Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 3 पृथ्वी की गतियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 3 पृथ्वी की गतियाँ
SST Guide for Class 6 PSEB पृथ्वी की गतियाँ Textbook Questions and Answers
I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
प्रश्न (क)
पृथ्वी की दैनिक गति किसे कहते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी सूर्य के सामने अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती रहती है। यह 24 घण्टे में एक चक्र पूरा करती है। इसे पृथ्वी की दैनिक गति कहते हैं। दैनिक गति के कारण पृथ्वी पर दिन और रात बनते हैं।
प्रश्न (ख)
पृथ्वी के अक्ष के झुकाव का क्या अर्थ है?
उत्तर-
पृथ्वी का अक्ष एक कल्पित रेखा है जो पृथ्वी के बीच में से गुज़रती है। यह सीधा नहीं है। यह अपनी पथ-रेखा (कक्ष-तल) के साथ 66½° का कोण बनाता है। इसे पृथ्वी के अक्ष का झुकाव कहते हैं।
प्रश्न (ग)
ऋतु परिवर्तन के क्या कारण हैं?
उत्तर-
ऋतुएं निम्नलिखित कारणों से बदलती हैं –
- पृथ्वी द्वारा अपनी धुरी पर एक ही दिशा में झुके रहना।
- पृथ्वी द्वारा 365¼ दिनों में सूर्य की एक परिक्रमा करना।
- दिन-रात का छोटा-बड़ा होना।
प्रश्न (घ)
21 जून को सूर्य की किरणें कहां पर सीधी पड़ती हैं?
उत्तर-
21 जून को सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं।
प्रश्न (ङ)
दक्षिणी गोलार्द्ध में 23 सितम्बर को कौन-सा मौसम होता है?
उत्तर-
बसन्त का मौसम।
प्रश्न (च)
शीत अयनान्त कब होती है?
उत्तर-
22 दिसम्बर को।
II. निम्नलिखित में अन्तर बताओ
(क) उष्ण अयनान्त और शीत अयनान्त
(ख) बसन्त-विसूवी और पतझड़-विसूवी
(ग) दैनिक गति और वार्षिक गति
(घ) कक्षा में ‘पृथ्वी की गतियों’ एक क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन करें।
उत्तर-
(क) उष्ण अयनान्त और शीत अयनान्त-21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर सीधा चमकता है। इसे उष्ण अयनान्त कहते हैं। इसके विपरीत शीत अयनान्त 22 दिसम्बर की अवस्था में होता है। इस अवस्था में सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी चमकती हैं।
(ख) बसन्त-विसूवी और पतझड़-विसूवी-21 मार्च को उत्तरी अर्द्धगोले में बसन्त ऋतु होती है। इसे बसन्त-विसवी कहा जाता है।
23 सितम्बर को उत्तरी अर्द्धगोले में पतझड़ की ऋतु होती है। इसे पतझड़-विसूवी कहते हैं।
(ग) दैनिक गति और वार्षिक गति
दैनिक गति
- इस गति में पृथ्वी अपने धुरे (अक्ष) पर घूमती है।
- इस गति में पृथ्वी 24 घण्टे में एक चक्र पूरा करती है।
- इस गति से दिन-रात बनते हैं।
वार्षिक गति
- इस गति में अपने धुरे पर घूमती हुई पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है।
- इस गति में पृथ्वी 365¼ दिन में एक चक्र पूरा करती है।
- इस गति से दिन-रात छोटे-बड़े होते हैं और ऋतुएं बनती हैं।
(घ) अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
III. कारण बताओ
प्रश्न (क)
सूर्य पूर्व में निकलता है और पश्चिम में छिपता है।
उत्तर-
हमारी पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है। परन्तु सूर्य अपने स्थान पर स्थिर है। जब किसी घूमती हुई या चलती हुई वस्तु से खड़ी वस्तुओं को देखें, तो वे विपरीत (उल्टी) दिशा में जाती हुई दिखाई देती हैं। यही कारण है कि सूर्य पूर्व से पश्चिम (पृथ्वी के घूमने की उल्टी दिशा) की ओर चलता दिखाई देता है। दूसरे शब्दों में, सूर्य पूर्व में निकलता है और पश्चिम में छिपता है।
