अशिक्षित का हृदय

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 8 अशिक्षित का हृदय Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 8 अशिक्षित का हृदय

Hindi Guide for Class 10 PSEB अशिक्षित का हृदय Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
बूढ़े मनोहर सिंह का नीम का पेड़ किसके पास गिरवी था?
उत्तर:
बूढ़े मनोहर सिंह का नीम का पेड़ ठाकुर शिवपाल सिंह के पास गिरवी था।

प्रश्न 2.
ठाकुर शिवपाल सिंह रुपये न लौटाए जाने पर किस बात की धमकी देता है?
उत्तर:
ठाकुर शिवपाल सिंह रुपये न लौटाए जाने पर नीम का पेड़ काटने की धमकी देता है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 8 अशिक्षित का हृदय

प्रश्न 3.
मनोहर सिंह ने रुपये लौटाने की मोहलत कब तक की माँगी थी?
उत्तर:
मनोहर सिंह ने रुपये लौटाने के लिए एक सप्ताह की मोहलत मांगी थी।

प्रश्न 4.
नीम का वृक्ष किसके हाथ का लगाया हुआ था?
उत्तर:
नीम का वृक्ष बूढ़े मनोहर सिंह के पिता के हाथ का लगाया हुआ था।

प्रश्न 5.
तेजा सिंह कौन था?
उत्तर:
तेजा सिंह 15-16 साल का बालक था। वह गाँव के एक प्रतिष्ठित किसान का बेटा था।

प्रश्न 6.
ठाकुर शिवपाल सिंह का कर्ज़ अदा हो जाने के बाद मनोहर सिंह ने अपने नीम के पेड़ के विषय में क्या निर्णय लिया?
उत्तर:
मनोहर सिंह ने अपने नीम के पेड़ के विषय में निर्णय लिया कि वह अपना नीम का पेड़ नहीं कटने देगा और वह पेड़ अब तेजा सिंह का होगा।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
मनोहर सिंह ने अपने नीम के पेड़ को गिरवी क्यों रखा ?
उत्तर:
एक वर्ष पूर्व मनोहर सिंह को खेती कराने की सनक सवार हुई थी। अत: ठाकुर शिवपाल सिंह से कुछ भूमि लगान पर लेकर खेती कराई पर वर्षा न होने के कारण सब चौपट हो गया। ठाकुर शिवपाल सिंह को लगान न पहुँचा। मनोहर सिंह को जो पेंशन मिलती थी, उससे उसका अपना ही निर्वाह होता था। ठाकुर शिवपाल सिंह को लगान न मिला। अतः उसने मनोहर सिंह का नीम का पेड़ गिरवी रख लिया। यह नीम का पेड़ मनोहर को बहुत प्रिय था यह उसे अपने भाई के समान ही प्यारा था।

प्रश्न 2.
ठाकुर शिवपाल सिंह नीम के पेड़ पर अपना अधिकार क्यों जताते हैं?
उत्तर:
डेढ़ वर्ष पूर्व मनोहर सिंह ने ठाकुर शिवपाल से खेती करने के लिए रुपया उधार लिया था। हाथ तंग होने के कारण वह अभी तक उसे चुका नहीं पाया था। न ही ब्याज ही दे पाया था। इसलिए एक दिन शिवपाल सिंह ने अपना लगान उगाहने के लिए तकाज़ा किया। मनोहर सिंह की नियत में कुछ फर्क न था। रुपये उसके पास थे ही नहीं। उसने ठाकुर सिंह को एक सप्ताह में रुपए लौटा देने का वायदा किया पर रुपयों का प्रबन्ध न हो सका। ठाकुर शिवपाल सिंह अपने 25 रुपयों के बदले पेड़ कटवा लेना चाहता था क्योंकि आज वे उस पर अपना अधिकार जताते थे पर मनोहर सिंह पेड़ को कटते हुए नहीं देख सकता था।

प्रश्न 3.
मनोहर सिंह ठाकुर शिवपाल सिंह अपने नीम के वृक्ष के लिए क्या आश्वासन चाहता था?
उत्तर:
मनोहर सिंह ठाकुर शिवपाल को जब ऋण का रुपया न चुका पाया तो उसने उससे कहा कि उसके पास उसका नीम का पेड़ तो गिरवी है। इसलिए उसके रुपये का कोई जोखिम नहीं। वह पेड़ कम-से-कम 25 से तीस रुपये का तो होगा। उधार चुका न पाने के कारण वह पेड़ उनका होगा लेकिन वह उनसे आश्वासन चाहता था कि वे उसे कटवायेंगे नहीं।

प्रश्न 4.
नीम के वृक्ष के साथ मनोहर सिंह का इतना लगाव क्यों था?
उत्तर:
नीम का वृक्ष मनोहर सिंह के घर के बाहर लगा हुआ था। यह पेड़ उसके पिता के हाथ का लगाया हुआ था। इसके साथ उसका बचपन बीता था। वह पेड़ उसे उसके पिता की धरोहर था उसके लिए वह अपने पिता की यादगार मानता था। वह पेड़ की शीतल छाया में सुख का अनुभव करता था। वह रह-रह कर पेड़ के उपकारों का स्मरण करता है। वह पेड़ उसे बहुत प्रिय था। उसके कट जाने की कल्पना मात्र से उसका हृदय काँप उठता था। इस पेड़ के उसके परिवार पर अत्यधिक उपकार थे। यह पेड़ उसे तथा उसके परिवार को दातुन तथा छाया प्रदान करता था। पेड़ के इसी उपकारी रूप के कारण मनोहर सिंह को उससे इतना अधिक लगाव था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 8 अशिक्षित का हृदय

प्रश्न 5.
मनोहर सिंह ने अपना पेड़ बचाने के लिए क्या उपाय किया?
उत्तर:
अपना पेड़ बचाने के लिए मनोहर सिंह जितनी कोशिश कर सकता था, वह कर चुका था। उसकी सभी कोशिशें विफल रही थीं। अंत में उसने निश्चय किया कि उसके जीते जी कोई भी पेड़ न काट सकेगा। उसने अपनी तलवार निकाल ली और उसे साफ़ भी कर लिया। अब वह हर समय पेड़ के नीचे ही रहता था। एक दिन जब ठाकुर के मज़दूर पेड़ काटने के लिए आए तो मनोहर सिंह ने उन्हें डरा धमका कर वापस भेज दिया।

प्रश्न 6.
मनोहर सिंह की किस बात से तेजा सिंह प्रभावित हुआ?
उत्तर:
मनोहर सिंह ठाकुर शिवपाल सिंह के कर्ज में दबा हुआ था। वह चाहकर भी उसका ऋण न उतार सका था। तेजा सिंह मनोहर को चाचा कह कर बुलाता था। एक दिन जब मनोहर दुःखी, निराश होकर पेड़ के नीचे बैठा था तब वृद्ध मनोहर सिंह का कष्ट तथा आप बीती सुनकर तेजा को बहुत दुःख हुआ। तेजा ने बड़ी ही विनम्रता से मनोहर को कहा-“दस-पाँच रुपये की बात होती, तो मैं ही कहीं से ला देता।” इतना सुनकर मनोहर बहुत खुश हुआ। उसने आशीर्वाद दिया। मनोहर सिंह की एक पेड़ की रक्षा के लिए मर मिटने के लिए तैयार हो जाने की बात से तेजा सिंह प्रभावित हुआ था।

प्रश्न 7.
तेजा सिंह ने मनोहर सिंह की सहायता किस प्रकार की?
उत्तर:
तेजा सिंह मनोहर सिंह की सहायता करने के लिए 25 रुपये लेकर आया था किन्तु शीघ्र ही पता चला कि उसके रुपये चुराए हुए थे। तब तेजा के पिता ने वे रुपये ले लिए। तब तेजा ने मनोहर सिंह का ऋण चुकाने के लिए अपनी सोने की अंगूठी दी और कहा कि इस पर उसके पिता का हक नहीं था। यह उसे उसकी नानी ने दी थी। तेजा सिंह की इस बात से उसका पिता बहुत प्रभावित हुआ और उसने अँगूठी न देकर 25 रुपये ठाकुर को देकर कर्ज़ चुका दिया।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छ: या सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
मनोहर सिंह का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
अशिक्षित का हृदय’ कहानी में मनोहर सिंह सर्वाधिक आकर्षक पात्र है। वह कहानी का केन्द्र बिन्दु है। संपूर्ण कहानी उसी के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी का शीर्षक भी उसी की ओर लक्ष्य करता है। लेखक का उद्देश्य भी उसी के चरित्र पर प्रकाश डालना है।

मनोहर सिंह की आयु 55 वर्ष के लगभग थी। उसने अपनी जवानी फौज में बिताई थी। अब वह संसार में अकेला था। उसके परिवार का सगा-संबंधी कोई नहीं। गाँव में दो-एक दूर के संबंधी थे, उन्हीं के यहाँ अपना भोजन बनवा लेता था और जैसे-तैसे जीवन की गाड़ी को खींच रहा था। वह कहीं आता जाता नहीं। दिन-रात अपने टूटे-फूटे मकान में पड़ा ईश्वर का भजन करता रहता है।

मनोहर सिंह में स्वाभिमान तथा अहं का भाव एक साथ थे। उसने गाँव के एक प्रतिष्ठित किसान के बेटा तेजा सिंह को बताया था-‘बेटा, मैंने सारी उमर फौज में बिताई है। बड़ी-बड़ी लड़ाई और मैदान देखे हैं। ये बेचारे हैं किस खेत की मूली। आज शरीर में बल होता, तो इनकी मजाल नहीं थी कि मेरे पेड़ के लिए ऐसा कहते। मुँह नोच लेता। मैंने कभी नाक पर मक्खी नहीं बैठने दी। वह बड़े-बड़े साहब-बहादुरों से लड़ पड़ता था। ये बेचारे हैं क्या?

मनोहर सिंह में अहं के साथ विनम्रता का भाव भी था। वह पेड़ देने को तैयार था पर उसे कटवाना नहीं चाहता था। ठाकुर जब अपनी बात पर अड़ गए थे तो मनोहर सिंह स्वयं पर काबू नहीं रख सका था-“बात केवल इतनी है कि मेरे रहते इसे कोई हाथ नहीं लगा सकता। यह मैं जानता हूँ कि पेड़ आपका है, मगर यह होने पर भी मैं इसे कटता हुआ नहीं देख सकता।”

प्रश्न 2.
तेजा सिंह का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
तेजा सिंह पंद्रह-सोलह वर्ष का बालक था। वह संपन्न परिवार से संबंधित था। वह साहसी और समझदार था। वह मनोहर सिंह को चाचा कहकर पुकारता था। जब मनोहर सिंह उसे बताया कि यह नीम का पेड़ उसके पिता ने लगाया था तथा वह इसे भाई की तरह प्यार करता है, इसे किसी हालत में कटने नहीं देगा तो तेजा बड़ा प्रभावित हुआ। उसके पेड़ की रक्षा के लिए वह अपने घर से 25 रुपए चुरा कर लाया था। भेद खुलने पर वह हाथ की अंगूठी, जो उसकी नानी ने दी थी, देकर पेड़ को कटने से बचा लिया था और तेजा सिंह अपने साहस से अपने पिता को ही नहीं सभी उपस्थित लोगों को भी प्रभावित कर दिया था। उसके इसी साहस से प्रभावित होकर मनोहर सिंह सबके सामने यह घोषणा करती थी कि उस नीम के पेड़ पर तेजा का अधिकार होगा।

प्रश्न 3.
‘अशिक्षित का हृदय’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
‘अशिक्षित का हृदय’ कहानी एक सोद्देश्य पूर्ण कहानी है। इस कहानी में एक अशिक्षित ग्रामीण मनोहर के निश्छल तथा स्नेहपूर्ण हृदय का चित्रण है। व्यक्ति का व्यक्ति के प्रति अनन्य प्रेम तो अक्सर सुनने को मिलता है। लेकिन एक पेड़ के प्रति प्रेम देखने को कम मिलता है जो इस कहानी में व्यक्त हुआ है। लेखक ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब मनुष्य के पास धन-दौलत आती है तो वह मित्रों की सहायता तो दूर सीधे मुँह बात तक नहीं करता। मनोहर की भी सहायता गाँव भर में किसी ने नहीं की।

(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए

घर = ————
गंगा = ————
वृक्ष = ————
बेटा। = ————
उत्तर:
शब्द = पर्यायवाची शब्द
घर = भवन, सदन
गंगा = देवनदी, भागीरथी
वृक्ष = पेड़, तरु
बेटा। = सुत, पुत्र।

II. निम्नलिखित शब्दों से विशेषण शब्द बनाइए

सप्ताह = ————
समय = ————
निश्चय = ————
प्रतिष्ठा = ————
स्मरण = ————
अपराध। = ————
उत्तर:
शब्द = विशेषण
सप्ताह = साप्ताहिक
समय = सामयिक
निश्चय = निश्चयात्मक
प्रतिष्ठा = प्रतिष्ठित
स्मरण = स्मरणीय
अपराध = आपराधिक।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 8 अशिक्षित का हृदय

III. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर इनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए

बुढ़ापा बिगाड़ना, सीधे मुँह बात न करना, जान एक कर देना, क्रोध के मारे लाल होना, तीन तेरह बकना, नाक कटवाना, चेहरे का रंग उड़ना।
उत्तर:

  1. बुढ़ापा बिगाड़ना-वृद्धावस्था में तकलीफ एवं कठिनाइयां आना-बुढ़ापे में यदि अपने बच्चे लड़झगड़ कर अलग हो जाएं तो बुढ़ापा बिगड़ ही जाता है।
  2. सीधे मुँह बात न करना-ठीक से बात न करना-जब से राहुल अमीर हुआ है तब से वह किसी से सीधे मुँह बात नहीं करता।
  3. जान एक कर देना-अत्यधिक मेहनत करना-किसान अपने खेत में फसल उगाने के लिए अपनी जान एक कर देते हैं।
  4. क्रोध के मारे लाल होना-अत्यधिक गुस्सा आना-परीक्षा में जब टिंकू के अच्छे अंक नहीं आए तो उसके पिता क्रोध के मारे लाल हो गए।
  5. तीन तेरह बकना-बेकार की बातें करना-रमेश के पास जब कुछ कहने को नहीं होता तो वह तीन तेरह बकने लगता है।
  6. नाक कटवाना-बदनाम करवाना-सोहन ने चोरी करके अपने कुल की नाक कटवा दी।
  7. चेहरे का रंग उड़ना-सकपका जाना- तेजा सिंह की चोरी का जब पता चला तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया।

IV. पंजाबी से हिंदी में अनुवाद कीजिए

प्रश्न 1.
ਠਾਕੁਰ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਚਲੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮਨੋਹਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਤੇਜਾ ਨੂੰ ਬੁਲਾ ਕੇ ਛਾਤੀ ਨਾਲ ਲਾਇਆ ਤੇ ਕਿਹਾਪੁੱਤਰ, ਇਸ ਦਰੱਖ਼ਤ ਨੂੰ ਤੂੰ ਹੀ ਬਚਾਇਆ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਹੁਣ ਮੈਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਮੇਰੇ ਪਿੱਛੋਂ ਤੂੰ ਇਸ ਦਰੱਖਤ ਦੀ ਪੂਰੀ ਰੱਖਿਆ ਕਰ ਸਕੇਂਗਾ।
उत्तर:
ठाकुर साहब के चले जाने के बाद मनोहर सिंह ने तेजा को बुला कर छाती से लगाया और कहापुत्र, इस पेड़ को तुमने ही बचाया है। इसलिये अब मुझे विश्वास हो गया है कि मेरे बाद तुम इस पेड़ की पूरी रक्षा कर सकोगे।

प्रश्न 2.
ਸ਼ਿਵਪਾਲ ਸਿੰਘ ਨੇ ਆਪਣੇ ਆਦਮੀਆਂ ਨੂੰ ਕਿਹਾ-ਵੇਖਦੇ ਕੀ ਹੋ, ਇਸ ਬੁੱਢੇ ਨੂੰ ਫੜ ਲਓ ਅਤੇ ਦਰੱਖਤ ਕਟਣਾ म वत रिठ।
उत्तर:
शिवपाल सिंह ने अपने आदमियों को कहा-देखते क्या हो, इस बूढ़े को पकड़ लो और पेड़ काटना शुरू कर दो।

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
तेजा सिंह ने मनोहर सिंह की सहायता के लिए रुपये चुराए। इसे आप कहाँ तक उचित मानते हैं?
उत्तर:
तेजा सिंह मनोहर की सहायता करना चाहता था। यह ठीक बात है किंतु सहायता के नाम पर चोरी करना सर्वथा ग़लत है। किसी भी दृष्टिकोण से तेजा सिंह का चोरी करना सही नहीं ठहराया जा सकता। मदद तो और भी किसी तरीके से की जा सकती थी। इसके लिए गाँव वालों से चंदा लिया जा सकता था या फिर वह पिता को सब सच बताकर उनसे भी ले सकता था। अतः चोरी करना सर्वथा ग़लत था।

प्रश्न 2.
पेड़ों का विकास मानव के बिना हो सकता है लेकिन मानव का विकास पेड़ों के बिना संभव नहीं। इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से अपनी कक्षा में स्वयं करें।

प्रश्न 3.
यह कहानी प्रकृति के साथ मानव के भावात्मक संबंध को प्रकट करती हुई एक मार्मिक कहानी है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य स्वभाव से ही स्वार्थी प्राणी है। अपने लोभ-लालच की प्रकृति के कारण प्रकृति के विनाश में जुटा हुआ है। वह अन्य जीव-जंतुओं की अपेक्षा अधिक बुद्धिमान है इसलिए वह केवल अपनी सुख-सुविधाओं के बारे में सोचता है। अधिक लोग प्रकृति के साथ भावात्मक संबंध जोड़ने की जगह अपने स्वार्थों को महत्व देते हैं। यह कहानी मानव के भावात्मक संबंधों को उजागर करने वाली एक मार्मिक कहानी है जो पेड़ों के कटाव का विरोध करती है। मनोहर सिंह नीम के पेड़ को अपना मानते हुए उसके लिए लड़ने-मरने के लिए तैयार हो जाता है तो तेजा सिंह उसकी रक्षा के लिए अपने सोने की अंगूठी देने को तैयार हो गया था। यदि वे दोनों अपनी आवश्यकता को इस प्रकार प्रकट न करते तो नीम का पेड़ अवश्य काट दिया जाता। निश्चित रूप से यह कहानी प्रकृति के साथ मानव की भावात्मकता से जुड़ी हुई मार्मिक कहानी है।

(घ) पाठ्येतर सक्रियता

प्रश्न 1.
वृक्ष लगाओ, पर्यावरण बचाओ-जैसे नारे चार्ट पर लिखकर कक्षा में लगाइए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
अपने स्कूल या आस-पड़ोस में पौधारोपण कीजिए और उसकी देखभाल कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 3.
नीम के पेड़ के क्या-क्या लाभ हैं? इस बारे में इंटरनेट से या पुस्तकों से जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने ज्ञान के द्वारा स्वयं करें।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 8 अशिक्षित का हृदय

प्रश्न 4.
5 जून को पर्यावरण दिवस में सक्रिय रूप से भाग लीजिए।
उत्तर:
अध्यापक और विद्यालय की सहायता से पर्यावरण दिवस मनाइए और उसमें सक्रिय रूप से भाग लीजिए।

प्रश्न 5.
विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों के चित्रों की एलबम तैयार कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 6.
इस कहानी को अध्यापक की सहायता से एकांकी रूपांतरित करके मंचित कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं अध्यापक की सहायता लेकर इसका मंचन करें।

(ङ) ज्ञान-विस्तार

नीम पर लोकोक्तियाँ

एक करेला दूजा नीम चढ़ा-रमेश पहले से ही शराबी था, अब जुआ भी खेलने लगा है, इसी को कहते हैं एक करेला दूजा नीम चढ़ा।
नीम हकीम खतरा जान-सतनाम कौर के कहने से झाड़ा-फूंकी छोड़ कर किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज करा क्योंकि नीम हकीम खतरा जान होता है, अच्छा डॉक्टर ही तेरी बिमारी ठीक करेगा।-

  • नीम न मीठा होय खाओ गुड-घी से- सोहन सिंह कितना ही समझा लो वह अपनी अकड़ से बाज़ नहीं आएगा क्योंकि नीम न मीठा होय खाओ गुड़-घी से।
  • नीम के कीड़े को नीम ही अच्छा लगता है-रावण जैसी आसुरी प्रवृत्ति वाले को विभीषण की सीख नहीं, मेघनाद का कथन ही अच्छा लगा क्योंकि नीम के कीड़े को नीम ही अच्छा लगता है।
  • नीम का फल निमकौड़ी-जो किसी के लिए गड्डे खोदता है, वह स्वयं भी उसी में जा गिरता है क्योंकि नीम का फल निमकौड़ी ही होता है।
  • नीम गुण बत्तीस, हर्र गुण छत्तीस-राघव के मुकाबले राम अधिक समझदार तथा ईमानदार कर्मचारी हैं, इसीलिए कहते हैं कि नीम गुण बत्तीस तो हर्र गुण छत्तीस।
  • नीम का पेड़ एक सदाबहार पेड़ हैं, जो 15 से 40 मीटर तक ऊँचा हो जाता है। इसके पत्ते, टहनियाँ, बीज, फल, छाल, तेल, जड़ आदि सभी विभिन्न रोगों में लाभकारी माने जाते हैं। इससे त्वचा, मलेरिया, मधुमेय हृदय, कैंसर आदि से संबंधित बीमारियों में लाभ होता है।

PSEB 10th Class Hindi Guide अशिक्षित का हृदय Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
मनोहर सिंह कौन था?
उत्तर:
मनोहर सिंह एक ग्रामीण व्यक्ति था। उसने अपना यौवन काल फौज में व्यतीत किया था।

प्रश्न 2.
नीम का पेड़ किसने और कब लगाया था?
उत्तर:
नीम का पेड़ मनोहर के पिता ने बचपन में लगाया था।

प्रश्न 3.
एक वर्ष बीत जाने के बाद मनोहर को रुपया अदा करने के लिए कितना समय दिया गया?
उत्तर:
एक वर्ष बीत जाने के बाद मनोहर को रुपया चुकाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया।

प्रश्न 4.
मनोहर को पेड़ से लगाव क्यों था?
उत्तर:
मनोहर ने पेड़ के साथ अपना बचपन बिताया था। वह उसे अपने भाई की तरह मानता था। इसलिए उसका पेड़ के प्रति लगाव था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 8 अशिक्षित का हृदय

प्रश्न 5.
मनोहर के पिता का देहांत हुए कितने वर्ष बीत चुके थे?
उत्तर:
मनोहर के पिता का देहांत हुए चालीस वर्ष बीत चुके थे।

प्रश्न 6.
तेजा के मन में मनोहर के प्रति सहानुभूति कब जागी ?
उत्तर:
तेजा ने जब मनोहर सिंह से पेड़ के महत्त्व तथा पेड़ की कहानी को सुना तो उसके हृदय में मनोहर के लिए सहानुभूति जागी।

प्रश्न 7.
शिवपाल सिंह ने मनोहर सिंह को कितने दिन बाद बुलवाया?
उत्तर:
शिवपाल सिंह ने मनोहर सिंह को आठवें दिन दोपहर के समय बुलवाया था।

प्रश्न 8.
दोपहर ढलने के बाद कितने आदमी क्या लेकर आते हुए दिखाई दिए?
उत्तर:
दोपहर ढलने के बाद दो-चार आदमी कुलहाड़ियाँ लेकर आते दिखाए दिए।

प्रश्न 9.
मनोहर सिंह ने अपनी आपबीती किसे कह सुनाई थी?
उत्तर:
मनोहर सिंह ने तेजा को अपनी आपबीती कह सुनाई थी।

प्रश्न 10.
कहानी के अंत में मनोहर सिंह ने क्या घोषणा की?
उत्तर:
कहानी के अंत में मनोहर सिंह ने कहा कि भाइयो, मैं तुम सबके सामने यह पेड़ तेजा सिंह को देता हूँ।

प्रश्न 11.
‘अशिक्षित का हृदय’ कहानी के आधार पर ठाकुर शिवपाल सिंह के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
ठाकुर शिवपाल सिंह ‘अशिक्षित का हृदय’ कहानी में एक शोषक ज़मींदार के रूप में हमारे सामने आता है। वह ऋण देकर उसे कठोरता से वसूल करता है। वह मानवीय सहानुभूति से वंचित है। मनोहर सिंह से रुपये न मिलने पर वह उसका पेड़ कटवाकर उसके स्वाभिमान को ठेस पहुँचाना चाहता है। यही नहीं वह रुपये स्वीकार करने से भी इन्कार करता है। ठाकुर शिवपाल गुस्सैल, स्वार्थी और लालची प्रवृत्ति का व्यक्त है। लेखक ने ठाकुर के माध्यम से उन ज़मींदारों की शोषण प्रवृत्ति का यथार्थ चित्रण किया है जो किसानों के प्रति कठोर व्यवहार करते हैं और उनको नीचा दिखाने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं।

प्रश्न 12.
ठाकुर साहब रुपये लेकर चुपचाप क्यों चले गए थे?
उत्तर:
ठाकुर सिंह को विश्वास हो गया था कि मनोहर सिंह को कहीं से भी रुपए नहीं मिलेंगे। इसलिए उसने भरी सभा में रुपए लेकर पेड़ न कटवाने की बात कह दी थी। जब तेजा के पिता ने 25 रुपए ठाकुर की ओर बढ़ा दिये तो ठाकुर के चेहरे का रंग उड़ गया। उन्होंने तो केवल सभा में उदारता का परिचय देने के लिए रुपए लेने की बात कर दी थी। लेकिन अब पेड़ कटवाने के पक्ष में उनके पास कोई तर्क नहीं था। अतः वे खामोश बने रहे। उन्होंने पच्चीसतीस आदमियों के सामने रुपए स्वीकार कर पेड़ छोड़ने की बात कह दी थी। अत: अब कही हुई बात से पीछे हटना कठिन था। अत: वे रुपए लेकर चुपचाप घर की ओर चल दिए।

