Punjab State Board PSEB 9th Class Hindi Book Solutions Chapter 13 हिम्मत और जिंदगी Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 9 Hindi Chapter 13 हिम्मत और जिंदगी
Hindi Guide for Class 9 PSEB हिम्मत और जिंदगी Textbook Questions and Answers
(क) विषय-बोध
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए
प्रश्न 1.
सुख का स्वाद किन लोगों को अधिक प्राप्त है ?
उत्तर:
सुख का स्वाद उन लोगों को अधिक प्राप्त होता है जो सुख का मूल्य पहले चुकाते हैं।
प्रश्न 2.
लेखक के अनुसार किन लोगों के लिए आराम ही मौत है ?
उत्तर:
जिन्हें आराम आसानी से मिल जाता है उन लोगों के लिए आराम ही मौत है।
प्रश्न 3.
‘त्यक्तेन भुंजीथाः’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
जीवन का भोग त्याग के साथ करो।
प्रश्न 4.
अकबर ने कितने वर्ष की उम्र में अपने पिता के दुश्मन को हराया था ?
उत्तर:
अकबर ने तेरह वर्ष की उम्र में अपने पिता के दुश्मन को हराया था।
प्रश्न 5.
महाभारत का युद्ध किन-किन के मध्य हुआ था ?
उत्तर:
महाभारत का युद्ध कौरवों और पाण्डवों के मध्य हुआ था।
प्रश्न 6.
महाभारत के युद्ध में पाण्डवों की जीत का क्या कारण था ?
उत्तर:
महाभारत के युद्ध में पाण्डवों की जीत इसलिए हुई क्योंकि उन्होंने लाक्षाग्रह की मुसीबत झेली थी और बनवास का संकट झेला था। उन्होंने कौरवों के द्वारा दिए गए कष्टों को झेला था।
प्रश्न 7.
साहसी व्यक्ति की पहली पहचान क्या है ?
उत्तर:
(1) साहसी व्यक्ति तमाशा देखने वालों की चिंता नहीं करता।
(2) वह उन सपनों में भी रस लेता है जिनके कोई व्यावहारिक अर्थ नहीं होते।
प्रश्न 8.
लेखक के अनुसार साधारण जीव कौन-से लोग हैं ?
उत्तर:
जो आस-पड़ोस को देखकर चलते हैं वे साधारण जीव होते हैं।
प्रश्न 9.
लेखक ने किन्हें क्राँति करने वाले लोग कहा है ?
उत्तर:
जो लोग अपने उद्देश्य की तुलना पड़ोसी के उद्देश्य से नहीं करते।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए
प्रश्न 1.
लेखक के अनुसार नींद तथा भोजन का वास्तविक आनन्द किन्हें मिलता है ?
उत्तर:
नींद का वास्तविक आनंद उन्हें मिलता है जो दिनभर धूप में थक कर वापस लौटता है तथा भोजन का आनंद उन्हें मिलता है जो कुछ दिन बिना खाये भी रह सकता है।
प्रश्न 2.
जीवन में असफलताएँ मिलने पर भी साहसी मनुष्य क्या करता है ?
उत्तर:
साहसी मनुष्य असफलताओं से घबराता नहीं। उनका साहस के साथ मुकाबला करता है और आगे ही आगे बढ़ता रहता है।
प्रश्न 3.
महान् निश्चय व बड़े मौके पर कायरता दिखाने वाले व्यक्ति का जीवन कैसा होता है ?
उत्तर:
जो व्यक्ति महान् निश्चय और किसी बड़े मौके पर कायरता दिखाता है, वह कभी भी सुखी नहीं रहता। तभी उसकी आत्मा उसे फटकारती रहती है।
प्रश्न 4.
जिंदगी में जोखिम से बचने के कारण क्या हानि होती है ?
उत्तर:
जिंदगी में जोखिम से बचने के कारण निम्नलिखित हानि होती है
(1) वह अपने ही जीवन के व्यर्थ फ़ेरों के बीच कैद हो जाता है।
(2) उसे जिंदगी का कोई मज़ा नहीं मिलता।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए
प्रश्न 1.
