Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 9 कृषि संयंत्र एवम् उनकी देखभाल Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 9 कृषि संयंत्र एवम् उनकी देखभाल
PSEB 8th Class Agriculture Guide कृषि संयंत्र एवम् उनकी देखभाल Textbook Questions and Answers
(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर दें—
प्रश्न 1.
भूमि के पश्चात् किसान की सबसे अधिक पूँजी किस वस्तु में लगी होती
उत्तर-
कृषि सम्बन्धित मशीनरी में।
प्रश्न 2.
हमारी कृषि मशीनरी (संयंत्रों) का प्रधान किसे माना जाता है ?
उत्तर-
ट्रैक्टर को।
प्रश्न 3.
ट्रैक्टर के साथ चलने वाली तीन मशीनों के नाम बताएँ।
उत्तर-
कल्टीवेटर, तवियां, सीड ड्रिल।
प्रश्न 4.
वे कौन-सी मशीनें हैं जिनमें शक्ति स्रोत मशीन का ही भाग हो ?
उत्तर-
ट्रैक्टर, ईंजन, मोटर आदि।
प्रश्न 5.
ट्रैक्टर की ओवरहालिंग कब की जानी चाहिए ?
उत्तर-
4000 घण्टे काम लेने के बाद।
प्रश्न 6.
ट्रैक्टर को स्टोर करते समय हमेशा कौन-से गेयर में खड़ा करना चाहिए ?
उत्तर-
न्यूट्रल गियर में।
प्रश्न 7.
ट्रैक्टर के बैटरी टर्मिनल को साफ़ करके किस चीज़ का लेप करना चाहिए ?
उत्तर-
पैट्रोलियम जैली का।
प्रश्न 8.
बोआई वाली मशीनों में बीज़/खाद निकाल कर एवम् अच्छी तरह सफाई करके किस वस्तु का लेप करना चाहिए ?
उत्तर-
पुराने तेल का लेप कर देना चाहिए।
प्रश्न 9.
मिट्टी में चलने वाली मशीनों के पुों को जंग लगने से बचाने के लिए क्या करेंगे ?
उत्तर-
ग्रीस या पुराने तेल का लेप करना चाहिए।
प्रश्न 10.
स्प्रे पम्प को प्रयोग करने के पश्चात् पम्प को खाली करके क्यों चलाना चाहिए ?
उत्तर-
इस तरह पाइपों में रह गया पानी निकल जाता है।
(आ) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें—
प्रश्न 1.
कृषि संयंत्र मुख्यतः कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
कृषि संयंत्र मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-चलाने वाले; जैसे- ट्रैक्टर, कृषि यन्त्र; जैसे-तवियां, स्व:चालित मशीनें; जैसे-कम्बाइन हार्वेस्टर आदि।
प्रश्न 2.
ट्रैक्टर की संभाल के लिए कितने घण्टे बाद सर्विस करनी चाहिए ?
उत्तर-
ट्रैक्टर की संभाल के लिए 10 घण्टे, 50 घण्टे, 125 घण्टे, 250 घण्टे, 500 घण्टे तथा 1000 घण्टे बाद सर्विस करनी चाहिए तथा 4000 घण्टे काम कर लेने के बाद ओवरहालिंग करवाना चाहिए।
प्रश्न 3.
यदि ट्रैक्टर को दीर्घ काल के लिए स्टोर करना है तो टायरों की संभाल के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
ट्रैक्टर को लकड़ी के गुटकों के ऊपर उठा देना चाहिए तथा टायरों में हवा कम कर देनी चाहिए।
प्रश्न 4.
ट्रैक्टर को दीर्घ काल के लिए स्टोर करने के लिए बैटरी की संभाल के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
यदि ट्रैक्टर को लम्बे समय तक खड़ा करना हो तो बैटरी की तार को अलग कर देना चाहिए तथा समय-समय पर बैटरी को चार्ज करते रहना चाहिए।
प्रश्न 5.
ट्रैक्टर की धूम्र नली एवम् करेंक केस ब्रीदर की संभाल के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
यदि धूम्र नली एवम् करेंक केस ब्रीदर के मुँह पर ढक्कन न हो तो किसी कपड़े से बंद कर देना चाहिए। इस तरह नमी अन्दर नहीं जा सकती।
प्रश्न 6.
काम के दिनों में मशीन के ध्रुवों की संभाल के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
काम के दिनों में हर 4-6 घण्टे मशीन चलाने के बाद घुरियों के सिरों पर वुशों में तेल या ग्रीस देनी चाहिए। यदि बाल वैरिंग फिट हो तो तीन-चार दिनों बाद ग्रीस देनी चाहिए।
प्रश्न 7.
बोआई वाली मशीनों के बीज एवम् खाद के डिब्बे प्रतिदिन साफ़ क्यों करने चाहिए ?
उत्तर-
खादें रासायनिक पदार्थ होती हैं जो डिब्बे के साथ क्रिया करके उसको खा जाती हैं। इसलिए बीज़ तथा खाद के डिब्बे को रोज़ साफ़ करना चाहिए।
प्रश्न 8.
