Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 2 जंतुओं में पोषण Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 2 जंतुओं में पोषण
PSEB 7th Class Science Guide जंतुओं में पोषण Textbook Questions and Answers
1. खाली स्थानों की पूर्ति कीजिए :-
(i) जो जंतु पौधे तथा जन्तु दोनों को खा लेते हैं, उन्हें …………………. कहते हैं।
उत्तर-
सर्वाहारी
(ii) मनुष्य में भोजन का …………………….. मुख में ही आरंभ हो जाता है और ……………………….. में पूर्ण होता है।
उत्तर-
पाचन, छोटी आंत
(iii) ……………………. मनुष्य के शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है।
उत्तर-
यकृत (जिगर)
(iv) बृहदांत्र में अनपचे भोजन में से ……………………. और ……………………. अवशोषित किए जाते हैं।
उत्तर-
फालतू पानी, नमक (लवण)।
2. नीचे लिखे वाक्यों में सही या गलत बताइए :-
(i) जीभ भोजन को लार के साथ मिलाने में सहायता करती है।
उत्तर-
सही
(ii) मनुष्य में पाचन क्रिया अमाशय में पूरी हो जाती है।
उत्तर-
ग़लत
(iii) जुगाली करने वाले जन्तुओं को रूमीनेंट कहते हैं।
उत्तर-
सही
(iv) अमीबा कृत्रिम पाँवों/पादाभ की सहायता से भोजन झपटता है।
उत्तर-
ग़लत
3. सही विकल्पों का मिलान करो :-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
(i) जुगाली करने वाला/रूमीनेंट | (क) पित्त |
(ii) कार्बोहाइड्रेट | (ख) अनपचा भोजन जमा होता है |
(ii) पित्ताशय | (ग) ग्लूकोस |
(iv) क्षुदांत्र | (घ) गाय |
(v) मल-नली | (ङ) भोजन का पाचन पूर्ण होता है। |
उत्तर-
कॉलम ‘क | कॉलम ‘ख’ |
(i) जुगाली करने वाला/रूमीनेंट | (घ) गाय |
(ii) कार्बोहाइड्रेट | (ग) ग्लूकोस |
(ii) पित्ताशय | (क) पित्त |
(iv) क्षुदांत्र | (ङ) भोजन का पाचन पूर्ण होता है |
(v) मल-नली | (ख) अनपचा भोजन जमा होता है |
4. सही विकल्प चुनें :-
प्रश्न (i)
जो जन्तु केवल पौधे खाते हैं :
(क) मांसाहारी
(ख) शाकाहारी
(ग) सर्वाहारी
(घ) मृतजीवी।
उत्तर-
(ख) शाकाहारी।
प्रश्न (ii)
कोशिका से बाहर पाचन होता है-
(क) परजीवी
(ख) मांसाहारी
(ग) मृतजीवी
(घ) शाकाहारी।
उत्तर-
(ग) मृतजीवी।
प्रश्न (iii)
जंतु द्वारा शरीर के अंदर भोजन ग्रहण करने की क्रिया कहलाती है-
(क) भोजन ग्रहण
(ख) पाचन
(ग) अवशोषण
(घ) मल त्याग।
उत्तर-
(क) भोजन ग्रहण।
प्रश्न (iv)
यकृत का रिसाव है-
(क) प्रोटीन
(ख) पित्त रस
(ग) कार्बोहाइड्रेट
(घ) लार।
उत्तर-
(ख) पित्त रस।
प्रश्न (v)
अमीबा में पोषण है-
(क) परजीवी
(ख) प्राणीवत
(ग) मृतजीवी ।
(घ) स्वांगीकरण।
उत्तर-
(ख) प्राणीवत।
5. लघूत्तर प्रश्न :-
प्रश्न (i)
प्राणीवत पोषण क्या है ?
