Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 6 राष्ट्र के गौरव प्रतीक Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 6 राष्ट्र के गौरव प्रतीक (2nd Language)
Hindi Guide for Class 8 PSEB राष्ट्र के गौरव प्रतीक Textbook Questions and Answers
राष्ट्र के गौरव प्रतीक अभ्यास
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिन्दी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :
(क) राष्ट्रीय प्रतीक किसे कहते हैं?
उत्तर :
प्रत्येक राष्ट्र अपने आत्म सम्मान, एकता, गौरव एवं स्वाभिमान के लिए जो प्रतीक निश्चित करता है उसे राष्ट्रीय प्रतीक कहते हैं।
(ख) हमारे देश के झंडे को क्या कहते हैं?
उत्तर :
हमारा देश भारत है और इसके झंडे को तिरंगा कहते हैं।
(ग) राष्ट्रीय गान के रचयिता का नाम लिखें।
उत्तर :
राष्ट्रीय गान के रचयिता रवीन्द्रनाथ टैगोर हैं।
(घ) राष्ट्रीय गीत कौन-सा है?
उत्तर :
हमारा राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् है।
(ङ) राष्ट्रीय चिह्न कौन-सा है?
उत्तर :
हमारा राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तम्भ है, जिसके शीर्ष पर चार सिंह बने हैं जो कि शक्ति, साहस एवं आत्मविश्वास के सूचक हैं।
(च) राष्ट्रीय फल आम किस लिए मशहूर है?
उत्तर :
राष्ट्रीय फल आम अपने स्वाद एवं आत्मविश्वास के सूचक हैं।
(छ) गंगा नदी की क्या विशेषता है?
उत्तर :
गंगा नदी भारत की एक पवित्र नदी है। हिंदुओं की आस्था इससे जुड़ी हुई है। इस नदी में स्नान करना हिंदू अपने लिए बहुत बड़ा पुण्य समझते हैं।
(ज) भारत सरकार ने किस पशु और पक्षी के शिकार पर रोक लगायी हुई है? और क्यों?
उत्तर :
भारत सरकार ने राष्ट्रीय पशु बाघ और राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार पर रोक लगाई हुई है क्योंकि इनकी संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। इसे न रोका गया तो कहीं ये जातियाँ लुप्त न हो जाएँ।
(झ) हॉकी को राष्ट्रीय खेल के रूप में क्यों स्वीकार किया गया है?
उत्तर :
हॉकी के खेल में खिलाड़ियों ने सन् 1928 से लेकर सन् 1956 तक भारत को छः ओलम्पिक स्वर्ण पदक दिलवाए। इस बीच उन्होंने इस बीच उन्होंने चौबीस मैच खेले और सभी के सभी जीते, इसलिए हॉकी को हमारा राष्ट्रीय खेल निश्चय किया गया।
(ञ) बरगद का वृक्ष हमें क्या संदेश देता है?
उत्तर :
बरगद का पेड़ हमें अपनी संस्कृति एवं विरासत से जुड़े रहने का संदेश देता है।
4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:
(क) राष्ट्रीय झंडे के बारे में आप क्या जानते हो?
