PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 2 जब मैं पढ़ता था

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 2 जब मैं पढ़ता था Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 2 जब मैं पढ़ता था

Hindi Guide for Class 5 PSEB जब मैं पढ़ता था Textbook Questions and Answers

I. बताओ

प्रश्न 1.
गाँधी जी का पूरा नाम क्या था ?
उत्तर:
गाँधी जी का पूरा नाम मोहनदास कर्मचन्द गाँधी था।

प्रश्न 2.
गाँधी जी का जन्म कब और कहाँ हुआ ?
उत्तर:
गाँधी जी का जन्म 2 अक्तूबर, सन् 1869 को पोरबन्दर (गुजरात) में हुआ।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 2 जब मैं पढ़ता था

प्रश्न 3.
गाँधी जी के माता-पिता का क्या नाम था ?
उत्तर:
गाँधी जी की माता का नाम पुतलीबाई और इनके पिता का नाम करमचन्द गाँधी था।

प्रश्न 4.
गाँधी जी ने श्रवण कुमार का चित्र देखकर मन में क्या सोचा ?
उत्तर:
श्रवण कुमार का चित्र देखकर गाँधी जी ने मन ही मन श्रवण कुमार की तरह बनकर मातापिता की सेवा करने का निश्चय किया।

प्रश्न 5.
‘सत्य हरिश्चन्द्र’ नाटक देखने पर गाँधी जी के मन में क्या बात बैठ गई ?
उत्तर:
‘सत्य हरिश्चन्द्र’ नाटक देखने पर गाँधी जी के मन में यह बात बैठ गई कि चाहे हरिश्चन्द्र की भाँति दुःख उठाना पड़े, पर सत्य को कभी नहीं छोगा।

प्रश्न 6.
गाँधी जी की किस भूल की सज़ा उन्हें जीवन भर झेलनी पड़ी ?
उत्तर:
स्कूल के समय में अपनी लिखाई को न सुधारना गाँधी जी की एक ऐसी भूल थी जिसकी सज़ा उन्हें जीवन भर झेलनी पड़ी।

प्रश्न 7.
गाँधी जी के लिए क्या बात असहय थी ?
उत्तर:
अपने से बड़ों तथा शिक्षकों का अप्रसन्न होना गाँधी जी के लिए असह्य था।

प्रश्न 8.
गाँधी जी की व्यायाम में अरुचि के दो कारण कौन-से थे ?
उत्तर-:
गाँधी जी की व्यायाम में अरुचि के दो कारणों में से प्रथम तो यह है कि वह बहुत संकोची स्वभाव के थे और दूसरा कि वह अपने पिता जी की सेवा करने की तीव्र इच्छा रखते थे। स्कूल बन्द होते ही वह तुरन्त घर जाकर उनकी सेवा में लग जाते थे। इसीलिए व्यायाम में उनकी अरुचि थी।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच पंक्तियों में लिखो

प्रश्न 1.
गाँधी जी ने इस पाठ में अपने माता– पिता के बारे में क्या बताया है ?
उत्तर:
गाँधी जी ने अपने माता-पिता के बारे में बताते हुए कहा कि मेरे पिता करमचन्द गाँधी थे। वे राजकोट के दीवान थे। वे सत्यप्रिय, साहसी और उदार व्यक्ति थे। वे सदा उचित न्याय करते थे। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। उनका स्वभाव बहुत अच्छा था। वे धार्मिक विचारों की महिला थीं। पूजा-पाठ किए बिना भोजन नहीं करती थीं।

प्रश्न 2.
सुलेख शिक्षा का ज़रूरी अंग है। इसके बारे में गाँधी जी के विचार क्या थे ?
उत्तर;
‘सुलेख शिक्षा का ज़रूरी अंग है’, गाँधी जी के इस बारे में विचार थे कि लिखाई सुन्दर होनी चाहिए, इसके लिए चित्रकला सीखनी चाहिए। बालक जब चित्रकला सीखकर चित्र बनाना जान जाता है, तब यदि अक्षर लिखना सीखे तो उसके अक्षर मोती जैसे हो सकते हैं।