प्रश्न 13.
मनोहर सिंह तेजा सिंह को पेड़ को प्रति अपने लगाव के बारे में क्या बताता है?
उत्तर:
मनोहर सिंह तेजा को लक्ष्य कर कहता है, बेटा ! यह बात स्वीकार करो कि इस पेड़ के कट जाने का मुझे बड़ा दुःख होगा। मेरा बुढ़ापा जायेगा अर्थात् मेरे जीवन में दुःख और निराशा छा जायेगी। बुढ़ापा वैसे ही कष्टपूर्ण होता है पर पेड़ का अभाव इसे असहनीय बना देगा। अभी तक मेरा जीवन सुखमय व्यतीत हो रहा था। निश्चित होकर जीवन व्यतीत कर रहा था। जो कुछ भी मिलता, उसे खाकर संतोष का अनुभव करता। किसी प्रकार का सांसारिक मोह मुझे नहीं था। ईश्वर का भजन-पूजन कर अपना समय व्यतीत कर रहा था पर अब अगर पेड़ कट गया तो मुझे बहुत दु:ख होगा।

प्रश्न 14.
मनोहर सिंह अपना नीम का पेड़ क्यों काटने नहीं दे रहा था?
उत्तर:
मनोहर सिंह के घर के द्वार पर लगा नीम का पेड़ बहुत पुराना था। यह पेड़ इसके पिता के द्वारा लगाया गया था। उसे वह अपने बड़े भाई के समान मानता था। बरसों इस पर खेला और उसकी मीठी निबौलियाँ खाई थीं। पेड़ कटने पर उसे अपना बुढ़ापा बिगड़ते लगता था। इसलिए वह किसी सूरत में भी उस पेड़ को काटने देना नहीं चाहता था।

प्रश्न 15.
मनोहर सिंह ने तेजा के बापू के बारे में उससे क्या कहा?
उत्तर:
तेजा सिंह गाँव के एक प्रतिष्ठित किसान का बेटा था। उसने जब ऋण के रुपयों की बात अपने पिता से करने को कहा तो मनोहर सिंह ने कहा, वह अब बड़ा आदमी हो गया है, गरीबों की बात क्यों सुनने लगा। किंतु एक जमाना था जब सारा-सारा दिन मेरे द्वार पर पड़ा रहता था। घर में जब भी कोई लड़ाई होती मेरे पास भाग आता। वही अब मुझसे सीधे मुँह बात भी नहीं करता। सब समय की बात है।

प्रश्न 16.
मनोहर सिंह ने तेजा सिंह को नीम का पेड़ क्यों दे दिया था?
उत्तर:
तेजा सिंह ने अपनी सोने की अंगूठी देकर मनोहर सिंह का ऋण चुकाने की कोशिश की थी। यह देखकर मनोहर सिंह को विश्वास हो गया कि उसके पीछे वह उस पेड़ की पूरी रक्षा कर सकेगा। इसी कारण मनोहर सिंह ने वह नीम का पेड़ तेजा सिंह को दे दिया।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 8 अशिक्षित का हृदय

प्रश्न 17.
‘अशिक्षित का हृदय’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कहानी का शीर्षक प्रायः कहानी के मूलभाव तथा उद्देश्य का सूचक होता है। प्रस्तुत कहानी का शीर्षक ‘अशिक्षित का हृदय’ है और इस कहानी में लेखक ने एक ग्रामीण व्यक्ति की सहृदयता पर प्रकाश डाला है। मनोहर सिंह अपने पिता द्वारा लगाए गए नीम के पेड़ की रक्षा के लिए अपने प्राणों तक की आहति देने के लिए तैयार है। पेड़ के प्रति स्नेह, उसकी रक्षा तथा उसकी उपकार भावना का संबंध हृदय से है। इसलिए शीर्षक उपयुक्त तथा सार्थक है। शीर्षक सरल तथा जिज्ञासा उत्पन्न करने वाला भी है। पाठक को यह शीर्षक कभी भूलता नहीं।

प्रश्न 18.
‘अशिक्षित का हृदय’ कहानी में सबसे अच्छा चरित्र-चित्रण किसका है और क्यों?
उत्तर:
कौशिक जी ने अपनी कहानियों के अंतर्गत विभिन्न मानव-मनोवृत्तियों का चित्रण करने के लिए विविध प्रकार के चरित्रों का चयन किया है। पात्रों के स्वभाव, व्यवहार प्रकृति एवं प्रवृत्तियों का चित्रण कौशिक कहानियों की उल्लेखनीय विशेषता है। प्रस्तुत कहानी में पात्रों की संख्या पर्याप्त है पर प्रमुखता केवल तीन पात्रों को प्राप्त हुई है(1) मनोहर सिंह (2) तेजा सिंह (3) ठाकुर शिवपाल सिंह। इनमें भी मनोहर सिंह का चरित्र अधिक आकर्षक है क्योंकि लेखक का लक्ष्य उसी के चरित्र को उजागर करना है। शेष पात्र भी उसी के चरित्र को उभारने में सहायक हैं। वह परिश्रमी, वचन का पक्का, ईमानदार, साहसी, रिश्ते-नातों को निभाने वाला, प्रकृति प्रेमी और स्पष्टवादी स्वभाव का व्यक्ति था। उसमें छल-कपट कदापि नहीं था। वही कहानी का मुख्य पात्र था। सारी कहानी उसी के चरित्र से जुड़ी हुई है। उसी का चरित्र कहानी का आरंभ और अंत है।

प्रश्न 19.
अशिक्षित का हृदय’ कहानी किस प्रकार की है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘अशिक्षित का हृदय’ श्री विश्वंभरनाथ ‘कौशिक’ के द्वारा रचित एक भावात्मक तथा चरित्र प्रधान कहानी है, जिसमें एक अशिक्षित ग्रामीण की भावुकता का मार्मिक चित्रण हुआ है। इस कहानी में नैतिकता और आदर्शवादिता की प्रधानता रही है। इसमें स्वाभाविकता के साथ-साथ व्यावहारिकता भी विद्यमान है। जहाँ आदमी की अभिव्यक्ति है, वहाँ यथार्थ की भी अभिव्यक्ति है। इस में कलात्मकता का भी सुंदर निर्वाह है।

प्रश्न 20.
अशिक्षित का हृदय कहानी की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
कौशिक जी की कहानियों की भाषा प्रायः सरल, वातावरण, परिस्थिति तथा पात्र के व्यक्तित्व के अनुकूल होती है। उनकी भाषा में कहीं भी क्लिष्टता नहीं। भाषा बोलचाल के निकट है। यथा-
ठाकुर-अच्छा, अब ठीक-ठीक बताओ कि रुपये कब तक दे दोगे ? मनोहर कुछ देर सोचकर बोला-एक सप्ताह में अवश्य दे दूंगा।
संवादों में संक्षिप्तता और नाटकीयता का गुण भी विद्यमान है। संवाद मनोहर सिंह के अंतर्द्वद्व को व्यक्त करने में भी सहायक हैं।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मनोहर सिंह कैसा जीवन जीने वाला व्यक्ति है?
उत्तर:
मनोहर सिंह साधारण जीवन जीने वाला व्यक्ति है।

प्रश्न 2.
मनोहर सिंह नीम के वृक्ष को बचाने के लिए क्या प्रण करता है?
उत्तर:
मनोहर सिंह अपनी जान देकर भी नीम के वृक्ष को बचाने का प्रण करता है।

प्रश्न 3.
ऋण का पाप कैसे कटता है?
उत्तर:
ऋण का पाप ऋण चुका देने से कटता है।

प्रश्न 4.
मनोहर सिंह के पिता का देहान्त हुए कितने वर्ष हो गए थे?
उत्तर:
मनोहर सिंह के पिता का देहान्त हुए चालीस वर्ष हो गए थे।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
डेढ़ साल का ब्याज मिलाकर कुल कितने रुपए मनोहर सिंह ने ठाकुर को देने थे?
(क) बीस
(ख) बाईस
(ग) पच्चीस
(घ) तीस।
उत्तर:
(ख) बाईस

प्रश्न 2.
मनोहर सिंह की आयु लगभग कितने वर्ष की है
(क) 50
(ख) 55
(ग) 60
(घ) 65।
उत्तर:
(ख) 55

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 8 अशिक्षित का हृदय

प्रश्न 3.
ठाकुर शिवपाल सिंह ने मनोहर सिंह को ऋण लौटाने के लिए कितने दिनों का समय दिया था?
(क) एक सप्ताह
(ख) एक माह
(ग) एक पखवाड़ा
(घ) दस दिन।
उत्तर:
(क) एक सप्ताह

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न

प्रश्न 1.
तेजा सिंह गाँव के किस प्रतिष्ठित व्यक्ति का बेटा था? (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
किसान

प्रश्न 2.
आठवें दिन तक मनोहर सिंह रुपयों का प्रबंध नहीं कर सका। (हाँ या नहीं में उत्तर दें)
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 3.
वे मज़दूर बुड्ढे की ललकार सुन और तलवार देखकर भी नहीं भागे। (हाँ या नहीं में उत्तर दें)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 4.
शिवपाल सिंह पुलिस तथा बंदूकधारियों को लेकर पहुँचे। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 5.
तेजा सिंह ने अपनी अंगूठी शिवपाल सिंह को दी। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
सही

प्रश्न 6.
ये अँगूठी मुझे मेरी ……… ने दी थी।
उत्तर:
नानी

प्रश्न 7.
बेटा, इस …………. को तूने ही बचाया।
उत्तर:
पेड़
प्रश्न 8.
ठाकुर साहब के ……….. का रंग उड़ गया।
उत्तर:
चेहरे।

अशिक्षित का हृदय कठिन शब्दों के अर्थ

चिरंजीव = दीर्घ जीवी। विनीत = विनम्र । कद्र = इज़्ज़त संभाल। उत्तराधिकारी = बाद में संभालने वाला। जोखिम = खतरा। सठिया जाना = साठ वर्ष का हो जाना, बुड्ढा होना। ऋण = कर्ज़। अन्नदाता = भोजन का प्रबंध करने वाला। वसूलना = किसी से कुछ हक से लेना। हताश = निराश। पेंशन = नौकरी के बाद मिलने वाली धन राशि। सींचना = पानी देना। स्मरण = याद। निबोली = नीम का छोटा फल। अनावृष्टि = वर्षा का अभाव, सूखा। लठबंध = लठैत। सिरहाने = सिर की तरफ। मियाद = समय। सदैव = हमेशा। ऊल-जलूल = ऊट-पटांग। वच = बच। प्रतिष्ठित = सम्मान प्राप्त। कीर्ति = मान-सम्मान, यश। टुकुर-टुकुर = रह-रह कर, ललचाई नज़र से देखना। गिरवी = किसी के पास कोई चीज़ किसी शर्त पर रखना।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 8 अशिक्षित का हृदय

अशिक्षित का हृदय Summary

अशिक्षित का हृदय लेखक परिचय

बहुमुखी प्रतिभा संपन्न श्री विश्वंभरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ का जन्म सन् 1890 ई० में तत्कालीन पंजाब प्रांत के अंबाला जिले में हुआ था। इन्हें हिंदी, उर्दू, पंजाबी, अंग्रेज़ी भाषाओं का अच्छा ज्ञान था। इन्होंने भारतीय संस्कृति, धर्म, साधना का गहनता से अध्ययन किया था। इन्होंने कानपुर से मैट्रिक की शिक्षा प्राप्त की थी। संगीत तथा फोटोग्राफी में भी इनकी अत्यधिक रुचि थी। इनका देहावसान सन् 1944 ई० में हो गया था। कौशिक जी मूलरूप से कहानीकार थे। उन्होंने आदर्शवादिता और भावुकता से परिपूर्ण कहानियां लिखी थीं।

रचनाएँ – विश्वंभरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ एक महान् साहित्य सेवक थे। उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से अनेक साहित्यिक विधाओं का विकास किया। इनकी प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं-
कहानी संग्रह – मणिमाला, चित्रशाला
पत्र-संग्रह – दूबे जी की डायरी
उपन्यास – माँ, भिखारिणी।

विश्वंभरनाथ शर्मा आधुनिक साहित्य के एक श्रेष्ठ साहित्यकार थे। हिंदी भाषा के गद्य के क्षेत्र में उनका योगदान महान् है। इनका गद्य-साहित्य समाज केंद्रित है। इन्होंने अपने गद्य-साहित्य में समकालीन समाज का यथार्थ चित्रण किया। इन्होंने समाज के सुख-दुःख, गरीबी, शोषण आदि का यथार्थ वर्णन किया है। इनका सारा जीवन साहित्य-सेवा में तथा समाज-उद्धार करने में लगा रहा।

अशिक्षित का हृदय कहानी का सार

‘अशिक्षित का हृदय’ कहानी के लेखक श्री विश्वंभरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ हैं। इस कहानी में लेखक ने एक अशिक्षित ग्रामीण के हृदय में निहित सच्चे प्रेम की झलक प्रस्तुत की है।

मनोहर सिंह नाम का एक ग्रामीण व्यक्ति था। उसने अपना यौवन काल फौज में व्यतीत किया था। अब वह अकेला रहता था। गाँव में दूर के एक-दो रिश्तेदार अवश्य थे, उन्हीं के यहां अपना भोजन बना लेता था। उसका कहीं आनाजाना नहीं था। अपने टूटे-फूटे मकान में रहता था और ईश्वर भजन किया करता था।

एक वर्ष पूर्व उसके मन में खेती कराने की इच्छा पैदा हुई थी। अतः उसने ठाकुर शिवपाल सिंह से कुछ भूमि लगान पर लेकर खेती कराई भी थी पर वर्षा न होने के कारण कुछ पैदावार न हुई। ठाकुर शिवपाल सिंह को लगान न दिया जा सका। उसे जो सरकार से पेंशन मिलती थी, वह उस पर खर्च हो जाती थी। अतः कुछ बचत न थी।

ठाकुर शिवपाल सिंह ऋण की रकम वापस लेने में कुछ कठोर हो जाया करता था। अंत में जब ठाकुर साहब को लगान न मिला तो उन्होंने मनोहर सिंह का नीम का पेड़ गिरवी रख लिया। मनोहर सिंह की झोंपड़ी के द्वार पर लगा यह पेड़ बहुत पुराना था। सबसे बड़ी बात तो यह थी कि इसे मनोहर सिंह के पिता ने लगवाया था।

एक दिन ठाकुर शिवपाल सिंह अपना ऋण वापस लेने के लिये मनोहर सिंह के द्वार पर आ पहुँचा। मनोहर सिंह ने विनम्र भाव से कहा कि अभी रुपये उसके पास नहीं थे। फिर रुपयों को कोई खतरा नहीं था क्योंकि उसका नीम का पेड़ गिरवी रखा हुआ था। ठाकुर शिवपाल सिंह ने कहा कि डेढ़ साल का ब्याज मिलाकर कुल 25 रुपये बनते थे। वे रुपये अदा कर दो अन्यथा इसके बदले पेड़ कटवा लिया जायेगा। मनोहर सिंह घबराकर बोला कि पेड़ को कटवाया न जाए। ऋण अदा न होने पर वह पेड़ ठाकुर शिवपाल सिंह का हो जाएगा। ठाकुर ने मनोहर सिंह की बात नहीं मानी और कहा-“हमारा जो जी चाहेगा करेंगे। तुम्हें फिर कुछ कहने का अधिकार नहीं रहेगा।”

मनोहर सिंह को रुपया अदा करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था। उसने रुपया चुका देने की हर संभव कोशिश की। बहुत दौड़-धूप की पर किसी ने भी रुपए नहीं दिए। वह पेड़ की शीतल छाया में लेटा हुआ पेड़ के उपकारों का स्मरण कर रहा था। वह पेड़ उसे बहुत प्रिय था। उसके कट जाने की कल्पना मात्र से उसका हृदय काँप उठता था। वह उठकर बैठ गया और वृक्ष की ओर मुँह करके बोला-“यदि संसार में किसी ने मेरा साथ दिया है तो तूने। यदि संसार में किसी ने नि:स्वार्थ भाव से मेरी सेवा की है तो तूने। ……. पिता कहा करते थे-बेटा मनोहर, यह मेरे हाथ की निशानी है। इससे जब-जब तुझे और तेरे बाल-बच्चों को सुख पहुँचेगा तब-तब मेरी याद आएगी। पिता का देहांत हुए चालीस वर्ष व्यतीत हो गए……. इस संसार में तू ही एक पुराना मित्र है। तुझे वह दुष्ट काटना चाहता है।” हाँ, काटेगा क्यों नहीं। देखू कैसे काटता है।”

मनोहर सिंह अपने विचारों में डूबा हुआ बड़बड़ा ही रहा था कि उसी समय तेजा नाम का एक पंद्रह-सोलह वर्ष का लड़का आया। उसने आते ही मनोहर से पूछा कि वह किससे बातें कर रहा था। मनोहर सिंह ने तेजा को आप बीती कह सुनाई। तेजा बालक था इसलिए वह मनोहर सिंह की गंभीरता का अनुमान न लगा सका लेकिन जब उसे पेड़ की कहानी तथा उसके महत्त्व का पता चला तो उसके हृदय में मनोहर सिंह के प्रति सहानुभूति जागी। तेजा सिंह के लिए 25 रुपये की रकम बहुत बड़ी थी। दस-पाँच रुपये की बात होती तो वह कहीं से ला देता। मनोहर सिंह तेजा सिंह की सहानुभूति पाकर प्रभावित हो गया। उसने उसे आशीर्वाद दिया।

एक सप्ताह बीत गया। मनोहर सिंह रुपये अदा नहीं कर सका। आठवें दिन दोपहर के समय शिवपाल सिंह ने मनोहर सिंह को बुलवाया। मनोहर सिंह तलवार बग़ल में दबाए अकड़ता हुआ ठाकुर साहब के सामने आ पहुँचा। ठाकुर साहब ने कहा कि अब पेड़ उनका था। अतः उसे कटवाने का अधिकार भी उनका था। मनोहर सिंह पेड़ न कटवाने का अनुरोध करता रहा। पर ठाकुर साहब के कान पर तक न रेंगी। मनोहर सिंह भी आकर अपने पेड़ के नीचे चारपाई बिछाकर बैठ गया।

दोपहर ढलने पर दो-चार आदमी कुल्हाड़ियाँ लेकर आते दिखाई दिए। मनोहर सिंह ने तलवार निकाल ली और कहा-“संभल कर आगे बढ़ना। जो किसी ने भी पेड़ में कुल्हाड़ी लगाई, तो उसकी जान और अपनी जान एक कर दूंगा।” मज़दूर भाग खड़े हुए। शिवपाल सिंह घटना से परिचित होते ही दो लठबंद आदमियों तथा मज़दूरों के साथ वहाँ पहुँचे। मनोहर सिंह तथा ठाकुर शिवपाल सिंह में वाद-विवाद हुआ। मनोहर सिंह ने क्रोध से चुनौती भरे स्वर में कहा”ठाकुर साहब, जो आप सच्चे ठाकुर हैं, तो इस पेड़ को कटवा ले, जो मैं ठाकुर हूँगा, तो इसे न कटने दूंगा।” इसी समय तेजा सिंह ने मनोहर सिंह को रुपये लाकर दिये।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 8 अशिक्षित का हृदय

अब ठाकुर साहब पेड़ कटवाने की जिद्द पूरी करना चाहते थे। अतः उन्होंने रुपये लेने से इन्कार कर दिया। इसी बीच गाँव के लोग इकट्ठे हो गए। गाँव के लोगों के साथ तेजा सिंह का पिता भी आया था। जब उसे पता चला कि रुपये तेजा सिंह ने दिए थे और वह ये रुपये चुराकर लाया था। मनोहर सिंह ने रुपये लौटा दिए। शिवपाल सिंह को पता लग गया था कि मनोहर सिंह रुपये नहीं दे सकता। अतः उन्होंने कहा कि अगर मनोहर सिंह रुपए अभी दे दे तो वह स्वीकार कर लेंगे।

तेजा सिंह आगे बढ़ा और उसने अपनी अंगूठी ठाकुर साहब की तरफ बढ़ाते हुए कहा कि ‘यह एक तोले की है। इस पर बापू का कोई अधिकार नहीं क्योंकि यह मुझे अपनी नानी से प्राप्त हुई है।’ तेजा सिंह की इस भावना को देखकर उसके पिता आगे बढ़े और ठाकुर साहब को पच्चीस रुपये दे दिये।

ठाकुर साहब के चले जाने के बाद मनोहर सिंह ने तेजा को छाती से लगा लिया और सबके सामने कहा-भाइयो। मैं तुम सबके सामने यह पेड़ तेजा सिंह को देता हूँ। तेजा को छोड़कर इस पर किसी का कोई अधिकार न रहेगा।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 7 ममता

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 7 ममता Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 7 ममता

Hindi Guide for Class 10 PSEB ममता Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
ममता कौन थी?
उत्तर:
ममता रोहतास दुर्ग के मंत्री चूड़ामणि की पुत्री थी।

प्रश्न 2.
मंत्री चूड़ामणि को किसकी चिंता थी?
उत्तर:
मंत्री चूड़ामणि को अपनी जवान विधवा बेटी के भविष्य तथा अपने दुर्ग के प्रति चिंता थी।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 7 ममता

प्रश्न 3.
मंत्री चूड़ामणि ने अपनी विधवा पुत्री ममता को उपहार में क्या देना चाहा?
उत्तर:
मंत्री चूड़ामणि ने अपनी पुत्री ममता को सोने-चांदी के आभूषण उपहार में देने चाहे।

प्रश्न 4.
डोलियों में छिपकर दुर्ग के अंदर कौन आये?
उत्तर:
डोलियों में स्त्री-वेश में शेरशाह के सिपाही छिपकर दुर्ग के अंदर आए।

प्रश्न 5.
ममता रोहतास दुर्ग छोड़कर कहाँ रहने लगी?
उत्तर:
पिता चूडामणि की मृत्यु के बाद ममता राज्य को छोड़कर काशी के निकट बौद्ध विहार के खंडहरों में झोंपडी बनाकर तपस्विनी के समान रहने लगी।

प्रश्न 6.
ममता से झोंपड़ी में किसने आश्रय माँगा?
उत्तर:
ममता से झोंपड़ी में सात देशों के नरेश हुमायूँ ने आश्रय माँगा था जब वह चौसा युद्ध से जान बचाकर भाग आया था।

प्रश्न 7.
ममता पथिक को झोंपड़ी में स्थान देकर स्वयं कहाँ चली गई?
उत्तर:
ममता ने पथिक को झोंपड़ी में स्थान देकर स्वयं खंडहरों में जाकर रात बिताई।

प्रश्न 8.
चौसा-युद्ध किन-किन के मध्य हुआ?
उत्तर:
चौसा-युद्ध हुमायूँ और शेरशाह सूरी के मध्य कर्मनासा नदी के पास चौसा नामक स्थान पर 26 जून, सन् 1539 में हुआ था जिसमें युद्ध में हुमायूँ परास्त हो गया था।

प्रश्न 9.
विश्राम के बाद जाते हुए पथिक ने मिरजा को क्या आदेश दिया?
उत्तर:
विश्राम के बाद जाते हुए पथिक ने मिरजा को आदेश दिया कि-“मिरजा! उस स्त्री को मैं कुछ भी न दे सका। उसका घर बनवा देना, क्योंकि विपत्ति में मैंने यहाँ आश्रय पाया था। यह स्थान भूलना मत।”

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
ब्राह्मण चूड़ामणि कैसे मारा गया?
उत्तर:
ब्राह्मण चूडामणि रोहतास-दुर्ग का मंत्री था। ममता रोहतास दुर्ग के मंत्री चूड़ामणि की बेटी थी। बेटी के भविष्य के प्रति चूड़ामणि सदैव चिंतित रहा करते थे। उन दिनों शेरशाह सूरी का शासन था। चूड़ामणि अपने दुर्ग की सुरक्षा के प्रति सदा चिंतित रहते थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने शेरशाह सूरी से मित्रता की। संधि हुए अभी एक दिन भी नहीं बीता था कि शेरशाह सूरी के सिपाही स्त्री-वेश में रोहतास-दुर्ग में प्रवेश कर गए। चूडामणि को जब पता चला तो उसने आपत्ति की, किंतु पठान सैनिकों ने उनकी हत्या कर दी।

प्रश्न 2.
ममता की जीर्ण-कंकाल अवस्था में उसकी सेवा कौन कर रही थीं?
उत्तर:
ममता की आयु अब सत्तर वर्ष की हो चुकी थी। उसका जीर्ण-कंकाल शरीर कमज़ोर हो पड़ा था। उसका जीर्ण कंकाल खाँसी से गूंज रहा था। ममता की उस अवस्था में सेवा के लिए गाँव की स्त्रियाँ उसे घेर कर बैठी थीं। ममता आजीवन सबके दुःख-सुख ही सहभागिनी रही थी, इसलिए आज गाँव की स्त्रियाँ ममता की सेवा कर रही थी।

प्रश्न 3.
ममता ने झोंपड़ी में आए व्यक्ति की सहायता किस प्रकार की?
उत्तर:
एक रात जब ममता पूजा-पाठ में मग्न थी, उसने अपनी झोंपड़ी के द्वार पर एक भयानक-सी शक्ल वाले व्यक्ति को खड़े देखा। वह व्यक्ति ममता से आश्रय की भीख माँग रहा था। पहले तो ममता उस मुग़ल की मदद नहीं करना चाहती थी किंतु ‘अतिथि देवो भवः’ की भावना उसके अंदर कूट-कूट कर भरी थी। इसीलिए अतिथि सेवा को अपना धर्म समझकर ममता ने उस थके मुग़ल को अपनी झोपड़ी में रात बिताने की आज्ञा दे दी और स्वयं खंडहरों में जाकर रात बिताई।’

