Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 10 हड़प्पा सभ्यता
SST Guide for Class 6 PSEB हड़प्पा सभ्यता Textbook Questions and Answers
I. निम्न प्रश्नों के उत्तर लिखें
प्रश्न 1.
हड़प्पा सभ्यता के कुछ महत्त्वपूर्ण नगरों के नाम बतायें।
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता के महत्त्वपूर्ण नगर हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल, कालीबंगन, बनवाली आदि थे।
प्रश्न 2.
सिन्धु घाटी के लोगों के सामाजिक जीवन के बारे में आप क्या जानते
उत्तर–
सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों का सामाजिक जीवन बहुत विकसित था। समाज में तीन वर्गों के लोग रहते थे। पहला वर्ग अमीर लोगों, दूसरा वर्ग किसानों तथा छोटे-छोटे पेशेवर लोगों का और तीसरा वर्ग मज़दूरों का था। लोगों का रहन-सहन आज की तरह ही था। लोगों के भोजन के मुख्य पदार्थ गेहूं, ज्वार, चावल, दालें, फल, सब्जियां तथा दूध थे। कुछ लोग मांसाहारी भी थे। लोग सूती तथा ऊनी, दोनों प्रकार के कपड़े पहनते थे। स्त्रियां तथा पुरुष, दोनों शृंगार करते थे तथा आभूषण पहनते थे। अमीर लोग सोने-चांदी एवं कीमती पत्थरों के आभूषण जबकि ग़रीब लोग हड्डियों, पकी मिट्टी तथा मनकों के बने हुए आभूषण पहनते थे।
लोग खेलों के शौकीन थे। नाचना-गाना, जुआ अथवा चौपड़ खेलना, शिकार करना आदि मनोरंजन के मुख्य साधन थे। बच्चों के खेलने के लिए पकी मिट्टी के तरह-तरह के खिलौने बनाये जाते थे, जिनमें जानवरों की मूर्तियां तथा बैलगाड़ियां आदि प्रमुख थीं।
प्रश्न 3.
सिन्धु घाटी सभ्यता की नगर योजना के बारे में एक नोट लिखें।
उत्तर-
सिन्धु घाटी सभ्यता में नगर-निर्माण उच्चकोटि का था। नगर दो भागों में बंटे हुए थे-ऊंचा भाग तथा निचला भाग। ऊंचे भाग में बड़े-बड़े धार्मिक तथा सार्वजनिक भवन थे। यहां शासक वर्ग के लोग रहते थे। निचले भाग में साधारण लोगों के निवास स्थान थे। नगरों की सड़कें सीधी जाती थीं तथा एक-दूसरी को समकोण पर काटती थीं। नगरों में नालियों की बहुत अच्छी व्यवस्था की गई थी, जिसके कारण नगर में सफ़ाई रहती थी।
प्रश्न 4.
हड़प्पा सभ्यता के पतन के क्या कारण थे?
उत्तर-
लगभग 1500 ई० पूर्व हड़प्पा सभ्यता का पतन हो गया। इस सभ्यता के पतन के कारणों के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता। भिन्न-भिन्न विद्वानों ने अपने-अपने अनुमान के अनुसार इसके पतन के कारण बताये हैं –
1. कुछ विद्वानों का विचार है कि आर्य लोगों ने सिन्धु घाटी के लोगों के साथ युद्ध करके उन्हें हरा दिया था। फलस्वरूप हड़प्पा सभ्यता नष्ट हो गई। परन्तु इस विचार को आज कोई महत्त्व नहीं दिया जाता।
2. कुछ विद्वानों के अनुसार सिन्धु तथा इसकी सहायक नदियों में लगातार बाढ़ आने के कारण इस सभ्यता का नाश हो गया।
3. कुछ विद्वानों का कथन है कि लगभग 1900 ई० पू० सरस्वती नदी के सूख जाने के कारण हड़प्पा सभ्यता के लोग पूर्व की ओर गंगा के मैदान में चले गए थे। .
4. कुछ विद्वानों के अनुसार भूकम्प अथवा किसी अन्य प्राकृतिक विपदा के कारण इस सभ्यता का अन्त हो गया था।
5. कुछ विद्वानों के अनुसार सिन्धु घाटी की भूमि में रेगिस्तान फैल गया तथा इसमें ण की मात्रा बढ़ गई। परिणामस्वरूप भूमि की उपजाऊ-शक्ति समाप्त हो गई। अतः धु घाटी के लोग अन्य स्थानों पर जाकर रहने लगे।
प्रश्न 5.
