PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 अंगुलिमाल

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 10 अंगुलिमाल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 अंगुलिमाल

Hindi Guide for Class 8 PSEB अंगुलिमाल Textbook Questions and Answers

(क) भाषा बोध

I. शब्दार्थ

निरन्तर = लगातार
चकित = हैरान
सहसा = अचानक
दृष्टि = नज़र
युक्ति = तरकीब
तत्काल = उसी क्षण
जागृति = जागरण,सचेत
विकराल = भयंकर
निहत्था = बिना हथियार के
घृणा = नफ़रत
धर्मोपदेश = (धर्म + उपदेश)धर्म के उपदेश
दैत्य = राक्षस

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 अंगुलिमाल

II. इन मुहावरों के अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्यों में प्रयोग करें :

धीरज बँधाना = ……………………..
दृष्टि डालना = ……………………..
घिग्घी बँध जाना = ……………………..
रोम-रोम से प्रेम बरसना = ……………………..
आँखों से दया टपकना = ……………………..
जादू का-सा असर होना = ……………………..
छुट्टी लेना = ……………………..
तेज से काँपना = ……………………..
उत्तर:
1. धीरज बँधाना = साहस बढ़ाना।।
वाक्य – माँ ने तब मेरा धीरज बँधाया था जब मैं अपने जीवन से लगभग हार ही चुका था।

2. दृष्टि डालना = देखना।
वाक्य – एक बार उस गरीब की ओर भी अपनी दृष्टि डालना ना भूलना।

3. घिग्घी बँध जाना = भय के कारण बोल ना पाना।
वाक्य – जंगल में भयंकर भालू को अपनी ओर देख कर राघव की घिग्घी बँध गई थी।

4. रोम-रोम से प्रेम बरसना = प्रेम भाव को व्यक्त करना।
वाक्य – श्रद्धालुओं के प्रति महात्मा जी के रोम-रोम से प्रेम बरस रहा था।

5. आँखों से दया टपकना = दया के भाव प्रकट होना।
वाक्य – भिखारी की दशा को देख मेरी दादी की आँखों से दया टपक रही थी।

6. जादू का-सा असर होना = तत्काल प्रभाव पड़ना।
वाक्य – हकीम जी की एक ही पुड़िया से मेरे पेट दर्द पर जादू का-सा असर हुआ है।

7. छुट्टी लेना = काम छोड़ना।
वाक्य – बुढ़ापे में भी अनेक लोग अपने काम धंधे से छुट्टी नहीं लेते।

8. तेज से काँपना = बल से भयभीत हो जाना।
वाक्य – बाली भगवान राम के तेज से काँप उठा था।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 अंगुलिमाल

(ख) विषय – बोधं

I. उपयुक्त शब्द भरकर वाक्य पूरा करें:

(क) महान् पुरुषों को धर्म का प्रचार करने के लिए …… नगर-नगर और गाँव-गाँव घूमना पड़ा।
(ख) महात्मा बुद्ध ने राजा को ……… बँधाया।
(ग) एक …….. मूर्ति सामने खड़ी थी।
(घ) मैं तो ……. गया, भला तुम कब …….।
(ङ) जीवन दु:ख रूप है और तुम उसे अपनी ……… और बढ़ा रहे हो।
(च) यह सत्य, दया और प्रेम के भावों की क्रूरता, घृणा और हिंसा पर …….. थी।
उत्तर:
(क) निरन्तर
(ख) धीरज
(घ) ठहर, ठहरोगे
(ङ) करनी से
(च) विजय।

II. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) प्रसेनजित कहाँ का राजा था?
उत्तर:
प्रसेनजित कौशल प्रदेश का राजा था। श्रावस्ती उसकी राजधानी थी।

(ख) प्रसेनजित किसका शिष्य था?
उत्तर:
प्रसेनजित महात्मा बुद्ध का शिष्य था।

(ग) प्रसेनजित ने महात्मा बुद्ध को अपनी व्याकुलता का क्या कारण बताया?
उत्तर:
प्रसेनजित ने महात्मा बुद्ध को अपनी व्याकुलता इसलिए बताई थी क्योंकि वह अंगुलिमाल की क्रूरता से व्याकुल हो गया था। अंगुलिमाल उसकी प्रजा को बहुत परेशान कर रहा था। उसने उन्हें बताया था किवह उस डाकू से तंग आ चुका था और उसे सहन नहीं कर सकता था।

(घ) अंगुलिमाल कौन था?
उत्तर:
अंगुलिमाल एक डाकू था। जब वह किसी की हत्या करता था तो उसकी अंगुली काट कर अपनी माला में पिरो लिया करता था।