प्रश्न 4.
ममता ने अपनी झोंपड़ी के द्वार पर आए अश्वारोही को बुलाकर क्या कहा?
उत्तर:
ममता ने अपनी झोंपड़ी के द्वार पर आए अश्वारोही को पास बुलाकर कहा-मुझे मालूम नहीं था कि वह शाहजहाँ हुमायूँ था या कि कौन। पर एक दिन एक मुग़ल इस झोंपड़ी में अवश्य रहा था। वे जाते-जाते मेरा घर बनवा देने की आज्ञा दे गया था। मैं जीवन भर अपनी झोंपड़ी के खोदे जाने के डर से डरती रही। पर अब मुझे कोई चिंता नहीं। अब मैं झोंपड़ी छोड़ कर जा रही हूँ। तुम इसकी जगह मकान बनाओ या महल, मेरे लिए कोई महत्त्व नहीं।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 7 ममता

प्रश्न 5.
हुमायूँ द्वारा दिए गए आदेश का पालन कितने वर्षों बाद तथा किस रूप में हुआ?
उत्तर:
हुमायूँ द्वारा दिए गए आदेश का पालन 47 वर्षों के बाद इतिहास के अनुसार महल का निर्माण सन् 1588 के करीब मिलता है। जहाँ कभी हुमायूँ ने चौसा के युद्ध से भाग कर विश्राम किया था। इस स्थान पर रहने वाली एक स्त्री ने सकी प्राण-रक्षा की थी। इसलिए वह इस स्थान पर भवन बनाना चाहता था। उसकी मृत्यु के पश्चात् वहाँ आठ कोणों वाला एक मंदिर बना। उस पर हुमायूँ की प्रशस्ति में एक शिलालेख लगाया गया जिस पर लिखा था कि सातों देश के शासक हुमायूँ ने एक दिन यहाँ विश्राम किया था। उसके पुत्र अकबर ने उसकी याद में आकाश को छूने वाला यह मंदिर बनवाया लकिन हुमायूँ को आश्रय देने वाली ममता का कहीं नाम न था।

प्रश्न 6.
मंदिर में लगाए शिलालेख पर क्या लिखा गया?
उत्तर:
अकबर द्वारा कुछ दिनों के बाद ही उस स्थान पर एक अष्ट कोण मंदिर तैयार करवाया गया। उस मंदिर में लगाए शिलालेख पर लिखा था-“सात देशों के नरेश हुमायूँ ने एक दिन यहाँ विश्राम किया था। उनके पुत्र ने उसकी स्मृति में यह गगनचुंबी मंदिर बनवाया।” शिलालेख पर इतना सब कुछ लिखा गया किंतु हुमायूँ को आश्रय देने वाली ममता का कहीं नाम नहीं था।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
ममता का चरित्र-चित्रण कीजिए।
अथवा
‘ममता’ कहानी के आधार पर ममता का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर:
ममता एक अनिंद्य सौंदर्यमयी विधवा युवती है। ब्राह्मण होने के कारण उसके मन में धन के प्रति मोह लेशमात्र भी नहीं है। वह स्वाभिमानी भी है, त्याग करना और कष्ट सहना वह जानती है। उसमें भारतीय नारी के सभी गुण मौजूद हैं। ममता देश भक्त भी है। राष्ट्र प्रेम उसकी नसों में कूट-कूट कर भरा है। अपने पिता द्वारा प्राप्त यवनों द्वारा दी गई रिश्वत की राशि को वह लौटा देने का आग्रह करती है। ममता यह जानते हुए भी कि उसके पिता की हत्या इन यवनों के हाथों हुई है, वह एक यवन आगंतुक को इसलिए शरण देती है कि हिंदू धर्म में अतिथि देवो भव’ कहा गया है। उसकी दूरदर्शिता उसकी बातों से स्पष्ट रूप में दृष्टिगोचर होती है। लोगों के प्रति प्रेम, सेवा भावना तथा दूसरों के सुख-दुःख समझने की भावना के कारण ही लोग उसका सम्मान करते थे। वह आजीवन सबके सुख-दुःख की सहभागिनी रही। उसकी इसी सेवा भावना के कारण उसके अंत समय में गाँव की स्त्रियाँ ममता की सेवा के लिए घेर कर बैठी थीं।

प्रश्न 2.
‘ममता’ कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
‘ममता’ कहानी एक ऐतिहासिक कहानी है। इस कहानी के द्वारा लेखक ने नारी के आदर्श, कर्तव्य पालन, त्याग, तपस्वी जीवन जीने जैसे गुणों को अपनाने की शिक्षा दी है। उनके अनुसार इतिहास बनाने में केवल राजाओं का हाथ नहीं होता बल्कि एक आम आदमी का भी हाथ होता है। अतः हमें कभी अपने कर्त्तव्य से पीछे नहीं हटना चाहिए। अतिथि देवो भवः’ की भावना सदैव अपने मन में रखनी चाहिए। कहानी में ममता के संवादों से लेखक ने रिश्वत लेने तथा देश से गद्दारी को सर्वथा अनुचित बताया है। अतः कहानी हमें एक आदर्श व्यक्ति, देशभक्त, आश्रयदाता, समाज सेवक, मृदुभाषी आदि बनने की शिक्षा देती है। व्यक्ति की ममत्व की भावना तथा उसमें निहित उपकार भावना के भी दर्शन होते हैं।

(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखिए

विधवा = ————
स्वस्थ = ————
सुख = ————
स्वीकार = ————
प्राचीन = ————
पमान। = ————
उत्तर:
शब्द = विपरीत शब्द
विधवा = सधवा
स्वस्थ = अस्वस्थ
सुख = दुःख
स्वीकार = अस्वीकार
प्राचीन = नवीन
अपमान = मान।

II. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए

बरसात = ————
चंद्रमा = ————
माता = ————
पक्षी = ————
रात। = ————
उत्तर:
शब्द = पर्यायवाची शब्द
बरसात = वर्षा, बरखा
चंद्रमा = चाँद, शशि
माता = माँ, जननी
पक्षी = खग, पंछी
रात = रजनी, रात्रि।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 7 ममता

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
अतिथि देवो भव पर कोई कहानी लिखने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं लिखने का प्रयास करें।

प्रश्न 2.
‘असाधारण मनुष्य महलों में रहें या कुटिया में रहें, वे सदा ही असाधारण रहते हैं। ‘ममता’ महल में रहकर लालच से कोसों दूर थी और छोटी-सी कुटिया में भी सुरक्षा की परवाह न करते हुए अतिथि सेवा कर्म से विमुख नहीं हुई।’ इस विषय पर अपने विचार प्रकट करें।
उत्तर:
प्रत्येक व्यक्ति के लिए रहने के लिए आवास की आवश्यकता होती है ताकि उसमें रहकर गर्मी-सर्दी-वर्षा तथा अन्य समस्याओं से बचा जा सके लेकिन असाधारण मनुष्य कभी भी दिखावा पसंद नहीं होते। वे चाहे झोंपड़ी में रहें या महल में उनकी क्षमता और असाधारणता बनी ही रहती है। ममता रोहतास दुर्ग में रही या जंगल में बनी झोंपड़ी में वह महान् थी और महान् बनी ही रही थी उसकी आत्मिक शक्ति ने उसके सिर को सदा ऊँचा ही रखा था। इतिहास में महात्मा बुद्ध, महावीर स्वामी, सम्राट अशोक, चाणक्य आदि सैंकड़ों विभूतियों इसी बात को सिद्ध करते हैं। असाधारण व्यक्ति भीतरी शक्ति से संपन्न होते हैं न कि बाहर की चमक-दमक और दिखावे से। न तो महल किसी को महान् बनाते हैं और न ही झोंपड़ियाँ किसी को नीचे गिराती हैं। व्यक्ति अपनी मानसिक शक्ति और सोच-समझ से महान् बनता है।

(घ) पाठ्येतर सक्रियता

प्रश्न 1.
जयशंकर प्रसाद की अन्य ऐतिहासिक कहानियाँ/नाटक भी पढ़िए।
उत्तर:
विद्यार्थी पुस्तकालय एवं अध्यापक की सहायता लेकर जयशंकर प्रसाद की ऐतिहासिक कहानियाँ पढ़ने का प्रयास करें।

प्रश्न 2.
ईमानदारी, सत्य, निष्ठा, उदारता, अतिथि सेवा आदि जीवन मूल्यों पर समय-समय पर विद्यालय की प्रार्थना सभा में विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 3.
‘ममता’ कहानी को एकांकी के रूप में मंचित करने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

प्रश्न 4.
भावना और कर्त्तव्य में से किस का पालन करना चाहिए? कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

(ङ) ज्ञान-विस्तार

‘ममता’ कहानी में जिस रोहतास दुर्ग का नाम आया है वह बिहार के रोहतास जिले में है। उसे अफगान शासक शेरशाह सूरी ने बनवाया था। इस किले में 84 गलियारे तथा 24 मुख्य द्वार हैं। यहाँ शाहजहाँ, मानसिंह तथा मीरकासिम और उसका परिवार रहता था। इसी कहानी में वर्णित सोन नदी बिहार की प्रमुख नदी है, जो मध्यप्रदेश से निकल कर सोनपर में गंगा से जा मिलती है। इस नदी की रेत सोने के पीले रंग जैसी होती है, इसलिए इसे सोन नदी कहा जाता है।

हुमायूँ और शेरशाह के बीच गंगा के उत्तरी तट पर स्थित चौसा नामक स्थान पर 25 जून, सन् 1539 को युद्ध हुआ था, जिसमें हुमायूँ को पराजय का मुख देखना पड़ा था। शेरशाह पहले बाबर का सैनिक था, जिसे उसने बिहार का राज्यपाल बनाया था, परन्तु शेरशाह ने बंगाल पर भी अपना अधिकार कर लिया तथा हुमायूँ को पराजित कर भारत छोड़ने पर ही विवश कर दिया था और संपूर्ण उत्तर भारत पर अपना अधिकार कर लिया था। इसी ने सर्वप्रथम रुपए का चलन शुरू किया था। जी० टी० रोड को शेरशाह सूरी मार्ग भी इसी के द्वारा इस मार्ग का निर्माण कराए जाने के कारण कहते हैं।

हुमायूँ बाबर का पुत्र था, जिसकी मृत्यु के बाद सन् 1530 ई० में इसी ने मुग़ल साम्राज्य का शासन संभाला था, पर शेरशाह सूरी से हार कर दस वर्ष बाद ही ईरान के शाह की सहायता से वह पुनः अपना राज्य प्राप्त कर सका। अकबर इसी का पुत्र था, जो हुमायूँ की मृत्यु के बाद मुगल सम्राट् बना था। इसने लगभग पूरे भारत-उपमहाद्वीप पर शासन किया था तथा हिंदू-मुस्लिम एकता स्थापित करने के लिए दीन-ए-इलाही धर्म की स्थापना की थी।

PSEB 10th Class Hindi Guide ममता Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
शेरशाह दुर्ग पर अधिकार क्यों करना चाहता था? इसके लिए उसने क्या किया?
उत्तर:
शेरशाह अपने स्वार्थ के लिए रोहतास दुर्ग पर अपना अधिकार जमाना चाहता था। इसलिए उसने मंत्री चूड़ामणि से संधि की थी।

प्रश्न 2.
ममता ने किसे और क्या लौटाने को कहा ? उत्तर- ममता ने अपने पिता को शेरशाह द्वारा दिए गए उपहारों को लौटा देने का आग्रह किया। प्रश्न 3. रोहतास दुर्ग पर कब्जा करने के बाद पठानों ने क्या किया?
उत्तर:
रोहतास दुर्ग पर कब्जा करने के बाद पठान सैनिकों ने मंत्री चूड़ामणि की हत्या कर दी और सारा खज़ाना लूट लिया।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 7 ममता

प्रश्न 4.
एक रात ममता ने अपनी झोंपड़ी के सामने किसे देखा?
उत्तर:
एक रात ममता ने अपनी झोंपड़ी के सामने एक भयानक-सी शक्ल वाले व्यक्ति को खड़े देखा।

प्रश्न 5.
भयानक शक्ल वाले व्यक्ति ने अपना क्या परिचय दिया?
उत्तर:
भयानक शक्ल वाले व्यक्ति ने कहा कि वह एक मुग़ल है।

प्रश्न 6.
मुग़ल नाम सुनकर ममता की क्या दशा हुई?
उत्तर:
मुग़ल नाम सुनकर ममता की आँखों के सामने अपने पिता की हत्या का दृश्य उभर आया।

प्रश्न 7.
सुबह-सवेरे ममता ने अपनी झोंपड़ी के सामने किन्हें देखा था?
उत्तर:
सुबह-सवेरे ममता ने अपनी झोंपड़ी के सामने कुछ घुड़सवार सैनिकों को देखा था।

प्रश्न 8.
ममता की आयु कितनी थी?
उत्तर:
ममता की आयु सत्तर वर्ष हो चुकी थी।

प्रश्न 9.
‘ममता’ कहानी किस आधार पर लिखी गई कहानी है?
उत्तर:
‘ममता’ शीर्षक कहानी मुग़लकालीन भारतीय पृष्ठभूमि पर आधारित इतिहास और कल्पना के ताने-बाने से बुनी कहानी है।

प्रश्न 10.
रोहतास दुर्ग से भागकर ममता कहाँ रहने लगी थी?
उत्तर:
रोहतास दुर्ग से भागकर ममता बौद्ध बिहार के खंडहरों में झोंपड़ी बनाकर रहने लगी थी।

प्रश्न 11.
‘ममता’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
ममता कहानी में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को आधार बनाकर हिंदू धर्म में प्रचलित ‘अतिथि देवो भव’ नीति का चित्रण किया गया है। ममता यह जानते हुए भी कि इन्हीं यवनों ने उसके पिता की हत्या की है एक यवन को इसी कारण आश्रय देती है कि वह अपनी सभ्यता और संस्कृति त्यागना नहीं चाहती।

प्रश्न 12.
‘ममता’ कहानी में इतिहास पर क्या व्यंग्य किया गया है?
उत्तर:
लेखक ने ममता कहानी द्वारा यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि बड़े-बड़े सम्राटों को बनाने में जिन लोगों का हाथ रहा है। इतिहासकारों ने इतिहास में उन्हें जगह नहीं दी। परोक्ष रूप में यह इतिहास पर व्यंग्य ही तो है। लेखक के अनुसार इतिहास में ऐसे लोगों का उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए।

प्रश्न 13.
‘ममता’ कहानी में कौन-से ऐतिहासिक पात्र और घटनाओं को कथावस्तु का आधार बनाया गया है?
उत्तर:
‘ममता’ कहानी में हुमायूँ, शेरशाह सूरी और रोहतास दुर्ग के मंत्री चूड़ामणि ऐतिहासिक पात्र हैं। शेरशाह सूरी द्वारा चूड़ामणि से मित्रता कर फिर उससे विश्वासघात कर उसकी हत्या करने की घटना ऐतिहासिक है। सन् 1588 में अकबर द्वारा अष्टकोण महल बनाए जाने की घटना का उल्लेख भी इतिहास में मिलता है।

प्रश्न 14.
ममता ने अपने पिता को रिश्वत लेने पर क्या कहा?
उत्तर:
ममता ने अपने पिता से कहा, ‘विपद के लिए इतना आयोजन ? परमपिता की इच्छा के विरुद्ध इतना साहस? पिता जी क्या भीख न मिलेगी? क्या कोई हिंदू भू-पृष्ठ पर न बचा रह जाएगा जो ब्राह्मण को दो मुट्ठी अन्न दे सके? यह असंभव है। फेर दीजिए पिता जी।’

प्रश्न 15.
यवन को ममता ने आश्रय क्या सोचकर दिया?
उत्तर:
ममता ने सोचा, वह ब्राह्मणी है, अतिथि देव की उपासना के अपने धर्म का उसे पालन करना चाहिए। परंतु सब विधर्मी दया के पात्र नहीं, पर यह दया तो नहीं-कर्त्तव्य करना है।

प्रश्न 16.
अकबर ने अष्टकोण मंदिर पर कौन-सा शिलालेख लगवाया?
उत्तर:
ममता की झोंपड़ी के स्थान पर एक अष्टकोण मंदिर बना और उस पर शिलालेख लगवाया गया—’सातों देश के नरेश हुमायूँ ने एक दिन यहाँ विश्राम किया था। उसके पुत्र अकबर ने उसकी स्मृति में यह गगनचुंबी मंदिर बनवाया।’ पर उसमें ममता का नाम कहीं भी नहीं था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 7 ममता

प्रश्न 17.
ममता ने आगंतुक की सहायता क्यों की? लेखक इसके माध्यम से क्या बताना चाहता है?
उत्तर:
ममता यह जानते हुए भी कि उसके पिता की हत्या इन यवनों के हाथों हुई है, एक यवन आगंतुक को अपनी झोंपड़ी में आश्रय इसलिए देती है कि हिंदू धर्म में ‘अतिथि देवो भव’ कहा गया है। इस तरह ममता ने उस यवन को आश्रय देकर अपने धर्म का पालन किया। ममता कहती है- ‘मैं ब्राह्मणी हूँ। मुझे तो अपने धर्म, अतिथि देव की उपासना का पालन करना होगा।’ प्रसाद जी यहाँ सिद्ध करना चाहते हैं कि विदेशियों ने अपनी मान मर्यादा को त्याग दिया है तो क्या हम भारतीय भी उसे त्याग दें? ममता के चरित्र द्वारा भारतीय नारी की कर्त्तव्य निष्ठा एवं धर्मपरायणता को भी पाठकों को याद दिलाना चाहते हैं।

प्रश्न 18.
कहानी में वर्णित ‘ममता’ पात्र ऐतिहासिक था। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रसाद जी ने इन दो ऐतिहासिक तथ्यों को अपनी कल्पना का पुट देकर ‘ममता’ के काल्पनिक पात्र का निर्माण कर भारतीय हिंदू विधवा की विडंबना एवं मानवीय त्रासदी, हिंदू धर्म की गौरवगाथा का मार्मिक चित्रण किया है। कहानी पढ़कर हमें ममता का पात्र पूर्णतया ऐतिहासिक ही जान पड़ता है बल्कि यदि यूँ कहा जाए कि पूरी की पूरी कहानी ही ऐतिहासिक प्रतीत होती है। पाठक का ध्यान एक पल के लिए भी इस ओर नहीं जाता कि वह पचास वर्षों तक फैली कहानी पढ़ रहा है। प्रसाद जी ने ऐतिहासिक वातावरण की सृष्टि में कल्पना का योग अत्यंत कुशलता से किया है।

प्रश्न 19.
कहानी के तत्वों के आधार पर ममता कहानी की समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
श्री जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखित ममता शीर्षक कहानी को हम ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में लिखी गई कहानी मानते हैं। प्रसाद जी ने इस कहानी में इतिहास और कल्पना का अद्भुत मिश्रण करते हुए एक ओर भारतीय हिंदू विधवा के त्याग, कर्त्तव्यपालन एवं ममत्व का चित्रण किया है तो दूसरी ओर इतिहास द्वारा उपेक्षित महान् व्यक्तियों को भी इतिहास में स्थान दिये जाने की मांग प्रस्तुत की है।

प्रश्न 20.
‘ममता’ कहानी में लेखक ने मुगलकालीन किन घटनाओं का वर्णन किया है?
उत्तर:
प्रस्तुत कहानी में मुग़लकालीन घटनाओं को कथावस्तु का आधार बनाया गया है। हुमायूँ, शेरशाह सूरी और चूड़ामणि ऐतिहासिक पात्र हैं। इतिहास के अनुसार शेरशाह सूरी अपने परिवार और खज़ाने को सुरक्षित रखने के लिए रोहतास गढ (बिहार प्रांत) में जाना चाहता था। वहाँ के मंत्री चुडामणि से मित्रता स्थापित कर शेरशाह ने स्त्री वेश में अपने पठान सैनिकों को दुर्ग में भेजकर उस पर अधिकार कर लिया था। यह अप्रैल, सन् 1538 ई० की घटना है। तदुपरांत शेरशाह ने बंगाल से भागे हुमायूँ को कर्मनासा नदी के पास चौसा नामक स्थान पर 26 जून, सन् 1539 में परास्त कर दिया था।

प्रश्न 21.
प्रसाद जी की कहानी ‘ममता’ में इतिहास और कल्पना का अद्भुत मिश्रण हुआ है-इस कथन की समीक्षा करें।
उत्तर:
प्रसाद जी ने अपनी अनेक कहानियों में कथानक इतिहास से चुने हैं, जिन्हें कल्पना पर पुट देकर ऐतिहासिक घटनाओं को अत्यंत मार्मिक बना दिया है। ममता’ भी उनकी ऐतिहासिक कहानियों में से एक है। ‘ममता’ शीर्षक कहानी में रोहतास दुर्ग के ब्राह्मण मंत्री चूड़ामणि की इकलौती पुत्री ‘ममता’ के त्याग, कर्तव्य पालन और ममत्व का चित्रण किया गया है। यह विधवा होने पर रिश्वत के रूप में दी जाने वाली राशि को ठुकरा देती है जिसे उसका पिता यवनों से प्राप्त कर अपने दुर्ग को उन्हें सौंपने को तैयार हो जाता है। पिता की हत्या हो जाने पर तथा दुर्ग पर शेरशाह सूरी का अधिकार हो जाने के कारण ममता चुपचाप काशी के उत्तर में स्थित धर्मचक्र विहार के खंडहरों में एक झोंपड़ी बनाकर रहने लगती है। कालांतर में मुग़ल सम्राट् हुमायूँ वहाँ एक रात के लिए शरण के लिए आता है।

प्रश्न 22.
निम्नलिखित अवतरणों को पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) “चुप रहो ममता ! यह तुम्हारे लिए है।”
(1) वक्त का परिचय दें।
(2) वक्ता का श्रोता से क्या संबंध है?
(3) वक्ता श्रोता के लिए क्या और कहाँ से लाया है?
(4) श्रोता पर वक्ता द्वारा लाई वस्तु का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
(1) उक्त वाक्य ममता के पिता चूड़ामणि का है। वह रोहतास-दुर्ग का मंत्री है।
(2) वक्ता का श्रोता से पिता-पुत्री का संबंध है।
(3) वक्ता चूडामणि श्रोता ममता के लिए दस चाँदी के थालों में स्वर्ण लेकर आया था या सारा स्वर्ण वह शेरशाह सूरी से संधि करके लाया था।
(4) श्रोता ममता वक्ता चूडामणि के द्वारा लाई गई उपहार राशि को देखकर कहती है कि वह यवनों से प्राप्त धन लौटा दें। उसे धन से तनिक भी मोह नहीं।

(ख) “माता ! मुझे आश्रय चाहिए।”
(1) आश्रय माँगने वाले का परिचय दें।
(2) ‘माता’ संबोधन किसके लिए किया गया है?
(3) आश्रय माँगने वाले की स्थिति कैसी थी?
(4) आश्रय देने से पूर्व आश्रयदात्री ने क्या कहा और क्यों?
उत्तर:
(1) आश्रय माँगने वाला मुग़ल बादशाह हुमायूँ था। वह शेरशाह सूरी से चौसा युद्ध में हार जाने के बाद अपनी जान बचाकर भाग आया था।
(2) ‘माता’ संबोधन कुटिया के अंदर व्याप्त वृद्धा ममता के लिए किया गया है।
(3) आश्रय माँगने वाला मुग़ल बादशाह हुमायूं अत्यंत थका हुआ था। उसका गला सूखा था। उससे चला नहीं जा रहा था। वह चौसा युद्ध से अपनी जान बचा कर आया था।
(4) आश्रय देने से पूर्व आश्रय दात्री ने कहा कि वह भी शेरशाह सूरी की भांति क्रूर है। उसके मुख पर भी रक्त की प्यास और निष्ठुर प्रतिबिंब झलक रहा था। उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि यही सब उसने शेरशाह सूरी के चेहरे पर भी देखा था।

(ग) अब तुम इसका मकान बनाओ या महल, मैं अपने चिर विश्राम-गृह में जाती हूँ।”
(1) वक्ता का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
(2) किसके लिए क्या बनाने की चर्चा हो रही थी?
(3) बनवाने वाले कौन थे? उन्हें किसने भेजा था?
(4) स्मारक के रूप में क्या बनाया गया और उस पर क्या लिखा गया?
उत्तर:
(1) वक्ता का नाम ममता था। वह रोहतास दुर्ग के मंत्री चूड़ामणि की पुत्री थी जो पिता की मृत्यु के बाद काशी में आकर एक कुटिया में अपना जीवन-यापन कर रही थी।
(2) वृद्धा ममता की झोंपड़ी को हटाकर उसके स्थान पर महल बनाने की बात हो रही थी।
(3) बनवाने वाले मुग़ल सैनिक थे। उन्हें बादशाह अकबर ने भेजा था।
(4) स्मारक के रूप में अष्टकोण मंदिर बनवाया गया। उस पर लगाये शिलालेख पर लिखा था-‘सात देशों के नरेश हुमायूँ ने एक दिन यहाँ विश्राम किया था। उनके पुत्र अकबर ने यह गगनचुंबी मंदिर बनवाया।’

प्रश्न 23.
ममता के अभावग्रस्त जीवन के प्रसंग में उसके पिता ने उसे क्या भेंट करना चाहा था और ममता ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर:
ममता के अभावग्रस्त जीवन के प्रसंग में उसके पिता मंत्री चूड़ामणि ने शेरशाह से मित्रता की। चूडामणि को शेरशाह ने सोने-चाँदी और हीरे जवाहरात से भरे थाल रिश्वत के रूप में भेंट किये। रिश्वत की यह सारी धन-राशि चूड़ामणि ने अपनी पुत्री ममता को देना चाहा तो उसकी पुत्री हैरान रह गई । उसने पिता से वह सारी भेंट लौटा देने का आग्रह किया। उसने कहा-“इसकी चमक आँखों को अंधा बना रही है।”

प्रश्न 24.
‘ममता’ कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
श्री जयशंकर प्रसाद जी द्वारा लिखित ‘ममता’ शीर्षक कहानी मुग़लकालीन भारतीय पृष्ठभूमि पर आधारित इतिहास और कल्पना के ताने-बाने से बुनी गई है। प्रसाद जी ने प्रस्तुत कहानी में एक विधवा हिंदू युवती की निराशा एवं विवशता तथा संत्रस्त मनःस्थिति का चित्रण करते हुए उसके उदार हृदय में विद्यमान अतिथि सेवा का धर्म एवं असीम करुणा का सजीव एवं मार्मिक रूप प्रस्तुत किया है।

