PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पदार्थ की विशेषताएं क्या हैं? पदार्थ की तीन अवस्थाओं के गुण संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-

  1. पदार्थ स्थान घेरते हैं – वस्तु द्वारा घेरा हुआ स्थान आयतन कहलाता है। सभी वस्तुएं स्थान तो घेरती हैं, लेकिन समान रूप में नहीं घेरती हैं। कुछ वस्तुएं कम और कुछ वस्तुएं अधिक स्थान घेरती हैं; जैसे-एक पुस्तक, पैंसिल की अपेक्षा अधिक स्थान घेरती है।
  2. पदार्थ भार रखते हैं – सभी वस्तुओं में भार होता है, पर सभी में समान रूप से भार नहीं होता है। यह इस पर निर्भर करता है जो कि वस्तु में अणु कितनी दृढ़ता से व्यवस्थित हैं।

सभी पदार्थों को तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया गया है-
ठोस (Solid) – ऐसे पदार्थ जिनकी आकृति और आयतन दोनों ही निश्चित होते हैं, ठोस कहलाते हैं; जैसे-पत्थर, लोहा आदि।
ठोस के गुण-

  1. ठोस का आयतन निश्चित होता है।
  2. ठोस की आकृति निश्चित होती है।
  3. से कटोर और दृढ़ होते हैं।
  4. ठोस बहते नहीं हैं। इनका ढेर लगाया जा सकता है।
  5. ठोसों को संपोड़ित नहीं किया जा सका है।
  6. ठोसों के अणुओं के मध्य अधिक आकर्षण बल पाया जाता है।
  7. ठोस में बहुत-से मुक्त पृष्ठ हो सकते हैं।

द्रव (Liquids ) – वह पदार्थ जिनका आयतन तो निश्चित होता है, परंतु आकृति निश्चित नहीं होती है तथा एक मुक्त पृष्ठ होता है, द्रव कहलाता है। उदाहरण-जल, दूध आदि।

  1. द्रव का आयतन निश्चित होता है।
  2. द्रव की आकृति निश्चित नहीं होती है। यह उसी बर्तन की आकृति ग्रहण कर लेता है जिसमें रखा जाता है।
  3. द्रव के रखने के लिए बर्तन की आवश्यकता होती है।
  4. द्रव इसका ऊपरी पृष्ठ खुला होता है।
  5. द्रव के अणुओं के मध्य लगने वाला आकर्षण बल, ठोसों की अपेक्षा कम होता है।

गैस (Gas) – वह पदार्थ जिसमें न तो आकृति और न ही आयतन निश्चित होता है, गैस कहलाता है। यह सरलता से संपीड़ित हो जाता है और इसका कोई मुक्त पृष्ठ नहीं होता है। उदाहरण-ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, भाप आदि।

गैसों के गुण-

  1. गैसों की आकृति निश्चित नहीं होती है। ये जिस बर्तन में रखी जाती हैं, उसी का आकार ग्रहण कर लेती हैं।
  2. गैसों का आयतन निश्चित नहीं होता है। ये उसी बर्तन का आयतन ग्रहण कर लेती हैं, जिसमें इनको रखा जाता
  3. गैस को संपीड़ित किया जा सकता है।
  4. गैस का मुक्त पृष्ठ नहीं होता है।
  5. गैस के अणुओं के बीच आकर्षण बल कम होता है।
  6. गैस सभी दिशाओं में बह सकती है।

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प्रश्न 2.
(क) प्रयोग द्वारा सिद्ध करें कि वाष्पन से ठंडक पैदा होती है।
(ख) वे उदाहरण दें जहाँ वाष्पन लाभदायक होता है।
उत्तर-
(क) प्रयोग – लकड़ी के टुकड़े पर थोड़ा-सा पानी छिड़क कर ईथर से भरे बीकर को ऊपर रख देते हैं। ईथर की वाष्पन दर बढ़ाने के लिए ईथर को फूंक मारते हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है । पानी से वाष्पन की गुप्त ऊष्मा अवशोषित कर ली जाती है। यह ठंडा हो जाता है और अंत में जम जाता है तथा बर्फ बन जाता है।
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(ख) वाष्पन द्वारा ठंडक पैदा करने के उदाहरण-

  1. गर्मियों में हम ज़मीन पर पानी छिड़कते हैं। सतह से पानी वाष्पित होता है और वाष्पन के लिए गुप्त ऊष्मा यह करने से अवशोषित करता है जिससे ज़मीन ठंडी हो जाती है।
  2. गर्मियों के मौसम में प्रयुक्त होने वाले वाटर कूलर (डैज़र्ट कूलर) इसी नियम पर आधारित हैं कि वाष्पन से ठंडक पैदा होती है। चटाइयों ( पंड) पर छिड़का जा रहा पानी वाष्पित होता है और ठंडक पैदा होती है।
  3. जब बाहर का ताप बहुत आंधक ने तो हमारे शरीर पर पसीना आता है। जैसे ही हमें पसीना आता है, वाष्पन क्रिया होती हैं और ठंडक महेंसूस होता है।
  4. नहाने के बाद हमारे शरीर पर स्थित पानी का वाष्पन होता है जिससे ठंडक महसूस होती है। यह ठंडक और अधिक महसूस होगी यदि हम पंखे के नीचे आ खड़े हों। पंखे की हवा वाष्पन की दर बढ़ाती है, अत: ठंडक बढ़ती है।
  5. चुसकी लेने से पहले चाय के गर्म कप में फूंक मारी जाती है जिससे वाष्पन में वृद्धि हो जाती है तथा ताप में कमी हो जाती है।
  6. गर्मियों में वृक्षों में नए पत्ते आ जाते हैं। इन पत्तों से पानी का वाष्पन काफ़ी तीव्रता से होता है। फलस्वरूप ये
  7. मिट्टी के बर्तनों या सुराहियों में पानी ठंडा रहता है। मिट्टी के बर्तनों की सतह पर बहुत बारीक लिद्र होते हैं। पानी इन छिद्रों में से बाहर रिसता रहता है और वाष्पित होता रहता है तथा सुराही के पानी से वाष्पन की गुप्त ऊष्णा अवशोषित कर लेता है।
  8. परिणामस्वरूप सुराही में पड़ा पानी ठंडा हो जाता है। (8) कई बार घड़े के गिर्द एक गोला कपड़ा रखा जाता है ताकि पानी की वाष्पन क्रिया तेज हो और यह शीघ्रता से ठंडा हो सके।
  9. गर्मियों में कुत्ते प्रायः अपनी जीभ बाहर निकाले रखते हैं ताकि उन्हें ठंडक महसूस हो। वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उनकी चमड़ी से पसीना नहीं आता।
  10. जब नाखूनों की पॉलिश हटाने के लिए एसीटोन नामक द्रव को प्रयोग में लाते हैं तो नाखूनों के आस-पास त्वचा पर लगने से वह वहाँ से ऊष्मा को प्राप्त कर वाष्पीकृत हो जाती है जिससे ठंडक महसूस होती है।

प्रश्न 3.
क्वथन (Boiling) की परिभाषा दीजिए। यह वाष्यन से कैसे भिन्न है ?
उत्तर-
कवथन या उबाल क्रिया – जब द्रव का सतही दबाव वायुमंडलीय दबाव के बराबर हो जाता है तब द्रव अवस्था से वाष्प अवस्था में बदलने की क्रिया को उबाल क्रिया या क्वथन क्रिया कहते हैं।

पानी का क्वथनांक (Boiling point) – 100°C है। अशुद्धियाँ प्राय. क्वथनांक को कम कर देती हैं। द्रव की सतह पर दबाव में वृद्धि से उबाल दर्जे में वृद्धि होती है। यह दाब के कारण पानी (द्रव) के क्वथनांक में वृद्धि का सिद्धांत प्रेशर कुकर के निर्माण में प्रयुक्त होता है।

वाष्पन तथा क्वथन में अंतर-

क्वथन वाष्पन
(1) इस क्रिया के दौरान ताप बदलता है। (1) इस क्रिया के दौरान ताप पूर्णतया स्थिर रहता है।
(2) यह सभी तापों पर होता रहता है। (2) यह केवल क्वथनांक पर होता है।
(3) यह सतह पर होने वाली क्रिया है। (3) यह द्रव के सभी कणों पर होता है।
(4) यह एक शांत और धीमी क्रिया है। (4) यह तेज़ और एक ध्वनि उत्पन्न करने वाली क्रिया है।
(5) यह सतह के क्षेत्रफल, वायु, वेग आदि की वृद्धि से बढ़ जाती है। (5) यह इनके परिवर्तनों के होने पर स्थिर रहता है।
(6) इस क्रिया में बुलबुले नहीं बनते। (6) इस क्रिया में बुलबुले बनते हैं।
(7) इसमें ठंड उत्पन्न होती है। (7) इसमें ठंड उत्पन्न नहीं होती।

प्रश्न 4.
वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ के कण सदा गतिशील रहते हैं। निश्चित तापमान पर उसके कणों में गतिज ऊर्जा होती है। जिस कारण वाष्पीकरण होता रहता है पर निम्नलिखित कारकों से इसकी दर प्रभावित होती है-

  • सतह क्षेत्र बढ़ने से – वाष्पीकरण एक सतही प्रक्रिया है। जब सतह का क्षेत्र बढ़ा दिया जाता है तो वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। इसलिए किसी गिलास में डाले गए गर्म दूध की अपेक्षा प्लेट में डाला गया गर्म दूध जल्दी ठंडा हो जाता है। गीले कपड़ों को सुखाने के लिए उन्हें धूप में फैलाया जाता है।
  • तापमान में वृद्धि – द्रव का तापमान जितना अधिक होगा उसका वाष्पीकरण भी उतना ही जल्दी होगा। इस से पदार्थ के कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • आर्द्रता में कमी – यदि वायु में नमी की मात्रा कम हो तो वाष्पीकरण शीघ्र होता है पर वायु में नमी होने के कारण वाष्पीकरण देर से होता है। वर्षा के दिनों में गीले कपड़ों को इसी कारण सूखने में देर लगती है।
  • हवा की गति में तीव्रता – तेज़ हवा में वाष्पीकरण शीघ्र होता है। हवा तेज़ होने के कारण जलवाष्प हवा के साथ उड़ जाते हैं जिस कारण आसपास के जल वाष्पों की मात्रा घट जाती है।
  • पदार्थ की प्रकृति – पेट्रोल, स्पिरिट आदि ऐसे द्रव हैं जिनकी प्रकृति अधिक तेजी से वाध्वीकृत होने की है।
  • दबाव में कमी – द्रवों पर दबाव कम होने से वाष्पीकरण की क्रिया अधिक तेजी से होती है।

प्रश्न 5.
ऊष्मा और तापमान में अंतर लिखिए।
उत्तर-
ऊष्मा और तापमान में अंतर-

ऊष्या नापमान
1. यह ऊर्जा का एक रूप है। 1. यह एक अवाया है। इससे ऊष्मा के बहने की दिशा का पता लता है।
2. इसमें गर्मी या सर्दी की संवेदना का अनुभव होता है। 2. वस्तु का गुणधर्म होने के कारण यह उभा के प्रवाह को निश्चित करता है।
3. इसे कैलोरी या किलो-कैलोरी में मापते हैं। इसका यांत्रिक मात्रक जूल (J) है। 3. इसे अंशो में मा५ है।
4. यह वस्तु में ऊर्जा की मात्रा है। 4. यह वस्तु का भौतिक है।
5. इसे कैलोरीमीटर से मापते हैं। 5. इसे तापमापी से मापत हैं।
6. यह वस्तु की संहति, प्रकृति और तापक्रम पर निर्भर करती है। 6. यह वस्तु की संहति, प्रकृति और तापक्रम पर निर्भर नहीं करता।
7. यह एक कारण है। 7. यह ऊष्मा का प्रभाव है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पदार्थ किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ – हमारे दैनिक जीवन में प्रयोग में लायी जाने वाली अनेक प्रकार की नस्तुएं हैं। इसका रूप, सा, गुण, आकार, उपयोग आदि अलग-अलग होते हैं पर फिर भी हमारे लिए उपयोगा हैं। नमक का पानी में घोल और चीनी का पानी में घोल देखने में एक से प्रतीत होते हैं पर दोनों एक-दूपरे से भिन्न हैं : मेला, कुम भ पानी, हवा, पेसिल, पत्थर, दूध, माँस, दालें, अनाज आदि सभी पदार्थ हैं। पदार्थ वे वस्तुएँ हैं जो स्थान घरती हैं और रखती हैं इसलिए हमारे आस-पास की सभी वस्तुएँ पदार्थ की श्रेणी में रखी जाती हैं।

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प्रश्न 2.
पदार्थ का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ को अनेक प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है। आधुनिक काल में इसका वो करण प्रायः दो आधारों पर किया जाता है-
(I) भौतिक अवस्था के आधार पर : ठोस द्रव और गैस
(II) रासायनिक संरचना के आधार पर : तत्त्व, यौगिक और मिश्रण।

प्रश्न 3.
प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि पदार्थ कणों से बने होते हैं और कणों के बीच खाली स्थान होता
उत्तर-
प्रयोग – एक 100 ml का बीकर लो। इसे जल से लगभग आधा भर दो और जल के स्तर पर निशान लगा दो। अब इसमें कुछ नमक या चीनी डालो और जल के स्तर को देखो। यह कुल बह गया है। नमक या चीनी को छड़ की सहायता से अच्छी तरह हिलाओ। इसके घुल जाने के पश्चात् जल का तल फिर से कम हो जाएगा।

निष्कर्ष – इससे प्रमाणित होता है कि जल के अणुओं के बाच खाली स्थान होता है। हिलाने पर नमक या चीनी के अणु उन खाली स्थानों में चले गए और जल का स्तर कम हो गया। पदार्थ कणों से बनने के कारण ही नमक या चीनी पूरी तरह जल में घुल गई।
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प्रश्न 4.
प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि पदार्थ के कण अति सूक्ष्म होते हैं ।
उत्तर-
प्रयोग – पोटाशियम परमैंगनेट के दो या तीन क्रिस्टलों को 100 मि.ली० जल में घोल दें। इस घोल से परखनली में लगभग 10 मि०ली. घोल निकाल कर 90 मि०ली० साफ जल में मिला दें। फिर इस घोल से 10 मि०ली० निकाल कर उसे भी 90 मि०ली० साफ जल में मिला दें। इसी प्रकार इस घोल को 5 से 8 बार दोहराओ और घोल को तनु करते रहो । आप देखेंगे कि जल अब भी रंगीन रहेगा।

निष्कर्ष- इससे सिद्ध होता है कि पोटाशियम परमैंगनेट के केवल एक क्रिस्टल में अनेक सूक्ष्म कण होते हैं ।
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प्रश्न 5.
प्रयोग द्वारा ठोस, द्रव और गैसों पर दबाव का प्रभाव प्रदर्शित करना ।
उत्तर-
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प्रयोग – 100 ml की तीन सिरिंज लेकर उनके सिरों को चित्र के अनुसार बंद कर दो। सभी सिरिंजों के पिस्टन को हटा लें। पहली सिरिंज में हवा, दूसरी में जल और तीसरी में चॉक के टुकड़े भर दें। सिरिंज के पिस्टन की गतिशीलता आसान बनाने के लिए उस पर थोड़ी वैसलीन लगा दें और उसे वापस सिरिंज में लगाएं। अब पिस्टन को संपीडित करने का प्रयत्न करें।

पिस्टन वायु से भरी सिरिंज में आसानी से गति करता है पर पानी से भरी सिरिंज में पिस्टन बहुत थोड़ी गति करता है। चॉक के टुकड़ों पर संपीडन बिल्कुल नहीं होता।

निष्कर्ष – गैसें सबसे अधिक संपीड्य होती हैं। द्रवों को अधिक नहीं दबाया जा सकता पर ठोस पर दबाव का प्रभाव नहीं पड़ता। गैसें सबसे अधिक संपीड्य होती हैं।

प्रश्न 6.
पदार्थ का भौतिक अवस्था के आधार पर वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
विश्व की विभिन्न वस्तुओं को भौतिक आधार पर ठोस, तरल और गैस नामक तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया जा सकता है।
ठोस – ठोस का निश्चित रूप और आकार होता है तथा इसका निश्चित घनफल होता है। प्रायः ये कठोर होते हैं और इन पर दबाव नहीं डाला जा सकता। उदाहरण-लकड़ी, पत्थर, चीनी, नमक।
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द्रव – तरल का निश्चित आकार नहीं होता पर निश्चित घनफल अवश्य होता है। ये उसी बर्तन का आकार ले लेते हैं जिसमें इन्हें डाला जाता है। इनमें बहने की प्रवृत्ति होती है। इसलिए इन्हें द्रव भी कहते हैं । उदाहरण पानी, दूध, तेल, एल्कोहल।

गैस – गैस का न तो निश्चित आकार होता है और न ही निश्चित घनफल। इस पर दबाव डाला जा सकता है। यह उस बर्तन में पूर्ण रूप से फैल कर उसी का रूप ले लेती है जिसमें इसे डाला जाता है। उदाहरण-ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, वायु, कार्बन डाइऑक्साइड।

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प्रश्न 7.
ठोस, द्रव और गैस की स्थिति अंतरा आण्विक बल के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
प्रत्येक पदार्थ अति छोटे कणों से बनता है। ये कण स्थिर न हो कर लगातार गतिशील रहते हैं। ऊष्मा ऊर्जा से इनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। ये एक-दूसरे पर आकर्षण बल लगाते हैं जिसे अंतरा आण्विक बल कहते हैं । इनके आधार पर ठोस, द्रव, गैस की स्थिति की व्याख्या की जा सकती है।

ठोस – इनमें कण एक-दूसरे के बहुत निकट होते हैं और कणों के बीच बहुत कम रिक्त स्थान होता है । इनके बीच आकर्षण बल बहुत अधिक होता है और वे केवल घूर्णन गति कर सकते हैं । इसलिए उनका निश्चित आकार और घनफल होता है।
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द्रव – इनमें कण एक-दूसरे से दूर-दूर होते हैं और कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होता है जिसके परिणामस्वरूप इनमें आकर्षण बल अपेक्षाकृत कमजोर होता है पर यह इतना कमजोर नहीं होता कि कण एक-दूसरे से अलग हो जाएं। इसीलिए द्रव पदार्थों का निश्चित आकार नहीं होता पर उनका निश्चित घनफल होता है। वे उस बर्तन का आकार ग्रहण कर लेते हैं जिसमें डाले जाते हैं।

गैस – गैसों में कणों की स्थिति बहुत ढीली होती है और उन के बीच रिक्त स्थान बहुत अधिक होते हैं। उन के बीच आकर्षण बल न के बराबर ही होता है और तीव्र वेग से सभी दिशाओं में इधर-उधर गति कर सकते हैं। इसीलिए गैस का न तो निश्चित आकार होता है और न ही निश्चित घनफल। इनके कणों में बड़े रिक्त स्थानों के कारण उन्हें दबाया जा सकता है और वे बर्तन की दीवारों पर दबाव डाल सकती हैं।

प्रश्न 8.
अवस्था परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
तापमान और दबाव पर निर्भर कर कोई पदार्थ ठोस, तरल और गैस अवस्थाओं को प्राप्त कर सकता है जिसे अवस्था परिवर्तन कहते हैं। यदि किसी वस्तु का द्रवणांक सामान्य तापमान से अधिक हो तो वह ठोस कहलाती है और यदि उसका क्वथनांक सामान्य तापमान से अधिक हो तो वह द्रव कहलाती है। सामान्य दबाव पर यदि क्वथनांक कम हो तो उसे गैस कहते हैं। तापमान और दबाव में परिवर्तन से किसी पदार्थ को ठोस, तरल और गैस अवस्थाएं दी जा सकती
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हैं। बर्फ को गर्म करने से वह द्रव में और द्रव को गर्म करने से वाष्प में बदला जा सकता है। वाष्प को ठंडा करने से द्रव और द्रव को ठंडा करने से उसे ठोस में बदला जा सकता है।
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प्रश्न 9.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि तापमान के परिवर्तन से पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन होता
उत्तर-
प्रयोग – एक बीकर में लगभग 150 ग्राम बर्फ का टुकड़ा लें और उसे स्टैंड पर इस प्रकार रखें कि थर्मामीटर का बल्ब उसको स्पर्श करे। चित्रानुसार उपकरण को लगाएं। बीकर को धीमी आंच पर गर्म करें।
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जब बर्फ पिघलने लगे तो तापमान नोट करो। जब पूरी बर्फ जल में परिवर्तित हो जाए तो फिर तापमान नोट करो। जब जल उबलने लगे और भाप बनने लगे तब तापमान को नोट करो।

निष्कर्ष – बर्फ 0°C पर पिघलती है। जब सारी बर्फ पिघल कर पानी में बदल जाती है तब भी उसका तापमान 0°C होता है। जल की द्रव अवस्था से गैसीय अवस्था में परिवर्तन 100°C पर होता है।

प्रश्न 10.
पदार्थ की अवस्था पर ताप और दाब का क्या प्रभाव पड़ता है ? स्पष्ट करो।
उत्तर-
ताप और दाब का पदार्थ की अवस्था पर प्रभाव पड़ता है। जब किसी ठोस को गर्म किया जाता है तो उस के कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। वे तेजी से कंपन करते हैं और अधिक स्थान ग्रहण करते हैं और वे फैलने लगते हैं। एक निश्चित तापमान पर वे आकर्षण के बंधन से मुक्त हो स्वतंत्रतापूर्वक घूमने लगते हैं। तब उसके अणुओं की गति नहीं बढ़ती और उनका व्यवस्था और क्रम में परिवर्तन होने लगता है तब वे तरल अवस्था में बदल जाते हैं । तल को गर्म करने से अणुओं का वेग बढ़ जाता है। उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। तेज़ गति वाले अणुओं का सवेग जब उन पर भीतर की तरफ लग रहे बल से अधिक बढ़ जाता है तो वे वाष्प अवस्था में बदल जाते हैं और तरल की सतह से बाहर निकल आते हैं।

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प्रश्न 11.
जल और एल्कोहल के निश्चित आयतन को परस्पर मिलाने पर मिश्रण का आयतन प्रारंभ में लिए गए जल और एल्कोहल के योग से कम हो जाता है। क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
काँच की एक नली के आधे भाग में जल भरो। इस के शेष आधे भाग को एथिल एल्कोहल से भर दो। इसे अच्छी तरह से हिलाओ। नली में कुछ रिक्त स्थान दिखाई देगा। कुछ समय बाद इसे फिर देखो। मिश्रण का आयतन प्रारंभ में लिए गए जल और एल्कोहल के आयतन के योग से कुछ कम दिखाई देगा क्योंकि एल्कोहल के कण जल के अंतरा-अणुक अवकाश के मध्य समायोजित हो जाते हैं।

प्रश्न 12.
ठोस, द्रव तथा गैस में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
ठोस, द्रव तथा गैस में अंतर-
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प्रश्न 13.
शीतलन के लिए 0°C के पानी की अपेक्षा 0°C की बर्फ़ अधिक प्रभावी क्यों होती है ?
उत्तर-
0°C ताप की बर्फ °C के पानी की अपेक्षा ठंडा करने में अधिक प्रभावपूर्ण होती है क्योंकि वह 0°C के पानी में बदलने के लिए अपनी गलन की गुप्त ऊष्मा के बराबर ऊष्मा लेती है और फिर ताप वृद्धि के लिए ऊष्मा प्राप्त करती है जबकि 0°C तापमान का पानी केवल ताप में वृद्धि के लिए ही ऊष्मा को प्राप्त करता है।

प्रश्न 14.
दाँतों को आइसक्रीम बर्फ के जल की अपेक्षा अधिक ठंडी क्यों प्रतीत होती है ?
उत्तर-
आइसक्रीम को पिघलने के लिए गलन की गुप्त ऊष्मा की आवश्यकता होती है जो दाँतों से अवशोषित की जाती है। इस गुप्त ऊष्मा का मान अधिक होता है जिसके परिणामस्वरूप दाँतों को आइसक्रीम बर्फ के जल की अपेक्षा अधिक ठंडी प्रतीत होती है।

प्रश्न 15.
बर्फ गलन की गुप्त ऊष्मा क्या है ? इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
बर्फ गलन की गुप्त ऊष्मा 3.34 × 105 J/kg (या 80 cal/g) है। इसका अर्थ यह है कि 0°C पर 1 kg बर्फ 3.34 × 105 जूल ऊष्मा अवशोषित करके 0°C पर 1 kg पानी में बदलती है या 1 kg पानी 0°C पर 3.34 × 105 जूल ऊष्मा विसर्जित करके 0°C पर बर्फ में बदल जाता है।

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प्रश्न 16.
भाप के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा क्या है ? इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
भाप के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 22.5 × 105 J/kg (या 540 cal/g) है। इसका अर्थ यह है कि 100° पर 1kg पानी 22.5 × 105 जूल ऊष्मा अवशोषित करके 100°C ताप वाली भाप में बदल जाता है या 100°C पर 1 kg भाप 22.5 × 105 जूल ऊष्मा विसर्जित करके 100°C ताप वाले पानी में बदल जाती है।

प्रश्न 17.
उबलते पानी और उसी ताप की भाप में से, किससे जलन अधिक कष्टकर होती है ? कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भाप सदा ही उबलते पानी से अधिक गंभीर जलन उत्पन्न करती है। जब पानी 100°C तापमान पर उबलता है तो 100°C वाष्प में परिवर्तित होता है। उसे 536 कैलोरी / ग्राम या 2260 जूल / ग्राम ऊष्मा की आवश्यकता होती है जिसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं । इसीलिए उबलते पानी से भाप में ऊष्मा अधिक होती है क्योंकि उसमें गुप्त ऊष्मा भी सम्मिलित होती है। इसी कारण वह अधिक गंभीर जलन उत्पन्न करती है।

प्रश्न 18.
जब मोटे कांच से बने गिलास में उबलता हुआ पानी ( या बर्फ ) डाल दिया जाता है तो यह तिड़क क्यों जाता है ?
उत्तर-
जब मोटे कांच से बने गिलास में उबलता हुआ पानी डाला जाता है तो ताप वृद्धि के कारण गिलास का आंतरिक भाग फैल जाता है। क्योंकि कांच ऊष्मा का कम चालक है इसलिए बाहर बहुत कम ऊष्मा आती है। बाहरी सतह से कांच बहुत कम फैलता है। इसी कारण गिलास तिड़क जाता है।

प्रश्न 19.
ठोस प्रसार की कुछ हानियां बताओ।
उत्तर-
ठोस प्रसार की कुछ हानियां-

  1. जब कांच के गिलास में गर्म पानी डाला जाता है तो यह तिड़क जाता है ।
  2. इस प्रसार के कारण रेल की पटरियां टेढ़ी हो सकती हैं तथा गाड़ियां उलट सकती हैं।
  3. कंकरीट या अन्य सामान्य फ़र्श तिड़क सकते हैं।
  4. भाप या गर्म पानी से पानी की पाइपें मुड़ सकती हैं।
  5. गर्मियों में लंबी तारें बिछाई जाती हैं ताकि सर्दियों में सिकुड़ने की क्रिया को पूरा किया जा सके।
  6. इस्पात से बने पुल फैल कर सहारे की दीवारें तोड़ सकते हैं।
  7. घड़ियां गर्मियों में पीछे और सर्दियों में आगे जा सकती हैं।

प्रश्न 20.
जब बहुत गर्म चाय कांच के गिलास में डाली जाती है तो यह तिड़क क्यों जाता है ?
उत्तर-
गर्म पानी या चाय डालने पर मोटा कांच का गिलास तिड़क जाता है । गर्म द्रव गिलास के आंतरिक भाग को बाहरी तल से पहले प्रसारित कर देता है। इस तरह उत्पन्न तनाव कांच के लिए इतना अधिक होता है जो इसके लिए असहनीय हो जाता है और गिलास तिड़क जाता है।

प्रश्न 21.
रेल की दो पटरियों के बीच प्रसार के लिए खाली स्थान रखा जाता है, क्यों ? व्याख्या करो।
उत्तर-
गर्मियों में रेल पटरियां गर्म होकर फैलती हैं। यदि प्रसार के लिए खाली स्थान न रखा जाए तो यह मुड़ सकती हैं तथा रेल पटरी से उतर सकती है। इसलिए दो पटरियों के बीच खाली स्थान छोड़ा जाता है. ताकि इन्हें प्रसार के लिए स्थान मिल सके।

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प्रश्न 22.
जब तालाब जम जाते हैं, तो भी मछलियां कैसे जीवित रहती हैं ? ।
उत्तर-
पानी के असंगत प्रसार के कारण बहुत कड़ाके की सर्द में भी झीलों और तालाबों के पानी की ऊपरी सतह ही जमती है। ऊपर जमी बर्फ के नीचे का पानी नहीं जमता । परिणामस्वरूप मछलियां तथा अन्य जल जीव जीवित रहते हैं। यदि पानी का प्रसार एक जैसा होता है तो झीलों और तालाबों का सारे का सारा पानी जम जाता है तो जल जीवों तथा जल-वनस्पति का बचना असंभव होता।

प्रश्न 23.
किसी धात्वीय बर्तन की अपेक्षा सुराही में रखा पानी अधिक ठंडा क्यों होता है ?
उत्तर-
सुराही के छिद्रों में से पानी बाहर आ जाता है जो निरंतर इसकी सतह से वाष्पित होता रहता है। वाष्पन के लिए अभीष्ट ऊष्मा सुराही के अंदर पड़े पानी से ली जाती है। इस ऊष्मा हानि के कारण पानी ठंडा हो जाता है।

प्रश्न 24.
‘पदार्थ की गुप्त ऊष्मा’ की परिभाषा लिखो।
उत्तर-
गुप्त ऊष्मा की वह मात्रा है जो किसी पदार्थ द्वारा ठोस से द्रव या द्रव से गैस (वाष्प) अवस्था परिवर्तित करते समय बिना किसी ताप वृद्धि के अवशोषित की जाती है।

प्रश्न 25.
गलन की गुप्त ऊष्मा तथा वाष्यन की गुप्त ऊष्मा की परिभाषा दें।
उत्तर-
गलन की ऊष्मा – बिना ताप परिवर्तित किए किसी पदार्थ के इकाई पुंज द्वारा ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में बदलते समय अवशोषित ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की गलन ऊष्मा कहते हैं।

वाष्पन की गुप्त ऊष्मा-बिना ताप परिवर्तित किए किसी पदार्थ के इकाई पुंज द्वारा द्रव अवस्था से गैस अवस्था में बदलते समय अवशोषित ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।

प्रश्न 26.
गर्मियों में कभी-कभी सोडा वाटर की बोतलें फट जाती हैं क्यों?
उत्तर-
गर्मियों में वायुमंडल का ताप बढ़ने से सोडा-वाटर में भरी गैस का दाब गर्म होने से बढ़ जाता है जिसके कारण कभी-कभी सोडा वाटर की बोतलें फट जाती हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 27.
नहाने के तुरंत बाद हमें ठंड क्यों महसूस होती है ?
उत्तर-
नहाने के तुरंत बाद शरीर पर पानी की कुछ बूंदें रह जाती हैं। इन बूंदों का वाष्पीकरण होता है। वाष्पीकरण के लिए आवश्यक ऊष्मा हमारे शरीर से ले ली जाती है जिसके कारण हमें ठंड महसूस होती है।

प्रश्न 28.
गर्मियों में सड़कों पर छिड़काव क्यों किया जाता है?
उत्तर-
वाष्पन से ठंडक उत्पन्न होती है। सड़कों पर किए गए छिड़काव के कारण वाष्पन क्रिया तीव्र होती है। वाष्पण के लिए जो ऊष्मा की आवश्यकता होती है वह सड़क से ली जाती है जिस कारण सड़कें ठंडी हो जाती हैं।

प्रश्न 29.
किस प्रकार सिद्ध करोगे कि पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं ?
उत्तर-
जलती हुई अगरबत्ती की सुगंध पदार्थ के कणों के गतिशील होने के कारण दूर से अनुभव की जा सकती है। गर्म खाने की महक दूर से अनुभव की जा सकती है। रबड़ को लगी आग को बहुत दूर से जाना जा सकता है। इत्र की गंध पदार्थ के कणों के गतिशील होने के कारण ही दूर तक फैल जाती है।

प्रश्न 30.
ठोस का ठोस में विसरण क्या है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
दो धातु के टुकड़ों को कसकर बाँधकर कुछ वर्षों तक रख देने से कभी-कभी एक धातु के कण दूसरे में विसरित हो जाते हैं। इसे ठोस में ठोस का विसरण कहते हैं। ठोस के कण अपने स्थान से ज़्यादा गति नहीं करते। वे अपने माध्य स्थान पर ही दोलन करते हैं। इसलिए ठोस पदार्थों में दूसरे ठोस पदार्थ में विसरित होने के गुण प्रायः नहीं होते।

प्रश्न 31.
गैसों में संपीड्यता के अधिक होने के तीन उपयोग लिखिए।
उत्तर-

  1. द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) को सिलिंडरों में भरा जाता है ताकि ईंधन के रूप में प्रयुक्त की जा सके।
  2. अस्पतालों में रोगियों को दी जाने वाली ऑक्सीजन गैस सिलिंडरों में संपीडित की जाती है।
  3. प्राकृतिक गैस (CNG) का वाहनों में प्रयोग इसी गुण के आधार पर किया जाता है।

प्रश्न 32.
गर्म करने पर ठोसों की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
ठोस को गर्म करने पर उसके अणुओं की कंपन गति बढ़ती है। गतिज ऊर्जा बढ़ने के साथ अंतर आण्विक बल कम होने लगता है। एक निश्चित ताप पर अणुओं के कंपन का आयाम इतना बढ़ जाता है कि वे आकर्षण के बंधन से मुक्त होकर स्वतंत्रतापूर्वक घूमने लगते हैं। एक निश्चित ताप के पहुँचने पर ठोस के अणुओं की गतिज ऊर्जा नहीं बढ़ती है, बल्कि उनकी व्यवस्था तथा क्रम में परिवर्तन होने लगता है। अत: ठोस द्रव में परिवर्तित होने लगता है।

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प्रश्न 33.
गर्म करने पर द्रव की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
द्रव को गर्म करने पर उसके अणुओं की गतिज ऊर्जा काफ़ी बढ़ जाती है, और अणु एक-दूसरे से काफ़ी दूर होते जाते हैं। ऐसे अणु जिनकी गतिज ऊर्जा बहुत अधिक होती है, द्रव की सतह पर आने पर सतह को छोड़कर वायुमंडल में चले जाते हैं। इस प्रकार अणुओं के बीच अंतरा अणुक आकर्षण बल नहीं के बराबर हो जाता है और द्रव वाष्प में निरंतर परिवर्तित होने लगता है।

प्रश्न 34.
द्रव के ठंडा होने की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
जब किसी द्रव को ठंडा किया जाता है तो इसके अणु ऊष्मीय ऊर्जा खो देते हैं। इससे उनकी गति धीमी हो जाती है। गति धीमी होने से अंतराअणुक बल बढ़ जाते हैं। यह तब तक चलता रहता है, जब तक कि अंतराअणुक बल, कंपन करते हुए अणुओं की ऊर्जा से अधिक नहीं हो जाते। इस प्रकार अणु एक स्थिति में रहते हैं। इस समय द्रव, ठोस अवस्था में परिवर्तित होता है।
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प्रश्न 35.
गैस के ठंडा होने पर अवस्था परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
जब गैस को ठंडा किया जाता है, इसके अणु ऊष्मा ऊर्जा को खो देते हैं। इससे अणुओं की गति धीमी हो जाती है। यह तब तक चलता रहता है, जब तक कि गैस के अणुओं की ऊर्जा, अंतराअणुक बलों से कम नहीं हो जाती है। इस प्रकार, अणु एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं और निर्बल अंतराअणुक बलों द्वारा बँधे रहते हैं। इसीलिए गैस, द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाती है।

प्रश्न 36.
पदार्थ की तीन अवस्थाओं में परिवर्तन को रेखाचित्र की सहायता से प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
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प्रश्न 37.
ऊर्ध्वपातन विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ऊर्ध्वपातन विधि में ठोस को गर्म कर सीधा वाष्प में या वाष्प को सीधा ठोस में बदला जाता है। इस प्रक्रिया में द्रव नहीं बनता।
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इस विधि से अमोनियम क्लोर इड, नैप्थालीन, आयोडीन, कपूर आदि को सरलता से प्राप्त कर लिया जाता है।

चीनी की प्याली में थोड़ा कपूर या अमोनियम क्लोराइड लें। इस पर फिल्टर पेपर रख कर उस पर उल्टा कीप रखें। कीप के सिरे पर रूई का एक टुकड़ा रख दें। गर्म करने पर वाष्प बना कपूर या अमोनियम क्लोराइड प्राप्त हो जाएगा।

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प्रश्न 38.
बर्फीले पानी से भरे गिलास की बाहरी सतह पर पानी की बूंदें क्यों दिखाई देती हैं?
उत्तर-
किसी बर्तन में हम बर्फीला पानी रखते हैं। जल्दी ही बर्तन की बाहरी सतह पर हमें पानी की बूंदें नज़र आने लगेंगी। वायु में उपस्थित जल वाष्प की ऊर्जा ठंडे पानी के संपर्क में आकर कम हो जाती है और यह द्रव अवस्था में बदल जाता है, जो हमें पानी की बूंदों के रूप में नज़र आता है।
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प्रश्न 39.
दाब बढ़ाने से किसी द्रव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
पदार्थ की विभिन्न अवस्थाएं घटक कणों के बीच की दूरी में अंतर के कारण होती हैं। दाब बढ़ाने से पदार्थों के कणों को समीप लाया जा सकता है। ताप में कमी करके इससे गैस को द्रव अवस्था में बदला जा सकता है।
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प्रश्न 40.
प्लाज्मा क्या है ? ये कहाँ-कहाँ देखा जा सकता है ?
उत्तर-
प्लाज्मा पदार्थ की एक अवस्था है जिसमें कण आयनीकृत गैस के रूप में होते हैं। ये अत्यधिक ऊर्जावान और उत्तेजित होते हैं । इसे अग्रलिखित में देखा जा सकता है-

  1. लोटसेंट ट्यूब और नियॉन बल्ब में।
  2. सूर्य और तारों की चमक में।

प्रश्न 41.
प्लाज्मा भिन्न रंगों को प्रकट क्यों करता है ?
उत्तर-
विशेष प्रकार की गैसों में विद्युत् ऊर्जा प्रवाहित करने पर गैसें आयनीकृत हो जाती हैं। गैस के स्वभाव के अनुसार विशेष रंग की चमक उत्पन्न होती है।

प्रश्न 42.
बोस आइंस्टाइन कंडनसेट से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
एक भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्रनाथ बोस ने सन् 1920 में पदार्थ की पाँचवीं अवस्था के लिए कुछ गणनाएँ की थीं। उनके आधार पर अल्बर्ट आइंस्टीन ने पदार्थ की एक नई अवस्था की भविष्यवाणी की थी। इसी को बोस आइंस्टाइन कंडनसेट (BEC) कहा जाता है। बाद में अमेरिका के तीन वैज्ञानिकों एरिक ए कॉर्नेल, उल्फगैंग केटरले और कार्ल ई वेमैन ने BEC की अवस्था प्राप्त करने पर नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया था।

प्रश्न 43.
BEC किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
सामान्य वायु के घनत्व के एक लाखवें हिस्से से कम घनत्व वाली गैस को अत्यधिक कम तापमान पर ठंडा करने से BEC तैयार किया जाता है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
हमारे चारों ओर की वस्तुएं किस कारण भिन्न दिखाई देती हैं ?
उत्तर-
आकार, आकृति और बनावट में भिन्नता के कारण वे भिन्न दिखाई देती हैं।

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प्रश्न 2.
पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
विश्व की हर वस्तु जिस भी सामग्री से बनती है, जो स्थान घेरती है और जिसका द्रव्यमान होता है, उसे पदार्थ कहते हैं।

प्रश्न 3.
पदार्थ के पाँच उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
हवा, भोजन, पत्थर, जल, पौधे।

प्रश्न 4.
पंचतत्व किसे कहते हैं ?
उत्तर-
हमारे देश के प्राचीन दार्शनिकों ने सभी वस्तुओं को बनाने वाले पदार्थ को पाँच मूल तत्वों में वगीकृत किया था जिन्हें पंचतत्व कहते हैं।

प्रश्न 5.
पंचतत्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश।

प्रश्न 6.
यूनानी दार्शनिक कितने तत्वों का मूल मानते थे ?
उत्तर-
चार।

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प्रश्न 7.
यूनानी दार्शनिकों के द्वारा स्वीकार किए जाने वाले चार मूल तत्वों के नाम लिखिए।
उत्तर-
पृथ्वी, अग्नि, वायु और जल।

प्रश्न 8.
आधुनिक वैज्ञानिक पदार्थ को किस आधार पर वर्गीकृत करते हैं ?
उत्तर-
भौतिक गुणधर्म और रासायनिक प्रकृति।

प्रश्न 9.
पदार्थ किससे बनते हैं ?
उत्तर-
पदार्थ कणों से मिलकर बनते हैं।

प्रश्न 10.
पोटेशियम परमैंगनेट के बहुत थोड़े क्रिस्टलों से भी जल रंगीन क्यों हो जाता है ?
उत्तर-
पोटेशियम परमैंगनेट के केवल एक क्रिस्टल में अनेक सूक्ष्म कण होते हैं।

प्रश्न 11.
पदार्थ के कण कितने छोटे हो सकते हैं ?
उत्तर-
पदार्थ के कण इतने छोटे हो सकते हैं कि उनकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते।

प्रश्न 12.
पदार्थ के कणों के बीच में क्या होता है ?
उत्तर-
पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।

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प्रश्न 13.
नमक, चीनी, डेटॉल आदि पानी में क्यों घुल जाते हैं ?
उत्तर-
पदार्थों के कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होने के कारण।

प्रश्न 14.
अगरबत्ती की सुगंध दूर तक किस कारण से फैल जाती है ?
उत्तर-
पदार्थ के कणों के निरंतर गतिशील होने के कारण।

प्रश्न 15.
नमक पानी में क्यों घुल जाता है ?
उत्तर-
जब नमक को पानी में घोलते हैं तो नमक के कण पानी के कणों के बीच रिक्त स्थानों में समावेशित हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
पानी में शहद की शुद्धता किस प्रकार परखी जा सकती है ?
उत्तर-
यदि पानी में शहद एक वर्ण रेखा के रूप में गिरता है तो वह शुद्ध माना जाता है।

प्रश्न 17.
तापमान बढ़ाने से कणों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।

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प्रश्न 18.
पदार्थ के कण निरंतर गतिशील किस कारण रहते हैं ?
उत्तर-
गतिज ऊर्जा के कारण।

प्रश्न 19.
विसरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
दो विभिन्न पदार्थों के कणों का स्वत: मिलना विसरण कहलाता है।

प्रश्न 20.
गर्म करने पर विसरण पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
गर्म करने पर विसरण तेज़ हो जाता है।

प्रश्न 21.
पदार्थ के कणों पर बल क्या प्रभाव डालता है ?
उत्तर-
यह बल कणों को एक साथ रखता है।

प्रश्न 22.
भौतिक अवस्था के आधार पर पदार्थ की अवस्थाएं कौन-कौन-सी हैं ?
उत्तर-
ठोस, द्रव और गैस।

प्रश्न 23.
ठोस पदार्थों के तीन गुण लिखिए।
उत्तर-
ठोस पदार्थों का निश्चित आकार, स्पष्ट सीमाएँ और स्थिर आयतन होता है।

प्रश्न 24.
बल लगाने से ठोस पदार्थों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
बल लगाने से भी ठोस पदार्थ अपना आकार बनाए रखते हैं। अधिक बल लगाने से वे टूट सकते हैं पर अपना आकार नहीं बदलते।

प्रश्न 25.
रबड़ को खींच कर इसका आकार बदला जा सकता है तो फिर यह ठोस क्यों है ?
उत्तर-
रबड़ पर बल लगाने से यह अपना आकार बदलता है पर बल हटा लेने से यह पुनः अपने मूल आकार को प्राप्त कर लेता है। अत्यधिक बल लगाने पर यह टूट जाता है। इसलिए यह ठोस है।

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प्रश्न 26.
चीनी, नमक, शक्कर आदि को जिन बर्तनों में रखते हैं, ये उन्हीं बर्तनों का आकार ले लेते हैं पर फिर भी ये ठोस क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर-
चीनी, नमक, शक्कर आदि को जिन बर्तनों में रखते हैं, ये उन्हीं का आकार ले लेते हैं। पर फिर भी ये ठोस हैं क्योंकि इनके क्रिस्टलों के आकार नहीं बदलते।

प्रश्न 27.
स्पंज का संपीडन संभव क्यों होता है ?
उत्तर-
स्पंज का संपीडन इसमें विद्यमान छिद्रों से हवा बाहर निकलने के कारण संभव होता है।

प्रश्न 28.
द्रव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
द्रव निश्चित आयतन वाले तरल हैं जिनमें बहाव का गुण होता है और ये आकार बदलते हैं।

प्रश्न 29.
जल के किस गुण के कारण जलीय जंतु जीवित रह पाते हैं ?
उत्तर-
वातावरण में विद्यमान ऑक्सीजन गैस विसरित होकर जल में मिल जाती है जो जलीय जंतुओं के जीवन के लिए अनिवार्य होती है।

प्रश्न 30.
जल में कौन-सी गैस विसरित होकर पौधों के लिए आवश्यकताओं की पूर्ति करती है ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस।

प्रश्न 31.
द्रव में किन-किन का विसरण संभव है ?
उत्तर-
द्रव में ठोस, द्रव और गैस तीनों का विसरण संभव है।

प्रश्न 32.
ठोस की अपेक्षा द्रव में विसरण की दर अधिक क्यों होती है ?
उत्तर-
ठोस की अपेक्षा द्रव में पदार्थ के कण स्वतंत्र रूप से गति करते हैं और उन कणों में रिक्त स्थान भी अधिक होते हैं।

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प्रश्न 33.
ठोस, द्रवों और गैसों में अपेक्षाकृत संपीड्यता किसमें सबसे अधिक होती है ?
उत्तर-
गैसों में।

प्रश्न 34.
वाहनों में कौन-सी संपीडित गैस प्रयुक्त की जाती है ?
उत्तर-
संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG)।

प्रश्न 35.
घरों में ईंधन के रूप में कौन-सी गैस प्रयुक्त की जाती है ?
उत्तर-
द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG)।

प्रश्न 36.
इत्र और अगरबत्ती की सुगंध तेज़ी से क्यों फैल जाती है ?
उत्तर-
कणों की तेज़ गति और अत्यधिक रिक्त स्थानों के कारण गैसों का विसरण बहुत तीव्रता से हो जाता है।

प्रश्न 37.
पानी द्रव्य की किन-किन अवस्थाओं में पाया जाता है ?
उत्तर-
पानी ठोस (बर्फ), द्रव, गैस (वाष्प) अवस्थाओं में पाया जाता है।

प्रश्न 38.
ठोस की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
ठोस प्रायः कठोर होते हैं जिन पर दबाव नहीं डाला जा सकता। इनका निश्चित आकार और घनफल होता है।

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प्रश्न 39.
द्रव की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
द्रव का निश्चित घनफल होता है पर कोई निश्चित आकार नहीं होता। इस पर भी अधिक दबाव नहीं डाला जा सकता। यह प्रायः बहते हैं।

प्रश्न 40.
गैस की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
गैस दबाव को सहन करने वाला द्रव्य है जिसे किसी भी आकार के बर्तन में भरा जा सकता है। इसका निश्चित आकार और घनफल नहीं होता।

प्रश्न 41.
ठोस, तरल और गैस के चार-चार उदाहरण दो।
उत्तर-
ठोस = लकड़ी, पत्थर, चीनी, नमक।
तरल = पानी, दूध, तेल, एल्कोहल।
गैस = वायु, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड।

प्रश्न 42.
CNG का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
Compressed Natural Gas (दबाव सहित प्राकृतिक गैस)।

प्रश्न 43.
ठोस प्रायः निश्चित आकार के क्यों होते हैं ?
उत्तर-
ठोस वस्तुओं को बनाने वाले कण एक-दूसरे के बहुत निकट होते हैं और उनके बीच आकर्षण बल बहुत अधिक होता है इसलिए ठोस प्रायः निश्चित आकार के होते हैं।

प्रश्न 44.
किसी टायर में हवा अधिक क्यों भरी जा सकती है ?
उत्तर-
गैसों के द्वारा अधिक दबाव सहने के गुण के कारण किसी टायर में अधिक हवा भरी जा सकती है। गैसों के कण गति करने में स्वतंत्र होते हैं और वे टायर में शीघ्र फैल सकते हैं।

प्रश्न 45.
गैसों की आकृति और आयतन निश्चित क्यों नहीं होता ?
उत्तर-
गैसों के अणु एक-दूसरे से काफ़ी दूरी पर होते हैं। इन्हें गति करने और अपने स्थान से चारों ओर घूमने में पर्याप्त स्वतंत्रता होती है इसलिए इनकी आकृति और आयतन निश्चित नहीं होता।

प्रश्न 46.
जल पदार्थ की कितनी अवस्थाओं में रहता है ?
उत्तर-
तीन अवस्थाओं में।

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प्रश्न 47.
जल की तीनों अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
ठोस = बर्फ, द्रव = जल, गैस = जलवाष्प।

प्रश्न 48.
तापमान में वृद्धि के कारण जब ठोस पिघल कर द्रव बन जाता है तो उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
गलनांक।

प्रश्न 49.
तापमान की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
केल्विन।

प्रश्न 50.
0°C कितने केल्विन के बराबर होता है ?
उत्तर-
0°C सेल्सियस = 273.16K .

प्रश्न 51.
केल्विन से सेल्सियस में बदलने के लिए तापमान में कितना घटाना चाहिए ?
उत्तर-
273 घटाना चाहिए।

प्रश्न 52.
सेल्सियस से केल्विन में बदलने के लिए तापमान में कितना जोड़ना चाहिए ?
उत्तर-
273 जोड़ना चाहिए।

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प्रश्न 53.
संगलन क्या है ?
उत्तर-
गलने की प्रक्रिया यानि ठोस से द्रव अवस्था में परिवर्तन को संगलन कहते हैं।

प्रश्न 54.
जल का क्वथनांक क्या है ?
उत्तर-
जल का क्वथनांक 373 K (100°C) है।

प्रश्न 55.
ऊर्ध्वपातन क्या है ?
उत्तर-
द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस और वापस ठोस में बदलने की प्रक्रिया को ऊर्ध्वपातन कहते हैं।

प्रश्न 56.
शुष्क बर्फ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ कहते हैं।

प्रश्न 57.
दाब के मापन की इकाई क्या है ?
उत्तर-
ऐटमॉस्फीयर (atm)।

प्रश्न 58.
दाब की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
पास्कल (Pa)।

प्रश्न 59.
सामान्य दाब किसे कहते हैं ?
उत्तर-
समुद्र की सतह पर वायुमंडलीय दाब एक ऐटमॉसफीयर होता है और इसे सामान्य दाब कहते हैं।

प्रश्न 60.
कोई द्रव बिना क्वथनांक पर पहुँचे वाष्प अवस्था में किस प्रकार पहुँचता है ?
उत्तर-
वाष्पन क्रिया से।

प्रश्न 61.
वाष्पन क्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
धूप में गीले कपड़ों का सूखना।

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प्रश्न 62.
क्वथनांक से कम तापमान पर द्रव के वाष्पन में परिवर्तन की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
वाष्पीकरण।

प्रश्न 63.
वाष्पीकरण की दर किन-किन कारणों से बढ़ती है ?
उत्तर-
सतह क्षेत्र बढ़ने से, तापमान में वृद्धि, आर्द्रता में कमी, हवा की गति में वृद्धि।

प्रश्न 64.
तापमान बढ़ने से वाष्पीकरण की क्रिया तेज़ क्यों हो जाती है ?
उत्तर-
कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा मिलने के कारण।

प्रश्न 65.
हवा की गति बढ़ने से कपड़े जल्दी क्यों सूखते हैं ?
उत्तर-
जल वाष्पों के कण हवा के साथ उड़ जाते हैं जिस कारण आस-पास के जल वाष्प की मात्रा घट जाती है।

प्रश्न 66.
आर्द्रता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वायु में विद्यमान जल वाष्प की मात्रा को आर्द्रता कहते हैं।

प्रश्न 67.
आर्द्रता का वाष्पन से क्या संबंध है ?
उत्तर-
वायु में जल कणों की मात्रा बढ़ने से वाष्पीकरण की दर घट जाती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 68.
कपड़ों को सुखाने के लिए उन्हें फैलाया क्यों जाता है ?
उत्तर-
उनके सतही क्षेत्र को बढ़ाने के लिए ताकि वाष्पीकरण की दर बढ़ाई जा सके।

प्रश्न 69.
वाष्पीकरण का शीतलता से क्या संबंध है ?
उत्तर-
वाष्पीकरण से शीतलता बढ़ती है।

प्रश्न 70.
गर्मियों में सूती कपड़ों का प्रयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
सूती कपड़ों में जल का अवशोषण अधिक होता है जिसका वायुमंडल में सरलता से वाष्पीकरण हो जाता है जिस कारण तापमान कम हो जाता है।

प्रश्न 71.
प्लाज्मा अवस्था में कण किस रूप में होते हैं ?
उत्तर-
इस अवस्था में कणं अत्यधिक ऊर्जा वाले और अधिक उत्तेजित होते हैं। ये कण आयनीकृत गैस के रूप में होते हैं।

प्रश्न 72.
लोरसेंट ट्यूब और नियॉन बल्ब में क्या होता है ?
उत्तर-
प्लाज्मा होता है।

प्रश्न 73.
सूर्य और तारों में चमक किस कारण होती है ?
उत्तर-
प्लाज्मा के कारण।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 74.
तारों में प्लाज्मा किस कारण बनता है ?
उत्तर-
उच्च तापमान के कारण।

प्रश्न 75.
BEC किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
सामान्य वायु के घनत्व के एक लाखवें भाग जितने कम घनत्व वाली गैस को बहुत ही कम तापमान पर ठंडा करने से BEC तैयार होता है।

प्रश्न 76.
‘बोस-आइंस्टीन कंडनसेशन’ की अवस्था प्राप्त करने के लिए भौतिकी में किसे नोबेल पुरस्कार दिया गया था ?
उत्तर-
सन् 2001 में अमेरिका के एरिक ए० कॉर्नेल, उलगैंग केटरले तथा कार्ल ई० वेमैन को।

प्रश्न 77.
किसे लॉग ऑन करके पदार्थ की चौथी और पाँचवीं अवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है ?
उत्तर-
WWW.Chem4kids.com

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਭੌਤਿਕ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਭੌਤਿਕ ਗੁਣ-
(i) ਧਾਤਵੀ ਲਿਸ਼ਕ (ਚਮਕ) – ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਤਹ ਚਮਕਦਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ | ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਧਾੜਵੀ ਚਮਕ (metallic lusture) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸੋਨੇ ਵਿੱਚ ਪੀਲੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ, ਕਾਪਰ ਦੀ ਲਾਲ-ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀ ਚਿੱਟੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(ii) ਕਠੋਰਤਾ ਕਰੜਾਈ) – ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਧਾਤਾਂ ਕਠੋਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਿਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਠੋਰਤਾ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰ (ਤਾਂਬਾ, ਆਇਰਨ (ਲੋਹਾ), ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਬਹੁਤ ਕਠੋਰ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ਜਦਕਿ ਸੋਡੀਅਮ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਆਦਿ ਨਰਮ ਹਨ ।

(iii) ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ – ਜਿਹੜੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਹਥੌੜੇ ਨਾਲ ਕੁੱਟ-ਕੁੱਟ ਕੇ ਪਤਲੀ ਚਾਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਚਾਂਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ।

(iv) ਖਿੱਚੀਣਯੋਗਤਾ – ਉਹ ਧਾਤਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਖਿੱਚ ਕੇ ਪਤਲੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਨੂੰ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਖਿੱਚੀਯੋਗਤਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਚਾਂਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ।

(v) ਤਾਪੀ ਚਾਲਕਤਾ – ਧਾਤਾਂ ਸਾਧਾਰਨ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
ਹੋਰ ਕੁੱਝ ਧਾਤਾਂ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਕੁਚਾਲਕ ਹਨ-
ਉਦਾਹਰਨ-ਕਾਪਰ, ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਦਿ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹਨ ।

(vi) ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕਤਾ-ਧਾਤਾਂ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਵਧੀਆ ਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸਿਲਵਰ, ਕਾਪਰ ਆਦਿ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹਨ ।

ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ – ਧਾਤਾਂ ਆਪਣੇ ਇਲੈੱਕਟਾਂ ਗੁਆ ਕੇ ਧਨਾਤਮਕ ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਬਿਜਲਈ ਧਨਾਤਮਕ ਤੱਤ ਹਨ ।

(1) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਧਾੜਵੀ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਖਾਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਭਿੰਨਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਉਹ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

(i) ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ Na, K ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਕਿ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹਨ ।
4Na(s) + O(g) → 2Na2O (s)
Na2 O(s) + H2O → 2NaOH (aq)

(ii) ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ (Mg) ਦੇ ਰਿਬਨ ਨੂੰ ਬਾਲ ਕੇ ਜਦੋਂ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਬਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
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(iii) ਤਾਂਬਾ (Cu) ਅਤੇ ਲੋਹਾ (Fe) ਖ਼ੁਸ਼ਕ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਉੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
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(2) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਹਲਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਧਾਤਾਂ ਹਲਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਿਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਦਰ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(i) Na, K, Zn, Mg, Fe ਆਦਿ ਘਟਦੇ ਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ-
2Na + 2HCl → 2NaCl +H2
Mg + 2HCl → MgCl2 + H2
Zn + H2SO4 → Zn SO4 + H2

(ii) ਪਤਲੇ ਨਾਈਟ੍ਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ Cu, Ag, Pb, Hg ਧਾਤਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ NO (ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਆਕਸਾਈਡ) ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
3Cu + 8HNO3 → 3Cu(NO3)2 + 2NO +4H2O
3Ag + 4HNO3 → 3AgNO3 + NO + 2H2O

(iii) Mg ਅਤੇ Mn ਨਾਲ ਪਤਲਾ ਨਾਈਟ੍ਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ, ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
Mg + 2HNO3 → Mg(NO3)2 + H2

(iv) ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਪਲਾਟੀਨਮ ਪਤਲੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।

(3) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਧਾਤਾਂ, ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਬਿਜਲੀ ਸੰਯੋਜਕ ਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
Ca + Cl2 → CaCl2

(4) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ Na, K ਅਤੇ Ca ਆਦਿ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
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(5) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-
(i) ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਹੋਵੇ ਤਾਂ Na, K, Ca ਆਦਿ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
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(ii) ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਉਬਲਦਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ Mg, Zn, Fe ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਭੌਤਿਕ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਭੌਤਿਕ ਗੁਣ-
(i) ਭੌਤਿਕ ਅਵਸਥਾ – ਅਧਾਤਾਂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਗੈਸ ਜਾਂ ਠੋਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰੰਤੂ ਬਰੋਮੀਨ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਉੱਤੇ ਦਵ ਹੈ ।
(ii) ਚਾਲਕਤਾ – ਅਧਾਤਾਂ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਕੁਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰੰਤੂ ਗਰੇਫ਼ਾਈਟ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਸੂਚਾਲਕ ਹੈ ।
(iii) ਅਧਾਤਾਂ ਨਾ ਹੀ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਹਨ ।
(iv) ਧਾਤਵੀ ਚਮਕ – ਅਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਚਮਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ, ਪਰੰਤੂ ਆਇਓਡੀਨ ਵਿੱਚ ਚਮਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਕਾਰਨ ਉਸਦੀ ਆਇਨਨ ਉਰਜਾ (lonisation Energy) ਦਾ ਘੱਟ ਹੋਣਾ ਹੈ ।
(v) ਨਰਮਈ – ਅਧਾਤਾਂ ਨਰਮ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਿਵਾਏ ਹੀਰੇ ਦੇ, ਜੋ ਬਹੁਤ ਸਖ਼ਤ ਹੈ ।

ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ-
ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਮੁੱਖ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਇਹ ਹਨ-
(i) ਕਾਰਬਨ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਕਾਰਬਨ, ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । CO2 ਦਾ ਸੁਭਾਅ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਹੈ । ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕਾਰਬੋਨਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
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(ii) ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਅਤੇ ਸਲਫ਼ਰ ਦੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਅਨੁਕੂਲ ਹਾਲਤਾਂ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਅਤੇ ਸਲਫ਼ਰ, ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਅਮੋਨੀਆ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫ਼ਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
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(iii) ਸਲਫਰ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਸਲਫਰ, ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਸਲਫਰ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਹਾਈਡਰੋਜਨ, ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਪਾਣੀ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
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(iv) ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ ਦੀ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਕੇ ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ ਡ੍ਰਾਈਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਾਤ ਕੂਮ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਪ੍ਰਕਰਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੁਕਤ ਚਰਨਾਂ ਦਾ ਵਿਸਥਾਰ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਤੋਂ ਧਾਤ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਵਿੱਚ ਵਰਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਚਰਨਾਂ ਦੇ ਬਾਰੇ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤ ਕੂਮ (Metallurgy) – ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਤੋਂ ਧਾਤ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਅਤੇ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਉਸਦੀ ਸੁਧਾਈ ਕਰਕੇ ਵਰਤੋਂ ਵਿਚ ਲਿਆਉਣ ਯੋਗ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਪ੍ਰਕਰਮ ਨੂੰ ਧਾਤ ਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਧਾਤ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਚਰਨ – ਧਾਤਭੂਮ ਵਿੱਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਚਰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-
(i) ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਦਾ ਸੰਘਣਾਪਨ
(ii) ਲਘੂਕਰਨ
(iii) ਸੁਧਾਈ ।

(i) ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਦਾ ਸੰਘਣਾਪਨ (Enrichment of Ores) – ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਕੱਢੀ ਗਈ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਆਮ ਕਰਕੇ ਬਹੁਤ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਮਿੱਟੀ, ਰੇਤ ਆਦਿ ਮਿਲੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਗੈਂਗ (Gangue) ਆਖਦੇ ਹਨ | ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਵਿੱਚੋਂ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਨੂੰ ਹਟਾਉਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਤੋਂ ਗੈਂਗ ਨੂੰ ਵੱਖ ਕਰਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਦਾ ਸੰਘਣਾਪਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਜੇ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਅਤੇ ਗੈਂਗ ਦੇ ਭੌਤਿਕ ਜਾਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣਾਂ ਉੱਪਰ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਮੰਤਵ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਵਰਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

(1) ਚੁੰਬਕੀ ਵਖਰੇਵਾਂ ਵਿਧੀ (Magnetic Separation Process) – ਇਹ ਵਿਧੀ ਚੁੰਬਕੀ ਕਣਾਂ (ਲੋਹਾ, ਕੋਬਾਲਟ, ਨਿਕਲ ਨੂੰ ਵੱਖ ਕਰਨ ਲਈ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜਿਹੜੇ ਖਣਿਜ ਚੁੰਬਕੀ ਗੁਣ ਰੱਖਦੇ ਹਨ, ਉਹ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵੱਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਦਕਿ ਗੈਂਗ ਆਦਿ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਝੋਮਾਈਟ ਅਤੇ ਪਾਇਰੋਲਿਉਸਾਈਟ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਇਸੇ ਵਿਧੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਸੰਘਣੀਆਂ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਵਿੱਚ ਪੀਸੀ ਹੋਈ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਇੱਕ ਕਨਵੇਅਰ ਬੈਲਟ ਉੱਪਰ ਰੱਖਦੇ ਹਾਂ | ਕਨਵੇਅਰ ਬੈਲਟ ਦੋ ਰੋਲਰਾਂ ਉੱਪਰੋਂ ਗੁਜ਼ਰਦੀ ਹੈ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਚੁੰਬਕੀ ਅਤੇ ਅਚੁੰਬਕੀ ਪਦਾਰਥ ਦੋ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਢੇਰਾਂ ਵਜੋਂ ਇਕੱਠੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਲੋਹੇ ਦੀ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਮੈਗਨੇਟਾਈਟ ਦਾ ਸੰਘਣਾਕਰਨ ਇਸੇ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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(2) ਵਚਾਲਿਤ ਧੋਣਾ (Hydraulic Washing) – ਇਸ ਵਿਧੀ ਵਿੱਚ ਬਾਰੀਕ ਜਾਂ ਪੀਸੀ ਹੋਈ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਦੀ ਤੇਜ਼ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਧੋਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੇਜ਼ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਹਲਕੇ ਗੈਂਗ ਕਣ ਵਹਿ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਦਕਿ ਭਾਰੀ ਖਣਿਜੀ ਕਣ ਤਲੀ ਤੇ ਹੇਠਾਂ ਬੈਠ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਟਿੱਨ ਅਤੇ ਲੈਂਡ ਦੀਆਂ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਇਸੇ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਸੰਘਣਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(3) ਝੱਗ ਤਰਾਉ ਵਿਧੀ (Froth Floatation Process) – ਇਸ ਵਿਧੀ ਵਿੱਚ ਮਹੀਨ ਪੀਸੀ ਹੋਈ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਤੇਲ ਨਾਲ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਟੈਂਕ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਖਣਿਜ ਕਣ ਪਹਿਲੇ ਹੀ ਤੇਲ ਨਾਲ ਭਿੱਜ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਜਦਕਿ
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ਗੈਂਗ ਦੇ ਕਣ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਿੱਜ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਮਿਸ਼ਰਨ ਵਿਚੋਂ ਹਵਾ ਗੁਜ਼ਾਰੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਖਣਿਜੀ ਕਣ ਯੁਕਤ ਤੇਲ ਦੀ ਝੱਗ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਹੜੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਾ ਤੇ ਤੈਰਨ ਲਗਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਬੜੀ ਸਹਿਜੇ ਪਾਣੀ ਉੱਪਰੋਂ ਕੱਢਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਤਾਂਬੇ, ਲੈਂਡ, ਜ਼ਿੰਕ ਦੇ ਸਲਫਾਈਡਾਂ ਨੂੰ ਸੰਘਣਾ ਕਰਨ ਲਈ ਇਸੇ ਵਿਧੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

(ii) ਰਸਾਇਣਿਕ ਵਿਧੀਆਂ (Chemical Methods) – ਰਸਾਇਣਿਕ ਵਿਧੀਆਂ ਵਿੱਚ ਖਣਿਜ ਅਤੇ ਗੈਂਗ ਵਿਚਲੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਭਿੰਨਤਾ ਨੂੰ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਇੱਕ ਮੁੱਖ ਵਿਧੀ ਹੈ-ਬੇਅਰ ਦੀ ਵਿਧੀ ਜਿਸ ਦੁਆਰਾ ਬਾਕਸਾਈਟ ਤੋਂ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(1) ਬੇਅਰ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਸੰਘਣਾ ਕਰਨਾ – ਇਸ ਵਿਧੀ ਵਿੱਚ ਬਾਕਸਾਈਟ ਦਾ ਗਰਮ ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਲਘੂਕਰਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਹੜਾ ਕਿ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੈ । ਗੈਂਗ ਨੂੰ ਛਾਣ ਕੇ ਵੱਖ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦਾ ਅਵਖੇਪ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਫਿਲਟ ਦੀ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਐਸਿਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਸ਼ੁੱਧ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹਨ-
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(2) ਸੰਘਣਤ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਦਾ ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣਾ-
ਭੰਨਣ- ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਲਘੂਸ਼ਿਤ ਹੋ ਕੇ ਧਾਤ ਨੂੰ ਵੱਖ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਜ਼ਿੰਕ ਬੈਲੰਡੀ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫਾਈਡ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਸੰਘਣਤ ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫਾਈਡ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਆਕਸੀਕ੍ਰਿਤ ਹੋ ਕੇ ਜ਼ਿੰਕ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
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ਭਸਮੀਕਰਨ – ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਸਿਲ ਅਤੇ ਵਾਸ਼ਪਸ਼ੀਲ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਵੱਖ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਵਿਘਟਿਤ ਹੋ ਕੇ ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
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(3) ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਤੋਂ ਧਾਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨਾ – ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਤੋਂ ਧਾਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਉਸਨੂੰ ਕਿਸੇ ਲਘੂਕਾਰਕ ਦੇ ਨਾਲ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਿੰਕ, ਟਿੱਨ ਅਤੇ ਨਿੱਕਲ ਜਿਹੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਕਰਕੇ ਧਾਤਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕਾਰਬਨ ਲਘੂਕਾਰਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ZnO (s) +C (s) → Zn (s) + CO (g)
ਮੱਧਮ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਵਾਲੀ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਕਰਨ ਲਈ ਸੋਡੀਅਮ, ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਜਿਹੀਆਂ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਵੀ ਲਘੂਕਾਰਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ।
3MnO2 (s) +4Al(s) → 3Mn (s) + 2A l2O3(s) + ਤਾਪ

(iii) ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ (Refining of Metals) – ਧਾਤਵੀ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦੇ ਲਘੂਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਈਆਂ ਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕਈ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤਾਂ ਲੈਣ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਨੂੰ ਕੱਢਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਲਈ ਵਰਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਵਿਧੀ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਅਤੇ ਧਾਤਾਂ ਦੋਹਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

(1) ਕਸ਼ੀਦਣ ਵਿਧੀ (Distillation Method) – ਨੀਵੇਂ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਵਾਲੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਇਸ ਵਿਧੀ ਰਾਹੀਂ ਸ਼ੁੱਧ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਿੰਕ, ਕੈਡਮੀਅਮ ਅਤੇ ਮਰਕਰੀ ਆਦਿ ਧਾਤਾਂ ਬਹੁਤ ਛੇਤੀ ਵਾਸ਼ਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਸ਼ੀਦਣ ਵਿਧੀ ਰਾਹੀਂ ਸ਼ੁੱਧ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(2) ਗਲਣ ਵਿਧੀ, ਪਿਘਲਾਓ ਵਿਧੀ (Liquation) – ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਢਲਾਨ ਯੁਕਤ ਭੱਠੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਭੱਠੀ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ ਧਾਤ ਦੇ ਪਿਘਲਾਓ ਅੰਕ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਵੱਧ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਨੂੰ ਭੱਠੀ ਦੇ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰਲੇ ਸਿਰੇ ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਗਰਮ ਹੋਣ ਤੇ ਧਾਤਾਂ ਪਿਘਲ ਕੇ ਹੇਠਾਂ ਆ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਦਕਿ ਠੋਸ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਉੱਥੇ ਹੀ ਰਹਿ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਟਿੱਨ, ਲੈਂਡ ਅਤੇ ਬਿਸਮਥ ਦਾ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(3) ਬਿਜਲਈ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ (Electrolytic Refining) – ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਹੀ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂਬਾ, ਟਿਨ, ਲੈਂਡ, ਸੋਨਾ, ਜ਼ਿੰਕ, ਕੋਮੀਅਮ ਅਤੇ ਨਿਕਲ ਜਿਹੀਆਂ ਅਨੇਕਾਂ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਬਿਜਲਈ ਅਪਘਟਨ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦੀ ਪੱਟੀ ਨੂੰ ਕੈਥੋਡ ਅਤੇ ਅਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦੀ ਪੱਟੀ ਨੂੰ ਐਨੋਡ ਵਜੋਂ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਿਜਲਈ ਅਪਘਟਨ ਲਈ ਧਾਤ ਦਾ ਕੋਈ ਯੋਗਿਕ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਬਿਜਲਈ ਅਪਘਟਨ ਦੌਰਾਨ
ਐਨੋਡ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਧਾਤ ਕੈਥੋਡ ਤੇ ਜਮਾਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਐਨੋਡ ਤੇ ਸਥਿਤ ਹੋਰ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਘੋਲ (ਸ਼ੁੱਧ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਪੱਟੀ) ਧਾਤਾਂ ਅਪਘਟਨ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਚਲੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਘੱਟ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਚਾਂਦੀ ਬਿਜਲਈ ਚਿੱਤਰ-ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਅਪਘਟਨ ਸੈੱਲ ਦੀ ਤਲੀ ਤੇ ਜਾ ਡਿੱਗਦੀਆਂ ਹਨ ।
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ਜੇਕਰ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਸੁਧਾਈ ਕਰਨੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਬਿਜਲਈ ਅਪਘਟਨ ਵਜੋਂ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦਾ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸੈੱਲ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ-
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਧਾਤਾਂ (Metals) ਅਧਾਤਾਂ (Non-Metals)
ਭੌਤਿਕ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ-

(1) ਧਾਤਾਂ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ‘ਤੇ ਠੋਸ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਸਿਰਫ਼ ਪਾਰਾ ਹੀ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ‘ਤੇ ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

(1) ਅਧਾਤਾਂ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਤਿੰਨੇ ਅਵਸਥਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਠੋਸ ਰੂਪ ਵਿੱਚ, H2, O2, N2 ਗੈਸ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਬੋਮੀਨ ਤਰਲ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।
(2) ਧਾਤਾਂ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਅਤੇ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । (2) ਇਹ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਭੁਰਭੁਰੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(3) ਧਾਤਾਂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਚਮਕਦਾਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਰਥਾਤ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਧਾਤਵੀ ਚਮਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (3) ਅਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤਵੀ ਚਮਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਪਰ ਹੀਰਾ, ਗ੍ਰੇਫਾਈਟ ਅਤੇ ਆਇਓਡੀਨ ਇਸ ਦੇ ਅਪਵਾਦ ਹਨ ।
(4) ਧਾਤਾਂ ਤਾਪ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਸੂਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰ ਬਿਸਮਥ ਇਸ ਦਾ ਅਪਵਾਦ ਹੈ । (4) ਗੇਫਾਈਟ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਬਾਕੀ ਸਾਰੀਆਂ ਅਧਾਤਾਂ ਕੁਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(5) ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਪਿਘਲਾਓ ਅਤੇ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਕਾਫ਼ੀ ਵੱਧ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (5) ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਪਿਘਲਾਓ ਅਤੇ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਕਾਫ਼ੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(6) ਧਾਤਾਂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕਠੋਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰ ਸੋਡੀਅਮ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਚਾਕੂ ਨਾਲ ਕੱਟੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । (6) ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਠੋਰਤਾ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਹੀਰਾ ਸਭ ਤੋਂ ਕਠੋਰ ਪਦਾਰਥ ਹੈ ।
(7) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਾਪੇਖ ਘਣਤਾ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਰ Na ਅਤੇ K ਇਸਦੇ ਅਪਵਾਦ ਹਨ । (7) ਅਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਾਪੇਖ ਘਣਤਾ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(8) ਧਾਤਾਂ ਅਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । (8) ਗੈਸੀ ਅਧਾਤਾਂ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ-

(1) ਧਾਤਾਂ ਖਾਰੇ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਖਾਰ ਬਣਦੇ ਹਨ ।

(1) ਅਧਾਤਾਂ, ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਅਤੇ ਉਦਾਸੀਨ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
(2) ਧਾਤਾਂ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉਸ ਅਨੁਸਾਰ ਲੂਣ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । (2) ਅਧਾਤਾਂ, ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਵਿਚੋਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਨੂੰ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ।
(3) ਧਾਤਾਂ ਧਨਾਤਮਕ ਚਾਰਜ ਯੁਕਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । (3) ਅਧਾਤਾਂ ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਾਰਜ ਯੁਕਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(4) ਧਾਤਾਂ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਬਿਜਲੀ ਸੰਯੋਜਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (4) ਅਧਾਤਾਂ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਸਹਿ-ਸੰਯੋਜਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(5) ਕੁੱਝ ਧਾਤਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਬਿਜਲੀ ਸੰਯੋਜਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (5) ਅਧਾਤਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਥਾਈ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਸਹਿ-ਸੰਯੋਜਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(6) ਧਾਤਾਂ ਲਘੂਕਾਰਕ ਹਨ । (6) ਅਧਾਤਾਂ ਆਕਸੀਕਾਰਕ ਹਨ ।
(7) ਧਾਤਾਂ ਜਲੀ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਧਨ-ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । (7) ਅਧਾਤਾਂ ਜਲੀ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਰਿਣ-ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਖੋਰਨ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਖੋਰਨ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਕਰੋਗੇ ? (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਉੱਤਰ-
ਖੋਰਨ (Corrosion) – ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਧਾਤ ਕੁਦਰਤੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸ਼ੁੱਧ ਅਤੇ ਸੁੰਦਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕੁਦਰਤ ਇਸ ਨੂੰ ਮੁੜ ਉਸੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਇਸ ਨੂੰ ਕੁਦਰਤ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਤਹਿ ਉੱਤੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਆਦਿ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਕਾਰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ, ਸਲਫਾਈਡ, ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਸਲਫ਼ੇਟ ਆਦਿ ਬਣਦੇ ਹਨ ਤੇ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧਾਤ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਖੁਰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ | ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਘੁਲਣ ਨੂੰ ਖੋਰਨ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਆਇਰਨ ਅਤੇ ਸਟੀਲ ਦੇ ਖੋਰਨ ਨੂੰ ਜੰਗ ਜਾਂ ਜੰਗਾਲ ਲੱਗਣਾ ਵੀ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਜੰਗ ਲੱਗਣਾ ਗੰਭੀਰ ਆਰਥਿਕ ਸਮੱਸਿਆ ਹੈ । ਜੰਗ ਲਾਲ ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦਾ ਪਾਊਡਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਜਲੀ ਆਇਰਨ ਆਕਸਾਈਡ (Fe2O3.4H2O) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਲਈ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੱਥ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਕਿਰਿਆ ਰਾਹੀਂ ਸਮਝਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 17

ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਖੋਰਨ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਦੇ ਉਪਾਅ-

  1. ਧਾਤ ਨੂੰ ਸਿੱਲ੍ਹ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਕੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਧਾਤ ਦੀ ਉੱਪਰਲੀ ਸਤਹਿ ‘ਤੇ ਪੇਂਟ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਇਸ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦਾ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਸਿੱਲ੍ਹ ਨਾਲੋਂ ਸੰਪਰਕ ਟੁੱਟ ਜਾਵੇ ।
  3. ਧਾਤ ਦੀ ਸਤਹਿ ‘ਤੇ ਸ੍ਰੀਸ ਜਾਂ ਤੇਲ ਲਗਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਧਾਤ ਉੱਪਰ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਖੋਰਨ ਰੋਧੀ ਧਾਤ ਦੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹਾ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਧਾਤ ਨੂੰ ਪਿਘਲੇ ਹੋਏ ਜ਼ਿੰਕ ਵਿੱਚ ਡੁਬੋ ਕੇ ਬਾਹਰ ਕੱਢ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਇਸ ਉੱਪਰ ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਪਰਤ ਜੰਮ ਜਾਵੇ ਅਰਥਾਤ ਗੈਲਵਨੀਕਰਨ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਵੇਰਵਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਇਸ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਢੰਗ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ (Rusting of Iron) ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਦੇ ਕੋਈ ਪੰਜ ਢੰਗ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਜੰਗ ਲੱਗਣਾ ਕੀ ਹੈ ? ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਦੇ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣਾ (Rusting of Iron) – ਇਹ ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ਜੋ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗ ਨਾਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ
(ੳ) ਆਇਰਨ ਇਲੈਂਕਨ ਛੱਡ ਕੇ ਫੈਰਸ (Fe+2) ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 18

(ਅ) ਇਹ ਫੈਰਸ ਆਇਨ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਫੈਰਿਕ ਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਭੂਰੀ ਪਰਤ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਅੱਠ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਆਇਨ ਵੀ ਬਣਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 19

(ੲ) ਫੈਰਿਕ ਆਕਸਾਈਡ Fe3O3 ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਜੰਗ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
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(ਸ) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਆਇਨ ਇਲੈਂਕਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ।
8H+ + 8e → 4H2

ਜੰਗ ਇਕ ਚਿਪਚਿਪਾਹਟ ਰਹਿਤ ਯੌਗਿਕ ਹੈ । ਇਹ ਪਰਤ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪਰਤ ਬਣ ਕੇ ਉੱਡਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਲੋਹੇ ਦੀ ਨਵੀਂ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਲਈ ਖੁੱਲਾ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ – ਕੁੱਝ ਬਚਾਓ ਕਾਰਜਾਂ ਨੂੰ ਅਪਣਾ ਕੇ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ-
(ੳ) ਪੇਂਟ ਲਗਾ ਕੇ ਬਚਾਅ ਕਰਨਾ – ਲੋਹੇ ਦੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਨੂੰ ਪੇਂਟ ਕਰਕੇ ਜਾਂ ਗ੍ਰਸ ਲਗਾਉਣ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਲੋਹੇ ਨਾਲੋਂ ਸੰਪਰਕ ਟੁੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ਅ) ਧਾਤਵੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹਾਉਣਾ – ਉਹ ਧਾਤ ਜਿਹੜੀ ਲੋਹੇ ਨਾਲੋਂ ਵਧੇਰੇ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਇਲੈੱਕਨ ਛੱਡ ਸਕੇ, ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗਾਲ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜ਼ਿੰਕ ਧਾਤ ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਵਧੇਰੇ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨ ਛੱਡਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਇਸ ਉੱਤੇ ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਪਰਤ ਚੜਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਜਿਸਤ ਚੜ੍ਹਾਉਣਾ ਜਾਂ ਗੈਲਵੇਨੀਕਰਨ (Galvanization) ਆਖਦੇ ਹਨ ।