सिन्धु घाटी के लोगों का आर्थिक जीवन कैसा था?
उत्तर–
सिन्धु घाटी के लोगों का आर्थिक जीवन समृद्ध था। लोगों के मुख्य व्यवसाय कृषि, पशुपालन तथा व्यापार थे। इसके अतिरिक्त लोग कुछ अन्य उद्योग-धन्धे भी करते थे।
1. कृषि-सिन्धु घाटी के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था। सिंचाई नदियों द्वारा की जाती थी। गेहूं, चावल, जौ तथा कपास की कृषि मुख्य रूप में होती थी। खेतों को हल तथा बैलों के साथ जोता जाता था। लोग तिल तथा सरसों भी पैदा करते थे।
2. पशुपालन-लोग बैल, भैंस, भेड़, बकरियां, ऊंट, हाथी, घोड़े तथा कुत्ते पालते थे।
3. व्यापार-नगर व्यापार के केन्द्र थे। गाड़ियों तथा नौकाओं में माल लाया जाता था। मुद्रा की कमी के कारण व्यापार वस्तुओं की अदला-बदली द्वारा ही होता था। व्यापार देशी तथा विदेशी, दोनों प्रकार का था। विदेशी व्यापार मुख्य तौर पर अफ़गानिस्तान, ईरान तथा मैसोपोटामिया के साथ होता था।
4. अन्य उद्योग-धन्धे-पत्थर तथा तांबे की अनेक वस्तुएं बनाई जाती थीं। शिल्पकार मूर्तियां, बर्तन, औज़ार तथा हथियार आदि बनाते थे। कपड़े की छपाई तथा सूत कातने का कार्य भी होता था।
प्रश्न 6.
पंजाब में हड़प्पा सभ्यता के किन्हीं दो केन्द्रों के बारे में लिखें।
उत्तर-
पुरातत्त्व विशेषज्ञों ने पंजाब में खुदाई करके हड़प्पा सभ्यता के अनेक केन्द्रों की खोज की है। ये केन्द्र संघोल, रोहीड़ा, सुनेत तथा कोटला निहंग खान हैं। इन केन्द्रों में से संघोल तथा रोहीड़ा केन्द्रों का वर्णन इस प्रकार है –
1. संघोल-संघोल एक छोटा-सा गांव है जो ज़िला लुधियाना में लुधियाना-चण्डीगढ़ सड़क पर स्थित है। इसे ‘ऊंचा गांव’ भी कहा जाता है। यहां की खुदाई से 2000 ई० पूर्व के समय के लोगों की जानकारी प्राप्त हुई है। यहां कुछ मूर्तियां, मिट्टी के बर्तन, माला के मनके तथा तांबे के औज़ार मिले हैं। इन वस्तुओं का सम्बन्ध हड़प्पा सभ्यता से है।
2. रोहीड़ा-रोहीड़ा जिला संगरूर में स्थित है। यहां की खुदाई से बर्तन, पकी ईंटें, मिट्टी के खिलौने आदि मिले हैं। यहां खुदाई का काम 1976-77 ई० में किया गया था।
II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
- हड़प्पा सभ्यता मिस्र की सभ्यता से लगभग ………… गुणा विशाल थी।
- पंजाब में ………, …, ………. तथा …….. में इस (हड़प्पा) सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- मकान …………. तथा ……………. के बने हुए थे।
- एक विशाल …………. भवन मोहनजोदड़ो से प्राप्त हुआ है।
- मर्द तथा स्त्रियां दोनों …………. तथा …………. के शौकीन थे।
- लोग …………. की पूजा करते थे।
- पीपल के वृक्ष को ………….. समझा जाता था।
उत्तर-
- बीस
- कोटला निहंग खां, संघोल, रोहिड़ा, सुनेत
- पक्की ईंटों, लकड़ी
- स्तम्भों वाला
- आभूषणों (गहनों), फैशन
- मातृ देवी
- पवित्र।
III. सही जोड़े बनायें
(1) पशुपति – (क) बन्दरगाह
(2) मोहनजोदड़ो – (ख) लेखन कला
(3) लोथल – (ग) देवता
(4) चित्रलिपि – (घ) विशाल स्नानगृह।
उत्तर-सही जोड़े
(1) पशुपति – देवता
(2) मोहनजोदड़ो – विशाल स्नानगृह
(3) लोथल – बन्दरगाह
(4) चित्रलिपि – लेखन कला
IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) का निशान लगायें
- रोपड़ पाकिस्तान में स्थित है।
- हड़प्पा के लोग मातृदेवी की पूजा नहीं करते थे।
- पंजाब में सिन्धु सभ्यता के कोई अवशेष नहीं मिले हैं।
- सिन्धु घाटी के लोगों को लेखन कला नहीं आती थी।
उत्तर-
- (✗)
- (✗)
- (✗)
- (✗)
PSEB 6th Class Social Science Guide हड़प्पा सभ्यता Important Questions and Answers
कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
पंजाब का एक हड़प्पा-स्थल लुधियाना जिले में स्थित है जिसे उच्चपिंड कहा जाता है। क्या आप उसका नाम बता सकते हैं?
