Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 1 प्रभु शक्ति इतनी देना Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 1 प्रभु शक्ति इतनी देना
Hindi Guide for Class 3 PSEB प्रभु शक्ति इतनी देना Textbook Questions and Answers
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर।
I. बताओ
1. बच्चे ईश्वर से क्या प्रार्थना कर रहे हैं ?
उत्तर–
बच्चे ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहते हैं कि हमें इतनी शक्ति देना कि हम जीवन में सदा सत्मार्ग पर चलें, सत्धर्म करें और पाप और झूठ से दूर रहें।
2. बच्चे कौन-कौन से अच्छे काम कर सकते हैं ?
उत्तर-
सत्य के रास्ते पर चलते हुए, लोगों की सहायता करने के अच्छे काम बच्चे कर सकते हैं ।
3. सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए किससे बचने को कह रहे हैं ?
उत्तर-
सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए बच्चे झूठ से बचने को कह रहे हैं।
4. बच्चे दूसरों का भला कैसे कर सकते हैं ?
उत्तर-
दूसरों की मुश्किलों को आसान करके बच्चे दूसरों का भला कर सकते हैं।
5. इस कविता में कवि ने क्या प्रेरणा दी है ?
उत्तर-
इस कविता में कवि ने सत्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है।
II. पंक्तियाँ पूरी करो
(i) मन पर ………………… करें हम।
उत्तर-
मन पर विजय करें हम।
(ii) सत्क र्म ……………………… करें हम।
उत्तर-
सत्कर्म नित करें हम।
(iii) हर …………………… से बचें हम।
उत्तर-
हर पाप से बचें हम।
(iv) नित …………………………… पर चलें हम |
उत्तर-
नित सत्य पर चलें हम|
(v) और ……………………….. से बचें हम।
उत्तर-
और झूठ से बचें हम।
.
III. वाक्यों में प्रयोग करो
(i) प्रभु = ………………………….
(ii) सत्क र्म = ………………………….
(iii) उपकार = ………………………….
(iv) भेदभाव = ………………………….
उत्तर-
(i) प्रभु = प्रभु सर्व शक्तिमान हैं।
(ii) सत्कर्म = मनुष्य को सदा सत्कर्म करने चाहिएं।
(iii) उपकार = सज्जन व्यक्ति सदा दूसरों पर उपकार करते हैं।
(iv) भेदभाव = हमें किसी से कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए।
IV. ‘सत्’ जोड़कर नए शब्द बनाओ
(i) सत् + कर्म = …………………….
(ii) सत् + मार्ग = …………………….
(iii) सत् + धर्म = …………………….
(iv) सत् + य = …………………….
उत्तर-
(i) सत् + कर्म = सत्क र्म।
(ii) सत् + मार्ग = सत्मार्ग।
(iii) सत् + धर्म = सत्धर्म।
(iv) सत् + य = सत्य।
V. उल्टे अर्थ वाला शब्द मिलाओ
विजय = झूठ।
उपकार = पुण्य।
पाप = पराजय।
सत्य = अपकार।
‘उत्तर-
(i) विजय = पराजय।
(ii) उपकार = अपकार।
(iii) पाप = पुण्य।
(iv) सत्य = झूठ। |
VI. नए शब्द बनाओ
उत्तर-
संयुक्त अक्षर | नया शब्द | नया शब्द |
प्रं = | प्रबल | प्रयत्न। |
त्य = | नित्य | त्याग। |
सं = | संबल | संहार। |
VII. अच्छी सीख
सीखो अच्छी आदत जग में
ताकि लोग पहचानें।
करें तुम्हारी नित्य प्रशंसा
प्रियवर अपना मानें।
प्रभु शक्ति इतनी देना Summary & Translation in Hindi
1. प्रभु शक्ति इतनी देना, मन पर विजय करें हम। संयम से काम लेकर, जीवन में जय करें हम। प्रभु शक्ति इतनी देना ………………………. ॥
सरलार्थ-
