PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
संचरणीय तथा असंचरणीय रोग किन्हें कहते हैं ? संचरणीय रोग किस प्रकार फैलते हैं ? वर्णन करो।
उत्तर-
संचरणीय रोग – ये ऐसे रोग हैं जो सूक्ष्मजीवों, विषाणुओं, जीवाणुओं, कवकों तथा प्रोटोजोआ द्वारा उत्पन्न होते हैं । इन रोगों के रोगाणु वायु, जल, भोजन, संपर्क तथा कीटों द्वारा संचारित होते हैं । ये रोग बीमार व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में संचारित होते हैं। इसलिए इन्हें संचरणीय रोग कहते हैं।

असंचरणीय रोग – ये रोग बीमार व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में नहीं फैलते। इसलिए इन्हें असंचरणीय रोग कहते हैं। डायबिटीज़, कैंसर, एनीमिया, क्वाशियोरकार आदि असंचरणीय रोग हैं।

संचरणीय रोग के फैलाव की विधि – संचरणीय रोग रोगी मनुष्य से स्वस्थ मनुष्य में दो प्रकार से फैलते हैं-
(i) प्रत्यक्ष स्थानांतरण
(i) अप्रत्यक्ष स्थानांतरण।

(i) प्रत्यक्ष स्थानांतरण – यह निम्नलिखित ढंगों द्वारा होता है-

  1. यह रोगी व्यक्ति के खांसने, छींकने तथा बात करने आदि से होता है। इसे ड्रोपलेट संक्रमण भी कहते हैं।
  2. यह संक्रमित व्यक्ति के स्वस्थ व्यक्ति से संपर्क द्वारा होता है।
  3. यह व्यक्ति के भूमि के साथ संपर्क द्वारा होता है।
  4. यह जंतुओं के काटने से होता है।
  5. यह रक्त द्वारा संचारित होता है।

(ii) अप्रत्यक्ष स्थानांतरण – यह निम्नलिखित ढंगों द्वारा होता है-

  1. यह कीटों तथा अन्य जंतुओं द्वारा होता है।
  2. यह संक्रमित जल, भोजन तथा वायु द्वारा होता है।
  3. यह धुआं तथा धूल आदि द्वारा होता है।

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प्रश्न 2.
यदि आपका घर स्वच्छ है किंतु पास-पड़ोस स्वस्थ नहीं है तो आप स्वस्थ रह सकते हैं ? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर-
हमारे स्वास्थ्य पर वातावरण का प्रभाव अवश्य पड़ता है। यदि हमारा वातावरण दूषित है तो यह निश्चित है कि उसका विपरीत प्रभाव हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा। यदि हमारा घर स्वच्छ हो, परंतु यदि पड़ोस का वातावरण अस्वच्छ है तो निश्चित रूप से हम स्वच्छ नहीं रह सकते। पड़ोस के लोगों की अस्वच्छ व्यक्तिगत आदतों के कारण वातावरण को स्वच्छ रखना कठिन होता है। यदि पड़ोस में रहने वाले लोग अपने अपशिष्ट पदार्थों का विसर्जन खुले में करें, गंद, गोबर गली में फेंके या नालियों द्वारा मल-मूत्र बाहर निकालें तो वातावरण किस प्रकार स्वच्छ रहेगा?

इन्हीं अपशिष्ट पदार्थों तथा गंदगी के ढेरों में रोगों को फैलाने वाले अनेक सूक्ष्म जीव तथा रोगाणु पलते हैं, जिनको मच्छर तथा मक्खियां हमारे भोजन पर लाकर छोड़ देती हैं। यही प्रदूषित भोजन हमारे स्वास्थ्य को खराब करता है। अतः अपना और पड़ोस का वातावरण शुद्ध रखना अत्यंत आवश्यक होगा।

प्रश्न 3.
मक्खी किस प्रकार संक्रमण फैलाती है?
उत्तर-
घरेलू मक्खियां संक्रमण फैलाने वाले जीवों के लिए सामान्य वाहक हैं। मक्खियों को प्रवृत्ति सदा कूड़े-कर्कट, मानव मल-मूत्र तथा भोजन की ओर आकृष्ट होने की रहती है। जब वे मल-मूत्र या सड़े-गले पदार्थों पर बैठती हैं तो असंख्य सूक्ष्म जीव उनकी टांगों, बालों तथा शरीर के अन्य भागों में चिपक जाते हैं। जब ये मक्खियां हमारे खाद्य-पदार्थों पर बैठती हैं तो वे सूक्ष्मजीव उन पदार्थों पर छोड़ जाती हैं। जब मनुष्य इन सूक्ष्म जीवों वाले खाद्य-पदार्थों का सेवन करता है तो वे सूक्ष्म जीव शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। शरीर में उचित वातावरण पाकर इनकी संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि हो जाती है जिस कारण हम रोगग्रस्त हो जाते हैं। इन मक्खियों द्वारा टायफाइड, हैज़ा आदि रोगाणु हम तक पहुंचते हैं। इसके अतिरिक्त मक्खियां घार, आँखों तथा त्वचा को भी संक्रमित करती हैं।

प्रश्न 4.
अच्छा स्वास्थ्य रखने में शिक्षा किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर-
स्वास्थ्य शिक्षा का ज्ञान ही मनुष्यों तथा समुदायों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य संबंधी सामान्य ज्ञान हो तो वह अपने तथा समुदाय के स्वास्थ्य को ठीक रखने में सहायता कर सकता है। स्वास्थ्य शिक्षा से हमें यह पता चलता है कि संतुलित आहार के लिए किस-किस पदार्थ का सेवन करना चाहिए जिससे सभी पोषक तत्व प्राप्त हो सकें। संतुलित आहार मनुष्य के शरीर में ऊर्जा तथा प्रतिरक्षक प्रदान करता है। इस प्रकार विभिन्न रोगों के फैलने के कारण तथा उनकी रोकथाम के उपाय पता हों तो स्वयं तथा अन्य व्यक्तियों को समय से पहले ही रोग से प्रभावित होने से बचाया जा सकता है। इस प्रकार का ज्ञान प्राप्त करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना होनी चाहिए।

कुछ सामान्य बातों का ज्ञान सभी के लिए आवश्यक होना चाहिए जैसे कि मलेरिया मच्छरों द्वारा फैलता है जो खड़े पानी में, तालाबों आदि में पलते हैं; मक्खियां गंदगो पर बैठकर हमारे भोजन पर करोड़ों को संख्या में कीटाणु छोड़ जाती हैं जिनसे हैजा, पेचिश, उल्टियां आदि लग सकती हैं। अतः स्वस्थ शिक्षा का ज्ञान होने से मक्खी, मच्छरों को मारा जा सकता है या इनसे बचाव किया जा सकता है। यदि इस प्रकार का ज्ञान प्राप्त हो तो सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण को नियंत्रण में रखा जा सकता है। इस प्रकार की शिक्षा का प्रसार हम सबको करना चाहिए ताकि सभी को स्वास्थ्य संबंधी मूलभूत विषयों की जानकारी तथा उचित प्रशिक्षण प्राप्त हो।

गांवों में सफाई का विशेष ध्यान रखने की विधियां, स्वच्छ पानी की व्यवस्था आदि का ज्ञान सभी को हो जाए तो कई रोगों से बचा जा सकता है। शिशु को कौन-से टीके किस आयु में लगवाने हैं-इस प्रकार की जानकारी सभी को उपलब्ध हो तो शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। स्वास्थ्य शिक्षा से अनेक प्रकार की असुविधाओं से सभी को सुरक्षित रखा जा सकता है।

प्रश्न 5.
रोगों को रोकने या उनको फैलने से रोकने के लिए कुछ उपाय लिखिए।
उत्तर-
रोगों को रोकने या उनको फैलने से रोकने के उपाय-

  1. शरीर को स्वच्छ रखना चाहिए तथा साफ़ वस्त्र पहनने चाहिए।
  2. आहार संतुलित होना चाहिए ताकि शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा ठीक बनी रहे।
  3. खाद्य पदार्थों को मक्खियों, मच्छरों, धूल-कण आदि से बचा कर सुरक्षित रखना चाहिए।
  4. घर तथा अड़ोस-पड़ोस में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि मच्छर वहां पर वृद्धि न कर सकें।
  5. सीवर व्यवस्था बहुत अच्छी होनी चाहिए ताकि जल-मल का विसर्जन ठीक हो।
  6. मानव के मल-मूत्र एवं घरेलू अपशिष्ट का निपटान ठीक प्रकार से होना चाहिए।
  7. खुले स्थानों पर मल त्यागने से पर्यावरण दूषित होता है तथा नदी-नालों का जल भी दूषित हो जाता है। इसलिए कम लागत वाले ढके पाखानों का निर्माण करना चाहिए।
  8. धूम्रपान, शराब या संवेदना मंदक पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
  9. यौन संबंध द्वारा फैलने वाले सिफ़लिस, गोनोरिया, एड्स जैसे रोगों की रोकथाम संयमित तथा स्वच्छ जीवन पद्धति द्वारा की जा सकती है।
  10. व्यक्तिगत तथा सामुदायिक स्तर पर पर्यावरण को साफ़ रखना चाहिए।

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प्रश्न 6.
अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक मूल परिस्थितियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य उसके शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक जीवन क्षमता की सामान्य स्थिति होता है। अच्छा स्वास्थ्य होने पर भी हम व्यक्ति के रूप में, एक समाज के रूप में, एक राष्ट्र के रूप में, अपनी क्षमता का उपयोग कर सकते हैं। अस्वस्थता तथा रोगों से मुक्ति अच्छे स्वास्थ्य के लक्षण हैं। चिंताओं तथा सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक तनावों से स्वतंत्र होना एक अच्छा स्वास्थ्य प्रदर्शित करता है। अत: अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अनलिखित मूल परिस्थितियां होती हैं-

1. उपयुक्त आहार – अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार आवश्यक होता है क्योंकि संतुलित आहार से ही हमें पोषक तत्व मिलते हैं जो शरीर को संक्रमण से बचाते हैं तथा प्रतिरक्षण प्रदान करते हैं।

2. व्यक्तिगत एवं घरेलू स्वास्थ्य विज्ञान – स्वास्थ्य व्यक्तिगत तथा सामुदायिक स्तर पर ठीक होना चाहिए। व्यक्तिगत स्तर पर शरीर स्वच्छ रखना, साफ़-सुथरे कपड़े पहनना, संतुलित आहार लेना तथा मादक एवं संवेदनामंदक पदार्थों से दूर रहना आदि बातों का ध्यान रखना होता है। घरेलू स्वास्थ्य के अंतर्गत, घरेलू अपशिष्ट पदार्थों का निपटान, मल-मूत्र त्यागने और विसर्जन का ठीक से निपटान तथा खाद्य पदार्थों को जीवाणुओं तथा रोगाणुओं से सुरक्षित रखना आदि प्रबंधन आते हैं। सूक्ष्म जीव ही हमारे भोजन को संक्रमित करके खराब करते हैं । इसलिए घरों में खाद्य पदार्थों को जालीदार अलमारी में रखने से मक्खियों तथा कीटों से बचाया जा सकता है। मल-मूत्र त्यागने के पश्चात् तथा भोजन से पहले हाथों को ठीक प्रकार से साबुन तथा पानी से धोने से सूक्ष्मजीवों से कुछ सीमा तक छुटकारा पाया जा सकता है।

3. स्वच्छ भोजन, जल एवं वायु – बाज़ार से फल, सब्जियां आदि लाने पर उन्हें स्वच्छ पानी से धोना चाहिए, जिसे पीड़कनाशक या धूल आदि जो बाहरी आवरण पर चिपके होते हैं, वे उतर जाते हैं और फल तथा सब्जियां सूक्ष्म जीव, कृमि आदि के प्रभाव से बच जाती हैं। इन सब्जियों को साफ़, ठंडे तथा मक्खी रहित स्थान पर भंडारित करना चाहिए।

पानी को उबाल कर छान कर पीने से पानी कीटाणु रहित हो जाता है। बीमारी वाले दिनों में तो अवश्य ही पानी को उबाल कर ही उपयोग में लाना चाहिए, ऐसा करने से पानी जीवाणुओं से मुक्त हो जाता है। बर्तन धोने, खाना पकाने तथा पीने आदि के लिए कभी भी तालाब या नदी का पानी प्रयोग नहीं करना चाहिए।

जिस प्रकार स्वच्छ भोजन और जल जीवन के लिए आवश्यक है, उसी प्रकार शुद्ध, स्वच्छ तथा ताजी वायु भी स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण है। यही शुद्ध वायु शरीर में भोजन का दहन करके शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है। प्रदूषित वायु में सांस लेने से श्वसन रोग हो जाते हैं। तंबाकू का प्रयोग करने वालों में कैंसर तथा हृदय रोगों की संभावना अधिक रहती है। धुएं रहित चूल्हों का उपयोग करने से उसके हानिकारक प्रभावों से महिलाओं को बचाया जा सकता है।

4. व्यायाम, विश्राम तथा व्यसन – नियमित व्यायाम शरीर तथा मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है। समय पर व्यायाम, विश्राम एवं सोना शारीरिक प्रक्रियाओं को दक्षतापूर्ण कार्य करने में सहायक है। अच्छा स्वास्थ्य होने पर भी यदि हमें किसी व्यसन की आदत पड़ जाए तो शरीर में मानसिक तथा शारीरिक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। तंबाकू के प्रयोग से मुख और फेफड़ों का कैंसर हो जाता है। शराब मस्तिष्क की जागरूकता को कम करती है तथा इसका अधिक सेवन यकृत में विकार उत्पन्न करता है। अतः इन मादक और नशीले पदार्थों के व्यसन से बचना चाहिए।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य किसे कहते हैं ?
उत्तर-
स्वास्थ्य – स्वास्थ्य मानव शरीर के सभी अंगों तथा तंत्रों के ठीक से कार्य करने की स्थिति है। किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ्य उसके शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक जीवन क्षमता की सामान्य स्थिति है। उद्देश्यपूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य आवश्यक है। अस्वस्थता तथा रोगों से मुक्ति अच्छे स्वास्थ्य के लक्षण हैं किंतु स्वास्थ्य में चिंताओं तथा सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक तनावों से स्वतंत्रता भी इसमें सम्मिलित है। स्वास्थ्य अच्छा होने पर हम व्यक्ति, समाज तथा एक राष्ट्र के रूप में अपनी क्षमता का सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखना किस प्रकार कठिन हो गया है ?
उत्तर-
बढ़ती जनसंख्या तथा घनी आबादी के क्षेत्रों में रहन-सहन के कारण अपशिष्ट पदार्थों की अधिकता वायु तथा जल को प्रदूषित करती है। कारखानों और विकिरणों के कारण उत्पन्न प्रदूषण आदि ऐसी समस्याएं हैं जो पर्यावरण को अधिक मात्रा में प्रदूषित करती हैं। व्यक्तिगत आदतें सारे समुदाय के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती हैं। वाहनों से निकला धुआं, चिमनियों से निकला धुआं तथा सह-उत्पाद सभी मिलकर वायु तथा जल को अर्थात् पर्यावरण को लगातार प्रदूषित करते रहते हैं। इसके अतिरिक्त घरेलू तथा सामुदायिक अस्वस्थ परंपराएं भी पर्यावरण पर कुप्रभाव डालती हैं।

प्रश्न 3.
व्यक्तिगत स्तर पर ठीक स्वास्थ्य के लिए हमारे क्या कर्तव्य हो सकते हैं?
उत्तर-
व्यक्तिगत स्तर पर शरीर को प्रतिदिन साफ़ पानी से धोना चाहिए ताकि उस पर चिपकी धूल आदि हट जाए। त्वचा साफ़ हो तो दुर्गंध नहीं आती तथा चर्म रोग आदि के लगने की संभावना कम होती है। हमारे कपड़े स्वच्छ होने चाहिएं। बर्तनों तथा खाद्य पदार्थों को मक्खियों तथा कीटों से बचा कर जालीदार अलमारी में रखना चाहिए। मल-मूत्र त्यागने के पश्चात् तथा भोजन से पहले हाथों को साबुन से तथा पानी से अच्छी तरह धो लेने से वे रोगाणु मुक्त हो जाते हैं। पानी को उबाल कर पीना लाभप्रद होगा।

प्रश्न 4.
संचरणीय तथा असंचरणीय रोगों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
संचरणीय तथा असंचरणीय रोगों में अंतर-

संचरणीय रोग असंचरणीय रोग
(1) यह रोग शरीर में रोगाणुओं के प्रवेश कर जाने के कारण होता है। (1) ये रोग अन्य कारणों से उत्पन्न होते हैं-जैसे उपापचय, संतुलित भोजन न मिलने से, शरीर के किसी भाग में अनियंत्रित कोशिका विभाजन इत्यादि से।
(2) रोग का फैलाव वायु, पानी, दूध, भोजन तथा माता के प्लेसैंटा से भ्रूण में हो सकता है। (2) इनके फैलाव के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती।
(3) ये रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संपर्क द्वारा फैलते हैं। (3) ये रोग शरीर में उत्पन्न होते हैं। संपर्क द्वारा नहीं फैलते।

प्रश्न 5.
सूक्ष्मजीव हमारे शरीर में किन-किन साधनों से प्रवेश करते हैं ? प्रत्येक का उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
सूक्ष्मजीव हमारे शरीर में वायु, जल तथा भोजन द्वारा, त्वचीय स्पर्श द्वारा प्रवेश करते हैं। सामान्य सर्दी या जुकाम में वायरस वायु द्वारा फैलते हैं। हैजा, जठरांत्र शोथ तथा मियादी बुखार के जीवाणु भोजन तथा जल के माध्यम से फैलते या शरीर में प्रवेश करते हैं। रिंगवर्म एक प्रकार की फंगस का संक्रमण है। यह त्वचा के स्पर्श द्वारा फैलती है। सिफलिस, गोनोरिया जैसे यौन रोग जीवाणुओं से फैलते हैं और एड्स वायरस से फैलता है।

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प्रश्न 6.
उन दो स्थितियों को बताइए जिसके कारण हमारे देश में स्वास्थ्य समस्याओं का उन्मूलन अभी तक संभव नहीं हो सका।
उत्तर-

  • चिकित्सा सुविधाओं के अत्यधिक प्रसार के बाद भी इन सुविधाओं की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध नहीं है।
  • इन रोगों को जड़ से समाप्त कर देने के लिए सामाजिक स्तर पर आवश्यक परिस्थितियों का अभाव है। मलमूत्र के सुरक्षित विसर्जन के लिए उपयुक्त व्यवस्था का न होना तथा जनता में शिक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान के कारण अभाव के प्रत्येक नागरिक इस दिशा में सक्रिय योगदान प्रदान नहीं कर पाता।

प्रश्न 7.
डायरिया क्या है ? इससे बच्चे को बचाने की विधि लिखिए।
उत्तर-
डायरिया के कारण बच्चे को उल्टी तथा दस्त लगते हैं जिसके परिणाम में उनमें निर्जलीकरण की संभावना बढ जाती है। निर्जलीकरण से बचाने के लिए बच्चे को निम्नलिखित विधि से तैयार किया घोल एक दिन में 5-6 बार दिया जाना चाहिए। एक गिलास स्वच्छ पानी में तीन चम्मच चीनी, एक चौथाई चम्मच नमक, एक चुटकी खाने का सोडा तथा कुछ बूंदें नींबू के रस की मिलाकर घोल तैयार किया जाता है। इसके अतिरिक्त सूप, दाल, चावल का पानी तथा छाछ भी पानी की कमी को पूरा करते हैं।

प्रश्न 8.
एक वर्ष तक के बच्चे को लगने वाले टीके लिखिए।
उत्तर-

  1. B.C.G. – यह टीका शुरू में ही क्षय रोग से बचाने के लिए लगाया जाता है।
  2. खसरा का टीका – यह छोटी माता या खसरा से बचने के लिए लगाया जाता है।
  3. पोलियो – इसकी दवाई मुंह द्वारा दी जाती है। प्रत्येक मास के अंतर पर इसे तीन बार दिया जाना चाहिए।
  4. D.P.T. के तीन टीके एक-एक मास के अंतर पर दिये जाते हैं। इनसे बच्चा डिप्थीरिया, कुकुर खांसी तथा टिटनेस से सुरक्षित रहता है।

प्रश्न्र 9.
क्षय रोग कौन-से अंग को प्रभावित करता है? यह कैसे फैलता है ? इससे कैसे बचा जा सकता है ?
उत्तर-
क्षय रोग मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, परंतु बाद में लिंफनोड, मस्तिष्क, अस्थियां तथा आंत भी प्रधावित हो जाते हैं।
गोग थक दवारा फैलता है।
इससे बचने के लिए बी० सी० जी० (B.C.G.) के टीके लगवाने चाहिए।

प्रश्न 10.
यदि किसी व्यक्ति को कुत्ता काट जाए तो क्या उपाय करना चाहिए?
उत्तर-
कुत्ते के काटने से बने घाव को साबुन तथा साफ़ पानी से धोकर रोगाणुनाशक दवाई लगानी चाहिए। जब काटने वाला कुत्ता पागल हो तो काटे गए व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह पर एंटीरेबीज़ टीके अवश्य लगवाने चाहिएं।

प्रश्न 11.
कारणात्मक जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्राय: संक्रामक बीमारियां एक प्राणी से दूसरे प्राणियों तक वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ, कवक और कृमियों के द्वारा पहुंचती हैं। हैजा, क्षय रोग तथा टायफाइड को बैक्टीरिया फैलाते हैं। चेचक, छोटी माता, पोलियो, रेबीज़, जुकाम आदि वायरस से फैलते हैं। दस्त और पेचिश आंतरिक गड़बड़ियों से फैलते हैं। बीमारी फैलाने में सहायक इन जीवों को कारणात्मक जीव कहते हैं।

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प्रश्न 12.
टीके पर तापमान और समय सीमा का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
टोके पर तापमान का प्रभाव पड़ता है। उसे कम तापमान में रखना चाहिए क्योंकि उच्च तापमान पर वे नष्ट हो जाते हैं। उनका संरक्षण समय सीमित होता है। अधिक समय तक उनका प्रयोग न होने पर उनकी शक्ति का प्रभाव नष्ट हो जाता है जिसे पुनः हासिल नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 13.
वाहक (Vector) से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
वाहक (Vector) – बीमारी फैलाने वाले सूक्ष्म जीवों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने वाले जीवों को वाहक कहते हैं। घरेलू मक्खी हैजे, पेचिश आदि के कीटाणुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती है तो मादा एनाफ्लीज़ मच्छर मलेरिया को फैलाते हैं। ऐडीज मच्छर डेंगू को फैलाता है।

प्रश्न 14.
एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक) किसे कहते हैं ? ये किस प्रकार अपना कार्य करते हैं ?
उतर-
ये वे पदार्थ हैं जो सूक्ष्म जीवों से उत्पन्न किए जाते हैं और ये सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को रोकते हैं। पैनिसीलिन ऐसा पहला प्रति जैविक पदार्थ है जो मनुष्य द्वारा उपयोग के लिए तैयार किया गया है। एंटीबायोटिक सामान्य रूप से बैक्टीरिया के महत्त्वपूर्ण जैव रासायनिक मार्ग को बंद कर देते हैं। अनेक बैक्टीरिया अपनी रक्षा के लिए एक कोशिका भित्ति बना लेते हैं पर एंटीबायोटिक उनकी कोशिका भित्ति बनाने वाली प्रक्रिया को बाधित कर देते हैं जिस कारण वे सरलता से मर जाते हैं।

प्रश्न 15.
कुछ सामान्य बीमारियों को वर्गीकृत करें जो कारणात्मक जीवों के द्वारा होती हैं ?
उत्तर-
(क) जीवाणुओं द्वारा फैलाये जाने वाले रोग – जो बीमारियां जीवाणुओं के द्वारा फैलाई जाती हैं उन्हें बैक्टीरियल कहते हैं, जैसे-क्षय रोग, हैजा, टायफाइड, दस्त, टैटनस, डिप्थीरिया आदि।

(ख) विषाणुओं द्वारा फैलाये जाने वाले रोग – जो बीमारियां वायरस के द्वारा फैलती हैं उन्हें वायरल बीमारियां कहते हैं, जैसे-पोलियो, चिकन पाक्स, रेबीज़, जुकाम, खसरा, एडस आदि।

(ग) प्रोटोजोआ द्वारा फैलाये जाने वाले रोग – जो बीमारियां प्रोटोजोआ के द्वारा फैलाई जाती हैं उन्हें प्रोटोजाअन कहते हैं, जैसे-डायरिया, गैस्ट्रोइटाइटिस, मलेरिया आदि।

(घ) कवक द्वारा फैलाये जाने वाले रोग – जो रोग कवकों के द्वारा फैलाये जाते हैं उन्हें कवकीय रोग कहते हैं। जैसे—दाद, त्वचा रोग आदि।

प्रश्न 16.
जुकाम से बचना कठिन है, इस पर विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर-
जुकाम ऐसी बीमारी है जो शायद विश्व के सभी लोगों को कभी न कभी संक्रमित कर चुकी है। इसके लिए अनेक वायरस ज़िम्मेदार होते हैं जिनसे पूरी तरह बचाव बहुत कठिन है। इनके प्रभाव से श्वसन नलिका की ऊपरी श्लेष्मा झिल्ली, नाक और गला संक्रमित होते हैं जिस कारण नाक और आंखों से तरल पदार्थ निकलता है। शरीर के संक्रमित भाग पर जलन होती है। कुछ विशेष औषधियों से इनको कुछ सीमा तक कम करने में सहायता मिलती है। विटामिन-सी इसके लिए उपयोगी है।

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प्रश्न 17.
टीकाकरण क्या है?
उत्तर-
टीकाकरण – वर्तमान युग में रोगों से बचने या उनके उपचार के लिए टीकाकरण की बहुत अधिक सहायता ली जाती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पदार्थ का संरोपण एक स्वस्थ व्यक्ति में किया जाता है ताकि उसमें विशेष बीमारी के प्रति प्रतिरक्षित पैदा हो जाए। प्रतिरक्षण पॉस्क के बाध्य बीमारी को पहचानने, समाप्त करने और उसे पूरी तरह उखाड़ फेंकने में सहायता मिलती है। टीकाकरण प्रक्रिया में किसी सूक्ष्मजीव की जीवित या मृत कुछ मात्रा को व्यक्ति के शरीर में पहुंचाया जाता है जो बीमारी के विपरीत प्रतिरक्षा करते हुए हानिकारक बाह्य सूक्ष्म जीवों को नष्ट कर देते हैं। टीके में रोग वाहक सूक्ष्म जीव कम सांद्रित अवस्था में होते हैं।

प्रश्न 18.
सामुदायिक स्वास्थ्य की देखभाल के विभिन्न तत्व बताओ।
उत्तर-
सामुदायिक स्वास्थ्य की देखभाल के विभिन्न तत्व निम्नलिखित हैं-

  1. जनता के लिए सुरक्षित स्वच्छ पीने का जल।
  2. बच्चों को अल्पपोषण तथा कुपोषण से बचाने के लिए पौष्टिक भोजन तथा दूध ।
  3. स्वास्थ्य शिक्षा।
  4. चिकित्सा सहायता तथा इलाज।
  5. बच्चों को पोलियो, टी० बी०, टेटनस, डिप्थीरिया, हिपेटिटिस आदि का टीका लगाना।
  6. परिवार नियोजन तथा सलाह।

प्रश्न 19.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रसन्न रहना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
स्वस्थ रहने के लिए हमें प्रसन्न रहना आवश्यक है। यदि किसी से हमारा व्यवहार ठीक नहीं है और हम एक-दूसरे से डरते हैं तो हम प्रसन्न तथा स्वस्थ नहीं रह सकते। व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए सामाजिक समानता बहुत ज़रूरी है। अनेक सामुदायिक और व्यक्तिगत समस्याएँ हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम हर अवस्था में प्रसन्न रहने का प्रयत्न करें।

प्रश्न 20.
तीव्र तथा दीर्घकालिक रोग में अंतर लिखिए।
उत्तर-
तीव्र तथा दीर्घकालिक रोग में अंतर-

तीव्र (प्रचंड) रोग दीर्घकालिक रोग
1. तीव्र रोगों की अवधि बहुत लंबो नहीं होती। 1. दीर्घकालिक रोगों की अवधि बहुत लंबी होती है।
2. ये रोग जीवन भर नहीं रहते। 2. ये रोग जीवन भर रह सकते हैं।
3. इन से शरीर को क्षति बहुत गंभीर नहीं होती। उदाहरण – खांसी, जुकाम। 3. इनकी शरीर को क्षति बहुत गंभीर हो सकती है। ये मृत्यु का कारण भी बन सकते हैं।
उदाहरण – क्षय रोग।

प्रश्न 21.
पेप्टिक व्रण का संबंध किससे माना जाता था ? इसका वास्तविक कारण और उपचार क्या है ?
उत्तर-
अनेक वर्षों से माना जाता था कि पेप्टिक व्रण का संबंध ग्रहणी में ऐसिटिडी (Acidity) से है। परेशानी और चिंता से आमाशय में एसिड का स्राव होता है जिस कारण पेप्टिक व्रण हो जाता है पर ऑस्ट्रेलिया के डॉ० रॉबिन वॉरेन तथा बैरी मॉर्शल ने पता लगाया है कि यह रोग हेलीको बैक्टर पायलोरी नामक एक बैक्टीरिया से होता है जो आमाशय के निचले भाग में इकट्ठे हो जाते हैं। अब इस रोग का उपचार बड़ी सरलता से प्रतिजैविक के प्रयोग से किया जाता है।

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प्रश्न 22.
बैक्टीरिया को एंटिबायोटिक प्रभावित करते हैं पर मानव को नहीं। क्यों ?
उत्तर-
एंटिबायोटिक सामान्यतः बैक्टीरिया के महत्त्वपूर्ण जैव रासायनिक मार्ग को बंद कर देते हैं। अनेक बैक्टीरिया अपनी रक्षा के लिए कोशिका भित्ति बना लेते हैं। पैनिसिलीन एंटिबॉयोटिक बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति बनाने वाली प्रक्रिया को बाधित कर देती है। जिस कारण बैक्टीरिया कोशिका भित्ति नहीं बना सकते हैं और वे सरलता से मर जाते हैं। मानव की कोशिकाएं कोशिका भित्ति नहीं बना सकती इसलिए पेनिसिलीन का प्रभाव हम पर नहीं होता। पेनिसिलीन ऐसे सभी बैक्टीरिया को प्रभावित करते हैं जिनमें कोशिका भित्ति बनाने की प्रक्रिया होती है। इसलिए अनेक एंटिबायोटिक बैक्टीरिया की अनेक स्पीशीज़ को प्रभावित करते हैं न कि केवल एक स्पीशीज़ को।

प्रश्न 23.
वाइरस पर एंटिबायोटिक का प्रभाव क्यों नहीं दिखाई देता ?
उत्तर-
वाइरस की जैव प्रक्रियाएं बैक्टीरिया से भिन्न होती हैं। वे मेजबानों की कोशिकाओं में रहते हैं। इनमें ऐसा मार्ग नहीं होता जैसा कि बैक्टीरिया में होता और यही कारण है कि कोई भी एंटिबायोटिक बैक्टीरिया संक्रमण पर प्रभावकारी नहीं है। यदि हम खांसी-जुकाम से ग्रस्त हैं तो एंटिबायोटिक लेने से रोग की तीव्रता अथवा उसकी समय विधि कम नहीं होती।

प्रश्न 24.
शोथ के कारण शरीर पर कुछ स्थानीय सामान्य प्रभाव क्या पड़ते हैं और क्यों ? ।
उत्तर-
संक्रामक रोगों के ऊतक-विशिष्ट प्रभाव के अतिरिक्त उनके अन्य सामान्य प्रभाव भी होते हैं। अधिकांश सामान्य प्रभाव इस पर निर्भर करते हैं कि संक्रमण से शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र क्रियाशील हो जाएँ। एक सक्रिय प्रतिरक्षा तंत्र प्रभावित ऊतक के चारों ओर रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीवों को मारने के लिए अनेकों कोशिकाएं बना देता है। नई कोशिकाओं के बनने के प्रक्रम को शोथ कहते हैं। इस प्रक्रम के अंतर्गत स्थानीय प्रभाव जैसे फूलना तथा दर्द होना और सामान्य प्रभाव जैसे बुखार होते हैं।

प्रश्न 25.
एड्स (AIDS) क्या है ? इसके संक्रमण के क्या कारण हैं ? इससे सुरक्षा के उपायों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
एड्स (AIDS) एक अति भयानक संक्रामक रोग है जिसका उपचार आज तक वैज्ञानिकों के द्वारा नहीं खोजा जा सका है। इसका पूरा नाम उपार्जित प्रतिरक्षा न्यूनता सिंड्रोम (Acquired Immuno Deficiency Syndrome) है जो HIV (Human Immuno Virus) नामक विषाणु से फैलता है। यह विषाणु मानव शरीर में पहुँच कर प्रतिरक्षा तंत्र को नष्ट कर देता है जिसके परिणामस्वरूप शरीर की प्रतिरोध क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है और व्यक्ति किसी संक्रमण से पीडित हो कर मर जाता है।

संक्रमण के कारण – एड्स का संक्रमण निम्नलिखित कारणों से होता है-

  1. एड्स रोग से संक्रमित व्यक्ति के साथ लैंगिक संबंध ।
  2. एड्स से ग्रसित व्यक्ति से रक्त स्थानांतरण के द्वारा।
  3. समलैंगिक संभोग।
  4. एड्स-पीड़ित माता से शिशु जन्म।
  5. संक्रमित सूई के प्रयोग से।
  6. एड्स से ग्रसित माता के द्वारा शिशु के स्तनपान द्वारा। रोग की जाँच-एड्स की जांच ELISA विधि से की जाती है।

बचाव-

  1. रक्त स्थानांतरण से पहले सुनिश्चित कर लिया जाना चाहिए कि रक्त HIV मुक्त होगा।
  2. लैंगिक संबंध अति सावधानीपूर्वक बनाए जाने चाहिए।
  3. टीके की सूई का इस्तेमाल केवल एक ही बार किया जाना चाहिए।

एड्स संक्रमण किससे नहीं होता – हाथ मिलाने से, गले मिलने से, खेलकूद जैसे कुश्ती और कोई अन्य विधि जिससे हम सामाजिक-संपर्क में आते हैं।

प्रश्न 26.
HIV-AIDS रोगी की मृत्यु का कारण किस लिए बन जाता है ?
उत्तर-
संक्रमण के विशिष्ट ऊतक कई बार अति सामान्य प्रभाव को लक्षित करते हैं। HIV संक्रमण में वाइरस प्रतिरक्षा तंत्र में जाते हैं और इसके कार्य को नष्ट कर देते हैं। HIV-AIDS से अनेक प्रभाव इसलिए होते हैं क्योंकि हमारा शरीर प्रतिदिन होने वाले छोटे संक्रमणों का मुकाबला नहीं कर पाता। हल्के-खांसी-जुकाम से भी निमोनिया हो सकता है तथा आहार नाल के संक्रमण से रुधिरयुक्त प्रवाहिका हो सकता है। ऐसे छोटे-छोटे अन्य संक्रमण ही HIV-AIDS के रोगी की मृत्यु का कारण बनते हैं।