प्रश्न (ख)
दिन और रात हमेशा बराबर नहीं होते।
उत्तर-
दिन और रात हमेशा बराबर नहीं होते। इसके दो मुख्य कारण हैं-
(1) पृथ्वी का अक्ष अपने कक्ष-तल पर 66%2° के कोण पर झुका रहता है।
(2) पृथ्वी सूर्य के गिर्द घूमती है जिसके कारण उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव बारी-बारी से सूर्य के सामने आते रहते हैं। परिणामस्वरूप सूर्य की किरणें एक निश्चित अवधि के बाद कर्क रेखा तथा मकर रेखा पर सीधी चमकती हैं। जब किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती (21 जून) हैं तो उत्तरी गोलार्द्ध में दिन बड़े होते हैं और रातें छोटी। दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थिति इसके विपरीत होती है। इसी प्रकार जब (22 दिसम्बर) सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ती हैं तो दक्षिणी गोलार्द्ध में दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं, जबकि उत्तरी गोलार्द्ध में दिन छोटे और रातें बड़ी होती हैं।
प्रश्न (ग)
21 जून को दक्षिणी ध्रुव पर निरंतर अन्धेरा होता है।
उत्तर-
21 जून को उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर झुका होता है, जबकि दक्षिणी ध्रुव सूर्य से परे होता है। इस लिए सूर्य की किरणें दक्षिणी ध्रुव तक नहीं पहुंच पाती और वहां निरंतर अन्धेरा (रात) रहता है।
प्रश्न (घ)
सूर्य, चन्द्रमा और तारे पृथ्वी के इर्द-गिर्द पूर्व से पश्चिम की ओर घूमते हुए क्यों दिखाई देते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी अपने धुरे पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है। पृथ्वी की इस गति के कारण हमें सूर्य, चन्द्रमा और तारे उल्टी दिशा अर्थात् पूर्व से पश्चिम दिशा में घूमते हुए दिखाई देते हैं।
प्रश्न (ङ)
लीप वर्ष का क्या अर्थ है? आम वर्ष की अपेक्षा लीप वर्ष में एक दिन अधिक क्यों होता है?
उत्तर-
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 365/4 दिन का समय लेती है। इस समय को एक वर्ष कहा जाता है। परन्तु हम आमतौर पर 365 दिन का एक वर्ष गिनते हैं। इस प्रकार हर वर्ष 14 दिन का समय शेष बच जाता है और चौथे वर्ष 1 दिन पूरा (¼×4 = 1) हो जाता है। इसलिए प्रत्येक चौथे वर्ष एक दिन बढ़ जाता है। इसी वर्ष को हम लीप वर्ष कहते हैं। इसमें अन्य वर्षों से एक दिन अधिक (366 दिन) होता है।
IV. रिक्त स्थान भरो –
(क) पृथ्वी …………… दिशा से …………… दिशा की ओर घूमती है।
(ख) …………. एक रेखा (कील) होती है जिसके इर्द-गिर्द पृथ्वी घूमती है।
(ग) पृथ्वी जिस पथ पर सूर्य के इर्द-गिर्द परिक्रमा करती है, उसे …………. कहते हैं।
(घ) ………….. क्षेत्रों में छः मास का दिन और छ: मास की रात होती है।
उत्तर-
(क) पश्चिम, पूर्व
(ख) धुरा या अक्ष
(ग) पथ-रेखा / कक्षा
(घ) ध्रुवीय।
PSEB 6th Class Social Science Guide पृथ्वी की गतियाँ Important Questions and Answers
कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
आपकी आयु 11 वर्ष है। आपने पृथ्वी के साथ-साथ सूर्य के कितने चक्कर काटे होंगे?
उत्तर-
11.
प्रश्न 2.
यदि पृथ्वी अपनी दैनिक गति न करती तो दिन रात संबंधी एक बहुत बड़ी , समस्या पैदा हो जाती। वह क्या होती?
