PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 शून्य…. नहीं अनन्त

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 12 शून्य…. नहीं अनन्त Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 12 शून्य…. नहीं अनन्त

Hindi Guide for Class 6 शून्य…. नहीं अनन्त Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध

1. शब्दार्थ-कठिन शब्दों के अर्थ पाठ के आरम्भ में दिए गए हैं।

वन- मानुष = एक तरह का बंदर
पिंजरानुमा = पिंजरे के आकार का
प्रजाति = पशु पक्षियों आदि का वह समूह, जिसमे सभी सदस्यों के नाक, कान, कपाल, केश आदि के आकार- प्रकार, रूपरंग आदि में समानता हो।
आश्रय- स्थल = शरण/ ठिकाने का स्थान
आदमखोर = नर मांस भक्षी
सुरक्षा कर्मी = सुरक्षा करने वाली कर्मचारी
खूंखार = जालिम, खूनी, डरावना

2. अर्थ लिखकर वाक्य बनाओ

अंक-अंग, हंस-हँस, मास-मांस, शून्य-सुन्न, बालू-भालू।
उत्तर:
1. अंक : गोद माँ ने अपने बेटे को अपने अंक में छुपा लिया।
अंग : हिस्सा हाथ हमारे शरीर का महत्त्वपूर्ण अंग है।
2. हंस : एक पक्षी नदी में हंस तैर रहे हैं।
हँस : हँसना लड़के भिखारी पर हँस रहे थे।
3. मास : महीना जनवरी मास में ठंड बहुत पड़ती है।
मांस : मांस बाघ का प्रिय खाद्य मांस है।
4. शून्य : जीरो, खाली महान गणितज्ञ ब्रह्म गुप्त ने शून्य का उपयोग
करते हुए नियम बना दिया। सुन्न : – संज्ञाहीन मेरा पैर सुन्न हो गया।
5. बालू : रेत मोहन बालू में खेल रहा था।
भालू : एक जानवर/ रीछ । भालू नाच रहा है।

3. रिक्त स्थान भरो

1. बेबीलोन निवासियों की गणना का आधार अंक…………जिसका चिह्न………..था।
2. भारत में ज्ञान की खोज में………………विदेशी यात्री आए।
3. ब्रह्मगुप्त…………..भारतीय………..थे, जिन्होंने अनेक गणित के नियम बनाए।
4. …………….की खोज आर्यभट्ट ने की, उनका प्रसिद्ध…………था।
5. कम्प्यू टर के आधार अंक………..और…………हैं।
उत्तर:
(1) 60, वाई
(2) अनेक
(3) पहले, गणितज्ञ
(4) शून्य, ग्रंथ आर्यभट्टीय
(5) शून्य, जीरो।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 शून्य.... नहीं अनन्त

विचार-बोध

प्रश्न 1.
प्राचीन काल में मनुष्य कैसे गणना करता था?
उत्तर:
प्राचीन काल में मनुष्य तिनकों, कौड़ियों और कंकड़ आदि से गणना करता था।

प्रश्न 2.
अशोक के शिलालेखों के अंक चिह्न का संबंध किस सभ्यता से है?
उत्तर:
अशोक के शिलालेखों के अंक चिहन का सम्बन्ध सिन्धु सभ्यता से है।

प्रश्न 3.
मिस्त्र में दस, बीस चालीस अंक चिह्न लिखो।
उत्तर:
मिस्र में दस के लिए ‘o’ चिह्न, बीस के लिए ‘oo’ और चालीस के लिए ‘0000’ अंक चिह्न थे।

प्रश्न 4.
बेबीलोन निवासियों का गणना अंक कितना था?
उत्तर:
बेबीलोन निवासियों का गणना अंक 60 था।

प्रश्न 5.
भारत में बिन्दु चिह्न कब से मिलता है?
उत्तर:
भारत में बिन्दु-चिह्न वैदिक काल से मिलता है।

प्रश्न 6.
आर्यभट्ट कौन थे, उनके प्रसिद्ध ग्रन्थ का नाम लिखो।
उत्तर:
आर्यभट्ट एक महान् गणितज्ञ थे। उनके प्रसिद्ध ग्रंथ का नाम हैं-‘आर्यभट्टीय’

प्रश्न 7.
आर्यभट्ट ने कौन-सी महत्वपूर्ण खोज की ?
उत्तर:
आर्यभट्ट ने ‘शून्य’ की महत्त्वपूर्ण खोज की।

प्रश्न 8.
ब्रह्मगुप्त कौन थे?
उत्तर:
ब्रह्मगुप्त एक महान गणितज्ञ थे।

प्रश्न 9.
आचार्य महावीर के ग्रंथ का नाम लिखो।
उत्तर:
आचार्य महावीर के प्रसिद्ध ग्रंथ का नाम है-‘गणित सार संग्रह।

प्रश्न 10.
कम्प्यूटर के आधार अंक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
कम्प्यूटर के आधार अंक शून्य 0 जीरो है।

आत्म-बोध

माम ला कल्पना करो कि आपके पास एक रुपया है यदि उसके साथ एक-एक करके शून्य लगाते जाएँ तो यही रुपया करोड़ों, अरबों रुपयों में बदल जाएगा। इसलिए शून्य का भी बहुत महत्त्व है। इसी तरह जीवन में हरेक इन्सान महत्त्वपूर्ण है अतः कभी भी अपने आपको कम मत आँकों। अपनी शक्तियों को पहचानो और जीवन में आगे बढ़ते जाओ।

