Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sangya ke Vikar संज्ञा के विकार Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 8th Class Hindi Grammar संज्ञा के विकार (2nd Language)
प्रश्न 1.
संज्ञा शब्दों में विकार किनके कारण होता है ?
उत्तर :
लिंग, वचन और कारक के कारण संज्ञा शब्दों में विकार होता है। इनको विकारक तत्व भी कहते हैं।
(अ) लिंग
प्रश्न 2.
लिंग किसे कहते हैं ? उसके भेद बताओ।
उत्तर :
संज्ञा के जिस रूप से स्त्री या पुरुष जाति का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं। हिन्दी में दो लिंग हैं –
(1) पुल्लिग
(2) स्त्रीलिंग।
- पुल्लिग – संज्ञा के जिस रूप से पुरुष जाति का बोध हो, उसे पुल्लिग कहते हैं।
जैसे – लड़का, शेर। - स्त्रीलिंग – संज्ञा के जिस रूप से स्त्री जाति का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं।
जैसे – लड़की, शेरनी।
(आ) वचन
प्रश्न 3.
वचन किसे कहते हैं और वचन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर :
संज्ञा के जिस रूप में किसी वस्तु के एक अथवा अनेक होने का बोध हो, उसे वचन कहते हैं।
हिन्दी में दो वचन हैं –
(1) एकवचन
(2) बहुवचन।
- एकवचन – संज्ञा का जो रूप एक ही वस्तु का बोध कराए, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे – लकड़ी, घोड़ा, बहन।
- बहुवचन – संज्ञा का जो रूप एक से अधिक वस्तुओं का बोध कराए, उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे – लड़कियाँ, घोड़े, बहनें।
(इ) कारक
प्रश्न 4.
कारक किसे कहते हैं ? इसके कितने भेद हैं ?
उत्तर :
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप में उस वाक्य का दूसरे शब्दों से सम्बन्ध जाना जाए, उस रूप को कारक कहते हैं। जैसे – मोहन ने पुस्तक को मेज पर रख दिया।।
विभक्ति – कारक प्रकट करने के लिए संज्ञा अथवा सर्वनाम के साथ ‘ने’, ‘को’, ‘से’ आदि जो चिह्न लगाए जाते हैं, उन्हें विभक्ति कहा जाता है।
हिन्दी में आठ कारक हैं। इनके नाम और विभक्ति चिह्न इस प्रकार हैं –
कारक | विभक्ति चिहन |
1. कर्ता | ने |
2. कर्म | को |
3. करण | से, के द्वारा, के साथ |
4. सम्प्रदान | को, के लिए, वास्ते |
5. अपादान | से (अलगाव बोधक) |
6. सम्बन्ध | का, के, की |
7. अधिकरण | में, पर |
8. सम्बोधन | हे, अरे, रे |
- कर्ता – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का बोध होता है, उसे कर्ता कारक कहा जाता है। जैसे –
-
- मोहन पुस्तक पढ़ता है।
- सोहन ने दूध पीया।
- कर्म – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप पर क्रिया के व्यापार का फल पड़ता हो, उसे कर्म कारक कहते हैं। जैसे – श्याम पाठशाला जाता है।
- करण – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से कर्ता के काम करने के साधन का बोध हो, उसे करण कारक कहा जाता है। जैसे – राम ने बाण से बालि को मारा।
- सम्प्रदान – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप के लिए क्रिया की जाए, उसे सम्प्रदान कारक कहा जाता है। जैसे – अध्यापक विद्यार्थियों के लिए पुस्तकें लाया।
- अपादान – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से पृथक्कता, आरम्भ, भिन्नता आदि का बोध होता हो, उसे अपादान कारक कहा जाता है। जैसे – वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।
- सम्बन्ध – संज्ञा या सर्वनाम का जो रूप एक वस्तु का दूसरी वस्तु के साथ सम्बन्ध प्रकट करे, उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं। जैसे – यह मोहन का घर है।
- अधिकरण – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध हो, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। जैसे – वीर सैनिक युद्ध – भूमि में मारा गया।
- सम्बोधन – संज्ञा का जो रूप चेतावनी या किसी को पुकारने का सूचक हो। जैसे हे ईश्वर ! हमारी रक्षा करो।
प्रश्न 5.