प्रश्न 3.
व्यायाम के लिए समय पर स्कूल न पहँचने पर गाँधी जी को दःख क्यों हआ ?
उत्तर:
व्यायाम के लिए समय पर स्कूल न पहुँचने पर गाँधी जी को इसलिए दुःख हुआ क्योंकि आकाश में बादल होने के कारण गाँधी जी को समय का पता नहीं चला और घड़ी इनके पास थी नहीं। इन्होंने अपनी देरी का कारण सबको सच-सच बतला दिया, लेकिन किसी ने इनकी बात पर विश्वास नहीं किया और इन्हें दण्ड लगा दिया। इस बात पर गाँधी जी को दुःख हुआ।

III. वाक्यों में प्रयोग करो

सत्यप्रिय, साहसी, उदार, सत्यवादी, धार्मिक, स्वास्थ्य, मंदबुद्धि, पके घड़े पर मिट्टी चढ़ना, मोती जैसे अक्षर होना, धोखा खाना, मन मारकर रह जाना।
उत्तर:
(i) सत्यप्रिय-कर्मचन्द गाँधी सत्यप्रिय व्यक्ति थे।
(ii) साहसी-मोहन एक साहसी बालक है।
(iii) उदार-राजा बहुत उदार स्वभाव का था।
(iv) सत्यवादी-हमें सत्यवादी बनना चाहिए।
(v) धार्मिक-मेरी माता जी धार्मिक स्वभाव की हैं।
(vi) स्वास्थ्य-इन दिनों मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं
(vi) मंदबुद्धि-हमें मंदबुद्धि बालकों से भी प्रेम पूर्वक व्यवहार करना चाहिए।
(vii) पके घड़े पर मिट्टी चढ़ना-महेश तुम अब कॉलेज में पढ़ते हुए अपनी लिखाई सुधारने की बात सोचते हो। भला पके घड़े पर भी कहीं मिट्टी चढ़ी है?
(ix) मोती जैसे अक्षर होना-बार-बार सुलेख का अभ्यास करो तो तुम्हारे मोती जैसे अक्षर हो सकते हैं।
(x) धोखा खाना-मैंने दो बार मोहन पर विश्वास करके धोखा ही खाया है।
(xi) मन मारकर रह जाना-मेरा सुझाव किसी ने भी न माना अत: मुझे मन मारकर रह जाना पड़ा।

IV. ‘अ’ लगाकर विपरीत शब्द बनाओ

(i) अ + प्रसन्न = अप्रसन्न
(ii) अ + सत्य = ……………
(iii) अ + पूर्ण = ……………
(iv) अ + रुचि = ……………
(v) अ + न्याय = ……………
(vi) अ + सावधान = ……………
उत्तर:
(i) अ + प्रसन्न = अप्रसन्न।
(ii) अ + सत्य = असत्य।
(iii) अ + पूर्ण = अपूर्ण।
(iv) अ + रुचि = अरुचि।
(v) अ + न्याय = अन्याय।
(vi) अ + सावधान = असावधान।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 2 जब मैं पढ़ता था