कम्बाइन में दानों वाले टैंक, कन्वेयर, पुआलवाकर (स्टावाकर) एवम् छानने आदि को अच्छी तरह साफ़ क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
कम्बाइन में बीज़ वाले टैंक, कन्वेयर स्टावाकर तथा छननी आदि को अच्छी तरह साफ़ इसलिए किया जाता है ताकि चूहे यहां अपना घर न बना लें। चूहे कम्बाइन में बिजली की तारों आदि को तथा पाइपों को हानि पहुंचा सकते हैं।
प्रश्न 9.
कम्बाइन को जंग लगने से बचाने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
कम्बाइन को नमी के कारण जंग लगता है इसलिए यह आवश्यक है कि इसको किसी शैड के अन्दर खड़ा किया जाए तथा इसको प्लास्टिक की शीट से ढक देना चाहिए। यदि किसी स्थान से रंग उतर गया हो तो वहां रंग कर देना चाहिए।
प्रश्न 10.
स्टोर करते समय मशीन का मिट्टी से सम्पर्क न रहे, इसके लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
मिट्टी में चलने वाली मशीनों को स्टोर करने से पहले इनको धोकर साफ़ कर लेना चाहिए तथा जंग न लगे इसलिए ग्रीस या पुराने तेल का लेप ज़रूर कर देना चाहिए।
(इ) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर दें—
प्रश्न 1.
कृषि संयंत्र एवम् देखभाल की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर-
कृषि से अधिक उपज लेने के लिए तथा अधिक आय प्राप्त करने के लिए कृषि मशीनरी का बहुत योगदान है। भूमि के बाद सबसे अधिक पूंजी कृषि से सम्बन्धित मशीनरी पर लगी होती है। यदि इतनी महंगी मशीनरी की अच्छी तरह देखभाल न की जाए तो समय पर पूरा लाभ नहीं मिल सकेगा। अच्छी तथा उपयुक्त देखभाल तथा संभाल की जाए तो मशीनरी की आयु में वृद्धि की जा सकती है। मशीनरी के खराब होने से इसकी मुरम्मत पर अधिक खर्चा होगा। अगले सीजन में मशीन तैयार-वर-तैयार मिले इसलिए पहले सीजन के अंत में मशीन की अच्छी तरह सफ़ाई करके संभाल करनी चाहिए।
प्रश्न 2.
ट्रैक्टर की देखभाल के लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए ?
उत्तर-
ट्रैक्टर की संभाल के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए—
- ट्रैक्टर को अच्छी तरह धोकर, साफ़ करके शैड के अन्दर खड़ा करना चाहिए।
- यदि कोई छोटी-मोटी मुरम्मत होने वाली हो या किसी पाईप आदि से तेल लीक करता हो तो इसको ठीक कर लेना चाहिए। इंजन में बताई गई निशानी तक मुबाईल आयल का लेवल होना चाहिए।
- सारे ग्रीस वाले प्वाईंट अच्छी तरह डीजल से साफ करने चाहिए। पुरानी ग्रीस निकाल देनी चाहिए तथा नई ग्रीस से भर देनी चाहिए।
- बैटरी को गर्म पानी से अच्छी तरह साफ करके इसके टर्मीनलों को साफ करके पेट्रोलियम जैली का लेप लगा देना चाहिए। इस तरह लम्बे समय तक ट्रैक्टर का प्रयोग न करना हो तो बैटरी की तार अलग कर देनी चाहिए, परन्तु समय-समय पर बैटरी को चार्ज करते रहना चाहिए।
- टायरों तथा बैटरी की संभाल के लिए ट्रैक्टर को महीने में एक-दो बार स्टार्ट करके थोड़ा चला लेना चाहिए।
- लम्बे समय तक ट्रैक्टर को खड़ा रखना हो तो ट्रैक्टर को लकड़ी के गुटखों पर उठा देना चाहिए तथा टायरों की हवा कम कर देनी चाहिए।
- ट्रैक्टर को न्यूट्रल गियर में ही खड़ा रखना चाहिए, स्विच को बंद करके तथा पार्किंग ब्रेक लगा कर खड़ा करना चाहिए।
- धुएँ वाली पाइप तथा करैंक केस ब्रीदर के मुँह में ढक्कन न लगा हो तो कपड़े से बंद कर देना चाहिए। इस तरह नमी अन्दर नहीं जाती।
- ऐअर क्लीनर को कुछ समय बाद साफ करते रहना चाहिए।
प्रश्न 3.
मशीन की मुरम्मत मौसम समाप्त होने के पश्चात् ही क्यों कर लेनी चाहिए ?
उत्तर-
मशीन की मुरम्मत मौसम समाप्त होने के पश्चात्, स्टोर करने से पहले ही कर लेनी चाहिए। इस तरह मशीन अगले सीजन के शुरू में तैयार-वर-तैयार मिलती है तथा समय नष्ट नहीं होता तथा परेशानी भी नहीं होती। मौसम के खत्म होने पर हमें कौन-से पुर्जे या हिस्से में खराबी होने की संभावना है, पता होता है। यदि मुरम्मत न की जाए तो अगले मौसम के शुरू होने पर हमें यह कई बार याद भी नहीं रहता कि कौन-से पुर्जे या हिस्से मुरम्मत करने वाले हैं। इसलिए मौसम के समाप्त होते ही मुरम्मत करके मशीन को स्टोर करना चाहिए।
प्रश्न 4.
