Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 2 भूमि Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 2 भूमि
PSEB 6th Class Agriculture Guide भूमि Textbook Questions and Answers
(क) इन प्रश्नों के उत्तर एक-दो शब्दों में दीजिए –
प्रश्न 1.
किस प्रकार की भूमि में कम पानी लेने वाली फसलों की पैदावार की जा जाती है ?
उत्तर-
रेतीली भूमि में।
प्रश्न 2.
किस प्रकार की मिट्टी नदियों और नहरों के पानी द्वारा बिछाए गए मिट्टी के कणों से बनती है ?
उत्तर-
कछारी मिट्टी।
प्रश्न 3.
सेम की समस्या पंजाब के किस भाग में अधिक पाई जाती है ?
उत्तर-
केन्द्रीय पंजाब में।
प्रश्न 4.
कपास किस प्रकार की मिट्टी में अधिक पैदा की जाती है ?
उत्तर-
काली मिट्टी में।
प्रश्न 5.
किस प्रकार की भूमि में अधिक पानी सोखने की क्षमता होती है ?
उत्तर-
रेतीली भूमि।
प्रश्न 6.
धरती की कौन-सी पर्त पौधों के फलने-फूलने में सहायक होती है ?
उत्तर-
धरती की ऊपरी सतह।
प्रश्न 7.
भूमि की सबसे ऊपरी पर्त को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
‘ऐ’ होरीजन।
प्रश्न 8.
किस प्रकार की भूमि में बड़े कणों की मात्रा अधिक होती है ?
उत्तर-
रेतीली भूमि में।
प्रश्न 9.
किस प्रकार की मिट्टी अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है ?
उत्तर-
लैटराइट मिट्टी।
प्रश्न 10.
सेम, खारेपन और लवण की समस्या पंजाब के किन क्षेत्रों में पाई जाती
उत्तर-
केन्द्रीय क्षेत्र जैसे-संगरूर, लुधियाना, बरनाला आदि।
(ख) इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए
प्रश्न 1.
भूमि की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
धरती की ऊपरी सतह जिसमें खेती हो सकती है। यह चट्टानों के बारीक कणों तथा अन्य जैविक तथा अजैविक वस्तुओं का मिश्रण है।
प्रश्न 2.
भूमि की संरचना में कौन-कौन से कारक सहायता करते हैं ?
उत्तर-
भूमि की रचना में चट्टानें तथा जलवायु के कारक सहायता करते हैं।
प्रश्न 3.
भूमि को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं ?
उत्तर-
हवा, वर्षा, तापमान भूमि को प्रभावित करने वाले कारक हैं।
प्रश्न 4.
भूमि होरीजन (Soil Horizen) के बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
भूमि की भिन्न-भिन्न पर्तों को भूमि होरीजन कहा जाता है। इन पर्तों का रंग, बनावट तथा रासायनिक गुण भिन्न-भिन्न होते हैं। सबसे ऊपरी पर्त को ‘ऐ’ होरीजन कहा जाता है। इस पर्त में मल्लड़ की मात्रा अधिक होने के कारण इसका रंग गहरा होता है।
प्रश्न 5.
रेतीली और डाकर मिट्टी में क्या अंतर है ?
उत्तर –
रेतीली मिट्टी –
- इसमें कणों का आकार बड़ा होता है।
- इसके कणों में हवा अधिक होती है।
- इसमें पानी जल्दी रिस जाता है
डाकर मिट्टी –
- इसमें छोटे कणों की मात्रा अधिक होती है।
- इसमें हवा की मात्रा कम होती है।
- इसमें पानी की मात्रा को रोकने की अधिक समर्था होती है।
प्रश्न 6.
मल्लड़ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पौधों के अवशेष, पत्तों आदि का भूमि में गल-सड़ जाना तथा अन्य जैविक पदार्थों का भूमि में होना इसको मल्लड़ कहते हैं।
प्रश्न 7.
भूमि की विभिन्न पर्ते एक-दूसरे से किस आधार पर भिन्न होती हैं ?
उत्तर-
भूमि की भिन्न-भिन्न पर्ते एक-दूसरे से रंग, बनावट (texture) तथा रासायनिक दृष्टिकोण से भिन्न होती हैं।
प्रश्न 8.
मैरा भूमि कृषि के दृष्टिकोण से बेहतर क्यों मानी जाती है ?