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प्रश्न 27.
किसी रोग की तीव्रता किस बात पर निर्भर करती है ?
उत्तर-
रोग की तीव्रता की अभिव्यक्ति शरीर में स्थित सूक्ष्मजीवों की संख्या पर निर्भर करती है। यदि सूक्ष्मजीव की संख्या बहुत कम है तो रोग की अभिव्यक्ति भी कम होगी। यदि उसी सूक्ष्मजीव की संख्या अधिक होगी तो रोग की अभिव्यक्ति इतनी तीव्र होगी कि जीवन को भी खतरा हो सकता है।

प्रश्न 28.
एंटी वाइरल औषधि बनाना एंटी बैक्टीरियल औषधि बनाने से कठिन क्यों है ?
उत्तर-
एंटी वाइरल औषधि का बनाना एंटीबैक्टीरियल औषधि के बनाने की अपेक्षा कठिन होता है। इसका कारण है कि बैक्टीरिया में अपनी जैव रासायनिक प्रणाली होती है जबकि वाइरस में अपनी जैव रासायनिक प्रणाली बहुत कम होती है। वाइरस हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और अपनी जीवन प्रक्रिया के लिए हमारी मशीनरी का उपयोग करते हैं। इसका अर्थ यह है कि आक्रमण करने के लिए अपेक्षाकृत कम वाइरस विशिष्ट लक्ष्य होते हैं।

प्रश्न 29.
यदि एक बार किसी को चेचक हो जाए तो दुबारा उसे कभी चेचक नहीं हो सकती। क्यों ?
उत्तर-
यदि कोई व्यक्ति एक बार चेचक से ग्रसित हो जाए तो उसे दुबारा यह रोग कभी नहीं हो सकता क्योंकि जब रोगाणु प्रतिरक्षा तंत्र पर पहली बार आक्रमण करते हैं तो प्रतिरक्षा तंत्र रोगाणुओं से इसके प्रति क्रिया करता है और फिर इसका विशिष्ट रूप से स्मरण कर लेता है। इस प्रकार जब वहीं रोगाणु या उससे मिलता-जुलता रोगाणु संपर्क में आता है तो पूरी शक्ति से उसे नष्ट कर देता है। इससे पहले संक्रमण की अपेक्षा दूसरा संक्रमण शीघ्र ही समाप्त हो जाता है। यह प्रतिरक्षाकरण के नियम का आधार है।

प्रश्न 30.
टीकाकरण से प्रतिरक्षा तंत्र को ‘मूर्ख’ बनाना क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
टीकाकरण का सामान्य नियम है कि शरीर में विशिष्ट संक्रमण प्रविष्ट कराकर प्रतिरक्षा तंत्र को ‘मूर्ख’ बनाना। वह उन रोगाणुओं की नकल करता है जो टीके के द्वारा शरीर में पहुंचे हैं। यह वास्तव में रोग पैदा नहीं करते लेकिन यह वास्तव में रोग पैदा करने वाले रोगाणुओं को उसके बाद रोग पैदा करने से रोकता है।

प्रश्न 31.
हमारे देश में छोटे बच्चे हिपेटाइटिस ‘A’ के प्रति किस प्रकार प्रतिरक्षी हो चुके हैं ?
उत्तर-
हिपेटाइटिस के कुछ वाइरस जिससे पीलिया होता है, पानी द्वारा संचारित होता है। हिपेटाइटिस ‘A’ के लिए टीका उपलब्ध है। पर हमारे देश के अधिकांश भागों में जब बच्चे की आयु पांच वर्ष होती है तब तक वह हिपेटाइटस ‘A’ के प्रति प्रतिरक्षी हो चुका होता है। इसका कारण यह है कि वह पानी के द्वारा वाइरस के प्रभाव में आ चुका हो।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य एवं रोग किस समुदाय में एक जटिल समस्या है ?
उत्तर-
मानव समुदाय में।

प्रश्न 2.
मानवीय अंगों में चलने वाली चार विशिष्ट क्रियाएं लिखिए।
उत्तर-
हृदय का धड़कना, फेफड़ों का साँस लेना, वृक्क में निस्पंदन द्वारा मूत्र बनना, मस्तिष्क का सोचना।

प्रश्न 3.
वृक्क में निस्पंदन न होने से शरीर में क्या होगा ?
उत्तर-
शरीर में विषैले पदार्थ एकत्रित हो जाएंगे।

प्रश्न 4.
मानवीय शरीर को भोजन की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-
कोशिकाओं तथा ऊतकों को कार्य करने के लिए।

प्रश्न 5.
स्वास्थ्य क्या है ?
उत्तर-
स्वास्थ्य वह अवस्था है जिस के अंतर्गत शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक कार्य समुचित क्षमता से उचित प्रकार किया जा सके।

प्रश्न 6.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए किस-किस बात की आवश्यकता है ?
उत्तर-
सामुदायिक स्वच्छता, भोजन, अच्छी आर्थिक स्थिति।

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प्रश्न 7.
‘बोधित आराम’ और ‘असुविधा’ क्या है ?
उत्तर-
रोग का दूसरा नाम।

प्रश्न 8.
शरीर की क्रियाओं में बदलाव क्या दर्शाते हैं ?
उत्तर-
रोग के लक्षण।

प्रश्न 9.
किन्हीं चार लक्षणों को लिखिए जिनसे रोग का पता लगता है ?
उत्तर-
सिरदर्द, खांसी, दस्त, किसी घाव में मवाद।

प्रश्न 10.
लक्षण किसी चिकित्सक को किस बात के संकेत देते हैं ?
उत्तर-
किसी रोग के बारे सुनिश्चित संकेत देते हैं।

प्रश्न 11.
जिन रोगों की अवधि कम होती है उन्हें क्या कहते हैं ?
उत्तर-
तीव्र रोग अथवा प्रचंड रोग।

प्रश्न 12.
लंबी अवधि तक या जीवनपर्यंत रहने वाले रोगों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
दीर्घकालिक रोग।

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प्रश्न 13.
तीव्र रोग का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
खांसी-जुकाम।

प्रश्न 14.
दीर्घकालिक रोग का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
एलिफेनटाइसिस अथवा पील पांव रोग।

प्रश्न 15.
स्वास्थ्य को अधिक क्षति किस प्रकार के रोग से होती है ?
उत्तर-
दीर्घकालिक रोग से।

प्रश्न 16.
पतले दस्त लगने का कारण क्या है ?
उत्तर-
दूषित भोजन और गंदे पानी का प्रयोग।

प्रश्न 17.
संक्रमण रोग किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वे रोग जिन के तात्कालिक कारक सूक्ष्मजीव होते हैं उन्हें संक्रामक रोग कहते हैं। ये सूक्ष्मजीव समुदाय में रोग फैला देते हैं।

प्रश्न 18.
कैंसर रोग का क्या कारण है ?
उत्तर-
आनुवांशिक असामान्यता।

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प्रश्न 19.
ऐसिडिटी और पेप्टिक व्रण का कारण क्या माना जाता था ?
उत्तर-
परेशानी भरी सोच और चिंता।

प्रश्न 20.
पेप्टिक व्रण किस कारण होता है ?
उत्तर-
हेलीको बैक्टर पायलोरी नामक बैक्टीरिया द्वारा।

प्रश्न 21.
किन दो वैज्ञानिकों ने पैप्टिक व्रण के कारक बैक्टीरिया का पता लगाया ?
उत्तर-
ऑस्ट्रेलिया के रोग विज्ञानी रॉबिन वॉरेन तथा बैरी मार्शल ने।

प्रश्न 22.
पैप्टिक व्रण का उपचार अब किस से हो जाता है ?
उत्तर-
प्रतिजैविक के प्रयोग से।

प्रश्न 23.
वॉरेन और मार्शल को पैप्टिक व्रण के उपचार को खोजने के लिए कब नोबेल पुरस्कार दिया गया ?
उत्तर-
सन् 2005 में।

प्रश्न 24.
वायरस से होने वाले चार रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
खांसी-जुकाम, इंफ्लुएंजा, डेंगु बुखार तथा AIDSI

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प्रश्न 25.
बैक्टीरिया से फैलने वाले चार रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
टायफॉयड, हैज़ा, क्षय रोग, एंथ्रेक्स।

प्रश्न 26.
प्रोटोजोआ से कौन-से दो रोग फैलते हैं ?
उत्तर-
मलेरिया तथा कालाजार।

प्रश्न 27.
सामान्य त्वचा रोग किससे फैलते हैं ?
उत्तर-
विभिन्न प्रकार की फंजाई से। प्रश्न 28. रोग फैलाने वाले किस कारक का गुणन अपेक्षाकृत धीमा होता है ?
उत्तर-
कृमि का गुणन।

प्रश्न 29.
रोग की अवस्था में एंटिबायोटिक क्या करते हैं ?
उत्तर-
एंटिबायोटिक बैक्टीरिया के महत्त्वपूर्ण जैव रासायनिक मार्ग को बंद कर देते हैं।

प्रश्न 30.
पैनिसिलीन एंटिबायोटिक मूल रूप से क्या करता है ?
उत्तर-
बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति बनाने वाली प्रक्रिया को पैनिसिलीन बाधित कर देती है। मानव की कोशिकाएं कोशिका भित्ति नहीं बना सकतीं। इसलिए पैनिसिलीन का प्रभाव हम पर न होकर बैक्टीरिया पर होता है।

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प्रश्न 31.
किस कारण एक एंटिबायोटिक बैक्टीरिया की अनेक स्पीशीज़ को प्रभावित करता है ?
उत्तर-
जो एंटिबायोटिक किसी भी बैक्टीरिया के जैव रासायनिक मार्ग को बंद कर कोशिका भित्ति बनाने की प्रक्रिया को बाधित कर सकता है वह उन सब को प्रभावित करता है।

प्रश्न 32.
एंटिबायोटिक का प्रभाव रोग फैलाने वाले किस कारक को प्रभावित नहीं करता ?
उत्तर-
वाइरस को।

प्रश्न 33.
सामान्य खांसी-जुकाम पर एंटिबायोटिक प्रभाव क्यों नहीं दिखा पाते ?
उत्तर-
सामान्य खांसी-जुकाम वाइरस से होता है और एंटिबायोटिक वाइरस को प्रभावित नहीं कर पाते।

प्रश्न 34.
जल से संक्रमण कैसे होता है ?
उत्तर-
जब संक्रमणीय रोग से ग्रसित रोगी के अपशिष्ट पेयजल में मिल कर स्वस्थ व्यक्ति के द्वारा जानेअनजाने पी लिया जाता है तो रोग का संक्रमण हो जाता है।

प्रश्न 35.
लैंगिक संपर्क से फैलने वाले दो रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
सिफलिस, AIDS ।

प्रश्न 36.
लैंगिक संचारी रोग किस प्रकार नहीं फैलते ?
उत्तर-
हाथ मिलाने, गले मिलने, खेल-कूद, कुश्ती आदि से।

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प्रश्न 37.
किसी सामान्य रोग वाहक का नाम लिखिए।
उत्तर-
मच्छर।

प्रश्न 38.
मच्छर समतापी प्राणियों का रक्त क्यों पीता है ?
उत्तर-
अत्यधिक पोषण के लिए ताकि परिपक्व अंडे दे सके।

प्रश्न 39.
यदि सूक्ष्मजीवी हवा से नाक द्वारा शरीर में प्रवेश करें तो वे कहां जाएंगे ?
उत्तर-
फेफड़ों में।

प्रश्न 40.
आहार नाल से शरीर में प्रवेश करने वाले सूक्ष्मजीवी कहां रहेंगे ?
उत्तर-
आहार नाल या यकृत में।

प्रश्न 41.
पीलिया का कारक कौन है ?
उत्तर-
हिपेटाइटिस बैक्टीरिया।

प्रश्न 42.
क्षय रोग की अवस्था में बैक्टीरिया फेफड़ों में कहां से प्रवेश करते हैं ?
उत्तर-
नाक से।

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प्रश्न 43.
टायफायड के बैक्टीरिया किस रास्ते से शरीर में प्रवेश करते हैं ?
उत्तर-
मुँह से।

प्रश्न 44.
HIV कहां फैलते हैं ?
उत्तर-
लसीका ग्रंथियों में।

प्रश्न 45.
जापानी बुखार (ऐंसेफेलाइटिस) किस अंग को प्रभावित करता है ?
उत्तर-
मस्तिष्क को।

प्रश्न 46.
मस्तिष्क पर सूक्ष्मजीवों के आक्रमणों के क्या लक्षण हैं ?
उत्तर-
सिरदर्द, उल्टी आना, चक्कर या बेहोशी आना।

प्रश्न 47.
शोथ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र क्रियाशील होकर प्रभावित ऊतक के चारों ओर एक सक्रिय प्रतिरक्षा तंत्र बना देता है जिससे रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीवों को मारने के लिए अनेक कोशिकाएं बन जाती हैं। नई कोशिकाओं के बनने के प्रक्रम को शोथ कहते हैं।

प्रश्न 48.
शोथ प्रक्रम के सामान्य प्रभाव क्या हैं ?
उत्तर-
फूलना, दर्द होना, बुखार।

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प्रश्न 49.
HIV-AIDS से व्यक्ति की मृत्यु प्रायः किस कारण होती है ? .
उत्तर-
HIV-AIDS संक्रमण से प्रतिरक्षा तंत्र के कार्य नष्ट हो जाते हैं। प्रतिदिन होने वाले छोटे-छोटे संक्रमणों का मुकाबला भी व्यक्ति नहीं कर पाता और यही रोगी की मृत्यु के कारण बन जाते हैं।

प्रश्न 50.
एंटी वाइरल औषधि बनाना क्यों कठिन है ?
उत्तर-
वाइरस की अपनी जैव रासायनिक प्रणाली बहुत कम होती है। वे हमारे शरीर में प्रवेश कर अपनी जीवन प्रक्रिया के लिए हमारी मशीनरी का प्रयोग करते हैं इसलिए एंटी वाइरल औषधि बनाना कठिन है।

प्रश्न 51.
कौन-सी एंटीवाइरल औषधि अब उपलब्ध है ?
उत्तर-
HIV संक्रमण को नियंत्रित करने की औषधि।

प्रश्न 52.
कौन-सा रोग विश्व से मिटाया जा चुका है ?
उत्तर-
चेचक।

प्रश्न 53.
कौन-सा रोग ऐसा है जो एक बार हो जाने के बाद दोबारा कभी नहीं होता ?
उत्तर-
चेचक।

प्रश्न 54.
प्रतिरक्षाकरण के नियम का आधार क्या है ?
उत्तर-
जब रोगाणु प्रतिरक्षा तंत्र पर दूसरी बार आक्रमण करता है तो स्मृति के आधार पर प्रतिरक्षा तंत्र अपनी पूरी शक्ति से उसे नष्ट कर देता है।

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प्रश्न 55.
हिपेटाइटिस की किस प्रकार के लिए टीका उपलब्ध है ?
उत्तर-
हिपेटाइटिस ‘A’ ।

प्रश्न 56.
कितने वर्ष की अवस्था तक देश के अधिकांश बच्चे हिपेटाइटिस ‘A’ के प्रति प्रतिरक्षी हो चुके होते हैं ?
उत्तर-
पांच वर्ष की आयु तक।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
तरंग गति से आप क्या समझते हो ? यह कैसे बनती है ? विस्तारपूर्वक वर्णन करो।
उत्तर-
तरंग गति (Wave Motion) – यह एक प्रकार की हलचल है जो किसी माध्यम के कण की दोहराई जाने वाली आवर्ती गति के कारण होती है। यह गति एक कण से दूसरे कण में स्थानांतरित होती है।

तरंग गति का बनना – नीचे दी गई उदाहरण से तरंग का बनना अच्छी तरह समझा जा सकता है-
लालाब के खड़े पानी में एक पत्थर फेंको। संकेंद्रीय छल्लों के रूप में पानी के तल पर वृत्ताकार जल तरंगें उत्पन्न होती हैं। इन छोटी तरंगों को लघु तरंगें या रिएल भी कहते हैं। बढ़ते अर्धाव्यास वाली ये तरंगें बाहर की ओर चल पड़ती हैं तथा लगभग पानी की समस्त सतह पर फैल जाती हैं। यह तरंगें तालाब के किनारों पर जाकर समाप्त होती हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 1

ऐसा महसूस होता है कि तालाब का वह पानी जहाँ पत्थर फेंका गया था, बाहर की ओर चलना शुरू कर देता है, परन्तु ऐसा नहीं होता है। पानी तो अपनी जगह पर स्थिर रहता है।

व्याख्या – जिस बिंदु पर पत्थर फेंका गया था, पानी के कुछ अणु अपनी साम्य अवस्था से नीचे दब जाते हैं तथा स्थितिज ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं। क्योंकि पानी एक लचीला पदार्थ है इसलिए पानी के अणु बराबर मात्रा में गतिज ऊर्जा से फिर अपनी मूल अवस्था में वापिस आ जाते हैं। इस तरह यह साम्य अवस्था से आगे चले जाते. हैं। यह क्रिया लगातार चलती रहती है। यह अणु एक कंपन पूरा करने के बाद अपनी ऊर्जा साथ वाले अणु को देते हैं। यह क्रिया तब तक चलती रहती है जब तक तालाब का किनारा नहीं आ जाता। इस ऊर्जा को हलचल कहा जाता है, जो एक अणु से दूसरे अणु तक प्रत्येक तरफ से बाहर की ओर चलती रहती है तथा तरंग के रूप में दिखाई देती है।

यह भी सिद्ध किया जा सकता है कि पानी के अणु गति नहीं करते। वे केवल अपनी संतुलन अवस्था के इर्द गिर्द ऊपर नीचे गतिशील होते हैं। आप इन लघु तरंगों पर कार्क रखो। आप देखोगे कि कार्क आगे नहीं जाता अपितु उसी जगह ऊपर-नीचे होता रहता है।

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प्रश्न 2.
(क) दो तरह की तरंगों के नाम लिखो।
(ख) अनुप्रस्थ तरंगों की रचना समझाने के लिए एक प्रयोग बताओ।
(ग) अनुप्रस्थ तरंगों की परिभाषा दो।
(घ) अनुप्रस्थ तंरगों की उत्पत्ति के लिए क्या परिस्थितियां होनी चाहिए ?
(ङ) अनुप्रस्थ तरंग की उदाहरण दें।
(च) शीर्ष और गर्त की परिभाषा दें।
उत्तर-
(क) तरंग की किस्में – कणों के दोलन की दिशा के अनुरूप तरंगों का वर्गीकरण किया जाता है। यह दोलन तरंग गति के समानांतर या लंबात्मक दिशा में हो सकता है। इस तरह तरंगें दो प्रकार की होती हैं-

  1. अनुदैर्ध्य तरंगें
  2. अनुप्रस्थ तरंगें।

(ख) अनुप्रस्थ तरंगों की रचना – अनुप्रस्थ तरंगों (Transverse Waves) की रचना को समझने के लिए दीवार से लगी एक हुक के साथ धागे या तार का एक सिरा बांधो तथा दूसरे सिरे को अपने हाथ में पकड़ लो। चित्र में दिखाए अनुसार सारे धागे पर बराबर-बराबर 10-10 सें० मी० लंबे रंगदार धागे के टुकड़े बांधो। अब हाथ में
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 2

पकड़े सिरे को झटका दो। एक स्पंदन (Pulse) के रूप में धागे की लंबाई के साथ-साथ एक हलचल चल पड़ेगी। अर्थात् धागे के कण तरंग गति अर्थात् हलचल गति की दिशा में लंबात्मक दिशा में कंपन करते हैं। यदि आप थोड़ी-थोड़ी देर बाद झटका देना जारी रखें तो आप देखोगे कि रंगदार धागे उन बिंदुओं के आस-पास जहाँ वे प्रमुख धाग के साथ बंधे हुए हैं ऊपर-नीचे की ओर कंपन करते हैं। ऐसी हलचल एक तरंग है जिसे अनुप्रस्थ तरंग कहते हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 3

इसलिए एक अनुप्रस्थ तरंग में माध्यम के कण ऊपर-नीचे की ओर कंपन करते हैं जबकि हलचल क्षैतिज दिशा में चलती है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 4

(ग) अनुप्रस्थ तरंगें – अनुदैर्ध्य तरंगों में प्रत्येक कण तरंग-संचार की दिशा के लंबात्मक दिशा में दोलन करता है। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। ऊर्जा कणों की हिल-जुल की दिशा में स्थानांतरित होती है।

(घ) अनुप्रस्थ तरंग बनाने के लिए आवश्यक परिस्थितियां-

  1. माध्यम में जड़त्व का गुण होना चाहिए।
  2. माध्यम तन्य होना चाहिए ताकि स्थानांतरण के बाद कण अपनी वास्तविक स्थिति अपना सके।
  3. माध्यम के विभिन्न कणों में विरोध बहुत कम होना चाहिए ताकि कण काफ़ी देर तक दोलन करते रहें।

(ङ) अनुप्रस्थ तरंगों के उदाहरण-

  1. धागे में या ढीले स्प्रिंग में यदि हाथ को निरंतर स्प्रिंग में लंबात्मक दिशा में ऊपर-नीचे किया जाये तो अनुप्रस्थ तरंग उत्पन्न होती है।
  2. पानी की सतह पर तरंग-यदि एक पत्थर जौहड़ के पानी में फेंका जाए तो जल की सतह पर जल-तरंगें उत्पन्न होती हैं। पानी की सतह पर तैर रहा कॉर्क केवल ऊपर-नीचे दोलित होता है, यह तरंगों के साथ विस्थापित नहीं होता। ये तरंगें अनुप्रस्थ हैं।

प्रश्न 3.
(क) अनुदैर्ध्य तरंग की रचना समझाने के लिए एक प्रयोग का संयोजन करो।
(ख) अनुदैर्ध्य तरंग की परिभाषा लिखो।
(ग) अनुदैर्ध्य तरंग के संदर्भ में संपीडन तथा विरलन को परिभाषित करो।
उत्तर-
अनुदैर्ध्य तरंग की रचना-
प्रयोग – ट्यूनिंग फोर्क की एक भुजा A1 को धीरे से टकराओ। यह अपनी साम्य स्थिति के आस-पास बाईं तथा दाईं ओर कंपन करती है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 5

जैसे ही फोर्क की भुजा A1 दाईं तरफ स्थिति E1 पर पहुंचती है तो अपने संपर्क में आये हुए वायु के अणुओं को दबा देती है। संपीडित हुए यह अणु अगले अणुओं को दबा देते हैं। इस तरह दाईं तरफ एक संपीडन की श्रृंखला चल पड़ती है। अब जब वही भुजा A1बाईं तरफ स्थिति E2 की ओर जाती है तो संपीडित वायु विरली हो जाती है। इस तरह एक विरलन उत्पन्न हो जाता है। फैले हुए यह अणु पड़ोसी अणुओं को और विरला कर देते हैं। इस तरह विरलनों की एक श्रृंखला बन जाती है।

यह बारी-बारी संपीडन तथा विरलन दाईं ओर चल पड़ती है जिस कारण अनुदैर्ध्य तरंग बनती है।
अनुदैर्ध्य तरंग (Longitudinal Wave) – अनुदैर्ध्य तरंगें वे हैं जिनमें कणों का दोलन स्थानांतरण के समानांतर सरल रेखीय दिशा में होता है। ऊर्जा उसी दिशा में स्थानांतरित होती है, जिसमें माध्यम के कण दोलन करते हैं।
अनुदैर्ध्य तरंगें बनने के लिए आवश्यक परिस्थितियां वहीं हैं जो अनुप्रस्थ तरंगों के लिए आवश्यक हैं।

(ग) अनुदैर्ध्य तरंग के संपीडन और विरलन – अनुदैर्ध्य तरंग माध्यम में से संपीडन और विरलन के रूप में चलती है। संपीडन की परिभाषा इस प्रकार है-
संपीडन माध्यम का वह क्षेत्र है जिसमें कण परस्पर निकट आ जाते हैं अर्थात् कण सामान्य स्थिति की अपेक्षा कम दूरी पर होते हैं।
अनुदैर्ध्य तरंग के संचार के समय संपीडन पर माध्यम के कणों के आयतन में अस्थायी रूप से कमी आ जाती है। इसके परिणामस्वरूप माध्यम के इस क्षेत्र में घनत्व बढ़ जाता है।
विरलन माध्यम का वह क्षेत्र है जिसमें कण अपनी सामान्य दूरी से थोड़ा दूर-दूर हो जाते हैं।
तरंग के संचार के समय विरलन पर माध्यम के कणों का आयतन अस्थायी रूप से अधिक हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप माध्यम के इस क्षेत्र में दबाव कम हो जाता है।

प्रश्न 4.
आवर्ती तरंग के लिए तरंग वेग, आवृत्ति और तरंग-लंबाई में संबंध स्थापित करें।
उत्तर-
मान लो
v = तरंग का वेग
v = तरंग की आवृत्ति (अर्थात् माध्यम के कणों के दोलन की आवृत्ति)
λ = तरंग की तरंग-लंबाई
T = किसी कण के एक दोलन का दोलन-काल (माध्यम के किसी एक कण द्वारा एक दोलन पूरा करने में लगा समय)
हम जानते हैं कि तरंग लंबाई माध्यम के किसी कण द्वारा एक दोलन पूरा करने में लगे समय में तय दूरी है।
∴ T समय में तरंग द्वारा तय दूरी = λ
इकाई समय में तरंग द्वारा तय दूरी = \(\frac{\lambda}{\mathrm{T}}\)
किंतु इकाई समय में तय दूरी तरंग वेग है अर्थात्
v = \(\frac{\lambda}{\mathrm{T}}\)
या v = vλ (∴ \(\frac{1}{T}\) = v)
तरंग-वेग = आवृत्ति × तरंग लंबाई
यह संबंध अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य दोनों तरंगों के लिए सत्य है।

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प्रश्न 5.
ध्वनि और प्रकाश तरंगों में क्या अंतर है ?
उत्तर-
ध्वनि और प्रकाश तरंगों में अंतर

ध्वनि तरंग प्रकाश तरंग
(1) ध्वनि तरंगें यांत्रिक तरंगें हैं। (1) प्रकाश तरंगें विदयुत्-चुंबकीय तरंगें होती हैं।
(2) ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें हैं जिनमें दोलन तरंग की दिशा में समानांतर होता है। (2) प्रकाश तरंगें अनुप्रस्थ तरंगें हैं जिनमें दोलन तरंग की दिशा में लंबात्मक होता है।
(3) ध्वनि तरंगें निर्वात में से नहीं गुज़र सकतीं। इनको संचार के लिए किसी ठोस, द्रव या गैस जैसे भौतिक माध्यम की आवश्यकता होती है। (3) प्रकाश तरंगें निर्वात से भी गुज़र सकती हैं।
(4) ध्वनि तरंगों की वायु में चाल 340 m s-1 के लगभग बराबर होती है। (4) वायु में प्रकाश तरंगों की गति बहुत अधिक होती है। यह 3 × 10s8 m s-1 है।
(5) ध्वनि तरंगें संबंधित माध्यम के कणों के दोलन के कारण उत्पन्न होती हैं। (5) प्रकाश किरणें विद्युतीय या चुंबकीय क्षेत्रों में परिवर्तन पर निर्भर करती हैं ।
(6) ध्वनि तरंगों की आवृत्ति कम तथा तरंग-लंबाई अधिक होती है। (6) प्रकाश तरंगों की आवृत्ति बहुत अधिक तथा तरंग लंबाई कम होती है।
(7) ध्वनि तरंगों को ध्रुवित नहीं किया जा सकता। (7) प्रकाश तरंगों को ध्रुवित किया जा सकता है।
(8) ध्वनि तरंगें हमारे कानों को प्रभावित करती हैं। (8) प्रकाश तरंगें हमारी आँखों को प्रभावित करती हैं।
(9) ध्वनि तरंगें प्रक्षेपक नहीं होती। (9) प्रकाश तरंगें प्रक्षेपक हो सकती हैं।
(10) इन तरंगों का वेग तरंग-लंबाई से स्वतंत्र होता है। (10) इन तरंगों का वेग तरंग-लंबाई पर निर्भर करता है।

प्रश्न 6.
किसी माध्यम में ध्वनि तंरग की गति को घनत्व तथा दाब परिवर्तन को दर्शाते हुए संपीडन तथा विरलन समझाएं।
उत्तर-
जब ध्वनि तंरग किसी माध्यम में गति करती है तो घनत्व तथा दाब में परिवर्तन होता है। किसी निश्चित समय पर माध्यम का घनत्व तथा दाब दोनों ही उनके औसत मान से ऊपर और नीचे दूरी के साथ परिवर्तित होते हैं। चित्र (a) तथा चित्र (b) प्रदर्शित करते हैं कि जब ध्वनि तरंग माध्यम में संचरित होती है तो घनत्व तथा दाब में कैसे उतार-चढ़ाव होते हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 6

संपीड़न वह क्षेत्र है जहाँ कण पास-पास आ जाते हैं, इन्हें वक्र के ऊपरी भाग में दिखाया गया है। चित्र (c)। शिखर अधिकतम संपीडन के क्षेत्र को प्रदर्शित करता है। इस प्रकार संपीड़न वह क्षेत्र है जहाँ घनत्व तथा दाब दोनों ही अधिक होते हैं । विरलन निम्न दाब के क्षेत्र हैं जहाँ कण दूर-दूर हो जाते हैं और उन्हें घाटी के रूप में प्रदर्शित करते हैं। इन्हें वक्र के निम्न भाग से दिखाया गया है। शिखर को तरंग का शृंग तथा घाटी को गर्त कहा जाता है।

प्रश्न 7.
ध्वनि तंरगों का आवृत्ति परास के आधार पर वर्गीकरण करके समझाओ।
उत्तर-

  • श्रव्य तंरगें – वे ध्वनि तरंगें जिन्हें मानव कान सुन सकता है श्रव्य तंरगे कहलाती हैं। मानव में ध्वनि की श्रव्य सीमा 20 H से 20000 HZ तक है। ज्यों-ज्यों व्यक्ति की आयु बढ़ती है। उसके कान उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि के लिए कम संवेदनशील हो जाते हैं। ये तंरगें वायु स्तंभ के कंपन, द्विभुज स्वरित्र तथा वायलिन में उत्पन्न होती हैं।
  • पराश्रव्य तरंगों – 20 KHz (अर्थात् 20000 Hz) से अधिक आवृत्ति वाली ध्वनि तंरगों को पराश्रव्य तरंगें कहते हैं। कुछ प्रजातियों के कीट पराश्रव्य तंरगें सुन सकते हैं। चमगादड़, डालफिन तथा पर पाईज़ मछली पराश्रव्य तंरगें उत्पन्न करते हैं।
  • अवश्रव्य तरंगें – वे तरंगें जिनकी आवृत्ति 20 Hz से कम होती है अवश्रव्य तंरगें कहलाती हैं । व्हेल तथा हाथी अवश्रव्य ध्वनि तरंगें उत्पन्न करते हैं। भूचाल की मुख्य आवृत्ति वाली तरंगें के आने से पूर्व अवश्रव्य ध्वनि तरंगें पैदा होती हैं जिन्हें सुनकर कुछ जीव-जंतु परेशान हो जाते हैं। संभवतः यह उन्हें सचेत करने के लिए होता है।

प्रश्न 8.
परश्रव्य ध्वनि तरंगों का चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्र में क्या उपयोग है ? ..
उत्तर-
पराश्रव्य तंरगों ने आधुनिक चिकित्सा तथा मानव स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है। इससे शरीर के आंतरिक अंगों की जानकारी प्राप्त की जा रही है जो इस प्रकार हैं :
(i) ECG – पराध्वनि तंरगों को हृदय के विभिन्न भागों से परावर्तित करा कर हृदय का प्रतिबिंब बनाया जाता है। इस तकनीक को “इकोकार्डियोग्राफ़ी” (ECG) कहा जाता है।

(ii) सोनोग्राफी – पराध्वनि संसूचक एक ऐसा यंत्र है जो पराध्वनि तरंगों का उपयोग करके मानव शरीर के आंतरिक अंगों का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए काम में लाया जाता है। इस संसूचक से रोगी के अंगों ; जैसे-यकृत, पित्ताशय, गर्भाशय, गुर्दे आदि का प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सकता है। यह संसूचक को शरीर की असमान्यताएँ, जैसे पित्ताशय तथा गुर्दे में पथरी तथा विभिन्न अंगों में अर्बुद (ट्यूमर) का पता लगाने में सहायता करता है। इस तकनीक में पराध्वनि तरंगें शरीर के ऊतकों में गमन करती हैं तथा उस स्थान से परावर्तित हो जाती है जहाँ ऊतक के घनत्व में परिवर्तन होता है। इसके पश्चात् इन तरंगों को विद्युत् संकेतों में परिवर्तित किया जाता है जिससे कि उस अंग का प्रतिबिंब बना लिया जाए। इन प्रतिबिंबों को मॉनीटर पर प्रदर्शित किया जाता है। इस तकनीक को अल्ट्रासोनोग्राफी कहते हैं। अल्ट्रासोनोग्राफ़ी का उपयोग गर्भ काल में भ्रूण की जाँच तथा उनके जन्मजात दोषों तथा उसकी वृद्धि की अनियमितताओं का पता लगाने में भी किया जाता है।

(ii) लिँथोट्रिप्सी-पराध्वनि का उपयोग गुर्दे की छोटी पथरी को बारीक कणों को तोड़ने के लिए भी किया जा सकता है। ये कण बाद में मूत्र के साथ बाहर निकल जाते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 9.
ध्वनि परावर्तन के नियम क्या हैं ? एक प्रयोग द्वारा आप इन नियमों को कैसे सिद्ध करोगे ?
उत्तर-
प्रकाश की भांति ध्वनि भी परावर्तन के उन नियमों का पालन करती है।

  1. परावर्तित सतह पर आपतन बिंदु पर खींचा गया लंब के साथ ध्वनि की आपतित होने की दिशा तथा परावर्तन होने की दिशा के बीच बने कोण सदैव आपस में बराबर होते हैं।
  2. तीनों-आपतित ध्वनि की दिशा, परावर्तित ध्वनि की दिशा तथा लंब एक ही तल में होते हैं।

प्रयोग – चित्र के अनुसार एक समान पेपर के दो पाइप लें। इन्हें दीवार के निकट किसी मेज़ पर रखें। अब एक पाइप के खुले सिरे के पास घड़ी रखो। आप दूसरे पाइप के खुले सिरे में से घड़ी की आवाज़ सुनने की कोशिश करें। दोनों पाइपों की स्थिति इस प्रकार करें कि आपको घड़ी की आवाज़ स्पष्ट सुनाई दे। उन पाइपों की दिशाओं तथा लंब के बीच के कोण मापो। आप देखोगो कि स्पष्ट आवाज़ सुनाई देने की स्थिति में दोनों कोण परस्पर बराबर हैं जो पहले
नियम को सत्यापित करता है। क्योंकि दोनों पाइप तथा लंब एक ही मेज़ (तल) की सतह में हैं जो दूसरे नियम की सत्यता को प्रमाणित करता है।
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लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
आवर्ती गति किसे कहते हैं ? इस गति की तीन उदाहरण भी दें।
उत्तर-
आवर्ती गति (Periodic Motions) – वस्तु की वह गति जो किसी निश्चितं समय अंतरालों में बारबार होती रहती है, आवर्ती गति कहलाती है। ऐसी गति को दोलन गति या कंपन गति भी कहते हैं।

उदाहरण-

  1. पृथ्वी की सूर्य के इर्द-गिर्द गति ।
  2. एक झूले की गति जो इधर-उधर (अर्थात् दाएं-बाएं) अपनी मध्य स्थिति के इर्द-गिर्द गति करता रहता है।
  3. एक सरल लोलक की गति ।

