Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 11 ईदगाह Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 ईदगाह (2nd Language)
Hindi Guide for Class 8 PSEB ईदगाह Textbook Questions and Answers
ईदगाह अभ्यास
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।
3. शब्दार्थ
- ईदगाह = ईद के दिन मुसलमानों के एकत्र होकर नमाज पढ़ने की जगह
- अनगिनत = जिसे गिना न जा सके
- बिसात = पूँजी
- विपन्नता = ग़रीबी
- जाज़ीम = दरी के ऊपर बिछाने की चादर
- हिंडोला = झूला
- मशक = भेड़ या बकरी की खाल को सीकर बनाया हुआ थैला जिसमें भिश्ती पानी ढोते हैं।
- भिश्ती = मशक से पानी ढोने वाला
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।
4. इन वाक्यों में उपयुक्त शब्द भरकर वाक्य पूरा करें :
(क) रमजान के ———- रोजों के बाद ईद आई है।
(ख) ग्रामीणों का दल अपनी ——- से बेखबर संतोष और धैर्य में मग्न चला जा रहा था।
(ग) इस्लाम की निगाह में सब ———-
(घ) तुम्हारी ———- तवे से जल जाती थीं इसलिए इसे मैंने लिया।
उत्तर :
(क) पूरे तीस
(ख) विपन्नता
(ग) बराबर
(घ) उंगलियाँ।
5. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :
(क) अमीना हामिद को मेले में क्यों नहीं भेजना चाहती?
उत्तर :
अमीना सोच रही थी कि चार-पाँच वर्ष का दुबला-पतला नन्हा बालक तीस कोस कैसे चलेगा।
(ख) नमाज़ खत्म होने पर लोग क्या करते हैं ?
उत्तर :
नमाज़ खत्म होने पर लोग आपस में गले मिलते हैं।
(ग) हामिद हिंडोले में क्यों नहीं चढ़ता?
उत्तर :
हामिद के पास तीन पैसे थे। वह उन्हें हिंडोले में चढ़कर बेकार खर्च नहीं करना चाहता था। इसी लिए वह हिण्डोले पर नहीं चढ़ा था।
6. इन प्रश्नों का उत्तर लगभग चार-पाँच वाक्यों में लिखें :
(क) हामिद का चिमटा रुस्तमे-हिंद कैसे है?
उत्तर :
हामिद का चिमटा रुस्तमे हिन्द इसलिए है क्योंकि वह बड़ा बहादुर है। उसमें आग में कूदने की शक्ति है। आग में बहादुर ही कूद सकते हैं। उसके साथियों के मिट्टी के बने वकील, भिश्ती और सिपाही बहादुरी का काम नहीं कर सकते। चिमटा अपने साथियों के खिलौनों को तोड़ भी सकता है। अतः वह रुस्तमे हिन्द है।
(ख) हामिद ने अपनी दादी के लिए चिमटा क्यों खरीदा?
उत्तर :
हामिद ने अपनी दादी के लिए चिमटा इसलिए खरीदा क्योंकि रोटी पकाते समय उसकी बूढ़ी दादी के हाथ जल जाते हैं। घर में चिमटा नहीं है। हामिद ने सोचा कि चिमटे को पाकर दादी प्रसन्न हो जाएगी और दुआएँ देगी। उसकी उंगलियाँ न जलेंगी। घर में एक काम की चीज़ भी हो जाएगी।
(ग) हामिद के हाथ में चिमटा देखकर अमीना क्रोध में क्यों आई?
