Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 1 भारत के कोने-कोने से Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 भारत के कोने-कोने से (2nd Language)
Hindi Guide for Class 8 PSEB भारत के कोने-कोने से Textbook Questions and Answers
भारत के कोने-कोने से अभ्यास
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :
उत्तर :
विद्यार्थी अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :
(क) गीत गाने वाले बच्चे कहाँ से आये हैं ?
उत्तर :
गीत गाने वाले बच्चे भारत के कोने – कोने से आए हैं।
(ख) ‘भारत के कोने-कोने से’ कविता में बच्चे क्या संदेश लेकर आये हैं ?
उत्तर :
भारत देश के कोने – कोने से आए बच्चे नई उमंगों और आशाओं का संदेश लेकर आए हैं।
(ग) कविता में ‘गिरि’ और ‘सागर’ का क्या अर्थ है?
उत्तर :
गिरि = पर्वत
सागर = समुद्र
(घ) बच्चे अपने देश के लिए क्या करना चाहते हैं ?
उत्तर :
भारत देश के बच्चे अच्छे और बड़े काम करके भारत के नाम को और अधिक ऊँचा उठाना चाहते हैं।
4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :
(क) ‘नई उमंगों-आशाओं’ से कवि का क्या भाव है?
उत्तर :
नई उमंगों – आशाओं से कवि का भाव है कि जीवन में आगे बढ़ने का संकल्प लेकर अपना तथा देश का नाम ऊँचा करना। आगे आने वाले समय में बड़े – बड़े काम करके राष्ट्र का नाम ऊँचा करना। अपने मन में इस भाव को बनाए रखना कि देश हमारा और हम देश के लिए।
(ख) ‘कल आने वाली दुनिया में
हम कुछ कर दिखलायेंगे,
भारत के ऊँचे माथे को
ऊँचा और उठायेंगे।’
इन काव्य-पंक्तियों की प्रसंग सहित व्याख्या करें।
उत्तर :
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘भारत के कोने – कोने से’ नामक कविता में से लिया गया है। इस कविता के रचयिता डॉ० हरिवंशराय बच्चन जी हैं। कवि ने यहाँ बच्चों के मन में व्याप्त देश भक्ति की भावना और संकल्प को उजागर किया है।
व्याख्या – कवि बच्चों के माध्यम से कहता है कि हम भारतीय बच्चे आगे आने वाले समय में कुछ बड़े काम करके दिखाएँगे। जिस भारत का नाम दुनिया में ऊँचा है उसे हम अपने बड़े कामों से और भी ऊँचा उठाएँगे।
5. भाववाचक संज्ञा बनायें :
- ऊँचा = ऊँचाई
- गहरा = …………………………
- अरुण = …………………………
उत्तर :
- ऊँचा = ऊँचाई
- गहरा = गहराई
- अरुण = अरुणिमा
6. निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद करें:
- भारत : भ् + आ + र् + अ+ त् + अ
- गिरि = …………………………
- राजस्थानी = …………………………
- दुनिया = …………………………
- संदेशा = …………………………
- निर्मल = …………………………
उत्तर :
- भारत : भ् + आ + र् + अ+ त् + अ
- गिरि = ग् + इ + + ई
- राजस्थानी = र् + आ + ज् + अ + स् + थ् + आ + न् + ई
- दुनिया = द् + उ + न् + इ + य् + आ
- संदेशा = स् + अ + म् + द् + ए + श् + आ
- निर्मल = न् + इ + र् + म् + अ + ल् + अ।
7. समान अर्थवाले शब्द लिखें :
- गिरि = पर्वत
- सागर = …………………………
- संदेशा = …………………………
- दुनिया = …………………………
- माथा = …………………………
- किरण = …………………………
- पानी = …………………………
- प्रातः = …………………………
उत्तर :
- गिरि = पर्वत, पहाड़
- माथा = ललाट, मस्तक
- सागर = समुद्र, रत्नाकर
- किरण = अंशु, कर
- संदेशा = समाचार, खबर
- पानी = जल, आब
- पूरब = पूर्व, प्राची
- प्रातः = सवेरा, सुबह
8. बहुवचन रूप लिखें:
- आशा = …………………………
- उमंग = …………………………
- संदेश = …………………………
- ऊँचा = …………………………
- कोना = …………………………
- बच्चा = …………………………
उत्तर :
- आशा = आशाएँ
- ऊँचा = ऊँचे
- उमंग = उमंगें
- कोना = कोने
- संदेश = संदेशे
- बच्चा = बच्चे
9. नीचे दी गई पंक्तियों को पूरा करें:
- हम गिरि की = …………………………
- हम सागर की = …………………………
- हम पश्चिम से आए, लाए = …………………………
- हम लाए हैं गंग-जमुन के = …………………………
उत्तर :
- हम गिरि की ऊँचाई लाए
- हम सागर की गहराई।
- हम पश्चिम से आए, लाए
आग – राग राजस्थानी - हम लाए हैं गंग – जमुन के।
संगम का निर्मल पानी।
10. पूर्व, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण क्षेत्रों में स्थित दो-दो राज्यों के नाम लिखें :
उत्तर :
भारत के कोने-कोने से Summary in Hindi
भारत के कोने-कोने से कविता का सार
