Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 3 हॉकी का जादूगर-मेजर ध्यानचंद Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 3 हॉकी का जादूगर-मेजर ध्यानचंद
PSEB 6th Class Physical Education Guide हॉकी का जादूगर-मेजर ध्यानचंद Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
मेजर ध्यानचंद का जन्म कब हुआ ?
उत्तर-
मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त, 1905 ई० में इलाहाबाद में पिता सोमेश्वर दत्त के घर हुआ।
प्रश्न 2.
भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार ओलम्पिक खेलों में कब भाग लिया ? इन खेलों में भारत ने कौन-सा तमगा प्राप्त किया ?
उत्तर-
13 मई, 1926 में न्यूज़ीलैंड में पहले अंतर्राष्ट्रीय खेल में भाग लिया और जीत हासिल की। 1928 ई० में एम्बरूडर्म ओलम्पिक खेलों में भाग लिया और सोने का तमगा जीता। 1932 ई० में लॉस ऐंजलस ओलम्पिक में ध्यानचंद ने भाग लिया और सैंटर फारवर्ड के रूप में अहम् भूमिका निभाई। फाइनल मैच अमेरिका के साथ हुआ। मेजर ध्यानचंद ने निजी 8 गोल किये और मैच 24-1 गोल के साथ जीत लिया। इस ओलम्पिक में भारतीय टीम ने 262 गोल किये। जिसमें 101 गोल ध्यानचंद ने किये थे, जिसके लिए ध्यानचंद का नाम हॉकी के क्षेत्र में चोटी के खिलाड़ियों में शामिल हुआ।
प्रश्न 3.
मेजर ध्यानचंद के जीवन से जुड़ी कहानियों में से किसी एक का वर्णन करें।
अथवा
मेजर ध्यानचंद की जीवनी के बारे में एक नोट लिखो।
उत्तर-
मेजर ध्यानचंद भारत का हॉकी खेल का एक प्रसिद्ध खिलाड़ी था, जिसने अपनी खेल शैली के कारण भारत का नाम दुनिया में चमकाया। हॉकी में मेजर ध्यानचंद ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने और चांदी के तमगे जीते। मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 ई० में इलाहाबाद में पिता समेश्वर दत्त के घर हुआ। पिता और बड़ा भाई रूप सिह भी हॉकी के उभरे खिलाड़ी थे। इस तरह ध्यानचंद का हॉकी की खेल विरासत में मिला। इनके पिता जी ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी करते थे। मेजर ध्यानचंद 16 साल की उम्र में फौज में भर्ती हुए और वहां पर सूबेदार मेजर तिवारी ने हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया। वहां फौज की ड्यूटी करने के बाद देर रात तक चांद की रोशनी में प्रैकटिस करते थे।
1922 से लेकर 1926 तक सेना के खेल मुकाबले में भाग लिया। इन खेल मुकाबलों में ध्यानचंद के खेल की बहुत प्रशंसा हुई। इस महान् खिलाड़ी के साथ चंद कथाएं जुड़ी हुईं हैं। एक बार हालैंड में ध्यानचंद की हॉकी तोड़ कर देखी गई कि इस खिलाड़ी ने अपनी स्टिक में कोई चुम्बक जैसी चीज़ न फिट की हो। वास्तव में ध्यानचंद का गेंद पर बहुत काबू था।
उसकी गेंद उसकी हॉकी से अलग नहीं होती थी। कई लोग मानते हैं कि उसकी हॉकी एक जादू की हॉकी है। ध्यानचंद ने अपनी कमाल की खेल के साथ जर्मनी के तानाशाह हिटलर का भी दिल जीत लिया था। हिटलर ने ध्यानचंद को जर्मनी की तरफ से खेलने की पेशकश की थी और फौज में बड़ा पद देने का लालच भी दिया। ध्यानचंद ने भारत की तरफ से खेलना ही अपना गौरव समझा था।
ध्यानचंद जी को भारत सरकार ने 1956 ई० में पद्म भूषण के साथ सम्मानित किया। इंडियन ओलम्पिक ऐसोसिएशन की तरफ से शताब्दी का सर्वोत्तम खिलाड़ी घोषित किया । अब ध्यानचंद जी का जन्म दिन बतौर नैशनल स्पोर्टस के तौर पर भारत देश में मनाया जाता है। इस महान् खिलाड़ी की उपलब्धियों को देखते हुए यह तय है कि उनका जन्म दिन हॉकी खेलों के लिए हुआ था और खेल जीवन में 1000 से ज्यादा गोल किये, जिसमें 400 गोल अंतर्राष्ट्रीय और अलग-अलग देशों की टीमों के विरुद्ध किये गये जिसके द्वारा उनको फौज में तरक्की मिलती गई।
ध्यानचंद जी ने नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ़ पटियाला के चीफ़ कोच होने का मान प्राप्त किया। 3 दिसम्बर 1979 में मेजर ध्यानचंद का देहांत हो गया। भारतीय डाक विभाग ने उनकी याद में एक डाक टिकट भी जारी किया था और दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम उसके नाम से बनाया गया। सारे खिलाड़ियों को दिली ख्वाहिश है कि उनको मरने के बाद भारत रत्न’ दिया जाए।
प्रश्न 4.