साहसी व्यक्ति के कोई पाँच गुण लिखिए।
उत्तर:
साहसी व्यक्ति के गुण इस प्रकार हैं
(1) साहसी व्यक्ति इस बात की चिंता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले उसके बारे में क्या सोच रहे हैं।
(2) वह उन सपनों में भी रस लेता है जिनका कोई व्यावहारिक अर्थ नहीं होता।
(3) वह कभी भी सपने उधार नहीं लेता।
(4) वह सदा अकेला ही अपनी राह पर चलता है।
(5) वह कठिनाइयों से नहीं डरता।
(6) वह पूर्णरूप से निडर होता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए :
(i) जो लोग पाँव भीगने के ख़ौफ़ से पानी से बचते रहते हैं, समुद्र में डूब जाने का खतरा उन्हीं के लिए है। लहरों में तैरने का जिन्हें अभ्यास है वे मोती लेकर बाहर आयेंगे।
उत्तर:
लेखक कहता है कि इस संसार में जिन लोगों को अपने पांव भीगने का डर होता है उन्हें ही समुद्र में डूबने का खतरा होता है अर्थात् जो लोग कठिन परिस्थितियों को देखकर डर जाते हैं और उनसे संघर्ष नहीं करते वे जीवन में कभी भी सफल नहीं होते। जिसे डरपोक लोगों को असफलता ही मिलती है। किंतु जिन लोगों को लहरों में तैरने का अभ्यास होता है अर्थात् जो परिस्थितियों का निडर और साहसी बनकर सामना करते हैं उन्हें ही सफलता मिलती है वे लोग ही समुद्र से मोती निकाल सकते हैं।
(ii) अगर रास्ता आगे ही आगे निकल रहा हो तो फिर असली मज़ा तो पाँव बढ़ाते जाने में ही हो है।
उत्तर:
लेखक आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देता है कि यदि जीवन में रास्ता आगे की तरफ निकलता है तो आंतरिक आनंद आगे बढ़ते जाने में ही है। भाव है कि यदि जीवन में आगे की तरफ कोई रास्ता निकलता हो तो हमें आगे बढ़ते जाना चाहिए। उस रास्ते पर आगे बढ़ने से ही असली आनंद प्राप्त होगा।
(iii) अरे ओ जीवन के साधको! अगर किनारे की मरी हुई सीपियों में ही तुम्हें संतोष हो जाए तो समुद्र के अंतराल में छिपे हुए मौक्तिक-कोष को कौन बाहर लाएगा ?
उत्तर:
लेखक जीवन के साधकों को संबोधित कर उन्हें प्रेरणा देता है कि, हे जीवन के साधको! यदि तुम्हें किनारे पर मरी हुई सीपियों में ही संतोष मिल जाए तो समुद्र के बीच में छिपे हुए मोतियों के खजाने को कौन बाहर निकालेगा। भाव यह है कि तुम्हें केवल सीपियों से ही संतोष नहीं करना चाहिए बल्कि कठिन परिश्रम करते हुए समुद्र के बीच जाकर मोतियों का खजाना ढूंढकर लाना चाहिए।
(iv) कामना का अंचल छोटा मत करो। जिंदगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर निचौड़ो, रस की निर्झरी तुम्हारे बहाए भी बह सकती है।
उत्तर:
लेखक साधकों को प्रेरणा दे रहा है कि हे साधको ! तुम अपनी इच्छाओं के आंचल को छोटा मत करो। तुम अपनी जिंदगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर निचोड़ो। इसमें से रस की नदी तुम्हारे द्वारा भी बह सकती है। भाव यह है कि यदि तुम मेहनत करो और अपनी इच्छाएँ बड़ी रखो तो तुम्हें अवश्य फल की प्राप्ति होगी।
(ख) भाषा-बोध
1. निम्नलिखित तत्सम शब्दों के तद्भव रूप लिखिए
तत्सम – तद्भव
पुष्प – …………….
ओष्ठ – …………….
मृत्यु – …………….
हस्त – …………….
रात्रि – …………….
गृह – …………….
लाक्षा – …………….
कर्म – …………….