उत्तर-
प्राणीवत पोषण – इस प्रकार के पोषण के दौरान जटिल भोजन शरीर के भीतर ले जाते हैं तथा फिर इसे एन्जाइमों की सहायता से साधारण घुलनशील यौगिकों में विभाजित किया जाता है। जिसे शरीर द्वारा इसका अवशोषण कर लिया जाता है। जैसे-अमीबा, मनुष्य आदि।
प्रश्न (ii)
अवशोषण से क्या अभिप्राय है ? ।
उत्तर-
अवशोषण – इस क्रिया में पचे हुए भोजन को छोटी आंत की दीवारों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। इसके बाद पचा हुआ भोजन रुधिर वाहिकाओं में चला जाता है। छोटी आंत की अंदरूनी दीवार पर बड़ी गिनती में उंगली जैसे उभरे हुए आकार होते हैं, जिनको रस-अंकुर या विली (Villi) कहते हैं। यह रस अंकुर आंत के अवशोषण क्षेत्र को बढ़ा देते हैं।
प्रश्न (iii)
स्वांगीकरण की परिभाषा लिखो।
उत्तर-
स्वांगीकरण – आंतों द्वारा अवशोषित किया भोजन रुधिर वाहिकाओं द्वारा रक्त द्वारा शरीर के भिन्न-भिन्न भागों तक पहुँच जाता है। इसे स्वांगीकरण कहते हैं।
प्रश्न (iv)
भोजन नली के भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
पाचन नली के भाग-
- मुख गुहिका
- भोजन नली
- पेट
- छोटी आंत
- बड़ी आंत
- रैक्टम
- मल द्वार।
6. निबंधात्मक प्रश्न :-
प्रश्न (i)
दूध के दाँत एवं स्थायी दाँतों से क्या भाव है ?
उत्तर-
दूध के दाँत – मनुष्य के जीवन काल के दौरान दाँतों के दो सैट विकसित होते हैं। पहला सैट 20 छोटे दाँतों का होता है। जिन्हें दूध के दाँत भी कहते हैं। यह बाल अवस्था के दौरान आते हैं और 06 से 08 साल की उम्र के दौरान टूट जाते हैं।
स्थायी दाँत – 6 से 8 साल की उम्र के दौरान दूध के दाँतों के गिरने के बाद स्थायी दाँत (32) आते हैं। स्थायी दाँत 50 से 60 साल की उम्र तक गिरने आरंभ हो जाते हैं।
प्रश्न (ii)
मनुष्य में पाए जाने वाले चार प्रकार के दाँत तथा उनके कार्य लिखो।
उत्तर-
मनुष्य में पाए जाने वाले चार प्रकार के दाँत तथा उनके कार्य – मनुष्य में चार प्रकार के दाँत होते हैं जो निम्न लिखे गए हैं
दाँत की किस्में | दाँतों के कार्य |
1. छेदक/कृन्तक (Incisors) | यह भोजन को काटने के लिए प्रयोग होते हैं। |
2. भेदक/ रदनक (Canines) | यह फोड़ने के लिए प्रयोग होते हैं। |
3. अग्र चर्वणक (Premolars) | यह दाँत भोजन चबाने तथा पीसने के लिए प्रयोग होते हैं। |
4. चर्वणक/बुद्धि के दाँत (Molars) | यह भी भोजन को पीसने के लिए प्रयोग होते हैं। |
प्रश्न (iii)
चित्र की सहायता से अमीबा में पोषण का वर्णन करो।
उत्तर-
अमीबा में पोषण – अमीबा एक कोशिका (सैली) सूक्ष्मजीव है। इसके बाहर कोशिका झिल्ली होती है। यह आभासी पैरों में चलता है। यह उंगली जैसी रचनाएँ होती हैं जो गति करने में तथा अमीबे के संपर्क में आए भोजन को पकड़ने में सहायता करती हैं। भोजन प्राप्ति के दौरान भोजन के आस-पास दोनों आभासी पैरों के बीच की झिल्ली द्रवित हो जाती है तथा भोजन का कण, भोजन वैक्यूल में बदल जाता है तथा इसके अंदर पाचक रसों का रिसाव होता है जिसमें पोषक अवशोषित कर लिए जाते हैं। अनपचे भोजन कण अमीबा के शरीर में ऐसी ही प्रक्रिया द्वारा त्याग दिए जाते हैं।
प्रश्न (iv)
नीचे लिखे चित्रों को अंकित करें ।
उत्तर-
Science Guide for Class 7 PSEB जंतुओं में पोषण Intext Questions and Answers
सोचें तथा उत्तर दें :- (पेज 12)
प्रश्न 1.