(ङ) अंगुलिमाल ने क्या प्रतिज्ञा कर रखी थी?
उत्तर:
अंगुलिमाल ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि वह एक हज़ार व्यक्तियों की हत्या करेगा।

(च) महात्मा बुद्ध ने प्रसेनजित को क्या विश्वास दिलाया?
उत्तर:
महात्मा बुद्ध ने प्रसेनजित को विश्वास दिलाया था कि वे डाकू को शांति, प्रेम और अहिंसा का पाठ पढ़ायेंगे।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 अंगुलिमाल

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें

(क) अंगुलिमाल का नाम ‘अंगुलिमाल’ क्यों पड़ा ?
उत्तर:
अंगुलिमाल डाकू बहुत क्रूर था। वह लोगों की लूट-पाट तो करता ही था पर उनकी हत्या भी कर देता था। वह मारे गए लोगों की एक-एक अंगुली काट कर अपने गले में डाली गई माला में पिरो लेता था। इससे उसे पता रहता था कि उसने कितने लोगों की हत्या कर दी थी। इसी कारण उसका नाम अंगुलिमाल पड़ा था।

(ख) अंगुलिमाल को जब महात्मा बुद्ध ने देखा तो वह कैसा दिखाई दे रहा था?
उत्तर:
अंगुलिमाल को जब महात्मा बुद्ध ने देखा तो वह अति विकराल था। ऊँचा कद, काला शरीर, भयंकर चेहरा और लाल आँखें थीं। उसके उठे हुए बाल थे, बड़ी-बड़ी मूंछे थीं। उसके हाथ में कटार थी। वह दैत्य के समान दिखाई देता था। उसके गले में अंगुलियों की माला पड़ी हुई थी।

(ग) मैं तो ठहर गया, भला तुम कब ठहरोगे? इस पंक्ति का आशय बतायें।
उत्तर:
महात्मा बुद्ध ने डाकू अंगुलिमाल से कहा था कि वे तो ठहर गए थे पर वह कब ठहरेगा। इसका आशय था कि महात्मा बुद्ध तो अपना राज-पाट त्याग कर समाज की सेवा में लग गए थे, सब का भला करते थे पर वह डाकू कब बुरे रास्ते से दूर होगा। वह कब लोगों की लूट-पाट और हत्या के रास्ते से दूर होगा। वह बुरे काम करने से कब परे हटेगा।

(घ) अंगुलिमाल महात्मा बुद्ध के चरणों में क्यों गिर पड़ा?
उत्तर:
अंगुलिमाल महात्मा बुद्ध से बहुत प्रभावित हुआ था। अन्य लोग तो डाकू को देखते ही काँप उठते थे पर वे निर्भयतापूर्वक उसके सामने खड़े थे। महात्मा बुद्ध के शब्दों का उस पर सीधा असर हुआ था। उसने अपने घुटने टेक दिए थे और उन्हें अपना गुरु मान कर उनके चरणों में गिर पड़ा था।

(ङ) महात्मा बुद्ध ने डाकू अंगुलिमाल का कठोर हृदय कैसे जीत लिया?
उत्तर:
महात्मा बुद्ध ने डाकू का कठोर हृदय अपने मानसिक बल, साहस और सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए जीता था। उन्होंने सच्चाई, दया और प्रेम के भावों से क्रूरता, घृणा और अन्याय पर विजय प्राप्त की थी और कठोर हृदयी डाकू के हृदय पर विजय प्राप्त कर ली थी।

(ग) व्यावहारिक – व्याकरण

I. पर्यायवाची शब्द लिखें :

राजा = ……………………..
मनुष्य = ……………………..
विजय = ……………………..
जंगल = ……………………..
राक्षस = ……………………..
चरण = ……………………..
उत्तर:
राजा = राजन, नृप, भूप, नरेश, सम्राट्, नरपति।
विजय = जीत, जय, जीतना, पछाड़ना।
राक्षस = दैत्य, निशाचर, दनुज, असुर।
मनुष्य = मानव, मनुज, इन्सान, आदमी।
जगंल = अरण्य, वन, कानन, विपिन।
चरण = पैर, पाद, पद, पाँव।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 अंगुलिमाल

II. ‘अ’ और ‘अन’ लगाकर विपरीत अर्थ वाले शब्द बनायें :

‘अ’
समर्थ = असमर्थ
शुद्ध = ……………………..
शान्ति = ……………………..
आदर = ……………………..
हिंसा = ……………………..

‘अन’
इच्छा = अनिच्छा
इष्ट = ……………………..
सत्य = ……………………..
उचित = ……………………..
आस्था = ……………………..

