PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 6 वन्य खेती

Punjab State Board PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions Chapter 6 वन्य खेती Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Agriculture Chapter 6 वन्य खेती

PSEB 10th Class Agriculture Guide वन्य खेती Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के एक-दो शब्दों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
पंजाब में राष्ट्रीय वन्य नीति 1988 के अनुसार कितने प्रतिशत क्षेत्रफल वनों के अन्तर्गत होना चाहिए ?
उत्तर-
20%.

प्रश्न 2.
पंजाब में वन और वृक्षों के अन्तर्गत कितने प्रतिशत क्षेत्रफल है ?
उत्तर-
6.49%.

प्रश्न 3.
पंजाब को जलवायु के आधार पर कितने क्षेत्रों में बांटा गया है ?
उत्तर-
तीन।

प्रश्न 4.
तटीय क्षेत्र में कौन से मौसम में चारे की कमी पाई जाती है ?
उत्तर-
सर्दी में।

प्रश्न 5.
पॉप्लर के वृक्ष खेत की सीमा पर कितने अन्तर पर लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
3 मीटर।

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प्रश्न 6.
तटीय क्षेत्र में ज़मीनें कैसी होनी चाहिए?
उत्तर-
भूमि ऊँची-नीची।

प्रश्न 7.
तटीय क्षेत्र में चारे के लिए प्रयुक्त होने वाले दो वृक्षों के नाम लिखिए।
उत्तर-
ढाक, बेरी, सुबाबुल, कचनार आदि।

प्रश्न 8.
पॉप्लर की खेती के लिए जमीन की पी० एच० कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर-
6.5 से 8.0 तक।

प्रश्न 9.
पंजाब के दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्र में धरती के नीचे का पानी कैसा है ?
उत्तर-
खारा पानी।

प्रश्न 10.
सारे खेत में पॉप्लर के कितने वृक्ष प्रति एकड़ लगते हैं ?
उत्तर-
200 वृक्ष प्रति एकड़।

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(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के एक -दो वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
पंजाब में पॉप्लर खेतों में कौन-से महीनों में लगाया जाता है ?
उत्तर-
पंजाब में पॉप्लर लगने का उचित समय जनवरी/फरवरी का महीना है।

प्रश्न 2.
वन्य खेती की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
वन्य खेती में एक ही खेत में वृक्ष तथा फसलों को एक साथ उगाया जाता है।

प्रश्न 3.
केन्द्रीय मैदानी क्षेत्रों में भूमि तथा सिंचाई सुविधाएं कैसी होनी चाहिए तथा किसानों द्वारा कौन-सा फसली चक्र अपनाया जाता है ?
उत्तर-
यहां की भूमि रेतीली भल्ल से चिकनी है। सिंचाई सुविधाएं ठीक हैं तथा फसली चक्र धान-गेहूँ है।

प्रश्न 4.
दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्र में कौन-कौन से वृक्ष पाए जाते हैं ?
उत्तर-
कीकर, शीशम (टाहली), आम, डेक, नीम, जामुन, शहतूत आदि।

प्रश्न 5.
सफेदे के पौधे लगाने की विधि तथा पौधे से पौधे के बीच का अन्तर लिखें।
उत्तर-
कलमों से तैयार किए पौधे लगाने चाहिए। सफेदा खेत के किनारों पर या सारे खेत में लगाया जा सकता है। किनारे पर वृक्षों का आपसी फासला 2 मीटर तथा सारे खेत में 4 × 2 मीटर के फासले पर वृक्ष लगाने चाहिए।

प्रश्न 6.
पॉप्लर की उन्नत किस्मों के नाम लिखिए।
उत्तर-
PL-1, PL-2, PL-3, PL-4, PL-5, L-47/88, L-48/89 पॉप्लर की कुछ उन्नत किस्में हैं।

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प्रश्न 7.
सफेदे के पौधे खेतों में कौन-कौन से महीनों में लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
सफेदे के पौधे मार्च-अप्रैल या जुलाई-अगस्त में लगाए जाते हैं।