उत्तर :
हामिद के हाथों में चिमटा देखकर अमीना को क्रोध इसलिए आया कि उसने तो हामिद को कुछ खाने-पीने के लिए, खिलौने के लिए या और कोई मनचाही चीज़ लेने के लिए पैसे दिए थे। लेकिन हामिद ने अपनी खुशी के लिए कुछ भी न लिया। इस पर अमीना को क्रोध आ गया। उसे क्या पता था कि उसी के सुख के लिए वह चिमटा लाया है।
(घ) ईदगाह में नमाज के दृश्य का वर्णन करें।
उत्तर :
ईदगाह में नमाज़ का दृश्य बहुत प्रभावशाली था। ज़मीन पर जाजिम बिछा हआ था। रोज़े रखने वालों की कई पंक्तियाँ लगी थीं। यहां सब लोग बराबर थे। अमीर गरीब का कोई फर्क नहीं था। लाखों लोग सिजदे में एक साथ सिर झुकाते, फिर इकट्ठे ही खड़े हो जाते। एक साथ झुकते और एक साथ घुटनों के बल बैठ जाते। कई बार यही काम करते।
(ङ) हामिद के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ लिखें।
उत्तर :
त्यागी-हामिद बड़ा त्यागी लड़का है। वह अमीना के दिए पैसे अपने लिए खर्च नहीं करता बल्कि उनसे वह दादी के लिए चिमटा लाता है, ताकि रोटी सेंकते समय उसकी उंगुलियाँ न जलें। उन पैसों से वह न कोई खिलौना लेता है और न उनसे खाने की चीजें खरीदता है।
सन्तोषी-हामिद के साथी महमूद, मोहसिन, नूरे और शम्मी ऊंटों और घोड़ों पर बैठ कर एक पैसे में पच्चीस चक्करों का मज़ा लेते हैं। लेकिन हामिद एक पैसा खोना नहीं चाहता, वह बड़ा सन्तोषी है। हामिद खिलौने के लिए भी पैसे खर्च नहीं करता और न मिठाई खाने की इच्छा रखता है।
बुद्धिमान्–वह अपने घर की हालत समझता है। जब उसके साथी चिमटा खरीदने पर उससे हँसी-मखौल करते हैं, तब वह अपनी युक्तियाँ देकर उनको कायल कर लेता है। सब उसे अपने खिलौने दिखाने लगते हैं और उसका चिमटा देखते हैं। हामिद अपने साथियों के मज़ाक को समझता है। इसीलिए वह मिठाइयों की बदनामी करता है और मिठाई नहीं खरीदता। इससे उसकी बुद्धिमत्ता प्रकट होती है।
(च) ‘ईदगाह’ कहानी का सार अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर :
पाठ का सार देखिए।
7. इन मुहावरों के अर्थ लिखते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग करें :
- धावा बोलना ………………………………
- पैरों में पर लगना ………………………………
- दिल बैठ जाना ………………………………
- राई का पर्वत बनाना ………………………………
- मन गद्गद् हो जाना ………………………………
- बाल भी बाँका न होना ………………………………
- रंग जमना ………………………………
- नाम रटना ………………………………
- दिल कचोटना ………………………………
- देखते ही रह जाना ………………………………
उत्तर :
- धावा बोलना-हमला करना-शत्रुओं ने अचानक गाँव पर धावा बोल दिया।
- पैरों में पर लगना-बहुत तेज़ चलना या भागना-हामिद इतना तेज़ चल रहा था मानो उसके पैरों में पर लग गए हों।
- दिल बैठ जाना-हताश होना, घबराना-परीक्षा में असफल होने पर नरेश का दिल बैठ गया।
- राई का पर्वत बनाना-छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना-राई का पर्वत बनाना हो तो कोई मोहन से सीखे।
- मन गद्-गद् होना-मन खुश होना-महीनों बाद माता जी को देखकर मेरा मन गद् गद् हो गया।
- बाल भी बांका न होना-कुछ भी न बिगड़ना-जिसके भगवान् रक्षक हैं उसका बाल भी बांका नहीं हो सकता। गले मिलना-खशी जाहिर करना-रवि विदेश से आते ही सबके गले मिलने लगा।
- रंग जमना-समा बाँधना, प्रभाव डालना-हामिद के घर चिमटा लाते ही रंग जम गया।