प्रश्न 2.
सरल लोलक क्या होता है ? सरल लोलक के एक दोलन तथा एक कंपन क्या है ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 8
सरल लोलक – ऐसा प्रबंध जिसमें एक डोरी (धागा) जिसका एक सिरा दृढ़ आधार से बंधा हो तथा दूसरे सिरे पर भार लटका हो तथा जो स्वतंत्रतापूर्वक दोलन कर सके, सरल लोलक कहलाता है।

यह एक पीतल या तांबे का बहुत ही छोटा गोलक का बना होता है जिसको 80-120 cm लंबे धागे के साथ बांधा होता है। इसको चित्र में दिखाए अनुसार एक दृढ़ आधार से लटकाया जाता है
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 9

गोलक बहुत ही छोटा परंतु अधिक द्रव्यमान वाला होता है।

मान लो सरल लोलक की लंबाई ‘L’ है, जिसको दृढ़ आधार पर ‘m’ पुंज वाली एक गोलक के साथ लटकाया गया। जब गोलक गति की स्थिति में नहीं है तो यह माध्य स्थिति ‘0’ पर होता है। इसको संतुलन स्थिति में भी कहा जाता है।

गोलक की दोलन गति – गोलक को हाथ से पकड़ कर दाईं तरफ शिखर स्थिति ‘E1‘ तक ले जाकर छोड़ दो। गोलक स्थिति ‘E1‘ से बाईं तरफ शिखर स्थिति ‘E2‘ पर तथा फिर वापिस संतुलन स्थिति ‘O’ पर आ जाती है। इस तरह गोलक दोलन करना जारी रखता है।

दोलन्द – गोलक की एक दूरतम सिरे से दूसरे दूरतम सिरे तथा वापिस पहले सिरे तक तय की गई दूरी को दोलन कहते हैं।

कंपन – गोलक की संतुलन स्थिति O से शिखर स्थिति E1 तथा फिर संतुलन बिंदु O में से गुज़र कर दूसरी शिखर स्थिति E2 तक तथा वापिस संतुलन स्थिति ‘O’ तक तय किए गए पथ को एक कंपन कहा जाता है।

प्रश्न 3.
तरंग गति की परिभाषा दो तथा बताओ कि किसी माध्यम में तरंग के संचार के लिए कौन-कौन सी शर्ते आवश्यक हैं ?
उत्तर-
तरंग गति (Wave Motion) – यह एक प्रकार की हलचल है जो किसी माध्यम के कणों की दोहराई जाने वाली आवर्ती गति के कारण होती है। यह गति एक कण से दूसरे कण में स्थानांतरण होती है।

माध्यम में तरंग संचार के लिए आवश्यक शर्ते-

  1. माध्यम लचकीला होना चाहिए। यदि माध्यम लचकीला नहीं होगा तो अणुओं की ऊर्जा पड़ोसी अणुओं को नहीं दी जा सकेगी।
  2. माध्यम में जड़त्व का होना आवश्यक है।

वे तरंगें जो केवल एक पदार्थिक माध्यम में उत्पन होती हैं, लचकीली या यांत्रिक तरंगें कहलाती हैं।
वे तरंगें जिनके संचार के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं, उन्हें गैर-यांत्रिक तरंगें कहते हैं। प्रकाशीय तथा विद्युत् तरंगें इस प्रकार की होती हैं।

प्रश्न 4.
अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य तरंगों में क्या अंतर है ?
उत्तर-
अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य तरंगों में निम्नलिखित अंतर हैं-

अनुप्रस्थ तरंग अनुदैर्ध्य तरंग
(1) अनुप्रस्थ तरंग में माध्यम के कण तरंग की दिशा के लंबात्मक दोलन करते हैं। (1) अनुदैर्ध्य तरंग में माध्यम के कण तरंग की दिशा के समानांतर दोलन करते हैं।
(2) अनुप्रस्थ तरंग शृंगों और गर्मों से बनती है। (2) अनुदैर्ध्य तरंग संपीडनों और विरलनों से बनती है।
(3) आकार की तन्यता का उपयोग होता है। (3) आयतन की तन्यता का उपयोग होता है।
(4) अनुप्रस्थ तरंगें ठोस में से या द्रव के तल के ऊपर से गुज़र सकती हैं। अनुप्रस्थ तरंगें गैसों से बिल्कुल नहीं गुजर सकतीं। । (4) अनुदैर्ध्य तरंग ठोस, द्रव और गैसों में से गज़र सकती है।
(5) अनुप्रस्थ तरंग का ध्रुवण हो सकता है। (5) अनुदैर्ध्य तरंग का ध्रुवण नहीं हो सकता।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 5.
तरंग संचार के लिए माध्यम का लचकीला होना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
ठोस, द्रव तथा गैस माध्यम अणुओं के बने होते हैं जिनका व्यास 10-9 मीटर होता है। उनकी आण्विक रेंज, जहां तक हलचल के समय अणु जा सकते हैं, लगभग 10-8 मीटर तक होती है। इसके अंदर-अंदर ये बेतरतीब गति करते हैं। इस सीमा के अंदर-अंदर गति कर रहा अणु पड़ोसी अणुओं द्वारा आकर्षित होता रहता है। उन्हें अपनी

मूल स्थिति में वापिस आने में सहायक होता है। अणुओं का यह व्यवहार माध्यम को लचकीला बनाता है क्योंकि माध्यम करोड़ों अणुओं का बना होता है, इसलिए तरंग-संचार के लिए माध्यम का लचकीला होना बहुत ही आवश्यक

प्रश्न 6.
ध्वनि का संचार कैसे होता है ? क्या इसका संचार निर्वात में हो सकता है ? ठोस, द्रव तथा गैसों में से किस माध्यम में ध्वनि का वेग अधिकतम तथा किसमें न्यूनतम होता है ?
उत्तर-
ध्वनि का संचार अनुदैर्ध्य तरंगों के रूप में होता है इसलिए ध्वनि तरंगों मे संपीडन तथा विरलन होती है। ध्वनि का स्रोत सदैव ही कंपन स्थिति में होता है। कंपन कर रहे एक स्रोत से उत्पन्न ध्वनि एक माध्यम द्वारा ही आगे संचार की जा सकती है।

ध्वनि तरंगों का संचार निर्वात में कभी नहीं हो सकता। अनुप्रस्थ तरंगें प्रत्येक किस्म के माध्यम, ठोस, द्रव और गैस में संचरित हो सकती हैं। यह माध्यम के लचकीलेपन के कारण हैं। ठोस, द्रवों से और द्रव, गैसों से अधिक लचकीले होते हैं।
प्रयोगों से सिद्ध हो चुका है कि ध्वनि तरंगों की चाल ठोस में अधिकतम होती है जब कि गैसों में चाल न्यूनतम होती है।

प्रश्न 7.
पराश्रव्य तरंगें क्या होती हैं ? इनके उपयोग लिखो।
उत्तर-
पराश्रव्य ध्वनि (Ultrasonic Sound) – 20000 कंपन प्रति सैकेंड से अधिक की आवृत्ति को ध्वनि पराश्रव्य ध्वनि (Ultrasonic Sound) कहते हैं। यह ध्वनि हमें सुनाई नहीं देती, परंतु कुछ पशुओं जैसे कुत्तों में पराश्रव्य कंपन को सुनने की क्षमता होती है। चमगादड़ों में पराश्रव्य ध्वनि को पैदा करने तथा सुनने की क्षमता होती है। इन्हीं कंपनों के कारण चमगादड़ों को अपने गमन-पथ का आभास होता है। इसी सिद्धांत के अनुसार राडार का
आविष्कार किया गया है।

पराश्रव्य तरंगों के उपयोग-

  1. SONAR में पनडुब्बियों की गहराई मापने में इनकी सहायता ली जाती है।
  2. बैक्टिरिया को नष्ट करने और दूध की जीवाणु रहित बनाने के लिए उपयोग होती हैं।
  3. ठोस वस्तुओं में छिद्र और दरारें ढूंढ़ने के लिए।
  4. पराश्रव्य तरंगों का प्रयोग शरीर के भीतर पनपने वाले कैंसर तथा माँस पिंडों को जाँचने में किया जाता है।
  5. पराश्रव्य तरंगों से गुर्दो की पत्थरी की जाँच होती है।
  6. इन तरंगों से भ्रूण की जाँच की जा सकती है।
  7. माँसपेशियों की दर्द तथा जोड़ों के दर्द के निवारण में इनकी सहायता ली जाती है।
  8. हवाई जहाज़ों, रेलवे लाइनों तथा पाइपों के दोषों को इनकी सहायता से ढूँढा जाता है।
  9. समुद्रों की गहराई मापी जाती है।
  10. ये फोटोग्राफी फिल्मों को बनाने में सहायक होती हैं।

प्रश्न 8.
तरंग-गति के क्या गण हैं ?
उत्तर-
तरंग-गति के गुण-

  1. यह एक हिल-जुल है, जो माध्यम में से गुज़रती है। तरंग गति के साथ कोई भी द्रव्यमान स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
  2. माध्यम के कण अपने मध्य स्थिति के इर्द-गिर्द दोलन करते हैं।
  3. किसी कण का दोलन उससे पहले वाले कण से कुछ देर बाद शुरू होता है। क्रमिक स्थितियों में निरंतर फेज़-अन्तर होता है।
  4. दोलन के दौरान कणों का वेग विभिन्न स्थितियों में विभिन्न होता है। यह मध्य स्थिति पर अधिक तथा उच्चतम स्थितियों पर शून्य होता है।
  5. किसी माध्यम में तरंग का वेग अचर होता है।
  6. माध्यम के बिना किसी वास्तविक स्थानांतरण के हिल-जुल के साथ ऊर्जा भी स्थानांतरित हो जाती है।
  7. यांत्रिक तरंग गति के स्थानांतरण के लिए भौतिक माध्यम आवश्यक है। इस माध्यम में तन्यता और जड़त्व के गुण होने चाहिएं तथा माध्यम के कणों में घर्षण बल लघुतम होना चाहिए।

प्रश्न 9.
ध्वनि क्या है ? संक्षेप में बताओ।
उत्तर-
ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा है जो हमारे कानों में सुनने की संवेदना उत्पन्न करती है। यह एक प्रकार की कणों में हलचल (Disturbance) है जो बाहरी कारणों से उत्पन्न होती है।

हम कई प्रकार की ध्वनियां सुनते हैं, जैसे-बच्चे का रोना, वायु का तेज़ चलना, कुत्ते का भौंकना, बिजली का गर्जना, रेल के इंजन की सीटी, वायुयान की गड़गड़ाहट आदि। हर प्रकार की ध्वनि पैदा करने वाली वस्तु कंपन कर रही होती है।

प्रश्न 10.
एक तंग कमरे में प्रतिध्वनि सुनाई नहीं देती। व्याख्या करो, क्यों ?
उत्तर-
तंग कमरे में प्रतिध्वनि – हमारे कान में सुनने की संवेदना का प्रभाव 0.1 सैकेंड तक रहता है यद्यपि ध्वनि का स्रोत कंपन करना बंद कर दे। इसलिए गूंज सुनने के लिए परावर्तित ध्वनि हमारे कानों में मूल ध्वनि के पहुंचने से 0.1 सैकेंड बाद आनी चाहिए। अर्थात् ध्वनि द्वारा दोनों ओर से तय की गई कुल दूरी 344 × 0.1 = 34.4 मीटर होनी चाहिए। इसलिए यह स्पष्ट है कि गूंज उत्पन्न करने के लिए स्रोत तथा परावर्तक तक ध्वनि को 34.4 मी० का आधा अर्थात् 17.2 मीटर की दूरी तक करनी चाहिए। यदि ध्वनि स्रोत तथा परावर्तक के बीच की दृरी 17.2 मी० से कम होगी तो प्रतिध्वनि सुनाई नहीं देगी। इसलिए तंग कमरे की दीवारों की दूरी 17.2 मी० से कम होती है इसलिए प्रतिध्वनि नहीं देती।

प्रश्न 11.
कंपन गति से ध्वनि उत्पन्न होती है, फिर कंपन कर रहा एक लोलक ध्वनि उत्पन्न क्यों नहीं करता ?
उत्तर-
दोलन या कंपन कर रहा लोलक ध्वनि इसलिए उत्पन्न नहीं करता क्योंकि इससे उत्पन्न हुई दोलन तरंगें वायु के माध्यम में बिखर जाती हैं। यदि निर्वात में लोलक का कंपन हो तो ध्वनि सुनाई देगी।

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प्रश्न 12.
दूर बज रहे सायरन के साथ हम अपनी घड़ी सैट करते हैं ? क्या वह तेज़ चलेगी या धीमी ? व्याख्या करो।
उत्तर-
सायरन से उत्पन्न हुई ध्वनि को हम तक पहुंचने के लिए कुछ समय लगेगा। अर्थात् जब सायरन बजा तथा जब ध्वनि हम तक पहुंची है उसमें कुछ समय लगता है। इसलिए सायरन के साथ सैट की हुई घड़ी वास्तविक समय से पीछे रह जाएगी अर्थात् धीमी चलेगी।

प्रश्न 13.
एक संपीडन तथा एक विरलन क्या होते हैं ?
उत्तर-
अनुदैर्ध्य तरंग के संपीडन और विरलन – अनुदैर्ध्य तरंग माध्यम में से संपीडन और विरलन के रूप में चलती है।

संपीडन की परिभाषा – संपीडन माध्यम का वह क्षेत्र है जिसमें कण परस्पर निकट आ जाते हैं अर्थात् कण सामान्य परिस्थिति की अपेक्षा कम दूरी पर होते हैं।

अनुदैर्ध्य तरंग के संचार के समय संपीडन पर माध्यम के कणों के आयतन में अस्थायी रूप से कमी आ जाती है। इसके परिणामस्वरूप माध्यम के इस क्षेत्र में घनत्व बढ़ जाता है।

विरलन की परिभाषा – विरलन माध्यम का वह क्षेत्र है जिसमें कण अपनी सामान्य दूरी से थोड़ा परे-परे हो जाते हैं।

तरंग के संचार के समय विरलन पर माध्यम के कणों का आयतन अस्थायी रूप से अधिक हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप माध्यम के इस क्षेत्र में दबाव कम हो जाता है। क्योंकि माध्यम के दबाव में कमी होती है, इसलिए इन तरंगों को दबाव तरंगें भी कहते हैं।

ध्वनि तरंगें भी अनुदैर्ध्य होती हैं जो माध्यम में से गुजरते समय संपीडन और विरलन की श्रृंखला से युक्त होती हैं। जब ध्वनि तरंग वायु में गुजरती है, तो वायु के कण आगे नहीं बढ़ते परंतु उसी दिशा में दोलित होते हैं, जिसमें ध्वनि तरंग गतिशील होती है।

जब माध्यम में अनुदैर्ध्य तरंगें चलती हैं तो माध्यम की घनता में परिवर्तन चित्र में दिखाये अनुसार होता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 10

प्रश्न 14.
श्रृंग और गर्त में अंतर बतलाओ।
उत्तर-
श्रृंग (शीर्ष) (Crest) – अनुप्रस्थ तरंगों में दोलन कर रहे कणों की संतुलन स्थिति में धनात्मक दिशा की ओर अधिकतम विस्थापन वाले सबसे ऊंचे बिंदु को शीर्ष कहते हैं।

गर्त (ट्रफ) (Trough) – अनुप्रस्थ तरंगों में दोलन कर रहे कणों की संतुलन स्थिति से ऋणात्मक दिशा की ओर अधिकतम विस्थापन वाले सबसे निम्न बिंदु को गर्त कहते हैं।

अनुप्रस्थ तरंग के शीर्ष और गर्त – अनुप्रस्थ तरंग हिल-जुल रेखा के शून्य बिंदु से ऊपर उठने तथा नीचे बैठने के रूप में बनती है। माध्य के उठान को शीर्ष कहते हैं।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 11

प्रश्न 15.
क्या आप ध्वनि की सहायता से एक प्रकाश के धब्बे को नृत्य करा सकते हैं ? कैसे ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
एक टिन का डिब्बा लो। इसके दोनों सिरों को काट कर खोखला बेलन बना लो। एक गुब्बारे को इस प्रकार काटो कि उसकी एक झिल्ली बन जाए। इस झिल्ली को खींच कर डिब्बे के एक खुले सिरे के ऊपर तान दो। गुब्बारे के चारों ओर एक रबड़ का छल्ला लपेट दो। समतल दर्पण का एक छोटा टुकड़ा लेकर इसे गोंद की सहायता से गुब्बारे से इस प्रकार चिपकाओ कि उसकी चमकदार सतह ऊपर की ओर हो।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 12

एक झिरों से आने वाले प्रकाश को दर्पण पर पड़ने दो। परावर्तन के पश्चात् प्रकाश का धब्बा दीवार पर पहुँचाता है। डिब्बे के खुले भाग में सीधे ही बात करो या ज़ोर से चिल्लाओ। आप दीवार पर प्रकाश के धब्बे को नाचते हुए देखोगे।

प्रश्न 16.
ध्वनि बूम से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
ध्वनि बूम (Sonic boom) – जब कोई ध्वनि स्रोत वायु में, ध्वनि की चाल से अधिक चाल से चलता है तो वह वायु में प्रघाती तंरगें उत्पन्न करता है जिनमें बहुत अधिक ऊर्जा होती है। इन तंरगों के कारण वायुदाब में परिवर्तन से एक तेज़ और प्रबल ध्वनि उत्पन्न होती है जिसे ध्वनि बूम कहते हैं। पराध्वनिक यान से उत्पन्न ध्वनि बूम में इतनी ऊर्जा होती है कि आस-पास के मकानों की खिड़कियाँ के काँच झनझना उठती हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 17.
ध्वनि पट्ट (बोर्ड) क्या होता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
ध्वनि-पट्ट – ध्वनि पट्ट एक अवतल पृष्ठ होता है जिसे बड़े हॉलों इत्यादि में स्पीकर के पीछे रख देते हैं। इसका प्रयोग ध्वनि को पूरे हॉल में समान रूप से फैलाने में किया जाता है। वक्ता S चित्र अनुसार ध्वनि-पट्ट को चित्रानुसार ध्वनि-पट्ट के फोकस पर अवस्थित है। अवतल परावर्तक ध्वनि पट्टों को चित्रानुसार वक्ता (स्पीकर) के पीछे रखते हैं जिससे ध्वनि विभिन्न दिशाओं में फैलने से रुकती है। ध्वनि पट्ट फोकस पर स्थित वक्ता की ध्वनि की तंरगों को श्रोताओं की ओर परावर्तित करता है, इनसे दूर बैठे श्रोतागण भी वक्ता का भाषण स्पष्ट सुन पाते हैं। अतः ध्वनि पट्ट की कार्यविधि ध्वनि के परावर्तन पर आधारित है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 13

प्रश्न 18.
ध्वनि परावर्तन से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
ध्वनि का परावर्तन – प्रकाश की भाँति ध्वनि भी अपनी दिशा बदल सकती है तथा परावर्तित हो सकती है। ध्वनि का दीवारों से टकराकर वापस लौटना ध्वनि का परावर्तन कहलाता है ; जैसे-ध्वनि तंरगें धातु की चादर, लकड़ी इत्यादि से परावर्तित हो जाती हैं। प्रकाश परावर्तन के नियम ध्वनि के लिए भी लागू होते हैं, परंतु ध्वनि के परावर्तन के लिए किसी चिकनी तथा चमकीली सतह की आवश्यकता नहीं होती है। ध्वनि तरंगों के परावर्तन के लिए बड़े आकार के अवरोधों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 19.
क्या कारण है कि दूर से आने वाली रेलगाड़ी की ध्वनि सुनाई नहीं देता परंतु पटरी पर कान रखकर हम उसकी आवाज़ सुन सकते हैं ?
उत्तर-
ध्वनि वायु की अपेक्षा धातुओं आदि में एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुगमता से तीव्र चाल से चलती है। अत: रेलगाडी की आवाज़ पटरी में से होकर हमारे कानों तक पहुंच जाती है।

प्रश्न 20.
क्या कारण है कि औरतों की आवाज़ पतली व पुरुषों की आवाज़ मोटी होती है ?
उत्तर-
ध्वनि का मोटा अथवा पतला होना ध्वनि के तारत्व पर निर्भर करता है, क्योंकि औरतों की ध्वनि का तारत्व अधिक होता है, अत: आवाज़ पतली होती है। इसके विपरीत पुरुषों की ध्वनि का तारत्व कम होता है अत: आवाज़ मोटी होती है।

प्रश्न 21.
क्या कारण है कि हम भूकंप से उत्पन्न तरंगों को नहीं सुन पाते जबकि चमगादड़ या कुत्ते सुन सकते हैं ?
उत्तर-
हमारा कान 20 हर्ट्ज़ से 20,000 हर्ट्ज़ तक की आवृत्तियों वाली तरंगों को सुन सकते हैं। आवृत्ति का यह परास श्रवण परास कहलाता है। भूचाल द्वारा पैदा हुई तरंगों की आवृत्ति इस परास में नहीं होती। इसलिए हम इन तरंगों को नहीं सुन सकते परंतु चमगादड़ और कुत्ते के कान भूचाल द्वारा पैदा हुई तरंगों के प्रति संवेदनशील होते हैं। इसलिए चमगादड़ और कुत्ते आसानी से इन तरंगों को सुन सकते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 22.
मच्छर की आवाज़ तथा शेर की आवाज़ में क्या अंतर है ?
उत्तर-
मच्छर की आवाज़ की प्रबलता कम होती है परंतु आवृत्ति अधिक होती है। दूसरी तरफ शेर की आवाज़ की प्रबलता अधिक होती है परंतु आवृत्ति कम होती है, इसलिए मच्छर की आवाज़ शेर की आवाज़ से तीखी होती है।

प्रश्न 23.
श्रवण सहायक युक्ति क्या है और यह किस प्रकार कार्य करती है ?
उत्तर-
श्रवण सहायक युक्ति – जिन व्यक्तियों को कम सुनाई देता है उन्हें इस युक्ति की आवश्यकता होती हैं। यह बैट्री से चलने वाली एक इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है। इसमें एक छोटा-सा माइकोफोन, एक एंप्लीफायर व स्पीकर होता है। जब ध्वनि माइक्रोफोन पर पड़ती है तो वह ध्वनि तरंगों को विद्युत् संकेतों में परिवर्तित कर देता है।

एंप्लीफायर इन विद्युत् संक्तों को प्रवर्धित कर देता है। ये संकेत स्पीकर द्वारा ध्वनि की तरंगों में परिवर्तित कर दिए जाते हैं। ये ध्वनि तरंगें कान के डायफ्राम पर आपतित होती हैं तथा व्यक्ति को ध्वनि साफ़ सुनाई देती है।

महत्त्वपूर्ण सूत्र (Important Formulae)

1. तरंग का वेग, (v) = v × λ
2. आवृत्ति (v) = \(\)
3. तरंग लंबाई (λ) = V × T
4. कुल दूरी = वेग × समय

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
मोहन के हृदय की आवृत्ति कितनी है, जब वह 1 मिंट में 75 बार धड़क रहा हो ?
हल :
75 बार हृदय के धड़कने को लगा समय = 1 मिनट = 60 सैकेंड
1 बार हृदय के धड़कने को लगा समय = \(\frac{60}{75}\) सैकेंड
= 0.80 सैकेंड
∴ आवर्त काल (T) = 0.80 सैकेंड
हम जानते हैं, कि आवृत्ति (v) = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 14
v = \(\frac{1}{0.80}\)
= 1.25 हज़ उत्तर

प्रश्न 2.
एक नाव समुद्र की तरंगों से टकरा गई है, जिसकी क्रमागत श्रृंग 100 मी० की दूरी पर है। श्रृंग की तरंग-वेग 20 मी०सै० है। नाव की तरंगों से टकराने की आवृत्ति कितनी है ?
हल :
तरंगदैर्ध्य, (λ) = 100 m
तरंग वेग, (v) = 20 m/s
आवृत्ति, (v) = ?
हम जानते हैं, v = v × λ
20 = v × 100
v = \(\frac{20}{100}\)
= 0.2 हज़ = 0.16

प्रश्न 3.
तरंग का एक स्रोत 0.4 सैकेंड में 40 श्रृंग और 40 गर्त उत्पन्न करता है। तरंग की आवृत्ति ज्ञात करो।
उत्तर-
एक तरंग साइकिल में एक श्रृंग तथा एक गर्त होता है। क्योंकि दिया हुआ स्रोत 40 श्रृंग उत्पन्न करता है, अत: यह 0.4s में 40 तरंग साइकिल उत्पन्न करता है। इसलिए,
0.4s में तरंग साइकिल उत्पन्न होती है = 40
1s में तरंग साइकिल उत्पन्न होगी = \(\frac{40 \times 1 \mathrm{~s}}{0.4 \mathrm{~s}}\)
= 100
∴ तरंग की आवृत्ति (υ) = 100 Hz

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 4.
एक तार पर एक तरंग प्लस 8 मीटर की दूरी 0.05 सैकेंड में तय करती है। तरंग वेग कितना है ? यदि तार की आवृत्ति 200 हर्ट्ज़ है तो तरंग की लंबाई कितनी होगी ?
हल :
तरंग का वेग, υ = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 15
υ = \(\frac{8}{0.05}\)
= 160 मी०/सै०
हम जानते हैं कि, v = υλ
λ = \(\frac{v}{v}\)
λ = \(\frac{160}{200}\)
λ = 0.8 मीटर उत्तर

प्रश्न 5.
ध्वनि तरंगों का वेग 330 m/s है। यदि ध्वनि तरंग की आवृत्ति 550 Hz हो, तो उसकी तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
हल :
υ = 550 Hz, v = 330 ms-1, λ = ?
υ = vλ
या, λ = \(\frac{v}{v}=\frac{330}{550}\) = 0.6 m

प्रश्न 6.
एक स्रोत द्वारा उत्पन्न ध्वनि की तरंग-लंबाई 1.7 × 10-2m है। यदि इसका वेग 343.4 ms-1 हो, तो ध्वनि की आवृत्ति ज्ञात करें।
हल :
वेग υ = 343.4 ms-1, आवृत्ति υ = ? तरंग-लंबाई = 1.7 × 10-2 m
υ = vλ
या v = \(\frac{v}{\lambda}\)
या v = \(\frac{343.4}{1.7 \times 10^{-2}}\)
= 2.02 × 104 Hz.

प्रश्न 7.
उस तंरंग की आवृत्ति क्या होगी जिसका आवर्तकाल 0.05 s है ?
हल :
आवर्तकाल T = 0.05 s, आवृत्ति, v = ?
आवृत्ति v = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)
या v = \(\frac{1}{0.05}=\frac{100}{5}\) = 20 Hz.

प्रश्न 8.
एक चमगादड़ 120 KH2. तक की आवृत्ति की ध्वनि को सुन सकता है। इस आवृत्ति के लिए, वायु में ध्वनि की तरंगदैर्ध्य क्या होगी ? वायु में ध्वनि का वेग 344 m/s लीजिए।
हल:
आवृत्ति (v) = 120 कि० हर्ट्ज़ = 120 × 1000 हर्ट्स
= 120,000 हज़
ध्वनि का वेग = V= 344 मी०/सै०
तरंगदैर्ध्य, λ = ?
V = vλ
λ = \(\frac{\mathrm{V}}{v}\)
= \(\frac{344}{120,000}\)m
= \(\frac{344 \times 100}{120,000}\)m
= 0.28 m

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 9.
वकीय तरंग, जिसका आवर्तकाल 10 सैकेंड 15 मी०/सै० के वेग से चल रही है। उसकी तरंग लंबाई ज्ञात करो। एक तरंग शीर्ष तथा अगली तरंग गर्त के मध्य क्षैतिज दूरी बताओ।
हल:
आवर्तकाल, T = 10 sec.
v = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)
= \(\frac{1}{10}\) = 0.1 हलज़
वेग, V = 15 m/s
हम जानते हैं, V = vλ
λ = \(\frac{\mathrm{V}}{v}\)
= \(\frac{15}{0.1}\)
= 150 मी०
एक तरंगशीर्ष तथा अगली तरंग गर्त के बीच दूरी = \(\frac{\lambda}{2}\)
= \(\frac{150}{2}\)
= 75 मी०

प्रश्न 10.
चित्र में किस क्षण एक आवर्त तरंग का दूरी विस्थापन का ग्राफ दिखाया गया है, यदि तरंग का वेग 320 m/s हो, तो ज्ञात कीजिए-
(a) तरंगदैर्ध्य
(b) आवृत्ति।
हल :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 16

(a) तरंगदैर्ध्य = दो शृंगों के बीच की दूरी
= 50 – 10 = 40 cm
= \(\frac{40}{100}\)m = 0.4 m

(b) तरंग का वेग υ = 320 m/s, v = ?, λ = 0.4
υ = vλ
v = \(\frac{v}{\lambda}=\frac{320}{0.4}\) = 800Hz .
दूरी (सें मील) -1 2. 0.4
∴ आवृत्ति v = 800 Hz

प्रश्न 11.
किसी स्प्रिंग (Spring) पर कोई अनुदैर्ध्य तरंग उत्पन्न की जाती है। यह तरंग 3th cm/s वेग से चलती है और इसकी आवृत्ति 20 Hz है। स्प्रिंग के दो क्रमागत संपीडनों के बीच न्यूनतम दूरी कितनी है ?
हल :
V = 30 cm/s = 0.30 m/s, आवृत्ति v = 20 Hz, λ = ?
V = vλ
0.30 = 20 Hz × λ
λ = \(\frac{.30}{20}\)
= .015 मीटर
= 1.5 सेमी०

प्रश्न 12.
एक रिपल तालाब (Ripple tank) में प्रति सैकेंड 10 पूरी लहरें उत्पन्न होती हैं। पड़ोसी गर्त और शिखरों में दूरी 12 cm है। आवृत्ति, तरंग-लंबाई और तरंग का वेग ज्ञात करें।
हल :
चूँकि 10 लहरें प्रति सैकेंड की दर से उत्पन्न होती हैं। इसलिए आवृत्ति 10 Hz है। चूँकि तरंग-लंबाई पड़ोसी गर्त और शिखर की दूरी की दुगुनी है, इसलिए तरंग-लंबाई है
λ = 2 × 12 = 24 cm
V = v × λ = 10 × 24 = 240 ms-1

प्रश्न 13.
एक प्रेषक चट्टान के सामने 200 मीटर दूर खड़ा होता है। वह सीटी बजाता है। अगर ध्वनि हवा में 332 m/s के वेग से चलती हो तो यह सीटी की प्रति ध्वनि कितनी देर बाद सुन सकेगा ?
हल :
ध्वनि का वेग = 332 मीटर प्रति सै०
ध्वनि वापस आने के लिए चली गई दूरी = 200 मी० + 200 मी० = 400 मी०
332 मी० ध्वनि चलने के लिए लिया गया समय = 1 सैकेंड
1 मी० ध्वनि चलने के लिए लिया गया समय = \(\frac{1}{332}\) सैकेंड
400 मी० ध्वनि चलने के लिए लिया गया सभय = \(\frac{1}{332}\) × 400
= \(\frac{100}{83}\) से०
= 1.2 सैकेंड उत्तर

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 14.
एक नाव में एक ध्वनि संकेत भेजा गया। यह संकेत समुद्र की तली से परावर्तन होने के 0.8 सैकेंड के बाद नाव पर लौट आया। समुद्र की गहराई ज्ञात करो यदि पानी में ध्वनि का वेग 1500 मीटर प्रति सैकेंड हो।
हल :
ध्वनि का वेग = 1500 मी० प्रति सैकेंड
लगा समय = 0.8 सैकेंड
ध्वनि द्वारा कुल तय दूरी = ध्वनि का वेग × समय
= 1500 × 0.8
= 1500 × \(\frac{8}{10}\)
= 1200 मी०
समुद्र की गहराई = \(\frac{1200}{2}\) = 600 मी०

प्रश्न 15.
कोई बच्चा किसी शक्तिशाली पटाखे के फटने के 4 सैकेंड बाद उसकी किसी खड़ी चट्टान के कारण प्रतिध्वनि सुनता है। बच्चे से चट्टान की दूरी क्या है ? हल :
ध्वनि द्वारा जाने तथा फिर वापिस आने में तय की गई कुल दूरी = 2d
V = \(\frac{2 d}{t}\)
d = \(\frac{\mathrm{V} \times t}{2}\)
d = \(\frac{344 \times 4}{2}\)
= 688 मीटर उत्तर

प्रश्न 16.
एक स्वरित्र की आवृत्ति 400 हर्ट्ज़ है। इसका आवर्तकाल कितना होगा ?
हल :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 17

प्रश्न 17.
एक स्वरित्र का दोलनकाल 1/10 सेकंड है। स्वरित्र की आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल :
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 18
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 19
∴ υ = 40 हर्ट्ज़।

प्रश्न 17.
एक तरंग की चाल 100 मीटर/सेकंड तथा तरंग-दैर्ध्य 50 सेमी है। तरंग की आवृत्ति ज्ञात कीजिए :
हल :
दिया है, तरंग की चाल (v) = 1000 मीटर/सेकंड, तरंग दैर्ध्य (λ) 50 सेमी = 50 × 10-2 मीटर, आवृत्ति (v) = ?
सूत्र υ = vλ से
तरंग की आवृत्ति v = \(\frac{v}{\lambda}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 20
= 200 हर्ट्ज़

प्रश्न 18.
ध्वनि वायु में 330 मीटर/सेकंड की चाल से चलती है। एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 550 हर्ट्स है। इस तरंग की तरंग-दैर्ध्य क्या होगी ?
हल :
दिया है : तरंग वेग (υ) = 330 मीटर/सेकंड, आवृत्ति (v) = 550 हर्टज
सूत्र υ = v × λ = से,
तरंग-दैर्ध्य λ = \(\frac{v}{v}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 21
= \(\frac{3}{5}\) मीटर = 0.6 मीटर

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 19.
एक रेडियो प्रसारण केंद्र से 40 मेगा ह आवृत्ति की विद्युत्-चुंबकीय तरंगें प्रसारित होती हैं। यदि विदयुत्-चुंबकीय तरंग की चाल 3.0 × 108 मीटर/सेकंड हो तो इन तरंगों की तरंग-दैर्ध्य क्या होगी?
हल :
दिया है : आवृत्ति (v) = 40 मेगा हर्ट्ज़ = 40 × 106 हज़, चाल (v) = 3.0 × 106 मीटर/सेकंड, तरंगदैर्ध्य (λ) = ?
सूत्र v = vλ
तरंग-दैर्ध्य λ = \(\frac{v}{v}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 22
= 7.5 मीटर

प्रश्न 20.
किसी (खड़ी नाव) से जल तरंगें लगातार टकरा रही हैं। यदि इन तरंगों के दो क्रमागत श्रृंगों के बीच की दूरी 100 मीटर तथा जल में तरंगों का वेग 20 मीटर/सेकंड है तो तरगों के नाव से टकराने की आवृत्ति क्या है ?
हल :
दिया है : जल में तरंगों का वेग (υ) = 20 मीटर/सेकंड
क्रमागत शृंगों के बीच की दूरी = 100 मीटर, तरंगों की आवृत्ति (v) = ?
∵ दो क्रमागत शृंगों के बीच की दूरी = तरंग्ध्य (λ)
∴ तरंग-दैर्ध्य λ = 100 मीटर
सूत्र = v × λ से,
आवृत्ति v = \(\frac{v}{\lambda}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 23
= 0.2 हज़