V. इन शब्दों में ‘र’ पदेन (/) है या रेफ (‘) या ऋ की मात्रा

(i) अनिवार्य = ……………
(ii) पितृभक्ति = ……………
(iii) धार्मिक = ……………
(iv) हरिश्चन्द्र = ……………
(v) अपूर्ण = ……………
(vi) संस्कृत = ……………
(vii) आश्च र्य. = ……………
(viii) छात्रवृति = ……………
(ix) श्रवण = ……………
(x) सत्यप्रिय = ……………
(xi) वर्ष = ……………
(xii) विद्यार्थी = ……………
(xiii) प्रेम = ……………
(xiv) क्रिकेट = ……………
उत्तर:
(i) अनिवार्य = रेफ।
(ii) पितृभक्ति = ऋा
(iii) धार्मिक = रेफ।
(iv) हरिश्चन्द्र = पदेन।
(v) अपूर्ण = रेफ।
(vi) संस्कृत = ऋ।
(vii) आश्चर्य = रेफ।
(viii) छात्रवृति = ऋ।
(ix) श्रवण = पदेन।
(x) सत्यप्रिय = पदेन।
(xi) वर्ष = रेफ।
(xii) विद्यार्थी = रेफ।
(xiii) प्रेम = पदेन।
(xiv) क्रिकेट = पदेन।

VI. पाठ से ढूँढ़कर समान अर्थ वाले शब्द लिखो

(i) स्कूल = ……………
(ii) पुस्तक = ……………
(iii) अध्यापक = ……………
(iv) पढ़ाई = ……………
(v) नाखुश = ……………
(vi) कसरत = ……………
(vii) हैरानी = ……………
(vii) कठोर = ……………
(ix) तरीका = ……………
(x) जरूरी = ……………
उत्तर:
समान अर्थ वाले शब्द
(i) स्कूल = विद्यालय।
(ii) पुस्तक = किताब।
(iii) अध्यापक = शिक्षक।
(iv) पढ़ाई = विद्या।
(v) नाखुश = नाराज़।
(vi) कसरत = व्यायाम।
(vii) हैरानी = आश्चर्य।
(viii) कठोर = सख्त।
(ix) तरीका = उपाय।
(x) ज़रूरी = आवश्यक।

VII. इनके लिए एक शब्द लिखौं।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 2 जब मैं पढ़ता था 1

(i) जो दूसरों से संकोच करे …………..
(ii) जिसे सदा सत्य प्यारा हो …………..
(ii) जो सत्य के लिए आग्रह करे ………….
(iv) जो सदा सत्य बोले ……………….।
(v) जो पिता का भक्त हो …………
उत्तर:
(i) जो दूसरों से संकोच करे-संकोची।
(ii) जिसे सदा सत्य प्यारा हो-सत्यप्रिय।.
(iii) जो सत्य के लिए आग्रह करे-सत्याग्रही।
(iv) जो सदा सत्य बोले-सत्यवादी।
(v) जो पिता का भक्त हो-पितृभक्त।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 2 जब मैं पढ़ता था

VIII. (क) अन्तर समझो और वाक्यों में प्रयोग करो-

1. दण्ड = जुर्माना-मुझे दो रुपये दण्ड देना पड़ा।
दण्ड = सज़ा-पुलिस ने चोर को दण्ड दिया।

2. पात्र = बर्त – …………
नपात्र = अभिनेता- …………………..
3. भूल = गलती- ………….
भूल = भूल जाना- …………

4. कड़ा = हाथ में पहना जाने वाला- …………
कड़ा = कठोर- ………….

5. दीवान = मंत्री, वजीर- …………..
दीवान = जमघट, जमावड़ा, संग्रह-………..

6. आना = मूल्य (रुपया, आना, पैसा)-……
आना = किसी व्यक्ति या वस्तु का कहीं से आना-……… ……..
उत्तर:
1. दण्ड = जुर्माना – मुझे दो रुपये दण्ड देना पड़ा।
दण्ड = सज़ा-पुलिस ने चोर को दण्ड दिया।

2. पात्र = बर्तन-इस पात्र का मुँह छोटा है।
पात्र = अभिनेता-इस नाटक में पाँच पात्र हैं।

3. भूल = गलती-मैं अपनी भूल की क्षमा चाहता हूँ।
भूल = भूल जाना-मैं आपकी पुस्तक लाना भूल गया।

4. कड़ा = हाथ में पहना जाने वाला-मुझे सोने का कड़ा चाहिए।
कड़ा = कठोर-अनुशासन के मामले में वह बहुत कड़ा है।

5. दीवान = मंत्री, वजीर-दीवान ने अपनी समस्या राजा के सामने रखी।
दीवान = जमघट, संग्रह, जमावड़ा-पीपल के पेड़ के नीचे गाँव का दीवान सज़ा हुआ था।

6. आना = एक रुपये का सोलहवां हिस्सा| मुझे आठ आना चाहिए।
आना = किसी का आना-आपका दिल्ली से कब आना होगा ?