(ੲ) ਬਿਜਲਈ ਬਚਾਅ – ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਫੈਰਸ ਆਇਨਾਂ Fe+2 ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਨਾਲ ਉਦਾਸੀਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਲੋਹੇ ਦੀ ਜਿਸ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਜੰਗ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣਾ ਹੋਵੇ, ਉਸਨੂੰ ਕੈਥੋਡ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ਸ) ਜੰਗ-ਰੋਧੀ ਘੋਲ ਵਰਤ ਕੇ – ਇਹ ਘੋਲ ਫ਼ਾਸਫੇਟ ਅਤੇ ਕਰੋਮੇਟ ਦੇ ਐਲਕਲੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਐਲਕਲੀਪਨ ਕਾਰਨ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਆਇਨ (H+) ਬਣਦੇ ਹਨ ਤੇ ਇਹ ਆਇਨ ਵਸਤੂ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਨਹੀਂ ਹੋਣ ਦਿੰਦੇ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਰ ਵਸਤੁ ਜੰਗ ਤੋਂ ਬਚੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਘੋਲ ਕਾਰ ਰੇਡੀਏਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਇੰਜਣ ਦੇ ਪੁਰਜ਼ਿਆਂ ਨੂੰ ਜੰਗ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

(ਹ) ਨਿਕਲ ਅਤੇ ਕ੍ਰੋਮੀਅਮ ਨਾਲ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਬਣਾ ਕੇ – ਜਦੋਂ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਨਿਕਲ ਅਤੇ ਸ਼੍ਰੋਮੀਅਮ ਨਾਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਬਣਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ (Fe = 74%, Cr = 18%, Ni = 8%) ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ ਜੰਗਰੋਧੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਸਾਧਾਰਨ ਗੁਣਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਗੁਣ – ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਸਾਧਾਰਨ ਗੁਣ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ :
(1) ਭੌਤਿਕ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ – ਧਨਾਤਮਕ ਅਤੇ ਰਿਣਾਤਮਕ ਆਇਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪ੍ਰਬਲ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੇ ਕਾਰਨ ਆਇਨੀ ਯੋਗਿਕ ਠੋਸ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਯੌਗਿਕ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਭੁਰਭੁਰੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਦਬਾਓ ਪਾਉਣ ਨਾਲ ਟੁੱਟ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

(2) ਪਿਘਲਣ ਅੰਕ ਅਤੇ ਉਬਾਲ ਅੰਕ – ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦਾ ਪਿਘਲਣ ਅੰਕ ਅਤੇ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸਦੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਅੰਤਰ ਆਇਨੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਨੂੰ ਤੋੜਨ ਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(3) ਘੁਲਣਸ਼ੀਲਤਾ – ਸੰਯੋਜਕ ਯੋਗਿਕ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹਨ, ਪਰੰਤੂ ਕੈਰੋਸੀਨ, ਪੈਟਰੋਲ ਆਦਿ ਜਿਹੇ ਘੋਲਕਾਂ ਵਿੱਚ ਅਣ-ਘੁਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

(4) ਬਿਜਲਈ ਚਾਲਕਤਾ – ਕਿਸੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਲਈ ਚਾਰਜਿਤ ਕਣਾਂ ਦੀ ਗਤੀਸ਼ੀਲਤਾ ਦਾ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਜਲੀ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਆਇਨ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਘੋਲ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਗੁਜ਼ਾਰੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਆਇਨ ਉਲਟੇ ਇਲੈੱਕਟੋਡ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਨ ਲਗਦੇ ਹਨ | ਠੋਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆਇਨੀ ਯੋਗਿਕ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਚਾਲਨ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਠੋਸ ਅਵਸਥਾ ਦੀ ਦ੍ਰਿੜ ਸੰਰਚਨਾ ਕਾਰਨ ਆਇਨਾਂ ਦੀ ਗਤੀ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰੰਤੂ ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕ ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਚਾਲਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਵਿਤ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਵਿਪਰੀਤ ਆਇਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਬਿਜਲਈ ਸਥਿਤਿਕ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਉਸ਼ਮਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਆਇਨ ਸੁਤੰਤਰ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਗਮਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਚਾਲਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੀ ਉਦੇਸ਼ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤ (Alloy) – ਕਿਸੇ ਧਾਤ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਧਾਤ ਜਾਂ ਅਧਾਤ ਨਾਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਬਣਾਏ ਗਏ ਸਮ-ਅੰਗੀ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨੂੰ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ, ਟਾਂਕਾ, ਪਿੱਤਲ, ਕਾਂਸਾ, ਬੈਂ-ਮੈਟਲ ਆਦਿ ਸਾਰੀਆਂ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ।

ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ-

  1. ਕਠੋਰਤਾ ਵਧਾਉਣ ਲਈ – ਲੋਹੇ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਮਿਲਾ ਕੇ ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਹੜਾ ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਠੋਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸ਼ਕਤੀ ਵਧਾਉਣ ਲਈ – ਇਸਪਾਤ, ਡਿਊਰਐਲੁਮਿਨ ਆਦਿ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤਾਂ ਕਠੋਰ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਵੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  3. ਖੁਰਨ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ – ਜਿਵੇਂ ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ, ਲੋਹੇ ਅਤੇ ਜ਼ਿੰਕ ਤੋਂ ਬਣੀ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਨੂੰ ਜੰਗ ਨਹੀਂ ਲਗਦਾ
  4. ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨ ਲਈ – ਤਾਂਬੇ ਅਤੇ ਟਿੱਨ ਤੋਂ ਬਣਾਈ ਗਈ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਬਿੱਲ ਮੈਟਲ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  5. ਪਿਘਲਾਓ ਦਰਜਾ ਘੱਟ ਕਰਨ ਲਈ – ਜਿਵੇਂ ਰੋਜ਼ ਮੈਟਲ ਇਕ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਪਿਘਲਾਓ ਅੰਕ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  6. ਉੱਚਿਤ ਸਾਂਚੇ ਵਿੱਚ ਢਲਾਈ ਲਈ – ਕਾਂਸਾ ਅਤੇ ਟਾਈਪ ਮੈਟਲ ।
  7. ਰੰਗ ਬਦਲਣ ਲਈ – ਤਾਂਬੇ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਤੋਂ ਬਣੀ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਜ਼ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਦਾ ਰੰਗ ਸੁਨਹਿਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  8. ਘਰੇਲੂ ਲੋੜਾਂ ਲਈ – ਘਰਾਂ, ਕਾਰਖ਼ਾਨਿਆਂ, ਦਫ਼ਤਰਾਂ ਆਦਿ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਜਗਾ ‘ਤੇ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ-ਘਰ ਵਿਚ ਅਲਮਾਰੀ, ਪੱਖੇ, ਫਰਿਜ, ਗਹਿਣੇ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਲੜੀ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਲੜੀ (Reactivity Series of Metals) – ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਘਟਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਅਨੁਸਾਰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਗਈ ਤਰਤੀਬ ਨੂੰ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਆਖਦੇ ਹਨ ।
ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਲੜੀ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 21
ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ ਸੋਡੀਅਮ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ, ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਆਦਿ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ । ਇਹ ਧਾਤਾਂ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ | ਕੁਝ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ ਲੋਹਾ, ਜ਼ਿੰਕ ਆਦਿ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ, ਪਰੰਤੂ ਕੁਝ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ ਸੋਨਾ, ਪਲਾਟੀਨਮ ਆਦਿ ਅਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ । ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਾਂ ਦੇਣ ਦੇ ਗੁਣ ’ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਜਿਹੜੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਸਥਿਤ ਹਨ ਵੱਧ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ । ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਤੋਂ ਥੱਲੇ ਵਾਲੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਘੱਟ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਤਿੰਨ ਭੌਤਿਕ ਅਤੇ ਦੋ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਭੌਤਿਕ ਗੁਣ-
(i) ਧਾਤਵੀ ਲਿਸ਼ਕ (ਚਮਕ) – ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਤਹ ਚਮਕਦਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ | ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਧਾੜਵੀ ਚਮਕ (metallic lusture) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸੋਨੇ ਵਿੱਚ ਪੀਲੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ, ਕਾਪਰ ਦੀ ਲਾਲ-ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀ ਚਿੱਟੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(ii) ਕਠੋਰਤਾ ਕਰੜਾਈ) – ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਧਾਤਾਂ ਕਠੋਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਿਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਠੋਰਤਾ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰ (ਤਾਂਬਾ, ਆਇਰਨ (ਲੋਹਾ), ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਬਹੁਤ ਕਠੋਰ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ਜਦਕਿ ਸੋਡੀਅਮ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਆਦਿ ਨਰਮ ਹਨ ।

(iii) ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ – ਜਿਹੜੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਹਥੌੜੇ ਨਾਲ ਕੁੱਟ-ਕੁੱਟ ਕੇ ਪਤਲੀ ਚਾਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਚਾਂਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ।

(iv) ਖਿੱਚੀਣਯੋਗਤਾ – ਉਹ ਧਾਤਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਖਿੱਚ ਕੇ ਪਤਲੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਨੂੰ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਖਿੱਚੀਯੋਗਤਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਚਾਂਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ।

(v) ਤਾਪੀ ਚਾਲਕਤਾ – ਧਾਤਾਂ ਸਾਧਾਰਨ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
ਹੋਰ ਕੁੱਝ ਧਾਤਾਂ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਕੁਚਾਲਕ ਹਨ-
ਉਦਾਹਰਨ-ਕਾਪਰ, ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਦਿ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹਨ ।

(vi) ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕਤਾ-ਧਾਤਾਂ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਵਧੀਆ ਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸਿਲਵਰ, ਕਾਪਰ ਆਦਿ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹਨ ।

ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ – ਧਾਤਾਂ ਆਪਣੇ ਇਲੈੱਕਟਾਂ ਗੁਆ ਕੇ ਧਨਾਤਮਕ ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਬਿਜਲਈ ਧਨਾਤਮਕ ਤੱਤ ਹਨ ।

(1) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਧਾੜਵੀ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਖਾਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਭਿੰਨਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਉਹ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

(i) ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ Na, K ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਕਿ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹਨ ।
4Na(s) + O(g) → 2Na2O (s)
Na2 O(s) + H2O → 2NaOH (aq)

(ii) ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ (Mg) ਦੇ ਰਿਬਨ ਨੂੰ ਬਾਲ ਕੇ ਜਦੋਂ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਬਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 1

(iii) ਤਾਂਬਾ (Cu) ਅਤੇ ਲੋਹਾ (Fe) ਖ਼ੁਸ਼ਕ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਉੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 2

(2) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਹਲਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਧਾਤਾਂ ਹਲਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਿਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਦਰ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(i) Na, K, Zn, Mg, Fe ਆਦਿ ਘਟਦੇ ਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ-
2Na + 2HCl → 2NaCl +H2
Mg + 2HCl → MgCl2 + H2
Zn + H2SO4 → Zn SO4 + H2

(ii) ਪਤਲੇ ਨਾਈਟ੍ਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ Cu, Ag, Pb, Hg ਧਾਤਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ NO (ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਆਕਸਾਈਡ) ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
3Cu + 8HNO3 → 3Cu(NO3)2 + 2NO +4H2O
3Ag + 4HNO3 → 3AgNO3 + NO + 2H2O

(iii) Mg ਅਤੇ Mn ਨਾਲ ਪਤਲਾ ਨਾਈਟ੍ਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ, ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
Mg + 2HNO3 → Mg(NO3)2 + H2

(iv) ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਪਲਾਟੀਨਮ ਪਤਲੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।

(3) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਧਾਤਾਂ, ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਬਿਜਲੀ ਸੰਯੋਜਕ ਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
Ca + Cl2 → CaCl2

(4) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ Na, K ਅਤੇ Ca ਆਦਿ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 3

(5) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-
(i) ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਹੋਵੇ ਤਾਂ Na, K, Ca ਆਦਿ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
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(ii) ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਉਬਲਦਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ Mg, Zn, Fe ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਦੋ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਹੜੀਆਂ ਤਾਪ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਸੂਚਾਲਕ ਹੋਣ । ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਅਤੇ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਚਾਲਕ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੋਨੋਂ ਧਾਤਾਂ ਤਾਪ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਸੂਚਾਲਕ ਹਨ । ਚਾਂਦੀ ਤਾਪ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਤਮ ਚਾਲਕ ਹੈ ਜਦਕਿ ਲੈਂਡ ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਤਾਪ ਦੀ ਘੱਟ ਚਾਲਕ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਖਿੱਚੀਣਸ਼ੀਲਤਾ ਗੁਣ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਿੱਚੀਣਸ਼ੀਲਤਾ-ਧਾਤ ਦੇ ਪਤਲੇ ਤਾਰ ਖਿੱਚਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨੂੰ ਖਿੱਚੀਣਸ਼ੀਲਤਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਸੋਨਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਿੱਚੀਣਸ਼ੀਲ ਧਾਤ ਹੈ । ਸਿਰਫ਼ 1 ਗ੍ਰਾਮ ਸੋਨੇ ਦੀ ਲਗਭਗ 2 km ਲੰਬੀ ਤਾਰ ਬਣਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਗੁਣ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲੱਛਣ ਵਾਲਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਆਪਣੇ ਇਲੈਕਟ੍ਰਾਨ ਨੂੰ ਗੁਆ ਕੇ ਧਨਾਤਮਕ ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਬਿਜਲੀ ਧਨਾਤਮਕ ਤੱਤ ਹਨ ! ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਇਹ ਆਇਨੀਕਰਨ ਗੁਣ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ Mg ਧਾਤ ਨੂੰ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨ ਗੁਆ ਕੇ Mg2+ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
Mg → Mg2+ + 2e,

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕ ਕਿਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ? ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਅਤੇ ਪਿਘਲਣ ਅੰਕ ਤੇ ਟਿੱਪਣੀ ਕਰੋ !
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤ ਤੋਂ ਅਧਾਤ ਵੱਲ ਹੋਏ ਇਲੈੱਕਟਾਂਨ ਦੇ ਸਥਾਨਾਂ ਤੋਂ ਬਣੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨੂੰ ਆਇਨੀ ਯੋਗਿਕ ਜਾਂ ਬਿਜਲਈ ਸੰਯੋਜਕ ਯੌਗਿਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ – NaCl, CaCl2, CaO, MgCl2.

ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦਾ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਅਤੇ ਪਿਘਲਣ ਅੰਕ ਉੱਚੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸਦੇ ਪ੍ਰਬਲ ਅੰਤਰ-ਆਇਨੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਨੂੰ ਸਮਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਉਰਜਾ ਦੀ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਖਣਿਜ ਅਤੇ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਣਿਜ ਅਤੇ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਖਣਿਜ (Minerals) ਕੱਚੀ ਧਾਤ (Ores)
(1) ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਕਿਰਿਤਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਯੌਗਿਕ ਉਪਸਥਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਖਣਿਜ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ । (1) ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਖਣਿਜਾਂ ਤੋਂ ਲਾਭਦਾਇਕ ਅਤੇ ਸੌਖ ਨਾਲ ਧਾਤਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(2) ਕਈ ਖਣਿਜਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ ਮਾਤਰਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਦਕਿ ਹੋਰਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ ਮਾਤਰਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (2) ਸਾਰੀਆਂ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤ ਦੀ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(3) ਕੁੱਝ ਖਣਿਜਾਂ ਵਿੱਚ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਦੀ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜੋ ਧਾਤ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਵਿਚ ਰੁਕਾਵਟ ਪਾਉਂਦੀ ਹੈ । (3) ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵੀ ਰੁਕਾਵਟ ਪਾਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(4) ਸਾਰੇ ਖਣਿਜਾਂ ਨੂੰ ਧਾਤ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸਾਰੇ ਖਣਿਜ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (4) ਸਾਰੀਆਂ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਧਾਤ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਦੇ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਵਿਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ, ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲ ਕੇ ਧਾਤ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਪਰੰਤੁ ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ, ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਸੋਡੀਅਮ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਜਿਹੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਠੰਡੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਸੋਡੀਅਮ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਦੀ । ਕਿਰਿਆ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਅਤੇ ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਤੋਂ ਬਣੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨੂੰ ਇੱਕ ਦਮ ਅੱਗ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
2K (s) + 2H2O (l) → 2KOH (aq) + H2 (g) + ਤਾਪ ਊਰਜਾ
2Na (s) + 2H2O (l) → 2NaOH (aq) + H2 (g) + ਤਾਪ ਊਰਜਾ

ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਧੀਮੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
Ca (s) + 2H2 O (l) → Ca (OH)2 (aq) + H2 (g)

ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ, ਜ਼ਿੰਕ ਅਤੇ ਆਇਰਨ ਧਾਤਾਂ ਨਾ ਤਾਂ ਠੰਡੇ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਗਰਮ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਪਰੰਤੂ ਭਾਫ਼ ਦੇ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
2Al (S) + 3H2 O (g) → Al2O3 (s) + 3H2 (g).
3Fe (s) + 4H2O (g) → Fe3O4 (s) + 4H2(g)
ਲੈਂਡ, ਕਾਪਰ ਅਤੇ ਗੋਲਡ (ਸੋਨੇ) ਜਿਹੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਅਧਾਤਾਂ ਦੀ ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਨਾਲ ਰਿਕਿਆ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਆਕਸੀਜਨ
(b) ਤੇਜ਼ਾਬ
(c) ਕਲੋਰੀਨ
(d) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਧਾਤਾਂ ਬਿਜਲੀ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਂਨਾਂ ਨੂੰ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਕੇ ਰਿਣਾਤਮਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਚਾਰਜ ਯੁਕਤ ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

(a) ਅਧਾਤਾਂ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਅਧਾਤਾਂ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਸਹਿ-ਸੰਯੋਜਕ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜੋ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਘੁਲ ਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 22

(b) ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਅਧਾਤਾਂ, ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਵਿਚੋਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨੂੰ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੇ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਲਈ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੇ H+ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਜੋ ਅਧਾਤਾਂ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਅਧਾਤਾਂ ਦੀ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕੋਈ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਹੀਂ ਮੁਕਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(c) ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਅਧਾਤਾਂ, ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਸਹਿ-ਸੰਯੋਜਕ ਬੰਧਨ ਵਾਲੇ ਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
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(d) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਅਧਾਤਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
H2 + S → H2S (ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ)
H2 + Cl2 → 2HCl (ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਲੋਰਾਈਡ)
C + 2H2 → CH4 (ਮੀਥੇਨ)
ਇਹ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਇਲੈੱਕਨਾਂ ਦੀ ਸਾਂਝੇਦਾਰੀ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸਹਿ-ਸੰਯੋਜਨ ਬੰਧਨ ਬਣਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕੁੰਨਣ ਕਿਰਿਆ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਦੋਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਲਈ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਨਾਂ ਲਿਖੋ !
ਉੱਤਰ-
ਭੁੰਨਣ ਕਿਰਿਆ (Roasting) – ਸੰਘਣਾਪਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਵਿਚ ਗਰਮ ਕਰਨਾ ਭੁੰਨਣ ਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ | ਜ਼ਿੰਕ ਅਤੇ ਲੈਂਡ ਦੇ ਕਾਰਬੋਨੇਟਾਂ ਅਤੇ ਸਲਫਾਈਡਾਂ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣ ਲਈ ਭੈਣਨ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਜੇਕਰ ਸਿਲਵਰ ਨਾਈਟਰੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਕਾਪਰ ਦੀ ਪੱਤੀ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਲਈ ਡੁਬੋ ਕੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਹੋ ਰਹੀ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ, ਸਿਲਵਰ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕਾਪਰ ਦੀ ਪੱਤੀ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਲਈ ਸਿਲਵਰ ਨਾਈਟਰੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਡੁਬੋ ਕੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਸਿਲਵਰ ਜਮਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਘੋਲ ਦਾ ਰੰਗ ਨੀਲਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਨੂੰ ਲੋਹੇ ਦੇ ਬਰਤਨ ਵਿੱਚ ਪਾ ਕੇ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਕੁੱਝ ਦਿਨਾਂ ਮਗਰੋਂ ਬਰਤਨ ਵਿੱਚ ਛੇਕ ਹੋ ਗਏ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਲਿਖੋ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ ਤੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਕ੍ਰਮ ਅਨੁਸਾਰ ਲੋਹਾ ਪਹਿਲਾਂ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਲੋਹਾ, ਕਾਪਰ ਦੀ ਤੁਲਨਾ । ਵਿਚ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ CusO4 ਦੇ ਘੋਲ ਤੋਂ ਲੋਹਾ, ਕਾਪਰ ਨੂੰ ਵਿਸਥਾਪਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਲੋਹੇ ਦੇ ਬਰਤਨ ਵਿੱਚ ਛੇਕ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ-
CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu
Cu2+ (aq) + Fe (s) → Fe+2(aq) + Cu (s)

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਕਾਪਰ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਛੱਡਣ ਨਾਲ ਉਸਦਾ ਰੰਗ ਹਰਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ, ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਸਿੱਲੀ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੇ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਇਸ ਦੀ ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦੀ ਲਿਸ਼ਕ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਉੱਪਰ ਹਰੇ ਰੰਗ ਦੀ ਪਰਤ ਜੰਮ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਹਰਾ ਪਦਾਰਥ ਬੇਸਿਕ ਕਾਪਰ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
24 ਕੈਰਟ ਸੋਨਾ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
24 ਕੈਰਟ ਮੋਨਾ – ਸ਼ੁੱਧ ਸੋਨੇ ਨੂੰ 24 ਕੈਰਟ ਸੋਨਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਬਹੁਤ ਹੀ ਨਰਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਸਖ਼ਤ (ਕਰਤਾ) ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਇਸ ਵਿੱਚ ਚਾਂਦੀ ਜਾਂ ਕੱਪਰ ਮਿਸ਼ਰਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਗਹਿਣੇ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ 22 ਕੈਰਟ ਸੋਨੇ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ 22 ਭਾਗ ਸ਼ੁੱਧ ਸੋਨੇ ਵਿੱਚ 2 ਭਾਗ ਕਾਪਰ ਜਾਂ ਚਾਂਦੀ ਮਿਸ਼ਰਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸਲਫਾਈਡ ਦੀ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਸੰਘਣਾ ਕਰਨ ਲਈ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ । ਸੰਘਣਿਤ ਸਲਫਾਈਡ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣ ਲਈ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਗਈ ਵਿਧੀ ਦਾ ਦੋ ਚਰਣਾਂ ਵਿੱਚ ਸੰਖੇਪ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਲਫਾਈਡ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਦੇ ਵੱਡੇ ਟੁੱਕੜਿਆਂ ਨੂੰ ਬਰੀਕ ਪੀਸ ਕੇ ਪਾਊਡਰ ਬਣਾ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹੁਣ ਇਸਨੂੰ ‘ਝੱਗ ਤਰਾਓ ਵਿਧੀ’ ਦੁਆਰਾ ਸੰਘਣਾ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੰਘਣੀ ਕੀਤੀ ਹੋਈ ਸਲਫਾਈਡ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣ ਲਈ ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਦੋ ਚਰਣ ਹਨ-

(1) ਭੰਨਣਾ (Roasting) – ਸੰਘਣੀ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਵਿਚ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿਚ ਬਦਲ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਭੰਨਣ ਆਖਦੇ ਹਨ ।
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(2) ਲਘੂਕਰਨ (Reduction) – ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਤੋਂ ਬਣਾਏ ਗਏ ਆਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਲਘੂਕਾਰਕ ਨਾਲ ਗਰਮ ਕਰਨ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਮੁਕਤ ਹੋਈ ਧਾਤੂ ਬਾਕੀ ਬੱਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ZnO + C → Zn + CO

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕੋਈ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਗਰਮ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਲਫਰ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ (SO2) ਗੈਸ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਤੋਂ ਧਾਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸ਼ਾਮਿਲ ਨਿਯਮ ਨੂੰ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ ਦੀ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਕਾਪਰ ਪਾਈਰਾਈਟ (CuS) ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਨ ‘ਤੇ SO2 ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਤੋਂ ਧਾਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਚਰਨ ਹਨ-
(i) ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਬਾਰੀਕ ਚਰਣ ਕਰਕੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਪਾਇਨ ਆਇਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਇਸ ਵਿਚੋਂ ਉੱਚ ਦਾਬ ਵਾਲੀ ਹਵਾ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਇਸ ਦੀਆਂ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਹੋ ਜਾਣ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਸੰਘਣੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਝੱਗ ਤਰਾਓ ਵਿਧੀ ਆਖਦੇ ਹਨ ।

(ii) ਹੁਣ ਸੰਘਣਿਤ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਭੰਨਣ ਦੁਆਰਾ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ Cus ਦਾ ਕੁੱਝ ਭਾਗ Cu0 ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਹਵਾ ਦੀ ਸਪਲਾਈ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
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ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਾਪਰ ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦਾ ਹੈ । ਹੁਣ ਇਸਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਸ਼ੁੱਧ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iii) ਬਿਜਲਈ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ – ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਅਸ਼ੁੱਧ ਕਾਪਰ ਦੀ ਛੜ ਨੂੰ ਐਨੋਡ ਅਤੇ ਸ਼ੁੱਧ ਕਾਪਰ ਪਲੇਟ ਨੂੰ ਕੈਥੋਡ ਬਣਾ ਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਧਰਮਿਟ (Thermite) ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਥਰਮਿਟ (Thermite) – ਕੁੱਝ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਬਹੁਤ ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਸਰਜਿਤ ਹੋਈ ਤਾਪ ਉਰਜਾ ਇੰਨੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿ ਧਾਤਾਂ ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਆਇਰਨ (III) ਆਕਸਾਈਡ (Fe203) ਦੇ ਨਾਲ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਤਾਪ ਉਤਸਰਜਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
Fe2O3(s) + 2Al (s) → 2Fe(l) + Al2O3 (s) + ਤਾਪ ਊਰਜਾ
ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਥਰਮਿਟ ਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਰੇਲ ਦੀਆਂ ਪਟੜੀਆਂ ਅਤੇ ਮਸ਼ੀਨੀ ਪੁਰਜ਼ਿਆਂ ਦੀਆਂ ਦਰਾੜਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਪੰਜ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨੂੰ ਬਨਸਪਤੀ ਤੇਲਾਂ ਤੋਂ ਬਨਸਪਤੀ-ਘਿਓ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਕਾਰਬਨ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਅਧਾਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸਾਨੂੰ ਵਿਟਾਮਿਨ, ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਅਤੇ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡੇਟ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਗ੍ਰੇਫਾਈਟ ਵਿਭਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਸੈੱਲਾਂ ਵਿੱਚ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਡ ਵਜੋਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਅਮੋਨੀਆ, ਨਾਈਟ੍ਰਿਕ ਐਸਿਡ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਦਹਿਨ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
  4. ਆਕਸੀਜਨ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਆਧਾਰ ਹੈ । ਦਹਿਨ ਕਿਰਿਆ ਇਸ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੀ ਸੰਭਵ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  5. ਸਲਫਰ (ਗੰਧਕ) ਕਈ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਦਵਾਈਆਂ ਅਤੇ ਬਾਰੂਦ ਬਣਾਉਣ ਵਿਚ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਭੰਨਣ ਅਤੇ ਭਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਭੰਨਣ ਅਤੇ ਭਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਭੁੰਨਣ (Roasting) ਭਸਮੀਕਰਨ (Calcination)
(1) ਭੰਨਣ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਸਲਫਾਈਡ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (1) ਭਸਮੀਕਰਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਹਾਈਟਿਡ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(2) ਭੰਨਣ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿਚ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿਚ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (2) ਭਸਮੀਕਰਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(3) ਇਸ ਵਿੱਚ SO2 ਗੈਸ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (3) ਇਸ ਵਿੱਚ CO2 ਗੈਸ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(4) ਉਦਾਹਰਨ – ਸੰਘਣਤ ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਜ਼ਿੰਕ ਬਲੈਂਡੀ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿਚ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਜ਼ਿੰਕ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (4) ਉਦਾਹਰਨ – ਜ਼ਿੰਕ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿਚ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਜ਼ਿੰਕ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕ ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ, ਸੋਡੀਅਮ ਅਤੇ ਕਲੋਰੀਨ ਤੋਂ ਮਿਲ ਕੇ ਕਿਵੇਂ ਬਣਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ ਅਤੇ ਕਲੋਰਾਈਡ ਆਇਨ ਉਲਟ (ਵਿਪਰੀਤ) ਚਾਰਜਿਤ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਪਰਸਪਰ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਵੱਲ ਖਿੱਚੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਸਥਿਰ ਬਿਜਲਈ ਬਲ ਨਾਲ ਬੰਨ੍ਹੇ ਜਾਣ ਕਾਰਨ ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਅਣੂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦਾ, ਪਰੰਤੂ ਵਿਪਰੀਤ ਆਇਨਾਂ ਦੇ ਸਮੂਹ ਵਜੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਬਿਜਲਈ ਵਿਘਟਨੀ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਵਿਘਟਨੀ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ – ਕਾਪਰ, ਜ਼ਿੰਕ, ਟਿੱਨ, ਨਿੱਕਲ, ਚਾਂਦੀ ਅਤੇ ਸੋਨਾ ਆਦਿ ਅਜਿਹੀਆਂ ਕਈ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਬਿਜਲਈ ਵਿਘਟਨੀ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦਾ ਐਨੋਡ ਅਤੇ ਅਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦੀ ਪਤਲੀ ਪੱਤੀ ਨੂੰ ਕੈਥੋਡ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਧਾਤ ਦੇ ਲੁਣ ਦਾ ਘੋਲ ਬਿਜਲਈ ਵਿਘਟਨ ਵਜੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਬਿਜਲਈ ਵਿਘਟਨ (ਇਲੈੱਕਟੋਲਾਈਟ) ਵਿਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਐਨੋਡ ਤੋਂ ਅਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਘੁਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇੰਨੀ ਹੀ ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੋਲ ਵਿਚੋਂ ਕੈਥੋਡ ਤੇ ਜਮਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਚਲੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਅਣ-ਘੁਲ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਐਨੋਡ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਗਾਰ ਵਜੋਂ ਇਕੱਠੀਆਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਲਘੂਕਰਨ ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਅਪਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਘੂਕਰਨ (Reduction) – ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਤੋਂ ਧਾਤਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਵਾਲੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਲਘੂਕਰਨ ਆਖਦੇ ਹਨ | ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਮ ਅਨੁਸਾਰ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਵਿਧੀ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ-
(1) ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਹੇਠਾਂ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਸਿਰਫ਼ ਹਵਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕਰਨ ਤੇ ਹੀ ਧਾਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ-ਪਾਰੇ ਦੀ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਸਿਨੇਬਾਰ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕਰਨ ਨਾਲ ਅਰਥਾਤ ਭੁੰਨਣ ਤੇ ਪਾਰਾ ਮੁਕਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 32

(2) ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦਾ ਮੁੱਖ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕੋਕ ਨਾਲ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਲਘੂਕਰਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ-ਲੋਹਾ, ਜ਼ਿੰਕ, ਨਿੱਕਲ, ਟਿੱਨ, ਧਾਤਾਂ ਆਦਿ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 33

(3) ਕੁਝ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅਤਿ-ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ K, Na, Ca ਆਦਿ ਲਈ ਵੀ ਲਘੂਕਰਨ ਵਿਧੀ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ-ਮੈਂਗਨੀਜ਼ ਆਕਸਾਈਡ ਦਾ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੁਆਰਾ ਲਘੂਕਰਨ ਕਰਕੇ ਮੈਂਗਨੀਜ਼ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
3MnO2 + 4Al → 3Mn + 2Al2O3

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਲਈ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੇ ਬਰਤਨ ਕਿਉਂ ਵਰਤੇ ਨਹੀਂ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਲਈ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੇ ਬਰਤਨ ਇਸ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਨਹੀਂ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਕਿਉਂਕਿ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ, ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਲੂਣ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
2Al + 2NaOH +2H2O → 2NaAlO2 + 3H2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਹਲਕੀ ਧਾਤ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੀ ਬਾਡੀ ਅਤੇ ਮੋਟਰ ਇੰਜਣ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਬਰਤਨ, ਫੋਟੋਫੇਮ ਅਤੇ ਘਰੇਲੂ ਵਰਤੋਂ ਦੀਆਂ ਹੋਰ ਵਸਤਾਂ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸੁਚਾਲਕ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਵਰਤੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।
  4. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀਆਂ ਪੱਤੀਆਂ, ਖਾਣ ਦਾ ਸਾਮਾਨ, ਦਵਾਈਆਂ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਦੀਆਂ ਬੋਤਲਾਂ ਆਦਿ ਨੂੰ ਪੈਕ ਕਰਨ ਲਈ ਵਰਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  5. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਪਾਊਡਰ ਸਿਲਵਰ ਪੇਂਟ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ।
  6. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਪਾਉਡਰ ਐਲੁਮੀਨੋ-ਥਰੈਮੀ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕਿਰਿਆ ਲੋਹੇ ਦੀਆਂ ਪਟੜੀਆਂ ਅਤੇ ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਦੇ ਟੁੱਟੇ ਭਾਗ ਜੋੜਨ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਦੋਂ-
(i) ਲੋਹੇ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਕੋਕ ਨਾਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(ii) ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਨੂੰ ਪਤਲੇ ਲੂਣ ਦੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਮਿਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(iii) ਨੀਲੇ ਥੋਥੇ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿੰਕ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਉੱਤਰ-
(i) ਲੋਹੇ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਕੋਕ ਨਾਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਜਦੋਂ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਲੋਹੇ ਦਾ ਆਕਸਾਈਡ ਲਘੁਕ੍ਰਿਤ ਹੋ ਕੇ ਲੋਹੇ ਦੀ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
C + O2 → CO2
CO2 + C → 2CO
Fe2O3 + 3CO → 2Fe + 3CO2

(ii) ਜਦੋਂ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਨੂੰ ਹਲਕੇ ਲੂਣ ਦੇ ਤੇਜ਼ਾਬ (ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ) ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 34

(iii) ਜਦੋਂ ਨੀਲੇ ਥੋਥੇ (CuSO4) ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿੰਕ ਨੂੰ ਡੁਬੋਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਜ਼ਿੰਕ ਧਾਤ, ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿਚੋਂ ਕੱਪਰ ਨੂੰ ਵਿਸਥਾਪਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਨੀਲੇ ਥੋਥੇ (CuSO4) ਦਾ ਨੀਲਾ ਰੰਗ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 35

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਇੱਕ ਕਿਰਿਆ-ਕਲਾਪ ਰਾਹੀਂ ਇਹ ਦੱਸੋ ਕਿ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਲਈ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਪ੍ਰਯੋਗ ਰਾਹੀਂ ਸਿੱਧ ਕਰੋ ਕਿ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਲਈ ਹਵਾ/ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਨਮੀ ਦਾ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਵੀ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 36
ਕਿਰਿਆ-ਕਲਾਪ – ਤਿੰਨ ਪਰਖਨਲੀਆਂ A, B ਅਤੇ C ਲਵੋ । A ਨਲੀ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਲੋਹੇ ਦੀਆਂ ਕਿੱਲਾਂ ਪਾਓ ਅਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰੋ । C ਪਰਖਨਲੀ ਵਿੱਚ ਕਿੱਲਾਂ ਪਾ ਕੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਪਾਓ । ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਪਾਣੀ ਸੋਖਣ ਵਾਲਾ ਪਦਾਰਥ ਹੈ । B ਨਲੀ ਵਿਚ ਕੁੱਝ ਕਿੱਲਾਂ ਰੱਖੋ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਇਕ-ਦੋ ਬੂੰਦਾਂ ਤੇਲ ਦੀਆਂ ਪਾਓ । ਕੁੱਝ ਦਿਨਾਂ ਬਾਅਦ ਅਸੀਂ ਦੇਖਦੇ ਹਾਂ ਕਿ A ਨਲੀ ਵਿਚ ਪਈਆਂ ਕਿੱਲਾਂ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਿਲ੍ਹ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੋਵੇਂ ਮਿਲ ਗਏ । B ਨਲੀ ਵਿੱਚ ਕਿੱਲਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ C ਵਾਲੇ ਨੂੰ ਸਿਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਨਹੀਂ ਹੋਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਹ ਕਿਉਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿਸ਼ਰਤ-ਧਾਤਾਂ (Alloys) – ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਧਾਤਾਂ ਜਾਂ ਇੱਕ ਧਾਤ ਅਤੇ ਇੱਕ ਅਧਾਤ ਦੇ ਸੰਯੋਗ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਸਮਅੰਗੀ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨੂੰ ਮਿਸ਼ਰਤ-ਧਾਤ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤ ਦੇ ਗੁਣ ਮੂਲ ਧਾਤਾਂ ਤੋਂ ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਮਿਸ਼ਰਤ-ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕਤਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਉਦੇਸ਼ – ਦੇਖੋ ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ” ਸਿਰਲੇਖ ਅਧੀਨ ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8 ਸਫ਼ਾ 72.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਮੁੱਖ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾੜਾਂ ਦੇ ਨਾਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੰਸ਼ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੁੱਖ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੰਸ਼ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ-

ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤ ਅੰਸ਼ ਉਪਯੋਗ
(1) ਸਟੀਲ ਲੋਹਾ, ਕਾਰਬਨ ਜਹਾਜ਼ਾਂ, ਬਿਲਡਿੰਗਾਂ ਅਤੇ ਆਵਾਜਾਈ ਦੇ ਸਾਧਨਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ।
(2) ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ ਲੋਹਾ, ਕੋਮੀਅਮ, ਨਿਕਲ, ਕਾਰਬਨ ਬਰਤਨ, ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਦੇ ਪੁਰਜ਼ੇ, ਚਾਕੂ, ਬਲੇਡ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਉਦਯੋਗਾਂ ਲਈ ਉਪਕਰਨ ।
(3) ਪਿੱਤਲ ਤਾਂਬਾ, ਜ਼ਿੰਕ ਬਰਤਨ, ਮੂਰਤੀਆਂ, ਜਹਾਜ਼, ਤਗਮੇ (ਮੈਂਡਲ), ਭਾਫ਼ ਵਾਲੀ ਗੱਡੀਆਂ ਦੇ ਪੁਰਜ਼ੇ ।
(4) ਟਾਂਕਾ (ਸੋਲਡਰ) ਲੈਂਡ, ਟਿੱਨ. ਜੋੜਾਂ ਵਿੱਚ ਟਾਂਕਾ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ।
(5) ਜਰਮਨ ਸਿਲਵਰ ਤਾਂਬਾ, ਨਿੱਕਲ, ਜ਼ਿੰਕ ਬਰਤਨ ਅਤੇ ਹੋਰ ਉਪਕਰਨ ।
(6) ਬੈੱਲ ਮੈਟਲ ਕਾਪਰ, ਟਿੱਨ ਘੰਟੀਆਂ ਆਦਿ ਲਈ ।
(7) ਡਿਊਰਐਲੂਮਿਨ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ, ਕਾਪਰ, ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ ਦੇ ਪੰਖ, ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ ਦੀ ਰਸੋਈ ਦੇ ਬਰਤਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ । .
(i) ਪਿੱਤਲ
(ii) ਐਲਨਿਕੋ
(iii) ਡਿਊਰਾਲਊਮਿਨ
(iv) ਜਰਮਨ ਸਿਲਵਰ
(v) ਗੰਨ-ਮੈਟਲ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਪਿੱਤਲ (Brass) – ਇਸ ਵਿੱਚ 701 ਕੱਪਰ (Cu) ਅਤੇ 30% ਜ਼ਿੰਕ (Zn) ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਪਿੱਤਲ ਦੇ ਬਰਤਨ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

(ii) ਐਲਨਿਕੋ (Alnico) – ਇਸ ਵਿੱਚ 63% ਆਇਰਨ (Fe), 20 ਨਿੱਕਲ (Ni), 12% ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ (Al) ਅਤੇ 5% ਕੋਬਾਲਟ (Co) ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਸਥਾਈ ਚੁੰਬਕ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iii) ਡਿਊਰਾਲਊਮਿਨ – ਇਸ ਵਿੱਚ 4% ਤਾਂਬਾ (Cu), 95.5% ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ (Al) ਅਤੇ 5% ਮੈਂਗਨੀਜ਼ (Mn) ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੇ ਪੁਰਜ਼ੇ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iv) ਜਰਮਨ ਸਿਲਵਰ – ਇਸ ਵਿੱਚ 55-65% ਕਾਪਰ (C), 13-27% ਜ਼ਿੰਕ (Zn) ਅਤੇ 10-30% ਨਿਕਲ (Ni) ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਛੁਰੀਆਂ ਕਾਂਟੇ, ਖਾਣੇ ਵਾਲੇ ਬਰਤਨ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧੀ ਤਾਰਾਂ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(v) ਗੰਨ-ਮੈਟਲ – ਇਹ 88% ਕਾਪਰ (Cu), 10% ਟਿਨ (Sn), 2% ਜ਼ਿੰਕ (Zn) ਤੋਂ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਬੰਦੂਕਾਂ ਬਣਾਉਣ, ਗੀਅਰਾਂ ਦੇ ਬੇਅਰਿੰਗ ਆਦਿ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Question)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਧਾਤ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ਜਿਹੜੀ ਕਮਰੇ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ‘ਤੇ ਤਰਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਾਰਾ (ਮਰਕਰੀ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਅਧਾਤ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ਜਿਹੜੀ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਧਾਤ : ਬੋਮੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਧਾਤ ਸਰੀਰ ਤੇ ਤਾਪ (37) ਤੇ ਪਿਘਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਗੋਲੀਅਮ, ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ, ਸੀਜ਼ੀਅਮ, ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੈਲੀਅਮ ਅਤੇ ਸੀਜ਼ੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਅਧਾਤ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਹੜੀ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸੁਚਾਲਕ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਫਾਈਟ (ਕਾਰਬਨ ਦਾ ਭਿੰਨ ਰੂਪ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇਕ ਅਧਾਤ X ਦੋ ਵਿਭਿੰਨ ਰੂਪਾਂ Y ਅਤੇ 2 ਵਿਚ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ ।Y ਸਭ ਤੋਂ ਕਰੜੀ (ਸਖ਼ਤ) ਹੈ ਜਦਕਿ 1 ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸੁਚਾਲਕ ਹੈ ।Y ਅਤੇ 1 ਦੀ ਪਛਾਣ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
Y – ਹੀਰਾ (ਡਾਇਮੰਡ)
Z – ਫ਼ਾਈਟ ।
ਹੀਰਾ ਅਤੇ ਸ਼੍ਰੋਫ਼ਾਈਟ ਦੋਨੋਂ ਕਾਰਬਨ ਦੇ ਭਿੰਨ ਰੂਪ ਹਨ ਇਸ ਲਈ X ਕਾਰਬਨ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇਕ ਤੱਤ X ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ X2O ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਆਕਸਾਈਡ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੈ ਅਤੇ ਨੀਲੇ ਟਮਸ ਨੂੰ ਲਾਲ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਤੱਤ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦੱਸੋ ਅਰਥਾਤ ਇਹ ਦੱਸੋ ਕਿ ਤੱਤ, ਧਾਤ ਹੈ ਜਾਂ ਅਧਾਤ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਨੀਲੇ ਲਿਟਮਸ ਨੂੰ ਲਾਲ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਕਿਉਂਕਿ ਤੱਤ X ਦਾ ਆਕਸਾਈਡ ਨੀਲੇ ਲਿਟਮਸ ਨੂੰ ਲਾਲ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਤੱਤ X ਅਧਾਤ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਖਾਰੀ ਆਕਸਾਈਡ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਦੋ ਉੱਚ ਕੁਟੀਣਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਚਾਂਦੀ (ਸਿਲਵਰ ਅਤੇ
  2. ਸੋਨਾ (ਗੋਲਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਦੋ ਮੈਟਾਲਾਇਡਸ (ਉਪ-ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਿਲੀਕਾਂਨ,
  2. ਆਰਸਨਿਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਛੱਡਣ ਨਾਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਰੰਗ ਫਿੱਕਾ ਕਿਉਂ ਪੈ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸਹਿ ਤੇ ਆਕਸਾਈਡ, ਕਾਰੋਬਨੇਟ ਜਾਂ ਸਲਫ਼ਾਈਡ ਦੀ ਪਰਤ ਬਣ ਜਾਣ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਅਜਿਹੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਚਾਕੂ ਨਾਲ ਕੱਟਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਅਤੇ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਵਿਭਿੰਨ ਆਕਾਰ ਦੇਣਾ ਕਿਉਂ ਸੰਭਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਕੁਟੀਯੋਗ ਅਤੇ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਗੁਣਾਂ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਇੱਕ ਤਾਪ ਚਾਲਕ ਧਾਤ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਲੈਂਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕਿਹੜੀ ਧਾਤ ਬਿਜਲੀ ਪ੍ਰਵਾਹ ਦਾ ਵੱਧ ਤਿਰੋਧ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਰਾ (ਮਰਕਰੀ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਚਾਰ ਅਜਿਹੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਖਿੱਚੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ, ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ, ਆਇਰਨ, ਲੈਂਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਖਾਰ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਖਾਰ ਦੀ ਇਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਰ – ਧਾਤਵੀ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਜਿਹੜੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਖਾਰ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ – ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ (NaOH) ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਦੋ ਐਮਫੋਟੈਰਿਕ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ
  2. ਜ਼ਿੰਕ ਆਕਸਾਈਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਨੂੰ ਇਸਦੇ ਜਲਣ ਤਾਪ ਤੱਕ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਚਿੱਟੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨਾਲ ਬਲਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਉਹ ਕਿਹੜੀ ਧਾਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਪਤਲੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਉਨ੍ਹਾਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਹੜੀਆਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਅਤੇ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਜਦੋਂ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਧਾਤ ਦੇ ਕਿਸੇ ਟੁਕੜੇ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਵਾਪਰਨ ਵਾਲੀ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
Ca + 2H2O → Ca (OH)2 + H2.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਲਾਲ ਗਰਮ ਲੋਹੇ ਉੱਪਰੋਂ ਭਾਫ਼ ਗੁਜ਼ਾਰਣ ਨਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 37

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਜਦੋਂ ਕਾਪਰ ਧਾਤ ਦੀ ਪੱਤੀ ਨੂੰ ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਘੱਟਣ ਵਾਲੀ ਰਸਾਇਣਕ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਦੋ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਹੜੇ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਵਿੱਚ ਮੁਕਤ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਸੋਨਾ
  2. ਪਲਾਟੀਨਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਖੋਰਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੋਰਨ – ਹਵਾ ਅਤੇ ਨਮੀ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਉੱਪਰਲੀ ਸਤਹਿ ਦਾ ਸਮਾਪਤ/ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋਣਾ, ਧਾਤ ਦਾ ਖੋਰਨ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ (Mallability) – ਇਹ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਉਹ ਗੁਣ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਕਾਰਨ ਧਾਤੂਆਂ ਨੂੰ ਹਥੌੜੇ ਨਾਲ ਕੁੱਟ ਕੇ ਬਗੈਰ ਟੁੱਟੇ ਧਾਤੂਆਂ ਨੂੰ ਪਤਲੀ ਚਾਦਰਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਖਿੱਚੀਣਯੋਗਤਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਿੱਚੀਣਯੋਗਤਾ (Ductility) – ਇਹ ਧਾਤੂਆਂ ਦਾ ਉਹ ਗੁਣ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਖਿੱਚ ਕੇ ਪਤਲੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਅਸੀਂ ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਪੇਂਟ ਕਿਉਂ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਪੇਂਟ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਜੋ ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਖੋਰਨ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਅਜਿਹੀ ਅਧਾਤ ਦੀ ਉਦਾਹਰਣ ਦਿਓ ਜੋ :
(i) ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸੁਚਾਲਕ ਹੈ
(ii) ਚਮਕੀਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸੁਚਾਲਕ ਅਧਾਤ-ਗ੍ਰੇਫਾਈਟ
(ii) ਚਮਕੀਲੀ ਅਧਾਤ-ਆਇਓਡੀਨ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਾਧਾਰਨ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਦ੍ਰ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੀ ਅਧਾਤੂ ਹੈ-
(a) ਕਲੋਰੀਨ
(b) ਬੋਮੀਨ
(c) ਫਲੋਰੀਨ
(d) ਆਇਓਡੀਨ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਬੋਮੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਐਮਫੋਟੈਰਿਕ ਆਕਸਾਈਡ ਹੈ-
(a) Na2O
(b) BaO
(c) ZnO
(d) K2O.
ਉੱਤਰ-
(c) ZnO.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਕੁੱਟ ਕੇ ਪਤਲੀ ਚਾਦਰ ਵਿਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਇਹ ਗੁਣ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ-
(a) ਕੁਟੀਣਸ਼ੀਲਤਾ
(b) ਖਿੱਚੀਣਸ਼ੀਲਤਾ
(c) ਧਾਤਵੀ ਲਿਸ਼ਕ
(d) ਕਠੋਰਤਾ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਕੁਟੀਣਸ਼ੀਲਤਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਵਿਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤ ਕਿਹੜੀ ਹੈ ?
(a) Na
(b) Mg
(c) Au
(d) K.
ਉੱਤਰ-
(d) K.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
Fe2O3 + 2Al – 2Fe + Al2O3 + ਊਸ਼ਮਾ, ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਨਾਂ ਹੈ –
(a) ਐਲੋਡੀਕਰਨ
(b) ਥਰਮਾਈਟ
(c) ਐਮਲਗਮ
(d) ਉੱਪਰਲੇ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਥਰਮਾਣ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਗੈਲਵਨੀਕਰਨ ਸਮੇਂ ਕਿਸ ਧਾਤ ਦੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
(a) ਗੋਲੀਅਮ
(b) ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ
(c) ਜਿਸਤ
(d) ਚਾਂਦੀ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਜਿਸਤ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਵੱਧ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਦੁਆਰਾ ਘੱਟ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਉਸਦੇ ਲੂਣ ਦੇ ਘੋਲ ਤੋਂ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ………………….. ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਿਸਥਾਪਨ

(ii) ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਧਾਤਾਂ ਜਾਂ ਧਾਤ ਅਤੇ ਅਧਾਤ ਦਾ …………………… ਮਿਸ਼ਰਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮਅੰਗੀ

(iii) ਲੋਹੇ ਦੇ ਪੈਨ ਨੂੰ ਜੰਗ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ……………………. ਦੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਜ਼ਿੰਕ

(iv) ਸਲਫਾਈਡ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਉੱਚੇ ਤਾਪ ਤੇ ਗਰਮ ਕਰਨ ਨਾਲ ਇਹ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਨੂੰ …………………….. ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਭੰਨਣ

(v) ਧਾਤ ਦੇ ਪਤਲੇ ਤਾਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਖਿੱਚਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨੂੰ ………………………. ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਿੱਚੀਯੋਗਤਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਨੂੰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ – ਅਜਿਹੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨ ਕਰ ਦੇਣ ਅਤੇ ਲੂਣ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਬਣਾ ਦੇਣ, ਇਸ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 1

ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇਕ ਬੀਕਰ ਵਿੱਚ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਤਣੂ ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਦਾ ਘੋਲ ਲਉ । ਉਸ ਵਿੱਚ ਕੁਝ ਬੂੰਦਾਂ ਫਿਨਾਥਫਥੇਲੀਨ ਘੋਲ ਦੀਆਂ ਪਾਉ । ਇਸ ਦਾ ਰੰਗ ਗੁਲਾਬੀ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ । ਹੁਣ ਇਕ ਬਿਉਰੇਟ ਵਿੱਚ ਤਣੂ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਅਮਲ (HCl) ਭਰ ਕੇ ਉਸ ਨੂੰ ਚਿਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਲੰਬਕਾਰ ਸਟੈਂਡ ਤੇ ਫਿੱਟ ਕਰੋ ਅਤੇ ਬੀਕਰ ਨੂੰ ਉਸਦੇ ਹੇਠਾਂ ਰੱਖੋ । ਹੁਣ ਬਿਉਰੇਟ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਬੀਕਰ ਵਿੱਚ ਪਾਉਂਦੇ ਜਾਓ ਅਤੇ ਬੀਕਰ ਨੂੰ ਹਿਲਾਉਂਦੇ ਜਾਓ । ਜਦੋਂ ਘੋਲ ਦਾ ਰੰਗ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ਾਬ ਪਾਉਣਾ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ। ਹੁਣ ਇਸ ਘੋਲ ‘ਤੇ ਨੀਲੇ ਅਤੇ ਲਾਲ ਲਿਟਮਸ ਦਾ ਕੋਈ ਅਸਰ ਨਹੀਂ ਪਵੇਗਾ । ਇਸ ਲਈ ਬੀਕਰ ਵਿੱਚ ਸਿਰਫ਼ ਲੂਣ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਹੈ ਜੋ ਲਿਟਮਸ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਉਦਾਸੀਨ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ਕਿਰਿਆਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਅਨੇਕ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਹਨ-
(1) ਧਾਤੂਆਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤੂਆਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜ਼ਿੰਕ, ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ, ਲੋਹਾ, ਮੈਂਗਨੀਜ਼ ਆਦਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ-
Zn (s) + ਤਣ H2SO4 (aq) → Zn SO4(aq) + H2 (g)
Mg (s) + ਤਣ 2HCl (aq) → MgCl2 (aq) + H2 (g)

(2) ਧਾਤੂ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ ਧਾਤੂ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ CO2 ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
Na2 CO3 + H2SO4 → Na2 SO4 + H2O + CO2
NaHCO3 + HCI – NaCl + H2O + CO2

(3) ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਲੂਣ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
HCl + NaOH → NaCl + H2O
HCl + KOH → KCl + H2O

(4) ਧਾਤੂ ਸਲਫਾਈਟ ਅਤੇ ਬਾਈਸਲਫ਼ਾਈਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ, ਧਾਤੂ ਸਲਫ਼ਾਈਟ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਬਾਈਸਲਫ਼ਾਈਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਕੇ SO2 ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
CaSO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + SO2 (g)
NaHSO3 + HCl → NaCl + H2O + SO2 (g)

(5) ਧਾਤੂ ਸਲਫ਼ਾਈਡ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫ਼ਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-ਤੇਜ਼ਾਬ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਧਾਤੂ ਸਲਫ਼ਾਈਡਾਂ ਨਾਲ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫ਼ਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ H2S ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 2

(6) ਧਾਤੂ ਕਲੋਰਾਈਡਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਜਦੋਂ ਧਾਤੂ ਕਲੋਰਾਈਡ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
NaCl + H2SO4 → NaHSO4 + HCl (g)
NaCl + NaHSO4 → Na2SO4 + HCl (g)

(7) ਧਾਤੂ ਨਾਈਟਰੇਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-ਧਾਤੂ ਨਾਈਟਰੇਟ ਨਾਲ ਗਾੜਾ ਤੇਜ਼ਾਬ’ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
NaNO3 + H2SO4 → Na HSO4 + HNO3
NaNO3 + Na HSO4 → Na2SO4 + HNO3

(8) ਧਾਤੂ ਆਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਅਮਲਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆ – ਧਾਤੂ ਆਕਸਾਈਡ ਤਣੂ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਧਾਤੂ ਦੇ ਲੂਣ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
Na2O + 2HNO3 → 2Na NO3 + H2O
Cu0 + 2HCl → CuCl2 + H2O .

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਖਾਰਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਰਾਂ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-
(1) ਧਾਤੂਆਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਖਾਰ ਕੁਝ ਧਾਤੂਆਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ H2 ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 3
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 4

(2) ਹਵਾ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਕੁਝ ਖਾਰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ CO, ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
2NaOH + CO2 → Na2 CO3 + H2O
2KOH +CO2 → K2 CO3 + H2O

(3) ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਖਾਰ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਕੇ ਲੂਣ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
NaOH + HCl → NaCl + H2O
Fe (OH)2 + 2HCl → FeCl2 + 2H2O
Ca (OH)2 + 2HCl → CaCl2 + 2H2O

(4) ਲੂਣਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤਾਂਬਾ, ਲੋਹਾ, ਜ਼ਿੰਕ ਆਦਿ ਦੇ ਲੂਣ, ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਅਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਧਾਤੂ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
ZnSO4 + 2NaOH → Na2SO4 + Zn (OH)2
CuSO4 + 2NH4OH → (NH2)4 SO4 + Cu (OH)2
Fe Cl3 + 3Na OH → 3NaCl + Fe (OH)3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ pH ਦਾ ਮਹੱਤਵ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
pH ਦਾ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ।

(1) ਮਨੁੱਖੀ ਅਤੇ ਜੰਤੂ ਜਗਤ ਵਿੱਚ – ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੀਆਂ ਵਧੇਰੇ ਕਿਰਿਆਵਾਂ 7.0 ਤੋਂ 7.8 pH ਤੱਕ ਕੰਮ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਅਸੀਂ ਇਸੇ ਪਤਲੀ ਜਿਹੀ pH ਦੀ ਰੇਂਜ ਵਿੱਚ ਹੀ ਜੀਉਂਦੇ ਰਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । ਸਾਡਾ ਲਹੂ, ਅਥਰੂ ਲਾਰ ਆਦਿ ਦਾ pH ਲਗਪਗ 7.4 ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਇਹ 7.0 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਾਂ 7-8 ਤੋਂ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੀਵਨ ਅਸੰਭਵ ਜਿਹਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਮੀਂਹ ਦੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ pH ਦਾ ਮਾਨ ਜਦੋਂ 7 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਕੇ 5-6 ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ ਦਾ ਪਾਣੀ ਜਦੋਂ ਨਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵੱਗਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਨਦੀ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦਾ pH ਦਾ ਮਾਨ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਪਾਣੀ ਦੇ ਜੀਵਾਂ ਦਾ ਜੀਵਨ ਮੁਸ਼ਕਲ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(2) ਪੇੜ – ਪੌਦਿਆਂ ਲਈ-ਪੇੜ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਚੰਗੇ ਵਾਧੇ ਅਤੇ ਚੰਗੀ ਉਪਜ ਲਈ ਮਿੱਟੀ ਦੇ pH ਪਰਾਸ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਬਣੀ ਰਹਿਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਇਹ ਵੱਧ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਜਾਂ ਖਾਰੀ ਹੋ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉਪਜ ‘ਤੇ ਮਾੜਾ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।

(3) ਪਾਚਨ ਤੰਤਰ – ਸਾਡੇ ਪੇਟ ਵਿੱਚ HCl ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਸਾਨੂੰ ਬਿਨਾਂ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਏ ਭੋਜਨ ਦੇ ਪਾਚਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਅਪਚ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਇਸ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧ ਬਣਨ ਲਗਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਪੇਟ ਵਿੱਚ ਦਰਦ ਅਤੇ ਜਲਨ ਦਾ ਅਨੁਭਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਰਦ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਐਂਟ ਐਸਿਡ ਵਰਗੇ ਖਾਰਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਅਕਸਰ ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਵਰਗੇ ਦੁਰਬਲ ਖਾਰ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(4) ਦੰਦ ਦਾ ਭੈ – ਸਾਡੇ ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ pH ਦਾ ਮੁੱਲ 5.5 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਣ ਤੇ ਦੰਦਾਂ ਦਾ ਖੈ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਾਡੇ ਦੰਦ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਫਾਸਫੇਟ ਤੋਂ ਬਣੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਕਠੋਰ ਪਦਾਰਥ ਹੈ । ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਘੁਲਦਾ ਪਰ ਮੂੰਹ ਵੀ pH ਦਾ 5.5 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਇਹ ਨਸ਼ਟ ਹੋਣ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਜੀਵਾਣੂ, ਅਵਸ਼ਿਸ਼ਟ ਸ਼ਕਰ ਅਤੇ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਿਮਨੀਕਰਨ ਨਾਲ ਤੇਜ਼ਾਬ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਖਾਰੀ ਦੰਦ ਮੰਜਨ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੀ ਅਧੀਨਤਾ ਉਦਾਸੀਨ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਦੰਦਾਂ ਨੂੰ ਭੈ ਤੋਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

(5) ਜੀਵ – ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਡੰਗ ਤੋਂ ਰੱਖਿਆ-ਜਦੋਂ ਜੀਵ-ਜੰਤੂ ਕਈ ਵਾਰ ਡੰਗ ਮਾਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਇਹ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਖ਼ਾਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਤੇਜ਼ਾਬ ਛੱਡਦੇ ਹਨ । ਮਧੂਮੱਖੀ, ਭਰਿੰਡ, ਚਿੱਟੀ ਆਦਿ ਮੈਥੇਨਾਇਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਡੰਗ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਨਾਲ ਪਹੁੰਚਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਪੀੜਾ ਤੋਂ ਮੁਕਤੀ ਲਈ ਡੰਗ ਮਾਰੇ ਗਏ ਅੰਗ ਤੇ ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡਾ ਵਰਗੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

(6) ਖ਼ਾਸ ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਰੱਖਿਆ – ਨੇਟਲ (Nettle) ਪੌਦੇ ਦੇ ਪੱਤਿਆਂ ਤੇ ਡੰਗਨੁਮਾ ਵਾਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਛੂਹ ਜਾਣ ਤੇ ਡੰਗ ਵਰਗਾ ਦਰਦ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਲਾਂ ਤੋਂ ਮੈਥਿਨਾਇਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦਾ ਰਿਸਾਓ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਦਰਦ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਪਰੰਪਰਿਕ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਇਸ ਪੀੜਾ ਤੋਂ ਮੁਕਤੀ ਲਈ ਪਲਾਹ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਪੱਤੀਆਂ ਨੂੰ ਡੰਗ ਵਾਲੀ ਜਗ੍ਹਾ ਤੇ ਰਗੜ ਕਰ ਕੇ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੂਚਕ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਸੂਚਕਾਂ ਦੀ ਵੰਡ ਕਿਸ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਚਕ ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ਜੋ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਅਤੇ ਖਾਰੀ ਘੋਲਾਂ ਵਿੱਚ ਨਿਸਚਿਤ ਰੰਗ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੂਚਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਸੂਚਕਾਂ ਦੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਅਤੇ ਗੁਣਾਂ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦੋ ਭਾਗ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

  1. ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਅਤੇ ਖਾਰੀ ਮਾਧਿਅਮਾਂ ਨੂੰ ਰੰਗ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਸੂਚਕ ।
  2. ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਅਤੇ ਖਾਰੀ ਮਾਧਿਅਮਾਂ ਵਿੱਚ ਗੰਧ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਸੂਚਕ ।

1. ਰੰਗ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਸੂਚਕ-
(ਉ) ਲਿਟਮਸ ਘੋਲ – ਲਿਚੇਨ ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲਾ ਲਿਟਮਸ ਬੈਂਗਣੀ ਰੰਗ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਨੀਲੇ ਅਤੇ ਲਾਲ ਰੰਗ ਦੇ ਘੋਲ ਜਾਂ ਪੇਪਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦਾ ਹੈ । ਨੀਲਾ ਲਿਟਮਸ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਲਾਲ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਲਾਲ ਲਿਟਮਸ ਖਾਰ ਨੂੰ ਨੀਲੇ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਹੈ । ਲਿਟਮਸ ਖ਼ੁਦ ਨਾ ਤਾਂ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਨਾ ਖਾਰੀ ।
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(ਅ) ਹਲਦੀ – ਹਲਦੀ ਦਾ ਘੋਲ ਖਾਰਾਂ ਨੂੰ ਲਾਲ ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਕੱਪੜੇ ਤੇ ਲੱਗਾ ਸਬਜ਼ੀ ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਖਾਰੀ ਸਾਬਣ ਨਾਲ ਧੋਣ ਤੇ ਲਾਲ-ਭੂਰਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ੲ) ਫਿਨਾਲਫਥੇਲਿਨ-ਇਹ ਸੰਸ਼ਲਿਸ਼ਟ ਸੂਚਕ ਹੈ । ਇਹ ਖਾਰਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਗੁਲਾਬੀ ਰੰਗ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

(ਸ) ਮਿਥਾਈਲ ਔਰੇਂਜ – ਇਹ ਵੀ ਸੰਸ਼ਲਿਸ਼ਟ ਸੂਚਕ ਹੈ । ਇਹ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ਨੂੰ ਗੁਲਾਬੀ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਖਾਰ ਨੂੰ ਪੀਲੇ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।

2. ਗੰਧੀ ਸੂਚਕ – ਪਿਆਜ਼ ਦੇ ਕੱਟੇ ਹੋਏ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਟੁਕੜੇ, ਲੌਂਗ ਦਾ ਤੇਲ, ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਅਤੇ ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਗੰਧ · ਪੈਦਾ ਕਰਕੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਰੀਖਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਾਡੇ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਚਾਰ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਸਿਰਕਾ ਸਾਡੇ ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਪਕਾਉਣ ਅਤੇ ਉਸ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਅਤੇ ਆਚਾਰ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਾਡੇ ਪੇਟ ਵਿੱਚ HC1 ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਭੋਜਨ ਦੇ ਨਾਲ ਉੱਥੇ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  3. ਟਾਰਟੇਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ।
  4. ਕਾਰਬੋਨਿਕ ਅਮਲ ਪੀਣ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਤੇਜ਼ ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਤੇਜ਼ਾਬ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਤੇਜ਼ ਤੇਜ਼ਾਬ ਕਮਜ਼ੋਰ ਤੇਜ਼ਾਬ
(1) ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਨਾਲ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ H+ ਆਇਨਾਂ ਅਤੇ ਰਿਣਾਤਮਕ ਆਇਨਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । (1) ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਤੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮਾਂ H+ ਯਆਇਨਾਂ ਅਤੇ ਰਿਣਾਤਮਕ ਆਇਨਾਂ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਬਦਲਦੇ ।
(2) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸਾਮਯ ਸਥਾਪਨਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।
ਉਦਾਹਰਨ- H2SO4, HNO3
(2) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਆਇਨਾਂ ਅਤੇ ਅਵਿਯੋਜਿਤ ਅਣੂਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਸਾਮਯ ਸਥਾਪਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉਦਾਹਰਨ- H2CO3, CH3 COOH

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਤੇਜ਼ ਖਾਰ (Strong base) ਅਤੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰ (Weak base) ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ ਖਾਰ ਅਤੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਤੇਜ਼ ਖਾਰ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰ
ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਘੁਲ ਕੇ OH ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ- NaOH, KOH
ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਅੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਘੁਲਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ- Ca (OH)2 Mg (OH)2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨੂੰ ਕਮਜ਼ੋਰ ਅਤੇ ਤੇਜ਼ ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਖਾਰ ਵਿੱਚ ਵਰਗੀਕ੍ਰਿਤ ਕਰੋ ।
(i) HCl
(ii) H2SO4
(iii) CH3COOH
(iv) HCN
(v) HClO4
(vi) H3PO4
(vii) NaOH
(viii) Ca(OH)2
(ix) NH4OH.
ਉੱਤਰ-
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਖਾਰਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਰਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਸਾਬਣ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਖਾਰੀ ਬੈਟਰੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਐਂਟਐਸਿਡ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  4. ਪੈਟਰੋਲ ਰਿਫਾਈਨਿੰਗ ਅਤੇ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਉਦਯੋਗ ਵਿੱਚ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  5. ਕੱਪੜਿਆਂ ਤੋਂ ਗੀਸ ਦੇ ਦਾਗ ਹਟਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  6. ਇਹ ਫਿਨਾਲਫਥੇਲਿਨ ਦੇ ਘੋਲ ਨੂੰ ਗੁਲਾਬੀ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਖਾਰ ਅਤੇ ਖਾਰਕ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਰ ਅਤੇ ਖਾਰਕ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ – ਉਹ ਖਾਰਕ ਜੋ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਖਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਸਾਰੇ ਖਾਰ ਖਾਰਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਪਰ ਖਾਰਕ ਖਾਰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਉਦਾਹਰਨ ਲਈ ਫੈਰਿਕ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ [Fe(OH)3] ਅਤੇ ਕਿਊਪਰਿਕ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ [Cu(OH)2] ਖਾਰਕ ਹਨ ਪਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਖਾਰ ਨਹੀਂ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸਾਧਾਰਨ ਨਮਕ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਧਾਰਨ ਨਮਕ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਨਮਕ ਸਾਡੇ ਭੋਜਨ ਦਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਭਾਗ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਅਨੇਕ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਸਾਬਣ ਉਦਯੋਗ, ਪਾਟਰੀ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਵਰਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇਹ ਹਿਮਕਾਰੀ ਮਿਸ਼ਰਣ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਇਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ, ਰੰਗਕਾਟ, ਕਾਸਟਿਕ ਸੋਡਾ, ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ, ਮਿੱਠਾ ਸੋਡਾ ਆਦਿ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਆਮ ਗੁਣ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
Ca(OH)2 (s) + Cl2 (g) → CaOCl2 (s) + H2O (l)
ਉੱਤਰ-
ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਇਸਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਲਈ ਇਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਟਾਵਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਉੱਪਰ ਤੋਂ ਹੋਰ (Hopper) ਤੋਂ ਸੁੱਕਾ ਬੁਝਿਆ ਹੋਇਆ ਚੂਨਾ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਵਾਲੇ ਪਾਸੇ ਤੋਂ ਕਲੋਰੀਨ ਗੈਸ ਅਤੇ ਗਰਮ ਹਵਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਕਲੋਰੀਨ ਉੱਪਰ ਤੱਕ ਪੁੱਜਦੇ-ਪੁੱਜਦੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੋਖ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬੁਝਿਆ ਹੋਇਆ ਚੂਨਾ ਰੰਗਕਾਟ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਗੁਣ-

  1. ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਪੀਲੇ ਰੰਗ ਦਾ ਚੂਰਨ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕਲੋਰੀਨ ਦੀ ਤਿੱਖੀ ਗੰਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਹੀਂ ।
  3. ਇਹ ਹਵਾ ਦੀ CO2 ਦੇ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕਲੋਰੀਨ ਨੂੰ ਗੁਆ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
    CaOCl2 + CO2 → CaCO3 + Cl2
  4. ਇਹ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
    CaOCl2 + 2HCl → CaCl2 + H2O + Cl2
    CaOCl2 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + Cl2

ਉਪਯੋਗ-

  1. ਕਾਗ਼ਜ਼ ਅਤੇ ਕੱਪੜਾ ਉਦਯੋਗ ਵਿੱਚ ਰੰਗਕਾਟ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ।
  2. ਪੀਣ ਵਾਲੇ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਰੋਗਾਣੂ ਰਹਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ।
  3. ਬਿਨਾਂ ਸੁੰਗੜਨ ਵਾਲੀ ਉੱਨ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ।
  4. ਇਹ ਕਲੋਰੋਫਾਰਮ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਪ੍ਰਯੋਗਸ਼ਾਲਾ ਵਿੱਚ ਇਹ ਆਕਸੀਕਾਰਕ ਦਾ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਦੀ ਤਿਆਰੀ ਲਈ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ਅਤੇ ਇਸ ਦੇ ਲਾਭ ਵੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਨ-
Cal(OH)2(s) Cl2(g) → CaOCl2(s) + H2O(l)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ । ਜਦੋਂ ਇਸ ਦੇ ਕ੍ਰਿਸਟਲਾਂ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਸੂਤਰ Na2C03 10H20 ਹੈ ਜਦੋਂ ਇਸਦੇ ਕ੍ਰਿਸਟਲਾਂ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਛੱਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਤਫੁਲਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨੌਂ ਅਣੂ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
Na2CO3. 10H2O → Na2CO3. H2O + 9 H2O

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਘੋਲ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਨ ‘ਤੇ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਵਿੱਚ ਵਰਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਸਮੀਕਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਨੂੰ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
Ca0Cl2 ਯੌਗਿਕ ਦਾ ਆਮ ਨਾਮ ਕੀ ਹੈ ? ਉਸ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜੋ ਕਲੋਰੀਨ ਦੇ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਰੰਗਕਾਟ ਪਾਊਡਰ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਯੌਗਿਕ CaOCl2 ਦਾ ਆਮ ਨਾਂ ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਹੈ । ਜਿਸ ਪਦਾਰਥ ਦੇ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕਲੋਰੀਨ ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ਉਸਦਾ ਨਾਂ ਬੁਝਿਆ ਹੋਇਆ ਚੂਨਾ [Ca(OH)2] ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡੇ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡੇ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਪੇਟ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਣ ਦੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਇਹ ਦਵਾਈ ਦਾ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਸ ਨੂੰ ਅੱਗ ਬੁਝਾਊ ਯੰਤਰ ਵਿੱਚ ਵੀ ਭਰਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਤਾਜ਼ੇ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚੋਂ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਤਾਜ਼ੇ ਚਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚੋਂ ਥੋੜ੍ਹੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਲੰਘਾਈ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਅਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਸਦਾ ਰੰਗ ਦੁਧੀਆ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।
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ਇਸ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਜੇ ਹੋਰ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਲੰਘਾਈ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਹ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਵੇਗਾ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਚੂਨੇ ਦੇ, ਪਾਣੀ ਦਾ ਦੁਧੀਆਪਨ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
pH ਸਕੇਲ ਕੀ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿਸੇ ਘੋਲ ਦੀ ਅਮਲਤਾ ਅਤੇ ਖਾਤਾ ਕਿਵੇਂ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ? ਇਕ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ pH ਅਤੇ (H3O+) ਦੇ ਪੂਰੇ ਪਰਿਸਰ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰੋ !
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਆਇਨ ਦੀ ਸਾਂਦਰਤਾ ਪਤਾ ਕਰਨ ਲਈ ਜਿਹੜੀ ਸਕੇਲ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਇਸ ਨੂੰ pH ਸਕੇਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਵਿੱਚ ‘p` ਪੁਸੀਂਸ (Potenz) ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਇਕ ਜਰਮਨ ਸ਼ਬਦ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦਾ ਅਰਥ ‘ਸ਼ਕਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਸਕੇਲ ਤੋਂ ਜ਼ੀਰੋ ਤੋਂ 14 ਤਕ pH ਦਾ ਪਤਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜ਼ੀਰੋ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਤੇਜ਼ਾਬੀਪਣ ਨੂੰ ਅਤੇ 14 ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਾਰੇਪਣ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਹਾਈਡਰੋਨੀਅਮ ਆਇਨ ਦੀ ਸਾਂਦਰਤਾ ਜਿੰਨੀ ਵੱਧ ਹੋਵੇਗੀ ਉਸਦਾ pH ਉੱਨਾ ਹੀ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ । ਕਿਸੇ ਉਦਾਸੀਨ ਘੋਲ ਦੇ pH ਦਾ ਮਾਨ 7 ਹੁੰਦਾ ਹੈ । 7 ਤੋਂ ਘੱਟ ਮਾਨ ਅਮਲੀ ਘੋਲ ਅਤੇ 7 ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਾਰੀ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦੇ ਹਨ | ਆਮ ਕਰਕੇ pH ਨੂੰ ਵੈਸ਼ਵਿਕ ਸੂਚਕ ਵਾਲੇ ਪੇਪਰ ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਕੁਝ ਆਮ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ pH ਪੇਪਰ ਤੇ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ pH ਪੇਪਰ ‘ ਤੇ ਨਿੰਬੂ ਦੇ ਰਸ ਦਾ pH = 2.2 ਅਤੇ ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਆ ਦਾ pH = 10 ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
(ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
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ਉੱਤਰ-
ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ ਜਿਸਦਾ pH 2.2 ਹੈ ਜੋ ਕਿ 7 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੈ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦਾ ਹੈ ਅਤੇ 7 ਤੋਂ ਵੱਧ pH ਵਾਲਾ · ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਆ (pH = 10) ਖਾਰੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਧੋਣ ਵਾਲਾ ਸੋਡਾ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧੋਣ ਵਾਲਾ ਸੋਡਾ (Na2CO3 TOH) ਇਕ ਰਸਾਇਣ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡੇ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦੇ ਮੁੜ ਕ੍ਰਿਸਟਲੀਕਰਨ ਤੋਂ ਧੋਣ ਵਾਲਾ ਸੋਡਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਇਕ ਖਾਰੀ ਲੂਣ ਹੈ :
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ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਾਰਬੋਨੇਟ, ਕਈ ਉਦਯੋਗਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੇ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਰਸਾਇਣ ਹੈ ।

ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੱਚ, ਸਾਬਣ ਅਤੇ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਉਦਯੋਗਾਂ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬੋਰੈਕਸ ਵਰਗੇ ਸੋਡੀਅਮ ਯੌਗਿਕ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਘਰਾਂ ਦੀ ਸਾਫ਼ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  4. ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਥਾਈ ਕਠੋਰਤਾ ਨੂੰ ਹਟਾਉਣ ਲਈ ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਉਫੁਲਨ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਇਕ ਅਜਿਹੇ ਯੌਗਿਕ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜੋ ਉਰਫੁਲਨ ਦਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਆਪਣੇ ਉੱਤਰ ਨੂੰ ਇਕ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਤਫੁਲਨ – ਉਤਫੁਲਨ ਉਸ ਕਿਰਿਆਂ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਯੌਗਿਕ ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਪਾਣੀ ਦੇ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੁਕਤ ਹੋਣ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਨ ਨਾਲ ਜਾਂ ਆਪਣੇ ਆਪ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਵਿੱਚ ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਪਾਣੀ ਮਿਲਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਦਾ ਸੁਤਰ Na2CO3 10H2O ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਸ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਪਾਣੀ ਦੇ 9 ਅਣੂ ਗੁਆ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਕੱਲਾ ਹਾਈਡਰੇਟ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਰਹਿ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
Na2 CO3 10H2O → Na2 CO3 H2O + 9H2O
ਗਰਮ ਕਰਨ ‘ਤੇ ਇਹ ਆਪਣੇ ਸਾਰੇ ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਗੁਆ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਇਕ ਬੇਕਰ ਨੇ ਦੇਖਿਆ ਕਿ ਉਸ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਇਆ ਕੇਕ ਸਖ਼ਤ ਤੇ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਛੋਟਾ ਹੈ । ਉਹ ਕਿਹੜਾ ਸੰਘਟਕ ਹੈ ਜੋ ਉਹ ਇਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਉਣਾ ਭੁੱਲ ਗਿਆ ਜਿਸ ਨਾਲ ਕੇਕ ਫੁਲ ਸਕਦਾ ਸੀ। ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੇਕ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਬੇਕਰੀ ਵਾਲਾ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਪਾਉਣਾ ਭੁੱਲ ਗਿਆ । ਜਦੋਂ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ (ਸੋਡੀਅਮ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਟਾਰਟਰਿਕ ਅਮਲ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਪਾ ਕੇ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਟਾਰਟਰਿਕ ਅਮਲ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਸੋਡੀਅਮ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਕੇਕ ਫੁੱਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਹਲਕਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਬੇਕਰੀ ਵਾਲਾ ਕੇਕ ਸਖ਼ਤ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਛੋਟਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਨਿਸਚਿਤ ਹੈ ਕਿ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਮਿਲਾਉਣਾ ਭੁੱਲ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਛੱਡ ਦੇਣ ਤੇ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲਾ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਆਪਣੇ ਗੁਣਾਂ ਵਿੱਚ ਖ਼ਰਾਬੀ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ CO ਇਸ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਕਲੋਰੀਨ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਦੇ ਗੁਣ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
CaOCl2 + CO2 → Ca CO3 + Cl2

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਹਸਪਤਾਲਾਂ (Hospitals) ਵਿੱਚ ਟੁੱਟੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਹੱਡੀਆਂ ਨੂੰ ਜੋੜ ਕੇ ਬੈਠਾਉਣ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਂਦੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਯੌਗਿਕ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ । ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਨਿਰਮਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਟੁੱਟੀ ਹੋਈ ਹੱਡੀ ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਲਈ ਜਿਹੜੇ ਯੌਗਿਕ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਉਸ ਨੂੰ ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ਼ ਪੈਰਿਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਨਾਂ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਸਲਫੇਟ ਹੇਮੀ ਹਾਈਡਰੇਟ (CaSO4. \(\frac {1}{2}\) H2O) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਭੱਠੀ ਵਿੱਚ ਜਿਪਸਮ ਨੂੰ 373 K ਤਾਪ ਤੇ ਗਰਮ ਕਰ ਕੇ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 14

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ਼ ਪੈਰਿਸ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਅਤੇ ਲਾਭ ਲਿਖੋ
ਉੱਤਰ-
ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ ਪੈਰਿਸ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ : CaOCl2 ,\(\frac {1}{2}\) H2O.

ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ ਪੈਰਿਸ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਇਸ ਨੂੰ ਸਾਂਚੇ, ਖਿਡੌਣੇ, ਸਿਰੇਮਿਕ, ਬਰਤਨ ਆਦਿ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ |
  2. ਸਜਾਵਟੀ ਸਮਾਨ, ਮੂਰਤੀਆਂ ਆਦਿ ਇਸ ਤੋਂ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  3. ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਹੱਡੀਆਂਵਾਲਾ ਵਿਭਾਗ ਅਤੇ ਦੰਦਾਂ ਦਾ ਵਿਭਾਗ ਇਸ ਨੂੰ ਕਾਫ਼ੀ ਵਰਤਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਟੁੱਟੀਆਂ ਹੱਡੀਆਂ ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਟੁੱਟੇ ਹੋਏ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਨਕਲੀ ਦੰਦ ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਸਾਂਚੇ ਇਸ ਤੋਂ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  4. ਘਰਾਂ ਦੀਆਂ ਕੰਧਾਂ ਅਤੇ ਛੱਤਾਂ ਨੂੰ ਸਮਤਲ ਕਰਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਡਿਜ਼ਾਇਨ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਅੱਗ ਬੁਝਾਉ ਸਮੱਗਰੀ ਇਸ ਤੋਂ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  6. ਪ੍ਰਯੋਗਸ਼ਾਲਾ ਵਿੱਚ ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਰਿਸਾਵ ਇਸ ਤੋਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਅਨੇਕ ਲੋਕ ਪੇਟ ਵਿੱਚ ਗੈਸ ਦੀ ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਤੋਂ ਆਰਾਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਲੋਕ ‘ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਆ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਿਉਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਐਂਟ ਐਸਿਡ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿਹਦੇ ਵਿੱਚ ਜਠਰ ਰਸ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਐਂਜ਼ਾਈਮ ਪੇਪਸਿਨ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਅਮਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਐਂਜ਼ਾਈਮ ਪੇਪਸਿਨ ਅਮਲੀ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਹੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਨਿਕਲਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਮਿਹਦੇ ਵਿੱਚ ਜਲਨ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਗੈਸ (acidity) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਅਮਲ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨ ਕਰਨ ਲਈ ਜਿਹੜੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਐਂਟੀ ਐਸਿਡ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਆਮ ਕਰਕੇ ਲੋਕ ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਆ’ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਇਕ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰ ਹੈ । ਇਹ ਵਧੇਰੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨ ਕਰਕੇ ਆਰਾਮ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਦੰਦ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਟੁਥਪੇਸਟ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ? ਕਿਉਂ ?
ਜਾਂ
pH ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਿਵੇਂ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਖੈ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਖਾਣਾ ਖਾਣ ਦੇ ਬਾਅਦ ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ ਸ਼ਕਰ ਆਦਿ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਭੋਜਨ ਦੇ ਕਣ ਆਦਿ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਡੇਜ਼ਾਬ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਮੁੰਹ ਵਿੱਚ pH ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਖੈ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਭੋਜਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਖਾਰੀ ਟੁਥਪੇਸਟ ਜਾਂ ਟੁਥਮੰਜਨ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰ ਵਾਧੂ ਜਾਂ ਫ਼ਾਲਤੂ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਖੈ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ ਕੀ ਹੈ ? ਮਿੱਟੀ ਦੀ pH ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਪਤਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ-ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ SO2 SO3 NO2 ਆਦਿ ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਵਰਖਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਤੇ ਵਾਪਸ ਡਿੱਗਣ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਮਿੱਟੀ ਦਾ pH ਵੈਸ਼ਵਿਕ ਸੂਚਕ ਪੇਪਰ ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਜਾਂ ਖਾਰੀ ਹੋਣ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਵਰਖਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦਾ pH ਮਾਨ ਜਦੋਂ 5-6 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਮਿੱਟੀ ਦਾ pH ਪਤਾ ਕਰਨ ਲਈ ਪਰਖਨਲੀ ਵਿੱਚ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਘੋਲ ਕੇ, ਇਸ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਵੈਸ਼ਵਿਕ ਸੂਚਕ ਪੇਪਰ ਤੋਂ pH ਦੀ ਜਾਂਚ ਕਰ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਦੰਦ ਸੜਨ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੰਦ ਸੜਨ-ਖਾਣਾ ਖਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੁੰਹ ਵਿੱਚ ਚੀਨੀ ਦੀ ਅਧਿਕਤਾ ਹੋਣ ਤੇ ਜੀਵਾਣੁਆਂ ਦੁਆਰਾ ਭੋਜਨ ਦੇ ਕਣ ਤੇਜ਼ਾਬ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਤੋਂ pH ਦਾ ਮਾਨ 5.5 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਦੰਦ ਸੜਨ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਕੱਪੜੇ ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਨਾਂ ਅਤੇ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ । ਇਸ ਦੇ ਦੋ ਲਾਭ ਵੀ ਲਿਖੋ ।

ਕੱਪੜੇ ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਨਾਂ-ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ।
ਕੱਪੜੇ ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ-Na2CO3.10H2O
ਕੱਪੜੇ ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦੇ ਲਾਭ-ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਸਿਰਲੇਖ ਅਧੀਨ ਦੇਖੋ 15(ੳ) ਪ੍ਰਸ਼ਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ (Washing Soda) ਦੇ ਦੋ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਦੇਖੋ ਅਭਿਆਸ ਦਾ ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15 (ੳ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 15 ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 16
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 17

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਆਇਓਡੀਨ ਯੁਕਤ ਲੂਣ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਦੀ ਸਲਾਹ ਕਿਉਂ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਜਨ ਵਿੱਚ ਆਇਉਡੀਨ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਗਲਗੰਡ (Goitre) ਨਾਂ ਦਾ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਰੋਗ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਭੋਜਨ ਵਿੱਚ ਆਇਉਡੀਨਯੁਕਤ ਲੂਣ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਦੀ ਸਲਾਹ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਭੋਜਨ ਦਾ ਖੱਟਾ ਸੁਆਦ ਕਿਸ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੌੜੇ ਸੁਆਦ ਦਾ ਕਾਰਨ ਕੌਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਖਾਰਾਂ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋ ਆਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਨ ‘ਤੇ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਧਾਤੂ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਾਰਬੋਨੇਟ, ਅਮਲਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5. ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚੋਂ CO2 ਨੂੰ ਲੰਘਾਉਣ ਤੇ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੂਨੇ ਦਾ ਪਾਣੀ ਦੁਧੀਆ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ CO2 ਲੰਘਾਉਣ ਤੇ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਦੁਧੀਆਪਨ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਲ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲCa (HCO3)2 ਬਣਨ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਅਧਾਤੂ ਆਕਸਾਈਡ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਇਨਾਂ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ਕਿਹੜੇ ਆਇਨ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਆਇਨ H+ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਖਾਰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਆਇਨ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ (OH) ਆਇਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਖਾਰ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਖਾਰਕ ਨੂੰ ਖਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨੂੰ ਪਤਲਾ (ਤਣੂ) ਕਰਨ ਲਈ ਕੀ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸਾਂਦਰ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨੂੰ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਮਿਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਨਾ ਕਿ ਸਾਂਦਰ ਤੇਜ਼ਾਬ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
pH ਸਕੇਲ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਆਇਨ ਦੀ ਸਾਂਦਰਤਾ ਪਤਾ ਕਰਨ ਦੀ ਸਕੇਲ ਨੂੰ pH ਸਕੇਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
pH ਸਕੇਲ ਵਿੱਚ ਕਿੱਥੋਂ ਤੋਂ ਕਿੱਥੋਂ ਤੱਕ pH ਮਾਨ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
0 ਤੋਂ 14 ਤੱਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕਿਸੇ ਉਦਾਸੀਨ ਘੋਲ ਦੇ pH ਦਾ ਮੂਲ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
pH ਦਾ 7 ਹੋਵੇਗਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
pH ਸਕੇਲ ਵਿੱਚ ਘੋਲ ਦਾ ਮਾਨ 7 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਇਸ ਦਾ ਕੀ ਮਤਲਬ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
pH ਸਕੇਲ ਦੇ ਘੋਲ ਦਾ ਮਾਨ 7 ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਘੋਲ ਵਿੱਚ OHਦੀ ਸਾਂਦਰਤਾ ਅਰਥਾਤ ਖਾਰ ਦੀ ਵੱਧਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ pH ਸਕੇਲ ਤੇ ਕਿੰਨਾ ਮਾਨ ਦਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਗਪਗ 2.2.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਆ pH ਸਕੇਲ ‘ਤੇ ਕੀ ਮਾਨ ਦਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
10.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ pH ਸਕੇਲ ‘ਤੇ ਕੀ ਮਾਨ ਦਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਗਪਗ 14.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਸ਼ੁਕਰ ਗ੍ਰਹਿ ਦਾ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਕਿਸ ਨਾਲ ਘਿਰਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਲਫ਼ਿਊਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੇ ਮੋਟੇ ਸਫ਼ੈਦ ਅਤੇ ਪੀਲੇ ਬੱਦਲਾਂ ਨਾਲ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਸਾਡੇ ਪੇਟ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਤੇਜ਼ਾਬ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਪੇਟ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦਾ ਉਪਚਾਰ ਕਿਸ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਐਂਟਐਸਿਡ ਵਰਗੇ ਖਾਰਕਾਂ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ ਦੰਦਾਂ ਦਾ ਖੈ ਕਦੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
pH ਦਾ ਮਾਨ 5.5 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਣ ‘ਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਡੰਗ ਮਾਰੇ ਗਏ ਅੰਗ ਤੇ ਕਿਸ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਤੋਂ ਆਰਾਮ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡਾ ਵਰਗੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰਕ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਸਿਰਕੇ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਤੇਜ਼ਾਬ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਐਸਿਟਿਕ ਐਸਿਡ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਦਹੀ ਅਤੇ ਖੱਟੇ ਦੁੱਧ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਤੇਜ਼ਾਬ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੈਕਟਿਕ ਐਸਿਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ (Exothermic reaction) ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਤਾਪ ਸੋਖੀ (Endothermic reaction) ਕਿਰਿਆ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਹੜੀਆਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਦਾ ਸੋਸ਼ਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤਾਪ ਸੋਖੀ ਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਠੋਸ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ (NaCl) ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਚਾਲਕ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਠੋਸ ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਵਿੱਚ Na+ ਅਤੇ Cl ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਮਜ਼ਬੂਤ ਕੁਲਾਮੀ ਬਲਾਂ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵੀ ਆਜ਼ਾਦ ਆਇਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਇਹ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਚਾਲਕ ਨਹੀਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਘੋਲਕ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਘੋਲਕ ਉਹ ਯੌਗਿਕ ਹੈ, ਜੋ ਜਲੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆ ਕੇ ਧਨਾਤਮਕ ਜਾਂ ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਾਰਜਾਂ ਵਾਲੇ ਆਇਨਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਘੋਲਕ (Strong Electrolytes) ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਯੌਗਿਕ ਜਿਸ ਦੀ ਜਲੀ ਘੋਲ ਦੀ ਵਿਛੇਦਨ ਮਾਤਰਾ 30% ਹੋਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਘੋਲਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਕਮਜ਼ੋਰ ਘੋਲਕ (Weak Electrolyte) ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਯੌਗਿਕ ਜਿਸ ਦੇ ਜਲੀ ਘੋਲ ਦੀ ਵਿਛੇਦਨ ਮਾਤਰਾ 30% ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਕਮਜ਼ੋਰ ਘੋਲਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਮਿੱਠਾ ਸੋਡਾ ਅਤੇ ਟਾਰਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਕੇਕ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਵਿੱਚ ਜੇ ਟਾਰਟਰਿਕ ਅਮਲ ਨਾ ਵਰਤਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੇਕ ਦਾ ਸਵਾਦ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਕਾਰਨ ਕੌੜਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਅੱਗ ਬੁਝਾਉਣ ਲਈ ਯੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ ਰਸਾਇਣ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਸਲਫਿਊਰਿਕ ਐਸਿਡ ਦਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਸੋਡਾ ਐਸਿਡ ਅੱਗ ਬੁਝਾਊ ਯੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 38.
ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਸੰਕਰਮਣ ਰਹਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਹੜੇ ਯੌਗਿਕ ਦੀ ਆਮ ਕਰਕੇ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ (CaOCl2) ਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 39.
ਰੰਗਕਾਟ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਦੀ ਗੰਧ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਲੋਰੀਨ ਗੈਸ ਦੀ ਗੰਧ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 40.
ਕਈ ਵਾਰ ਤਰਨ ਤਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਤੈਰਨ ਨਾਲ ਅੱਖਾਂ ਲਾਲ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਕਾਰਨ ਅੱਖਾਂ ਲਾਲ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 41.
ਇਮਲੀ ਅਤੇ ਕੀੜੀ ਦੇ ਡੰਗ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਮਲੀ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਤੇਜ਼ਾਬ-ਟਾਰਟਰਿਕ ਐਸਿਡ ।
ਕੀੜੀ ਦੇ ਡੰਗ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਤੇਜ਼ਾਬ-ਮੇਥੈਨਾਂਇਕ ਐਸਿਡ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 42.
ਸਾਰੇ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਸਾਰੇ ਖਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕੀ-ਕੀ ਸਾਂਝਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਅਤੇ ਖਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਮਾਨਤਾ-

  1. ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਖਾਰ ਕੁੱਝ ਧਾਤਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  2. ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਖਾਰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲ ਕੇ ਹਾਈਡਰੋਨੀਅਮ ਆਇਨ (H3O+), ਹਾਈਡੁਕਸਿਲ ਆਇਨ (OH) ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਘੋਲ ਬਣਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ਦਾ pH ਮਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-
(a) pH > 7
(b) pH < 7
(c) pH = 7
(d) pH = 14.
ਉੱਤਰ-
(b) pH < 7.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਉਦਾਸੀਨ ਘੋਲ ਦਾ pH ਮਾਨ ਹੈ-
(a) 7
(b) > 7
(c) < 7
(d) 14.
ਉੱਤਰ-
(a) 7.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
Na2CO3 ਦਾ ਪ੍ਰਚਲਿਤ ਨਾਂ ਹੈ-
(a) ਬਲੀਚਿੰਗ ਪਾਊਡਰ
(b) ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡਾ
(c) ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ਼ ਪੈਰਿਸ
(d) ਵਾਸ਼ਿੰਗ ਸੋਡਾ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਵਾਸ਼ਿੰਗ ਸੋਡਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਐਸਿਡ ਨਾਲ ਖਾਰ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਲੂਣ ਅਤੇ ਜਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ’
(a) ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ
(b) ਤਣੂਕਰਨ
(c) ਕਲੋਰੋਬਾਰ
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਵੀ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਡਾਕਟਰ ਟੁੱਟੀ ਹੋਈ ਹੱਡੀ ਨੂੰ ਸਹੀ ਜਗ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਸਥਿਰ ਰੱਖਣ ਲਈ ਕਿਸੇ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
(a) ਸੀਮੇਂਟ
(b) ਜਿਪਸਮ
(c) ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ਼ ਪੈਰਿਸ
(d) ਸੋਡਾ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ਼ ਪੈਰਿਸ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਖਾਰ ਨੂੰ …………………….. ਆਖਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਐਲਕਲੀ

(ii) ਸਲਫ਼ਰ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਗੈਸ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ …………………… ਹੋਵੇਗੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬੀ

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

(iii) ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ਦਾ pH ਮਾਨ 7 ਤੋਂ ………………….. ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਘੱਟ

(iv) ਧਾਤਾਂ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ………………………. ਗੈਸ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ

(v) ਖਾਰ ਦਾ ਜਲੀ ਘੋਲ …………………….. ਨੂੰ ਨੀਲਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਲਾਲ ਲਿਟਮਸ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੰਤੁਲਿਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਲਿਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਚਰਨਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਤੁਲਿਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਲਿਖਣ ਦੇ ਤਰੀਕੇ ਬਾਰੇ ਜਾਣਨ ਲਈ ਇਕ ਉਦਾਹਰਣ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ ।
ਜ਼ਿੰਕ + ਸਲਫਿਊਰਿਕ ਐਸਿਡ → ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫੇਟ + ਹਾਈਡਰੋਜਨ ।
ਇਸ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2

ਤੀਰ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਪਾਸੇ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ।

ਤੱਤ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ (LHS) ਉਤਪਾਦਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ (RHS)
Zn 1 1
H 2 2
S 1 1
O 4 4

ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਤੀਰ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਦੇ ਦੋਨੋਂ ਪਾਸੇ ਹਰ ਤੱਤ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਬਰਾਬਰ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਇੱਕ ਸੰਤੁਲਿਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਹੈ ।
ਹੁਣ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਾਂ-
Fe + H2O → Fe3O4 + H2

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਚਰਨ 1.
ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹਰ ਸੂਤਰ ਦੇ ਚਾਰੋਂ ਪਾਸੇ ਇਕ ਬਾਕਸ ਬਣਾ ਲਉ । ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਬਾਕਸ ਅੰਦਰ ਕੁਝ ਵੀ ਬਦਲਾਅ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 1

ਚਰਨ 2.
ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਦੀ ਸੂਚੀ ਬਣਾਉ ।

ਤੱਤ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ (LHS) ਉਤਪਾਦਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ (RHS)
Fe 1 3
H 2 2
0 1 4

ਚਰਨ 3.
ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪਰਮਾਣੂ ਵਾਲੇ ਯੌਗਿਕ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰੋ ਬੇਸ਼ੱਕ ਉਹ ਅਭਿਕਾਰਕ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਉਤਪਾਦ ॥ ਉਸ ਯੋਗਿਕ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪਰਮਾਣੂ ਵਾਲੇ ਤੱਤ ਨੂੰ ਚੁਣ ਲਉ । ਇਸ ਆਧਾਰ ਤੇ ਅਸੀਂ Fe੦, ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਆਕਸੀਜਨ ਤੱਤ ਨੂੰ ਚੁਣ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ । ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਚਾਰ ਪਰਮਾਣੂ ਹਨ ਅਤੇ ਖੱਬੇ ਪਾਸੇ ਸਿਰਫ਼ ਇੱਕ ਆਕਸੀਜਨ ਪਰਮਾਣੂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਲਈ-

ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦ ਵਿੱਚ
(i) ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ 1 (H2O ਵਿੱਚ) 4 (Fe3O4 ਵਿੱਚ)
(ii) ਸੰਤੁਲਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ 1 × 4 4

ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਨੂੰ ਬਰਾਬਰ ਕਰਨ ਲਈ ਅਸੀਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਤੱਤਾਂ ਅਤੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਸੂਤਰਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਬਦਲ ਸਕਦੇ , ਜਿਵੇਂ ਆਕਸੀਜਨ ਪਰਮਾਣੂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਅਸੀਂ 4 ਗੁਣਾਂਕ ਲਗਾ ਕੇ 4H2O ਲਿਖ ਸਕਦੇ ਹਾਂ, ਪਰ H2O4 ਜਾਂ (H2O)2 ਜਾਂ (H2O)4 ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ! ਅੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ ਹੁਣ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲੱਗੇਗਾ ।
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ਚਰਨ 4.
Fe ਅਤੇ ਸ ਪਰਮਾਣੂ ਅਜੇ ਵੀ ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਇਕ ਤੱਤ ਨੂੰ ਚੁਣ ਕੇ ਅੱਗੇ ਵਧਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਪਰਮਾਣੁ ਨੂੰ ਬਰਾਬਰ ਕਰਨ ਲਈ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਅਣੁ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਨੂੰ ‘4’ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਾਂ ।

ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਾਂ ਵਿੱਚ
(i) ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ 8 (4H2O) ਵਿੱਚ 2 (H2 ਵਿੱਚ)
(ii) ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਲਈ 8 2 × 4

ਹੁਣ ਸਮੀਕਰਣ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲੱਗੇਗਾ
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ਚਰਨ 5.
ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਸਮੀਕਰਣ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕਰੋ ਅਤੇ ਤੀਸਰਾ ਤੱਤ ਚੁਣ ਲਉ ਜੋ ਅਜੇ ਤਕ ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਹੈ । ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਸਿਰਫ਼ ਲੋਹਾ ਹੀ ਇੱਕ ਤੱਤ ਹੈ ਜੋ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨਾ ਬਾਕੀ ਹੈ ।

ਲੋਹਾ ਪਰਮਾਣੂ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਾਂ ਵਿੱਚ
(i) ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ 1 (Fe ਵਿੱਚ) 3 (Fe3O4 ਵਿੱਚ)
(ii) ਸੰਤੁਲਨ ਲਈ 1 × 3 3

Fe ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਅਸੀਂ Fe ਦੇ 3 ਪਰਮਾਣੂ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ ।
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ਚਰਨ 6.
ਅੰਤ ਵਿੱਚ, ਇਸ ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ ਦੀ ਜਾਂਚ ਦੇ ਲਈ ਸਮੀਕਰਣ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਪਾਸੇ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਕਰਨ ਤੇ
3Fe +4H2O → Fe3O4 + 4H2
(ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ)
ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਦੋਵੇਂ ਪਾਸੇ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਬਰਾਬਰ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਸਮੀਕਰਣ ਹੁਣ ਸੰਤੁਲਿਤ ਹੈ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਹਿਟ ਐਂਡ ਟਾਇਲ ਵਿਧੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਕਿਉਂਕਿ ਸਭ ਤੋਂ ਛੋਟੀ ਪੂਰਨ ਅੰਕ ਸੰਖਿਆ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ।

ਚਰਨ 7.
ਭੌਤਿਕ ਅਵਸਥਾ ਦੇ ਸੰਕੇਤ ਲਿਖਣਾ – ਉੱਪਰ ਲਿਖੇ ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਭੌਤਿਕ ਅਵਸਥਾ ਦੀ ਕੋਈ ਜਾਣਕਾਰੀ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਵਾਲਾ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਭੌਤਿਕ ਅਵਸਥਾ ਨੂੰ ਵੀ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅਭਿਕਾਰਕ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੇ ਠੋਸ, ਗੈਸ ਅਤੇ ਤਰਲ ਤੇ ਜਲੀ ਅਵਸਥਾ ਨੂੰ ਵਾਰੀ-ਵਾਰੀ (s), (g), (1) ਅਤੇ (aq) ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ | ਅਭਿਕਾਰਕ ਜਾਂ ਉਤਪਾਦ ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੋਲ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਤਾਂ (aq) ਲਿਖਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹੋਵੇਗਾ-
3Fe(s) + 4H2O(g) → Fe3O4(s) + 4H2(g)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਸਹਿਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਕਿਸੇ ਇਕ ਤੱਤ ਦਾ ਪਰਮਾਣੂ ਦੂਸਰੇ ਤੱਤ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਬਦਲਦਾ ਹੈ । ਨਾ ਹੀ ਕੋਈ ਪਰਮਾਣੂ ਮਿਸ਼ਰਣ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਨਾ ਹੀ ਬਾਹਰ ਤੋਂ ਮਿਸ਼ਰਣ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦਾ ਹੈ । ਅਸਲ ਵਿੱਚ, ਇਸੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੇ ਆਪਸੀ ਬੰਧਨ ਦੇ ਟੁੱਟਣ ਅਤੇ ਜੁੜਨ ਨਾਲ ਨਵੇਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

1. ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਅਭਿਕਾਰਕ ਮਿਲ ਕੇ ਏਕਲ ਉਤਪਾਦ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਉਸ ਨੂੰ ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਜਿਵੇਂ-ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਕੇ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਗਰਮੀ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
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ਇਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਮਿਲ ਕੇ ਏਕਲ ਉਤਪਾਦ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

2. ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਉਹ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਯੌਗਿਕ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸਰਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਟੁੱਟਦਾ ਹੈ, ਉਸ ਨੂੰ ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ-
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3. ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਤੱਤ ਦੂਸਰੇ ਤੱਤ ਨੂੰ ਉਸ ਦੇ ਯੌਗਿਕ ਵਿੱਚੋਂ ਵਿਸਥਾਪਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉਦਾਹਰਨ-
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4. ਦੂਹਰੀ-ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਦੂਹਰੀ-ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਦੋ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪਰਮਾਣੂ ਜਾਂ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੇ ਸਮੂਹ ਦਾ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਆਦਾਨ-ਪ੍ਰਦਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉਦਾਹਰਨ-
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਲਘੂਕਰਨ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਲਘੂਕਰਨ – ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਆਕਸੀਜਨ ਉਦੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਉਸ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਵਾਧਾ ਜਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਉਲਟ ਜਦੋਂ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ, ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਹਾਨੀ ਜਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦਾ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਉਦਾਹਰਨ – ਕਾਪਰ ਚੂਰਣ ਵੀ ਸਤਹਿ ‘ਤੇ ਕਾਪਰ (II) ਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਕਾਲੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਕਾਲਾ ਪਦਾਰਥ ਕਿਉਂ ਬਣਿਆ ? ਇਹ ਕਾਪਰ ਆਕਸਾਈਡ, ਕਾਪਰ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਯੋਗ ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਹੈ ।
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ਜੇ ਇਸ ਗਰਮ ਪਦਾਰਥ ਦੇ ਉੱਪਰ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਕਿ ਉਸਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋਇਆ ਹੈ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਪਦਾਰਥ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਕਿ ਉਸਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਹੋਇਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕਾਪਰ (II) ਆਕਸਾਈਡ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਇਸਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਵਾਧਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋਇਆ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਇਕ ਅਭਿਕਾਰਕ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਦੂਸਰੇ ਪ੍ਰਤੀਕਾਰਕ ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਕਰਨ ਲਘੂਕਰਨ ਜਾਂ ਰੇਡਾਕਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 10
ਰੇਡਾਕਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੇ ਕੁੱਝ ਹੋਰ ਉਦਾਹਰਨ ਹਨ-
(i) ZnO+C → Zn + CO
ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋ ਕੇ CO ਅਤੇ ZnO ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਹੋ ਕੇ Zn ਬਣਦਾ ਹੈ ।
(ii) MnO2 + 4HCl → MnCl2 + Cl2 + 2H2O
ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ HCl ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋ ਕੇ Cl2 ਅਤੇ MnO2 ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਹੋ ਕੇ MnCl2 ਬਣਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਤੇਜ਼ਾਬ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਚਾਰ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬ- ਅਜਿਹੇ ਯੌਗਿਕ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਜਾਂ ਇੱਕ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਪਰਮਾਣੂ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲ ਕੇ ਚਾਰਜਿਤ ਹਾਈਡਰੋਨੀਅਮ ਆਇਨ (H3O+) ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਤੇਜ਼ਾਬ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ। ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦਾ ਸੁਆਦ ਖੱਟਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਗੁਣ-
(1) ਧਾਤੂਆਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ-ਜ਼ਿੰਕ, ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ, ਲੋਹਾ, ਮੈਗਨੀਜ਼ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
Zn(s) + ਤਣ H2SO4(aq) → ZnSO4(aq) + H2(g) ↑
Mg(s) + ਤਣ 2HCl (aq) → MgCl2(aq) + H2(g) ↑

(2) ਧਾਤੂ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-ਤੇਜ਼ਾਬ ਧਾਤੂ ਕਾਰਬੋਨੇਟਾਂ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ CO2 ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
Na2CO3 + H2SO4 → Na2SO4+ H2O + CO2
NaHCO3 + HCl → NaCl + H2O + CO2

(3) ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਲੂਣ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
HCl + NaOH → NaCl + H2O
HCl + KOH → KCl + H2O

(4) ਧਾਤੂ ਸਲਫਾਈਡ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ, ਵੱਖ-ਵੱਖ ਧਾਤੂ ਸਲਫਾਈਡਾਂ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ H2S ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
FeS + H2SO4 → FeSO4 + H2S(g)
KHS + 2HCl → 2KCl + 2H2S(g)
(ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਈ ਗਈ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਲਿਖੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 11
ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਲੂਣਾਂ ਦੇ ਘੋਲਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਈ ਗਈ ਹੈ ਇਹ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ।
ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ-ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਤੱਤ ਦੂਸਰੇ ਤੱਤ ਨੂੰ ਉਸ ਦੇ ਯੌਗਿਕ ਵਿੱਚੋਂ ਵਿਸਥਾਪਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਉਦਾਹਰਨ-
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ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਨੂੰ ਲਿਖਦੇ ਸਮੇਂ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਰਸਾਇਣਿਕ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਨਾ ।
  2. ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੇ ਸਾਰੇ ਤੱਤਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਤੀਕਾਂ ਨਾਲ ਦਰਸਾਉਣਾ ।
  3. ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੇ ਹਰ ਤੱਤ ਦੇ ਕੁੱਲ ਪਰਿਣਾਮਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਦਾ ਦੋਵੇਂ ਪਾਸੇ ਬਰਾਬਰ ਹੋਣਾ ।
  4. ਭੌਤਿਕ ਅਵਸਥਾ, ਤਾਪ ਅਤੇ ਹਾਲਤਾਂ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਸਮਝਾਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਅਭਿਕਾਰਕ ਮਿਲ ਕੇ ਏਕਲ ਉਤਪਾਦ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਉਸ ਨੂੰ ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ-
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਅਤੇ ਉਸਦਾ ਇਕ ਉਪਯੋਗ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ – Ca(OH)2
ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਦੇ ਘੋਲ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੰਧਾਂ ਤੇ ਸਫ਼ੇਦੀ ਕਰਨ ਲਈ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸਫ਼ੇਦੀ ਕਰਨ ਦੇ ਦੋ ਤਿੰਨ ਦਿਨ ਬਾਅਦ ਚਮਕ ਕਿਉਂ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਆਕਸਾਈਡ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੇ ਨਾਲ ਧੀਮੀ ਗਤੀ ਨਾਲ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕੰਧਾਂ ਤੇ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦੀ ਇਕ ਪਤਲੀ ਪਰਤ ਬਣਾ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਸਫ਼ੈਦੀ ਕਰਨ ਦੇ ਦੋ-ਤਿੰਨ ਦਿਨਾਂ ਬਾਅਦ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨਾਲ ਕੰਧਾਂ ਤੇ ਚਮਕ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੰਗਮਰਮਰ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਬਣਨ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਗਮਰਮਰ ਨੂੰ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਇਸਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਹੈ- CaCO3
ਇਸਦੇ ਬਣਨ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ-
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਅਤੇ ਦੋ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ (Exothermic Reaction) – ਜਿਹੜੀਆਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਤਾਪ ਵੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
A + B → C +D+ ਤਾਪ ਊਰਜਾ
ਇਨ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਦੀ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੀ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ > ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ
ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੇ ਕੁਝ ਹੋਰ ਉਦਾਹਰਨ ਹਨ-
(i) ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ਦਾ ਦਹਿਣ-
CH4(g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O(g) + ਊਰਜਾ

(ii) ਸਾਗ-ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਦਾ ਵਿਘਟਨ ਹੋ ਕੇ ਕੰਪੋਸਟ ਬਣਾਉਣਾ ਵੀ ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਤਾਪ-ਸੋਖੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਾਪ-ਸੋਖੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ (Endothermic Reaction) – ਜਿਹੜੀਆਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਦਾ ਸੋਖਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤਾਪ-ਸੋਖੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
A+B + ਤਾਪ → C+D
ਇਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਦੀ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੀ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਪ੍ਰਤੀਕਾਰਕਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ < ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ
ਉਦਾਹਰਨ-
(1) ਕੋਕ ਦੀ ਭਾਪ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ
C(s) + H2O(g) + ਤਾਪ → CO(g) + H2(g)

(2) N2 ਅਤੇ O2 ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ
N2(g) + O2(g) + ਤਾਪ → 2NO(g)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵੱਖ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪਦਾਰਥ ਮਿਲ ਕੇ ਇਕ ਨਵਾਂ ਪਦਾਰਥ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਜਦੋਂ ਕਿ ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਇਸ ਤੋਂ ਉਲਟ ਹੈ । ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਏਕਲ ਪਦਾਰਥ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਕੇ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪਦਾਰਥ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਅਤੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ-ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਤੱਤ ਦੂਸਰੇ ਤੱਤਾਂ ਨੂੰ ਉਸਦੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨਾਲ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਹ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 15
ਉਪਰੋਕਤ ਉਦਾਹਰਨ ਵਿੱਚ Zn ਕਾਪਰ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਵਿਚੋਂ ਕਾਪਰ ਦਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਰਕੇ ਖ਼ੁਦ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਨਾਲ ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫੇਟ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਦੂਹਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਅਤੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਦੂਹਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਤੀਕਾਰਕਾਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਆਇਨਾਂ ਦਾ ਆਦਾਨ-ਪ੍ਰਦਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਦੂਹਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ-
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ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ Cl ਅਤੇ \(\mathrm{SO}_{4}^{2-}\) ਆਇਨਾਂ ਦਾ ਆਦਾਨ ਪ੍ਰਦਾਨ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਦੂਹਰੀਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
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ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰੋ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦ ਦਾ ਰੰਗ ਵੀ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੈ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 18
ਇਹ ਉਤਪਾਦ PbO ਪੀਲੇ ਰੰਗ ਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੰਗ ਲੱਗਣਾ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੰਗ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ । ਇਸ ਨਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਹਾਨੀ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੋਹੇ ਦੀਆਂ ਬਣੀਆਂ ਨਵੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਚਮਕੀਲੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਲਾਲਿਮਾ ਯੁਕਤ ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਜੰਗ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੁਤਰ ਹੈ ।
Fe2O3. x H2O
ਜੰਗ ਹਾਈਡਰੇਟ ਆਇਰਨ (III) ਆਕਸਾਈਡ ਹੈ ।
ਇਹ ਭੁਰਭੁਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਸਮੇਂ ਦੇ ਨਾਲ ਧਾਤੁ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੋਂ ਵੱਖ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਖ਼ਰਾਬ ਹੁੰਦੀਆਂ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਛੜ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਰੱਖੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜ਼ਿੰਕ ਕਾਪਰ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹੈ । ਇਹ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਘੋਲ ਵਿਚੋਂ ਕਾਪਰ ਨੂੰ ਵਿਸਥਾਪਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫੇਟ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦਾ ਨੀਲਾ ਘੋਲ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਸਫ਼ੇਦ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਚੂਨਾ ਬੁੱਝਣਾ (ਸ਼ਮਨ) ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਸੁੰ-ਸੂ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਸੰਬੰਧਿਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਵਾਲੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਮਨ – ਜਦੋਂ ਚਨੇ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਇਹ ਬੜੇ ਚਨੇ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਚੂਨਾ ਬੁੱਝਣਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਇਕ ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਉਰਜਾ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਸੂੰ-ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਹੇਠਾਂ ਲਿਖੀਆਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰੋ ।

1. H2 + N2 → NH3
2. BaCl2 + Al2(SO4)3 → AlCl3 + BaSO4
3. H2S + O2 → SO2 + H2O
4. KBr + BaI2 → KI + BaBr2
5. Al + CuCl2 → AlCl3 + Cu

6. AgNO3 + Cu → Cu(NO3)2 + Ag
7. Al(OH)3 → Al2O3 + H2O
8. NH3 + CuO → Cu + N2 + H2O
9. KClO3 → KCl + O2
10. KNO3 → KNO2 + O2
11. BaCl2 + K2SO4 → 2BaSO4 + KCl.
ਉੱਤਰ-
1. 3H2 + N2 → 2NH3

2. 3BaCl2 + Al2(SO4)3 ) → 2AlCl3 + 3BaSO4

3. 2H2S + 3O2 → 2SO2 + 2H2O

4. 2KBr + BaI2 → 2KI + BaBr2

5. 2Al + 3CuCl2 → 2AlCl3 + 3Cu

6. 2AgNO3 + Cu → Cu(NO3)2 + 2Ag

7. 2Al(OH)3 → Al2O3 + 3H2O

8. 2NH3 + 3CuO → Cu + N2 + 3H2O

9. 2KClO3 → 2KCl + 3O2

10. 2KNO3 → 2KNO3 + O2

11. BaCl2 + K2SO4 → BaSO4 + 2KCl.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਲਘੂਕਰਣ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਾਮ ਲਿਖੋ ।
1. SO2 + 2H2S → 2H2O + 3S
2. 2Al + 3HCl → 2ACl3 + 3H2
3. 2H2S + SO2 → 3S + 2H2O
4. Zn + 2AgNO3 → Zn(NO3)2 + 2Ag
5. H2 + CuO → Cu + H2O.
ਉੱਤਰ-
1. SO2 ਵਿੱਚ S ਦਾ ਲਘੂਕਰਣ ਅਤੇ H2S ਵਿੱਚ S ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋਇਆ ।
2. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਕਲੋਰੀਨ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋਇਆ ।
3. ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਦਾ ਲਘੂਕਰਣ ਹੋਇਆ ।
4. ਜ਼ਿੰਕ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਸਿਲਵਰ ਦਾ ਲਘੂਕਰਣ ਹੋਇਆ ।
5. ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਤਾਂਬੇ ਦਾ ਲਘੂਕਰਣ ਹੋਇਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਲਈ ਸੰਕੇਤਾਂ ਅਤੇ ਸੂਤਰਾਂ ਨਾਲ ਸੰਤੁਲਿਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਲਿਖੋ ।
(i) ਜ਼ਿੰਕ + ਸਿਲਵਰ ਨਾਈਟਰੇਟ → ਜ਼ਿੰਕ ਨਾਈਟਰੇਟ + ਸਿਲਵਰ
(ii) ਕਾਪਰ ਆਕਸਾਈਡ + ਹਾਈਡਰੋਜਨ → ਕਾਪਰ + ਪਾਣੀ
(iii) ਬੇਰੀਅਮ ਕੋਲਰਾਈਡ + ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਸਲਫੇਟ → ਬੇਰੀਅਮ ਸਲਫੇਟ + ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ।
ਉੱਤਰ-
(i) Zn (s) + 2AgNO3 (aq) → Zn (NO3)2 (aq) +2Ag(s)
(ii) CuO(s) + H2(g) → Cu(s) + H2O(l)
(iii) 3BaCl2 (ag) + Al2(SO4)3(aq) → 3BaSO4(aq) + 2AlCl3(aq).

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਲਿਖੋ :
(i) ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ + ਕਾਰਬਨ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ → ………… + ………….
(ii) ਸੋਡੀਅਮ + ਪਾਣੀ → ………… +………….
(iii) ਹਾਈਡਰੋਜਨ + ਕਲੋਰੀਨ → ……….. + ………….
ਉੱਤਰ-
(i) ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ + ਕਾਰਬਨ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ → ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ + ਪਾਣੀ
(ii) ਸੋਡੀਅਮ + ਪਾਣੀ → ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ + ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ
(iii) ਹਾਈਡਰੋਜਨ + ਕਲੋਰੀਨ → ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਲੋਰਾਈਡ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸੂਤਰਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਥਨਾਂ ਨੂੰ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖ ਕੇ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰੋ :
(i) ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਤੱਤ, ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
(ii) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ ਗੈਸ ਹਵਾ/ਆਕਸੀਜਨ ਵਿੱਚ ਬਲਦੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ?
(iii) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਨਾਲ ਜੁੜ ਕੇ ਅਮੋਨੀਆ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i) 2K + 2H2O → 2KOH + H2
(ii) 2H2S + 3O2 → 2H2O + 2SO2
(iii) 3H2 + N2 → 2NH3.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਫਲਾਸਕ ਵਿੱਚ ਵਾਪਰ ਰਹੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਲਿਖੋ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਗੈਸ ਦਾ ਨਾਂ ਅਤੇ ਇੱਕ ਗੁਣ ਲਿਖੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 21
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ-
Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2
ਜਿਸਤ + ਹਲਕਾ ਸਲਫਿਊਰਿਕ ਐਸਿਡ → ਜਿਸਤ ਸਲਫੇਟ + ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ
ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਹੋ ਰਹੀ ਗੈਸ ਦਾ ਨਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਹੈ ।
ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਦਾ ਗੁਣ – ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਇੱਕ ਜਲਣਸ਼ੀਲ ਗੈਸ ਹੈ ਜੋ ਨੀਲੀ-ਪੀਲੀ ਲੌ ਨਾਲ ਧਮਾਕੇ ਨਾਲ ਬਲਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਸਾਹਮਣੇ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਪਰਖ-ਨਲੀ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ ? ਇਹ ਗੈਸ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ/ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੀ/ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਾਂਦੀ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 22
ਉੱਤਰ-
(1) ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਪਤਲਾ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਅਮਲ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਕਾਰਬਨ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(2) ਕਾਰਬਨ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਚਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ (ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ) ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਸਫ਼ੈਦ ਰੰਗ ਦਾ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਰੰਗ ਦੁੱਧੀਆ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 23

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਸਾਹਮਣੇ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਪਰਖ ਨਲੀ ਵਿੱਚ ਹੋ ਰਹੇ ਘੋਲਾਂ/ਰਸਾਇਣਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਸਮੀਕਰਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ ਘੋਲ ਦੇ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਰਿਵਰਤਨ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ? ਮੇਖਾਂ/ਕਿੱਲਾਂ ਦੇ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਕੀ ਪਰਿਵਰਤਨ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 24
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ ਦੀ ਸਮੀਕਰਣ :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 25
ਜਦੋਂ ਲੋਹੇ ਦੀਆਂ ਕਿੱਲਾਂ ਨੂੰ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਡੁਬੋਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਨੀਲੇ ਰੰਗ ਦਾ ਘੋਲ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਫਿੱਕਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿੱਲਾਂ ਦਾ ਰੰਗ ਭੂਰਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਦੀ ਇਕ ਵਰਤੋ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਦੀਵਾਰਾਂ ਤੇ ਸਫ਼ੈਦੀ ਕਰਨ ਲਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸੰਗਮਰਮਰ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
CaCO3.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ਦਾ ਦਹਿਣ ਕਰਨ ‘ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
CO2, H2O ਅਤੇ ਉਰਜਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਫੋਰਸ ਸਲਫੇਟ ਦਾ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
FeSO4, 7H2O.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਚਿਪਸ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲੇ ਚਿਪਸ ਦੀ ਥੈਲੀ ਵਿੱਚ ਕੀ ਭਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਉਸ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਕਰਨ ਨਾ ਹੋ ਸਕੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਆਕਸੀਕਰਨ-ਲਘੂਕਰਣ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦਾ ਦੂਸਰਾ ਨਾਂ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੇਡਾਕਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਿਸੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਕਦੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ O2 ਦੀ ਹਾਨੀ ਅਤੇ H2 ਦਾ ਵਾਧਾ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਤਾਪ ਦੇਣ ਤੇ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਕਿਸ ਵਿੱਚ ਟੁੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
CaO.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ਦਾ ਦਹਿਣ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
CH4(g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O(g) + ਉਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਕੋਇਲੇ ਦੇ ਦਹਿਣ ਅਤੇ H2 ਅਤੇ O2 ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਿਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 26
ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ A ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਲੋਰੋਫਿਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕਰਣ ਕਿਰਿਆ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਰ-
ਲਘੂਕਰਣ ਇਕ ਅਜਿਹੀ ਕਿਰਿਆ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ O2 ਦੀ ਹਾਨੀ ਅਤੇ H2 ਨ ਦਾ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਆਕਸੀਕਰਣ ਕਿਰਿਆ ਕੀ ਹੈ ?
ਆਕਸੀਕਰਣ ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ H2 ਦੀ ਹਾਨੀ ਅਤੇ O2 ਦਾ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਰਿੱਬਨ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਕਿਹੜਾ ਪਦਾਰਥ ਬਣਦਾ ਹੈ ? (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਟਾ ਪਾਊਡਰ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ (MgO) ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਵਾਂ ਭਰੋ । (ਮਾਡਲ ਪੇਪਰ)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 27
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 28

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਪਤਲੇ ਸਲਫਿਊਰਿਕ ਐਸਿਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਹੋਣ ਤੇ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ (H2).

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਖਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :
BaCl2 + Na2SO4 → ………………. +…………..
ਉੱਤਰ-
BaCl2 + Na2SO4 → BaSO4 + 2NaCl.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘਾਉਣ ਨਾਲ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕੀ ਪਰਿਵਰਤਨ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੂਨੇ ਦਾ ਪਾਣੀ ਦੁਧੀਆ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰੋ :
Fe(s) + CuSO4(aq) → ……… + ……………….
ਉੱਤਰ-
Fe + CuSO4 → FeSO4(aq) + Cu(s).

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰੋ :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 29
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 30

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
Zn(s) + CusO4(aq) → ZnSO4(aq) + Cu(s)
ਉਪਰੋਕਤ ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਈ ਗਈ ਹੈ ?
(ਉ) ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ।
(ਅ) ਵਿਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ
(ੲ) ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ
(ਸ) ਦੋਹਰਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ।
ਉੱਤਰ-
(ੲ) ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ- 23.
Na2SO4(aq) + BaCl2(aq) → BaSO4(s) + NaCl(aq)
ਉਪਰੋਕਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਉਦਾਹਰਣ ਹੈ ?
(ਉ) ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ ।
(ਅ) ਅਪਘਟਨ ਕਿਰਿਆ
(ੲ) ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ
(ਸ) ਦੂਹਰਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਦੂਹਰਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
BaCl2(aq) + Na2SO4(aq) → Basq1(s) + 2NaClaq) ਹੈ ।
(a) ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ
(b) ਦੁਹਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ
(c) ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ
(d) ਅਪਘਟਨ ਕਿਰਿਆ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਦੁਹਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਦਾ ਵੀ ਉਤਸਰਜਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ-
(a) ਬਹੁਲੀਕਰਨ ਕਿਰਿਆ
(b) ਤਾਪਸੋਖੀ ਕਿਰਿਆ
(c) ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜਲ ਦੇ ਬਿਜਲਈ ਅਪਘਟਨ ਨਾਲ ਉਤਪੰਨ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਮੋਲ ਅਨੁਪਾਤ ਹੈ-
(a) 2 : 1
(b) 1 : 1
(c) 2 : 2
(d) 4 : 1.
ਉੱਤਰ-
(a) 2 : 1.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜੰਗ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਹੈ-
(a) Fe2O3
(b) FeCO3
(c) Fe2O3.xH2O
(d) FeCO3. xH2O.
ਉੱਤਰ-
(c) Fe2O3.xH2O

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਅਪਘਟਨ ਕਿਰਿਆ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਹੈ-
(a) CH4 + 2O2 → CO2 +2H2O
(b) Pb(NO3)2 → 2PbO + 4NO2 + O2
(c) NH3 + HCl → NH4Cl
(d) Pb + CuCl2 → PbCl2 + Cu.
ਉੱਤਰ-
(b) Pb(NO3)2 → 2PbO + 4NO2 + O2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਲੋਹਾ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਕਿਹੜੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਉਸਦੇ ਘੋਲ ਤੋਂ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
(a) Al
(b) Zn
(c) Cu
(d) Au.
ਉੱਤਰ-
(c) Cu.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਅਧਾਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ?
(a) ਆਕਸੀਜਨ
(b) ਕਲੋਰੀਨ
(c) ਬੋਮੀਨ
(d) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ……………….. ਦੀ ਵਿਪਰੀਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ

(ii) ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਖਾਰ ਦੀ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਮਾਤਰਾ ਅਤੇ ਆਇਤਨ ਮਿਲਾਉਣ ਤੇ …………………… ਅਤੇ ………………. ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਲੂਣ, ਪਾਣੀ

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

(iii) ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਸਮਾਵੇਸ਼ ……………………. ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਕਸੀਕਰਨ

(iv) ਉਹ ਪ੍ਰਤਿਕਿਰਿਆਂ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਉਸ਼ਮਾ ਦਾ ਉਤਸਰਜਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, …………………… ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ

(v) ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਲਘੂਕਰਨ ਇਕ-ਦੂਜੇ ਦੀ ……………………… ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੂਰਕ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਚਿੱਤਰ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਬਨਾਵਟ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਸੁਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਬਨਾਵਟ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦਾ ਇੱਕ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਲੇਬਲ ਕੀਤਾ ਹੋਇਆ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਪਰਾਵਰਤਕ ਅਤੇ ਸੂਰਜੀ ਸੰਕੇਂਦਰਿਕ ਕੀ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿੱਥੇ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇੱਕ ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਪਰਾਵਰਤਕ – ਇਹ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸੂਰਜੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਪਰਾਵਰਤਕ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਪਰਾਵਰਤਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਉਨ੍ਹਾਂ ਯੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਮੱਧਮ ਤਾਪਮਾਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇੱਥੇ ਸੂਰਜੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਦਾ ਪਰਾਵਰਤਨ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣਾਂ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਦੇ ਬਰਤਨ ਦੇ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਕਾਲੀ ਸਤਹਿ ਵਾਲੇ ਬਰਤਨ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸੋਖ ਕੇ ਗਰਮ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਅਯੋਜਨ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰਾਂ ਅਤੇ ਸੂਰਜੀ ਹੀਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਸਰਜੀ ਸੰਕੇਂਦਰਿਕ – ਇਹ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਅਭਿਸਾਰੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਜਾਂ ਦਰਪਣ ਹੈ ਜਿਸ ਦੁਆਰਾ ਸਰਜੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਕੇਂਦਰਿਤ ਕਰਕੇ ਉੱਚ ਤਾਪ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸੂਰਜੀ ਸੰਕੇਂਦਰ ਕੁੱਕਰਾਂ ਵਿੱਚ ਜਿੱਥੇ ਬੇਕ ਕਰਨਾ ਜਾਂ ਤਲਣ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੋਵੇ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਪੈਰਾਬੋਲਿਕ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸਤਹਿ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਊਰਜਾ ਇਕ ਵੱਡੇ ਖੇਤਰ ਤੋਂ ਛੋਟੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਂਦਰਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ 1000 ਜਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਵੱਧ ਲੋਕਾਂ ਲਈ ਰਸੋਈ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਭਾਫ਼ ਉਤਪਾਦਨ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਸਿਧਾਂਤ – ਕਾਲੀ ਸਤਹਿ ਵਧੇਰੇ ਤਾਪ ਦਾ ਸੋਖਣ ਕਰਦੀ ਹੈ ਪਰ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਪਿੱਛੋਂ ਕਾਲੀ ਸਤਹਿ ਇਸ ਸੋਖਿਤ ਤਾਪ ਦਾ ਵਿਕਿਰਨ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ। ਤਾਪ ਦੀ ਇਸ ਹਾਨੀ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਕਾਲੀ ਪੱਟੀ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਤਾਪ ਦੇ ਕੁਚਾਲਕ ਬਕਸੇ ਵਿੱਚ ਰੱਖ ਕੇ ਉਸ ਨੂੰ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਨਾਲ ਢੱਕ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਕਸੇ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦੀਆਂ ਦੀਵਾਰਾਂ ਨੂੰ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਨਾਲ ਪੇਂਟ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਤਾਪ ਦਾ ਸੋਖਣ ਹੋ ਸਕੇ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੁਆਰਾ ਤਾਪ ਦੀ ਹਾਨੀ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਸਕੇ ।

ਬਨਾਵਟ – ਆਮਤੌਰ ਤੇ ਇਹ ਇੱਕ ਲੱਕੜ ਦਾ ਬਕਸਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਬਾਹਰੀ ਬਕਸਾ ਵੀ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਬਕਸੇ ਅੰਦਰ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਜਾਂ ਲੋਹੇ ਦਾ ਬਣਿਆ ਇੱਕ ਹੋਰ ਬਕਸਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸਨੂੰ ਅੰਦਰਲਾ ਬਕਸਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਅੰਦਰਲੇ ਬਕਸੇ ਦੀਆਂ ਦੀਵਾਰਾਂ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਵਾਲੀ ਸਤਹਿ ਕਾਲੀ ਪੇਂਟ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਦਾ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸੋਖਣ ਹੋ ਸਕੇ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੁਆਰਾ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹਾਨੀ ਹੋਵੇ ।

ਅੰਦਰਲੇ ਅਤੇ ਬਾਹਰਲੇ ਬਕਸੇ ਦੇ ਵਿੱਚ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂ ਨੂੰ ਥਰਮੋਕੋਲ ਜਾਂ ਕੱਚ ਦੀ ਰੂੰ ਨਾਲ ਭਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਊਸ਼ਮਾ ਬਾਹਰ ਨਾ ਜਾ ਸਕੇ । ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੇ ਬਕਸੇ ਉੱਪਰ ਇੱਕ ਮੋਟੇ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਦਾ ਢੱਕਣ ਲੱਗਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਸ੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਮਤਲ
ਚਿੱਤਰ-ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੋਲਰ ਕੁੱਕਰ ਦਰਪਣ ਵੀ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਲ ਵਜੋਂ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 1

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਪਕਾਉਣ ਵਾਲੇ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥ ਨੂੰ ਸਟੀਲ ਜਾਂ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੇ ਬਰਤਨ ਜਿਸ ਦੀ ਬਾਹਰਲੀ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਕਾਲੀ ਪੇਂਟ ਕੀਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਾ ਕੇ ਬਕਸੇ ਅੰਦਰ ਰੱਖ ਦਿੰਦੇ ਹਾਂ । ਹੁਣ ਇਸ ਨੂੰ ਕੱਚ ਦੇ ਢੱਕਣ ਨਾਲ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਰਾਵਰਤਕ ਸਤਹਿ M ਅਰਥਾਤ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਖੜ੍ਹਾ ਕਰਕੇ ਕੁੱਕਰ ਨੂੰ ਧੁੱਪ ਵਿੱਚ ਰੱਖ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਸੂਰਜ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਲ ਤੇ ਆਪਾਤੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤੀਬਰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪੁੰਜ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੁੱਕਰ ਦੇ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਬਰਤਨ ਉੱਪਰ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਸੜ੍ਹਾਵਾਂ ਸੂਰਜੀ ਤਾਪ ਨੂੰ ਸੋਖਿਤ ਕਰ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਹੁਣ ਇਹ ਸੜਾਵਾਂ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਪਰਾ-ਵੈਂਗਣੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਨਿਕਾਸ ਕਰਨ ਲਗਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰ ਉੱਪਰਲੀ ਸਤਹਿ ਉੱਤੇ ਸਥਾਪਿਤ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਨਹੀਂ ਜਾਣ ਦਿੰਦੀ । ਇਸ ਲਈ ਬਕਸੇ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦਾ ਤਾਪ ਅੰਦਰ ਹੀ ਰਹਿ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਕੁੱਕਰ ਦਾ ਅੰਦਰਲਾ ਤਾਪਮਾਨ 2-3 ਘੰਟੇ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ 100°C ਤੋਂ 140°C ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਗਰਮੀ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਇਸ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਵਿੱਚ ਸੌਖੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਕਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸੋਲਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਇਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰ ਕੇ ਪਾਣੀ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੋਲਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦਾ ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਹੇਠਾਂ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 2

ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਪਰੋਧੀ ਬਕਸਾ B ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਹੜਾ ਅੰਦਰੋਂ ਕਾਲਾ ਪੇਂਟ ਕੀਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਦੇ ਅੰਦਰ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਨਾਲ ਪੇਂਟ ਕੀਤੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਉਬ T ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦਾ ਬਕਸਾ ਅਤੇ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਊਬ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਦੀ ਇਸ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਅਧਿਕ ਸਮਰੱਥਾ ਨਾਲ ਸੂਰਜ ਦੀਆਂ ਤਾਪਨ ਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸੋਖਤ ਕਰ ਸਕੇ । ਸੰਵਹਨ ਅਤੇ ਵਿਕਿਰਨ ਦੁਆਰਾ ਤਾਪ ਦੀ ਹਾਨੀ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਬਕਸੇ ਦੇ ਉੱਪਰ ਸ਼ੀਸ਼ੇ ਦਾ ਢੱਕਣ ਲੱਗਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀਆਂ ਟਿਊਬਾਂ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਸਿਰੇ ਪਾਣੀ ਭੰਡਾਰ ਟੈਂਕ D ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ ਨੂੰ ਮਕਾਨ ਦੀ ਛੱਤ ਦੇ ਉੱਪਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿ ਸੂਰਜ ਦੀ ਰੌਸ਼ਨੀ ਸਾਰਾ ਦਿਨ ਮਿਲ ਸਕੇ ।

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਠੰਢਾ ਪਾਣੀ ਪਾਈਪ P ਦੇ ਰਸਤੇ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ D ਵਿੱਚ ਦਾਖਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਈਪ Q ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਤਾਪਨ B ਦੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਉਬ 1 ਵਿੱਚ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਉਬ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਖ ਕਰਕੇ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਠੰਡਾ ਪਾਣੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਗਰਮ ਤਾਂਬੇ ਦੀਆਂ ਟਿਊਬਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਗਰਮ ਪਾਣੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਊਬ ਦੇ ਦੂਜੇ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਨਿਕਲ ਕੇ ਪਾਈਪ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ ਦੇ ਦੂਸਰੇ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਈਪ S ਦੁਆਰਾ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਬਾਹਰ ਕੱਢਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੌਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ ਦਾ ਸਾਰਾ ਪਾਣੀ ਕਾਫ਼ੀ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
(i) ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਗੁੰਬਦ ਆਕਾਰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਸਮਝਾਓ ।
(ii) ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਤੈਰਦੇ ਹੋਏ ਗੈਸ ਹੋਲਡਰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਸਮਝਾਓ ।
ਜਾਂ
ਜੀਵ-ਅਪਸ਼ਿਸਟ ਤੋਂ ਜੀਵ ਗੈਸ (ਬਾਇਓ ਗੈਸ) ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੀ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਿਸਥਾਰ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । ਇਸ ਗੈਸ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਗੈਸ (ਬਾਇਓ ਗੈਸ) ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ – ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਹਾਜ਼ਰੀ ਵਿੱਚ ਜੈਵ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਅਪਘਟਨ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਘਟਕ ਮੀਥੇਨ (CH4) ਗੈਸ ਹੈ ਜੋ ਇੱਕ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਹੈ । ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਗੋਬਰ, ਮਲ-ਮੂਤਰ, ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਫਲ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਅਤੇ ਖੇਤੀਬਾੜੀ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਉਦਯੋਗਾਂ ਦੇ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਆਦਿ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਲਾਂਟ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
(i) ਸਥਿਰ ਗੁੰਬਦ ਕਿਸਮ ਦਾ ਪਲਾਂਟ
(ii) ਤੈਰਦਾ ਹੋਇਆ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ।

(i) ਸਥਿਰ ਗੁੰਬਦ ਕਿਸਮ ਦੇ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਬਰਾਬਰ ਮਾਤਰਾ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ M ਵਿੱਚ ਮਿਲਾ ਕੇ ਉਸ ਦਾ ਘੋਲ ਬਣਾ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਇਸ ਘੋਲ ਦਾ ਪਵੇਸ਼ ਚੈਂਬਰ ਦੇ ਰਸਤੇ ਤੋਂ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ T ਵਿੱਚ ਭੇਜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ ਦਾ ਕਾਫ਼ੀ ਭਾਗ ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨਾਲ ਭਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਉਸ ਦੇ ਉੱਪਰ ਦਾ ਗੁੰਬਦ D ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਇਕੱਠੀ ਕਰਨ ਲਈ ਖ਼ਾਲੀ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨੂੰ 50-60 ਦਿਨ ਰੱਖੇ ਰਹਿਣ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਗੋਬਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਅਨਆਸੀ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਨਿਮਨੀਕਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਨ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਪਾਈਆਂ ਦੁਆਰਾ ਗੁੰਬਦਨੁਮਾ ਟੈਂਕੀ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੁੰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਗੁੰਬਦ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੋਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਨੂੰ ਗੈਸ ਨਿਕਾਸ S ਦੁਆਰਾ ਘਰਾਂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਲਗਾਤਾਰ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਘੋਲ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ ਵਿੱਚ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਬਾਕੀ ਬਚਿਆ ਗੋਬਰ ਦਾ ਘੋਲ ਨਿਕਾਸ ਚੈਂਬਰ ਦੇ ਰਸਤੇ ਟੈਂਕ Fਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਟੈਂਕ ਤੋਂ ਗੋਬਰ ਦੇ ਬਚੇ-ਖੁਚੇ ਘੋਲ ਜਾਂ ਸਲਰੀ ਨੂੰ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 3

(ii) ਤੈਰਦੇ ਹੋਏ ਗੈਸ ਹੋਲਡਰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਜਾਂ ਜੈਵ ਗੈਸ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਪਦਾਰਥ ਹੈ-ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ । ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਬਰਾਬਰ ਮਾਤਰਾ ਟੈਂਕ M ਵਿੱਚ ਮਿਲਾ ਕੇ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪਤਲਾ ਘੋਲ ਜਾਂ ਸਲਰੀ (Slurry) ਬਣਾ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ । ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਇਸ ਘੋਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਪਾਈਪ I ਦੁਆਰਾ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ T ਵਿੱਚ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਕ ਨੂੰ ਗੋਬਰ ਦੇ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨਾਲ ਭਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਰੰਤੂ ਉਸ ਦੇ ਉੱਪਰ ਤੈਰਦੀ ਹੋਈ ਟੈਂਕੀ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਇਕੱਠੀ ਕਰਨ ਲਈ ਖ਼ਾਲੀ ਛੱਡ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 4

ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਘੋਲ ਨੂੰ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ ਵਿੱਚ ਲਗਭਗ 60 ਦਿਨ ਲਈ ਰੱਖਿਆ ਰਹਿਣ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਗੋਬਰ ਜਾਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਅਨਆਕਸੀ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਨਿਮਨੀਕਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਨਾਲ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਤੈਰਦੀ ਹੋਈ ਟੈਂਕੀ H ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੁੰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ। ਤੈਰਦੀ ਹੋਈ ਗੈਸ ਟੈਂਕੀ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੋਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਨੂੰ ਨਿਕਾਸ S ਵਿੱਚੋਂ ਪਾਇਪਾਂ ਦੁਆਰਾ ਘਰਾਂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਲਗਾਤਾਰ ਬਣਾਏ ਰੱਖਣ ਲਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਗੋਬਰ ਦਾ ਘੋਲ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ T ਵਿੱਚੋਂ ਬਾਈਓ ਗੈਸ ਬਣਨ ਦੇ ਬਾਅਦ ਬਚੀ ਹੋਈ ਸਲਰੀ ਨਿਕਾਸ ਪਾਈਪ O ਦੇ ਰਸਤੇ ਟੈਂਕ F ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਟੈਂਕ F ਤੋਂ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਜਾਂ ਸਲਰੀ ਨੂੰ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਲਿਜਾ ਕੇ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਲਾਭ – ਇਹ ਇੱਕ ਵਧੀਆ ਬਾਲਣ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਬਲਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਕੋਈ ਸੁਆਹ ਵਰਗਾ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ ਨਹੀਂ ਬਚਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਹ ਇੱਕ ਪਰਿਆਵਰਣ ਦਾ ਹਿਮਾਇਤੀ ਬਾਲਣ ਹੈ । ਡਾਇਜੈਸਟਰ ਤੋਂ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਬਾਕੀ ਬਚੀ ਹੋਈ ਸਲਰੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਦੇ ਯੌਗਿਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਸਾਨੂੰ ਨਾ ਕੇਵਲ ਵਧੀਆ ਬਾਲਣ ਹੀ ਮਿਲਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਖਾਦ ਵੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਿਆਵਰਣ ਵੀ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬੱਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਅਨਾਕਸੀ-ਅਪਘਟਨ – ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਅਨਾਕਸੀ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਹਾਜ਼ਰੀ ਵਿੱਚ ਸਲਰੀ ਦਾ ਅਪਘਟਨ ਕਰਦੇ ਹੈ । ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਹਾਜ਼ਰੀ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਅਪਘਟਨ ਅਨਾਕਸੀ ਅਪਘਟਨ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦਾ ਕਾਰਜ ਸਿਧਾਂਤ ਕੀ ਹੈ ? ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਸਮਝਾਓ ।
ਜਾਂ
ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੇ ਕਾਰਜ ਸਿਧਾਂਤ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਚੱਕੀ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਰਚਨਾ ਦਾ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਸਮਝਾਓ। ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਮੁੱਖ ਉਪਯੋਗ ਅਤੇ ਹਾਨੀਆਂ ਵੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਚੱਕੀ- ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਪੰਣ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੁਆਰਾ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 5

ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੀ ਰਚਨਾ – ਜਦੋਂ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਘੁੰਮਣ ਵਾਲੀ ਸ਼ਾਫਟ ਵਗਦੀ ਹੋਈ ਪੌਣ, ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਉਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਇਕ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਘੁੰਮਣ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਉਸ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬਣਤਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੇ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪੱਖਾ ਸਮਝਿਆ। ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਕਿਉਂਕਿ ਜਦੋਂ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ, ਪਰੰਤ ਜਦੋਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ।
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ਘੁੰਮਦੇ ਹੋਏ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਨਾਲ ਕਣਕ ਪੀਸਣ ਵਾਲੀ ਚੱਕੀ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਘੁਮਿਆਰ ਦਾ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਬਰਤਨਾਂ ਦਾ ਚੱਕਾ ਘੁੰਮਾਉਣਾ ਆਦਿ ਕਾਰਜ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਅਜਿਹੇ ਹੀ ਸਥਾਨ ਤੇ ਲਗਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਹਵਾ ਵੀ ਲਗਭਗ ਪੂਰਾ ਸਾਲ ਤੀਬਰ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੀ ਬੈਂਕ ਇੱਕ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦੇ ਪਿਸਟਨ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਹਵਾ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਚੱਕੀ ਦਾ ਪਹੀਆ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨਾਲ ਜੁੜਿਆ ਧੁਰਾ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਧੁਰੇ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬੈਂਕ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਹੋਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪੰਪ ਦੀ ਪਿਸਟਨ ਛੜ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਉਪਯੋਗ – ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਉਪਯੋਗ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਕਿ-

  1. ਪੌਣ ਕਿਸ਼ਤੀਆਂ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  2. ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਨਾਲ ਆਟਾ ਚੱਕੀਆਂ ਤੇ ਜਲ ਪੰਪ ਆਦਿ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  3. ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੁਆਰਾ ਉਡਾਨ ਭਰਨ ਲਈ ।
  4. ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ।

ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੀਆਂ ਹਾਨੀਆਂ – ਭਾਵੇਂ ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਲਾਭ ਹਨ ਪਰੰਤ ਇਸ ਦੀਆਂ ਕਈ ਹਾਨੀਆਂ ਵੀ ਹਨ। ਕਈ ਕਮੀਆਂ ਵੀ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਮੰਨ ਲਓ ਜਦੋਂ ਸਾਨੂੰ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਦਾ ਵਹਾਓ ਨਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਹ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਨਾ ਵਗਦੀ ਹੋਵੇ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਖੁੱਲਾ ਖੇਤਰ ਵੀ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਕ ਹੋਰ ਕਮੀ ਇਹ ਵੀ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਨਿਰਮਾਣ ਲਾਗਤ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੀ ਉਪਯੋਗ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀ ਬਣਤਰ ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ । ਕੋਈ ਚਾਰ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੈ ? ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ ਤੇ ਟਿੱਪਣੀ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ – ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ (ਯੰਤਰ) ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਸਿੱਧੇ ਹੀ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਊਰਜਾ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਵੀ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਵਿੱਚ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ (ਜਾਂ ਯੰਤਰ) ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਵਿੱਚ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਜਿਵੇਂ ਸਿਲੀਕਾਨ ਅਤੇ ਗੇਲੀਅਮ ਦੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ (ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਆਰਸਨਿਕ, ਬੋਰੋਨ, ਇੰਡਿਅਮ ਆਦਿ) ਮਿਲਾ ਦੇਣ ਨਾਲ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਵਧਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਤਾਪਮਾਨ ਵਧਾਉਣ ਨਾਲ ਵੀ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦਾ ਵਿਕਾਸ – ਅੱਜ ਤੋਂ ਲਗਭਗ 100 ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਇਹ ਖੋਜ ਹੋ ਚੁੱਕੀ ਸੀ ਕਿ ਸਲੇਨੀਅਮ ਦੀ ਪਤਲੀ ਪਰਤ ਨੂੰ ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਵੀ ਪਤਾ ਸੀ ਕਿ ਸਲੇਨੀਅਮ ਦੇ ਕਿਸੇ ਟੁਕੜੇ ਤੇ ਆਪਾਤੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਿਰਫ਼ 0.8% ਭਾਗ ਹੀ ਬਿਜਲੀ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਅਜਿਹੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਸੀ ਇਸ ਲਈ ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ ਇਸ ਪਰਿਘਟਨਾ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੀ ਕੋਈ ਅੱਗੇ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਨਹੀਂ ਹੋਈ ।

ਪਹਿਲਾਂ ਵਿਹਾਰਿਕ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਸੰਨ 1954 ਵਿੱਚ ਬਣਾਇਆ ਗਿਆ ਸੀ । ਇਹ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਲਗਭਗ 10% ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤਾ ਪੁਲਾੜ ਕਾਰਜਾਂ ਦੀ ਵੱਧਦੀ ਮੰਗ ਦੇ ਕਾਰਨ ਜ਼ਿਆਦਾ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਮਰੱਥਾ ਵਾਲੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਕਸਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਵਧੀ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਲਈ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨਾਲ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਵੱਧ ਗਈ ਹੈ । ਸਿਲੀਕਾਂਨ, ਗੈਲੀਅਮ ਅਤੇ ਜਰਮੇਨੀਅਮ ਜਿਹੇ ਅਰਧ-ਚਾਲਕਾਂ ਤੋਂ ਬਣੇ ਹੋਏ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ 10% ਤੋਂ 18% ਤੱਕ ਹੈ । ਸਲੇਨੀਅਮ ਤੋਂ ਬਣੇ ਆਧੁਨਿਕ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ 25% ਤੱਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
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ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਪੁਲਾੜ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ – ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿਆਂ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਵਿੱਚ ਭੇਜੇ ਗਏ ਖੋਜ ਦੇ ਯੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਪ੍ਰਯੋਜਨ ਕਰਨ ਲਈ ।
  2. ਪੇਂਡੂ ਬਿਜਲੀਕਰਨ – ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿਣ ਕਰਕੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੇਂਡੂ ਖੇਤਰਾਂ ਨੂੰ 24 ਘੰਟੇ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
  3. ਗਲੀਆਂ ਨੂੰ ਰੌਸ਼ਨ ਕਰਨਾ – ਛੋਟੇ ਸੁਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਅਤੇ ਸਟੋਰੇਜ ਬੈਟਰੀ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਸਟਰੀਟ ਲਾਈਟ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਤੰਭਾਂ (Light house) ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ !
  4. ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣਾ – ਖੇਤੀ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਲਈ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਜਲ ਪੰਪ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣ ਲਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਪਾਣੀ ਦਾ ਖਾਰਾਪਨ ਦੂਰ ਕਰਨ/ਸ਼ੁੱਧ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਯੰਤਰ – ਕਈ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਸ਼ਕਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਸ਼ੋਧਨ ਕਰਨ ਲਈ ਉਦਯੋਗ ਲਗਾਏ ਗਏ ਹਨ ।
  6. ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਉਤਪਾਦਨ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਦਾ ਬਿਜਲੀ ਅਪਘਟਨ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  7. ਸ਼ਕਤੀ ਫਾਰਮ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਵੱਡੇ ਪੈਨਲਾਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਜੋੜ ਕੇ ਅਧਿਕ ਸ਼ਕਤੀ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਉੱਚਿਤ ਵੈਗਾਂ ਨਾਲ ਇਸ ਨੂੰ ਦਿਸ਼ਟ ਧਾਰਾ (D.C.) ਅਤੇ ਪਰਤਵੀ ਧਾਰਾ (A.C.) ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਫਿਰ ਲੱਗੇ ਸ਼ਕਤੀ ਗਿੱਡ ਨਾਲ ਜੋੜ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  8. ਹੋਰ ਉਪਯੋਗ – ਉੱਚ ਸੁਯੋਗਤਾ ਵਾਲੇ ਸੈੱਲ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨੀ ਘੜੀਆਂ ਜਾਂ ਕੈਲਕੂਲੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵੀ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰਨ ਲਈ ਇੱਕ ਬਲਾਕ ਰੇਖਾ-ਚਿੱਤਰ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ – ਇਹ ਪੈਨਲ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਤੋਂ ਬਣਾਈ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਬਣਾਵਟ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਸਮੂਹਿਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਕੰਮ ਕਰਨ ਦੀ ਯੋਗਤਾ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤਰਤੀਬ ਦੇ ਕੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਅਜਿਹੀ ਥਾਂ ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੁੱਪ ਆਉਂਦੀ ਹੋਵੇ। ਪੈਨਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਬਦਲਣ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਵੀ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਸਿਲੀਕਾਨ ਅਤੇ ਗੈਲੀਅਮ ਵਰਗੇ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਣਾਏ ਗਏ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਪੈਨਲ ਤੇ ਜਦੋਂ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਦੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਾਰ ਵਰਗ ਸੈਂ.ਮੀ. ਦੇ ਇਕ ਸਰਜੀ ਸੈੱਲ ਨਾਲ 60 ਮਿ.ਲੀ. ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ ਤੋਂ ਡੀ.ਸੀ.ਆਉਟਪੁਟ ਲਗਪਗ 0.4 – 0.5 ਵੋਲਟ ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਘੱਟ ਜਾਂ ਵੱਧ ਗਿਣਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਘੱਟ ਜਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉਪਯੋਗ-

  1. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਬਣਾਉਟੀ ਵਿੱਚ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਖੋਜ ਯਾਨਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ । ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਨਿਊਕਲੀ (ਨਾਭਿਕੀ) ਵਿਖੰਡਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਨਿਊਕਲੀ (ਨਾਭਿਕੀ) ਵਿਖੰਡਨ ਦਾ ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਜਾਂ
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ-ਇਹ ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਭਾਰੀ ਪਰਮਾਣੂ (ਜਿਵੇਂ ਯੂਰੇਨੀਅਮ, ਪਲੂਟੋਨੀਅਮ ਜਾਂ ਥੋਰੀਅਮ) ਦੇ ਨਾਭਿਕ ਨੂੰ ਘੱਟ ਊਰਜਾ ਵਾਲੇ ਨਿਊਨ ਨਾਲ ਬੰਬਾਰੀ ਕਰਾ ਕੇ ਹਲਕੇ ਨਾਭਿਕਾਂ ਵਿੱਚ ਤੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਬਹੁਤ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਮੁਕਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਥੋੜ੍ਹੇ ਜਿਹੇ ਪੁੰਜ (mass) ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਅਤਿ ਅਧਿਕ ਊਰਜਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਮੁਲ ਨਾਭਿਕ ਅਤੇ ਉਪਜੇ ਨਾਭਿਕਾਂ ਦੇ ਪੁੰਜਾਂ ਦਾ Δm, ਉਰਜਾ E ਵਿੱਚੋਂ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ E = mc2 ਦੇ ਦੁਆਰਾ ਕੰਟਰੋਲ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਇਥੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਨਿਰਵਾਯੂ (ਖਲਾਅ ਵਿੱਚ ਚਾਲ ਹੈ । ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਇਲੈਕਟ੍ਰਾਨ ਵੋਲਟ ਦੇ ਨਾਭਿਕ ਨਾਲ ਪ੍ਰਗਟਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
1 ev = 1.602 × 10-19 J

ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ – ਯੂਰੇਨੀਅਮ-235 ਵਿੱਚ ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਧੀਮੀ ਗਤੀ ਵਾਲੇ ਨਿਊਾਨਾਂ ਦੀ ਬੰਬਾਰੀ ਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਯੂਰੇਨੀਅਮ-235 ਪਰਮਾਣੁਆਂ ਤੇ ਧੀਮੀ ਗਤੀ ਵਾਲੇ ਨਿਊਵਾਨਾਂ ਦੀ ਬੰਬਾਰੀ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਯੂਰੇਨੀਅਮ ਦਾ ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕ ਟੁੱਟ ਕੇ ਦੋ ਮੱਧਮ ਭਾਰ ਵਾਲੇ ਪਰਮਾਣੂ ਬੇਰੀਅਮ-139 ਅਤੇ ਕ੍ਰਿਪਾਨ94 ਬਣਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਤਿੰਨ ਨਿਉਟਾਂਨ ਉਤਸਰਜਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਖੰਡਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਯੂਰੇਨੀਅਮ ਦੇ ਕੁੱਝ ਪੁੰਜ ਦਾ ਨੁਕਸਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦੇ ਬਦਲੇ ਵਿੱਚ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 8

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਲਯਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਇਸ ਦਾ ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ – ਇਹ ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਦੋ ਹਲਕੇ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਪਰਸਪਰ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਇੱਕ ਭਾਰੀ ਨਿਉਕਲੀਅਸ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਰਜਾ ਦੀ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਥੋੜੇ ਜਿਹੇ ਪੁੰਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਉਦਾਹਰਨ – ਭਾਰੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਜਿਸਨੂੰ ਡਿਊਟੀਰੀਅਮ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਤੱਤ ਦਾ ਇੱਕ ਆਈਸੋਟੋਪ ਹੈ ਜਿਸਨੂੰ \({ }_{1}^{2} \mathrm{H}\) ਸੰਕੇਤ ਨਾਲ ਟਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਡਿਊਟੀਰੀਅਮ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂ ਨੂੰ ਉੱਚੇ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਡਿਉਟੀਰੀਅਮ ਦੇ ਦੋ ਨਾਭਿਕ (ਨਿਊਕਲੀਅਸ) ਪਰਸਪਰ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਹੀਲੀਅਮ ਦਾ ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕ ਬਣਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਮੁਕਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਸਮੀਕਰਨ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 9
ਸੂਰਜ ਅੰਦਰ ਭਾਰੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦਾ ਹੀਲੀਅਮ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਹੈ !

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਨਾਭਿਕੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਨਾਭਿਕੀ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ (Nuclear Fission) ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ (Nuclear Fusion)
(1) ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕ ਹਲਕੇ ਨਾਭਿਕ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (1) ਹਲਕੇ ਨਾਭਿਕ ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਦੇ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਲਈ ਤਾਪ ਦੀ ਲੋੜ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (2) ਇਸ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਲਈ ਤਾਪ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(3) ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀਆਂ ਉਪਜਾਂ ਆਮਤੌਰ ਤੇ ਰੇਡੀਓ ਐਕਟਿਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਨਿਪਟਾਨ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (3) ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਦੀ ਉਪਜ ਰੇਡੀਓ ਐਕਟਿਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਨਿਪਟਾਉਣ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(4) ਇਹ ਇੱਕ ਨਿਯੰਤ੍ਰਿਤ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਹੈ । (4) ਇਹ ਇੱਕ ਅਨਿਯੰਤ੍ਰਿਤ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਹੈ ।
(5) ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (5) ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(6) ਇਹ ਪਰਮਾਣੂ ਬੰਬ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਆਧਾਰ ਹੈ । (6) ਇਹ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਬੰਬ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਆਧਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(7) ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਵਿਖੰਡਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਬਾਲਣ ਬਹੁਤ ਮਹਿੰਗਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (7) ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥ ਸਸਤੇ ਅਤੇ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪਥਰਾਟ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਜਾਂ ਫਾਂਸਿਲ – ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਕਠੋਰ ਭਾਗ ਜਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਚੱਟਾਨਾਂ ਤੇ ਬਣੇ ਕੁੱਝ ਪੁਰਾਣੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਜਿਹੜੇ ਸਾਨੂੰ ਚੱਟਾਨਾਂ ਦੀ ਖੁਦਾਈ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਮਿਲਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਫਾਂਸਿਲ ਲਾਤੀਨੀ (Latin) ਭਾਸ਼ਾ ਦਾ ਸ਼ਬਦ ਹੈ, ਜਿਸ ਦਾ ਅਰਥ ‘ਪੁੱਟ ਕੇ ਕੱਢੀ ਗਈ ਵਸਤੂ’’ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀਆਂ ਹੱਡੀਆਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਿੰਜਰ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪੈਰ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਪੰਜੇ ਜਾਂ ਪੰਜਿਆਂ ਦੇ ਛਪੇ ਹੋਏ ਨਿਸ਼ਾਨ ਸਾਰੇ ਪਥਰਾਟ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ ਬਾਰੇ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਇਸ ਦੀਆਂ ਢੁੱਕਵੀਆਂ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ । ਉਰਜਾ ਸੰਕਟ ਨਾਲ ਨਿਪਟਣ ਲਈ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਲਈ ਧਿਆਨ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੋ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ-ਜੀਵ – ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਜੋ ਧਰਤੀ ਹੇਠਾਂ ਦੱਬੇ ਰਹੇ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਕੇ ਬਣੇ ਬਾਲਣ, ਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ-ਕੋਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।
ਊਰਜਾ ਸੰਕਟ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ-
ਊਰਜਾ ਸੋਮੇ ਜਿਵੇਂ ਕੋਲਾ, ਤੇਲ ਅਤੇ ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ) ਦੇ ਖ਼ਤਮ ਹੋਣ ਦੇ ਡਰ ਤੋਂ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗਾਂ ਰਾਹੀਂ ਬਚਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

  1. ਸਾਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਬਹੁਤ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕੇਵਲ ਉਸ ਸਮੇਂ ਇਸ ਬਾਲਣ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਨਵਿਆਉਣਯੋਗ ਸਰੋਤ ਨਾ ਮਿਲੇ ।
  2. ਸਾਨੂੰ ਨਵੀਂ ਟੈਕਨਾਲੋਜੀ ਪਤਾ ਲਰਵਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਜੋ ਅਸੀਂ ਊਰਜਾ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਨਵੇਂ ਊਰਜਾ ਸਰੋਤ ਜਿਵੇਂ-ਜੈਵ ਪੁੰਜ (ਬਾਇਓਮਾਸ) ਜਾਂ ਸੂਰ ਆਦਿ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਸਕੀਏ ।
  3. ਸਾਨੂੰ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਵਿਅਰਥ ਨਸ਼ਟ ਨਹੀਂ ਹੋਣ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਤੇਜ਼ ਦਰ ਨਾਲ ਕਰੀਏ ਤਾਂ ਉਸ ਦਾ ਸਿੱਟਾ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ? ਕਾਰਨ ਸਹਿਤ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਧਰਤੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਬਹੁਤ ਧੀਮੀ ਗਤੀ ਨਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਅਸਾਧਾਰਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਬਣੇ ਹਨ । ਵੱਖ ਹੋਏ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਤੋਂ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਬਣਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕਰੋੜਾਂ ਸਾਲ ਲੱਗ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤੇ ਜਿਹੜੇ ਫਾਂਸਿਲ ਬਾਲਣ ਅਸੀਂ ਅੱਜ-ਕੱਲ੍ਹ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚੋਂ ਖੋਦ ਕੇ ਕੱਢ ਰਹੇ ਹਾਂ ਉਹ ਕਰੋੜਾਂ ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚ ਦੱਬੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਤੋਂ ਬਣੇ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਕਰਾਂਗੇ ਤਾਂ ਉਹ ਛੇਤੀ ਹੀ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
L.P.G. ਨੂੰ ਇੱਕ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਕਿਉਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
L.P.G, ਇੱਕ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ-L.P.G. ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਕਰਕੇ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-

  1. L.P.G. ਦਾ ਕੈਲੋਰੀ ਮੁੱਲ ਵੱਧ ਹੈ ।
  2. L.P.G. ਦਾ ਪ੍ਰਚਲਨ ਤਾਪਮਾਨ ਵਧੇਰੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. LP.G. ਦੇ ਬਲਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  4. L.P.G. ਦੀ ਬਲਣ ਦਰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  5. L.P.G. ਵਿੱਚ ਅਜਲਣਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕਿਸੇ ਚੰਗੇ ਬਾਲਣ ਦੀਆਂ ਕੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਜਾਂ
ਚੰਗੇ ਬਾਲਣ ਦੀਆਂ ਘੱਟੋ-ਘੱਟ 6 ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਈਆਂ ਲਿਖੋ ।
ਜਾਂ
ਚੰਗੇ ਬਾਲਣ ਦੇ ਗੁਣ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗੇ (ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਦੇ ਗੁਣ-

  1. ਇਸ ਦਾ ਕੈਲੋਰੀ-ਮੁੱਲ ਵੱਧ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਬਾਲਣ ਦਾ ਪ੍ਰਜਲਣ ਤਾਪਮਾਨ ਉੱਚਿਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਬਾਲਣ ਦੀ ਬਲਣ ਦਰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਬਾਲਣ ਵਿੱਚ ਅਜਲਣਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਜਿੰਨੀ ਘੱਟ ਹੋਵੇ ਓਨਾ ਹੀ ਚੰਗਾ ਹੈ ।
  5. ਬਲਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  6. ਬਾਲਣ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਸੁਖਾਲੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਬਾਲਣ ਸਸਤਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਸਟੋਰ ਕਰਨਾ ਅਤੇ ਲਿਜਾਣਾ ਸੌਖਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਕਿਵੇਂ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਅਤੇ ਹਾਨੀਆਂ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਹਾਈਡਲ (ਪਣ) ਪਾਵਰ ਪਲਾਂਟ ਵਿਚ ਬਿਜਲੀ ਕਿਵੇਂ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਦਾ ਬੁਨਿਆਦੀ ਸਿਧਾਂਤ – ਨਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵਹਿੰਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਬੰਨ੍ਹ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਇਕੱਠਾ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹੁਣ ਬੰਧ ਪੱਧਰ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਤਲ ਦੇ ਨੇੜੇ ਲਗਾਏ ਗਏ ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ਤੇ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਡਿੱਗਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਨੂੰ ਘੁੰਮਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦੇ ਆਰਮੇਚਰ ਨੂੰ ਘੁੰਮਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 10
ਲਾਭ-

  1. ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਫਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ |
  2. ਪਣ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਨਹਿਰਾਂ ਤੋਂ ਸਿੰਚਾਈ ਲਈ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਹਾਨੀਆਂ-

  1. ਵਾਤਾਵਰਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕਈ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੀਵ ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦਾ ਕੁਦਰਤੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਮਾਜਿਕ ਜੀਵਨ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਲੋਕ ਆਪਣੀ ਜ਼ਮੀਨ ਤੋਂ ਵਾਂਝੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜੈਵ ਪੁੰਜ ਜਾਂ ਬਾਇਓ ਮਾਸ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੈਵ ਪੰਜ – ਪੌਦਿਆਂ (ਜਾਂ ਬਨਸਪਤੀਆਂ) ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਜੈਵ ਪੁੰਜ ਜਾਂ ਬਾਇਓਮਾਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਕੋਈ ਚਾਰ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ – ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਦੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਹੋਂਦ ਅਤੇ ਆਕਸਜੀਨ ਦੀ ਗੈਰਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਲਘੂਕਰਨ ਨਿਮਨੀਕਰਨ) ਦੌਰਾਨ ਮੀਥੇਨ (CH4) ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ (CO2), ਹਾਈਡਰੋਜਨ (H2) ਅਤੇ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ (N2) ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਤੱਤ ਮੀਥੇਨ ਹਨ ।

ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਅਤੇ ਸੰਘਟਨ
ਮੀਥੇਨ = 50% ਤੋਂ 70%
ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ = 30% ਤੋਂ 40
ਹਾਈਡਰੋਜਨ = 5% ਤੋਂ 10%
ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ = 1% ਤੋਂ 25%
ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ = ਥੋੜ੍ਹੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ

ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਇਹ ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣ ਲਈ ਬਾਲਣ ਦੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਇੰਜਣ ਚਲਾਉਣ ਦੇ ਲਈ ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । (iii) ਇਹ ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਰੌਸ਼ਨੀ ਕਰਨ ਲਈ ਵੀ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੇ ਕਾਰਨ-

  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਸਿੱਧੇ ਹੀ ਪਾਥੀਆਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਉਸ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਵਰਗੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਾਫ-ਸੁਥਰਾ ਬਾਲਣ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਫਾਲਤੂ ਸਲਰੀ ਨੂੰ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਪਾਥੀਆਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਧੂੰਆਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਾਰਨ ਦੱਸੋਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਸਮਝੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਧੁਨਿਕ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦਰਅਸਲ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਲਾਹੇਵੰਦ ਹੈ । ਇਸ ਪਲਾਂਟ ਦੁਆਰਾ ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਨੂੰ ਸੌਖ ਨਾਲ ਆਕਸੀ-ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਤੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਮੀਥੇਨ, CO2, H2, H2S ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਹੜੀ ਕਿ ਇਕ ਬਹੁਤ ਲਾਭਦਾਇਕ ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਬਾਲਣ ਹੈ । ਇਸ ਬਾਲਣ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਗੈਸ ਸਟੋਵ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੁੱਟ ਜਿਹੜਾ ਘੋਲ ਬਾਕੀ ਬਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਉਸ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਹੜੀ ਕਿ ਇਕ ਵਧੀਆ ਅਜੈਵਿਕ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਸਾਰੀ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵੀ ਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਕੇ ਕਿਸਾਨ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਸਿੰਜਾਈ ਕਰਨ ਲਈ ਪੰਪ ਸੈਟ ਤੇ ਇੰਜਣ ਚਲਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਡੀਜ਼ਲ ਨਾਲੋਂ ਸਸਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਉਪਯੋਗਾਂ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਸਮੂਹਿਕ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਿਲ ਕੇ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਸਮੂਹਿਕ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਲਾਂਟ ਅੱਗੇ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਲਗਾਏ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ-

  1. ਕਈ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਲਾਂਟ ਨੂੰ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਰੱਖਣ ਲਈ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਸ਼ੂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ।
  2. ਪਰਿਵਾਰ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਖ਼ਰਚੇ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਅਸਮਰੱਥ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  3. ਕਈ ਪਲਾਂਟ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਥਾਂ ਇਕ ਹੀ ਪਲਾਂਟ ਲਗਾਉਣਾ ਸਸਤਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ (ਜੀਵ ਗੈਸ) ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੇ ਕਾਰਨ-

  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਸਿੱਧਾ ਹੀ ਕੰਢਿਆਂ (ਪਾਥੀਆਂ) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਾਲਣ ਨਾਲ ਉਸ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਜਿਹੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜੀਵ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਸੁਥਰਾ ਬਾਲਣ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਲਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਵਜੋਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਕੰਢਿਆਂ (ਪਾਥੀਆਂ) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਾਲਣ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੂੰਆਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
    ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਭੋਜਨ ਪਕਾਉਣ ਲਈ ਕੰਢਿਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੀ ਥਾਂ ਤੇ ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਕਿਉਂ ਚੰਗਾ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਤਿੰਨ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਗੋਬਰ ਜਲਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੂੰਆਂ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਤੋਂ ਹਵਾ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਕਰਨ ਨਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਕਾਰਨ ਇਸ ਨੂੰ ਚੰਗਾ ਸਮਝਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

  1. ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਬਲਦੀ ਹੈ ।
  2. ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਾਫੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਸ਼ਮਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
  3. ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਬਚਿਆ ਹੋਇਆ ਬੇਲੋੜਾ ਪਦਾਰਥ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਦੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਸੂਰਜ ਦੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਮਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਦੀ ਕੋਰ ਵਿੱਚ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਚਾਲ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਇਹ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਟਕਰਾਉਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਸੰਯੋਜਿਤ ਹੋ ਕੇ ਵੱਧ ਪੁੰਜ ਵਾਲੇ ਭਾਰੀ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਨਿਉਕਲੀ ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਸੂਰਜ ਦੇ ਕੋਰ ਵਿੱਚ ਲਗਭਗ 1.4 × 107K ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਦਕਿ ਬਾਹਰ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ 6000 K ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਾਪਮਾਨ ਦੇ ਅੰਤਰ ਕਾਰਨ 4 × 1026 ਵਾਟ (ਜੁਲ ਪ੍ਰਤੀ ਸੈਕਿੰਡ) ਉਰਜਾ ਵਿਕਸਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰੰਤੁ ਇਸ ਕਾਰਨ ਸੂਰਜ ਠੰਢਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਊਰਜਾ ਦੇ ਵਿਕਿਰਿਤ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਪੁੰਜ ਵਿੱਚ ਕਮੀ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਜੋ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਊਰਜਾ ਸਾਨੂੰ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਧਰਤੀ ਸੂਰਜ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸੂਰਜ ਵਿਚਲੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਭਾਰੇ ਆਈਸੋਟੋਪ ਡਿਊਟੀਰੀਅਮ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਸੂਰਜ ਅੰਦਰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਟਕਰਾ ਕੇ ਹੀਲੀਅਮ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਊਰਜਾ ਵੀ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ । ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਸੰਯੋਜਨ ਲਈ ਨਿਊਕਲੀਅਸਾਂ ਦਾ ਅਧਿਕ ਚਾਲ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਣਾ ਤਾਂ ਹੀ ਸੰਭਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੇਕਰ ਸੂਰਜ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ 4000000°C ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਸੂਰਜ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਉਰਜਾ ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਸਿੱਟਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਜੇਕਰ ਸੂਰਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾਲ ਸੋਮਾ ਹੈ ਫਿਰ ਵੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਕੇਵਲ ਸੀਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਕਿਉਂ ਲਿਆਈ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਸਾਡੀ ਧਰਤੀ ਤੇ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵਿਸ਼ਾਲ ਸਰੋਤ ਹੈ । ਇਹ ਊਰਜਾ ਸਾਡੇ ਤਕ ਬਹੁਤ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਦੇ ਓਪਰੀ ਭਾਗ ਦੇ ਹਰੇਕ ਵਰਗ ਮੀਟਰ ਦੁਆਰਾ 136kJ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਤੀ ਸੈਕਿੰਡ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ 47% ਭਾਗ ਧਰਤੀ ਤਲ ਦੇ ਹਰੇਕ ਵਰਗ ਮੀਟਰ ਤਕ ਇਕ ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚਦਾ ਹੈ । ਉਰਜਾ ਦੀ ਇਹ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਮਾਤਰਾ ਵੀ ਸਮਾਨ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਹੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਕੇਵਲ ਸੀਮਿਤ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਕੰਮਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਉਪਯੋਗ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਚਾਰ ਦੈਨਿਕ ਉਪਯੋਗ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ।

  1. ਕੱਪੜੇ ਸੁਕਾਉਣ ਲਈ
  2. ਸਮੁੰਦਰੀ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਲੂਣ ਬਣਾਉਣ ਲਈ
  3. ਫ਼ਸਲ ਕੱਟਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਅਨਾਜ ਵਿੱਚ ਨਮੀ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਕਰਨ ਲਈ
  4. ਸਬਜ਼ੀਆਂ, ਫਲ ਅਤੇ ਮੱਛੀ ਸੁਕਾਉਣ ਲਈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਿੱਧੇ ਜਾਂ ਅਸਿੱਧੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਤਾਪ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠਾ ਕਰਕੇ ਜਾਂ ਬਿਜਲੀ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਰਸਾਇਣਿਕ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਮੁੰਦਰੀ ਲਹਿਰਾਂ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਦਾ ਦੋਹਨ ਕਰਕੇ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਅਸਿੱਧੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਦਾ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਦਾ ਮਹੱਤਵ-ਤਾਪ ਰੋਧੀ ਬਕਸੇ ਵਿੱਚ ਕਾਲੀ ਪੱਟੀ ਦੀ ਉੱਪਰਲੀ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਨਾਲ ਢੱਕ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਦਾ ਇਹ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਗੁਣ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਇਨਫਰਾਰੈਡ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਅੰਦਰ ਲੰਘਣ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਸ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਇਨਫਰਾਰੈੱਡ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਲਈ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਅਧਿਕ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਤਸਰਜਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਤੋਂ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਤੁਲਨਾਤਮਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਤਾਪ ਤੇ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਦੋ ਪਰਿਸੀਮਾਵਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਦੀਆਂ ਪਰਿਸੀਮਾਵਾਂ-

  • ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਉੱਚ ਤਾਪ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਜੁਗਤਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਇਲਾਵਾ ਇਕ ਹੀ ਸਥਾਨ ਤੇ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਸਮਾਨ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਬਲਕਿ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਬਦਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਜੁਗਤ ਮੀਂਹ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਅਸਮਰੱਥ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਸਾਰੇ ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਨੂੰ ਸੂਰਜ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਬਦਲਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਧੁੱਪ ਸਿੱਧੀ ਪਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਸਾਡੀ ਊਰਜਾ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਦੀ ਅਪੂਰਤੀ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨਾਲ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ? ਦੋ ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੇਕਰ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਬਹੁਤ ਸੁਵਿਧਾਜਨਕ ਹੈ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਸੰਬੰਧਿਤ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਲਈ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ । ਇਸ ਦੇ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਹਨ-

  1. ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਕਾਰਜ ਸਮਰੱਥਾ ਕੇਵਲ 20% ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਰਾਤ ਨੂੰ ਆਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਜਾਂ ਬੱਦਲ ਦੇ ਸਮੇਂ ਕੰਮ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।
  3. ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਬਹੁਤ ਮਹਿੰਗਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਉਨ੍ਹਾਂ ਚਾਰ ਖੇਤਰਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ਜਿੱਥੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਊਰਜਾ ਸਰੋਤ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਬਣਾਉਟੀ ਭੂ-ਉਪਹਿ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਖੋਜ ਵਿੱਚ ।
  2. ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਿਕ ਉਪਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ।
  3. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿਵਸਥਾ ਅਤੇ ਦੂਰਦਰਾਜ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਟੈਲੀਵਿਜ਼ਨ ਕਾਰਜਕੂਮਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਸਾਰਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ।
  4. ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਤੰਭਾਂ (Light House) ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਵਾਲੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਇਹ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਪਿਛਲੇ ਕੁਝ ਦਹਾਕਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਮਹੱਤਵ ਕਿਉਂ ਵੱਧ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਤੱਤ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਕੀਮਤ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਅਧਿਕ ਸਮਰੱਥਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਤੋਂ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿਆਂ, ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਉਪਕਰਨਾਂ, ਦੂਰ ਸੰਚਾਰ ਸਾਧਨਾਂ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਸਰਲਤਾ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਨਾਂ ਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਸੋਲਰ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਮਹੱਤਵ ਪਿਛਲੇ ਦਹਾਕੇ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਕੇਵਲ ਕੁੱਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਕਿਉਂ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ? ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਸਾਰੇ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ਇਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਸੰਭਵ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਅਨੁਕੂਲ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਹੋਣ । ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ-

  1. ਪੌਣ ਦੀ ਗਤੀ 15 ਕਿ.ਮੀ. /ਘੰਟਾ ਜਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  2. ਸਾਰਾ ਸਾਲ ਪੌਣ ਨੂੰ ਇਸੇ ਗਤੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਦਿਨ 12 ਘੰਟੇ ਜਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਸਮੇਂ ਲਈ ਵਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਹ ਸ਼ਰਤਾਂ ਪੂਰੀਆਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਰਧ ਚਾਲਕ-ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕ ਚਾਲਕਾਂ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਪਰੰਤੂ ਰੋਧਕਾਂ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਪਦਾਰਥ ਜਰਮੇਨੀਅਮ ਅਤੇ ਸਿਲੀਕਾਂਨ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਪੌਣ-ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚੱਲਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ-ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹਵਾ ਨੂੰ ਪੌਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਪੌਣ ਦਾ ਚਲਨਾ – ਧਰੁਵੀ ਖੇਤਰਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਫਲਸਰੂਪ ਭੂਮੱਧ ਰੇਖੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੇ ਤਲ ਦੇ ਨੇੜੇ ਹਵਾ ਛੇਤੀ ਹੀ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉੱਪਰ ਵਲ ਨੂੰ ਉੱਠਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਖਾਲੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ਨੂੰ ਭਰਨ ਲਈ ਧਰੁਵੀ ਖੇਤਰਾਂ ਦੀ ਠੰਢੀ ਹਵਾ ਭੂ-ਮੱਧ ਖੇਤਰਾਂ ਵੱਲ ਵਹਿਣ ਲਗਦੀ ਹੈ । ਹਵਾ ਦੇ ਇਸ ਬਹਾਓ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਦਾ ਘੁੰਮਣਾ ਲਗਾਤਾਰ ਰੁਕਾਵਟ ਪਾਉਂਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਅਜਿਹੇ ਤਿੰਨ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ਜਿਹੜੇ ਪੌਣ ਨੂੰ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਕਰਨ ਲਈ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹੋਣ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਨੂੰ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ-

  1. ਸੂਰਜ ਦੀ ਸਥਿਤੀ
  2. ਹਵਾ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਦਾ ਅੰਤਰ
  3. ਹਵਾ ਦੇ ਦਬਾਓ ਦਾ ਅੰਤਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਕਿਸੇ ਬੰਨ੍ਹ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤੀ ਗਈ ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਨੂੰ ਸੋਲਰ ਊਰਜਾ ਦਾ ਹੀ ਹੋਰ ਰੂਪ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਹਿੰਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਬਿਜਲੀ ਨੂੰ ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਸੂਰਜੀ ਸੋਲਰ ਊਰਜਾ ਦੀ ਊਸ਼ਮਾ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰ, ਦਰੱਖ਼ਤਾਂ ਦੇ ਪੱਤੇ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਉਪਸਥਿਤ ਜਲ ਸਰੋਤਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਜਲ ਦਾ ਵਾਸ਼ਪੀਕਰਨ ਕਰਨ ਲਈ ਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਤਪਾਦਿਤ ਜਲਵਾਸ਼ਪ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਉੱਪਰ ਵਲ ਉੱਠਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਜਲਵਾਸ਼ਪ ਠੰਢੇ ਹੋ ਕੇ ਵਾਪਸ ਮੀਂਹ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗਦੇ ਹਨ । ਮੀਂਹ ਦਾ ਪਾਣੀ ਜਾਂ ਫਿਰ ਬਰਫ਼ ਦੇ ਪਿਘਲਣ ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਪਾਣੀ ਬੰਨ੍ਹ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠਾ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੁਰਜੀ ਉਰਜਾ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਇਕੱਠੇ ਕੀਤੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਤੀਬਰ ਗਤੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਹੁਣ ਇਹ ਤੀਬਰ ਗਤੀ ਦਾ ਪਾਣੀ ਟਰਬਾਈਨ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਯੰਤਿਕ ਉਰਜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਪਣਬਿਜਲੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਇਕ ਹੋਰ ਰੂਪ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਪਣ-ਊਰਜਾ ਦਾ ਇੱਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਪ੍ਰਤਿਬੰਧ ਦੱਸੋ । ਇਸ ਦਾ ਲਾਭ ਵੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਣ – ਊਰਜਾ ਦਾ ਇਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਪ੍ਰਤਿਬੰਧ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਪਣ-ਚੱਕੀ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਵਹਿ ਰਿਹਾ ਜਲ ਹਰੇਕ ਥਾਂ ਤੇ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਲਈ ਪਣ-ਉਰਜਾ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੇਵਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਵਹਿੰਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋਵੇ । ਪਣ-ਊਰਜਾ ਦਾ ਇਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਲਾਭ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨਾਲ ਪਰਿਆਵਰਣ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ (Ocean Thermal Energy) – ਸਮੁੰਦਰ, ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਵੱਡੇ ਭੰਡਾਰ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਉਰਜਾ ਦੇ ਇਸ ਸੋਮੇ ਨੂੰ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਂਦਾ ਜਾ ਸਕੇ ਤਾਂ ਸਾਨੂੰ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ । ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਇਸ ਦੀ ਲਗਭਗ 1000 m ਡੂੰਘਾਈ ਵਿਚਕਾਰ ਤਾਪਮਾਨ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਕਈ ਥਾਂਵਾਂ ‘ਤੇ ਤਾਂ ਤਾਪ ਵਿੱਚ ਇਹ ਅੰਤਰ 20°C ਤਕ ਵੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਡੂੰਘਾਈ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਤਾਪ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਪਲੱਬਧ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਉਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ ਦੋ ਰੂਪਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  • ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨਾਲ ਪੌਣਾਂ ਚਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਮੁੰਦਰ ਤਲ ਤੇ ਵਹਿਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪੌਣਾਂ ਜਲ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤਟਾਂ ਨਾਲ ਲਗਾਤਾਰ ਵਹਿਣ ਲਈ ਗਤੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮਾਂ ਨੂੰ ਕਰਵਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਬਣਦੀ ਹੈ ।
  • ਸ਼ਰਜ ਦੀ ਗਰਮੀ ਤੋਂ ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਦਾ ਪਾਣੀ ਗਰਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਸ ਦੀਆਂ ਲਹਿਰਾਂ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ ਬਦਲਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ (OTE) ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਸਮੁੰਦਰ ਊਰਜਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਭੰਡਾਰ ਹਨ । ਇਸ ਕਥਨ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁੰਦਰ ਊਰਜਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਭੰਡਾਰ-ਸਮੁੰਦਰ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਭੰਡਾਰ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਉਰਜਾ ਉਤਪੱਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-

  1. ਸਮੁੰਦਰ ਦੀਆਂ ਲਹਿਰਾਂ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਵਿਭਿੰਨ ਸੜਾਵਾਂ ਦੇ ਤਾਪ ਦੇ ਅੰਤਰ ਤੋਂ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  3. ਚੰਨ ਅਤੇ ਸੂਰਜ ਦੇ ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੈਦਾ ਜਵਾਰ ਭਾਟਾ ਤੋਂ ਟਰਬਾਈਨ ਘੁੰਮਾ ਕੇ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸਾਗਰ ਤੱਟਾਂ ਤੇ ਰਹਿਣ ਵਾਲਿਆਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਬਣ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  4. ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਦੇ ਵਿਭਿੰਨ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਲੂਣਾਂ ਦੀ ਸੰਘਣਤਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  5. ਸਮੁੰਦਰੀ ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਲਾਭ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ (Geothermal Energy) – ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਹੇਠਲੇ ਗਰਮ ਚੱਟਾਨਾਂ ਦੇ ਸੋਮੇ ਨੂੰ ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਧਰਤੀ ਦੇ ਮੱਧ ਭਾਗ ਦੇ ਬਹੁਤ ਗਰਮ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਹੈ । ਇਹ ਸਿੱਧੇ ਜਾਂ ਅਸਿੱਧੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸੂਰਜ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੇ ਹੇਠਲੀਆਂ ਪਿਘਲੀਆਂ ਚੱਟਾਨਾਂ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਮੈਗਮਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਮਾ ਹਨ ।

ਜਦੋਂ ਮੈਗਮਾ ਕੁੱਝ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਨੇੜੇ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਗਰਮ ਸਥਾਨ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਵਾਲਾ ਪਾਣੀ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਭਾਫ਼ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਭਾਫ਼ ਚੱਟਾਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਫਸ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬਹੁਤ ਉੱਚੇ ਦਬਾਅ ਤੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਜ਼ਮੀਨ ਅੰਦਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਗਰਮ ਸਥਾਨਾਂ ਤਕ ਪਾਈਪ ਖੋਭੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਭਾਫ਼ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਦਬਾਅ ਨਾਲ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਭਾਫ਼ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਦੇ ਚਲਣ ਨਾਲ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਲਾਭ-

  1. ਸਾਰਾ ਸਾਲ ਪ੍ਰਤੀਦਿਨ 24 ਘੰਟੇ ਤੱਕ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  2. ਕਿਉਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਬਾਲਣ ਨਹੀਂ ਜਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।
  3. ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਲਾਗਤ ਵੀ ਘੱਟ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਉਰਜਾ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਸੰਯਨ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਅੰਤਰ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਕ ਗ੍ਰਾਮ ਯੂਰੇਨੀਅਮ ਨੂੰ ਵਿਖੰਡਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਲਗਭਗ 6.2 × 1010 ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰੰਤੂ ਜਦੋਂ 1 ਗ੍ਰਾਮ ਡਿਊਟੇਰੀਅਮ ਨੂੰ ਸੰਧਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ 2.3 × 1012J ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰਮਾਣੂ ਵਿਖੰਡਨ ਨੂੰ ਸੰਯਨ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਅਧਿਕ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਵਿਖੰਡਨ ਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਰੇਡੀਓ ਸਭਿਅਤਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਪਰਿਣਾਮਸਰੂਪ ਗੁਣ ਸੂਤਰਾਂ ਅਤੇ ਜੀਨਸ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਲੱਡ ਕੈਂਸਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕਈ ਦੋਸ਼ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਊਰਜਾ ਦੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਅਤੇ ਅਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਊਰਜਾ ਦੇ ਨਵੀਨੀਕਰਨ ਅਤੇ ਅਨਵੀਨੀਕਰਨ ਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਊਰਜਾ ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੋਮਿਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੁਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ-ਉਰਜਾ ਦੇ ਉਹ ਸੋਮੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਖ਼ਪਤ ਹੋ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਦੁਬਾਰਾ ਉਤਪਾਦਿਤ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ, ਊਰਜਾ ਦੇ ਅਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣ ਲਈ ਅਸੀਂ ਕੋਲਾ, ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਲ, ਐਲ. ਪੀ. ਜੀ. ਆਦਿ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹਾਂ । ਸਰਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਕੋਲਾ ਵੀ ਗਰਮੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਬਾਲਦੇ ਹਨ । ਇਕ ਵਾਰ ਵਰਤੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੁਬਾਰਾ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ । ਦਰੱਖ਼ਤਾਂ-ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਲੱਕੜੀ ਵੀ ਇਸੇ ਸੋਮੇ ਅਧੀਨ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਸੀਮਿਤ ਹਨ । ਇਹ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪੂਰਤੀਯੋਗ ਸੋਮੇ – ਉਰਜਾ ਦੇ ਉਹ ਸੋਮੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਪੁਨਰ-ਉਤਪਾਦਨ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਰਜਾ ਦੇ ਪੁਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸੂਰਜ, ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਮਿੱਟੀ ਆਦਿ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਇਹ ਦੁਬਾਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਤੋਂ ਕੋਈ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਫੈਲਦਾ । ਇਹ ਅਸੀਮ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਕੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਸਾਰੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ? ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਊਰਜਾ ਦੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਰਕੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਲਗਭਗ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਰਹਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਊਰਜਾ ਦੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸੂਰਜ, ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਖੇਤੀ ਦਾ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ, ਲੱਕੜੀ ਅਤੇ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਗੋਬਰ ਆਦਿ । ਸੂਰਜ, ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਮਾ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜੈਵ ਮਾਤਰਾ (ਜਲਾਉਣ ਵਾਲੀ ਲੱਕੜੀ, ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਗੋਬਰ, ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਵਿਘਟਨਕਾਰੀ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥ, ਫ਼ਸਲਾਂ ਦਾ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਆਦਿ) ਨੂੰ ਜਲਾਉਣ ਤੇ ਇਹ ਊਰਜਾ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਤਸਰਜਿਤ ਹੋਇਆ ਧੂਆਂ ਹਵਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਚੱਕੀ- ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਪੰਣ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੁਆਰਾ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 5

ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੀ ਰਚਨਾ – ਜਦੋਂ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਘੁੰਮਣ ਵਾਲੀ ਸ਼ਾਫਟ ਵਗਦੀ ਹੋਈ ਪੌਣ, ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਉਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਇਕ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਘੁੰਮਣ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਉਸ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬਣਤਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੇ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪੱਖਾ ਸਮਝਿਆ। ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਕਿਉਂਕਿ ਜਦੋਂ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ, ਪਰੰਤ ਜਦੋਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 6

ਘੁੰਮਦੇ ਹੋਏ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਨਾਲ ਕਣਕ ਪੀਸਣ ਵਾਲੀ ਚੱਕੀ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਘੁਮਿਆਰ ਦਾ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਬਰਤਨਾਂ ਦਾ ਚੱਕਾ ਘੁੰਮਾਉਣਾ ਆਦਿ ਕਾਰਜ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਅਜਿਹੇ ਹੀ ਸਥਾਨ ਤੇ ਲਗਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਹਵਾ ਵੀ ਲਗਭਗ ਪੂਰਾ ਸਾਲ ਤੀਬਰ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੀ ਬੈਂਕ ਇੱਕ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦੇ ਪਿਸਟਨ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਹਵਾ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਚੱਕੀ ਦਾ ਪਹੀਆ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨਾਲ ਜੁੜਿਆ ਧੁਰਾ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਧੁਰੇ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬੈਂਕ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਹੋਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪੰਪ ਦੀ ਪਿਸਟਨ ਛੜ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਉਪਯੋਗ – ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਉਪਯੋਗ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਕਿ-

  1. ਪੌਣ ਕਿਸ਼ਤੀਆਂ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  2. ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਨਾਲ ਆਟਾ ਚੱਕੀਆਂ ਤੇ ਜਲ ਪੰਪ ਆਦਿ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  3. ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੁਆਰਾ ਉਡਾਨ ਭਰਨ ਲਈ ।
  4. ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ।

ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੀਆਂ ਹਾਨੀਆਂ – ਭਾਵੇਂ ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਲਾਭ ਹਨ ਪਰੰਤ ਇਸ ਦੀਆਂ ਕਈ ਹਾਨੀਆਂ ਵੀ ਹਨ। ਕਈ ਕਮੀਆਂ ਵੀ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਮੰਨ ਲਓ ਜਦੋਂ ਸਾਨੂੰ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਦਾ ਵਹਾਓ ਨਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਹ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਨਾ ਵਗਦੀ ਹੋਵੇ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਖੁੱਲਾ ਖੇਤਰ ਵੀ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਕ ਹੋਰ ਕਮੀ ਇਹ ਵੀ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਨਿਰਮਾਣ ਲਾਗਤ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕਿਵੇਂ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ – ਇਹ ਪੈਨਲ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਤੋਂ ਬਣਾਈ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਬਣਾਵਟ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਸਮੂਹਿਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਕੰਮ ਕਰਨ ਦੀ ਯੋਗਤਾ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤਰਤੀਬ ਦੇ ਕੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਅਜਿਹੀ ਥਾਂ ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੁੱਪ ਆਉਂਦੀ ਹੋਵੇ। ਪੈਨਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਬਦਲਣ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਵੀ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਸਿਲੀਕਾਨ ਅਤੇ ਗੈਲੀਅਮ ਵਰਗੇ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਣਾਏ ਗਏ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਪੈਨਲ ਤੇ ਜਦੋਂ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਦੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਾਰ ਵਰਗ ਸੈਂ.ਮੀ. ਦੇ ਇਕ ਸਰਜੀ ਸੈੱਲ ਨਾਲ 60 ਮਿ.ਲੀ. ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ ਤੋਂ ਡੀ.ਸੀ.ਆਉਟਪੁਟ ਲਗਪਗ 0.4 – 0.5 ਵੋਲਟ ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਘੱਟ ਜਾਂ ਵੱਧ ਗਿਣਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਘੱਟ ਜਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉਪਯੋਗ-

  1. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਬਣਾਉਟੀ ਵਿੱਚ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਖੋਜ ਯਾਨਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ । ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਊਰਜਾ ਦਾ ਅਨੰਤ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਕਿਹੜਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮਿਆਂ ਨੂੰ ਕਿੰਨੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਦੇ ਸੋਮਿਆਂ ਨੂੰ ਦੋ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

  1. ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਊਰਜਾ ਸੋਮੇ ਅਤੇ
  2. ਪੂਰਤੀ ਅਯੋਗ ਊਰਜਾ ਸੋਮੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਤੱਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਤੱਤ-CH4, CO2 ਅਤੇ H2S ਹਨ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਮੀਥੇਨ 65% ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਸੇ ਦੋ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੋਲਾ,
  2. ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇਕ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ਜਿਸ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਅਸੀਂ ਇਹ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਇੱਕ ਚੰਗਾ ਬਾਲਣ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਸ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਹਿੱਸਾ ਮੀਥੇਨ ਹੈ ਜੋ ਇਕ ਚੰਗਾ ਬਾਲਣ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਕਿਉਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਨਾਲ ਗੈਸੀ ਬਾਲਣ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸਲਰੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਵੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
L.P.G ਦੇ ਤੱਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਈਥੇਨ, ਪੇਨ ਅਤੇ ਬਿਊਟੇਨ । L.P.G. ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੰਘਟਕ ਬਿਊਟੇਨ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਉੱਚ ਦਬਾਅ ਹੇਠ ਤਰਲ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਗੈਰ-ਨਵਿਆਉਣਯੋਗ ਬਾਲਣ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਅਤੇ ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕੋਲ ਗੈਸ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ, ਮੀਥੇਨ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਜੈਵ-ਪੁੰਜ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੈਵ-ਪੰਜ – ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਸਮੱਗਰੀ ਨੂੰ ਜੈਵ-ਪੁੰਜ ਆਖਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਊਰਜਾ (Wind Energy) – ਹਵਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਪੁੰਜ ਦੀ ਗਤੀਸ਼ੀਲਤਾ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਗਤੀ ਊਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਗੋਹੇ ਦੀਆਂ ਪਾਥੀਆਂ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਦੋ ਹਾਨੀਆਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਦਿਨ, ਅਪੂਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਧੂੰਆਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਗੋਹੇ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਲਾਭਦਾਇਕ ਤੱਤ ਬਰਬਾਦ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਗੋਬਰ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਬਾਲਣ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਇਕ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸੜਕਾਂ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨ ਲਈ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਹੜੀ-ਕਿਹੜੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਥਾਈ ਗੁੰਬਦ ਪਲਾਂਟ
  2. ਤੈਰਦੀ ਗੈਸ ਟੈਂਕੀ ਪਲਾਂਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ – ਇਹ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਣਾਈ ਗਈ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੋਲਰ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਕੋਈ ਚਾਰ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
ਜਾਂ
ਅਜਿਹੇ ਦੋ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜੋ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਿਲੀਕਾਂਨ, ਗੇਲੀਅਮ, ਸੇਲੀਨਿਅਮ, ਜਰੇਨਿਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਨਾਲ ਬਣਨ ਵਾਲੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਕਿੰਨੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
10%-18%.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਹੜੇ ਉਪਯੋਗੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਪਦਾਰਥ (ਅਸ਼ੁੱਧੀ) ਮਿਲਾ ਕੇ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਰੂਪ ਨਾਲ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਦੋ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੱਪੜੇ ਸੁਚਾਉਣ ਵਿੱਚ
  2. ਸਮੁੰਦਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਲੂਣ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਦੇ ਦੋ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨਾ
  2. ਜਲ-ਪੰਪ ਚਲਾਉਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਕਿਹੜੇ ਸਾਧਨ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ-ਜੀਵ – ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਧਰਤੀ ਹੇਠ ਦੱਬੇ ਰਹੇ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਕੇ ਬਾਲਣ ਬਣ ਗਿਆ ਜਿਸ ਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਆਖਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ – ਕੋਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਅਨਵੀਨੀਕਰਨ ਸਾਧਨਾਂ ਦੀਆਂ ਤਿੰਨ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ :
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੋਲਾ
  2. ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਲ
  3. L.P.G.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਕਿਸੇ ਦੋ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮਿਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੂਰਤੀਯੋਗ ਸੋਮਿਆਂ ਦੇ ਨਾਂ-

  1. ਪਾਣੀ
  2. ਹਵਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਦੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਹੋਂਦ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਲਘੂਕਰਨ ਦੌਰਾਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ – ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਡੂੰਘਾਈ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਕਾਰਨ ਉਪਲੱਬਧ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਸਰੀਰਿਕ ਕਾਰਜਾਂ ਦੇ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਸ ਊਰਜਾ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੱਠਿਆਂ ਦੀ ਉਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਕਿਸ ਬਾਲਣ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨੇ ਉਦਯੋਗਿਕ ਕ੍ਰਾਂਤੀ ਨੂੰ ਸੰਭਵ ਬਣਾਇਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲੇ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦੇ ਸੋਮੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੂਰਤੀਅਯੋਗ ਸਰੋਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕਿਸ ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਜਲਾ ਕੇ ਭਾਫ਼ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ (ਫਾਸਿਲ ਬਾਲਣ) ਕੋਲਾ ਜਲਾ ਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਜਲਾ ਕੇ ਊਸ਼ਮਾ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਾਪ ਬਿਜਲੀ ਪਲਾਂਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਤੋਂ ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਪਣ-ਚੱਕੀਆਂ ਲਗਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਤਾਂ ਉਸ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਪੌਣ-ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਕਿਸ ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਪੌਣਾਂ ਦਾ ਦੇਸ਼ ਕਿਹਾ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੈਨਮਾਰਕ ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਪੌਣਾਂ ਦੀ ਚਾਲ ਕਿੰਨੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
15 km/h ਤੋਂ ਵੱਧ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 38.
ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਵਿੱਚ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਦਾ ਕਵਰ ਕਿਉਂ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 39.
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਸ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 40.
ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦਾ ਲੇਵਲ ਕਿਸੇ ਕਾਰਨ ਚੜ੍ਹਦਾ ਅਤੇ ਡਿੱਗਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੰਨ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਕਾਰਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 41.
ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਉਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 42.
ਭਾਰੀ ਨਿਉਕਲੀ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਤਿੰਨ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਯੂਰੇਨੀਅਮ,
  2. ਪਲੂਟੋਨੀਅਮ,
  3. ਥੋਰੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 43.
ਅਲਬਰਟ ਦਾ ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਸੰਬੰਧੀ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
E = Δmc2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 44.
ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਨਿਊਕਲੀਅਰ ਬਿਜਲਈ ਰੀਐਕਟਰ ਕਿੱਥੇ-ਕਿੱਥੇ ਸਥਿਤ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਡਾਰਾਪੁਰ (ਮਹਾਂਰਾਸ਼ਟਰ), ਰਾਣਾ ਪ੍ਰਤਾਪ ਸਾਗਰ (ਰਾਜਸਥਾਨ) ਕਲਾਕਮ (ਤਾਮਿਲਨਾਡੂ), ਨਰੋਗ (ਉੱਤਰ ਪ੍ਰਦੇਸ਼), ਕੈਗਾ (ਕਰਨਾਟਕ) ਅਤੇ ਕਟਰਾਪੁਰ (ਗੁਜਰਾਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 45.
CNG ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਪੀੜਤ ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ (Compressed Natural Gas) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 46.
ਊਰਜਾ ਦਾ ਵਾਸਤਵ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਸਰੋਤ ਕਿਹੜਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 47.
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 48.
ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਸ ਊਰਜਾ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਪਰਿਵਆਵਰਣ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? .
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਉਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 49.
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ-ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 50.
ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਕਿਸ ਸਾਧਨ ਨਾਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਲਰ ਪੈਨਲ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 51.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਯੰਤਰ ਵਿਚ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦਾ ਦਰਪਣ ਵਧੇਰੇ ਢੁੱਕਵਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 11

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 52.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਕੀ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 12
ਉੱਤਰ-
ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ – ਸਥਿਰ ਗੁੰਬਦ ਕਿਸਮ ਦਾ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ । ਇਸ ਯੰਤਰ ਵਿੱਚ ਬਾਇਓ ਗੈਸ (ਜੈਵ ਗੈਸ) ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 53.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 13 ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 14
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ
  2. ਬਾਹਰੀ ਲੱਕੜ ਦਾ ਬਕਸਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਨਾ-ਨਵਿਆਉਣ ਯੋਗ ਸ੍ਰੋਤ ਹੈ-
(a) ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ
(b) ਪੌਣ ਊਰਜਾ
(c) ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ
(d) ਪਾਣੀ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਸੰਯੰਤਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ-
(a) ਪੌਣ ਉਰਜਾ
(b) ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਉਰਜਾ
(c) ਕੋਲੇ ਦੇ ਜਲਣ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਉਰਜਾ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਊਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਤਾਪ ਬਿਜਲੀ ਯੰਤਰ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ-
(a) ਪੌਣ ਊਰਜਾ
(b) ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਊਰਜਾ
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਈਂਧਨ ਦੇ ਜਲਣ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਊਰਜਾ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਈਂਧਨ ਦੇ ਜਲਣ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਊਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਬਕਸਾਨੁਮਾ ਸੋਲਰ ਕੁੱਕਰ ਨੂੰ 2-3 ਘੰਟੇ ਸੂਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਉਸਦਾ ਤਾਪ ਰੇਂਜ ਹੋਵੇਗਾ-
(a) 60°C ਤੋਂ 80°C
(b) 80°C ਤੋਂ 100°C
(c) 100°C ਤੋਂ 140°C
(d) 140°C ਤੋਂ 180°C.
ਉੱਤਰ-
(c) 100°C ਤੋਂ 140°C.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਹੈ-
(a) ਸੋਲਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ
(b) ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ
(c) ਸੌਰ ਭੱਟੀ
(d) ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-
(a) ਕਾਰਬਨ
(b) ਸਿਲੀਕਾਨ
(c) ਸੋਡੀਅਮ
(d) ਕੋਬਾਲਟ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸਿਲੀਕਾਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਉਹ ਉਪਕਰਨ ਜੋ ਊਰਜਾ ਦੇ ਇੱਕ ਰੂਪ ਨੂੰ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਹੈ, ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ –
(a) ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ
(b) ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ
(c) ਇੰਜਨ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਇੰਜਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਜੈਵ ਮਾਤਰਾ ਉਰਜਾ ਸੋਤ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਨਹੀਂ ਹੈ ?
(a) ਲੱਕੜ
(b) ਗੋਬਰ ਗੈਸ
(c) ਕੋਲਾ
(d) ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਠੋਸ ਈਂਧਨ ਨਹੀਂ ਹੈ ?
(a) ਕੋਲਾ
(b) ਲੱਕੜ
(c) ਕੋਕ
(d) ਕਿਰੋਸੀਨ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਕਿਰੋਸੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਨਾ-ਨਵਿਆਣਯੋਗ ਊਰਜਾ ਸ੍ਰੋਤ ਹੈ ?
(a) ਪੌਣ ਊਰਜਾ ।
(b) ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ।
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਈਧਨ
(d) ਪਣ ਊਰਜਾ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਧਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਊਰਜਾ ਦਾ ਵਾਸਤਵਿਕ ਇੱਕੋ ਹੀ ਸ੍ਰੋਤ ਕੀ ਹੈ ?
(a) ਸੂਰਜ
(b) ਪਾਣੀ
(c) ਯੂਰੇਨੀਅਮ
(d) ਫਾਂਸਿਲ ਈਂਧਨ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਸੂਰਜ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਘਟਕ ਹੈ-
(a) CO2
(b) CH4
(c) H2
(d) H2S.
ਉੱਤਰ-
(b) CH4

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ……………… ਊਰਜਾ ਨੂੰ ……………… ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼, ਤਾਪ

(ii) ਟਾਰਚ ਦਾ ਜਗਣਾ ……………… ਊਰਜਾ ਦਾ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਨ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ

(iii) ……………… ਗੈਸ, ਬਾਇਓਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਘਟਕ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੀਥੇਨ

(iv) ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਵਿੱਚ ਪੌਣ ਦੀ ……………… ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਕਾਰਜਾਂ ਦੇ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਗਤਿਜ

(v) ਹਾਈਇਲੈੱਕਟ੍ਰਿਕ ਜਨਰੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉੱਚਾਈ ਤੋਂ ਡਿੱਗਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ . ……………. ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਥਿਤਿਜ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਰੱਖੀ ਲੋਹੇ ਦੀ ਕੋਰ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਹੈ ? ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਬਨਾਉਣ ਲਈ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਉਪਾਅ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਲੀਨਾਇਡ – ਇਹ ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਸ਼ਕਲ ਦੀ ਤਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਰੋਧਕ ਚਾਲਕ ਤਾਰ ਦੇ ਕਈ ਲਪੇਟੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕੋਰ (core) ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਲਪੇਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਸ ਸੋਲਨਾਇਡ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਚੁੰਬਕੀ ਗੁਣ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਲਗਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 1
ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਲੋਹਾ ਕੋਰ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ-
ਜਦੋਂ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਅੰਦਰ ਲੋਹੇ ਦੀ ਕੋਰ ਰੱਖ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਵੇਲੇ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੀ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਕਾਫ਼ੀ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਚੁੰਬਕ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦਾ ਪਤਾ ਚੁੰਬਕੀ ਸੁਈ ਵਿੱਚ ਹੋਏ ਵਿਖੇਪਣ ਤੋਂ ਲਗਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਾਰਨ ਚੁੰਬਕ ਬਣਨ ਵਾਲੀ ਲੋਹਾ ਕੋਰ ਨਾਲ ਯੁਕਤ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਨੂੰ ਹੀ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਯਾਦ ਰਹੇ ਕਿ ਨਰਮ ਲੋਹੇ ਦੇ ਕੋਰ ਨਾਲ ਬਣਿਆ ਹੋਇਆ ਚੁੰਬਕ ਸਟੀਲ ਕੋਰ ਵਾਲੇ ਚੁੰਬਕ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
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ਇੱਕ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਕਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ-

  1. ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ – ਜੇਕਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਜ਼ਿਆਦਾ ਜਾਵੇਗੀ ਤਾਂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਵੀ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗੀ ।
  2. ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ – ਜੇਕਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਅਧਿਕ ਹੋਵੇਗੀ ਤਾਂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗੀ ।
  3. ਕੋਰ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਜਿਸ ਉੱਪਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਲਪੇਟੀ ਹੋਈ ਹੈ – ਜੇਕਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਅੰਦਰ ਰੱਖੇ ਹੋਏ ਨਰਮ ਲੋਹੇ ਦੀ ਛੜ ਹੈ ਤਾਂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵੱਧ ਪ੍ਰਬਲ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਈਆਂ-

  • ਇੱਕ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ, ਉਸ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਅਤੇ ਕੋਰ ਪਦਾਰਥ ਦੇ ਸੁਭਾਅ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
  • ਕਾਰਖ਼ਾਨਿਆਂ ਵਿੱਚ ਭਾਰੀ ਵਜ਼ਨ ਚੁੱਕਣ ਲਈ ਕੁੰਨ ਦੇ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੋਟ ਬਿਜਲੀ ਘੰਟੀ ਟੈਲੀਗ੍ਰਾਫ਼ ਅਤੇ ਮੋਟਰ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਚੁੰਬਕ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਅਪਰਤਵੀਂ (ਡੀ. ਸੀ.) ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਵਰਣਨ ਕਰੋ !
ਜਾਂ
ਬਿਜਲਈ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਬਣਤਰ ਅਤੇ ਕਾਰਜਵਿਧੀ ਦਾ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ – ਜੈਨਰੇਟਰ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਯੰਤਰ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕੇਵਲ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਇੱਕ ਰੂਪ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜੈਨਰੇਟਰ ਵਿੱਚ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਸਿਧਾਂਤ – ਜੈਨਰੇਟਰ ਇਸ ਸਿਧਾਂਤ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੈ ਕਿ ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਚਾਲਕ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਫੈਰਾਡੇ ਦੇ ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਕਾਰਨ ਇਸ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਚਾਲਕ ਬਲ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਚਾਲਕ ਸਰਕਟ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਨਾਵਟ-ਅਪਰਤਵੀ ਧਾਰਾ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਮੁੱਖ ਭਾਗ ਹਨ-

  • ਆਰਮੇਚਰ (Armature) – ਇਸ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਆਇਤਾਕਾਰ ਕੁੰਡਲੀ ABCD ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਸਿਲੰਡਰ ਨੂੰ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਨਰਮ ਲੋਹੇ ਦੇ ਰੋਧੀ ਤਾਰ ਦੀ ਵੱਡੀ ਸੰਖਿਆ ਵਿੱਚ ਲਪੇਟ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸਨੂੰ ਆਰਮੇਚਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਧੁਰੇ ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸਨੂੰ ਭਾਫ ਜਾਂ ਵਹਿੰਦੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਘੁਮਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਖੇਤਰ ਚੁੰਬਕ (Field Magnets) – ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਦੋ ਚੁੰਬਕੀ ਧਰੁਵਾਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਇਸ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਛੋਟੇ ਜੈਨਰੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਥਾਈ ਚੁੰਬਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਵੱਡੇ ਜੈਨਰੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕ ਲਗਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਸਪਲਿਟ ਰਿੰਗ ਜਾਂ ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲੇ (Split Rings) – ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਦੋਨਾਂ ਸਿਰਿਆਂ ਤੇ ਤਾਂਬੇ ਦੇ ਬਣੇ ਹੋਏ ਅੱਧੇ ਰਿੰਗ R1 ਅਤੇ R2 ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਕੰਮਿਊਟੇਟਰ ਵਜੋਂ ਕਾਰਜ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  • ਕਾਰਬਨ ਬੁਰਸ਼ (Carbon Brush) – ਕਾਰਬਨ ਦੇ ਦੋ ਬਰੁੱਸ਼ B1 ਅਤੇ B2 ਦੋਨੋਂ ਅੱਧੇ ਰਿੰਗਜ਼ਾਂ R1 ਅਤੇ R2 ਦੇ ਨਾਲ ਛੂੰਹਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਘੁੰਮਦੀ ਹੈ ਤਾਂ R1 ਅਤੇ R2 ਵਾਰੀ-ਵਾਰੀ B1 ਅਤੇ B2 ਨੂੰ ਛੂੰਹਦੇ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪਾਦਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਲੋਡ (Load) – ਬਰੁੱਸ਼ B1 ਅਤੇ B2 ਰਾਹੀਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਲੋਡ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਲੋਡ ਦੀ ਥਾਂ ਤੇ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਲਗਾ ਕੇ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

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ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ (Working) – ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਧੁਰੇ ਤੇ ਘੁਮਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਭੁਜਾਵਾਂ AB ਅਤੇ CD ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜਾ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਪੇਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਮੰਨ ਲਓ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਕੁੰਡਲੀ ਲੰਬਾਕਾਰ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਹੈ । ਇਸਦੀ ਭੁਜਾ AB ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਅਤੇ ਭੁਜਾ CD ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਧੁਰੇ ਦੇ ਦੁਆਲੇ ਘੁਮਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪਹਿਲੇ ਅੱਧੇ ਚੱਕਰ ਦੌਰਾਨ ਭੁਜਾ AB ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਅਤੇ ਭੁਜਾਂ CD ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਪੇਰਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਭੁਜਾ AB ਵਿੱਚ ਤੋਂ 8 ਵੱਲ ਅਤੇ ਭੁਜਾ CD ਵਿੱਚ Cਤੋਂ CD ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰੇਗੀ । ਇਸ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਭੁਜਾਵਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੀ ਵਿਪਰੀਤ ਹੋਵੇਗੀ । ਲੋਡ (load) ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਦੀ ਉਹੀ ਦਿਸ਼ਾ ਰੱਖਣ ਲਈ ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲਿਆਂ (Split Rings) ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਦੂਜੇ ਅੱਧ ਚੱਕਰ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਇਸ ਦਾ ਸਿਰਾ ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲੇ R, ਨਾਲ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਸਿਰਾ D ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲੇ R, ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਲੋਡ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਉਹੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਓ ਕਿ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਰੱਖੇ ਹੋਏ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਤੇ ਇੱਕ ਬਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਨਿਯਮ ਵੀ ਦੱਸੋ ਜਿਸ ਦੁਆਰਾ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਯੋਗ – ਕਿਸੇ ਸਥਿਰ ਸਹਾਰੇ ਖੜਵੀਂ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸਪਰਿੰਗ ਲੱਗੀ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀ ਇੱਕ ਛੱੜ ਘੋੜੇ ਦੀ ਨਾਲ ਰੂਪੀ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਦੋਨਾਂ ਧਰੁਵਾਂ ਵਿੱਚ ਲਟਕਾਓ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਹੁਣ ਕੁੰਜੀ K ਦੁਆਰਾ ਛੜ ਨੂੰ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਜੋੜੋ । ਹੁਣ ਕੁੰਜੀ K ਨੂੰ ਦਬਾ ਕੇ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ ।
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AB ਕਾਗਜ਼ ਦੇ ਤਲ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਹੈ ਪਰੰਤੂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ (N ਤੋਂ S ਵੱਲ ਹੈ) ਦੇ ਅਭਿਲੰਬ ਹੈ । ਛੜ AB ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ A ਤੋਂ B ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ
ਗਤੀ (ਬਲ) ਹੈ । ਜਿਉਂ ਹੀ ਛੜ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਵੇਗੀ ਛੜ ਇੱਕ ਬਲ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰੇਗੀ ਅਤੇ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਹੋਵੇਗੀ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਛੜ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਖਿੱਚੀ ਜਾਵੇਗੀ ਅਤੇ ਸਪਰਿੰਗ ਲੰਬੇ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ।
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ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਬਲ ਵਿਪਰੀਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਕਰੇਗਾ । ਚੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਰੱਖੇ ਗਏ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਤੇ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਹੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਨਿਯਮ । ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦਾ ਨਿਯਮ – ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਆਪਣੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੀ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ, ਦੂਜੀ ਉਂਗਲੀ ਅਤੇ ਅੰਗੂਠੇ ਨੂੰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਲਾਓ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਤਿੰਨੋਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਤੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਹੁਣ ਆਪਣੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਨੂੰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਰੱਖੋ ਕਿ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰੇ N ਤੋਂ S ਵੱਲ ਅਤੇ ਦੂਜੀ ਉਂਗਲੀ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਅੰਗੂਠੇ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਪਤਾ ਲੱਗ ਜਾਵੇਗੀ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਕਿਰਿਆ-ਕਲਾਪ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕਰੋ ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੋਵੇ ਕਿ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਡਰ-
ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ XY ਲਓ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਲਪੇਟ ਹੋਣ । ਇਸ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਜੋੜੋ । ਇਸ ਆਯੋਜਨ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਕੋਈ ਸਰੋਤ ਨਹੀਂ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
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ਹੁਣ ਚਿੱਤਰ (a) ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਨੇੜੇ ਲਿਆਓ, ਪਰੰਤੂ ਚੁੰਬਕ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਛੂਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ । ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਦਾ ਵਿਖੇਪਣ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਜੋ ਇਸ ਗੱਲ ਦਾ ਸਬੂਤ ਹੈ ਕਿ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ । ਸੂਈ ਵਿੱਚ ਹੋਏ ਵਿਖੇਪਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੋਟ ਕਰੋ । ਹੁਣ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਤੋਂ ਪਰ੍ਹਾਂ ਲਿਜਾਓ । ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਫਿਰ ਵਿਖੇਪਣ ਹੋਇਆ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਹੁਣ ਪਹਿਲੇ ਵਿਖੇਪਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾਂ ਤੋਂ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੈ [ਚਿੱਤਰ (b)] । ਜਦੋਂ ਚੁੰਬਕ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੇ ਸਥਿਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵਿਖੇਪਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ ਜਦੋਂ ਚੁੰਬਕ ਅਤੇ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਸਾਪੇਖ ਗਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਵਰਤੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਸਾਰੇ ਜੋੜ ਬਿਜਲੀ ਰੋਧਕ ਟੇਪ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਢੱਕੇ ਹੋਏ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  2. ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਤਾਰ ਦਾ ਜ਼ਰੂਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਫਿਉਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਜ਼ਰੂਰ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਸਾਰੇ ਪੇਚ ਜਾਂ ਟਰਮੀਨਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੱਸੇ ਹੋਏ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  5. ਸਰਕਟ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਕਰਨ ਵੇਲੇ ਰਬੜ ਦੇ ਦਸਤਾਨੇ ਅਤੇ ਜੁੱਤੇ ਪਾਏ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  6. ਜਦੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਿਸੇ ਉਪਕਰਨ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਰ ਰਹੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਉਪਕਰਨ ਦੇ ਧਾਤਵੀਂ ਖੋਲ ਜਾਂ ਫਰੇਮ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਛੂਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  7. ਪੇਚਕਸ, ਪਲਾਸ, ਟੈਸਟਰ ਆਦਿ ਉੱਪਰ ਬਿਜਲੀ ਰੋਧਕ ਕਵਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਖ਼ਰਾਬ ਸਵਿੱਚ ਨੂੰ ਛੇਤੀ ਬਦਲ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  9. ਅੱਗ ਲੱਗਣ ਜਾਂ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਸਰਕਟ ਦਾ ਸਵਿੱਚ ਛੇਤੀ ਹੀ ਬੰਦ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  10. ਪਰਵੀਂ ਧਾਰਾ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਫਿਊਜ਼ ਅਤੇ ਸਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਵਾਹਕੀ ਤਾਰ ਵਿੱਚ ਜ਼ਰੂਰ ਲਗਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  11. ਉੱਚਿਤ ਸਮਰੱਥਾ ਵਾਲਾ ਫਿਊਜ਼ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਤੁਸੀਂ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਿੱਧ ਕਰੋਗੇ ਕਿ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਇੱਕ ਮੋਟੀ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਉਣ ਨਾਲ ਤਾਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਪਈ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਇਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨੂੰ ਸਮਝਾਉਣ ਲਈ ਉਸਟੈਡ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ – ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ (ਤਾਰ) ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸਦੇ ਚਹੁੰ ਪਾਸੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਊਰਸਟੈਡ ਨੇ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਕਿ ਜਦੋਂ ਚੁੰਬਕੀ ਸੂਈ ਉੱਪਰ ਰੱਖੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਸੂਈ ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੁਸਰੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੂਸਰੀ (ਉਲਟ) ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਸੂਈ ਤਾਰ ਦੇ ਉੱਪਰ ਰੱਖੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੀ ਵਿਖੇਪਣ ਦਿਸ਼ਾ SNOW ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਯਾਦ ਰੱਖੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
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ਨੋਟ – SNOW ਨਿਯਮ ਇਹ ਦੱਸਦਾ ਹੈ ਕਿ ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ 5 ਤੋਂN ਵੱਲ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਸੂਈ, ਤਾਰ ਦੇ ਉੱਪਰ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੱਖਣ ਵੱਲ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਅਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਗੁਣ . ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ (Magnetic Field) – ਕਿਸੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦਾ ਉਹ ਖੇਤਰ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਚੁੰਬਕ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਆਕਰਸ਼ਣ ਜਾਂ ਤਿਕਰਸ਼ਣ ਬਲ) ਅਨੁਭਵ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਰੇਖਾਵਾਂ (Magnetic lines of forces) – ਜਦੋਂ ਇਕਾਈ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਗਤੀ ਕਰਨ ਲਈ ਸੁਤੰਤਰ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਜਿਸ ਪੱਥ ਤੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਗੁਣ-

  1. ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਕੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੇ ਜਾ ਕੇ ਖ਼ਤਮ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਕੋਈ ਵੀ ਦੋ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਕੱਟਦੀਆਂ ਹਨ। ਜੇਕਰ ਕੱਟਦੀਆਂ ਹੋਣ ਤਾਂ ਇਸ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀਆਂ ਦੋ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ ਹੋਣਗੀਆਂ ਜੋ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੈ ।
  3. ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾ ਦੀ ਸਪੱਰਸ਼ ਰੇਖਾ (ਟੇਜੈਂਟ) ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਤੁਸੀਂ ਸਮਾਨ ਅਤੇ ਅਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਸਮਾਨ ਦਰੀ ਵਾਲੀਆਂ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਅਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਦੁਰੀਆਂ ਵਾਲੀ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀਆਂ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਕੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਗੁਣ ਵੀ ਦੱਸੋ ।
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ਉੱਤਰ-
ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਗੁਣ-

  1. ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਬਾਹਰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ਅਤੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਬਲ ਰੇਖਾ ਦੇ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਖਿੱਚੀ ਗਈ ਸਪੱਰਸ਼ ਰੇਖਾ (ਟੇਜੇਂਟ) ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਤੁਸੀਂ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈਆਂ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਵੇਂ ਗਿਆਤ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਤਾ ਲਗਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ
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ਕਰਨ ਲਈ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਕੜੋ ਤਾਂ ਜੋ ਤੁਹਾਡਾ ਅੰਗੂਠਾ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਸੰਕੇਤ ਕਰੇ ਤਾਂ ਤੁਹਾਡੀਆਂ ਉਂਗਲੀਆਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਚਾਲਕ ਦੇ ਚਹੁੰ ਪਾਸੇ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਖੇਤਰੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਏਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਮੈਕਸਵੈਲ ਦਾ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦਾ ਅੰਗੂਠਾ ਨਿਯਮ ਕੀ ਹੈ ? ਉਸ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਿਸ ਉਦੇਸ਼ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੈਕਸਵੈਲ ਦਾ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦਾ ਅੰਗੂਠਾ ਨਿਯਮ – ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਸਿੱਧੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਨ ਲਈ ਜੇਕਰ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਕੜਿਆ ਜਾਏ ਕਿ ਤੁਹਾਡਾ ਅੰਗਨਾ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਅਤੇ ਤੁਹਾਡੀਆਂ ਉਂਗਲੀਆਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ, ਚਾਲਕ ਦੇ ਦੁਆਲੇ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕ ਖੇਤਰ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਏਗੀ । ਇਸ ਨਿਯਮ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਚੁੰਬਕ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਕੀ ਹਨ ? ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਜਿੱਥੇ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਕਰਸ਼ਣ ਜਾਂ ਪ੍ਰਤਿਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਨੂੰ ਅਨੁਭਵ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।ਉਹ ਪੱਥ ਜਿਸ ਉੱਪਰ ਚੁੰਬਕ ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਮੁਕਤ ਅਵਸਥਾ ਹੋਣ ਤੇ ਗਤੀ ਕਰੇਗਾ ਉਸਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ! ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

(1) ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਦੁਆਰਾ – ਇੱਕ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਉੱਤੇ ਇੱਕ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਰੱਖੋ । ਹੁਣ ਉਸ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਤੇ ਲੋਹ-ਚੂਰਨ ਛਿੜਕ ਕੇ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਨੂੰ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਥਪਥਪਾਓ । ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਅਨੁਰੂਪ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਵਿਵਸਥਿਤ ਹੋ ਜਾਏਗਾ ।
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(2) ਇੱਕ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਖਿੱਚਣਾ-
ਕਿਰਿਆ ਕਲਾਪ-ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੇ ਨੇੜੇ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕੀ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਰੱਖੋ । ਹੁਣ ਇੱਕ ਨੁਕੀਲੀ ਪੈਂਨਸਿਲ ਨਾਲ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਦੇ ਧਰੁਵਾਂ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ । ਹੁਣ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਨੂੰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅੱਗੇ ਚਲਾਓ ਤਾਂ ਜੋ ਇਸਦਾ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਉਸੇ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇ ਜਿੱਥੇ ਪਹਿਲੇ ਇਸਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਸੀ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ। ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦੁਹਰਾਓ ਤਾਂ ਜੋ ਤੁਸੀਂ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਜਾਓ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਬਿੰਦੂਆਂ ਨੂੰ ਵਕਰ ਰੇਖਾ ਦੁਆਰਾ ਮਿਲਾਓ ਜੋ ਇੱਕ ਬਲ ਰੇਖਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਨੇੜੇ ਚੁੰਬਕੀ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਦੀਆਂ ਸਥਿਤੀਆਂ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ : ਤੁਹਾਨੂੰ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦਾ ਇੱਕ ਨਮੂਨਾ ਪੈਟਰਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਸਿੱਧ ਕਰੋ ਕਿ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨ ਨਾਲ ਉਸ ਦੇ ਚਹੁ ਪਾਸੇ ਚੰਬੜੀ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਚਾਲਕ ਦੇ ਚਹੁੰ ਤਰਫ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇੱਕ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਦਾ ਸਮਤਲ ਟੁਕੜਾ ਲਓ । ਇਸ ਤੇ ਇੱਕ ਚਿੱਟਾ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਲਗਾ ਕੇ ਉਸਨੂੰ ਸਟੈਂਡ ਵਿੱਚ ਖਿਤਿਜ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਲਓ। ਇਸ ਦੇ ਵਿੱਚ-ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਤਾਰ ਲੰਘਾਓ ! ਤਾਰ ਨੂੰ ਇੱਕ ਸੈੱਲ ਕੁੰਜੀ K ਨਾਲ ਜੋੜ ਕੇ ਸਰਕਟ ਪੂਰਾ ਕਰੋ : ਹੁਣ ਕੁੰਜੀ X ਨੂੰ ਦਬਾ ਕੇ ਤਾਰ XY ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਓ । ਤਾਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਇੱਕ
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ਚੁੰਬਕੀ ਸੂਈ ਲਓ । ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਸੂਈ ਇੱਕ ਖ਼ਾਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਆ ਕੇ ਰੁਕਦੀ ਹੈ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਸ ਪ੍ਰਯੋਗ ਤੋਂ ਇਹ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਗੁਜ਼ਾਰਨ ਨਾਲ ਇਸਦੇ ਚਹੁੰ ਪਾਸੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਵੇਂ-ਉਵੇਂ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਪਰਿਮਾਣ ਵਿੱਚ ਵੀ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਇੱਕ ਚੱਕਰੀ ਕੁੰਡਲੀ ਕਾਰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਰੂਪ-ਰੇਖਾ ਖਿੱਚੋ ।
ਉੱਤਰ-
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ਚੱਕਰੀ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ – ਚੱਕਰੀ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖਿਆ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰੋ ।

ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮੁੜੇ ਹੋਏ ਤਾਰ ਦੇ ਟੁੱਕੜੇ ਨੂੰ ਇੱਕ ਖਿਤਿਜੀ ਗੱਤੇ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਾਓ । ਹੁਣ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚੋਂ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰੋ ਅਤੇ ਗੱਤੇ ਤੇ ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਖਿਲਾਰ ਕੇ ਥਪਥਪਾਓ ! ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਇੱਕ ਨਿਸਚਿਤ ਢੰਗ ਨਾਲ ਵਿਵਸਥਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਕੁੰਡਲੀ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਜਿਉਂ-ਜਿਉਂ ਕੁੰਡਲੀ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਦੂਰ ਜਾਵੋਗੇ ਓਨਾ ਤੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ ਵੱਧਦਾ ਜਾਵੇਗਾ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਖੇਤਰੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਵਧਾਉਣ ਦੇ ਕਾਰਕ-

  1. ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਵਧਾਉਣ ਨਾਲ ।
  2. ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ।
  3. ਕੁੰਡਲੀਆਂ ਦਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ ਘਟਾ ਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹਿਤ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਅਧਿਕਤਮ ਕਦੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਣ (Electromagnetic Induction) – ਕਿਸੇ ਸਰਕਟ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਤ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਬਿਜਲੀ ਵਾਹਕ ਬਲ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਬਿਜਲੀ ਵਾਹਕ ਬਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਆਖਦੇ ਹਨ ।

ਇਸਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੇਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਜਾਂ ਤਾਂ ਕਿਸੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਗਤੀ ਕਰਵਾ ਕੇ ਜਾਂ ਫਿਰ ਉਸ ਦੇ ਚਹੁੰ ਤਰਫ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਤਪੰਨ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਗਤੀ ਕਰਾ ਕੇ ਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨਾ ਬਹੁਤ ਸੌਖਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਪ੍ਰੇਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਅਸੀ ਕਦੀ-ਕਦੀ ਵੇਖਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਅਚਾਨਕ ਬਿਜਲੀ ਬਲਬ ਸਾਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਜਾਂ ਵੱਧ ਤੀਬਰਤਾ ਨਾਲ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਪਲਾਈ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ 220 ਵੋਲਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕਈ ਵਾਰ ਇਸ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਕਾਰਨ ਬਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਾਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਅਧਿਕ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਕਦੀ ਇਸ ਦੀ ਵੋਲਟਤਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਬਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਾਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਤਾਰ ਦੀ ਕੁੰਡਲੀ ਕਿਸ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਹੋਣੀ ਹੈ । ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਛੜ ਚੁੰਬਕ-
(i) ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਲਿਜਾਇਆ ਜਾਵੇ ।
(ii) ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਸਥਿਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ।
(iii) ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰੋਂ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਖਿੱਚ ਲਿਆ ਜਾਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸਈ ਵਿਖੇਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ਜਿਸ ਨਾਲ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਤੀਬਰਤਾ ਨਾਲ ਗਤੀਮਾਨ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਵਿਖੇਪਨ ਹੋਰ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗਾ ।

(ii) ਜੇਕਰ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਸਥਿਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਕੋਈ ਵਿਖੇਪਨ ਨਹੀਂ ਦਰਸਾਏਗੀ ।

(iii) ਜੇਕਰ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਖਿੱਚਿਆ ਜਾਵੇਗਾ ਤਾਂ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿੱਚ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿਖੇਪਨ ਵੱਲ ਹੋਵੇਗਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕੁੱਝ ਅਜਿਹੇ ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਮੋਟਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੋਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਉਹ ਸਾਰੇ ਉਪਕਰਨ ਕਾਰਜ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ-ਬਿਜਲੀ ਪੱਖਾ, ਟੇਪ ਰਿਕਾਰਡਰ, ਮਿਕਸਰ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਅਤੇ ਅਪਰਤਵੀਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਅਤੇ ਅਪਰਤਵੀਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਪਤਵੀਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ (Alternating Current) ਅਪਰਤਵੀਂ ਜਾਂ ਸਿੱਧੀ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ (Direct Current)
(1) ਇਹ ਧਾਰਾ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (1) ਇਹ ਧਾਰਾ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੱਧਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । (2) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ ਹਮੇਸ਼ਾ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਹੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
(3) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ ਦੇ ਬਾਅਦ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (3) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨਹੀਂ ਬਦਲਦੀ ਹੈ ।
(4) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਗਰਾਫ਼ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਨਾ ਹੋ ਕੇ ਲਪੇਟੇਦਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (4) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਗਰਾਫ਼ ਇੱਕ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਫਿਉਜ਼ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਫਿਊਜ਼ – ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਉਪਕਰਨ ਹੈ ਜੋ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਜਿਹੜਾ ਬਿਜਲੀ ਕਾਰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਲੱਗੇ ਹੋਰ ਉਪਕਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਦਾ ਹੈ : ਵਿਉਜ਼ ਤਾਰ ਜਿਸ ਧਾਤੂ ਦੀ ਬਣੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਉਸਦਾ ਪਿਘਲਾਓ ਦਰਜਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਲਾਭ – ਜੇਕਰ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਕਾਰਨ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਨਿਯਤ ਮਾਤਰਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਫਿਊਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਪਿਘਲ ਕੇ ਸਰਕਟ ਨੂੰ ਤੋੜ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਦੁਰਘਟਨਾ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਫਿਉਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਉੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਤੇ ਘੱਟ ਪਿਘਲਾਓ ਦਰਜੇ ਵਾਲੀ ਕਿਉਂ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਿਊਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਉੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਤੇ ਘੱਟ ਪਿਘਲਾਓ ਦਰਜੇ ਵਾਲੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਜਦੋਂ ਇਸਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ ਵਿੱਚ ਵਿਵਸਥਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਹ ਤਾਰ ਪਿਘਲ ਜਾਵੇ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਬਿਜਲੀ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਹਾਨੀ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਹੋ ਜਾਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ (ਝੱਟਕਾ) ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ (Electric shock) – ਜਦੋਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਕੋਈ ਅੰਗ ਬਿਜਲੀ ਲਿਜਾ ਰਹੀ ਨੰਗੀ ਤਾਰ ਨੂੰ ਛੂਹ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਸਥਾਪਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚੋਂ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸਾਨੂੰ ਝੱਟਕਾ ਮਹਿਸੂਸ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਝੱਟਕੇ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ੱਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਵਾਰ ਅਜਿਹੇ ਝੱਟਕੇ ਨਾਲ ਆਦਮੀ ਦੀ ਮੌਤ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ ਅਤੇ ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ (Over loading) – ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਇਸ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੀ ਬਿਜਲਈ ਸਮਰੱਥਾ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਅਧਿਕਤਮ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਸਾਰੇ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸੀਮਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਪਕਰਨ ਆਪਣੀ ਸਮਰੱਥਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਖਿੱਚਦੇ ਹਨ ਜਿਸਨੂੰ ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ (Short Circuit) – ਕਈ ਵਾਰ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰ ਅਤੇ ਉਦਾਸੀਨ ਤਾਰ (ਨਿਊਟਰਲ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਪਰਸਪਰ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਅਜਿਹਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸਰਕਟ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਸਿਫਰ (ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਰਤਾਰੇ ਨੂੰ ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਹੋਣ ਸਮੇਂ ਤਾਰ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਉਪਕਰਨ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਸੰਕਟ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਸੰਕਟਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਦੇ ਉਪਾਅ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸੰਕਟ ਅਤੇ ਬਚਾਓ ਦੇ ਉਪਾਅ-

  1. ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਝੱਟਕਾ ਲੱਗਣ ਕਾਰਨ ਸਰੀਰ ਦੇ ਸੈੱਲ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
  2. ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ ਲੱਗਣ ਕਾਰਨ ਦਿਲ ਦੇ ਪੱਠਿਆਂ ਤੇ ਬੁਰਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  3. ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ ਕਾਰਨ ਸਰੀਰ ਦੇ ਪੱਠਿਆਂ ਤੇ ਭੈੜਾ ਅਸਰ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਘੱਟ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  4. ਜੇਕਰ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਮੋਟੀ ਫਿਉਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਅਧਿਕ ਤੀਬਰ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪਵਾਹ ਹੋਣ ਤੇ ਇਹ ਤਾਰ ਨਹੀਂ ਪਿਘਲੇਗੀ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਅੱਗ ਲੱਗ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਬਚਾਓ ਲਈ ਉਪਾਅ
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਜਿਸ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ ਉਸ ਨੂੰ ਗਿੱਲੇ ਹੱਥਾਂ ਨਾਲ ਨਹੀਂ ਛੂਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  2. ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਉਪਕਰਨ ਵਧੀਆ ਕੁਆਲਟੀ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਆਈ. ਐੱਸ. ਆਈ. ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਮਾਣਿਤ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  3. ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨਾਂ ਨਾਲ ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਤਾਰ ਜ਼ਰੂਰ ਲੱਗੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਖ਼ਰਾਬ ਪਲੱਗਾਂ ਅਤੇ ਸਵਿੱਚਾਂ ਨੂੰ ਫੌਰਨ ਬਦਲ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਧਾਰਾਵਾਹੀ (ਲਾਇਵ), ਉਦਾਸੀਨ ਅਤੇ ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਜੋੜਕ ਤਾਰਾਂ ਨੂੰ ਆਮਤੌਰ ਤੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਰੰਗ ਦੇ ਤਾਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁਰਾਣੀ ਮਾਨਤਾ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਲਈ ਲਾਲ, ਉਦਾਸੀਨ ਲਈ ਕਾਲੀ ਅਤੇ ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਲਈ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਦੀ ਤਾਰ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਸਤਰ ਤੇ ਇੱਕ ਨਵੀਂ ਮਾਨਤਾ ਅਨੁਸਾਰ ਲਾਇਵ ਤਾਰ ਲਈ ਭੁਰੀ, ਉਦਾਸੀਨ ਲਈ ਹਲਕੀ ਨੀਲੀ ਅਤੇ ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਤਾਰ ਲਈ ਹਰੀ ਜਾਂ ਹਰੀ-ਪੀਲੀ ਤਾਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਤਾਰ ਮੋਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਸਹਿ ਸਕੇ । ਹੋਰ ਤਾਰਾਂ ਦੀ ਮੋਟਾਈ ਉਪਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਹਰੇਕ ਤਾਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਸੀਮਿਤ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਸਹਿ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਇਸ ਸੀਮਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਵੱਧ ਤਾਪਨ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਸਨੂੰ ਅੱਗ ਲਗ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ 220V ਦੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਦਕਿ ਅਮਰੀਕਾ ਜਿਹੇ ਵਿਕਸਿਤ ਅਤੇ ਅਮੀਰ ਦੇਸ਼ਾਂ ਵਿੱਚ ਇਹ 110V ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਵਿਅਕਤੀ 220V ਦੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਤਾਰ ਨੂੰ ਛੂੰਹਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਾਂ ਫਿਰ ਉਹ ਬੁਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਝੁਲਸ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੁ 110V ਤੇ ਇਹ ਖ਼ਤਰਨਾਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਘੱਟ ਵੋਲਟਤਾ ਤੇ ਦਿੱਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਸੰਚਾਰਣ ਨੁਕਸਾਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੁੱਟ ਇਸਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਵੱਡੀ ਸੰਖਿਆ ਵਿੱਚ ਟ੍ਰਾਂਸਫਾਰਮਰ ਲਗਾਉਣੇ ਪੈਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਆਰਥਿਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਤੋਂ ਅਵਿਕਾਸਸ਼ੀਲ ਦੇਸ਼ਾਂ ਲਈ ਔਖਾ ਕੰਮ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਚੁੰਬਕ ਵਾਂਗ ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕਾਰਜ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਸਤਹਿ ਤੋਂ 3 × 104 ਕਿ.ਮੀ. ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਅਨੁਭਵ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਕੋਈ ਚੁੰਬਕ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਅੱਗੇ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨ ਮੰਨੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ-