मेजर ध्यानचंद ने पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच कब और कहां खेला ?
उत्तर-
मेजर ध्यानचंद ने 13 मई, 1926 को न्यूजीलैंड में पहले अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला जिसमें 18 मैच भारतीय टीम ने मेजर ध्यानचंद की बेहतरीन खेल से जीते।
प्रश्न 5.
मेजर ध्यानचंद का बुत कौन-से देश में लगाया हुआ है ?
उत्तर-
मेजर ध्यानचंद का बुत ऑस्ट्रेलिया के शहर वियाना में लगा हुआ है। इस बुत के चार हाथ बनाये गये हैं और चारों हाथों में चार हाकियां पकड़ाई हुई हैं। यह बुत उसके अनोखे खेल का प्रतीक है।
प्रश्न 6.
मेजर ध्यानचंद की याद को समर्पित भारत सरकार की ओर से कौनकौन से कदम उठाये गए हैं ?
उत्तर-
- भारत सरकार द्वारा मेजर ध्यानचंद की अनोखी खेल प्रतिभा को देखते हुए उनको 1956 ई० में पद्म भूषण देकर सम्मानित किया गया।
- ध्यानचंद का जन्म दिन बतौर ‘नैशनल स्पोर्टस डे’ के तौर पर भारत में मनाया जाता है।
- भारतीय डाक विभाग ने उनकी याद में एक डाक टिकट भी जारी किया था।
- भारत सरकार ने दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम उनके नाम से बनाया।
Physical Education Guide for Class 6 PSEB हॉकी का जादूगर-मेजर ध्यानचंद Important Questions and Answers
बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
मेजर ध्यानचंद किस खेल के साथ जुड़े हुए थे ?
उत्तर-
मेजर ध्यानचंद हॉकी’ खेल के साथ जुड़े हुए थे।
प्रश्न 2.
ध्यानचंद ने हॉकी कहाँ खेलना शुरू किया ?
उत्तर-
फौज में।
प्रश्न 3.
हॉकी का जादूगर किसे कहा जाता है ?
उत्तर-
मेजर ध्यानचंद जी को।
प्रश्न 4.
मेजर ध्यानचंद का जन्म कब हुआ ?
उत्तर-
मेजर ध्यानचंद जी का जन्म 29 अगस्त, 1905 में इलाहाबाद में हुआ।
प्रश्न 5.
मेजर ध्यानचंद के पिता का क्या नाम था ?
उत्तर-
सोमेश्वर दत्त।
प्रश्न 6.
क्या उनके बड़े भाई रूप सिंह भी हॉकी के खिलाड़ी थे ?
उत्तर-
हाँ।
प्रश्न 7.
मेजर ध्यानचंद जी के पिता कहाँ नौकरी करते थे ?
उत्तर-
उनके पिता जी ‘ब्रिटिश इंडियन आर्मी’ में नौकरी करते थे।
प्रश्न 8.
मेजर ध्यानचंद ने किस उम्र में फौज की नौकरी की ?
उत्तर-
16 साल की उम्र में फौज की नौकरी की।
प्रश्न 9.
पहली बार मेजर ध्यानचंद ने किस अंतर्राष्ट्रीय मैच में भाग लिया ?
उत्तर-
13 मई, 1926 ई० में।
प्रश्न 10.
ध्यानचंद जी ने किस ओलम्पिक में पहली बार भाग लिया ?
उत्तर-
1928 में एमस्टरडर्म में भाग लिया।
छोटे उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
मेजर ध्यानचंद जी का जन्म कब और कहाँ हुआ और उनका देहांत कब हुआ ?
उत्तर-
मेजर ध्यानचंद जी का जन्म 29 अगस्त, 1905 ई० में इलाहाबाद में हुआ। 3 दिसम्बर, 1979 ई० में मेजर ध्यानचंद का देहांत हो गया।
प्रश्न 2.
हॉकी खेल जीवन में मेजर ध्यानचंद जी ने अपने विरोधियों में कितने गोल किये ?
उत्तर-
मेजर ध्यानचंद जी ने अपने विरोधियों में 1000 गोल किये।
प्रश्न 3.
ध्यानचंद अंतर्राष्ट्रीय मैचों में कितने गोल किये ?
उत्तर-
ध्यानचंद अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 400 गोल किये।
प्रश्न 4.
ध्यानचंद ने हॉकी खेलना कहां शुरू किया ?
