Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 6 मुँह बोले बेटे Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 6 मुँह बोले बेटे
Hindi Guide for Class 8 PSEB मुँह बोले बेटे Textbook Questions and Answers
(क) भाषा बोध
I. शब्दार्थ
दुर्घटना = दुर् + घटना = बुरी घटना
असमर्थ = शक्ति के बाहर
निरुत्तर = निर् + उत्तर = उत्तर न देना
गति = चाल
चौकस = सतर्क
शीघ्र = जल्दी
फुर्ती = तेजी
अनुरोध = प्रार्थना
लथपथ = भीगा हुआ, तर। .
समीप = पास
दर्पण = शीशा
पर्याप्त = काफी
इशारा = संकेत
दंग = हैरान
तिराहा = तीन रास्तों का समूह
प्रभाव = असर।
II. इन शब्दों को अपने वाक्यों में प्रयुक्त करें
दुर्घटना – ……………..
निरुत्तर – ……………..
चौकस – ……………..
लथपथ – ……………..
प्रभाव – ……………..
दंग – ……………..
उत्तर:
दुर्घटना – बस दुर्घटना में कई लोग मारे गए।
निरुत्तर – गुरु जी के कथन पर सब निरुत्तर हो गए।
चौकस – यात्रा करते समय चौकस रहना चाहिए।
लथपथ – सब घायल खून से लथपथ थे।
प्रभाव – महात्मा जी के भाषण का बड़ा प्रभाव हुआ।
दंग – मोहन के आने पर सब दंग रह गए।
III. मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करें
1. झाँसा देना – ……………..
2. चम्पत हो जाना – ……………..
3. जान में जान आना – ……………..
4. धोखा खाना – ……………..
5. आँख लगना – ……………..
6. लहूलुहान होना – ……………..
7. जान के लाले पड़ना – ……………..
8. ढांढ़स बंधाना – ……………..
9. साँस फूलना – ……………..
10. दंग रह जाना – ……………..
11. चपेट में आ जाना – ……………..
12. चौकसी बरतना – ……………..
13. बंटाधार हो जाना – ……………..
उत्तर:
1. झाँसा देना – आज के राजनीतिज्ञ जनता को झांसा देने में बहुत चतुर हैं।
2. चम्पत हो जाना – लुटेरा पुलिस को देखते ही चम्पत हो गया।
3. जान में जान आना – सुरेश के सकुशल लौटने पर सब की जान में जान आ गई।
4. धोखा खाना – जनता नेताओं से बार-बार धोखा खाती रहती है।
5. आँख लगना – ठण्डी हवा के झोंके से सुधा की आँख लग गई।
6. लहूलुहान होना – दुर्घटना में सभी यात्री लहूलुहान हो गए।
7. जान के लाले पड़ना – सब यात्रियों को अपनी-अपनी जान के लाले पड़े थे।
8. ढांढ़स बंधाना – दुर्घटना स्थल पर लोगों ने बढिया को ढांढस बंधाया।
9. साँस फूलना – पहाड़ी की चढ़ाई पर साँस फूलने लगता है।
10. दंग रह जाना – छोटी-सी बच्ची की चतुराई भरी बातें सुन कर मैं तो दंग रह गया हूँ।
11. चपेट में आ जाना – दो कारों की टक्कर की चपेट में बेचारा साइकिल वाला भी आ गया था।
12. चौकसी बरतना – बिजली के उपकरणों को हाथ लगाते समय हमेशा चौकसी बरतनी चाहिए।
13.बंटाधार हो जाना – तुम्हारे बहकावे में आकर मेरी परीक्षा का भी बंटाधार हो गया है।
(ख) विषय बोध
I रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
(1) दो बसों की ……….. हो गई थी।
उत्तर:
टक्कर
(2) मार्च का ……….. था।
उत्तर:
महीना
(3) नौजवान …… वाली दुकान से …. खरीद लाया।
उत्तर:
दवाइयों, टीका
(4) हम ……… पास हैं।
उत्तर:
बी० ए०
(5) नौकरी की ………… में हैं।
उत्तर:
तलाश।
II. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :
प्रश्न (क)
घटना स्थल से शिमला कितनी दूर था?
उत्तर:
घटना स्थल से शिमला पाँच मील दूर था।
प्रश्न (ख)
सोहन लाल खन्ना चण्डीगढ़ से कहाँ जा रहे थे?
उत्तर:
सोहन लाल खन्ना चण्डीगढ़ से शिमला जा रहे थे।
प्रश्न (ग)
डॉ० सोहन लाल खन्ना बस से उतरने के लिए कितनी देर इन्तजार करते रहे?