उत्तर :
हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में सबसे ऊपर भगवा रंग, फिर सफेद रंग तथा सबसे नीचे हरे रंग की पटियाँ हैं। सफेद पट्टी के बीच में सम्राट अशोक के सारनाथ स्तंभ पर अंकित चक्र को स्थान दिया गया है। भगवा रंग त्याग और साहस का, सफेद रंग शांति और सत्य का तथा हरा रंग हरी-भरी फ़सलों और खुशहाली का प्रतीक है। सफेद पट्टी के बीच में अंकित चक्र हमारी गतिशीलता तथा प्रगति के पथ पर निरंतर बढ़ने के संकल्प का प्रतीक है। ध्वज की लंबाई और चौड़ाई में 3 और 2 का अनुपात होता है। स्वाधीनता के बाद झण्डे में चरखे के बाद चक्र लिया गया।
(ख) राष्ट्रीय चिह्न का प्रयोग कहाँ-कहाँ पर होता है? पता करके लिखें।
उत्तर :
भारत का राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तम्भ है। यह भारत सरकार के अधिकारिक लेटरहेड का भाग है। यह राष्ट्रपति और राज्यपालों की सरकारी मोहर है। यह सभी भारतीय मुद्राओं पर अंकित होता है। यह भारत गणराज्य के राजनयिक, पासपोर्ट, पहचान पत्र आदि पर भी छपा होता है। देश की रक्षा करने वाले वीर जवान और पुलिस वाले इसे अपनी टोपी पर लगाते हैं। यह राष्ट्रीय चिह्न स्वतंत्र भारत की पहचान तथा सम्प्रभुता का प्रतीक है।
5. नये शब्द बनायें:
- राष्ट्र + ईय = …………………….
- भारत + ईय = …………………….
- मानव + ईय = …………………….
- सम्पादक + ईय = …………………….
- सराहना + ईय = …………………….
- देश + ईय = …………………….
उत्तर :
- राष्ट्रीय
- भारतीय
- मानवीय
- सम्पादकीय
- सराहनीय
- देशीय।
6. पाठ में आये सभी चिन/प्रतीकों के चित्र इकट्ठे करें और उन्हें अपनी कॉपी पर चिपका कर प्रत्येक चिह्न पर पाँच-पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर :
पाठ में आए सभी चिह्नों का परिचय निम्न प्रकार से है –
राष्ट्र ध्वज-
- भारत के राष्ट्र ध्वज में तीन रंग हैं, इस लिए इसे तिरंगा कहा जाता है।
- इसे सभी पर्यों और विशेष अवसरों पर फहराया जाता है।
- राष्ट्र ध्वज की लंबाई चौड़ाई 3 अनुपात 2 है।
- सफेद पट्टी में बना नीला चक्र अशोक स्तम्भ से लिया गया है।
- राष्ट्र ध्वज के तीनों रंग ध्वज में समान अनुपात में हैं।
राष्ट्रगान-
- राष्ट्रगान के रचयिता रवीन्द्रनाथ टैगोर हैं।
- राष्ट्रगान की रचना 27 दिसम्बर, सन् 1911 में हुई थी।
- राष्ट्रगान को 24 जनवरी, सन् 1950 में स्वीकार कर लिया गया।
- राष्ट्रगान को गाते समय सावधान की दशा में खड़ा होना होता है।
- राष्ट्रगान गाने का अधिकतम समय 52 सैकण्ड है।
राष्ट्रगान :
जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत-भाग्य विधाता।
पंजाब-सिंध-गुजरात-मराठा
द्राविड़ उत्कल बंग,
विंध्य-हिमाचल-यमुना-गंगा
उच्छल-जलधि-तरंग।
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मांगे,
गाहे तव जय गाथा।
जन-गण-मंगलदायक जय हे,
भारत-भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे॥ – रवीन्द्रनाथ टैगोर
राष्ट्रगीत-
- ‘वन्दे मातरम्’ हामारा राष्ट्रीय गीत है।
- सन् 1886 में इसे पहली बार गाया गया था।
- इसके रचनाकार बंकिमचन्द्र चटर्जी हैं।
- ‘वंदे मातरम्’ गीत की रचना सन् 1875 में हुई थी।
- इस गीत की पहली सात पंक्तियों को ही राष्ट्रीय के रूप में स्वीकार किया गया है।
राष्ट्रगीत :
वन्दे मातरम् !
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज-शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम् !