उत्तर:
तत्सम – तद्भव
पुष्प – फूल
ओष्ठ – होठ
मृत्यु – मौत
हस्त – हाथ
रात्रि – रात
गृह – घर
लाक्षा – लाख
कर्म – काम
2. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ समझकर उन्हें वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए
दाँव पर लगाना – कोई वस्तु बाज़ी पर लगाना।
पाँव बढ़ाना – चाल तेज़ करना, जल्दी-जल्दी चलना, आगे बढ़ना।
उत्तर:
दाँव पर लगाना – कोई वस्तु बाज़ी पर लगाना।
वाक्य – युधिष्ठिर ने अपना सब कुछ दाँव पर लगा दिया था।
पाँव बढ़ाना – चाल तेज़ करना, जल्दी-जल्दी चलना, आगे बढ़ना।
वाक्य – हमें सदा सफलता की ओर पाँव बढ़ाना चाहिए।
3. निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखिए
रेगीस्तान, सन्तुश्ट, आतमा, ज़रुरत, अवाज़, सवाद, खुशबुदार, संजम, चुनोती, निरझरी।
उत्तर:
अशुद्ध – शुद्ध
रेगीस्तान – रेगिस्तान
सन्तुश्ट – संतुष्ट
आतमा – आत्मा
ज़रुरत – ज़रूरत
अवाज़ – आवाज़
सवाद – स्वाद
खुशबुदार – खुशबूदार
संजम – संयम
चुनोती – चुनौती
निरझरी – निर्झरी।
4. निम्नलिखित वाक्यों में सही विराम चिह्न लगाइए
प्रश्न 1.
झुंड में चरना यह भैंस और भेड़ का काम है
उत्तर:
झुंड में चरना, यह भैंस और भेड़ का काम है।
प्रश्न 2.
यह आवाज़ उसे बराबर कहती रहती है तुम साहस नहीं
दिशा सके तुम कायर की तरह भाग खड़े हुए
उत्तर:
यह आवाज़ उसे बराबर कहती रहती है। तुम साहस नहीं दिखा सके। तुम कायर की तरह भाग खड़े हुए। (ii) अरे ओ जीवन के साधको तुम निचली डाल का फल तोड़कर लौटे जा रहे हो तो फिर फुनगी का वह लाल लाल आम किसके वास्ते है उत्तर- अरे ओ जीवन के साधको ! तुम निचली डाल का फल तोड़कर लौटे जा रहे हो, तो फिर फुनगी का वह लाल आम किसके वास्ते हैं।
(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
“बड़ी चीजें बड़े संकटों में विकास पाती हैं। बड़ी हस्तियाँ बड़ी मुसीबतों में पल कर दुनिया पर क़ब्जा करती हैं।” पाठ में आईं इन पंक्तियों के आधार पर किसी महापुरुष, विद्वान्, आविष्कारक, योद्धा आदि में से किसी एक व्यक्तित्व पर अपने विचार लिखें जिसने बड़ी मुसीबतों का सामना करते हुए शीर्ष पर पहुँचकर नाम कमाया हो।
उत्तर:
अर्जुन एक महान् योद्धा था। वह पाण्डु का पुत्र था। उसकी माता का नाम कुंती था। यह पाँच पांडवों में सबसे श्रेष्ठ धनुषधारी माना जाता है। इसने अपने भाइयों के साथ बचपन से ही अनेक कष्ट सहन किए। इसने लाक्षागृह की आग को सहन किया। कौरवों द्वारा दिया गया वनवास झेला और बार-बार कौरवों के द्वारा अपमान झेला किंतु अंत तक अपनी हार नहीं मानी। अंततः महाभारत के युद्ध में अर्जुन की ही विजय हुई।
प्रश्न 2.
“आदमी के अन्य सारे गुण उसके हिम्मती होने से ही पैदा होते हैं।” आप लेखक के इस विचार से कहाँ तक सहमत हैं ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
यह बात सच है कि हिम्मत सभी गुणों से श्रेष्ठ है क्योंकि हिम्मती अर्थात् साहसी आदमी में अन्य सभी गुण अपने आप ही आ जाते हैं। साहसी, निडर, परिश्रमी और संयमी होता है। साहसी आदमी ही कठिन परिश्रम कर सकता है। वही जीवन की बाधाओं का सामना कर सकता है। वह किसी भी बाधा और संकट से नहीं घबराता वह जीवन की कठिनाइयों का हँसते-हँसते मुकाबला करता है। वह सदा. अपनी दृष्टि अपने लक्ष्य की तरफ रखता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि आदमी के अन्य सारे गुण उसके हिम्मती. होने से ही पैदा होते हैं।
(घ) पाठेत्तर सक्रियता
प्रश्न 1.