उत्तर-
पृथ्वी पर दिन-रात न बनते।
प्रश्न 3.
2016 को लीप वर्ष था। अगला लीप वर्ष कब होगा और क्यों?
उत्तर-
अगला लीप वर्ष 2020 को होगा क्योंकि हर चौथे वर्ष लीप वर्ष होता है।
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
21 जून को सूर्य किस ध्रुव की ओर झुका होता है?
(क) आधा उत्तरी-आधा दक्षिणी
(ख) दक्षिणी
(ग) उत्तरी।
उत्तर-
(ग) उत्तरी।
प्रश्न 2.
पृथ्वी की वार्षिक गति के कई परिणाम होते हैं, निम्न में इसका कौन-सा परिणाम नहीं होता?
(क) दिन-रात बनना ।
(ख) दिन-रात की लम्बाई में अन्तर
(ग) मौसम (ऋतु) में बदलाव।
उत्तर-
(क) दिन-रात बनना ।
प्रश्न 3.
किस देश में क्रिसमस गर्मी की ऋतु में मनाई जाती है?
(क) आस्ट्रेलिया
(ख) भारत
(ग) इंग्लैंड।
उत्तर-
(क) आस्ट्रेलिया
सही (✓) या गलत (✗) कथन
- उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध में सदैव एक-दूसरे के उल्ट मौसम रहते हैं।
- विषुवी वह समय है जब सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर सीधी पड़ती हैं।
- पृथ्वी की वार्षिक गति के कारण चलती हुई हवाओं की दिशा बदल जाती है।
उत्तर-
- (✓)
- (✓)
- (✗)
सही जोड़े
- पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना – (क) दिन बड़े, रातें छोटी
- पृथ्वी का सूर्य के गिर्द-घूमना – (ख) वार्षिक गति
- दिन-रात बराबर होना – (ग) दैनिक गति
- मकर रेखा पर सूर्य की सीधी किरणें – (घ) विषुवी।
उत्तर-
- पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना – दैनिक गति,
- पृथ्वी का सूर्य के गिर्द घूमना – वार्षिक गति,
- दिन-रात बराबर होना – विषुवी,
- मकर रेखा पर सूर्य की सीधी किरणें – दिन बड़े, रातें छोटी।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पृथ्वी की दो गतियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर-
- दैनिक गति अथवा घूर्णन
- वार्षिक गति अथवा परिक्रमण।
प्रश्न 2.
पृथ्वी को एक बार घूर्णन करने में कितना समय लगता है?
उत्तर-
24 घण्टे।
प्रश्न 3.
सामान्य वर्ष कितने दिनों का होता है?
उत्तर-
365 दिन का।
प्रश्न 4.
लीप वर्ष अथवा अधिवर्ष कितने दिनों का होता है?
उत्तर-
366 दिन का।
प्रश्न 5.
ऋतु परिवर्तन का मुख्य कारण बताइए।
उत्तर-
पृथ्वी की वार्षिक गति।
प्रश्न 6.
जब दिन बड़े होते हैं तो कौन-सी ऋतु होती है?
उत्तर-
ग्रीष्म ऋतु।
प्रश्न 7.
पृथ्वी के कौन-से भाग में सारा वर्ष दिन-रात बराबर रहते हैं?
उत्तर-
भूमध्य रेखा पर।
प्रश्न 8.
सूर्य की किरणें दिन में कब लम्बवत् पड़ती हैं?
उत्तर-
दोपहर के समय।
प्रश्न 9.
पृथ्वी की कक्षा का आकार कैसा है?
उत्तर-अंडाकार।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पृथ्वी की वार्षिक गति से क्या भाव है? इसको वार्षिक गति क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
पृथ्वी सूर्य के गिर्द अंडाकार मार्ग पर चक्कर लगाती है और एक वर्ष में एक चक्कर पूरा करती है। इसे पृथ्वी की वार्षिक गति कहते हैं। पृथ्वी द्वारा सूर्य के गिर्द एक चक्र में लगने वाले समय को एक वर्ष माना जाता है। इसी कारण पृथ्वी की इस गति को वार्षिक गति कहा जाता है।
प्रश्न 2.
