Punjab State Board PSEB 11th Class Agriculture Book Solutions Chapter 8 मुर्गी पालन Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 11 Agriculture Chapter 8 मुर्गी पालन
PSEB 11th Class Agriculture Guide मुर्गी पालन Textbook Questions and Answers
(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दो-
प्रश्न 1.
मुर्गी कितने दिनों बाद अण्डे देना शुरू करती है?
उत्तर-
मुर्गी 160 दिनों पश्चात् अण्डे देना शुरू करती है।
प्रश्न 2.
मीट देने वाली मुर्गियों की दो किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-
आई० बी० एल० 80 ब्रायलर तथा ह्वाइट प्लाईमाऊथ राक।
प्रश्न 3.
मुर्गी के एक अण्डे का भार लगभग कितना होता है?
उत्तर-
एक अण्डे का भार लगभग 55 ग्राम होता है।
प्रश्न 4.
सफ़ेद रंग के अण्डे कौन सी मुर्गी देती है?
उत्तर-
ह्वाइट लैगहान।
प्रश्न 5.
रैड आईलैंड रैड मुर्गी साल में कितने अण्डे देती है?
उत्तर-
यह वर्ष में लगभग 180 अण्डे देती है।
प्रश्न 6.
बीटों से कौन सी गैस बनती है ?
उत्तर-
अमोनिया।
प्रश्न 7.
चूजों को गर्मी देने वाले यंत्र का क्या नाम है ?
उत्तर-
बरूडर।
प्रश्न 8.
मुर्गियों के शैड की छत कितनी ऊंची होनी चाहिए ?
उत्तर-
10 फुट।
प्रश्न 9.
दो मुर्गियों के लिए पिंजरे का क्या आकार होना चाहिए ?
उत्तर-
15 इंच लम्बा तथा 12 इंच चौड़ा।
प्रश्न 10.
सर्दियों में मुर्गियां खुराक अधिक खाती हैं या कम।
उत्तर-
सर्दियों में मुर्गियां अधिक खुराक खाती हैं।
(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दो।
प्रश्न 1.
पोल्ट्री शब्द से क्या भाव है?
उत्तर-
पोल्ट्री शब्द का अर्थ है प्रत्येक प्रकार के पक्षियों को पालना जिनसे मनुष्य की आर्थिक आवश्यकताएं पूरी हो सकें। इसमें मुर्गियां, बतखें, बटेर, टर्की, कबूतर, शुतुरमुर्ग, हंस, गिन्नी, फाऊल आदि शामिल है।
प्रश्न 2.
देसी नस्ल की मुर्गियों का वर्णन करो।
उत्तर-
इसकी किस्में हैं-पंजाब लेयर-1 तथा पंजाब लेयर-2.
- सतलुज लेयर-यह वर्ष में 255-265 अण्डे देती हैं। एक अण्डे का औसत भार 55 ग्राम होता है।
- आई०बी०एल० 80 ब्रायलर-इससे मीट प्राप्त किया जाता है। इसका औसत भार 1350-1450 ग्राम लगभग 6 सप्ताह में हो जाता है।
प्रश्न 3.
वाइट लैग हार्न तथा रैड आइलैंड रेड मुर्गियों की तुलना करो।
उत्तर-
वाइट लैग हार्न मुर्गियां –
- इसके अण्डे सफ़ेद रंग के होते हैं।
- वर्ष में 220-250 के लगभग अण्डे देती हैं।
- थोड़ी खुराक खाती हैं।
- इनका मास स्वादिष्ट नहीं होता।
यह अण्डे वाली नसल है।
रैड आइलैड रेड मुर्गियां –
- इसके अण्डे खाकी रंग के होते हैं।
- वर्ष में 180 अण्डे देती हैं।
- अधिक खुराक खाती हैं।
- इनका प्रयोग मांस के लिये होता है।
प्रश्न 4.
मुर्गियों के विकास के लिए किन भोज्य तत्त्वों की आवश्यकता होती है?
उत्तर-
मुर्गियों की वृद्धि के लिये लगभग 40 पौष्टिक तत्त्वों की आवश्यकता होती है। खुराक में पाए जाने वाले पदार्थों को 6 भागों में बांट सकते हैं। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, चर्बी, धातुएं, विटामिन तथा पानी।
प्रश्न 5.