उत्तर-
संघोल।
प्रश्न 2.
हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो हड़प्पा सभ्यता के दो प्रमुख स्थल हैं। बताइए इनके अवशेष वर्तमान में किस देश में हैं?
उत्तर-
पाकिस्तान में।
प्रश्न 3.
सिंधु घाटी की सभ्यता की कांस्य की नृत्यांगना की मूर्ति किस प्राचीन स्थल से मिली है?
उत्तर-
मोहनजोदड़ो।
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा हड़प्पा स्थल हरियाणा से संबंध नहीं रखता?
(क) सुनेत
(ख) बनवाली
(ग) मिताथल
उत्तर-
(क) सुनेत
प्रश्न 2.
नीचे दिखाई गई योगी की मूर्ति का संबंध निम्न में से किस सभ्यता से है?
(क) गुप्तकालीन सभ्यता
(ख) वैदिक सभ्यता
(ग) हड़प्पा सभ्यता।
उत्तर-
(ग) हड़प्पा सभ्यता
प्रश्न 3.
हड़प्पा की कुछ मुद्राओं पर एक चित्रलिपि में लेख मिलते हैं। इससे क्या पता चलता है?
(क) लोग मुद्राएं बनाने में निपुण थे।
(ख) उन्हें लेखन कला का ज्ञान था।
(ग) वे मूर्तियों पर उनके बनाने की तिथि लिखते थे।
उत्तर-
(ख) उन्हें लेखन कला का ज्ञान था।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
हड़प्पा सभ्यता को सिन्धु घाटी सभ्यता क्यों कहते हैं?
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता के कई स्थान सिन्धु तथा इसकी सहायक नदियों के किनारे हुए थे। इसीलिए इसे सिन्धु घाटी सभ्यता भी कहते हैं।
प्रश्न 2.
हड़प्पा की सभ्यता के आरम्भ होने का लगभग समय बताएं।
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता का आरम्भ आज से लगभग 7000 वर्ष पूर्व हुआ।
प्रश्न 3.
हड़प्पा सभ्यता की सड़कों की क्या विशेषता थी?
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता की सड़कें सीधी थीं तथा एक-दूसरी को समकोण पर काटती थीं। वायु चलने पर ये अपने आप साफ़ हो जाती थीं।
प्रश्न 4.
हड़प्पा सभ्यता का विशाल स्नानगृह कहां मिला है?
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता का विशाल स्नानगृह मोहनजोदड़ो में मिला है।
प्रश्न 5.
पंजाब में हड़प्पा सभ्यता के किन्हीं चार स्थानों के नाम बताएं।
उत्तर-
पंजाब में हड़प्पा सभ्यता के चार स्थान संघोल, रोहिड़ा, सुनेत तथा कोटला निहंग खां हैं।
प्रश्न 6.
हड़प्पा सभ्यता की नालियों की दो विशेषताएं बताएं।
उत्तर-
- हड़प्पा सभ्यता की नालियां भूमिगत थीं।
- शहर की नालियों का पानी एक बड़ी नाली द्वारा शहर से बाहर जाता था।
प्रश्न 7.
वर्तमान हरियाणा में हड़प्पा सभ्यता के स्थानों के नाम बताएं।
उत्तर-
(1) बनावली,
(2) राखीगढ़ी,
(3) मिताथल,
(4) कुनाल।
प्रश्न 8.
पंजाब में हड़प्पा सभ्यता के स्थानों की खुदाई करने वाले दो पुरातत्ववेताओं के नाम लिखो।
उत्तर-
आर० डी० बैनर्जी तथा दया राम साहनी।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
संसार की आरम्भिक सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारों पर क्यों हुआ?