हिम्मत बढ़ाने वाली कुछ प्रेरणादायक कविताओं/कहानियों का चयन कीजिए और उन्हें अपनी कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
अध्यापक की सहायता से करें।
प्रश्न 2.
उन महापुरुषों/देशभक्तों/समाज सुधारकों/योद्धाओं के चित्रों का संकलन कीजिए जिन्होंने हिम्मत की जिंदगी को जिया है।
उत्तर:
अध्यापकों की सहायता से स्वयं कीजिए।
प्रश्न 3.
आपने अथवा आपके किसी मित्र/परिचित ने किसी संकट के समय अदम्य साहस का परिचय दिया हो तो उस प्रसंग को अपनी कक्षा में सुनाएँ।
उत्तर:
अध्यापक की सहायता से करें।
प्रश्न 4.
स्टेशनरी की दुकान से एक स्टिक लाख लें और अध्यापक से जानें कि किस तरह ज़रूरी दस्तावेजों को सीलबंद करने में इसका उपयोग होता है।
उत्तर:
अध्यापक की सहायता से स्वयं करें। 5. आपके घर में लकड़ी के दरवाजे/खिड़कियाँ पॉलिश करते समय लाख के दाने का प्रयोग होता है। उस समय पेंटर से जानें कि किस तरह वह इसका पॉलिश में प्रयोग करता है। उत्तर- स्वयं कीजिए।
(ङ) ज्ञान-विस्तार
1. महाभारत : ‘महाभारत’ भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक अनुपम महाकाव्य है, जिसकी रचना (माना जाता है कि) वेदव्यास जी ने की। इस ग्रंथ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद भी माना जाता है। कहा जाता है कि ‘महाभारत’ का वास्तविक नाम ‘जय’ था। तत्पश्चात् इसे ‘भारत’ नाम से भी पुकारा गया तथा भरतवंश की गाथा होने के कारण बाद में यह ‘महाभारत’ नाम से प्रसिद्ध हुआ।
2. कौरव : कौरव महाभारत में हस्तिनापुर नरेश धृतराष्ट्र और गांधारी के पुत्र थे। ये गिनती में सौ थे तथा राजा कुरु के वंशज थे। सभी कौरवों में दुर्योधन सबसे बड़ा था जो कि बहुत ही ज़िद्दी था।
3. पांडव : पाँडव महाभारत के मुख्य पात्र हैं। पाँडव पाँच भाई थे- युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल तथा सहदेव। पाँडवों के पिता का नाम पाण्डु था। पाण्डु की दो पत्नियाँ थीं-कुन्ती तथा माद्री। युधिष्ठिर, भीम तथा अर्जुन की माता कुन्ती थी और नकुल एवं सहदेव माद्री के पुत्र थे।
4. लाक्षागृह : दुर्योधन के मामा शकुनि ने लाक्ष (लाख) के बने हुए घर (लाक्षागृह) में पांडवों को भेजकर उन्हें जलाकर मारने का प्रयत्न किया किन्तु अपने काका विदुर की मदद व समझबूझ से वे उस जलते हुए गृह से बच निकले।
5. अकबर : तैमूरी वंशावली के मुग़ल वंश का तीसरा शासक अकबर था। इसके पिता का नाम हुमायूँ तथा दादा का नाम बाबर था।
6. विन्स्टन चर्चिल : ये एक अंग्रेज़ राजनीतिज्ञ थे और सन् 1940-1945 के समय इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री थे। इसके अतिरिक्त वे इतिहासकार, लेखक और कलाकार भी थे। वे एकमात्र प्रधानमंत्री थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
PSEB 9th Class Hindi Guide हिम्मत और जिंदगी Important Questions and Answers
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए
प्रश्न 1.
कौन-सी जिंदगी सबसे बड़ी होती है ?