बैटरी की देख-भाल के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
बैटरी की संभाल के लिए ट्रैक्टर को महीने में एक-दो बार स्टार्ट करके चला लेना चाहिए। बैटरी को गर्म पानी से साफ करके बैटरी के टर्मिनलों पर पेट्रौलियम जैली का लेप कर लेना चाहिए। लम्बे समय तक बैटरी का प्रयोग न करना हो तो बैटरी की तार को अलग कर देना चाहिए पर बैटरी को कभी-कभी चार्ज करते रहना चाहिए।
प्रश्न 5.
कम्बाइन हारवैस्टर की देखभाल के लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
उत्तर-
कम्बाइन की देखभाल भी ट्रैक्टर की तरह ही की जाती है, परन्तु इसमें कुछ अन्य बातों का ध्यान भी रखना पड़ता है, जो निम्नलिखित है—
- कम्बाइन में बीज़ वाले टैंक, कन्वेयर, स्ट्रावाकरों तथा छननी आदि को अच्छी तरह साफ इसलिए किया जाता है ताकि चूहे यहां अपना घर न बना लें, चूहे कम्बाइन में बिजली की तारों आदि को तथा पाइपों को हानि पहुंचा सकते हैं।
- कम्बाइन को नमी के कारण जंग लगता है। इसलिए यह ज़रूरी है कि इसको किसी शैड के अन्दर खड़ा किया जाए तथा इसको किसी प्लास्टिक शीट से ढक देना चाहिए। यदि किसी जगह से रंग उतर गया हो तो कर देना चाहिए।
- मशीन की रिपेयर सीजन खत्म होने के बाद स्टोर करने से पहले ही कर लेनी चाहिए। इस तरह मशीन अगले सीजन के शुरू में तैयार-वर-तैयार मिलती है तथा समय नष्ट नहीं होता तथा परेशानी भी नहीं होती। सीजन के समाप्त होने पर हमें उसके कौनसे पुर्जे या हिस्से में खराबी की संभावना है, पता होता है। यदि मुरम्मत नहीं की जाएगी तो अगले सीजन के शुरू होने पर हमें यह कई बार याद भी नहीं रहता कि कौन-से पुर्जे या हिस्से मुरम्मत करने वाले हैं। इसलिए सीजन के समाप्त होते ही मुरम्मत करके ही मशीन स्टोर करनी चाहिए।
यदि उस समय संभव न हो तो पुों की लिस्ट बना लेनी चाहिए तथा जब समय मिले मुरम्मत करवा लेनी चाहिए। - सारी बैल्टों को उतार कर निशान चिन्ह लगा कर संभाल लें ताकि दुबारा प्रयोग आसान हो जाए।
- चैन को भी डीज़ल से साफ करके ग्रीस लगा देनी चाहिए।
- रगड़ लगने वाले भाग को तेल देना चाहिए तथा ग्रीस वाले भागों को साफ करके नई ग्रीस भर देनी चाहिए।
Agriculture Guide for Class 8 PSEB कृषि संयंत्र एवम् उनकी देखभाल Important Questions and Answers
बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
पट्टे कुतरने वाली मशीन को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
टोका।
प्रश्न 2.
डिस्क हैरो को देसी भाषा में क्या कहते हैं ?
उत्तर-
तवियां।
प्रश्न 3.
भूमि को समतल तथा भुरभुरा किससे करते हैं ?
उत्तर-
सुहागे से।
प्रश्न 4.
खेतों में मेढ़ बनाने के लिए कौन-से यन्त्र का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
ज़िदरे का।
प्रश्न 5.
गोड़ाई के लिए प्रयोग होने वाले यन्त्रों के नाम लिखें।
उत्तर-
खुरपा तथा त्रिफाली।
प्रश्न 6.
फसलों पर कीड़े मार दवाई का छिड़काव करने वाले यन्त्रों के नाम बताओ।
उत्तर-
ढोलकी पम्प या ट्रैक्टर स्प्रे।
प्रश्न 7.
बीज़ बोने के लिए प्रयोग की जाने वाली मशीन का नाम बताओ।
उत्तर-
बीज़ ड्रिल मशीन।
प्रश्न 8.
कृषि कार्यों के लिए प्रयोग होने वाली दो मशीनों के नाम बताओ।
उत्तर-
पठे कुतरने वाली मशीन, डीज़ल इंजन, ट्रैक्टर।
प्रश्न 9.
ट्रैक्टर के टायरों में हवा का दबाव कितना होता है ?
उत्तर-
अगले टायरों में 24-26 पौंड तथा पिछले टायरों में 12-18 पौंड हवा होती है
प्रश्न 10.
बीज बीजने वाली मशीन को क्या कहा जाता है ?
उत्तर-
इसको सीड ड्रिल कहते हैं।
प्रश्न 11.
स्प्रे पम्प को प्रयोग करने के बाद किसके साथ धोएंगे ?
उत्तर-
स्प्रे पम्प को साफ़ पानी से धोना चाहिए।
प्रश्न 12.