प्रश्न 8.
पॉप्लर की लकड़ी का प्रयोग कौन-कौन से उद्योगों में होता है ?
उत्तर-
पॉप्लर की लकड़ी का प्रयोग दियासिलाई उद्योग, प्लाई, पैकिंग वाले डिब्बे बनाने में होता है।

प्रश्न 9.
सफेदे के पौधे लगाने के लिए अन्तर लिखिए।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के पांच – छः वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
वन्य खेती की व्याख्या करें।
उत्तर-
राष्ट्रीय वन नीति 1988 के अनुसार लकड़ी की आवश्यकता की पूर्ति तथा वातावरण को अनुकूल रखने के लिए लगभग 20% क्षेत्र जंगलों के अधीन आना चाहिए। परन्तु जंगलों के अधीन और क्षेत्रफल लाने की संभावना कम होने के कारण वन्य कृषि द्वारा यह कार्य किया जा सकता है।

वन्य कृषि से भाव है कि एक ही खेत में वृक्ष तथा फ़सलें एक साथ उगाए जाते हैं। इस खेती का उद्देश्य यह है कि किसान अपनी आवश्यकताएं भी पूरी कर लें, जैसे अनाज, लकड़, ईंधन, चारा तथा प्राकृतिक स्रोतों की भी संभाल हो जाए, जैसे- भूमि पानी तथा हवा आदि। इस ढंग से किसान की आय में भी वृद्धि होती है।

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प्रश्न 2.
पॉप्लर की खेती के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कौन-कौन सी किस्मों की सिफ़ारिश की जाती है तथा कितने-कितने अन्तर पर वृक्ष लगाने चाहिए ?
उत्तर-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पॉप्लर की PL-1, PL-2, PL-3, PL-4, PL-5, PL-6, PL-7, L-47/88 तथा L-48/89 किस्मों की सिफ़ारिश भी की जाती है। पॉप्लर को यदि किनारों पर बोना हो तो फासला वृक्ष से वृक्ष 3 मीटर तथा यदि सारे खेत में बोना हो तो 8 x 2.5 मी० या 5 x 4 मी० भी रखना चाहिए।
सारे खेत में 200 के लगभग वृक्ष प्रति एकड़ लगाए जा सकते हैं।

प्रश्न 3.
कलमों से तैयार किए सफेदे के पौधे कहां से मिल सकते हैं ?
उत्तर-
वन्य कृषि में सफेदे की कलमों से तैयार किए पौधे लगाने चाहिए, यह सभी एक जैसे बढ़ते हैं। सफेदे के पौधे किसी भी जंगलात विभाग की नर्सरी या प्राइवेट रजिस्टर्ड नर्सरी से प्राप्त किए जा सकते हैं।

प्रश्न 4.
पॉप्लर के पौधे लगाने के लिए विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पॉप्लर के पौधे लगाने के लिए 3 फुट गहरा तथा 15-20 सैं० मी० व्यास वाला गड्ढा खोदना चाहिए। पौधों को दीमक तथा रोगों से बचाने के लिए क्लोरोपाईरीफास तथा एमीसान-6 का प्रयोग किया जाता है। पॉप्लर के पौधों को जनवरी-फरवरी के माह में लगाना ठीक. रहता है। गड्ढे में पौधे लगाने के तुरन्त बाद पानी लगा देना चाहिए। यदि पॉप्लर को खेत के किनारे पर लगाना हो तो पौधों में आपसी फासला 3 मी० होना चाहिए तथा यदि सारे खेत में लगाना हो तो 8 x 2.5 मी० या 5 x 4 मी० फासला रखना चाहिए। इस प्रकार खेत में लगभग 200 पौधे प्रति एकड़ अधिक लगाए जाते हैं।