उत्तर-
संसार की आरम्भिक सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारों पर निम्नलिखित कारणों से हुआ –
- नदी घाटियों का निर्माण नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से हुआ था। इसलिए ये बहुत । उपजाऊ थे।
- लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी प्राप्त होता था।
- यातायात तथा सामान लाने-ले जाने के लिए नदियों का प्रयोग किया जा सकता था।
प्रश्न 2.
संसार की आरम्भिक सभ्यताओं के चार केन्द्र बताओ।
उत्तर-
संसार की आरम्भिक सभ्यताओं के चार केन्द्र ये थे –
- नील नदी की घाटी (मिस्र),
- दज़ला तथा फ़रात नदियों की घाटी (मैसोपोटामिया),
- सिन्धु नदी की घाटी (सिन्धु),
- ह्वांग-हो तथा यंगसी-क्यांग नदियों की घाटी (चीन)।
प्रश्न 3.
हड़प्पा सभ्यता का विस्तार बताएं।
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता का विस्तार भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में लगभग सिन्धु नदी से लेकर प्राचीन सरस्वती (आधुनिक घग्गर नदी) नदी तक था। इसमें वर्तमान पाकिस्तान, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ भाग तथा दक्षिणी अफगानिस्तान शामिल थे।
प्रश्न 4.
हड़प्पा सभ्यता के मकानों के निर्माण का वर्णन करें।
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता में मकान पकी ईंटों तथा लकड़ी से बनाये जाते थे। मकान के निर्माण में पत्थरों का प्रयोग बहुत कम किया जाता था। बड़े मकानों में अनेक कमरे होते थे जबकि छोटे मकान एक या दो कमरों वाले होते थे। प्रत्येक घर में एक रसोईघर तथा स्नान-गृह होता था। कई बड़े मकान दो-मंजिला भी होते थे तथा इनमें एक आंगन तथा कुआं होता था। मकान की नालियों का निकास बाहर गली की भूमिगत नालियों में होता था।
प्रश्न 5.
हड़प्पा सभ्यता के मुख्य भवनों के बारे में बताएं।
उत्तर-
हड़प्पा सभ्यता के मुख्य भवन निम्नलिखित थे –
1. विशाल स्नानगृह-यह वर्माकार भवन मोहनजोदड़ो में मिला है। ऐसा माना जाता है कि विशेष अवसरों पर लोग स्नान करने के लिए यहां इकट्ठे होते थे।
2. अनाज के गोदाम-ये भवन हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो में मिले हैं।
3. सभा भवन-मोहनजोदड़ो में स्तम्भों वाला एक भवन मिला है। इसका प्रयोग शायद सभा करने के लिए किया जाता था।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
हड़प्पा सभ्यता के लोगों के भोजन, वस्त्रों तथा आभूषणों के बारे में बताएं।
उत्तर-
भोजन-हड़प्पा सभ्यता के लोगों का भोजन सभ्य लोगों जैसा था। वे गेहूं, चावल, सब्जियां, फल तथा दूध का प्रयोग करते थे। कुछ लोग माँस तथा मछली भी ख़ाते थे
वस्त्र-हड़प्पा सभ्यता के लोग सूती तथा ऊनी वस्त्र पहनते थे। खुदाई में पुरुष की एक मूर्ति मिली है जिससे पता चलता है कि लोग धोती की तरह की एक पोशाक र कन्धों पर शाल जैसे वस्त्र का प्रयोग करते थे। स्त्रियों के वस्त्र भी कुछ इसी प्रकार के
आभूषण-हड़प्पा सभ्यता की स्त्रियां तथा पुरुष, दोनों आभूषण पहनने के शौका थे। आभूषण सोने, चाँदी, हाथी दांत तथा तांबे आदि के बनाये जाते थे। मुख्य आभूषणों में हार, बालों के गहने, हाथ के कंगन, अंगूठियां आदि सम्मिलित थीं। स्त्रियों के कुछ विशेष गहने तरागड़ी, नाक के कांटे, बुंदे, पायजेब आदि थे। धनी लोग सोने, चाँदी, हाथी दांत तथा कीमती मोतियों के बने गहने पहनते थे, जबकि निर्धन लोग सिप्पियों, हड्डियों, तांबे तथा पत्थर के आभूषणों का प्रयोग करते थे।
प्रश्न 2.