सीड ड्रिल को कितने दिनों के बाद ग्रीस देनी चाहिए ?
उत्तर-
इसमें यदि बाल फिट हो तो तीन या चार दिन के बाद ग्रीस देनी चाहिये।
प्रश्न 13.
बिजली की मोटर क्या ढीला होने पर कांपती है ?
उत्तर-
फाऊंडेशन बोल्टों के ढीले होने के कारण मशीन कांपती है।
प्रश्न 14.
ट्रैक्टर को कितने घण्टों के प्रयोग के पश्चात् ग्रीस देंगे ?
उत्तर-
60 घण्टे काम लेने के पश्चात् ग्रीस गन से सभी जगह पर ग्रीस देनी चाहिए।
प्रश्न 15.
ट्रैक्टर के गियर बॉक्स का तेल कितने घण्टे काम लेने के बाद बदलना चाहिए ?
उत्तर-
1000 घण्टे काम लेने के पश्चात् ट्रैक्टर के गियर बॉक्स का तेल बदल दें।
प्रश्न 16.
ट्रैक्टर को ओवरहालिंग कब करवाया जाना चाहिए ?
उत्तर-
4000 घण्टे काम लेने के पश्चात् ट्रैक्टर की ओवरहालिंग की जानी चाहिए।
प्रश्न 17.
तवियों के फ्रेम को कितने समय के बाद दोबारा रंग करेंगे ?
उत्तर-
तवियों के फ्रेम को 2-3 वर्ष बाद रंग करो।
छोटे उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
डीज़ल इंजन का कृषि में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
डीज़ल इंजन ट्रैक्टर से छोटी मशीन है, इससे ट्यूबवैल चलाने, पढें कुतरने वाला टोका, दाने आदि निकालने के लिए मशीनें चलाई जाती हैं। इसको चलाने के लिए तेल तथा मुरम्मत का खर्चा ट्रैक्टर से काफी कम आता है। जहां कम शक्ति की आवश्यकता हो वहां ट्रैक्टर की जगह डीज़ल इंजन को पहल देनी चाहिए।
प्रश्न 2.
टिल्लर किस काम आता है ?
उत्तर-
इसका प्रयोग भूमि की जुताई के लिए होता है। इसको ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर भूमि की जुताई का काम किया जाता है।
प्रश्न 3.
डिस्क हैरों किस काम आता है ?
उत्तर-
इसको खेत की प्राथमिक जुताई के लिए प्रयोग किया जाता है। इसको तवियां भी कहते हैं।
प्रश्न 4.
कृषि मशीनों का आधुनिक युग में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
- फसल की बुवाई जल्दी तथा सस्ती हो जाती है।
- पौधों तथा पौधों की पंक्तियों का फासला बिल्कुल ठीक तरह रखा जाता है।
- पंक्तियों में बुवाई करके फसल की गुड़ाई सरलता से हो जाती है।
- बीज तथा खाद निश्चित गहराई तथा योग्य फासले पर केरे जाते हैं।
- ड्रिल से बीजी हुई फसल से 10% से 15% तक अधिक उपज प्राप्त हो जाता है।
प्रश्न 5.
सीड ड्रिल मशीन को धूप में क्यों नहीं खड़ा करना चाहिए।
उत्तर-
सीड ड्रिल मशीन को धूप में खड़े रखने से रबड़ की पाइपें तथा गरारियां खराब हो जाती हैं। पाइपों की पिचक निकालने के लिये पाइप को एक मिनट तक उबलते पानी में डालें तथा किसी सरिये या छड़ी को बीच में घुमाकर पिचक निकालें।
प्रश्न 6.
बिजली की मोटर पर पड़ रहे अधिक भार का कैसे पता लगता है ? यदि भार अधिक पड़ रहा हो तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
मोटर पर पड़ रहे अधिक भार का पता करंट मीटर से लगता है जो कि स्टारटरों से लगे होते हैं। करंट अधिक जाता है तो यह ओवर लोडिंग होने का चिन्ह है। इसलिए मशीन पर भार घटाएं।
प्रश्न 7.
बीजाई के बाद सीड ड्रिल की सफ़ाई कैसे करोगे ?
उत्तर-
बीजाई के बाद रबड़ पाइपें साफ़ कर दें। मशीन के सभी खोलने वाले भाग खोलकर, सोडे के पानी के साथ अच्छी तरह सुखाकर सभी भागों को ग्रीस लगाकर किसी स्टोर में रख दें।
प्रश्न 8.
मोटर के स्टारटर तथा स्विच को अर्थ क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
मोटर के स्टारटर तथा स्विच को कई जगहों पर अर्थ किया जाता है ताकि यदि कोई खराबी पड़ने पर अधिक करंट आ जाए तो यह ज़मीन में चला जाये तथा फ्यूज़ वगैरा उड़ जाने पर हमें झटका न लग सके।
प्रश्न 9.
ट्रैक्टर के पहियों की स्लिप घटाने के लिये क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
इसके लिए पीछे के पहियों में हवा का दबाव कम करें।
प्रश्न 10.
ट्रैक्टर का खिंचाव बढ़ाने के लिये क्या किया जा सकता है ?