मुख में लार ग्रंथियों द्वारा रिसने वाले घोल का नाम बताइए।
उत्तर-
मुख में लार ग्रंथियों द्वारा छोड़े गए रस का नाम ‘लार रस’ है।
प्रश्न 2.
आयोडीन का घोल स्टार्च के ऊपर डालने पर क्या परिवर्तन पाया जाता है ?
उत्तर-
आयोडीन का घोल स्टार्च में मिलाने से आयोडीन के घोल का रंग जामनी अथवा नीला हो जाता है।
प्रश्न 3.
मुख में पाचन के बाद स्टार्च किस में परिवर्तित हो जाता है ?
उत्तर-
मुख में लार ग्रंथियों द्वारा लार रस छोड़ा जाता है जिसमें एसाइलेज़ नाम का एन्जाइम होता है। यह एन्ज़ाइम स्टार्च को शर्करा (ग्लूकोज़) में बदल देता है।
सोचें तथा उत्तर दें :- (पेज 13)
प्रश्न 1.
भोजन को काटने वाले दाँत का नाम लिखो।
उत्तर-
काटने वाले दाँतों को तीखे दाँत भी कहा जाता है।
प्रश्न 2.
किस आयु तक अग्रदाढ़ें या दाढ़ें नहीं होती?
उत्तर-
50 साल या इस से अधिक उम्र के व्यक्तियों में अग्रदाढ़ें या दाढें टूटनी आरंभ हो जाती हैं।
प्रश्न 3.
प्रौढ़ व्यक्ति के मुख में अधिक से अधिक कितने दाँत होते हैं ?
उत्तर-
30 साल की उम्र वाले वयस्क के मुख में सभी प्रकार के (कुल 32 दाँत) होते हैं।
सोचें तथा उत्तर दें :- (पेज 14)
प्रश्न 1.
जीभ के किस क्षेत्र से खट्टा स्वाद अनुभव होता है ?
उत्तर-
जीभ के अगले भाग से आरंभ होकर \(\frac{3}{4}\) भाग अर्थात् मध्य से थोड़ा-सा पीछे खट्टा स्वाद अनुभव होता है।
प्रश्न 2.
जीभ के अगले क्षेत्र में कड़वा स्वाद अनुभव क्यों नहीं होता ?
उत्तर-
जीभ का अगला भाग सभी ओर गति करने के लिए स्वतन्त्र होता है तथा यह भाग केवल भोजन को चबाने तथा लार मिलाने में सहायता करता है। जीभ पर चार ग्रंथियां मीठा, नमकीन, खट्टा तथा कड़वा होती हैं। जीभ के अगले हिस्से में केवल मीठे स्वाद का ही अनुभव होता है जबकि जीभ के अंतिम भाग में कड़वे स्वाद का अनुभव होता है।
PSEB Solutions for Class 7 Science जंतुओं में पोषण Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) मानव पाचन के मुख्य चरण …………………, …………………, ……………….., …………………, एवं ………………. हैं।
उत्तर-
अंतर्ग्रहण, पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण, निष्कासन
(ख) मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि का नाम ……………………… है।
उत्तर-
यकृत
(ग) आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं ……………………. का स्राव होता है, जो भोजन पर किया करते हैं।
उत्तर-
पाचक रस
(घ) क्षुद्रांत्र की आंतरिक भित्ति पर अँगुली के समान अनेक उभार होते हैं, जो ………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
दीर्घ रोम
(च) अमीबा अपने भोजन का पाचन ……………………. में करता है।
उत्तर-
खाद्य धानी।
प्रश्न 2.
सत्य एवं असत्य कथनों को चिह्नित कीजिए।
(i) मंड का पाचन आमाशय से प्रारंभ होता है।
उत्तर-
असत्य
(ii) जीभ लाला-ग्रंथि को भोजन के साथ मिलाने में सहायता करती है।
उत्तर-
सत्य
(iii) पित्ताशय में पित्त रस अस्थायी रूप से भंडारित होता है।
उत्तर-
सत्य
(iv) रूमिनेंट निगली हुई घास को अपने मुख में वापस लाकर धीरे-धीरे चबाते रहते हैं।
उत्तर-
सत्य
प्रश्न 3.