मुर्गियों के शैड के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
मुर्गियों की शैड ऊंचे स्थान पर बनानी चाहिए तथा सड़क से जुड़ी होनी चाहिए ताकि खुराक, अण्डों आदि की ढुलाई इत्यादि सुविधा से हो सके। वर्षा अथवा बाढ़ का पानी शैड के निकट नहीं खड़ा होने देना चाहिए।
प्रश्न 6.
गर्मियों में मुर्गियों की सम्भाल कैसे की जाती है ?
उत्तर-
पक्षियों में पसीने के लिये मुसाम (रोमछिद्र) नहीं होते तथा पंख अधिक होते हैं इसलिये इनके लिए गर्मी को सहन करना कठिन होता है। शैड के इर्द-गिर्द घास इत्यादि, शहतूत के वृक्ष आदि लगाने चाहिए। छतों के ऊपर फव्वारे लगाने चाहिएं इससे 5-6°C तापमान कम किया जा सकता है। चारों ओर की दीवारें एक-डेढ़ फुट से अधिक ऊंची नहीं होनी चाहिये तथा शेष स्थान पर जालियां लगवानी चाहिएं। छत पर सरकण्डे की परत बिछा दो तथा अधिक गर्मी में मुर्गियों पर फव्वारे से पानी छिड़का देना चाहिए। पीने वाले पानी का प्रबन्ध ठीक होना चाहिये। पानी के बर्तन दोगुने कर देने चाहिए तथा पानी शीघ्र बदलते रहना चाहिए।
प्रश्न 7.
मुर्गियों के लिटर की सम्भाल क्यों जरूरी है ? –
उत्तर-
लिटर सदैव सूखा होना चाहिये। गीले लिटर से बीमारियां लग सकती हैं। इससे शैड में अमोनिया गैस बनती है जो पक्षियों तथा मज़दूरों दोनों के लिए कठिनाई पैदा करती है।
प्रश्न 8.
मीट प्राप्त करने के लिये मुर्गी की कौन सी नस्लें पाली जाती हैं ?
उत्तर-
मांस प्राप्त करने के लिये आई० बी० एल० 80 ब्रायलर, रैड आइलैंड रेड तथा ह्वाइट प्लाईमाऊथ रॉक नस्लें पाली जाती हैं।
प्रश्न 9.
आई०बी०एल० 80 नस्ल की क्या विशेषताएं हैं ?
उत्तर-
यह मांस के लिए प्रयोग होने वाली नस्ल है। इसका औसत भार 1350-1450 ग्राम लगभग 6 सप्ताह में हो जाता है।
प्रश्न 10.
मुर्गियों की खुराक बनाने में कौन-कौन सी चीज़ों का उपयोग होता
उत्तर-
मुर्गियों की खुराक में मक्की, चावल का टोटा, मूंगफली की खल, चावल की पालिश, गेहूँ, मछली का चूरा, सोयाबीन की खल, पत्थर तथा साधारण नमक आदि से मुर्गी अपने खुराकी तत्व पूरा करती है। मुर्गी के खुराक में ऐंटीवायोटिक दवाइयां अवश्य शामिल करनी चाहिए।
(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दो-
प्रश्न 1.
मुर्गी की विदेशी नस्लों का वर्णन करो।
उत्तर-
- वाइट लैगहान-इसके अण्डे सफ़ेद रंग के होते हैं। वर्ष में 220-250 के लगभग अण्डे देती है। इसका मांस स्वादिष्ट नहीं होता है। यह छोटे आकार की होती है तथा कम भोजन खाती है।
- रेड आइलैण्ड रैड-इसके अण्डे लाल रंग के होते हैं। यह वर्ष में लगभग 180 अण्डे देती है। यह अधिक खुराक खाती है तथा इसे मांस के लिए प्रयोग किया जाता है।
- वाइट प्लाइमाऊथ रॉक-यह वर्ष में 140 के लगभग अण्डे देती है। अण्डे का रंग खाकी होता है तथा भार 60 ग्राम से अधिक होता है। इसका प्रयोग मांस के लिए होता है। इसके चूज़े दो मास में एक किलो से अधिक हो जाते हैं। इसके मुर्गों का भार 4 किलो तथा मुर्गियों का भार 3 किलो तक होता है।
प्रश्न 2.