उत्तर-
खिंचाव बढ़ाने के लिये पहिये की ट्यूबों में पानी भरा जा सकता है।
प्रश्न 11.
बैटरी टर्मिनलों तथा तारों को कितने ट्रैक्टर चलाने के पश्चात् साफ़ करना चाहिये ?
उत्तर-
120 घण्टे के काम के बाद।
प्रश्न 12.
बैटरी की प्लेटों से पानी कितना ऊंचा होना चाहिये ?
उत्तर-
बैटरी की प्लेटों से पानी 9 इंच ऊपर होना चाहिए।
प्रश्न 13.
ट्रैक्टर की ब्रेकों के पटे, पिस्टन तथा रिंग की घिसावट को कितने घण्टे काम के बाद चैक करना चाहिए ?
उत्तर-
1000 घण्टे काम करने के बाद।
प्रश्न 14.
मोटर गर्म होने के क्या कारण हो सकते हैं ?
उत्तर-
फेज़ पूरे नहीं हैं तथा जिन छेदों में से हवा जाती है वह गन्दगी या धूल से बन्द हो गये हों तो मोटर गर्म हो जाती है।
प्रश्न 15.
यदि बार-बार स्टार्टर ट्रिप करता हो तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
यदि स्टार्टर बार-बार ट्रिप करता हो तो जबरदस्ती न करें तथा इलैक्ट्रीशन से मोटर चैक करवाएं।
प्रश्न 16.
यदि तीन फेज़ वाली मोटर का चक्र बदलना हो तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
यदि मोटर का चक्र बदलना हो तो किसी भी दो फेज़ों को आपस में बदल दें चक्कर बदल जाएगा।
प्रश्न 17.
यदि तवियां न घूमें तो मशीन की सफ़ाई कैसे करेंगे ?
उत्तर-
कई बार बहुत देर तक मशीन पड़ी रहे तो ग्रीस जम जाती है तथा तवियां नहीं घूमतीं। इसलिए इनको खोलकर सोडे वाले पानी के साथ ओवरहाल करना चाहिए।
प्रश्न 18.
यदि पम्प लीक कर जाये तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
पम्प लीक कर जाये तो इसमें लगी सभी पेकिंगों तथा वाशलों को चैक करें तथा गली तथा घिसी पेकिंगों तथा वाशलों को बदल दें।
प्रश्न 19.
ट्रैक्टर के पहियों तथा रबड़ के अन्य पुों को मोबिल आयल तथा ग्रीस से कैसे बचाना चाहिए ?
उत्तर-
मोबिल आयल तथा ग्रीस पहियों तथा रबड़ के पुों को बहुत हानि पहुंचा सकते हैं। इसके बचाव के लिये डीज़ल के साथ कपड़े का टुकड़ा भिगो कर ग्रीस तथा मोबिल आयल को साफ़ करना चाहिए। कीटनाशक दवाई के छिड़काव के बाद ट्रैक्टर के पहियों को साफ पानी के साथ धो देना चाहिए।
प्रश्न 20.
बीज ड्रिल के डिब्बे को रोज़ क्यों साफ़ करना चाहिए।
उत्तर-
बीज तथा खाद के डिब्बे रोज़ इसलिए साफ़ करने चाहिएं क्योंकि खाद बहुत जल्दी डिब्बे को खा जाती है। खाद की प्रति एकड़ बदलने वाली पत्ती को जंग लग जाता है। प्रत्येक दो एकड़ बीज देने के पश्चात् डिब्बे के नीचे तथा एल्यूमीनियम की गरारियों पर जमी हुई खाद अच्छी तरह साफ़ कर देनी चाहिए। अन्यथा मशीन जल्दी खराब हो जायेगी तथा काम नहीं करेगी।
बड़े उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
कृषि के कार्यों में प्रयोग की जाती मशीनरी तथा यन्त्रों की सम्भाल का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
आज के युग में कृषि के साथ सम्बन्धित सभी कार्य बीजाई, कटाई, गुड़ाई, गुहाई आदि मशीनों द्वारा किये जाते हैं। मशीनरी पर बहुत पैसे खर्च आते हैं तथा कई बार मशीनों के लिये कर्ज भी लेना पड़ता है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि जिस मशीनरी पर इतने पैसे खर्च किये हों, उसकी सम्भाल का पूरा ध्यान रखा जाये ताकि मशीन लम्बे समय तक बिना रुके काम करती रहे। इसलिए ट्रैक्टर, सीड ड्रिल, स्प्रे पम्प, तवियों आदि मशीनों तथा यन्त्रों की पूरी-पूरी देखभाल करनी चाहिए।
प्रश्न 2.