प्रश्न 21.
एक स्रोत वायु में 1.2 मीटर तरंग-दैर्ध्य की तरंगें उत्पन्न कर रहा है। यही स्रोत जल में 5.4 मीटर तरंग-दैर्ध्व की तरंगें उत्पन्न करता है। यदि वायु में ध्वनि की चाल 330 मीटर/सेकंड हो तो तरंग की जल में चाल ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : वायु में तरंग दैर्ध्य (λ1) = 1.2 मीटर तथा तरंग वेग (υ1) = 330 मीटर/सेकंड
∴ तरंग की आवृत्ति (v) = \(\frac{v_{1}}{\lambda_{1}}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 24
= 275 हज़
दोनों तरंगें एक ही स्रोत से उत्पन्न हो रही हैं क्योंकि दोनों की आवृत्तियाँ समान हैं
जल में तरंग-दैर्ध्य (λ2) = 5.2 मीटर
∴ जल में तरंग की चाल (υ2) = v × λ2
= 275 हज़ × 5.4 मीटर
= 1485 मीटर/सेकंड

प्रश्न 22.
सोनार द्वारा पानी के पृष्ठ पर ध्वनि स्पंद उत्सर्जित किए जाते हैं। ये स्पंद पानी की तली से परावर्तन के पश्चात् संसूचित किए जाते हैं। यदि उत्सर्जित होने व संसूचन के बीच समय अंतराल 2 सेकंड है तो पानी की गहराई कितनी है ? (पानी में ध्वनि की गति = 1498 मीटर/सेकंड)
हल :
दिया है, उत्सर्जन व संसूचन के मध्य समयांतराल (t) = 2 सेकंड
पानी में ध्वनि की चाल (v) = 1498 मीटर/सेकंड
मान लो पानी की गहराई = S = ?
प्रश्नानुसार, ध्वनि तरंगें (t) = 2 सेकंड में 25 दूरी तय करती है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 25
अतः पानी की गहराई S = \(\frac {1}{2}\)υt
= \(\frac {1}{2}\) × (1498 मीटर/सेकंड) × 2 सेकंड
= 1498 मीटर

प्रश्न 23.
एक पत्थर 44.1 मीटर गहरे कुएँ में गिराया जाता है। यदि पत्थर के पानी से टकराने की ध्वनि, पत्थर गिराने के 3.13 सेकंड बाद सुनाई देती है तो वायु में ध्वनि का वेग ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है, कुएँ की गहराई (h) = 44.1 मीटर, गुरुत्वीय त्वरण (g) = 9.8 मीटर/सेकंड2
पत्थर को जल के तल तक जाने में तथा ध्वनि को ऊपर तक आने में लगा समय 1 = 3.13 सेकंड
मान लो पत्थर को जल के तल तक जाने में t1 समय लगता है तो
समीकरण S = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2 से,
44.1 मीटर = 0 × t1 + \(\frac {1}{2}\) × (9.8 मीटर/सेकंड2) × t12
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 26
= 3.0 सेकंड
∴ ध्वनि को कुएँ के शिखर तक पहुँचने में लगा समय t2 = t – t1
= (3.13 – 3.0) सेकंड
= 0.13 सेकंड
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 27
= 339.2 मीटर/सेकंड

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 24.
प्रतिध्वनि सुनने के लिए किसी कमरे की न्यूनतम लंबाई कितनी होनी चाहिए ? वायु में ध्वनि की चाल 320 मीटर/सेकंड है।
हल :
मानव कान पर ध्वनि का प्रभाव t = 0.1 सेकंड तक बना रहता है,
∴ प्रतिध्वनि सुनने के लिए आवश्यक है, ध्वनि को श्रोता से चलकर दीवार से टकराने तथा वापस श्रोता तक पहुँचने में न्यूनतम 0.1 सेकंड का समय लगना चाहिए।
मान लो कमरे की न्यूनतम लंबाई = (S)
तब ध्वनि 0.1 सेकंड में 2S दूरी तय करेगी।
तय हुई दूरी (2S) = चाल × समय
2S = 320 मीटर/सेकंड × 0.1 सेकंड
या 2S = 32 मीटर
S = 16 मीटर
इसलिए कमरे की न्यूनतम लंबाई 16 मीटर होनी चाहिए।

प्रश्न 25.
किसी ध्वनि तरंग की आवृत्ति 2kHz और उसकी तरंगदैर्ध्य 35cm है। यह 1.5 km दूरी चलने में कितना समय लेगी ?
हल :
दिया हुआ है,
आवृत्ति (v) = 2 kHz
= 2000 Hz
तरंगदै- (λ) = 35 cm
= 0.35 m
हम जानते हैं, तरंग वेग (υ) = तरंगदैर्ध्य × आवृत्ति
υ = λ × v
= 0.35m × 2000 Hz
= 700 m/s
समय (t) = \(\frac{d}{v}=\frac{1.5 \times 1000 \mathrm{~m}}{700 \mathrm{~ms}^{-1}}\)
= \(\frac{15}{7}\)s
= 2.1s
∴ ध्वनि 1.5 km दूरी तय करने में 2.1 s समय लेगी।

प्रश्न 26.
एक मनुष्य किसी खड़ी चट्टान के पाम ताली बजाता है और उसकी प्रतिध्वनि 5s के पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 346 ms-1 ली जाए, तो चट्टान तथा मनुष्य के बीच की दूरी कितनी होगी ?
हल :
ध्वनि की चाल (υ) = 346 ms-1
प्रतिध्वनि सुनने में लिया गया समय t = 5s
ध्वनि द्वारा चली गई दूरी (S) = υ × t = 346 ms-1 × 5 s
= 1730 m
5 s में ध्वनि ने चट्टान तथा मनुष्य के बीच की दोगुनी दूरी तय की।
1730 चट्टान तथा मनुष्य के बीच की दूरी = \(\frac{1730}{2}\)m
= 865 m

प्रश्न 27.
एक जहाज पराध्वनि उत्पर्जित करता है जो समुद्र तल से परावर्तित होकर 3.42 s के पश्चात् संसूचित की जाती है। यदि समुद्र जल में पराध्वनि की चाल 1531 m/s हो, तो समुद्र तल से जहाज़ की कितनी दूरी होगी ?
हल :
प्रेषण तथा संसूचन के बीच लगा समय t = 3.42 s
समुद्र जल में पराश्वनि की चाल (υ) = 1531 m/s
पराध्वनि द्वारा चली गई दूरी = 2d. जहाँ d = समुद्र की गहराई
∴ 2d = ध्वनि की चाल – समय = 1531 m/s × 3.42s
= 5236 m
d = \(\frac{5236}{2}\)m
= 2618 m
∴ जहाज़ से समुद्र तल की दूरी 2618 m = 2.62 km है।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ध्वनि किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा है जो कंपन द्वारा उत्पन्न होती है।

प्रश्न 2.
ध्वनि की गति गैसों में अधिक होती है अथवा ठोस में ?
उत्तर-
ठोस में अधिक होती है।

प्रश्न 3.
ध्वनि की गति की द्रवों और ठोसों में तुलना करो।
उत्तर-
ध्वनि की गति द्रवों में कम होती है परंतु ठोसों में अधिक होती है।

प्रश्न 4.
मानव कान किस आवृत्ति वाली ध्वनि को सुन सकता है ?
उत्तर-
मानव कान 20 हर्टज़ से 20,000 हर्ट्ज़ वाली ध्वनि सुन सकता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 5.
क्या ध्वनि निर्वात में चल सकती है?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 6.
ध्वनि की प्रकृति अनुप्रस्थ तरंग है या अनुदैर्ध्य तरंग ?
उत्तर-
अनुदैर्ध्य तरंग।

प्रश्न 7.
तरंग उत्पन्न करने के लिए माध्यम के क्या गुण होने चाहिए ?
उत्तर-
माध्यम में जड़त्व तथा आकार में लचकीलापन का गुण होना चाहिए।

प्रश्न 8.
तरंग उत्पन्न करने के लिए माध्यम के क्या गुण होने चाहिएं ?
उत्तर-
माध्यम में जड़त्व तथा आयतन में लचकीलापन अवश्य होना चाहिए।

प्रश्न 9.
बताएँ कि निम्नलिखित अनुप्रस्थ तरंगें हैं या अनुदैर्ध्य तरंगें
(i) प्रकाश-तरंग,
(ii) जल में लहरें,
(ii) ध्वनि तरंगें।
उत्तर-
(i) अनुप्रस्थ तरंग,
(ii) अनुप्रस्थ तरंग,
(iii) अनुदैर्ध्य तरंग।

प्रश्न 10.
आवृत्ति, तरंग-लंबाई और तरंग-वेग में क्या संबंध है ?
उत्तर-
तरंग वेग = आवृत्ति × तरंग-लंबाई।

प्रश्न 11.
आवृत्ति की इकाई क्या है ?
उत्तर-
हज़।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 12.
आवृत्ति (v) और आवर्तकाल (T) में क्या संबंध है ?
उत्तर-
v = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)

प्रश्न 13.
पराश्रव्य ध्वनि कौन सुन सकते हैं ?
उत्तर-
चमगादड़ तथा कुत्ते।

प्रश्न 14.
प्रतिध्वनि के लिए वस्तु ध्वनि के स्रोत से कितने मीटर से अधिक दूरी पर होनी चाहिए ?
उत्तर-
17.2 मीटर।

प्रश्न 15.
रडार किस सिदधांत पर कार्य करता है ?
उत्तर-
पराश्रव्य ध्वनि के सिद्धांत पर।

प्रश्न 16.
कान पर प्रतिध्वनि का प्रभाव कब तक रहता है ?
उत्तर-
कान पर ध्वनि का प्रभाव \(\frac {1}{10}\) सेकंड तक रहता है।

प्रश्न 17.
छोटे कमरों में प्रतिध्वनि सुनाई क्यों नहीं देती ?
उत्तर-
छोटे कमरों की लंबाई 17.2 मीटर से कम होती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 18.
ध्वनि तरंगों के संचारण के लिए माध्यम में कौन-से दो गुण होने चाहिए ?
उत्तर-

  1. प्रत्यास्थता तथा
  2. जड़त्व।

प्रश्न 19.
किस प्रकार की तरंगों के संचरण के लिए द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता नहीं होती ?
उत्तर-
विट्दत मंजकीय तरंगों के लिए।

प्रश्न 20.
एक यांत्रिक तरंग क्षैतिज दिशा में गति कर रही है। माध्यम के कण किस दिशा में कंपन करेंगे, यदि तरंग
(i) अनुप्रस्थ है,
(ii) अनदैर्ध्य है ?
उत्तर-
(i) ऊर्ध्वाधर दिशा में,
(ii) क्षैतिज दिशा में।

प्रश्न 21.
दो ऐसी युक्ग्यिों के नाम बताइए जो
(i) ध्वनि ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में तथा
(ii) विद्युत् ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में बदलती है ?
उत्तर-
(i) ध्वनि ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में बदलने वाली युक्ति माइक्रोफोन,
(ii) विद्युत् ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में बदलने वाली युक्ति लाउडस्पीकर ।

प्रश्न 22.
आवृत्ति का मात्रक क्या है ?
उत्तर-
आवृत्ति का मात्रक ह है।

प्रश्न 23.
आवर्तकाल तथा आवृत्ति में क्या संबंध है ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 28

प्रश्न 24.
तरंग-दैर्ध्य का S.I. मात्रक क्या है ?
उत्तर-
मीटर।

प्रश्न 25.
यदि किसी तरंग के किसी बिंदु पर श्रृंग बन रहा है तो कितने समय पश्चात् उस पर गर्त बनेगा ?
उत्तर-
\(\frac{\mathrm{T}}{2}\) समय पश्चात् गर्त बनेगा, जहाँ T तरंग का आवर्तकाल है।

प्रश्न 26.
तरंग-दैर्ध्य, आवृत्ति तथा तरंग वेग के बीच संबंध लिखिए।
उत्तर-
तरंग वेग (υ) = आवृत्ति (v) × तरंग-दैर्ध्य (λ)।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 27.
श्रव्य तरंगों का आवृत्ति परास बताइए।
उत्तर-
श्रव्य तरंगों का आवृत्ति परास–20 हर्ट्स से 20 किलोह तक है।

प्रश्न 28.
हम चंद्रमा पर होने वाले विस्फोट की आवाज पृथ्वी पर क्यों नहीं सुन पाते ?
उत्तर-
पृथ्वी व चंद्रमा के बीच द्रव्यात्मक माध्यम न होने के कारण।

प्रश्न 29.
उन कारकों के नाम बताइए जो किसी माध्यम में ध्वनि की चाल को प्रभावित करते हैं ?
उत्तर-
माध्यम का

  1. ताप,
  2. घनत्व तथा
  3. आर्द्रता।

प्रश्न 30.
वायु में ध्वनि की चाल पर ताप पर का प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
ताप बढ़ने पर वायु में ध्वनि की चाल बढ़ती है।

प्रश्न 31.
ठोसों, द्रवों तथा गैसों में ध्वनि की चाल किसमें सबसे अधिक तथा किसमें सबसे कम होती है ?
उत्तर-
ठोसों में सबसे अधिक गैसों में सबसे कम होती है।

प्रश्न 32.
हमारे कान में ध्वनि की संवेदना कितने समय तक बनती रहती है ?
उत्तर-
0.1 सेकंड तक।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 33.
अनुप्रस्थ तरंगें किस प्रकार के माध्यम में उत्पन्न की जा सकती हैं ?
उत्तर-
ठोसों में तथा द्रवों की सतह पर, जिनमें दृढ़ता होती है।

प्रश्न 34.
अनुदैर्ध्य तरंगें किस प्रकार के माध्यम में उत्पन्न की जा सकती हैं ?
उत्तर-
ठोस, द्रव तथा गैस तीनों माध्यमों में।

प्रश्न 35.
जल में पत्थर फेंकने से जल की सतह पर उत्पन्न तरंगें किस प्रकार की होती हैं ?
उत्तर-
अनुप्रस्थ तरंग।

प्रश्न 36.
लोहे में उत्पन्न ध्वनि तरंगें किस प्रकार की होती हैं ?
उत्तर-
अनुदै गयो।

प्रश्न 37.
वायु में उत्पन्न दनि ता किस प्रकार की होती हैं ?
उत्तर-
अनुदैर्ध्य तरंगें।

प्रश्न 38.
किसी तार को दो खूटियों के बीच तानकर लंबाई के लंबवत् खींचकर छोड़ दिया जाता है तो तार में उत्पन्न तरंग का नाम बताइए।
उत्तर-
अनुप्रस्थ तरंगें।

प्रश्न 39.
उन दो जानवरों के नाम बताओ जो 20,000 हर्ट्ज़ से उच्च आवृत्ति की तरंगों के प्रति संवेदनशील
उत्तर-
कुत्ता तथा चमगादड़।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 40.
SONAR का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर-
SONAR का पूरा नाम Sound Navigation and Ranging है।

प्रश्न 41.
SONAR के दो उपयोग बताइए।
उत्तर-

  1. समुद्र की गहराई ज्ञात करना,
  2. शत्रु पनडुब्बी की स्थिति ज्ञात करना।

प्रश्न 42.
पराध्वनि तरंगों के दो उपयोग बताइए।
उत्तर-

  1. मनुष्य के पेट में किसी प्रकार की अनियमितता की जानकारी प्राप्त करना।
  2. धातु के ब्लॉक में दरारों का पता लगाना।

प्रश्न 43.
सेस्मोग्राफ क्या है ?
उत्तर-
सेस्मोग्राफ भूकंप की तीव्रता नापने वाला उपकरण है।

प्रश्न 44.
भूकंप की तीव्रता के मापन के लिए कौन-सा पैमाना प्रायोग किया जाता है?
उत्तर-
रिक्टर पैमाना प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 45.
रिक्टर पैमाने पर कितनी तीव्रता तक का भूकंप सुरक्षित माना जाता है ?
उत्तर-
रिक्टर पैमाने पर 5 तीव्रता तक का भूकंप सुरक्षित माना जाता है।

प्रश्न 46.
बादलों की चमक तथा गड़गड़ाहट में से कौन-सी ऊर्जा हम तक पहले पहुँचेगी ?
उत्तर-
चमक पहले पहुँचेगी क्योंकि प्रकाश का वेग ध्वनि की अपेक्षा अधिक है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 47.
चमगादड़ अंधेरे में भली प्रकार अपना रास्ता मालूम कर सकता है, क्यों ?
उत्तर-
चमगादड़ अंधेरे में पराश्रव्य तरंगों के उत्सर्जन व संसूचन के कारण भली प्रकार अपना रास्ता मालूम कर सकता है।

प्रश्न 48.
किसी तरंग की ऊर्जा तथा उसके आयाम में क्या संबंध है ?
उत्तर-
ऊर्जा ∝ आयाम2

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
रासायनिक संयोजन के नियमों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वैज्ञानिक आंतवाँ एल० लवाइजिए तथा जोसफ एल० पाउस्ट ने रासायनिक संयोजन के दो नियम प्रतिपादित किए थे।

I. द्रव्यमान संरक्षण या द्रव्य की अविनाशिता का नियम
रूस के वैज्ञानिक एम०वी० लोमोनोसोव (M.V. Lomonosov) ने 1756 ई० में ‘द्रव्यमान संरक्षण के नियम’ का प्रतिपादन किया। द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार जब रासायनिक परिवर्तन पूरा होता है तो रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन होता है और न ही विनाश होता है। अतः किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में परिवर्तन के उपरान्त भी पदार्थ का कुल द्रव्यमान उतना ही रहता है जितना अभिक्रिया से पूर्व था।
∴ अभिक्रिया से पूर्व अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = अभिक्रिया के उपरांत उत्पादों का कुल द्रव्यमान इस नियम को निम्न प्रयोग द्वारा सिद्ध किया जा सकता है।
प्रयोग – एक फ्लास्क लो। इसमें अग्रलिखित X और Y रसायनों का युगल लो।

X – Y
(i) कॉपर सल्फेट – सोडियम कार्बोनेट
(ii) बेरियम क्लोराइड – सोडियम सल्फेट
(iii) लेड नाइट्रेट – सोडियम क्लोराइड

इनमें से ‘Y’ विलयन को एक शंक्वाकार फ्लास्क में तथा ‘X’ विलयन को एक क्वथन नली में लो। क्वथन नली को विलयन युक्त फ्लास्क में इस प्रकार लटकाओ कि दोनों विलयन आपस में न मिलें। फ्लास्क का मुंह कार्क से बंद कर दें। फ्लास्क में सभी वस्तुओं को ध्यानपूर्वक तोलो तथा फ्लास्क को इस प्रकार हिलाओ कि ‘X’ और ‘Y’ विलयन आपस में मिल जाए। रासायनिक क्रिया के बाद फ्लास्क को तोलो। द्रव्यमान अपरिवर्तित रहेगा जबकि अंतर्वस्तुओं में रासायनिक क्रिया से परिवर्तन होगा। इससे द्रव्यमान संरक्षण का नियम सिद्ध हो जाता है।
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II. स्थिर अनुपात का नियम
रखी हुई x विलयन युक्त क्वथन नली। इस नियम को फ्रेंच वैज्ञानिक जे० एल० प्राउस्ट (J. L. Proust) ने 1799 ई० में प्रतिपादित किया। इस नियम के अनुसार,
प्रत्येक रासायनिक यौगिक में भले वह किसी भी विधि से बनाया या प्राप्त किया गया हो, तत्वों के द्रव्यमान एक निश्चित अनुपात में संयुक्त रहते हैं।
इस नियम से यह स्पष्ट है कि प्रत्येक यौगिक का रासायनिक संघटन निश्चित होता है, जो उसके बनाने की विधि या स्रोत (Source) पर निर्भर नहीं करता है।

उदाहरण 1.-जल (H2O) हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन का यौगिक है। जल को विभिन्न विधियों द्वारा बनाया जा सकता है और प्राकृतिक साधनों द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है। किसी भी प्रकार से प्राप्त जल का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि जल में हाइड्रोजन व ऑक्सीजन, भार की दृष्टि से 1 : 8 के अनुपात में संयुक्त है।

उदाहरण 2.-कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) कार्बन तथा ऑक्सीजन का यौगिक है। इसे
(i) कार्बन को वायु में जलाकर,
(ii) कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करके अथवा
(iii) सोडियम कार्बोनेट पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया करके प्राप्त किया जा सकता है। तीनों विधियों से प्राप्त CO2 का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इनमें कार्बन व ऑक्सीजन, द्रव्यमान की दृष्टि से 12 : 32 अर्थात् 3 : 8 के अनुपात में संयुक्त रहते हैं।
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PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 2.
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत की विवेचन कीजिए।
उत्तर-
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार, सभी तत्व, यौगिक या मिश्रण सूक्ष्म कणों से बने होते हैं। इन सूक्ष्म कणों को परमाणु कहते हैं। डाल्टन के सिद्धांत की विवेचना इस प्रकार की जा सकती है-

  1. सभी द्रव्य परमाणुओं से निर्मित होते हैं।
  2. परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो बनाए जा सकते हैं न ही उनका विनाश होता है।
  3. दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं।
  4. भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं।
  5. भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक बनाते हैं।
  6. किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या और किस्म निश्चित होते हैं।

प्रश्न 3.
परमाणु द्रव्यमान को परिभाषित कीजिए। ग्राम-परमाणु भार किसे कहते हैं ?
अथवा
परमाणु द्रव्यमान व्यक्त करने का आधुनिक पैमाना क्या है ? इस पैमाने पर आप किसी तत्व का औसत सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान किस प्रकार व्यक्त कर सकते हैं ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान – किसी तत्व का छोटे-से-छोटा कण परमाणु कहलाता है और वह रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेता है। परमाणु अत्यंत ही सूक्ष्म होता है और इसका वास्तविक द्रव्यमान ज्ञात करना कठिन है। तत्वों के परमाणु द्रव्यमान से उनका सापेक्ष द्रव्यमान ज्ञात होता है।

हाइड्रोजन का परमाणु सबसे हल्का होता है, इसलिए इसके परमाणु द्रव्यमान को इकाई मानकर अन्य तत्वों के सापेक्ष द्रव्यमान ज्ञात किए जाते हैं और इनको परमाणु द्रव्यमान कहा जाता है।

अतः किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि उस तत्व का एक परमाणु हाइड्रोजन के एक परमाणु से कितने गुना भारी है।
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कुछ वैज्ञानिकों ने अपने प्रयोगों के आधार पर परमाणु द्रव्यमान की इकाई हाइड्रोजन के एक परमाणु के द्रव्यमान के स्थान पर ऑक्सीजन के परमाणु द्रव्यमान के सोलहवें भाग (1/16) को अधिक सही माना है।
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अब परमाणु द्रव्यमान का ऑक्सीजन मानक भी मान्य नहीं रहा है; क्योंकि ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान इसके तीन समस्थानिकों (isotopes) का औसत द्रव्यमान होता है; इसलिए ऑक्सीजन को विश्वस्त न पाकर वैज्ञानिकों ने C12 को मानक निर्धारित किया है।

किसी भी तत्व का परमाणु द्रव्यमान इसके परमाणु का औसत सापेक्ष द्रव्यमान (Average relative mass) होता है, जबकि उसकी तुलना कार्बन परमाणु (C12) समस्थानिक) का भार 12 मानकर की जाती है।
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ग्राम परमाणु द्रव्यमान – जब परमाणु द्रव्यमान को ग्राम में प्रकट करते हैं, तो वह ग्राम परमाणु द्रव्यमान कहलाता है।
उदाहरण-कैल्सियम का परमाणु द्रव्यमान 40 है तथा इसका परमाणु द्रव्यमान 40 ग्राम है।

प्रश्न 4.
सरल यौगिकों के सत्र किस प्रकार लिखे जाते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
दो अलग-अलग तत्वों से बने सरलतम यौगिकों को द्विअंगी यौगिक कहते हैं।
आण्विक यौगिकों को रासायनिक सूत्र लिखते समय पहले संघटक तत्वों के प्रतीक लिखकर उनकी संयोजकताएं लिखी जाती हैं। जैसा कि इसके नीचे दिए उदाहरणों में प्रकट किया गया है। इसके बाद संयोजित परमाणुओं की संयोजकताओं को क्रॉस (Cross) करके अणु सूत्र लिखते हैं।

1. हाइड्रोजन क्लोराइड का सूत्र
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अतः हाइड्रोजन क्लोराइड का रासायनिक सूत्र HCl है।

2. सोडियम सल्फाइट के सूत्र
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अतः सोडियम सल्फाइट का सूत्र Na2SO3 है।

3. कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र
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अत: कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र CCl4 है।

4. मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र
मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र ज्ञात करने के लिए पहले हम धनायन का संकेत (Mg2+) लिखते हैं। इसके बाद ऋणायन क्लोराइड (Cl) लिखते हैं तथा आवेशों को क्रॉस-गुणा (criss-cross) करके हम सूत्र प्राप्त करते हैं।
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अतः मैग्नीशियम क्लोराइड का सूत्र MgCl2 है।

5. ऐलुमिनियम ऑक्साइड का सूत्र :
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अतः ऐलुमिनियम ऑक्साइड का सूत्र Al2O3 है।

6. कैल्सियम ऑक्साइड का सूत्र :
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इनमें दोनों तत्वों की संयोजकताएं समान हैं। अतः इसका सूत्र Ca2O2 प्राप्त होगा, किंतु हम इस सूत्र को CaO के रूप में सरलीकृत करते हैं।

बहुपरमाणुक आयनों वाले यौगिक
1. सोडियम नाइट्रेट का सूत्र :
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अतः सोडियम नाइट्रेट का सूत्र : NaNO3

2. कैल्सियम हाइड्रोक्साइड का सूत्र :
जब सूत्र में एक ही आयन के दो या दो से अधिक आयन होते हैं तो उनके लिए कोष्ठक का उपयोग किया जाता है। यहां पर OH के कोष्ठक में रखकर पादांक 2 लगाते हैं जो यह दर्शाता है कि एक कैल्सियम परमाणु के साथ दो हाइड्रोक्सिल समूह जुड़े हैं।
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अतः कैल्सियम हाइड्रोक्साइड सूत्र : Ca (OH)2

3. सोडियम कार्बोनेट का सूत्र :
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अतः सोडियम कार्बोनेट सूत्र : Na2CO3
इसमें कोष्ठक के उपयोग की आवश्यकता नहीं है क्योंकि बहुपरमाणुक आयन कार्बोनेट का एक ही आयन विद्यमान है।

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प्रश्न 5.
मोल संकल्पना क्या है ? इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मोलर-द्रव्यमान को पारिभाषित कीजिए।
उत्तर-
मोल संकल्पना – रसायन शास्त्र में अतिसूक्ष्म स्तर पर कणों (जैसे-परमाणुओं, अणुओं, कणों, इलेक्ट्रॉनों आदि) की संख्या ज्ञात करने के लिए रसायनज्ञों को एक मानक मात्रक की आवश्यकता अनुभव हुई। इसलिए मोल संकल्पना का प्रतिपादन हुआ। मोल संकल्पना के अनुसार, “किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा है जिसमें उतने ही कण उपस्थित होते हैं, जितने कार्बन-12 समस्थानिक के ठीक 12 ग्राम में परमाणुओं की संख्या होती है।

किसी पदार्थ के एक मोल में कणों की संख्या सदैव समान होगी, भले ही वह कोई भी पदार्थ हो। इस संख्या के सही निर्धारण के लिए कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान, द्रव्यमान स्पेक्ट्रममापी द्वारा ज्ञात किया गया जिसका मान 1.992648 × 10-23 ग्राम प्राप्त हुआ। कार्बन के 1 मोल का द्रव्यमान 12 ग्राम होता है; अतः कार्बन के 1 मोल में परमाणुओं की संख्या इस प्रकार होगी-
= PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 15
= 6.0221367 × 1023 ≈ 6.022 × 1023 परमाणु/मोल
इसे ‘आवोगादो संख्या’ कहते हैं तथा ‘N’ या ‘NA‘ से व्यक्त करते हैं।
मोल संकल्पना की आवश्यकता – परमाणु और अणु आकार में अत्यंत छोटे होते हैं तथा किसी पदार्थ को बहत कम मात्रा में भी इनकी संख्या बहुत अधिक होती है, इतनी बड़ी संख्याओं के साथ कार्य करने के लिए इतने ही परिमाण के एक मात्रक को आवश्यकता होती है। मोल संकल्पना के अनुसार 12 ग्राम कार्बन में 6.022 × 1023 (आवोगाद्रो संख्या) कार्बन-परमाणु होते हैं क्योंकि इन कणों को गिनना संभव नहीं है, इसलिए इनकी संख्या को मोल में व्यक्त करके कार्य करना सुगम हो जाता है।
उदाहरणस्वरूप-
1 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 6.022 × 1023
∴ 3 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 3 × 6.022 × 1023
= 1.8066
= 1.81 × 1024 परमाणु मोलर द्रव्यमान-किसी पदार्थ के एक मोल को ग्राम में व्यक्त द्रव्यमान को उसका ‘मोलर द्रव्यमान’ कहते हैं। ग्राम में व्यक्त मोलर द्रव्यमान संख्यात्मक रूप से परमाणु द्रव्यमान या आण्विक द्रव्यमान या सूत्र दव्यमान के बराबर होता है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
“उच्च ताप पर वायु में चूने के पत्थर (CaCO3) को गर्म करने से द्रव्यमान कम हो जाता है, परंतु लोहे का द्रव्यमान बढ़ जाता है।” ये तथ्य द्रव्यमान-संरक्षण की पुष्टि किस प्रकार करते हैं ?
उत्तर-
चूने के पत्थर को गर्म करने पर कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त होती है।
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चूँकि CO2 बाहर निकल जाती है, इसलिए CaCO3 के भार में कमी आ जाती है। अभिकारक पदार्थों (CaCO3) व उत्पादों (CaO + CO2) का द्रव्यमान बराबर होता है; अतः इसी से द्रव्यमान-संरक्षण नियम की पुष्टि होती है। अब लोहे को गर्म करने से लोहे का ऑक्साइड (Fe2 O3) बनता है।
4Fe + 3O2 → 2Fe2 O3
रासायनिक क्रिया के अनुसार लोहे का ऑक्सीकरण होने से द्रव्यमान बढ़ जाता है, परंतु अभिकारक पदार्थों व उत्पाद का द्रव्यमान समान रहता है।

इन तथ्यों से प्रकट होता है कि द्रव्य को न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही उत्पन्न किया जा सकता है, केवल उसका रूप बदलता है। अतः इससे द्रव्यमान-संरक्षण नियम की पुष्टि होती है।

प्रश्न 2.
परमाणु द्रव्यमान इकाई (a.m.u.) से आप का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान इकाई (a.m.u.) – आजकल परमाणु द्रव्यमान को कार्बन-12 परमाणु (6C12) के द्रव्यमान के सापेक्ष व्यक्त किया जाता है। परमाणु द्रव्यमान मात्रक को a.m.u. द्वारा प्रदर्शित करते हैं। कार्बन-12 के एक परमाणु का द्रव्यमान स्वेच्छा से 12 a.m.u. मान लिया गया है। अत: कार्बन-12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के बारहवें (1/12) भाग को परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते हैं।

परमाणु द्रव्यमान इकाई (1 a.m.u.) = \(\frac {1}{12}\) × कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान

कार्बन-12 समस्थानिक के एक परमाणु का वास्तविक द्रव्यमान 1.9926 × 10-23 ग्राम होता है जो 12 a.m.u. के बराबर होता है।

∴ 1 a.m.u. = \(\frac{1.9926 \times 10^{-23}}{12}\)
= 1.66 × 10-24 ग्राम 1.66 × 10-24 ग्राम को a.m.u. का ग्राम तुल्यांक (gram equivalent) कहते हैं।
तत्वों के विभिन्न समस्थानिकों के परमाणुओं के द्रव्यमान तथा सब परमाण्विक कणों के द्रव्यमान प्रायः a.m.u. में व्यक्त किए जाते हैं। उदाहरणार्थ-7N14 के एक परमाणु का द्रव्यमान = 14.0032 a.m.u. इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 0. 0005486 a.m.u.