उत्तर:
सोहन लाल खन्ना बस से उतरने के लिए पाँच मिनट इन्तजार करते रहे।
प्रश्न (घ)
जब दुर्घटना घटित हुई तब कौन-सा महीना था?
उत्तर:
जब दुर्घटना घटी, उस समय मार्च का महीना था।
प्रश्न (ङ)
कितने युवक डॉ० खन्ना की ओर लपके ?
उत्तर:
दो युवक डॉ० खन्ना की ओर लपके।
III. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :
प्रश्न (क)
दुर्घटना होने के बाद जब डॉ० खन्ना की आँख खुली तो उन्होंने क्या अनुभव किया?
उत्तर:
जब बसों के टकराने से डॉ० खन्ना की आँख खुली तो वह दस-बीस सैकण्ड तक यह न समझ पाये कि वह सपना देख रहे थे कि सचमुच कोई दुर्घटना हुई है। उनके निचले होंठ और ठोडी के बीच के भाग से खून टपक रहा था। उन्हें दर्द हो रही थी। उन के सफेद स्वैटर पे खून के धब्बे थे।
प्रश्न (ख)
दोनों लड़कों ने डॉ० खन्ना की किस प्रकार सहायता की?
उत्तर:
दोनों लड़कों ने डॉ० खन्ना की बहुत सहायता की। बस से उतरने पर उनका भारी सामान उठा लिया। फिर वे उन्हें घायल अवस्था में एक अस्पताल ले गए। अपने पास से पैसे खर्च करके उन्हें टीका लगवाया। तदन्तर उन्हें पंचायत भवन पहुंचाया।
प्रश्न (ग)
‘मुँह बोले बेटे’ कहानी का उद्देश्य स्पष्ट करें।
उत्तर:
‘मुँह बोले बेटे’ कहानी का उद्देश्य यह है कि मुसीबत और कष्ट में फंसे व्यक्ति की नि:स्वार्थ भाव से सहायता करनी चाहिए। स्वयं कष्ट सहकर भी दूसरों की मदद करनी चाहिए। व्यर्थ में किसी पर सन्देह नहीं करना चाहिए। सभी इन्सान स्वार्थी या धोखेबाज नहीं होते। बेरोज़गार और सुविधाविहीन लोग भी परोपकारी होते हैं और वे सेवाभाव का कोई मूल्य नहीं चाहते।
(ग) व्यावहारिक व्याकरण
I. कारक ढूंढ़ कर नाम बताएँ
(1) दो बसों की टक्कर हो गई।
(2) चण्डीगढ़ से शिमला के लिए चले थे।’
(3) बाज़ार में काफ़ी भीड़ थी।
(4) लड़कों ने डॉ० खन्ना की बहुत सेवा की।
(5) दोनों लड़के डॉ० खन्ना के मुँह बोले बेटे बन गए।
(6) डॉ० खन्ना ने अपनी आप बीती सुनाई।
(7) स्ट्रेचर से उतर कर चप्पल पहनी।
(8) हे भगवान्! रक्षा करो।
(9) लड़कों को पैसे दिए।
(10) दर्पण में देखना चाहते थे।
उत्तर:
(1) बसों की-सम्बन्ध
(2) चण्डीगढ़ से-अपादान, शिमला के लिए-कर्म
(3) बाज़ार में-अधिकरण
(4) लड़कों ने-करण, खन्ना का-संबंध।
(5) दोनों लड़केकर्ता, खन्ना के-संबंध
(6) खन्ना ने-कर्ता
(7) स्ट्रेचर से-अपादान
(8) हे भगवान्संबोधन
(9) लड़कों को-सम्प्रदान
(10) दर्पण में-अधिकरण।
II. इन वाक्यों में सकर्मक क्रिया पर गोला लगायें तथा अकर्मक क्रिया को रेखांकित करें :
(i) दो बसों की टक्कर हो गई थी।
(ii) नींद का झोंका आया।
(ii) वे खिड़की से सटी सीट पर बैठे थे।
(iv) दोनों एक साथ बोले।
(v) खन्ना साहब ने दोनों ओर निगाह दौड़ाई।
(vi) दोपहर का समय था।
(vii) उसने अपना वाहन रोक दिया।
(viii) मार्च का महीना था।
उत्तर:
(i) बसों की टक्कर हो गई-सकर्मक
(ii) नींद का झोंका आया-अकर्मक
(iii) सीट पर बैठे थे-सकर्मक
(iv) दोनों एक साथ बोले-अकर्मक
(v) दोनों ओर निगाह दौड़ाई-अकर्मक
(vi) दोपहर का समय था-अकर्मक
(vii) वाहन रोक दिया-सकर्मक
(viii) मार्च का महीना था-अकर्मक।
III. विराम चिह्न लगायें
- एक युवक ने हँसते हुए कहा हम ही आपको पंचायत भवन पहुँचाएँगे
- बस हमारे पीछे पीछे चले आओ
- मुँह खोलने में कष्ट होने पर भी शिष्टाचार के नाते उन्होंने पूछ ही लिया बेटा तुम क्या काम करते हो
- डॉक्टर ने पूछा कहिए दादा कैसा लग रहा है
- उन्होंने कहा हाँ अब ठीक हूँ
उत्तर:
- एक युवक ने हँसते हुए कहा- “हम ही आपको ‘पंचायत भवन’ पहुँचाएँगे।” ।
- बस, हमारे पीछे-पीछे चले आओ।
- मुँह खोलने में कष्ट होने पर भी शिष्टाचार के नाते उन्होंने पूछ ही लिया, “बेटा! तुम क्या काम करते हो?”