ऋतु परिवर्तन से क्या भाव है?
उत्तर-
वार्षिक गति में पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुकाव की स्थिति बदलती रहती है। इसके कारण पृथ्वी पर दिन-रात छोटे-बड़े होते रहते हैं। छोटे-बड़े दिन पृथ्वी पर ऋतुओं में बदलाव लाते रहते हैं। इसे ऋतु परिवर्तन कहते हैं। पृथ्वी पर मुख्य रूप से चार ऋतुएं पाई जाती हैं।
कारण बताओ :
प्रश्न 3.
हमें पृथ्वी घूमती हुई प्रतीत नहीं होती।
उत्तर-
जिस प्रकार तेज़ बस या गाड़ी में बैठे हुए व्यक्ति को बाहर की खड़ी वस्तुएं चलती हुई दिखाई देती हैं और उसे ऐसा नहीं लगता कि बस या गाड़ी चल रही है, ठीक इसी प्रकार तेज़ी से घूमती हुई पृथ्वी से हमें सूर्य तथा चन्द्रमा तो चलते दिखाई देते हैं, परन्तु पृथ्वी घूमती हुई प्रतीत नहीं होती।
प्रश्न 4.
21 मार्च और 23 सितम्बर को दिन-रात बराबर क्यों होते हैं?
उत्तर-
21 मार्च और 23 सितम्बर को पृथ्वी के दोनों ध्रुव सूर्य की ओर एक समान झुके होते हैं और सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर सीधी पड़ती हैं। फलस्वरूप उत्तरी और दक्षिणी गोलार्डों का ठीक आधा भाग अन्धकार में रहता है और आधा भाग प्रकाश में। अतः दोनों गोलार्डों में दिन और रात समान होते हैं।
प्रश्न 5.
उत्तरी अर्द्धगोले में ऋतुएं दक्षिणी अर्द्धगोले से उल्ट जाती हैं।
उत्तर-
पृथ्वी पर ऋतुओं का परिवर्तन वार्षिक गति के कारण होता है। जब उत्तरी ध्रुव का झुकाव सूर्य की ओर होता है, तो उत्तरी अर्द्धगोले में गर्मी की ऋतु और दक्षिणी अर्द्धगोले में सर्दी की ऋतु होती है। इसी तरह जब दक्षिणी ध्रुव सूर्य के सामने होता है तो दक्षिणी अर्द्धगोले में ग्रीष्म ऋतु और उत्तरी अर्द्धगोले में शीत ऋतु होती है। ऐसा दोनों अर्द्धगोलों में दिन-रात छोटे-बड़े होने के कारण होता है।
प्रश्न 6.
पृथ्वी की वार्षिक गति के कोई तीन प्रभाव बताओ।
उत्तर-
- वार्षिक गति के आधार पर हम अपने कैलेंडर (समय सारणी) बनाते हैं।
- पृथ्वी पर ऋतुओं का परिवर्तन भी वार्षिक गति के कारण ही होता है।
- दिन और रात का घटना-बढ़ना भी वार्षिक गति के कारण ही होता है।
प्रश्न 7.
ध्रुवों पर छः मास का दिन और छः मास की रात क्यों होती है?
उत्तर-
पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण 22 मार्च से 23 सितम्बर तक के छ: मास उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर झुका रहता है। अतः पूरे छः मास तक सूर्य की किरणें पड़ती हैं और यहां छः महीने का दिन होता है। इसके विपरीत इन छ: महीनों में दक्षिणी ध्रुव सूर्य । से परे रहता है और इस पर सूर्य की किरणें बिल्कुल नहीं पड़ती। इसलिए इन छ: महीनों में दक्षिणी ध्रुव पर रात रहती है। अगले छ: महीनों अर्थात् 23 सितम्बर से 22 मार्च तक दक्षिणी ध्रुव सूर्य के सामने झुका होता है, जबकि उत्तरी ध्रुव सूर्य से परे रहता है.और उत्तरी । ध्रुव इन महीनों में पूरी तरह अंधकार में रहता है। परिणामस्वरूप इन छ: मासों में दक्षिणी . ध्रुव पर दिन रहता है और उत्तरी ध्रुव पर रात।
प्रश्न 8.