मुर्गियों के लिए ज़रूरी भोज्य तत्त्वों का वर्णन करो।
उत्तर-
मुर्गियों के लिए लगभग 40 से अधिक आहारीय तत्त्वों की आवश्यकता होती है। किसी भी आहारीय तत्त्व की कमी का मुर्गियों के स्वास्थ्य तथा पैदावार पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इन आहारीय तत्त्वों को 6 भागों में बांटा जा सकता है। जैसे कार्बोहाइड्रेटस, प्रोटीन, चर्बी, धातुएं, विटामिन तथा पानी।
प्रश्न 3.
गर्मियों और सर्दियों में मुर्गियों की सम्भाल करने में क्या अंतर है ?
उत्तर-
गर्मियों में सम्भाल-पक्षियों में पसीने के मुसाम नहीं होते तथा पंख अधिक होते हैं। इस कारण वह सर्दी तो सहन कर सकते हैं परन्तु गर्मी सहन करना उनके लिए कठिन होता है। शैड के चारों ओर से गर्मी कम करने के लिए इर्द-गिर्द घास तथा शहतूत इत्यादि के वृक्ष भी लगाने चाहिए। छतों पर फव्वारे लगा कर गर्म तथा शुष्क ऋतु में तापमान को 5-6°C तक कम किया जा सकता है। चारों ओर की दीवारें भूमि से एक-डेढ़ फुट से अधिक ऊंची नहीं होनी चाहिएं तथा शेष स्थान पर जाली लगा देनी चाहिए। छत पर सरकण्डे आदि की मोटी परत बिछा लेनी चाहिए। अधिक गर्मी में मुर्गियों पर स्प्रे पम्प से पानी का छिड़काव करते रहना चाहिए। पीने वाले पानी का प्रबन्ध ठीक होना चाहिए तथा पानी शीघ्र बदलते रहना चाहिए। खुराक में प्रोटीन, धातुएं तथा विटामिन की मात्रा 20-30% बढ़ा दो।
सर्दियों की सम्भाल-सर्दियों में कई बार तापमान 0°C से भी कम हो जाता है। इसका मुर्गियों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यदि मुर्गीखाने का तापमान ठीक न हो तो ऐसी अवस्था में सर्दियों की ऋतु में मुर्गी 3 से 5 किलोग्राम दाना अधिक खा जाती है। सर्दी से बचाव के लिए खिड़कियों पर पर्दै लगाने चाहिए। सूख को सप्ताह में दो बार हिलाना चाहिए।
प्रश्न 4.
मुर्गी पालन के लिए प्रशिक्षण विभागों का वर्णन करो।
उत्तर-
मुर्गी पालन का धन्धा शुरू करने के लिए पहले प्रशिक्षण ले लेना चाहिए। इसके लिए जिले में डिप्टी डायरैक्टर पशु-पालन विभाग, गुरु अंगद देव वैटनरी तथा एनीमल साइंसज़ विश्वविद्यालय लुधियाना या कृषि विज्ञान केन्द्र से सम्पर्क करना चाहिए।
प्रश्न 5.
चूजों की सम्भाल पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
चूजों को किसी विश्वसनीय तथा मान्यता प्राप्त हैचरी से खरीदना चाहिए तथा ब्रडर में रखना चाहिए। ब्रूडर चूजों को गर्मी देने वाला यंत्र है। चूजों को पहले 6-8 सप्ताह की आयु तक 24 घण्टे प्रकाश तथा अच्छी खुराक जो कि संतुलित हो, देनी पड़ती है।
Agriculture Guide for Class 11 PSEB मुर्गी पालन Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सतलुज लेअर से एक वर्ष में कितने अण्डे प्राप्त होते हैं?
उत्तर-
255-265 अण्डे।
प्रश्न 2.
आई० बी० एल० 80 ब्रायलरों का 6 सप्ताह का औसत भार कितना होता है?
उत्तर-
1230-1450 ग्राम।
प्रश्न 3.
मुर्गी कितने दिनों बाद अण्डा देना शुरू कर देती है ?
उत्तर-
160 दिन।
प्रश्न 4.