ट्रैक्टर से 60 घण्टे काम लेने के बाद सम्भाल सम्बन्धी की जाने वाली कार्यवाही का वितरण दें।।
उत्तर-
60 घण्टे काम लेने के बाद निम्नलिखित कार्य करने चाहिएं—
- चैक करो कि फैन बैल्ट ढीली तो नहीं। आवश्यकता अनुसार बैल्टों को कसें या बदल दें। इसका महत्त्व इंजन को ठण्डा करने तथा बिजली पैदा करने में हैं।
- ऐयर क्लीनर के आयल बाथ में तेल की सतह देखें।
- ग्रीस गन की सहायता से सभी जगह पर ग्रीस करो। अधिक समय तक कार्य के लिये निप्पलों को रोज ग्रीस करें।
- आयल फिल्टर को अच्छी तरह साफ़ करें।
- रेडियेटर की ट्यूबों को साफ़ करें।
- पहियों में हवा का दबाव चैक करें।
प्रश्न 3.
तवियों की सम्भाल कैसे की जाती है ?
उत्तर-
तवियों की सम्भाल के लिये निम्नलिखित कार्य करें—
- तवियों को हर दो तीन सप्ताह पश्चात् ट्रैक्टर में से निकाला हुआ ट्रेंड मोबिल आयल किसी कपड़े के टुकड़े से लगाते रहना चाहिए। इस प्रकार तवियों को जंग लगने से बचाया जा सकता है।
- तवियों के फ्रेम को दो तीन वर्ष बाद रंग कर देना चाहिए।
- हर 4 घण्टे के पश्चात् मशीन को ग्रीस दे देनी चाहिए।
- बुशों आदि पर तेल देते रहना चाहिए।
- यदि मशीन बहुत देर तक न प्रयोग की जाये, तो इसके अन्दर ग्रीस जम सकती है तथा इस प्रकार तवियां घूमेंगी नहीं। इसलिए इनको खोल कर सोडे वाले पानी के साथ ओवरहाल करें तथा इसके सभी पुों को खोलकर साफ़ करके फिट करें।
प्रश्न 4.
ट्रैक्टर से 120 घण्टे काम लेने के बाद क्या करोगे ?
उत्तर-
120 घण्टे वाली देखभाल शुरू करने से पहले इससे कम घण्टे काम लेने के बाद वाली कार्यवाही कर लेनी चाहिये तथा 120 घण्टे के बाद निम्नलिखित कार्य करें
- गेयर बॉक्स के तेल की सतह को चैक करें तथा ठीक करें।
- कनैक्शन ठीक रखने के लिये बैटरी टर्मिनल तथा तारें साफ़ करें।
- बैटरी के पानी की सतह चैक करें। प्लेटों पर पानी का लैवल 9 इंच ऊपर होना चाहिए। यदि पानी कम हो तो और पानी डाल दें।
प्रश्न 5.
ट्रैक्टर से 1000 घण्टे तथा 4000 घण्टे काम लेने के बाद की गई कार्यवाही के बारे में लिखें।
उत्तर-
1000 घण्टे वाली देखभाल शुरू करने से पहले कम समय वाली देखभाल करने के बाद निम्नलिखित कार्य करें
- गियर बॉक्स का तेल बदल देना चाहिए।
- ब्रेकों के पटे, पिस्टन तथा रिंग की घिसावट को चैक करके आवश्यकता अनुसार मरम्मत करनी चाहिये या बदल देने चाहिये।
- किसी अच्छे ट्रैक्टर मकैनिक से ट्रैक्टर को चैक करवाएं।
- ट्रैक्टर से 4000 घण्टे काम लेने के बाद पूरे ट्रैक्टर को किसी अच्छी वर्कशाप में से ओवरहाल करवाना चाहिए।
प्रश्न 6.
बिजली की मोटर के लिये ध्यान रखने योग्य बातें कौन-सी हैं ?
उत्तर-
- मोटर की बॉडी पर हाथ रखें तथा देखें कि यह गर्म तो नहीं होती, देखें कोई बदबू आदि तो नहीं आती।
- मोटर पर ज्यादा भार नहीं पड़ा होना चाहिए। इसका पता करंट मीटर से लग जाता है, जोकि कई स्टारटरों के साथ लगा होता है। यदि आवश्यकता से अधिक करंट जाता हो तो यह ओवरलोडिंग की निशानी है। इसलिए भार घटाएं।
- यदि तीनों फेज़ पूरे नहीं आ रहे तो मोटर को तुरन्त बन्द कर देना चाहिए।
- फ्यूज़ उड़ जाने के कारण मोटर सिंगल फेज़ पर न चलती हो तथा बिजली पूरी आनी चाहिये।
- जिन छेदों में से हवा जाती है, वह गन्दगी या धूल से बन्द हो गये हों या बन्द हों तो मोटर गर्म हो जायेगी।
- यदि बाहर से आपको कोई नुक्स नज़र नहीं आता तो नुक्स मोटर के अन्दर है। बिजली के कारीगर को मोटर दिखाएं। वह सभी कुवाइलों की जांच करेगा।
प्रश्न 7.
ट्रैक्टर के पहियों की देखभाल कैसे की जाती है ?
उत्तर-
- पहियों की लम्बी आयु के लिये इनमें हवा का दबाव ट्रैक्टर के साथ मिली हुई पुस्तक में बताए के अनुसार रखें। आगे के पहियों में 24-26 पौंड तथा पीछे के पहियों में 12–18 पौंड हवा होनी चाहिए।
पहियों को मोबिल आयल तथा ग्रीस बिल्कुल न लगने दें। यदि लग जाये तो डीज़ल से कपड़ा भिगो कर उनको साफ़ कर दें। - पत्थरों तथा पौंधों की जड़ों पर ट्रैक्टर चलाने से पहिये जल्दी घिस जाते हैं।
- पहिये क्रैक हो जायें तो समय पर मुरम्मत करवा लें।
- ध्यान रखें कि पहिये एक सार घिसावट या भार सहन करें।
प्रश्न 8.