उत्तर:
‘अ’
समर्थ = असमर्थ
शुद्ध = अशुद्ध
शान्ति = अशान्ति
सत्य = असत्य
हिंसा = अहिंसा

‘अन’
इच्छा = अनिच्छा
इष्ट = अनिष्ट
आदर = अनादर
उचित = अनुचित
आस्था – अनास्था

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 अंगुलिमाल

III. वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखें :

जिसकी आत्मा महान् हो
हिंसा करने वाला
जो निरन्तर घूमता हो ————————-
जिसके हाथ में कोई अस्त्र न हो ————————-
अत्याचार करने वाला ———————–
किसी के उपकार को मानने वाला ————————–
धर्म का उपदेश देने वाला ————————
उत्तर:
जिसकी आत्मा महान् हो = महात्मा
हिंसा करने वाला = हिंसक
जो निरन्तर घूमता हो =घुमक्कड़, यायावर
जिसके हाथ में कोई अस्त्र न हो = नि:शस्त्र
अत्याचार करने वाला = अत्याचारी
किसी के उपकार को मानने वाला = कृतज्ञ
धर्म का उपदेश देने वाला = धर्मोपदेशक।

IV. इनमें से संज्ञा व विशेषण शब्दों को अलग-अलग करके लिखें

(1) ऊँचा कद, काला शरीर, विकराल-चेहरा, लाल आँखें, उठे हुए केश, बड़ी-बड़ी मूंछे और हाथ में तेज़ कटार।
संज्ञा शब्द : ……………………..
विशेषण शब्द : ……………………..

(2) महात्मा बुद्ध ने अपनी शान्त दृष्टि उस पर डाली।
संज्ञा शब्द : ……………………..
विशेषण शब्द : ……………………..

(3) महात्मा बुद्ध ने भयंकर डाकू के कठोर हृदय को जीत लिया।
संज्ञा शब्द : ……………………..
विशेषण शब्द : ……………………..

(4) मैं एक हज़ार मनुष्यों की हत्या करूँगा।
संज्ञा शब्द : ……………………..
विशेषण शब्द : ……………………..

उत्तर:
संज्ञा – विशेषण
1. कद – उँचा
शरीर – काला
चेहरा – विकराल
आँखें – लाल
केश – उठे हुए
मूंछे – बड़ी-बड़ी
हाथ/कटार – तेज़

2. बुद्ध – महात्मा
दृष्टि – शांत

3. बुद्ध – महात्मा
डाकू – भयंकर
हृदय – कठोर

4. मनुष्यों – हजार

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 अंगुलिमाल

V. निर्देशानुसार वाक्य को बदलकर दोबारा लिखें

(1) वह प्रजा को बहुत कष्ट पहुँचाता है। (भूतकाल में बदलें)
(2) डाकू महात्मा के तेज़ से काँप रहा था। (वर्तमान में बदलें)
(3) डाकू के पास कटार थी, भाला था और महात्मा निहत्थे थे। (वर्तमान काल में बदलें)
(4) गाँव के गाँव उजड़ गये थे। (भविष्यतकाल में बदलें)
(5) इसे मैं सहन नहीं कर सकता। (भविष्यतकाल में बदलें)
(6) जंगल के बाहर एक पहरेदार नियुक्त होगा। (भूतकाल में बदलें)
(7) वह उँगलियों की माला पहनेगा। (भूतकाल में बदलें)
उत्तर:
(1) वह प्रजा को बहुत कष्ट पहुँचाता था।
(2) डाकू महात्मा के तेज़ से काँप रहा है।
(3) डाकू के पास कटार है, भाला है और महात्मा निहत्थे हैं।
(4) गाँव के गाँव उजड़ जाएंगे।
(5) इसे मैं सहन नहीं कर सकूँगा।
(6) जंगल के बाहर एक पहरेदार नियुक्त था।
(7) वह उँगलियों की माला पहने हुआ था।

PSEB 8th Class Hindi Guide अंगुलिमाल Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें-

प्रश्न 1.
महात्मा बुद्ध के मन में किस की भलाई की इच्छा रहती थी
(क) अपनी
(ख) परिवार की
(ग) पत्नी की
(घ) संसार भर की।
उत्तर:
संसार भर की।

प्रश्न 2.
महात्मा बुद्ध लगभग कितने वर्षों तक संसार के कल्याण के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक घूमते रहे
(क) 40
(ख) 42
(ग) 43
(घ) 45.
उत्तर:
45.