- डॉक्टर ने पूछा, “कहिए दादा! कैसा लग रहा है?”
- उन्होंने कहा, “हाँ! अब ठीक हूँ।”
IV. विशेषण बनायें।
नीचे = निचला
ऊपर = …………….
आगे = …………….
भीतर = …………….
पीछे = …………….
बाहर = …………….
उत्तर:
नीचे = निचला
ऊपर = ऊपरी
आगे = अगला
भीतर = भीतरी
पीछे = पिछला
बाहर = बाहरी।
V. यद्यपि-तथापि, जो-सो, यदि-तो, क्योंकि-इसलिए आदि योजकों को प्रयोग करते हुए वाक्य बनाएँ।
उत्तर:
यद्यपि-तथापि – यद्यपि वह ग़रीब है, तथापि ईमानदार है।
जो-सो – जो उचित समझो, सो लिखो।
यदि-तो – यदि तुम वहाँ गए तो मेरा काम करते आना।।
क्योंकि-इसलिए – क्योंकि वह बीमार हो गया, इसलिए परीक्षा नहीं दे सका।
VI. शब्दों के शुद्ध रूप लिखें
दूरघटना – …………….
लहूलुहान – …………….
सवारिया – …………….
वयोवरदध – …………….
अनूरोध – …………….
उत्तर:
अशुद्ध रूप – शुद्ध रूप
दूरघटना – दुर्घटना
लहूलूहान – लहूलुहान
सवारिया – सवारियाँ
वयोवरदध – वयोवृद्ध
अनूरोध – अनुरोध।
VII. समस्त पद विग्रह करें
पंचायत-भवन = …………….
दुर्घटना-स्थल = …………….
गंतव्य-स्थलों = …………….
उत्तर:
(1) पंचायत का भवन।
(2) दुर्घटना का स्थल।
(3) गंतव्य का स्थल।
(घ) रचना भाग
I. अपने मित्र को आँखों देखी दुर्घटना का विवरण देते हुए पत्र लिखो।
उत्तर:
181-मॉडल टाऊन,
पटियाला।
दिसंबर 18, 20….
प्रिय परमजीत,
नमस्ते।
आशा है कि घर में सभी प्रसन्नचित होंगे। मैं काफी दिन से तुम्हें पत्र लिखने की सोच रहा था। लेकिन परीक्षाओं के कारण ऐसा नहीं कर पाया। आज स्कूल से लौटते समय मैंने एक ऐसी दुर्घटना देखी जिसे तुम्हें बताने के लिए मैं चाह कर भी स्वयं को रोक नहीं पा रहा हूँ। तुम्हें तो पता ही है कि मेरा स्कूल और घर का फासला बहुत कम है और मुझे वहाँ पहुंचने में मुश्किल से पांच मिनट लगते हैं। आज जब छुट्टी के बाद मैं स्कूल से घर की ओर चला तो स्कूल के गेट से कुछ आगे एक मोटा आवारा सांड सड़क किनारे खड़ा था। वह बिल्कुल शांत था। एक रिक्शा चालक वहीं पास ही सड़क पर खड़ा था। शायद वह सवारी का इंतजार कर रहा था। अचानक सांड को पता नहीं क्या हुआ? उसने दो-तीन बार अपने अगले खुर जमीन पर ज़ोर से मारे और उस रिक्शा चालक की ओर सिर झुका कर तेज़ी से भागा और सीधा उसके पेट में टक्कर मार दी। उसके सींग उस बेचारे के पेट में जा घुसे। सांड ने अपना सिर पीछे किया। खून से रंगा हुआ रिक्शा चालक चीख भी नहीं पाया था कि सांड ने उसे अपने पाँव से कुचल डाला। जब तक लोग सांड को काबू कर पाते तब तक बेचारा रिक्शा वाला खून से लथपथ सड़क किनारे मृत रूप में पड़ा था। यह देखकर सब सन्न रह गए थे। यह दृश्य मेरे लिए अति भयानक था। ईश्वर ऐसा कभी किसी को न दिखाए। मेरा मन अभी भी अन्दर ही अन्दर डर रहा है। बाकी फिर कभी लिखूगा।