  1. ਧਰਤੀ ਹੇਠਾਂ ਪਿਘਲੀ ਹੋਈ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਧਾਤਵੀ ਵ ਲਗਾਤਾਰ ਘੁੰਮਦੇ ਹੋਏ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਚੁੰਬਕ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਧਰਤੀ ਆਪਣੇ ਧੁਰੇ ਦੁਆਲੇ ਘੁੰਮਣ ਕਾਰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਗੁਣ ਪ੍ਰਗਟਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
  3. ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਦੀ ਰਚਨਾ ਲੋਹੇ ਅਤੇ ਨਿਕਲ ਨਾਲ ਹੋਈ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੇ ਘੁੰਮਣ ਕਾਰਨ ਇਸ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਵਿਵਹਾਰ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਅਜਿਹਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਇਸਦੇ ਅੰਦਰ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਚੁੰਬਕ ਮੌਜੂਦ ਹੈ। ਇਸਦਾ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਕੈਨੇਡਾ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਅਰਧ ਗੋਲੇ ਵਿੱਚ 70.5 ਉੱਤਰੀ ਅਕਸ਼ਾਂਸ਼ ਅਤੇ 96° ਪੱਛਮੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਤੇ ਸਥਿਤ ਹੈ । ਇਹ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਲਗਭਗ 1600 ਕਿ. ਮੀ. ਦੂਰ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘ ਰਿਹਾ ਖਿਤਿਜ ਤਲ ਭੂਗੋਲਿਕ ਮੀਰੀਡਿਅਨ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ।ਉੱਤਰ ਅਤੇ ਦੱਖਣ ‘ਚੋਂ ਲੰਘ ਰਿਹਾ ਤਲ ਚੁੰਬਕੀ ਮੀਰੀਡਿਅਨ ਦੇ ਨਾਂ ਨਾਲ ਜਾਣਿਆ। ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਨੂੰ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ? ਨਿਯਮ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਇਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਸ ਯੰਤਰ ਵਿਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਉੱਤਰ-
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਖੱਬਾ ਹੱਥ ਨਿਯਮ – ਇਸ ਨਿਯਮ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ‘‘ਆਪਣੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੀ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ, ਵਿਚਕਾਰਲੀ ਉਂਗਲੀ ਅਤੇ ਅੰਗੂਠੇ ਨੂੰ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਫੈਲਾਓ ਕਿ ਇਹ ਤਿੰਨੋਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਪਰਸਪਰ ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੋਣ, ਜੇਕਰ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ, ਵਿਚਕਾਰਲੀ ਉਂਗਲੀ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਅੰਗੂਠਾ ਚਾਲਕ ਦੀ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਜਾਂ ਚਾਲਕ ਉੱਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਸੰਕੇਤ ਕਰੇਗਾ ।”
ਇਸ ਨਿਯਮ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।”

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਨਿਯਮ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ । ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 18 ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ ।
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ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਸੱਜਾ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 20 ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 21 ਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਨਿਯਮ ਦਰਸਾਇਆ ਹੈ ? ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 18 ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 22
ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦਾ ਨਿਯਮ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 20 ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 21 ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਬੜਾ ਵੱਡਾ ਚੁੰਬਕ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਕਿਸ ਪਾਸੇ ਸਥਿਤ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੂਗੋਲਿਕ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਤਿੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਪਦਾਰਥ-

  1. ਲੋਹਾ
  2. ਕੋਬਾਲਟ
  3. ਨਿਕਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਕਿਸ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਆਕਰਸ਼ਣ ਸ਼ਕਤੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪ੍ਰਬਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਰਿਆਂ ਤੇ (ਅਰਥਾਤ ਧਰੁਵਾਂ ਤੇ) ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਸੁਤੰਤਰ ਪੂਰਵਕ ਲਟਕਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਰ-ਦੱਖਣ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੁਕਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਟਕਾਏ ਗਏ ਚੁੰਬਕ ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਕਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੂਗੋਲਿਕ ਉੱਤਰ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਫਿਉਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਧਿਕ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਤਾਂ ਜੋ ਗਰਮ ਹੋ ਕੇ ਪਿਘਲ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਹੜੀ ਦਿਸ਼ਾ ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਰੱਖੀ ਕੰਪਾਸ ਸੂਈ ਦੇ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ਖਿੱਚੀ ਗਈ ਰੇਖਾ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਜੇਕਰ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਪੂਰਵਕ ਲਟਕ ਰਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲਣ ਨਾਲ ਸੋਲੀਨਾਇਡ 180° ਘੁੰਮ ਜਾਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਉਦਾਸੀਨ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਨੇਟ ਚੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਦਾ ਮਾਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਦਾਸੀਨ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਤੀਬਤਾ ਦਾ ਮਾਨ ਜ਼ੀਰੋ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਧਾਰਾ ਵਾਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਨੇੜੇ ਚੁੰਬਕੀ ਸੁਈ ਲਿਆਉਣ ਨਾਲ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਸੂਈ ਵਿਖੇਤ ਹੋ ਕੇ ਸੁਈ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਠਹਿਰੇਗੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ਵਿੱਚ ਸਿਧਾਂਤਕ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਯੰਤਿਕ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਬਿਜਲਈ ਜੈਨਰੇਟਰ ਵਿੱਚ ਯੰਤਿਕ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੇਕਰ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਨੂੰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਦੂਰ ਲਿਜਾਇਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਸ ਸਿਰੇ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਧਰੁਵ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਖੱਬਾ ਹੱਥ ਅੰਗੂਠਾ ਨਿਯਮ ਕਿਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਵਿੱਚ ਅੰਗੂਠਾ ਕਿਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਗਤੀਮਾਨ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਕ੍ਰਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਕੀਤੀ। ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਦੀ ਘਟਨਾ ਦੀ ਖੋਜ ਕਿਸ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਇਕਲ ਫੈਰਾਡੇ ਨੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਸਾਡੇ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਮੇਨਜ਼ ਬਿਜਲੀ ਸਪਲਾਈ ਦੀ ਵੋਲਟਤਾ ਕਿੰਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
220 ਵੋਲਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਘਰੇਲੂ ਸਰਕਟ ਨੂੰ ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ ਅਤੇ ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਜੁਗਤ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਿਉਜ਼ ਤਾਰ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਤਾਰ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਰੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਧਾਤਵੀ ਫਰੇਮ ਵਾਲੇ ਬਿਜਲੀ ਉਪਕਰਨਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਸ਼ੱਕ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਕੀ ਸਾਵਧਾਨੀ ਵਰਤਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਰੇਮ ਨੂੰ ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਕਰੋ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਅੰਗੁਠਾ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਮੋਟਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
MRI ਸ਼ਬਦ ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੰਬਕੀ ਅਨੁਨਾਦ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬਨ (Magnetic Resonance Imaging) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣ ਵਾਲੇ ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਡਾਇਨਮੋ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਡਾਇਨਮੋ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
50 ਸਾਈਕਲ ਦੀ ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਦਾ ਦੋਲਨ ਕਾਲ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
1/50 ਸੈਕਿੰਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਇੱਕ ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ 50 ਹਰਟਜ਼ (Hz) ਹੈ । ਦੱਸੋ ਇੱਕ ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿੰਨੀ ਵਾਰੀ ਬਦਲੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
100 ਵਾਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਅੰਗੂਠਾ ਕਿਸ ਗੱਲ ਦਾ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
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ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਕਿਹੜੀ ਬਿਜਲਈ ਕਿਰਿਆ ਕਾਰਨ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿਖਪਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
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ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਦੋ ਚੁੰਬਕਾਂ ਦੀਆਂ ਚੁੰਬਕੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਦਿੱਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੋਨਾਂ ਚੁੰਬਕਾਂ ਦੇ ਆਹਮਣੇਸਾਹਮਣੇ ਵਾਲੇ ਧਰੁੱਵਾਂ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
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ਉੱਤਰ-
ਦੋਵੇਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ (N) ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਲੋਹਚੂਨ ਇਕ ਖ਼ਾਸ ਪੈਟਰਨ ਵਿਚ ਸੈੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪੈਟਰਨ ਕੀ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
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ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਸਾਧਾਰਨ ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਦੇ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ P ਅਤੇ Q ਕੀ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦਾ ਕੀ ਕੰਮ ਹੈ ?
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ਉੱਤਰ-
ਸਪਲਿਟ ਰਿੰਗ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ-
(a) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(b) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(c) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(d) ਫੈਰਾਡੇ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕਿਸੇ ਤੀਬਰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਕੁੰਡਲੀ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ-
(a) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(b) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ
(c) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ
(d) ਫੈਰਾਡੇ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਘਰੇਲੂ ਪਰਿਪੱਥ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੀ ਗਈ ਉਦਾਸੀਨ ਤਾਰ ਦਾ ਰੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ
(a) ਕਾਲਾ
(b) ਲਾਲ
(c) ਹਰਾ
(d) ਕੋਈ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਕਾਲਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਦੋਂ ਬਿਜਲੀ ਲਿਜਾਣ ਵਾਲੀ ਅਤੇ ਉਦਾਸੀਨ ਤਾਰ ਆਪਸੀ ਸੰਪਰਕ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸੇ ਅਵਸਥਾ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
(a) ਓਵਰਲੋਡ
(b) ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ
(c) ਭੋ-ਸੰਪਰਕ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਉੱਚ-ਸ਼ਕਤੀ ਵਾਲੇ ਬਿਜਲੀ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੇ ਧਾਤਵੀਂ ਫਰੇਮ ਨੂੰ ਘਰੇਲੂ ਪਰਿਪਥ ਦੀ ਝੋ-ਤਾਰ ਨਾਲ ਜੋੜਨਾ ਕੀ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ
(b) ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ
(c) ਭੋ-ਸੰਪਰਕ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਸਿੱਧੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਸ੍ਰੋਤ ਹੈ ?
(a) ਖ਼ੁਸ਼ਕ ਸੈੱਲ
(b) ਬਟਨ ਸੈੱਲ
(c) ਲੈਡ ਬੈਟਰੀ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨ ਦੀ ਜੁਗਤ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ-
(a) ਜਨਰੇਟਰ
(b) ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ
(c) ਮੀਟਰ
(d) ਐਮਮੀਟਰ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਜਨਰੇਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਧਰੁਵਾਂ ਦਾ ਆਪਸੀ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ?
(a) ਅਪਕਰਸ਼ਣ
(b) ਆਕਰਸ਼ਣ
(c) ਦੋਨੋਂ ਅਪਕਰਸ਼ਣ ਅਤੇ ਆਕਰਸ਼ਣ
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਅਪਕਰਸ਼ਣ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਉਹ ਜੁਗਤ ਜਿਹੜੀ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ …………………………. ਅਖਵਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਨਰੇਟਰ

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

(ii) ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ……………… ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰੇਮ੍ਰਿਤ ਧਾਰਾ

(iii) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ ……………… ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ

(iv) ……………… ਦੀ ਕੂਡ ਨਾਲ ਅਧਿਕ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਰਮ ਲੋਹੇ

(v) ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ……………… ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
(ਕ) ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਦੇ ਤਾਪੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਸੰਬੰਧੀ ਲਿਖੋ ।
(ਖ) ਬਿਜਲੀ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ। ਇਸ ਦੀ ਇਕਾਈ ਵਾਟ ਦੀ ਵੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ।
(ਗ) ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀਆਂ ਇਕਾਈਆਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
(ਕ) ਤਾਪੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਦੇ ਨਿਯਮ – ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਲੰਘਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਹ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੱਥ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਜੁਲ ਨੇ ਕੀਤਾ। ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ ਜੁਲ ਦਾ ਤਾਪਨ ਨਿਯਮ (Joule’s heating effect) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਨਿਯਮ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਜਦੋਂ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ ਕਰੰਟ ਲੰਘਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਪੈਦਾ ਹੋਇਆ ਤਾਪ :
(i) ਕਰੰਟ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
H ∝ I2 (ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R, ਸਮਾਂ t ਹੋਣ)
(ii) ਚਾਲਕ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੈ ।
H ∝ R (ਜਦੋਂ ਧਾਰਾ I, ਸਮਾਂ ਵੀ t ਹੋਣ)
(iii) ਸਮੇਂ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿੰਨੇ ਸਮੇਂ ਲਈ ਕਰੰਟ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
H ∝ t (ਜਦੋਂ ਤਿਰੋਧ R ਅਤੇ ਕਰੰਟ I ਹੋਣ)
(i), (ii) ਅਤੇ (iii) ਤੋਂ
H ∝ I2 Rt
ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਨਿਯੰਤਰਕ ਦਾ ਮਾਨ ਮਾਤਕਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ। S.I. ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦਾ ਮਾਨ 1 ਹੈ ।
∴ H = I2 Rt (ਜੂਲ ਵਿੱਚ)

(ਖ) ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ – ਬਿਜਲੀ ਦੁਆਰਾ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਮੰਨ ਲਓ ਕਿ ਆਪਣੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਪਾਰ V ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਵਾਲੇ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ ਸਮੇਂ t ਦੇ ਲਈ ਧਾਰਾ I ਲੰਘਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਕਾਰਜ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੋਵੇਗਾ-
W = VIt
ਪਰ ਸਰਕਟ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇਗੀ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 1
= \(\frac{\mathrm{W}}{t}\)
= \(\frac{\mathrm{VI} t}{t}\)
= VI
ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ
I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
∴ P = V × I
= \(\frac{V^{2}}{R}\)
ਅਤੇ P = I2R
ਬਿਜਲ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਇਕਾਈ – ਜੇ v ਨੂੰ ਵੋਲਟ ਅਤੇ I ਨੂੰ ਐਮਪੀਅਰ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਸ਼ਕਤੀ ਵਾਟ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇਗੀ।
ਵਾਟ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਵਾਟ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ ਉਦੋਂ ਕਹੀ ਜਾਵੇਗੀ ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਦੇ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੋਣ ਤੇ ਵਗਦਾ ਹੈ ।
1 ਵਾਟ = 1 ਵੋਲਟ × ਐਮਪੀਅਰ
ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਕਿਲੋਵਾਟ (KW) ਹੈ ।
1 ਕਿਲੋਵਾਟ = 1000 ਜੂਲ

(ਗ) ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ – ਕਿਸੇ ਨਿਸਚਿਤ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਕਰੰਟ ਦੁਆਰਾ ਕੁੱਲ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਦੀ ਮਾਤਰਾ, ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
ਮੰਨ ਲਓ, ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ 1 ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਸਮੇਂ ਲਈ ਲੰਘਦਾ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਇਸ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਦੋਂ ਵਰਤੀ ਗਈ ਉਰਜਾ ਜਾਂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-
W = VIt
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਇਕਾਈ ਜੂਲ ਜਾਂ ਵਾਟ ਸੈਕਿੰਡ ਹੈ। ਪਰ ਇਹ ਇੱਕ ਛੋਟੀ ਇਕਾਈ ਹੈ। ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਵਾਟ ਘੰਟਾ ਹੈ ।

ਵਾਟ ਘੰਟੇ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਇੱਕ ਵਾਟ ਘੰਟਾ ਕਹੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਇੱਕ ਘੰਟੇ ਲਈ ਲੰਘਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਇਸ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਦਾ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
1 ਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1 ਵਾਟ × 1 ਘੰਟਾ
= 1 ਵੋਲਟ × 1 ਐਮਪੀਅਰ × 1 ਘੰਟਾ
1 ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1000 ਵਾਟ ਘੰਟਾ
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਕਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ? (ਮਾਡਲ ਪੇਪਰੇ)
ਉੱਤਰ-
ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ – ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੇ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤ ਨੂੰ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਜੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ vਹੋਵੇ ਅਤੇ ਇਸ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘ ਰਹੀ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ 1 ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R)
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ (V) ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 12

ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ-S.I. ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਓਹਮ ਹੈ ਜਦਕਿ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਵੋਲਟ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਕਰੰਟ ਨੂੰ ਐਮਪੀਅਰ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਓਹਮ (Ohn) – ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਇੱਕ ਓਹਮ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇ ਉਸਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਇੱਕ ਵਲਟ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘ ਰਹੇ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਹੋਵੇ ।

ਚਾਲਕ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੀ ਨਿਰਭਰਤਾ – ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਕਾਂ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ-
(i) ਚਾਲਕ ਦੀ ਲੰਬਾਈ (l)-ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਚਾਲਕ ਦੀ ਲੰਬਾਈ (l) ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਅਰਥਾਤ R ∝ l ………(1)

(ii) ਚਾਲਕ ਦੀ ਪਰਿਖੇਤਰ ਕਾਟ ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ (A)-ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਉਸਦੀ ਪਰਿਖੇਤਰ ਕਾਟ (A) ਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ਦਾ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਅਰਥਾਤ R ∝ \(\frac{1}{\mathrm{~A}}\) ………(2)

(iii) ਚਾਲਕ ਦੇ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ-ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਉਸ ਚਾਲਕ ਦੇ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰੇ ਕਾਰਕਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜਨ (ਸੰਯੋਜਿਤ) ਨਾਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ :
R ∝ \(\frac{l}{\mathrm{~A}}\)
ਜਾਂ R = ρ × \(\frac{l}{\mathrm{~A}}\) ਜਿੱਥੇ ਏ ਅਨੁਪਾਤੀ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਗਿਆਤ ਕਰੋ ਕਿ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਲਈ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਨ ਕਿਨ੍ਹਾਂ-ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਕਾਂ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 2
ਕਿਸੇ ਧਾਤੂ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਕਾਂ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਉਹ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ :
ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇੱਕ ਬੈਟਰੀ, ਐਮਮੀਟਰ, ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕ ਤਾਰ ਅਤੇ ਸਵਿੱਚ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਬਣਾਓ। ਸਵਿੱਚ ਨੂੰ ਦਬਾ ਕੇ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰੋ । ਐਮਮੀਟਰ ਨਾਲ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਨ ਨੋਟ ਐਮੀਟਰ ਕਰੋ । ਹੁਣ ਇਸ ਤਾਰ ਦੀ ਥਾਂ ਤੇ ਉਸੇ ਲੰਬਾਈ ਅਤੇ ਮੋਟਾਈ ਦੀ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਧਾਤੂ ਦੀ ਤਾਰ ਦੁਆਰਾ ਜੋੜੋ ਅਤੇ ਐਮਮੀਟਰ ਦੁਆਰਾ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਨ ਨੋਟ ਕਰੋ । ਤਾਰ ਤੁਸੀਂ ਵੇਖਦੇ ਹੋ ਕਿ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਨ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਯੋਗ ਤੋਂ ਇਹ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਉਸ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਇੱਕ ਹੀ ਤਾਪ ਤੇ ਸਮਾਨ ਲੰਬਾਈ ਅਤੇ ਮੋਟਾਈ ਵਾਲੇ ਭਿੰਨਭਿੰਨ ਧਾਤੂਆਂ ਦੇ ਚਾਲਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਹੁਣ ਪਹਿਲੇ ਤਾਰ ਦੇ ਵਿਆਸ ਬਰਾਬਰ ਅਤੇ ਉਸ ਧਾਤੂ ਤੋਂ ਬਣੀ ਹੋਈ ਇੱਕ ਤਾਰ ਲਓ ਜਿਸ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਪਹਿਲੀ ਤਾਰ ਨਾਲੋਂ ਦੁੱਗਣੀ ਹੋਵੇ। ਇਸ ਤਾਰ ਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਜੋੜੋ ਅਤੇ ਇਸ ਵਿਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰੋ। ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਧਾਰਾ ਦਾ ਇਹ ਮਾਪ ਪਹਿਲੇ ਮਾਪ ਤੋਂ ਅੱਧਾ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਜਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੁੱਗਣਾ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ। ਇਸ ਤੋਂ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤਿਰੋਧ ਲੰਬਾਈ ਦੇ ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਅਤੇ ਤਾਰ ਦੀ ਲੰਬਾਈ l ਹੋਵੇ ਤਾਂ
R ∝ l ………..(1)

ਹੁਣ ਇੱਕ ਧਾਤੂ ਦੀਆਂ ਬਣੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਦੋ ਤਾਰਾਂ ਲਓ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਹੋਵੇ, ਪਰੰਤੂ ਕਾਟ ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਵੇ। ਪਹਿਲਾਂ ਘੱਟ ਕਾਟ ਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ਵਾਲੀ ਤਾਰ ਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਜੋੜੋ ਅਤੇ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਕਾਟ ਵਾਲੇ ਖੇਤਰਫਲ ਦੀ ਤਾਰ ਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਜੋੜੋ। ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਤਾਰ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਨ ਪਹਿਲਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਅਧਿਕ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਇਸ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਦੂਸਰੇ ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪਹਿਲੇ ਤਾਰ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਹੈ। ਇਸ ਤੋਂ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਉਸਦੇ ਕਾਟ ਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ਦੇ ਵਿਲੋਮ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ R ਅਤੇ ਤਾਰ ਦੀ ਕਾਟ ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ A ਹੈ, ਤਾਂ
R ∝ \(\frac{1}{A}\) …………….. (2)
(1) ਅਤੇ (2) ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਨਾਲ, R ∝ \(\frac{l}{\mathrm{~A}}[latex]
ਜਾਂ R = ρ × [latex]\frac{l}{a}\)

ਜਿੱਥੇ ρ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਚਾਲਕ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਦਾ ਮਾਨ ਚਾਲਕ ਦੇ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਕਿਰਤੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਕੀ ਹੈ ? ਤੁਸੀਂ ਪ੍ਰਯੋਗਸ਼ਾਲਾ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦੀ ਕਿਵੇਂ ਪੁਸ਼ਟੀ ਕਰੋਗੇ ?
ਜਾਂ
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ । ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਇਸ ਦੀ ਪ੍ਰਯੋਗਸ਼ਾਲਾ ਵਿਚ ਵਿਆਖਿਆ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ । ਇਸ ਨੂੰ ਪ੍ਰਯੋਗਸ਼ਾਲਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗਾਤਮਕ ਤੌਰ ਤੇ ਸਿੱਧ ਕਰਨ ਲਈ ਸਰਕਟ ਚਿੱਤਰ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 3
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ (Ohm’s Law) – ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ “ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਰy ਅਤੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ 1 ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਸਦਾ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਸ਼ਰਤ ਚਾਲਕ ਦੀਆਂ ਭੌਤਿਕ ਹਾਲਤਾਂ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਆਦਿ ਨਾ ਬਦਲਣ ।”
ਜਾਂ = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\) = ਸਥਿਤ ਅੰਕ (R)
ਇਸ ਸਥਿਰ ਅੰਕ (R) ਨੂੰ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ-ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਚਾਲਕ PQ ਨੂੰ ਬੈਟਰੀ (B), ਇੱਕ ਕਰੰਟ ਨਿਯੰਤਰਕ (Rh), ਇੱਕ ਐਮਮੀਟਰ (A) ਅਤੇ ਇਕ ਕੁੰਜੀ (K) ਨੂੰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ । ਚਾਲਕ PQ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਵੋਲਟ ਮੀਟਰ V ਲਗਾਓ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਹੁਣ ਕੁੰਜੀ ਵਿੱਚ ਪਲੱਗ ਲਗਾ ਕੇ ਚਾਲਕ PQ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੇ ਕਰੰਟ ਦੀ ਪੜ੍ਹਤ ਐਮਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਚਾਲਕ
ਕਰੋ ।

ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V ਵੋਲਟਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਨੋਟ ਕਰੋ। ਹੁਣ V ਅਤੇ I ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ (\(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\)) ਪਤਾ ਕਰੋ ।

ਹੁਣ ਨਿਯੰਤਰਕ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਕਰੰਟ ਦਾ ਮੁੱਲ ਬਦਲੋ ਅਤੇ ਵੋਲਟਮੀਟਰ ਅਤੇ ਐਮਮੀਟਰ ਦੀ ਨਵੀਂ ਪੜ੍ਹਤ ਨੋਟ ਕਰੋ। ਫਿਰ ਤੋਂ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਅਤੇ ਧਾਰਾ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤ (\(\frac{V_{1}}{I_{1}}\)) ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰੋ । ਕਰੰਟ ਨਿਯੰਤਰਕ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਬਦਲ ਕੇ ਇਸ ਯੋਗ ਨੂੰ ਦੁਹਰਾਓ। ਮੰਨ ਲਓ ਇਸ ਵਾਰ ਐਮੀਟਰ ਦੀ ਪੜ੍ਹਤ I2 ਅਤੇ ਵੋਲਟਮੀਟਰ ਦੀ ਪੜ੍ਹਤ V2 ਹੈ । ਹੁਣ ਫਿਰ \(\frac{V_{2}}{I_{2}}\) ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਕੱਢੋ। ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਹਰ ਵਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਅਤੇ ਧਾਰਾ ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਸਥਿਰ ਹੈ ।
ਅਰਥਾਤ \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}=\frac{\mathrm{V}_{1}}{\mathrm{I}_{1}}=\frac{\mathrm{V}_{2}}{\mathrm{I}_{2}}\) = ….R (ਸਥਿਰ ਅੰਕ)
ਇਸ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਨੂੰ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਓਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਹੁਣ ਚਾਲਕ PQ ਦੇ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਮੁੱਲਾਂ ਅਤੇ ਇਸ ਅਨੁਸਾਰ ਕਰੰਟ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਮਾਨ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਗਰਾਫ਼ ਖਿੱਚੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 4

ਗਰਾਫ਼ ਇਕ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਹੈ, ਇਹ ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਗਰਾਫ਼ ਤੋਂ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ਕਿ, ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਵੱਧਦਾ ਹੈ, ਕਰੰਟ ਵਿੱਚ ਰੇਖੀ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਕਈ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਦਾ ਡੁੱਲ-ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿੰਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਲਈ ਇੱਕ ਸੰਬੰਧ ਦਾ ਵਿਉਂਤਪਤ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਕਈ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਾਂ ਦਾ ਤੁੱਲ-ਪ੍ਰਤੀਰੋਧ ਕਿੰਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾਓ ਅਤੇ ਸੰਬੰਧ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਨੂੰ ਲੜੀ ਵਿਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਤੁੱਲ-ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਇਕੱਲੇ-ਇਕੱਲੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਦੇ ਜੋੜ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 5
ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਦਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਡੁੱਲ – ਤਿਰੋਧਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਦਾ ਵਿਉਂਤਪੱਤ-ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਹਿੱਸੇ ਤਿੰਨ ਵਿਰੋਧਾਂ r1,r2 ਅਤੇ r3 ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਕਰੋ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ। ਮੰਨ ਲਓ, ਹਰੇਕ ਵਿੱਚ ਕਰੰਟ I ਲੰਘ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਇਸਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੇ ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਹੈ ।
ਮੰਨ ਲਓ,
V1 = r1 ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ
V2 = r2 ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ
V3 = r3 ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ
V = V1 + V2 + V3
ਮੰਨ ਲਓ, RS ਪੂਰੀ ਲੜੀ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਹੈ ।
ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ,
V = IRS
ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ
V1 = Ir1
V2 = Ir2
V2 = Ir3

(i) ਵਿੱਚ ਮਾਨ ਰੱਖਣ ਤੇ
IRS = Ir1 + Ir2 + Ir3
ਇਸ ਲਈ ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ ਸਾਰੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਦੇ ਜੋੜਾਂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜਦੋਂ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜ ਕੇ ਇੱਕ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੱਲਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੇ ਲਈ ਇਕ ਸੰਬੰਧ ਮਾਲੂਮ ਕਰੋ।
ਜਾਂ
ਸਮਾਨਾਂਤਰਬੱਧ ਜੋੜੇ ਗਏ ਕੁੱਝ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਾਂ ਦਾ ਡੁੱਲ-ਪ੍ਰਤੀਰੋਧ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾਓ ਅਤੇ ਸੰਬੰਧ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ।
ਜਾਂ ਬਿਜਲੀ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਜਦ ਦੋ ਜਾਂ ਵੱਧ ਤਿਰੋਧਾਂ (R1, R2, R3, ………) ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪਰਿਣਾਮੀ ਤਿਰੋਧ (R) ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V ਅਤੇ ਬਿਜਲੀਧਾਰਾ (I) ਲਈ ਸੰਬੰਧ/ਸੂਤਰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ । ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਵੀ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ – ਮੰਨ ਲਓ, ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R1, R2, R3, ਬਿੰਦੁ A ਅਤੇ B ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਹਨ। ਹੁਣ ਜੇ ਬਿੰਦੁ A ਅਤੇ B ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਲਗਾਉਣ ਤੇ ਮੁੱਖ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਕਰੰਟ I ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਬਿੰਦੁ A ਤੇ ਇਹ ਬਿਜਲੀ ਕਰੰਟ ਤਿੰਨ ਹਿੱਸਿਆਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਮੰਨ ਲਓ ਤਿਰੋਧ R1, R2, ਅਤੇ R3, ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਣ ਵਾਲਾ ਕਰੰਟ I1, I2, I3 ਹੈ ।
ਤਾਂ
I = I1 + I2 + I3

ਜੇ ਦੋਵੇਂ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ v ਹੈ, ਤਾਂ ਓਹਮ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ,
I1 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{1}}\)
I2 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{2}}\)
I3 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{3}}\)
I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\) , ਜਿੱਥੇ ਕਿ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਡੁੱਲ-ਤਿਰੋਧ ਹੈ ।
(1) ਵਿੱਚ ਮਾਨ ਰੱਖਣ ਤੇ
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਬਿਜਲਈ-ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਬਿਜਲਈ-ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਮਾੜਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ। ਇਸ ਦੀ ਇਕਾਈ ਵਾਟ ਦੀ ਵੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ – ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਮੰਨ ਲਓ, ਇਕ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ V ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਲਗਾਇਆ ਹੈ ਅਤੇ I ਕਰੰਟ ਲੰਘਦਾ ਹੈ । t ਸਮੇਂ ਦੇ ਲਈ I ਕਰੰਟ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹੋਵੇਗਾ-
W = VIt
ਪਰ ਸਰਕਟ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਪ੍ਰਗਟ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 8
= \(\frac{\mathrm{W}}{t}\)
= \(\frac{\mathrm{VI} t}{t}\)
= VI
P = VI
ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ,
P = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}}\) [∵ I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)]
ਅਤੇ P = I2R [ ∵ V = IR]
ਬਿਜਲਈ-ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਇਕਾਈ-
∵ P = V × I

ਜੇ V ਨੂੰ ਵੋਲਟ ਵਿੱਚ ਅਤੇ I ਨੂੰ ਐਮਪੀਅਰ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਸ਼ਕਤੀ ਵਾਟ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇਗੀ ।
ਵਾਟ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਵਾਟ ਬਿਜਲਈ-ਸ਼ਕਤੀ ਤਦ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਦਾ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿਚੋਂ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਲੰਘ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ ।
1 ਵਾਟ = 1 ਵੋਲਟੋ × 1 ਐਮਪੀਅਰ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਕਿਲੋਵਾਟ (kw) ਹੈ ।
1 ਕਿਲੋਵਾਟ = 1000 ਵਾਟ
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ – ਕਿਸੇ ਨਿਸਚਿਤ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਦੁਆਰਾ ਕੁੱਲ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਦੀ ਮਾਤਰਾ, ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
1 ਕਿਲੋਵਾਟ = 1000 ਵਾਟ
ਮੰਨ ਲਓ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ I ਐਮਪੀਅਰ ਧਾਰਾ t ਸਮੇਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ, ਜਦਕਿ ਇਸ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ V ਵੋਲਟ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਵਰਤੀ ਗਈ ਉਰਜਾ ਜਾਂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਗਟ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-
W = QV
W = VIt ਹੁਣ, ਓਹਮ ਨਿਯਮ ਤੋਂ
V = IR
W = I2Rt
ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਿਜਲ-ਊਰਜਾ (W) ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-
(i) ਕਰੰਟ ਦਾ ਵਰਗ (I2)
(ii) ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R)
(iii) ਸਮਾਂ (1) ਜਿਸ ਲਈ ਕਰੰਟ ਤਾਰ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘਦਾ ਹੈ ।
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਮਾਣਕ ਇਕਾਈ ਜੂਲ ਜਾਂ ਵਾਟ ਸੈਕਿੰਡ ਹੈ ਪਰ ਇਹ ਇੱਕ-ਛੋਟੀ ਇਕਾਈ ਹੈ। ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਵਾਟ ਘੰਟਾ ਹੈ ।

ਵਾਟ ਘੰਟਾ – ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਇੱਕ ਵਾਟ ਘੰਟਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੇਕਰ ਚਾਲਕ ਵਿਚੋਂ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਇੱਕ ਘੰਟੇ ਲਈ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਇਸ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਦਾ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੋਵੇ।
1 ਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1 ਵਾਟ × 1 ਘੰਟਾ
= 1 ਵੋਲਟ × 1 ਐਮਪੀਅਰ × 1 ਘੰਟਾ
ਬਿਜਲ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਨੂੰ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (kWh) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
1 ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1000 ਵਾਟ ਘੰਟਾ
ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਇਕਾਈ ਵਪਾਰਕ ਬੋਰਡ ਵਲੋਂ ਮਾਨਤਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ B.O.T. ਇਕਾਈ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਘਰੇਲੂ ਉਪਯੋਗ ਲਈ ਇਹ ਬਿਜਲ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਪਾਰਕ ਇਕਾਈ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ (ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਚਾਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਲਈ ਇਲੈਂਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਧਾਤਵੀਂ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਪਰਮਾਣੂ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਸੁਤੰਤਰ ਇਲੈੱਕਟੁਨ ਸਾਰੀਆਂ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਰਨ ਦੇ ਕਾਰਨ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨਾਂ ਦਾ ਬਹਾਓ ਕਿਸੇ ਨਿਸਚਿਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਕਿਸੇ ਚਾਰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਨਹੀਂ
ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 9

ਜਦੋਂ ਇਸ ਚਾਲਕ (ਤਾਰ) ਨੂੰ ਬੈਟਰੀ ਦੇ ਨਾਲ ਜੋੜ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਚਾਲਕ ਦਾ ਇੱਕ ਸਿਰਾ ਧਨ ਅਤੇ ਦੂਜਾ ਸਿਰਾ ਰਿਣ ਬਣ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਨ ਧਨ ਖੇਤਰ ਵੱਲ ਖਿੱਚੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਉਹ ਖੱਬੇ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਨੂੰ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ। ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਾਂ ਦੀ ਗਤੀ ਸੱਜੇ ਤੋਂ ਖੱਬੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਚਾਰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਸੱਜੇ ਤੋਂ ਖੱਬੇ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਵਰਤਾਰੇ ਨੂੰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਸਾਡੇ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਕੀ ਰੋਲ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਰੋਲ-ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਯੋਗਦਾਨ ਹੈ। ਇਸ ਨਾਲ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਕਈ ਸਹੂਲਤਾਂ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ ਰਾਤ ਨੂੰ ਹਨੇਰਾ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਬੱਲਬ ਅਤੇ ਟਿਊਬ ਲਾਈਟ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਗਰਮੀਆਂ ਵਿੱਚ ਡੇਜ਼ਰਟ ਕੂਲਰ, ਏਅਰ ਕੰਡੀਸ਼ਨਰ ਆਦਿ ਨਾਲ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰ ਕੇ ਘਰਾਂ ਨੂੰ ਠੰਡਾ ਅਤੇ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਹੀਟਰ ਆਦਿ ਨਾਲ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੁੱਟ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਕੇ ਟੈਲੀਵਿਜ਼ਨ, ਰੇਡੀਓ, ਸਿਨੇਮਾ ਅਤੇ ਸੰਗੀਤ ਆਦਿ ਦੁਆਰਾ ਮਨੋਰੰਜਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਖੇਤੀ, ਆਵਾਜਾਈ ਅਤੇ ਉਦਯੋਗਾਂ ਵਿੱਚ ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਆਦਿ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਵੀ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇਲੈਕਟ੍ਰੋਸਟੈਟਿਕਸ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਲੈੱਕਟ੍ਰੋਸਟੈਟਿਕਸ (Electrostatics) – ਜਦੋਂ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਨਾਲ ਰਗੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਵਿੱਚ ਛੋਟੀਆਂ-ਛੋਟੀਆਂ ਅਤੇ ਹਲਕੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵੱਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਦਾ ਗੁਣ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਰਗੜ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਰਗੜ ਬਿਜਲੀ ਜਾਂ ਸਥਿਰ ਬਿਜਲੀ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਸਥਿਰ ਚਾਰਜਾਂ ਦੇ ਅਧਿਐਨ ਨੂੰ ‘ਇਲੈੱਕਟ੍ਰੋਸਟੈਟਿਕਸ’ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਉਦਾਰਹਨ-ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਪੈਂਨ ਨੂੰ ਸੁੱਕੇ ਵਾਲਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਰਗੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਦੇ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਟੁਕੜਿਆਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵੱਲ ਖਿੱਚ ਲੈਂਦਾ ਹੈ। ਇਹ ਰਗੜ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸੰਭਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਨ ਅਤੇ ਰਿਣ ਚਾਰਜ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਨ ਚਾਰਜ (Positive Charge) – ਰੇਸ਼ਮ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਨਾਲ ਰਗੜਨ ਤੇ ਕੱਚ ਦੀ ਛੜ ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਧਨ ਚਾਰਜ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਰਿਣ ਚਾਰਜ (Negative Charge) – ਬਿੱਲੀ ਦੀ ਖੱਲ ਨਾਲ ਰਗੜਨ ਤੇ ਆਬਨੂਸ (ਐਨਾਈਟ ਦੀ ਛੜ ’ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਰਿਣ ਚਾਰਜ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਚਾਲਕਾਂ ਅਤੇ ਰੋਧਕਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ।
ਜਾਂ
ਚਾਲਕ ਅਤੇ ਰੋਧਕ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਚਾਲਕ ਅਤੇ ਰੋਧਕ (Conductors and insulators)-
ਚਾਲਕ-ਚਾਲਕਾਂ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਸੁਤੰਤਰ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਅਧੀਨ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਜਦੋਂ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਇਲੈੱਕਟਾਂ ਇਸ ਦੇ ਧਨ ਟਰਮੀਨਲ ਵੱਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਰਿਣ ਟਰਮੀਨਲ ਤੋਂ ਪ੍ਰਤਿਕਰਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਲਈ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਾਂ ਦੀ ਗਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਚਾਰਜ ਦਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਚਾਲਕ ਅਜਿਹੇ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਲੰਘਦਾ ਹੈ।
ਉਦਾਹਰਨ – ਤਾਂਬਾ, ਚਾਂਦੀ, ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਦਿ ।

ਰੋਧਕ – ਅਜਿਹੇ ਪਦਾਰਥ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਤੰਤਰ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਇਲੈੱਕਟਾਂਨ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਗਤੀ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ ਅਰਥਾਤ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਨਹੀਂ ਲੰਘਦਾ ਉਹ ਰੋਧਕ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ-ਰਬੜ, ਕੱਚ, ਪਲਾਸਟਿਕ ਆਦਿ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਬਿਜਲਈ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਦਾ ਕੀ ਅਰਥ ਹੈ ? ਧਨ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅਤੇ ਰਿਣ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਟੈਂਸ਼ਲ – ਇਹ ਚਾਲਕ ਦੀ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬਿਜਲਈ ਅਵਸਥਾ ਹੈ ਜੋ ਸਾਨੂੰ ਇਹ ਦੱਸਦੀ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸੇ ਦੂਸਰੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਨਾਲ ਬਿਜਲਈ ਚਾਰਜ ਦਾ ਬਹਾਓ ਕਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇਗਾ। ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਧਰਤੀ ਦੇ ਸਾਪੇਖ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਧਨ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ – ਜੇਕਰ ਧਨ ਚਾਰਜ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਵਹਿੰਦਾ ਜਾਂ ਇਲੈਕਟ੍ਰਾਨ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਵਸਤੂ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਤਾਂ ਉਸ ਵਸਤੂ ਦੇ ਟੈਂਸ਼ਲ ਨੂੰ ਧਨ ਟੈਸ਼ਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਿਸੇ ਸੈੱਲ ਦੇ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਦਾ ਕੀ ਅਰਥ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੈੱਲ ਦਾ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ – ਇਕਾਈ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਪੂਰੇ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਸੈੱਲ ਦੁਆਰਾ ਖ਼ਰਚ ਕੀਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਸੈੱਲ ਦਾ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਇਸ ਨੂੰ E ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਦੀ S.I ਇਕਾਈ ਵੋਲਟ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਇਲੈੱਕਟ੍ਰੋਸਟੈਟਿਕਸ ਵਿੱਚ ਕੂਲਾਂਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਬਿਆਨ ਕਰੋ ਅਤੇ ਇਸ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਸਥਿਰ ਬਿਜਲਈ ਵਿੱਚ ਕੂਲਾਂਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਜਾਂ
ਸਥਿਰ ਬਿਜਲਈ ਵਿੱਚ ਕੂਲਾਂਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਬਿਆਨ ਕਰੋ ਅਤੇ ਇਸ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਲੈੱਕਟ੍ਰੋਸਟੈਟਿਕਸ ਵਿੱਚ ਕੂਲਾਮ ਦਾ ਨਿਯਮ – ਕੂਲਾਂਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਦੋ ਸਮਜਾਤੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਚਾਰਜਿਤ ਵਸਤੁਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਅਪਕਰਸ਼ਨ ਬਲ ਜਾਂ ਦੋ ਅਸਮਜਾਤੀ ਚਾਰਜ ਵਾਲੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਚਾਰਜਾਂ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਉਲਟ ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 10

ਮੰਨ ਲਓ ਦੋ ਬਿੰਦੂਆਂ ਤੇ ਚਾਰਜ ਦੀ ਮਾਤਰਾ q1 ਅਤੇ q2 ਹੈ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ‘d’ ਹੈ। ਜੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਿਹਾ ਬਲ F ਹੋਵੇ, ਤਾਂ
F ∝ q1q2 ……….(i)
ਅਤੇ
F ∝ \(\frac{1}{d^{2}}\) ………(ii)
ਸਮੀਕਰਨ (1) ਅਤੇ (ii) ਨੂੰ ਮਿਲਾ ਕੇ,
F ∝ \(\frac{q_{1} q_{2}}{d^{2}}\)
ਜਾਂ
F = \(\frac{q_{1} q_{2}}{d^{2}}\)
ਜਿੱਥੇ K ਅਨੁਪਾਤ ਅੰਕ ਹੈ ਜਿਸਦਾ ਮੁੱਲ ਚਾਰਜਾਂ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਚਾਰਜਾਂ ਨੂੰ ਕੂਲਾਂਮ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਮੀਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਹਵਾ ਜਾਂ ਨਿਰਵਾਯੂ ਲਈ K = 9 × 109 ਹੈ ।
F = 9 × 109 × \(\) ਨਿਊਟਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਸ ਦੀ ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ-ਇੱਕ ਬਿਜਲੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਦੋ ਬਿੰਦੂਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਉਸ ਖੇਤਰ ਕਾਰਨ ਸਥਿਰ ਬਿਜਲੀ ਦਲ ਦੇ ਉਲਟ ਇੱਕ ਇਕਾਈ ਧਨ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਬਿੰਦੂ ਤਕ ਲੈ ਜਾਣ ਲਈ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਹੈ । ਪੁਟੈਂਥਲ ਅੰਤਰ ਦੀ ਇਕਾਈ ਵੋਲਟ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਵੋਲਟ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ। ਇਹ ਕਿਸ ਦੀ ਇਕਾਈ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੋਲਟ-ਬਿਜਲੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਦੋ ਬਿੰਦੂਆਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਕੂਲਾਮ ਦੇ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਇਕ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਬਿੰਦੂ ਤਕ ਲੈ ਜਾਣ ਵਿੱਚ 1 ਜੂਲ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੋਵੇ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 11
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਦੀ ਇਕਾਈ ਵੋਲਟ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਅਸੀਂ ਕਿਵੇਂ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਚਾਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੇ ਅਸੀਂ ਇੱਕ ਚਾਰਜਿਤ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਨੂੰ ਤਾਰਾਂ ਦੁਆਰਾ ਅਣਚਾਰਜਿਤ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਦੇ ਨਾਲ ਜੋੜੀਏ, ਤਾਂ ਚਾਰਜ ਚਾਰਜਿਤ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਤੋਂ ਅਣਚਾਰਜਿਤ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦੇਵੇਗਾ। ਇਸ ਨਾਲ ਅਸਚਾਰਜਿਤ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਦੇ ਪੱਤਰੇ ਵਧੇਰੇ ਫੈਲ ਕੇ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਤੋਂ ਵੱਖ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ਅਤੇ ਖੁੱਲ੍ਹ ਜਾਣਗੇ। ਕਰੰਟ ਦਾ ਇਹ ਵਾਹ ਓਨੀ ਦੇਰ ਤਕ ਚਲਦਾ ਰਹੇਗਾ ਜਦੋਂ ਤੱਕ ਕਿ ਦੋਵੇਂ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀਆਂ ਦੇ ਪੱਤਰੇ ਇੱਕ ਨਹੀਂ ਹੋ ਜਾਂਦੇ। ਬਰਾਬਰੀ ਆਉਣ ‘ਤੇ ਬਿਜਲਦਰਸ਼ੀ ਤੇ ਪੱਤਰੇ ਇੱਕ ਸਾਰ ਖੁੱਲ੍ਹਣਗੇ। ਚਾਰਜ ਦੇ ਇਸ ਪ੍ਰਵਾਹ ਨੂੰ ਹੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਕੀ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲ ਕਰੰਟ (Electric Current) – ਜਦੋਂ ਦੋ ਬਿੰਦੂ, ਜੋ ਕਿ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਟੈਂਸ਼ਲਾਂ ਤੇ ਹੋਣ, ਨੂੰ ਇੱਕ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਤਾਰ ਦੁਆਰਾ ਜੋੜ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਚਾਰਜ ਵੱਧ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਤੋਂ ਘੱਟ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਵਾਲੇ ਚਾਲਕ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕਿਰਿਆ ਉਦੋਂ ਤੱਕ ਚਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਤਕ ਕਿ ਦੋਨੋਂ ਬਿੰਦੂਆਂ ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਬਰਾਬਰ ਨਹੀਂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ । ਜੇ ਦੋਨਾਂ ਬਿੰਦੂਆਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਬਣਿਆ ਰਹੇ, ਤਾਂ ਚਾਰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਜਾਰੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚਾਰਜ ਦੇ ਲਗਾਤਾਰ ਪ੍ਰਵਾਹ ਨੂੰ ਕਰੰਟ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਿਵੇਂ ਊਸ਼ਮਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਧਾਤਵੀ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਸੰਖਿਆ ਵਿੱਚ ਮੁਕਤ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਜਦੋਂ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸਰੋਤ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਮੁਕਤ ਇਲੈੱਕਫੁੱਟ ਉੱਚੇ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਤੋਂ ਨੀਵੇਂ ਟੈਂਸ਼ਲ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਤੋਂ ਇਲੈਂਕਨ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਟਕਰਾਓ ਕਾਰਨ ਮੁਕਤ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਾਂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਚਾਲਕ ਦੇ ਪਰਮਾਣੁਆਂ ਵਿੱਚ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਚਾਲਕ ਦੇ ਤਾਪ ਦੀ ਧੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਊਸ਼ਮਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਊਸ਼ਮਾ ਦਾ ਸੰਬੰਧ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਅਤੇ ਊਸ਼ਮਾ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ – ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਜੂਲ ਨਾਂ ਦੇ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਨੇ ਸਾਨੂੰ ਇਹ ਦੱਸਿਆ ਸੀ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ ਜੂਲ ਦਾ ਤਾਪਨ ਪ੍ਰਭਾਵ ਦਾ ਨਿਯਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਕਿਉਂਕਿ ਚਾਲਕ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੋਣ ਵਿੱਚ ਕਾਰਜ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਉਸ਼ਮਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਮੰਨ ਲਓ ਕਿਸੇ R ਤਿਰੋਧ ਵਾਲੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ t ਸੈਕਿੰਡ ਤੱਕ I ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ, V ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਤੇ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ ਅਤੇ t ਸਮਾਂ ਲਈ I ਧਾਰਾ Q ਚਾਰਜ ਕਾਰਨ ਹੋਵੇ ਤਾਂ,
I = \(\frac{\mathrm{Q}}{t}\)
ਜਾਂ Q = I × t
Q ਚਾਰਜ ਲਈ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ W = Q × V
= It × V
= It × I × R
= I2 Rt (∵ V = I × R)
ਜੇਕਰ ਉਤਸਰਜਿਤ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਮ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ
H = W
∴ H = I2Rt ਜੂਲ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਚਾਲਕ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਇਸ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਚਾਲਕ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ – ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੇ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤ ਨੂੰ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਜੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ vਹੋਵੇ ਅਤੇ ਇਸ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘ ਰਹੀ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ 1 ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R)
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ (V) ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 12

ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ-S.I. ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਓਹਮ ਹੈ ਜਦਕਿ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਵੋਲਟ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਕਰੰਟ ਨੂੰ ਐਮਪੀਅਰ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਓਹਮ (Ohn) – ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਤਿਰੋਧ ਇੱਕ ਓਹਮ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇ ਉਸਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਇੱਕ ਵਲਟ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘ ਰਹੇ ਕਰੰਟ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਲਿਖ ਕੇ ਮਹੱਤਤਾ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ – ਕਿਸੇ ਇਕਾਈ ਲੰਬਾਈ ਅਤੇ ਇਕਾਈ ਪਰਿਖੇਤਰਫਲ ਵਾਲੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਉਸ ਚਾਲਕ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ। ਇਸ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ Ω m (ਓਹਮ-ਮੀਟਰ ਹੈ ।
ਮਹੱਤਤਾ-

  1. ਇਹ ਤਾਪਮਾਨ ਦੇ ਨਾਲ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਉਹ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਕੁਚਾਲਕ ਜਾਂ ਘੱਟ ਚਾਲਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  3. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਉਹ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੰਗੇ ਚਾਲਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਜਿਵੇਂ-ਧਾਤਾਂ, ਮਿਸ਼ਰਧਾਤਾਂ ਆਦਿ ।
  4. ਕਿਸੇ ਮਿਸ਼ਰਧਾਤੂ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਉਸਦੀਆਂ ਘਟਕ ਧਾਤਾਂ ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਤਾਪੀ ਉਪਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਵਾਲੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਤਾਪਨ ਉਪਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ-

  1. ਇਹ ਉੱਚੇ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਆਕਸੀਕ੍ਰਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  2. ਇਹ ਅਧਿਕ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  3. ਇਹ ਉੱਚੇ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਨਹੀਂ ਜਲਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਬਿਜਲ ਸਰਕਟ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਇੱਕ ਬੰਦ ਸਰਕਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਲੰਘਦੇ ਹਨ। ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਲੈੱਕਟਾਂਨ ਰਿਣ ਟਰਮੀਨਲ ਤੋਂ ਧਨ ਟਰਮੀਨਲ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹਨ। ਪਰ ਕਰੰਟ (I) ਦੀ ਪਰੰਪਰਿਕ ਦਿਸ਼ਾ ਇਲੈਂਕਨ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਤੋਂ ਉਲਟ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਬਿਜਲਈ ਕਰੰਟ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀਆਂ ਮਾਤ੍ਰਿਕਾਂ ਦੱਸੋ।
ਜਾਂ
ਬਿਜਲਈ ਕਰੰਟ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸਦੀ S.I. ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਇਕਾਈ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਕਰੰਟ (Current) – ਜੇ ਦੋ ਚਾਰਜਿਤ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਜੋੜਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਵਸਤੂ ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਇਲੈਂਕਟਾਂਨਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਬਿਜਲ ਈਧਾਰਾ (I) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਦੂਜੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿੱਚ, ਇਕਾਈ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੇ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਕਰੰਟ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 13
= 6.25 × 1018 ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨ

ਐਮਪੀਅਰ (Ampere) – ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਸੈਕਿੰਡ ਲਈ ਇੱਕ ਕੂਲਾਂ ਚਾਰਜ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।
ਕਰੰਟ ਦੀ ਛੋਟੀ ਇਕਾਈ ਮਿਲੀ-ਐਮਪੀਅਰ ਹੈ ।
1 ਮਿਲੀ-ਐਮਪੀਅਰ = \(\frac{1}{1000}\) ਐਮਪੀਅਰ
= 10-3 ਐਮਪੀਅਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਕਰੰਟ ਮਾਪਣ ਲਈ ਕਿਸ ਯੰਤਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰੰਟ ਨੂੰ ਮਾਪਣ ਲਈ ਐਮਮੀਟਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਹ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਹਮੇਸ਼ਾ ਇਸ ਢੰਗ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸੰਪੂਰਨ ਕਰੰਟ ਇਸ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਵੇ ਅਰਥਾਤ ਲੜੀਵਾਰ ਕੂਮ ਵਿਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਐਮਮੀਟਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 14

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਦੀ ਇਕਾਈ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ।
ਜਾਂ
ਇਕ ਵਾਟ = ਘੰਟਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਉੱਤਰ-ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਦੀ ਇਕਾਈ ਜੂਲ/ਵਾਟ-ਸੈਕਿੰਡ/ਵਾਟ-ਘੰਟਾ ਹੈ।
ਵਾਟ-ਘੰਟਾ-ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਇੱਕ ਵਾਟ-ਘੰਟਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੇ ਇਕ ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਘੰਟੇ ਲਈ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਉਸਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਵੋਲਟ ਦਾ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੋਵੇ !
1 ਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1 ਵਾਟ × 1 ਘੰਟਾ
= 1 ਵੋਲਟ × 1 ਐਮਪੀਅਰ × 1 ਘੰਟਾ
ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਨੂੰ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
1 ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ = 1000 ਵਾਟ ਘੰਟਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਇਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਜੂਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਇਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਨੂੰ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ – ਜੇਕਰ ਇੱਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ 1 ਘੰਟੇ ਤਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਖਪਤ ਹੋਈ ਊਰਜਾ ਇੱਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (kWh) ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
∴ 1 kWh = 1 kW × 1 ਘੰਟਾ
= 1000 ਵਾਟ × 3600 ਸੈਕਿੰਡ
= 1000 PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 15 × 3600 ਸੈਕਿੰਡ
∴ 1 ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (1 kWh) = 36 × 105 ਜੂਲ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਕੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਤਾਪਮਾਨ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਦਕਿ ਬਿਜਲਈ ਬੱਲਬ ਦੇ ਫਿਲਾਮੈਂਟ ਵਿੱਚ ਉੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਬਿਜਲਈ ਬੱਲਬ ਦੇ ਫਿਲਾਮੈਂਟ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ, ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨ ਤੇ ਬਿਜਲਈ ਬੱਲਬ ਦੇ ਫਿਲਾਮੈਂਟ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰਾ ਉੱਚਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਬਿਲਜਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ :-
(i) ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਐਮਮੀਟਰ ਨੂੰ ਸਮਾਨੰਤਰ ਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਕਰਦੇ ਹੋ ਤਾਂ ਐਮਮੀਟਰ ਕਿਉਂ ਸੜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(ii) ਇੱਕ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਤਾਪ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਹੇਠਾਂ ਕੁੱਝ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਘੱਟ ਕੇ ਜ਼ੀਰੋ ਕਿਉਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i) ਸਰਕਟ ਦੇ ਹੋਰ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਐਮਮੀਟਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਨਾ ਹੋਣ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਐਮਮੀਟਰ ਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਸਮਾਨੰਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਸਰਕਟ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਐਮਮੀਟਰ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਐਮਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਉੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸ ਕਾਰਨ ਵਧੇਰੇ ਤਾਪ ਦੇ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਐਮਮੀਟਰ ਸੜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ii) ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਤਾਪ ਭਾਂਤਿਕ ਤਾਪ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪਦਾਰਥ ਅਤਿਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਉਸਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਚਾਨਕ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਨਾ ਕਿਉਂ ਲਾਭਦਾਇਕ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਸੰਯੋਜਨ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਨ ਨਾਲ ਕਿਸੇ ਵੀ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਸਵਿੱਚ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਪੂਰਵਕ ਭੇਜੀ ਜਾਂ ਰੋਕੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  2. ਅਜਿਹਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਾਰੀਆਂ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਸ਼ਾਖ਼ਾਵਾਂ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਬੱਲਬ, ਬਿਜਲਈ ਐੱਸ, ਰੈਫ਼ਰੀਜ਼ੇਟਰ, ਰੇਡੀਓ ਅਤੇ ਟੈਲੀਵਿਜ਼ਨ ਆਦਿ ਨੂੰ ਇੱਕ ਹੀ ਟੈਂਸ਼ਲ ਤੇ ਚੱਲਣ ਯੋਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25
ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ, ਜੇਕਰ-
(i) ਤਾਰ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਵਧਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ।
(ii) ਪਰਿਖੇਤਰਫਲ ਵਧਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ, ਤਾਰ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਤਾਰ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਵਧਾਉਣ ਨਾਲ ‘ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਧਿਕ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ii) ਮੋਟੇ ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਬਾਰੀਕ ਤਾਰ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਤਾਰ ਦੀ ਮੋਟਾਈ ਕਾਰਨ ਉਸ ਦਾ ਪਰਿਖੇਤਰਫਲ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਸੰਯੋਜਕ ਤਾਰਾਂ ਤਾਂਬੇ ਦੀਆਂ ਹੀ ਕਿਉਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਹ ਤਾਰਾਂ ਮੋਟੀਆਂ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀਆਂ
ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਾਂਦੀ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਤਾਂਬਾ (ਕਾਪਰ) ਹੀ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਵਧੀਆ ਚਾਲਕ ਹੈ। ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਸ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਅਸਾਨੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਰ ਸਕਦੀ ਹੈ। ਸੰਯੋਜਕ ਤਾਰਾਂ (ਬਿਜਲੀ ਵਾਹਕ ਤਾਰਾਂ) ਮੋਟੀਆਂ ਰੱਖੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਕਿਉਂਕਿ ਕਿਸੇ ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਉਸਦੀ ਮੋਟਾਈ ਦੇ ਉਲਟ (ਵਿਲੋਮ) ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜਿਹੜੀ ਤਾਰ ਜਿੰਨੀ ਮੋਟੀ ਹੋਵੇਗੀ ਓਨਾ ਹੀ ਉਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ। ਇਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਅਸਾਨੀ ਨਾਲ ਉਸ ਵਿਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਸਕੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਚਾਲਕ ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਦੋ ਉਦਾਹਰਣਾਂ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਚਾਲਕ-ਅਜਿਹੇ ਪਦਾਰਥ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਸੌਖਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਚਾਲਕ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਣ-

  1. ਤਾਂਬਾ
  2. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ
  3. ਤੇਜ਼ਾਬ ਯੁਕਤ ਪਾਣੀ ।

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ਸੰਖਿਆਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Numerical Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਦੋ ਛੋਟੇ ਚਾਰਜਿਤ ਗੋਲਿਆਂ ਤੇ 2 × 10-7 ਕੂਲਾਂਮ ਅਤੇ 3 × 10-7 ਕੂਲਾਂਮ ਦੇ ਚਾਰਜ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹ ਹਵਾ ਵਿੱਚ 30 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਰੱਖੇ ਗਏ ਹਨ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਬਲ ਮਾਲੂਮ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਪਹਿਲੇ ਗੋਲੇ ਦਾ ਚਾਰਜ q1 × 10-7 ਕੂਲਾਂਮ
ਦੂਜੇ ਗੋਲੇ ਦਾ ਚਾਰਜ q2 = 3 × 10-7 ਕੂਲਾਂਮ
ਗੋਲਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ d = 30 cm
= \(\frac{30}{100}\)m
= 0.30 cm
ਹਵਾ ਮਾਧਿਅਮ ਲਈ K = 9 × 109
ਦੋਨੋਂ ਗੋਲਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਬਿਜਲੀ ਬਲ F = ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 16

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਚਾਲਕ ਦੀ ਲੰਬਾਈ 3.0 m, ਪਰਿਖੇਤਰਫਲ 0.02 mm2 ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ 2 ਓਹਮ ਹੈ। ਇਸ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਮਾਲੂਮ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਚਾਲਕ ਦੀ ਲੰਬਾਈ (l) = 3.0 m
ਚਾਲਕ ਦਾ ਪਰਿਖੇਤਰਫਲ (a) = 0.02 m2
= \(\frac{0.02}{10^{6}}\)m2
ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R) = 2 ਓਹਮ
ਚਾਲਕ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ (ρ) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, R = ρ × \(\frac{l}{a}\)
2 = ρ × \(\frac{3}{0.02 \times 10^{-6}}\)
∴ ρ = \(\frac{2 \times 0.02 \times 10^{-6}}{3}\)
ρ = \(\frac{2 \times 2}{3 \times 10^{2}}\) × 10-6
= \(\frac{4}{3}\) × 10-8
= 1.33 × 10-8 ਓਹਮ-ਮੀਟਰ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
30 Ω, 50 Ω ਅਤੇ 80 Ω, ਦੇ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਤਿੰਨ ਤਿਰੋਧਕਾਂ ਦਾ ਤੱਲ-ਤਿਰੋਧ ਮਾਲੂਮ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਇੱਥੇ r1 = 30 Ω
r2 = 50 Ω
r3 = 80 Ω
ਹੁਣ, ਕਿਉਂਕਿ ਤਿੰਨਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ r1, r2, r3 ਨੂੰ ਲੜੀਬੱਧ ਜੋੜਿਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਡੁੱਲ-ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ (R) ਤਿੰਨਾਂ ਦੇ ਜੋੜ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ।
R = r1 + r2 + r3 )
= 30 Ω + 50 Ω + 80 Ω
R = 160 Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
40 Ω, 60 Ω, ਅਤੇ 90 Ω ਦੇ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰਬੱਧ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿੰਨਾ ਹੈ ?
ਹੱਲ :
ਇੱਥੇ r1 = 40 Ω
r2 = 60 Ω
r3 = 90 Ω
ਮੰਨ ਲਓ ਤਿੰਨਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਹੈ
ਕਿਉਂਕਿ ਤਿੰਨਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ
\(\frac{1}{R}\) = \(\frac{1}{r_{1}}+\frac{1}{r_{2}}+\frac{1}{r_{3}}\)
= \(\frac{1}{40}+\frac{1}{60}+\frac{1}{90}\)
\(\frac{1}{R}\) = \(\frac{9+6+4}{360}\)
\(\frac{1}{R}\) = \(\frac{19}{360}\)
∴ R = \(\frac{360}{19}\) = 18.95 Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
6 Ω, 8 Ω, ਅਤੇ 10 Ω ਦੇ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਲੜੀ ਬੱਧ ਜੋੜੇ ਗਏ ਹਨ । ਪਰਿਪੱਖ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ,
R1 = 6 Ω , R2 = 8 Ω, R3 = 10 Ω
ਮੰਨ ਲਓ ਪਰਿਪੱਖ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਹੈ, ਤਾਂ
ਲੜੀ ਬੱਧ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ, R = R1 + R2 + R3
= 6Ω + 8Ω + 10Ω
= 24Ω

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
5 Ω, 8 Ω, ਅਤੇ 12 Ω ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਵਾਲੇ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਲੜੀਵਾਰ ਕੌਮ ਵਿਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਹਨ । ਪਰਿਪੱਖ ਦਾ ਪਰਿਣਾਮੀ ਤਿਰੋਧ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ,
R1 = 5 Ω, R2 = 8 Ω , R3 = 12 Ω
ਮੰਨ ਲਓ ਪਰਿਪੱਖ ਦਾ ਪਰਿਣਾਮੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਹੈ, ਤਾਂ
ਲੜੀਵਾਰ ਕੂਮ ਵਿਚ ਜੋੜੇ ਗਏ ਤਿਰੋਧਾਂ ਦਾ ਪਰਿਣਾਮੀ ਤਿਰੋਧ, R = R1 + R2 + R3
= 5Ω + 8Ω + 12Ω
= 25Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
4 Ω, 8 Ω, 12 Ω ਅਤੇ 24 Ω ਕਿਸ ਤਰਤੀਬ ਵਿਚ ਜੋੜੇ ਜਾਣ ਤਾਂ ਜੋ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਵੇਗਾ ? ਪਰਿਣਾਮੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਵੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ : ਦਿੱਤਾ ਹੈ,
R1 = 4 Ω , R2 = 8 Ω , R3 = 12 Ω , R4 = 24 Ω
ਮੰਨ ਲਓ ਪਰਿਣਾਮੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਹੈ,
ਜੇਕਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਚਹੁੰ ਤਿਰੋਧਾਂ ਨੂੰ ਲੜੀਕੂਮ ਵਿਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਏਗਾ ਤਾਂ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਵੇਗਾ । ਪਰਿਣਾਮੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ, R = R1 + R2 + R3 + R4.
= 4Ω + 8Ω + 12Ω + 24Ω
= 48Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
4 Ω, 8 Ω, 10 Ω ਅਤੇ 20 Ωਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦੀਆਂ ਚਾਰ ਕੁੰਡਲੀਆਂ ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਤੇ (1) ਅਧਿਕਤਮ (2) ਨਿਊਨਤਮ ਤਿਰੋਧ ਕਿੰਨਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ? (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਹੱਲ :
1. ਅਧਿਕਤਮ ਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸੰਯੋਜਨ – ਇਨ੍ਹਾਂ ਚਹੁੰ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਨੂੰ ਲੜੀਮ ਵਿਚ ਜੋੜਨ ਨਾਲ ਅਧਿਕਤਮ ਪਰਿਣਾਮੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਵੇਗਾ ।
∴ RS = R1 + R2 + R3 + R4
= 4Ω + 8Ω + 10Ω + 20Ω
= 42Ω

2. ਨਿਊਨਤਮ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸੰਯੋਜਨ-ਜੇਕਰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਤਿਰੋਧਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਵੇਗਾ ਤਾਂ ਪਰਿਣਾਮੀ ਤਿਰੋਧ ਨਿਊਨਤਮ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਹੋਵੇਗਾ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 17

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਪੰਜ ਬੱਲਬਾਂ ਨੂੰ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਹਰੇਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ 400 ਓਹਮ ਹੈ, 220 V ਦੀ ਸਪਲਾਈ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। (ੳ) ਹੋਰ ਲੈਂਪ ਦੀ ਵੋਲਟੇਜ (ਅ) ਜੇ ਬੱਲਬਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਤੀਦਿਨ 5 ਘੰਟੇ ਲਈ 30 ਦਿਨਾਂ ਵਾਸਤੇ ਜਲਾਇਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਖ਼ਪਤ ਬਿਲ ਮਾਲੂਮ ਕਰੋ, ਜਦੋਂ ਕਿ ਇਕ ਯੂਨਿਟ ਦਾ ਮੁੱਲ 3 ਰੁਪਏ ਹੋਵੇ।
ਹੱਲ :
ਹਰ ਬੱਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ= 440 ਓਹਮ
5 ਬੱਲਬ ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਜੋੜੇ ਗਏ ਹਨ ਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਡੁੱਲ-ਤਿਰੋਧ R ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 18
= 88 ਓਹਮ
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V = 220 V
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, P = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{220 \times 220}{88}\)
= \(\frac{5 \times 220}{2}\) = 550 W
ਹਰੇਕ ਲੈਂਪ ਦੀ ਵਾਟੇਜ (ਸ਼ਕਤੀ) = \(\frac{550}{5}\) = 110 ਵਾਟ
ਸਮਾਂ = 30 × 5 ਘੰਟੇ
= 150 ਘੰਟੇ
ਊਰਜਾ ਦੀ ਖ਼ਪਤ (E) = p × t
= 550 ਘੰਟੇ × 150 ਘੰਟੇ
= 82500 ਵਾਟ-ਘੰਟੇ
= \(\frac{82500}{1000}\) ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟੇ
= \(\frac{825}{10}\) ਯੂਨਿਟ
ਊਰਜਾ ਸਪਲਾਈ ਦੀ ਦਰ = 3 ਰੁ: ਪ੍ਰਤੀ ਯੂਨਿਟ
ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਬਿੱਲ ਦੀ ਰਕਮ =\(\frac{825}{10}\) × 3
= 247.50 ਰੁਪਏ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਦੋ ਤਾਰਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਬੱਧ ਜੋੜਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ 12 Ω ਹੈ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜਨ ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ 50 Ω , ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਾਂ ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਮੰਨ ਲਓ ਕਿ ਦੋ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R1 ਅਤੇ , ਹਨ
ਜਦੋਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ-
RS = R1 + R2 = 50 Ω ……….(i)
ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਬੱਧ ਵਿੱਚ ਜੋੜਨ ‘ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਸਮੂਚਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 19
(i) ਅਤੇ (ii) ਤੋਂ ਅਸੀਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ
R1 + \(\) = 50

ਜਾਂ R12 – 50 R1 + 600 = 0
ਜਾਂ R12 – 30 R1 – 20 R1 + 600 = 0
ਜਾਂ R1(R1 – 30) – 20 (R1 – 30) = 0
ਜਾਂ (R1 – 30) (R1 – 20) = 0
∴ R1 – 30 = 0 ਜਾਂ R1 – 20 = 0
∴ ਅਰਥਾਤ R1 = 30 Ω ਅਤੇ R1 = 20 Ω
ਇਸ ਲਈ ਪਹਿਲਾ ਤਿਰੋਧ R2 = 30 Ω
ਅਤੇ ਦੂਜਾ ਤਿਰੋਧ R2 = 20 Ω
ਇਸ ਲਈ ਪਹਿਲਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R1 = 20 ਅਤੇ ਦੂਜਾ ਤਿਰੋਧ R2 = 30 Ω ਲੈ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇੱਕ ਸਰਕਟ A ਆਕਾਰ ਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਓਹਮ ਪ੍ਰਤਿ ਸਮ ਦੇ ਪੰਜ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਹਨ। ਇਸ ਦੀਆਂ ਦੋ ਭੁਜਾਵਾਂ 20 ਸਮ ਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਵਿੱਚ ਵਾਲੀ ਲੰਬਾਈ 10 ਸਮ ਹੈ ਜਦਕਿ ਸ਼ੀਰਸ਼ ਕੋਣ 60° ਹੈ। ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਗਿਆਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 20
ਹੱਲ :
ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਸੰਯੋਜਨ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 21
DA ਅਤੇ AE ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਹਨ
∴ DA ਅਤੇ AE ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ = 10 + 10
= 20 Ω
ਹੁਣ DE ਅਤੇ AE ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ 20 Ω DE ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ
DAED ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ \(\frac{1}{r}\) = \(\frac{1}{10}+\frac{1}{20}\)
= \(\frac{2+1}{20}\)
∴ r = \(\frac{20}{3}\)Ω
ਹੁਣ BD, DAED ਅਤੇ EC ਲੜੀਕੂਮ ਵਿਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਹਨ
∴ B ਅਤੇ C ਦੇ ਵਿੱਚ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ = 10 + \(\frac{20}{3}\) + 10
= \(\frac{30+20+30}{3}\)
= \(\frac{80}{3}\)
= 26.67 Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਇੱਕ ਬੱਲਬ 200 v ਅਤੇ 100 wਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ? ਇਹ ਬੱਲਬ 4 ਘੰਟੇ ਲਈ ਦੀਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਨੇ ਕਿੰਨੀ ਊਰਜਾ ਖਪਤ ਕੀਤੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦਾ 2.50 ਰੁ: ਪ੍ਰਤਿ ਯੂਨਿਟ ਦੀ ਦਰ ਨਾਲ ਖ਼ਰਚ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
P = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}}\)
ਜਾਂ R = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{P}}\)
∴ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧ R = \(\frac{(200)^{2}}{100}\)
= \(\frac{200 \times 200}{100}\)
= 400 Ω
ਖ਼ਪਤ ਹੋਈ ਊਰਜਾ E = \(\frac{100 \times 4}{1000}\)
= 0.4 Kwh
ਕੁੱਲ ਖ਼ਰਚਾ = 0.4 × 2.50
= 1 ਰੁਪਏ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
220 V ਦੇ ਬਿਜਲਈ ਸਰੋਤ ਨੂੰ ਚਾਰ 40 W, 220 V ਦੇ ਬੱਲਦਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ੇਣੀਬੱਧ ਵਿਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਕਰਨ ਤੇ ਹਰੇਕ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਨ ਪਤਾ ਕਰੋ। ਜੇਕਰ ਇੱਕ ਬੱਲਬ ਫਿਊਜ਼ ਹੋ ਜਾਵੇ ਤਾਂ 220 v ਸਰੋਤ ਤੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਧਾਰਾ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਏਗਾ ?
ਹੱਲ :
40 ਵਾਟ ਦੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{P}}\)
= \(\frac{(220)^{2}}{40}\)
40 ਵਾਟ ਦੇ ਚਾਰ ਬੱਲਬਾਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ = \(\frac{4 \times(220)^{2}}{40}\)
= 4840 Ω
ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{220}{4840}\)
= 0.045A
ਇੱਕ ਬੱਲਬ ਦੇ ਫਿਊਜ਼ ਹੋਣ ਨਾਲ ਉਸ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
12V ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਦੇ ਦੋ ਬਿੰਦੂਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ 20 ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਲਿਜਾਣ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨਾ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਹੱਲ :
ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ (V) = 12 ਵੋਲਟ ਦੇ ਦੋ ਬਿੰਦੂਆਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਚਾਰਜ ਦਾ ਮਾਨ Q = 2 ਕੂਲਾਂਮ ।
ਇਸ ਲਈ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਸਥਾਨੰਤਰਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ W = V × Q
= 12 V × 2 C
= 24 J (ਜੂਲ) ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਇੱਕ 20 Ω ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਬਿਜਲਈ ਬੱਲਬ ਅਤੇ ਇੱਕ 4 Ω ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ ਚਾਲਕ 6V ਦੀ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਚਿੱਤਰ ਅਨੁਸਾਰ ਜੁੜੇ ਹਨ । ਗਣਨਾ ਕਰੋ : (a) ਸਰਕਟ ਦਾਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ (b) ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ।
ਹੱਲ :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 22
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਬੱਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R1 = 20 Ω
ਅਤੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R2 = 4 Ω
ਬੈਟਰੀ ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V = 6 V
(a) ∵ ਦੋਨੋਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਹਨ,
∴ ਸਰਕਟ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ R = R1 + R2
= 20Ω + 4Ω
= 24Ω

(b) ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਲੱਗਿਆ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V = 6 V
ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R = 24 Ω
∴ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਧਾਰਾ I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{6 \mathrm{~V}}{24 \Omega}\)
= 0.25 A

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਇੱਕ 4 Ω ਦੇ ਤਿਰੋਧਕ ਵਿੱਚ 100.J ਊਸ਼ਮਾ ਪ੍ਰਤਿ ਸੈਕਿੰਡ ਦੀ ਦਰ ਨਾਲ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ। ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਗਿਆਤ ਕਰੋ। ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਊਸ਼ਮਾ H = 100 J
ਸਮਾਂ t = 1s
ਤਿਰੋਧ R = 4 Ω
ਸੂਤਰ H = I2 Rt ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਤੇ
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ I = \(\sqrt{\frac{\mathrm{H}}{\mathrm{R} t}}\)
= \(\sqrt{\frac{100 \mathrm{~J}}{4 \Omega \times 1 \mathrm{~s}}}\)
= 5A
ਪਰੰਤੂ V = I × R
∴ ਤਿਰੋਧਕ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਾਲੇ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V = 5 A × 4 Ω
= 20 V

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਨਾਲ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ R1 = 10 Ω, R2 = 40 Ω, R3 = 30 Ω, R4 = 20 Ω ਅਤੇ Rs = 60 ਹੈ ਅਤੇ 12 v ਦੀ ਬੈਟਰੀ ਇਸ ਸੰਯੋਜਨ ਵਿੱਚ ਜੁੜੀ ਹੋਈ ਹੈ। ਪਰਿਕਲਨ ਕਰੋ : – (a) ਸਰਕਟ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ ਅਤੇ (b) ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 23
ਹੱਲ :
(a) ਮੰਨ ਲਓ R1 ਅਤੇ R2 ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਾਂ ਦਾ ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਬੱਧ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਡੁੱਲ-ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R’ ਹੈ, ਤਾਂ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 24
∴ R’ = 8 Ω
ਹੁਣ R3, R4 ਅਤੇ R5 ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਸੰਯੋਜਨ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R” ਹੈ, ਤਾਂ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 25
∴ R” = 10 Ω

ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ R’ ਅਤੇ R” ਨੂੰ ਸ਼੍ਰੇਣੀਬੱਧ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਤਿਰੋਧ R ਹੈ, ਤਾਂ
R = R’ + R”
= 8 Ω + 10 Ω
∴ R = 18 Ω

(b)ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V = 12 V
ਸਰਕਟ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R = 18 Ω
∴ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{12 \mathrm{~V}}{18 \Omega}\)
= 0.67 A

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਬਿਜਲਈ ਹੀਟਰ ਕਿਸੇ ਸਰੋਤ ਤੋਂ 4A ਦੀ ਧਾਰਾ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚ 60 y ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਹੈ ਜੇਕਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਨੂੰ ਵਧਾ ਕੇ 120 V ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਹੀਟਰ ਕਿੰਨੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰੇਗਾ ?
ਹੱਲ :
ਪਹਿਲੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਬਿਜਲਈ ਹੀਟਰ ਦੁਆਰਾ ਲਈ ਗਈ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ I1 = 4 A
ਬਿਜਲਈ ਹੀਟਰ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V1 = 60 V
ਬਿਜਲਈ ਹੀਟਰ ਦੀ ਕੁੰਡਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R = \(\frac{\mathrm{V}_{1}}{\mathrm{I}_{1}}\)
= \(\frac{60 \mathrm{~V}}{4 \mathrm{~A}}\)
= 15 Ω
ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਹੀਟਰ ਦੀ ਕੁੰਡਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R ਸਥਿਰ ਰਹੇਗਾ ।
ਦੂਜੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ
ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ V2 = 120 V
ਕੁੰਡਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R = 15 Ω
∴ ਬਿਜਲਈ ਹੀਟਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ I2 = \(\frac{V_{2}}{R}\)
= \(\frac{120 \mathrm{~V}}{15 \Omega}\)
= 8 A

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਬਿਜਲ ਟੈਂਸ਼ਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਕਾਈ ਚਾਰਜ ਅਨੰਤ ਤੋਂ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤਕ ਲੈ ਜਾਣ ਵਿੱਚ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਨੂੰ ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਬਿਜਲ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
W = QV
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 26
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਨੂੰ ਵੋਲਟ ਵਿੱਚ ਮਾਪਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਦੀ ਧਰੁਵਤਾ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਦੀ ਧਰੁਵਤਾ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਕੇ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕਿਹੜੇ ਚਾਰਜ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਆਕਰਸ਼ਣ ਕਰਦੇ ਹਨ ਤੇ ਕਿਹੜੇ ਅਪਕਰਸ਼ਣ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨ ਚਾਰਜ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਕਰਸ਼ਣ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਅਸਮਾਨ ਚਾਰਜ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਆਕਰਸ਼ਣ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਾਲਕ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ-

  1. ਲੰਬਾਈ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ।
  2. ਖੇਤਰਫਲ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕਿਸਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੈ-100 w ਦੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਜਾਂ 60 w ਦੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
P = \(\frac{V^{2}}{R}\)
ਕਿਉਂਕਿ P ∝ \(\frac{1}{R}\)
∴ ਵਧੇਰੇ ਸ਼ਕਤੀ ਵਾਲੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ ।
ਇਸ ਲਈ 100 W ਵਾਲੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੇ ਤਾਰ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਦੁੱਗਣੀ ਅਤੇ ਖੇਤਰਫਲ ਅੱਧਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ‘ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ :
R1 = ρ\(\frac{l_{1}}{\mathrm{~A}_{1}}\), R2 = ρ\(\frac{l_{2}}{\mathrm{~A}_{2}}\)
R2 = \(\frac{\frac{\rho 2 l_{1}}{\mathrm{~A}_{1}}}{2}\)
= \(\frac{2 \times 2 \times \rho \times l_{1}}{\mathrm{~A}_{1}}\)
= 4 R1
ਇਸ ਲਈ ਤਿਰੋਧ ਚਾਰ ਗੁਣਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਬਿਜਲ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਦੀ ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੋਲਟ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਤਿਰੋਧ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਓਹਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਬਿਜਲ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
40 W ਅਤੇ 100 w ਦੇ ਦੋ ਬੱਲਬਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਸ ਬੱਲਬ ਦੇ ਤੰਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
40 W ਬੱਲਬ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇੱਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਜੂਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
1 ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (Kwh) = 3.6 × 106 ਜੂਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਸਾਡੇ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸਪਲਾਈ ਕਿੰਨੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
220V – 230V.