ममता एक अनिंद्य सौंदर्यमयी विधवा युवती है। ब्राह्मण होने के कारण उसमें धन के प्रति मोह लेशमात्र भी नहीं है। वह स्वाभिमानी भी है, त्याग करना और कष्ट सहना भी जानती है। भारतीय नारी के उन्हीं गुणों से पाठकों को परिचित करवाना प्रसाद जी का मुख्य उद्देश्य है।

प्रश्न 25.
हुमायूँ कौन था? उसका युद्ध किससे हुआ?
उत्तर:
हुमायूँ बाबर का पुत्र था। उसके अधीन सात देश थे। उसे सात देशों का नरेश भी कहा जाता था। चौसा के स्थान पर हुमायूँ का युद्ध शेरशाह सूरी से हुआ था। इस युद्ध में हुमायूँ पराजित हुआ था। वह किसी तरह अपनी जान बचाकर वहाँ से भाग निकला था। इतिहास में यह युद्ध 26 जून, सन् 1539 को हुआ माना जाता है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 7 ममता

प्रश्न 26.
‘ममता’ कहानी से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
प्रसाद जी अपने युग की परिस्थितियों, विशेषकर स्वतंत्रता आंदोलन से प्रभावित हुए बिना न रह सके किंतु उन्होंने अंग्रेज़ों से सीधे विवाद को मोल नहीं लिया। हाँ अपने पात्रों एवं कथानकों द्वारा भारत के पूर्व गौरव को भारतीयों के सम्मुख रखकर उनमें राष्ट्रीय चेतना उजागर करने का प्रयास किया। ‘ममता’ कहानी भी इसी दिशा में एक कदम था। प्रसाद जी ने ममता को देशभक्त और राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण पात्र के रूप में चित्रित किया है। इसका प्रभाव हमें उस समय मिलता है जब वह यवनों द्वारा दी जाने वाली रिश्वत को लौटा देने का

आग्रह करती हुई अपने पिता से कहती है-‘हम ब्राह्मण हैं, इतना सोना लेकर क्या करेंगे? ………….विपद के लिए इतना आयोजन ? परमपिता की इच्छा के विरुद्ध इतना साहस? पिता जी क्या भीख भी न मिलेगी? क्या कोई हिंदू भू-पृष्ठ पर बचा न रह सकेगा, जो ब्राह्मण को दो मुट्ठी अन्न दे सके?’ ममता के इन शब्दों के द्वारा प्रसाद जी देश के उन गद्दारों को सचेत करना चाहते हैं जो अपने स्वार्थ के लिए देशहित को भी बेचने से बाज़ नहीं आते। इसके साथ-साथ देशवासियों में देश के प्रति कुछ करने की भावना जगाना चाहते हैं।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
शेरशाह ने मंत्री चूड़ामणि से संधि क्यों की?
उत्तर:
शेरशाह ने मंत्री चूडामणि से संधि रोहतास दुर्ग पर अपना अधिकार करने के लिए की।

प्रश्न 2.
किनके भय से ममता बौद्ध-विहार के खंडरों में रहने लगी?
उत्तर:
मुगलों के भय से ममता बौद्ध-विहार के खंडरों में रहने लगी थी।

प्रश्न 3.
‘माता ! मुझे आश्रय चाहिए’-यह कथन किसका है?
उत्तर:
यह कथन मुगल बादशाह हुमायूँ का है।

प्रश्न 4.
किसे धन से तनिक भी मोह नहीं था?
उत्तर:
ममता को धन का तनिक भी मोह नहीं था।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एका सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
ममता की आयु कितनी थी?
(क) साठ
(ख) सत्तर
(ग) पचास
(घ) अस्सी।
उत्तर:
(ख) सत्तर

प्रश्न 2.
“अब तुम इसका मकान बनाओ या महल”-कथन किसका है?
(क) हुमायूँ का
(ख) चूड़ामणि का
(ग) ममता का
(घ) सलमा का।
उत्तर:
(ग) ममता का

प्रश्न 3.
‘ममता’ कहानी के समय देश में किसका शासन था?
(क) अकबर
(ख) हुमायूँ
(ग) मिरज़ा
(घ) शेरशाह।
उत्तर:
(घ) शेरशाह

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न

प्रश्न 1.
रोहतास दुर्ग किस नदी के किनारे बना हुआ था? (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
शोण

प्रश्न 2.
चूड़ामणि बेटी के लिए उपहार में वस्त्र लेकर आए। (हाँ या नहीं में उत्तर दें)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 3.
काशी के उत्तर में भग्न चूड़ा धर्मचक्र विहार मौर्य और गुप्त सम्रादों की कीर्ति का खंडहर था। (हां या नहीं में उत्तर दें)
उत्तर:
हाँ

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 7 ममता

प्रश्न 4.
हुमायूँ चौसा युद्ध में शेरशाह से पराजित हो गया था। (सही या गलत लिख कर उत्तर दें)
उत्तर:
सही

प्रश्न 5.
ममता आजीवन सबके सुख-दुःख की सहभागिनी नहीं रही थी। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 6.
वहाँ एक ………. मन्दिर बना।
उत्तर:
अष्टकोण

प्रश्न 7.
वह ……….. में चली गई।
उत्तर:
मृगदाव

प्रश्न 8.
सैंकड़ों ………… उस प्रान्त में घूम रहे हैं।
उत्तर:
अश्वारोही।

ममता कठिन शब्दों के अर्थ

दुर्ग = किला। प्रकोष्ठ = घर के बीच का आँगन। शोण = एक नदी। तीक्ष्ण प्रवाह = गति। यौवन = जवानी। वेदना = पीड़ा। कंटक-शयन = कांटों की सेज। विकल = बेचैन। दुहिता = पुत्री, दूध दोहने वाली। अभाव = कमी। तुच्छ = नीच, खोटा। निराश्रय = आश्रयहीन। विडंबना = हालात की मार, इच्छा के विरुद्ध हालात होना। बेसुध = होश न होना। व्यथित = दुःखी। दुश्चिता = परेशानी। सेवक = दास, नौकर। अनुचर = दास। उपहार = तोहफा। आवरण = परदा, पर्दा। विकीर्ण = मशहूर, प्रसिद्ध। उत्कोच = रिश्वत, घूसखोरी। पतनोन्मुख = पतन की ओर जाती हुई। समीप = नज़दीक। विपद = मुश्किल। भू-पृष्ठ = धरती, भूमि भाग। फेर देना = वापस लौटा देना। तांता =भीड़। भीतर = अंदर। तोरण = तोरन। कोष = खज़ाना। ग्रीष्म = गर्मी। रजनी = रात। शीतल = ठण्डा। स्तूप = बौद्ध-शिक्षा के स्तम्भ, खंबे। भग्नावेष = खण्डित टुकड़े। दीपालोक = दीपक की लौ, दीपक प्रकाश। हताश = निराश। आकृति = आकार, रूप। मंद प्रकाश = कम रोशनी।

कपाट = दरवाज़ा। आश्रय = सहारा, दया। विपन्न = कठिनाई, मुसीबत। क्रूर = निर्दयी, आततायी। निष्ठुर = दयाहीन। प्रतिबिंब = परछाईं। मुख = मुँह । कुटी = कुटिया। अश्व = घोड़ा। धम से बैठना = एक दम गिरते हुए बैठना। विपत्ति = मुसीबत। जल = पानी। विधर्मी = दूसरे धर्म वाले, धर्म से विपरीत। घृणा = नफ़रत। अतिथि = मेहमान। ब्रह्मांड = तीनों लोक। विरक्त = दुःखी होकर, उदासीन हो जाना। टेक कर = सहारा लेकर। छल ममता = धोखा। वंशधर = वंशज। भयभीत = डरा हुआ। पथिक = राहगीर, राही। विश्राम = आराम। प्रभात = सवेरा। खंडहर = टूटा-फूटा मकान या किला आदि। अश्वारोही = घुड़सवार। सचेष्ट = सजग। वृद्धा = बुढ़िया। शीतकाल = सर्दी। जीर्ण कंकाल = कमज़ोर ढाँचा। आजीवन = सारा जीवन। अवाक् = आश्चर्य से भरकर चुप हो जाना। विकीर्ण = फैलना। सहभागिनी = साथी। अष्टकोण = आठ कोणों वाला। स्मृति = याद। गगनचुंबी = आकाश को छू लेने वाली।

ममता Summary

ममता लेखक-परिचय

जयशंकर प्रसाद आधुनिक हिंदी-साहित्य के प्रतिभावान कवि और लेखक थे। वे छायावाद के प्रवर्तक थे। उन्होंने हिंदी-साहित्य की कहानी, नाटक, उपन्यास, आलोचना आदि विभिन्न विधाओं पर अपनी लेखनी चलाई। उनका जन्म सन् 1889 ई० में काशी के सुंघनी साहू नामक प्रसिद्ध वैश्य परिवार में हुआ था। इनके पिता देवी प्रसाद साहू काव्य-प्रेमी थे। जब उनका देहांत हुआ तब प्रसाद जी की आयु केवल आठ वर्ष की थी। परिवारजनों की मृत्यु, आत्म संकट, पत्नी वियोग आदि कष्टों को झेलते हुए भी ये काव्य साधना में लीन रहे। काव्य साधना करते हुए तपेदिक के कारण उनका देहांत 15 नवंबर, सन् 1937 में हुआ था।

रचनाएँ-जयशंकर प्रसाद ने बड़ी मात्रा में साहित्य की रचना की थी। इन्होंने पद्य एवं गद्य दोनों क्षेत्रों में अनुपम रचनाएँ प्रस्तुत की थीं, जो निम्नलिखित हैं
काव्य-‘चित्राधार’, ‘कानन कुसुम’, ‘झरना’, ‘लहर’, ‘प्रेम पथिक’, ‘आँसू’, ‘कामायनी’।
नाटक-‘चंद्रगुप्त’, ‘स्कंदगुप्त’, ‘अजातशत्रु’, ‘जनमेजय का नागयज्ञ’, ‘ध्रुवस्वामिनी’, ‘करुणालय’, ‘कामना’, ‘कल्याणी’, ‘परिणय’, ‘प्रायश्चित्त’, ‘सज्जन’, ‘राज्यश्री’, ‘विशाख’ और ‘एक चूंट’।
कहानी-‘छाया’, ‘प्रतिध्वनि’, ‘इंद्रजाल’, ‘आकाशदीप’, ‘आंधी’। उपन्यास-कंकाल, तितली, इरावती (अपूर्ण)।

जयशंकर प्रसाद जी ने हिंदी-साहित्य को एक नई दिशा प्रदान की थी और हिंदी की प्रत्येक विधा को समृद्ध किया था। प्रसाद जी का योगदान सचमुच महत्त्वपूर्ण था। प्रसाद जी की भाषा-शैली परिष्कृत, स्वाभाविक, तत्सम शब्दावली प्रधान एवं सरस थी। छोटे-छोटे पदों में गंभीर भाव भर देना और उनमें संगीत लय का विधान करना उनकी शैली की प्रमुख विशेषता थी। वस्तुतः उनके साहित्य में सर्वतोन्मुखी प्रतिभा की झलक दिखाई देती है।

ममता कहानी का सार

‘ममता’ शीर्षक कहानी हिंदी के प्रमुख छायावादी कवि एवं नाटककार श्री जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखी गई है। इस कहानी में ऐतिहासिक आधार पर ममता के काल्पनिक चरित्र द्वारा भारत की नारी के आदर्श, कर्त्तव्य पालन, त्याग, तपस्वी जीवन का भावपूर्ण वर्णन किया है । इस कहानी में प्रसाद जी ने यह भी स्पष्ट करना चाहा है कि बड़े-बड़े सम्राटों को बनाने में जिन लोगों का हाथ रहा है, इतिहास ने उन्हें एकदम भुला दिया है। यह इतिहास का एवं हम सब का उनके प्रति अन्याय है, कृतघ्नता है।

ममता रोहतास दुर्ग के मंत्री चूडामणि की जवान विधवा बेटी थी। बेटी के भविष्य के प्रति चुडामणि सदैव चिंतित रहा करते थे। उन दिनों देश में शेरशाह सूरी का शासन था। चूड़ामणि अपने दुर्ग की सुरक्षा के प्रति सदा चिंतित रहते थे। इसी उद्देश्य के लिए उन्होंने शेरशाह से मित्रता करने की कोशिश की। शेरशाह का भी अपने स्वार्थ के लिए रोहतास दुर्ग पर अधिकार करना ज़रूरी था। इस कारण शेरशाह ने चूड़ामणि को सोने-चाँदी और हीरे जवाहरात से भरे थाल रिश्वत के रूप में भेंट किये। चूड़ामणि की बेटी ममता यह देख हैरान रह गयी। उसने अपने पिता से वह भेंट लौटा देने का आग्रह किया पर चूड़ामणि ऐसा न कर सके।

इस संधि को हुए अभी एक दिन भी नहीं बीता था कि शेरशाह के सिपाही स्त्री-वेश में रोहतास दुर्ग में प्रवेश कर गए। चूड़ामणि को जब पता चला तो उसने आपत्ति की, किंतु पठान सैनिकों ने उनकी हत्या कर दी और दुर्ग पर अपना अधिकार कर लिया। रोहतास का खजाना लूट लिया गया। ममता की खोज हुई पर वह अवसर पाकर वहाँ से भाग जाने से सफल हो गई।

रोहतास दुर्ग से भागकर ममता किसी तरह काशी पहुँच गई। वहाँ वह बौद्ध विहार के खंडहरों में झोंपड़ी बना कर उसमें एक तपस्विनी के समान जीवन बिताते हुए रहने लगी। शीघ्र ही अपनी सेवा-भावना से उसने आस-पास के गांवों के लोगों के मन जीत लिए। इस कारण ममता का गुजर-बसर ठीक तरह से होने लगा। एक रात जब ममता पूजा पाठ में मग्न थी उसने अपनी झोंपड़ी के द्वार पर एक भयानक-सी शक्ल वाले व्यक्ति को खड़े देखा। ज्यों ही ममता ने द्वार बंद करना चाहा उस व्यक्ति ने रात भर झोंपड़ी में आश्रय की भीख माँगी। उस व्यक्ति ने बताया कि वह मुग़ल हैं। अत्यधिक थक जाने के कारण चल नहीं सकता। रात बिताने के बाद वह चला जाएगा। मुग़ल का नाम सुनकर ममता की आँखों के सामने अपने पिता की हत्या का दृश्य उभर आया।

उसने चाहा कि वह आगंतुक को आश्रय देने से इन्कार कर दे किंतु अतिथि सेवा को अपना धर्म समझ कर उसने उस मुग़ल को अपनी झोंपड़ी में रात बिताने की आज्ञा दे दी और स्वयं खंडहरों में जाकर रात बिताई। रात बीती, सुबह हुई। ममता ने अपनी झोंपड़ी के आस-पास कई घुड़सवारों को घूमते हुए देखा। ममता उन्हें देख कर डर गई। तभी झोंपड़ी में रात बिताने वाले मुग़ल ने झोंपड़ी से बाहर जाकर पुकारा-‘मिर्ज़ा मैं इधर हूँ।’ ममता सहमी हुई यह सब देख रही थी। वह खंडहरों में ही छिपी रही। कुछ देर बाद ममता ने उस मुग़ल को यह कहते सुना- ‘वह बुढ़िया पता नहीं कहाँ चली गई है। उसे कुछ दे नहीं सका। यह स्थान याद रखना और झोंपड़ी के स्थान पर उसका घर बनवा देना।’ मुग़ल सैनिकों के वहाँ से चले जाने के बाद ममता खंडहरों से बाहर आई।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 7 ममता

चौसा के मैदान में मुग़लों और पठानों के बीच हुए युद्ध को काफ़ी दिन बीत गये। ममता अब सत्तर साल की बुढ़िया हो गई थी। वह कुछ बीमार थी। गाँव की कुछ स्त्रियाँ उसके आस-पास बैठी थीं। तभी बीमार ममता ने बाहर से किसी को कहते सुना-जो चित्र मिर्जा ने बनाकर दिया था, वह तो इसी स्थान का होना चाहिए। अब किस से पूछू कि वह बुढ़िया कहाँ गई। ममता ने उस घुड़सवार को पास बुलवा कर कहा-“मुझे मालूम नहीं था कि वह शाहजहाँ हुमायूँ था या कि कौन। पर एक दिन एक मुग़ल इस झोंपड़ी में अवश्य रहा था। वे जाते-जाते मेरा घर बनवा देने की आज्ञा दे गया था। मैं जीवन भर अपनी झोंपडी के खोदे जाने के डर से डरती रही। पर अब मुझे कोई चिंता नहीं। अब मैं झोंपड़ी छोड़ कर जा रही हूँ। तुम इसकी जगह मकान बनाओ या महल, मेरे लिए कोई महत्त्व नहीं।” इतना कहते ममता के प्राण पखेरू उड़ गए।

कुछ दिनों में ही उस स्थान पर एक अष्टकोण मंदिर बन कर तैयार हो गया। उस पर लगाये शिलालेख पर लिखा था’सातों देश के नरेश हुमायूँ ने एक दिन यहाँ विश्राम किया था। उनके पुत्र अकबर ने यह गगनचुंबी मंदिर बनवाया।’ प्रसाद जी कहानी के अंत में लिखते हैं-‘ पर उस पर ममता का कहीं नाम नहीं था।’

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 6 जड़ की मुसकान

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 6 जड़ की मुसकान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 6 जड़ की मुसकान

Hindi Guide for Class 10 PSEB जड़ की मुसकान Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
एक दिन तने ने जड़ को क्या कहा?
उत्तर:
तने ने जड़ से कहा कि वह तो निर्जीव है तथा सदा जीवन से डरी रहती है।

प्रश्न 2.
जड़ का इतिहास क्या है ?
उत्तर:
जड़ का इतिहास यह है कि वह सदा ज़मीन के अंदर मुँह गड़ा कर पड़ी रहती है। वह तो मिट्टी से कभी बाहर ही नहीं निकलती।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 6 जड़ की मुसकान

प्रश्न 3.
डाली तने को हीन क्यों समझती है?
उत्तर:
डाली तने को हीन इसलिए समझती है क्योंकि उसे जहाँ बैठा दिया जाता है वहीं बैठा रहता है, कभी भी गतिशील नहीं होता जबकि वे लहराती रहती हैं।

प्रश्न 4.
पत्तियाँ डाल की किस कमी की ओर संकेत करती हैं?
उत्तर:
पत्तियाँ डाल की इस कमी की ओर संकेत करती हैं कि वे इस ध्वनि प्रधान संसार में एक शब्द भी नहीं बोल सकती हैं। वह तो अपने भावों-विचारों को भी व्यक्त नहीं कर पाती।

प्रश्न 5.
फूलों ने पत्तियों की चंचलता का आधार क्या बताया?
उत्तर:
फूलों के अनुसार पत्तियों की चंचलता का आधार डाली है।

प्रश्न 6.
सबकी बातें सुनकर जड़ क्यों मुसकराई?
उत्तर:
सब की बातें सुनकर जड़ इसलिए मुसकराई थी कि केवल वह ही जानती थी कि यदि वह न होती तो वृक्ष का अस्तित्व ही न होता। न तना, न शाखाएं, न पत्ते और न ही फूल होते। जड़ ही उन सब का पोषण करती है। उन सभी का अस्तित्व उसी के कारण ही होता है।

II. निम्नलिखित पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

प्रश्न 1.
एक दिन तने ने भी कहा था,
जड़?
जड़ तो जड़ ही है
जीवन से सदा डरी रही है,
और यही है उसका सारा इतिहास
कि ज़मीन से मुँह गड़ाए पड़ी रही है;
उत्तर:
कवि लिखता है कि एक दिन तने ने जड़ के संबंध में कहा कि जड़ तो बिलकुल जड़ अर्थात् निर्जीव है। वह सदा जीवन से भयभीत रहती है। उसका सारा इतिहास यही है कि वह सदा ज़मीन में ही मुँह गड़ा कर पड़ी रहती है, वह संसार से मुँह छिपा कर जमीन के अंदर छिपी रहती है, किंतु तना स्वयं को जमीन से ऊपर उठा कर बढ़ता हुआ बताता है, वह मज़बूत बना हुआ है इसलिए तना कहलाता है, वह तना हुआ अर्थात् अकड़ा हुआ, घमंडी है।

प्रश्न 2.
एक दिन फूलों ने भी कहा था, पत्तियाँ?
पत्तियों ने क्या किया?
संख्या के बल पर बस डालों को छाप लिया,
डालों के बल पर ही चल-चपल रही हैं,
हवाओं के बल पर ही मचल रही हैं
लेकिन हम अपने से खुले, खिले फूले हैं
रंग लिए, रस लिए, पराग लिए
हमारी यश-गंध दूर-दूर-दूर फैली है,
भ्रमरों ने आकर हमारे गुन गाए हैं,
हम पर बौराए हैं।
उत्तर:
डालियों की बातें सुन कर एक दिन पत्तियों ने भी कहा कि डाल में भी भला कोई विशेषता है ? हम मानती हैं कि वे झूमती हैं, झुकती हैं, हिलती हैं परंतु इस आवाज़ वाली दुनिया में क्या कभी उन्होंने एक शब्द भी बोला है ? अर्थात् वे बिलकुल नहीं बोलती हैं। इसके विपरीत पत्तियाँ कहती हैं कि वे सदा हर-हर का शब्द बोलती रहती हैं। उनके आपस में टकराने से वातावरण उनकी खड़खड़ाहट की आवाज़ से भर जाता है। हर वर्ष वे नया स्वरूप प्राप्त कर लेती हैं और पतझड़ में झड़ जाती हैं। वसंत के आने पर वे फिर निकल आती हैं और डालियों पर छा जाती हैं। वे थके हुए मन वाले पथिकों की परेशानियों तथा गर्मी को दूर कर उन्हें शांति प्रदान करती हैं।

(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखें:

जीवन = ————-
जड़ = ————-
मज़बूत = ————-
ऊपर। = ————-
उत्तर:
शब्द = विपरीत शब्द
जीवन = मृत्यु
जड़ = चेतन
मजबूत = कमज़ोर
ऊपर = नीचे।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 6 जड़ की मुसकान

II. निम्नलिखित शब्दों के विशेषण शब्द बनाइए

इतिहास = ————
दिन = ————
वर्ष = ————
रंग = ————
रस। = ————
उत्तर:
शब्द = विशेषण
इतिहास = ऐतिहासिक
दिन = दैनिक
वर्ष = वार्षिक
रंग = रंगीला/रंगीन
रस। = रसीला।

III. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें

प्रगति = ————
हवा = ————
ध्वनि = ————
फूल = ————
भ्रमर। = ————
उत्तर:
शब्द = पर्यायवाची शब्द
प्रगति = उन्नति, बढ़ोत्तरी, बढ़ती, वृद्धि।
हवा = वायु, पवन, वात, समीर।
ध्वनि = शब्द, आवाज़, गूंज, स्वर।
फूल = पुष्प, सुमन, प्रसून, कुसुम।
भ्रमर = भौंरा, भँवरा, सारंग, षट्पद।

IV. निम्नलिखित के अनेकार्थी शब्द लिखें

जड़ = ————
तना = ————
डाल = ————
डोली = ————
बोली। = ————
उत्तर:
जड़ = मूर्ख, स्थिर, वनस्पतियों की जड़, आधार।
तना = अकड़ा हुआ, पेड़-पौधों का जड़ से जुड़ा हिस्सा, कसा हुआ।
डाल = शाखा, डालना/उड़ेलना।
डोली = कांपी, मिट्टी का छोटा बर्तन, विवाह के पश्चात् लड़की का ससुराल गमन हेतु पालकी, शिविका।
बोली = वचन, भाषा, बोलचाल, नीलाम की आवाज़, व्यंग्य, कटाक्ष।

(ग) पाठ्येतर सक्रियता

प्रश्न 1.
रामवृक्ष बेनीपुरी का निबंध ‘नींव की ईंट’ पढ़िए और जड़ के महत्व पर अपने सहपाठियों के साथ चर्चा कीजिए।
उत्तर:
(विद्यार्थी स्वयं करें)

प्रश्न 2.
‘वही देश मज़बूत होता है, जिसकी संस्कृति मज़बूत जड़ के समान होती है।’ इस विषय पर कक्षा में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर:
(विद्यार्थी स्वयं करें)

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 6 जड़ की मुसकान

प्रश्न 3.
प्रस्तुत कविता को आगे बढ़ाइए। जड़, तना, पत्ते और फूल के साथ फल को भी शामिल कीजिए। कविता को आगे बढ़ाते निम्न पंक्तियों को पूरा करें-
एक दिन फलों ने भी कहा था,
……………….?
……………… ने क्या किया ?
वृथा ही फूलते हैं
आज फूले हैं
कल ……………. जाएंगे
हमें देखो, हम पशु, पक्षी और …………… का।
…………. भरते हैं
उन्हें ज़िन्दा रखने को
अपना ……………. करते हैं।
उत्तर:
एक दिन फलों ने भी कहा था फूल?
फूल ?
फूलों ने क्या किया?
वृथा ही फूलते हैं
आज फूले हैं
कल मुरझा जाएंगे
हमें देखो,
हम पशु, पक्षी और मनुष्य का
पेट भरते हैं
उन्हें ज़िन्दा रखने को
अपना जीवन बलिदान करते हैं।

(घ) ज्ञान-विस्तार

जिस प्रकार जड़ एक वृक्ष को बनाती है, उसी प्रकार परिवार की जड़ परिवार के पुरखे दादा-दादी, माता-पिता होते हैं, जो अपनी संतान के द्वारा परिवार को रक्षा, खुशहाली और वृद्धि प्रदान करते हैं। इसी प्रकार से जैसे माता-पिता अपनी संतान का पालन-पोषण करते हैं उसी प्रकार अध्यापक बच्चों को ज्ञान का प्रकाश देकर भावी नागरिक बनाते हैं। देश को स्वतंत्र कराने वाले देशभक्तों का बलिदान हमें देश की रक्षा की प्रेरणा देता है। इन सबके प्रति हमें कृतज्ञ होकर इनके दिखाये पथ पर चलना चाहिए।