शुभ्रज्योत्सना, पुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्
सुखदाम्, वरदाम्, मातरम् ! – बंकिमचन्द्र चटर्जी
राष्ट्रीय चिह्न-
- आशोक स्तम्भ हमारा राष्ट्रीय चिह्न है।
- यह सम्राट अशोक द्वारा बनवाए गए 70 फुट ऊँचे सिंह स्तम्भ के ऊपरी भाग का नमूना है।
- सामने से इसके तीन सिंह दिखाई देते हैं चौथा सिंह पीछे ओर में छिपा है।
- इसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है।
- यह भारत सरकार के आधिकारिक लेटरहेड का भाग है।
राष्ट्रीय मुद्रा-
- ‘१’ हमारी राष्ट्रीय मुद्रा है।
- इसे 15 जुलाई, सन् 2010 को आधिकारिक रूप में मान्य किया गया।
- इसे तैयार करने का श्रेय आई०आई०टी० गुवाहटी के प्रोफैसर डी० उदय कुमार को जाता है।
- इसमें देवनागरी लिपि के र और रोमन लिपि के आर दोनों की छवि मिलती है।
- इसमें R बिना डंडे के है।
राष्ट्रपिता-
- हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी हैं।
- इनका जन्म 2 अक्तूबर, सन् 1869 को गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था।
- इन्हें बापू कहकर भी पुकारा जाता है।
- इनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।
- इन्होंने सत्याग्रह, भारत छोड़ो आदि आंदोलन चलाकर अंग्रेजी शासन की नींव उखाड़ दी।
राष्ट्रीय खेल-
- हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है।
- इसने सन् 1928 से लेकर सन् 1956 तक भारत को छहः ओलम्पिक स्वर्ण पदक दिलवाए।
- ध्यानचंद राष्ट्रीय खेल हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे।
- छ: ओलम्पिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्होंने चौबिस मैच खेले और सभी के सभी जीते। इसलिए इसे हमारा राष्ट्रीय खेल हॉकी निश्चित किया गया।
- हॉकी के खेल में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं।
राष्ट्रीय पक्षी-
- मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है।
- 31 जनवरी, सन् 1963 को मोर की राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया था।
- मोर साँप तथा कीड़े-मकोड़ों को खा जाता है।
- मोर का शिकार करना दंडनीय अपराध है।
- यह अपनी सुंदरता के लिए विदेशों में भी चर्चित है।
राष्ट्रीय पशु-
- बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है।
- बाघ का शिकार करना दंडनीय अपराध है।
- यह वीरता, दृढ़ता एवं साहस का प्रतीक है।
- इसकी दहाड़ बड़ी डरावनी है।
- अपनी चुस्ती एवं फुर्ती के लिए यह जग प्रसिद्ध है।
राष्ट्रीय पशु बाघ (पैन्थर)
राष्ट्रीय वृक्ष-
- भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद है।
- यह वृक्ष हमें अपनी संस्कृति एवं विरासत से जुड़े रहने का संदेश देता है।
- यह हमें एक होकर रहने का संदेश देता है।
- इसकी टहनियाँ लिपटकर तने को मजबूती देती हैं।
- यह हमें सभी को साथ लेकर चलने को कहता है।
राष्ट्रीय कैलेंडर-
- शक संवत् भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर है।
- इसे 22 मार्च, सन् 1957 को अपनाया गया था।
- शक सम्वत् कैलेंडर में 365 दिन एक वर्ष में तथा 12 देसी महीने चैत्र से फाल्गुन तक होते हैं।
- इस कैलेंडर का ग्रेगोरियन कैलेंडर से सटीक मिलान किया होता है।
- इससे पहले भारत में ईसा सम्वत् कैलेंडर का उपयोग होता था।
राष्ट्रीय पुष्प-