यदि पृथ्वी का अक्ष-तल पर 66½° का कोण बनाने के स्थान पर लम्बवत् होता तो दिन और रात की लम्बाई तथा ऋतु परिवर्तन पर क्या प्रभाव पड़ता?
उत्तर-
यदि पृथ्वी का अक्ष कक्ष-तल पर 66½° का कोण बनाने के स्थान पर लम्बवत् होता तो प्रकाश वृत्त पृथ्वी को दो समान भागों में बांटता और सूर्य किसी विशेष स्थान पर सदा एक ही ऊंचाई पर रहता। इसके परिणामस्वरूप दिन-रात की लम्बाई तथा ऋतु परिवर्तन पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते –
- पृथ्वी का प्रत्येक स्थान आधा समय प्रकाश में और आधा समय अन्धेरे में रहता है। अतः प्रत्येक स्थान पर दिन-रात बराबर होते हैं। दूसरे शब्दों में, प्रत्येक स्थान पर 12 घण्टे का दिन तथा 12 घण्टे की रात होती है।
- सूर्य की समान ऊंचाई के कारण ऋतु परिवर्तन न होता अर्थात् जिस स्थान पर जो ऋतु होती, वहां वही ऋतु रहती।
प्रश्न 9.
यदि पृथ्वी अपनी धुरी पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूमती होती तो क्या होता?
उत्तर-
पृथ्वी का पूर्व से पश्चिम की ओर घूमना-यदि पृथ्वी पूर्व से पश्चिम की ओर घूमती होती तो सूर्य पश्चिम दिशा से निकलता हुआ और पूर्व दिशा में छिपता हुआ दिखाई देता।
पृथ्वी के धुरी पर न घूमने का परिणाम-यदि पृथ्ह्यवी धुरी पर न घूमती होती तो दिन-रात न बनते। इसके साथ ही सूर्य निकलने तथा छिपने के समय निश्चित न किए जा सकते।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पृथ्वी की दैनिक गति से क्या अभिप्राय है? इस गति के कारण क्या परिणाम (प्रभाव) होते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी अपनी धुरी पर सृदा पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है और लगभग 24 घण्टे में एक चक्र पूरा करती है। पृथ्वी की इस गति को दैनिक गति कहते हैं।
परिणाम- इस गति के निम्नलिखित परिणाम होते हैं –
1. इस गति के कारण दिन और रात बनते हैं। पृथ्वी अपनी धुरी पर सूर्य के सामने घूमती है। घूमते हुए इसका एक भाग सूर्य के सामने रहता है और दूसरा भाग सूर्य से दूर रहता है। इसके सूर्य के सामने वाले भाग में प्रकाश होगा और वहां दिन होगा, परन्तु इसका जो भाग सूर्य से दूर होगा वहां अन्धेरा होगा और वहां रात होगी।
2. इस गति के कारण सूर्य, ग्रह, उपग्रह आदि पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हुए दिखाई देते हैं। इससे यह्यह पता चलता है कि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूम रही हैं।
3. पृथ्वी की दैनिक गति के कारण ही भिन्न-भिन्न स्थानों का समय भिन्न-भिन्न होता है।
4. पृथ्वी की दैनिक गति के कारण पृथ्वी पर चलने वाली स्थायी पवनों तथा सागरीय धाराओं की दिशा बदलती है। अर्थात् वे अपने बाईं या दाईं ओर मुड़ जाती हैं।
प्रश्न 2.