माता-पिता जी को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र,
रमनीत सिंह।
II. यदि आपकी किसी ने संकट के समय सहायता की हो तो उसे 50 शब्दों में लिखें।
उत्तर:
पिछले सोमवार मैं स्कूल नहीं गया था। पेट में तेज दर्द था जो दवाई लेने के बाद भी ठीक नहीं हुआ था। मम्मी ने मुझे स्कूल न जाने के लिए कहा था और स्वयं ही पड़ोस में रहने वाले आलोक को मेरी छुट्टी का प्रार्थना-पत्र दे आई थी। लगभग दो-तीन घंटे बाद पेट दर्द ठीक हो गया और मैं पिता जी की दुकान पर चला गया। उन्होंने मुझे बिजली का बिल जमा कराने के लिए पैसे दिए। मैं साइकिल पर बिल जमा कराने गया। बिल जमा करा के जब लौट रहा था तो मेरा साइकिल एक स्कूटर वाले से टकरा गया। मैं सड़क पर जा गिरा था। मेरा सिर सड़क से टकरा गया था। मुझे इसके बाद कुछ पता नहीं। मुझे एक आदमी उठा कर डॉक्टर के पास ले गया था। मेरी आँखें जब खुली तो वह मेरे पास था। उसने मेरी पट्टी करवाई थी। वही मुझे मेरे घर छोड़ कर गया था। मैं उसकी सद्भावना और सहायता को अपने जीवन में कभी नहीं भुला पाऊँगा।
PSEB 8th Class Hindi Guide मुँह बोले बेटे Important Questions and Answers
बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर.लिखें
प्रश्न 1.
एक बस चण्डीगढ़ से कहाँ जा रही थी ?
(क) कांगड़ा
(ख) मनाली
(ग) शिमला
(घ) सोलन।
उत्तर:
शिमला।
प्रश्न 2.
दूसरी बस शिमला से कहाँ जा रही थी ?
(क) चण्डीगढ़
(ख) रोपड़
(ग) अमृतसर
(घ) लुधियाना।
उत्तर:
चण्डीगढ़।
प्रश्न 3.
किस बस का ड्राइवर खून से लथपथ था ?
(क) शिमला की
(ख) चण्डीगढ़ की
(ग) सोलन की
(घ) रोपड़ की।
उत्तर:
चण्डीगढ़ की।
प्रश्न 4.
डॉ० सोहनलाल खन्ना किस सीट पर बैठे थे ?
(क) सातवीं
(ख) आठवीं
(घ) दसवीं।
उत्तर:
नौवीं।
प्रश्न 5.
एम्बुलेंस कितने घायलों को अस्पताल ले गई ?
(क) चार
(ख) पाँच
(ग) छः
(घ) सात।
उत्तर:
छः।
प्रश्न 6.
वैन के किस ड्राइवर ने खन्ना साहब को अस्पताल तक पहुँचाया ?
(क) पारसी
(ख) खान
(ग) सिक्ख
(घ) पंडित।
उत्तर:
सिक्ख।
प्रश्न 7.
खन्ना साहब को युवकों ने कहाँ पहुँचाया ?
(क) उनके घर
(ख) पंचायत भवन
(ग) होटल
(घ) धर्मशाला।
उत्तर:
पंचायत भवन।
प्रश्न 8.
कितने युवकों ने खन्ना साहब की सहायता की ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पांच।
उत्तर:
दो।
प्रश्न 9.
युक्क खन्ना साहब के लिए क्या खरीद कर लाए ?
(क) फल
(ख) भोजन
(ग) टीका
(घ) दवा।
उत्तर:
टीका
प्रश्न 10.
खन्ना साहब ने युवकों को कितने रुपए का नोट देना चाहा ?
(क) पचास
(ख) सौ
(ग) दो सौ
(घ) पाँच सौ।
उत्तर:
पचास।
प्रश्न 11.
युवक कितने पढ़े-लिखे थे ?