उत्तर:
साहस से भरी जिंदगी सबसे बड़ी होती है।
प्रश्न 2.
साहसी जिंदगी कैसी होती है ?
उत्तर:
साहसी जिंदगी सब प्रकार से निडर और बेखौफ होती है।
प्रश्न 3.
मनुष्यता को प्रकाश किस आदमी से मिलता है ?
उत्तर:
जो आदमी जनमत की अपेक्षा करके जीता है उसी आदमी से मनुष्यता को प्रकाश मिलता है।
प्रश्न 4.
जिंदगी की कितनी सूरतें हैं ?
उत्तर:
जिंदगी की दो सूरते हैं।
प्रश्न 5.
जिंदगी का असली मजा किनके लिए नहीं है ?
उत्तर:
जो फूलों के नीचे खेलते और सोते हैं उनके लिए जिंदगी का असली मजा नहीं है।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए
प्रश्न 1.
जिंदगी का असली मजा किनको मिलता है ?
उत्तर:
जिंदगी का असली मजा उनको मिलता है जो दूर रेगिस्तान से आते हैं जिनके कंठ सूखे, होंठ फटे तथा बदन पसीने से तर-तर होता है। वे कष्ट उठाते हैं। दूसरों के भरोसे नहीं रहते। वे अपना मार्ग स्वयं बनाते हैं।
प्रश्न 2.
चाँदनी की ताज़गी और शीतलता का आनंद कौन मनुष्य लेता है ?
उत्तर:
चांदनी की ताज़गी और शीतलता का आनंद वह मनुष्य लेता है जो दिनभर धूप में थककर लौटता है। जिसके शरीर को ठंड की ज़रूरत महसूस होती है तथा जिसका मन इस बात से संतुष्ट होता है कि उसने आज के दिन का पूरा समय अच्छे काम में लगाया है। जिसने डट कर काम किया है। जो दूसरों के भरोसे नहीं रहा।
प्रश्न 3.
चांदनी की ताज़गी और शीतलता का आनंद किसको नहीं मिलता ?
उत्तर:
जो आदमी दिनभर खिड़कियाँ बंद कर पंखों के नीचे बैठा रहता है और रात में चांदनी में सेज लगाता है उसे चांदनी की ताज़गी और शीतलता का आनंद नहीं मिलता। जो परिश्रम नहीं करता उसे आनंद नहीं मिलता।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छ:-सात पंक्तियों में दीजिए
प्रश्न 1.
हिम्मत और जिंदगी पाठ का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हिम्मत और जिंदगी श्री रामवृक्ष बेनीपुरी का प्रमुख निबंध है। इसमें लेखक ने बताया है कि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। हिम्मत, परिश्रम साहस, कर्मठता आदि तत्व ही सफलता के आधार हैं। मनुष्य को जीवन में हिम्मत, साहस का परिचय देना चाहिए। साहस की जिंदगी सबसे श्रेष्ठ होती है।
प्रश्न 2.
इस निबंध के माध्यम से लेखक ने हमें क्या संदेश दिया है ?
उत्तर:
इस निबंध के माध्यम से लेखक ने हमें साहसपूर्ण जिंदगी जीने का संदेश दिया है। उन्होंने बताया है कि जीवन में सदा साहस और हिम्मत से परिश्रम करना चाहिए। कठिनाइयों से नहीं घबराना चाहिए। उनका साहस के साथ डटकर मुकाबला करना चाहिए। जीवन में हर चुनौती स्वीकार करनी चाहिए। सुख-दुःख, सफलता-असफलता, खुशीगम को समान दृष्टि से देखना चाहिए।
एक शब्द/एक पंक्ति में उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
‘हिम्मत और ज़िदगी’ पाठ के लेखक कौन हैं ?
उत्तर:
रामधारी सिंह दिनकर।
प्रश्न 2.
जिन्हें आराम आसानी से मिल जाता है उनके लिए आराम क्या है ?
उत्तर:
मौत।
प्रश्न 3.
समुद्र में से मोती लेकर बाहर कौन आता है ?
उत्तर:
जिन्हें लहरों में तैरने का अभ्यास होता है।
प्रश्न 4.
साहस की जिंदगी कैसी होती है ?