‘भारत के कोने – कोने से’ नामक कविता डॉ० हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित देश भक्ति पूर्ण श्रेष्ठ रचना है। इसमें कवि ने बच्चों को कविता में स्थान देकर उनके भावों और क्रिया – कलापों को अनोखे रूप में प्रकट किया है। कवि बच्चों की ओर से कहता है कि हम सब बच्चे भारत के कोने – कोने से आए हैं।
हम अपने साथ आशाओं और उमंगों का संदेश लेकर आए हैं। हम पर्वतों की ऊँचाई और सागरों की गहराई भी लाए हैं, जो हमारे ऊँचे और गहरे विचारों के प्रतीक हैं। हम बच्चे भारत के पश्चिमी दिशा में स्थित प्रदेशों से आए हैं। हम अपने साथ खुशियों के गीत और राजस्थानी जोश लेकर आए हैं।
हम प्रयागराज का पवित्र और स्वच्छ जल भी लेकर आए हैं। हम बच्चे भावी जीवन में बड़े – बड़े काम करके दिखाएँगे जिससे हमारे देश का नाम दुनिया में और भी ऊँचा हो जाएगा। हम बच्चों के भीतर उमंगों और आशाओं का भंडार भरा हुआ है।
भारत के कोने-कोने से काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या
1. भारत के कोने – कोने से हम सब बच्चे आए हैं।
नई उमंगों – आशाओं का हम सन्देशा लाए हैं।
हम गिरि की ऊँचाई लाए,
हम सागर की गहराई,
हम पूरब से आए, लाए
प्रातः – किरण की अरुणाई।
शब्दार्थ :
- उमंग = उत्साह।
- आशाओं = उम्मीदों।
- सन्देशा = संवाद, समाचार।
- गिरि = पर्वत।
- सागर = समुद्र।
- गहराई = गहरापन।
- पूरब = पूर्व दिशा।
- प्रातः – किरण = सुबह की किरण।
- अरुणाई = लाली, लालिमा।
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ में संकलित ‘भारत के कोने – कोने से’ नामक कविता में से लिया गया है। इस कविता के रचयिता डॉ० हरिवंशराय बच्चन जी हैं। इसमें कवि ने भारत की एकता एवं अखंडता का वर्णन किया है।
सरलार्थ – कवि बच्चों के माध्यम से कहता है कि हम सब बच्चे भारत के कोने – कोने से आए हैं। हम नई उमंगों और आशाओं का सन्देश लेकर आए हैं। आगे बढ़ने का संकल्प लेकर आए हैं। हम पर्वत की ऊँचाई और समुद्र की गहराई लेकर आए हैं। हम ऊँचे और गहरे विचारों से भरे हुए हैं। हम पूर्व दिशा से आए हैं और साथ में सुबह की किरणों की लाली लेकर आए हैं। भाव यह है कि हम प्रसन्नता लेकर आए हैं।
विशेष –
- कवि ने बच्चों को उन्नति का प्रेरक माना है।
- भाषा सरल है।
2. हम पश्चिम से आए, लाए
आग – राग राजस्थानी,
हम लाए हैं गंग – जमुन के
संगम का निर्मल पानी।
भारत के कोने – कोने से हम सब बच्चे आए हैं।
नई उमंगों – आशाओं का हम संदेशा लाए हैं।
शब्दार्थ :
- आग – राग = जोश और प्रेम।
- गंग – जमुन = गंगा – यमुना।
- संगम = मेल (प्रयाग राज)।
- निर्मल = स्वच्छ, साफ।
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित ‘भारत के कोने – कोने से’ नामक कविता में से लिया गया है। कविवर डॉ० बच्चन ने बच्चों के माध्यम से भारत की एकता और अखंडता का वर्णन किया है।
सरलार्थ – कवि बच्चों के माध्यम से कहता है कि हम बच्चे भारत के पश्चिम दिशा में स्थित प्रदेशों से आए हैं। हम अपने साथ राजस्थानी जोश और खुशियों के गीत लेकर आए हैं। हम गंगा – यमुना के संगम (प्रयाग राज) का स्वच्छ पानी लेकर आए हैं। हम बच्चे अपने देश भारत के हर प्रान्त से आए हैं। हमारे भीतर नई उमंगें और आशाएँ, आगे बढ़ने का भाव भरा है।
विशेष –
- कवि ने बच्चों के मन में उमड़ते जोश को दर्शाया है।
- भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।
3. कल आने वाली दुनिया में,
हम कुछ कर दिखलाएँगे,
भारत के ऊँचे माथे को,
ऊँचा और उठाएँगे।
भारत के कोने – कोने से हम सब बच्चे आए हैं।
नई उमंगों – आशाओं का हम संदेशा लाए हैं।
शब्दार्थ :
- दुनिया = संसार।
- ऊँचे माथे = ऊपर उठे मस्तक।
प्रसंग – यह पद्यांश हमारी पाठय – पस्तक में संकलित कविता ‘भारत के कोने – कोने से’ में से लिया गया है। डॉ० हरिवंशराय बच्चन ने इन पंक्तियों में भारत की एकता और अखंडता की बात कही है।
सरलार्थ – कवि बच्चों के माध्यम से कहता है कि – हम भारतीय बच्चे आगे आने वाले समय में कुछ बड़े काम करके दिखाएंगे। जिस भारत का नाम दुनिया में ऊँचा है, उसे हम अपने बड़े कामों से और ऊँचा उठाएँगे। हम बच्चे भारत के हर प्रदेश के कोने – कोने से आए हैं। हमारे अन्दर नई उमंगें और आशाएँ हैं।
विशेष –
- कवि ने बच्चों के माध्यम से भारतीय एकता और अखंडता को उजागर किया है।
- भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।