पंजाब के कौन-से स्थानों से हड़प्पा सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं? किन्हीं चार स्थानों के बारे में विस्तार से लिखें।
उत्तर-
विभिन्न खुदाइयों से पता चलता है कि पंजाब भी हड़प्पा सभ्यता का मुख्य केन्द्र था। यहाँ निम्नलिखित स्थानों से हड़प्पा सभ्यता के अवशेष मिले हैं –
1. संघोल-संघोल एक छोटा-सा गांव है जो लुधियाना-चण्डीगढ़ सड़क पर स्थित है। इसे ‘ऊँचा गांव’ भी कहते हैं। यहां की खुदाइयों से 2000 ई० पूर्व के समय के लोगों की जानकारी प्राप्त हुई है। यहां कुछ मूर्तियां, मिट्टी के बर्तन, माला के मनके तथा तांबे के औज़ार मिले हैं। इन वस्तुओं का सम्बन्ध हड़प्पा सभ्यता से है।
2. रोहिड़ा-रोहिड़ा मण्डी अहमदगढ़ से 6 किलोमीटर दूर है। यहां की खुदाइयों से बर्तन, पकी ईंटें, मिट्टी के खिलौने आदि मिले हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यहां हड़प्पा संस्कृति तथा रोहिड़ा की अपनी संस्कृति साथ-साथ फलती-फूलती रहीं।
3. सुनेत-सुनेत ज़िला लुधियाना में स्थित है। यहां की खुदाइयों से 1800 ई० पूर्व से 1400 ई० पूर्व तक की सभ्यता की जानकारी मिलती है।
4. रोपड़-यहां की खुदाइयों से मिट्टी के बर्तन तथा माला के मनके मिले हैं। ऐसा लगता है कि यह स्थान हड़प्पा सभ्यता के समय काफ़ी समृद्ध था।
हड़प्पा सभ्यता PSEB 6th Class Social Science Notes
- हड़प्पा सभ्यता के विभिन्न नाम – हड़प्पा सभ्यता को सिन्धु घाटी सभ्यता एवं सिन्धुसरस्वती सभ्यता भी कहा जाता है।
- हड़प्पा सभ्यता का उदय – हड़प्पा सभ्यता का उदय आज से लगभग सात हज़ार वर्ष पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भागों में हुआ था।
- हड़प्पा सभ्यता की जानकारी – हड़प्पा सभ्यता की जानकारी 1921-1922 ई० में पाकिस्तान के हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो नामक स्थानों पर खुदाई से प्राप्त हुई थी।
- हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना – हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना आधुनिक महानगरों के समान सुनियोजित थी।
- हड़प्पा सभ्यता का सबसे महत्त्वपूर्ण भवन – हड़प्पा सभ्यता का सबसे महत्त्वपूर्ण भवन मोहनजोदड़ो का विशाल स्नानगृह थे।
- हड़प्पा सभ्यता के लोगों के प्रमुख खाद्य पदार्थ – हड़प्पा सभ्यता के लोगों के प्रमुख खाद्य पदार्थ गेहूँ, ज्वार, चावल, दालें, फल, सब्जियां तथा दूध थे।
- हड़प्पा सभ्यता के लोगों के वस्त्र – हड़प्पा सभ्यता के लोग ऊनी व सूती, दोनों प्रकार के वस्त्र पहनते थे।
- हड़प्पा सभ्यता के लोगों के मनोरंजन के प्रमुख साधन – हड़प्पा सभ्यता के लोगों के मनोरंजन के प्रमुख साधन नृत्य, जुआ खेलना, चौपड़, शिकार तथा दौड़ इत्यादि थे।
- हड़प्पा सभ्यता के लोगों के प्रमुख व्यवसाय – कृषि तथा पशुपालन हड़प्पा सभ्यता के लोगों के प्रमुख व्यवसाय थे।
- हड़प्पा सभ्यता के लोगों के विदेशी व्यापार के मार्ग – हड़प्पा सभ्यता के लोग दूसरे देशों के साथ जल व स्थल, दोनों मार्गों द्वारा व्यापार करते थे।
- हड़प्पा सभ्यता के लोगों के देवीदेवता – हड़प्पा सभ्यता के लोग मातृदेवी, पशुपति (भगवान् शिव), बैल तथा पीपल की उपासना करते थे।
- हड़प्पा सभ्यता का पतन – हड़प्पा सभ्यता का पतन लगभग 1500 ई० पू० में हुआ।