उत्तर:
साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है।
प्रश्न 5.
किसका अंचल छोटा नहीं करना चाहिए ?
उत्तर:
कामना का।
हाँ-नहीं में उत्तर दीजिए-
प्रश्न 6.
झुंड में चरना, यह भैंस और भेड़ का काम है।
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 7.
सिंह बिल्कुल अकेला होने पर उदास हो जाता है।
उत्तर:
नहीं।
सही-गलत में उत्तर दीजिए
प्रश्न 8.
साहसी मनुष्य सपने उधार नहीं लेता।
उत्तर:
सही।
प्रश्न 9.
बड़ी चीजें बड़े संकटों में विकास नहीं पाती हैं।
उत्तर:
गलत।
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
प्रश्न 10.
उपवास और ……… ये ………… के साधन नहीं हैं।
उत्तर:
उपवास और संयम ये आत्महत्या के साधन नहीं हैं।
प्रश्न 11.
जिन्दगी को ……. से जीना हमेशा ही ……… झेलना है।
उत्तर:
जिन्दगी को ठीक से जीना हमेशा ही जोखिम झेलना है।
बहुविकल्पी प्रश्नों में से सही विकल्प चुनकर उत्तर लिखें
प्रश्न 12.
“ज़िन्दगी का सबसे बड़ा गुण हिम्मत है” यह कथन किसका है ?
(क) अर्नाल्ड बेनेट
(ख) विन्स्टन चर्चिल
(ग) अब्राहम लिंकन
(घ) स्टालिन।
उत्तर:
(ख) विन्स्टन चर्चिल।
प्रश्न 13.
महाभारत में देश के प्रायः अधिकांश वीर किनके पक्ष में थे ?
(क) पाँडवों
(ख) कौरवों
(ग) कैकेय
(घ) विदेह।
उत्तर:
(ख) कौरवों।
प्रश्न 14.
क्रांति करने वाले किस चाल से चलते हैं ?
(क) पड़ोसी की
(ख) शासन की
(ग) अपनी
(घ) विरोधी की।
उत्तर:
(ग) अपनी।
प्रश्न 15.
चाँदनी की ताज़गी और शीतलता का आनन्द कैसा मनुष्य लेता है ?
(क) अमीर
(ख) सुस्त
(ग) चतुर
(घ) परिश्रमी।
उत्तर:
(घ) परिश्रमी।
कठिन शब्दों के अर्थ
कंठ = गला । खौफ़ = डर। उपवास = व्रत। जनमत = लोगों की राय। अंतराल = बीच, मध्य । जोखिम = खतरा, संकट। परास्त = पराजित, हार। अंततः = अंत में, आखिरकार। लाक्षाग्रह = लाख का बना घर। मौक्तिक-कोष = मोतियों का खजाना। साधक = साधना करने वाला। कामना = इच्छा। निर्झरी = नहीं। खुशबू = सुगंध। परमार्थ = परोपकार। कस्तूरी = एक सुगंधित पदार्थ जो कस्तूरी हिरण की नाभि में होती है। गोधूलि = गायों के खुरों से उठने वाली धूल।
हिम्मत और जिंदगी Summary
जीवन-परिचय
जीवन परिचय-रामधारी सिंह दिनकर हिंदी के श्रेष्ठ लेखक माने जाते हैं। उनका जन्म सन् 1908 ई० में बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गाँव में हुआ था। इनकी आरंभिक शिक्षा गांव में हुई। इन्होंने बी०ए० की शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त की। ये भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। सन् 1952 से 1964 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे। कई वर्ष तक भारत सरकार के हिंदी सलाहकार भी रहे। सन् 1974 ई० में इनकी मृत्यु हो गई।
प्रमुख रचनाएँ-दिनकर बहुमुखी प्रतिभा के साहित्यकार माने जाते हैं। इन्होंने अनेक प्रसिद्ध रचनाएँ लिखी हैं। इनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं
काव्य-रेणुका, हुँकार, कुरुक्षेत्र, उर्वशी, रसवंती, परशुराम की प्रतीक्षा आदि। गद्य-संस्कृति के चार अध्याय, काव्य की भूमिका, अर्द्धनारीश्वर, मिट्टी की ओर आदि।