- नाम ग्टना-बार-बार नाम लेना-जग्गी फेल होकर प्रभु का नाम रटने लगा।
- दिल कचोटना-ठेस पहुँचाना-उसने ऐसा कहकर मेरा
- दिल कचोट दिया। देखते ही रह जाना-बार-बार देखना-खली को देखकर बच्चे देखते ही रह गए।
8. वचन बदलें :
- बंदूक
- चिमटा
- आलोचना –
- खिलौना
उत्तर :
- बन्दूक – बन्दूकें चिमटा – चिमटे
- पैसा – पैसे आलोचना – आलोचनाएँ
- खिलौना – खिलौने टोली – टोलियाँ
- कहानी – कहानियाँ
9. लिंग बदलें :
- बूढ़ा = ……………………
- धोबिन = ……………………
- लड़की = ……………………
- ऊंट = ……………………
- दादा = ……………………
उत्तर :
- बूढ़ा – बूढ़ी, बुढ़िया
- धोबिन – धोबी
- लड़की – लड़का
- ऊंट – ऊंटनी
- दादा – दादी
10. विपरीतार्थक शब्द लिखें :
- विवेक
- आगे
- धीरे
- धूप
उत्तर :
- विवेक – अविवेक।
- आगे – पीछे।
- धीरे – तेज़।
- धूप – छाँव।
11. शुद्ध करके लिखें
- कानुन –
- अनगिणत –
- प्रिथक –
- बुराईयाँ –
उत्तर :
- कानुन – कानून,
- अनगिणत – अनगिनत,
- प्रिथक – पृथक्,
- बुराईयाँ — बुराइयाँ।
12. इन शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करें :
- रोज़ा
- दुआएँ
- गत वर्ष
- ग्रामीण
- फौरन
- व्यवस्था
उत्तर :
- रोज़ा-मुसलमान रोज़ा रखते हैं।
- दुआएं-दादा ने पोते को दुआएँ दीं।
- गत वर्ष-मैं गतवर्ष इसी महीने हरिद्वार गया था।
- ग्रामीण-ग्रामीण लोग प्रायः प्रदूषण से मुक्त रहते हैं।
- फौरन-गाड़ी आने वाली है, फौरन चले जाओ।
- व्यवस्था-अतिथियों को ठहराने की व्यवस्था करो।
13. निम्नलिखित वाक्यों में क्रियाविशेषण को रेखांकित करके उसका भेद भी लिखें :
वाक्य – क्रिया विशेषण का भेद
(क) ये लोग क्यों धीरे-धीरे चल रहे हैं। – रीतिवाचक क्रिया विशेषण
(ख) इधर दुकानों की कतार लगी हुई है। – __________________
(ग) आज ईद आ गयी। – __________________
(घ) उसने कुछ नहीं खाया। – __________________
(ङ) वह ज़ोर से चिल्लाया। – __________________
उत्तर :
वाक्य – क्रिया विशेषण का भेद
(क) ये लोग क्यों धीरे-धीरे चल रहे हैं। – रीतिवाचक क्रिया विशेषण
(ख) इधर दुकानों की कतार लगी हुई है। – स्थानवाचक क्रिया विशेषण
(ग) आज ईद आ गयी। – कालवाचक क्रिया विशेषण
(घ) उसने कुछ नहीं खाया। – परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
(ङ) वह ज़ोर से चिल्लाया। – परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
14. निम्नलिखित वाक्यों में उचित योजक चिह्न लगाकर वाक्य पूरे करें :
(क) मोहसिन इतना उदार नहीं है लेकिन वह जानकर भी उसके पास जाता है। (क्योंकि, लेकिन)
(ख) __________ वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे वह कितनी प्रसन्न होगी। (अगर….तो, यद्यपि……तथापि)
उत्तर :
अगर वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे तो वह कितनी प्रसन्न होगी।
(ग) हामिद बड़ा चालाक है __________ अपने पैसे बचा कर रखे थे। (इसलिए, परंतु)
उत्तर :
हामिद बड़ा चालाक है इसलिए अपने पैसे बचा कर रखे थे।
(घ) वे बार-बार अपनी जेबों से अपना ख़जाना निकाल कर गिनते हैं __________ खुश होकर फिर रख लेते हैं। (और, या)
उत्तर :
वे बार-बार अपनी जेबों से अपना ख़ज़ाना निकाल कर गिनते हैं और खुश होकर फिर रख लेते हैं।