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प्रश्न 5.
पॉप्लर की लकड़ी का प्रयोग कहां-कहां किया जाता है ?
उत्तर-
पॉप्लर की कृषि छोटे स्तर पर लकड़ी उद्योग तथा रोजगार पैदा करने के समर्थ है। पॉप्लर की लकड़ी कई उद्योगों में प्रयोग होती है। जैसे इससे दियासिलाइयां बनती हैं, प्लाई बनती है तथा पैकिंग के लिए डिब्बे बनते हैं। इस तरह पॉप्लर की कृषि करके लाभ लिया जा सकता है। सर्दियों में इसके पत्ते झड़ जाते हैं। इसलिए आषाढ़ी की फसलों को भी हानि नहीं होती।

Agriculture Guide for Class 10 PSEB वन्य खेती Important Questions and Answers

वस्तनिष्ठ प्रश्न

I. बहु-विकल्पीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय वन्य नीति 1988 के अनुसार लगभग कितना क्षेत्रफल वनों के अंतर्गत होना चाहिए ?
(क) 5%
(ख) 20%
(ग) 50%
(घ) 29%
उत्तर-
(ख) 20%

प्रश्न 2.
केन्द्रीय मैदानी क्षेत्रों में ………….. वृक्ष लगाए जाते हैं।
(क) पॉप्लर
(ख) सफेदा
(ग) डेक
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।

प्रश्न 3.
पॉप्लर की किस्म नहीं है-
(क) PL-5
(ख) PL-47/88
(ग) PL-858
(घ) PL-48/89.
उत्तर-
(ग) PL-858

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प्रश्न 4.
पॉप्लर के वृक्ष ………. वर्षों में तैयार हो जाते हैं.
(क) 5 से 7
(ख) 1 से 2
(ग) 10 से 12
(घ) 15 से 25.
उत्तर-
(क) 5 से 7

प्रश्न 5.
पॉप्लर की कृषि के लिए भूमि की पी० एच० कितनी होनी चाहिए?
(क) 10
(ख) 6.5 से 8.0
(ग) 3 से 4
(घ) 4 से 5.5
उत्तर-
(ख) 6.5 से 8.0

प्रश्न 6.
वन कृषि में खेत की मेढ़ों पर वृक्षों को किस दिशा में लगाना चाहिए?
(क) उत्तर-दक्षिण
(ख) पूर्व-पश्चिम
(ग) दक्षिण-पूर्व
(घ) उत्तर-पूर्व।
उत्तर-
(क) उत्तर-दक्षिण

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प्रश्न 7.
कागज़ की लुगदी (पेपर पल्प) तैयार करने के लिए सफेदे को कितने वर्षों के बाद काटा जाता है ?
(क) 13 से 15 साल
(ख) 6 से 8 साल
(ग) 4 से 6 साल
(घ) 2 से 4 साल।
उत्तर-
(ख) 6 से 8 साल

प्रश्न 8.
तख्तियां (बल्लियां) बनाने के लिए सफेदे को कितने वर्षों के बाद काटा जाता है ?
(क) 13 से 15 साल
(ख) 6 से 8 साल
(ग) 4 से 6 साल
(घ) 2 से 4 साल।
उत्तर-
(ग) 4 से 6 साल

प्रश्न 9.
इमारती लकड़ी पैदा करने के लिए सफेदे को कितने वर्षों के बाद काटा जाता है ?
(क) 13 से 15 साल
(ख) 6 से 8 साल
(ग) 4 से 6 साल
(घ) 2 से 4 साल।
उत्तर-
(क) 13 से 15 साल

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II. ठीक/गलत बताएँ-

1. पॉप्लर, वेट क्षेत्र में सफल है।
2. पॉप्लर के वृक्ष 5 से 7 वर्षों में तैयार हो जाते हैं।
3. जैटरोफा को बागों को बचाने के लिए लगाया जाता है।
4. कल्लर तथा सेम वाली भूमि पॉप्लर के लिए ठीक है।
5. सफेदे को कलमों से तैयार पौधे लगाने चाहिए।
उत्तर-