कॉलम A में दिए गए कथनों का मिलान कॉलम B में दिए गए कथनों से कीजिए।
कॉलम A- खाद्य घटक | कॉलम B-पाचन के उत्पाद |
कार्बोहाइड्रेट्स | वसा अम्ल एवं ग्लिसरॉल |
प्रोटीन | शर्करा |
वसा | ऐमीनो अम्ल |
उत्तर-
कॉलम A- खाद्य घटक | कॉलम B-पाचन के उत्पाद |
कार्बोहाइड्रेट्स | शर्करा |
प्रोटीन | ऐमीनो अम्ल |
वसा | वसा अम्ल एवं ग्लिसरॉल |
प्रश्न 4.
सही विकल्प चुनें-
(i) जटिल खाद्य पदार्थों के सरल पदार्थों में परिवर्तित होने को क्या कहते हैं ?
(क) स्वांगीकरण
(ख) अंतर्ग्रहण
(ग) पाचन
(घ) बहिक्षेपण।
उत्तर-
(ग) पाचन।
(ii) मानव की सबसे बड़ी पाचन ग्रंथि का नाम क्या है ?
(क) लार
(ख) अग्न्याशय
(ग) यकृत
(घ) आंत्र।
उत्तर-
(ग) यकृत।
(iii) आमाशय में कौन-सा अम्ल जीवाणुओं को मारता है ?
(क) सल्फ्यूरिक
(ख) नाइट्रिक
(ग) हाइड्रोक्लोरिक
(घ) फास्फोरिक।
उत्तर-
(ग) हाइड्रोक्लोरिक।
(iv) निम्न पशुओं में से किसमें रूमेन पाया जाता है ?
(क) गाय
(ख) कुत्ता
(ग) शेर
(घ) चीता।
उत्तर-
(क) गाय।
(v) क्षुद्रांत्र की लंबाई कितनी होती है ?
(क) 10.5 मीटर
(ख) 4 मीटर
(ग) 3 मीटर
(घ) 7.5 मीटर।
उत्तर-
(घ) 7.5 मीटर।
(vi) पाचन नली में भोजन की गति है-
(क) चलन
(ख) पंपिंग
(ग) संकुचन (पेरीस्टालसिस) ।
(घ) फिसलना।
उत्तर-
(ग) संकुचन (पेरीस्टालसिस)
(vii) सबसे सरल कार्बोहाइड्रेट कौन-सा है ?
(क) ग्लूकोस
(ख) सुक्रोस
(ग) स्टार्च
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(क) ग्लूकोस।
(viii) लार कहाँ पैदा होती है ?
(क) आमाशय
(ख) पित्ताशय
(ग) लार ग्रंथि
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) लार ग्रंथि
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आहारनली क्या है?
उत्तर-
आहारनली – मुख-गुहिका, ग्रास-नली, आमाशय, क्षुद्रांत्र, बृहदांत्र, मलाशय आदि भागों के समूह को आहारनली कहते हैं।
प्रश्न 2.
मानव की पाचक ग्रंथियों के नाम लिखो।
उत्तर-
लार-ग्रंथि, यकृत, अग्न्याशय।
प्रश्न 3.
पाचक तंत्र के विभिन्न अंश कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
पाचक रस और आहार नली।
प्रश्न 4.
अस्थायी अथवा दुग्ध-दाँत कब गिर जाते हैं ?
उत्तर-
छ: से आठ वर्ष की आयु तक।
प्रश्न 5.
क्षुद्रांत्र की कितनी लंबाई है?
उत्तर-
7.5 मीटर (लगभग)
प्रश्न 6.
बृहदांत्र कितनी लंबी होती है?
उत्तर-
1.5 मीटर।
प्रश्न 7.
विभिन्न प्रकार के दाँतों के नाम लिखिए।
उत्तर-
- कर्तन,
- रुदनक,
- अग्रचवर्णक तथा
- चवर्णक।
प्रश्न 8.
काटने व दशन के लिए कौन-से दाँत हैं ?
उत्तर-
कर्तन दाँत।
प्रश्न 9.
चीरने (वेधन) और फाड़ने का काम कौन-से दाँतों द्वारा किया जाता है?
उत्तर-
रुदनक दाँत।
प्रश्न 10.
अग्रचवर्णक और चवर्णक के क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
चबाना और पीसना।
प्रश्न 11.
जीभ क्या है?