(ङ) हामिद ने चिमटे को इस तरह कंधे पर रखा __________ बंदूक हो। (मानो, ताकि)
उत्तर :
हामिद ने चिमटे को इस तरह कन्धे पर रखा मानो बंदूक हो।
(च) अमीना हामिद की आवाज़ सुनते ही दौड़ी __________ उसे गोद में उठाकर प्यार करने लगी। (या, और)
उत्तर :
अमीना हामिद की आवाज़ सुनते ही दौड़ी और उसे गोद में उठाकर प्यार करने लगी।
(छ) तुम्हारी उँगलियाँ तवे से जल जाती थीं, __________ मैंने इसे लिया। (क्योंकि, इसलिए)
उत्तर :
तुम्हारी उंगलियाँ तवे से जल जाती थी, इसलिए मैंने इसे लिया।
15. नीचे लिखे वाक्यों में क्रियाएँ अकर्मक हैं अथवा सकर्मक :
(क) हामिद हाथ फैलाता है। – सकर्मक
(ख) अमीना ने छाती पीट ली।
(ग) वह रोने लगी।
(घ) लोग आपस में गले मिल रहे हैं।
(ङ) ईदगाह जाने वालों की टोलियाँ नज़र आने लगीं।
(च) बच्चों के लिए नगर की सभी चीजें अनोखी थीं।
उत्तर :
(क) हामिद हाथ फैलाता है। – सकर्मक
(ख) अमीना ने छाली पीट ली। – सकर्मक
(ग) वह रोने लगी। – अकर्मक
(घ) लोग आपस में गले मिल रहे हैं। – सकर्मक
(ङ) ईदगाह जाने वालों की टोलियाँ नज़र आने लगीं। – सकर्मक
(च) बच्चों के लिए नगर की सभी चीजें अनोखी थीं। – सकर्मक
16. नीचे लिखे वाक्यों का हिंदी में अनुवाद करें :
(क) वाभित्र उभेटत रे रेठा भाटिरा-मारा वत्तिभा।
उत्तर :
हामिद तो मोटर के नीचे आता-आता बचा।
(ख) उमा सिभटा तृमउभे गिर चै।
उत्तर :
उसका चिमटा रुस्तमे हिन्द है।
(ਗ) ਤੇਰੀਆਂ ਉਂਗਲੀਆਂ ਤਵੇ ਨਾਲ ਸੜ ਜਾਂਦੀਆਂ ਸਨ।
उत्तर :
तेरी उंगलियाँ तवे से जल जाती हैं।
17. निम्नलिखित में से उचित संबंधबोधक शब्द लगाकर वाक्य पूरे करें:
(क) हामिद का बाप अमौना __________ और कौन हैं। (के साथ, के सिवा)
(ख) रमजान के पूरे तीस रोजों __________ ईद आई हैं। (के बाद, के साथ)
(ग) हामिद बच्चों __________ जा रहा था। (के सिवा,के साथ)
(घ) हामिद तो मोटर __________ आते-आते बचा। (के नीचे,के बाद)
उत्तर :
(क) के सिवा
(ख) के बाद
(ग) के साथ
(च) के नीचे।
परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर
प्रश्न 1.
हामिद मेले से क्या खरीद कर लाया है?
उत्तर :
हामिद मेले से चिमटा खरीद कर लाया।
प्रश्न 2.
ईद कब आती है?
उत्तर :
ईद रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आती है।
प्रश्न 3.
अमीना का दिल क्यों कचोट रहा था?
उत्तर :
गाँव के सभी बच्चे अपने-अपने बाप के साथ मेले में जा रहे थे किन्तु हामिद अपने बाप के बिना अकेला मेले में जा रहा था। कहीं भीड़ में खो ना जाए। पैदल चलकर उसके पैर में छाले पड़ जाएंगे। इसलिए अमीना का दिल कचोट रहा था।
प्रश्न 4.
हामिद अन्य बच्चों से भिन्न क्यों था?
उत्तर :
हामिद अन्य बच्चों से भिन्न इसलिए था क्योंकि अन्य बच्चों ने मेले में जाकर खिलौने, मिठाइयाँ खरीदी, झुलों पर झुले किन्तु हामिद ने अपनी दादी के लिए एक चिमटा खरीदा।
बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :
प्रश्न 1.
रमजान के कितने रोजों के बाद ईद आती है?
(क) बीस
(ख) पच्चीस
(ग) तीस
(घ) पैंतीस।
उत्तर :
(ग) तीस
प्रश्न 2.
गाँव से ईदगाह का रास्ता कितने कोस का है?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर :
(ग) तीन
प्रश्न 3.
हामिद की दादी का क्या नाम है?
(क) अनीसा
(ख) अमीना
(ग) अनारो
(घ) अहमदी।
उत्तर :
(ख) अमीना
प्रश्न 4.