बिजली की मोटर की देखभाल के बारे में मुख्य बातें क्या हैं ?
उत्तर-
- मोटर के स्टारटर तथा स्विच को कई जगहों से अर्थ तार के साथ जोड़ना चाहिए, ताकि यदि कोई खराबी पड़े तो बिजली ज़मीन में चली जाये तथा फयूज वगैरा उड़ जाएं तथा झटके से बचा जाये।
- यदि स्टारटर बार-बार ट्रिप करता हो तो कोई जबरदस्ती न करें तथा नुक्स ढूंढ़े या इलैक्ट्रीशियन से मोटर चैक करवाएं।
- मोटर पर भार उसके हार्स पावर अनुसार ही डालें।
- यदि बेरिंग आवाज़ करते हों या ज्यादा ढीले हों, तो उनको तुरन्त बदल दें।
- कभी-कभी मोटर, स्विच तथा स्टारटर के सभी कनैक्शन की जांच करते रहें।
- वर्ष में दो बार मोटर को ग्रीस देनी चाहिये।
- ध्यान रखें कि मोटर की बैल्ट बहुत कसी न हो क्योंकि कसी हुई बैल्ट मोटर के बेरिंग को काट देती है।
- यदि मोटर बहुत कांपती हो तो बेरिंग घिसे हुए हो सकते हैं या फाउंडेशन बोल्ट ढीले हो सकते हैं। खराबी ढूंढे तथा ठीक करें।
- कभी-कभी मोटर को हाथ से घुमाकर चैक करें कि रोटर अन्दर से कहीं लगता तो नहीं या कोई बेरिंग जाम तो नहीं।
- मोटर से गन्दगी तथा धूल वगैरा साइकिल वाले पम्प या अन्य हवा के प्रैशर से दूर करें।
- कभी-कभी मोटर की इन्सुलेशन रजिस्टेंस चैक करवाते रहना चाहिये। यदि तीन फेज़ों वाली मोटर का चक्कर बदलना हो तो किसी भी दो फेज़ों को आपस में बदल दें, चक्कर बदल जाएगा।
प्रश्न 9.
सीड ड्रिल मशीन की सम्भाल कैसे की जा सकती है ?
उत्तर-
सीड ड्रिल मशीन की सम्भाल के लिये कुछ बातें निम्नलिखित हैं—
- प्रत्येक चार घण्टे मशीन चलने के पश्चात् किनारों तथा बुशों में तेल या ग्रीस देनी चाहिये। यदि बाल फिट हों तो तीन या चार दिन पश्चात् ग्रीस दी जा सकती है।
- बीजाई समाप्त होने के पश्चात् रबड़ पाइपों को साफ़ करके रखें।
- मशीन को कभी-कभी रंग करवा लेना चाहिये, इस प्रकार मौसम का प्रभाव इस पर कम हो जायेगा। इसको आंगन या शैड में रखना चाहिए।
- मशीन को धूप तथा बरसात में न रखें, क्योंकि इस प्रकार रबड़ की पाइपें तथा गरारियां खराब हो जाती हैं। यदि पाइपें पिचक जायें तो उनको उबलते पानी में एक मिनट के लिये डालें तथा कोई सरीया या छड़ी पानी में घुमा कर पिचक निकाल दें।
- बीजाई समाप्त होने के पश्चात् इसके खोलने वाले पुों को खोलकर, सोडे के पानी से धो दें, अच्छी तरह सुखा कर तथा ग्रीस वगैरा लगाकर, किसी स्टोर में रख देना चाहिए।
प्रश्न 10.
स्प्रे पम्पों की सम्भाल के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
स्प्रे पम्प की सम्भाल के लिये कुछ बातें निम्नलिखित हैं—
- स्प्रे पम्प को प्रयोग से पहले तथा बाद में साफ़ पानी से अच्छी तरह धो लेना चाहिए।
- कभी-भी बिना पौनी से टैंकी में घोल न डालें।
- स्प्रे पम्प का प्रयोग करने के बाद कभी भी स्प्रे पम्प में रात भर दवाई नहीं पड़ी रहनी चाहिये।
- हमेशा प्रयोग से पहले स्प्रे पम्प के फिल्टरों को अच्छी तरह साफ़ कर लेना चाहिये। हो सकता है कि पम्प के पड़े रहने के कारण इसमें मिट्टी की धूल जम चुकी हो इसलिये इस कारण बाद में यह पूरा दबाव नहीं डाल सकेगा।
- स्प्रे पम्प बनाने वालों के निर्देशों अनुसार पम्प के चलने वाले सभी पुों को तेल या ग्रीस देनी चाहिये। हो सकता है कि इसके पड़े रहने के कारण इसमें मिट्टी की धूल जम चुकी हो, जिस कारण बाद में पूरा दबाव नहीं डाल सके।
- यदि पम्प लीक करता हो तो उसमें लगी सभी पेकिंग तथा वाशलों की जांच करने के पश्चात् घिसी या गली हुई पेकिंग तथा वाशलों को बदल दें।
- जब पम्प को लम्बे समय के लिये रखना हो इसके प्रत्येक पों को खोलकर उसकी ओवरहालिंग कर देनी चाहिए तथा खराब पुों को बदल देना चाहिए। मशीन को रंग कर रख दें।
प्रश्न 11.