  1. ठीक
  2. ठीक
  3. ठीक
  4. गलत
  5. ठीक।

III. रिक्त स्थान भरें-

1. पॉप्लर की लकड़ी का प्रयोग …………… बनाने में होता है।
2. पॉप्लर के वृक्ष किनारों पर …………… के अंतर पर लगाए जाते हैं।
3. कंडी क्षेत्र में ………… क्षरण की समस्या है।
4. PL-3 …………… की किस्म है।
5. कंडी क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में ………….. की कमी हो जाती है।
उत्तर-

  1. माचिस की तीलियां
  2. 3 मीटर
  3. भूमि
  4. पॉप्लर
  5. चारे।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब में वन कृषि एक उचित कृषि प्रबंध क्यों है ?
उत्तर-
क्योंकि वन्य कृषि के अधीन और क्षेत्रफल लाने की संभावना नहीं है।

प्रश्न 2.
क्या वन्य कृषि से भी कमाई होती है ?
उत्तर-
पारंपरिक कृषि से अधिक।

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प्रश्न 3.
खेतों के किनारों पर वृक्षों को कौन-सी दिशा में लगाना चाहिए ?
उत्तर-
उत्तर-दक्षिण दिशा वाले किनारों पर।

प्रश्न 4.
जलवायु के आधार पर पंजाब को कितने क्षेत्रों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-
तीन क्षेत्रों में।

प्रश्न 5.
तटीय क्षेत्र में किसान किस पर आधारित कृषि करते हैं ?
उत्तर-
वर्षा पर आधारित।

प्रश्न 6.
बागों को बचाने के लिए कौन-से वृक्ष लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
जटरोफा, करौंदा, इपोमिया।

प्रश्न 7.
दक्षिणी-पश्चिमी जोन (क्षेत्र) की मिट्टी की ऊपर वाली सतह कैसी है ?
उत्तर-
खारेपन वाली।

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प्रश्न 8.
पॉप्लर आषाढ़ी की फसलों को कम हानि पहुंचाता है, कैसे ?
उत्तर-
इसके पत्ते सर्दियों में झड़ जाते हैं।

प्रश्न 9.
कैसी भूमि पॉप्लर के लिए ठीक नहीं ?
उत्तर-
कल्लर तथा सेम वाली।

प्रश्न 10.
पॉप्लर कौन-से क्षेत्रों में बहुत सफल है ?
उत्तर-
बेट के।

प्रश्न 11.
सारे खेत में पॉप्लर के कितने वृक्ष लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
200 वृक्ष प्रति एकड़।

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प्रश्न 12.
पॉप्लर के वृक्ष कितने वर्षों में तैयार हो जाते हैं ?
उत्तर-
5 से 7 वर्षों में।

प्रश्न 13.
सफेदे के कैसे पौधे लगाने चाहिए ?
उत्तर-
कलमों से तैयार।

प्रश्न 14.
सारे खेत में सफेदे के कितने वृक्ष लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
500 वृक्ष प्रति एकड़।

प्रश्न 15.
यदि लम्बे समय तक सफेदे की कृषि करनी हो तो पंक्तियों में कितना फासला होना चाहिए ?
उत्तर-8
मी०।

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प्रश्न 16.
सफेदे से इमारती लकड़ी लेनी हो तो कितने वर्ष का समय लगता है ?
उत्तर-
13 से 15 वर्ष।

प्रश्न 17.
सफेदा, पेपर पल्प के लिए कितने वर्षों में तैयार हो जाता है ?
उत्तर-
6 से 8 वर्ष।

प्रश्न 18.
सफेदे से बल्लियां बनाने के लिए कितने वर्ष बाद काटा जा सकता है ?
उत्तर-
4 से 6 वर्ष।

प्रश्न 19.
पंजाब में व्यावसायिक वन कृषि के लिए मुख्य रूप से कौन से दो वृक्षों की खेती की जाती है ?
उत्तर-
पॉप्लर, सफेदा।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वन्य कृषि के कौन-कौन से मॉडल हैं ?
उत्तर-
वन्य कृषि के मुख्य दो मॉडल हैं-खेतों में किनारों पर वृक्ष लगाना, वृक्ष तथा फसलों को मिलाकर कृषि करना।