- भारत का राष्ट्रीय पुष्प कमल है।
- इस के पत्ते चौड़े तथा पंखुड़ियाँ चमकदार होती हैं।
- इसका जन्म पानी में होता है।
- अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है जो कीचड़ में खिलता है।
- यह सफेद, गुलाबी तथा नीले रंग का होता है।
राष्ट्रीय नदी-
- गंगा हमारी राष्ट्रीय नदी है।
- हिन्दू इसमें स्नान करना अपना सौभाग्य समझते हैं।
- वे इसे पापों का नाश करने वाली पवित्र-पावन नदी मानते हैं।
- भारत के लोग गंगा नदी को माँ कहकर पुकारते हैं।
- यह अपनी निर्मलता एवं पवित्रता के लिए प्रसिद्ध है।
राष्ट्रीय फल-
- आम भारत का राष्ट्रीय फल है।
- इसके अनेक रूप भारत में पाए जाते हैं।
- यह अपनी मिठास एवं स्वाद के लिए जग ज़ाहिर है।
- आम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।
- दशहरी आम खाने में सबसे अच्छा माना जाता है।
7. राष्ट्रीय-गान, राष्ट्रीय-गीत, जुबानी याद करें।
उत्तर :
राष्ट्रीय गान
जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत-भाग्य विधाता
पंजाब-सिंध-गुजरात-मराठा
द्राविड़ उत्कल बंग
विन्धय-हिमाचल-यमुना गंगा
उच्छल जलधि-तरंग
तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशिष माँगे
गाहे तव जय गाथा
जन-गण-मंगलदायक जय हे
भारत-भाग्य विधाता
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे।
राष्ट्रीय गीत
वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्य श्यामलां मातरम्
शुभ्र ज्योत्स्न पुलकित यामिनीम्
फुल्ल कुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनी सुमधुर भाषिनीम
सुखदां वरदां मातरम्
वन्दे मातरम्
ऊपर लिखित राष्ट्रीय गान एवं राष्ट्रीय गीत को विद्यार्थी स्वयं जुबानी याद करें।
8. राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत को सुलेख के रूप में चार्ट पर लिखकर कक्षा की दीवार पर लटकायें।
उत्तर :
पहले लिखे हुए प्रश्न की सहायता से विद्यार्थी स्वयं करें।
राष्ट्र के गौरव प्रतीक Summary in Hindi
राष्ट्र के गौरव प्रतीक पाठ का सार
प्रस्तुत पाठ ‘राष्ट्र के गौरव प्रतीक’ सुधा जैन ‘सुदीप’ द्वारा लिखा एक श्रेष्ठ निबंध है। इसमें उन्होंने हमारे राष्ट्र ध्वज, राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय गीत, राष्ट्र चिह्न, राष्ट्रीय मुद्रा, राष्ट्र पिता, राष्ट्र पशु, राष्ट्र पक्षी, राष्ट्र पुष्प, राष्ट्र फल, राष्ट्रीय नदी, राष्ट्रीय खेल, राष्ट्रीय वृक्ष आदि पर प्रकाश डाला है। इसमें उन्होंने इनके विकास के विभिन्न चरणों पर रोचक ढंग से रोशनी डाली है।
अध्यापक ने कक्षा में सभी छात्रों को बताया कि आज वह उन सभी को विद्यालय के प्रांगण में लगी राष्ट्र-गौरव की प्रदर्शनी दिखाएंगे और उस के बारे में बताएंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्वतन्त्र देश अपनी अलग पहचान स्थापित करने के लिए अपने कुछ प्रतीक निश्चित करता है। ये प्रतीक उसकी सभ्यता, संस्कृति, आदर्शों तथा गौरवमयी परम्पराओं को प्रकट करते हैं। इन्हें ही राष्ट्र प्रतीक कहा जाता है।