रचना-बोध

1. अपनी कापी पर एक

(1) लिखो। उसके आगे शून्य (0) लगाओ। अब इस संख्या को शब्दों में लिखो जैसे 10-दस। इसी प्रकार शून्य लगाकर बनी संख्या शब्दों में लिखते जाओ।

2. पुराने सिक्कों का संग्रह करो।
(विद्यार्थी स्वयं करें)

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
इस पाठ में लेखक ने किसकी महत्ता का वर्णन किया है ?
(क) शून्य की खोज
(ख) धन की
(ग) बल की
(घ) तन की
उत्तर:
(क) शून्य की खोज

प्रश्न 2.
वैदिक काल में जीरो का प्रचलन किस रूप में था ?
(क) जीरो
(ख) शून्य
(ग) बिन्दु
(घ) हिंदु
उत्तर:
(ग) बिन्दु

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प्रश्न 3.
शून्य की खोज किसने की ?
(क) आर्यभट्ट ने
(ख) महाभट्ट ने
(ग) कालिदास ने
(घ) तुलसीदास ने
उत्तर:
(क) आर्यभट्ट ने

प्रश्न 4.
ब्रह्मगुप्त कौन थे ?
(क) ऋषि
(ख) देव
(ग) गणितज्ञ
(घ) दानव
उत्तर:
(ग) गणितज्ञ

प्रश्न 5.
कंप्यूटर का आधार अंक कौन सा है ?
(क) शून्य
(ख) एक
(ग) दस
(घ) बीस
उत्तर:
(क) शून्य

प्रश्न 6.
‘आर्यभट्टीय’ ग्रंथ के लेखक का नाम क्या है ?
(क) महावीर
(ख) आर्यभट्ट
(ग) आचार्यवीर
(घ) वीरवट
उत्तर:
(ख) आर्यभट्ट

प्रश्न 7.
गणित सार संग्रह के लेखक कौन हैं ?
(क) आचार्य महावीर
(ख) आचार्य परमवीर
(ग) आचार्य नरेन्द्रनाथ
(घ) आचार्य स्वामी
उत्तर:
(क) आचार्य महावीर

शून्य……., नहीं अनन्त Summary

शून्य…. नहीं अनन्त पाठ का सार

पाठ शून्य……..नहीं अनन्त! में लेखक शिवशंकर ने शून्य, जीरो की खोज और महत्ता के बारे में बताया है। ‘जीरो’ के आविष्कार से पहले वस्तुओं और अंकों की गणना (गिनती) करने में बड़ी समस्या आती थी। वैदिक काल में जीरो का प्रचलन बिन्दु (.) के रूप में हुआ। आरम्भ में इसके ( • १ आदि रूप मिलते हैं। तीसरी शताब्दी में बेबीलोन निवासियों ने गणना के लिए ‘Y’ को 60 का आधार चिह्न मान कर गिनती की। ‘जीरो’ का जन्म हुआ चौथी शताब्दी में। भारत के महान् गणितज्ञ आर्यभट्ट इसके जन्मदाता हैं। इनका जन्म 476 ई० पू० बिहार के पाटलीपुत्र (पटना) के कुसुमपुर नामक स्थान में हुआ। आर्यभट्ट गणित, खगोल शास्त्र और ज्योतिष में प्रकांड पंडित थे। इन्होंने अपनी पुस्तक ‘आर्यभट्टीय’ में गणित, ज्योतिष और खगोल विज्ञान के अनेक नियम देकर अनेक अन्धविश्वासों को दूर करने का कार्य किया।

उन्होंने ही जीरो को ‘0’ का रूप दिया जिसे सारी दुनिया ने स्वीकार किया। आर्यभट्ट ने पृथ्वी, ग्रह, नक्षत्रों पर अनेक खोजें की जैसे धरती का अपने अक्ष पर घूमना, जिस कारण दिन और रात का बनना, सूर्य और चन्द्र ग्रहण सूर्य की परिक्रमा के दौरान एक रेखा होने से लगना आदि। भारत में जीरो की खोज होने के पश्चात् विश्व के अन्य देशों चीन और अरब ने भी इसको स्वीकार किया। आज संपूर्ण विश्व जीरो के आधार पर ही बड़ी-बड़ी गणनाएं (गिनती) करता है।
सचमुच जीरो (0) का आविष्कार करके न केवल आर्यभट्ट स्वयं अमर हो गए बल्कि सम्पूर्ण विश्व को गणना का एक आधार भी प्रदान कर गए। अतः जीरो (0) शून्य नहीं, यह तो है अनन्त अनमोल।

कठिन शब्दों के अर्थ:

आविष्कार = खोज । तपस्या = साधना। गणना = गिनती। प्रारम्भ = शुरू। समस्या = मुश्किल, मुसीबत। प्राचीन = पुराना। शिलालेख = पत्थर पर लिखे हुए लेख। नदारद = गायब। जटिल = मुश्किल, कठिन। मनीषियों = चिन्तकों। विश्व = संसार। नतमस्तक = माथा झुकाना। वैदिक काल = वेदों के समय का युग। प्रचलन = चलन। समाहित = समाया हुआ। प्रारम्भ = शुरू। शताब्दी = सदी। प्रकाण्ड = बहुत बड़ा। अन्ध-विश्वास = बिना किसी तर्क के किया गया विश्वास । अक्ष = धुरी। परिक्रमा = चक्कर। निसार = न्यौछावर । अध्ययन = पढ़ाई। सिर आँखों पर बिठाना = सम्मान देना। सबका प्यारा = दुलारा। इतराना = घमंड करना। गणना = गिनती। मान बढ़ाना = इज्जत देना, सम्मान दिलाना।। रहस्य = भेद। उमंग = खुशी। अनन्त = अन्त से परे, असीम।

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