प्रश्न 2.
किनारों पर वृक्ष लगाने वाले मॉडल में किसान वृक्ष कहां लगाता है ?
उत्तर-
इस विधि में किसान वृक्षों को किनारों पर या खालों में एक या दो पंक्तियों में लगाता है।

प्रश्न 3.
खेत के किनारों पर कौन-से वृक्ष लगाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
सुवाल, डेक, शहतूत, सफेदा, पॉप्लर, सरींह, लसूड़ा, सुहांजना, शीशम आदि।

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प्रश्न 4.
वृक्ष तथा फसलों की एक साथ कृषि कौन-से किसान करते हैं ?
उत्तर-
ऐसी कृषि अधिक भूमि वाले किसान करते हैं।

प्रश्न 5.
सारे खेत में लगाने के लिए कौन-से वृक्ष बेहतर हैं ?
उत्तर-
सारे खेत में लगाने के लिए पॉप्लर, सफेदा, डेक तथा शहतूत अच्छे वृक्ष हैं।

प्रश्न 6.
भूमि कटाव की समस्या कौन-से जोन में है ?
उत्तर-
तटीय क्षेत्र में भूमि ऊँची-नीची होने के कारण भूमि कटाव की समस्या बहुत है।

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प्रश्न 7.
पॉप्लर के लिए कैसी भूमि ठीक है ?
उत्तर-
अच्छे जल निकास वाली, मैरा से रेतली मैरा उपजाऊ भूमि तथा जिसकी पी० एच० 6.5 से 8.0 तक हो पॉप्लर के लिए उचित है।

प्रश्न 8.
पॉप्लर के पौधे लगाने के लिए फासला लिखें।
उत्तर-
पॉप्लर को यदि किनारों पर लगाया जाए तो फासला वृक्ष से वृक्ष 3 मीटर तथा यदि सारे खेतों में लगाया जाए तो 8 × 2.5 मी० या 5 × 4 मी० रखना चाहिए।

प्रश्न 9.
तटीय क्षेत्र में कौन-कौन से वृक्ष लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
शहतूत, नीम, शीशम, कीकर, बिल्व, कचनार, आम, सुवाबुल, अर्जन, हरड़, बहेड़ा, फलाही, ढाक, डेक, सुआंजना आदि वृक्ष लगाए जाते हैं।

प्रश्न 10.
सफेदे की लकड़ी का उपयोग कहां-कहां किया जाता है ?
उत्तर-
इसकी लकड़ी से इमारती लकड़ी, पेपर पल्प तथा बलियाँ आदि प्राप्त होती हैं।

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प्रश्न 11.
संपूर्ण खेत में वन कृषि करने के लगाए जाने वाले चार वृक्षों के नाम लिखो।
उत्तर-
पॉप्लर, सफेदा, डेक, सुहांजना।

प्रश्न 12.
पंजाब में व्यापारिक वन्य कृषि के लिए मुख्य रूप से कौन-से दो वृक्षों की कृषि की जाती है ?
उत्तर-
पाप्लर, सफेदा।

प्रश्न 13.
दक्षिण-पश्चिमी अंचल (जोन) में मिट्टी की ऊपरी सतह में खारापन क्यों पाया जाता है ?
उत्तर-
इस ज़ोन में धरती के नीचे पानी खारा है जिस कारण मिट्टी की ऊपरी सतह में खारापन आ जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पॉप्लर की कांट-छांट बारे बताओ।
अथवा
पॉप्लर के वृक्षों की सही समय और सही कांट-छांट करने से क्या लाभ होता है ?
उत्तर-
पॉप्लर को पहले वर्ष कांट-छांट की आवश्यकता नहीं होती परन्तु दूसरे वर्ष पत्ते झड़ने के बाद कांट-छांट कर देनी चाहिए। समय-समय पर कांट-छांट के कारण मुख्य तना सीधा तथा गांठों रहित रहता है।