राष्ट्रीय झण्डा किसी भी देश की स्वतन्त्रता, एकता, प्रभुसत्ता और उसके अस्तित्व का प्रतीक होता है। इससे राष्ट्र का गौरव झलकता है। इसके सम्मान में ही प्रत्येक नागरिक का सम्मान छिपा है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग की पट्टियां हैं इसलिए इसे तिरंगा भी कहते हैं। इसे सभी राष्ट्रीय पर्यों और विशेष अवसरों पर सरकारी कार्यालयों के मुख्य भवनों, स्कूल, महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालयों पर इसे लहराया ही जाता है लेकिन 23 जनवरी, सन् 2004 से संविधान ने भारत के सभी नागरिकों को उनके घर, पार्क आदि में इसे फहराने का अधिकार दे दिया है।
प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतन्त्रता दिवस के शुभ अवसर पर भारत के प्रधानमन्त्री इसे लालकिले पर तथा 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस पर राष्ट्रपति इसे राज पथ पर फहराते हैं। ‘जन-गण-मन’ हमारा राष्ट्रीय गान है जिसे प्रसिद्ध कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था। इन्होंने 27 दिसम्बर, सन् 1911 में इसकी रचना की थी और 24 जनवरी, सन् 1950 को इसे राष्ट्र गान के रूप में स्वीकार किया गया। इसे गाने का अधिकतम समय 52 सैकण्ड निर्धारित किया गया है। ‘वन्दे मातरम्’ हमारा राष्ट्रीय गीत है। इसकी रचना सन् 1874 में प्रसिद्ध उपन्यासकार श्री बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने की थी।
यह गीत बांग्ला-संस्कृत भाषा को मिलाकर 26 पंक्तियों में लिखा गया है। किन्तु इसकी पहली सात पंक्तियाँ ही राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार की गई हैं। हमारा राष्ट्रीय चिह्न अशोक-स्तम्भ है। यह स्तम्भ सारनाथ (वाराणसी) में सम्राट अशोक के द्वारा बनवाए गए 70 फुट ऊंचे स्तम्भ के ऊपरी भाग का एक नमूना है। इसके शीर्ष पर चार सिंह बने हैं जो शक्ति, साहस एवं आत्मविश्वास के सूचक हैं। स्तम्भ के नीचे अशोक का धर्म चक्र है जो हमारे तिरंगे में भी है।
इसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है जिसका अर्थ है- सत्य की सदैव जीत होती है। राष्ट्रीय चिह्न राष्ट्रपति और राज्यपालों की सरकारी मोहर है। यह पासपोर्ट पर भी छपा रहता है।” हमारी राष्ट्रीय मुद्रा है। इसे 15 जुलाई, सन् 2010 को आधिकारिक रूप में मान्य किया गया।
इसे तैयार करने का श्रेय आई०आई०टी० गुवाहाटी के प्रोफेसर डी० उदय कुमार को जाता है। इसमें देवनागरी लिपि के ‘र’ और रोमन लिपि के ‘आर’ दोनों की छवि मिलती है। महात्मा गांधी की तस्वीर की ओर संकेत करते हुए अध्यापक ने बच्चों को बताया है कि ये हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हैं। इन्हें लोग प्यार से बापू भी कहते हैं। इन्होंने अंग्रेजी शासन की नींव उखाड़ कर भारत को आजादी दिलाई और नए भारत का निर्माण किया।
इनका जन्म 2 अक्तूबर, सन् 1869 को गुजरात के पोरबन्दर शहर में हुआ था। इनके जन्म दिवस 2 अक्तूबर को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। हमारा राष्ट्रीय फल आम है। गंगा हमारी राष्ट्रीय नदी है तथा कमल हमारा राष्ट्रीय फूल है। ये सभी क्रमशः अपने स्वाद, मिठास, निर्मलता, पवित्रता एवं सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध हैं। मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है जो अपनी सुन्दरता के लिए न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी चर्चित है।