सतलुज लेअर के अण्डे का भार होता है।
उत्तर-
55 ग्राम लगभग।
प्रश्न 5.
सतलुज लेयर मुर्गियों की किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
पंजाब लेअर-1 तथा पंजाब लेअर-2।।
प्रश्न 6.
विश्व भर में पाई जाने वाली मुर्गियों की तीन जातियों के नाम बताओ।
उत्तर-
वाइट लैगहार्न, रेड आईलैंड रेड तथा वाइट प्लाइमाऊथ राक।
प्रश्न 7.
वाइट लैगहान कितने अण्डे देती है?
उत्तर-
एक वर्ष में 220-250 के लगभग अण्डे देती है।
प्रश्न 8.
रैड आईलैंड रेड के अण्डों का रंग क्या होता है?
उत्तर-
इसके अण्डे खाकी रंग के होते हैं।
प्रश्न 9.
वाइट प्लाईमाउथराक नस्ल कितने अण्डे देती है ?
उत्तर-
यह वर्ष में 140 के लगभग अण्डे देती है।
प्रश्न 10.
मुर्गियों के बढ़ने-फूलने के लिए लगभग कितने भोजन तत्त्वों की आवश्यकता होती है?
उत्तर-
मुर्गियों को लगभग 40 भोजन तत्त्वों की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 11.
भोजन में पाए जाने वाले पदार्थों को कौन-कौन से भागों में बांटा जा सकता है?
उत्तर-
इनको 6 भागों में बांटा जा सकता है-कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, चर्बी, धातुएं, विटामिन तथा पानी।
प्रश्न 12.
मुर्गियों की गर्मियों की खुराक में प्रोटीन, धातुएं तथा विटामिन की मात्रा कितनी बढ़ानी चाहिए ?
उत्तर-
20-30% तक।
प्रश्न 13.
गीले लिटर से कौन-सी गैस बनती है?
उत्तर-
इससे अमोनिया गैस बनती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मनुष्य अपनी आर्थिक आवश्यकताएं पूरी कर सके इसके लिए कौनकौन से पक्षी पालता है?
उत्तर-
मुर्गियां, टर्की, बत्तखें, हंस, बटेर, गिन्नी, फाल, कबूतर आदि ऐसे पक्षी हैं जो मनुष्य की आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पाले जाते हैं।
प्रश्न 2.
पक्षियों के लिए गर्मी सहन करना क्यों कठिन है ?
उत्तर-
पक्षियों में पसीने के मुसाम नहीं होते तथा पंख अधिक होते हैं इसलिए इनके लिए गर्मी सहन करना कठिन होता है।
मुर्गी पालन PSEB 11th Class Agriculture Notes
- ‘पोल्ट्री’ शब्द का अर्थ है ऐसे हर प्रकार के पक्षियों को पालना जो आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हों।
- सतलुज लेयर, मुर्गियों की एक जाति है जो एक वर्ष में 255-265 अण्डे देती हैं तथा अण्डे का औसत भार 55 ग्राम होता है। मुर्गी 160 दिनों के पश्चात् अण्डे देना शुरू करती है।
- आई० बी० एल० 80 ब्रायलर मीट पैदा करने वाली मुर्गियों की एक जाति है।। इसका 6 सप्ताह का औसत भार 1250-1350 ग्राम होता है।
- ह्वाइट लैगहान विदेशी नसल है, जो वर्ष में 220-250 अण्डे देती है।
- रैड आईलैंड रैड खाकी रंग के लगभग वार्षिक 180 अण्डे देती है।
- ह्वाइट प्लाईमाऊथ राक वार्षिक 140 के लगभग अण्डे देती है तथा इसके चूजे दो माह में एक किलो भार के हो जाते हैं।
- मुर्गियों को अपने भोजन में 40 से अधिक तत्त्वों की आवश्यकता होती है। इनको 6 भागों में बांटा जा सकता है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, चर्बी, धातुएं, विटामिन तथा पानी।
- चूजों को गर्मी देने वाला यंत्र बरूडर होता है।
- एक मुर्गी को 2 वर्ग फुट स्थान चाहिए।
- पक्षियों के शरीर में पसीने के लिए रोमछिद्र नहीं होते।