(ख) सूक्ष्म अंतर समझो और वाक्यों में प्रयोग करो

1. सजा = सजाना- …………
सजा = दण्ड- ………….

2. शोक = अफसोस …………..
शौक = पसंद- ……………

3. चिंता = फिक्र- …………
चिता = शव जलाने हेतु लकड़ियों का ढेर …………
उत्तर:
1. सजा = सजाना-नौकर ने सारा कमरा सजा दिया है।
सज़ा = दण्ड-अपराधी को अपने किए की सज़ा मिली।

2. शोक = अफसोस-मित्र की माता के निधन पर शोक पत्र लिखो।
शौक = पसंद-मुझे खेलने का बहुत शौक है।

3. चिंता = फिक्र-मुझे आपकी बहुत चिंता
चिता = शव जलाने हेतु लकड़ियों का ढेर-शव को चिता पर रखा गया।

IX. पढ़ो, समझो और नये शब्द बनाओ

क् + ष = क्ष = अक्षर …………… , …………….
त् + र = त्र = छात्र ………… , …………..
ज् + अ = ज्ञ = ज्ञान …………… , …………..
श् + र = श्र = श्रवण ……………. , ……………
उत्तर:
(क) निरक्षर, साक्षर।
(ख) पत्र, मित्र।
(ग) ज्ञान, विज्ञान।
(घ) आश्रय, विश्राम।

X. विपरीत शब्द बनाओ

(i) इच्छा = अनिच्छा
(ii) उदार = अनुदार
(iii) दुःख = ………..
(iv) अनिवार्य = ऐच्छिक
(v) दण्ड = …………….
(vi) रुचि = …………..
उत्तर:
विपरीत शब्द
(i) इच्छा = अनिच्छा।
(ii) उदार = अनुदार।
(iii) दुःख = सुख।
(iv) अनिवार्य = ऐच्छिक।
(v) दण्ड = इनाम।
(vi) रुचि = अरुचि।

प्रयोगात्मक व्याकरण

I. संज्ञा (परिभाषा)-किसी व्यक्ति के नाम, वस्तु, स्थान अथवा भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।

उदाहरण:

  1. मैं भी श्रवण कुमार की तरह बनूँगा।
  2. मैं फुटबाल खेलने नहीं गया था।
  3. यह विचार मेरे मन में इंग्लैंड जाने तक रहा।
  4. मुझे इस बात का दुःख है।

ऊपर दिखाए गए वाक्यों में रेखांकित शब्द संज्ञा कहलाते हैं।

निम्नलिखित वाक्यों में से संज्ञा शब्द छांटिए

(1) वे राजकोट के दीवान थे।
(2) सभी को हरिश्चन्द्र की तरह सत्यवादी बनना चाहिए।
(3) सत्य को कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
(4) मैंने कभी झूठ नहीं बोला।
(5) मैं तुरन्त उनकी सेवा में लग जाता था।
(6) लेकिन अपने आचरण की मुझे बहुत चिन्ता रहती थी।
उत्तर:
(1) राजकोट, दीवान
(2) हरिश्चन्द्र, सत्यवादी
(3) सत्य
(4) झूठ
(5) सेवा
(6) आचरण।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 2 जब मैं पढ़ता था

योग्यता विस्तार

अपने स्कूल के पुस्तकालय से श्रवण कुमार, महात्मा गाँधी, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, लाला लाजपत राय आदि की जीवनियाँ लेकर पढ़ो। जो गुण आप उनसे सीखो उसे अपनी डायरी में नोट करो और अपने आचरण में लाओ।