हामिद कितने वर्ष का लड़का है?
(क) 4-5
(ख) 5-6
(ग) 6-7
(घ) 7-8.
उत्तर :
(क) 4-5
प्रश्न 5.
हामिद के पास कितने पैसे हैं?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर :
(ख) तीन
प्रश्न 6.
ईदगाह किन वृक्षों की घनी छाया में है?
(क) नीम
(ख) आम
(ग) इमली
(घ) जामुन।
उत्तर :
(ग) इमली
प्रश्न 7.
‘वकील’ खिलौना किसने खरीदा?
(क) हामिद ने
(ख) नूरे ने
(ग) मोहसिन ने
(घ) महमूद ने।
उत्तर :
(ख) नूरे ने
प्रश्न 8.
हामिद ने क्या खरीदा?
(क) सिपाही
(ख) चिश्ती
(ग) चिमटा
(घ) तवा।
उत्तर :
(ग) चिमटा
प्रश्न 9.
‘रूस्तमे हिंद’ कौन-सा खिलौना था?
(क) चिमटा
(ख) वकील
(ग) सिपाही
(घ) भिश्ती।
उत्तर :
(क) चिमटा
प्रश्न 10.
हामिद ने चिमटा किसकी उँगलियाँ तवे से जल जाने के कारण लिया था?
(क) अम्मा
(ख) बहन
(ग) मौसी
(घ) दादी।
उत्तर :
(घ) दादी।
ईदगाह Summary in Hindi
ईदगाह पाठ का सार
रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद का दिन आया था। सारे गाँव में हलचल मची हुई थी। सब ईदगाह जाने की तैयारी कर रहे थे। लड़के सबसे ज्यादा खुश थे। वे बार बार अपने पैसे गिन रहे थे। हामिद उन सबसे ज्यादा प्रसन्न था। उसके पास तीन पैसे थे। हामिद की दादी उसे अकेले मेले में भेजना नहीं चाहती थी। हामिद के ज़िद्द करने पर वह मान जाती है। गाँव से मेले के लिए टोली चली तो हामिद भी चल पड़ा। शहर को जाने वाला रास्ता शुरू हो गया था। ईदगाह जाने वालों की टोलियाँ नज़र आने लगी थीं। ग्रामीणों का यह दल अपनी ग़रीबी से बेखबर धीरे-धीरे चल रहा था।
बच्चों को नगर की सभी चीजें बड़ी अनोखी लग रही थीं। इमली के घने वृक्षों की छाया में बनी हुई ईदगाह नज़र आने लगी थी। हज़ारों की संख्या में लोग एक के पीछे एक पंक्ति बना कर खड़े थे। ग्रामीणों का यह दल भी पिछली पंक्ति में जाकर खड़ा हो गया। नमाज़ शुरू हुई। सभी सिर एक साथ सिजदे के लिए झुकते और फिर सबके सब एक साथ खड़े हो जाते। ऐसा कई बार हुआ। नमाज़ खत्म होने पर सभी लोग एक-दूसरे के गले मिले।
फिर सभी मिठाई और खिलौनों की दुकानों पर टूट पड़े। बहुत-से लोग हिंडौला झूल रहे थे। हामिद के साथी महमूद, मोहसिन, नूरे और सम्मी घोड़ों और ऊंटों पर बैठते हैं। हामिद उन्हें दूर खड़ा देखता है। वह अपने तीन पैसे फिजूल में खर्च करना नहीं चाहता।।
फिर महमूद, मोहसिन और नूर अपनी-अपनी पसन्द के खिलौने खरीदते हैं। यह सब दो-दो पैसे के खिलौने थे। हामिद यह नहीं चाहता कि अपने पैसे खिलौने पर खर्च करे। सब अपने-अपने खिलौनों की तारीफ करते हैं। हामिद खिलौनों की निन्दा करते हुए कहता है कि मिट्टी ही के तो हैं, नीचे गिरेंगे तो चकनाचूर हो जाएंगे। खिलौने खरीदने के पश्चात् सब मिठाइयाँ खाते हैं। वे हामिद से भी मिठाई लेने के लिए कहते हैं।
हामिद उन्हें मिठाई की बुराइयाँ बताता है। हामिद को ख्याल आया कि उसकी दादी के पास चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारती है तो हाथ जल जाता है। अगर वह चिमटा खरीद ले तो उसकी उंगलियां कभी न जलेंगी। यह सोचकर हामिद तीन पैसे में चिमटा खरीद लेता है। वह उसे कन्धे पर रखकर अपने साथियों के पास पहुँचता है।