उत्तर-
मैरा भूमि कृषि के दृष्टिकोण से बेहतर इसलिए मानी जाती है क्योंकि इसमें पानी सोखने की समर्था अधिक होता है।
प्रश्न 9.
भूमि की ऊपरी सतह का रंग गहरा क्यों होता है ?
उत्तर-
भूमि की ऊपरी सतह का रंग इसलिए गहरा होता है क्योंकि इसमें मल्लड़ तथा खनिजों की मात्रा अधिक होती है।
प्रश्न 10.
समय के साथ-साथ मिट्टी से सम्बन्धित कौन-सी समस्याएं सामने आ रही हैं ?
उत्तर-
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम होना, भूमि कटाव तथा सेम आदि समस्याएं सामने आ रही हैं।
(ग) इन प्रश्नों के उत्तर पाँच या छः वाक्यों में दीजिए –
प्रश्न 1.
भूमि में मौजूद कणों के आकार के आधार पर इसको कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है ? विस्तारपूर्वक लिखें।
उत्तर-
भूमि में मौजूद कणों के आकार के आधार पर भूमि को तीन भागों में बांटा जा सकता है
1. रेतीली भूमि (Sandy Soil)—इसमें बड़े आकार के कण अधिक होते हैं। इस भूमि में हवा अधिक होती है तथा पानी जल्दी समा जाता है।
2. डाकर चिकनी भूमि (Clay Soil)-इस भूमि में छोटे कणों की अधिक मात्रा होती है। इसमें पानी सोखने का सार्थय अधिक होता है तथा इसमें हवा की मात्रा कम होती है। इसको भारी भूमि भी कहा जाता है।
3. मैरा भूमि (Loam Soil)—इस भूमि में रेत, डाकर तथा सिल्ट के कण होते हैं। इस तरह यह इनका मिश्रण है। यह भूमि कृषि के दृष्टिकोण से अच्छी मानी जाती है क्योंकि इनमें पानी को सोखने का सार्थय अधिक होता है।
प्रश्न 2.
पंजाब प्रांत को कौन-कौन से भागों में विभाजित किया जा सकता है ?
उत्तर-
भूमि की किस्म के अनुसार पंजाब प्रांत को तीन भागों में बांटा जा सकता है-
1. दक्षिणी-पश्चिमी पंजाब-इस भाग में रेतीली भूमि होती है। यह साधारणतः रेतीली मैरा तथा सिल्ट कणों से बनी होती है। इस भूमि में नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश की कमी होती है। पंजाब के फ़ाजिल्का, मानसा, बठिण्डा, फिरोज़पुर तथा मुक्तसर के कुछ हिस्से इस क्षेत्र में आते हैं। इन क्षेत्रों में हवा द्वारा भूमि कटाव मुख्य समस्या है। यह भूमि गेहूँ, धान, कपास आदि फसलों के लिए उचित है।
2. केन्द्रीय पंजाब-इस भूमि में रेतीली मैरा तथा चिकनी मिट्टी मिलती है। पंजाब के केन्द्रीय ज़िले जैसे लुधियाना, बरनाला, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब आदि इस हिस्से में आते हैं। यहां कई भागों में सेम, खारापन तथा लवण आदि समस्याएं होती हैं। यह गेहूँ, सब्जी, धान आदि फसलों के लिए उपयोगी है।
3. उत्तर-पूर्वी-इस क्षेत्र में अर्ध-पर्वतीय क्षेत्र जैसे गुरदासपुर के पूर्वी भाग, होशियारपुर तथा रोपड़ के क्षेत्र आते हैं। इनमें मैरा तथा चिकनी मिट्टी मिलती है। यहां पानी द्वारा भूमि कटाव की समस्या अधिक है। यह गेहूँ, मक्का, धान, फलों आदि के लिए उपयोगी है।
प्रश्न 3.
भारत में कितने प्रकार की मिट्टी पाई जाती है ?