प्रश्न 3.
कुछ तत्वों के परमाणु द्रव्यमान पूर्णांक नहीं होते। क्यों ?
उत्तर-
किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान उसके समस्थानिकों के परमाणु द्रव्यमान के सापेक्ष औसत द्रव्यमान होता है। यह सदा पूर्णांक में नहीं होता और इसी कारण कुछ तत्वों के परमाणु द्रव्यमान पूर्णांक नहीं होते। उदाहरण के लिए क्लोरीन के दो समस्थानिक हैं। क्लोरीन का 75% ऐसा है जिसका परमाणु द्रव्यमान 35 है और 25% परमाणु का द्रव्यमान 37 है। इसलिए इसका परमाणु द्रव्यमान 35.5 है।
∴ क्लोरीन का परमाणु द्रव्यमान = \(\frac{3 \times 35+1 \times 37}{4}\)
= \(\frac{105+37}{4}\)
= \(\frac{142}{4}\) = 35.5

प्रश्न 4.
तत्वों के अणुओं की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
तत्वों के अणुओं की विशेषताएं-

  1. तत्वों के अणु एक ही प्रकार के परमाणुओं द्वारा रचित होते हैं।
  2. अधातुओं में अणु एक से अधिक परमाणुओं से बनते हैं, जैसे ऑक्सीजन अणु दो ऑक्सीजन परमाणुओं से बनता है, इसलिए इसे द्वि-परमाणु अणु O2 कहते हैं। यदि सामान्यतः 2 के स्थान पर 3 ऑक्सीजन परमाणु परस्पर संयोग करते हैं तो हमें ओज़ोन प्राप्त होता है।
  3. किसी अणु की संरचना में प्रयुक्त होने वाले परमाणुओं की संख्या को उस अणु की परमाणुकता कहते हैं।
  4. धातु अणुओं एवं कार्बन जैसे अन्य तत्वों के अणुओं की सरल संरचना नहीं होती है किंतु उनके अणुओं में असीमित परमाणु परस्पर बंधे होते हैं।

प्रश्न 5.
प्रतीक किस आधार पर तैयार किए गए हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
आजकल इंटरनैश्नल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री (IUPAC) तत्वों के नामों को स्वीकृति देता है।
(i) अधिकतर तत्वों के प्रतीक उन तत्वों के अंग्रेजी नामों के एक या दो अक्षरों से बने होते हैं। किसी प्रतीक का पहला अक्षर सदैव बड़े अक्षर में तथा दूसरा अक्षर छोटे अक्षर में लिखा जाता है जैसे
(क) ऑक्सीजन, O
(ख) ऐलुमिनियम, Al
(ग) कोबाल्ट CO

(ii) कुछ तत्वों के प्रतीक उनके अंग्रेजी नामों के प्रथम अक्षर तथा बाद में आने वाले किसी एक अक्षर को संयुक्त करके बनाते हैं जैसे-मैग्नीज़ (Mn), क्लोरीन (Cl), जिंक (Zn) आदि।

(iii) अन्य तत्वों के प्रतीकों को लैटिन, जर्मन और ग्रीक भाषाओं में उनके नामों से बनाया गया है। जैसे-लोहा (Iron) का प्रतीक Fe है, जो उसके लैटिन नाम फेरम से व्युत्पन्न किया गया है। इसी प्रकार सोडियम का प्रतीक Na तथा पोटाशियम का प्रतीक K क्रमश: नैट्रियम एवं केलियम से व्युत्पन्न हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 6.
अणु और परमाणु में अंतर लिखिए।
उत्तर-
अणु और परमाणु में अंतर-

अणु परमाणु
1. अणु दो या दो से अधिक परमाणुओं के मिलने से बनता है। 1. परमाणु रासायनिक क्रियाओं में भाग लेने वाला पदार्थ का सूक्ष्मतम कण है।
2. यह मुक्त अवस्था में रह सकता है। 2. यह मुक्त अवस्था में रह सकता है और नहीं भी।

प्रश्न 7.
आयन किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
आयन-धातु और अधातु युक्त यौगिक आवेशित कणों से बने होते हैं। इन आवेशित कणों को आयन कहते हैं। आयन पर ऋण या धन आवेश होता है। ऋण आवेशित कण को ऋणायन (anion) तथा धन आवेशित कण को धनायन (cation) कहते हैं। सोडियम क्लोराइड (NaCl) में धनात्मक सोडियम आयन (Na+) तथा ऋणात्मक क्लोराइड आयन (Cl) संघटक कण के रूप में विद्यमान होते हैं। अत: आयन एक आवेशित परमाणु अथवा परमाणुओं का एक ऐसा समूह होता है जिस पर नेट आवशेष विद्यमान होता है।

प्रश्न 8.
जल, अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड, कैल्शियम ऑक्साइड तथा सोडियम क्लोराइड के संघटक तत्वों के द्रव्यमान अनुपात लिखिए।
उत्तर-

यौगिक संयुक्त तत्व संघटक तत्वों के द्रव्यमान का अनुपात
जल हाइड्रोजन, ऑक्सीजन 1 : 8
अमोनिया नाइट्रोजन, हाइड्रोजन 14 : 3
कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन, ऑक्सीजन 3 : 8
कैल्सियम ऑक्साइड कैल्सियम, ऑक्सीजन 40 : 16 अर्थात् 5 : 2
सोडियम क्लोराइड सोडियम, क्लोरीन 23 : 35.5

प्रश्न 9.
किसी तत्व के परमाणु तथा उसके आयन में अंतर लिखिए।
उत्तर-
तत्व के परमाण तथा आयन में अंतर-

परमाणु आयन
(1) परमाणु विद्युत् आवेश की दृष्टि से उदासीन होते हैं। (1) आयन आवेशित कण होते हैं। वे धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेशित हो सकते हैं।
(2) परमाणु अभिक्रियाशील होता है क्योंकि इनका बाह्यतम कोश पूर्ण नहीं होता। (2) आयन की इलैक्ट्रॉनिक संरचना किसी एक उत्कृष्ट गैस की इलैक्ट्रॉनिक संरचना के बराबर होती है तथा स्थाई होती है।
(3) परमाणु में प्रोटॉनों तथा इलैक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है। (3) धनायन में इलैक्ट्रॉन की संख्या प्रोटॉनों से कम तथा ऋण आयन में प्रोटॉनों से अधिक होती है।

प्रश्न 10.
Na परमाणु की अपेक्षा Na+ आयन क्यों स्थायी है ?
उत्तर-
Na+ आयन Na (2, 8, 1) परमाणु से एक इलैक्ट्रॉन खोने पर बनता है। इनका विन्यास 2, 8 है। यह विन्यास निष्क्रिय गैस विन्यास के समान है। अत: Na+ आयन Na परमाणु की अपेक्षा अधिक स्थायी है।

प्रश्न 11.
रासायनिक सूत्र किसे कहते हैं ? पानी का उदाहरण बताओ कि रासायनिक सूत्र से हमें क्याक्या जानकारी मिलती है ?
उत्तर-
रासायनिक सूत्र – किसी भी यौगिक के अणु में विभिन्न तत्वों के परमाणु विद्यमान होते हैं। उदाहरण के लिए हाइड्रोजन का अणु म परमाणुओं के मेल से बनता है। उसी प्रकार अमोनिया का अणु H और N परमाणुओं के मेल से बनता है। इसलिए किसी भी पदार्थ के अणु को उसमें विद्यमान तत्वों के संकेतों द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है। विभिन्न तत्वों के संकेतों की सहायता से किसी पदार्थ का प्रदर्शन ही सूत्र कहलाता है। अतः सूत्र को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है, “किसी पदार्थ के अणु का उसके अवयवी तत्वों के प्रतिरूप संक्षिप्त प्रतीक ही सूत्र है।”

रासायनिक सूत्र का महत्त्व – पानी का उदाहरण लेते हुए इसके महत्त्व पर विचार करते हैं। पानी का रासायनिक सूत्र H2O है।

  1. सूत्र से ज्ञात होता है कि हाइड्रोजन का एक अणु तथा ऑक्सीजन के दो अणु एक-दूसरे के साथ संयोजित होते हैं।
  2. ऑक्सीजन की संयोजकता 2 है जबकि हाइड्रोजन की एक।
  3. H2O का द्रव्यमान 18 है। ऑक्सीजन का परमाणु भार 16 और हाइड्रोजन का 2 है।
  4. यौगिक वैद्युत् रूप से उदासीन है। इस पर कोई चार्ज (आवेश) नहीं है।

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प्रश्न 12.
जल के अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या का सरलतम अनुपात ज्ञात करें।
उत्तर-
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प्रश्न 13.
निम्नलिखित के सूत्र लिखिए-
(i) ऐलुमिनियम क्लोराइड
(iii) अमोनियम कार्बोनेट
(ii) फॉस्फोरस पेंटाक्लोराइड
(iv) डाइनाइट्रोजन ट्रेटाऑक्साइड
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 18

प्रश्न 14.
निम्नलिखित सूत्र लिखिए-
उत्तर-
(i) जिंक सल्फेट
(it) मैग्नीशियम कार्बोनेट
(iii) फैरस क्लोराइड
(iv) ऐल्युमिनियम एसीटेट
(v) सिल्वर नाइट्रेट
(vi) प्लम्बस नाइट्रेट
(vii) अमोनियम सल्फाइड
(viii) पोटाशियम बाइकार्बोनेट।
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प्रश्न 15.
निम्नलिखित के द्वारा बने यौगिकों के सूत्र तथा नाम लिखिए-
(1) Fe3+ तथा SO42-
(ii) Cr3+ तथा PO43-
(iii) Hg22+ तथा Cl
(iv) NH4+ तथा CO32-
उत्तर-
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प्रश्न 16.
निम्नलिखित के द्वारा बने यौगिकों के सूत्र तथा नाम लिखिए-
(i) प्लम्बस आयन तथा नाइट्रेट आयन
(it) निकिल आयन तथा कार्बोनेट आयन
(iii) कैल्सियम आयन तथा ऑक्सेलेट आयन
(iv) अमोनियम आयन तथा ऐसीटेट आयन
(v) मैग्नीशियम आयन तथा कार्बोनेट आयन।
उत्तर-
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प्रश्न 17.
निम्नलिखित यौगिकों के नाम लिखिए-
(i) HgCl
(ii) (NH4)2CO3
(iii) NaHCO3
(iv) CrPO4
(v) Sr(HCO3)2
(vi) PtBr4
(vii) ZnS
(viii) BaC2O4
(ix) Pb(NO3)2
(x) Fe2(SO4)3
(xi) CuSO3
(xii) PCI5
(xiii) (NH4)2Cr2O7
(xiv) Ni(NO3)2
उत्तर-
(i) मयूरस क्लोराइड
(ii) अमोनियम कार्बोनेट
(iii) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
(iv) क्रोमियम फॉस्फेट
(v) स्ट्रॉन्शियम बाइकार्बोनेट
(vi) प्लेटिनम ब्रोमाइड
(vii) जिंक सल्फाइड
(viii) बेरियम आक्सेलेट
(ix) लैड नाइट्रेट
(x) फैरिक सल्फेट
(xi) कॉपर सल्फाइट
(xii) फास्फोरस पेंटाक्लोराइड
(xiii) अमोनियम डाइक्रोमेट
(xiv) निकल नाइट्रेट।

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
4 ग्राम हाइड्रोजन तथा 32 ग्राम ऑक्सीजन के रासायनिक संयोग से 36 ग्राम जल बना । ये रासायनिक संयोग के किस नियम की पुष्टि करता है ? कारण सहित बताइए।
हल :
रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = 32 ग्राम + 4 ग्राम
= 36 ग्राम
उत्पाद का द्रव्यमान = 36 ग्राम
चूंकि अभिकारकों का कुल द्रव्यमान उत्पाद के द्रव्यमान के बराबर है अतः यह उदाहरण द्रव्य की अविनाशिता के नियम की पुष्टि करता है।

प्रश्न 2.
कार्बन तथा ऑक्सीजन संयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनाते हैं। वे 3 : 8 के अनुपात में संयोग करते हैं। 6.0g कार्बन के साथ पूर्ण अभिक्रिया करने के लिए कितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ेगी। उत्पन्न हुई कार्बन डाइऑक्साइड गैस के द्रव्यमान का भी परिकलन कीजिए। इस प्रकार आपके उत्तर के लिए रासायनिक संयोजन का कौन-सा नियम लागू होता है ?
उत्तर-
कार्बन तथा ऑक्सीजन स्थिर अनुपात नियम के अनुसार परस्पर संयोग करते हैं।
कार्बन : ऑक्सीजन = 3 : 8
∴ 3g कार्बन जितनी ऑक्सीजन के साथ संयोग करता है = 8g
6g कार्बन जितनी ऑक्सीजन से संयोग करता है = \(\frac{8}{3}\) × 6 = 16g
कार्बन तथा ऑक्सीजन की कुल मात्रा 6 + 16 = 22g
∵ अभिकारकों की कुल मात्रा = उत्पादों की कुल मात्रा
∴ कार्बन डाइऑक्साइड की कुल मात्रा = 22g

प्रश्न 3.
170 ग्राम सिल्वर नाइट्रेट, सोडियम क्लोराइड से अभिक्रिया करके 143.5 ग्राम सिल्वर क्लोराइड तथा 85 ग्राम सोडियम नाइट्रेट देता है। सोडियम क्लोराइड का द्रव्यमान कितना होगा ?
हल :
प्रश्नानुसार,
सिल्वर नाइट्रेट का द्रव्यमान = 170
ग्राम सिल्वर क्लोराइड का द्रव्यमान = 143.5 ग्राम
सोडियम नाइट्रेट का द्रव्यमान = 85 ग्राम
मान लो, सोडियम क्लोराइड का द्रव्यमान = x ग्राम
द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार,
अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = उत्पादों का कुल द्रव्यमान
रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण :
NaCl + AgNO3 = AgCl + NaNO3
x + 170 = 143.5 + 85
x = (143.5 + 85 – 170)
= (228.5 – 170) ग्राम
= 58.5 ग्राम
इसलिए सोडियम क्लोराइड (NaCl) का द्रव्यमान = 58.5 ग्राम उत्तर

प्रश्न 4.
सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित आंकड़े स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि करते हैं। कॉपर मोनोऑक्साइड के दो नमूनों में कॉपर के द्रव्यमान निम्नलिखित हैं-
(i) 1.26 ग्राम कॉपर, 1.42 ग्राम कॉपर मोनो-ऑक्साइड में।
(ii) 1.008 ग्राम कॉपर, 1.136 ग्राम कॉपर मोनो-ऑक्साइड में।
(कॉपर का परमाणु द्रव्यमान = 63, ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान = 16)
हल : पहले नमूने में,
कॉपर मोनोऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.42 ग्राम
कॉपर का द्रव्यमान = 1.26 ग्राम
∴ ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (1.42 – 1.26) ग्राम = 0.16 ग्राम
अतः कॉपर तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमान का अनुपात = 1.26 : 0.16
= 7.875 : 1
दूसरे नमूने में,
कॉपर मोनोऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.136 ग्राम
कॉपर का द्रव्यमान = 1.008 ग्राम
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (1.136 – 1.008) ग्राम
= 0.128 ग्राम
अतः कॉपर तथा ऑक्सीजन का अनुपात = 0.008 ग्राम : 0.128 ग्राम
= 7.875 : 1
चूंकि इन दोनों नमूनों में कॉपर तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात 7.875:1 है, इसलिए आँकड़ों से स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि होती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 5.
एक प्रयोग में 2.4 ग्राम आयरन ऑक्साइड को हाइड्रोजन द्वारा पूर्णतया अपचयित करने पर 1.68 ग्राम आयरन प्राप्त होता है। दूसरे प्रयोग में 2.90 ग्राम आयरन ऑक्साइड अपचयित होने पर 2.03 ग्राम आयरन देता है। इन प्रयोगों के परिणामों से स्थिर अनुपात का नियम सिद्ध कीजिए।
हल :
पहले प्रयोग में,
आयरन ऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.40 ग्राम ………………. (i)
आयरन का द्रव्यमान = 1.68 ग्राम ……………… (ii)
अतः संयुक्त ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (i) … (ii)
= (2.40 – 1.68) ग्राम
= 0.72 ग्राम
अब आयरन एवं ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात = 1.68 : 0.72
= 7 : 3

दूसरे प्रयोग में,
आयरन ऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.90 ग्राम ……………….. (iii)
आयरन का द्रव्यमान = 2.03 ग्राम …………….. (iv)
अतः संयुक्त ऑक्सीजन का द्रव्यमान = (iii) … (iv)
= (2.90 – 2.03) ग्राम
= 0.87 ग्राम आयरन एवं ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात = 2.03 : 0.87
= 7 : 3
चूँकि दोनों प्रयोगों में आयरन तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात 7 : 3 है, इसलिए इससे स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि होती है।

प्रश्न 6.
कितने अणु विद्यमान होंगे ?
(a) 9g जल
(b) 17 g अमोनिया।
हल :
(a) जल (H2O) का आण्विक द्रव्यमान = 2 × H + 1 × O
= 2 × 1 + 16 × 1
= 18 a.m.u.
जल का 1 मोल = 18 g
= 6.022 × 1023 अणु
अर्थात् जल के 18 g में अणुओं की संख्या = 6.022 × 1023 अणु
जल के 9 g में अणुओं की संख्या = \(\frac{6.022 \times 10^{23} \times 9}{18}\)
= 3.011 × 1023 अणु

(b) NH3 का मोलर द्रव्यमान = 14 + 3 × 1 = 17 g /mol
NH3 की मोल संख्या = \(\frac{17 \mathrm{~g}}{17 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1}}\) = 1 mol

प्रश्न 7.
17 ग्राम H2O2 में मोलों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल :
H2O2 का आण्विक द्रव्यमान = 1 × 2 + 16 × 2
= 34 a.m.u.
17 g H2O2 में मोलों की संख्या = \(\frac{1 \times 17}{34}\)
= \(\frac{1}{2}\) = 10.5 मोल

प्रश्न 8.
निम्नलिखित के आण्विक द्रव्यमान का परिकलन कीजिए।
(i) PCl5
(ii) NH3
(iii) CH2 Cl2
(iv) H2O2
(v) S8.
हल :
(i) PCl5 का आण्विक द्रव्यमान = 31 + 5 × 35.5
= 31 + 177.5
= 208.5 u

(ii) NH3 का आण्विक द्रव्यमान = 14 + 1 × 3
= 14 +3
= 17 u

(iii) CH2 Cl2 का आण्विक द्रव्यमान = 12 + 1 × 2 + 2 × 35.5
= 12 + 2 + 71
= 85u

(iv) H2O2 का आण्विक द्रव्यमान = 1 × 2 + 16 × 2
= 2 + 32
= 34u

(v) S8 का आण्विक द्रव्यमान = 32 × 8
= 256 u

प्रश्न 9.
निम्न यौगिकों के सूत्र इकाई द्रव्यमान का परिकलन कीजिए-
(i) MgO
(ii) CaCl2
(iii) CaCO3
(iv) AlCl3
हल :
(i) Mgo का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 24 + 16
= 40g
= 40 u

(ii) CaCl2 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 40 + 2 × 35.5
= 40 + 71.0
= 111.0g
= 111 u

(iii) CaCO3 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 40 + 12 + 16 × 3
= 40+ 12 + 48
= 100g
= 100 u

(iv) AlCl3 का सूत्र इकाई द्रव्यमान = 27 + 3 × 35.5
= 27 + 106.5
= 133.5 g
= 133.5 u

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 10.
सोडियम कार्बोनेट (Na2 CO3.10H2O) एक औद्योगिक रासायनिक पदार्थ है। इसका सूत्र द्रव्यपान (Formula Mass) ज्ञात करो।
हल :
Na2 CO3.10H2O का सूत्र द्रव्यमान (Formula Mass)
= 23 × 2 + 12 + 3 × 16 + 10 (1 × 2 + 16)
= 46 + 12 + 48 + 10 (18)
= (46 + 12 + 48 + 180) g
= 286 g

प्रश्न 11.
निम्नलिखित पदार्थों के मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) का परिकलन करो-
(a) इथाइन, C2H2
(b) सल्फर अणु, S8
(c) फॉस्फोरस अणु, P4
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, HCl
(e) नाइटिक अम्ल, HNO3
हल :
(a) C2H2 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 12 × 2 + 1 × 2
= 26 a.m.u.
= 26g

(b) S8 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 32 × 8
= 256 a.m.u.
= 256 g

(c) P4 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 31× 4
= 124 a.m.u.
= 124g

(d) HCl का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 1 + 35.5
= 36.5 a.m.u.
= 36.5g

(e) HNO3 का मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) = 1 + 14 + 16 × 3
= 1 + 14 + 48
= 63 a.m.u.
= 63g

प्रश्न 12.
ग्लूकोस (C6H12O8) अणु का आण्विक द्रव्यमान परिकलित कीजिए।
हल :
ग्लूकोस (C6H12O8) का आण्विक द्रव्यमान = 6 (12) + 12 (1) + 6 (16)
= (72) + (12) + (96)
= 180u

प्रश्न 13.
प्राप्त कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा का परिकलन कीजिए। जब-
(i) 1 मोल कार्बन को हवा में जलाया जाता है, और ।
(ii) 1 मोल कार्बन को 16 ग्राम ऑक्सीजन में जलाया जाता है।
हल :
हवा में कार्बन को जलाने का रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 22

(i) जब 1 मोल कार्बन को वायु में जलाया जाता है-
1 मोल कार्बन जलकर CO2 उत्पन्न करेगा = 1 मोल = 44 ग्राम

(ii) जब 1 मोल कार्बन को 16 ग्राम ऑक्सीजन में जलाया जाता है-
1 मोल कार्बन के लिए, आवश्यक ऑक्सीजन = 32 ग्राम = 1 मोल
परन्तु ऑक्सीजन का उपलब्ध द्रव्यमान = 16 ग्राम = \(\frac{1}{2}\) मोल
अतः ऑक्सीजन सीमित मात्रा में है
∴ उत्पन्न हुई CO2 का द्रव्यमान = \(\frac{1}{2}\) मोल = 22 ग्राम

प्रश्न 14.
निम्नलिखित अणुओं के द्रव्यमान ज्ञात करो
(i) क्लोरीन (Cl2),
(ii) क्लोरोफॉर्म (CHCl3),
(iii) मीथेन (CH4),
(iv) जल (H2O),
(v) कार्बनडाइऑक्साइड (CO2)
जबकि C = 12, H = 1, Cl = 35.5, S = 32, O = 16.
हल :
(i) क्लोरीन (Cl2) का अणु द्रव्यमान = 2 × 35.5 = 71 g

(ii) क्लोरोफॉर्म (CHCl3) का अणु द्रव्यमान = 12 + 1 + 3 × 35.5 = 119.5 g

(iii) मीथेन (CH4) का अणु द्रव्यमान 12 + 4 × 1 = 16g

(iv) जल (H2O) का अणु द्रव्यमान = 2 × 1 + 16 = 18 g

(v) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का अणु द्रव्यमान = 12 + 2 × 16 = 44 g

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 15.
चाय में विद्यमान कैफ़ीन (C8H10N4O2) का अणु द्रव्यमान ज्ञात करो।
हल :
कैफ़ीन का अणु द्रव्यमान = 8 × 12 + 10 × 1 + 4 × 14 + 2 × 16
= 96 + 10 + 56 + 32
= 194 g

प्रश्न 16.
C-12 के एक अणु का द्रव्यमान 1.993 × 1023g है। एक a.m.u. का द्रव्यमान ज्ञात करो।
हल:
1a.m.u. = \(\frac{1}{12}\) कार्बन अणु का द्रव्यमान
कार्बन (C-12) अणु का द्रव्यमान = 1.993 × 10-23 g
1 a.m.u = \(\frac{1.993 \times 10^{-23} \mathrm{~g}}{12}\)
= 1.66 × 10-24
∴ 1 a.m.u. = 1.66 × 10-24g

प्रश्न 17.
0.0239 g क्लोरोफॉर्म (CHCl3) में मोल की संख्या ज्ञात करो, जबकि C = 12, Cl = 35.5, H = 1.
हल:
CHCl3 का मोलर द्रव्यमान = 12 + 1 + 3 × 35.5
= 119.5
अर्थात् 119.5g में विद्यमान अणु = 6.023 × 1023
1g में विद्यमान अणु = \(\frac{6.023 \times 10^{-23}}{119.5}\)
∴ 0.0239g में विद्यमान अण \(\frac{6.023 \times 10^{-23}}{119.5}\) × 0.0239
= 1.2046 × 1020

प्रश्न 18.
चांदी के एक अणु का द्रव्यमान 1.794 × 10-22g है। चांदी का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात करो।
हल :
हम जानते हैं कि, किसी तत्व के 6.022 × 1023 अणुओं का द्रव्यमान
= ग्राम अणु द्रव्यमान
चांदी के 1 अणु का द्रव्यमान = 1.794 × 10-22 g (दिया है)
6.022 × 1023 चांदी के अणुओं का द्रव्यमान = 1.794 × 10-22 × 6.022 × 1023 g
= 108.05 g
अर्थात् चांदी का ग्राम अणु का द्रव्यमान = 108.05 g
चांदी का आण्विक द्रव्यमान = 108.05

प्रश्न 19.
नमक के एक कि० ग्रा० पैकेट का मूल्य 4 रुपये है। नमक का मोलर द्रव्यमान 58.5 है। इसका प्रति मोल (mol) मूल्य ज्ञात करो।
हल:
नमक का मोलर द्रव्यमान = 58.5
1 मोल नमक का द्रव्यमान = 58.5 g
1000 g नमक का मूल्य = 4 रुपये
1 ग्राम नमक का मूल्य = \(\frac{4}{1000}\)
∴ 58.5 ग्राम नमक का मूल्य = \(\frac{4}{1000}\) × 58.5
= 0.23 रुपये

प्रश्न 20.
नाइट्रोजन (N) का द्रव्यमान ज्ञात करो जिसमें अणुओं की उतनी ही संख्या विद्यमान है जितनी 4.4g CO, में है।
हल:
CO2 को मोलर द्रव्यमान = 1 × C + 2 × O
= 1 × 12 + 2 × 16
= 12 + 32
= 44g
44 g कार्बन डाइऑक्साइड में अणु = 6.022 × 1023
1 g कार्बन डाइऑक्साइड में अणुओं की संख्या = \(\frac{6.022 \times 10^{23}}{44}\)
4.4 g कार्बन डाइऑक्साइड में अणु = \(\frac{6.022 \times 10^{23}}{44}\) × 4.4
= 6.022 × 1022
नाइट्रोजन (N2) के अणु = 6.022 × 1022
N2 का मोलर द्रव्यमान = 28
6.022 × 1022 N2 का अणुओं का द्रव्यमान = 28 g
N2 के 6.022 × 1022 अणुओं का द्रव्यमान = \(\frac{28}{6.022 \times 10^{22}}\) × 6.022 × 1022
= 28 g

प्रश्न 21.
निम्नलिखित प्रत्येक में कणों की संख्या का परिकलन कीजिए :
(i) 4g सोडियम परमाणु
(ii) 8 g ऑक्सीजन अणु
(iii) 0.1 मोल कार्बन परमाणु
हल :
(i) PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 23
N = \(\frac{\mathrm{m}}{\mathrm{M}}\) × N0
N = \(\frac{46}{23}\) × 6.022 × 1023
N = 12.044 × 1023

(ii) PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु 24
N = \(\frac{\mathrm{m}}{\mathrm{M}}\) × N0
∴ ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान = 16 u
ऑक्सीजन अणुओं का मोलर द्रव्यमान = 16 × 2 = 32 g
N = 32
= \(\frac{8}{32}\) × 6.022 × 1023
N = 1.5055 × 1023
= 1.51 × 1023

(iii) कणों (परमाणु) की संख्या = कण के मोलों की संख्या × आवोगाद्रो संख्या
N = n × N0
= 0.1 × 6.022 × 1023
= 6.022 × 1023

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 22.
ग्लूकोज (C6H12O6) की प्रतिशत संरचना ज्ञात कीजिए।
(C = 12, H = 1, 0 = 16)
हल :
ग्लकोज़ का आण्विक द्रव्यमान = 6 × 12 + 12 × 1 + 6 × 16
= 72 + 12 + 96
= 180g
% कार्बन = \(\frac{72}{180}\) × 100 = 40
% हाइड्रोजन = \(\frac{12}{180}\) × 100 = 6.66
% ऑक्सीजन = \(\frac{96}{180}\) × 100 = 53.33

प्रश्न 23.
निम्नलिखित का ग्रामों में द्रव्यमान ज्ञात करो।
(i) 1 मोल सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4)
(2) 0.5 मोल ऐलूमिनियम सल्फेट [Al2(SO4)3]
(1) 0.03 मोल अमोनिया (NH3)
(iv) 0.7 मोल हाइड्रोजन क्लोराइड (HCl)
(v) 10 मोल सोडियम सल्फाइट (Na2SO3)
(vi) 0.5 मोल नाइट्रोजन गैस (N2)
हल :
(i) 1 मोल H2SO4 का द्रव्यमान = 2 + 32 + 64
= 98 g = आण्विक पुंज

(ii) 1 मोल Al2(SO4)3 का द्रव्यमान = 2 × 27 + 3 × (32 + 64)
= 342 g = आण्विक पुंज
∴ 0.5 मोल Al2(SO4)3 का द्रव्यमान = \(\frac{34 \times 5}{10}\)
= 171 g

(iii) 1 मोल NH3 का द्रव्यमान = 14 + 3 = 17g
∴ 0.05 मोल NH3 का द्रव्यमान
= 17 × 0.05
= 0.85g

(iv) 1 मोल HCl का द्रव्यमान = 1 + 35.5
= 36.5g
∴ 0.7 मोल HCl का द्रव्यमान
= 36.5 × 0.7
= 25.55 g

(v) 1 मोल Na2SO3 का द्रव्यमान = 2 × 23 + 1 × 32 + 16 × 3
= 126 u = 126 g
∴ 10 मोल Na2SO3 का द्रव्यमान = 126 × 10
= 1260g

(vi) 1 मोल नाइट्रोजन गैस (N2) का द्रव्यमान = 2 × 14
= 28g
∴ 0.5 मोल नाइट्रोजन गैस (N2) का द्रव्यमान = 28 × 0.5
= 14g

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारतीय दार्शनिकों ने पदार्थ की विभाज्यता के विषय में पहली बार कब विचार किया ?
उत्तर-
लगभग 500 ई० पूर्व।

प्रश्न 2.
महर्षि कणाद ने पदार्थ के विभाजन के बारे में क्या प्रतिपादित किया था ?
उत्तर-
पदार्थ का सूक्ष्मतम कण अविभाज्य रहेगा।

प्रश्न 3.
महर्षि कणाद ने अविभाज्य सूक्ष्मतम कण को क्या नाम दिया था ?
उत्तर-
परमाणु।

प्रश्न 4.
किन दो ग्रीक दार्शनिकों ने सूक्ष्मतम कण को अविभाज्य कण माना था ?
उत्तर-
डेमोक्रिटस और लियुसपिस ने।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 5.
यौगिक जल में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात सदैव क्या होता है ?
उत्तर-
1 : 8.

प्रश्न 6.
अमोनिया (NHT) में नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के द्रव्यमानों का अनुपात क्या होता है ?
उत्तर-
14 : 3.

प्रश्न 7.
प्राउस्ट ने निश्चित अनुपात के नियम के अंतर्गत क्या कहा था ?
उत्तर-
दो या दो से अधिक तत्वों द्वारा निर्मित यौगिक में इन दो तत्वों का अनुपात सदैव निश्चित रहता है।

प्रश्न 8.
जॉन डाल्टन ने परमाणु सिद्धांत कब प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
सन् 1808 में।

प्रश्न 9.
द्रव्यों की प्रकृति के बारे में आधारभूत सिद्धांत किसने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
जॉन डाल्टन ने।

प्रश्न 10.
परमाणु के अर्धव्यास को किस इकाई में मापा जाता है ?
उत्तर-
नेनोमीटर (nm) में।

प्रश्न 11.
नेनोमीटर और मीटर में परस्पर क्या संबंध है ?
उत्तर-
1 nm = 10-9m.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 12.
हमारे इर्द-गिर्द की वस्तुएं किस से मिलकर बनी हैं ?
उत्तर-
परमाणुओं से।

प्रश्न 13.
सबसे पहले तत्वों के लिए प्रतीकों का प्रयोग किस वैज्ञानिक ने किया था ?
उत्तर-
जॉन डाल्टन ने।

प्रश्न 14.
बर्जीलियस के प्रतीकों में क्या विशेषता थी ?
उत्तर-
उनमें तत्वों के नाम को एक या दो अक्षरों से प्रदर्शित किया जाता था।

प्रश्न 15.
विभिन्न परमाणु द्रव्यमानों की इकाइयाँ पहले किस आधार पर ली जाती थीं ?
उत्तर-
ऑक्सीजन परमाणु के परमाणु द्रव्यमानों का \(\frac {1}{16}\) वां भाग के आधार पर।

प्रश्न 16.
परमाणु द्रव्यमानों को ज्ञात करने के लिए परमाणु द्रव्यमान इकाई कार्बन-12 समस्थानिक मानक के रूप में सार्वभौमिक रूप से कब स्वीकार की गई ?
उत्तर-
1961 में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 17.
आजकल परमाणु द्रव्यमान ज्ञात करने के लिए कौन-सी इकाई उपयोग में लायी जाती है ?
उत्तर-
C-12 समस्थानिक के परमाणु द्रव्यमान के \(\frac {1}{12}\) वें भाग को मानक परमाणु द्रव्यमान इकाई के रूप में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 18.
किसी तत्व या यौगिक का सूक्ष्मतम कण क्या है जो स्वतंत्र रूप से विचर सकता है ?
उत्तर-
अणु।

प्रश्न 19.
किसी तत्व के एक समान परमाणुओं से क्या बनता है ?
उत्तर-
अणु।

प्रश्न 20.
ऑक्सीजन के अणु में कितने परमाणु उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
दो परमाणु । इसलिए इसे द्विपरमाणुक कहते हैं।

प्रश्न 21.
द्विपरमाणुक अणु के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. हाइड्रोजन
  2. ऑक्सीजन
  3. नाइट्रोजन
  4. क्लोरीन।

प्रश्न 22.
चतुर्परमाणुक अणु का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
फास्फोरस (P4)।

प्रश्न 23.
अष्टपरमाणुक या (बहुपरमाणुक) अणु की एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
सल्फर (S8)।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 24.
जब ऑक्सीजन के तीन परमाणु परस्पर संयोग करते हैं तो क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर-
ओज़ोन (O3)।

प्रश्न 25.
किस तत्व के अणुओं की सरल संरचना नहीं होती ?
उत्तर-
कार्बन।

प्रश्न 26.
कार्बन डाइऑक्साइड में कार्बन और ऑक्सीजन के अणुओं का द्रव्यमान अनुपात लिखो।
उत्तर-
3 : 8.

प्रश्न 27.
जल अणु में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के परमाणुओं की संख्या का क्या अनुपात है ?
उत्तर-
H : 0 = 2 : 1

प्रश्न 28.
आयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आयन – आवेशित कणों को आयन कहते हैं।

प्रश्न 29.
धनायन (Cation) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
धन-आवेशित कणों को धन-आयन कहते हैं।

प्रश्न 30.
ऋणायन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऋण आवेशित कणों को ऋणायन कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 31.
कैल्सियम ऑक्साइड के संघटक तत्वों का द्रव्यमान अनुपात लिखिए।
उत्तर-
कैल्सियम ऑक्साइड में कैल्सियम और ऑक्सीजन का अनुपात 5 : 2 है।

प्रश्न 32.
मैग्नीशियम सल्फाइड में मैग्नीशियम और सल्फर का द्रव्यमान अनुपात क्या है ?
उत्तर.-
3 : 4.

प्रश्न 33.
सोडियम क्लोराइड में सोडियम और कलोरीन का द्रव्यमान अनुपात लिखिए।
उत्तर-
सोडियम (Na) : क्लोरीन (Cl) = 23 : 35.5

प्रशन 34.
रालामनिक सूत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर-
रावानिक नकिसी दौरिका उसके संघटक तत्वों के प्रतीकों तथा उनकी संखोजकता की सहायता से निरूपण, रासायनिक सूत्र कहलाता है।

प्रश्न 35.
संयोजकता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संयोजकता- किसी तत्व की संयोजन सामर्थ्य को उस तत्व की संयोजकता कहते हैं।

प्रश्न 36.
दवि-अंगी यौगिक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
दो भिन्न-भिन्न तत्वों से बने यौगिको को द्वि-अंगी यौगिक कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 37.
किसी पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान क्या होता है ?
उत्तर-
आण्विक द्रव्यमान – किसी पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि इस पदार्थ का एक अणु, कार्बन-12 समस्थानिक के एक परमाणु के बारहवें अंश से कितने गुना भारी है।

प्रश्न 38.
आण्विक द्रव्यमान किस इकाई से व्यक्त किया जाता है ?
उत्तर-
आण्विक द्रव्यमान को इकाई u (यूनीफाइड) द्वारा व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 39.
a.m.u. के नाम के लिए IUPAC का नया प्रस्ताव क्या है ?
उत्तर-
u (यूनीफाइड) है।

प्रश्न 40.
जल किन तत्वों के संयोग से बना हुआ है ?
उत्तर-
हाइड्रोडन तथा ऑक्सीजन तत्वों के संयोग से जल बना हुआ है।

प्रश्न 41.
मोल किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मोल – किसी स्पीशीज़ (अणु, परमाणु अथवा कण) की वह संख्या है जो ग्रामों में उसके परमाणु या आण्विक द्रव्यमान के बराबर होती है।

प्रश्न 42.
आवोगाद्रो संख्या किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आवोगाद्रो संख्या – किसी पदार्थ के 1 मोल में कणों की निश्चित संख्या होती है जिसका मान 6.022 × 1023 होता है को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं। इसे N0 से व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 43.
आवोगाद्रो संख्या को किससे प्रदर्शित किया जाता है ?
उत्तर-
N0 से।

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प्रश्न 44.
तत्व द्रव्यमान के किस अनुपात में संयोजन करके यौगिक बनाते हैं ?
उत्तर-
तत्व द्रव्यमान के स्थिर अनुपात में संयोग करके यौगिक बनाते हैं।

प्रश्न 45.
द्रव्यमान संरक्षण नियम को किस वैज्ञानिक ने प्रस्तुत किया था ?
उत्तर-
रूस के वैज्ञानिक लोमोनोसोव ने सन् 1756 में द्रव्यमान संरक्षण नियम प्रस्तुत किया था।

प्रश्न 46.
“स्थिर अनुपात नियम’ का प्रतिपादन किस वैज्ञानिक ने किया था ?
उत्तर-
फ्रांस के वैज्ञानिक प्राउस्ट ने सन् 1799 में।

प्रश्न 47.
a.m.u. क्या प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
परमाणु द्रव्यमान इकाई को।

प्रश्न 48.
कार्बन का कौन-सा समस्थानिक तत्व के सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
कार्बन-12 समस्थानिक (आइसोटोप)।

प्रश्न 49.
अधिकांश तत्वों के परमाणु द्रव्यमान पूर्णांक नहीं होते हैं। यह किस तथ्य को दर्शाता है ?
उत्तर-
तत्वों के परमाणु द्रव्यमानों का पूर्णांक में न होना उस तत्व के समस्थानिकों का होना दर्शाता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 3 परमाणु एवं अणु

प्रश्न 50.
मोलर द्रव्यमान क्या होता है ?
उत्तर-
मोलर द्रव्यमान-किसी पदार्थ के 1 मोल का ग्राम में व्यक्त किया गया द्रव्यमान उसका मोलर द्रव्यमान होता है।

प्रश्न 51.
मोल संकल्प के अनुरूप तत्व का ग्राम परमाणु द्रव्यमान परिभाषित करें।
उत्तर-
ग्राम परमाणु द्रव्यमान या एक ग्राम परमाणु किसी तत्व के 1 मोल (6.022 × 1023 परमाणुओं) का द्रव्यमान होता है जिसे ग्राम में प्रदर्शित किया जाता है।

प्रश्न 52.
किसी तत्व के एक ग्राम परमाणुओं में कितने परमाणु उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
6.022 × 1023 (आवोगाद्रो संख्या के बराबर)।

प्रश्न 53.
क्या सोडियम और कैल्शियम के एक ग्राम मोल में परमाणुओं की संख्या भिन्न-भिन्न होती है ?
उत्तर-
नहीं। इनमें परमाणुओं की संख्या एक समान होगी।

प्रश्न 54.
एक बड़े बर्तन में दो बीकर रखे गए हैं। एक बीकर में लैड नाइट्रेट तथा दूसरे बीकर में सोडियम सल्फेट का विलयन है। बर्तन को तोला गया तथा बाद में बर्तन में रखे दोनों विलयनों को परस्पर भली-भांति मिलाया जाता है। बर्तन को पुनः तोला गया। क्या द्रव्यमान परिवर्तित होता है अथवा नहीं तथा ऐसा किस नियम के अंतर्गत होता है ?
उत्तर-
द्रव्यमान परिवर्तित नहीं होता है। द्रव्यमान संरक्षण नियमानुसार रासायनिक अभिक्रिया से पूर्व तथा पश्चात् द्रव्यमान समान रहता है।

प्रश्न 55.
12 ग्राम मैग्नीशियम तथा 16 ग्राम ऑक्सीजन के संयोग से 28 ग्राम मैग्नीशियम ऑक्साइड प्राप्त होता है। इन आँकड़ों से रासायनिक संयोजन के किस नियम की पुष्टि होती है ?
उत्तर-
इन आँकड़ों से द्रव्यमान संरक्षण नियम की पुष्टि होती है।

प्रश्न 56.
क्या 1 मोल सोडियम तथा 1 मोल ऑक्सीजन का द्रव्यमान बराबर होगा ?
उत्तर-
नहीं, 1 मोल सोडियम (6.022 × 1023 परमाणु) का द्रव्यमान 23 ग्राम (परमाणु द्रव्यमान) तथा 1 मोल ऑक्सीजन (6.022 × 1023 अणु) का द्रव्यमान 32 ग्राम (अणु द्रव्यमान) होता है।

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प्रश्न 57.
1 मोल किस संख्या को प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
6.022 × 1023.