(क) मैट्रिक
(ख) बारहवीं
(ग) बी. ए.
(घ) एम. ए.।
उत्तर:
बी.ए.।
प्रश्न 12.
युवकों को किसकी तलाश थी ?
(क) मकान की
(ख) भोजन की
(ग) नौकरी की
(घ) समान की।
उत्तर:
समान की।
मुँह बोले बेटे Summary
मुँह बोले बेटे कहानी का सार
‘मुँह बोले बेटे’ नामक कहानी इन्सानियत का पाठ पढ़ाने वाली एक कहानी है। दो बसों में टक्कर हो गई। एक बस चण्डीगढ़ से शिमला जा रही थी, दूसरी शिमला से चण्डीगढ़। चण्डीगढ़ वाली बस का ड्राइवर खून से लथपथ अपनी सीट में फँसा कराह रहा था। डॉ० सोहन लाल खन्ना नौवीं सीट पर बैठे थे। वह शिमला जा रहे थे। वे नींद के झोंके में थे। जैसे ही टक्कर हुई वह अगली सीट से टकरा गए। खून की कुछ बूंदें टपक पड़ी। सभी सवारियों को अपनी जान के लाले पड़े थे। सभी बस से उतरने लगे। सब उतरने की जल्दी में थे। डॉ० सोहन लाल खन्ना सब के बाद बस से उतर सके। उनका रुमाल खून से तर-बतर हो चुका था। बस से उतरने पर दो युवक खन्ना साहब की ओर बढ़े। एक ने उनका अटैची थाम लिया और दूसरे ने बैग।
पुलिस की सूचना पर एक एम्बुलेंस की गाड़ी आई। वह छः घायलों को अस्पताल ले गई। इनमें एक महिला भी थीं। रोकने पर भी कोई वाहन वहाँ न रुकता था। लोग दुर्घटना के लिए कंकरीट को दोष दे रहे थे। खन्ना साहब को यह डर था कि कहीं दोनों युवक सामान लेकर चंपत न हो जाएं। युवकों के अनुरोध पर खन्ना साहिब ने पहाड़ी सड़क पर चढ़ने का इरादा बना लिया। एक किलोमीटर चलने के बाद तिराहा आया। इतने में एक वैन आई। उसका ड्राइवर एक सिक्ख नौजवान था। वह उन्हें अस्पताल तक पहुँचाने को तैयार हो गया। दोनों युवक और खन्ना साहब उसमें सवार हो गए। दस-बारह मिनट बाद वैन एक चौड़ी सड़क पर जा रुकी। अब तीनों अस्पताल तक पहुँचने के लिए छोटे रास्ते पर चल पड़े। खन्ना साहब अब भी शंकित थे। थोड़ी देर में एक सरकारी अस्पताल में पहुँच गए। डॉक्टर ने खन्ना साहब को स्ट्रेचर पर लिटाया और चोट पर दवाई का फाहा रख दिया। डॉक्टर के कहने पर एक नौजवान दवाइयों वाली दुकान से टीका खरीद लाया।
खन्ना साहब की कमर में टीका लगाया गया। खन्ना साहब ने स्वस्थ मन से कहाअब वह ठीक है। पहाड़ी-साहित्य-गोष्ठी का समय दस बजे था। खन्ना साहब ने कहाडॉक्टर साहब आपका भी धन्यवाद है, और इन दोनों बेटों का भी। उन्होंने लड़कों से कहा बेटा ! इंजैक्शन कितने का आया ? अपने पैसे ले लो। मुझे एक कुली कर दो, जो पंचायतभवन पहुँचा दे। एक युवक ने हँसते हुए कहा-हम ही आपको पंचायत भवन पहुँचाएंगे।
दूसरे ने कहा-वहीं आपसे इंजैक्शन के पैसे ले लेंगे। डॉक्टर की फीस और माल ढुलाई का भाड़ा भी लेंगे। तीनों पंचायत भवन की ओर चल पड़े। पूछने पर दोनों युवकों ने बताया कि वे बी० ए० पास थे और वे किसी नौकरी की तलाश में थे। अब खन्ना साहब पंचायत भवन पहुँच गए थे। खन्ना साहब ने लड़कों को पचास रुपये का नोट देते हुए कहा-‘बेटा’, यह लो दवाई के पैसे। अपने घर का पता बता दो। युवकों ने कहा-आपने हमें बार-बार बेटा कहा है। पैसे देकर हमारी इन्सानियत पर धब्बा न लगाएं। खन्ना साहब के मन में उन ‘मुँह बोले बेटों’ के सद् कारनामे याद आने लगे।