उत्तर-
जीभ – जीभ, एक माँसल पेशीय अंग है जो मुख गुहिका के अधर तल में पीछे की ओर जुड़ी होती है।
प्रश्न 12.
जीभ स्वाद कैसे चखती है?
उत्तर-
स्वाद कलिकाओं की मदद से।
प्रश्न 13.
दंत क्षय के उत्तरदायी पदार्थो के नाम लिखें।
उत्तर-
चॉकलेट, ठंडे पेय, चीनी युक्त मिठाइयाँ।
प्रश्न 14.
आमाशय में कौन-सा अम्ल जीवाणुओं को मारता है?
उत्तर-
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
रसांकुर क्या है ? वह कहां मिलते हैं तथा उनके क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
रसांकुर (Villi) – अंगुलियों के समान उभरी हुई संरचनाएं जो छोटी आंत की आंतरिक भित्ति में होती हैं। रसांकुर कहलाती है।
रसांकुर छोटी आंतों में पाया जाता है। इसका मुख्य कार्य पचे हुए भोजन को अवशोषित करना है।
प्रश्न 2.
पित्त रस कहां बनता है। यह भोजन के किस घटक के पाचन में मदद करता है ?
उत्तर-
पित्त रस जिगर में निर्मित होता है तथा पित्ते में अस्थायी रूप से इकट्ठा होता है। इसका मुख्य कार्य चर्बी का पाचन करना है।
प्रश्न 3.
उस कार्बोहाइड्रेट का नाम लिखें जिसका पाचन रूमीनैंट द्वारा किया जाता है परन्तु मनुष्य द्वारा नहीं। इसका कारण बताएं।
उत्तर-
सैलूलोज का पाचन रूमीनैंट द्वारा आसानी से हो सकता है। सैलूलोज को पचाने में एक प्रकार के जीवाणु सहायक होते हैं जो रूमीनैंट में छोटी तथा बड़ी आंतों के मध्य एक थैली जैसी संरचना में पाये जाते हैं।
प्रश्न 4.
क्या कारण है कि हमें ग्लूकोज़ के द्वारा ऊर्जा तुरंत मिलती है ?
उत्तर-
ग्लूकोज़ कार्बोहाइड्रेट का एक सरल रूप है जिस को शरीर आसानी से अवशोषित कर लेता है। ये लहु में आसानी से घुल जाता है तथा तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है।
प्रश्न 5.
आहार नाल के कौन-से भाग द्वारा निम्न क्रियाएँ संपादित होती हैं ?
(i) घचे भोजन का अवशोषण
(ii) भोजन को चबाना ………………… ।
(iii) जीवाणु नष्ट करना ……………….. ।
(iv) भोजन का संपूर्ण पाचन …………………………… ।
(v) मल का निर्माण ………………… ।
उत्तर-
(i) क्षुद्रांत्र
(ii) मुँह गुहिका
(iii) आमाशय
(iv) क्षुद्रांत्र
(v) बृहदांत्र ।
प्रश्न 6.
मानव एवं अमीबा के पोषण में कोई एक समानता एवं एक अंतर लिखिए।
उत्तर-
मानव और अमीबा के पाचन में समानताएँ-
(क) आहार का अवशोषण
(ख) ऊर्जा का निर्मोचन
मानव और अमीबा के पाचन में असमानताएँ – मानवों में एक विकसित पाचन तंत्र होता है जबकि अमीबा में केवल खाद्यधानी होती है।
प्रश्न 7.
क्या हम केवल हरी सब्जियों/घास का भोजन कर जीवन निर्वाह कर सकते हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर-
हरी सब्जियों/घास पर जीवन निर्वाह – कच्ची हरी सब्जियाँ, लवण, सेलूलोज, जल और विटामिन के स्रोत हैं। इनके अतिरिक्त शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स, वसा और प्रोटीन भी चाहिए। इसलिए केवल हरी सब्जियों/घास पर जीवन निर्वाह करना मुश्किल है।
प्रश्न 8.