बाघ की ओर इशारा करते हुए अध्यापक बताता है कि बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। यह साहस एवं दृढ़ता का प्रतीक है। भारत सरकार ने मोर और दोनों को मारने और पकड़ने पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है। हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है। हॉकी में भारत को सन् 1928 से लेकर 1956 तक छ: ओलम्पिक स्वर्ण पदक मिले हैं। शक सम्वत् हमारा राष्ट्रीय कैलण्डर है। जिसे 22 मार्च, सन् 1957 को अपनाया गया था।
इससे पहले भारत में ईसा सम्वत् कैलेंडर का उपयोग होता था। बरगद हमारा राष्ट्रीय वृक्ष है। यह वृक्ष हमें अपनी संस्कृति एवं विरासत से जुड़े रहने का सन्देश देता है। हम सभी भारतीय नागरिकों का यह परम कर्तव्य बनता है कि हम अपने राष्ट्रीय प्रतीकों की रक्षा एवं सम्मान के लिए सदैव तत्पर रहें।
राष्ट्र के गौरव प्रतीक कठिन शब्दों के अर्थ
- प्रांगण = आंगन।
- स्वतन्त्रता = आज़ादी।
- रचयिता = रचनाकार।
- पग = पाँव।
- ध्वज = झण्डा।
- शीर्ष = चोटी।
- सिंह = शेर।
- सार्वजनिक = जहाँ सभी जा सकें।
- ओर = तरफ।
- संरक्षक = रक्षा करने वाला।
- सरपट = तेज़।
- सत्यमेव जयते = सत्य की हमेशा जीत होती है।
- अंकित = छपा हुआ।
- संप्रभुता = प्रभुसत्ता सम्पन्न।
- डिजाइन = रूपरेखा।
- छवि = रूप।
- बहिष्कार = त्यागना, छोड़ना।
- स्वाधीनता = आजादी।
- मशहूर = प्रसिद्ध।
- उत्सुक = बेचैन।
- धीरज = धैर्य।
- चर्चित = विख्यात।
- बाघ = चीता।
- प्रतिबन्ध = रोक।
- बरगद = वृक्ष का नाम।
- विरासत = पूर्वजों से मिला हुआ।
- चैत = हिन्दी महीना शक संवत् का।
- अनुसरण = पीछे चलना या कहे पर चलना।
- तत्पर = तैयार। अनोखा = अद्भुत।
राष्ट्र के गौरव प्रतीक गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या
1. चौथा सिंह ओट में हैं। इनके ठीक नीचे सम्राट अशोक का वही धर्म चक्र है जो तिरंगे में भी है। चक्र के साथ चारों दिशाओं के संरक्षक के रूप में : पूर्व दिशा में हाथी, पश्चिम दिशा में बैल, उत्तर दिशा में सिंह और दक्षिण देश में सरपट दौड़ता घोड़ा चिह्नित है। इन्हीं के बीच एक कमल का फूल बना है। इसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ आदर्श वाक्य लिखा है। जिसका अर्थ है- सत्य की हमेशा जीत होती है।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित निबन्ध ‘राष्ट्र के गौरव प्रतीक’ से लिया गया है, जिसकी लेखिका सुधा जैन ‘सुदीप’ हैं। लेखिका ने अपने इस निबन्ध में राष्ट्र के प्रतीकों के बारे में हमें अवगत कराया है। यहाँ लेखिका ने अशोक स्तम्भ का उल्लेख किया है।
व्याख्या-लेखिका भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तम्भ का उल्लेख करते हुए कहती है कि इसे सारनाथ के स्तम्भ से लिया गया था। इसमें चार शेर हैं। तीन शेर हमें दिखाई देते हैं और चौथा शेर ओट में छिपा होने के कारण हमें दिखाई नहीं देता। इन शेरों के नीचे धर्मचक्र है जो हमारे तिरंगे में भी है। चक्र के साथ-साथ चारों दिशाओं की रक्षा हेतु चार पशु बने हैं। पूर्व दिशा में हाथी, पश्चिम दिशा में बैल, उत्तर दिशा में सिंह तथा दक्षिण दिशा में तेज़ दौड़ने वाला घोड़ा है जो प्रतीक रूप में बने हैं। इन्हीं संरक्षक पशुओं के बीच एक कमल का फूल बना है जिसके नीचे लिखा है ‘सत्यमेव जयते’ इसका अर्थ है सत्य की हमेशा जीत होती है।
विशेष-