उत्तर-
भारत में मिट्टी की भिन्न-भिन्न किस्में हैं-
1. लैटराइट मिट्टी (Laterite Soil)-यह अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में मिलती है जैसे-दक्षिणी महाराष्ट्र, उड़ीसा, केरल, असम आदि। इनमें तेज़ाबी मादा अधिक होता है।
2. काली मिट्टी (Black Soil)-इसको कपास मिट्टी भी कहा जाता है। यह महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश में मिलती है। इसका रंग गहरा काला इसलिए होता है क्योंकि इसमें मल्लड़ की मात्रा तथा लवण की मात्रा अधिक होती है।
3. पठारी मिट्टी (Mountain Soil)—यह मिट्टी उत्तरी भारत के ठण्डे तथा शुष्क क्षेत्रों में होती है।
4. कछारी मिट्टी (Alluvial Soil)-यह नदियों तथा नहरों द्वारा बिछाई गई मिट्टी की पों से बनती है। यह उत्तरी भारत के क्षेत्रों में जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि में मिलती है।
5. रेतीली मिट्टी (Desert Soil) यह राजस्थान तथा इससे लगते पंजाब तथा हरियाणा में मिलती है।
6. लाल मिट्टी (Red Soil)-यह मिट्टी कम वर्षा वाले क्षेत्रों जैसे कर्नाटक के कुछ भाग, दक्षिणी पूर्वी महाराष्ट्र, पूर्वी आंध्र प्रदेश में मिलती है। इसमें आयरन ऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है।
प्रश्न 4.
भूमि से सम्बन्धित कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ?
उत्तर-
भूमि एक प्राकृतिक स्रोत है परन्तु इसका बेसमझी से उपयोग करने के कारण कई समस्याएं पैदा हो रही हैं ; जैसे इसकी उपजाऊ शक्ति का कम होना, हवा, पानी के कारण भूमि कटाव होना, सेम की समस्या आदि। अधिक उपज लेने के लिए मिट्टी में आवश्यकता से अधिक रासायनिक खादों तथा कीटनाशकों के प्रयोग से मिट्टी में विषैले पदार्थों की मात्रा बढ़ती जा रही है जो मिट्टी द्वारा हमारे खाने-पीने की वस्तुओं में शामिल हो जाते हैं।
प्रश्न 5.
भूमि के प्रकार के आधार पर इसमें होने वाली फसलों के बारे में बताओ।
उत्तर-
भूमि के प्रकार के आधार पर इनमें होने वाली फसलें हैं –
- लैटराइट मिट्टी-चाय, नारियल।
- कछारी मिट्टी-गेहूँ, धान, गन्ना, कपास आदि।
- लाल मिट्टी-गेहूँ, कपास, तंबाकू, धान आदि।
- काली मिट्टी -गेहूँ, कपास, अलसी।
- रेतीली मिट्टी-गेहूँ, मक्की, जौ, कपास।
- पठारी मिट्टी-गेहूँ, मक्का, बाजरा, फलदार पौधे, चाय, कोको।
Agriculture Guide for Class 6 PSEB भूमि Important Questions and Answers
बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
होरीजन ‘ऐ’ का रंग गहरा क्यों होता है ?
उत्तर-
मल्लड़ तथा खनिजों की मात्रा अधिक होने के कारण।
प्रश्न 2.
भूमि में मौजूद कणों के आधार पर भूमि कितने प्रकार की है ?
उत्तर–
तीन प्रकार की।
प्रश्न 3.
भारी भूमि किस को कहा जाता है ?
उत्तर-
डाकर चिकनी भूमि को।
प्रश्न 4.
ज्यादा वर्षा वाले क्षेत्रों जैसे उड़ीसा में किस तरह की भूमि होती है ?
उत्तर-
लैटराइट मिट्टी।
प्रश्न 5.
आयरन आक्साइड की मात्रा कौन-सी मिट्टी में अधिक है ?
उत्तर-
लाल मिट्टी में।
प्रश्न 6.
हिमालय के क्षेत्र में कौन-सी मिट्टी मिलती है ?
उत्तर-
पठारी मिट्टी।
प्रश्न 7.
भूमि की किस्म के अनुसार पंजाब को कितने भागों में बांटा गया है ?
उत्तर-
तीन भागों में।
प्रश्न 8.
काली मिट्टी देश के लगभग कितने भाग में मिलती है ?
उत्तर-
16.6 प्रतिशत।
प्रश्न 9.
कछारी मिट्टी देश के लगभग कितने हिस्से में मिलती है ?
उत्तर-
45 प्रतिशत।
प्रश्न 10.
कणों के आकार के आधार पर मिट्टी कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-
चिकनी मिट्टी, रेतीली या मैरा मिट्टी।
प्रश्न 11.
मैरा रेतीली भूमि में कितने प्रतिशत रेत होती है ?
उत्तर-
इसमें 70-85 प्रतिशत रेत होती है।
प्रश्न 12.