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ ਅਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਗਣਿਤਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰੋ।
ਉੱਤਰ-
ਓਹਮ ਦਾ ਨਿਯਮ-ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ (I) ਉਸ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ (V) ਦੇ ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਗਣਿਤਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ, V ∝ I
ਜਾਂ \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\) = R (ਚਾਲਕ ਲਈ ਸਥਿਰ ਅੰਕ)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਚਾਂਦੀ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ 1.6 × 10-8 Ωm ਹੈ । ਇਸ ਕਥਨ ਦਾ ਕੀ ਅਰਥ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਸ ਕਥਨ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ 1m ਲੰਬੇ ਅਤੇ 1m2-ਕਾਟ ਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ਵਾਲੇ ਚਾਂਦੀ ਦੇ ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ 1.6 × 10-8 Ω ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਐਮਮੀਟਰ ਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਕਿਵੇਂ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰਕਟ ਦੇ ਜਿਸ ਘਟਕ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਮਾਪ ਲੈਣਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਐਮਮੀਟਰ ਨੂੰ ਉਸ ਘਟਕ ਨਾਲ ਸ਼ੇਣੀਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਕਿਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਧਿਕ ਹੋਵੇਗਾ – 50 w ਦੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਜਾਂ 25 w ਦੇ ਬੱਲਬ ਦਾ ਅਤੇ ਕਿੰਨੇ ਗੁਣਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੰਨ ਲਓ ਬੱਲਦਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ R1 ਅਤੇ R2 ਹਨ ਅਤੇ ਲੱਗਿਆ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ V ਹੈ, ਤਾਂ
P1 = 50 = \(\frac{V^{2}}{R_{1}}\)
ਅਤੇ p2 = 25 = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}_{2}}\)
∴ \(\frac{P_{1}}{P_{2}}\) = \(\frac{50}{25}=\frac{V^{2}}{R_{1}} \times \frac{R_{2}}{V^{2}}\)
⇒ 2 = \(\frac{\mathrm{R}_{2}}{\mathrm{R}_{1}}\)
⇒ R2 = 2 × R1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਕਿਸੇ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਚਾਬੀ ਜਾਂ ਸਵਿੱਚ (Plug) ਦੇ ਚਿੰਨ੍ਹ ਦੱਸੋ ਜਦੋਂ ਸਰਕਟ
(i) ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਹੋਵੇ
(ii) ਬੰਦ ਹੋਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਚਾਬੀ ਜਾਂ ਸਵਿੱਚ-()-
(ii) ਬੰਦ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਚਾਬੀ ਜਾਂ ਸਵਿੱਚ-(.)-

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਦੋ ਬਿਜਲਈ ਸੁਚਾਲਕਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਕਾਪਰ
  2. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ – ਕਿਸੇ ਨਿਸਚਿਤ ਸਮੇਂ ਵਿਚ ਧਾਰਾ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਬਿਲਜਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਵੋਲਟਮੀਟਰ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਕੁਮ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਕਰੰਟ ਦੀ ਇਕਾਈ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਐਮਪੀਅਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਬਿਜਲਈ ਸਮਰੱਥਾ (ਸ਼ਕਤੀ) ਦੀ ਵੱਡੀ ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਲੋਵਾਟ (kw) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਿਸ ਪਰਮਾਣੂ ਕਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਲੈੱਕਟਾਂਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਇੱਕ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨ ਤੇ ਕਿੰਨੇ ਕੂਲਾਂਮ ਚਾਰਜ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
1.6 × 10-19C

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਇੱਕ ਕੂਲਾਂਮ ਚਾਰਜ ਕਿੰਨੇ ਇਲੈੱਕਨਾਂ ਦੇ ਚਾਰਜ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
6.25 × 1018 ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਾਂ ਦੇ ਚਾਰਜ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਸਭ ਤੋਂ ਵਧੀਆ ਬਿਜਲਈ ਚਾਲਕ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚਾਂਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਤਾਂਬੇ ਅਤੇ ਲੋਹੇ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਚੰਗਾ ਚਾਲਕ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਾਂਬਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਬਿਜਲਈ ਬੱਲਬ ਦਾ ਫਿਲਾਮੈਂਟ ਕਿਸ ਧਾਤੂ ਦਾ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੰਗਸਟਨ ਧਾਤ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਬਿਜਲਈ ਐੱਸ ਅਤੇ ਟੋਸਟਰ ਦੇ ਫਿਲਾਮੈਂਟ ਕਿਸ ਧਾਤੂ ਦੇ ਬਣੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਾਈਟ੍ਰੋਮ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤੂ ਦੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਬਿਜਲਈ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਐਮਪੀਅਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਬਿਜਲਈ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਓਹਮ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਕਿਸੇ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧਕਤਾ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਓਹਮ-ਮੀਟਰ (Ωm) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਬਿਜਲਈ ਚਾਰਜ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੂਲਾਂਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਤਿਰੋਧ ਦੇ ਸ਼੍ਰੇਣੀ ਸੰਯੋਜਨ ਅਤੇ ਸਮਾਨ ਅੰਤਰ ਸੰਯੋਜਨ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸਦਾ ਨਿਊਨਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼੍ਰੇਣੀ ਸੰਯੋਜਨ ਦਾ ਅਧਿਕਤਮ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਤੇ ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਦਾ ਨਿਊਨਤਮ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (kwh) ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਪਾਰਕ ਇਕਾਈ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
1kwh ਕਿੰਨੇ ਜੂਲ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
1kwh = 3.6 × 106 ਜੂਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨ ਕਿਸ ਵਿਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਸੰਯੋਜਨ ਵਿਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 38.
ਇੱਕ ਦਿਸ਼ਾਈ (D.C.) ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਸਰੋਤ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਸੈੱਲ ਜਾਂ ਬੈਟਰੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 39.
ਬਿਜਲੀ ਸੈੱਲ ਅਤੇ ਬਿਨਾਂ ਜੋੜ ਤੋਂ ਤਾਰ ਕਰਾਸਿੰਗ ਲਈ ਸੰਕੇਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਸੈੱਲ ਦਾ ਸੰਕੇਤ : PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 27
ਬਿਨਾਂ ਜੋੜ ਤੋਂ ਤਾਰ ਕਰਾਸਿੰਗ ਲਈ ਸੰਕੇਤ : PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 28

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 40.
(i) ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਤੇ
(ii) ਐਮਮੀਟਰ ਲਈ ਸੰਕੇਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਲਈ ਸੰਕੇਤ : PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 29
(ii) ਐਮਮੀਟਰ ਲਈ ਸੰਕੇਤ : PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 30

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 41.
ਬਿਜਲੀ ਲਈ ਬੈਟਰੀ ਜਾਂ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਸੰਯੋਜਨ ਅਤੇ ਤਾਰ ਜੋੜ ਦੇ ਸੰਕੇਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਲਈ ਬੈਟਰੀ ਜਾਂ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਸੰਯੋਜਨ ਲਈ ਸੰਕੇਤ :PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 31
ਤਾਰ ਜੋੜ ਦਾ ਸੰਕੇਤ : PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ 32

ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
V ∝ I ਦਾ ਨਿਯਮ ਪ੍ਰਤਿਪਾਦਿਤ ਕੀਤਾ ਹੈ-
(a) ਫੈਰਾਡੇ ਨੇ
(b) ਵਾਟ ਨੇ
(c) ਓਹਮ ਨੇ
(d) ਕੂਲਾਂਮ ਨੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਓਹਮ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਦਾ ਮਾਤਕ ਹੈ-
(a) ਐਮਪੀਅਰ
(b) ਵੋਲਟ
(c) ਓਹਮ
(d) ਵਾਟ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਵੋਲਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬਿਜਲੀ ਸ਼ਕਤੀ ਦਾ ਮਾਕ ਹੈ-
(a) ਐਮਪੀਅਰ
(b) ਵੋਲਟ
(c) ਓਹਮ
(d) ਵਾਟ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਵਾਟ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
\(\frac {1}{3}\) Ω ਦੇ ਤਿੰਨ ਤਿਰੋਧਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੰਯੋਜਿਤ ਕਰਕੇ ਕਿੰਨਾ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
(a) \(\frac {1}{3}\) Ω
(b) 1 Ω
(c) \(\frac {1}{9}\) Ω
(d) 3 Ω
ਉੱਤਰ-
(b) 1 Ω

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਫਿਊਜ਼ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਯੁਕਤੀ ਨਾਲ ਕਿਸ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੁਮ
(b) ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ
(c) ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਅਤੇ ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ ਦੋਨਾਂ ਵਿੱਚ
(d) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੁਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਬਿਜਲਈ ਚਾਰਜ ਦਾ SI ਮਾਕ ਹੈ-
(a) ਵਾਟ
(b) ਕਿਲੋਵਾਟ
(c) ਕੂਲਾਂਮ
(d) ਐਮਪੀਅਰ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਕੂਲਾਂਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਕਿਸ ਮਾਕ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਕੂਲਾਮ
(b) ਐਮਪੀਅਰ
(c) ਵਾਟ
(d) ਕਿਲੋਵਾਟ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਐਮਪੀਅਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪਰਿਪੱਬਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਕਿਸ ਯੰਤਰ ਦੁਆਰਾ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਐਮਮੀਟਰ
(b) ਵੋਲਟਮੀਟਰ
(c) ਗੈਲਵੇਨੋਮੀਟਰ
(d) ਬਿਜਲੀ ਮੀਟਰ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਐਮਮੀਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਐਮਮੀਟਰ ਨੂੰ ਪਰਿਪੱਬ ਵਿੱਚ ਕਿਵੇਂ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਸ਼੍ਰੇਣੀਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ
(b) ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ
(c) ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ ਅਤੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਦੋਨਾਂ ਵਿੱਚ
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਸ਼੍ਰੇਣੀਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਨੂੰ ਕਿਸ ਯੰਤਰ ਨਾਲ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਐਮਮੀਟਰ
(b) ਵੋਲਟਮੀਟਰ
(c) ਗੈਲਵੇਨੋਮੀਟਰ
(d) ਬਿਜਲੀ ਮੀਟਰ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਵੋਲਟਮੀਟਰ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 ਬਿਜਲੀ

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਸੰਯੋਜਿਤ ਹਰੇਕ ਤਿਰੋਧਕ ਵਿੱਚ ਵਹਿ ਰਹੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ …………………….. ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵੱਖ-ਵੱਖ

(ii) ਓਹਮ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਤਾਰ ਦੇ ਲਈ V ਅਤੇ I ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦਾ ਸੰਬੰਧ …………………….. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
R

(iii) ਕਿਸੇ ਬਿਜਲਈ ਪਰਿਪੱਖ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਦਾ ਮਾਪ ………………………….. ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵੋਲਟਮੀਟਰ

(iv) ਇੱਕ ਕਿਲੋਵਾਟ ਘੰਟਾ (Kwh) ………………………….. ਦਾ ਮਾਤਕ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ

(v) ਕਿਸੇ ਬਿਜਲਈ ਪਰਿਪੱਥ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਮਾਪਣ ਵਾਲਾ ਯੰਤਰ …………………….. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਐਮਮੀਟਰ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਇੱਕ ਪੂਰਨ ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਦੀ ਬਣਤਰ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਅੱਖ ਦੀ ਰਚਨਾ – ਸਿਰ ਦੀ ਖੋਪੜੀ ਦੇ ਅਗਲੇ ਹਿੱਸੇ ਵਿੱਚ ਦੋ ਕਟੋਰੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕਇੱਕ ਗੋਲਾਕਾਰ ਅੱਖ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਅੱਖ ਲਗਭਗ 2.5 cm ਵਿਆਸ ਦਾ ਗੋਲਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਹਿੱਸੇ ਹਨ-
(1) ਸਕਲੈਰਾਟਿਕ (Sclerotic) – ਇਹ ਅੱਖ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਬਾਹਰੀ ਕਠੋਰ ਪਰਤ ਹੈ ਜੋ ਅੱਖ ਨੂੰ ਸੱਟ ਆਦਿ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦੀ ਹੈ ।

(2) ਕਾਰਨੀਆ (Cornea) – ਅੱਖ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਵਾਲਾ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਹਿੱਸਾ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਅਤੇ ਬਾਕੀ ਹਿੱਸਾ ਅਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਅੱਖ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਵਾਲੇ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਉਭਰੇ ਹੋਏ ਹਿੱਸੇ ਨੂੰ ਕਾਰਨੀਆ (Cornea) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਆ ਰਿਹਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਾਰਨੀਆ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘ ਕੇ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਦਾਖ਼ਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

(3) ਕੋਰਾਇਡ (Choroid) – ਇਹ ਅੱਖ ਦੀ ਸੈਕਰਾਟਿਕ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਵਾਲੀ ਦੂਜੀ ਪਰਤ ਹੈ । ਇਹ ਵੀ ਅਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਅਤੇ ਸਖ਼ਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਅੰਦਰੋਂ ਕਾਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਆਉਣ ਵਾਲਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨਾ ਖਿੰਡਰੇ ।

(4) ਆਇਰਿਸ (Iris) – ਕੋਰਾਇਡ ਦੇ ਅਗਲੇ ਹਿੱਸੇ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਪਰਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਆਇਰਿਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਆਇਰਿਸ ਦਾ ਰੰਗ ਭੂਰਾ ਜਾਂ ਕਾਲਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਆਇਰਿਸ ਦੇ ਠੀਕ ਵਿਚਕਾਰ ਇੱਕ ਛੇਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਪੁਤਲੀ (Pupil) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਪੁਤਲੀ ਦਾ ਆਕਾਰ ਘੱਟ ਜਾਂ ਵੱਧ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵੱਧ ਆ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪੁਤਲੀ ਛੋਟੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਘੱਟ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਦਾਖ਼ਲ ਹੋਵੇ ।

(5) ਅੱਖਾਂ ਦਾ ਲੈਂਨਜ਼ (Eye lens) – ਅੱਖ ਦਾ ਲੈਂਜ਼ ਇੱਕ ਦੋ-ਪਾਸੀ ਉੱਤਲ ਲੈਨਜ਼ (Double convex lens) ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਅਪਵਰਤਨ ਦੁਆਰਾ ਰੈਟੀਨਾ ਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

(6) ਸਿਲਰੀ ਪੱਠੇ (Ciliary muscles) – ਇਹ ਅੱਖ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਨੂੰ ਜਕੜ ਕੇ ਰੱਖਦੇ ਹਨ, ਜੋ ਇਸ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

(7) ਪੁਤਲੀ (Pupil) – ਆਇਰਿਸ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਛੇਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨਿਕਲ ਕੇ ਲੈੱਨਜ਼ ‘ਤੇ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਛੇਕ ਨੂੰ ਪੁਤਲੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

(8) ਐਕੁਅਸ ਹਿਊਮਰ (Aqueous humour) – ਕਾਰਨੀਆ ਅਤੇ ਅੱਖ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਮੱਧ ਭਾਗ ਇੱਕ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਦ੍ਰਵ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਐਕੁਅਸ ਹਿਊਮਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 1
(9) ਵਿਟਰਸ ਹਿਊਮਰ (Vitreous humour) – ਅੱਖ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਅਤੇ ਰੈਟੀਨਾ ਦੇ ਵਿੱਚ ਵਾਲਾ ਹਿੱਸਾ ਜੈਲੀ ਵਰਗੇ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਵ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਵਿਟਰਸ ਹਿਊਮਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

(10) ਰੈਟੀਨਾ (Retina) – ਅੱਖ ਦੀ ਤੀਜੀ ਪਰਤ ਨੂੰ ਰੈਟੀਨਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਪਰਦੇ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ’ਤੇ ਵਸਤੂਆਂ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦੇ ਹਨ । ਰੈਟੀਨਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨਸਾਂ (optic nerves) ਨਾਲ ਜੁੜੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

(11) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨਸ (Optic nerve) – ਇਸ ਦੁਆਰਾ ਸੂਚਨਾ ਦਿਮਾਗ਼ ਤੱਕ ਪੁੱਜਦੀ ਹੈ ।

(12) ਮੁੱਖ ਧੁਰਾ (Principal axis) – ਕਾਲਪਨਿਕ ਰੇਖਾ XY ਅੱਖ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਤੰਤਰ ਦਾ ਮੁੱਖ ਧੁਰਾ ਹੈ ।

(13) ਅੰਧ ਬਿੰਦੂ (Blind spot) – ਅੱਖ ਦਾ ਉਹ ਹਿੱਸਾ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨਸ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿ ਬਿਲਕੁਲ ਵੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਅਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਅੰਧ ਬਿੰਦੂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਅੰਧ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਬਣੇ ਤਾਂ ਇਹ ਦਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦਾ ।

(14) ਪੀਲਾ ਬਿੰਦੂ (Yellow spot) – ਰੈਟੀਨਾ ਦਾ ਕੇਂਦਰੀ ਭਾਗ, ਜੋ ਅੱਖ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਧੁਰੇ ‘ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਪੀਲਾ ਬਿੰਦੂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

(15) ਅੱਖ ਦੀਆਂ ਪਲਕਾਂ (Eye lids) – ਅੱਖ ਦੀਆਂ ਪਲਕਾਂ, ਅੱਖ ਤੇ ਪੈ ਰਹੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਨਿਯੰਤਰਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਅੱਖ ਦੀ ਧੂੜ ਤੋਂ ਵੀ ਰੱਖਿਆ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਦੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਦੋਸ਼ ਹਨ ? ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਦੂਰ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਦੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਦੋਸ਼ ਹਨ ? ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਦੂਰ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ? ਚਿੱਤਰਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਦੇ ਦੋਸ਼ – ਇੱਕ ਤੰਦਰੁਸਤ ਅੱਖ ਆਪਣੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੰਯੋਜਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ਕਿ ਨੇੜੇ ਅਤੇ ਦੂਰ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਰੈਟੀਨਾ ‘ਤੇ ਬਣ ਜਾਵੇ ਪਰ ਕਦੀ-ਕਦੀ ਅੱਖ ਦੀ ਇਸ ਸੰਯੋਜਨ ਸ਼ਕਤੀ ਵਿੱਚ ਕਮੀ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਰੈਟੀਨਾ ਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਨਹੀਂ ਬਣਦਾ । ਇਸ ਨਾਲ ਦੂਰ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ (Long sightedness) ਅਤੇ ਨਿਕਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ (Short sightedness) ਦੋਸ਼ਾਂ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਸ਼ਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਪ੍ਰੈਸਬਾਇਓਪੀਆ, ਰੰਗ ਲਈ ਅੰਨ੍ਹਾਪਣ ਅਤੇ ਐਸਟੇਗਮਟੇਜ਼ਿਸ਼ ਦੋਸ਼ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

I. ਦੂਰ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ (Long sightedness) – ਇਸ ਦੋਸ਼ ਵਿੱਚ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਦੁਰ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਤਾਂ ਸਾਫ਼ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰ ਨੇੜੇ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੀਆਂ । ਇਸ ਦਾ ਕਾਰਨ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਨੇੜੇ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਰੈਟੀਨਾ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 2

ਦੂਰ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਦੇ ਕਾਰਨ –
(i) ਨੇਤਰ ਗੋਲਕ ਅੱਖ ਦੇ ਡੇਲੇ ਦਾ ਛੋਟਾ ਹੋਣਾ ।
(ii) ਅੱਖ ਦੇ ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਲੈਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਦਾ ਵੱਧ ਹੋ ਜਾਣਾ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 3

ਦੂਰ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਠੀਕ ਕਰਨਾ – ਇਸ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ (Convex lens) ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨਾਲ ਨਿਕਟੀ ਬਿੰਦੁ ਤੋਂ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਕਿਸੇ ਦੂਰ ਦੇ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਨੇੜੇ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

II. ਨਿਕਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ (Short sightedness) – ਇਸ ਦੋਸ਼ ਵਾਲੀ ਅੱਖ ਦੇ ਨੇੜੇ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਸਾਫ਼ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰ ਦੂਰ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਠੀਕ ਵਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੀਆਂ ਜਾਂ ਧੁੰਦਲੀਆਂ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਭਾਵ ਹੈ ਕਿ ਦੁਰੇਡਾ ਬਿੰਦੂ ਅਨੰਤ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 4

ਨਿਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੇ ਕਾਰਨ – ਇਸ ਦੋਸ਼ ਦੇ ਪੈਦਾ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ-
(i) ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਦਾ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਣਾ ।
(ii) ਅੱਖ ਦੇ ਡੇਲੇ ਦਾ ਲੰਬਾ ਹੋ ਜਾਣਾ ਅਰਥਾਤ ਰੈਟੀਨਾ ਅਤੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਵਿੱਚ ਦੀ ਦੁਰੀ ਦਾ ਵੱਧ ਜਾਣਾ ।

ਨਿਕਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨਾ – ਇਸ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਅਵਤਲ ਲੈਂਨਜ਼ (Concave lens) ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਅੱਖ ਦੇ ਦੁਰੇਡੇ ਬਿੰਦੂ ਜਿੰਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 5

III. ਰੰਗ ਲਈ ਅੰਨ੍ਹਾਪਣ – ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਰੋਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਨਾਂ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਹੈਰੀਡੇਟੇਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਰੋਗ ਵਿੱਚ ਰੋਗੀ ਖ਼ਾਸ ਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਪਹਿਚਾਨ ਨਹੀਂ ਸਕਦਾ ਕਿਉਂਕਿ ਉਸ ਦੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਦੇ ਰੈਟੀਨਾ ਵਿੱਚ ਕਣ (Cone) ਸੈੱਲ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਅੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਲਾਲ, ਨੀਲਾ ਅਤੇ ਹਰੇ ਰੰਗ ਨੂੰ ਪਹਿਚਾਨਣ ਵਾਲੀਆਂ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ | ਰੰਗਾਂ ਤੋਂ ਅੰਨਾ ਵਿਅਕਤੀ ਕੋਲ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਖ਼ਾਸ ਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਪਹਿਚਾਣ ਸਕਦਾ । ਇਸ ਰੋਗ ਦਾ ਕੋਈ ਇਲਾਜ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਵਿਅਕਤੀ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਠੀਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇਖ ਸਕਦਾ ਹੈ ਪਰ ਕੁਝ ਰੰਗਾਂ ਦੀ ਪਹਿਚਾਣ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦਾ ।

IV. ਪੈਸਬਾਇਓਪੀਆ (Presbiopia) – ਇਹ ਰੋਗ ਉਮਰ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹੈ । ਲਗਪਗ ਸਾਰੇ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਨੂੰ ਇਹ ਰੋਗ 40 ਵਰੇ ਦੀ ਉਮਰ ਦੇ ਬਾਅਦ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅੱਖ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਲਚਕ ਉਮਰ ਦੇ ਨਾਲ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸਿਲਰੀ ਪੱਠੇ ਅੱਖ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਬਦਲ ਨਹੀਂ ਪਾਉਂਦੇ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਨੇੜੇ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਸਾਫ਼ ਦਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੀਆਂ । ਨਿਕਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਅਤੇ ਦੂਰ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੇ ਮਿਲੇ-ਜੁਲੇ ਇਸ ਰੋਗ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਦੇ ਲਈ ਉੱਤਲ ਅਤੇ ਅਵਤ ਲੈਨਜ਼ ਤੋਂ ਯੁਕਤ ਦੋ ਚਸ਼ਮੇ ਜਾਂ ਬਾਈਫੋਕਲ ਚਸ਼ਮੇ ਵਿੱਚ ਦੋਵੇਂ ਲੈੱਨਜ਼ਾਂ ਦਾ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਸੁਧਾਰਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

V. ਐਸਟੇਗਮੇਟਿਜ਼ਮ (Astigmatism) – ਇਸ ਦੋਸ਼ ਵਾਲਾ ਵਿਅਕਤੀ ਆਪਣੀਆਂ ਦੋਵਾਂ ਅੱਖਾਂ ਨੂੰ ਇੱਕੋ ਸਮੇਂ ਫੋਕਸ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦਾ । ਇਹ ਰੋਗ ਕਾਰਨੀਆ ਦੇ ਪੂਰਨ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਗੋਲਾਕਾਰ ਨਾ ਹੋਣ ਵਜੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ | ਵੱਖ-ਵੱਖ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਵਕ੍ਰਤਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਵਿਅਕਤੀ ਲੰਬਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਠੀਕ ਪ੍ਰਕਾਰ ਨਾਲ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਫੋਕਸ ਨਹੀਂ ਕਰ ਪਾਉਂਦਾ । ਇਸ ਰੋਗ ਨੂੰ ਸਿਲੰਡਰੀਕਲ ਚਸ਼ਮੇ ਨਾਲ ਸੁਧਾਰਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵਿਚਲਨ ਸਮਝਾਓ ।.
ਉੱਤਰ-
ਪਿਜ਼ਮ – ਕਿਸੇ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਮਾਧਿਅਮ ਦਾ ਉਹ ਭਾਗ ਜਿਹੜਾ ਕਿਸੇ ਕੋਣ ਤੇ ਝੁਕੇ ਹੋਏ ਦੋ ਸਮਤਲ ਸੜਾਵਾਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਸੜਾਵਾਂ ਤੋਂ ਅਪਵਰਤਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਪਵਰਤਕ ਸਤਹਿ ਆਖਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰਲੇ ਕੋਣ ਨੂੰ ਅਪਵਰਤਨ ਕੋਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 6

ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵਿਚਲਨ – ਮੰਨ ਲਓ PQR ਕੱਚ ਦੇ ਇੱਕ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕਾਟ (ਪਛੇਦ) ਹੈ । ਮੰਨ ਲਓ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ BC ਪਿਜ਼ਮ ਦੀ ਸਤਹਿ PR ਦੇ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਆਪਤਿਤ ਹੈ । ਇਸ ਸਤਹਿ ਤੇ ਅਪਵਰਤਨ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਇਹ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਖਿੱਚੇ ਗਏ ਅਭਿਲੰਬ ਵੱਲ ਝੁੱਕ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ CD ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਚਲੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕਿਰਨ CD ਦੂਜੀ ਅਪਵਰਤਕ ਸਤਹਿ OR ਤੇ ਬਿੰਦ D ਤੇ ਖਿੱਚੇ ਗਏ ਅਭਿਲੰਬ ਤੋਂ ਪਰੇ ਹੱਟ ਕੇ DE ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਪਿਜ਼ਮ ਤੋਂ ਨਿਰਗਮਨ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ BC ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਵਾਲੀ ਕਿਰਨ ਨੂੰ DE ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਵਿਚਲਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵਿਚਲਨ ਪੈਦਾ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਅਪਾਤੀ ਕਿਰਨ BC ਨੂੰ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਨਿਰਗਮਨ ਕਿਰਨ DE ਨੂੰ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਵਧਾਉਣ ਨਾਲ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਬਿੰਦੁ G ਤੇ ਕੱਟਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਬਣਿਆ ∠FGD ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ δ (ਡੇਲਟਾ) ਰਾਹੀਂ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ਦਾ ਮਾਨ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੇ ਪਦਾਰਥ ਦੇ
(i) ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ ਅਤੇ
(ii) ਅਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੇ ਆਪਨ ਕੋਣ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਜੇਕਰ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਤੇ ਡਿੱਗਣ ਵਾਲੀ ਕਿਰਨ ਦੇ ਆਪਨ ਕੋਣ ਦੇ ਮਾਨ ਨੂੰ ਲਗਾਤਾਰ ਵਧਾਉਂਦੇ ਜਾਈਏ ਤਾਂ ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ δ (ਡੇਲਟਾ) ਦਾ ਮਾਨ ਘੱਟਦਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇੱਕ ਖ਼ਾਸ ਆਪਨ ਕੋਣ ਲਈ ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ਨਿਊਨਤਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਿਊਨਤਮ ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ਨੂੰ ਅਲਪਤਮ ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦਾ ∠A ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਰੰਗ ਦੀ ਕਿਰਨ ਲਈ ਅਲਪਮ ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ∠∂ m ਹੈ, ਤਾਂ

ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੇ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਅਪਵਰਤਕ ਅੰਕ (μ) = \(\frac{\sin \frac{\mathrm{A}+\partial m}{2}}{\sin \frac{\mathrm{A}}{2}}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪਿਜ਼ਮ ਦੁਆਰਾ ਬੁਰਜ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਵਰਣ-ਵਿਖੇਪਨ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਲੋੜੀਂਦੇ ਚਿੱਤਰ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਓ ਅਤੇ ਵਰਣ-ਵਿਖੇਪਨ ਦਾ ਕਾਰਨ ਵੀ ਸਮਝਾਓ ।
ਜਾਂ
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਇੱਕ ਕਿਰਨ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਦੇ ਤੇ ਸਪੈੱਕਟ੍ਰਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ੳ) ਇੱਕ ਚਿੱਤਰ ਬਣਾਓ ਜੋ ਚਿੱਟੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਸਪੈਂਕ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਸਪੈਂਕ ਦੇ ਸੱਤ ਰੰਗਾਂ ਦਾ ਕੁਮਵਾਰ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
(ੲ) ਸੀਕਮ ਦੇ ਕਿਹੜੇ ਰੰਗ ਦਾ ਵਿਚਲਨ ਸਭ ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਅਤੇ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ !
ਉੱਤਰ-
ਵਰਣ ਵਿਖੇਪਨ – ਚਿੱਟੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨ ਦਾ ਆਪਣੇ ਘਟਕ ਰੰਗਾਂ ਦੀਆਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਵਿਭਾਜਨ ਹੋਣ ਦੇ ਵਰਤਾਰੇ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵਰਣ-ਵਿਖੇਪਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 7
(ਉ) ਪਿਜ਼ਮ ਦੁਆਰਾ ਚਿੱਟੇ ਪ੍ਰਕਾਸ ਦਾ ਵਰਣ – ਵਿਖੇਪਨਜਦੋਂ ਸੂਰਜ ਦੀ ਚਿੱਟੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਪਿਜ਼ਮ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਅਪਵਰਤਨ ਕਾਰਨ ਆਪਣੇ ਰਸਤੇ ਤੋਂ ਵਿਚਲਿਤ ਹੋ ਕੇ ਪਿਜ਼ਮ ਦੇ ਆਧਾਰ ਵੱਲ ਝੁੱਕ ਕੇ ਵਿਭਿੰਨ ਰੰਗਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਵਿਭਾਜਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਵਿਭਿੰਨ ਰੰਗਾਂ ਦੇ ਸਮੂਹ ਨੂੰ ਸਪੈਂਕ (Spectrum) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਸੀਕਮ ਇੱਕ ਸਿਰਾ ਲਾਲ ਅਤੇ ਦੂਜਾ ਸਿਰਾ ਵੈਂਗਣੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

(ਅ) ਸਾਧਾਰਨ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸਾਡੀ ਅੱਖ ਨੂੰ ਸਪੈੱਕਟ੍ਰਮ ਦੇ ਸੱਤ ਰੰਗ ਸਮੂਹ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਮ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੇ ਆਧਾਰ ਵਲੋਂ ਇਹ ਰੰਗ ਵੈਂਗਣੀ, ਜਾਮਨੀ, ਨੀਲਾ ਅਸਮਾਨੀ, ਹਰਾ, ਪੀਲਾ ਨਾਰੰਗੀ ਅਤੇ ਲਾਲ ਦੇ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਰੰਗਾਂ ਦੇ ਇਸ ਕੂਮ ਨੂੰ ਅੰਗ੍ਰੇਜ਼ੀ ਦੇ ਅੱਖਰ VIBGYOR (ਵਿਬਗਯੋਰ) ਨਾਲ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਯਾਦ ਰੱਖਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

(ੲ) ਜਦੋਂ ਚਿੱਟੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਪਿਜ਼ਮ ਵਿੱਚੋਂ ਦੀ ਗੁਜ਼ਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਚਿੱਟੇ ਪਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਰੰਗਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਪਿਜ਼ਮ ਦੁਆਰਾ ਵਿਚਲਨ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਲਾਲ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਵਿੱਚ ਵਿਚਲਨ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਅਤੇ ਵੈਂਗਣੀ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਹੋਰ ਰੰਗਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਵਿਚਲਨ ਲਾਲ ਅਤੇ ਵੈਂਗਣੀ ਕਿਰਨਾਂ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਵੈਂਗਣੀ ਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਅਤੇ ਲਾਲ ਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਸਭ ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਵਰਣ-ਵਿਖੇਪਨ ਦਾ ਕਾਰਨ – ਕਿਸੇ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਪਦਾਰਥ ਜਿਵੇਂ ਕੱਚ ਦਾ ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਰੰਗ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ ਲਾਲ ਰੰਗ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਅਤੇ ਵੈਂਗਣੀ ਰੰਗ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਕੱਚ ਦੇ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਆਪਣੇ ਰਸਤੇ ਤੋਂ ਵਿਚਲਿਤ ਹੋ ਕੇ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੇ । ਆਧਾਰ ਵਲ ਝੁੱਕ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਰੰਗਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਦਾ ਵਿਚਲਨ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਲਾਲ ਰੰਗ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਪਿਜ਼ਮ ਦੇ ਆਧਾਰ ਵੱਲ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਅਤੇ ਵੈਂਗਣੀ ਰੰਗ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਸਭ ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਭੁੱਕੇਗੀ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚਿੱਟੇ ਰੰਗ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਣ ਤੇ ਵਰਣ-ਵਿਖੇਪਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਆਇਤਾਕਾਰ ਸਲੈਬ ਵਿੱਚ ਚਿੱਟੇ ਰੰਗ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵਰਣ-ਵਿਖੇਪਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਕਿਉਂਕਿ ਆਇਤਾਕਾਰ ਸਲੈਂਬ ਦੁਆਰਾ ਕਿਰਨਾਂ ਦਾ ਵਿਚਲਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ, ਕੇਵਲ ਸਾਇਡ ਵਿਸਥਾਪਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਲੈਂਬ ਵਿੱਚੋਂ ਅਪਵਰਤਨ ਮਗਰੋਂ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਅਤੇ ਨਿਰਗਮਨ ਕਿਰਨ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਸਮਾਨ ਅੰਤਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੂਰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿਭਿੰਨ ਸੱਤ ਰੰਗਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ | ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਇਸ ਤੱਥ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਜਾਂ
“ਸੂਰਜ ਦਾ ਚਿੱਟਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿਭਿੰਨ ਰੰਗਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ’ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਜ਼ਰੂਰੀ ਕਿਰਨ ਚਿੱਤਰ ਖਿੱਚ ਕੇ ਕਥਨ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
“ਸੂਰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿਭਿੰਨ ਸੱਤ ਰੰਗਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ”
ਪਿਜ਼ਮ ਦੁਆਰਾ ਸੂਰਜ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਸੀਕਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਣ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਦੋ ਸੰਭਵ ਕਾਰਨ ਹਨ-
(1) ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਆਪਣੇ ਵਿੱਚੋਂ ਗੁਜ਼ਰਨ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨੂੰ ਆਪ ਹੀ ਵਿਭਿੰਨ ਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਰੰਗ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
(2) ਸੂਰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿਭਿੰਨ ਸੱਤ ਰੰਗਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤੋਂ ਮਿਲ ਕੇ ਬਣਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ । ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਇਨ੍ਹਾਂ ਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਵਿਭਾਜਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
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ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਦੂਜਾ ਕਾਰਨ ਸਹੀ ਹੈ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਦੀ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਪੜਤਾਲ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਚਿੱਟੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਘਟਕ ਸੰਤ ਰੰਗਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੋਣ ਦੀ ਪੜਤਾਲ-
ਯੋਗ-ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ 1 ਅਤੇ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ 2 ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਢੰਗ ਨਾਲ ਹਨ੍ਹੇਰੇ ਕਮਰੇ ਵਿੱਚ ਰੱਖੋ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਪ੍ਰਮਾਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਇੱਕ ਪਰਦਾ ਰੱਖੋ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਬਰੀਕ ਛੇਕ ਹੋਵੇ । ਇੱਕ ਬਰੀਕ ਛੇਕ H ਵਿੱਚੋਂ ਸੂਰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਮਰੇ ਅੰਦਰ ਆਉਣ ਦਿਓ । ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਰੱਖੇ ਪਰਦੇ ਤੇ ਸੀਕਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰੋ । ਪਰਦੇ ਦੇ ਛੇਕ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਰੰਗ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਹਰੇ ਰੰਗ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨੂੰ ਪਿਜ਼ਮ 2 ਤੇ ਡਿੱਗਣ ਦਿਓ ਅਤੇ ਫਿਜ਼ਮ 2 ਤੋਂ ਨਿਰਗਮਨ ਹੋਏ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨੂੰ ਵੇਖੋ । ਮ੍ਰਿਜ਼ਮ 2 ਤੋਂ ਨਵੇਂ ਰੰਗ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨਹੀਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਰਦੇ ਦੇ ਛੇਕ ਦੁਆਰਾ ਲੜੀਵਾਰ ਹਰੇਕ ਰੰਗ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ 2 ‘ਤੇ ਪਾਉਣ ਨਾਲ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ 2 ਤੋਂ ਨਿਕਲਿਆ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਉਸ ਰੰਗ ਦਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਇਆ ਹੈ, ਜਿਸ ਰੰਗ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਸੀਂ ਪਿਜ਼ਮ 2 ‘ਤੇ ਸੁੱਟਿਆ ਸੀ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਹ ਨਤੀਜਾ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ ਕਿ ਮ੍ਰਿਜ਼ਮ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨੂੰ ਰੰਗਦਾ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਹੁਣ ਦੂਜਾ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਜਿਹੜਾ ਬਿਲਕੁਲ ਹਰ ਪੱਖੋਂ ਪਹਿਲੇ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ਉਲਟੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਰੱਖੋ ਤਾਂ ਜੋ ਸਪੈਂਕਟਮ ਦੇ ਸਾਰੇ ਰੰਗ ਦੂਜੇ ਉਲਟੇ ਰੱਖੇ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਵਿੱਚੋਂ ਦੀ ਹੋ ਕੇ ਗੁਜ਼ਰਦਾ ਹੈ । ਦੂਜੇ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਵਿੱਚੋਂ ਨਿਰਗਮਨ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪੁੰਜ ਚਿੱਟਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਇਆ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਿੱਧ ਹੋਇਆ ਹੈ ਕਿ ਕੋਈ ਵੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਜੋ ਸੂਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਸਮਾਨ ਸਪੈੱਕਟ੍ਰਮ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ਉਹ ਚਿੱਟਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਹੈ ।
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ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਨੂੰ ਭਗਵਾਨ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵਧੀਆ ਉਪਹਾਰ ਕਿਉਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਅੱਖ ਹੈ ਤਾਂ ਦੁਨੀਆ ਹੈ | ਅੱਖਾਂ ਦੁਆਰਾ ਹੀ ਮਨੁੱਖ ਵੇਖ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਅਰਥਾਤ ਉਹ ਵੱਖਵੱਖ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀ ਸਹੀ ਪਛਾਣ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਰੰਗਾਂ ਦੀ ਪਹਿਚਾਣ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਬਿਨਾਂ ਛੁਏ ਛੋਟੇ-ਵੱਡੇ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਪੜ-ਲਿਖ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਹੈਰਾਨ ਕਰਨ ਵਾਲੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਸਮਝ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸੇ ਲਈ ਅੱਖਾਂ ਨੂੰ ਭਗਵਾਨ ਦੇ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਤਮ ਤੋਹਫੇ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕਿਸੇ ਹਨੇਰੇ ਵਾਲੇ ਕਮਰੇ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦੇ ਹੀ ਸਾਨੂੰ ਕੁੱਝ ਸਮਾਂ ਕੁੱਝ ਵੀ ਨਹੀਂ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਅਤੇ ਹਨੇਰੇ ਵਿੱਚ ਦੇਰ ਤੱਕ ਰਹਿਣ ਤੋਂ ਅਚਾਨਕ ਬਾਅਦ ਤੇਜ਼ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਸਾਡੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਕੁੱਝ ਨਹੀਂ ਦੇਖ ਸਕਦੀਆਂ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਰਨੀਆ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਆਇਰਿਸ (Iris) ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੋ ਪੁਤਲੀ ਦੇ ਆਕਾਰ ਨੂੰ ਨਿਯੰਤਰਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਦੁਆਰਾ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਤੇ ਨਿਯੰਤਰਣ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਹਨੇਰੇ ਕਮਰੇ ਵਿੱਚ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਰੈਟੀਨਾ ਤੇ ਬਣਨ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੇ ਲਈ ਵੱਧ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਅੰਦਰ ਭੇਜਣ ਲਈ ਪੁਤਲੀ ਨੂੰ ਥੋੜਾ ਫੈਲਾਉਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕੁਝ ਸਮਾਂ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਉਸ ਸਮੇਂ ਸਾਨੂੰ ਕੁੱਝ ਦਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦਾ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਨੇਰੇ ਵਿੱਚ ਬੈਠੇ ਰਹਿਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪੁਤਲੀਆਂ ਫੈਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਹਨੇਰੇ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅੱਖ ਅੰਦਰ ਜਾ ਸਕੇ । ਅਚਾਨਕ ਤੇਜ਼ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਆ ਜਾਣ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਪੁਤਲੀ ਨੂੰ ਸਿਕੁੜਨ ਲਈ ਸਮਾਂ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਅੱਖ ਦੇ ਡੇਲੇ ਦੇ ਅੱਗੇ ਲੱਗਿਆ ਲੈੱਨਜ਼ ਕਿਹੜਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸਦਾ ਮੁੱਖ ਕੰਮ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਦੇ ਡੇਲੇ ਦੇ ਅੱਗੇ ਲੱਗਾ ਲੈਂਜ਼ ਰੇਸ਼ੇਦਾਰ ਜੈਲੀ ਵਰਗਾ ਉੱਤਲ ਲੈਂਜ਼ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸਦੀ ਵਕਰਤਾ ਸਿਲੀਅਰੀ ਪੱਠਿਆਂ ਨਾਲ ਨਿਯੰਤਰਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕਾਰਨੀਆ ਅਤੇ ਐਕੁਅਸ ਹਿਉਮਰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਵਧੇਰੇ ਕਿਰਨਾਂ ਦਾ ਅਪਵਰਤਨ ਕਰ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਲੈੱਨਜ਼ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਠੀਕ ਰੂਪ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਰੈਟੀਨਾ ‘ਤੇ ਬਣ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਰੈਟੀਨਾ ਦਾ ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਕੀ ਕੰਮ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੈਟੀਨਾ – ਇਹ ਡੇਲੇ ਦਾ ਅੰਦਰਲਾ ਪਰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਬਹੁਤ ਹੀ ਕੋਮਲ ਤਿੱਲੀ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੇ ਅਣਗਿਣਤ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੰਵੇਦੀ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਤੇ ਰਾਂਡ ਅਤੇ ਕੋਨ ਵਰਗੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਤੇ ਰੰਗਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਸੰਵੇਦਨਾ ਨੂੰ ਸੰਕੇਤਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਨਸ ਰਾਹੀਂ ਦਿਮਾਗ਼ ਤਕ ਭੇਜਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਅਸੀਂ ਦੇਖ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਅਸੀਂ ਬਹੁਤ ਨੇੜੇ ਤੋਂ ਪੜ੍ਹਨ ਵਿੱਚ ਕਠਿਨਾਈ ਕਿਉਂ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਨੇਤਰ ਲੈੱਨਜ਼ ਆਪਣੀ ਸ਼ਕਤੀ ਅਤੇ ਗੁਣਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਹੱਦ ਤਕ ਬਦਲਦਾ ਹੈ ਪਰ ਇੱਕ ਨਿਸਚਿਤ ਹੱਦ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਇਹ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਬਦਲ ਸਕਦਾ । ਜੇ ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਅੱਖ ਦੇ ਬਹੁਤ ਨੇੜੇ ਰੱਖੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਇਸ ਵਿੱਚ ਇੰਨਾ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਕਿ ਉਸ ਨੂੰ ਠੀਕ-ਠਾਕ ਦੇਖਣ ਵਿੱਚ ਮੱਦਦ ਮਿਲੇ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਬਹੁਤ ਨੇੜੇ ਤੋਂ ਪੜ੍ਹਨ ਵਿੱਚ ਕਠਿਨਾਈ ਮਹਿਸੂਸ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ਅੱਖਾਂ ਤੇ ਦਬਾਓ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਧੁੰਦਲਾ ਦਿਸਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਰੈਟੀਨਾ ਤੋਂ ਦਿਮਾਗ਼ ਤਕ ਸੰਕੇਤ ਕਿਵੇਂ ਪਹੁੰਚਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁਤਲੀ ਦੇ ਰਸਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਕੇ ਅੱਖ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੁਆਰਾ ਰੈਟੀਨਾ ਤੇ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਉਲਟਾ, ਛੋਟਾ ਅਤੇ ਵਾਸਤਵਿਕ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਰੇਟੀਨਾ ਤੇ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਸੰਖਿਆ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੁਰਾਹੀ ਸੈੱਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿਹੜੇ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹੋ ਕੇ ਬਿਜਲਈ ਸਿਗਨਲ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਿਗਨਲ ਦਿਸ਼ਾ ਤੰਤ੍ਰਿਕਾਵਾਂ ਰਾਹੀਂ ਦਿਮਾਗ਼ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਾ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਦਿਮਾਗ਼ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਈ ਵਾਰ ਕੁੱਝ ਆਦਮੀ ਦੂਰ ਜਾਂ ਨਿਕਟ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵੇਖਣ ਲਈ ਅੱਖਾਂ ਸਿੰਗੋੜ ਲੈਂਦੇ ਹਨ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਦਾ ਲੈਂਜ਼ ਰੇਸ਼ੇਦਾਰ ਜੈਲੀ ਵਰਗਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੀ ਵੜਤਾ ਸਿਲਿਅਰੀ ਪੱਠਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਬਦਲੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਵਕ੍ਰਤਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨਾਲ ਇਸ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਪੱਠੇ ਢਿੱਲੇ ਜਾਂ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਲੈੱਨਜ਼ ਪਤਲਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੁਰੀ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਸਾਨੂੰ ਦੂਰ ਸਥਿਤ ਵਸਤੂਆਂ ਸਾਫ਼ ਵਿਖਾਈ ਦੇਣ ਲਗਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਿਲਿਅਰੀ ਪੱਠਿਆਂ ਨੂੰ ਸਿੰਗੋੜਨ ਨਾਲ ਨੇਤਰ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਵੜਤਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਮੋਟਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਅਸੀਂ ਨਿਕਟ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸਾਫ-ਸਾਫ ਵੇਖਣ ਦੇ ਸਮਰੱਥ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਬੁੱਢੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਪੜ੍ਹਨ ਲਈ ਅਕਸਰ ਚਸ਼ਮਾ ਕਿਉਂ ਲਗਾਉਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਗਪਗ 60 ਸਾਲ ਦੀ ਉਮਰ ਵਿੱਚ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦਾ ਨਿਕਟ ਬਿੰਦੂ 200 cm ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਜਵਾਨੀ ਵਿੱਚ ਆਮ ਕਰਕੇ ਠੀਕ ਨਜ਼ਰ ਵਾਲਿਆਂ ਲਈ 25 cm ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਪੜ੍ਹਨ ਵਿੱਚ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਚਸ਼ਮਾ ਲਗਾਉਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਸਾਨੂੰ ਇੱਕ ਅੱਖ ਦੀ ਬਜਾਏ ਦੋ ਅੱਖਾਂ ਦਾ ਕੀ ਲਾਭ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਨੂੰ ਭਗਵਾਨ ਨੇ ਇੱਕ ਅੱਖ ਦੀ ਥਾਂ ਦੋ ਅੱਖਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਹਨ ।
ਇਸ ਦੇ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਲਾਭ ਹਨ-

  1. ਸਾਡਾ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਖੇਤਰ ਵੱਡਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇੱਕ ਅੱਖ ਹੋਣ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਸਾਡਾ ਖਿਤਿਜ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਖੇਤਰ ਲਗਭਗ 150° ਹੁੰਦਾ ਪਰੰਤੂ ਦੋ ਅੱਖਾਂ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਹੁਣ ਇਹ ਲਗਭਗ 180° ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਕਿਸੇ ਘੱਟ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਿਤ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਵੇਖਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਇੱਕ ਅੱਖ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਦੋ ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਮੋਤੀਆਬਿੰਦ (Cataract) ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਸਦਾ ਕੀ ਉਪਚਾਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੋਤੀਆਬਿੰਦ – ਅੱਖ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਕਈ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਇੱਕ ਝਿੱਲੀ ਜੰਮ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਵਿਚੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਲੰਘਣ ਵਿੱਚ ਰੁਕਾਵਟ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕਈ ਵਾਰ ਲੈੱਨਜ਼ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਬਣ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਖ਼ਰਾਬ ਲੈਂਨਜ਼ ਨੂੰ ਸਰਜਰੀ ਦੁਆਰਾ ਬਾਹਰ ਕੱਢ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਠੀਕ ਸ਼ਕਤੀ ਦਾ ਕਾਂਟੈਕਟ ਲੈੱਨਜ਼ ਜਾਂ ਫਿਰ ਸਰਜਰੀ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਚਸ਼ਮਾ ਲਗਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਠੀਕ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਵਿਕ੍ਰਿਤੀ (ਵਿਗਾੜ) ਕਿਸ-ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਸੰਭਵ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅੱਖਾਂ ਬਹੁਤ ਨਾਜ਼ੁਕ ਅਤੇ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਗਿਆਨ ਇੰਦਰੀ ਹੈ ਅਤੇ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਤੰਤ੍ਰ ਦੇ ਕਿਸੇ ਵੀ ਭਾਗ ਦੇ ਨੁਕਸਾਨ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਹ ਹਮੇਸ਼ਾ ਲਈ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । ਕਾਰਨੀਆ, ਪੁਤਲੀ, ਨੇਤਰ ਲੈੱਨਜ਼, ਵਿਟਰੀਅਸ ਹਿਉਮਰ, ਰੈਟੀਨਾ, ਤੰਤ੍ਰਿਕਾ ਆਦਿ ਕਿਸੇ ਵੀ ਨੁਕਸ ਹੋਣ ਤੇ ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਵਿਕ੍ਰਿਤੀ ਵਿਗਾੜ ਪੈਣਾ ਸੰਭਵ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਨੇਤਰਦਾਨ ਦੀ ਕੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੈ । ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਨੇਤਰ ਦਾਨ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਦਾਨ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਿਨਾਂ ਅੱਖਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਹਨੇਰਾ ਅਤੇ ਦੁੱਖ ਭਰਿਆ ਜੀਵਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਸੰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਲਗਭਗ 3.5 ਕਰੋੜ ਲੋਕਾੰ ਨੇਤਰਹੀਨ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ 45 ਲੱਖ ਕਾਰਨੀਆ ਦੇ ਅੰਨੇਪਣ ਤੋਂ ਪੀੜਤ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ 45 ਲੱਖ ਵਿੱਚੋਂ 60% ਤਾਂ ਉਹ ਬੱਚੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਉਮਰ 12 ਸਾਲ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਾਰਨੀਆ ਲਗਾ ਕੇ ਸੰਸਾਰ ਦਾ ਉਜਾਲਾ ਮੁੜ ਦਿੱਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਮੌਤ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਦਾਨ ਕਰਨ ਮਗਰੋਂ ਅਜਿਹੇ ਰੋਗੀਆਂ ਨੂੰ ਰੋਸ਼ਨੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਨੇਤਰਦਾਨ ਕਰਨ ਸਮੇਂ ਕਿਨ੍ਹਾਂ-ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਮੌਤ ਤੋਂ ਬਾਅਦ 4 ਤੋਂ 6 ਘੰਟੇ ਵਿੱਚ ਹੀ ਨੇਤਰਦਾਨ ਹੋ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਨੇਤਰਦਾਨ ਨਜ਼ਦੀਕੀ ਨੇਤਰ ਬੈਂਕ ਨੂੰ ਕੀਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਟੀਮ ਦਾਨ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਘਰ ਜਾਂ ਫਿਰ ਲਾਗਲੇ ਹਸਪਤਾਲ ਵਿੱਚ 10-15 ਮਿੰਟ ਵਿੱਚ ਅੱਖ ਕੱਢ ਲੈਂਦੀ ਹੈ ।
  3. ਨੇਤਰਦਾਨ ਇੱਕ ਬੜੀ ਸਰਲ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਵਿਰੂਪਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਸਪੱਸ਼ਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੀ ਨਿਊਨਤਮ ਦੂਰੀ ਦਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਪੱਸ਼ਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੀ ਨਿਊਨਤਮ ਦੂਰੀ – ਜੇਕਰ ਵਸਤੂ ਅੱਖ ਦੇ ਬਹੁਤ ਨਿਕਟ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਵਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਉਹ ਨਿਕਟਤਮ ਬਿੰਦੂ ਜਿਸ ਤੇ ਸਥਿਤ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਅੱਖ ਆਪਣੀ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਅਨੁਕੂਲਣ ਸਮਰੱਥਾ ਲਗਾ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਵੇਖ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਅੱਖ ਦਾ ਨਿਕਟ ਬਿੰਦੁ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ | ਅੱਖ ਦੇ ਨਿਕਟ ਬਿੰਦੁ ਤਕ ਦੀ ਦੂਰੀ ਸਪੱਸ਼ਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੀ ਨਿਊਨਤਮ ਦੂਰੀ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਸਾਧਾਰਨ ਅੱਖ ਲਈ ਇਹ ਦੂਰੀ 25 ਸਮ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਇੱਕ 14 ਸਾਲ ਦਾ ਲੜਕਾ ਉਸ ਤੋਂ 5 ਮੀਟਰ ਦੂਰ ਰੱਖੇ ਹੋਏ ਬਲੈਕ ਬੋਰਡ ਤੇ ਲਿਖੇ ਹੋਏ ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਹੀਂ ਵੇਖ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
(i) ਉਸ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਸ ਤੋਂ ਉਹ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੈ ।
(ii) ਇੱਕ ਲੇਬਲ ਕੀਤੇ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਦਿਖਾਉ ਕਿ ਇਸ ਦੋਸ਼ ਦਾ ਕਿਵੇਂ ਨਿਵਾਰਣ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i) ਉਹ ਲੜਕਾ ਨਿਕਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਤੋਂ ਪੀੜਤ ਹੈ ।
(ii) ਇਸ ਦੋਸ਼ ਦੇ ਸੰਸ਼ੋਧਨ ਲਈ ਉੱਚਿਤ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਅਪਸਾਰੀ (ਅਵਤਲ) ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਮੀਂਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਆਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਸਤਰੰਗੀ ਪੀਂਘ ਕਿਉਂ ਅਤੇ ਕਿਵੇਂ ਬਣਦੀ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਤਰੰਗੀ ਪੀਂਘ – ਮੀਂਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕਦੀ-ਕਦੀ ਵਿਖਾਈ ਦੇਣ ਵਾਲਾ ਸੋਹਣਾ ਦ੍ਰਿਸ਼ ਹੈ ਜੋ ਆਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਆਪਣੇ ਰੰਗਾਂ ਦਾ ਅਦਭੁੱਤ ਨਜ਼ਾਰਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪ੍ਰਕ੍ਰਿਤਿਕ ਸਪੈਕਟ੍ਰਮ ਹੈ ਜੋ ਮੀਂਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਆਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਸੂਖ਼ਮ ਬੂੰਦਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਛੋਟੀਆਂ-ਛੋਟੀਆਂ ਬੂੰਦਾਂ ਦੁਆਰਾ ਸੂਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵਿਖੇਪਣ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਤਰੰਗੀ ਪੀਂਘ ਹਮੇਸ਼ਾ ਸੂਰਜ ਦੀ ਵਿਪਰੀਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਸੂਖ਼ਮ ਬੂੰਦਾਂ ਛੋਟੇ ਜ਼ਮਾਂ ਵਜੋਂ ਕਾਰਜ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਆਪਾਤੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨੂੰ ਬੂੰਦਾਂ ਅਪਵਰਤਿਤ ਅਤੇ ਵਿਖੇਪਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਫਿਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਅੰਦਰੂਨੀ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਬੂੰਦਾਂ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੇ ਸਮੇਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨੂੰ ਮੁੜ ਅਪਵਰਤਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਅੰਦਰੂਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਵਿਖੇਪਣ ਕਾਰਨ ਭਿੰਨ ਰੰਗ ਪ੍ਰੇਖਕ ਦੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਦੇ ਹਨ ਜੋ ਪੀਂਘ ਦੀ ਸ਼ਕਲ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ, ਸੂਰਜ ਉਸ ਦੇ ਵਾਸਤਵਿਕ ਚੜ੍ਹਨ (ਉੱਗਣ) ਤੋਂ ਦੋ ਮਿੰਟ ਪਹਿਲਾਂ ਵੇਖਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਾਯੁਮੰਡਲੀ ਅਪਵਰਤਨ ਕਾਰਨ, ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਨ ਸਮੇਂ ਅਭਿਲੰਬ ਵੱਲ ਝੁੱਕ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਸੂਰਜ ਦੀ ਵਾਸਤਵਿਕ ਸਥਿਤੀ ਜਦੋਂ ਖਿਤਿਜ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਸੂਰਜ ਸਾਨੂੰ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੂਰਜ ਡੁੱਬਣ ਸਮੇਂ ਜਦੋਂ ਸੂਰਜ ਖਿਤਿਜ ਹੇਠਾਂ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਸੂਰਜ ਦੀ ਆਭਾਸੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੂਰਜ ਵਾਸਤਵਿਕ ਸੂਰਜ ਨਿਕਲਣ ਤੋਂ 2 ਮਿੰਟ ਪਹਿਲਾਂ ਅਤੇ ਵਾਸਤਵਿਕ ਸੂਰਜ ਡੁੱਬਣ ਤੋਂ 2 ਮਿੰਟ ਬਾਅਦ ਤੱਕ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਸੂਰਜ ਨਿਕਲਣ ਅਤੇ ਸੂਰਜ ਡੁੱਬਣ ਸਮੇਂ ਸੂਰਜ ਦਾ ਚੱਕਰ ਚਪਟਾ ਕਿਉਂ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-ਵਾਯੂਮੰਡਲੀ ਅਪਵਰਤਨ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸੂਰਜ ਸਾਨੂੰ ਵਾਸਤਵਿਕ ਸੂਰਜ ਨਿਕਲਣ ਤੋਂ 2 ਮਿੰਟ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਵਿਖਾਈ ਦੇਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਾਸਤਵਿਕ ਸੂਰਜ ਛਿਪਣ ਤੋਂ 2 ਮਿੰਟ ਬਾਅਦ ਤੱਕ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਵਾਸਤਵਿਕ ਸੂਰਜ ਨਿਕਲਣ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 12
ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਸੂਰਜ ਦੁਆਰਾ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਖਿਤਿਜ ਨੂੰ ਪਾਰ ਕਰਨਾ । ਸੂਰਜ ਦੀ ਖਿਤਿਜ ਦੇ ਸਾਪੇਖ ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਸਥਿਤੀਆਂ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਈਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ। ਵਾਸਤਵਿਕ ਸੂਰਜ ਦੇ ਛਿਪਣ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਸੂਰਜ ਛਿਪਣ ਵਿੱਚ ਸਮੇਂ ਦਾ ਅੰਤਰ ਲਗਭਗ 2 ਮਿੰਟ ਹੈ । ਇਸ ਵਰਤਾਰੇ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੀ ਸੂਰਜ ਨਿਕਲਣ ਅਤੇ ਸੂਰਜ ਛਿਪਣ ਦੇ ਸਮੇਂ ਸੂਰਜ ਦਾ ਚੱਕਰ ਚਪਟਾ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਟਿੰਡਲ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕੀ ਹੈ ? ਸਮਝਾਓ । ਇਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਵੀ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਟੰਡਲ ਪ੍ਰਭਾਵ (Tyndall Effect) – ਜਿਵੇਂ ਹਨੇਰੇ ਕਮਰੇ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਵਿੱਚ, ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਧੂੜ ਕਣ ਚਮਕਦੇ ਹੋਏ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੇ ਹਨ, ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੁਆਰਾ ਕੇਂਦ੍ਰਿਤ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨੂੰ ਕੋਲਾਇਡੀ ਘੋਲ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਾ ਕੇ ਸਮਕੋਣ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਰੱਖੀ ਗਈ ਸੂਖ਼ਮਦਰਸ਼ੀ ਦੁਆਰਾ ਦੇਖਣ ਨਾਲ ਇਹ ਕੋਲਾਇਡੀ ਕਣ ਹਨੇਰੇ ਵਿੱਚ ਚਮਕਦੇ ਹੋਏ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਘਟਨਾ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਟਿੰਡਲ ਨੇ ਕੋਲਾਡੀ ਘੋਲਾਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕੀਤਾ ਜਿਸ ਨੂੰ ਟਿੰਡਲ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕਿਹਾ ਗਿਆ । ਇਸ ਲਈ ਕੋਲਾਇਡੀ ਕਣਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਖਿਡਣ ਕਾਰਨ ਟਿੰਡਲ ਪ੍ਰਭਾਵ ਵਾਪਰਦਾ ਹੈ । ਕੋਲਾਇਤੀ ਕਣਾਂ ਦਾ ਸਾਇਜ਼ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਦਾ ਕੋਲਾਇਡੀ ਕਣਾਂ ਤੇ ਪੈਣ ਨਾਲ ਇਹ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਸੋਖ ਕੇ ਸਵੈਦੀਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ | ਸੋਖਿਤ ਉਰਜਾ ਦਾ ਦੁਬਾਰਾ ਛੋਟੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਖਿੰਡਰਣ ਕਾਰਨ ਨੀਲੇ ਰੰਗ ਦਾ ਇੱਕ ਕੋਣ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਟਿੰਡਲ ਕੋਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸ ਵਰਤਾਰੇ ਨੂੰ ਇੰਡਲ ਘਟਨਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
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ਟਿੰਡਲ ਪ੍ਰਭਾਵ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ-
(i) ਧੂੜ ਜਾਂ ਧੁੰਏਂ ਨਾਲ ਭਰੇ ਕਮਰੇ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਛੇਕ ਵਿੱਚੋਂ ਦਾਖ਼ਲ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪੁੰਜ ਵਿੱਚ ਕਣਾਂ ਨੂੰ ਚਮਕਦੇ ਹੋਏ ਤੈਰਦੇ ਵੇਖਣਾ ।
(ii) ਸੰਘਣੇ ਜੰਗਲ ਦੇ ਵਿਤਾਨ ਕੈਨੋਪੀ ਤੋਂ ਸੂਰਜੀ ਕਿਰਨਾਂ ਦਾ ਲੰਘਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਨਿਕਟ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੋਸ਼ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਅੱਖ ਵਿਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਿੱਥੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਦੋਸ਼ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦੀਆਂ ਐਨਕਾਂ ਨਾਲ ਠੀਕ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਅੱਖ ਦੇ ਨਿਕਟ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਦਾ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ? ਇਸ ਨੂੰ ਠੀਕ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
II. ਨਿਕਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ (Short sightedness) – ਇਸ ਦੋਸ਼ ਵਾਲੀ ਅੱਖ ਦੇ ਨੇੜੇ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਸਾਫ਼ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰ ਦੂਰ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਠੀਕ ਵਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੀਆਂ ਜਾਂ ਧੁੰਦਲੀਆਂ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਭਾਵ ਹੈ ਕਿ ਦੁਰੇਡਾ ਬਿੰਦੂ ਅਨੰਤ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਨਿਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੇ ਕਾਰਨ – ਇਸ ਦੋਸ਼ ਦੇ ਪੈਦਾ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ-
(i) ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਦਾ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਣਾ ।
(ii) ਅੱਖ ਦੇ ਡੇਲੇ ਦਾ ਲੰਬਾ ਹੋ ਜਾਣਾ ਅਰਥਾਤ ਰੈਟੀਨਾ ਅਤੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਵਿੱਚ ਦੀ ਦੁਰੀ ਦਾ ਵੱਧ ਜਾਣਾ ।

ਨਿਕਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨਾ – ਇਸ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਅਵਤਲ ਲੈਂਨਜ਼ (Concave lens) ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਅੱਖ ਦੇ ਦੁਰੇਡੇ ਬਿੰਦੂ ਜਿੰਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਦੁਰਦਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਠੀਕ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
I. ਦੂਰ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ (Long sightedness) – ਇਸ ਦੋਸ਼ ਵਿੱਚ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਦੁਰ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਤਾਂ ਸਾਫ਼ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰ ਨੇੜੇ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੀਆਂ । ਇਸ ਦਾ ਕਾਰਨ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਨੇੜੇ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਰੈਟੀਨਾ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
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ਦੂਰ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਦੇ ਕਾਰਨ –
(i) ਨੇਤਰ ਗੋਲਕ ਅੱਖ ਦੇ ਡੇਲੇ ਦਾ ਛੋਟਾ ਹੋਣਾ ।
(ii) ਅੱਖ ਦੇ ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਲੈਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਦਾ ਵੱਧ ਹੋ ਜਾਣਾ ।
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ਦੂਰ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਠੀਕ ਕਰਨਾ – ਇਸ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ (Convex lens) ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨਾਲ ਨਿਕਟੀ ਬਿੰਦੁ ਤੋਂ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਕਿਸੇ ਦੂਰ ਦੇ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਨੇੜੇ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਅੱਖ ਦਾ ਜ਼ਰਾ-ਦੂਰਦ੍ਰਿਸ਼ਟਤਾ ਅਤੇ ਵਰਣ ਅੰਧਤਾ (ਰੰਗ ਦੇ ਅੰਨ੍ਹੇਪਣ) ਦਾ ਕੀ ਅਰਥ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(1) ਜ਼ਰਾ-ਦੂਰਦ੍ਰਿਸ਼ਟਤਾ – ਕੁੱਝ ਵੱਡੀ ਉਮਰ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਨਿਕਟ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਅਤੇ ਦੂਰ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਦੋਨੋਂ ਇਕੱਠੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨੂੰ ਜ਼ਰਾ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟਤਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਅਜਿਹੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੋ-ਫੋਕਸੀ ਐੱਨਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਜਿਸ ਦਾ ਉੱਪਰਲਾ ਭਾਗ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਅਤੇ ਹੇਠਲਾ ਭਾਗ ਉੱਤਲ ਲੈਨਜ਼ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਉੱਪਰਲਾ ਭਾਗ ਦੂਰ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਅਤੇ ਹੇਠਲਾ ਭਾਗ ਨੇੜੇ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਦੇਖਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

(2) ਵਰਣ-ਅੰਤਾ (ਜਾਂ ਰੰਗ ਦਾ ਅੰਨ੍ਹਾਪਣ) – ਇਹ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਕੋਨ ਸ਼ਕਲ ਦੇ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਅੱਖ ਕੁੱਝ ਨਿਸਚਿਤ ਰੰਗਾਂ ਲਈ ਸੁਰਾਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਇਹ ਦੋਸ਼ ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਜਨਮ ਤੋਂ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ (ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕ) ਅਤੇ ਇਸ ਦਾ ਕੋਈ ਇਲਾਜ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਸ ਦੋਸ਼ ਵਾਲੇ ਮਨੁੱਖ ਸਾਧਾਰਨ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਠੀਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵੇਖ ਸਕਦੇ ਹਨ, ਪਰੰਤੁ ਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਕਰਨਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਲਈ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਰੋਗ ਨੂੰ ਵਰਣ-ਅੰਧ ਜਾਂ ਰੰਗ ਦਾ ਅੰਨਾਪਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ਅਨੁਕੂਲਣ-ਸ਼ਕਤੀ, ਦੁਰੇਡਾ ਬਿੰਦੂ, ਨਿਕਟੀ ਬਿੰਦੂ, ਸਪੱਸ਼ਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੀ ਨਿਊਨਤਮ ਦੂਰੀ, ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਸਥਿਰਤਾ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਨੁਕੂਲਣ ਸ਼ਕਤੀ (Power of accomodation) – ਸਾਡੀ ਅੱਖ ਸਾਰੀਆਂ ਦੁਰ ਅਤੇ ਨੇੜੇ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਦੇਖ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਅੱਖ ਦੀ ਇਸ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਨੂੰ ਜਿਸ ਦੁਆਰਾ ਅੱਖ ਆਪਣੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਦੂਰੀਆਂ ‘ਤੇ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਦੇਖ ਸਕਦੀ ਹੈ, ਅਨੁਕੂਲਣ ਸ਼ਕਤੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਦੁਰੇਡਾ ਬਿੰਦੂ (Far point) – ਅੱਖ ਤੋਂ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਦੂਰੀ ਤੇ ਸਥਿਤ ਉਹ ਬਿੰਦੁ ਜਿਸ ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਅੱਖ ਸਪੱਸ਼ਟ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵੇਖ ਸਕਦੀ ਹੈ, ਦੁਰੇਡਾ ਬਿੰਦੂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਠੀਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੇ ਲਈ ( Nomal eye sight) ਦੁਰੇਡਾ ਬਿੰਦੁ ਅਨੰਤ ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਨਿਕਟੀ ਬਿੰਦੂ (Near point) – ਅੱਖ ਤੋਂ ਨਿਊਨਤਮ ਦੂਰੀ ਤੇ ਸਥਿਤ ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਨੂੰ ਜਿਸ ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਅੱਖ ਸਪੱਸ਼ਟ ਰੂਪ ਨਾਲ ਦੇਖ ਸਕਦੀ ਹੈ, ਨੂੰ ਨਿਕਟੀ ਬਿੰਦੂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ! |

ਸਪੱਸ਼ਟ ਦਿਸ਼ਟੀ ਦੀ ਨਿਊਨਤਮ ਦੁਰੀ (Least distance of distinct vision) – ਦੁਰੇਡਾ ਬਿੰਦੁ ਅਤੇ ਨਿਕਟੀ ਬਿੰਦੁ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਬਿੰਦੂ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਰੱਖਣ ਤੇ ਵਸਤੁ ਬਿਲਕੁਲ ਸਪੱਸ਼ਟ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੀ ਨਿਊਨਤਮ ਦੂਰੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ : ਤੰਦਰੁਸਤ ਅੱਖ ਦੇ ਲਈ ਸਪੱਸ਼ਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੀ ਨਿਊਨਤਮ ਦੂਰੀ 25cm ਹੈ ।

ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਸਥਿਰਤਾ (Persistence of vision) – ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਅੱਖ ਦੇ ਰੈਟੀਨਾ ਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਹਟਾ ਦੇਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੀ ਇਸ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕੁਝ ਸਮੇਂ ਦੇ ਲਈ ਬਣਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨੂੰ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਸਥਿਰਤਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ !

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਅਸਮਾਨ ਦਾ ਰੰਗ ਨੀਲਾ ਕਿਉਂ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਸਮਾਨ ਦਾ ਰੰਗ ਨੀਲਾ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣਾ – ਜਦੋਂ ਸੂਰਜ ਦਾ ਸਫ਼ੈਦ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਧਰਤੀ ਦੇ ਵਾਤਾਵਰਣ ਵਿੱਚੋਂ ਗੁਜ਼ਰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵਾਤਾਵਰਣ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਅਣੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਆਪਸੀ ਕਿਰਿਆ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਉਸਦੇ ਵਿਭਿੰਨ ਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਖਿੰਡਰਾਓ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਕੈਲੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ, ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਖੰਡਰਾਓ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ, I ∝ \(\frac{1}{\lambda^{4}}\) , ਜਿੱਥੇ λ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਹੈ ।

ਕਿਉਂਕਿ ਨੀਲੇ ਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λB) ਲਾਲ ਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ( λR) ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਹਵਾ ਦੇ ਅਣੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਨੀਲੇ ਰੰਗ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਖਿੰਡਰਾਓ ਲਾਲ ਰੰਗ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਅਸਮਾਨ ਦਾ ਰੰਗ ਨੀਲਾ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।

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ਸੰਖਿਆਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Numerical Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਇੱਕ ਨਿਕਟ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਵਾਲਾ ਵਿਅਕਤੀ ਆਪਣੀ ਅੱਖ ਤੋਂ 75 cm ਤੋਂ ਵੱਧ ਦੂਰ ਪਈ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਨਹੀਂ ਵੇਖ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਦੂਰ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਵੇਖਣ ਲਈ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਅਤੇ ਕਿਸ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਲੋੜ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ :
∵ ਵਿਅਕਤੀ 75 cm ਤੋਂ ਦੁਰ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਵੇਖ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਦੂਰ ਸਥਿਤ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਵੇਖਣ ਲਈ ਉਸਨੂੰ ਇੱਕ ਅਜਿਹੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਪਵੇਗੀ ਜਿਹੜਾ ਦੂਰ (ਸਥਿਤ) ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ 75 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਬਣਾਏ ।
ਇੱਥੇ υ = -7 cm, u = ∝, f = ?
ਲੈੱਨਜ਼ ਫਾਰਮੂਲੇ \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) ਦੁਆਰਾ
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{-75}-\frac{1}{-\alpha}\)
= \(-\frac{1}{-75}+\frac{1}{\alpha}\)
\(\frac{1}{f}=\frac{-1}{75}\)
∴ f = -75 cm ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਿੰਨ੍ਹ ਇਹ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਲੈਂਨਜ਼ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਦੂਰ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਤੋਂ ਪੀੜਤ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਅੱਖ ਦੇ ਲਈ ਨਿਕਟ ਬਿੰਦੂ ਦੀ ਦੂਰੀ 0.50 m ਹੈ । ਇਸ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਐਨਕ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ, ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਅਤੇ ਸਮਰੱਥਾ ਗਿਆਤ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਅੱਖ ਦੀ ਨਿਕਟ ਬਿੰਦੁ ਦੂਰੀ 0.50 m ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਵਿਅਕਤੀ 0.50 m ਤੋਂ ਘੱਟ ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਵੇਖ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਅਜਿਹੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਲੋੜ ਪਵੇਗੀ ਜੋ 25 cm ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ 0.50 m ਤੇ ਬਣਾਏ ।
υ = 0.50 m, u = 25 cm = 0. 25 m, f = ?
ਲੈੱਨਜ਼ ਫਾਰਮੂਲੇ ਨੂੰ \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) ਤੋਂ
\(\frac{1}{f}\) = \(\)
= \(\frac{1}{-0.50}-\frac{1}{-0.25}\)
= \(-\frac{1}{0.50}+\frac{1}{0.25}\)
= \(\frac{-1+2}{0.50}\)
= \(\frac{1}{0.50}\)
∵ f = + 0.50 m
ਧਨਾਤਮਕ ਚਿੰਨ੍ਹ ਇਹ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਲੈੱਨਜ਼ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਹੈ । y
ਹੁਣ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ (P) = \(\frac{1}{f}=\frac{1}{0.50}\) = 2 ਡਾਇਆਪਟਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ 20 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਪਈ ਹੋਈ ਕਿਤਾਬ ਪੜ੍ਹ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਕਿਤਾਬ ਨੂੰ 30 cm ਦੂਰ ਰੱਖ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਐਨਕ ਲਗਾਉਣੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਗਣਨਾ ਕਰੋ-
(i) ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਏ ਗਏ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ
(ii) ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਕਿਸਮ
(iii) ਕਿਰਨ ਰੇਖਾ ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਅੱਖ ਦਾ ਦੋਸ਼ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, υ = -20 cm, u = -30 cm, f = ?
(i) ਲੈੱਨਜ਼ ਫਾਰਮੂਲਾ \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) ਵਿੱਚ ਮੁੱਲ ਰੱਖਣ ਮਗਰੋਂ
\(\frac{1}{f}\) = \(\frac{1}{-20}-\frac{1}{-30}\)
= \(\frac{1}{20}+\frac{1}{30}\)
= –\(\frac{-3+2}{60}\)
= \(\frac{-1}{60}\)
∵ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਏ ਗਏ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੁਰੀ (f) = 60 cm
(ii) ਕਿਉਂਕਿ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਗਿਆ ਲੈਂਨਜ਼ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਹੋਵੇਗਾ ।
(iii) ਅੱਖ ਨਿਕਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਨਾਲ ਗ੍ਰਸਿਤ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਨਿਕਟ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਤੋਂ ਸਿਤ ਰੋਗੀ ਦਾ ਦੂਰ ਬਿੰਦੂ (Far Point) 40 cm ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਵਸਤੁਆਂ ਸਾਫ਼ ਵਿਖਾਈ ਦੇਣ । ਫੋਕਸ ਦੁਰੀ ਅਤੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਇੱਥੇ u = -∝ υ = – 40 cm f = ?
ਲੈੱਨਜ਼ ਸੂਤਰ \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਕੇ
\(\frac{1}{f}\) = \(\frac{1}{-40}-\frac{1}{-\infty}\)
= \(-\frac{1}{40}+\frac{1}{\propto}\)
= \(-\frac{1}{40}\) + 0
= \(-\frac{1}{40}\)
∵ f = – 40 cm
= -0.4 m
ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਿੰਨ੍ਹ ਇਹ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਲੈਂਨਜ਼ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਹੈ ।
ਹੁਣ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ p = \(\frac{1}{f}=\frac{1}{-0.4}\)
= -2.5 D
ਇਸ ਲਈ ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ – 2.5D ਹੋਵੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇੱਕ ਨਿਕਟ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਦੂਰ ਬਿੰਦੂ 20 cm ਹੈ । ਉਸ ਤੋਂ 25 m ਦੂਰ ਰੱਖੇ ਟੈਲੀਵਿਜ਼ਨ ਨੂੰ ਵੇਖਣ ਲਈ ਕਿੰਨੀ ਸਮਰੱਥਾ ਦਾ ਅਤੇ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦਾ ਲੈਂਨਜ਼ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਹੱਲ :
ਇੱਥੇ = – 2.5 m, υ = – 20 cm = – 0.2 m, f = ?
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p = – 4.6 D
ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਿੰਨ੍ਹ ਇਹ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਐੱਨਜ਼ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਹੈ ਜਿਸ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ -4.6 ਹੈ । .