सभी चिमटे को देखकर हँसते हैं। मोहसिन हामिद से कहता है-यह चिमटा क्यों लाया पगले ! इसे क्या करेगा? हामिद अपना चिमटा नीचे गिरा कर कहता है, जरा तू भी अपना भिश्ती (खिलौना) ज़मीन पर गिरा कर देख। अभी चूर-चूर हो जाएगा। महमूद कहता है कि यह चिमटा कोई खिलौना है। हामिद कहता है कि खिलौना क्यों नहीं? अभी कन्धे पर रखा तो बन्दूक हो गया। हाथ में लिया तो फकीर का चिमटा बन गया।
एक चिमटा जमा दूं तो तुम लोगों के सारे खिलौने टूट-फूट जाएंगे। अब चिमटे से सभी मोहित हो जाते हैं। वे अपने-अपने खिलौने हामिद को पेश करके उसे चिमटा दिखाने के लिए कहते हैं। हामिद सबसे बारी-बारी खिलौने लेकर चिमटा देखने के लिए देता है।
थोड़ी ही देर में सभी मेले वाले गाँव पहुँच गए। अमीना ने दौड़कर हामिद को गोद में उठा लिया है। फिर उसके हाथ में चिमटा देखकर छाती पीटने लगी। वह गुस्से से बोली दोपहर से तूने कुछ खाया-पीया नहीं। लाया क्या चिमटा ! सारे मेले में तुझे लोहे का चिमटा ही मिला था। हामिद ने डरते-डरते कहा-तुम्हारी उंगलियाँ तवे से जल जाती हैं, इसलिए मैं इसे ले आया। यह सुनकर बुढ़िया का क्रोध प्यार में बदल गया। उसने उसे छाती से लगा लिया है।
ईदगाह शब्दार्थ :
- रमज़ान = रोज़ा रखने का महीना।
- रोज़ा = मुसलमानों के व्रत का दिन।
- ईदगाह = नमाज़ पढ़ने का खुला स्थान।
- कचोटना = चुभना।
- बिसात = दौलत, समर्थ।
- दामन = किनारा, छोर।
- विपन्नता = ग़रीबी।
- धैर्य = साहस।
- जाज़िम = गलीचा, फर्श पर बिछाने की छपी हुई चादर।
- निगाह = नज़र।
- संचालन = प्रबन्ध करना।
- व्यवस्था = इन्तजाम।
- सिजदे = झुक कर नमस्कार करना।
- धावा = हमला।
- कवायद = नियमावली।
- मशक = चमड़े का थैला जिसमें पानी भरा जाता है।
- विद्वता = बुद्धिमत्ता।
- अचकन = लम्बा कोट
- कोष = खज़ाना।
- जिरह = बहस।
- निन्दा = बुराई।
- सन्देह = शक।
- क्रूर विनोद = कठोर मजाक।
- संगी = साथी।
- शास्त्रार्थ = शास्त्रों पर बहस।
- वज़ = नमाज़ पढ़ने से पहले हाथ-मुँह धोने का काम।
- लाजवाब = उत्तर न दे सकना।
- आपत्ति = एतराज़।
- स्वाभाविक = कुदरती।
- मूक स्नेह = मौन प्यार।
- विवेक = ज्ञान।
- जब्त = अपने मन को वश में रखना।
- रहस्य = भेद।
ईदगाह सप्रसंग व्याख्या
1. रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद आई है। गाँव में कितनी हलचल है। ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। लड़के सबसे ज्यादा प्रसन्न हैं। किसी ने एक रोज़ा रखा है, वह भी दोपहर तक, किसी ने वह भी नहीं, लेकिन ईदगाह जाने की खुशी उनके हिस्से की चीज़ है। रोज़े बड़े-बूढ़ों के लिए होंगे। इनके लिए तो ईद है। रोज ईद का नाम रटते थे। आज वह आ गई। वे बार-बार अपनी जेबों से अपना खज़ाना निकाल कर गिनते हैं और खुश होकर फिर रख लेते हैं।