नोट-विद्यार्थी पुस्तकालय में से इन महापुरुषों की जीवनियों को पढ़ें, अपनी डायरी में उनके अच्छे गुणों को लिखें और जीवन में उनका आचरण करें।

II. निम्नलिखित के उत्तर हाँ या नहीं में दो

  1. क्या आप सैर करने जाते हो – हाँ/नहीं
  2. क्या आप फुटबाल खेलते हो – हाँ/नहीं
  3. क्या आप क्रिकेट खेलते हो – हाँ/नहीं
  4. क्या आप व्यायाम/योग करते हो – हाँ/नहीं
  5. क्या आप चित्रकला में रुचि रखते हो हाँ/नहीं
  6. क्या आप नाटक में रुचि रखते हो हाँ/नहीं

ऊपर लिखी जिस बात में आपकी अधिक रुचि है उस पर अन्यथा इनके अलावा किसी अन्य में जैसे संगीत, दौड़ आदि में आपकी रुचि है तो उस पर पाँच वाक्य लिखें।

नोट- विद्यार्थी अपनी पसन्द के खेलों में हाँ और नापसन्द खेलों में नहीं को सही (✓) का निशान लगाते हुए अपनी मनपसन्द खेल के लिए पाँच वाक्य लिखें।

(3) (क) भाषा : परिभाषा-अपने मन की बातों, भावनाओं और विचारों को प्रकट करने का साधन भाषा कहलाती है। साहित्यिक दृष्टि से भाषा के दो प्रकार होते हैं। (i) मौखिक और (ii) लिखित।

(ख) लिपि : परिभाषा-भाषा को चिह्नों में लिखने की प्रणाली को लिपि कहते हैं। अलगअलग भाषाओं की अलग-अलग लिपियाँ होती हैं। कुछ प्रसिद्ध भाषाओं की लिपियाँ निम्नांकित हैं

भाषा – लिपि
(i) संस्कृत – देवनागरी।
(ii) हिन्दी – देवनागरी।
(iii) पंजाबी – गुरुमुखी।
(iv) अंग्रेजी – रोमन।
(v) उर्दू – फ़ारसी।

III. समझो और संकेतों की सहायता से अपनी आत्मकथा लिखो

अपने बारे में लिखी कहानी को आत्मकथा कहते हैं। आपने गाँधी जी की आत्मकथा पढ़ी। इसमें से कौनकौन से गुण आप अपने जीवन में अपनायेंगे। लिखो।

शब्द संकेत
…………… माता-पिता की सेवा करना
…………… शिक्षक का आदर करना
……………… सत्य बोलना
………………. खुली हवा में सैर करना
……………… सुलेख
……………… पढ़ने के साथ व्यायाम करना
उत्तर:
नोट-विद्यार्थी दिए गए शब्द संकेतों की सहायता से स्वयं लेखन का प्रयास करें।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प पर (✓) निशान लगाएं

प्रश्न 1.
गाँधी जी का पूरा नाम क्या था ?
(क) मोहन
(ख) मोहनदास
(ग) कर्मचन्द
(घ) मोहनदास कर्मचन्द गांधी।
उत्तर:
(घ) मोहनदास कर्मचन्द गांधी।

प्रश्न 2.
गाँधी जी का जन्म कब हुआ ?
(क) 2 अक्तूबर 1869
(ख) 2 अक्तूबर 1879
(ग) 2 अक्तूबर 1889
(घ) 2 अक्तूबर 1899.
उत्तर:
(क) 2 अक्तूबर 1869

प्रश्न 3.
गाँधी जी का जन्म कहाँ हुआ?.
(क) हरियाणा
(ख) गुजरात
(ग) पंजाब
(घ) कश्मीर।
उत्तर:
(ख) गुजरात

प्रश्न 4.
गाँधी जी ने किसका चित्र देखा?
(क) श्रवण कुमार
(ख) सुभाषचन्द्र बोस
(ग) शहीद भगत सिंह
(घ) नेहरू।
उत्तर:
(क) श्रवण कुमार