साहित्यिक विशेषताएँ-दिनकर की रचनाओं में राष्ट्रीयता तथा विश्वबंधुत्व की भावना के दर्शन होते हैं। इन्होंने अपने साहित्य में समाज, संस्कृति धर्म का यथार्थ वर्णन किया है। रामधारी सिंह दिनकर की भाषा सरल, सहज एवं स्वाभाविक है। इनकी भाषा प्रौढ़ एवं प्रांजल है। इस निबंध की भाषा शैली सरल एवं सहज है। इसमें तत्सम शब्दावली की अधिकता है।
हिम्मत और जिंदगी निबंध का सार
हिम्मत और जिंदगी रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित एक प्रमुख निबंध है। इसमें लेखक ने उस सत्य का वर्णन किया है जिसके अनुसार हिम्मत, परिश्रम, साहस, कर्मठता आदि तत्व हमारी सफलता के आधार बिंदु हैं। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। जिंदगी का असली मज़ा फूलों के नीचे खेलने और सोने वालों के लिए नहीं बल्कि दूर रेगिस्तान से आने वालों के लिए होता है। पानी के अमृत तक को केवल वही जानता है जो धूप में सूख चुका है। सुखों का असली आनंद उनका मूल्य चुकाने पर ही मिलता है। पानी से बचने वालों के लिए ही समुद्र में डूबने का खतरा होता है। लहरों पर तैरने वाले तो मोती लेकर ही बाहर निकलते हैं। जीवन में चांदनी की ताज़गी और शीतलता का मजा वही मनुष्य लेता है जो दिनभर धूप में थककर लेटा है। घर के अंदर पंखे के नीचे सोने वाला मनुष्य इसका आनंद नहीं ले सकता। भोजन का असली स्वाद उसी को मिलता है जो कुछ दिन बिना खाए भी रह लेता है।
जीवन का भोग त्याग के साथ करो यह केवल परमार्थ का ही उपदेश नहीं है। संयमी व्यक्ति को ही योग का आनंद प्राप्त होता है। संसार में बड़ी चीजें बड़े संकटों में ही विकसित होती हैं। ठीक वैसे बड़े लोग बड़ी मुसीबतों में पलकर दुनिया पर कब्जा करते हैं, अकबर ने तेरह वर्ष में ही अपने पिता के दुश्मन को हरा दिया था। महाभारत में देश के अधिकांश वीर कौरवों के पक्ष में थे किन्तु फिर भी जीत पांडवों की हुई क्योंकि उन्होंने लाक्षाग्रह की मुसीबत झेली और बनवास में कष्ट उठाया था। जिंदगी की दो सूरतें हैं। एक तो आदमी को असफलताओं से न घबराते हुए उनका सामना करते हुए अपने उद्देश्य को पाने का प्रयास करना चाहिए। दूसरी आदमी को उन ग़रीबों का साथी बन जाना चाहिए जो केवल दुःख पाते हैं। साहस की जिंदगी सबसे श्रेष्ठ होती है। यह बिल्कुल निडर और बेखौफ़ होती है। साहसी मनुष्य कभी भी तमाशा देखने वालों की चिंता नहीं करता। वह केवल अपना कर्म करता है। जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला आदमी ही दुनिया की असली शक्ति है। दूसरों के पीछे चलना एक सामान्य आदमी का काम होता है। क्रांतिकारी कभी अपने उद्देश्यों की तुलना दूसरों से नहीं करते। वे केवल अपना कार्य करते हैं। साहसी व्यक्ति कभी सपने उधार नहीं लेता। वह तो अपने सपने देखता है। समूह में तो भैंस और भेड़ चलती हैं, शेर तो सदा अकेला चलता है।
जिंदगी में सदा खतरे बने रहते हैं। जिंदगी जीते समय अनेक खतरे बने रहते हैं। असली जिंदगी इन खतरों का साहस से मुकाबला करने में होती है। संकटों का सामना करना जिंदगी की पूंजी होती है। अंत में लेखक ने जीवन के साधकों को साहसपूर्ण जिंदगी तथा खतरों का सामना करने का संदेश दिया है। उन्हें उद्देश्य को प्राप्त करने की प्रेरणा दी है।