प्रसंग-यह गद्यांश मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित ‘ईदगाह’ कहानी से लिया गया है। इसमें लेखक ने ईद के पावन त्योहार का वर्णन किया है।
व्याख्या-लेखक कहता है कि ईद रमजान के पूरे तीस रोज़ों के पश्चात् आई है। ईद के कारण गाँव में चारों तरफ हलचल मची है। चारों तरफ ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। लड़के सबसे अधिक प्रसन्न हैं। किसी ने एक रोज़ा दोपहर तक रखा है। किसी ने एक भी नहीं रखा लेकिन ईदगाह जाने की खुशी उनके हिस्से की चीज़ थी। ईदगाह जाने के लिए सभी लोग बहुत खुश थे। रोजे तो बड़े बुजुर्गों के लिए होंगे इन बच्चों के लिए तो ईद है। ये प्रतिदिन ईद का नाम रटते रहते थे। आज वह ईद आ ही गई। ये बच्चे बार-बार अपनी जेबों से अपना खज़ाना निकालकर गिनते हैं तथा खुश होकर फिर जेब में रख लेते हैं।
भावार्थ-ईद के पवित्र त्योहार पर छाई खुशियों के बारे में बताया है।
2. नमाज़ खत्म हो गई है। लोग आपस में गले मिल रहे हैं। तब मिठाई और खिलौने की दुकानों पर धावा होता है। ग्रामीणों का यह दल इस विषय में बालकों से कम उत्साही नहीं है। यह देखो, हिंडोला है। एक पैसा देकर चढ़ जाओ। कभी आसमान पर जाते हुए मालूम होंगे, कभी ज़मीन पर गिरते हुए।
प्रसंग-यह पंक्तियाँ ‘ईदगाह’ नामक कहानी से ली गई हैं। यह मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित है। ईद के शुभ दिन नमाज़ के बाद लोगों के परस्पर मिलने का वर्णन किया है।
व्याख्या-लेखक कहता है कि नमाज़ खत्म के बाद लोग आपस में मिल रहे हैं। इसके बाद लोग मिठाई तथा खिलौने की दुकानों पर चले जाते हैं और मिठाइयाँ तथा खिलौने खरीदते हैं। गाँव वालों का यह समूह बालकों के समान ही बहुत उत्साहित होता है। हिंडोला ! एक पैसा देकर लोग झूलते हैं। वे हिंडोले पर बैठकर कभी आसमान पर जाते हुए प्रतीत होंगे तो कभी ज़मीन पर गिरते हुए।
भावार्थ-ईद के दिन लोगों को परस्पर मेल-जोल के बारे में बताया है।
3. मिठाइयों के बाद कुछ दुकानें लोहे की चीज़ों की, कुछ गिलट और कुछ नकली गहनों की। लड़कों के लिए यहाँ कोई आकर्षण न था। वे सबके सब आगे बढ़ जाते हैं। हामिद लोहे की दुकान पर रुक जाता है। कई चिमटे रखे हुए थे। उसे ख्याल आया, दादी के पास चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारती है, तो हाथ जल जाता है, अगर वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे, तो वह कितनी प्रसन्न होगी। फिर उसकी उंगलियाँ कभी न जलेंगी। घर में एक काम की चीज़ हो जाएगी। अम्मा चिमटा देखते ही दौड़कर मेरे हाथ से ले लेगी और कहेगी-‘मेरा बच्चा, अम्मा के लिए चिमटा लाया है।’ हज़ारों दुआयें देगी। फिर पड़ोस की औरतों को दिखायेगी। सारे गाँव में चर्चा होने लगेगी, हामिद चिमटा लाया है। कितना अच्छा लड़का है। इन लोगों के खिलौने देखने पर कौन इन्हें दुआयें देगा। बड़ों की दुआयें सीधे अल्लाह के दरबार में पहुंचती हैं और तुरन्त सुनी जाती हैं।
प्रसंग-यह पंक्तियाँ प्रेमचन्द द्वारा लिखित ‘ईदगाह’ शीर्षक कहानी से ली गई हैं। इसमें लेखक ने हामिद की सोच एवं समझदारी के बारे में बताया है।