प्रश्न 5.
गाँधी जी ने कौन-सा नाटक देखा?
(क) सत्य
(ख) हरिश्चन्द्र
(ग) सत्य हरिश्चन्द्र
(घ) सत्य के प्रयोग।
उत्तर:
(ग) सत्य हरिश्चन्द्र

जब मैं पढ़ता था Summary

जब मैं पढ़ता था पाठ का सार

महात्मा गाँधी अपने जीवन के विषय में बताते हैं कि उनके पिता का नाम करमचन्द गाँधी तथा माता का नाम पुतली बाई था। पिता सत्यप्रिय, साहसी और उदार व्यक्ति थे। माता आस्तिक और अच्छे स्वभाव की महिला थीं। पोरबंदर में जन्म लेकर उन्होंने स्कूली शिक्षा राजकोट में प्राप्त की। बचपन में ‘श्रवणपितृभक्ति’ नामक पिता के द्वारा लाई पुस्तक को पढ़कर और श्रवण कुमार की शीशे में तस्वीर देख श्रवण कुमार की तरह बनने की इच्छा तेज़ हो गई थी। वे हरिश्चन्द्र की सत्यवादिता से बहुत प्रभावित हुए थे। तेरह वर्ष की आयु में उनका विवाह कस्तूरबा से हो गया था। शिक्षा प्राप्ति में उन्होंने सुलेख का महत्त्व समझा। अपने संस्कृत-अध्यापक की प्रेरणा से उन्होंने संस्कृत सीखी। पढ़ाई में ये सामान्य थे। इनका मन व्यायाम करने, क्रिकेट या फुटबाल खेलने में नहीं लगता था। ये अपने पिता की सेवा करना चाहते थे। एक बार आकाश में बादलों के कारण ये समय का ठीक अनुमान नहीं लगा पाए थे और शाम के व्यायाम के लिए ठीक समय पर न पहुँच पाने के कारण इन्हें जुर्माना देना पड़ा था जिसका इन्हें दुख था कि झूठा न होने पर भी उन्हें दंडित किया गया, तब उन्होंने जाना था कि सच बोलने वाले को असावधान भी नहीं रहना चाहिए।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 2 जब मैं पढ़ता था

कठिन शब्दों के अर्थ:

दीवान = मन्त्री। सत्यप्रिय = सत्य से प्रेम करने वाला। साहसी = हिम्मती। उदार = बड़े दिल वाला। उचित = ठीक। न्याय = इन्साफ़। स्वभाव = आदत। धार्मिक = धर्म से जुड़ा। पाठशाला = विद्यालय, स्कूल। प्रभाव = असर। बहँगी = काँवर। छात्रवृत्ति = वज़ीफा।असह्य = जिसे सहा न जा सके, न सहने वाला। सहपाठी = साथ पढ़ने वाला। शिक्षक = शिक्षा देने वाला, अध्यापक। संकोची = शर्मीला। सत्यवादी = सच। बोलने वाला। पितृभक्ति = पिता की भक्ति। आचरण = चाल-चलन, व्यवहार। स्वास्थ्य = सेहत। लाभकारी = लाभ पहुंचाने वाला। व्यायाम = कसरत। अपूर्ण = अधूरी। चित्रकला = तस्वीर बनाने का हुनर। सरल = आसान। कठिनाई = मुश्किल। रस = आनन्द। उपकार = भला। अध्ययन = पढ़ना, पढ़ाई। मन्द बुद्धि = थोड़ी अक्ल वाला। गर्व = अभिमान। दण्ड = सजा। पात्र = अधिकारी।अरुचि = शौक न होना। अनुशासन = नियम का पालन, नियन्त्रण। अनिवार्य = ज़रूरी। तीव्र = तेज़। विज = रुकावट। मन मार कर = मन पर काबू करके। असावधान = लापरवाह।

Leave a Comment