PSEB 10th Class Hindi Guide जड़ की मुसकान Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
प्रगति करने पर लोग क्या भूल जाते हैं?
उत्तर:
प्रगति करने पर लोग अक्सर अपने मूलभूत आधार को भूल जाते हैं तथा अपने जीवन की सारी प्रगति का श्रेय स्वयं को देते हैं, जबकि उनकी प्रगति के पीछे उन सब का हाथ होता है जिनके कारण वास्तव में उनकी प्रगति हुई।

प्रश्न 2.
भवन मज़बूत कब होता है?
उत्तर:
भवन तब मज़बूत होता है, जब उसकी नींव मज़बूत होती है।

प्रश्न 3.
तना किसके कारण मज़बूत बना है?
उत्तर:
तना जड़ के कारण मज़बूत बना है।

प्रश्न 4.
डालियाँ कहाँ से फूटती हैं?
उत्तर:
डालियाँ तने से फूटती हैं।

प्रश्न 5.
पत्तियाँ स्वर कैसे उत्पन्न करती हैं?
उत्तर:
पत्तियाँ हर-हर स्वर करती हैं जो उनकी आपसी रगड़ से उत्पन्न होता है।

प्रश्न 6.
फूलों पर कौन बौराएं हैं?
उत्तर:
फूलों पर भँवरे बौराएं हैं।

प्रश्न 7.
तने को अपने आप पर क्या घमंड था?
उत्तर:
तने को अपने आप पर यह घमंड था कि वह अपने साहस और शक्ति के कारण बढ़ सका। वह अपने बलबूते पर ज़मीन से ऊपर उठ सका। मिट्टी की गहराइयों से वह स्वयं बाहर निकला। उसने स्वयं अपनी शक्ति के कारण अपना विकास किया। वह जड़ की अपेक्षा अधिक सक्षम था।

प्रश्न 8.
फूलों ने अभिमान से भर कर क्या कहा था?
उत्तर:
फूलों ने अभिमान से भर कर कहा था कि उनके विकास में पत्तियों का कोई योगदान नहीं था। वे तो स्वयं खुले थे; फले थे और फूले थे। उन्होंने स्वयं ही रंग-रस पाया था। उनके यश को भँवरों ने गाया था और उनकी सुगंध दूर-दूर तक फैली थी।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जड़ को जड़ किसने कहा?
उत्तर:
जड़ को जड़ तने ने कहा।

प्रश्न 2.
प्रगतिशील जगती में कौन तिल भर भी नहीं डोला?
उत्तर:
प्रगतिशील जगती में तना तिल भर भी नहीं डोला।

प्रश्न 3.
थके हुए पथिकों के मन का शाप-ताप कौन हरती हैं?
उत्तर:
पत्तियाँ थके हुए पथिकों के मन का शाप-ताप हरती हैं।

प्रश्न 4.
भ्रमरों ने किन के गुन गाए हैं?
उत्तर:
भ्रमरों ने फूलों के गुण गाए हैं।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
फूलों के गुन किसने गाए हैं
(क) भ्रमर
(ख) कोयल
(ग) मोर
(घ) पपीहा।
उत्तर:
(क) भ्रमर

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 6 जड़ की मुसकान

प्रश्न 2.
हर वर्ष नूतन कौन होती है
(क) जड़
(ख) डाल
(ग) पत्ती
(घ) गंध।
उत्तर:
(ग) पत्ती

प्रश्न 3.
जीवन से सदा कौन डरी रही
(क) जड़
(ख) डाल
(ग) पत्ती
(घ) गंध।
उत्तर:
(क) जड़

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन खाया है, मोटाया है, सहलाया चोला है? (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
तना

प्रश्न 2.
जड़ तो जड़ नहीं है। (सही या गलत में उत्तर लिखें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 3.
पत्तियाँ हर-हर स्वर नहीं करती हैं। (सही या गलत में उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 4.
सबकी सुनकर भी जड़ नहीं मुसकराई। (हाँ या नहीं में उत्तर दें)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 5.
डाल तने से फूटती है। (हाँ या नहीं में उत्तर दें)
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 6.
लेकिन मैं ……….. से ऊपर उठा।
उत्तर:
ज़मीन

प्रश्न 7.
मर्मर स्वर …………….. भरती है।
उत्तर:
मर्मभरा

प्रश्न 8.
हमारी …………… दूर-दूर फैली है।
उत्तर:
यश-गंध।

जड़ की मुसकान पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. एक दिन तने ने भी कहा था
जड़?
जड़ तो जड़ ही है।
जीवन से सदा डरी रही है,
और यही है उसका सारा इतिहास
कि ज़मीन से मुँह गड़ाए पड़ी रही है
लेकिन मैं ज़मीन से ऊपर उठा,
बाहर निकला,
बढ़ा हूँ
मजबूत बना हूँ,
इसी से तो तना हूँ।

शब्दार्थ:
जड़ = वृक्ष का मूल, जड़, मिर्जीव। मुँह गड़ाए पड़ी रही = सबसे छिप कर रहना। तना हूँ = वृक्ष का तना होना, अकड़ना, घमंड करना।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित कविता ‘जड़ की मुसकान’ से ली गई हैं, जिसमें कवि ने वृक्ष के अस्तित्व में जड़ का महत्त्व स्पष्ट किया है।

व्याख्या:
कवि लिखता है कि एक दिन तने ने जड़ के संबंध में कहा कि जड़ तो बिलकुल जड़ अर्थात् निर्जीव है। वह सदा जीवन से भयभीत रहती है। उसका सारा इतिहास यही है कि वह सदा ज़मीन में ही मुँह गड़ा कर पड़ी रहती है, वह संसार से मुँह छिपा कर जमीन के अंदर छिपी रहती है, किंतु तना स्वयं को जमीन से ऊपर उठा कर बढ़ता हुआ बताता है, वह मज़बूत बना हुआ है इसलिए तना कहलाता है, वह तना हुआ अर्थात् अकड़ा हुआ, घमंडी है।

विशेष:

  1. तना स्वयं को जड़ से श्रेष्ठ बताता है तथा जड़ को सदा मुँह छिपा कर धरती में छिप कर रहने वाली कहता है।
  2. भाषा सहज, सरल है।
  3. मानवीकरण और अनुप्रास अलंकार हैं।

2. एक दिन डालों ने भी कहा था,
तना?
किस बात पर है तना?
जहां बिठाल दिया गया था वहीं पर है बना;
प्रगतिशील जगती में तिल भर नहीं डोला है,
खाया है, मोटापा है, सहलाया चोला है;
लेकिन हम तने से फूटी,
दिशा-दिशा में गईं
ऊपर उठीं,
नीचे आईं
हर हवा के लिए दोल बनीं, लहराईं,
इसी से तो डाल कहलाईं।

शब्दार्थ:
बिठाल = बैठाया गया। प्रगतिशील = आगे बढ़ते रहने का भाव। जगती = दुनिया, संसार। तिल भर = ज़रा-सा, थोड़ा-सा। डोला = हिला, गतिशील, आगे बढ़ा। सहलाया चोला = सुविधा भोगी शरीर। दोल = हिलना। डाल = शाखा ; टहनी।

प्रसंग:
यह काव्यांश हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित कविता ‘जड़ की मुसकान’ से लिया गया है। इसमें कवि ने वृक्ष के अस्तित्व में जड़ का महत्त्व स्पष्ट बताया है।

व्याख्या:
कवि ने लिखा है कि एक दिन तने की बातें सुनकर पेड़ की डालियाँ भी बोलने लगीं। डाल ने कहा कि तना किस बात पर घमंड कर रहा है, क्योंकि उसे तो जहाँ बैठा दिया गया है, अभी भी वहीं पर बैठा है। इस निरंतर गतिमान रहने वाली दुनिया में वह ज़रा भी गतिशील नहीं हुआ है। वह खूब खा-खा कर मोटा हो गया है। उसका शरीर जड़ की मुसकान सुविधा भोगी बन गया है किंतु हम डालियाँ उसी तने से निकल कर अनेक दिशाओं में फैल गई हैं। डालियाँ ऊपर उठती हैं, नीचे भी आती हैं। हवा की हर लहर के साथ झूलती हुई लहराती हैं, इसी से हम डाली कहलाती हैं।

विशेष:

  1. डाल स्वयं को गतिशील तथा तने को सुविधा भोगी शरीर वाला तथा एक ही स्थान पर बैठा रहने वाला बताती है।
  2. भाषा सहज, सरल, भावपूर्ण है।
  3. अनुप्रास, मानवीकरण और पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार हैं।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 6 जड़ की मुसकान

3. एक दिन पत्तियों ने भी कहा था,
डाल?
डाल में क्या है कमाल?
माना वह झूमी, झुकी, डोली है
ध्वनि-प्रधान दुनिया में
एक शब्द भी वह कभी बोली है?
लेकिन हम हर-हर स्वर करती हैं
मर्मर स्वर मर्मभरा भरती हैं,
नूतन हर वर्ष हुई,
पतझर में झर
बहार-फूट फिर छहरती हैं,
विथकित-चित पंथी का
शाप-ताप हरती हैं।

शब्दार्थ:
कमाल = विशेषता, खास बात, खासियत। ध्वनि = आवाज़। हर-हर स्वर = पत्तियों के आपस में टकराने से उत्पन्न आवाज़। मर्मर = हरे पत्तों की खड़खड़ाहट। नूतन = नई। विथकित = थका हुआ। चित्त = मन । पंथी = मुसाफिर। शाप-ताप = परेशानी और गर्मी।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित कविता ‘जड़ की मुसकान’ से ली गई हैं, जिसमें कवि ने वृक्ष के लिए जड़ के महत्त्व पर प्रकाश डाला है।

व्याख्या:
डालियों की बातें सुन कर एक दिन पत्तियों ने भी कहा कि डाल में भी भला कोई विशेषता है ? हम मानती हैं कि वे झूमती हैं, झुकती हैं, हिलती हैं परंतु इस आवाज़ वाली दुनिया में क्या कभी उन्होंने एक शब्द भी बोला है ? अर्थात् वे बिलकुल नहीं बोलती हैं। इसके विपरीत पत्तियाँ कहती हैं कि वे सदा हर-हर का शब्द बोलती रहती हैं। उनके आपस में टकराने से वातावरण उनकी खड़खड़ाहट की आवाज़ से भर जाता है। हर वर्ष वे नया स्वरूप प्राप्त कर लेती हैं और पतझड़ में झड़ जाती हैं। वसंत के आने पर वे फिर निकल आती हैं और डालियों पर छा जाती हैं। वे थके हुए मन वाले पथिकों की परेशानियों तथा गर्मी को दूर कर उन्हें शांति प्रदान करती हैं।

विशेष:

  1. पत्तियां स्वयं को डाल से श्रेष्ठ सिद्ध कर अपनी छाया से पथिकों को विश्राम प्रदान करने वाली भी मानती हैं।
  2. भाषा सरल तथा भावपूर्ण है।
  3. मानवीकरण, अनुप्रास तथा पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार हैं।

4. एक दिन फूलों ने भी कहा था,
पत्तियाँ?
पत्तियों ने क्या किया?
संख्या के बल पर बस डालों को छाप लिया,
डालों के बल पर ही चल-चपल रही हैं,
हवाओं के बल पर ही मचल रही हैं
लेकिन हम अपने से खुले, खिले, फूले हैं
रंग लिए, रस लिए, पराग लिए
हमारी यश-गंध दूर-दूर फैली है,
भ्रमरों ने आकर हमारे गुन गाए हैं,
हम पर बौराए हैं।
‘सबकी सुन पाई है,
जड़ मुसकराई है !

शब्दार्थ:
छाप लिया = ढक लिया। चल-चपल = चंचल, हिलती-डुलती। यश-गंध = प्रशंसा रूपी सुगंध। बौराए = पागल होना; होश खो देना।।

प्रसंग:
यह काव्यांश हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित कविता ‘जड़ की मुसकान’ नामक कविता से अवतरित है। इसमें कवि ने वृक्ष के अस्तित्व को जड़ पर निर्भर बताया है।

व्याख्या:
पत्तियों की बातें सुनकर एक दिन फूल भी बोला कि पत्तियों ने भला किया ही क्या है? अर्थात् पत्तियों में तो कोई विशेषता ही नहीं है। पत्तियों ने तो केवल अपनी अधिक संख्या होने के कारण केवल डालों को ही ढक लिया है। वे डालों के कारण ही हिल-डुल रही हैं और हवाओं के कारण ही मचल रहीं हैं। किंतु हम फूल स्वयं ही खिले हैं और हमारे यश की सुगंध दूर-दूर तक फैली हुई है। भँवरे भी आकर हमारे गुणों का गान करते हैं। वे हमारे ऊपर मंडराते रहते हैं; वे हम पर पागल-से हो रहे हैं। इन सबकी बातों को सुनकर जड़ केवल मुसकराती है क्योंकि वह जानती है कि यदि वह न होती तो तना, डाल, पत्तियाँ और फूल भी न होते। इन सब का अस्तित्व जड़ के कारण ही है।

विशेष:

  1. किसी भी भवन को बनाने में जैसे नींव का महत्त्व होता है वैसे ही वृक्ष का महत्त्व उसकी जड़ से है, यदि जड़ सलामत तो वृक्ष भी रहेगा।
  2. भाषा सहज, सरल तथा भावपूर्ण है।
  3. मानवीकरण, अनुप्रास तथा पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।

जड़ की मुसकान Summary

जड़ की मुसकान कवि परिचय

श्री हरिवंशराय बच्चन हिंदी-कविता में हालावाद के प्रवर्तक कवि माने जाते हैं। इनका जन्म 21 नवंबर, सन् 1907 ई० को उत्तर प्रदेश के प्रयाग (इलाहाबाद) के कायस्थ परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा म्युनिसिपल स्कूल, कायस्थ पाठशाला तथा गवर्नमेंट स्कूल में हुई। सन् 1938 ई० में इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में एम० ए० किया तक तथा सन् 1942 से सन् 1952 तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत रहे। इसके बाद ये इंग्लैंड चले गये। वहां इन्होंने सन् 1952 से 1954 तक रहकर कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएच० डी० की उपाधि प्राप्त की थी। सन् 1955 ई० में भारत सरकार ने इन्हें विदेश मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञ के पद पर नियुक्त किया। ये राज्यसभा के सदस्य भी रहे। इन्हें सोवियतलैंड तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ‘दशद्वार से सोपान तक’ रचना पर इन्हें सरस्वती सम्मान दिया गया। इनकी प्रतिभा और साहित्य सेवा को देखकर भारत सरकार ने इन्हें ‘पद्मभूषण’ की उपाधि से अलंकृत किया। 18 जनवरी, सन् 2003 में ये इस संसार को छोड़कर चिरनिद्रा में लीन हो गए।

रचनाएँ- हरिवंशराय बच्चन जी बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार थे। उन्होंने अनेक विधाओं पर सफल लेखनी चलाई है। उनकी प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं-

  1. काव्य संग्रह-मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण, एकांत संगीत, आकुल-अंतर, मिलन यामिनी, सतरंगिणी, आरती और अंगारे, नए पुराने झरोखे, टूटी-फूटी कड़ियाँ, बुद्ध और नाचघर।
  2. आत्मकथा चार खंड-क्या भूलूँ क्या याद करूँ, नीड़ का निर्माण फिर, बसेरे से दूर, दशद्वार से सोपान तक।
  3. अनुवाद-हैमलेट, जनगीता, मैकबेथ।
  4. डायरी-प्रवास की डायरी।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 6 जड़ की मुसकान

जड़ की मुसकान कविता का सार

‘जड़ की मुसकान’ शीर्षक कविता में बच्चन जी ने स्पष्ट किया है कि किस प्रकार लोग अपने मूल आधार को भूल कर स्वयं को ही महत्व देने लगते हैं। एक वृक्ष का तना जड़ को सदा जीवन से भयभीत ज़मीन में गड़ी रहने वाली कह कर उसका उपहास करता है तथा स्वयं को उससे अधिक श्रेष्ठ बताता है। डालियाँ स्वयं को तने से भी अधिक अच्छा बताती हैं क्योंकि तना तो एक ही स्थान पर खड़ा रहता है जबकि वे दिशा-दिशा में जाकर हवा में डोलती रहती हैं। पत्तियाँ स्वयं को डाल से अधिक महत्त्वपूर्ण इसलिए मानती हैं क्योंकि वे मर-मर्र स्वर में बोल भी सकती हैं। फूल सर्वत्र सुगंध फैलाने वाले, भँवरों को आकर्षित करने वाले, अपनी सुंदरता से सबको अपनी ओर खींचने वाले जानकर स्वयं को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं । इन सब की बातों को सुन कर जड़ केवल मुसकराती है, क्योंकि वह जानती है कि इन सब का अस्तित्व उसके कारण ही है। यदि वह सलामत है तो वृक्ष भी है। जैसे मज़बूत नींव मज़बूत भवन बनाती है, वैसे हो मज़बूत जड़ वृक्ष को भी हरा-भरा रखती है।

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 12 Electricity Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 12 Electricity

PSEB 10th Class Science Guide Light Reflection and Refraction Textbook Questions and Answers

Question 1.
A piece of wire of resistance R is cut into five equal parts. These parts are then connected in parallel. If the equivalent resistance of this combination is R’, then the ratio R/R’ is
(a) 1/25
(b) 1/5
(c) 5
(d) 25.
Answer:
On cutting wire of resistance R into five equal parts, the resistance of each part is \(\frac{R}{5}\). Let the total resistance be R’ of 5 resistors each of resistance R/5 connected in parallel.
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 1
Hence answer (d) 25 is correct.

Question 2.
Which of the following terms does not represent electrical power in the circuit?
(a) I2R
(b) IR2
(c) VI
(d) V2/R
Answer:
All three (a), (c) and (d) represent power. Therefore, only (b) IR2 does not represent power.

Question 3.
An electric bulb is rated 220 V and 100 W. When operated on 110 V, the power consumed will be
(a) 100 W
(b) 75 W
(c) 50 W
(d) 25 W.
Answer:
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 2
Hence (d) 25 W is correct answer.

Question 4.
Two conducting wires of the same material and of equal lengths and equal diameters are first connected in series and then in parallel in an electric circuit. The ratio of heat produced in series and parallel combination would be
(a) 1 : 2
(b) 2 :1
(c) 1: 4
(d) 4 : 1
Answer:
Since the wires are of the same material and are equal in lengths and diameters, therefore, if R is resistance of each. Let total resistance in series and parallel be Rs and R respectively, when connected in series ;
Rs = R + R
= 2R
When connected to a source V, then
Heat produced in series Hs = \(\frac{\mathrm{V}^{2} t}{\mathrm{R}_{s}}\)
when connected is parallel, \(\frac{1}{\mathrm{R}_{p}}=\frac{1}{\mathrm{R}}+\frac{1}{\mathrm{R}}\)
\(\frac{2}{R}\)
or
Rp = R/2
Heat produced in parallel Hp = \(\frac{\mathrm{V}^{2} t}{\mathrm{R}_{p}}\)
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 3
Hence, (c) 1 : 4 is correct answer.

Question 5.
How is a voltmeter connected in the circuit to measure potential difference between two points?
Answer:
Voltmeter is always connected in parallel between two points across which the potential difference is required to be measured.

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity

Question 6.
A copper wire has diameter 0.5 mm and resistivity 1.6 × 10-8 Ω m. What will be the length of this wire to make its resistance 10 Ω? How much does the resistance change if the diameter is doubled?
Answer:
Here, Diameter (d) = 0.5 mm
= 0.5 × 10-3 m
= 5 × 10-4 m
Resistivity
ρ = 1.6 × 10-8 Ω m
l = 1
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 4
l = 122.76 m
If the diameter of wire is doubled, resistance will become l/4th of the original resistance, since R ∝ 1/A ,
or R ∝ l2d2
Now Resistance \(\frac{R}{4}=\frac{10}{4}\).
= 2.5 Ω
Decrease in resistance will be = 10 – 10/4
= 10 – 2.5
= 7.5 ohm

Question 7.
The values of the current I flowing in a given resistor for corresponding values of potential difference V across the resistor are given below :
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 5
Plot a graph between V and I and calculate the resistance of that resistor.
Answer:
Graph between I and V is as shown in Figure It is almost a straight line.
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 6
Resistance is the slope of I-V graph.
R = Slope = \(\frac{B C}{A C}\)
or R = \(\frac{10.0-1.6}{3-0.5}\)
= \(\frac{8.4}{2.5}\)
= \(\frac{84}{25}\) = 3.36 Ω
∴ R = 3,36 Ω

Question 8.
When a 12 V battery is connected across an unknown resistor, there is a current of 2.5 mA in the circuit. Find the value of the resistance of resistor?
Answer:
Here, I = 2:5 mA = 2.5 × 10-3 A; V = 12 volts ; R =?
We know from ohm’s law
V = IR
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 7

Question 9.
A battery of 9 V is connected in series with resistors of 0.2 Ω, 0.3 Ω, 0.4 Ω, 0.5 Ω and 12 Ω respectively. How much current will flow through a 12 Ω resistor?
Answer:
Resistors are connected in series
∴ Total Resistance, R8 = 0.2 + 0.3 + 0.4 + 0.5 + 12 = 13.4 Ω
Potential Difference V = 9 V
Resistance, R = \(\frac{V}{I}\)
or I = \(\frac{V}{R}\)
= \(\frac{9}{13.4}\)
or I = 0.67 A
When in series, the current passing through each resistor is equal to the current in the circuit.
∴ Current through 12 Ω = 0.67 A

Question 10.
How many 176 Ω resistors in parallel are required to carry 5A on a 220 V line?
Answer:
Here R = 176 Ω
V= 220V
I = 5A
Resistance of parallel combination Rp = \(\frac{V}{I}\)
Rp = \(\frac{220}{5}\)

If n resistors each of resistance R are connected in parallel, then net resistance Rp is
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 8
or n = 4
4 resistors each 176 Ω connected in parallel will result in net resistance of 44 Ω causing a current of 5A to flow through when connected to 220 V.

Question 11.
How will you connect three resistors, each of resistance 6 Ω, so that the combination has a resistance of (i) 9 Ω ; (ii) 4 Ω?
Answer:
(i) When two resistors each of 6 Ω are connected in parallel give total resistance Rp
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 9
∴ \(\frac{1}{6}+\frac{1}{6}\)
= \(\frac{1+1}{6}\)
= \(\frac{1}{3}\)
or Rp = 3 Ω
When this combination is connected in series with third resistor of 6 Ω, it gives a total resistance
(R) = Rp + 6 Ω
= 3Ω + 6Ω
= 9 Ω

(ii) When two resistors each of 6 Ω are connected in series, it gives rise to
Rs = 6 + 6 = 12 Ω
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 10
This 12 Ω when connected in parallel with 6 Ω gives total resistance Rp’
\(\frac{1}{R_{p}^{\prime}}=\frac{1}{12}+\frac{1}{6}\)
= \(\frac{1+2}{12}\)
= \(\frac{3}{12}\)
= \(\frac{1}{4}\)
Rp’ = 4Ω

Question 12.
Several electric bulbs designed to be used on a 220 V electric supply line are rated 10 W. How many lamps can be connected in parallel with each other across the two wires of 220 V line if the maximum allowable current is 5 A?
Answer:
Given voltage V = 220 V
Current I = 5A
P = 10 W
∴ Resistance of each bulb, R = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{P}}\)
= \(\frac{(220)^{2}}{10}\)
= \(\frac{220 \times 220}{10}\)
= 4840 Ω

Let ‘n’ be the number of bulbs of 4840 Ω resistance each connected in parallel. Their equivalent resistance Rp is given by ;
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 11
∴ n = 110
So, 110 bulbs can be connected in parallel (with each óther across two wires).

Question 13.
A hot plate of an electric oven connected to a 220 V line has two resistance coils A and B, each of 24 Ω resistance, which may be used separately, in series or in parallel. What are currents in three cases?
Answer:
1. When two coils A and B each of 24 Ω are used separately
R = 24 Ω and V = 220V
∴ Isp = \(\frac{220}{24}\) = 9.17 A

2. When coils A and B are connected in series :
Resultant Resistance Rs = 24 Ω + 24 Ω = 48 Ω
∴Current Isr = \(\frac{220}{48}\) = 4.58 A

3. When two coils A and B each of 24 Ω are connected in parallel
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 12

Question 14.
Compare the power used in 2 Ω resistor in each of the following circuits :
(i) a 6 V battery in series with 1 Ω and 2 Ω resistors and
Answer:
Here R1 = 1 Ω ; R2 = 2 Ω
when connected in series the resultant resistance, R = R1 + R2
= 1 Ω + 2 Ω.
= 3 Ω
∴ Current through each resistor and also total current
I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{s}}\)
= \(\frac{6}{3}\)
= 2A

Power used in 2 Ω resistor P1 = I2 × R
= (2)2 × (2)
= 4 × 2
= 8 W
i.e Power P1 = 8W

(ii) a 4 V battery in parallel with 12 Ω and 2 Ω resistors.
Answer:
Let 2 Ω and 12 Ω in parallel combination give resultant resistance R
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 13
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 14
Current divides among its parallel resistances in the inverse ratio of resistances.
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 15
It is seen that P1 = P2 = 8W .
The Power consumed by 2 Ω resistor in each case is 8 W.

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity

Question 15.
Two lamps, one rated loo W at 220 V and other 60 w at 220 V, are connected in parallel to electric main supply. What current is drawn from the line if the supply voltage is 220 V?
Answer:
Given Power, P = V2/R :
or R = V2/P
Resistance of loo W lamp R1 = \(\frac{(220)^{2}}{100}\)
= 484 Ω

Resistance of 60 W lamp R2 = \(\frac{(220)^{2}}{60}\)
= 806.7 Ω

Let Rp be the resultant resistance when two lamps are connected in parallel
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 16
Rp = 302.5 Ω
Current drawn from the line, I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{p}}\)
= \(\frac{220}{302.5}\)
= 0.727A

Question 16.
Which uses more energy, a 250 W TV set for 1 hour or a 1,200 W toaster for 10 minutes?
Answer:
(i) Energy consumed when TV set of 250W is used for 1 hr. .
E1 = P1 × t2
= 250 W × l h
∴ E1 = 250 Wh

(ii) Energy consumed when 1200 W toaster is used for 10 minutes.
= 1,200 W × \(\frac{10}{60}\)hr
E2 = 200 Wh.
From (i) and (ii) E1 > E2
Therefore, 250 W TV set consumes more energy than a toaster of 1200 W.