प्रश्न 58.
34 ग्राम अमोनिया (NH3) में कितने मोल उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
2 मोल अमोनिया।

प्रश्न 59.
एक तत्व ‘2’ की संयोजकता 3 है। इस तत्व ‘Z’ के ऑक्साइड का सूत्र क्या होगा ?
उत्तर-
Z2O3.

प्रश्न 60.
कार्बन-12 के 0.012 kg में कितने परमाणु विद्यमान होते हैं ? इस स्थिराँक को क्या नाम दिया गया है ?
उत्तर-
6.022 × 1023 परमाणु। इस संख्या को आवोगाद्रो स्थिराँक कहते हैं।

प्रश्न 61.
Al3+ तथा SO42- आयनों से बनने वाले यौगिक का सूत्र क्या होगा ?
उत्तर-
Al2 (SO4)3 .

प्रश्न 62.
जल के 9g में कितने अणु उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
9g जल में कितने अणुओं की संख्या = \(\frac{1}{9}\) × 6.022 × 1023 = 3.011 × 1023अणु ।

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प्रश्न 63.
HNO3 का मोलर द्रव्यमान ज्ञात करो। परमाणु द्रव्यमान दिए गए हैं H = 1u, N = 14u, 0 = 16u.
उत्तर-
HNO3 का मोलर द्रव्यमान = 1u + 14u + 3 × 16u = 63u

प्रश्न 64.
क्लोरीन परमाणु में कितने संयोजकता इलैक्ट्रान उपस्थित होते हैं ?
उत्तर-
7.

प्रश्न 65.
बहुपरमाण्विक आयन क्या होते हैं ?
उत्तर-
बहुपरमाण्विक आयन-परमाणुओं का समूह-जिस पर नेट आवेश हो जैसे-NH31+

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मिश्रण तथा यौगिक में भेद लिखें। उत्तर-मिश्रण तथा यौगिक में भेद (Differences between mixture and compound)-

मिश्रण (Mechanical Mixture) यौगिक (Chemical Compound)
(i) मिश्रण के अवयव किसी भी अनुपात में हो सकते हैं। (i) यौगिक के अवयव एक निश्चित अनुपात में होते हैं।
(ii) मिश्रण के गुण उसके अवयवों के गुणों के मध्यवर्ती होते हैं। (ii) यौगिक के गुण उसके अवयवों के गुणों से भिन्न होते हैं।
(iii) मिश्रण भौतिक परिवर्तन का परिणाम है। (iii) यौगिक रासायनिक परिवर्तन का परिणाम है।
(iv) मिश्रण के अवयव पास-पास पड़े हुए दिखाई देते हैं। (iv) यौगिक के अवयव पास-पास पड़े हुए दिखाई नहीं देते हैं।
(v) मिश्रण बनाते समय आयतन में परिवर्तन नहीं है। (v) यौगिक बनाते समय आयतन में परिवर्तन होता होता है।
(vi) मिश्रण बनाते समय ऊर्जा में परिवर्तन नहीं होता है। (vi) जब यौगिक बनाया जाता है, तो ऊर्जा में परिवर्तन होता है।
(vii) यह दो या दो से अधिक पदार्थों के मिलने से बनता है जो रासायनिक रूप से संयोग नहीं करते। (vii) यह दो या दो से अधिक तत्वों के रासायनिक संयोग से बनता है।

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प्रश्न 2.
तत्व और यौगिक में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
तत्व और यौगिक में अंतर-

तत्व (Element) यौगिक (Compound)
(i) तत्व को असमान गुण वाले दो या दो से अधिक सरल भागों में नहीं बांटा जा सकता है।

उदाहरण-ऑक्सीजन को भिन्न गुणों वाले सरल भागों में नहीं बांटा जा सकता है।

(i) यौगिक को असमान गुण वाले दो या दो से अधिक सरल भागों में अपघटित किया जा सकता है।

उदाहरण-पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में अपघटित किया जा सकता है।

(ii) तत्व के अणु में केवल एक तरह के परमाणु होते हैं।

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(ii) यौगिक के अणु में सदा दो या दो से अधिक तरह के परमाणु होते हैं।

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(iii) तत्व सभी शुद्ध और अशुद्ध पदार्थों के अवयव हो सकते हैं। (iii) यौगिक केवल अशुद्ध पदार्थों के अवयव हो सकते हैं।

प्रश्न 3.
क्रिस्टलीकरण किसे कहते हैं ? आप फिटकरी के रवे (क्रिस्टल) किस प्रकार प्राप्त करोगे ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण – यह पृथक्करण की वह विधि है जिसके द्वारा किसी द्रव में विलेय अशुद्ध ठोस पदार्थ के विलयन से शुद्ध पदार्थ प्राप्त किया जाता है। शुद्ध पदार्थ प्राप्त करने के लिए गर्म द्रव में जितना भी अशुद्ध पदार्थ घुल सके, घोल लिया जाता है। इसके पश्चात् घोल में से अघुलनशील अशुद्ध पदार्थों को फिल्टर द्वारा छान लिया जाता है। अब संतृप्त गर्म घोल को ठंडा करने पर शुद्ध ठोस पदार्थ के क्रिस्टल प्राप्त हो जाते हैं।

फिटकरी के क्रिस्टल (रवे) बनाने की विधि – एक बीकर को लगभग आधा पानी से भरो। इसमें थोड़ासा फिटकरी का पाऊडर डाल कर घोल को गर्म करो। फिटकरी का पाऊडर तब तक डालते जाओ जब तक कि वह घोल घुल सके। गर्म घोल को गिलास में छान लो जैसे कि चित्र में दिखाया गया है। अब गिलास को ठंडा होने दीजिए।
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प्रश्न 4.
एक मिश्रण में से पानी तथा गंधक को कैसे अलग करोगे ?
उत्तर-
पानी तथा गंधक के मिश्रण को बीकर में लो। कीप स्टैंड में कीप को रखो। कीप के नीचे एक साफ़ बीकर रखो। फिल्टर पेपर की इस तरह तहें बनाओ ताकि एक तरफ तीन तथा एक तरफ एक तह हो।
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इसको कीप में रखो। मिश्रण को शीशे की छड़ से धीरे-धीरे कीप में डालो। द्रव या पानी नीचे धीरे-धीरे बीकर में आ जाएगा, जो गंधक से बिल्कुल स्वतंत्र होता है। इस द्रव को फिल्ट्रेट कहते हैं। ठोस गंधक फिल्टर पर शेष रह जाएगा।
फिल्टर पेपर को कीप से आराम से अलग करके गंधक को सुखा लिया जाता है।

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित का पृथक्करण कैसे करोगे ?
(i) सरसों के तेल से जल
(i) दूध से क्रीम।
उत्तर-
(i) जल तथा सरसों के तेल के मिश्रण में से अवयवों को पृथक करना – जल तथा सरसों का तेल भारी होने के कारण एकदूसरे में अघुलनशील हैं। इसलिए ये मिश्रण में अलग-अलग पर्ते बना लेते हैं। इन दोनों द्रवों का घनत्व अलग है। सरसों का तेल हल्का होने के कारण ऊपरी पर्त बनाता है परंतु जल निचली पर्त बनाता है। इस अमिश्रणीय द्रवों के मिश्रण को पृथक्कारी कीप में डाल लिया जाता है। कुछ समय के बाद कीप का स्टॉप कॉक खोल दिया जाता है जिससे जल निकल जाता है और शेष कीप में सरसों का तेल बच जाता है।
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(ii) दूध से क्रीम पृथक् करना – इसके लिए अपकेंद्रण विधि का प्रयोग किया जाता है। दूध को एक बंद मुंह वाले बर्तन में डालकर वृत्ताकार पथ पर क्षितिज तल में बड़ी तेज़ गति से घुमाया जाता है जिससे क्रीम हल्की होने के कारण दूध के ऊपर केंद्रीय अक्ष के आस-पास इकट्ठी होकर तैरती रहती है। इसे अलग कर लिया जाता है।

प्रश्न 6.
यौगिक किसे कहते हैं ? यौगिक की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
यौगिक-जब दो या अधिक तत्व परस्पर एक निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग करते हैं, तब वे यौगिक बनाते हैं । किसी यौगिक को उन तत्वों से तोड़ा जा सकता है, जिनसे मिलकर वह बनता है। उदाहरण के लिए, जल का प्रत्येक अणु हाइड्रोजन के दो परमाणुओं तथा ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिलकर बनता है। जल में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात 2 : 1 होता है। जल एक यौगिक है। यह जल के अणुओं से बनता है। इसी प्रकार सोडियम और क्लोरीन के संयोग से सोडियम क्लोराइड बनता है, जिसे साधारण नमक के नाम से जाना जाता है। यौगिक के गुण, उसमें पाए जाने वाले तत्वों के गुणों से अलग होते हैं, जिनसे मिलकर यह बना है। एक अन्य यौगिक का उदाहरण चीनी है। चीनी का एक अणु कार्बन के 12 परमाणुओं; हाइड्रोजन के 22 परमाणुओं तथा ऑक्सीजन के 11 परमाणुओं से मिलकर बनता है। कार्बन डाइ-ऑक्साइड भी यौगिक है। कार्बन डाइऑक्साइड के प्रत्येक अणु में, कार्बन का एक परमाणु तथा ऑक्सीजन के दो परमाणु होते हैं । यौगिक के गुण उसके अवयव तत्वों से भिन्न होते हैं जैसे हाइड्रोजन जलती है, ऑक्सीजन जलने में सहायता करती है और ये दोनों गैसें हैं, परंतु इन दोनों के संयोग से बना यौगिक, पानी, एक द्रव है तथा यह आग को बुझा देता है।

यौगिक की विशेषताएँ-

  1. यौगिकों का सामांगी संगठन होता है।
  2. यौगिकों के निर्माण में भाग लेने वाले सभी तत्व एक-दूसरे से निश्चित अनुपात में संयुक्त रहते हैं।
  3. यौगिकों के गुण उनके अवयवी तत्वों के गुणों से भिन्न होते हैं।
  4. यौगिकों के अवयवी तत्वों को साधारण विधियों द्वारा अलग-अलग नहीं किया जा सकता है।
  5. यौगिकों के निर्माण या वियोजन में ऊष्मा के रूप में ऊर्जा निकलती है अथवा अवशोषित होती है।

प्रश्न 7.
उत्पत्ति के आधार पर यौगिक कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
उत्पत्ति के आधार पर यौगिकों को दो भागों में बाँटा गया है-

  • अकार्बनिक यौगिक (Inorganic Compound) – वे यौगिक जो पृथ्वी की पर्पटी से प्राप्त किए जाते हैं, उन्हें अकार्बनिक यौगिक कहते हैं; जैसे-कैल्शियम कार्बोनेट (मारबल), नमक, सोडियम नाइट्रेट और सोडियम कार्बोनेट आदि।
  • कार्बनिक यौगिक (Organic Compound) – वे यौगिक जिनको पौधे और जंतुओं से प्राप्त करते हैं, उन्हें कार्बनिक यौगिक कहते हैं; जैसे-शक्कर, एसीटिक एसिड, स्टार्च, तेल, वसा तथा प्रोटीन आदि इन सभी तत्वों में कार्बन आवश्यक अवयव है।

प्रश्न 8.
मिश्रण किसे कहते हैं? इनकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
मिश्रण – मिश्रण दो या अधिक तत्वों अथवा यौगिकों को किसी भी अनुपात में मिलाने से बनते हैं। मिश्रण में अवयव किसी भी अनुपात में उपस्थित होते हैं तथा मिश्रण में अवयव अपने गुणों को बनाए रखते हैं; जैसे-वायु मिश्रण है। इसमें नाइट्रोजन और ऑक्सीजन जैसे तत्व, कार्बन डाइऑक्साइड और जल-वाष्प जैसे यौगिक होते हैं। इसके अतिरिक्त वायु में अन्य गैसें तथा धूल के कण भी उपस्थित होते हैं।

मिश्रण की विशेषताएं-

  1. मिश्रण में विभिन्न अवयव किसी भी अनुपात में उपस्थित हो सकते हैं।
  2. मिश्रण के गुण उसके विभिन्न अवयवों के गुणों का अनुपात होता है।
  3. मिश्रण के विभिन्न अवयवों को आसानी से अलग किया जा सकता है।
  4. मिश्रण के निर्माण में ऊष्मा नहीं निकलती है।

प्रश्न 9.
मिश्रण कितने प्रकार के होते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
मिश्रण दो प्रकार के होते हैं-
(1) विषमांगी मिश्रण (Heterogeneous Mixtures)
(2) समांगी मिश्रण (Homogeneous Mixtures)

1. विषमांगी मिश्रण – वह मिश्रण जिसमें इसके अवयव एक समान रूप से बँटे नहीं होते हैं, असमांग मिश्रण कहलाता है। प्रकृति में पाए जाने वाले मिश्रण अधिकतर असमांग होते हैं । उदाहरण-सल्फर और पोटैशियम नाइट्रेट, मृदा सैंकड़ों यौगिक तथा तत्वों का मिश्रण है। इसकी संरचना एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तित होती है। असमांग मिश्रण के विभिन्न अवयवों को हम अपनी आँखों से देख सकते हैं।

2. समांगी मिश्रण – वह मिश्रण जिसमें इसके अवयव एक समान बँटे होते हैं, समांग मिश्रण कहलाते हैं। जल में शक्कर का विलयन एक समांग मिश्रण है। वायु, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल-वाष्प का समांग मिश्रण है। समुद्री जल, लवण विलयन, शरबत, दूध, फलों का रस, आइसक्रीम, विलयन के रूप में दवाइयाँ, कैरोसीन आदि समांग मिश्रण के अन्य उदाहरण हैं।

मिश्रण का प्रकार उदाहरण
1. गैस में गैस वायु
2. द्रव में गैस सोडा वाटर, जल जिसमें ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड हैं।
3. द्रव में द्रव नींबू का रस तथा जल, जल तथा एल्कोहल।
4. द्रव में ठोस समुद्री जल, चीनी का जलीय विलयन।
5. ठोस में ठोस मसालों का मिश्रण, मिट्टी, मिश्र धातु।

आयरन तथा सल्फर तत्व हैं । चूर्ण के रूप में इन दोनों तत्वों को किसी भी अनुपात में मिलाने पर इनका मिश्रण बनता है, परंतु जब इन दोनों तत्वों के एक निश्चित अनुपात से बने मिश्रण को बहुत अधिक गर्म करते हैं, तब एक नया पदार्थ आयरन सल्फाइड बन जाता है। गर्म करने पर दो तत्व आयरन तथा सल्फर रासायनिक अभिक्रिया करके आयरन सल्फाइड यौगिक बनाते हैं। आयरन सल्फाइड यौगिक में आयरन तथा सल्फर का कोई गुण नहीं पाया जाता है, जबकि आयरन और सल्फर के मिश्रण में अपने अवयव आयरन और सल्फर दोनों के ही सभी गुण पाए जाते हैं।

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प्रश्न 10.
सिद्ध कीजिए कि वायु मिश्रण है, यौगिक नहीं।
उत्तर-
निम्नलिखित तथ्यों से यह सिद्ध होता है कि वायु एक मिश्रण है-

  • वायु बहुत-सी गैसों का मिश्रण है। इनमें से मुख्य नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल-वाष्य हैं, जो कि अपने व्यक्तिगत गुण रखती हैं।
  • वायु की संरचना स्थान-स्थान पर परिवर्तित होती है। औद्योगिक क्षेत्रों में कार्बन मोनो-ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, धुएँ के कण आदि अपेक्षाकृत अधिक होते हैं। इसी प्रकार अधिक ऊँचाइयों पर जैसे पर्वतों पर वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इस प्रकार वायु की संरचना विषमांग होती है।
  • जलने के दौरान केवल ऑक्सीजन प्रयुक्त होती है, अन्य गैसें नहीं।
  • वायु को बहुत कम ताप पर ठंडा करके ऑक्सीजन या नाइट्रोजन को पृथक् किया जा सकता है।

प्रश्न 11.
विलयन किसे कहते हैं ? इसके गुण धर्म लिखिए।
उत्तर-
विलयन-दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है। नींबू जल, सोडा जल आदि इस के उदाहरण हैं। प्रायः विलयन को ऐसे तरल पदार्थ के रूप में माना जाता है जिसमें ठोस, द्रव या गैस मिला हो पर ठोस विलयन मिश्र धातु और गैसीय विलयन वायु भी होती है। एक विलयन के कणों में समांगीकता होती है।

विलयन के गुण धर्म-

  1. यह एक समांगी मिश्रण है।
  2. इसके कण 1 nm (10-10 m) से भी छोटे होते हैं।
  3. इसके कणों को नंगी आँख से देखा नहीं जा सकता।
  4. ये टिंडल प्रभाव नहीं दिखाते।
  5. इसके कण नीचे नहीं बैठते।

प्रश्न 12.
वायु से विभिन्न गैसों को किस प्रकार प्राप्त किया जाता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वायु समांगी मिश्रण है जिसके विभिन्न घटकों को प्रभाजी आसवन से प्राप्त किया जा सकता है। पहले वायु पर दबाव बढ़ा कर उसे संपीडित किया जाता है और तापमान कम करके ठंडा किया जाता है। द्रवित वायु को प्रभाजी आसवन स्तंभ में धीरे-धीरे गर्म कर गैसों को भिन्न-भिन्न ऊँचाई पर प्राप्त कर लिया जाता है।
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प्रश्न 13.
धातुओं और अधातुओं के गुणों में अंतर लिखिए।
उत्तर-

धातुएं (Metals) अधातुएं (Non-Metals)
(1) धातुएँ सामान्य ताप पर ठोस होती हैं परंतु केवल पारा सामान्य ताप पर तरल अवस्था में होता है। (1) अधातुएँ सामान्य ताप पर तीनों अवस्थाओं में पाई जाती हैं। फॉस्फोरस और सल्फर ठोस रूप में, H2, O2, N2 गैसीय रूप में तथा ब्रोमीन तरल रूप में होती हैं।
(2) धातुएँ तन्य तथा आघातवर्ध्य होती हैं। (2) वे प्रायः भंगुर होती हैं।
(3) धातुएँ प्राय: चमकदार होती हैं अर्थात् उनमें धात्विक चमक होती है। (3) अधातुओं में धात्विक चमक नहीं होती। अपवाद-ग्रेफाइट, आयोडीन तथा हीरा।
(4) धातुएँ ऊष्मा तथा विद्युत् की सुचालक होती हैं। अपवाद-बिस्मथ। (4) सभी अधातुएं कुचालक हैं। अपवाद-ग्रेफाइट और गैस कार्बन।
(5) धातुओं के गलनांक तथा क्वथनांक बहुत अधिक होते हैं। (5) अधातुओं के गलनांक तथा क्वथनांक कम होते हैं।
(6) धातुएँ अधिकांशतः कठोर होती हैं अपवाद-सोडियम तथा पोटाशियम चाकू से काटी जा सकती है। (6) इनकी कठोरता भिन्न-भिन्न होती है। हीरा सब पदार्थों से कठोरतम है।
(7) धातुओं का आपेक्षित घनत्व अधिक होता है परंतु Na, K इसके अपवाद हैं। (7) अधातुओं का आपेक्षित ताप प्रायः कम होता है।
(8) धातुएँ अपारदर्शक होती हैं। (8) गैसीय अधातुएं पारदर्शक हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मिश्र धातुओं को मिश्रण क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
मिश्र धातुएं समांगी मिश्रण होती हैं। इन्हें भौतिक क्रिया से अवयवों में अलग-अलग नहीं किया जा सकता है। ये अपने घटकों के गुणों को प्रकट करते रहते हैं। पीतल, कांसा, स्टील आदि मिश्र धातु हैं।

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प्रश्न 2.
रंग वाले घटक (डाई) को नीले या काले रंग की स्याही से पृथक् करना।
उत्तर-
कार्य विधि – एक बीकर को जल से आधा भरो। बीकर के मुंह पर वाच-ग्लास रखकर उस पर कुछ बूंदें स्याही डालो। बीकर को गर्म करना आरंभ करो। वाच ग्लास से वाष्पीकरण होने लगेगा और वाच ग्लास पर डाई का अवशेष बच जाएगा। इससे सिद्ध होगा कि स्याही डाई का पानी में मिश्रण है।
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प्रश्न 3.
परख करना कि काली स्याही में डाई एक ही रंग की नहीं होती है।
उत्तर-
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कार्य विधि-फिल्टर पेपर की एक पतली परत लो। इसके निचले किनारे से 3 cm ऊपर पैंसिल से एक रेखा खींच लें। उस रेखा के बीच में पानी में घुलनशील
काली स्याही की एक बूंद रखें। इसे सूखने दें। फिल्टर पेपर को चित्रानुसार रखें और बिना हिलाए छोड़ दो। पानी फिल्टर पेपर पर ऊपर चढ़ने लगेगा। उस पर अलग-अलग रंग आ जाएंगे। इससे सिद्ध होता है कि काली स्याही अनेक रंगों की बनी होती है।

प्रश्न 4.
अपकेंद्रण यंत्र का प्रयोग कहाँ किया जाता है ? इस प्रक्रिया का सिद्धांत लिखिए।
उत्तर-
अपकेंद्रण यंत्र का प्रयोग प्रयोगशालाओं में रक्त और मूत्र की जाँच में किया जाता है। डेयरी और घर में क्रीम से मक्खन निकालने तथा वाशिंग मशीनों में इस का प्रयोग किया जाता है। जब कभी किसी द्रव में मौजूद ठोस कण इतने छोटे होते हैं कि ये छानक पत्र से बाहर चले आते हैं । इन कणों को पृथक् करने के लिये छानन विधि का प्रयोग नहीं किया जाता है। ऐसे मिश्रणों को अपकेंद्रण के द्वारा पृथक् किया जाता है। इस सिद्धांत के आधार पर जब मिश्रण को तेजी से घुमाया जाता है, तब भारी कण नीचे बैठ जाते हैं और हल्के कण ऊपर ही रुक जाते हैं।

प्रश्न 5.
क्रोमैटोग्राफ़ी क्या है ? इसका उपयोग किन क्षेत्रों में किया जाता है ?
उत्तर-
क्रोमैटोग्राफ़ी किसी मिश्रण से घटकों को पृथक करने की विधि है। इस विधि से रंगों को पृथक किया जाता है। इसका प्रयोग उन विलेय पदार्थों को पृथक् करने में होता है जो एक ही तरह के विलायक में घुले होते हैं। इस का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है-

  1. डाई के रंगों को अलग करने में।
  2. रक्त से दवा को पृथक् करने में।
  3. प्राकृतिक रंगों से रंग को पृथक करने में।
  4. मूत्र से चीनी को पृथक् करने में।

प्रश्न 6.
किसी अशुद्ध नमूने में से शुद्ध CuSO4 प्राप्त करना।
उत्तर-
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कार्य-विधि – चीनी मिट्टी की एक प्याली । में थोड़ा अशुद्ध CuSO4 लो। इसे न्यूनतम मात्रा में लिए गए पानी में घोल लो। अशुद्धियों को छानकर प्याली को गर्म करो। प्याली में नीले रंग के क्रिस्टल दिखाई देंगे। ये सभी क्रिस्टल एक समान दिखाई देंगे। इन्हें छानकर अलग कर लो।
इस प्रकार CuSO4 के संतृप्त विलयन से शुद्ध CuSO4 को प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 7.
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
भौतिक परिवर्तन – ये अस्थाई होते हैं जिनमें केवल भौतिक अवस्था में परिवर्तन होता है। इन परिवर्तनों में रासायनिक परिवर्तन नहीं होते और इन्हें मूल अवस्था में बदला जा सकता है। उदाहरण-पानी को भाप या बर्फ में बदलना, चीनी को पानी में घोलना।

रासायनिक परिवर्तन – ये स्थाई होते हैं जिनमें भौतिक परिवर्तन के साथ रासायनिक परिवर्तन भी होते हैं। इन्हें मूल अवस्था में नहीं लाया जा सकता। उदाहरण-लोहे को जंग लगना, मैग्नीशियम तार को ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाना, मोमबत्ती का जलना।

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प्रश्न 8.
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन में अंतर लिखिए।
उत्तर-
भौतिक और रासायनिक परिवर्तन में अंतर-

भौतिक परिवर्तन रासायनिक परिवर्तन
(1) यह अस्थायी परिवर्तन होता है। (1) यह स्थायी परिवर्तन होता है।
(2) इनमें केवल भौतिक अवस्था, रंग, घनत्व आदि गुणों में अंतर होता है। (2) इनमें नया रासायनिक पदार्थ बन जाता है।
(3) मूल पदार्थ की प्राप्ति सरलता से हो जाती है। (3) मूल पदार्थ की प्राप्ति सरलता से नहीं होती।
(4) रासायनिक गुणों में परिवर्तन नहीं होता। (4) रासायनिक गुणों में परिवर्तन होता है।
(5) पदार्थों के संघटन में परिवर्तन नहीं होता। (5) पदार्थों के संघटन में परिवर्तन होता है।
(6) उदाहरण-बर्फ पिघलना, जल में नमक का घुलना। (6) उदाहरण-जंग लगना, कागज़ का जलना।

प्रश्न 9.
मोमबत्ती के जलने पर भौतिक और रासायनिक परिवर्तन दोनों होते हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जब मोमबत्ती जलती है तो मोम पिघलती है। मोम का पिघलना भौतिक परिवर्तन है। जब मोमबत्ती वायु की उपस्थिति में जलती है तो जल वाष्प और CO2 गैस बनती है। जल वाष्पों और CO2 के गुण मोमबत्ती से भिन्न होते हैं, इसलिए यह रासायनिक परिवर्तन है।

प्रश्न 10.
तत्व किसे कहते हैं ? तत्वों की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
फ्रांस के रसायनज्ञ लैवाइज़र ने पहली बार प्रमाणित किया था कि द्रव्य का सरलतम रूप तत्व है। इसे दो या दो से अधिक भागों में भौतिक या रासायनिक विधि से नहीं बांटा जा सकता। यह एक ही प्रकार के परमाणुओं से मिल कर बना होता है। हर तत्व के परमाणु दूसरे तत्व से भिन्न होते हैं। तत्वों को धातु, अधातु और उपधातु में बांटा जाता है। सोना, चांदी, लोहा, तांबा आदि धातु हैं; हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, ब्रोमीन आदि अधातु हैं तथा आर्सेनिक, एंटीमनी, बिस्मथ आदि उपधातु हैं। तत्वों को इस विश्व की रचना का आधार माना जाता है। अब तक कुल 112 तत्वों की प्राप्ति हो चुकी है जिन में से 92 प्रकृति द्वारा प्रदत्त हैं तथा शेष 20 मानव-निर्मित हैं। तत्वों में धातुएं तथा अधातुएं सम्मिलित हैं-

धातुएं प्रायः दिए हुए निम्न गुणधर्मों में से सभी को या कुछ को प्रदर्शित करती हैं।

  1. ये चमकीली होती हैं।
  2. ये चाँदी जैसी सफ़ेद या सोने की तरह पीले रंग की होती हैं।
  3. ये ताप तथा विद्युत् की सुचालक होती हैं।
  4. ये तन्य होती हैं (और इनको तार के रूप में खींचा जा सकता है)।
  5. ये आघातवर्ध्य होती हैं। इनको पीटकर महीन चादरों में ढाला जा सकता है।
  6. ये प्रतिध्वनिपूर्ण होती हैं।

सोना, चाँदी, ताँबा, लोहा, सोडियम, पोटैशियम इत्यादि धातु के उदाहरण हैं। पारा धातु होते हुए भी कमरे के तापमान पर द्रव है।
अधातुएँ दिए गए निम्न गुणों में से प्रायः कुछ को या सभी को प्रदर्शित करती हैं :

  1. ये विभिन्न रंगों की होती हैं।
  2. ये ताप और विद्युत् की कुचालक होती हैं।
  3. ये चमकीली, प्रतिध्वनिपूर्ण और आघातवर्ध्य नहीं होती हैं।

प्रश्न 11.
द्रव की विभिन्न अवस्थाओं के आधार पर समांगी और विषमांगी मिश्रणों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

मिश्रण समांगी (Homogeneous) विषमांगी (Heterogeneous)
1. ठोस में ठोस पीतल, कांसा, गनमैटल आदि विभिन्न मिश्रधातु रेत कण + लोह चूर्ण, रेत + अमोनियम क्लोराइड
2. ठोस में द्रव पारे में सोना ×
3. ठोस में गैस पैलेडियम में हाइड्रोजन ×
4. द्रव में ठोस पानी में चीनी पानी में मिट्टी, पानी में चॉक
5. द्रव में द्रव इथाइल एल्कोहल में पानी पानी में तेल
6. द्रव में गैस पानी में कार्बन डाइऑक्साइड ×
7. गैस में गैस वायु ×

प्रश्न 12.
वायुमंडल में कुछ धात्विक कण जैसे कैडमियम, जिंक, पारा आदि कैसे निर्मक्त होते हैं ?
उत्तर-
वायुमंडल में कुछ धात्विक कण जैसे कैडमियम, जिंक, पारा आदि जिंक, तांबे, सीसे तथा स्टील के शोधन के दौरान निर्मुक्त होते हैं। ये कण पीड़कनाशियों, फॉस्फेट उर्वरकों, फंगसनाशियों तथा श्रृंगार प्रसाधनों के उत्पादन या उपयोग के दौरान भी निर्मुक्त होते रहते हैं।

प्रश्न 13.
विलेय, विलायक तथा विलयन की परिभाषाएं बताओ।
उत्तर-
कुछ पदार्थ द्रव में घुल जाते हैं जैसे चीनी पानी में घुल जाती है। अमोनियम क्लोराइड तथा कॉपर सल्फेट भी पानी में घुल जाते हैं। ठोस पदार्थों को, जो द्रव में घुल जाते हैं, विलेय कहलाते हैं। वे द्रव जिसमें ठोस पदार्थ घुल जाते हैं, विलायक कहलाते हैं। विलेय तथा विलायक के बने समांगी मिश्रण को विलयन कहते हैं। नमक तथा पानी के मिश्रण को विलयन कहते हैं, नमक विलेय तथा पानी विलायक कहलाता है।

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प्रश्न 14.
जलीय और अजलीय विलयन में अंतर दीजिए।
उत्तर-
जलीय विलयन – विभिन्न पदार्थों के जल में घोल कर बनाए गए विलयनों को जलीय विलयन कहते हैं। जलीय विलयन में विलायक जल होता है।

उदाहरण – नमक का जल में विलयन, कॉपर सल्फेट का जल में विलयन।

अजलीय विलयन – कुछ पदार्थ जल में नहीं घुलते परंतु कार्बनिक द्रवों में घुलकर विलयन बनाते हैं। ऐसे विलयन को अजलीय विलयन कहते हैं। इसमें विलायक प्रायः एल्कोहल, एसीटोन, टेट्राक्लोराइड कार्बन सल्फाइड तथा बेंजीन आदि होते हैं।

उदाहरण-एल्कोहल में आयोडीन का घोल, नैफ्थलीन का बेंजीन में घोल।

प्रश्न 15.
संतृप्त विलयन तथा असंतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संतृप्त विलयन – किसी विशेष ताप पर किसी विलयन में जब और अधिक विलेय न घुल सकें तो वह विलयन संतृप्त विलयन कहलाता है।

असंतृप्त विलयन – ऐसा घोल जिसमें किसी निश्चित ताप पर विलेय की मात्रा उस अधिकतम मात्रा से कम होती है तो उस ताप पर उसके द्वारा घोली जा सकती है, असंतृप्त विलयन कहलाता है। यदि कोई विलयन किसी निश्चित ताप पर संतृप्त हैं, ताप को बढ़ाने पर असंतृप्त हो जाता है।

प्रश्न 16.
वास्तविक विलयन (True solution) क्या होता है ? इसकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
वह विलयन जिसमें विलेय के कणों का आकार 10-8 सेमी० तक होता है। इसमें विलेय के कण विलायक के अणुओं के मध्य स्थानों में लुप्त हो जाते हैं। ऐसा विलयन समांगी मिश्रण होता है। इसमें विलेय कणों को परिक्षेपण कण तथा विलायक कणों को परिक्षेपण माध्यम कहते हैं। उदाहरण-नमक तथा चीनी के जलीय विलयन।