प्रश्न 3.
कौशल की राजधानी कौन-सी थी ?
(क) पाटन
(ख) श्रावस्ती
(ग) अमरावती
(घ) अयोध्या।
उत्तर:
श्रावस्ती।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 अंगुलिमाल

प्रश्न 4.
अंगुलिमाल कौन था ?
(क) राजा
(ख) मंत्री
(ग) डाकू
(घ) संत।
उत्तर:
डाकू।

प्रश्न 5.
महात्मा बुद्ध ने अंगुलिमाल को किस बंधन से छुट्टी लेने के लिए कहा ?
(क) परिवार के
(ख) हिंसा के
(ग) अहिंसा के
(घ) समाज के।
उत्तर:
हिंसा के।

प्रश्न 6.
अंगुलिमाल की काया कैसी थी ?
(क) विकराल
(ख) सामान्य
(ग) आकर्षक
उत्तर:
विकराल।

प्रश्न 7.
अंगुलिमाल ने कितने लोगों की हत्या की प्रतिज्ञा की थी ?
(क) एक सौ
(ख) पांच सौ
(ग) एक हजार
(घ) दो हज़ार।
उत्तर:
एक हज़ार।

प्रश्न 8.
अंगुलिमाल मारे गए लोगों के किस अंग की माला पहनता था ?
(क) सिर
(ख) हाथ
(ग) अंगुलि
(घ) कान।
उत्तर:
अंगुलि।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 अंगुलिमाल

अंगुलिमाल Summary

अंगुलिमाल कहानी का सार

महात्मा बुद्ध संसार-भर की भलाई की इच्छा अपने मन में रखते थे। इसी कारण वे लगभग पैंतालिस वर्ष तक एक स्थान से दूसरे स्थान तक घूमते रहे थे । एक बार महात्मा बुद्ध घूमते-घूमते कौशल की राजधानी श्रावस्ती गए। वहाँ का राजा प्रसेनजित उनका शिष्य था। बुद्ध धर्मोपदेश देने वहाँ जाते थे। इस बार जब वे वहाँ गए तो राजा को परेशान पाया। पूछने पर उन्हें बताया कि अंगुलिमाल नामक डाकू मेरी प्रजा को परेशान कर रहा है। महात्मा बुद्ध ने राजा को धैर्य बंधाया और उस पर विजय प्राप्त करने का विश्वास दिलाया। वह डाकू बड़ा खतरनाक था। जनता में आंतक फैला हुआ था। वह सैंकड़ों लोगों को मार चुका था। हत्याओं की गिनती के लिए उसने हर एक की अंगुली काट कर माला बनाई हुई थी। वह माला उसने गले में पहन रखी थी। इसी कारण उसका नाम भी अंगुलिमाल रखा गया था। महात्मा बुद्ध राजा से विदा लेकर उस जगंल की ओर चले जहाँ वह डाकू रहता था। महात्मा बुद्ध अभी कुछ दूरी पर ही गए थे कि उन्हें जोर की आवाज़ सुनाई दी -‘ठहरो’। बुद्ध ने मुड़ कर देखा तो झाड़ियों को चीरता हुआ वह विकराल डाकू वहाँ आ पहुँचा जिसे देखते ही महात्मा बुद्ध समझ गए कि यह वही अंगुलिमाल डाकू है।

महात्मा बुद्ध ने प्यार से अंगुलिमाल की ओर देखा और कहा,”मैं तो ठहर गया तुम कब ठहरोगे।” अंगुलिमाल हैरान था कि यह कौन आ गया जो मेरे आगे डरने की बजाए मुस्कुरा रहा है। महात्मा बुद्ध फिर बोले , “बोल कब ठहरेगा ” महात्मा बुद्ध के इन शब्दों का उस पर जादू-सा प्रभाव पड़ा और वह घुटने टेक उनके आगे बोला ,” मैं आपकी बात नहीं समझा।” महात्मा बुद्ध ने उसे समझाया कि मैं तो इस संसार के दु:खों के बन्धन से मुक्त हो गया हूँ परन्तु तुम इस मार-काट के बन्धन से कब छुट्टी लोगे? यह सुनकर डाकू बुद्ध के पैरों पर गिर पड़ा और बोला ,”महात्मन् मुझे सही मार्ग बताइए।” महात्मा बुद्ध ने उसे शान्ति, दया तथा प्रेम का पाठ पढ़ा कर उसे अपना शिष्य बनाया और अपने प्रेम, दया और निर्मल हृदय से डाकू के कठोर हृदय को जीत लिया। इसके बाद उसने कभी भी कोई मारकाट एवं लूट-पाट का काम नहीं किया।

Leave a Comment