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇੱਕ ਨਿਕਟ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਵਾਲੇ ਆਦਮੀ ਦਾ ਨਿਕਟ-ਬਿੰਦੂ 50 cm ਹੈ । ਜੇਕਰ ਉਹ 20 cm ਦੂਰੀ ਤੋਂ ਅਖ਼ਬਾਰ ਪੜ੍ਹਨਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਦੀ ਐਨਕ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਦੱਸੋ ।
ਹੱਲ :
ਇੱਥੇ u = – 20 cm, υ = – 50 cm, f = ?
ਲੈੱਨਜ਼ ਫਾਰਮੂਲਾ \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਕੇ
\(\frac{1}{f}\) = \(\frac{1}{-50}-\frac{1}{-20}\)
= \(-\frac{1}{50}+\frac{1}{20}\)
= \(\frac{-2+5}{100}\)
= \(\frac{3}{100}\)
f = \(\frac{100}{3}\) = + 33.3 cm
ਧਨਾਤਮਕ ਚਿੰਨ੍ਹ ਇਹ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਹੈ
ਹੁਣ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ P = PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 16
ਜਾਂ P = \(\frac{100}{\frac{100}{3}}\)
= + 3D
∴ ਉਸ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ + 3D ਸਮਰੱਥਾ ਵਾਲੇ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਨੀਰੋਗ ਅੱਖ ਦਾ ਨਿਕਟ ਬਿੰਦੂ ਕਿੱਥੇ ਸਥਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨੀਰੋਗ ਅੱਖ ਦਾ ਨਿਕਟ ਬਿੰਦੂ 25 ਸਮ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਸਥਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਨੀਰੋਗ ਅੱਖ ਦਾ ਦੂਰ ਬਿੰਦੁ ਕਿੱਥੇ ਸਥਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਰੋਗ ਅੱਖ ਦਾ ਦੂਰ ਬਿੰਦੂ, ਅਨੰਤ ਬਿੰਦੂ ‘ਤੇ ਸਥਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਨਿਕਟ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਕਟ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਦੂਰ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੂਰ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਐਨਕ ਵਿੱਚ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਲੱਗਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ? ਦੱਸੋ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਨਿਕਟ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਐਨਕ ਵਿੱਚ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਲੱਗਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ? ਦੱਸੋ ਉਸ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਦੂਰ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਐਂਨਕ ਦੇ ਉੱਪਰਲੇ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਅਤੇ ਹੇਠਲੇ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਲੱਗਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ । ਉਸ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ-ਕਿਹੜਾ ਦਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਨਿਕਟ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਅਤੇ ਦੂਰ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ (ਜ਼ਰਾ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਪੁਸਤਕ ਪੜ੍ਹਨ ਦੇ ਲਈ ਪੁਸਤਕ ਨੂੰ ਅੱਖ ਤੋਂ 25 cm ਦੂਰ ਰੱਖਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਉਸ ਦੀ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਦੋਸ਼ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸ ਦਾ ਨਿਵਾਰਣ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਸ ਲੈਂਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੁਰ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਉੱਤਲ ਲੈਨਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨੂੰ 25 cm ਤੋਂ ਅਨੰਤ ਤੱਕ ਵਧਾਉਣ ਲਈ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਸਮਰੱਥਾ 25 cm ਤੋਂ ਵਧਾ ਕੇ ਅਨੰਤ ਕਰਨ ਲਈ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਤੋਂ ਨਿਰਗਤ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਰੰਗ ਦੀ ਕਿਰਨ ਦਾ ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਾਲ ਰੰਗ ਦੀ ਕਿਰਨ ਦਾ ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਪਿਜ਼ਮ ਦੇ ਨਿਰਗਤ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਰੰਗ ਦੀ ਕਿਰਨ ਦਾ ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੈਂਗਣੀ ਰੰਗ ਦੀ ਕਿਰਨ ਦਾ ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਕੱਚ ਦੇ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੁਆਰਾ ਸਫੈਦ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵਿਖੇਪਨ ਕਿੰਨੇ ਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੱਚ ਦੇ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੁਆਰਾ ਸਫ਼ੈਦ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵਿਖੇਪਨ ਸੱਤ ਰੰਗਾਂ-ਵੈਂਗਣੀ, ਨੀਲਾ, ਅਸਮਾਨੀ, ਹਰਾ, ਪੀਲਾ, ਨਾਰੰਗੀ ਅਤੇ ਲਾਲ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਸੀਕਮ ਦੇ ਕਿਸ ਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਾਲ ਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਸੀਕਮ ਦੇ ਕਿਸ ਰੰਗ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੈਂਗਣੀ ਰੰਗ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਸਪੈੱਕਟ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਰੰਗ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੇ ਆਧਾਰ ਵੱਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੈਂਗਣੀ ਰੰਗ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਦੇ ਆਧਾਰ ਵੱਲ ਸਪੈੱਕਟ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਆਕਾਸ਼ ਦਾ ਰੰਗ ਨੀਲਾ ਕਿਉਂ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨੀਲੇ ਰੰਗ ਦੇ ਵੱਧ ਖਿੰਡਰਨ ਕਾਰਨ ਆਕਾਸ਼ ਦਾ ਰੰਗ ਨੀਲਾ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਪੁਲਾੜ ਯਾਤਰੀ ਨੂੰ ਆਕਾਸ਼ ਦਾ ਰੰਗ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁਲਾੜ ਯਾਤਰੀਆਂ ਨੂੰ ਆਕਾਸ਼ ਦਾ ਰੰਗ ਕਾਲਾ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਸੈਕਲੇਰਾਟਿਕ ਦਾ ਕੀ ਕੰਮ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੈਕਲੇਰਾਟਿਕ ਅੱਖ ਦੇ ਅੰਦਰੂਨੀ ਭਾਗ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਅੱਖ ਨੂੰ ਆਕਾਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਸਿਲਿਅਰੀ ਪੱਠਿਆਂ ਦਾ ਕੀ ਕੰਮ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਲਿਅਰੀ ਪੱਠੇ ਅੱਖ ਦੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਨੂੰ ਜਕੜ ਕੇ ਰੱਖਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਕਿਹੜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਈ ਗਈ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 17
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵਿਖੇਪਣ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਕਿਹੜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕਿਰਿਆ ਵਜੋਂ ਤਾਰਾ ਆਪਣੀ ਸਥਿਤੀ ਬਦਲਦਾ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 18
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਦਾ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਦੱਸੋ ਇਹ ਕਿਹੜਾ ਦੋਸ਼ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 19
ਉੱਤਰ-
ਦੂਰ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਨਾਲ ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਦੋਸ਼ ਠੀਕ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਅਤੇ ਰੰਗ-ਬਰੰਗਾ ਸੰਸਾਰ 20
ਉੱਤਰ-
ਨਿਕਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਾਧਾਰਨ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੇ ਵਿਅਕਤੀ ਲਈ ਸਪੱਸ਼ਟ ਦਰਸ਼ਨ ਦੀ ਨਿਊਨਤਮ ਦੂਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਲਗਪਗ :
(a) 35 in
(b) 3.5 m
(c) 25 cn
(d) 2.5 cm.
ਉੱਤਰ-
(c) 25 cm.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਆਬਜੈਕਟਿਵ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-
(a) ਪੁਤਲੀ ਦੁਆਰਾ
(b) ਰੈਟਿਨਾ ਦੁਆਰਾ
(c) ਸਿਲੀਅਰੀ ਪੇਸ਼ੀ ਦੁਆਰਾ
(d) ਆਇਰਿਸ ਦੁਆਰਾ
ਉੱਤਰ-
(c) ਸਿਲੀਅਰੀ ਪੇਸ਼ੀ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਨਿਕਟ ਦਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਤੋਂ ਪੀੜਤ ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ 1.2 m ਤੋਂ ਦੁਰ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਦੇਖ ਸਕਦਾ । ਸਪੱਸ਼ਟ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਲਈ ਉਹ ਸੰਸ਼ੋਧਕ ਲੈੱਨਜ਼ ਉਪਯੋਗ ਕਰੇਗਾ-
(a) ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼
(b) ਸਿਲੰਡਰੀਕਲ ਨਜ਼
(c) ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸਾਧਾਰਨ ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਦਾ ਦੁਰ ਬਿੰਦੂ-
(a) 25 cm ’ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(b) 25 mm ‘ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ
(c) 25 m ‘ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।
(d) ਅਨੰਤ ‘ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(a) 25 cm ‘ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ-
(a) ਪੁਤਲੀ ‘ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ।
(b) ਪਰਿਤਾਰਿਕਾ ‘ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ
(c) ਕਾਰਨੀਆ ‘ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ
(d) ਰੈਟਿਨਾ ‘ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ !
ਉੱਤਰ-
(d) ਰੈਟਿਨਾ ‘ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਆਇਰਿਸ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਸਥਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
(a) ਪੁਤਲੀ
(b) ਰੈਟਿਨਾ
(c) ਕਾਰਨੀਆ
(d) ਅੱਖ ਦਾ ਗੋਲਾ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਕਾਰਨੀਆ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜਦੋਂ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਦਾਖ਼ਲ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਵਧੇਰਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਸ ਰਾਹੀਂ ਅਪਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
(a) ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਲੈਂਨਜ਼
(b) ਕਾਰਨੀਆਂ ਦੇ ਬਾਹਰਲੀ ਸੜਾ
(c) ਪੁਤਲੀ
(d) ਆਇਰਿਸ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਕਾਰਨੀਆਂ ਦੇ ਬਾਹਰਲੀ ਸੜਾ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਮਨੁੱਖੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ……………… ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਰੈਟਿਨਾ

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(ii) ਸਾਧਾਰਨ ਨਜ਼ਰ ਵਾਲੇ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਸਾਫ਼-ਸਾਫ਼ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣ ਵਾਲੀ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਦੂਰੀ ਲਗਭਗ ………….. ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
25 cm

(iii) ਦੂਰ-ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਦੋਸ਼ ਦਾ ਨਿਵਾਰਣ ……………… ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਲੈਂਨਜ਼

(iv) ਤਾਰਿਆਂ ਦਾ ਟਿਮਟਿਮਾਣਾ ਤਾਰਿਆਂ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ……………… ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਾਯੂਮੰਡਲੀ ਅਪਵਰਤਨ

(v) ਮੀਂਹ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਅਸਮਾਨ ਵਿੱਚ ਸੱਤਰੰਗੀ ਪੀਂਘ ਦਾ ਵਿਖਾਈ ਦੇਣਾ ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ …………………… ਅਤੇ …………….. ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਰਿਖੇਪਣ, ਆਂਤਰਿਕ ਪਰਾਵਰਤਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਵਿਭਿੰਨ ਸਥਿਤੀਆਂ ‘ਤੇ ਰੱਖੀ ਵਸਤੂ ਦੇ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਬਣੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬਾਂ ਦੀ ਸਥਿਤੀ, ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਚਿੱਤਰ ਦੁਆਰਾ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਨਾ – ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਬਣੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ, ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਵਸਤੂ ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

(1) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਅਨੰਤ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਹੋਵੇ – ਅਨੰਤ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਰੱਖੀ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਚਲਣ ਵਾਲੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇੱਕ ਕਿਰਨ ਜਿਹੜੀ ਫੋਕਸ F ਤੋਂ ਹੋ ਕੇ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 1
ਦੂਜੀ ਕਿਰਨ ਜਿਹੜੀ ਵਕ੍ਰਤਾ ਕੇਂਦਰ ਵਿਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਸੇ ਪੱਥ ਤੋਂ ਵਾਪਸ ਮੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਵੇਂ ਪਰਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ ਦਰਪਣ ਦੇ ਫੋਕਸ ਤਲ ਤੇ ਬਿੰਦੂ B’ ਤੇ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ B’, ਬਿੰਦੂ B ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ ਅਤੇ B’ ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਤੇ ਖਿੱਚਿਆ ਗਿਆ ਲੰਬ ਧੁਰੇ ਨੂੰ A’ ਤੇ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ A ਦਾ, ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ A’B’ ਵਸਤੂ AB ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

ਇਹ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਫੋਕਸ ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਾਸਤਵਿਕ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਬਹੁਤ ਛੋਟਾ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

(2) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਅਨੰਤ ਅਤੇ ਵਕੁਤਾ ਕੇਂਦਰ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਰੱਖੀ ਹੋਵੇ – ਮੰਨ ਲਓ ਵਸਤੂ AB ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਉਸ ਦੇ ਵਕੁਤਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਤੋਂ ਵੱਧ ਦੁਰੀ ਤੇ ਰੱਖੀ ਗਈ ਹੈ । ਬਿੰਦੂ A ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਚਲਣ ਵਾਲੀ ਕਿਰਨ AD ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਫੋਕਸ ‘F ਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਲੰਘਦੀ ਹੈ । ਦੂਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ AG ਜਿਹੜੀ ਵਕੁਤਾ ਕੇਂਦਰ ਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਸੇ ਪੱਥ ਤੇ ਮੁੜ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ A’ ਤੇ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਬਿੰਦੁ A ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ । ਬਿੰਦੁ B’ ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਤੇ ਖਿੱਚਿਆ ਗਿਆ ਲੰਬ A’ ਧੁਰੇ B’ ਨੂੰ A’ ਤੇ ਮਿਲਦਾ ਹੈ, ਜੋ B ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਸਤੂ AB ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ A’B’ ਹੈ ।

ਇਹ ਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਵਕ੍ਰਤਾ ਕੇਂਦਰ C ਅਤੇ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ F ਦੇ ਵਿੱਚ ਬਣਦਾ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਵਾਸਤਵਿਕ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਕਾਰ ਤੋਂ ਛੋਟਾ ਹੈ ।
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(3) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਵਕੁਤਾ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੋਵੇ – ਮੰਨ ਲਓ ਵਸਤੂ AB ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਵਕੁਤਾ ਕੇਂਦਰ cਤੇ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਹੈ । ਬਿੰਦੁ ਨ ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਚਲਣ ਵਾਲੀ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ AD ਪਰਾਵਰਤਨ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਫੋਕਸ Fਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਲੰਘਦੀ ਹੈ । ਦੂਜੀ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ AD’ ਫੋਕਸ ਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਲੰਘਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ ਬਿੰਦੂ ‘ ਤੇ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਬਿੰਦੂ B ਦਾ ਵਾਸਤਵਿਕ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ । ਬਿੰਦੂ A’ ਤੋਂ ਖਿੱਚਿਆ ਗਿਆ ਲੰਬ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਨੂੰ B’ ਤੇ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ਜੋ B ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ A’B’ ਵਸਤੂ AB ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

ਇਹ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਵਕ੍ਰਤਾ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦੇ ਬਰਾਬਰ, ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਉਲਟਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
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(4) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਵਕ੍ਰਤਾ ਕੇਂਦਰ Cਅਤੇ ਫੋਕਸ F ਦੇ ਵਿੱਚ ਰੱਖੀ ਹੋਵੇ – ਮੰਨ ਲਓ ਵਸਤੂ AB ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਅਤੇ ਵੜਤਾ ਕੇਂਦਰ ਦੇ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਹੈ । ਬਿੰਦੁ A ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਚਲਣ ਵਾਲੀ ਕਿਰਨ AD ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਕੇ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਵਿੱਚੋਂ ਗੁਜਰਦੀ ਹੈ । ਦੂਜੀ ਅਯਾਤੀ ਕਿਰਨ AD’ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ F ਵਿਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ । A’ ਤੇ ਕੱਟਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੋ ਬਿੰਦੂ A’ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ । A’ ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਤੇ ਖਿੱਚਿਆ ਗਿਆ ਲੰਬ A’B’ ਧੁਰੇ ਨੂੰ B’ ਤੇ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ਜੋ A ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਸਤੂ AB ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ A’B’ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

ਇਹ ਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਵਤਾ ਕੇਂਦਰ ਅਤੇ ਅਨੰਤ ਦੇ ਵਿੱਚ ਬਣਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਾਸਤਵਿਕ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਵੱਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
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(5) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ‘ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੋਵੇ – ਮੰਨ ਲਓ ਵਸਤੂ AB ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ Fਤੇ ਸਥਿਤ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਬਿੰਦੂ A ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਚਲਣ ਵਾਲੀ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ AD ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਕੇ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ । ਬਿੰਦੂ A ਤੋਂ ਨਿਕਲਣ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਹੋਰ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ AE ਪਿੱਛੇ ਵਧਾਉਣ ਤੇ ਵਕੁਤਾ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੋਈ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਜਿਹੜੀ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਕੇ ਉਸੇ ਪੱਥ ‘ਤੇ ਮੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ ਇੱਕਦੂਜੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਅਨੰਤ ਤੇ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿੱਥੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਇਹ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਅਨੰਤ ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਾਸਤਵਿਕ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
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(6) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਧਰੁਵ P ਅਤੇ ਫੋਕਸ F ਦੇ ਵਿੱਚ ਰੱਖੀ ਹੈ-ਮੰਨ ਲਓ ਵਸਤੂ AB ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਅਤੇ ਧਰੁਵ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਹੈ । ਬਿੰਦੂ A ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਚਲਣ ਵਾਲੀ ਕਿਰਨ AD ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਕੇ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ । ਇੱਕ-ਦੂਜੀ ਕਿਰਨ AE ਦਰਪਣ ਤੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਸੇ ਪੱਥ ‘ਤੇ ਮੁੜ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ ਦਰਪਣ ਦੇ ਪਿੱਛੇ A’ ਤੋਂ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਪਤੀਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ A’ ਬਿੰਦੂ A ਦਾ ਆਭਾਸੀ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ । ਹੁਣ A’ ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਤੇ ਖਿੱਚਿਆ ਗਿਆ ਲੰਬ ਧੁਰੇ ਨੂੰ B’ ਤੇ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ਜੋ ਬਿੰਦੂ B ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਸਤੂ AB ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ A’B’ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 6
ਇਹ ਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਕੱਚ ਦੀ ਆਇਤਾਕਾਰ ਸਲੈਬ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸਮਝਾਓ ਅਤੇ ਇਹ ਦਰਸਾਓ ਕਿ ਨਿਰਗਤ ਕਿਰਨ, ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ – ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਇੱਕ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਦਾਖ਼ਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਦੋ ਮਾਧਿਅਮਾਂ ਦੇ ਮਿਲਣ ਤਲ ਤੇ ਆਪਣਾ ਪੱਥ ਬਦਲ ਲੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਅਪਵਰਤਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
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ਇਕ ਆਇਤਾਕਾਰ ਕੱਚ ਦੀ ਸਲੈਬ ਤੋਂ ਅਪਵਰਤਨ – ਇੱਕ ਆਇਤਾਕਾਰ ਕੱਚ ਦੀ ਸਲੈਬ PQRS ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । AO ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ OO’ ਅਪਵਰਤਿਤ ਕਰਨ ਅਤੇ O’B ਨਿਰਗਤ ਕਿਰਨ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਹਵਾ ਤੋਂ ਕੱਚ ਵਿੱਚ ਦਾਖ਼ਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਬਿੰਦੂ ) ਤੇ ਸੁਨੇਲ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਤੇ
\(\frac{\sin i_{1}}{\sin r_{1}}\) = aμb …… (1)
ਹੁਣ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਕੱਚ (ਸੰਘਣੇ ਮਾਧਿਅਮ) ਤੋਂ ਹਵਾ (ਵਿਰਲੇ ਮਾਧਿਅਮ) ਵਿੱਚ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ । ਬਿੰਦੂ O’ ਤੇ ਸਨੇਲ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਤੇ
bμa = \(\frac{\sin i_{2}}{\sin r_{2}}=\frac{\sin r_{1}}{\sin r_{2}}\) ………….. (2)
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਉਲਟਕ੍ਰਮਣਤਾ ਨਿਯਮ (Principle of reversibility of light) ਅਨੁਸਾਰ
(∵ ∠i2 = ∠r1)
bμa = \(\frac{1}{a_{\mu_{b}}}\) ……….(3)
ਸਮੀਕਰਨ (2) ਅਤੇ (3) ਤੋਂ
aμb = \(\frac{\sin r_{2}}{\sin r_{1}}\) …………. (4)
ਸਮੀਕਰਨ (1) ਅਤੇ (4) ਤੋਂ
\(\frac{\sin i_{1}}{\sin r_{2}}=\frac{\sin r_{2}}{\sin r_{1}}\)
∴ ∠i1 = ∠r2,

ਇਸਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਆਪਨ ਕੋਣ ਨਿਰਗਤ ਕੋਣ, ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਇੱਕ ਆਇਤਾਕਾਰ ਕੱਚ ਦੀ ਸਲੈਬ ਤੋਂ ਅਪਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਨਿਰਗਤ ਕਰਨ ਅਤੇ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ (i) F ਅਤੇ 27 ਵਿਚਕਾਰ (i) 27 ਤੋਂ ਪਰੇ (ii) Fਉੱਤੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇੱਕ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਇਸ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਰਚਨਾ ਦਰਸਾਓ ।
ਜਾਂ
ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਕਿਸੇ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ F ਤੇ ਪਈ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਵਿਚ ਬਣੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ, ਆਕਾਰ ਅਤੇ ਸਰੂਪ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ F ਅਤੇ F ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਹੈ – ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ F ਅਤੇ 2F ਦੇ ਵਿੱਚ ਰੱਖੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ 2F ਤੋਂ ਪਰੇ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਅਸਲੀ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਵੱਡੇ ਸਾਇਜ਼ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 8

(ii) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ 27 ਤੋਂ ਪਰੇ ਰੱਖੀ ਹੈ – ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ 2F ਤੋਂ ਪਰੇ ਰੱਖੀ ਹੈ ਤਾਂ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ Fਅਤੇ 2F ਦੇ ਵਿੱਚ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਛੋਟੇ ਸਾਇਜ਼ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 9

(iii) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ F ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੈ – ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ F ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਤਿਬਿੰਬ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਅਨੰਤ ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਸਾਇਜ਼ ਵਿੱਚ ਵੱਡਾ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਕਿਹੜੀ ਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਈ ਗਈ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਇਸ ਦੇ ਨਿਯਮ ਵੀ ਲਿਖੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 11
ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਈ ਗਈ ਹੈ ।
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਅਪਵਰਤਨ (Refraction of Light) – ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਇੱਕ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਆਪਣੇ ਪਹਿਲੇ ਪੱਥ ਤੋਂ ਮੁੜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਪੱਥ ਵਿੱਚ ਹੋਈ ਇਸ ਤਬਦੀਲੀ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਅਪਵਰਤਨ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਜੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਵਿਰਲੇ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਸੰਘਣੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਆਪਨ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਬਣੇ ਅਭਿਲੰਬ ਵੱਲ ਮੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਜੇਕਰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਸੰਘਣੇ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਵਿਰਲੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਹ ਅਭਿਲੰਬ ਤੋਂ ਪਰੇ ਮੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮ – ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ਦੇ ਦੋ ਨਿਯਮ ਹਨ-
(1) ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ, ਅਪਵਰਤਿਤ ਕਰਨ ਅਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਹਮੇਸ਼ਾ ਇੱਕ ਹੀ ਤਲ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

(2) ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਕਿਸੇ ਦੋ ਮਾਧਿਅਮਾਂ ਦੀ ਸੀਮਾ ਤਲ ਤੇ ਤਿਰਛੀ ਆਪਤਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਆਪਤਨ ਕੋਣ (∠i) ਦਾ ਸਾਈਨ (sin i) ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ ਕੋਣ (∠r) ਦਾ ਸਾਈਨ (sin r) ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਇੱਕ ਨਿਯਤ ਅੰਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਿਯਤ ਅੰਕ ਨੂੰ ਦੂਜੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦਾ ਪਹਿਲੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਸਾਪੇਖ ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸਨੂੰ , ਨਾਲ ਪ੍ਰਗਟਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਦੂਸਰੇ ਨਿਯਮ ਨੂੰ ਸਨੌਲ ਦਾ ਨਿਯਮ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

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ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ (Light) – ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਉਹ ਭੌਤਿਕ ਸਾਧਨ ਹੈ ਜੋ ਸਾਨੂੰ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਵੇਖਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦਾ । ਇਹ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਊਰਜਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਤਰੰਗਾਂ ਹਨ ਜੋ ਹਵਾ ਜਾਂ ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਥਾਂ ਤਕ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਵਿੱਚ ਚਲਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਈਆਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੰਚਰਣ ਲਈ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਬਿਜਲਈ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਸ ਦੀ ਚਾਲ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਬਣਾਵਟੀ ਸਰੋਤ ਕਿਹੜੇ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਜਾਂ
ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਏ ਗਏ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਸੋਮੇ ਕਿਹੜੇ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਬਣਾਵਟੀ ਸੋਮੇ (Artificial Sources of light) – ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਮੁੱਖ ਬਣਾਵਟੀ ਸਰੋਤ ਹਨ- ਅੱਗ, ਬਿਜਲੀ, ਗੈਸ, ਦੀਪ ਅਤੇ ਕੁੱਝ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪਰਾਵਰਤਕ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਵਰਤਕ (Reflector) – ਅਜਿਹੀ ਚੀਨੀ ਅਤੇ ਚਮਕੀਲੀ (ਪਾਲਸ਼ ਕੀਤੀ ਹੋਈ ਸਤਹਿ ਜੋ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਉਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਵਾਪਸ ਮੋੜ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚੋਂ ਇਹ ਕਿਰਨਾਂ ਆ ਰਹੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਨੂੰ ਪਰਾਵਰਤਕ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪਰਾਵਰਤਨ (Reflection of light) – ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਕਿਸੇ ਸਮਤਲ ਅਤੇ ਚਮਕਦਾਰ ਸਤਹਿ ਤੇ ਟਕਰਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਤਾਂ ਇੱਕ ਖ਼ਾਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਵਾਪਸ ਪਹਿਲੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ) ਮੁੜ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮ (Laws of reflection) – (i) ਆਪਨ ਕੋਣ (∠i) ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕੋਣ (∠x) ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਅਰਥਾਤ ∠i = ∠r
(ii) ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ, ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਰਨ ਅਤੇ ਆਪਨ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਅਭਿਲੰਬ (normal) ਸਾਰੇ ਇੱਕ ਤਲ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 12

ਇਸ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ AB ਇੱਕ ਸਮਤਲ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸਤਹਿ (ਦਰਪਣ ਹੈ, PQ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ, QR ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨ ਅਤੇ QN ਆਪਨ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਅਤਿਲੰਬ ਹੈ ।
ਚਿੱਤਰ ਤੋਂ ਪਤਾ ਚਲਦਾ ਹੈ ਕਿ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ, ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਰਨ ਅਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਸਾਰੇ ਹੀ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਦੇ ਤਲ ਵਿੱਚ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕੋਈ ਕਿਰਨ ਦਰਪਣ ਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਆਪਤਨ-ਕੋਣ ਕਿੰਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕੋਈ ਕਿਰਨ ਦਰਪਣ ਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆਪਤਨ ਕੋਣ (∠i = 0°) ਜ਼ੀਰੋ ਡਿਗਰੀ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਕਿਸੇ ਦਰਪਣ ਤੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਕਿਸ ਕੋਣ ਤੇ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕੋਈ ਕਿਰਨ ਕਿਸੇ ਦਰਪਣ ਤੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪੈਂਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਹ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਕੇ ਅਭਿਲੰਬ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਵਾਪਸ ਮੁੜ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕੋਣ (∠r = 0°) ਜ਼ੀਰੋ ਡਿਗਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕਿਸੇ ਦਰਪਣ ਤੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪੈ ਰਹੀ ਕਿਰਨ ਮੁੜ ਉਸੇ ਰਸਤੇ ਵਾਪਸ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਦਰਪਣ ਤੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪੈ ਰਹੀ ਕਿਰਨ ਉਸੇ ਰਸਤੇ ਤੇ ਵਾਪਸ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆਪਨ ਕੋਣ (∠i = 0°) ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਆਪਨ ਕੋਣ ∠i = 0 ਪਰਾਵਰਤਨ ਕੋਣ ∠i ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕੋਣ ∠r = 0° ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪਸ਼ਨ 9.
ਇਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ-ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ, ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ, ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ, ਦੁਆਰਕ, ਵ -ਕੇਂਦਰ, ਸ਼ੀਰਸ਼ (ਧਰੁਵ, ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਅਤੇ ਫੋਕਸ-ਦੂਰੀ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ (Spherical Mirror) – ਜੇਕਰ ਦਰਪਣ ਕਿਸੇ ਖੋਖਲੇ ਗੋਲੇ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੀ ਇੱਕ ਸਤਹਿ ਪਾਲਿਸ਼ ਕੀਤੀ ਹੋਈ ਅਤੇ ਦੂਜੀ ਸਤਹਿ ਪਰਾਵਰਤਕ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਅਜਿਹਾ ਦਰਪਣ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੋ ਕਿਸਮ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-(1) ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ (2) ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ।

(ii) ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ (Concave Mirror) – ਅਜਿਹਾ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਜਿਸਦੀ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸਤਹਿ ਉਸ ਗੋਲੇ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਵੱਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਦਾ ਇਹ ਦਰਪਣ ਇੱਕ ਹਿੱਸਾ ਹੈ, ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਬਾਹਰੀ ਸਤਹਿ ਪਾਲਸ਼ ਕੀਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਅੰਦਰਲੀ ਸਤਹਿ ਤੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
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(iii) ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ (Convex Mirror) – ਅਜਿਹਾ ਦਰਪਣ ਜਿਸ ਦੀ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸਤਹਿ ਉਸ ਗੋਲੇ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਪਰ੍ਹਾਂ ਵੱਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਗੋਲੇ ਦਾ ਦਰਪਣ ਹਿੱਸਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਅੰਦਰਲੀ ਸੜਾ ਪਾਲਿਸ਼ ਕੀਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਬਾਹਰੀ ਸਤਹਿ ਤੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
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(iv) ਦੁਆਰਕ (Aperture) – ਦਰਪਣ ਦੇ ਉਸ ਹਿੱਸੇ ਨੂੰ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਪਰਾਵਰਤਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਦਰਪਣ ਦਾ ਦੁਆਰਕ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ (a) ਅਤੇ (b) ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ M1M2ਦਰਪਣ ਦਾ ਦੁਆਰਕ ਹੈ ।
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(v) ਵਾ ਕੇਂਦਰ (Centre of Curvature) – ਦਰਪਣ ਦਾ ਵਾ ਕੇਂਦਰ ਉਸ ਖੋਖਲੇ ਗੋਲੇ ਦਾ ਕੇਂਦਰ ਹੈ। ਜਿਸਦਾ ਦਰਪਣ ਇੱਕ ਹਿੱਸਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ (a) ਵਿੱਚ C ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦਾ ਵਕਤਾ ਕੇਂਦਰ ਹੈ ਅਤੇ ਚਿੱਤਰ (b) ਵਿੱਚ c ਇੱਕ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਕੇਂਦਰ ਹੈ ।

(vi) ਸ਼ੀਰਸ਼ ਜਾਂ ਧਰੁਵ) (Pole) – ਕਿਸੇ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਮੱਧ ਬਿੰਦੂ ਜਾਂ ਕੇਂਦਰ ਨੂੰ ਇਸਦਾ ਧਰੁਵ ਜਾਂ ਸ਼ੀਰਸ਼ (Vertex) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ (a) ਅਤੇ (b) ਵਿੱਚ ਇਸ ਨੂੰ P ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

(vii) ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ (Principal Focus) – ਦਰਪਣ ਦਾ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ, ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਤੇ ਉਹ ਬਿੰਦੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਸਿੱਖ ਧਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਆ ਰਹੀਆਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਕੇ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਬਿੰਦੁ ’ਤੇ ਆ ਕੇ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ। (ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ) ਜਾਂ ਇਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਅਭਿਸਾਰਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜਾਂ ਇੱਕ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਅਪਸਰਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਜਾਪਦੀਆਂ ਹਨ (ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ) ।
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(viii) ਫੋਕਸ-ਦੁਰੀ (Focak length) – ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਧਰੁਵ (pole) ਅਤੇ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਦੀ ਵਿਚਲੀ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ PF ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਹੈ । S.I ਪੱਧਤੀ ਵਿੱਚ, ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਮੀਟਰ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਅਤੇ ਵਕੁਤਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਵਿਚਕਾਰ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ? ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ-ਦੂਰੀ ਕਿੰਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਦਰਪਣ ਦੇ ਵਕੁਤਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਤੋਂ ਅੱਧੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਅਵਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀf ਅਤੇ ਵਕ੍ਰਤਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ R ਹੋਵੇ, ਤਾਂ
f = \(\frac {1}{2}\) × R
ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਅਨੰਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦਾ ਇੱਕ ਵਾਸਤਵਿਕ ਫੋਕਸ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇੱਕ ਰੇਖਾ-ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਇਸ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦਾ ਵਾਸਤਵਿਕ ਫੋਕਸ – ਕਿਉਂਕਿ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਆ ਰਹੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ
ਮੁੱਖ ਧੁਰਾ ਹੋ ਕੇ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਫੋਕਸ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀਆਂ ਹਨ, ਇਸ ਲਈ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦਾ ਫੋਕਸ ਵਾਸਤਵਿਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਇਆ ਗਿਆ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਅਨੰਤ ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਕਿੱਥੇ ਰੱਖੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਫੋਕਸ ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਅਨੰਤ ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵੱਡੇ ਸਾਇਜ਼ ਦਾ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਵਸਤੁ ਤੋਂ ਆ ਰਹੀਆਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਬਾਅਦ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਕਿੱਥੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਜੋ ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਸਾਇਜ਼ ਦਾ ਬਣੇ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਬਣਿਆ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਸਾਇਜ਼ ਦਾ ਬਣੇ, ਇਸ ਲਈ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਵਤਾ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਵਤਾ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਹੀ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਸਾਇਜ਼ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦੇ ਸਾਇਜ਼ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੱਡਾ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਦੋਂ ਬਣਦਾ ਹੈ ? ਇੱਕ ਰੇਖਾ-ਚਿੱਤਰ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਵਸਤੁ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਧਰੁਵ (Pole) ਅਤੇ ਫੋਕਸ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਰੱਖੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਸਿੱਧਾ, ਆਭਾਸੀ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵੱਡਾ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕਿਸ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਸ਼ੇਵ ਕਰਨ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ? ਇਸ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਇੱਕ ਰੇਖਾਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਦਰਸਾਓ । |
ਉੱਤਰ-
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦਾ ਸ਼ੇਵ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਦਰਪਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਆਪਣਾ ਚਿਹਰਾ ਕਿਸੇ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਨੇੜੇ (ਧਰੁਵ ਅਤੇ ਫੋਕਸ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ) ਰੱਖਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਚਿਹਰੇ ਦਾ ਵੱਡਾ ਅਤੇ ਸਿੱਧਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਬਾਰੀਕ ਵਾਲ ਵੀ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਮਤਲਬ ਕਿ ਉਹ ਚਿਹਰੇ ਦੀ ਠੀਕ ਸ਼ੇਵ (Shave) ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਈ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਸ਼ੇਵ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਦਰਪਣ ਦੇ ਤੌਰ ਤੇ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਕਿਹੜਾ ਦਰਪਣ ਹਮੇਸ਼ਾ ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਨਾਲੋਂ ਛੋਟੇ ਸਾਇਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਲਈ ਵਸਤੂ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਭਾਵੇਂ ਕੋਈ ਵੀ ਹੋਵੇ, ਤਿਬਿੰਬ ਹਮੇਸ਼ਾ ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ, ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਛੋਟਾ ਅਤੇ ਦਰਪਣ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਕਿਸ ਦਰਪਣ ਦਾ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ-ਖੇਤਰ ਵੱਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹਮੇਸ਼ਾ ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਨਾਲੋਂ ਛੋਟੇ ਆਕਾਰ ਦਾ ਅਤੇ ਦਰਪਣ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਵਸਤ ਤੋਂ ਦੂਰ ਲੈ ਜਾਣ ਤੇ, ਸਾਡੇ ਪਿੱਛੇ ਵੱਡੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਵੇਖੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਪਿਛਾਂਹ ਆ ਰਹੀ ਆਵਾਜਾਈ ਦਾ ਵੱਡਾ ਖੇਤਰ ਦਿਸਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦਾ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਖੇਤਰ ਵੱਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਡਰਾਈਵਰ ਦੇ ਦਰਪਣ ਦੇ ਤੌਰ ਤੇ ਕਿਸ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਪਹਿਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ? ਰੇਖਾ-ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਦਰਸਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਡਰਾਂਈਵਰ ਦੇ ਦਰਪਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਬਣ ਰਿਹਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਬਹੁਤ ਛੋਟਾ ਅਤੇ ਸਿੱਧਾ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਪਿੱਛੇ ਆ ਰਹੀ ਟਰੈਫ਼ਿਕ ਦਾ ਇੱਕ ਵੱਡਾ ਖੇਤਰ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਡਰਾਈਵਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਪਿੱਛੇ ਦੀ ਆਵਾਜਾਈ ਦੇਖਣ ਵਾਸਤੇ ਵਾਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦੇ ਦਰਪਣ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਉਂਕਿ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਪਿੱਛੇ ਆ ਰਹੀ ਟਰੈਫ਼ਿਕ ਦਾ ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਛੋਟਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਵੱਡੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਆ ਰਹੇ ਵਾਹਨਾਂ ਨੂੰ ਦੇਖਣ ਲਈ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਵਾਹਨ ਦਰਪਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ, ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਅਤੇ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਛੋਹੇ ਬਿਨਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਫ਼ਰਕ ਕਿਵੇਂ ਪਤਾ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਰੇ ਦਰਪਣਾਂ ਵਿੱਚ ਆਪਣਾ ਚਿਹਰਾ ਦੇਖੋ 1 ਹੁਣ ਆਪਣਾ ਚਿਹਰਾ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਦੂਰ ਲਿਜਾਓ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਸਾਇਜ਼ ਨੋਟ ਕਰੋ । ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਬਣ ਰਹੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਸਾਈਜ਼ ਚਿਹਰੇ ਦੇ ਸਾਈਜ਼ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਅਤੇ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਛੋਟਾ ਅਤੇ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਵੱਡਾ ਹੋਵੇਗਾ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅਸੀਂ ਬਿਨਾਂ ਛੋਹੇ ਸਮਤਲ, ਉੱਤਲ ਅਤੇ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਪਛਾਣ ਕਰ ਲਵਾਂਗੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਇੱਕ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਕਿੰਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ (Magnification) – ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦਾ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਏ ਗਏ ਤਿਬਿੰਬ ਦੇ ਆਕਾਰ ਜਾਂ ਸਾਈਜ਼ (size) ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਕਾਰ ਜਾਂ ਸਾਈਜ਼ (size) ਦੇ ਅਨੁਪਾਤ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਅ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 24
ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਦਾ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ – ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਇੱਕ ਅਜਿਹੇ ਗੋਲੇ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਮੰਨਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿਸਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਅਨੰਤ ਹੈ ।
∴ ਦਰਪਣ ਫਾਰਮੂਲਾ ਲਗਾਉਣ ‘ਤੇ
\(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\)
\(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{\infty}\)
\(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\) = 0
ਜਾਂ u + υ = 0
u = -υ
ਹੁਣ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ (m) = \(\frac{-v}{u}=\frac{u}{u}\) = 1
ਅਰਥਾਤ ਵਸਤੂ ਦਾ ਆਕਾਰ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਆਕਾਰ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਇਕ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਏ ਗਏ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੇ ਲੱਛਣ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਬਣੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੇ ਲੱਛਣ (ਗੁਣ)-

  1. ਇਹ ਆਭਾਸੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਭਾਵ ਕਿ ਇਸ ਨੂੰ ਪਰਦੇ ਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਸਿੱਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਪਾਸੇ-ਦਾਅ ਉਲਟਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਸੱਜਾ ਹੱਥ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਖੱਬਾ ਨਜ਼ਰ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਖੱਬਾ ਹੱਥ, ਸੱਜਾ ਜਾਪਦਾ ਹੈ !
  4. ਇਸ ਦਾ ਆਕਾਰ (ਸਾਇਜ਼) ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਕਾਰ (ਸਾਇਜ਼) ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਓਨੀ ਦੂਰ ਹੀ ਬਣਦਾ ਹੈ ਜਿੰਨੀ ਦੂਰ ਵਸਤੂ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਰੱਖੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਆਭਾਸੀ ਅਤੇ ਵਾਸਤਵਿਕ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਥ – ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਰੱਖੀ ਵਸਤੂ ਦੀ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਜਿਹੜੀ ਆਕਿਰਤੀ (ਸ਼ਕਲ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਉਸ ਆਕਿਰਤੀ ਨੂੰ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ (ਬਿੰਦੂ) ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਨ (ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ) ਜਾਂ ਅਪਵਰਤਨ ਲੈਨਜ਼ ਵਿੱਚ) ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਜਾ ਕੇ ਮਿਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਜਾਂ ਫਿਰ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਆ ਰਹੀਆਂ ਜਾਪਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਇਸ ਦੂਜੇ ਬਿੰਦੂ ਨੂੰ ਪਹਿਲੇ ਬਿੰਦੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਵਾਸਤਵਿਕ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਤਿਬਿੰਬ ਵਿਚ ਅੰਤਰ-

ਵਾਸਤਵਿਕ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਆਭਾਸੀ ਤਿਬਿੰਬ
(1) ਪਰਾਵਰਤਨ ਜਾਂ ਅਪਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ ਬਣਦਾ ਹੈ । (1) ਪਰਾਵਰਤਨ ਜਾਂ ਅਪਵਰਤਨ ਦੇ ਬਾਅਦ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦੀਆਂ (ਪਿੱਛੇ ਵਧਾ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਮਿਲਾਉਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ) ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਆਭਾਸੀ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਹ ਤਿਬਿੰਬ ਪਰਦੇ ਤੇ ਲਿਆਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । (2) ਇਹ ਤਿਬਿੰਬ ਪਰਦੇ ਤੇ ਨਹੀਂ ਲਿਆਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ।
(3) ਇਹ ਤਿਬਿੰਬ ਹਮੇਸ਼ਾ ਉਲਟਾ ਬਣਦਾ ਹੈ । (3) ਇਹ ਤਿਬਿੰਬ ਹਮੇਸ਼ਾ ਸਿੱਧਾ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਰਚਨਾ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਸਮਝਾਓ ।
ਜਾਂ
ਕਿਵੇਂ ਦਰਸਾਓਗੇ ਕਿ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਬਣੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਦੂਰੀ ਉਸ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਪਈ ਵਸਤੂ ਦੀ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਰਚਨਾ-
ਮੰਨ ਲਓ MM’ ਇੱਕ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਵਸਤੂ O ਪਈ ਹੈ । OA ਅਤੇ OB ਦੋ-ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨਾਂ ਹਨ ਅਤੇ AC ਅਤੇ BD ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ ਹਨ I ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ ਅਸਲ ਵਿੱਚ I ਤੋਂ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦੀਆਂ ਪਰੰਤੂ I ਤੇ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ 1 ਵਸਤੂ ) ਦਾ ਆਭਾਸੀ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ ।

ਮਾਪਣ ਤੋਂ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ਕਿ NO = NI, ਅਰਥਾਤ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਓਨੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ਜਿੰਨੀ ਦੁਰੀ ਤੇ ਵਸਤੁ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਰੱਖੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਮੁੱਖ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਮੁੱਖ ਉਪਯੋਗਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੋ ਕਿਸਮ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-
(1) ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਅਤੇ
(2) ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ।

1. ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  • ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ, ਪਰਾਵਰਤਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਵੱਡੇ ਵਿਆਸ ਵਾਲੇ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਪਰਾਵਰਤਕ ਦੂਰਦਰਸ਼ੀ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਜਿਸਦੇ ਕੇਂਦਰ ਵਿੱਚ ਛੇਕ ਹੋਵੇ, ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਸਿਰ ਦੇ ਦਰਪਣ (Head Mirror) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਅੱਖ, ਨੱਕ, ਗਲੇ ਅਤੇ ਕੰਨ ਦੇ ਨਿਰੀਖਣ ਲਈ ਪ੍ਰਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸ਼ੀਰਸ਼ ਅਤੇ ਫੋਕਸ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਸਿੱਧਾ, ਵੱਡਾ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ ਸ਼ੇਵ ਦਰਪਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
    PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 79

(2) ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ, ਡਰਾਈਵਰਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪਿੱਛੇ ਆ ਰਹੇ ਟਰੈਫ਼ਿਕ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਖੇਤਰ ਵੇਖਣ ਲਈ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਛੋਟਾ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਏ ਗਏ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਰਚਨਾ ਚਿੱਤਰ ਦੁਆਰਾ ਸਮਝਾਓ । ,
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਏ ਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਰਚਨਾ (Formation of Image by Convex Mirror) – ਮੰਨ ਲਓ ਇੱਕ ਵਸਤੂ AB ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਇਸਦੇ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਤੇ ਪਈ ਹੈ । ਇੱਕ ਕਿਰਨ AD, A ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਚਲ ਕੇ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਬਾਅਦ DE ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ Fਵਿੱਚੋਂ ਆਉਂਦੀ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਇੱਕ ਹੋਰ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ AGC, ਵਜ੍ਹਾ ਕੇਂਦਰ c ਤੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੋਈ ਜਾਪਦੀ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਕੇ, ਵਾਪਸ ਮੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 80

ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ A’ ਤੇ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ A ਦਾ ਆਭਾਸੀ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ । A’ ਤੇ ਬਣਿਆ ਲੰਬ A’B’, ਵਸਤੂ AB ਦਾ ਆਭਾਸੀ ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਸਾਇਜ਼ ਵਿੱਚ ਛੋਟਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣਾਂ ਦੇ ਲਈ ਨਵੀਆਂ ਕਾਰਟੀਸ਼ੀਅਨ ਚਿੰਨ੍ਹ ਪਰੰਪਰਾਵਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਰੋ । .
ਜਾਂ
ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪਰਾਵਰਤਨ ਲਈ ਕਿਹੜੀਆਂ ਚਿੰਨ੍ਹ ਪਰੰਪਰਾਵਾਂ ਵਰਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਵੀਆਂ ਕਾਰਟੀਜ਼ੀਅਨੀ ਚਿੰਨ੍ਹ ਪਰੰਪਰਾਵਾਂ (New Cartesian Sign Conversions)-

  1. ਵਸਤੂ ਜਾਂ ਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਖੱਬੇ ਪਾਸੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਚਲਣ ਵਾਲੀਆਂ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨਾਂ ਖੱਬਿਓ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਨੂੰ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਸਾਰੀਆਂ ਦੂਰੀਆਂ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸੀਰਸ਼ (ਜਾਂ ਧਰੁਵ (Pole) ਤੋਂ ਮਾਪੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  3. ਆਪਾਤੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਮਾਪੀਆਂ ਦੂਰੀਆਂ ਨੂੰ ਧਨਾਤਮਕ ਅਤੇ ਆਪਾਤੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਮਾਪੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੂਰੀਆਂ ਨੂੰ ਰਿਣਾਤਮਕ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।
  4. ਦਰਪਣਾਂ ਦੇ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਕੋਣੀ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਮਾਪੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਉੱਚਾਈਆਂ ਨੂੰ ਧਨਾਤਮਕ ਅਤੇ ਇਸ ਦੇ ਉਲਟ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਉੱਚਾਈਆਂ ਨੂੰ ਰਿਣਾਤਮਕ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਏ ਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ, ਆਕਾਰ (ਸਾਇਜ਼) ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਲਈ ਸਾਰਨੀ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-

ਵਸਤੂ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਆਕਾਰ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ
(i) ਅਨੰਤ ਤੇ ਦਰਪਣ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਫੋਕਸ F ਤੇ ਬਿੰਦੂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਆਭਾਸੀ ਅਤੇ ਸਿੱਧਾ
(ii) ਅਨੰਤ ਅਤੇ ਦਰਪਣ ਦੇ ਧਰੁੱਵ P ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਪਿੱਛੇ P ਅਤੇ F ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਬਹੁਤ ਛੋਟਾ ਆਭਾਸੀ ਅਤੇ ਸਿੱਧਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਦੋ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣਾਂ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਵਿਵਸਥਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਕਿ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨ ਹਮੇਸ਼ਾ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੋਵੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨ ਹਮੇਸ਼ਾ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੋਵੇਗੀ ਜੇਕਰ ਦੋ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣਾਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਦੇ ਲੰਬਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਿਵਸਥਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਭਿੰਡਰਾਓ ਪਰਾਵਰਤਨ (Diffused Reflection) ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਖਿੰਡਰਾਓ ਪਰਾਵਰਤਨ-ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਸਮਾਨੰਤਰ ਕਿਰਨਾਂ ਕਿਸੇ ਅਜਿਹੇ ਤਲ ਤੇ ਟਕਰਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਹੜਾ ਅਸਮਤਲ (ਖੁਰਦਰਾ) ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ ਦਾ ਇੱਕ ਵੱਡਾ ਭਾਗ ਅਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਖਿੰਡਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਨੂੰ ਭਿੰਡਰਾਓ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ – ਕਿਤਾਬ ਦੇ ਅੱਖਰਾਂ ਦਾ ਜਾਂ ਬਲੈਕ ਬੋਰਡ ਦੇ ਅੱਖਰਾਂ ਦਾ ਪੜਿਆ ਜਾਣਾ ਭਿੰਡਰਾਓ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕਾਰਨ ਹੀ ਸੰਭਵ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਮਾਧਿਅਮ ਕਿਸਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਇਹ ਕਿੰਨੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਮਾਧਿਅਮ – ਜਿਸ ਭੌਤਿਕ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਲੰਘ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਮਾਧਿਅਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਜਿਵੇਂ-ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਕੱਚ ਆਦਿ ।

ਮਾਧਿਅਮ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਿੰਨ ਕਿਸਮ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-

  1. ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਮਾਧਿਅਮ – ਉਹ ਮਾਧਿਅਮ ਜਿਸ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਲੰਘ ਸਕਣ ਅਤੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਪਈਆਂ ਹੋਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣ, ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਮਾਧਿਅਮ ਆਖਦੇ ਹਨ , ਜਿਵੇਂ-ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ, ਕੱਚ ਆਦਿ ।
  2. ਅਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਮਾਧਿਅਮ – ਉਹ ਮਾਧਿਅਮ ਜਿਸ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਨਾ ਲੰਘ ਸਕਣ ਅਤੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਪਈਆਂ ਹੋਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਿਖਾਈ ਨਾ ਦੇਣ, ਅਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਮਾਧਿਅਮ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ-ਇੱਟ, ਗੱਤਾ, ਲੋਹੇ ਦੀ ਚਾਦਰ ਆਦਿ ।
  3. ਪਾਰਭਾਸੀ (ਅਲਪ-ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ) ਮਾਧਿਅਮ – ਜਿਸ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਘੱਟ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਲੰਘ ਸਕਣ ਅਤੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਧੁੰਦਲੀਆਂ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣ, ਪਾਰਭਾਸੀ ਮਾਧਿਅਮ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ ਧੁੰਦਲਾ ਕੱਚ, ਤੇਲ ਲੱਗਿਆ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਘਣਤਾ ਦੇ ਪੱਖੋਂ ਮਾਧਿਅਮ ਕਿੰਨੀ ਕਿਸਮ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਣਤਾ ਦੇ ਪੱਖੋਂ ਮਾਧਿਅਮ ਦੋ ਕਿਸਮ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-

  1. ਵਿਰਲ ਮਾਧਿਅਮ – ਘੱਟ ਘਣਤਾ ਵਾਲੇ ਮਾਧਿਅਮ ਨੂੰ ਵਿਰਲ ਮਾਧਿਅਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
    ਉਦਾਹਰਨ – ਹਵਾ ।
  2. ਸੰਘਣਾ ਮਾਧਿਅਮ – ਵੱਧ ਘਣਤਾ ਵਾਲੇ ਮਾਧਿਅਮ ਨੂੰ ਸੰਘਣਾ ਮਾਧਿਅਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
    ਉਦਾਹਰਨ – ਕੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਵਿਰਲ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਸੰਘਣੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਦਾਖ਼ਲ ਹੁੰਦੇ ਸਮੇਂ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਵੱਧ ਸੰਘਣਤਾ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਦੁਆਰਾ ਸਮਝਾਓ ।
ਜਾਂ
ਅਪਵਰਤਨ ਵਿੱਚ ਸੰਘਣਤਾ ਦਾ ਅਪਵਰਤਿਤ ਕਰਨ ਦੇ ਝੁਕਾਓ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਦੁਆਰਾ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਵਿਰਲ ਤੋਂ ਸੰਘਣ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਅਭਿਲੰਬ ਵੱਲ ਮੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਮਾਧਿਅਮ ਜਿੰਨਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸੰਘਣਾ ਹੋਵੇਗਾ, ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਉਨੀ ਹੀ ਅਧਿਕ ਅਭਿਲੰਬ ਵੱਲ ਮੁੜੇਗੀ । ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਹਵਾ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਹਵਾ ਤੋਂ ਕੱਚ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦੀ ਹੋਈ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਕਿਰਨ ਦਾ ਝੁਕਾਓ ਪਾਣੀ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਕੱਚ ਵਿੱਚ ਅਧਿਕ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਕੱਚ, ਪਾਣੀ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਅਧਿਕ ਸੰਘਣਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਕੱਚ ਵਿੱਚ ਦਾਖ਼ਲ ਹੋਣ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਚਾਲ ਵਿੱਚ ਕੀ ਪਰਿਵਰਤਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ, ਕੱਚ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵਿਰਲ ਮਾਧਿਅਮ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਪਕਾਸ਼ ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਕੱਚ ਵਿੱਚ ਪਵੇਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਚਾਲ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਭਿਲੰਬ ਵੱਲ ਮੁੜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆਪਨ ਕੋਣ (i) ਅਪਵਰਤਨ ਕੋਣ (r) ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਜੇਕਰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਕੱਚ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰੇ ਤਾਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਅਭਿਲੰਬ ਵੱਲ ਮੁੜੇਗੀ ਜਾਂ ਫਿਰ ਅਭਿਲੰਬ ਤੋਂ ਪਰੇ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੰਘਨ ਮਾਧਿਅਮ (ਕੱਚ) ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਵਿਰਲਾ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰ ਰਹੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਅਪਵਰਤਨ ਹੋਣ ਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਤੋਂ ਦੂਰ ਹਟੇਗੀ । ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆਪਨ ਕੋਣ (i) ਅਪਵਰਤਨ ਕੋਣ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਚਾਲ ਅਧਿਕ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਗਹਿਰਾਈ ਦੇ ਸੰਦਰਭ ਵਿੱਚ ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ ਗਿਆਤ ਕਰੋ !
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਸਾਧਾਰਨ ਗਿਆਨ ਹੈ ਕਿ ਪਾਣੀ ਦੀ ਤਾਲਾਬ ਵਿੱਚ ਗਹਿਰਾਈ ਘੱਟ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਤਾਲਾਬ ਦਾ ਤਲ ਕੁੱਝ ਉੱਪਰ ਉੱਠਿਆ ਹੋਇਆ ਜਾਪਦਾ ਹੈ । ਮੰਨ ਲਓ ਇੱਕ ਵਸਤੁ ਤਾਲਾਬ ਦੀ ਗਹਿਰਾਈ A ਤੇ ਪਈ ਹੋਈ ਹੈ । ਇੱਕ ਕਿਰਨ A ਤੋਂ AB ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਟਕਰਾ ਕੇ BD ਵੱਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । A ਤੋਂ ਇੱਕ ਹੋਰ ਕਿਰਨ c ਤੇ ਆਪਨ ਕੋਣ ∠i ਬਣਾ ਕੇ ਅਭਿਲੰਬ ਵੱਲ ਮੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ A ਆਪਣੀ ਥਾਂ ਤੇ ਨਾ ਰਹਿ ਕੇ A’ ਤੇ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੀ ਹੋਈ ਲੱਕੜੀ (ਪੈਨਸਿਲ) ਮੁੜੀ ਹੋਈ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੰਨ ਲਓ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਲੱਕੜੀ (ਪੈਂਨਸਿਲ) ਦਾ ਸਿੱਧਾ ਟੁਕੜਾ ਡੁਬੋਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ਜੋ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ਕਾਰਨ ਮੁੜਿਆ ਹੋਇਆ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੋਵੇਗਾ । ਜਿਵੇਂ ਹੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਬਿੰਦੁ A ਤੋਂ ਸੰਘਣ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਵਿਰਲ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਲੰਬ ਤੋਂ ਪਰੇ ਮੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਿੰਦੂ A ਬਿੰਦੂ A’ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਈ cਦੀ ਹੈ। ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਲੱਕੜੀ (ਪੈਂਨਸਿਲ) ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਮੁੜਿਆ ਹੋਇਆ ਜਾਪਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 38.
ਕੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰੇ ਹੋਏ ਟੱਬ ਦੇ ਤਲ ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਹੋਇਆ ਸਿੱਕਾ ਸਾਨੂੰ ਥੋੜ੍ਹਾ ਉੱਪਰ ਉੱਠਿਆ ਹੋਇਆ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਓ ਕਿ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਕਿਵੇਂ ਚਲਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿੱਕੇ ਦਾ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਥੋੜ੍ਹਾ ਉੱਪਰ ਉੱਠਿਆ ਹੋਇਆ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੋਣਾ – ਇਸ ਦਾ ਕਾਰਨ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਸੰਘਣੇ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਚਲ ਕੇ ਵਿਰਲ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਅਭਿਲੰਬ ਤੋਂ ਦੂਰ ਹੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਬਾਹਰੋਂ ਵੇਖਣ ਨਾਲ ਸਾਨੂੰ ਸਿੱਕਾ ਉੱਪਰ ਉੱਠਿਆ ਹੋਇਆ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 39.
ਸਨੈੱਲ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਨੌਲ ਦਾ ਨਿਯਮ (Snell’s Law) – ਅਪਵਰਤਨ ਦੇ ਦੂਜੇ ਨਿਯਮ ਨੂੰ ਸਨੌਲ ਦਾ ਨਿਯਮ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਆਪਨ ਕੋਣ ਦੇ sine (sin i) ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕੋਣ ਦੇ sin e (sin r) ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਨਿਸਚਿਤ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
\(\frac{\sin i}{\sin r}\) = ਸਥਿਰ ਅੰਕ = aμb

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 40.
ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸਦਾ ਸੰਖਿਆਤਮਕੇ ਫਾਰਮੂਲਾ ਵੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ (Refractive Index) – ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਵੇਗ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਵੇਗ ਅਨੁਪਾਤ ਨੂੰ ਉਸ ਮਾਧਿਅਮ ਦਾ ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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aμb ਨੂੰ ਮਾਧਿਅਮ b ਦਾ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਸਾਪੇਖ ਅਪਵਰਤਨ-ਅੰਕ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਮਾਧਿਅਮ a ਤੋਂ ਮਾਧਿਅਮ ਠ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ ਦੀ ਕੋਈ ਇਕਾਈ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ, ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਦੋ ਇੱਕ ਕਿਸਮ ਦੀ ਰਾਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 41.
ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਲੈੱਨਜ਼ਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਨਾਮ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਲੈੱਨਜ਼ (Lens) – ਇਹ ਇੱਕ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਅਪਵਰਤਨ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦਾ ਇੱਕ ਹਿੱਸਾ ਹੈ ਜੋ ਦੋ ਗੋਲਾਕਾਰ ਸੜਾਵਾਂ ਨਾਲ ਘਿਰਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਲੈੱਨਜ਼ ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-
(i) ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼
(ii) ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 42.
ਲੈੱਨਜ਼ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
(1) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ
(2) ਮੁੱਖ ਧੁਰਾ
(3) ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਦੀ ।
ਉੱਤਰ-
(1) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ (Optical Centre) – ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਮੱਧ ਬਿੰਦੂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਬਿੰਦੂ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਣ ਵਾਲੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਬਿਨਾਂ ਮੁੜੇ ਸਿੱਧੀ ਲੰਘ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
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(2) ਮੁੱਖ ਧੁਰਾ (Principal Axis) – ਕਿਸੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਮੁੱਖ ਧੁਰਾ ਉਹ ਕਾਲਪਨਿਕ ਰੇਖਾ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਇਸਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਗੋਲਾਕਾਰ ਸੜਾਵਾਂ ਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (ਚਿੱਤਰ) (a) ਵਿੱਚ EF ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਅਤੇ ਚਿੱਤਰ (b) ਵਿੱਚ EF ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਮੁੱਖ ਧੁਰਾ ਹੈ ।
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(3) ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ (Principal Focus) – ਇਹ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੇ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਤੇ ਉਹ ਬਿੰਦੂ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਆ ਰਹੀਆਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਅਪਵਰਤਨ ਦੇ ਬਾਅਦ ਅਸਲ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ (ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼) ਜਾਂ (ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼) ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਵਧਾਉਣ ਤੇ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 43.
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਅਪਵਰਤਨ ਦੁਆਰਾ ਤਿਬਿੰਬ ਕਰਾਉਣ ਦੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਨਿਯਮ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ ਅਪਵਰਤਨ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਨਿਯਮ (Rules for image Formation after Refraction through a Lens) – (1) ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਅਪਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ ।
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(2) ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘ ਰਹੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਅਪਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
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(3) ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨ ਵਿਚਲਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 44.
ਕਿਸੇ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਿਵੇਂ ਬਣਦਾ ਹੈ ? ਕਿਰਨ ਰੇਖਾ-ਚਿੱਤਰ ਬਣਾਓ ( ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਹੋਵੇਗੀ ? | ਉੱਤਰ-
ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਰੱਖੀ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਿਰਨ ਰੇਖਾ-ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਇਆ ਗਿਆ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹਮੇਸ਼ਾ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ ਅਤੇ ਫੋਕਸ ਦੇ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਵਾਲੇ ਪਾਸੇ ਹੀ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਹਮੇਸ਼ਾ ਸਾਇਜ਼ ਵਿੱਚ ਛੋਟਾ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 45.
ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਨੂੰ ਅਭਿਸਾਰੀ ਲੈੱਨਜ਼ ਕਿਉਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਲੈਂਨਜ਼ ਨੂੰ ਪ੍ਰਮਾਂ ਦੇ ਸਮੂਹ ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਹੈ : ਕਿਉਂਕਿ ਪ੍ਰਿਜ਼ਮ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਣ ਵਾਲੀ ਕਿਰਨ ਇਸਦੇ ਆਧਾਰ ਵੱਲ ਮੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨੂੰ ਅਭਿਸਾਰਿਤ (ਇਕੱਠਾ) ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸਨੂੰ ਅਭਿਸਾਰੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 46.
ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਨੂੰ ਅਪਸਾਰੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਕਿਉਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਨੂੰ ਦੋ ਪ੍ਰਮਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸ਼ੀਰਸ਼ ਕੱਚ ਦੀ ਸਲੈਬ ਦੀ ਆਹਮਣੇ-ਸਾਹਮਣੇ ਵਾਲੀਆਂ ਸਤਾਵਾਂ ਨਾਲ ਸੰਪਰਕ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹੋਣ ਦੇ ਸਮਾਨ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਵਿਵਸਥਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨੂੰ ਅਪਸਾਰਿਤ ਕਰਨ ਦੇ ਯੋਗ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲੈਂਨਜ਼ ਨੂੰ ਅਪਸਾਰੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਝੁਕਣ ਦੇ ਬਾਅਦ ਆਧਾਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਜੁੜਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਅਪਸਰਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 47.
ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਲਈ, ਜੇ ਵਸਤੂ ਅਨੰਤ ਤੇ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਿੱਥੇ ਬਣੇਗਾ ਅਤੇ ਇਸ ਦਾ ਸਰੂਪ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਦਰਸਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੇ ਵਸਤੂ ਅਨੰਤ ਤੇ ਹੋਵੇਗੀ, ਤਾਂ ਉਸ ਤੋਂ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨਾਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੋਣਗੀਆਂ ਅਤੇ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਣ (ਅਪਵਰਤਨ) ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਅਪਸਾਰਿਤ ਹੋ ਜਾਣਗੀਆਂ ਜਾਂ ਫੈਲ ਜਾਣਗੀਆਂ। ਇਹ ਸਾਰੀਆਂ ਅਪਵਰਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਵਧਾਉਣ ਤੇ ਇੱਕ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਪ੍ਰਤੀਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਬਿੰਦੂ ਨੂੰ ਫੋਕਸ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਸਾਇਜ਼ ਵਿੱਚ ਛੋਟਾ ਹੋਵੇਗਾ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਸਾਰੀਆਂ ਚਿੱਤਰ-ਅਨੰਤ ਤੇ ਪਈ ਵਸਤੂ ਦਾ ਅਵਤਲ ਆਪਤਿਤ ਕਿਰਨਾਂ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਇਆ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਰਸਾਈਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 48.
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਲਈ, ਵਸਤੂ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਕੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਫੋਕਸ ਤੇ ਬਣੇ ਅਤੇ ਬਹੁਤ ਛੋਟਾ ਹੋਵੇ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਦਰਸਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਫੋਕਸ ਤੇ ਬਣਨ ਅਤੇ ਆਕਾਰ (ਸਾਇਜ਼) ਵਿੱਚ ਛੋਟਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਅਨੰਤ ਤੇ ਅਰਥਾਤ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ ਬਹੁਤ ਦੂਰੀ (ਅਨੰਤ) ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 49.
ਲੈੱਨਜ਼ ਫਾਰਮੂਲਾ ਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਵਿਉਂਤਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਹੜੀਆਂ ਚਿੰਨ੍ਹ ਪਰੰਪਰਾਵਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੈੱਨਜ਼ ਫਾਰਮੂਲਾ (Lens Formula) – ਲੈੱਨਜ਼ ਫਾਰਮੂਲਾ ਵਸਤੂ ਦੀ ਦੂਰੀ (u), ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਦੂਰੀ (v) ਅਤੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (f) ਦੇ ਵਿੱਚ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ।
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)

ਚਿੰਨ੍ਹ ਪਰੰਪਰਾਵਾਂ (Sign Conventions)-

  1. ਸਾਰੀਆਂ ਦੂਰੀਆਂ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਮਾਪੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਮਾਪੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੂਰੀਆਂ ਧਨ (+) ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜਦੋਂ ਕਿ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੀ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਮਾਪੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੂਰੀਆਂ ਰਿਣ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  3. ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਮਾਪੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੂਰੀਆਂ ਧਨ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਮਾਪੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੂਰੀਆਂ ਰਿਣ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 50.
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਕਿਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਆਭਾਸੀ ਅਤੇ ਸਿੱਧਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ? ਇੱਕ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਆਪਣਾ ਉੱਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ ਅਤੇ ਫੋਕਸ ਦੇ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ਬਣਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਉਸੇ ਪਾਸੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਪਾਸੇ ਵਸਤੂ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 51.
ਗੋਲਾਕਾਰ ਲੈਂਨਜ਼ ਲਈ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਕੀ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਰੇਖੀ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ (Magnification) – ਗੋਲਾਕਾਰ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਏ ਗਏ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੇ ਆਕਾਰ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸਨੂੰ ਅ ਨਾਲ ਪ੍ਰਗਟਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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m ਦਾ ਕੋਈ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਦੋ ਇੱਕੋ ਜਿਹੀਆਂ ਰਾਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 52.
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਅਤੇ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਅਤੇ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ
(1) ਇਸ ਵਿੱਚ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਚਮਕੀਲਾ ਤਲ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਉੱਠਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (1) ਇਸ ਵਿੱਚ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਚਮਕੀਲਾ ਤਲ ਅੰਦਰ ਵੱਲ ਧੱਸਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਆਭਾਸੀ ਬਣਦਾ ਹੈ । (2) ਇਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਦੋਨੋਂ ਕਿਸਮ ਦੇ ਬਣਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਸਿੱਧਾ ਬਣਦਾ ਹੈ । (3) ਇਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਉਲਟਾ ਦੋਨੋਂ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(4) ਇਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਛੋਟਾ ਬਣਦਾ ਹੈ । (4) ਇਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵੱਡਾ, ਛੋਟਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਤਿੰਨੋਂ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਬਣਦੇ ਹਨ ।

ਪਸ਼ਨ 53.
ਉੱਤਲ ਲੈਂਨਜ਼ ਅਤੇ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਅਤੇ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼
(1) ਇਹ ਵਿਚਕਾਰ ਤੋਂ ਮੋਟਾ ਅਤੇ ਕਿਨਾਰਿਆਂ ਤੋਂ ਪਤਲਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (1) ਇਹ ਮੱਧ ਤੋਂ ਪਤਲਾ ਅਤੇ ਕਿਨਾਰਿਆਂ ਤੋਂ ਮੋਟਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਵਿੱਚੋਂ ਅੱਖਰ ਵੱਡੇ ਅਤੇ ਮੋਟੇ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । (2) ਇਸ ਵਿੱਚੋਂ ਅੱਖਰ ਛੋਟੇ ਆਕਾਰ ਦੇ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਹ ਆਪਾਤੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਕੇਂਦ੍ਰਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । (3) ਇਹ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਪੁੰਜ ਨੂੰ ਖਿੰਡਰਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(4) ਵਸਤੂ ਦਾ ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਦੋਨੋਂ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । (4) ਇਹ ਵਸਤੂ ਦਾ ਆਭਾਸੀ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(5) ਇਸਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਧਨਾਤਮਕ ਮੰਨੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (5) ਇਸ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਰਿਣਾਤਮਕ ਮੰਨੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 54.
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਪਵਰਤਨ
(1) ਕਿਸੇ ਚਮਕੀਲੀ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਟਕਰਾ ਕੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਦਾ ਵਾਪਸ ਮੁੜ ਆਉਣਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । (1) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਇੱਕ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਹੋਣ ਤੇ ਆਪਣੇ ਪੱਥ ਤੋਂ ਵਿਚਲਿਤ ਹੋਣਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਵਿੱਚ ਆਪਤਨ ਕੋਣ ਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕੋਣ ਹਮੇਸ਼ਾ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (2) ਇਸ ਵਿੱਚ ਆਪਨ ਕੋਣ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ ਕੋਣ ਬਰਾਬਰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ।
(3) ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਉਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਵਾਪਸ ਮੁੜ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । (3) ਅਪਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਦੁਜੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਚਲੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 55.
ਬਿਨਾਂ ਛੂਹੇ ਤੁਸੀਂ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼, ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਅਤੇ ਚੱਕਰਾਕਾਰ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਦੀ ਕਿਵੇਂ ਪਛਾਣ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼, ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਅਤੇ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਨੂੰ ਛਪੇ ਹੋਏ ਅੱਖਰਾਂ ਦੇ ਉੱਪਰ ਰੱਖ ਕੇ ਅੱਖ ਵੱਲ ਲਿਆਓ । ਜੇਕਰ ਅੱਖਰਾਂ ਦਾ ਆਕਾਰ (ਸਾਇਜ਼ ਵੱਡਾ ਦਿਖਾਈ ਦੇਵੇ ਤਾਂ ਉਹ ਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਹੋਵੇਗਾ ਅਤੇ ਜੇਕਰ ਅੱਖਰਾਂ ਦਾ ਆਕਾਰ ਛੋਟਾ ਦਿਖਾਈ ਦੇਵੇ ਤਾਂ ਇਹ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਹੋਵੇਗਾ ਅਤੇ ਜੇਕਰ ਅੱਖਰਾਂ ਦਾ ਆਕਾਰ ਸਮਾਨ ਰਹੇ ਤਾਂ ਇਹ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਹੋਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 56.
ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਪਰਸਪਰ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਰੱਖੇ ਹੋਏ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਲੈਂਨਜ਼ਾਂ ਦੀ ਸੰਯੋਜਨ ਸਮਰੱਥਾ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੇਕਰ ਕਈ ਪਤਲੇ ਲੈੱਨਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਇੱਕ-ਦੂਸਰੇ ਨਾਲ ਜੋੜ ਕੇ ਰੱਖੀਏ ਤਾਂ ਇਸ ਲੈਂਨਜ਼ ਸੰਯੋਜਨ ਦੀ ਕੁੱਲ ਸਮਰੱਥਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਲੈੱਨਜ਼ਾਂ ਦੀ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਮਰੱਥਾ ਦੇ ਜੋੜ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਐਨਕ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲੇ ਸੰਸ਼ੋਧਿਤ ਲੈੱਨਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਕਈ ਲੈੱਨਜ਼ਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਲੋੜੀਂਦੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਦੀ ਗਣਨਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
P = P1 + P2 + P3 +……

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 57.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਦਰਪਣ ਦਰਸਾਇਆ ਹੈ ? ਦਰਪਣ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਕਿਸ ਥਾਂ ਤੇ ਪਈ ਹੈ ? ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਦਾ ਇੱਕ ਲੱਛਣ ਦੱਸੋ ।
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ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ AB ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਫੋਕਸ (F) ਅਤੇ ਧਰੁੱਵ (P) ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਪਈ ਹੈ ।

ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਬਣ ਰਿਹਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ A’B’ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਵੱਡਾ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਸ਼ਨ 58. ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣਾਂ ਦੇ ਦੋ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੋ ਕਿਸਮ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-

  1. ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ
  2. ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ।

ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਪਰਾਵਰਤਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਪਰਾਵਰਤਕ ਦੂਰਦਰਸ਼ੀ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਡਰਾਈਵਰਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪਿੱਛੇ ਆ ਰਹੀ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਖੇਤਰ ਵੇਖਣ ਲਈ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਵਿੱਚ ਬਣ ਰਿਹਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਛੋਟਾ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 59.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਦਰਪਣ ਦਰਸਾਇਆ ਹੈ ? ਦਰਪਣ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਕਿੱਥੇ ਰੱਖਿਆ ਹੈ ? ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਦੇ ਲੱਛਣ ਲਿਖੋ ।
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ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਵਸਤੂ ਦੀ ਦੂਰੀ ਦਰਪਣ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵਕੁਤਾ । ਕੇਂਦਰ (C) ਤੋਂ ਪਰੇ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਵਸਤੂ AB ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਕਾਰ ਤੋਂ ਛੋਟਾ ਹੈ ।

ਸੰਖਿਆਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Numerical Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
20 cm ਫੋਕਸ-ਦੂਰੀ ਦੇ ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰ ਰੱਖੀ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਜੋ ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ 40 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਬਣੇ ?
ਹੱਲ :
f = -20 cm (ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਲਈ)
v = – 40 cm (ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਮਾਪੀ ਗਈ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਦੂਰੀ)
u = ? (ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਵਸਤੂ ਦੀ ਦੂਰੀ )
ਦਰਪਣ ਫਾਰਮੂਲੇ ਤੋਂ
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ਜਾਂ u = 40 cm.
ਇਸ ਲਈ ਵਸਤੁ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ 40 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖੀ ਜਾਵੇ। ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦਾ ਵਕਤਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ 15 cm ਹੈ ਅਤੇ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਇਸ ਦੇ ਸ਼ੀਰਸ਼ ਤੋਂ 20 cm ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਸਰੂਪ ਅਤੇ ਸਥਿਤੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਵਕਤਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ (R) = -15 cm (ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਲਈ)
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ-ਦੂਰੀ (f) = \(\frac{-15}{2}\) cm
ਵਸਤੂ ਦੀ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (u) = -20 cm (ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੀ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਗਿਆ)
ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਦੀ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (υ) = ?
ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ (m) = ?
ਦਰਪਣ ਫਾਰਮੂਲੇ ਤੋਂ \(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 52
∴ υ = -12
ਅਰਥਾਤ ਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ 12 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਹੁਣ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ (m) = \(\frac{-v}{u}\)
= \(\frac{-(-12)}{-20}\)
= \(\frac{-12}{20}\)
= \(\frac{-3}{5}\) = – 0.6
m < 1
ਕਿਉਂਕਿ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਦਾ ਮੁੱਲ 1 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੈ ਅਤੇ υ ਪਰਿਣਾਤਮਕ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਸਤੂ ਦੇ ਸਾਇਜ਼ ਤੋਂ ਛੋਟਾ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਵਾਸਤਵਿਕ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ 6 cm ਲੰਬੀ ਵਸਤੂ ਨੂੰ 18 cm ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਇੱਕ ਦਰਪਣ ਤੋਂ 10 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਅਤੇ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
u = -10 cm
f = +18 cm (ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਲਈ)
h1 = + 6 cm (ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਮਾਪਣ ‘ਤੇ)
ਦਰਪਣ ਫਾਰਮੂਲੇ ਤੋਂ, \(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
∴ \(\frac{1}{v}+\frac{1}{-10}=\frac{1}{18}\)
∴ \(\frac{1}{v}=\frac{1}{10}+\frac{1}{18}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{18+10}{180}\)
= \(\frac{28}{180}\)
ਜਾਂ υ = + 6.4 cm
ਕਿਉਂਕਿ υ ਧਨਾਤਮਕ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਪਿੱਛੇ 6.4 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਹੈ ।
ਹੁਣ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ, m = \(\frac{-v}{u}\)
= \(\frac{(+6.4)}{-10}\)
= 0.64 < 1
m < 1
ਕਿਉਂਕਿ ਅ ਦਾ ਮੁੱਲ ਇੱਕ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੈ। ਇਸਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਪਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਸਾਈਜ਼ ਛੋਟਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦਾ ਵਕੁਤਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ 8 cm ਹੈ ਅਤੇ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਇਸਦੇ ਧਰੁਵ ਤੋਂ 20 cm ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਰੱਖੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਅਤੇ ਸਥਿਤੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
u = -20 cm (ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਮਾਪੀ ਗਈ ਦੁਰੀ)
R = -8 cm (ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਲਈ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ)
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ = ?
υ = ?
R = 2f,
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 53
υ = -5 cm
ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਿੰਨ੍ਹ ਇਹ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਪਾਸੇ 5 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਉਲਟਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
7.5 cm ਉਚਾਈ ਦੀ ਇੱਕ ਵਸਤੂ 20 cm ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਵਾਲੇ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ 40 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਪਈ ਹੈ। ਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਦੂਰੀ, ਸੁਭਾਅ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਗਿਆਤ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\)
∴ = \(\frac{20}{2}\) = 10 cm
u = -40 cm
(ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਮਾਪੀ ਗਈ ਦੂਰੀ)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 54
υ = 8 cm
ਕਿਉਂਕਿ υ ਦਾ ਚਿੰਨ੍ਹ ਧਨਾਤਮਕ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਹੈ ਅਤੇ ਦਰਪਣ ਦੇ ਪਿੱਛੇ 8 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਹੁਣ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ m = \(\frac{-v}{u}\)
= \(\frac{-8}{-40}\)
= \(\frac{1}{5}\) = 0.2
m < 1
ਕਿਉਂਕਿ m < 1 ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਸਾਈਜ਼ ਵਸਤੂ ਦੇ ਸਾਈਜ਼ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਛੋਟਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਦਾ ਸਾਇਜ਼ 6 ਸੈਂ. ਮੀ. ਹੈ । ਇਸਨੂੰ 15 ਸੈਂ. ਮੀ. ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਇੱਕ ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਤੋਂ 9 ਸੈਂ. ਮੀ. ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (f) = 15 ਸੈਂ. ਮੀ. (ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਲਈ)
ਵਸਤੂ ਦੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (u) = – 9 ਸੈਂ. ਮੀ.
ਵਸਤੂ ਦਾ ਸਾਈਜ਼ = 6 ਸੈਂ. ਮੀ.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 55
υ = \(\frac{45}{8}\) = 5.62 ਸੈਂ. ਮੀ. ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਹੋਵੇਗਾ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਉਸ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ਜਿਸ ਦਾ ਵਰ੍ਹਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ 32 ਸਮ ਹੈ ?
ਹੱਲ :
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਵਰ੍ਹਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ (r) = 32 ਸਮ
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, r = 2f
ਜਾਂ f = \(\frac{r}{2}\)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 56
∴ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ f = 16 ਸਮ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਅਸੀਂ 20 cm ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਕਿਸੇ ਪਤਲੇ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੁਆਰਾ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵਾਸਤਵਿਕ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਸਾਈਜ਼ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹਾਂ । ਦੱਸੋ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਕਿੱਥੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਪ੍ਰਕਰਣ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਣ ਲਈ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨ ਦਾ ਰੇਖਾ ਚਿੱਤਰ ਖਿੱਚੋ ।
ਹੱਲ :
20 cm ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੁਆਰਾ ਵਾਸਤਵਿਕ ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ 2F ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ 2F ਦੂਰੀ ਤੇ ਬਣੇਗਾ ।
∴ ਵਸਤੂ ਦੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ = 2f
= 2 × f
= 2 × 20 cm
= 40 cm
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
4.0 cm ਉੱਚਾਈ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਵਸਤੂ 15.0 cm ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਤੋਂ 30.0 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖੀ ਗਈ ਹੈ । ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਇੱਕ ਪਰਦੇ ਨੂੰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਏ ਤਾਂ ਜੋ ਵਸਤੂ ਦਾ ਸਪੱਸ਼ਟ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਪਰਦੇ ਉੱਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਸਕੇ ? ਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਅਤੇ ਸਾਈਜ਼ ਵੀ ਪਤਾ ਕਰੋ। ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਵਸਤੂ ਦੀ ਉੱਚਾਈ (ਸਾਈਜ਼), h = 4.0 cm
ਵਸਤੂ ਦੀ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਦੂਰੀ, u = -30 cm
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ, f = -15.0 cm
ਪਰਦੇ ਅਰਥਾਤ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਦੂਰੀ, υ = ?
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਸਾਈਜ਼, h = ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 58
∴ υ = -30 cm
ਅਰਥਾਤ ਪਰਦੇ ਨੂੰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ 30 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਪਾਸੇ ਵਸਤੂ ਪਈ ਹੈ ।
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਿਰਤੀ – ਕਿਉਂਕਿ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਪਰਦੇ ਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ਅਤੇ ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਿੰਨ੍ਹ ਦਾ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਉਲਟਾ ਹੋਵੇਗਾ ।
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਆਕਾਰ (ਸਾਈਜ਼)-
ਦਰਪਣ ਦੇ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਸੂਤਰ ਤੋਂ
m = \(\frac{h^{\prime}}{h}=\frac{-v}{u}\)
ਜਾਂ ਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਆਕਾਰ, h’ = \(\frac{-v}{u}\) × h
= \(\frac{-(-30)}{-30}\) × 4
= \(\frac{30}{-30}[latex] × 4
= – 1 × 4
= -4 cm