पाचन क्रिया क्या है तथा इसके मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर-
पाचन – जटिल पदार्थों का सरल पदार्थों में टूटना या परिवर्तित होना विघटन कहलाता है और यह पाचन क्रिया है।
पाचन क्रिया के उद्देश्य-
- बड़े कणों का छोटे कणों मे टूटना ताकि झिल्ली में से गुजर सकें।
- अघुलनशील पदार्थों का घुलनशील पदार्थों में बदलना ताकि घोल के रूप में सभी जगह पहुंच सकें।
- जटिल भोजन पदार्थों का सरल पदार्थों में परिवर्तित होना ताकि कोशिकाओं द्वारा शोषित किया जा सके।
प्रश्न 9.
दंत खोड (गुहिका) क्या है तथा यह क्यों होती है ?
उत्तर-
दंत खोड (गुहिका) – बहुत ज्यादा मीठी वस्तुएं खाने से तथा दांतों की सफाई न रखने से हम जीवाणुओं को निमंत्रण देते हैं जो हमारे दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं। अगर हम दांतों की सफाई नहीं रखते तो भोजन के कण दांतों में फंसे रह जाते हैं। जिन पर हमला करके वैक्टीरिया इन भोजन कणों का अपघटन करना शुरू कर देते हैं। जिसके कारण तेजाब पैदा होता है। यह तेज़ाब दांतों के इनैमल को नष्ट कर देता है तथा दांतों में खोड़ों का कारण बनता है। इसलिए हमें भोजन तथा मीठा खाने के बाद हमेशा दांत साफ करने चाहिए।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव के पाचन तंत्र की व्याख्या करें।
उत्तर-
मानव पाचन तंत्र – मानव के पाचक तंत्र के मुख्य अंग निम्नलिखित हैं-
मुँह – यह आहार नली का पहला भाग है। इसमें जीभ, दाँत और लार-ग्रंथियाँ होती हैं। जीभ स्वाद का अनुभव करती है। लार ग्रंथियाँ लार पैदा करती हैं, जो भोजन को नर्म बनाती हैं। दाँत भोजन को छोटे टुकड़ों में काटते हैं।
ग्रास-नली – यह एक गोलाकार नली मुँह से आमाशय तक जाती है। इसका काम भोजन को मुँह से आमाशय तक ले जाना है।
आमाशय – यह एक U आकृति का थैलीनुमा भाग है, जिसका कार्य भोजन को पचे रूप में परिवर्तन करना है। इसमें हानिकारक जीवाणु भी नष्ट होते हैं।
क्षुद्रांत्र – यह एक 7.5 मीटर लंबी कुंडलित नली है। भोजन का पूरा अवशोषण इसमें होता है। इसमें यकृत और अग्न्याशय के रस आकर मिलते हैं।
बृहदांत्र – यह अनपचे भोजन में से जल का अवशोषण करती है। इसके निचले हिस्से में मल और अनपचा भोजन अस्थायी रूप से संग्रहित होते हैं। फिर गुदा द्वारा शरीर से बाहर फेंके जाते हैं।
प्रश्न 2.
जुगाली करने की प्रक्रिया क्या है। जुगाली करने वाले पशुओं में पाचन कैसे होता है ? समझाएं।
उत्तर-
घास खाने वाले पशु जुगाली करते हैं तथा इनको रूमीनैंट कहते हैं। गाय, भैंस, ऊंट तथा हिरण रूमीनेंट की कुछ उदाहरण हैं इनका यकृत चार खानों वाला होता है। पहला खाना रूमेन होता है जो मेहदे का सब से बड़ा भाग होता है । जंतु पहले भोजन को निगल लेता है तथा उसको रूमेन में जमा कर लेता है। यहां भोजन का अंशक पाचन होता है इस अधपचे भोजन को कड्ड कहते हैं। बाद में यह कड्डू जंतु के मुंह में गोलों के रूप मे आ जाता है तथा जंतु इसे धीरे-धीरे चबाता रहता है इस प्रक्रिया को जुगाली करना कहते हैं। ऐसे जंतुओं को जुगाली करने वाले या रूमीनैंट कहते हैं।
जुगाली करते समय भोजन का सैलूलोज साधारण यौगिकों में टूट जाता है। फिर यह बाकी तीन दिन खानों में तरल रूप में पचता है रूमीनैंट जंतुओं की भोजन नली की छोटी आंत तथा बड़ों आंत के अंदर थैलीनमा रचना होती है जिसको सीकम कहते हैं जहां कुछ बैकटीरिया होते हैं। जो घास फूस के पाचन में सहायक होते हैं।