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प्रश्न 2.
सफेदे के किन गुणों के कारण इसकी वन कृषि में कृषि हो रही है ?
उत्तर-
सफेदे की तेज़ वृद्धि, सीधा तना, स्वयं टहनियों का टूटना तथा इसकी लकडी का प्रयोग इमारती लकड़ी, पेपर पल्प, बल्लियां आदि प्राप्त करने में होता है। इसकी कृषि वन्य कृषि में की जाती है।

प्रश्न 3.
पंजाब में व्यावसायिक वन कृषि के लिए सफेदा और पॉप्लर की खेती ही क्यों की जाती है?
उत्तर-
देखें प्रश्न 2 (सफेदे की कृषि)
पॉप्लर की कृषि रोज़गार का अवसर प्रदान करती है इसका प्रयोग छोटे स्तर पर लकड़ी, उद्योग; जैसे प्लाई, दियासलाई, पैकिंग के डिब्बे आदि में होता है। यह आषाढ़ी (रबी) की फसलों को भी कम हानि पहुँचाता है इसलिए पॉप्लर की खेती की जाती है।

प्रश्न 4.
वन्य कृषि से आप क्या समझते हैं ? वन्य कृषि में खेतों की सीमाओं पर वृक्ष लगाने के बारे में विस्तार से लिखें।
उत्तर-
स्वयं करें।

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वन्य खेती PSEB 10th Class Agriculture Notes

  • राष्ट्रीय वन्य नीति 1988 के अनुसार लगभग 20% क्षेत्रफल वनों के अतंर्गत होना चाहिए।
  • पंजाब में अधिक क्षेत्रफल कृषि के अधीन होने के कारण 6.49% क्षेत्रफल ही वनों तथा वृक्षों के अधीन रह गया है।
  • वन्य कृषि में एक ही खेत में वृक्ष तथा फसलों को इकट्ठे उगाया जाता है।
  • वन्य कृषि का उद्देश्य किसानों की आवश्यकताएं पूरी करना तथा प्राकृतिक स्रोतों की संभाल करना है।
  • वन्य कृषि के मुख्य मॉडल हैं-खेतों के किनारों पर वृक्ष लगाना, वृक्ष तथा फसल की मिली-जुली कृषि करना।
  • जलवायु के आधार पर संपूर्ण पंजाब को मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों में बांटा गया है।
  • तटीय क्षेत्र में वर्षा आधारित कृषि की जाती है।
  • तटीय क्षेत्र में बेर, शहतूत, नीम, शीशम (टाहली), आंवला, फलाही, ढाक, डेक, हरड़, वहेड़ा, अर्जन, आम, कचनार, बिल्व, खैर कीकर आदि वृक्ष उगाए जाते हैं।
  • तटीय क्षेत्र में बागों के आस-पास जटरोफा, करौंदा आदि की वाड़ भी की जाती है।
  • केन्द्रीय मैदानी क्षेत्रों में पॉप्लर, सफेदा, डेक आदि वृक्ष लगाए जाते हैं।
  • दक्षिणी-पश्चिमी जोन में कीकर, शीशम (टाहली), नीम, जामुन, आम, डेक, शहतूत आदि लगाए जाते हैं।
  • पॉप्लर, बेट क्षेत्रों में बहुत सफल है। इससे प्लाई, दियासिलाइयां, पैकिंग के लिए डिब्बे आदि बनाए जाते हैं।
  • व्यापारिक वन्य कृषि के अन्तर्गत पंजाब में पॉप्लर तथा सफेदा की कृषि की जाती है।
  • पॉप्लर की किस्में हैं-PL-1, PL-2, PL-3,4,5,6,7, L-47/88, L-48/89.
  • पॉप्लर के वृक्ष 5 से 7 वर्षों में तैयार हो जाते हैं।
  • सफेदे से कागज़, ईमारती लकड़ी तथा बल्लियां बनाई जा सकती हैं।

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