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
3 cm ਉੱਚੇ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਨੂੰ 18 cm ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ 9 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ, ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਗਿਆਤ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਵਸਤੂ ਦੀ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਦੂਰੀ, u = -9 cm
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ, f = -18 cm
ਵਸਤੂ ਦੀ ਉੱਚਾਈ, h = 3 cm
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ (ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਦੂਰੀ), υ = ?
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਆਕਾਰ, ਉੱਚਾਈ) h’ = ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 59
∴ υ = + 18 cm
ਧਨਾਤਮਕ ਚਿੰਨ੍ਹ ਇਹ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਰਪਣ ਦੇ ਪਿੱਛੇ 18 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਬਣੇਗਾ ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਆਭਾਸੀ ਅਤੇ ਸਿੱਧਾ ਹੋਵੇਗਾ ।
ਹੁਣ ਦਰਪਣ ਦੇ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਤੋਂ, m = [latex]\frac{h^{\prime}}{h}=\frac{v}{u}\)
ਜਾਂ h’ = \(\frac{-v}{u}\) × h
= \(\frac{-(18)}{-9}\) × 3
∴ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਉੱਚਾਈ (ਆਕਾਰ) = 6 cm

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
18 cm ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਜੋ ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ 24 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਬਣੇ ? ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਵੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ?
ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ, f = + 18 cm
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ, υ = + 24 cm
ਵਸਤੂ ਦੀ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ, u = ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 60
∴ u = -72 cm
ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਿੰਨ੍ਹ ਇਹ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ 72 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ m = \(\frac{-v}{u}\)
= \(\frac{-24}{-72}\)
= \(\frac{1}{3}\)
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦਾ \(\frac{1}{3}\) ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਇੱਕ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ 25 cm ਹੈ । ਵਸਤੂ ਦੀ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ ਗਿਆਤ ਕਰੋ, ਜਦਕਿ ਉਸਦਾ ਤਿਬਿੰਬ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ 75 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ, f = +25 cm
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ, υ = + 75 cm
ਵਸਤੂ ਦੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ, u = ?
ਲੈਂਨਜ਼ ਸੂਤਰ \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\) ਤੋਂ
\(\frac{1}{u}=\frac{1}{v}-\frac{1}{f}\)
= \(\frac{1}{75}-\frac{1}{25}\)
= \(\frac{1-3}{75}\)
= \(\frac{-2}{75}\)
⇒ u = \(\frac{-75}{2}\)
∴ u = – 37.5 cm
ਵਸਤੂ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਖੱਬੇ ਪਾਸੇ 37.5 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਸਥਿਤ ਹੈ ।
∴ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਉਲਟਾ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਹਵਾ ਦੇ ਸਾਪੇਖ ਸੰਘਣਾ ਫਟ ਕੱਚ ਦਾ ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ 1.65 ਅਤੇ ਅਲਕੋਹਲ ਦੇ ਲਈ ਇਹ 1.36 ਹੈ । ਅਲਕੋਹਲ ਦੇ ਸਾਪੇਖ ਫਲਿੰਟ ਕੱਚ ਦਾ ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 61
= \(\frac{1.65}{1.36}\)
= \(\frac{165}{136}\)
= 1.21

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਇੱਕ ਵਸਤੂ 20 ਸਮ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ 40 ਸਮ ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਰੱਖੀ ਗਈ ਹੈ । ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਅਤੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਪਤਾ ਕਰੋ !
ਹੱਲ :
ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (f) = -20 ਸਮ
ਵਸਤੂ ਦੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (u) = -40 ਸਮ
ਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਲੈਂਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (ਸਥਿਤੀ) (υ) = ?
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ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਆਕਾਰ ਵਿਚ ਛੋਟਾ ਹੋਵੇਗਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵੇਗ 2 × 108m/s ਹੈ । ਇੱਕ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਇਸ ਦੇ ਸੰਘਣੇ ਪਾਸੇ ਨਾਲ 30° ਦਾ ਕੋਣ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ | ਅਪਵਰਤਨ ਕੋਣ ਪਤਾ ਕਰੋ ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵੇਗ = 3 × 108 m/s |
ਹੱਲ :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 64
sin r = \(\frac{0.5}{\frac{2}{3}}\)
sin r = 0.7500
∴ ਅਪਵਰਤਨ ਕੋਣ, r = 48°36′

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
5 cm ਉੱਚੀ ਕੋਈ ਵਸਤੂ 10 cm ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਦੇ ਅਭਿਸਾਰੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ 25 cm ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨ ਰੇਖਾ-ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ, ਸਾਈਜ਼ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਇੱਥੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਉੱਚਾਈ h1 = 5 cm
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ ਵਸਤੂ ਦੀ ਦੂਰੀ u = -25 cm
ਲੈੱਨਜ਼ ਫਾਰਮੂਲਾ ਤੋਂ f = + 10 cm (ਅਭਿਸਾਰੀ ਲੈੱਨਜ਼ ਜਾਂ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼)
υ = ?
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
15 cm ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਦਾ ਕੋਈ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ 10 cm ਦੂਰੀ ਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ। ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਵਸਤੂ ਸਥਿਤ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਵੀ ਬਣਾਓ ।
ਹੱਲ :
ਇੱਥੇ f = -15 cm, υ = -10 cm, u = ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 67
= \(\frac{-1}{10}+\frac{1}{15}\)
\(\frac{-3+2}{30}\)
= \(\frac{-1}{30}\)
u = -30 cm
ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ 30 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਨੂੰ 15 cm ਫੋਕਸ-ਦੂਰੀ ਦੇ ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ 30 cm ‘ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਦੱਸੋ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਸਰੂਪ ਸਥਿਤੀ ਅਤੇ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ :
ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (f) = -15 cm (ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਲਈ f ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ।
ਵਸਤੁ ਦੀ ਅਵਤ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (u) = -30 cm (ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੇ ਉਲਟ ਮਾਪੀ ਦੁਰੀ)
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਅਵਤਲ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (v) = ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 68
υ ਦੇ ਰਿਣ ਚਿੰਨ੍ਹ ਤੋਂ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ਕਿ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੇ ਉਸੇ ਪਾਸੇ 10 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਬਣੇਗਾ ਜਿਸ ਪਾਸੇ ਵਸਤੂ ਰੱਖੀ ਗਈ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਆਭਾਸੀ ਅਤੇ ਸਿੱਧਾ ਹੋਵੇਗਾ ।
ਹੁਣ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ (m) = \(\frac{v}{u}\)
= \(\frac{(-10)}{(-30)}\)
= \(\frac{10}{30}\)
= \(\frac{1}{3}\) = 0.33
ਕਿਉਂਕਿ ਅ ਦਾ ਮਾਨ ਧਨਾਤਮਕ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਸਿੱਧਾ ਹੈ ।
∴ |m| = \(\frac{1}{3}\) ਜੋ ਕਿ < 1 ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਸਾਈਜ਼ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਛੋਟਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
7 cm ਉਚਾਈ ਦੀ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਨੂੰ 20 cm ਫੋਕਸ-ਦੂਰੀ ਦੇ ਇੱਕ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ 40 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ, ਸਰੂਪ ਅਤੇ ਉੱਚਾਈ ਮਾਲੂਮ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਵਸਤੂ ਦੀ ਉੱਚਾਈ (h) = + 7 cm
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (f)= + 20 cm
(ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਧਨਾਤਮਕ ਮੰਨੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ।)
ਵਸਤੂ ਦੀ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (u) = -40 cm
(ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਮਾਪੀ ਗਈ ਦੂਰੀ)
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (υ) = ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 69
∴ υ = + 40 cm
υ ਦੇ ਧਨ ਚਿੰਨ੍ਹ ਤੋਂ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤਿਬਿੰਬ ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਉਲਟਾ ਹੈ ਅਤੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ 40 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਹੁਣ m = \(\frac{v}{u}\) = \(\frac{40}{-40}\) > m = -1
\(|m|=|-1|\) = 1
ਪਰ m = \(\frac{h_{2}}{h_{1}}\)
∴ h2 = h1
ਅਰਥਾਤ ਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਸਾਇਜ਼ ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਕਾਰ (ਸਾਈਜ਼) ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
4 cm ਉੱਚਾਈ ਦੀ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਨੂੰ -10 ਡਾਇਓਪਟਰ ਸ਼ਕਤੀ ਵਾਲੇ ਇਕ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ 15 cm ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ | ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਸਾਈਜ਼ ਅਤੇ ਸਰੂਪ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਵਸਤੂ ਦੀ ਉੱਚਾਈ (h1) = +4 cm
ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (P) = -10 ਡਾਇਪਟਰ
ਪਰ P = PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 70
∴ f = \(\frac{1}{-10}\) × 100
= -10 cm
∴ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (f)= -10 cm
ਵਸਤੂ ਦੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (u) = -15 cm
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (υ) = ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 71
∴ υ = -6 cm
υ ਦੇ ਰਿਣ ਚਿੰਨ੍ਹ ਤੋਂ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤਿਬਿੰਬ ਆਭਾਸੀ ਅਤੇ ਸਿੱਧਾ ਹੈ ਅਤੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਉਸੇ ਪਾਸੇ 6 cm ਦੀ । ਦੂਰੀ ਤੇ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਹੁਣ m = \(\frac{v}{u}\)
= \(\frac{-6}{-15}\)
= \(\frac{2}{5}\)
m = \(\frac{h_{2}}{h_{1}}=\frac{2}{5}\)
∴ h2 = \(\frac{2}{5}\) × h1
= \(\frac{2}{5}\) × 4
∴ h2 = \(\frac{8}{5}\) cm
= 1.6 cm.
ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦਾ ਸਾਈਜ਼ 1.6 cm ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
5 ਮੀਟਰ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਅਵਤ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (f) = -5 m
ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (P) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (P) = \(\frac{1}{f}\) (ਮੀਟਰਾਂ ਵਿੱਚ)
= \(\frac{1}{-5}\)
= -0.2D

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
4 ਮੀਟਰ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਇਕ ਉੱਤਲ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (f) = 4 ਮੀ.
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (P) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (P) = \(\frac{1}{f}\) (ਮੀਟਰਾਂ ਵਿੱਚ)
= \(\frac{1}{4}\)
p = 0.25D

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
5 ਮੀਟਰ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਾਲੇ ਇਕ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਪਤਾ ਕਰੋ । ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਇਕਾਈ ਲਿਖੋ । (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰੇ)
ਹੱਲ :
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (f) = 5 ਮੀ.
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸਕਤੀ (P) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (P) = \(\frac{1}{f}\)
= \(\frac{1}{5}\)
P = 0.20 D (ਡਾਇਓਪਟਰ) ਉੱਤਰ

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (Focal length) ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (Focal length) – ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਧਰੁਵ ਅਤੇ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਦੀ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । S.I. ਪੱਧਤੀ ਵਿਚ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਦਾ ਮਾਤਕ ਮੀਟਰ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਦਰਪਣ ਦਾ ਧਰੁਵ ਜਾਂ ਸ਼ੀਰਸ਼ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਰੁਵ ਜਾਂ ਸ਼ੀਰਸ਼ (Pole) – ਦਰਪਣ ਦੇ ਮੱਧ ਬਿੰਦੂ ਜਾਂ ਕੇਂਦਰ ਨੂੰ ਇਸ ਦਾ ਧਰੁਵ ਜਾਂ ਸ਼ੀਰਸ਼ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੇ ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਤੋਂ 10 ਮੀਟਰ ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਹੈ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਅਤੇ ਉਸ ਦੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਿਚ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਸਤੁ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ = (10 + 10) ਮੀਟਰ = 20 ਮੀਟਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ‘ਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪੈਂਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਦਾ ਆਪਾਤੀ ਕੋਣ ਅਤੇ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੋਣ ਕਿੰਨੀ-ਕਿੰਨੀ ਡਿਗਰੀ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਪਤਨ ਕੋਣ (∠i) = 0
ਪਰਾਵਰਤਨ ਕੋਣ (∠r) = 0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਊਰਜਾ ਦੇ ਕੋਈ ਤਿੰਨ ਰੂਪਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਊਰਜਾ
  2. ਤਾਪ ਊਰਜਾ
  3. ਧੁਨੀ ਊਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਉਰਜਾ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲ-ਚੁੰਬਕੀ ਤਰੰਗਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਹਵਾ ਵਿਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਚਾਲ ਕਿੰਨੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
3 × 108 m/s ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਇੱਕ ਮੁੱਖ ਪ੍ਰਕਿਰਤਿਕ ਸੋਮੇ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਏ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੋਮਿਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਮੋਮਬੱਤੀ
  2. ਬਿਜਲੀ ਲੈਂਪ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੀਆਂ ਦੋ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਅਤੇ
  2. ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਆਪਨ ਕੋਣ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਪਤਨ ਕੋਣ – ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਅਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਬਣੇ ਕੋਣ ਨੂੰ ਆਪਤਨ ਕੋਣ (∠i) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਪਰਾਵਰਤਨ ਕੋਣ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਵਰਤਨ ਕੋਣ-ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਰਨ ਅਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਆਪਨ ਬਿੰਦੂ ‘ਤੇ ਬਣੇ ਕੋਣ ਨੂੰ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕੋਣ (∠r) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ (Spherical Mirror) – ਜੇਕਰ ਦਰਪਣ ਕਿਸੇ ਖੋਖਲੇ ਗੋਲੇ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੀ ਇੱਕ ਸਤਹਿ ਪਾਲਸ਼ ਕੀਤੀ ਹੋਈ ਅਤੇ ਦੂਜੀ ਸਤਹਿ ਪਰਾਵਰਤਕ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਅਜਿਹਾ ਦਰਪਣ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿਚ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਸਮਾਨ ਆਕਾਰ (ਸਾਇਜ਼) ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕਿਸ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਧਨਾਤਮਕ ਮੰਨੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਦਰਪਣ ਫਾਰਮੂਲਾ ਲਿਖੋ ।
ਜਾਂ
ਕਿਸੇ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਨ ਲਈ ਫਾਰਮੂਲਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
\(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਕਿਸ ਸਤਹਿ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਅੰਦਰਲੀ ਸਤਹਿ ਜੋ ਦਰਪਣ ਦੇ ਵਕ੍ਰਤਾ ਕੇਂਦਰ ਵੱਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਕਿਸ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਵਿਚ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਛੋਟਾ ਬਣਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਵਕ੍ਰਤਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਅਤੇ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਿਚ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਜਿਸ ਦਰਪਣ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ-15cm ਹੋਵੇ ਉਸਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਦਰਪਣ ਅਵਤਲ ਹੋਵੇਗਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਇੱਕ ਦਰਪਣ ਦਾ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ 0.4 ਹੈ । ਇਹ ਦਰਪਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੈ ? ਇਸਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਦਰਪਣ ਉੱਤਲ ਹੋਵੇਗਾ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਦਾ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਧਨਾਤਮਕ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ 1 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੈ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਛੋਟਾ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਆਭਾਸੀ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਇਸ ਦੀ ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ (Magnification) = ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੇ ਆਕਾਰ ਜਾਂ ਸਾਇਜ਼ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਕਾਰ ਜਾਂ ਸਾਇਜ਼ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤ ਨੂੰ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਆਖਦੇ ਹਨ ।
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ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ (m) ਦੀ ਕੋਈ ਇਕਾਈ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਇੱਕੋ ਜਿਹੀਆਂ ਰਾਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਕਿਸ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਅਭਿਸਾਰੀ ਅਤੇ ਕਿਸ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਅਪਸਾਰੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਭਿਸਾਰੀ ਦਰਪਣ – ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ
ਅਪਸਾਰੀ ਦਰਪਣ – ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਸਰਚ ਲਾਈਟ ਲਈ ਕਿਸ ਦਰਪਣ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਵਤਲੇ ਦਰਪਣ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਕਿਸ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਤੋਂ ਦੂਰ ਲਿਜਾਣ ਨਾਲ ਦਰਪਣ ਦਾ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਖੇਤਰ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਕਿੰਨੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਨੰਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਕਿਸ ਦਰਪਣ ਦੀ ਵੱਡਦਰਸ਼ਨ ਸਮਰੱਥਾ 1 ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿਚ ਬਣ ਰਹੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਲਈ ਵਸਤੂ ਦੂਰੀ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੂਰੀ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
u = -v

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਵਾਸਤਵਿਕ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਸਤਵਿਕ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ – ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਪਰਾਵਰਤਨ ਜਾਂ ਅਪਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਵਾਸਤਵਿਕ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਤਿਬਿੰਬ ਹਮੇਸ਼ਾ ਉਲਟਾ ਬਣਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਦੇ ਤੇ ਲਿਆਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਲਈ ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਅਨੰਤ ਤੇ C ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਅਨੰਤ ਅਤੇ cਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਵਿਚ ਪ੍ਰਤਿਬੰਬ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਫੋਕਸ ਅਤੇ ਵਕੁਤਾ ਕੇਂਦਰ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਇਕ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦਾ ਵਕਰਤਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ 24 cm ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਕਿੰਨੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਵੜਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ R = 24 cm
∵ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ f = \(\frac{R}{2}=\frac{24}{2}\)
= 12 cm

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਸੰਘਣੇ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਵਿਰਲੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿਚ ਦਾਖ਼ਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਅਭਿਲੰਬ ਦੇ ਕਿਸ ਪਾਸੇ ਝੁਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਅਭਿਲੰਬ ਤੋਂ ਦੂਰ ਵੱਲ ਝੁਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਕਿਰਨ ਵਿਰਲੇ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਸੰਘਣੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਅਭਿਲੰਬ ਦੇ ਕਿਸ ਪਾਸੇ ਝੁਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਭਿਲੰਬ ਵੱਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿਰਲੇ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਸੰਘਣੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਅਪਵਰਤਨ ਕੋਣ ਅਤੇ ਆਪਤਨ ਕੋਣ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਵੱਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਪਤਨ ਕੋਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੁਆਰਾ ਦੂਰ ਸਥਿਤ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਬਣਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਸਤਵਿਕ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਛੋਟਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਕਿਸੇ ਛਪੇ ਹੋਏ ਕਾਗਜ਼ ਤੇ ਅਭਿਸਾਰੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਅੱਖਰ ਕਿਹੋ ਜਿਹੇ ਨਜ਼ਰ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿੱਧੇ ਅਤੇ ਵੱਡੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਸਿੱਕਾ ਉੱਠਿਆ ਹੋਇਆ ਕਿਉਂ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 38.
ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦੀ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 39.
ਕਿਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿਚ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਵਸਤੂ ਦੇ ਸਾਇਜ਼ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ 2F ਤੇ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 40.
ਉੱਤਲ ਲੈਂਨਜ਼ ਨਾਲ ਆਭਾਸੀ ਅਤੇ ਵੱਡਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਦੋਂ ਬਣਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਹੋਵੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 41.
ਲੈੱਨਜ਼ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਹ ਕਿੰਨੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੈਂਜ਼ – ਇਕ ਅਜਿਹਾ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਮਾਧਿਅਮ ਜੋ ਦੋ ਵੱਖਰੀਆਂ ਗੋਲ ਸੜਾਵਾਂ ਨਾਲ ਘਿਰਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-

  1. ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼
  2. ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 42.
ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀਆਂ ਦੂਰੀਆਂ ਕਿਸ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਮਾਪੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 43.
ਕਿਹੜੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਨੂੰ ਵੱਡਦਰਸ਼ੀ ਲੈਂਜ਼ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਲੈਂਨਜ਼ ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 44.
ਲੈੱਨਜ਼ ਫਾਰਮੂਲਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 45.
ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਇਸਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 73

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 46.
ਬਿਨਾਂ ਸ਼ਕਤੀ ਦੇ ਚਸ਼ਮੇ (Plane glasses) ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਕਿੰਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
P = \(\frac{1}{f}\)
f = \(\frac{1}{0}\) = ∞
ਅਨੰਤ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 47.
ਕਿਸ ਲੈਂਨਜ਼ ਨੂੰ ਅਪਸਾਰੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਵਤਲ ਲੈਂਨਜ਼ ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 48.
ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਅਤੇ ਇਸ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਵਿੱਚ ਸੰਬੰਧ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 49.
ਕਿਸ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਧਨ ਅਤੇ ਕਿਸ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਰਿਣ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (ਸਮਰੱਥਾ) ਧਨ ਅਤੇ ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਰਿਣ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 50.
ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ (Focal Length of Lens) – ਕਿਸੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਉਸ ਲੈਂਨਜ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਕੇਂਦਰ ਅਤੇ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਦੇ ਵਿਚਲੀ ਦੂਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 51.
ਅਪਵਰਤਨ-ਅੰਕ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਪਵਰਤਨ-ਅੰਕ (Refractive Index) – ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਵੇਗ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਵੇਗ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤ ਨੂੰ ਉਸ ਮਾਧਿਅਮ ਦਾ ਨਿਰਪੇਖ ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 75

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 52.
ਦੋ ਘੋਲਾਂ ਦੇ ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ 1.36 ਅਤੇ 1.54 ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਘੋਲਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਘੋਲ ਵੱਧ ਸੰਘਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਧਿਕ ਅਪਵਰਤਨ-ਅੰਕ 1.54 ਵਾਲਾ ਘੋਲ ਸੰਘਣਾ ਹੋਵੇਗਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 53.
ਐੱਨਜ਼ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਦਾ ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਡਾਈਆਪਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 54.
ਇੱਕ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ -2.5 D ਹੈ । ਇਹ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦਾ ਲੈਂਜ਼ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਵਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 55.
ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਰੱਖੇ ਗਏ ਦੋ ਲੈੱਨਜ਼ਾਂ ਦੀ ਕੁਮਵਾਰ ਸਮਰੱਥਾ, P1 ਅਤੇ P2 ਹੈ । ਸੰਯੁਕਤ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਕਿੰਨੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
P = P1 + P2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 56.
ਘੜੀਸਾਜ਼ ਘੜੀ ਦੇ ਸੂਖ਼ਮ ਪੁਰਜ਼ਿਆਂ ਨੂੰ ਦੇਖਣ ਲਈ ਕਿਹੜੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 57.
ਹੀਰੇ ਦਾ ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ 2.42 ਹੈ ਜਦਕਿ ਕੱਚ ਦਾ ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ 1.5 ਹੈ । ਦੋਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਵੱਧ ਸੰਘਣ ਹੈ ? ਜਿਸ ਵਿਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਚਾਲ ਅਧਿਕ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਉਂਕਿ ਹੀਰੇ ਦਾ ਅਪਵਰਤਨ ਅੰਕ ਕੱਚ ਨਾਲੋਂ ਅਧਿਕ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਕੱਚ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿਚ ਹੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਸੰਘਣ ਹੈ ।
ਹੁਣ ਕਿਉਂਕਿ ਵਿਰਲੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿਚ ਸੰਘਣ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਚਾਲ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਕੱਚ ਵਿਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਚਾਲ ਅਧਿਕ ਹੋਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 58.
ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ – ਨਿਰਗਤ ਕਿਰਨ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਆਪਾਤੀ ਕਿਰਨ ਜਿਸ ਕੋਣ ਵਿਚੋਂ ਮੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਉਸ ਕੋਣ ਨੂੰ ਵਿਚਲਨ ਕੋਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 59.
ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ – ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦਾ ਮੁੱਖ ਫੋਕਸ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੇ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਤੇ ਉਹ ਬਿੰਦੂ ਹੈ ਜਿਸ ਤੇ ਮੁੱਖ ਧੁਰੇ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਆ ਰਹੀਆਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਅਪਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 60.
ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਵਤਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਤਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ – ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਉਸ ਗੋਲੇ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਹੈ ਜਿਸਦਾ ਦਰਪਣ ਹਿੱਸਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ R ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 61.
ਹੇਠਾਂ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ਦੇ ਰੇਖਾ ਚਿੱਤਰ (a) ਅਤੇ (b) ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਹਨ ? ਦਰਪਣ (a) ਅਤੇ ਦਰਪਣ (b) ਦੀ ਕਿਸਮ ਦੱਸੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ 76
ਉੱਤਰ-
(a) ਅਵਲ ਦਰਪਣ
(b) ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 62.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤਾ ਚਿੱਤਰ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
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ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਪਵਰਤਨ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਇੱਕ ਉੱਤਲ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ-2 ਡਾਈਆਪਟਰ ਹੈ । ਇਸਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਹੋਵੇਗੀ-
(a) 20 cm
(b) 40 cm
(c) 10 cm
(d) 50 cm.
ਉੱਤਰ-
(d) 50 cm.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਸਤੂ ਦਾ ਆਭਾਸੀ ਅਤੇ ਬਰਾਬਰ ਆਕਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ-
(a) ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ
(b) ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ
(c) ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ
(d) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਵੀ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਬਣਦਾ ਹੈ, ਹਮੇਸ਼ਾ
(a) ਵਾਸਤਵਿਕ, ਉਲਟਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਛੋਟਾ
(b) ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਛੋਟਾ
(c) ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਛੋਟਾ
(d) ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਵੱਡਾ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਆਭਾਸੀ, ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਵਸਤੁ ਤੋਂ ਛੋਟਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਮੋਟਰ ਵਾਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਪਿੱਛੇ ਦਾ ਦ੍ਰਿਸ਼ ਦੇਖਣ ਲਈ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਾਂ-
(a) ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ
(b) ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ
(c) ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ
(d) ਕੋਈ ਵੀ ਗੋਲਾਕਾਰ ਦਰਪਣ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
\(\frac{\sin i}{\sin r}\) ਸੰਬੰਧ ਨੂੰ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤਾ-
(a) ਨਿਊਟਨ ਨੇ
(b) ਰਮਨ ਨੇ
(c) ਸਨੈਲ ਨੇ ।
(d) ਫੈਰਾਡੇ ਨੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਸਨੈਲ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਿਸੇ ਲੈੱਨਜ਼ ਦੀ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸ ਸੂਤਰ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
(a) \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}+\frac{1}{u}\)
(b) \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
(c) f = \(\frac{1}{v}=\frac{1}{u}\)
(d) \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}-\frac{1}{v}\)
ਉੱਤਰ-
(b) \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੀ ਵਕੁਤਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ R ਅਤੇ ਫੋਕਸ ਦੂਰੀ f ਵਿਚਾਲੇ ਸੰਬੰਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-
(a) f = R
(b) f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\)
(c) R = \(\frac{f}{2}\)
(d) R = \(\frac{f}{4}\)
ਉੱਤਰ-
(b) f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\)

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਪਰਾਵਰਤਨ ਅਤੇ ਅਪਵਰਤਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਇੱਕ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ਦੇ ਵਕੁਤਾ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਸਥਿਤ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵਾਸਤਵਿਕ ਅਤੇ ਉਲਟਾ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਕਿੱਥੇ ਬਣੇਗਾ ?
(a) F ‘ਤੇ
(b) C ‘ਤੇ
(c) C ਅਤੇ F ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ
(d) ਅਨਤ ‘ਤੇ ।
ਉੱਤਰ-
(b) C ‘ਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਡਾਕਟਰ ਦੁਆਰਾ ਆਮਤੌਰ ‘ਤੇ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਉਣ ਵਾਲਾ ਦਰਪਣ-
(a) ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ
(b) ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ
(c) ਉੱਤਲ ਅਤੇ ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ
(d) ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਵੱਡਾ ਅਤੇ ਵਾਸਤਵਿਕ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਦਰਪਣ-
(a) ਉੱਤਲ ਦਰਪਣ
(b) ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ
(c) ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ
(d) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਅਵਤਲ ਦਰਪਣ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਨਿਰਵਾਤ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਚਾਲ ………………….. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
3 × 108 ms-1

(ii) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ …………………………. ਦੇ ਕਾਰਨ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਹੋਇਆ ਸਿੱਕਾ ਵਾਸਤਵਿਕ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਉੱਠਿਆ ਹੋਇਆ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਪਵਰਤਨ

(iii) ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਦੁਆਰਾ ਬਣਿਆ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬ ਸਿੱਧਾ, ਅਭਾਸੀ ਅਤੇ …………………………. ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਸਤੂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੈਂਡਲ ਦੁਆਰਾ ਮਟਰ ਦੇ ਪੌਦਿਆਂ ਤੇ ਕੀਤੇ ਗਏ ਪ੍ਰਯੋਗਾਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੈਂਡਲ ਨੇ ਮਟਰ ਦੇ ਪੌਦੇ ਦੇ ਵਿਭਿੰਨ ਵਿਕਲਪੀ ਲੱਛਣਾਂ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬਾਹਰੀ ਲੱਛਣਾਂ ਵੱਲ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਧਿਆਨ ਦਿੱਤਾ ਸੀ । ਗੋਲ ਝੁਰੜੀਦਾਰ ਬੀਜ, ਲੰਬੇ/ਬੌਨੇ ਪੌਦੇ ਸਫੈਦਬੈਂਗਣੀ ਫੁੱਲ ਆਦਿ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਿਕਲਪੀ ਲੱਛਣਾਂ ਵਾਲੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਚੋਣ ਕਰਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਪੌਦੇ ਉਗਾਏ ਸਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਲੰਬੇ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਬੌਨੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦਾ ਸੰਕਰਨ ਕਰਾ ਕੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਸੰਤਾਨ ਪੀੜ੍ਹੀ ਵਿਚ ਲੰਬੇ ਅਤੇ ਬੌਨੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਗਣਨਾ ਕੀਤੀ । ਪਹਿਲੀ ਸੰਤਾਨ ਜਾਂ ਸੰਤਤੀ ਜਾਂ F1 ਪੀੜ੍ਹੀ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਪੌਦਾ ਵਿਚਕਾਰਲੀ ਉਚਾਈ ਦਾ ਨਹੀਂ ਸੀ । ਸਾਰੇ ਪੌਦੇ ਲੰਬੇ ਸਨ । ਇਸਦਾ ਅਰਥ ਸੀ ਕਿ ਪਹਿਲੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਵਿਚ ਦੋ ਲੱਛਣਾਂ ਵਿਚੋਂ ਲੰਬਾ ਪੌਦਾ ਲੰਬਾ ਦਾ ਲੰਬਾ ਪੈਦਾ ਬੋਣਾ ਪੈਂਦਾ ਸਿਰਫ ਇੱਕ ਪਿੱਤਰੀ ਲੱਛਣ ਹੀ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਅਸਰ ਦਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦਾ । ਮੈਂਡਲ ਨੇ ਆਪਣੇ ਪ੍ਰਯੋਗਾਂ ਵਿਚ ਦੋਨੋਂ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਪਿੱਤਰੀ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ F1 ਪੀੜ੍ਹੀ ਦੇ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਸਵੈ-ਪਰਾਗਣ ਦੁਆਰਾ ਉਗਾਇਆ । ਪਿਤਰੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਦੇ ਲੰਬੇ ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਸਾਰੀਆਂ ਸੰਤਾਨਾਂ ਵੀ ਲੰਬੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਸਨ । ਪਰ F1 ਪੀੜ੍ਹੀ ਦੇ ਲੰਬੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਦੂਸਰੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਅਰਥਾਤ F2 ਪੀੜ੍ਹੀ ਦੇ ਸਾਰੇ ਪੌਦੇ ਲੰਬੇ ਨਹੀਂ ਸਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਚੌਥਾਈ ਸੰਤਾਨ ਜਾਂ ਸੰਤਤੀ ਬੌਨੇ ਪੌਦੇ ਸੀ । ਇਸ ਨਾਲ ਸੰਕੇਤ ਮਿਲਿਆ ਕਿ F1 ਪੌਦਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਲੰਬਾਈ ਅਤੇ ਬੌਨੇਪਨ ਦੋਨਾਂ ਦੇ ਵਿਕਲਪੀ ਲੱਛਣਾਂ ਦੀ ਵੰਸ਼ਾਨੁਗਤੀ ਹੋਈ । ਕੇਵਲ ਲੰਬਾਈ ਵਾਲਾ ਵਿਕਲਪ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਵਿਅਕਤ ਕਰ ਪਾਇਆ । ਇਸ ਲਈ ਕਿਸੇ ਵੀ ਲੱਛਣ ਦੇ ਦੋ ਵਿਕਲਪ ਲਿੰਗੀ ਜਣਨ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਵੀ ਲੱਛਣ ਦੇ ਦੋ ਵਿਕਲਪ ਦੀ ਵੰਸ਼ਾਨੁਗਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ 1

‘TT’ ਅਤੇ ‘Tt’ ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਲੰਬੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਪਰ ‘tt’ ਬੌਨੇ ਪੈਂਦੇ ਹਨ । ‘T’ ਇੱਕ ਇਕੱਲਾ ਵਿਕਲਪ ਹੀ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਲੰਬਾ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕਾਫ਼ੀ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਕਿ ਬੌਨੇਪਨ ਲਈ ‘t’ ਦੇ ਦੋਨੋਂ ਵਿਕਲਪ ‘t’ ਹੀ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ‘T’ ਵਰਗੇ ਵਿਕਲਪ ‘ਪ੍ਰਭਾਵੀ’ ਲੱਛਣ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ਜਦੋਂ ਕਿ ਜਿਹੜੇ ਲੱਛਣ (trait) ‘t’ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦੇ ਹਨ, ‘ਅਪ੍ਰਭਾਵੀ’ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਜੋ ਗੋਲ ਬੀਜ ਵਾਲੇ ਲੰਬੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦਾ ਝੁਰੜੀਦਾਰ ਬੀਜਾਂ ਵਾਲੇ ਬੰਨੇ ਪੌਦਿਆਂ ਨਾਲ ਸੰਕਰਨ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ F1 ਪੀੜੀ ਦੇ ਸਾਰੇ ਪੌਦੇ ਲੰਬੇ ਅਤੇ ਗੋਲ ਬੀਜ ਵਾਲੇ ਹੋਣਗੇ । ਇਸ ਲਈ ਲੰਬਾਈ ਅਤੇ ਗੋਲ ਬੀਜ ‘ਪ੍ਰਭਾਵੀ’ ਲੱਛਣ ਹਨ । ਪਰੰਤੂ ਜਦੋਂ F1 ਸੰਤਤੀ ਜਾਂ ਸੰਤਾਨ ਦੇ ਸਵੈਪਰਾਗਣ ਤੋਂ F2 ਪੀੜੀ ਦੀ ਸੰਤਾਨ ਜਾਂ ਸੰਤਤੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਹਿਲਾਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ F2 ਸੰਤਤੀ ਦੇ ਕੁਝ ਪੌਦੇ ਨਵੇਂ ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਨਗੇ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੁੱਝ ਪੌਦੇ ਲੰਬੇ ਪਰ ਝੁਰੜੀਦਾਰ ਅਤੇ ਕੁਝ ਪੌਦੇ ਬੰਨੇ ਪਰ ਗੋਲ ਬੀਜ ਵਾਲੇ ਹੋਣਗੇ । ਇਸ ਲਈ ਲੰਬੇ/ਬੌਨੇ ਲੱਛਣ ਅਤੇ ਗੋਲ ਝੁਰੜੀਦਾਰ ਲੱਛਣ ਸੁਤੰਤਰ ਰੂਪ ਵਿਚ ਵੰਬਾਨੁਗਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ 2
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ 2, 1

ਗੂਗਰ ਜਾਨ ਮੈਂਡਲ (1828-1884)- ਮੱਡਲ ਨੇ ਮੁੱਢਲੀ ਸਿੱਖਿਆ ਗਿਰਜਾਘਰ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਉਹ ਵਿਗਿਆਨ ਅਤੇ ਗਣਿਤ ਦੇ ਅਧਿਐਨ ਦੇ ਲਈ ਵਿਆਨਾ ਸਕੁਲ ਗਏ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਮੋਨੇਸਟਰੀ ਵਿਚ ਮਟਰ ਨੂੰ ਉਗਾਉਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵੀ ਕਈ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਨੇ ਮਟਰ ਅਤੇ ਹੋਰ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਵੰਸ਼ਾਗਤ ਗੁਣਾਂ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਮੈਂਡਲ ਨੇ ਆਪਣੇ ਵਿਗਿਆਨ ਅਤੇ ਗਣਿਤਿਕ ਗਿਆਨ ਨੂੰ ਸਮਿਸ਼ਰਿਤ ਕੀਤਾ । ਉਹ ਪਹਿਲੇ ਵਿਗਿਆਨੀ ਸਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਹਰ ਪੀੜ੍ਹੀ ਦੇ ਇੱਕ-ਇੱਕ ਪੌਦੇ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਲੱਛਣਾਂ ਦਾ ਰਿਕਾਰਡ ਰੱਖਿਆ ਅਤੇ ਗਣਨਾ ਕੀਤੀ । ਇਸ ਨਾਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਵੰਸ਼ਾਗਤ ਨਿਯਮਾਂ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲੀ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਡਾਰਵਿਨ (Darwin) ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਦੇ ਸਿਧਾਂਤ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਚਾਰਲਸ ਰਾਬਰਟ ਡਾਰਵਿਨ ( 1809-1882) ਨੇ ਲਗਾਤਾਰ ਕਈ ਸਾਲਾਂ ਤੱਕ ਕਈ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਐੱਚ. ਐੱਮ. ਐੱਸ. ਬੀਗਲ ਨਾਮਕ ਸਮੁੰਦਰੀ ਜਹਾਜ਼ ਵਿਚ ਘੁੰਮ-ਘੁੰਮ ਕੇ ਜੀਵ ਜੰਤੂਆਂ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕਰਨ ਦੇ ਬਾਅਦ ਆਪਣੀ ਮਸ਼ਹੂਰ ਪੁਸਤਕ The origin of species) ਵਿੱਚ ਜੀਵ-ਵਿਕਾਸ ਦੇ ਸਿਧਾਂਤਾਂ ਦੀ ਪਤੀਪਾਦਤਾ ਕੀਤੀ ਸੀ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਡਾਰਵਿਨਵਾਦ ਦੇ ਨਾਮ ਨਾਲ ਜਾਣਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡਾਰਵਿਨ ਨੇ ਆਪਣੇ ਮੱਤਾਂ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਆਧਾਰਾਂ ਤੇ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤਾ ਸੀ-
(1) ਸੰਤਾਨ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਦੀ ਅਪਾਰ ਸਮਰੱਥਾ (Enormous fertility) – ਸੰਸਾਰ ਵਿਚ ਸਾਰੇ ਪ੍ਰਾਣੀਆਂ ਵਿਚ ਵਧੇਰੇ ਸੰਤਾਨ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਾਰਕ ਵਾਧੇ ਦੀ ਭਾਵਨਾ ਵੀ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(2) ਜੀਵਨ ਸੰਘਰਸ਼ (Struggle for existence) – ਸਾਰੇ ਪ੍ਰਾਣੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹੀ ਜੀਵਨ ਦੇ ਲਈ ਸੰਘਰਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਉਹ ਜੀਉਂਦੇ ਰਹਿਣ ਦੇ ਲਈ ਪਾਣੀ, ਹਵਾ, ਭੋਜਨ, ਪ੍ਰਕਾਸ਼, ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਸਥਾਨ, ਤਾਪਮਾਨ ਆਦਿ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਵਧੇਰੇ ਗਿਣਤੀ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਪਾਣੀਆਂ ਵਿਚ ਹਰ ਪ੍ਰਾਣੀ ਆਪਣੀ ਲੋੜ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰਨ ਲਈ ਸੰਘਰਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਸੰਘਰਸ਼ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-ਅੰਦਰਜਾਤੀ, ਅੰਤਰਜਾਤੀ ਅਤੇ ਵਾਤਾਵਰਣੀ ਕਾਰਕਾਂ ਦੇ ਵਿਚ । ਅੰਤਰ-ਜਾਤੀ ਸੰਘਰਸ਼ ਕੇਵਲ ਇੱਕ ਹੀ ਜਾਤੀ ਦੇ ਪਾਣੀਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਪਰ ਅੰਤਰ-ਜਾਤੀ ਸੰਘਰਸ਼ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜਾਤੀਆਂ ਅਤੇ ਪਾਣੀਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਿਉਂਦੇ ਰਹਿਣ ਲਈ ਸੰਘਰਸ਼ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਦਬਾਅ, ਤਾਪਮਾਨ ਆਦਿ ਦੇ ਵਿੱਚ ਵੀ ਚਲਦਾ ਹੈ । ਜੋ ਪਾਣੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕੂਲ ਹਾਲਤਾਂ ਵਿੱਚ ਸਾਹਮਣਾ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ, ਉਹ ਮਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜੀਵਨ-ਸੰਘਰਸ਼ ਦੇ ਲਈ ਅਨੁਕੂਲਨ ਦੀ ਬਹੁਤ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੋ ਅਨੁਕੂਲਨ ਕਰਨ ਵਿਚ ਸਫ਼ਲ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੇ ਉਹ ਕਮਜ਼ੋਰ ਅਤੇ ਅਸਮਰਥ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

(3) ਨਵੀਆਂ ਜਾਤੀਆਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ (Origin of new species) – ਸੰਸਾਰ ਵਿਚ ਸਾਰੇ ਪ੍ਰਾਣੀਆਂ ਵਿਚ ਭਿੰਨਤਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕੋਈ ਵੀ ਪਾਣੀ ਪੁਰਵ ਰੂਪ ਵਿਚ ਇੱਕੋ ਜਿਹਾ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਗੁਣਾਂ, ਔਗੁਣਾਂ ਦੇ ਅੰਤਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੀ ਪਛਾਣਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉਪਯੋਗੀ ਅਤੇ ਵਧੀਆ ਗੁਣਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪਾਣੀ ਸਹਿਜਤਾ ਨਾਲ ਰਹਿ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਪ੍ਰਾਣੀਆਂ ਦੇ ਵਧੀਆ ਗੁਣ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸਥਾਈ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਉਹ ਇੱਕ ਪੀੜ੍ਹੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਵਿਚ ਚੱਲਦੇ ਹਨ । ਇਸੇ ਕਾਰਨ ਨਵੀਆਂ ਜਾਤੀਆਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(4) ਯੋਗਤਮ ਦੀ ਉੱਤਰ ਜੀਵਤਾ (Survival of the fittest) – ਪਾਣੀਆਂ ਦਾ ਜੀਵਨ ਸੰਘਰਸ਼ ਲਗਾਤਾਰ ਸਾਰਾ ਜੀਵਨ ਚਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਜੋ ਪਾਣੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਲਈ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਵਧੀਆ ਸਿੱਧ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ, ਓਹੀ ਰਹਿ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਜੋ ਇਸ ਸੰਸਾਰ ਵਿਚ ਆਪਣੀ ਰਹਿਣ ਦੀ ਯੋਗਤਾ ਸਿੱਧ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ, ਉਹ ਕੁਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿਚ ਉਹੀ ਜੀਵਤ ਰਹਿ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜੋ ਯੋਗਤਾ ਰੱਖਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਨੂੰ ਹੀ ਯੋਗਤਮ ਦੀ ਉੱਤਰਜੀਵਤਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ | ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿਚ ਸੰਘਰਸ਼ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਪ੍ਰਾਣੀਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਪਰਿਵਰਤਨ ਵੀ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਇਹ ਪਰਿਵਰਤਨ ਭਿੰਨਤਾਵਾਂ ਕਹਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹ ਇੱਕ ਪੀੜੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੀ ਪੀੜੀ ਦੇ ਕੋਲ ਪੁੱਜਦੀਆਂ ਹਨ । ਅਗਲੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਦੇ ਪ੍ਰਾਣੀ ਪਿਛਲੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਦੇ ਪ੍ਰਾਣੀਆਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿਚ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਵਧੇਰੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਢਾਲਣ ਦੀ ਯੋਗਤਾ ਰੱਖਦੇ ਹਨ । ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦੇ ਪਤੀ ਅਨੁਕੂਲਨ ਨਾ ਕਰਨਾ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਨਾ ਝੇਲ ਕੇ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਣਾ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਵਰਣ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਾਕਿਰਤਿਕ ਵਰਣ (Natural selection) ਜੀਵਨ ਭਰ ਚਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਵਿਭਿੰਨਤਾਵਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਕਰਨ ਨਾਲ ਨਵੀਆਂ ਜਾਤੀਆਂ ਵਿਕਾਸ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

(5) ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੁਕੂਲਨ (Adaptation to the environment) – ਸਾਰੇ ਪ੍ਰਾਣੀਆਂ ਨੂੰ ਭਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਭੌਤਿਕ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਝੱਲਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਜੀਵਨ ਭਰ ਸਰਦੀ-ਗਰਮੀ, ਸੁੱਕਾ-ਹੜ੍ਹ, ਭੂਚਾਲ, ਤੁਫ਼ਾਨ ਆਦਿ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਸੰਕਟਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜੋ ਪਾਣੀ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨ ਦੇ ਯੋਗ ਬਣਾ ਲੈਂਦੇ ਹਨ, ਉਹੀ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਸੰਘਰਸ਼ ਵਿਚ ਸਫ਼ਲ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਜੋ ਪ੍ਰਾਣੀ ਖੁਦ ਨੂੰ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੁਕੂਲ ਨਹੀਂ ਬਣਾ ਸਕਦੇ ਉਹ ਖੁਦ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

(6) ਭਿੰਨਤਾਵਾਂ ਅਤੇ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ (Variations and heredity – ਇੱਕ ਜਾਤੀ ਅਤੇ ਇੱਕ ਹੀ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦੀਆਂ ਸੰਤਾਨਾਂ ਵਿਚ ਸਮਾਨਤਾਵਾਂ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੰਤਰ ਪਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਕੋਈ ਵੀ ਦੋ ਪਾਣੀ ਪੂਰਨ ਰੂਪ ਨਾਲ ਇਕੋ ਵਰਗੇ ਨਹੀਂ ਹਨ । ਲਾਭਕਾਰੀ ਅੰਤਰ ਇੱਕ ਪੀੜ੍ਹੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਵਿਚ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਅਨੁਵੰਸ਼ਕੀ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਜੀਵ ਵਿਗਿਆਨ ਦੀ ਇਸ ਸ਼ਾਖਾ ਵਿਚ ਮੈਂਡਲ ਦੇ ਕੀ ਯੋਗਦਾਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕੀ ਜੀਵ ਵਿਗਿਆਨ ਦੀ ਉਹ ਸ਼ਾਖਾ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਅੰਤਰਗਤ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਭਿੰਨਤਾਵਾਂ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਮੈਂਡਲ ਨੇ ਜੀਵ ਵਿਗਿਆਨ ਦੀ ਇਸ ਸ਼ਾਖਾ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕੀ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਯੋਗਦਾਨ ਦਿੱਤਾ ਸੀ । ਇਸ ਲਈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕੀ ਦਾ ਜਨਕ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਮਟਰ ਦੇ ਦਾਣਿਆਂ ਤੇ ਸੰਕਰਨ ਦੇ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਸਨ ਅਤੇ ਤਿੰਨ ਨਿਯਮਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਤੀਪਾਦਿਤ ਕੀਤਾ ਸੀ ।

I ਪ੍ਰਭਾਵਿਤਾ ਦਾ ਨਿਯਮ (Law of dominance) – ਸੰਕਰਨ ਵਿਚ ਭਾਗ ਲੈਣ ਵਾਲੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵੀ ਗੁਣ ਪ੍ਰਕਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪ੍ਰਭਾਵੀ ਗੁਣ ਛਿਪ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(II) ਪ੍ਰਕਰਨ ਦਾ ਨਿਯਮ (Law of segregation) – ਯੁਗਮਕਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਦੇ ਸਮੇਂ ਜੀਨਾਂ 6 ਜਾਂ ਕਾਰਕਾਂ (genes) ਦੇ ਜੋੜੇ ਦੇ ਕਾਰਕ ਜਾਂ ਜੀਨ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਸਿਰਫ਼ ਇਕ ਯੂਰਾਮਕ ਦੇ ਕੋਲ ਪੁੱਜਦਾ ਹੈ । ਦੋਨੋਂ ਕਾਰਕ ਜਾਂ ਜੀਨ ਕਦੇ ਵੀ ਇਕੋ ਵੇਲੇ ਨਾਲੋਂ ਨਾਲ ਯੁਗਮਕ ਵਿਚ ਨਹੀਂ ਜਾਂਦੇ ।

(III) ਅਪਵਿਉਹਨ ਦਾ ਨਿਯਮ (Law of independent assortment) – ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਦੇ ਕਾਰਕ ਇੱਕ-ਦੂਸਰੇ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕੀਤੇ ਬਿਨਾਂ ਆਪਣੇ ਆਪ ਉਨਮੁਕਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਯੁਗਮਤਾਂ ਵਿਚ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਟ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਲਈ, ਦੋਹਰੇ ਸੰਕਰ ਕਰਾਸ ਦੀ ਦੂਸਰੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਦੀਆਂ ਸੰਤਾਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸਾਰੇ ਕਾਰਕਾਂ ਦੇ ਗੁਣ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਪਰ ਪਹਿਲੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਵਿਚ ਆਪਣੇ ਪ੍ਰਭਾਵੀ ਗੁਣ ਹੀ ਪ੍ਰਕਟ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਾਰੀਆਂ ਸਪੀਸ਼ੀਜ਼ ਵਿੱਚ ਭਿੰਨਤਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਹੋਂਦ ਦੀ ਸਮਾਨ ਸੰਭਾਵਨਾ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਰੀਆਂ ਸਪੀਸ਼ੀਜ਼ ਵਿੱਚ ਵਿਭਿੰਨਤਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਹੋਂਦ ਦੀ ਸਮਾਨ ਸੰਭਾਵਨਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਕੁਦਰਤ ਦੇ ਵਿਭਿੰਨ ਆਧਾਰਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਲਾਭ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਗਰਮੀ ਨੂੰ ਸਹਿਣ ਕਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਦੇ ਵੱਧ ਗਰਮੀ ਨੂੰ ਸਹਿਣ ਕਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਣੁਆਂ ਦੇ ਵੱਧ ਗਰਮੀ ਵਿਚ ਬਚੇ ਰਹਿਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਵਾਤਾਵਰਨ ਉੱਤਮ ਪਰਿਵਰਤਨ (Variants) ਦਾ ਜੀਵ-ਵਿਕਾਸ ਪ੍ਰਕ੍ਰਮ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਮਨੁੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਲੱਛਣਾਂ ਦੀ ਵੰਸ਼ਾਗਤੀ ਕਿਸ ਗੱਲ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਨੁੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਲੱਛਣਾਂ ਦੀ ਵੰਸ਼ਾਗਤੀ ਇਸ ਗੱਲ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੈ ਕਿ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦੋਨੋਂ ਆਪਣੀ ਸੰਤਾਨ ਵਿਚ ਸਮਾਨ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕ ਪਦਾਰਥ ਨੂੰ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ | ਸੰਤਾਨ ਦਾ ਹਰ ਲੱਛਣ ਪਿਤਾ ਜਾਂ ਮਾਤਾ ਦੇ DNA ਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
F1 ਪੀੜੀ ਜਾਂ ਸੰਤਾਨ ਅਤੇ F2 ਪੀੜੀ ਜਾਂ ਸੰਤਾਨ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਹਿਲੀ ਸੰਤਾਨ ਜਾਂ ਸੰਤਤੀ F1 ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿਚ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦੇ ਦੋ ਲੱਛਣਾਂ ਵਿਚੋਂ ਸਿਰਫ ਪਿੱਤਰੀ ਲੱਛਣ ਹੀ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਵਿਚ ਸਿਰਫ਼ ਇੱਕ ਪਿੱਤਰੀ ਲੱਛਣ ਹੀ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਸਵੈ-ਪਰਾਗਣ ਦੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ F2 ਸੰਤਾਨ ਜਾਂ ਸੰਤਤੀ ਦੋਨਾਂ ਦੇ ਵਿਕਲਪੀ ਲੱਛਣਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਟ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ 3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜੀਨ ਲੱਛਣਾਂ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਨਿਯੰਤਰਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੈੱਲ ਵਿਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੇ ਲਈ ਇੱਕ ਸੂਚਨਾ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, DNA ਦੇ ਜਿਹੜੇ ਭਾਗ ਵਿਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੇ ਲਈ ਸੂਚਨਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਉਹ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦਾ ਜੀਨ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਲੱਛਣ ਇਸ ਹਾਰਮੋਨ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਹਾਰਮੋਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਉਸ ਪ੍ਰਮ ਦੀ ਦਕਸ਼ਤਾ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਦੁਆਰਾ ਇਹ ਉਤਪਾਦਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਜੋ ਵਿਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕਾਰਜ ਕਰੇਗੀ ਤਾਂ ਹਾਰਮੋਨ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਪੈਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ਅਤੇ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦੀ ਦਕਸ਼ਤਾ ਤੇ ਕੁੱਝ ਭਿੰਨ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਘੱਟ ਦਕਸ਼ਤਾ ਦਾ ਕਾਰਨ ਹਾਰਮੋਨ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ । ਜੀਨ ਹੀ ਲੱਛਣਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਅਤੇ ਨਿਯੰਤਰਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਜੀਵ-ਵਿਵਿਧਤਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਵਿਵਿਧਤਾ – ਜੀਵ-ਵਿਵਿਧਤਾ ਜਾਂ ਜੀਵ ਭਿੰਨਤਾ ਧਰਤੀ ਤੇ ਪਾਈਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਜੀਵ ਪ੍ਰਜਾਤੀਆਂ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਆਪਣੇ-ਆਪਣੇ ਕੁਦਰਤੀ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਪਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਪੇੜ-ਪੌਦੇ, ਸੂਖ਼ਮ-ਜੀਵ, ਪਸ਼ੂ-ਪੰਛੀ ਆਦਿ ਸਾਰੇ ਜੀਵ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੀਵ-ਵਿਵਿਧਤਾ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪੱਧਰ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਵਿਵਿਧਤਾ ਦੇ ਪੱਧਰ-

  1. ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕ ਵਿਵਿਧਤਾ (Genetic diversity)
  2. ਪ੍ਰਜਾਤੀ ਵਿਵਿਧਤਾ (Species diversity)
  3. ਪਰਿਸਥਿਤਿਕ ਵਿਵਿਧਤਾ (Ecosystem diversity)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕ ਵਿਵਿਧਤਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜੀਨਾਂ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੈਦਾ ਵਿਵਿਧਤਾ ਨੂੰ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕ ਵਿਵਿਧਤਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਮਨੁੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਇਹ ਵਿਵਿਧਤਾ ਮੰਗੋਲ, ਨੀਗਰੋ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਦੇਖੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪੰਛੀਆਂ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਡਾਇਨੋਸੋਰ ਤੋਂ ਕਿਉਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡਾਇਨੋਸੋਰ ਰੀਂਗਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵ ਸਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪਥਰਾਟਾਂ ਵਿੱਚ ਹੱਡੀਆਂ ਦੇ ਨਾਲ ਪੰਖਾਂ ਦੀ ਛਾਪ ਵੀ ਸਪੱਸ਼ਟ ਰੂਪ ਨਾਲ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਸ਼ਾਇਦ ਉਹ ਸਾਰੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਪੰਖਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਉੱਡ ਨਹੀਂ ਪਾਉਂਦੇ ਹੋਣਗੇ ਪਰ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਪੰਛੀਆਂ ਨੇ ਪੰਖਾਂ ਨਾਲ ਉੱਡਣਾ ਸਿੱਖ ਲਿਆ ਹੋਵੇਗਾ । ਇਸ ਲਈ ਪੰਛੀਆਂ ਨੂੰ ਡਾਇਨੋਸੋਰ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮੰਨ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ – ਸਾਰੇ ਜੀਵ ਧਾਰੀਆਂ ਵਿਚ ਕੁਝ ਅਜਿਹੇ ਲੱਛਣ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਤੋਂ ਪਹਿਲੀਆਂ ਪੀੜ੍ਹੀਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਗੁਣ ਇੱਕ ਪੀੜ੍ਹੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਵਿਚ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਕ ਜੀਵ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਜੀਵ ਵਿਚ ਪੀੜ੍ਹੀ ਦਰ ਪੀੜ੍ਹੀ ਲੱਛਣਾਂ ਦਾ ਅੱਗੇ ਜਾਣਾ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਲਿੰਗ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਿੰਗ ਗੁਣ-ਸੂਤਰ – ਮਨੁੱਖਾਂ ਵਿਚ ਕੁੱਲ 23 ਜੋੜੇ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਿਮ ਤੇਈਵਾਂ (23ਵਾਂ) ਜੋੜਾ ਲਿੰਗ-ਗੁਣ ਸੂਤਰ (Sex chromosome) ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਕੋਈ ਮਾਨਵ ਨਰ ਜਾਂ ਮਾਦਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਜਨਮ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਨਰ ਵਿਚ ‘XY’ ਲਿੰਗ ਗੁਣ-ਸੁਤਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਪਰ ਮਾਦਾ ਵਿਚ ‘XX’ ਲਿੰਗ ਗੁਣ-ਸੂਤਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਸਮਜਾਤ ਅੰਗ (homologous organs) ਨੂੰ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮਜਾਤ ਅੰਗ – ਜੀਵ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਉਹ ਅੰਗ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਅਤੇ ਮੂਲ ਸੰਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਸਮਾਨਤਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਰ ਸਮੇਂ, ਹਾਲਤ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਬਾਹਰੀ ਰਚਨਾ ਵਿਚ ਅੰਤਰ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਮਜਾਤ ਅੰਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਉਦਾਹਰਨ – ਪੰਛੀ ਦੇ ਪੰਖ, ਡੱਡ ਦੀਆਂ ਲੱਤਾਂ, ਸੀਲ ਦੇ ਫਲੀਪਰ, ਚਮਗਿੱਦੜ ਦੇ ਪੰਖ, ਘੋੜੇ ਦੀਆਂ ਅਗਲੀਆਂ ਲੱਤਾਂ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਬਾਜੂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਅਤੇ ਸੰਰਚਨਾ ਸਮਾਨ ਹੈ ਪਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕਾਰਜਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਹੈ । ਇਹ ਇਸ ਗੱਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰਮਾਣਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ਕਿ ਕਦੇ ਸਾਡੇ ਪੂਰਵਜ ਇਕੋ ਜਿਹੇ ਸਨ | ਹਾਲਤਾਂ ਅਤੇ ਸਮੇਂ ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕੀਤੇ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਸਮਰੂਪ ਅੰਗ ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮਰੂਪ ਅੰਗ – ਸਮਰੂਪ ਅੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਕਾਰਜ ਦੀ ਸਮਾਨਤਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਅਤੇ ਮੂਲ ਸੰਰਚਨਾ ਵਿਚ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕੀੜੇ, ਪੰਛੀ ਅਤੇ ਚਮਗਿੱਦੜ ਸਾਰੇ ਪੰਖਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਉੱਡਣ ਲਈ ਕਰਦੇ ਹਨ ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਢੰਗ ਨਾਲ ਹੋਈ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸਮਜਾਤ ਅੰਗਾਂ ਅਤੇ ਸਮਰੂਪ ਅੰਗਾਂ ਵਿਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-

ਸਮਜਾਤ ਅੰਗ ਸਮਰੂਪ ਅੰਗ
(1) ਇਨ੍ਹਾਂ ਅੰਗਾਂ ਦੀ ਮੂਲ ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਉਤਪੱਤੀ ਇਕ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (1) ਇਨ੍ਹਾਂ ਅੰਗ ਦੀ ਮੂਲ ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਉਤਪੱਤੀ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।
(2) ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕਾਰਜ ਸਮਾਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ-1. ਪੰਛੀਆਂ ਦੇ ਪੰਖ ਅਤੇ ਡੱਡੂ ਦੇ ਅਗਲੇ ਪੈਰ ।2. ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਬਾਹਾਂ ਅਤੇ ਘੋੜੇ ਦੀਆਂ ਅਗਲੀਆਂ ਲੱਤਾਂ ।
(2) ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕਾਰਜ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ-1. ਪੰਛੀ ਅਤੇ ਚਮਗਿੱਦੜ ਦੇ ਪੰਖ ।2. ਪੰਛੀਆਂ ਅਤੇ ਕੀਟਾਂ ਦੇ ਪੰਖ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਮੈਂਡਲ ਦੇ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਦੇ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੈਂਡਲ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਦਾ ਨਿਯਮ – ਜਦੋਂ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਵਿਪਰੀਤ ਲੱਛਣਾਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਕਰਨ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸੰਪਤੀ ਜਾਂ ਸੰਤਾਨ ਵਿੱਚ ਉਨ੍ਹਾਂ ਲੱਛਣਾਂ ਵਿਚੋਂ ਇੱਕ ਲੱਛਣ ਹੀ ‘ਪ੍ਰਭਾਵੀ’ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਵਿਪਰੀਤ ਲੱਛਣ ‘ਅਪ੍ਰਭਾਵੀਂ’ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਭਾਵੀ ਲੱਛਣ ਸੰਤਾਨ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਅਪ੍ਰਭਾਵੀ ਲੱਛਣ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹੋਏ ਵੀ ਦਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੇ ।
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ਮੈਂਡਲ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤੇ ਗਏ ਮਟਰਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਵਿੱਚ ਸਾਰੇ ਪੌਦੇ ਸ਼ੁੱਧ ਲੰਬੇ ਸਨ ਪਰ ਦੂਸਰੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਵਿੱਚ ਇਕ ਸ਼ੁੱਧ ਲੰਬਾ ਪੌਦਾ, ਦੋ ਸੰਕਰੇ ਲੰਬੇ ਅਤੇ ਇੱਕ ਸ਼ੁੱਧ ਬੌਨਾ ਪੈਂਦਾ ਸੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਮੈਂਡਲ ਦੇ ਮਟਰ ਦੇ ਪੌਦਿਆਂ ਤੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨਾਲ ਕੀ ਨਤੀਜੇ ਨਿਕਲੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੈਂਡਲ ਦੇ ਮਟਰ ਦੇ ਪੌਦਿਆਂ ਤੇ ਕੀਤੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਪਰਿਣਾਮ ਨਿਕਲੇ-

  1. ਪੌਦਿਆਂ ਵਿਚ ਲੱਛਣ ਕੁਝ ਇਕਾਈਆਂ ਦੁਆਰਾ ਨਿਯੰਤਰਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਾਰਕ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹਰ ਲੱਛਣ ਦੇ ਲਈ ਯੁਗਮਕ ਵਿਚ ਇੱਕ ਕਾਰਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ; ਜਿਵੇਂ-ਲੰਬਾਈ, ਫੁੱਲ ਦਾ ਰੰਗ ।
  2. ਇੱਕ ਲੱਛਣ ਨੂੰ ਦੋ ਕਾਰਕਾਂ ਦੁਆਰਾ ਹੀ ਵਿਅਕਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ TT ਜਾਂ tt.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਯੁਗਮਤਾਂ ਦੀ ਸ਼ੁੱਧਤਾ ਦਾ ਨਿਯਮ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਣ ਸੂਤਰਾਂ ਤੇ ਜੀਨ ਹਮੇਸ਼ਾ ਜੋੜੇ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ , ਜਿਵੇਂ TT ਜਾਂ tt । ਯੁਗਮ ਵਿਚ ਇਹ ਜੀਨ ਇਕ ਗੁਣ ਦੇ ਲਈ ਬਿਲਕੁਲ ਸ਼ੁੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ | ਯੁਗਮਕ ਸੰਯੋਗ ਦੇ ਬਾਅਦ ਯੁਗਮਨਜ਼ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਜੀਨ ਪਿਤਾ ਤੋਂ ਅਤੇ ਇਕ ਜੀਨ ਮਾਤਾ ਤੋਂ ਇਕ ਹੀ ਗੁਣ ਵਾਲੇ ਸਮਾਨ ਜੀਨ ਇਕੱਠੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹ ਦੋਵੇਂ ਜੀਨ ਇੱਕ ਲੱਛਣ ਦੇ ਲਈ ਉੱਤਰਦਾਈ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਿਯਮ ਨੂੰ ਯੁਗਮਤਾਂ ਦੀ ਸ਼ੁੱਧਤਾ ਦਾ ਨਿਯਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜੀਨ ਕਿੱਥੇ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਨ ਗੁਣ ਸੂਤਰਾਂ ਤੇ ਸਥਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਨਿਉਕਲਿਓਟਾਈਡਸ ਦਾ ਵਿਸ਼ਿਸ਼ਟ ਕੂਮ ਇਸਦੀ ਕਿਰਿਆਤਮਕ ਵਿਸ਼ਿਸ਼ਤਾ ਨੂੰ ਨਿਰਧਾਰਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜੀਨ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਐਂਜ਼ਾਈਮ ਨਾਲ ਕੱਟਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਜੀਵ ਦੇ ਜੀਨ ਦੇ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਲਿੰਗੀ ਗੁਣ ਸੂਤਰਾਂ ਅਤੇ ਅਲਿੰਗੀ ਗੁਣ ਸੂਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

ਲਿੰਗੀ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ਅਲਿੰਗੀ ਗੁਣ ਸੂਤਰ
(1) ਇਹ ਲਿੰਗ ਨਿਰਧਾਰਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (1) ਇਹ ਲਿੰਗ ਨਿਰਧਾਰਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ।
(2) ਮਨੁੱਖ ਵਿਚ ਸਿਰਫ਼ ਦੋ ਲਿੰਗ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ‘X’ ਅਤੇ ‘Y’ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (2) ਮਨੁੱਖ ਵਿਚ 44 ਅਲਿੰਗੀ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(3) ਮਨੁੱਖੀ ਨਰ ਵਿਚ ‘XY’ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖੀ ਮਾਦਾ ਵਿਚ ‘XX’ ਲਿੰਗ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (3) ਇਨ੍ਹਾਂ ਗੁਣ ਸੂਤਰਾਂ ਨੂੰ 1 ਤੋਂ 22 ਤੱਕ ਗਿਣਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਭਿੰਨਤਾਵਾਂ ਦੇ ਪੈਦਾ ਹੋਣ ਨਾਲ ਕਿਸੇ ਸਪੀਸਿਜ਼ ਦੀ ਹੋਂਦ ਕਿਵੇਂ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਾਭਕਾਰੀ ਭਿੰਨਤਾਵਾਂ ਪ੍ਰਾਣੀ ਨੂੰ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਦੇ ਅਨੁਕੂਲ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਉਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਪੀੜ੍ਹੀ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਅਜਿਹਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਜੀਵਨ ਦੀ ਉਸ ਸਪੀਸਿਜ਼ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮਾਨਵ ਨਰ ਅਤੇ ਮਾਦਾ ਵਿਚ ਕਿੰਨੇ ਜੋੜੇ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
23 ਜੋੜੇ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇਸਤਰੀਆਂ ਵਿਚ ਕਿਹੜਾ ਲਿੰਗ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
‘XX’ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਪੁਰਸ਼ਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਲਿੰਗ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
‘XY’ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਬੱਚੇ ਦੇ ਲਿੰਗ ਦਾ ਨਿਰਧਾਰਨ ਕਿਸਦੇ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਿਤਾ ਦੇ ‘Y’ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਡਾਰਵਿਨ ਨੇ ਕਿਸ ਸਿਧਾਂਤ ਦੀ ਪਰਿਕਲਪਨਾ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੁਦਰਤੀ ਵਰਣ ਦੁਆਰਾ ਜੀਵ-ਵਿਕਾਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਪਥਰਾਟ (Fossil) ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ-ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਚੱਟਾਨ ਵਿਚ ਪਰਿਖਿਅਤ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ ਪਥਰਾਟ (Fossils) ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀਆਂ ਵਿੱਚ ਪੀੜ੍ਹੀ-ਦਰ-ਪੀੜ੍ਹੀ ਚੱਲਣ ਵਾਲੇ ਪੂਰਵਜਾਂ ਦੇ ਲੱਛਣ ਅਤੇ ਗੁਣਾਂ ਨੂੰ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਵਿਭਿੰਨਤਾ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਅਤੇ ਸਮਾਨ ਜਾਤੀ ਹੋਣ ਤੇ ਵੀ ਸੰਤਾਨਾਂ ਵਿੱਚ ਰੰਗ-ਰੂਪ, ਬੁੱਧੀਮਤਾ ਕੱਦ ਆਦਿ ਵਿਚ ਅੰਤਰ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਇਸਨੂੰ ਵਿਭਿੰਨਤਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਲਗਭਗ ਕਿੰਨੇ ਜੀਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
30000 ਤੋਂ 40000 ਤੱਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਜੀਨ ਕਿੱਥੇ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਨ ਗੁਣ ਸੂਤਰਾਂ ਤੇ ਨਿਸਚਿਤ ਸਥਾਨ ਤੇ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
‘AIDS’ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾਣੂ HIV ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੇਟਰੋ ਵਾਇਰਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੀਨ ਦਾ ਕੀ ਕਾਰਜ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕ ਲੱਛਣਾਂ ਦਾ ਨਿਰਧਾਰਨ, ਨਿਯੰਤਰਨ ਅਤੇ ਵਹਿਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
DNA ਅਤੇ RNA ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
DNA – ਡੀ-ਆਕਸੀਰਿਬੋ ਨਿਊਕਲੀਕ ਐਸਿਡ ।
RNA – ਰਿਬੋ ਨਿਊਕਲਿਕ ਐਸਿਡ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਆਟੋਮਸ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਨੁੱਖਾਂ ਵਿੱਚ 23 ਜੋੜੇ ਗੁਣ ਸੂਤਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਲਿੰਗ ਗੁਣ ਸੂਤਰਾਂ ਦਾ ਜੋੜਾ 23ਵਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਬਾਕੀ 22 ਜੋੜੇ ਆਟੋਸੋਮਸ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਸਮਜਾਤ ਅੰਗ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਜਾਤ ਅੰਗ-ਉਹ ਅੰਗ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਅਤੇ ਮੂਲ ਰਚਨਾ ਹੋਵੇ ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕਾਰਜ ਭਿੰਨ ਹੋਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸਮਰੂਪ ਅੰਗ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਅੰਗ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕਾਰਜਾਂ ਵਿਚ ਸਮਾਨਤਾ ਹੋਵੇ ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਅਤੇ ਮੁਲ ਰਚਨਾ ਭਿੰਨ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ੀ ਅੰਗ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੰਨ ਪਾਲੀ ਦੀਆਂ ਪੇਸ਼ੀਆਂ, ਕ੍ਰਿਮੀ ਰੂਪ ਪਰਿਸ਼ੇਸ਼ਿਕਾ, ਪੂੰਛ ਕਸ਼ੇਰੁਕ, ਨਿਮੇਸ਼ਕ ਪੱਟਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਬਾਇਓਜੈਨੇਟਿਕ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ-ਜੰਤੁ ਭਰੁਣ-ਵਿਕਾਸ ਦੇ ਸਮੇਂ ਆਪਣੇ ਪੁਰਵਜਾਂ ਦੇ ਜਾਤੀ ਵਿਕਾਸ ਦੀ ਉਤਰੋਤਰ ਅਵਸਥਾਵਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਟ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਿਯਮ ਨੂੰ ‘ਵਿਅਕਤੀ ਵਿੱਤ ਵਿਚ ਜਾਤੀਵਿੱਤ ਦੀ ਪੁਨਰਵਿਤੀ’ (Ontogeny repeats phylogeny) ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19,
ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕੀ ਇੰਜੀਨੀਅਰਿੰਗ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੀ ਕਿਰਿਆ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
DNA ਜਾਂ ਜੀਨ ਦੇ ਇੱਕ ਟੁਕੜੇ ਨੂੰ ਕੱਟ ਕੇ ਕਿਸੇ ਦੂਸਰੇ ਜੀਵਧਾਰੀ ਦੇ DNA ਦੇ ਨਾਲ ਵਿਸ਼ਿਸ਼ਟ ਐਂਜ਼ਾਈਮ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਜੋੜਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕ ਇੰਜੀਨੀਅਰੀ ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
‘ਫਾਸਿਲ ਡੇਟਿੰਗ’ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਪਥਰਾਟ ਵਿੱਚ ਪਾਏ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਤੱਤ ਦੇ ਵਿਭਿੰਨ ਸਮਸਥਾਨਿਕਾਂ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਪਥਰਾਟ ਦਾ ਸਮਾਂ ਨਿਰਧਾਰਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉਸਨੂੰ ਫਾਂਸਿਲ ਡੇਟਿੰਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਪ੍ਰਭਾਵੀ ਲੱਛਣ ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਭਾਵੀ ਲੱਛਣ – ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਉਹ ਲੱਛਣ ਜੋ ਵਿਖ਼ਮ ਅਵਸਥਾਵਾਂ ਵਿਚ ਖ਼ੁਦ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵੀ ਲੱਛਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਦਸਰਾਏ ਗਏ ਅੰਗ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦੇ ਅੰਗਾਂ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹਨ ? (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)

ਉੱਤਰ-
ਸਮਜਾਤ ਅੰਗ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਜੀਵ-ਵਿਕਾਸ ਦੇ ਪੱਖ ਤੋਂ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੰਗ ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਹਨ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ 5
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਸਮਰੂਪ ਅੰਗ ਹਨ । ਕਿਉਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਅੰਗਾਂ ਦੇ ਕਾਰਜ ਵਿੱਚ ਤਾਂ ਸਮਾਨਤਾ ਹੈ ਪਰ ਉਤਪੱਤੀ ਅਤੇ ਮੂਲ ਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ
(ੳ) ਅਤੇ
(ਅ) ਦਾ ਲਿੰਗ ਦੱਸੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ 7
ਉੱਤਰ-
(ਉ)-ਮਾਦਾ
(ਅ)-ਨਰ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੈਂਡਲ ਦੇ ਇੱਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲੰਬੇ ਮਟਰ ਦੇ ਪੌਦੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬੈਂਗਣੀ ਫੁੱਲ ਸਨ, ਦਾ ਸੰਕਰਣ ਬੌਣੇ ਪੌਦਿਆਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਫੈਦ ਫੁੱਲ ਸਨ, ਨਾਲ ਕਰਾਇਆ ਗਿਆ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸੰਤਾਨ ਦੇ ਸਾਰੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਫੁੱਲ ਬੈਂਗਣੀ ਰੰਗ ਦੇ ਸਨ । ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਲਗਭਗ ਅੱਧੇ ਬੌਣੇ ਸਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਕਿਹਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਲੰਬੇ ਜਨਕ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕ ਰਚਨਾ ਨਿਮਨ ਸੀ-
(a) TTWW
(b) TTww
(c) TtWW
(4) TtWw
ਉੱਤਰ-
(c) TtWW.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਮਜਾਤ ਅੰਗਾਂ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਹੈ :
(a) ਸਾਡਾ ਹੱਥ ਅਤੇ ਕੁੱਤੇ ਦਾ ਅਗਲਾ ਪੈਰ
(b) ਸਾਡੇ ਦੰਦ ਅਤੇ ਹਾਥੀ ਦੇ ਦੰਦ
(c) ਆਲੂ ਅਤੇ ਘਾਹ ਦੀਆਂ ਤਿੜਾਂ
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਵਿਕਾਸ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀਕੋਣ ਤੋਂ ਸਾਡੀ ਕਿਸ ਨਾਲ ਵਧੇਰੇ ਸਮਾਨਤਾ ਹੈ-
(a) ਚੀਨ ਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ
(b) ਚਿਮਪੈਂਜੀ
(c) ਮੱਕੜੀ
(d) ਬੈਕਟੀਰੀਆ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਚੀਨ ਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
‘AB’ ਖੂਨ ਵਰਗ ਅਤੇ ‘O’ ਖੂਨ ਵਰਗ ਵਾਲੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦੀ ਸੰਤਾਨ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
(a) ‘A’ ਖੂਨ ਵਰਗ ਵਾਲੀ
(b) ‘O’ ਖੁਨ ਵਰਗ ਵਾਲੀ
(c) ‘AB’ ਖੂਨ ਵਰਗ ਵਾਲੀ
(d) ‘A’ ਜਾਂ ‘B’ ਖ਼ੂਨ ਵਰਗ ਵਾਲੀ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ‘A’ ਜਾਂ ‘B’ ਖੂਨ ਵਰਗ ਵਾਲੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਅਵਸ਼ੇਸ਼ੀ ਅੰਗ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਨਹੀਂ ਹੈ-
(a) ਕੀਵੀ ਦੇ ਪੱਖ
(b) ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਰਦਨਕ ਦੰਦ
(c) ਵੇਲ਼ ਦੇ ਪਾਦ
(d) ਸੱਪ ਦੀ ਸ਼੍ਰੇਣੀ ਮੇਖਲਾ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਵੇਲ਼ ਦੇ ਪਾਦ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸਮਜਾਤ ਅੰਗ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਨਹੀਂ ਹੈ-
(a) ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਨਹੁੰ ਅਤੇ ਬਿੱਲੀ ਦੇ ਪੰਜੇ
(b) ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਹੱਥ ਅਤੇ ਕੁੱਤੇ ਦੇ ਅਗਲੇ ਪੈਰ
(c) ਚਿੜੀ ਅਤੇ ਚਮਗਿੱਦੜ ਦੇ ਪੰਖ
(d) ਮਨੁੱਖ ਅਤੇ ਹਾਥੀ ਦੇ ਦੰਦ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਚਿੜੀ ਅਤੇ ਚਮਗਿੱਦੜ ਦੇ ਪੰਖ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਿਹੜਾ ਇੱਕ ਟੈਸਟ ਕਾਸ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
(a) TT × TT
(b) Tt × tt
(c) tt × tt
(d) Tt × Tt.
ਉੱਤਰ-
(b) Tt × tt.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕੋਈ ਲੜਕੀ ਆਪਣੇ ਪਿਤਾ ਤੋਂ ਕਿਸ ਗੁਣਸੂਤਰ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
(a) X
(b) Y
(c) XY
(d) O.
ਉੱਤਰ-
(a) X.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕਤਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕੋਈ ਲੜਕਾ ਆਪਣੇ ਪਿਤਾ ਤੋਂ ਕਿਸ ਗੁਣਸੂਤਰ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
(a) X
(b) Y
(c) XY
(d) O.
ਉੱਤਰ-
(b) Y.

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ

(i) ਦੋ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਅੰਗਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਸਮਾਨ ਪਰੰਤੂ ਕੰਮ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਣ ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ……………… ਆਖਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮਜਾਤ

(ii) ਪ੍ਰਾਣੀਆਂ ਦੇ ਲੱਛਣਾਂ ਨੂੰ ……………… ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਨ

(iii) ਹਾਵੀ ਗੁਣ ਨੂੰ ……………… ਅਤੇ ਦੱਬੂ ਗੁਣ ਨੂੰ ……………… ਆਖਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਭਾਵੀ, ਅਪ੍ਰਭਾਵੀ

(iv) ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਲਿੰਗ ਦਾ ਨਿਰਧਾਰਨ ……………… ਦੇ ਗੁਣਸੂਤਰ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਿਤਾ

(v) ਮੈਂਡਲ ਨੇ ਆਪਣੇ ਮੱਠ ਦੇ ਬਗੀਚੇ ਵਿੱਚ ਮਟਰ ਦੇ ਪੌਦਿਆਂ ਤੇ ਲਗਭਗ ……………… ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ।
ਉੱਤਰ-
10,000.