ट्रैक्टर की सम्भाल के लिये कितने-कितने समय के बाद सर्विस करवानी चाहिये ? इस पर दस घण्टे काम लेने के पश्चात् सर्विस करवाते समय कौन-सी बातों का ध्यान रखेंगे ?
उत्तर-
ट्रैक्टर की सम्भाल के लिये 10 घण्टे काम लेने के बाद, 60 घण्टे बाद, 120 घण्टे बाद 1000 घण्टे बाद तथा 4000 घण्टे बाद सर्विस करनी चाहिये।
- प्रे ट्रैक्टर को अच्छी तरह किसी कपड़े से साफ़ करें।
- एयर क्लीनर के कप तथा ऐलिमेंट को साफ़ करें।
- ट्रैक्टर की टैंकी हमेशा भरी होनी चाहिये ताकि सारे सिस्टम में कमी न आ जाये।
- रेडियेटर को ओवरफलों पाइप तक शुद्ध पानी के साथ भरकर रखें।
- फ्रेक केस का तेल चैक करें, यदि कम हो तो और डालें।
- यदि कोई लीकेज हो, उसको भी ठीक करें।
- यदि कोई और नुक्स पड़ जाए, तो उसको ठीक करें।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
ठीक/गलत
- कृषि मशीनें प्राथमिक रूप से तीन प्रकार की होती हैं।
- ट्रैक्टर को स्टोर करते समय हमेशा न्यूट्रल गियर में खड़ा करना चाहिए।
- ट्रैक्टर को कृषि मशीनरी का प्रधान कहा जाता है।
उत्तर-
- ✓
- ✓
- ✓
बहुविकल्पीय
प्रश्न 1.
ट्रैक्टर की सहायता से चलने वाली मशीनें हैं—
(क) कल्टीवेटर
(ख) तवियां
(ग) सीड ड्रिल
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक
प्रश्न 2.
ट्रैक्टर की ओवरहालिंग कब की जाती है ?
(क) 2000 घण्टे काम करने के बाद
(ख) 4000 घण्टे काम करने के बाद
(ग) 8000 घण्टे काम करने के बाद
(घ) कभी नहीं।
उत्तर-
(ख) 4000 घण्टे काम करने के बाद
प्रश्न 3.
तवियों के फ्रेम को कितने समय के बाद दोबारा रंग किया जाता है ?
(क) 2-3 वर्ष बाद
(ख) 6 वर्ष बाद
(ग) 1 वर्ष बाद
(घ) 10 वर्ष बाद।
उत्तर-
(क) 2-3 वर्ष बाद
रिक्त स्थान भरें
- डिस्क हैरों का प्राथमिक …………….. के लिए प्रयोग होता है।
- कम्बाइन को ……….. के कारण जंग लगता है।
- ……………. को कृषि मशीनरी का प्रधान माना जाता है।
उत्तर-
- जुताई,
- नमी,
- ट्रैक्टर
कृषि संयंत्र एवम् उनकी देखभाल PSEB 8th Class Agriculture Notes
- भूमि के बाद किसान की सबसे अधिक पूंजी कृषि से सम्बन्धित मशीनरी (संयंत्रों) में लगी रहती है।
- मशीन की अच्छी तरह देखभाल की जाए तो मशीन की आयु में वृद्धि की जा सकती है।
- कृषि मशीनें मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं।
- चलाने वाली मशीनें संयंत्र हैं-ट्रैक्टर, ईंजन, मोटर आदि।
- कृषि उपकरण; जैसे-कल्टीवेटर, तवियां, बीज खाद ड्रिल, हैपी सीडर आदि।
- स्व:चालित मशीनें हैं-कम्बाइन, हार्वेस्टर, धान का ट्रांसप्लांटर आदि।
- ट्रैक्टर को कृषि मशीनरी का प्रधान कहा जाता है।
- ट्रैक्टर की सर्विस 10 घण्टे, 50 घण्टे, 125 घण्टे, 250 घण्टे, 500 घण्टे तथा 1000 घण्टे बाद करनी आवश्यक है।
- ट्रैक्टर को 4000 घण्टे काम लेने के बाद किसी अच्छी वर्कशाप में ओवरहाल करवा लेना चाहिए।
- जब ट्रैक्टर की लम्बे समय तक आवश्यकता न हो तो ट्रैक्टर को संभाल कर रख देना चाहिए।
- कम्बाइन हार्वेस्टर की संभाल भी ट्रैक्टर के जैसे ही की जाती है।
- कल्टीवेटर, तवियां तथा सीज ड्रिल आदि ट्रैक्टर की सहायता से चलने वाली मशीनें