Question 17.
An electric heater of resistance 8 Q draws 15 A from service mains for 2 hours. Calculate the rate at which heat is developed in the heater.
Answer:
Given R = 8 Ω, I = 15A and Time t = 2 hrs.
Rate at which heat is developed in the heater, its electric power,
P = I2 × R
= 152 × 8
= 225 × 8
i.e P = 1,800 W or Js-1
Thus, 1,800 joule of heat is developed per second

Question 18.
Explain the following :
(a) Why is the tungsten used almost exclusively for filament of electric lamps?
Answer:
Melting point of tungsten is very high and also its resistance is high. Hence tungsten can be heated to very high temperature. Due to its high resistance, large quantity of heat is produced which makes it glow.

(b) Why are the conductors of electric heating devices, such as bread toasters and electric irons, m^e of an alloy rather than pure metal?
Answer:
Resistivity of alloys is very large as compared to pure metals. Moreover, alloys donot/Oxidise (burn out) easily as compared to pure metals. Therefore, conductors of electric heating devices are made of alloys.

(c) Why is series arrangement not used in domestic circuits?
Answer:
When electric appliances are connected in series,’ the equivalent resistance will be very large as
Req = R1 + R2 + R3 + R4 + ………. Due to high equivalent resistance huge quantity of heat is produced in the domestic circuit which may result in fire. This is why series arrangement is not used in domestic circuits.

(d) How does the resistance of a wire vary with its area of cross-section?
Answer:
Resistance of a conductor is inversely proportional to its area cross-section.

(e) Why are copper and aluminium usually employed for electricity transmission?
Answer:
Copper and aluminium have low resistivity and as such there will be small loss of energy when a certain current flows through them. Therefore, copper and aluminium wires are used for electricity transmission.

Science Guide for Class 10 PSEB Electricity InText Questions and Answers

Question 1.
What is electric circuit?
Answer:
Electric Circuit: The continuous or closed path of electric current from electric source flowing through different components is called electirc circuit.

Components of Electric Circuit: The main components of electric circuit are :

  • Electric source (i.e. battery or cell)
  • Conductor
  • Switch (or key)
  • Any other instrument connected in the circuit.

Question 2.
Define uint of electric current.
Answer:
S.I unit of electric current is ‘ampere’ which is denoted by ‘A’.

Ampere: When 1 coulomb of charge flows through a conductor in 1 second, then the electric current flowing through conductor is 1 ampere.
∴ 1A = \(\frac{1 \mathrm{C}}{\mathrm{ls}}\)

Question 3.
Calculate the number of electrons that constitute 1 coulomb of charge.
Answer:
We know, the charge present on 1 electron = 1.6 × 10-19 C
Let ‘n be the number of electrons that constitute 1 coulomb of charge.
∴ n × 1.6 × 10-19 = 1 C
n = \(\frac{1}{1.6 \times 10^{-19}}\)
= \(\frac{1 \times 10^{19}}{1.6}\)
= \(\frac{10}{16}\) × 1019
= 0. 625 × 1019
= 6.25 × 1018

Question 4.
Name a device that helps to maintain a potential difference across a conductor.
Answer:
Electric cell or battery is a device that helps to maintain a potential difference across the ends of a conductor. Chemical action within the cell generates the potential difference across the terminals of the cell.

Question 5.
What is meant by saying that the potential difference betwen two points is IV?
Answer:
The potential difference between two points in a current carrying conductor is said to be 1 V if 1 joule of work is done in moving a charge of one coulomb (1 C) from one point to the other.
i.e 1V = \(\frac{1 \mathrm{~J}}{1 \mathrm{C}}\)
or 1V = 1 JC-1

Question 6.
How much energy is given to each coulomb of charge passing through a 6 V battery?
Answer:
Energy to be given to 1 C of charge to pass through T V potential difference = 1 J.
Energy to be given to 1C of charge to pass through 6 V battery = 6 J or W = VQ
= 6 volt x 1 coulomb
= 6\(\frac{1 \mathrm{~J}}{1 \mathrm{C}}\) × 1C
= 6 J.

Question 7.
On what factors does the resistance of a conductor depend?
Or
What is the resistance of a conductor? State the factors on which resistance of a conductor depends?
Answer:
Resistance of a conductor is the opposition offered by it to the flow of electricity through it.

Factors on which resistance of a conductor depends :
Resistance R of a conductor depends upon :

  • length of the conductor. It has been experimentally observed that :
    R ∝ l, the length of the wire
  • Area of a cross-section of the conductor.
    i.e. R ∝ 1/A, where A is the area cross-section of the wire
    Combining above, we have :
    R ∝\(\frac{l}{\mathrm{~A}}\)
  • Nature of material of the conductor.
    or R = ρ \(\frac{l}{\mathrm{~A}}\)
    where p is a constant called specific resistance or electric resistivity of the material of the conductor.

If l = 1, A = 1, ρ = R. .
i. e., specific resistance (or electric resistivity) of a conductor is the resistance of a wire of unit length and a unit area cross-section. It may be defined as :

Specific resistance of a conductor is the resistance of unit cube of the conductor.

Unit of Specific Resistance ρ : ρ = \(\frac{\mathrm{RA}}{l}\)
= \(\frac{\mathrm{ohm} \mathrm{m}^{2}}{\mathrm{~m}}\) = ohm m.

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity

Question 8.
Will the current flow more easily through a thick wire or a thin wire of the same material when connected to the same source? Why?
Answer:
We know that the resistance of a wire is inversely proportional to the area. Therefore, the thicker the wire, more is the area and lesser the resistance. Thus, current will flow more easily through a thicker wire than through thin wire of the same material.

Question 9.
Let the resistance of an electrical component remain constant while the potential difference across the two ends of the component decreases to half the former value. What change will occur in the current through it?
Answer:

  • According to Ohm’s law, physical conditions remaining constant, V ∝ I where V is the potential difference across the ends of conductor and I, the current flowing through it.
  • When potential difference is halved, the current will also be halved since resistance remain constant.

Question 10.
Why are coils of electric toasters and electric irons made of an alloy rather than that of a pure metal?
Answer:
Resistivity (specific resistance) of alloys is much higher than pure metals. Moreover, alloys also do not oxidise readily at very high temperatures. The alloys are, therefore, commonly used in making coils of electric heating devices like electric iron, electric toasters etc.

Question 11.
(a) Which among iron and mercury a better conductor?
Answer:
Resistivity of iron is 10 × 10-8 ohm-m and that of mercury 94 × 10-8 ohm-m, therefore, iron is a better conductor as compared to mercury.

(b) Which material is best conductor?
Answer:
As silver has low resistivity of 1.60 × 10-8 ohm-m, so silver is the best conductor.

Question 12.
Draw schematic diagram of a circuit consisting of a battery of three cells of 2 V each, a 5 Ω resistor; an 8 Ω resistor and 12 Ω resistor and a plug key, all connected in series.
Answer:
Schematic diagram of the circuit.
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 17

Question 13.
Redraw the circuit in above question putting an ammeter to measure the current through the resistors and voltmeter to measure the potential difference across 12 Ω resistor. What would be the reading in the ammeter and the voltmeter?
Answer:
Modified circuit is as shown in Figure Since 5 Ω, 8 Ω and 12 Ω are connected in series, therefore, total resistance in series : (Rs) = R1 + R2 + R3
= 5 + 8 +12 = 25 Ω
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 18
Now, Total Current through the circuit, I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{6}{25}\) = 0.24 A
∴ Reading of ammeter = 0.24 A
P.D. across 12 Ω i.e., reading of voltmeter
V = I × R
= 0.24 × 12.
V = 2.88 Ω

Question 14.
Judge the equivalent resistance when the following are connected in parallel (a) 1 Ω and 106 Ω ; (b) 1 Ω and 103 Ω and 106 Ω.
Answer:
(a) Here, R1 = 1 Ω and R2 = 106 Ω
When resistances are connected in parallel.
∴ \(\frac{1}{\mathrm{R}_{p}}=\frac{1}{\mathrm{R}_{1}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{2}}\)
= \(\frac{1}{1}+\frac{1}{10^{6}}\)
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 19

(b) Here, R1 = 1 Ω ; R2 = 103 Ω ; R3 = 106
In parallel combination of resistances, \(\frac{1}{\mathrm{R}_{p}}=\frac{1}{\mathrm{R}_{1}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{2}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{3}}\)
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 20

Question 15.
An electric lamp of 100 Ω, a toaster of resistance 50 Ω and a water filter of resistance 500 Ω are connected in parallel to a 220 V source. What is the resistance of the electric iron connected to the same source that takes as much current as all the three appliances and what is the current through it?
Answer:
Combined resistance of 100 Ω, 50 Ω and 500 Ω in parallel i.e., Rp is given by :
\(\frac{1}{\mathrm{R}_{p}}=\frac{1}{100}+\frac{1}{50}+\frac{1}{500}\)
= \(\frac{5+10+1}{500}\)
= \(\frac{16}{500}\)
Rp = \(\frac{500}{16}\)
= 31.25 Ω.
∴ Resistance of electric iron, Rp= 31.25 Ω

Current through electric iron, I = \(\frac{V}{R}\)
= \(\frac{220}{31.25}\)
∴ J = 7.04 A

Question 16.
What are the advantages of connecting electric devices in parallel with the battery instead of connecting them in series?
Answer:
When connected in parallel, all the electric devices are connected to the same potential difference but they draw different current. Moreover, in parallel arrangement if one electric device fails to work, the other devices are not affected. But when connected in series, the potential is divided between the different devices. In case, if one device is switched off or slops working, the other devices also do not work.

Question 4.
How can three resistors of resistance 2 Ω, 3 Ω and 6 Ω be connected to give a total resistance of (a) 4 Ω ; (6) 1 Ω?
Answer:
(a) When all the three resistors are connected in series, the total resistance will be equal to the sum of all the three resistances.
i.e. Rs = 2Ω + 3Ω + 6Ω
= 11Ω this arrangement is rejected.
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 21
(a)
Therefore, when 3 Ω and 6 Ω are in parallel
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 22
(b)
Rp’ = 2 Ω. It is in series with 2 Ω.
∴ Total resistance when 3 Ω, 6 Ω in parallel are in series with 2 Ω is = Rp’ + 2 = 2 + 2 = 4Qas given in Figure (b)
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 23
(c)
If all the three resistances are in parallel, then
\(\frac{1}{\mathrm{R}_{p}}=\frac{1}{2}+\frac{1}{3}+\frac{1}{6}\)
= \(\frac{3+2+1}{6}\)
= \(\frac{6}{6}\)
Rp = 1 Ω

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity

Question 17.
What is the (a) highest; (b) lowest total resistance that can be secured by combination of four coils of resistances 4 Ω, 8 Ω, 12 Ω, 24 Ω?
Answer:
(a) Total resistance will be maximum when all the four resistances are connected in series.
Let Rs be the total resistance in series combination
∴ Rs =R1+ R2 + R3 + R4
= 4Ω + 8Ω + 12Ω + 24Ω
∴ Highest resistance = 48 Ω

(b) Total resistance will be lowest when all the four given resistance are connected in parallel.
Let Rp be the total resistance in parallel combination,
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 12 Electricity 24

Question 18.
Why does the cord carrying an electric current does not glow while heating element does?
Answer:
Heating effect = 12R where I is the current flowing and R is the resistance.
Current I is the same both in cord and in heating element.

Resistance R of the cord is negligible since it is made of copper (which has very less resistivity) while heating element is made of nichrome whose resistivity is 6,000 times more than copper. Nichrome gets heated up much more than copper. Therefore, heating element glows.

Question 19.
Compute the heat generated while transferring 96,000 C of charge in one hour through a potential difference of 50 V.
Answer:
Here, Quantity of charge (q) = 96000 C transferred in 1 hr.
Potential difference = 50 V
Work done to transfer Q coulomb of charge through potential difference W = VQ joule
W = 50 × 96,000
= 48,00,000 J
W = 4.8 × 106 J
∴ Heat produced = Work done in transferring the charge = 4.8 × 106 J

Question 20.
An electric iron of resistance 20 Ω takes a current of 5A. Calculate the heat developed in 30 s.
Answer:
Here, Resistance, R = 20 Ω ; I = 5 A ; t = 30 s.
We know, heat produced H = I2 Rt
= 52 × 20 × 30
H = 15,000 J

Question 21.
What determines the rate at which the energy is delivered by a current?
Answer:
Rate at which energy is delivered by the current is called power. It is measured in watt or in kilowatt.

Question 22.
An electric motor takes 5 A from a 220 V line. Determine the power of the motor and the energy consumed in 2 h.
Answer:
Here, current. (I) = 5A
Potential difference (V) = 220 V
Time (t) =2h
= 2 × 60 × 60 s
But Power (P) = V × I .
= 220 × 5
= 1,100 W

Energy consumed in 2 h (= 2 × 60 × 60 s), E = P × t
E = (1,100) (2 × 60 × 60)
∴ E = 7,920,000 J

PSEB 10th Class English Grammar Determiners

Punjab State Board PSEB 10th Class English Book Solutions English Grammar Determiners Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 10th Class English Grammar Determiners

1. Mr. Sharma went to bazaar and bought (1) ………… honey from (2)………. shop. (3) ……….. shopkeeper gave him (4) ……….. honey. When Mr. Sharma was coming back, he saw (5) ………… girls who were playing in (6) ground. (7) ………… of them were looking very pretty. (8)………… girls were wearing beautiful clothes. Mr. Sharma was happy to see (9) ……….. girls in (10) ………… joyful mood.
Answer:
1. some 2. a 3. The 4. the 5. some 6. the 7. Some 8. The 9. the 10. a.

2. In my last summer vacation, I went to (1) ……….. historical place. It was (2) ………… very beautiful place. (3) ………. the members of my family went along with me. (4) ……….. father was very fond of visiting (5) ………… place. We didn’t have (6) ……….. luggage with us. (7) ………… people came to see (8) ………… place. We didn’t face (9) ………… difficulty there because we had visited (10) ………… place (11) ………… a time.
Answer:
1. a 2. a 3. All 4. My 6, that 6. much 7. Many 8. that 9. any 10. that 11. many.

PSEB 10th Class English Grammar Determiners

3. Our class teacher organized (1) ……….. birthday party at her home. Only (2) ………… girls were present in (3) ………… party. I bought (4) ………… umbrella as (5) ………… gift for her as I had only (6) ……….. small amount of money with me. Our class teacher was wearing (7) ……….. saree. She was looking very beautiful in (8) ………… attire. We had never seen her in (9) ………… type of attire earlier. (10) ……….. of the girls wished her (11) ……….. long life. She is (12) ………… favourite teacher.
Answer:
1. her 2. a few 3, the 4. an 5. a 6. a 7. a 8. that 9. that 10. All 11. a 3. 12. our.

4. Chandigarh is (1) ……….. capital of Punjab. It is (2) ………… favourite city. I have visited this city (3) ……….. times. I especially like (4) ………… Rose Garden and (5) ………… Sukhana Lake. (6) ………… people come to (7) ……….. city for relaxation. We always stay at (8) ………… uncle’s place whenever we go to Chandigarh. Life in Chandigarh is very busy and people do not have (9) ………… time to spare. (10) ………… people go there to earn (11) ………… livelihood.
Answer:
1, the 2. my 3. many 4. the 5. the 6. Many 7. this 8. my 9. any 10. Many, 11. their

5. I have (1) ……….. friend who looks as stupid as (2) ……….. owl. I tried to bring (3) ………… to senses (4) ……….. times but she is (5) ………… hard nut to crack. She likes (6) ……….. way she lives. She does not want (7) ….. interference in (8) ……….. lifestyle. Though she is (9) ………… educated girl, (10) ………… temperament is not (11) ………… good. May God give (12) ………… wisdom and strength to fight (13) ……….. odds of life .
Answer:
1. a 2. an 3. her 4. many 5. a 6. the 7. any 8. her 9. an 10. her 11. very 12. her 13. the.

6. (1) ………. poor peasant went off early in (2) ………. morning to plough. He saw no one there. Yet someone had certainly been there. He lost (3) ……. piece of bread. It’was (4) ………… imp who had stolen (5) ………… bread. The imp went to (6)………… devil, (7) ………… master. The peasant spoke angrily to (8) ……….. wife. This pleased the devil even more. The devil praised (9) … imp and forgave (10) ………… The next year, (11) ………… imp advised (12) ………… peasant to sow on (13) ………… hill.
Answer:
1. A 2. the 8. his 4. an 5. his 6. the 7. his 8. his 9. the 10. him 11. the 12. the 13. a the.

7. My grandmother was (1) ………… old lady. (2) ………… parents left me with (3) ……….. She clasped me in (4) ……….. arms. She sang (5) ………… songs for me and told me (6) ………… stories. I liked (7) ……….. way she spoke. I acted upon (8) ………… advice she gave to me. She had (9) …………. old porch in (10) ……….. house. All (11) ……….. villagers approached (12) ………. whenever they had (13) ………… problem. She tried to solve (14) ………… problems.
Answer:
1. an 2. My 3. her 4. her 5. many 6. many 7. the 8. the 9. an 10. her 11. the 12, her 13. any 14. their.

8. Rosie sat on (1) ………… bench in (2) ………… garden. She was dressed in (3) ………… eye-catching attire. (4) ……….., elderly gentleman sat by (5) ………… side. It was (6) ………. pleasant afternoon. (7) ………… birds were chirping in (8) ………… garden. She heard the beautiful song of (9) ……….. nightingale. The scene pleased (10) ………… and harmonized with (11) ………… mood. After (12) ………… time, her place on (13) ……….. bench was taken by someone else. She asked him to leave (14) ……….. place but he did not listen to (15) ………. appeal.
Answer:
1. a 2. the 3. an 4. An 5. her 6. a 7. The 8. the 9. a 10. her 11. her 12. some 13. the 14. the 15. her.

9. Ram opened (1) ………… bag and spread out (2) ……… articles. His eyes had (3) ……….. searching look for customers. He was (4) ………… astrologer. He was as much (5) ………… stranger to (6) ………… stars as were (7) ……… customers. He had (8) ………… good knowledge about (9) ………… sufferings of people. He predicted (10) ………… future and (11) ……….. people believed that what he told them was true. He had read (12) ………… good books and he was (13) ………… expert in (14) ………… profession. He earned (15) ……….. money from (16) ………… profession.
Answer:
1. his 2. the: 3. a 4. an 5. a 6: the 7. his 8. a 9. the 10. the 11. the 12. many 13. an 14. his 15. much 16. his.

PSEB 10th Class English Grammar Determiners

10. India is (1) ………… country. We are proud of (2) ………… rich heritage. There are (3) ………… languages spoken in (4) ………… country. Delhi is (5) ………… capital of India. (6) ………… partition of India took place in 1947. Pandit Jawahar Lal Nehru was (7) ………. first Prime Minister of independent India. (8) ……….. people sacrificed their lives to save (9) ………… honour of (10) ………… country. We can’t forget (11) ………… sacrifice and (12) ………… way they fought (13) ………… battles for (14) ………… sake of (15) ………… country.
Answer:
1. our 2. its 3. many 4. our 5. the 6. The 7. the 8. Many 9. the 10. their 11 their 12. the 13. many 14. the 15. their.

किसी संज्ञा से पूर्व-स्थित ऐसे शब्द को Determiner कहा जाता है जो उस संज्ञा को निर्धारित करता हो; जैसे.
A book, an inkpot, the Ramayana, some boys, any book, a few difficulties, a little rest, आदि।

Determiner एक प्रकार से विशेषण (Adjective) ही होता है। अन्तर केवल इतना है कि Adjective किसी संज्ञा की व्याख्या करता है जबकि Determiner किसी संज्ञा को निर्धारित करता है।

Some तथा Any का प्रयोग

Some तथा Any – ये दोनों शब्द मात्रावाचक भी हैं और संख्यावाचक भी।
Some का प्रयोग निम्नलिखित प्रकार के वाक्यों में किया जाता है :

(a) Affirmative वाक्यों में।
1. There are some children outside.
2. Some people say that money makes the mare go.

(b) Interrogative वाक्यों में (किन्तु जब वक्ता को affirmative उत्तर की इच्छा अथवा आशा हो)।
1. Aren’t there some stamps in the drawer ?
2. Didn’t he give you some money ?

Fill in the blanks with suitable Determiners (some, any).

1. I bought …………. honey.
2. He did not buy …………. honey.
3. Did he buy ……….. honey ?
4. He gave me …………. money.
5. He did not give me …………. money.
6. Did he give you …………. money ?
7. …………. girls were playing in the ground.
8. Have you read …………. new novel ?
9. There is not …………. oil in the bottle.
10. Will you please give me …………. milk ?
11. We must find an excuse; ………… excuse will do.
12. This bucket is useless; it hasn’t …………. handle.
13. I must have this book at …………. rate.
14. The railway station is at ………… distance from the village.
15. I shall be away for ………… time.
Answer:
1. some
2. any
3. any
4. some
5. any
6. any
7. Some
8. any
9. any
10. some
11. any
12. any
13. any
14. some
15. some.

PSEB 10th Class English Grammar Determiners

Few तथा Little का प्रयोग

Few – यह एक संख्यावाचक राब्द है मात्रावाचक
Little – यह एक मात्रावाचक राब्द है
Few, a few, the few का प्रयोग

1. Few – यह एक Negative विशेषण है।
Few = not many =

2. A Few – यह एक Affirmative विशेषण है।
A Few = some at least = धोड़ से

3. The few – यह एक ऐसा विशेषण है जिससे Negative तथा Affirmative दोनों अर्थों का बोध होता है
The few = the whole of any particular number = थोड़े बहुत जो भी हों
PSEB 10th Class English Grammar Determiners 1

Fill in the blanks with suitable Determiners.

(few, a few, the few, little, a little, the little)

1. ….. money is better than nothing.
2. I need ……………… days’ rest.
3. His condition is so serious that there is …………… hope of his recovery.
4. …………… women can keep a secret.
5. ………………. knowledge is a dangerous thing.
6. I want ……………… sugar for tea.
7. He read …………….. books he had.
8. He spent …………….. money he had.
9. Only ……………… boys were present in the meeting.
10. Hurry up! We have only ……………… time left.
11. You should stay here ……………. days longer.
12. ……………. remarks he made, were very meaningful.
13. He was very sorry to find that he had ……………… money left.
14. Bring me …………… water to drink. 15. He is a fool and has …………….. sense…
Answer:
1. A little
2. a few
3. little
4. Few
5. A little
6. a little
7. the few
8. the little
9. a few
10. a little
11. a few
12. The few
13. little
14. a little
15. little

PSEB 10th Class English Grammar Determiners

(3) Much, many, many a, fewer तथा less का प्रयोग:
(1) Much तथा less मात्रावाचक विशेषण हैं।
(2) Many तथा fewer संख्यावाचक विशेषण हैं।
(3) Much का प्रयोग uncountable nouns के साथ किया जाता है।
Many का प्रयोग countable nouns के साथ किया जाता है।

(4) Many a – कई बार “Many’ के साथ ‘a’ का प्रयोग किया जाता है।
अर्थ की दृष्टि से ‘many’ तथा ‘many a’ में कोई अन्तर नहीं है। अन्तर केवल इतना है कि –
Many के साथ बहुवचन संज्ञा और बहुवचन क्रिया का प्रयोग किया जाता है।
Many के साथ एकवचन संज्ञा और एकवचन क्रिया का प्रयोग किया जाता है।
Many a man = many x one man = Many men.
1. Many a boy is absent today.
2. Many boys are absent today.

(5) Fewer को few की comparative degree के रूप में प्रयोग किया जाता है। किन्तु
Less को little की comparative degree के रूप में बहुत कम प्रयोग किया जाता है।
यह एक स्वतन्त्र है comparative वास्तव में इस की कोई positive degree नहीं होती है

Fill in the blanks with suitable Determiners.

(much, many, fewer, less)

1. ………. people came to see the fair.
2. The students made ……………. noise in their vacant period.
3. She knows ……………. languages.
4. There aren’t …………….. schools in this town.
5. Don’t spend …………… time in games.
6. There isn’t …………….. sugar in the cup.
7. You must take ……………. meals a day.
8. This work is lighter, so I can do with ……….. manpower.
9. I don’t need………… money.
10. …………….. butter and … eggs will serve the purpose today.
11. Did he make ………… mistakes in his essay ?
12. You will have to pay …………….. money for this house.
13. Were there ……………. boys in the playground ?
14. I have seen her …………….. a time.
15. I had to face …………….. trouble.
Answer:
1. Many
2. much
3. many
4. many
5. much
6. much
7. fewer
8. less
9. much
10. Less, fewer
11. many
12. much
13. many
14. many
15. much.

The Use of Articles

अंग्रेजी भाषा में a, an तथा the को Articles कहा जाता है।
The को Definite Article कहा जाता है।
A तथा An को Indefinite Articles कहा जाता है।
Articles के प्रयोग सम्बन्धी नियम

(1) An का प्रयोग किसी स्वर (vowel : a, e, i, 0, u) से पूर्व अथवा silent h से पूर्व किया जाता है; जैसे
An apple; an egg; an inkpot; an ox; an umbrella; an honest man; an M.A.; etc.

(2) A का प्रयोग किसी व्यंजन (consonant) से पूर्व किया जाता है। ऐसे स्वर जिनका उच्चारण किसी व्यंजन
की भांति किया जाए, उनसे पूर्व भी a का ही प्रयोग किया जाता है; जैसे
A kite; a cart; a monkey; a unit; a useful thing; a one-eyed man; a European country; etc.

PSEB 10th Class English Grammar Determiners

The का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है: –

1. किसी विशेष व्यक्ति अथवा पदार्थ का वर्णन करने के लिए।
(He is the man who beat me.)

2. नदियों के नामों के साथ।
(The Ganga; the Yamuna.)

3. पर्वत-शृंखलाओं के नामों के साथ।
(The Himalayas; the Vindhyas.)