भूमि के भौतिक गुण कौन-से हैं ?
उत्तर-
भूमि की बनावट, भूमि में पानी सोखने की शक्ति तथा भूमि में पानी रोकने की शक्ति आदि भूमि के भौतिक गुण हैं।
प्रश्न 13.
कौन-सी भूमि में जैविक मादा अधिक होता है ?
उत्तर-
मैरा भूमि में।
छोटे उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
मैरा भूमि के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
यह भूमि रेतीली, डाकर तथा सिल्ट कणों के मिश्रण से बनती है। यह भूमि कृषि के लिए अच्छी मानी जाती है। इसमें पानी सोखने की समर्था अधिक होती है।
प्रश्न 2.
कपास मिट्टी के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
काली मिट्टी को कपास की मिट्टी कहा जाता है। यह महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश में मिलती है। देश के लगभग 16.6 प्रतिशत हिस्से में यह मिट्टी मिलती है। इस मिट्टी में मल्लड़ तथा लवण की मात्रा अधिक होती है। इसलिए इसका रंग काला होता है।
प्रश्न 3.
रेतीली भूमि कम उपजाऊ क्यों होती है ?
उत्तर-
रेतीली भूमि में मोटे कणों की मात्रा 85 प्रतिशत से अधिक होती है। चिकनी मिट्टी तथा मल्लड़ 15 प्रतिशत से कम होते हैं। इसमें पोषक तत्त्व, पानी रोकने की शक्ति तथा जैविक पदार्थ भी कम होते हैं। इसलिए रेतीली भूमि कम उपजाऊ होती है।
प्रश्न 4.
समय के साथ मिट्टी से संबंधित कौन-सी समस्याएँ सामने आ रही हैं ?
उत्तर-
यह समस्याएँ हैं- उपजाऊ शक्ति का कम होना, भूमि क्षरण तथा सेम आदि। मिट्टी में रसायनों के प्रयोग के कारण यह जहरीले पदार्थ हमारे खाने में भी आ चुके हैं।
बड़े उत्तर वाला प्रश्न
प्रश्न-
जीवांश क्या होता है ? संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
धरती पर उगे वृक्ष तथा पौधों के पत्तों, शाखाओं तथा घास आदि गल-सड़ कर धरती में मिल जाते हैं। इसी प्रकार अन्य जीव-जन्तु अपना जीवन चक्र पूरा करके धरती में ही गल कर मिल जाते हैं। वनस्पति तथा जीव जंतुओं के इस गले-सड़े हुए अंश को जीवांश कहते हैं।
किसी भी भूमि में जीवांश की मात्रा वहां की हवा, पानी तथा वातावरण पर निर्भर करती है। घास वाले मैदानों तथा घने जंगलों वाले क्षेत्रों में भूमि के अन्दर जीवांश की मात्रा अधिक होती है, परन्तु मरुस्थल तथा गर्म शुष्क क्षेत्रों की भूमि में बहुत कम जीवांश होता है।
भूमि PSEB 6th Class Agriculture Notes
- धरती की ऊपरी सतह जिसमें खेती की जाती है, को भूमि कहा जाता है।
- भूमि की भिन्न-भिन्न परतों को भूमि होरीजन कहा जाता है।
- भूमि की ऊपरी पर्त को ‘ऐ’ होरीजन कहा जाता है।
- कणों के आकार के अनुसार भूमि रेतीली, डाकर या चिकनी तथा मैरा होती है।
- भारत में लैटराइट मिट्टी अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में होती है ; जैसे महाराष्ट्र, केरल, असम।
- कछारी मिट्टी उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्रों में होती है ; जैसे पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा।
- काली मिट्टी को कपास मिट्टी भी कहा जाता है। यह गुजरात, कर्नाटक आदि में होती है।
- लाल मिट्टी कम वर्षा वाले क्षेत्रों पूर्वी आंध्र प्रदेश, कर्नाटक के कुछ भागों आदि में है।
- पठारी मिट्टी हिमालय के क्षेत्रों में होती है।
- रेतीली मिट्टी राजस्थान तथा इसके साथ लगते क्षेत्रों में मिलती है।
- भूमि की किस्म के अनुसार पंजाब को तीन भागों में बांटा गया है।
- यह तीन भाग हैं दक्षिणी-पश्चिमी पंजाब, केन्द्रीय पंजाब, उत्तर-पूर्वी पंजाब ।