व्याख्या-लेखक कहता है कि इसमें मिठाइयों के साथ कुछ लोहे की चीज़ों की दुकानें थीं तो कुछ गिलट तथा नकली गहनों की किन्तु लड़कों के लिए यहाँ कोई आकर्षण नहीं था। वे सबके सब आगे बढ़े जा रहे थे। चलते-चलते हामिद लोहे की दुकान पर रुक गया। उस दुकान पर कई चिमटे रखे हुए थे। तुरन्त उसे ध्यान आया कि दादी के पास चिमटा नहीं है वह तवे से रोटियाँ उतारती है तो उसका हाथ जल जाता है।
यदि वह इस चिमटे को ले जाकर दादी को दे दे तो वह बहुत प्रसन्न हो जाएगी। इसके बाद उसकी उंगलियाँ कभी नहीं जलेगी। घर में एक काम की वस्तु बन जाएगी। अम्मा चिमटा देखते ही दौड़कर मेरे हाथ से लेकर कहेगी कि मेरा बच्चा अम्मा के लिए चिमटा लाया है। वे मुझे हज़ारों दुआएँ देगी। वे इसके बाद पड़ोस की औरतों को दिखाएगी। तब सारे गाँव से इस बात की चर्चा हो जाएगी कि हामिद चिमटा लाया है। यह बहुत अच्छा लडका है। इन लोगों के खिलौने देखने पर इन बच्चों को कौन दुआएँ देगा। बड़ों की दुआएँ सीधे अल्लाह के दरबार में पहुँचती हैं और तुरन्त सुनी जाती हैं।
भावार्थ-हामिद की समझदारी तथा दादी माँ के लिए चिमटा खरीदने का चित्रण है।
4. हामिद ने मैदान मार लिया। उसका चिमटा रुस्तमे हिन्द है। अब इसमें मोहसिन, महमूद, नूरे और शम्मी किसी को भी आपत्ति नहीं हो सकती। विजेता को हारने वालों से जो सत्कार मिलना स्वाभाविक है, वह हामिद को भी मिला। औरों ने तीन-तीन, चार-चार आने पैसे खर्च किये, पर कोई काम की चीज़ न ले सके। हामिद ने तीन पैसे में रंग जमा लिया। हामिद ने तुरन्त जवाब दिया – आग में बहादुर ही कूदते हैं जनाब, तुम्हारे यह वकील, सिपाही और भिश्ती घर में घुस जायेंगे।आग में कूदना वह काम है, जो यह रुस्तमे-हिन्द ही कर सकता है।
प्रसंग-यह पंक्तियाँ लेखक मुंशी प्रेमचन्द द्वारा रचित ‘ईदगाह’ शीर्षक कहानी से ली गई हैं। हामिद ने अन्य बच्चों की अपेक्षा चिमटा खरीदा उसी से उसे सम्मान एवं खुशी मिली, इसका वर्णन हुआ है।।
व्याख्या-हामिद ने मोहसिन की चुटकी का जवाब देते हुए हामिद ने तुरन्त उत्तर दिया कि आग में केवल बहादर ही कद सकते हैं। साहसपूर्वक कार्य केवल साहसी लोग ही कर सकते हैं। जनाब तुम्हारे यह वकील, सिपाही और भिश्ती घर में घुस जाएंगे। आग में कूदना ऐसा कार्य है जिसे यह रुस्तमे हिन्द ही पूर्ण कर सकता है। इस प्रकार हामिद ने विजय प्राप्त कर ली थी। उसका चिमटा रुस्तमे हिंद था।
अब इसमें मोहसिन, महमूद, नूरे और शम्मी किसी को भी कोई आपत्ति नहीं हो सकती। एक विजेता को हारने वालों से जो आदर मिलना स्वाभाविक था वह हामिद को भी मिला। दूसरों ने तीन-तीन, चार-चार आने पैसे खर्च किए परन्तु कोई भी काम आने वाली वस्तु नहीं खरीद सके। उन बच्चों में केवल हामिद ही ऐसा बच्चा था जिसने केवल तीन पैसे में ही सबका दिल जीत लिया। वह पूरी तरह छा गया।
भावार्थ-हामिद द्वारा चिमटा खरीदने से उसके स्वभाव तथा समर्पण के बारे में बताया है।