उत्तर-
ध्यानचंद ने हॉकी खेलना फौज में शुरू किया।
प्रश्न 5.
ध्यानचंद को हिटलर ने क्या कहा था ?
उत्तर-
उसको जर्मनी की तरफ से खेलने को कहा।
प्रश्न 6.
जर्मनी की हिटलर ने मेजर ध्यानचंद को जर्मनी की फौज में आने पर कौन-सा पद देने के लिए कहा ? ।
उत्तर-
बड़ा पद देने के लिए कहा।
प्रश्न 7.
ब्रैडमैन ने ध्यानचंद को क्या पूछा था ?
उत्तर-
हॉकी के साथ वह इतने गोल कैसे कर लेते हैं।
प्रश्न 8.
पद्म भूषण के साथ सम्मानित करने के पीछे इंडियन ओलम्पिक ऐसोसिएशन ने उनको किस पद से विभूषित किया?
उत्तर-
शताब्दी का सर्वोत्तम खिलाड़ी घोषित किया।
प्रश्न 9.
ध्यानचंद जी का बुत कौन-से देश में है ?
उत्तर-
ऑस्ट्रेलिया शहर वियाना में है।
प्रश्न 10.
ध्यानचंद की हॉकी क्यों तोड़ी गई थी ?
उत्तर-
यह देखने के लिए कि उसकी हॉकी में कोई चुम्बक तो नहीं लगा है।
बडे उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
मेजर ध्यानचंद के जीवन के साथ जुड़ी कहानी का वर्णन करो।
उत्तर-
मेजर ध्यानचंद ने महान् क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन को भी अपना प्रशंसक बना लिया। ब्रैडमैन ने ध्यानचंद को सवाल किया कि वह इतने गोल कैसे कर लेता है। ध्यानचंद ने कहा कि कि जैसे बल्ले के साथ दौड़ें बन जाती हैं। इस तरह स्टिक के साथ गोल हो जाते हैं।
प्रश्न 2.
ध्यानचंद ने अपने खेल जीवन में क्या-क्या उपलब्धियां हासिल की ?
उत्तर-
भारत सरकार ने ध्यानचंद को 1956 ई० में पद्म भूषण देकर सम्मानित किया। इंडियन ओलम्पिक ऐसोसिएशन की तरफ शताब्दी का सर्वोत्तम खिलाड़ी घोषित किया गया और उनका जन्म दिन बतौर “नैशनल स्पोर्टस डे” के तौर पर सारे भारत में मनाया जाता है। ध्यानचंद के सुपुत्र अशोक कुमार ने भारतीय हॉकी टीम को वर्ल्ड कप, ओलम्पिक और एशियन खेलों में बहुत सारे तगमे दिये थे। ध्यानचंद का सम्मान सारी दुनिया में हुआ।
प्रश्न 3.
1932 ई० में ओलम्पिक खेलों में ध्यानचंद की उपलब्धियों का वर्णन करें।
उत्तर-
1932 ई० में लॉस ऐंजल्स ओलम्पिक में भारतीय टीम ने भाग लिया। ध्यानचंद ने सैंटर फारवर्ड के रूप में अहम भूमिका निभाई। इन ओलम्पिक खेलों में फाइनल मैच अमेरिका और भारत में हुआ, जिसमें भारत ने अमेरिका की टीम को 24-1 गोलों से हराया। इन 24 गोलों में 8 गोल अकेले ध्यानचंद ने किये। अमेरिका की इस शर्मनाक हार पर अमेरिका ने ही एक अखबार में छपवाया कि भारतीय हॉकी टीम तो पूर्व से आया तूफ़ान थी। इन ओलम्पिक खेलों के दौरान भारतीय टीम ने कुल 262 गोल किये, जिसमें 101 गोल अकेले ध्यानचंद ने दागे। इन खेलों के बाद मेजर ध्यानचंद का नाम दुनिया के चोटी के खिलाड़ियों में शामिल हो गया।
प्रश्न 4.
ध्यानचंद जी के परिवार के बारे में दो लाइनें लिखें।
उत्तर-
मेजर ध्यानचंद जी का जन्म 29 अगस्त, 1905 में इलाहाबाद में हुआ। इनके पिता का नाम सोमेश्वर दत्त था और बड़े भाई रूप सिंह थे, जो हॉकी के उभरे हुए खिलाड़ी थे। इस तरह ध्यानचंद को हॉकी की खेल विरासत में मिली। उनके पिता जी ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी करते थे। ध्यानचंद जी के सुपुत्र अशोक कुमार ने भारतीय हॉकी टीम को वर्ल्ड कप और ओलम्पिक और एशियन खेलों में भी तमगे जीत कर दिये। इस तरह ध्यानचंद जी का सारा परिवार हॉकी के साथ जुड़ा हुआ था।