नीचे लिखे कारकों में क्या भेद हैं ? स्पष्ट कीजिए।
(क) कतों और कर्म।
(ख) करण और अपादान
(ग) सम्बन्ध और सम्प्रदान।
उत्तर :
(क) कर्ता और कर्म
कर्ता | कर्म। |
1. कर्ता कारक में संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया को करने वाले का बोध कराया जाता है। जैसे- देव ने कविता पढ़ी। | 1. कर्म कारक में किसी वस्तु या व्यक्ति पर क्रिया के व्यापार का फल पड़ता है। जैसे – अध्यापक छात्र को पढ़ाता है। |
2. कर्ता कारक का सामान्य विभक्ति चिह्न ‘ने’ होता है। | 2. कर्म कारक का विभक्ति चिह्न ‘को’ होता है। |
(ख) करण और अपादान
करण | अपादान म |
(1) करण कारक क्रिया के साधन का बोध कराने वाले संज्ञा के रूप को कहते हैं। जैसे – सुनील कलम से लिखता है। | (1) अपादान कारक संज्ञा के किसी रूप से किसी वस्तु के दूसरे वस्तु को अलग होने का बोध कराता है जैसे – वृक्ष से पत्ता गिरता है। |
(2) इसके विभक्ति चिह्न ‘से’, ‘के साथ ‘के द्वारा’ होते हैं। | (2) इसका विभक्ति चिह्न ‘से’ है। |
(ग) सम्बन्ध और सम्प्रदान
सम्बन्ध | सम्प्रदान |
(1) सम्बन्ध कारक में संज्ञा के किसी रूप का किसी दूसरी वस्तु से सम्बन्ध सूचित किया जाता है। जैसे – रामचरित मानस तुलसी कृत महाकाव्य है। | (1) सम्प्रदान कारक में किसी वस्तु के लिए कोई क्रिया की जाती है। जैसे- वह स्नान के लिए नदी पर जाता है। |
(2) इसके विभक्ति चिह्न ‘का’, ‘के’, ‘की’, ‘रा’, ‘रे’, ‘री’, ‘ना’, ‘ने’, ‘नी’ हैं।। | (2) इसके विभक्ति चिह्न ‘को’ तथा ‘के लिए’ हैं। |
(3) सम्बन्ध कारक का रूप लिंग और वचन आदि के कारण बदल जाता है। | (3) सम्प्रदान कारक का रूप लिंग और वचन आदि के कारण नहीं बदलता है। |
प्रश्न 6.
नीचे लिखे वाक्यों में उपयुक्त कारक चिह्न भरें
(1) दूसरों …………………….. टिकट बार – बार पूछते थे, खुद बिना टिकट …………………….. चल रहे हो!
(2) आप लाला माधो राम …………………….. जानते हैं।
(3) दरवाजे …………………….. ज़ोर …………………….. दस्तक देता है।
उत्तर :
(क) का, के
(2) को
(3) पर, से।
बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :
प्रश्न 1.
लिंग कितने होते हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर :
(ख) दो
प्रश्न 2.
वचन कितने होते हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर :
(ख) दो
प्रश्न 3.
कारक कितने होते हैं ?
(क) दो
(ख) चार
(ग) सात
(घ) आठ।
उत्तर :
(घ) आठ।
प्रश्न 4.
वृक्ष से पत्ता गिरता है – रेखांकित में कारक है –
(क) अपादान
(ख) करण
(ग) संबंध
(घ) संप्रदान।
उत्तर :
(क) अपादान
प्रश्न 5.
राम कलम से पत्र लिखता है, रेखांकित में कारक है
(क) करण
(ख) अपादान
(ग) संबंध
(घ) कर्ता।
उत्तर :
(क) करण
प्रश्न 6.
‘गुरु जी ने बच्चों को बड़े प्यार से समझाया – ‘ वाक्य में रेखांकित पद में सही कारक की पहचान करके लिखें –
(क) सम्प्रदान कारक
(ख) कर्म कारक
(ग) कर्ता कारक
(घ) अपादान कारक।
उत्तर :
(ग) कर्ता कारक
प्रश्न 7.
‘भास्कर रेलगाड़ी देखने के लिए प्लेटफार्म के किनारे पर जा पहुंचा’ वाक्य में रेखांकित पद में सही कारक की पहचान करके लिखें :
(क) सम्बन्ध कारक
(ख) कर्म कारक
(ग) कर्ता कारक
(घ) सम्प्रदान कारक।
उत्तर :
(घ) सम्प्रदान कारक।