4. समुद्रों के नामों के साथ।
(The Indian Ocean; the Arabian Sea.)

5. प्रसिद्ध पुस्तकों के नामों के साथ।
(The Gita; the Quran.).

6. प्रकृति की अद्वितीय रचनाओं के साथ।
(The sun; the moon; the earth.)

7. Superlative Degree के साथ।
(The best; the noblest; the youngest.)

8. किसी जाति अथवा वर्ग के नाम के साथ।
(The English; the Indians; the French.)

9. उस विशेषण से पूर्व जिसके साथ लगने वाली संज्ञा understood हो। ‘
(The rich should help the poor.)

10. निम्नलिखित प्रकार के मुहावरों के साथ।
(The higher; the better.)

Fill in the blanks with suitable Articles. (a, an, the)

1. I heard …………. loud noise in …………. next house.
2. Ink is …………. useful article.
3. His brother is ………… university professor.
4. Yesterday I saw ……….. European riding on ………… elephant.
5. He gave me ………… one-rupee note.
6. Have you read ………… Ramayana ?
7. He was struck by …………. arrow.
8. ………… Ganga is ………… sacred river.
9. He drives …………. motor car at ………. uniform speed.
10. He is …………. taller of ………… two boys.
11. ……….. Taj Mahal is ……….. most beautiful building.
12. …………. Bible is ………… sacred book of ………… Christians.
13. …………. ewe is standing in ………… field.
14. He was …………. African by birth, not …………. European.
15. It was ………… unique sight.
Answer:
1. a, the
2. a
3. a
4. a, an
5. a
6. the
7. an
8. The, a
9. the, a
10. the, the
11. The, the
12. The, a, the
13. A, the
14. an, a
15. a.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

Long Answer Type Questions

Question 1.
With the help of a well labelled diagram, explain the construction and working of the human eye.
Answer:
Human eye is the most remarkable and most delicate natural optical instrument. The main parts of the eye are given below :

Structure of The Eye
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 1

The human eye consists of nearly spherical ball of about 2.5 cm in diameter.
1. Sclerotic: Its outermost coating is made of a tough and opaque white substance known as SCLEROTIC. It holds the eye ball in position and protects it from external injuries.

2. Cornea: Front portion of sclerotic is transparent and is known as CORNEA. It consists of a transparent substance. The outer surface of cornea is convex in shape. It allows the light to enter eye.

3. Choroid: There is a layer of black tissues, below sclerotic, called CHOROID. It serves to absorb any stray light and thus avoids blurring of the image by reflection from the eye-ball.

4. Iris: In front of eye, choroid merges into a coloured diaphragm known as iris with a hole in the middle called PUPIL. The iris corresponds to shutter in the camera. By means of involuntary muscle control, it regulates the amount of light entering the eye.

5. Eye Lens: It is a double convex lens made of transparent refracting tissues. The lens is held in position with the help of CILIARY MUSCLES. The ciliary muscles adjust the curvature of eye lens and hence its focal length to focus the images of all objects on retina.

The lens divides the eye-ball into two chambers—(i) the front chamber called anterior chamber and (ii) other between lens and the retina called posterior chamber. Anterior chamber is filled with a fluid, called AQUEOUS HUMOUR while the posterior chamber is filled with a jelly-like substance called VITREOUS HUMOUR.

6. Retina: The innermost coating of the eye, covering the rear of inner surface, is a very delicate membrane called the RETINA. It behaves like a screen as photographic film does in a camera on which image of object is formed.
The sensation of vision in the retina is carried to the brain by a nerve called OPTICAL NERVES.

7. Yellow Spot: The most sensitive part of retina is known as the YELLOW SPOT.

8. Blind Spot: The point where the optical nerve enters the eye is totally insensitive to light and is known as the BLIND SPOT.

9. Eye-lids: Eye Lids are provided to control the amount of light falling on the eye. Eye-lids also protect the eyes from dust etc.

Question 2.
What are the defects of human eye? How can they be corrected? Explain with diagrams.
Answer:
Defects of Human Eye: A normal healthy eye adjusts its focal length so as to form images of ail objects lying at different distances on the retina. Sometimes its power of accomodation decreases as a result of which the image is not formed on the retina resulting in two main defects viz. long sightedness and short sightedness.

In addition to these, presbyopia, colour blindness and astigmatism are also common defects.
1. Myopia or Short Sightedness: A person with myopic eye can see the near objects clearly but cannot see far off objects. The person suffering from myopia or short-sightedness has far point nearer than infinity. In normal eye, the far point is at infinity. The rays coming from distant object (at infinity) get focussed on retina [Fig. 11.5 (a)].

Causes of Defect: The defect myopia arises due to either :

  • the length of eyeball is elongated (becomes longer than normal)
  • the focal length of eye lens has decreased.

Due to either or both the causes, the eye is not able to focus the rays from distant object at retina [Figure (d)]. Focussing is there at a point 0 in front of retina. Therefore, the image formed on retina is blurred.

The defective eye is however able to focus the object upto its far point [Figure (c)].
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 2
Figure (a) Normal eye. Far point at infinity. Rays from distant object meet at retina.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 3
Figure (b) Defective eye (eye-ball is enlarged), or focal length decreased, cannot focus rays from infinity at retina.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 4
Defective Eye. Due to eye ball getting short or an increase in focal length of eye lens, the rays do not focus on retina.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 5
Figure (c) Defective Eye is able to form image at the retina when object is moved from N to N’ the near point of defective eye.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 6
Figure (d) Corrected Eye. A convex lens of suitable focal length converges the rays to match those coming from hf.
Normal eye is able to focus on retina the rays emerging out from N [Figure (a)].

However, the defective eye is not able to focus the rays from near point of normal eye i.e. N [Figure (b)].
It can focus the rays from near point of defective eye i.e., N’ [Figure (c)].

From Figure (b) and (c), we conclude that more inclined rays [Figure (6)] are not focussed on retina whereas less inclined rays from N’ get focussed on retina.

Correction of hypermetropia: This defect is corrected by placing a convex or a converging lens of suitable focal length before the eye so that the rays diverging from N after refraction, appear to come from the near point N’.

3. Presbyopia: This is an age related defect. Almost all persons above 40 years suffer from this defect. The flexibility of eye lens decreases with age and the ciliary musclles are not able to change the focal length of eye lens and the person cannot see distinctly. Because of mixed defect of myopia and hypermetropia a person needs either two spectacles one each mounted with convex lens and concave lens or a bifocal lens to correct this defect.

4. Colour Blindness: This defect is due to biological reasons. It is a genetic disorder. The patient having this defect can not distinguish colours because in retina of eye, there are insufficient number of cones. These are cells present in the eye which recognise red, blue and green colours. The person suffering from this defect cannot recognise specific colour due to insufficient cone like structures in his eye. This defect cannot be corrected. The person having this defect can see all the things but can not recognise some colours.

5. Astigmatism: The person suffering from this defect can not focus in both the horizontal and vertical axis clearly. This defect is caused due to varying curvature in lens in two axis i.e. the lens is not completely spherical. The person cannot focus in vertical direction. This defect can be corrected by wearing spectacles fitted with cylinderical lens.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

Question 3.
What is prism? Explain deviation in glass prism by drawing a ray diagram.
Answer:
Prism: A portion of transparent medium bound by two plain refracting surfaces at an angle to each other is called a prism. The surfaces of the prism from which refraction occurs are called refracting surfaces and the angle between them is called angle of prism.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 7
Deviation of Light by a Prism: Let PQR be the principal section of glass prism. Suppose a ray of light BC is incident at C on the surface PR of the prism. After refraction from this surface it goes bending toward normal along CD.

Now ray CD is incident at D on the refracting surface QR and after refraction it goes away from the normal drawn at D emerging along the direction DE. Therefore, prism deviates the ray of light coming along BC into direction DE. In this way prism produces angular deviation in the direction of light. If incident ray BC is produced in the forward direction and emergent ray DE in the backward direction, then they meet each other at G. The LFGD formed between these two is called angle of deviation. It is denoted by δ (delta).

The value of angle of deviation depends on (i) the material of the prism and (ii) angle of incidence. If we increase the value of angle of incidence (∠i) then the value of angle of deviation (δ) decreases. For a certain value of angle of incidence, the angle of deviation becomes minimum. This minimum value of angle of deviation is called minimum angle of deviation. If for a prism, A is the angle of prism and δm is the minimum angle of deviation, then, refractive index of material of the prism, μ = \(\frac{\sin \left(\frac{\mathrm{A}+\delta_{m}}{2}\right)}{\sin \frac{\mathrm{A}}{2}}\)

Question 4.
What is meant by dispersion of light. Explain with the help of diagram and give the cause of dispersion.
Or
When a ray of light passes through a glass prism then a spectrum is obtained on the screen.
(а) Draw a diagram showing a spectrum of white light.
(b) Name the seven colours of spectrum in a serial order.
(c) Which colour of the spectrum suffers most deviation and which colour the least deviation?
Answer:
Dispersion of Light: The process of splitting of white light into its seven constituent colours is called dispersion or dispersion of light.
(а) Spectrum obtained by Dispersion through Prism. When a ray of white light coming from the sun passes through a prism then due to refraction it deviates from its path and bends towards the base of the prism and splits into its seven constituent colours and each light colour bends through a different angle forming a band of seven colours called spectrum.

(b) Generally we see the seven colours of specturm as a group. The order of seven colurs of spectrum are in the following order starting from the base of prism Violet, Indigo, Blue, Green, Yellow, Orange and Red. This order of colours can be easily remembered by a word “VIBGYOR.”
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 8
(c) The spectrum has red colour at its one end and violet colour at the other end. Red light travelling the fastest bends the least and violet light travelling the slowest bends the maximum.

Cause of Dispersion of Light: The refractive index of material (say transparent medium glass) depends on the colour of light. Refractive index of light of red colour is minimum and light of violet colour is maximum.

White light is composed of seven different colours of light (VIBGYOR) each colour having different colour due to different wavelength. Red colour has the longest wavelength and the violet has the shortest. The frequency of light is the same for colours. In air or vacuum, the speed of light is same for all colours. But in different media, the speed of light is different for different colours. So each light bends by different angle. Red colour in any medium bends the least while violet colour bends the most. So when light is passed through glass prism each light colour bends through different angle forming spectrum.

In this way, on passing of white light through a glass prism dispersion of light occurs.

Dispersion of white light does not takes place when it passes through a glass slab because there does not take place deviation of rays of light but lateral displacement occurs. The incident ray and emergent ray become parallel in glass slab.

Question 5.
Describe an experiment to show that different colours of white light can be recombined to form white light.
Answer:
To show that colours are not produced by the prism but are present in white light itself and the prism only separates these colours, Newton isolated a particular colour say green. He placed another prism in the path of green beam. No further splitting of colour took place. The light only deviated further. It clearly showed the prism just separates, a large number of colours coming together as white [Figure (b)].
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 9
Figure (a) Dispersion of white light by a prism.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 10
Figure (b) Second pris,iz unable to split green bewn.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 11
Figure (c) If a similar inverted second prism is placed. seven colours recombine spectrum colours into white light.
If a second prism of exactly of same angle with its refract ing edge opposite to the first is placed as shown, it is found that it results in white light again [Figure (c)]. The second prism deviates the rays in opposite direction. Thus dispersion produced by one prism is cancelled by the second similar prirn placed in the opposite direction.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 12
Figure (d) When second prism is placed in sqnw way, the coloured beams are further spread.

If the second prism is placed in; the same way as the first, the coloured rays are again obtained on the screen but there are more spread [Figure (d)].

Short Answer Type Questions

Question 1.
What is name of defect of eyes due to loss of elasticity of eye-lens? How is it corrected?
Answer:
It is called presbyopia. It cad be corrected by using two separate spectacles one for near vision and the other for distant vision.

Question 2.
What is the function of ciliary muscles in the eye?
Answer:
Ciliary muscles pull/push the lens and thereby change its focal length in order to focus objects lying at different distances from the eye.

Question 3.
What happens when elasticity of the eye lens is reduced to zero?
Answer:
Decrease of Elasticity of Lens. In normal eye, the change in the power of the eye lens for seeing far and near points is very large. As the person grows older, the power of accommodation gradually decreases. A stage may even reach when ciliary muscles lose their power and crystalline lens become much less elastic, so that the power of acommodation is almost zero.

Question 4.
Why is eye considered the best gift of God?
Answer:
It is said that world exists only if there are healthy eyes. Human being can see with the god-gifted eye i.e. he can identify different objects properly, can distinguish, i-ecognise colours and can differentiate between small and big even without touching, can read and write and can see all wonders of the world. That is why eye is considered to be one of the best gifts that god has given.

Question 5.
When we enter some dark room then for some time we are not able to see anything and remaining there for long, if suddenly strong light is switched on then our eyes can not gee anything. Why?
Answer:
Behind cornea there is iris which regulates the size of pupil. With it the intensity of light entering the eye is controlled. When we enter some dark room then for image to be formed on the retina more light is needed. For allowing more light to enter the eye is wide opened and it takes some time for this. During that time we do not see anything. Similarly while sitting itt the dark, iris spreads so that more light may enter the eye. And if suddenly strong light appears then to reduce its size some time is required during which we cannot see anything.

Question 6.
What type of lens is present in front of eyeball? What is its main function?
Answer:
In human eye the convex lens is present in front of eye ball. It consists of fibrous jelly like substance. Its curvature is controlled by ciliary muscles. The most of light rays are refracted by cornea and aqueous humour. The crystalline lens ensures focal length. So that the image of the object may be formed on the retina.

Question 7.
What is the function of retina in human eye?
Answer:
When light falls on rejina, it excites rods and cones. The electric pulses produced are conveyed to brain through optic nerve.

Question 8.
Why do we experience difficulty when we read from too close?
Answer:
Because of its capacity and properties the eye lens can change its focal length to some limit but not below that. If any object is too close then the focal length of the eyelens does not change that much that it niay help in seeing that properly. Therefore, we experience difficulty in reading from a close distance. In doing so pressure is exerted on eye and we cannot see distinctly.

Question 9.
Why do aged persons need spectacles for reading?
Answer:
Approximately at the age of 60 years the near point of eye becomes 20 cm which was 25 cm for normal eye of a young person. Due to this the aged person faces difficulty while reading and, therefore, needs spectacles.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

Question 10.
What is cataract? How is it corrected?
Answer:
Sometimes, the crystalline lens of aged person gets covered with a membrane which obstructs the passage of light rays through a transparent lens. At times the lens becomes completely opaque or cloudy. This condition is called cataract. This defect can be corrected either by using contact lens of suitable focal length or by surgery.

Question 11.
What is the necessity of eye donation? Explain.
Answer:
We know eye is the wonderful and priceless gift of God and 65% of people in the world are blind of which 45 lakh suffer with corneal blindness. They can be cured only by cornea transplantation. Therefore, after death we and our kins should donate eyes so that others who have become blind due to corneal defect may also see the world.

Question 12.
What things we should take into account while donating eyes?
Answer:

  • After death eyes must be removed within 4 to 6 hours.
  • The nearest eye bank should be informed immediately after death. The team of the eye bank removes eyes of the dead person either at his residence or in the nearest hospital in 10-15 minutes.
  • Eye removal is a simple procedure and does not lead to any disfigurement.

Question 13.
What is meant by least distance of distinct vision?
Answer:
Least Distance of Distinct Vision. If an object is very close to the eye then it is not seen clearly. Therefore, that shortest distance where if an object placed is seen very distinctly is called the least distance of distinct vision. For normal eye this distance is 25 cm.

Question 14.
A 14 years old boy cannot read question written on the black-board lying 5 m away from him.
(i) Name the eye defect he is suffering from.
Answer:
He is suffering from Myopia.

(ii) Show with the help of a labelled diagram as to how this defect can be corrected.
Answer:
For correction of this defect a concave lens of suitable focal length is used.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 18
Figure (a) Myopic Eye (b) Correction of Myopia by a concave lens of suitable focal length.

Question 15.
Why we see a rainbow just after rains?
Answer:
Rainbow is caused by dispersion of white sun light by tiny water droplets present in the atmosphere. Water droplets act as tiny prisms. They refract and disperse the incident sunlight, then reflect it internally and finally refract it again when it comes out of raindrop. Due to dispersion of light and internal refraction, different colours reach the eye of the observer. Rainbow is always formed in a direction opposite to that of the sun.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 19
Rainbow formation

Question 16.
How refraction of light elongates the length of day?
Or
Why does day appear longer than actually what it is due to refraction of light?
Answer:
The sun is visible a few minutes earlier than it actually rises above horizon. It happens because as we go up from the earth, the density of air layers decrease. The rays from sun S keep on bending towards normal till it enters the eye. Therefore, the sun appears to be at S’ (above horizon) although it is at S (below horizon). Thus the sun appears about two minutes earlier than actually when it should be.

For the same reason, the sun appears to set two minutes later than the actual. Hence the day appears to be about 4 minutes longer than what it is.

For the same reason explained above, the stars appear higher than their actual position as shown in Figure (b) given below :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 20
Figure (a) The sun remains visible even after it has actually passed below the geometrical horizon.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 21
Figure (b) A star in the direction S is seen in the direction S’ as a result of atmospheric refraction.

Question 17.
A star appears on the horizon. What is the true position of the star? Explain with diagram.
Answer:
True position of star is below the horizon. Incident rays from star, travel through earth’s atmosphere and reach observer’s eye. These incident rays travel from rarer to denser atmopshere so that they bend towards the normal. Thus, they appear to come fiom a different position slightly higher than the true position.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 22

Question 18.
What is meant by scattering of light? Explain Tyndall effect. Give a few illustrations of scattering of light.
Answer:
The path of beam of- light becomes visible when it passes through space containing smoke, tiny water droplets, suspended dust particles. The path of light is visible when it pass through ak medium the size of whose particles are comparable to wavelength of light.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 23
An arrangement for observing scattering of light in colloidal solution Colour of scattered light depends upon the size of scattering particles. Very small particles scatter blue light while larger particles scatter light of longer wavelength.

Question 19.
Why does the colour of the sky appear blue? [P.B., March 2019 (Set-A)\ Also tell how it would appear in the absence of earth’s atmosphere?
Answer:
The molecules of air/gases and other fine particles in the atmosphere have smaller size than the wavelength of visible light. These particles are therefore, more effective in scattering light of shorter wavelengths at blue and than light of longer wavelength at the red end. Thus, blue colour of the sky is due to scattering of sunlight by fine particles. In the absence of earth s atmosphere no scattering of light can occur. So, the sky appears black in that case.

Question 20.
What is short-sightedness? For a person suffering from this defect, where is the image of an object formed and by what type of spectacles this defect can be corrected?
Or
What is the cause of Myopia? How can it be corrected? Explain with a labelled diagram. (P.S.E.B. March 2017, Set-I)
Answer:
Myopia or Short Sightedness: A person with myopic eye can see the near objects clearly but cannot see far off objects. The person suffering from myopia or short-sightedness has far point nearer than infinity. In normal eye, the far point is at infinity. The rays coming from distant object (at infinity) get focussed on retina [Fig. 11.5 (a)].

Causes of Defect: The defect myopia arises due to either :

  • the length of eyeball is elongated (becomes longer than normal)
  • the focal length of eye lens has decreased.

Due to either or both the causes, the eye is not able to focus the rays from distant object at retina [Figure (d)]. Focussing is there at a point 0 in front of retina. Therefore, the image formed on retina is blurred.

The defective eye is however able to focus the object upto its far point [Figure (c)].
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 2
Figure (a) Normal eye. Far point at infinity. Rays from distant object meet at retina.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 3
Figure (b) Defective eye (eye-ball is enlarged), or focal length decreased, cannot focus rays from infinity at retina.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 4
Defective Eye. Due to eye ball getting short or an increase in focal length of eye lens, the rays do not focus on retina.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 5
Figure (c) Defective Eye is able to form image at the retina when object is moved from N to N’ the near point of defective eye.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 6
Figure (d) Corrected Eye. A convex lens of suitable focal length converges the rays to match those coming from hf.
Normal eye is able to focus on retina the rays emerging out from N [Figure (a)].

However, the defective eye is not able to focus the rays from near point of normal eye i.e. N [Figure (b)].
It can focus the rays from near point of defective eye i.e., N’ [Figure (c)].
From Figure (b) and (c), we conclude that more inclined rays [Figure (6)] are not focussed on retina whereas less inclined rays from N’ get focussed on retina.

Question 21.
What is the cause of long sightedness (Hypermetropia)? How can it be corrected? Explain with a labelled diagram?
Answer:
Correction of hypermetropia: This defect is corrected by placing a convex or a converging lens of suitable focal length before the eye so that the rays diverging from N after refraction, appear to come from the near point N’.

Question 22.
What is meant by Presbyopia and Colour blindness?
Answer:
Presbyopia. Some people suffer from myopia and hypermetropia both simultaneously, it is called presbyopia. Such people require bifocal lenses, the upper part of which is concave lens and the lower part a convex lens. The upper part is used to see distant objects while the lower part to see nearby objects (for reading).

Colour Blindness: This defect is caused due to decrease of cone like cells in the eyes of human beings. Due to this loss, eye is not sensitive for some particular colours. This is genetic defect and has no remedy. The persons having this defect can no doubt see objects but are unable to identify colours. This is called colour blindness.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

Question 23.
Define the following :
Power of Accomodation, Far Point, Near Point, Least Distance of Distinct Vision, Persistence of Vision.
Answer:
Power of Accomodation Human ejre can see all nearby objects and distant objects. This ability of eyelens to adjust its focal length enabling it to see object lying at different distances is called power of accomodation.

Far Point. The point at the maximum distance from the eye where if an object is placed can be seen distinctly is called far point. For normal eye the far point is at infinity.
Near Point: The point at the leat distance from the eye where the object if lying can be seen distinctly is called near point.
Least Distance of Distinct Vision. It is a point in between the far point and near point and at minimum distance from eye where the object lying can be seen distinctly. For normal eye the least distance of distinct vision is 25 cm.
Persistence of Vision. The image of an object is formed on the retina of the eye but even if the object is removed still its image remains and does not fade away. This is called persistence of vision.

Question 24.
A person wears spectacles of power – 2.5 D. Name the defect of vision he is suffering from. Draw the ray diagram for (i) the defective eye, (ii) its correction after using a suitable lens.
Answer:
Since the power of the lens is negative, therefore, the lens used in spectacles is concave lens.

The defect of the eye is Myopia (or short sightedness)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 24
Figure (a) Defective eye (eye-ball is enlarged), or focal length decrea.’ed, cannot focus rays from infinity at focus.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 25
Figure (b) Corrected eye. Concate (or a divergent) lens diverges the parallel rays from infinity to an extent that they appear to diverge from F. They get focussed at retina.

Question 25.
Distinguish between simple microscope and compound miéroscope.
Answer:
Differences between Simple Microscope and Compound Microscope.

Simple Microscope Compound Microscope
1. It is convex lens of small focal length. 1. It has two convex lenses one of which is eye piece and other objective.
2. It has small magnification. 2. Its magnifying power ìs large.
3. It is used to see small objects after magnification. 3. It is used to see very minute objects which cannot be otherwise seen with a naked eye after very large magnification.

Numerical Problems

Question 1.
A person can not see clearly objects beyond a distance of 1.2 m. Name the defect of vision he is suffering from. What would be the power of correcting lens used to restore proper vision ?
Answer:
Since a person can see clearly only near objects (upto a distance of 1.2 m only) whereas normal human eye can see even distant objects (upto infinity), therefore, the defect of vision is myopia.
Here v = 1.2 m
u = ∞
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 26
∴ Power of correcting lens, P = \(\frac{1}{f(\text { in metres })}\)
= \(\frac{1}{-1.2}\)
= – 0.83 D

Question 2.
The near point of a person suffering from hypermetropia is 75 cm. Calculate the focal length and power of the lens required to enable him to read the newspaper which is kept at 25 cm from the eye.
Answer:
Here u = -25 cm
v = – 75 cm
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 27
∴ Focal length of the required lens
Now P = \(\frac{1}{f(\text { in metres })}\)
= \(\frac{1}{375}{\frac{1000}}\)
= \(\frac{1000}{375}\)
= 2.6 D

Question 3.
The near point of a myopic eye is 1 m. Find the power of the lens required to correct this defect. Assume that near point of the normal eye is 25 cm.
Answer:
Here u = – 25 cm [Normal near point]
V = – 1 m
= – 100 cm
f =?
Using lens Formula \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 28
Now power of the required lens P = \(\frac{1}{f(\text { in metres })}\)
= \(\frac{100}{f(\text { in metres })}\)
= \(\frac{1}{\frac{100}{3}}\)
= \(\frac{100 \times 3}{100}\)
= + 3 D
Positive sign (+) indicates that the lens is convex.

Question 4.
A person cannot see objects beyond 1.5 m distinctly. What type of lens should be used to restore proper vision?
Answer:
Here u = – ∞ ; u = -1.5 m ; f =?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 29
He should use concave or divergent lens say convexo concave lens of Focal length -1.5 m and power – 0.67 D.

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
What do you mean by optical instruments? Name any two.
Answer:
Optical instruments are the devices based on various phenomena of optics. The’names are (i) Microscope (ii) Telescope.

Question 2.
What is least distance of distinct vision?
Answer:
Distance upto which a person can see clearly. It is 25 cm for normal eye.

Question 3.
What is far of point?
Answer:
This is most distant point upto which the eye can see clearly with unaided eyes.

Question 4.
Write a function of each of :
(i) Retina
Answer:
Retina: Retina is third layer of eye and acts as a screen for the image of the objects.

(ii) Sclerotic
Answer:
Sclerotic: Sclerotic is to maintain a solid shape of the eye and protects the internal soft parts from external injuries.

(iii) Ciliary muscles in human eye.
Answer:
Ciliary muscles in human eye. Eye lens is held in its position by ciliary muscles. Ciliary muscles help the eye to change the focal length by adjusting its curvature.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

Question 5.
What is the function of sclerotic in human eye?
Answer:
Sclerotic is to provide a solid shape to eye and protect it from external injuries.

Question 6.
What is the function of ciliary muscles in human eye?
Answer:
Ciliary muscles help the eye to change its focal length by adjusting its curvature.