ये पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘प्रभु शक्ति इतनी देना’ में से ली गई हैं। इन पंक्तियों में बच्चे ईश्वर से सदगणों की कामना की प्रार्थना करते हुए कहते हैं। कि हे प्रभु, तुम हमें इतनी ताकत और हिम्मत देना ताकि हम अपने मन पर विजय पा सकें अर्थात् हमारा मन हमारे वश में रहे। हम धीरज के साथ काम करते हुए जीवन के हर क्षेत्र में विजयी बनें। हे प्रभु! हमें इतनी ताकत देना कि हम अपने मन पर नियंत्रण रख सकें।
भाव-विशेष-
कवि ने प्रभु से जीवन में धैर्य और संयम की कामना की है।
2. सत्कर्म नित करें हम, हर पाप से बचें।
अब भेद-भाव सबके, मन से मिटा सकें हम।
नित सत्य पर चलें हम, और झूठ से बचें हम।
संयम से काम लेकर, जीवन में जय करें हम।
प्रभु शक्ति इतनी देना …………………………….॥
सरलार्थ-
ये पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य- पुस्तक में संकलित कविता ‘प्रभु शक्ति इतनी देना’ में से ली गई हैं। इन पंक्तियों में बच्चे ईश्वर से सद्गुणों की कामना की प्रार्थना करते हुए कहते हैं कि हम सदा सत्य-कर्म ही करें अर्थात जीवन में हम सदा नेक काम ही करें। हमारे मन पर किसी भी प्रकार का भेद-भाव न हो, किसी से भी हम कोई भेद-भाव न रखें। सदा हम झूठ से बचते हुए सत्य के रास्ते पर ही चलें और जीवन में हम साहस और हिम्मत से काम लेते हुए सदा विजयी बनें। हे प्रभु ! हम सदा संयम से काम लें और अपने जीवन को अच्छी राह पर लेकर आगे बढ़ें। हमें इतनी शक्ति और ताकत देना कि हम अपने मन को अपने वश में रख सकें।
भाव-विशेष- उपरोक्त पंक्तियों में कवि ने जीवन में सत्य के पथ पर चलने और सत्कर्म करने की प्रेरणा माँगी है। |
3. सत्धर्म नित करें हम, सत्मार्ग पर चलें हम।
नित मुश्किलों का हरदम, खुद सामना करें हम।
उपकार नित करें हम, अपकार से बचें हम।
संयम से काम लेकर, जीवन में जय करें हम।
प्रभ शक्ति इतनी देना …………………………. ॥
सरलार्थ-
ये पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘प्रभु शक्ति इतनी देना’ में से ली गई हैं। इन पंक्तियों में बच्चे, ईश्वर से सदा सच्चाई के रास्ते पर चलने की प्रार्थना करते हुए कहते हैं कि हम सदा सत्य धर्म का पालन करते हुए सच के रास्ते पर चलें। जीवन के रास्ते पर आने वाली मुश्किलों का सामना हम खुद ही करें। सदा हम दूसरों का भला ही करें और किसी का बुरा न करें। जीवन में हम साहस और हिम्मत से काम लेते हुए सदा विजयी बनें। हे प्रभु ! हमें इतनी शक्ति और ताकत देना कि हम अपने मन को अपने वश में रख सकें।
भाव-विशेष-कवि ने जीवन में अच्छे कर्म, धर्म और परोपकार . जैसे गुणों के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
कठिन शब्दों के अर्थ ।
→ भेदभाव = दो व्यक्तियों के साथ अलग-अलग प्रकार का व्यवहार।
→ प्रभु = ईश्वर। शक्ति = ताकत, हिम्मत। विजय = जीत।
→ संयम = धैर्य, हौसला। जय = विजय, जीत।
→ सत्कर्म = सच्चे काम, अच्छे काम। नित = सदैव।
→ पाप = बुरे काम। मिटा सकें = दूर कर सकें।
→ सत्धर्म = पुण्य के काम। सत्मार्ग = सच्चाई का रास्ता, अच्छा रास्ता।
→ हरदम = सब समय, हमेशा। खुद = अपने आप।
→ सामना = मुकाबला। उपकार = भला।
→ अपकार = बुरे काम, किसी का बुरा करना।
→ मुश्किलें = कठिनाइयाँ।