विशेषताएं-
(I) वास्तविक विलयन साफ़ और पारदर्शी होता है।
(II) यह समांगी मिश्रण होता है।
(III) इसके कणों का आकार 10-8 सेमी० तक होता है।
(IV) इसे स्थिर करने पर भी कण नीचे नहीं बैठते।
(V) यह प्रकाश का प्रकीर्णन (Scattering of light) नहीं करते।
(VI) इन्हें छान कर अलग नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 17.
निलंबन (Suspension) किसे कहते हैं ? इसकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
निलंबन- यह किसी विलेय और विलायक का विषमांगी मिश्रण होता है जिसमें विलेय के कणों का आकार 10-5 सेमी० से बड़ा होता है।
विशेषताएं-
(I) निलंबन विषमांगी मिश्रण होता है।
(II) इसमें मिले कणों को सरलता से सूक्ष्मदर्शी के द्वारा देखा जा सकता है।
(III) इसे फिल्टर पेण की सहायता से सरलतापूर्वक छाना जा सकता है।
(IV) निलंबन को कुछ देर स्थिर रखने पर कण द्रव से अलग हो कर नीचे बैठ जाते हैं।

प्रश्न 18.
कोलाइडी विलयन (Colloidal Solution) किसे कहते हैं ? इसकी विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
कोलाइड – यह एक विलयन है जिसमें विलेय के पदार्थ के कणों का आकार 10-7 सेमी० और 10-5 सेमी० के बीच होता है अर्थात् पदार्थ विलयन और निलंबन के बीच होता है । कोलाइडी विलयन को सॉल (Sols) भी कहते हैं। रक्त, टूथपेस्ट, साबुन का घोल, जेम, कोहरा आदि कोलाइडी विलयन के उदाहरण हैं।
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विशेषताएं-
(I) कोलाइडी विलयन समांगी प्रतीत होते हैं पर वास्तव में वे विषमांगी होते हैं।
(II) कोलाइडी कणों को फिल्टर पेपर से छान कर अलग नहीं किया जा सकता।
(III) कोलाइडी कण स्थिर अवस्था में रखे जाने पर भी तल पर नीचे नहीं बैठते।
(IV) कोलाइडी कण ब्राऊनी गति प्रकट करते हैं।
(V) कोलाइडी विलयन टिंडल प्रभाव दिखाते हैं।
चित्र-कोलाइडी कणों की ब्राऊनी गति
(VI) कोलाइडी कणों पर ऋण या घन आवेश होता है जिस कारण वैद्युत्-कण-संचालन का गुण प्रकट करते हैं।

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प्रश्न 19.
बताओ क्या होता है जब प्रकाश किरण पुंज कोलाइडी विलयन में से गुजरता है ?
उत्तर-
कोलाइडी विलयन में से जब तेज प्रकाश किरण पुंज को (साबुन के विलयन) अंधेरे कमरे में पड़ी बीकर में रख कर गुज़ारा जाता है तो इसका पथ प्रकाशित दिखाई देता है। प्रकाश का पथ इसलिए दिखाई देता है कि इसके कणों द्वारा प्रकाश प्रकीर्णन सब दिशाओं में होता है।
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यह प्रकीर्णन प्रकाश हमारी आंखों में प्रवेश करता है जिससे प्रकाश का पथ दिखाई देता है। इसे ‘टिंडल प्रभाव’ कहते हैं।

प्रश्न 20.
कुछ कोलाइडों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
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प्रश्न 21.
कोलाइड तथा निलंबन में अंतर लिखो।
उत्तर-
कोलाइड और निलंबन में अंतर-

कोलाइड (Colloidal) निलंबन (Suspension)
(i) कोलाइड के कणों को सरलता से नहीं देखा जा सकता। (i) निलंबन के कणों को सरलता से देखा जा सकता है।
(ii) कोलाइड के कणों को छान करके अलग किया नहीं किया जा सकता है। (ii) निलंबन के कणों को छान करके अलग किया जा सकता है।
(iii) कोलाइड के कणों का माप 10-7 सें० मी० से 10-5 सें० मी० होता है। (iii) निलंबन के कणों का माप 10-5 से० मी० या इससे अधिक होता है।
(iv) कोलाइड को काफ़ी स्थान तक स्थिर रखने पर भी इनके कण नीचे नहीं बैठते। (iv) निलंबन को काफ़ी समय तक स्थिर रखने पर इसके कण नीचे बैठ जाते हैं।

प्रश्न 22.
एक विलयन के 320 g विलायक जल में 40 g साधारण नमक विलेय है। विलयन की सांद्रता का परिकलन करें।
हल :
विलेय पदार्थ (नमक) का द्रव्यमान = 40g
विलायक (जल) का द्रव्यमान = 320g
हम जानते हैं,
विलयन का द्रव्यमान = विलेय पदार्थ का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान
= 40 g + 320 g
= 360g
विलयन का द्रव्यमान प्रतिशत
= PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 13 × 100
= \(\frac{40}{360}\) × 100 = 11.1%

प्रश्न 23.
विलयन की सांद्रता को किस प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है ?
उत्तर-
विलायक की सांद्रता किसी विलायक में विलेय की आपेक्षिक मात्रा होती है। यदि विलेय की मात्रा विलायक की अपेक्षा कम हो तो इसे तनु विलयन कहते हैं और विलेय की मात्रा अधिक होने की अवस्था में उसे सांद्र विलयन कहते हैं। विलयन की सांद्रता को निम्नलिखित ढंग से प्रदर्शित किया जा सकता है-

(i) विलयन की शक्ति – इसके अंतर्गत एक लिटर विलयन में उपस्थित विलेय की ग्राम संख्या को जाना जाता है, इसीलिए इसे ग्राम/लिटर इकाई से प्रदर्शित किया जाता है।
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(ii) प्रतिशतता
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प्रश्न 24.
निम्नलिखित शब्दों की परिभाषा बताओ-
1. आसवन
2. ऊर्ध्वपातन
3. अपकेंद्रण।
उत्तर-
1. आसवन – वह विधि जिसमें एक द्रव को उबाल कर वाष्पों में परिवर्तित किया जाता है और उन वाष्पों को ठंडा करके शुद्ध द्रव में संघनित किया जाता है, आसवन कहलाती है।

2. ऊर्ध्वपातन – वह विधि जिसमें कोई ठोस गर्म करने पर सीधे गैसीय अवस्था में बिना द्रवीय अवस्था में बदले परिवर्तित हो जाता है, ऊर्ध्वपातन कहलाती है।

3. अपकेंद्रण – इस विधि द्वारा किसी द्रव में निलंबित ठोस पदार्थ के कणों को पृथक किया जाता है। इसमें मिश्रण को वृत्ताकार पथ में क्षैतिज तल में तेज़ी से घुमाया जाता है।

प्रश्न 25.
चार ऐसी उदाहरण दीजिए जिसमें पानी में मिले अवयवों को अपकेंद्रण विधि से अलग किया जाता है।
उत्तर-
पानी से मिले अवयवों को अपकेंद्रण विधि द्वारा अलग करने के उदाहरण-

  1. रुधिर से रुधिर कोशिकाओं को अलग करना।
  2. पेशाब में मिले ठोस पदार्थों को अलग करना।
  3. चीनी की फैक्टरियों में गन्ने के रस से चीनी रवों को अलग करना।
  4. दूध से मक्खन को अलग करना।

प्रश्न 26.
जब हवा में कपूर की गोलियां रखी जाती हैं, तो वे कुछ देर बाद गायब क्यों हो जाती हैं ?
उत्तर-
कपूर ऊर्ध्वपातीय पदार्थ है। जब इनकी गोलियों को हवा में रखा जाता है, तो वे सीधे वाष्प में बदल जाती हैं। अत: कुछ समय बाद वे गायब हो जाती हैं।

प्रश्न 27.
दही से मक्खन को अलग करने के लिए, दही का मंथन क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
जब दही मथा जाता है तो मक्खन के कण अपकेंद्रीय बल द्वारा अलग हो जाते हैं। अब क्योंकि मक्खन के कण शेष कणों से हल्के होते हैं अतः वे लस्सी पर तैरते रहते हैं और आसानी से अलग किये जा सकते हैं। इसलिए दही का मक्खन दही से अलग करने के लिए मंथन किया जाता है।

प्रश्न 28.
तुम पानी से मूंगफली का तेल किस प्रकार पृथक् करोगे ?
उत्तर-
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मूंगफली के तेल तथा पानी को उनके मिश्रण से पृथक करना – मूंगफली का तेल तथा पानी अमिश्रणीय द्रव हैं। ये द्रव मिश्रण में अलग-अलग पर्ते बना लेते हैं, क्योंकि मूंगफली का तेल, पानी की अपेक्षा हल्का है। इस मिश्रण के अवयवों को पृथक्कारी कीप की सहायता से अलग किया जा सकता है। इस मिश्रण को पृथक्कारी कीप में डाला जाता है।

कुछ समय के पश्चात् मूंगफली का तेल ऊपरी पर्त तथा पानी निचली पर्त बना लेता है। अब पृथक्कारी कीप का स्टॉप कॉक खोल कर पानी अलग कर लिया जाता है जबकि मूंगफली का तेल कीप में रह जाता है।

प्रश्न 29.
दो घुलनशील पदार्थों के मिश्रण को कैसे पृथक् किया जा सकता है ? नमक के घोल में से शुद्ध पानी को कैसे अलग किया जाता है ?
उत्तर-
जिन पदार्थों के मिश्रण को विघटन हुए बिना उबाला जा सकता है और जिनके क्वथनांकों के मध्य अंतर अधिक होता है, उन्हें आसवन विधि से अलग-अलग किया जा सकता है। ऐसीटोन और जल के मिश्रण को आसवन विधि से अलग-अलग किया जा सकता है । एल्कोहल और जल के मिश्रण को भी इसी विधि से पृथक किया जा सकता है। नमक के घोल से शुद्ध पानी को प्राप्त करने के लिए हम आसवन विधि का प्रयोग करते हैं।

आसवन विधि – रिटार्ट में नमक का घोल लिया जाता है। रिटार्ट का मुंह ढक्कन से बंद कर दिया जाता है तथा इसकी गर्दन ठंडे पानी में रखी फ्लास्क में फिट की जाती है। एक गीला कपड़ा फ्लास्क के ऊपर रखा जाता है और इसका ध्यान रखा जाता है कि कपड़ा गीला रहे।
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रिटार्ट में पड़े घोल को अब गर्म किया जाता है। कुछ देर बाद पानी उबलना शुरू कर देता है तथा इस तरह बनी भाप फ्लास्क में से गुजरती है। फ्लास्क में भाप ठंडी होकर पानी के बुलबुलों में परिवर्तित हो जाती है जो फ्लास्क में एकत्रित हो जाती है। इस तरह एकत्रित पानी शुद्ध होता है।

प्रश्न 30.
नमक से कपूर को अलग करने की विधि का नाम बताओ।
उत्तर-
नमक तथा कपूर में से कपूर ऊर्ध्वपातीय पदार्थ है। इसलिए दिए गए मिश्रण में से दोनों अवयवों को ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा अलग कर सकते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 31.
आयोडीन तथा रेत को उनके मिश्रण से आप किस प्रकार पृथक करेंगे ?
उत्तर-
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आयोडीन एक ऐसा पदार्थ है जो गर्म करने पर ठोस अवस्था से गैसीय अवस्था में आ जाता है जबकि रेत यह गुण नहीं दर्शाता। अत: रेत तथा आयोडीन के मिश्रण में से उनको अलग करने के लिए ऊर्ध्वपातन की विधि उपयोग में लाई जाती है।

विधि – दिए गए मिश्रण को पार्सिलेन डिश में डालकर तिकोने स्टैंड पर रखो । अब कांच की कीप को चित्र की भांति पार्सिलेन डिश पर उल्टा करके रखो। कीप का मुंह रूई से बंद कर दीजिए। डिश को तब तक गर्म करिए जब तक कि मिश्रण में से धुआं निकलना न बंद हो जाए। अब गर्म करना बंद कर दें और उसे ठंडा होने दें। आप कीप की सतह पर पीले रंग का ठोस आयोडीन जमा हुआ देखेंगे जबकि पार्सिलेन डिश में केवल रेत बच जाएगा।

प्रश्न 32.
तुम्हें रेत, पानी तथा सरसों के तेल का मिश्रण दिया गया है। तुम मिश्रण के अवयवों को किस प्रकार अलग करोगे ?
उत्तर-
दिए गए मिश्रण को किसी बर्तन में डालकर कुछ समय के लिए छोड़ दें। आप देखेंगे कि रेत अघुलनशील तथा भारी होने के कारण बर्तन की तली में बैठ जाएगी। अब पानी तथा सरसों के तेल के अमिश्रणीय घोल को सावधानीपूर्वक किसी दूसरे बर्तन में उंडेल (अर्थात् निथार) लें। अब पानी तथा सरसों के तेल के अमिश्रणीय घोल को पृथक्कारी कीप में डाल लें। सरसों का तेल तथा पानी अलग-अलग परतें बना लेंगे। अब स्टॉप कॉक को खोल कर पानी तथा सरसों के तेल को पृथक् कर लें।

प्रश्न 33.
प्रभाजी आसवन विधि का प्रयोग किस अवस्था में किया जा सकता है ? चित्र बनाकर इस विधि को समझाइए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 19
जब दो या दो से अधिक घुलनशील द्रवों के क्वथनांक का अंतर 25 K से कम होता है, तो मिश्रण को प्रभाजी आसवन विधि से अलग किया जा सकता है। वायु की विभिन्न गैसों का पृथक्करण इसी विधि से किया जाता है। पेट्रोलियम उत्पादों से उनके विभिन्न उत्पादों को प्रभाजी आसवन विधि से प्राप्त किया जाता है।

प्रभाजी आसवन विधि का उपकरण साधारण आसवन विधि की तरह ही होता है। केवल आसवन फ़्लास्क और संघनक के बीच एक प्रभाजी स्तंभ का प्रयोग किया जाता है। साधारण प्रभाजी आसवन में एक नली का प्रयोग किया जाता है, जो शीशे के गुटकों से भरी होती है, जो वाष्प को ठंडा और संघनित होने के लिए सतह प्रदान करती है।

प्रश्न 34.
आसवन और प्रभाजी आसवन में अंतर लिखिए।
उत्तर-

आसवन प्रभाजी आसवन
1. मिश्रण को भिन्न-भिन्न ताप पर गर्म करने से अवयव प्राप्त होते हैं। 1. प्रभावी स्तंभ की अलग-अलग ऊँचाइयों से भिन्न-भिन्न प्रभाजी प्राप्त होते हैं।
2. मिश्रण को सबसे कम तापमान पर उबलने वाले अवयव के क्वथनांक पर गर्म किया जाता है। 2. मिश्रण को सबसे अधिक क्वथनांक वाले द्रव के क्वथनांक तक गर्म किया जाता है।
3. इस क्रिया से एक ही बार में शुद्ध अवयव प्राप्त नहीं होता है। 3. इस क्रिया से एक ही बार में शुद्ध अवयव प्राप्त हो जाता है।
4. मिश्रण को बार-बार भिन्न उबाल बिंदुओं तक गर्म करना पड़ता है। 4. मिश्रण को एक ही बार गर्म कर वाष्पित अवस्था में लाना पड़ता है।
5. मिश्रण में एक बार में केवल एक ही अवयव का वाष्पन होता है। 5. वाष्पित किए जाने वाले मिश्रण से एक साथ सभी अवयव वाष्पित होते हैं।
6. मिश्रण के वाष्पों को निकास नली से गुजार कर संघनित किया जाता है। 6. मिश्रण को गर्म करने के बाद वाष्पों को प्रभाजी स्तंभ तक भेजा जाता है।
7. जिन द्रवों के क्वथनांक में 25K से अधिक अंतर हो। उन्हीं के लिए आसवन विधि का प्रयोग किया जाता है। 7. 25 K से कम क्वथनांक के घुलनशील पदार्थों के मिश्रण के लिए ही इस विधि का उपयोग होता है।

प्रश्न 35.
संघटन के आधार पर पदार्थ का वर्गीकरण आरेख द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
संघटन के आधार पर पदार्थ का वर्गीकरण-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 20

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 36.
पीने योग्य पानी को जल स्रोतों से प्राप्त करने के क्रमों का चित्र बनाइए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं 21

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
शुद्ध पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह पदार्थ जिसमें विद्यमान सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के हों, उसे शुद्ध पदार्थ कहते हैं ।

प्रश्न 2.
मिश्रण किस से बनता है ?
उत्तर-
मिश्रण एक या एक से अधिक शुद्ध तत्वों या यौगिकों के मिलने से बनता है।

प्रश्न 3.
जल में घुले नमक (NaCl) के मिश्रण को किस विधि से अवयवों में पृथक् कर सकते हैं ?
उत्तर-
आसवन विधि से।

प्रश्न 4.
समांगी मिश्रण के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जल में नमक, जल में चीनी।

प्रश्न 5.
विषमांगी मिश्रण के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
नमक और लोहे की छीलन, नमक और गंधक।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 6.
जल और तेल कैसा मिश्रण है-समांगी अथवा विषमांगी ?
उत्तर-
विषमांगी मिश्रण।

प्रश्न 7.
विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण है।

प्रश्न 8.
किसी ठोस विलयन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
मिश्रधातु-पीतल, कांसा, बैल मेटल।

प्रश्न 9.
किसी गैसीय विलयन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वायु।

प्रश्न 10.
पीतल मिश्रधातु के कौन-कौन से अवयव हैं ?
उत्तर-
जिंक और कॉपर।

प्रश्न 11.
विलायक क्या है ?
उत्तर-
विलयन का वह घटक जिस की मात्रा दूसरे से अधिक होती है और जो दूसरे घटक को विलयन में मिलाता है उसे विलायक कहते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

प्रश्न 12.
विलयन क्या है ?
उत्तर-
विलयन का वह घटक जो कम मात्रा में होता है और विलायक में घुला होता है उसे विलय कहते हैं।

प्रश्न 13.
जल में चीनी के घोल में विलेय और विलायक के नाम लिखिए।
उत्तर-
चीनी विलेय और जल विलायक है।

प्रश्न 14.
टिंक्चर आयोडीन में विलेय और विलायक के नाम लिखिए।
उत्तर-
आयोडीन विलेय और एल्कोहल विलायक हैं।

प्रश्न 15.
वातयुक्त पेय (सोडा जल, कोक आदि) में विलेय और विलायक के नाम लिखिए।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस विलेय और जल विलायक हैं।

प्रश्न 16.
वायु किस प्रकार का विलयन है ?
उत्तर-
वायु गैस में गैस का विलयन है।

प्रश्न 17.
वायु में विलायक और विलेय का नाम लिखिए।
उत्तर-
नाइट्रोजन को वायु का विलायक और दूसरी गैसों को विलेय का नाम दिया जाता है।

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प्रश्न 18.
विलयन के क्षणों का आकार लिखिए।
उत्तर-
विलयन के कण व्यास में 1 nm (10-‘m) से भी छोटे होते हैं।

प्रश्न 19.
संतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
किसी दिए हुए निश्चित तापमान पर यदि विलयन में विलेय पदार्थ नहीं घुलता है तो उसे संतृप्त विलयन कहते हैं।

प्रश्न 20.
असंतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यदि एक विलयन में विलेय पदार्थ की मात्रा संतृप्त से कम है तो इसे असंतृप्त कहते हैं।

प्रश्न 21.
विलयन की सांद्रता क्या है ?
उत्तर-
विलायक की मात्रा अथवा आयतन में घुले हुए विलेय की मात्रा को विलयन की सांद्रता कहते हैं।

प्रश्न 22.
निलंबन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
निलंबन वह विषमांगी घोल है जिसमें ठोस द्रव में परिक्षेपित हो जाता है। विलेय पदार्थ कण घुलते नहीं बल्कि माध्यम में समृष्टि में निलंबित रहता है।

प्रश्न 23.
निलंबन अस्थाई क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
निलंबन में छानन विधि से कणों को पृथक् किया जा सकता है इसलिए इसे अस्थाई माना जाता है।

प्रश्न 24.
निलंबित कण आँखों से क्यों देखे जा सकते हैं ?
उत्तर-
इस का आकार 100 nm (10-7m) से बड़ा होता है।

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प्रश्न 25.
टिंडल प्रभाव क्या है ?
उत्तर-
कोलाइडल कणों के छोटे आकार से प्रकाश की किरण का फैलना टिंडल प्रभाव कहलाता है।

प्रश्न 26.
दूध की कोलाइडल प्रकृति का कैसे पता चलता है ?
उत्तर-
दूध टिंडल प्रभाव दिखाता है।

प्रश्न 27.
कोलाइड के कणों का आकार लिखिए।
उत्तर-
1 nm से 100 nm के बीच।

प्रश्न 28.
कोलाइड किस विधि से मिश्रण से पृथक् किए जा सकते हैं ?
उत्तर-
अपकेंद्रीकरण तकनीक से।

प्रश्न 29.
छानन विधि का प्रयोग कहाँ नहीं किया जाता ?
उत्तर-
जब द्रव में विद्यमान ठोस कण इतने छोटे हों कि छानक पत्र से बाहर चले जाए।

प्रश्न 30.
मिश्रणों के अपकेंद्रण का सिद्धांत क्या है ?
उत्तर-
अपकेंद्रण विधि द्वारा भारी कण नीचे बैठ जाते हैं और हल्के कण ऊपर ही रह जाते हैं।

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प्रश्न 31.
अपकेंद्रण यंत्र प्रयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है ?
उत्तर-
जाँच प्रयोगशाला में रक्त और मूत्र की जाँच, दूध से क्रीम और मक्खन प्राप्ति तथा वाशिंग मशीन में कपड़ों से जल निकालने के लिए।

प्रश्न 32.
दो अघुलनशील द्रवों के मिश्रण को किस सिद्धांत के आधार पर पृथक् करते हैं ?
उत्तर-
परस्पर न मिलने वाले द्रव अपने पनत्व के अनुसार पृथक्-पृथक् परतों में बंट जाते हैं।

प्रश्न 33.
नमक और अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण को किस विधि से पृथक् किया जा सकता है ?
उत्तर-
ऊर्ध्वपातन विधि से।

प्रश्न 34.
चार ऐसे ठोस पदार्थों के नाम लिखिए जिन का ऊर्ध्वपातन किया जा सकता है ?
उत्तर-
अमोनियम क्लोराइड, कपूर, नेपथालीन, एंथ्रासीन।

प्रश्न 35.
डाई कितने रंगों का मिश्रण होता है ?
उत्तर-
दो या दो से अधिक रंगों का मिश्रण।

प्रश्न 36.
क्रोमैटोग्राफ़ी किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मिश्रण से रंगों के पृथक्कीकरण की विधि को क्रोमैटोग्राफ़ी कहते हैं।

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प्रश्न 37.
क्रोमैटोग्राफ़ी के क्या उपयोग हैं ?
उत्तर-
डाई में रंगों को पृथक् करने, प्राकृतिक रंगों से रंग को अलग करने, मूत्र से चीनी पृथक् करने तथा रक्त से दवा पृथक् करने के लिए।

प्रश्न 38.
आसवन विधि का प्रयोग मिश्रण के किन घटकों को पृथक् करने के लिए किया जाता है ?
उत्तर-
जिन घटकों के क्वथनांकों के बीच काफ़ी अंतर होता है।

प्रश्न 39.
प्रभाजी आसवन का प्रयोग कहाँ किया जाता है ?
उत्तर-
जब दो या दो से अधिक घुलनशील द्रवों के क्वथनांक का अंतर 25K से कम होता है।

प्रश्न 40.
दो उदाहरण लिखिए जहाँ प्रभाजी आसवन विधि का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
वायु से विभिन्न गैसों तथा पेट्रोलियम उत्पादों से उन के विभिन्न घटकों को पृथक करने के लिए।

प्रश्न 41.
साधारण प्रभाजी स्तंभ में शीशे के गुटके क्या कार्य करते हैं ?
उत्तर-
ये वाष्प को ठंडा और संघनित होने के लिए सतह प्रदान करते हैं।

प्रश्न 42.
वायु कैसा मिश्रण है ?
उत्तर-
समांगी मिश्रण।

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प्रश्न 43.
ऑक्सीजन का क्वथनांक कितना है ?
उत्तर-
183°C।

प्रश्न 44.
आर्गन का क्वथनांक क्या है ?
उत्तर-
186°C।

प्रश्न 45.
नाइट्रोजन का क्वथनांक क्या है ?
उत्तर-
196°C।

प्रश्न 46.
क्रिस्टलीकरण विधि का प्रयोग किस लिए किया जाता है ?
उत्तर-
ठोस पदार्थों को शुद्ध करने के लिए।

प्रश्न 47.
शुद्ध कॉपर सल्फेट को किस विधि से प्राप्त करेंगे ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण विधि से।

प्रश्न 48.
समुद्र से प्राप्त नमक को शुद्ध रूप में किस विधि से प्राप्त करेंगे ?
उत्तर-
वाष्पीकरण तथा क्रिस्टलीकरण विधि से।

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प्रश्न 49.
क्रिस्टलीकरण विधि साधारण वाष्पीकरण से अच्छी क्यों है ?
उत्तर-
साधारण वाष्पीकरण में कुछ ठोस विघटित हो जाते या झुलस जाते हैं या कुछ अशुद्धियां रह जाती हैं।

प्रश्न 50.
फिटकरी को किस विधि से शुद्ध किया जाता है ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण से।

प्रश्न 51.
रासायनिक परिवर्तन में क्या-क्या परिवर्तित होता है ?
उत्तर-
रासायनिक संघटन और रासायनिक गुणधर्मों में परिवर्तन होता है।

प्रश्न 52.
जलना किस प्रकार का परिवर्तन है ?
उत्तर-
रासायनिक परिवर्तन।

प्रश्न 53.
रासायनिक संघटन के आधार पर पदार्थ को किन भागों में बांटा जाता है ?
उत्तर-
तत्व और यौगिक।

प्रश्न 54.
फ्रांस के किस वैज्ञानिक ने तत्व के लिए माना था कि वह पदार्थ का मूल रूप है ?
उत्तर-
एंटोनी लॉरेंट लेवाज़िर ।

प्रश्न 55.
पदार्थ का मूल रूप क्या है ?
उत्तर-
तत्व।

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प्रश्न 56.
तत्व क्या है ?
उत्तर-
तत्व-यह पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे रासायनिक प्रतिक्रिया से छोटे पदार्थों के टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता।

प्रश्न 57.
तत्वों को किन-किन भागों में बांटा जाता है ?
उत्तर-
धातु, अधातु और उपधातु ।

प्रश्न 58.
कौन-सी धातु कमरे के तापमान पर द्रव है ?
उत्तर-
पारा।

प्रश्न 59.
उपधातु किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो धातु और अधातु के मध्यवर्ती गुणों को दर्शाते हैं उन्हें उपधातु कहते हैं।

प्रश्न 60.
उपधातु के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बोरान, सिलिकन।

प्रश्न 61.
अधातुओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
हाइड्रोजन, आयोडीन, कॉर्बन, कोक, ब्रोमीन, क्लोरीन आदि।

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प्रश्न 62.
धातुओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
सोडियम, पोटाशियम, लोहा, तांबा, चांदी, सोना आदि।

प्रश्न 63.
ज्ञात तत्वों की संख्या कितनी हैं ?
उत्तर-
112 तत्व ।

प्रश्न 64.
प्राकृतिक तत्व कितने हैं ?
उत्तर-
92 तत्व ।

प्रश्न 65.
कितने तत्व कमरे के तापमान पर गैसें हैं ?
उत्तर-
ग्यारह (11) तत्व ।

प्रश्न 66.
मिश्रण को पृथक् करने की पांच विधियों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. फिल्टरन
  2. क्रिस्टलीकरण
  3. ऊर्ध्वपातन
  4. आसवन
  5. वाष्पन।

प्रश्न 67.
चीनी की फैक्टरी में चीनी के क्रिस्टलों को अलग करने के लिए कौन-सी विधि प्रयोग की जाती
उत्तर-
‘अपकेंद्रण’ विधि।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पदार्थ की विशेषताएं क्या हैं? पदार्थ की तीन अवस्थाओं के गुण संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-

  1. पदार्थ स्थान घेरते हैं – वस्तु द्वारा घेरा हुआ स्थान आयतन कहलाता है। सभी वस्तुएं स्थान तो घेरती हैं, लेकिन समान रूप में नहीं घेरती हैं। कुछ वस्तुएं कम और कुछ वस्तुएं अधिक स्थान घेरती हैं; जैसे-एक पुस्तक, पैंसिल की अपेक्षा अधिक स्थान घेरती है।
  2. पदार्थ भार रखते हैं – सभी वस्तुओं में भार होता है, पर सभी में समान रूप से भार नहीं होता है। यह इस पर निर्भर करता है जो कि वस्तु में अणु कितनी दृढ़ता से व्यवस्थित हैं।

सभी पदार्थों को तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया गया है-
ठोस (Solid) – ऐसे पदार्थ जिनकी आकृति और आयतन दोनों ही निश्चित होते हैं, ठोस कहलाते हैं; जैसे-पत्थर, लोहा आदि।
ठोस के गुण-

  1. ठोस का आयतन निश्चित होता है।
  2. ठोस की आकृति निश्चित होती है।
  3. से कटोर और दृढ़ होते हैं।
  4. ठोस बहते नहीं हैं। इनका ढेर लगाया जा सकता है।
  5. ठोसों को संपोड़ित नहीं किया जा सका है।
  6. ठोसों के अणुओं के मध्य अधिक आकर्षण बल पाया जाता है।
  7. ठोस में बहुत-से मुक्त पृष्ठ हो सकते हैं।

द्रव (Liquids ) – वह पदार्थ जिनका आयतन तो निश्चित होता है, परंतु आकृति निश्चित नहीं होती है तथा एक मुक्त पृष्ठ होता है, द्रव कहलाता है। उदाहरण-जल, दूध आदि।

  1. द्रव का आयतन निश्चित होता है।
  2. द्रव की आकृति निश्चित नहीं होती है। यह उसी बर्तन की आकृति ग्रहण कर लेता है जिसमें रखा जाता है।
  3. द्रव के रखने के लिए बर्तन की आवश्यकता होती है।
  4. द्रव इसका ऊपरी पृष्ठ खुला होता है।
  5. द्रव के अणुओं के मध्य लगने वाला आकर्षण बल, ठोसों की अपेक्षा कम होता है।

गैस (Gas) – वह पदार्थ जिसमें न तो आकृति और न ही आयतन निश्चित होता है, गैस कहलाता है। यह सरलता से संपीड़ित हो जाता है और इसका कोई मुक्त पृष्ठ नहीं होता है। उदाहरण-ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, भाप आदि।

गैसों के गुण-

  1. गैसों की आकृति निश्चित नहीं होती है। ये जिस बर्तन में रखी जाती हैं, उसी का आकार ग्रहण कर लेती हैं।
  2. गैसों का आयतन निश्चित नहीं होता है। ये उसी बर्तन का आयतन ग्रहण कर लेती हैं, जिसमें इनको रखा जाता
  3. गैस को संपीड़ित किया जा सकता है।
  4. गैस का मुक्त पृष्ठ नहीं होता है।
  5. गैस के अणुओं के बीच आकर्षण बल कम होता है।
  6. गैस सभी दिशाओं में बह सकती है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 2.
(क) प्रयोग द्वारा सिद्ध करें कि वाष्पन से ठंडक पैदा होती है।
(ख) वे उदाहरण दें जहाँ वाष्पन लाभदायक होता है।
उत्तर-
(क) प्रयोग – लकड़ी के टुकड़े पर थोड़ा-सा पानी छिड़क कर ईथर से भरे बीकर को ऊपर रख देते हैं। ईथर की वाष्पन दर बढ़ाने के लिए ईथर को फूंक मारते हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है । पानी से वाष्पन की गुप्त ऊष्मा अवशोषित कर ली जाती है। यह ठंडा हो जाता है और अंत में जम जाता है तथा बर्फ बन जाता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 1

(ख) वाष्पन द्वारा ठंडक पैदा करने के उदाहरण-

  1. गर्मियों में हम ज़मीन पर पानी छिड़कते हैं। सतह से पानी वाष्पित होता है और वाष्पन के लिए गुप्त ऊष्मा यह करने से अवशोषित करता है जिससे ज़मीन ठंडी हो जाती है।
  2. गर्मियों के मौसम में प्रयुक्त होने वाले वाटर कूलर (डैज़र्ट कूलर) इसी नियम पर आधारित हैं कि वाष्पन से ठंडक पैदा होती है। चटाइयों ( पंड) पर छिड़का जा रहा पानी वाष्पित होता है और ठंडक पैदा होती है।
  3. जब बाहर का ताप बहुत आंधक ने तो हमारे शरीर पर पसीना आता है। जैसे ही हमें पसीना आता है, वाष्पन क्रिया होती हैं और ठंडक महेंसूस होता है।
  4. नहाने के बाद हमारे शरीर पर स्थित पानी का वाष्पन होता है जिससे ठंडक महसूस होती है। यह ठंडक और अधिक महसूस होगी यदि हम पंखे के नीचे आ खड़े हों। पंखे की हवा वाष्पन की दर बढ़ाती है, अत: ठंडक बढ़ती है।
  5. चुसकी लेने से पहले चाय के गर्म कप में फूंक मारी जाती है जिससे वाष्पन में वृद्धि हो जाती है तथा ताप में कमी हो जाती है।
  6. गर्मियों में वृक्षों में नए पत्ते आ जाते हैं। इन पत्तों से पानी का वाष्पन काफ़ी तीव्रता से होता है। फलस्वरूप ये
  7. मिट्टी के बर्तनों या सुराहियों में पानी ठंडा रहता है। मिट्टी के बर्तनों की सतह पर बहुत बारीक लिद्र होते हैं। पानी इन छिद्रों में से बाहर रिसता रहता है और वाष्पित होता रहता है तथा सुराही के पानी से वाष्पन की गुप्त ऊष्णा अवशोषित कर लेता है।
  8. परिणामस्वरूप सुराही में पड़ा पानी ठंडा हो जाता है। (8) कई बार घड़े के गिर्द एक गोला कपड़ा रखा जाता है ताकि पानी की वाष्पन क्रिया तेज हो और यह शीघ्रता से ठंडा हो सके।
  9. गर्मियों में कुत्ते प्रायः अपनी जीभ बाहर निकाले रखते हैं ताकि उन्हें ठंडक महसूस हो। वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उनकी चमड़ी से पसीना नहीं आता।
  10. जब नाखूनों की पॉलिश हटाने के लिए एसीटोन नामक द्रव को प्रयोग में लाते हैं तो नाखूनों के आस-पास त्वचा पर लगने से वह वहाँ से ऊष्मा को प्राप्त कर वाष्पीकृत हो जाती है जिससे ठंडक महसूस होती है।

प्रश्न 3.
क्वथन (Boiling) की परिभाषा दीजिए। यह वाष्यन से कैसे भिन्न है ?
उत्तर-
कवथन या उबाल क्रिया – जब द्रव का सतही दबाव वायुमंडलीय दबाव के बराबर हो जाता है तब द्रव अवस्था से वाष्प अवस्था में बदलने की क्रिया को उबाल क्रिया या क्वथन क्रिया कहते हैं।

पानी का क्वथनांक (Boiling point) – 100°C है। अशुद्धियाँ प्राय. क्वथनांक को कम कर देती हैं। द्रव की सतह पर दबाव में वृद्धि से उबाल दर्जे में वृद्धि होती है। यह दाब के कारण पानी (द्रव) के क्वथनांक में वृद्धि का सिद्धांत प्रेशर कुकर के निर्माण में प्रयुक्त होता है।