Question 7.
What is the function of rods on the retina?
Answer:
Rods are sensitive to light. More the intensity of light, more are they excited.

Question 8.
What are cones?
Answer:
Cones on retina are sensitive to different colours. If cones are absent or insufficient, the person is colour blind.

Question 9.
Why chickens come out late in the morning and return early in the evening?
Answer:
Chickens have very few rods on the retina, hence they are able to see only in bright light and not in dim-light.

Question 10.
Why cats / bats are able to see at night?
Answer:
They have very large number of rods on retina. Hence they are able to see even if there is very small amount of light.

Question 11.
Colour of eyes depend upon colour of which part of eye?
Answer:
It depends upon the colour of iris.

Question 12.
What is basic cause of colour blindness?
Answer:
It is due to no or insufficient number of cones on the retina.
Seeing sun or seeing towards it during solar eclipse may cause colour blindness.

Question 13.
Which phenomenon of light is shown in fig. below :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 30
Answer:
Dispersion of light.

Question 14.
In the given diagram which defect of the human eye is being corrected using a concave lens?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 31
Answer:
Myopia (Short-Sightedness).

Question 15.
Which defect of human eye is being corrected in the figure given below?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 32
Answer:
Hypermetropia.

Question 16.
Which defect of the eye is shown in the figure given below?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 33
Answer:
Hypermetropia (or Long-sightedness).

Multiple Choice Questions :

Question 1.
The approximate least distance of distinct vision of normal eye is
(A) 35 in
(3) 3.5 m
(C) 25 cm
(D) 2.5 cm.
Answer:
(C) 25 cm

Question 2.
The feal length of objective is changed by:
(A) Pupil
(B) Retina
(C) Ciliary muscles
(D) Iris.
Answer:
(C) Ciliary muscles

Question 3.
A person suffering from short sightedness cannot see objects beyond 1.2 m. For distinct vision he would use :
(A) Concave lens
(B) Cylinderical lens
(C) Convex lens
(D) None of these.
Answer:
(A) Concave tens

Question 4.
The far point of normal human eyes .
(A) At 25 cm
(B) At 25 mm
(C) At 25 m
(D) At infinity.
Answer:
(D) At. infinity.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

Question 5.
In human eye, the image of object is formed at:
(A) Pupil
(B) Retina
(C) Cornea
(D) Eye ball.
Answer:
(B) Retina

Question 6.
Light entering the eye is mostly refracted by :
(A) Crystalline lens
(B) Outer surface of cornea
(C) Pupil
(D) Iri’.
Answer:
(B) Outer surfaceof cornea

Question 7.
Most insensitive part nf the eye is called:
(A) biqek spt
(B) vehow spot
(C) cornea
(D) blue Spot.
Answer:
(A) black spot

Question 8.
Focal length of the eye lens can be adjusted by action of:
(A) ciliarv muscles
(B) choroid
(C) optical nerves
(D) retina.
Answer:
(A) ciliary muscles

Question 9.
When light rays enter the eye most of the refraction occurs at:
(A) crystalline lens
(B) iris
(C) outer surface of cornea
(D) pupil.
Answer:
(A) crystalline lens

Question 10.
Distance of distinct vision of a normal eye is:
(A 25 m
(B) 2.5 m
(C) 25 cm
(D) 2.5 cm.
Answer:
(C) 25 cm

Question 11.
Accommodation of normal eyes is
(A) 5 cm to 15 cm
(B) 15 cm to m
(C) 1 m to 3 m
(D) 20 cm to infinity.
Answer:
(D) 20 cm to infinity.

Question 12.
When an object is placed beyond centre of curvature of a cancave mirror, the image is formed:
(A) beyond C;
(B) between C and F;
(C) at F;
(D) at infinity.
Answer:
(B) between C and F;

Fill in the blanks:

Question 1.
The least distance of distinct vision is __________
Answer:
25 cm.

Question 2.
Far point of normal human eye is __________
Answer:
infinity.

Question 3.
In human eye, image of an object is formed at __________
Answer:
Retina.

Question 4.
The ability of eye-lens to adjust its focal length is called __________
Answer:
Accommodation.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

Question 5.
A shortsighted person cannot see the objects distinctly.
Answer:
distant.

Question 6.
The __________ shaped cells present in retina respond to the intensity of light.
Answer:
rod.

Question 7.
__________ helps in regulating the amount of light entering the eye.
Answer:
pupil.

Question 8.
The splitting of white light into its component colours is called __________
Answer:
dispersion.

Question 9.
A concave lens is used to rectify __________
Answer:
Myopia.

Question 10.
When the light is bright, the pupil becomes __________
Answer:
very small.

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Book Solutions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Science Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

PSEB 10th Class Science Guide The Human Eye and The Colourful World Textbook Questions and Answers

Question 1.
The human eye can focus object at different distances by adjusting the focal length of the eye lens. This is due to :
(a) presbyopia
(b) accommodation
(c) near-sightedness
(d) far-sightedness.
Answer:
(b) accommodation.

Question 2.
The human eye forms the image of an object at its :
(a) cornea
(b) iris
(c) pupil
(d) retina.
Answer:
(d) retina.

Question 3.
The least distance of distinct vision for a young adult with normal vision is about:
(a) 25 m
(b) 2.5 cm
(c) 25 cm
(d) 2.5 m.
Answer:
(c) 25 cm.

Question 4.
The change in focal length of an eye lens is caused by the action of the :
(a) pupil
(b) retina
(c) ciliary muscles
(d) iris.
Answer:
(c) ciliary muscles.

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

Question 5.
A person needs a lens of power – 5.5 D for correcting his vision. For correcting his near vision, he needs a lens of power + 1.5 D. What is the focal length of lens required for correcting
(i) distant vision and
Answer:
(i) For distant vision, f1 = \(\frac{1}{\mathrm{P}_{1}}\)
= \(\frac{1}{-5.5}\)
= – 0.182 m
⇒ f1 = – 18.2 cm

(ii) near vision?
Answer:
For near vision, f2 = \(\frac{1}{\mathrm{P}_{2}}\)
= \(\frac{1}{1.5}\)
= + 0.667 m
f2 = + 66.7 cm

Question 6.
The far point of a myopic person is 80 cm in front of the eye. What is the nature and power of the lens required to correct the problem?
Answer:
Here
Distance of far point u = – ∞
Focal length of the lens (v) = – 80 cm;

Using Less formula \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
\(\frac{1}{(-80)}-\frac{1}{(-\infty)}\) [∵\(\frac{1}{\propto}\) = 0]
\(-\frac{1}{80}\)
Focal Length of the Lens (f) = – 80 cm = – 0.8 m
Negative sign (-) indicates that the nature of required lens is concave

Now,
P = \(\frac{1}{f}\)
= \(\frac{1}{-0.8}\)
P = – 1.25 D

Question 7.
Make a diagram to show how hypermetropia is corrected. The near point/ of hypermetropic eye is 1 m. What is the power of the lens required to correct this defect? Assume that the near point of normal eye is 25 cm.
Answer:
u = – 25 cm,
v = – 1 m
= – 100 cm
Using lens formula \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 1
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 2
∴ Power = + 3 D
Convex (convergent) lens of power + 3 D

Question 8.
Why is a normal eye not able to see clearly the objects placed closer than 25 cm?
Answer:
For seeing near objects, the ciliary muscles contract to make the lens thicker so as to reduce the focal length of eye lens, in order to form the image on the retina. Ciliary muscles cannot be contracted beyond certain limit and hence we cannot see clearly the objects lying closer than 25 cm, called the least distance of distinct vision.

Question 9.
What happens to the image distance in the eye when we increase the distance of an object from the eye?
Answer:
For a fixed focal length of the lens, the distance of image from the lens (i.e., v) decreases as the distance of the object from eye lens (i.e., u) is increased.

Since v cannot be decreased (as distance between eye lens and retina is fixed), f is decreased by action of ciliary muscles so as to satisfy lens formula in accordance with increased value of u.

PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World

Question 10.
Explain atmospheric refraction. Why do stars twinkle?
Answer:
Twinkling of the star is due to refraction of light from stars through atmosphere. The stars emit their own light. The light coming from the stars on entering the earth’s atmosphere undergoes refraction continuously at each layer of atmosphere having different density, before it reaches the earth. The stars are very much distant objects and may be considered as point sources. The refractive index of the air changes from time to time due to change of density of air. Due to change of the optical density of earth’s atmosphere, the path of rays from stars continuously changes. The apparent positions of the stars continuously change due to change in refractive index of the atmosphere. Thus the stars appear to twinkle.

Question 11.
Why planets do not appear twinkling?
Answer:
Since planets are quite close to the earth in comparison with the stars, they do not act as point sources but behave like extended sources. Planets may be considered as collection of a large number of point-sized sources of light. The total net deviation in amount of light entering our eyes from different point sources is zero. Therefore there is no net twinkling of planets.
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 3

Question 12.
Why does the sun appear reddish in the morning (as well as in evening)?
Or
Why does rising star appears red in colour?
Answer:
Earth is surrounded by envelope of gases called atmosphere. At the time of sunrise (or at sunset), light has to travel greater distance [AB at sunrise and BC at sunset] through the atmosphere to reach us than what it covers, when sun is over-head at noon [It has to travel only DB],

The wavelength of blue colour is about half that of red, blue light is scattered nearly 24 =16 times more than red colour of sunlight. As a result, the sun appears red at sunrise or at sunset due to negligible scattering of red colour of light.
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 4

Question 13.
Why does the sky appears dark instead of blue to an astronaut?
Answer:
The atmosphere exists only upto some height. At high altitudes, there is no atmosphere to scatter sun light. The sky, therefore, appears to be perfectly black to astronauts.

Science Guide for Class 10 PSEB The Human Eye and The Colourful World InText Questions and Answers

Question 1.
What is meant by power of accommodation of the eye?
Answer:
Power of accomodation of eye. It is the ability of the eye lens to adjust its focal length to see various objects lying at different distances. The minimum distance upto which a normal eye can see clearly is called near point. For normal eye, near point is about 20 cm. The maximum distance upto which the eye can see clearly is called far point. The distance between near point and far point is also called accommodation.

Question 2.
A person with myopic eye cannot see objects beyond 1.2 m distinctly. What should be the type of the corrective lens used to restore proper vision?
Answer:
Here u = – ∞; v = – 1.2 ; f =?
PSEB 10th Class Science Solutions Chapter 11 The Human Eye and The Colourful World 5
Negative sign (-) shows that the corrective lens is concave lens.
But P = \(\frac{1}{f}\)
= \(-\frac{1}{1.2}\) = – 0.825 D
The person should wear spects mounted with concave lens having of power – 0.825 D

Question 3.
What is the far point and near point of human eye with normal vision?
Answer:
Far point: It is the distance of most distant point upto which a person can see object distinctly. It is infinity for normal vision.
Near point: It is distance of nearest point beyond which a person can see distinctly. It is 25 cm for normal vision.

Question 4.
A student has difficulty in reading the blackboard while sitting in the last row. What could be the defect the child is suffering from? How could it be corrected?
Answer:
Student is suffering from myopia or shortsightedness. This defect can be corrected by using spectacles having diverging (say concave or convexo-concave) lens of suitable focal length.

PSEB 10th Class English Main Course Book Solutions Poem 5 Where the Mind is Without Fear

Punjab State Board PSEB 10th Class English Book Solutions English Main Course Book Poem 5 Where the Mind is Without Fear Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 English Main Course Book Poem 5 Where the Mind is Without Fear

Question 1.
Give the central idea of the poem.
Answer:
The poet prays to God to turn his country into a heaven of freedom. He prays that his countrymen should give up all that is evil. They should not be narrow-minded. Only then can his country gain freedom in the real sense.

कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसके देश को स्वतन्त्रता का एक स्वर्ग बना दे। वह प्रार्थना करता है कि उसके देशवासी वह सब त्याग दें जो बुरा हो। वे संकीर्ण विचारों के न हों। तभी उसका देश वास्तविक अर्थों में स्वतंत्रता प्राप्त कर पाएगा।

PSEB 10th Class English Main Course Book Solutions Poem 5 Where the Mind is Without Fear

Question 2.
Write a summary of the poem.
Answer:
The poet wants his country to be a heaven of freedom. He wants it to be free from all evils. People should be free from the narrow thoughts of caste and creed. They should ever strive for perfection.

कवि चाहता है कि उसका देश स्वतन्त्रता का एक स्वर्ग बने। वह इसे सब प्रकार की बुराइयों से मुक्त चाहता है। लोग जात-पात के तंग विचारों से मुक्त हों। वे श्रेष्ठ बनने के लिए सदा प्रयत्नशील रहें।

Question 3.
What is the meaning of the line ‘where knowledge is free’?
Answer:
The poet wants that knowledge should be free in his country. It should be free for one and all. It should not be sold in schools and colleges. Everyone should have the right to free education.

कवि चाहता है कि ज्ञान उसके देश में बिना किसी शुल्क के हो। यह सभी के लिए निःशुल्क हो। यह स्कूलों और कालिजों में बेचा न जाए। प्रत्येक को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार होना चाहिए।

Question 4.
Why is the world broken by narrow domestic walls ? What can we do about it ?
Answer:
The walls of religion, caste and creed divide the world. These walls exist everywhere in the world. We can pull them down only through love and non-violence.

धर्म, जाति और पंथ की दीवारें संसार को बांटे हुए हैं। ये दीवारें संसार में सभी जगह हैं। हम उन्हें केवल प्यार और अहिंसा के द्वारा गिरा सकते हैं।

Question 5.
What does the poet desire for his country ?
Answer:
The poet wants his country to be a true heaven of freedom. He wants that knowledge should be free in his country. People should be broad-minded. They should follow truth and reason. They should be self-respecting.

कवि चाहता है कि उसका देश स्वतन्त्रता का एक वास्तविक स्वर्ग बने। वह चाहता है कि उसके देश में ज्ञान निःशुल्क हो। लोग उदार हों। वे सत्य और तर्क के मार्ग पर चलें। वे आत्म-सम्मान वाले हों।

Objective Type Questions

Question 1.
Everyone should have right to education. (True/False)
Answer:
True

Question 2.
The poet prays for a land where the ………….. is without fear.
(i) mind
(ii) body
(iii) knowledge
(iv) truth.
Answer:
(i) mind

Question 3.
To whom does the poet pray in this poem ?
(i) People
(ii) King
(iii) God
(iv) None of them.
Answer:
(iii) God

PSEB 10th Class English Main Course Book Solutions Poem 5 Where the Mind is Without Fear

Reading Comprehension

(1) Where the mind is without fear and the head is held high;
Where knowledge is free;
Where the world has not been broken up into fragments
by narrow ‘domestic walls.

1. Name the poem and the poet.
2. What does the poet mean by ‘narrow domestic walls’ ?
3. Why does the poet want knowledge to be free ? 4. What kind of life does the poet want for his people ?
Answer:
1. The name of the poem is ‘Where the Mind is Without Fear’ and its. poet is Rabindranath Tagore.
2. By narrow domestic walls, the poet means the walls of narrow-mindedness.
3. Knowledge is essential to make the country truly free. That is why the poet wants it to be free.
4. The poet wants his people to live a life of self respect with no fear in their heart.

(2) Where the clear stream of reason
has not lost its way into the dreary desert sand of dead habit;
Where the mind is led forward by Thee
Into ever-widening thought and action Into that Heaven of freedom, my Father, let my country awake.

1. What is ‘dreary desert sand’ that the poet speaks of ?
2. What does the poet want ?
3. Who leads the people into the Heaven of freedom ? How ?
Answer:
1. ‘Dreary desert sand’ is the bad course of useless customs and dead habits.
2. The poet wants that the people should be guided by reason. They should not be led by dead habits and outdated customs. They should be broad-minded.
3. God leads the people into the heaven of freedom. He does so by kindling the light of truth and reason in the people.

Answer each of the following in one word / phrase / sentence :

Question 1.
Who wrote the poem, ‘Where the Mind is Without Fear ?
Answer:
Rabindranath Tagore.

Question 2.
What divides the world ?
Answer:
The walls of religion, caste and creed.

Question 3.
Why does Tagore want knowledge to be free ?
Answer:
Because knowledge is essential to make the country truly free.

Question 4.
What kind of life, according to the poet, should his people live ?
Answer:
They should live a life of self-respect with no fear in their heart.

PSEB 10th Class English Main Course Book Solutions Poem 5 Where the Mind is Without Fear

Question 5.
What should man strive for ?
Answer:
For perfection.

Complete the following :

1. According to the poet, ‘narrow domestic walls’ are, in fact, the walls of ……………………
2. Knowledge should be ……………… in the country.
3. Tagore wants his country to be a true heaven of …….
Answer:
1. narrow-mindedness
2. free
3. freedom.

Write True or False against each statement :

1. The walls of religion, caste and creed exist everywhere in the world.
2. Tagore wants his country to be a heaven of love..
3. People should be free from the narrow thoughts of caste and creed.
Answer:
1. True
2. False
3. True.

Choose the correct option for each of the following:

Question 1.
The clear stream of reason takes us ……
(a) out of dead customs
(b) out of bad habits.
(c) both (a) and (b)
(d) neither (a) nor (b).
Answer:
(c) both (a) and (b)

Question 2.
We can pull down the walls of religion, caste and creed only through ………………….
(a) love and violence
(b) hate and violence
(c) love and non-violence
(d) hate and non-violence
Answer:
(c) love and non-violence

Where the Mind is Without Fear Poem Summary in English

Where the Mind is Without Fear Introduction:
In this poem, the poet makes a prayer to God to turn his country into a heaven of freedom. He wants his country to be free from all evils. He wants it to be a country where there is no fear in the minds of people. It should be a place where knowledge is free. People should not be divided by narrow thoughts of caste and creed. The poet prays that his countrymen should give up all that is evil, and absorb all that is good. They should work tirelessly towards perfection. They should be guided by reason alone. They should not follow dead habits and useless customs. They should be broadminded. They should be generous in their thoughts and actions. The poet prays that God should lead his countrymen into such a heaven of freedom.

Where the Mind is Without Fear Summary in English:

Tagore wants his country to be free from all evils. The poet prays that his countrymen should be fearless. They should be brave and courageous. They should have no fear in their minds. They should be honourable. They should be able to hold their heads high with honour. They should do nothing that is mean or low. The poet wants his country to be a place where knowledge is free. It should be a place where people live in love and unity. They should not be divided by the narrow considerations of caste and creed. It should be a casteless society. People should love truth. Their words should spring from the depth of their hearts. They should be truthful in their thoughts and actions. Truth should be their only guide.

PSEB 10th Class English Main Course Book Solutions Poem 5 Where the Mind is Without Fear

The poet prays that his countrymen should strive towards perfection. They should become ideal human beings. They should give up all that is evil and imbibe all that is good. They should be guided by reason. They should not be led astray by dead habits and useless customs. They should give up harmful customs.

The poet prays that his countrymen should become broad-minded. They should not · be narrow-minded. They should be generous in their thoughts and actions. The stream of their thoughts should be ever-widening.

Where the Mind is Without Fear Poem Summary in Hindi

Where the Mind is Without Fear Introduction:

इस कविता में कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसके देश को स्वतन्त्रता रूपी स्वर्ग में बदल दे। वह चाहता है कि उसका देश सभी बुराइयों से मुक्त हो। वह इसे एक ऐसे देश के रूप में देखना चाहता है जहां पर लोगों के मन भय-रहित हों। यह ऐसा स्थान बने जहां ज्ञान मुफ्त बांटा जाए। लोग जात-पात के संकीर्ण विचारों के कारण आपस में बंटे हुए न हों। कवि प्रार्थना करता है कि उसके देशवासी उन सभी चीजों का त्याग कर दें जो बुरी हों, और उन सभी चीजों को अपना लें जो अच्छी हों। वे अपने आपको आदर्श रूप बनाने के लिए अथक प्रयास करते रहें। वे केवल तर्क का ही सहारा लें। वे घिसी-पिटी आदतों और बेकार के रीति-रिवाजों में न फंसें। वे विशालहृदय वाले बनें। वे अपने विचारों और कर्मों में उदार बनें। कवि प्रार्थना करता है कि ईश्वर उसके देशवासियों को स्वतन्त्रता के एक ऐसे स्वर्ग में ले जाए।

Where the Mind is Without Fear Summary in Hindi:

कविता का विस्तृत सार इस कविता में रबिन्द्रनाथ टैगोर ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसके देश को स्वतन्त्रता का एक स्वर्ग बना दे। वह चाहता है कि उसका देश प्रत्येक प्रकार की बुराई से मुक्त हो। कवि यह प्रार्थना करता है कि उसके देशवासी निडर हों। वे वीर तथा उत्साही हों। उनके मन में कोई भी भय न हो। वे सम्मान योग्य हों। वे अपने सिरों को सम्मान सहित ऊंचा रखने के योग्य हों। वे ऐसा कोई काम न करें जो घटिया अथवा निम्न स्तर का हो। कवि चाहता है कि उसका देश एक ऐसा स्थान बने जहां पर ज्ञान नि:शुल्क हो। यह एक ऐसा स्थान हो जहां लोग एक-दूसरे के साथ प्यार और एकता में रहते हों। वे जात-पात के संकीर्ण विचारों के कारण आपस में बंटे हुए न हों। यह एक ऐसा समाज हो जो जाति के भेद-भावों से रहित हो। लोग सच्चाई से प्यार करने वाले हों। उनके शब्द उनके दिलों की गहराइयों से निकलते हों। वे अपने विचारों और कामों में सत्यपूर्ण हों। केवल सच्चाई ही उनकी एकमात्र पथ-प्रदर्शक हो। कवि यह प्रार्थना करता है कि उसके देशवासी श्रेष्ठता की ओर अग्रसर होने का प्रयत्न करने वाले बनें। वे आदर्श मानव बनें। वे उन बातों को छोड़ दें जो बुरी हैं तथा उन सब चीज़ों को अपना लें जो अच्छी हैं। वे तर्क का सहारा लेने वाले हों। वे घिसी-पिटी आदतों और बेकार के रीति-रिवाजों के कारण कुमार्ग पर न पड़ें। वे हानिकारक रिवाजों को छोड़ दें। कवि यह प्रार्थना करता है कि उसके देशवासी विशाल हृदय वाले बनें। वे संकीर्ण विचारों के न हों। वे अपने विचारों तथा कार्यों में उदार हों, तथा उनके विचारों रूपी नदी लगातार विशाल बनती रहे। इस प्रकार कवि ईश्वर से सच्चे दिल से प्रार्थना करता है कि वह उसके देशवासियों को प्रकाश दिखलाए। उसकी प्रार्थना है कि उसके देशवासी अपनी धरती को स्वतन्त्रता के एक स्वर्ग के रूप में बदल दें।

Where the Mind is Without Fear Poem Translation in Hindi

(1) Where the mind is without fear and the head is held high;
Where knowledge is free;
Where the world has not been broken up into fragments by narrow domestic walls;
Where words come out from the depth of truth,

Word-meanings :
1. held-रखे होना; 2. broken up-बंटे होना; 3. fragments-छोटेछोटे टुकड़े; 4. narrow domestic walls-तंगदिली के कारण घर के अन्दर पड़ी हुई दीवारें या विभाजन; 5. depth of truth-पूरी तरह से शुद्ध और सच्चा दिल।

व्याख्या-कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसके देश को एक स्वर्ग में बदल दे। यह एक ऐसा स्वर्ग हो जहां उसके देशवासी निडर हों। वह चाहता है कि वे वीर और उत्साहवान बनें। वे अपने सिरों को सम्मानसहित ऊंचा रखने के योग्य हों। वे ऐसा कोई काम न करें जो तुच्छ अथवा घटिया हो। कवि चाहता है कि उसका देश एक ऐसा स्थान बने जहां ज्ञान नि:शुल्क हो। यह एक ऐसा स्थान हो जहां लोग प्यार और एकता में रहते हों। वे जात-पात के संकीर्ण विचारों के कारण आपस में बंटे हुए न हों। लोग सत्यवादी हों। उनके बोल दिलों की गहराइयों से निकलते हों। संक्षेप में, उसके देश के लोग सभी बुराइयों से मुक्त हों। वे आदर्श मानव हों। कवि चाहता है कि उसका देश एक ऐसा ही स्वर्ग बने।

PSEB 10th Class English Main Course Book Solutions Poem 5 Where the Mind is Without Fear

2. Where tireless strivingl stretches its arms towards perfection;
Where the clear stream of reason has not lost its way into the dreary desert sand of dead habit;
Where the mind is led forward by Thee into ever-widening thought and action
Into that Heaven of freedomo, my Father, let my country awake.

Word-meanings :
1. tireless striving-अथक या असीमित यत्न; 2. perfection—बिना किसी दोष वाली श्रेष्ठतम स्थिति; 3. dreary-रूखा और सूखा; 4. dead habit-पुराने बेकार के रीतिरिवाज; 5. Thee-तुम अर्थात् ईश्वर; 6. heaven of freedom—एक ऐसा स्वर्ग जो सभी बुराइयों से मुक्त हो।

व्याख्या-कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसके देश को वास्तविक स्वतन्त्रता का एक स्वर्ग बना दे। वह चाहता है कि उसका देश प्रत्येक बुराई से मुक्त हो जाए। यह श्रेष्ठता का प्रतीक बने। उसके सभी देशवासी उस श्रेष्ठता को प्राप्त करने के लिए अथक रूप से यत्न करें। वे केवल तर्क से ही काम लें। वे किसी अन्ध-विश्वास में न पड़ें। वे घिसी-पिटी आदतों और रीति-रिवाजों के कारण कुमार्ग पर न पड़ें। कवि चाहता है कि उसके देशवासी खुले विचारों के हों। वे अपने विचारों और कार्यों में उदार बनें। उनके विचार और उनके काम सदा सदा के लिए विशाल बनते जाएं। वे अपने विचारों और अपने कृत्यों में संकीर्ण न रहें। कवि सच्चे हृदय से प्रार्थना करता है कि ईश्वर उसके देशवासियों के लिए मार्ग को रोशन कर दे। वह प्रार्थना करता है कि उसका देश स्वतन्त्रता का एक सच्चा स्वर्ग बन जाए।