- लेखिका ने राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तम्भ का परिचय कराया है।
- भाषा प्रवाहमयी है।
2. यह हमारा राष्ट्रीय कैलेण्डर : शक सम्वत् है। जिसे 22 मार्च 1957 को अपनाया गया था। इससे पहले भारत में ईसा सम्वत् कैलेण्डर का उपयोग होता था। शक सम्वत् कैलेण्डर में एक वर्ष में 365 दिन और 12 देसी महीने चैत्र से फाल्गुन तक होते हैं। चैत्र की प्रथम तिथि यानि देसी वर्ष का आरम्भ सामान्य वर्ष में 22 मार्च और लीप वर्ष में 21 मार्च को होता है। इस कैलेण्डर का ग्रेगोरियन कैलेण्डर से सटीक मिलान किया होता है।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित लेख ‘राष्ट्र के गौरव प्रतीक’ से लिया गया है, जिसकी रचयिता सुधा जैन ‘सुदीप’ हैं। लेखिका ने इस पाठ में राष्ट्र के प्रतीकों के बारे में बताया है।
व्याख्या-लेखिका कहती है कि अध्यापक बच्चों को समझाते हुए कहते हैं कि हमारा राष्ट्रीय कैलेण्डर शक सम्वत है। इस शक सम्वत कैलेण्डर को भारत ने 22 मार्च सन 1957 को राष्ट्रीय कैलेण्डर के रूप में अपना लिया था। इससे पहले भारत में ईसा सम्वत् कैलेण्डर का प्रयोग किया जाता था। भारत द्वारा अपनाए गए शक संवत् कैलेण्डर में एक साल में 365 दिन तथा बारह देसी महीने होते हैं जिसका प्रारम्भ मास चैत्र तथा अंतिम मास फाल्गुन होता है। चैत्र मास की पहली दिनांक से देसी वर्ष का प्रारम्भ माना जाता है जो आम वर्ष में 22 मार्च को तथा लीप वर्ष में 21 मार्च को शुरू होता है। इस कैलेण्डर का सटीक मिलान ग्रेगोरियन कैलेण्डर से होता है।
विशेष-
- शक संवत् को राष्ट्रीय कैलेण्डर बताया है।
- भाषा शैली सरल तथा सहज है।।
3. महात्मा गांधी ने भारत को जगाया। अपना काम स्वयं करने, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने की राह दिखाई। सत्याग्रह और असहयोग जैसे आन्दोलन चलाकर अंग्रेज़ी शासन की नींव उखाड़ दी। भारत माता को आजादी दिलाई तथा नये राष्ट्र का निर्माण किया। इसलिए हम उन्हें राष्ट्रपिता और बापू कहते हैं। साथ ही तुम्हें बता दूं कि बापू के जन्मदिन (2 अक्तूबर) को गांधी जयंति यानि राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित लेख ‘राष्ट्र के गौरव प्रतीक’ से अवतरित है जिसकी लेखिका सुधा जैन ‘सुदीप’ हैं। लेखिका ने अपने इस लेख में राष्ट्र के प्रतीकों का बड़ा सुन्दर वर्णन किया है।
व्याख्या-लेखिका कहती है कि अध्यापक बच्चों को बताते हैं कि महात्मा गांधी ने भारत को देश की स्वतन्त्रता के लिए गुलामी की गहरी नींद से जगाया था। उन्होंने देशवासियों को अपना काम अपने आप करने तथा विदेशी वस्तुओं को पूर्णत: त्यागने की राह दिखाई थी। इन्होंने देश की आजादी के लिए सत्याग्रह तथा असहयोग आन्दोलन चलाए थे, जिनसे अंग्रेजी शासन की नींव उखड़ गई।
गांधी जी ने अपने भरसक प्रयत्नों से भारत को आजादी दिलाई और एक नए भारत का निर्माण किया। गांधी जी के इन्हीं कामों के कारण उन्हें राष्ट्र-पिता और बापू भी कहते हैं। अध्यापक बच्चों को कहते हुए कहता है कि गांधी जी के जन्मदिन को दो अक्तूबर को गांधी जयंती के रूप में राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाया जाता है।
विशेष-
- लेखिका ने भारत की आज़ादी में महात्मा गाँधी के योगदान का उल्लेख किया है।
- भाषा सरल तथा सहज है।