पृथ्वी की वार्षिक गति से क्या अभिप्राय है? इस गति के कारण क्या परिणाम निकलते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। यह सूर्य के गिर्द एक निश्चित अण्डाकार रास्ते पर घूमती है और 365¼ दिन में एक चक्र पूरा करती है। पृथ्वी की इस गति को वार्षिक गति कहते हैं।
परिणाम-पृथ्वी की वार्षिक गति के परिणाम इस प्रकार हैं –
- इस गति के कारण ऋतुएं बदलती हैं।
- वार्षिक गति से पूरे वर्ष का कैलण्डर बनता है। इस परिक्रमा को हम एक वर्ष का मान कर 12 महीनों में बांट लेते हैं। महीनों को दिनों में बांट लिया जाता है।
- पृथ्वी पर दिन-रात का समय एक समान नहीं रहता। सर्दियों में रातें बड़ी और दिन छोटे होते हैं, परन्तु गर्मियों में रातें छोटी और दिन बड़े होते हैं। यह भिन्नता भी वार्षिक गति के कारण ही होती है।
प्रश्न 3.
ऋतुओं के बदलने की क्रिया का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर-
ऋतुएं निम्नलिखित कारणों से बदलती हैं –
- पृथ्वी का अपनी धुरी पर एक ही दिशा में झुके रहना।
- पृथ्वी का 365¼ दिनों में सूर्य की परिक्रमा करना।
- दिन-रात का छोटा-बड़ा होना।
ऋतु परिवर्तन की अवस्थाएं-पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुए 3-3 महीने के पश्चात् अपनी अवस्था बदलती रहती है, जिससे ऋतुओं में परिवर्तन आता है। इन अवस्थाओं का वर्णन इस प्रकार है –
21 जून की अवस्था-21 जून को उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर झुका होता है और दक्षिणी ध्रुव सूर्य से दूर होता है। इसलिए उत्तरी अर्द्ध गोले में गर्मी की ऋतु और दक्षिणी अर्द्ध गोले में सर्दी की ऋतु होगी। उत्तरी अर्द्ध गोले का अधिक भाग प्रकाश में और कम भाग अन्धेरे में होता है। इसलिए वहां दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं। इसके विपरीत दक्षिणी अर्द्ध गोले में दिन छोटे और रातें बड़ी होती हैं।
23 सितम्बर की अवस्था-23 सितम्बर को उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव दोनों ही एक समान सूर्य की ओर झुके होते हैं। इस समय सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर पड़ती हैं। उत्तरी अर्द्ध गोले में पतझड़ और दक्षिणी अर्द्ध गोले में बसन्त ऋतु होती है।
22 दिसम्बर की अवस्था-22 दिसम्बर को उत्तरी ध्रुव सूर्य से दूर होता है और दक्षिणी ध्रुव सूर्य की ओर झुका हुआ होता है। सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ रही होती हैं। इस दशा में दक्षिणी अर्द्ध गोले में दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं। अतः दक्षिणी अर्द्ध गोले में गर्मी की ऋतु और उत्तरी अर्द्ध गोले में सर्दी की ऋतु होती है।
21 मार्च की अवस्था-इस दिन सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर सीधी पड़ती हैं। दोनों ध्रुव एक समान सूर्य की ओर झुके होते हैं। उत्तरी अर्द्ध गोले में बसन्त ऋतु और दक्षिणी अर्द्ध गोले में पतझड़ की ऋतु होती है।
पृथ्वी की गतियाँ PSEB 6th Class Social Science Notes
- घूर्णन – पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना, घूर्णन कहलाता है।
- परिक्रमण/वार्षिक गति – पृथ्वी का सूर्य के गिर्द घूमना, वार्षिक गति कहलाता है।
- दिन-रात का बनना – दिन-रात पृथ्वी की दैनिक गति के परिणामस्वरूप बनते हैं।
- ऋतु-परिवर्तन – ऋतुओं में परिवर्तन पृथ्वी की वार्षिक गति का परिणाम है।
- समान दिन-रात – 21 मार्च तथा 23 सितंबर को सारे संसार में दिन और रात समान होते हैं।
- विसूवी – वह समय जब सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर. सीधी पड़ती हैं तथा दिन-रात बराबर होते हैं।