वाष्पन तथा क्वथन में अंतर-

क्वथन वाष्पन
(1) इस क्रिया के दौरान ताप बदलता है। (1) इस क्रिया के दौरान ताप पूर्णतया स्थिर रहता है।
(2) यह सभी तापों पर होता रहता है। (2) यह केवल क्वथनांक पर होता है।
(3) यह सतह पर होने वाली क्रिया है। (3) यह द्रव के सभी कणों पर होता है।
(4) यह एक शांत और धीमी क्रिया है। (4) यह तेज़ और एक ध्वनि उत्पन्न करने वाली क्रिया है।
(5) यह सतह के क्षेत्रफल, वायु, वेग आदि की वृद्धि से बढ़ जाती है। (5) यह इनके परिवर्तनों के होने पर स्थिर रहता है।
(6) इस क्रिया में बुलबुले नहीं बनते। (6) इस क्रिया में बुलबुले बनते हैं।
(7) इसमें ठंड उत्पन्न होती है। (7) इसमें ठंड उत्पन्न नहीं होती।

प्रश्न 4.
वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ के कण सदा गतिशील रहते हैं। निश्चित तापमान पर उसके कणों में गतिज ऊर्जा होती है। जिस कारण वाष्पीकरण होता रहता है पर निम्नलिखित कारकों से इसकी दर प्रभावित होती है-

  • सतह क्षेत्र बढ़ने से – वाष्पीकरण एक सतही प्रक्रिया है। जब सतह का क्षेत्र बढ़ा दिया जाता है तो वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। इसलिए किसी गिलास में डाले गए गर्म दूध की अपेक्षा प्लेट में डाला गया गर्म दूध जल्दी ठंडा हो जाता है। गीले कपड़ों को सुखाने के लिए उन्हें धूप में फैलाया जाता है।
  • तापमान में वृद्धि – द्रव का तापमान जितना अधिक होगा उसका वाष्पीकरण भी उतना ही जल्दी होगा। इस से पदार्थ के कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • आर्द्रता में कमी – यदि वायु में नमी की मात्रा कम हो तो वाष्पीकरण शीघ्र होता है पर वायु में नमी होने के कारण वाष्पीकरण देर से होता है। वर्षा के दिनों में गीले कपड़ों को इसी कारण सूखने में देर लगती है।
  • हवा की गति में तीव्रता – तेज़ हवा में वाष्पीकरण शीघ्र होता है। हवा तेज़ होने के कारण जलवाष्प हवा के साथ उड़ जाते हैं जिस कारण आसपास के जल वाष्पों की मात्रा घट जाती है।
  • पदार्थ की प्रकृति – पेट्रोल, स्पिरिट आदि ऐसे द्रव हैं जिनकी प्रकृति अधिक तेजी से वाध्वीकृत होने की है।
  • दबाव में कमी – द्रवों पर दबाव कम होने से वाष्पीकरण की क्रिया अधिक तेजी से होती है।

प्रश्न 5.
ऊष्मा और तापमान में अंतर लिखिए।
उत्तर-
ऊष्मा और तापमान में अंतर-

ऊष्या नापमान
1. यह ऊर्जा का एक रूप है। 1. यह एक अवाया है। इससे ऊष्मा के बहने की दिशा का पता लता है।
2. इसमें गर्मी या सर्दी की संवेदना का अनुभव होता है। 2. वस्तु का गुणधर्म होने के कारण यह उभा के प्रवाह को निश्चित करता है।
3. इसे कैलोरी या किलो-कैलोरी में मापते हैं। इसका यांत्रिक मात्रक जूल (J) है। 3. इसे अंशो में मा५ है।
4. यह वस्तु में ऊर्जा की मात्रा है। 4. यह वस्तु का भौतिक है।
5. इसे कैलोरीमीटर से मापते हैं। 5. इसे तापमापी से मापत हैं।
6. यह वस्तु की संहति, प्रकृति और तापक्रम पर निर्भर करती है। 6. यह वस्तु की संहति, प्रकृति और तापक्रम पर निर्भर नहीं करता।
7. यह एक कारण है। 7. यह ऊष्मा का प्रभाव है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पदार्थ किसे कहते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ – हमारे दैनिक जीवन में प्रयोग में लायी जाने वाली अनेक प्रकार की नस्तुएं हैं। इसका रूप, सा, गुण, आकार, उपयोग आदि अलग-अलग होते हैं पर फिर भी हमारे लिए उपयोगा हैं। नमक का पानी में घोल और चीनी का पानी में घोल देखने में एक से प्रतीत होते हैं पर दोनों एक-दूपरे से भिन्न हैं : मेला, कुम भ पानी, हवा, पेसिल, पत्थर, दूध, माँस, दालें, अनाज आदि सभी पदार्थ हैं। पदार्थ वे वस्तुएँ हैं जो स्थान घरती हैं और रखती हैं इसलिए हमारे आस-पास की सभी वस्तुएँ पदार्थ की श्रेणी में रखी जाती हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 2.
पदार्थ का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
पदार्थ को अनेक प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है। आधुनिक काल में इसका वो करण प्रायः दो आधारों पर किया जाता है-
(I) भौतिक अवस्था के आधार पर : ठोस द्रव और गैस
(II) रासायनिक संरचना के आधार पर : तत्त्व, यौगिक और मिश्रण।

प्रश्न 3.
प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि पदार्थ कणों से बने होते हैं और कणों के बीच खाली स्थान होता
उत्तर-
प्रयोग – एक 100 ml का बीकर लो। इसे जल से लगभग आधा भर दो और जल के स्तर पर निशान लगा दो। अब इसमें कुछ नमक या चीनी डालो और जल के स्तर को देखो। यह कुल बह गया है। नमक या चीनी को छड़ की सहायता से अच्छी तरह हिलाओ। इसके घुल जाने के पश्चात् जल का तल फिर से कम हो जाएगा।

निष्कर्ष – इससे प्रमाणित होता है कि जल के अणुओं के बाच खाली स्थान होता है। हिलाने पर नमक या चीनी के अणु उन खाली स्थानों में चले गए और जल का स्तर कम हो गया। पदार्थ कणों से बनने के कारण ही नमक या चीनी पूरी तरह जल में घुल गई।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 2

प्रश्न 4.
प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि पदार्थ के कण अति सूक्ष्म होते हैं ।
उत्तर-
प्रयोग – पोटाशियम परमैंगनेट के दो या तीन क्रिस्टलों को 100 मि.ली० जल में घोल दें। इस घोल से परखनली में लगभग 10 मि०ली. घोल निकाल कर 90 मि०ली० साफ जल में मिला दें। फिर इस घोल से 10 मि०ली० निकाल कर उसे भी 90 मि०ली० साफ जल में मिला दें। इसी प्रकार इस घोल को 5 से 8 बार दोहराओ और घोल को तनु करते रहो । आप देखेंगे कि जल अब भी रंगीन रहेगा।

निष्कर्ष- इससे सिद्ध होता है कि पोटाशियम परमैंगनेट के केवल एक क्रिस्टल में अनेक सूक्ष्म कण होते हैं ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 3

प्रश्न 5.
प्रयोग द्वारा ठोस, द्रव और गैसों पर दबाव का प्रभाव प्रदर्शित करना ।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 4
प्रयोग – 100 ml की तीन सिरिंज लेकर उनके सिरों को चित्र के अनुसार बंद कर दो। सभी सिरिंजों के पिस्टन को हटा लें। पहली सिरिंज में हवा, दूसरी में जल और तीसरी में चॉक के टुकड़े भर दें। सिरिंज के पिस्टन की गतिशीलता आसान बनाने के लिए उस पर थोड़ी वैसलीन लगा दें और उसे वापस सिरिंज में लगाएं। अब पिस्टन को संपीडित करने का प्रयत्न करें।

पिस्टन वायु से भरी सिरिंज में आसानी से गति करता है पर पानी से भरी सिरिंज में पिस्टन बहुत थोड़ी गति करता है। चॉक के टुकड़ों पर संपीडन बिल्कुल नहीं होता।

निष्कर्ष – गैसें सबसे अधिक संपीड्य होती हैं। द्रवों को अधिक नहीं दबाया जा सकता पर ठोस पर दबाव का प्रभाव नहीं पड़ता। गैसें सबसे अधिक संपीड्य होती हैं।

प्रश्न 6.
पदार्थ का भौतिक अवस्था के आधार पर वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर-
विश्व की विभिन्न वस्तुओं को भौतिक आधार पर ठोस, तरल और गैस नामक तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया जा सकता है।
ठोस – ठोस का निश्चित रूप और आकार होता है तथा इसका निश्चित घनफल होता है। प्रायः ये कठोर होते हैं और इन पर दबाव नहीं डाला जा सकता। उदाहरण-लकड़ी, पत्थर, चीनी, नमक।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 5

द्रव – तरल का निश्चित आकार नहीं होता पर निश्चित घनफल अवश्य होता है। ये उसी बर्तन का आकार ले लेते हैं जिसमें इन्हें डाला जाता है। इनमें बहने की प्रवृत्ति होती है। इसलिए इन्हें द्रव भी कहते हैं । उदाहरण पानी, दूध, तेल, एल्कोहल।

गैस – गैस का न तो निश्चित आकार होता है और न ही निश्चित घनफल। इस पर दबाव डाला जा सकता है। यह उस बर्तन में पूर्ण रूप से फैल कर उसी का रूप ले लेती है जिसमें इसे डाला जाता है। उदाहरण-ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, वायु, कार्बन डाइऑक्साइड।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 7.
ठोस, द्रव और गैस की स्थिति अंतरा आण्विक बल के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
प्रत्येक पदार्थ अति छोटे कणों से बनता है। ये कण स्थिर न हो कर लगातार गतिशील रहते हैं। ऊष्मा ऊर्जा से इनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। ये एक-दूसरे पर आकर्षण बल लगाते हैं जिसे अंतरा आण्विक बल कहते हैं । इनके आधार पर ठोस, द्रव, गैस की स्थिति की व्याख्या की जा सकती है।

ठोस – इनमें कण एक-दूसरे के बहुत निकट होते हैं और कणों के बीच बहुत कम रिक्त स्थान होता है । इनके बीच आकर्षण बल बहुत अधिक होता है और वे केवल घूर्णन गति कर सकते हैं । इसलिए उनका निश्चित आकार और घनफल होता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 6

द्रव – इनमें कण एक-दूसरे से दूर-दूर होते हैं और कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होता है जिसके परिणामस्वरूप इनमें आकर्षण बल अपेक्षाकृत कमजोर होता है पर यह इतना कमजोर नहीं होता कि कण एक-दूसरे से अलग हो जाएं। इसीलिए द्रव पदार्थों का निश्चित आकार नहीं होता पर उनका निश्चित घनफल होता है। वे उस बर्तन का आकार ग्रहण कर लेते हैं जिसमें डाले जाते हैं।

गैस – गैसों में कणों की स्थिति बहुत ढीली होती है और उन के बीच रिक्त स्थान बहुत अधिक होते हैं। उन के बीच आकर्षण बल न के बराबर ही होता है और तीव्र वेग से सभी दिशाओं में इधर-उधर गति कर सकते हैं। इसीलिए गैस का न तो निश्चित आकार होता है और न ही निश्चित घनफल। इनके कणों में बड़े रिक्त स्थानों के कारण उन्हें दबाया जा सकता है और वे बर्तन की दीवारों पर दबाव डाल सकती हैं।

प्रश्न 8.
अवस्था परिवर्तन से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
तापमान और दबाव पर निर्भर कर कोई पदार्थ ठोस, तरल और गैस अवस्थाओं को प्राप्त कर सकता है जिसे अवस्था परिवर्तन कहते हैं। यदि किसी वस्तु का द्रवणांक सामान्य तापमान से अधिक हो तो वह ठोस कहलाती है और यदि उसका क्वथनांक सामान्य तापमान से अधिक हो तो वह द्रव कहलाती है। सामान्य दबाव पर यदि क्वथनांक कम हो तो उसे गैस कहते हैं। तापमान और दबाव में परिवर्तन से किसी पदार्थ को ठोस, तरल और गैस अवस्थाएं दी जा सकती
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 7
हैं। बर्फ को गर्म करने से वह द्रव में और द्रव को गर्म करने से वाष्प में बदला जा सकता है। वाष्प को ठंडा करने से द्रव और द्रव को ठंडा करने से उसे ठोस में बदला जा सकता है।
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प्रश्न 9.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि तापमान के परिवर्तन से पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन होता
उत्तर-
प्रयोग – एक बीकर में लगभग 150 ग्राम बर्फ का टुकड़ा लें और उसे स्टैंड पर इस प्रकार रखें कि थर्मामीटर का बल्ब उसको स्पर्श करे। चित्रानुसार उपकरण को लगाएं। बीकर को धीमी आंच पर गर्म करें।
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जब बर्फ पिघलने लगे तो तापमान नोट करो। जब पूरी बर्फ जल में परिवर्तित हो जाए तो फिर तापमान नोट करो। जब जल उबलने लगे और भाप बनने लगे तब तापमान को नोट करो।

निष्कर्ष – बर्फ 0°C पर पिघलती है। जब सारी बर्फ पिघल कर पानी में बदल जाती है तब भी उसका तापमान 0°C होता है। जल की द्रव अवस्था से गैसीय अवस्था में परिवर्तन 100°C पर होता है।

प्रश्न 10.
पदार्थ की अवस्था पर ताप और दाब का क्या प्रभाव पड़ता है ? स्पष्ट करो।
उत्तर-
ताप और दाब का पदार्थ की अवस्था पर प्रभाव पड़ता है। जब किसी ठोस को गर्म किया जाता है तो उस के कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। वे तेजी से कंपन करते हैं और अधिक स्थान ग्रहण करते हैं और वे फैलने लगते हैं। एक निश्चित तापमान पर वे आकर्षण के बंधन से मुक्त हो स्वतंत्रतापूर्वक घूमने लगते हैं। तब उसके अणुओं की गति नहीं बढ़ती और उनका व्यवस्था और क्रम में परिवर्तन होने लगता है तब वे तरल अवस्था में बदल जाते हैं । तल को गर्म करने से अणुओं का वेग बढ़ जाता है। उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। तेज़ गति वाले अणुओं का सवेग जब उन पर भीतर की तरफ लग रहे बल से अधिक बढ़ जाता है तो वे वाष्प अवस्था में बदल जाते हैं और तरल की सतह से बाहर निकल आते हैं।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 11.
जल और एल्कोहल के निश्चित आयतन को परस्पर मिलाने पर मिश्रण का आयतन प्रारंभ में लिए गए जल और एल्कोहल के योग से कम हो जाता है। क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
काँच की एक नली के आधे भाग में जल भरो। इस के शेष आधे भाग को एथिल एल्कोहल से भर दो। इसे अच्छी तरह से हिलाओ। नली में कुछ रिक्त स्थान दिखाई देगा। कुछ समय बाद इसे फिर देखो। मिश्रण का आयतन प्रारंभ में लिए गए जल और एल्कोहल के आयतन के योग से कुछ कम दिखाई देगा क्योंकि एल्कोहल के कण जल के अंतरा-अणुक अवकाश के मध्य समायोजित हो जाते हैं।

प्रश्न 12.
ठोस, द्रव तथा गैस में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
ठोस, द्रव तथा गैस में अंतर-
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प्रश्न 13.
शीतलन के लिए 0°C के पानी की अपेक्षा 0°C की बर्फ़ अधिक प्रभावी क्यों होती है ?
उत्तर-
0°C ताप की बर्फ °C के पानी की अपेक्षा ठंडा करने में अधिक प्रभावपूर्ण होती है क्योंकि वह 0°C के पानी में बदलने के लिए अपनी गलन की गुप्त ऊष्मा के बराबर ऊष्मा लेती है और फिर ताप वृद्धि के लिए ऊष्मा प्राप्त करती है जबकि 0°C तापमान का पानी केवल ताप में वृद्धि के लिए ही ऊष्मा को प्राप्त करता है।

प्रश्न 14.
दाँतों को आइसक्रीम बर्फ के जल की अपेक्षा अधिक ठंडी क्यों प्रतीत होती है ?
उत्तर-
आइसक्रीम को पिघलने के लिए गलन की गुप्त ऊष्मा की आवश्यकता होती है जो दाँतों से अवशोषित की जाती है। इस गुप्त ऊष्मा का मान अधिक होता है जिसके परिणामस्वरूप दाँतों को आइसक्रीम बर्फ के जल की अपेक्षा अधिक ठंडी प्रतीत होती है।

प्रश्न 15.
बर्फ गलन की गुप्त ऊष्मा क्या है ? इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
बर्फ गलन की गुप्त ऊष्मा 3.34 × 105 J/kg (या 80 cal/g) है। इसका अर्थ यह है कि 0°C पर 1 kg बर्फ 3.34 × 105 जूल ऊष्मा अवशोषित करके 0°C पर 1 kg पानी में बदलती है या 1 kg पानी 0°C पर 3.34 × 105 जूल ऊष्मा विसर्जित करके 0°C पर बर्फ में बदल जाता है।

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प्रश्न 16.
भाप के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा क्या है ? इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
भाप के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 22.5 × 105 J/kg (या 540 cal/g) है। इसका अर्थ यह है कि 100° पर 1kg पानी 22.5 × 105 जूल ऊष्मा अवशोषित करके 100°C ताप वाली भाप में बदल जाता है या 100°C पर 1 kg भाप 22.5 × 105 जूल ऊष्मा विसर्जित करके 100°C ताप वाले पानी में बदल जाती है।

प्रश्न 17.
उबलते पानी और उसी ताप की भाप में से, किससे जलन अधिक कष्टकर होती है ? कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भाप सदा ही उबलते पानी से अधिक गंभीर जलन उत्पन्न करती है। जब पानी 100°C तापमान पर उबलता है तो 100°C वाष्प में परिवर्तित होता है। उसे 536 कैलोरी / ग्राम या 2260 जूल / ग्राम ऊष्मा की आवश्यकता होती है जिसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं । इसीलिए उबलते पानी से भाप में ऊष्मा अधिक होती है क्योंकि उसमें गुप्त ऊष्मा भी सम्मिलित होती है। इसी कारण वह अधिक गंभीर जलन उत्पन्न करती है।

प्रश्न 18.
जब मोटे कांच से बने गिलास में उबलता हुआ पानी ( या बर्फ ) डाल दिया जाता है तो यह तिड़क क्यों जाता है ?
उत्तर-
जब मोटे कांच से बने गिलास में उबलता हुआ पानी डाला जाता है तो ताप वृद्धि के कारण गिलास का आंतरिक भाग फैल जाता है। क्योंकि कांच ऊष्मा का कम चालक है इसलिए बाहर बहुत कम ऊष्मा आती है। बाहरी सतह से कांच बहुत कम फैलता है। इसी कारण गिलास तिड़क जाता है।

प्रश्न 19.
ठोस प्रसार की कुछ हानियां बताओ।
उत्तर-
ठोस प्रसार की कुछ हानियां-

  1. जब कांच के गिलास में गर्म पानी डाला जाता है तो यह तिड़क जाता है ।
  2. इस प्रसार के कारण रेल की पटरियां टेढ़ी हो सकती हैं तथा गाड़ियां उलट सकती हैं।
  3. कंकरीट या अन्य सामान्य फ़र्श तिड़क सकते हैं।
  4. भाप या गर्म पानी से पानी की पाइपें मुड़ सकती हैं।
  5. गर्मियों में लंबी तारें बिछाई जाती हैं ताकि सर्दियों में सिकुड़ने की क्रिया को पूरा किया जा सके।
  6. इस्पात से बने पुल फैल कर सहारे की दीवारें तोड़ सकते हैं।
  7. घड़ियां गर्मियों में पीछे और सर्दियों में आगे जा सकती हैं।

प्रश्न 20.
जब बहुत गर्म चाय कांच के गिलास में डाली जाती है तो यह तिड़क क्यों जाता है ?
उत्तर-
गर्म पानी या चाय डालने पर मोटा कांच का गिलास तिड़क जाता है । गर्म द्रव गिलास के आंतरिक भाग को बाहरी तल से पहले प्रसारित कर देता है। इस तरह उत्पन्न तनाव कांच के लिए इतना अधिक होता है जो इसके लिए असहनीय हो जाता है और गिलास तिड़क जाता है।

प्रश्न 21.
रेल की दो पटरियों के बीच प्रसार के लिए खाली स्थान रखा जाता है, क्यों ? व्याख्या करो।
उत्तर-
गर्मियों में रेल पटरियां गर्म होकर फैलती हैं। यदि प्रसार के लिए खाली स्थान न रखा जाए तो यह मुड़ सकती हैं तथा रेल पटरी से उतर सकती है। इसलिए दो पटरियों के बीच खाली स्थान छोड़ा जाता है. ताकि इन्हें प्रसार के लिए स्थान मिल सके।

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प्रश्न 22.
जब तालाब जम जाते हैं, तो भी मछलियां कैसे जीवित रहती हैं ? ।
उत्तर-
पानी के असंगत प्रसार के कारण बहुत कड़ाके की सर्द में भी झीलों और तालाबों के पानी की ऊपरी सतह ही जमती है। ऊपर जमी बर्फ के नीचे का पानी नहीं जमता । परिणामस्वरूप मछलियां तथा अन्य जल जीव जीवित रहते हैं। यदि पानी का प्रसार एक जैसा होता है तो झीलों और तालाबों का सारे का सारा पानी जम जाता है तो जल जीवों तथा जल-वनस्पति का बचना असंभव होता।

प्रश्न 23.
किसी धात्वीय बर्तन की अपेक्षा सुराही में रखा पानी अधिक ठंडा क्यों होता है ?
उत्तर-
सुराही के छिद्रों में से पानी बाहर आ जाता है जो निरंतर इसकी सतह से वाष्पित होता रहता है। वाष्पन के लिए अभीष्ट ऊष्मा सुराही के अंदर पड़े पानी से ली जाती है। इस ऊष्मा हानि के कारण पानी ठंडा हो जाता है।

प्रश्न 24.
‘पदार्थ की गुप्त ऊष्मा’ की परिभाषा लिखो।
उत्तर-
गुप्त ऊष्मा की वह मात्रा है जो किसी पदार्थ द्वारा ठोस से द्रव या द्रव से गैस (वाष्प) अवस्था परिवर्तित करते समय बिना किसी ताप वृद्धि के अवशोषित की जाती है।

प्रश्न 25.
गलन की गुप्त ऊष्मा तथा वाष्यन की गुप्त ऊष्मा की परिभाषा दें।
उत्तर-
गलन की ऊष्मा – बिना ताप परिवर्तित किए किसी पदार्थ के इकाई पुंज द्वारा ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में बदलते समय अवशोषित ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की गलन ऊष्मा कहते हैं।

वाष्पन की गुप्त ऊष्मा-बिना ताप परिवर्तित किए किसी पदार्थ के इकाई पुंज द्वारा द्रव अवस्था से गैस अवस्था में बदलते समय अवशोषित ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।

प्रश्न 26.
गर्मियों में कभी-कभी सोडा वाटर की बोतलें फट जाती हैं क्यों?
उत्तर-
गर्मियों में वायुमंडल का ताप बढ़ने से सोडा-वाटर में भरी गैस का दाब गर्म होने से बढ़ जाता है जिसके कारण कभी-कभी सोडा वाटर की बोतलें फट जाती हैं।

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प्रश्न 27.
नहाने के तुरंत बाद हमें ठंड क्यों महसूस होती है ?
उत्तर-
नहाने के तुरंत बाद शरीर पर पानी की कुछ बूंदें रह जाती हैं। इन बूंदों का वाष्पीकरण होता है। वाष्पीकरण के लिए आवश्यक ऊष्मा हमारे शरीर से ले ली जाती है जिसके कारण हमें ठंड महसूस होती है।

प्रश्न 28.
गर्मियों में सड़कों पर छिड़काव क्यों किया जाता है?
उत्तर-
वाष्पन से ठंडक उत्पन्न होती है। सड़कों पर किए गए छिड़काव के कारण वाष्पन क्रिया तीव्र होती है। वाष्पण के लिए जो ऊष्मा की आवश्यकता होती है वह सड़क से ली जाती है जिस कारण सड़कें ठंडी हो जाती हैं।

प्रश्न 29.
किस प्रकार सिद्ध करोगे कि पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं ?
उत्तर-
जलती हुई अगरबत्ती की सुगंध पदार्थ के कणों के गतिशील होने के कारण दूर से अनुभव की जा सकती है। गर्म खाने की महक दूर से अनुभव की जा सकती है। रबड़ को लगी आग को बहुत दूर से जाना जा सकता है। इत्र की गंध पदार्थ के कणों के गतिशील होने के कारण ही दूर तक फैल जाती है।

प्रश्न 30.
ठोस का ठोस में विसरण क्या है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
दो धातु के टुकड़ों को कसकर बाँधकर कुछ वर्षों तक रख देने से कभी-कभी एक धातु के कण दूसरे में विसरित हो जाते हैं। इसे ठोस में ठोस का विसरण कहते हैं। ठोस के कण अपने स्थान से ज़्यादा गति नहीं करते। वे अपने माध्य स्थान पर ही दोलन करते हैं। इसलिए ठोस पदार्थों में दूसरे ठोस पदार्थ में विसरित होने के गुण प्रायः नहीं होते।

प्रश्न 31.
गैसों में संपीड्यता के अधिक होने के तीन उपयोग लिखिए।
उत्तर-

  1. द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) को सिलिंडरों में भरा जाता है ताकि ईंधन के रूप में प्रयुक्त की जा सके।
  2. अस्पतालों में रोगियों को दी जाने वाली ऑक्सीजन गैस सिलिंडरों में संपीडित की जाती है।
  3. प्राकृतिक गैस (CNG) का वाहनों में प्रयोग इसी गुण के आधार पर किया जाता है।

प्रश्न 32.
गर्म करने पर ठोसों की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
ठोस को गर्म करने पर उसके अणुओं की कंपन गति बढ़ती है। गतिज ऊर्जा बढ़ने के साथ अंतर आण्विक बल कम होने लगता है। एक निश्चित ताप पर अणुओं के कंपन का आयाम इतना बढ़ जाता है कि वे आकर्षण के बंधन से मुक्त होकर स्वतंत्रतापूर्वक घूमने लगते हैं। एक निश्चित ताप के पहुँचने पर ठोस के अणुओं की गतिज ऊर्जा नहीं बढ़ती है, बल्कि उनकी व्यवस्था तथा क्रम में परिवर्तन होने लगता है। अत: ठोस द्रव में परिवर्तित होने लगता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 33.
गर्म करने पर द्रव की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
द्रव को गर्म करने पर उसके अणुओं की गतिज ऊर्जा काफ़ी बढ़ जाती है, और अणु एक-दूसरे से काफ़ी दूर होते जाते हैं। ऐसे अणु जिनकी गतिज ऊर्जा बहुत अधिक होती है, द्रव की सतह पर आने पर सतह को छोड़कर वायुमंडल में चले जाते हैं। इस प्रकार अणुओं के बीच अंतरा अणुक आकर्षण बल नहीं के बराबर हो जाता है और द्रव वाष्प में निरंतर परिवर्तित होने लगता है।

प्रश्न 34.
द्रव के ठंडा होने की अवस्था में परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
जब किसी द्रव को ठंडा किया जाता है तो इसके अणु ऊष्मीय ऊर्जा खो देते हैं। इससे उनकी गति धीमी हो जाती है। गति धीमी होने से अंतराअणुक बल बढ़ जाते हैं। यह तब तक चलता रहता है, जब तक कि अंतराअणुक बल, कंपन करते हुए अणुओं की ऊर्जा से अधिक नहीं हो जाते। इस प्रकार अणु एक स्थिति में रहते हैं। इस समय द्रव, ठोस अवस्था में परिवर्तित होता है।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 11

प्रश्न 35.
गैस के ठंडा होने पर अवस्था परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-
जब गैस को ठंडा किया जाता है, इसके अणु ऊष्मा ऊर्जा को खो देते हैं। इससे अणुओं की गति धीमी हो जाती है। यह तब तक चलता रहता है, जब तक कि गैस के अणुओं की ऊर्जा, अंतराअणुक बलों से कम नहीं हो जाती है। इस प्रकार, अणु एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं और निर्बल अंतराअणुक बलों द्वारा बँधे रहते हैं। इसीलिए गैस, द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाती है।

प्रश्न 36.
पदार्थ की तीन अवस्थाओं में परिवर्तन को रेखाचित्र की सहायता से प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
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प्रश्न 37.
ऊर्ध्वपातन विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ऊर्ध्वपातन विधि में ठोस को गर्म कर सीधा वाष्प में या वाष्प को सीधा ठोस में बदला जाता है। इस प्रक्रिया में द्रव नहीं बनता।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 13
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ 14

इस विधि से अमोनियम क्लोर इड, नैप्थालीन, आयोडीन, कपूर आदि को सरलता से प्राप्त कर लिया जाता है।

चीनी की प्याली में थोड़ा कपूर या अमोनियम क्लोराइड लें। इस पर फिल्टर पेपर रख कर उस पर उल्टा कीप रखें। कीप के सिरे पर रूई का एक टुकड़ा रख दें। गर्म करने पर वाष्प बना कपूर या अमोनियम क्लोराइड प्राप्त हो जाएगा।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 38.
बर्फीले पानी से भरे गिलास की बाहरी सतह पर पानी की बूंदें क्यों दिखाई देती हैं?
उत्तर-
किसी बर्तन में हम बर्फीला पानी रखते हैं। जल्दी ही बर्तन की बाहरी सतह पर हमें पानी की बूंदें नज़र आने लगेंगी। वायु में उपस्थित जल वाष्प की ऊर्जा ठंडे पानी के संपर्क में आकर कम हो जाती है और यह द्रव अवस्था में बदल जाता है, जो हमें पानी की बूंदों के रूप में नज़र आता है।
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प्रश्न 39.
दाब बढ़ाने से किसी द्रव पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
पदार्थ की विभिन्न अवस्थाएं घटक कणों के बीच की दूरी में अंतर के कारण होती हैं। दाब बढ़ाने से पदार्थों के कणों को समीप लाया जा सकता है। ताप में कमी करके इससे गैस को द्रव अवस्था में बदला जा सकता है।
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प्रश्न 40.
प्लाज्मा क्या है ? ये कहाँ-कहाँ देखा जा सकता है ?
उत्तर-
प्लाज्मा पदार्थ की एक अवस्था है जिसमें कण आयनीकृत गैस के रूप में होते हैं। ये अत्यधिक ऊर्जावान और उत्तेजित होते हैं । इसे अग्रलिखित में देखा जा सकता है-

  1. लोटसेंट ट्यूब और नियॉन बल्ब में।
  2. सूर्य और तारों की चमक में।

प्रश्न 41.
प्लाज्मा भिन्न रंगों को प्रकट क्यों करता है ?
उत्तर-
विशेष प्रकार की गैसों में विद्युत् ऊर्जा प्रवाहित करने पर गैसें आयनीकृत हो जाती हैं। गैस के स्वभाव के अनुसार विशेष रंग की चमक उत्पन्न होती है।

प्रश्न 42.
बोस आइंस्टाइन कंडनसेट से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
एक भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्रनाथ बोस ने सन् 1920 में पदार्थ की पाँचवीं अवस्था के लिए कुछ गणनाएँ की थीं। उनके आधार पर अल्बर्ट आइंस्टीन ने पदार्थ की एक नई अवस्था की भविष्यवाणी की थी। इसी को बोस आइंस्टाइन कंडनसेट (BEC) कहा जाता है। बाद में अमेरिका के तीन वैज्ञानिकों एरिक ए कॉर्नेल, उल्फगैंग केटरले और कार्ल ई वेमैन ने BEC की अवस्था प्राप्त करने पर नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया था।

प्रश्न 43.
BEC किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
सामान्य वायु के घनत्व के एक लाखवें हिस्से से कम घनत्व वाली गैस को अत्यधिक कम तापमान पर ठंडा करने से BEC तैयार किया जाता है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
हमारे चारों ओर की वस्तुएं किस कारण भिन्न दिखाई देती हैं ?
उत्तर-
आकार, आकृति और बनावट में भिन्नता के कारण वे भिन्न दिखाई देती हैं।

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प्रश्न 2.
पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
विश्व की हर वस्तु जिस भी सामग्री से बनती है, जो स्थान घेरती है और जिसका द्रव्यमान होता है, उसे पदार्थ कहते हैं।

प्रश्न 3.
पदार्थ के पाँच उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
हवा, भोजन, पत्थर, जल, पौधे।

प्रश्न 4.
पंचतत्व किसे कहते हैं ?
उत्तर-
हमारे देश के प्राचीन दार्शनिकों ने सभी वस्तुओं को बनाने वाले पदार्थ को पाँच मूल तत्वों में वगीकृत किया था जिन्हें पंचतत्व कहते हैं।

प्रश्न 5.
पंचतत्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश।

प्रश्न 6.
यूनानी दार्शनिक कितने तत्वों का मूल मानते थे ?
उत्तर-
चार।

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प्रश्न 7.
यूनानी दार्शनिकों के द्वारा स्वीकार किए जाने वाले चार मूल तत्वों के नाम लिखिए।
उत्तर-
पृथ्वी, अग्नि, वायु और जल।

प्रश्न 8.
आधुनिक वैज्ञानिक पदार्थ को किस आधार पर वर्गीकृत करते हैं ?
उत्तर-
भौतिक गुणधर्म और रासायनिक प्रकृति।

प्रश्न 9.
पदार्थ किससे बनते हैं ?
उत्तर-
पदार्थ कणों से मिलकर बनते हैं।

प्रश्न 10.
पोटेशियम परमैंगनेट के बहुत थोड़े क्रिस्टलों से भी जल रंगीन क्यों हो जाता है ?
उत्तर-
पोटेशियम परमैंगनेट के केवल एक क्रिस्टल में अनेक सूक्ष्म कण होते हैं।

प्रश्न 11.
पदार्थ के कण कितने छोटे हो सकते हैं ?
उत्तर-
पदार्थ के कण इतने छोटे हो सकते हैं कि उनकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते।

प्रश्न 12.
पदार्थ के कणों के बीच में क्या होता है ?
उत्तर-
पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।

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प्रश्न 13.
नमक, चीनी, डेटॉल आदि पानी में क्यों घुल जाते हैं ?
उत्तर-
पदार्थों के कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होने के कारण।

प्रश्न 14.
अगरबत्ती की सुगंध दूर तक किस कारण से फैल जाती है ?
उत्तर-
पदार्थ के कणों के निरंतर गतिशील होने के कारण।

प्रश्न 15.
नमक पानी में क्यों घुल जाता है ?
उत्तर-
जब नमक को पानी में घोलते हैं तो नमक के कण पानी के कणों के बीच रिक्त स्थानों में समावेशित हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
पानी में शहद की शुद्धता किस प्रकार परखी जा सकती है ?
उत्तर-
यदि पानी में शहद एक वर्ण रेखा के रूप में गिरता है तो वह शुद्ध माना जाता है।

प्रश्न 17.
तापमान बढ़ाने से कणों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है।

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प्रश्न 18.
पदार्थ के कण निरंतर गतिशील किस कारण रहते हैं ?
उत्तर-
गतिज ऊर्जा के कारण।

प्रश्न 19.
विसरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
दो विभिन्न पदार्थों के कणों का स्वत: मिलना विसरण कहलाता है।

प्रश्न 20.
गर्म करने पर विसरण पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
गर्म करने पर विसरण तेज़ हो जाता है।

प्रश्न 21.
पदार्थ के कणों पर बल क्या प्रभाव डालता है ?
उत्तर-
यह बल कणों को एक साथ रखता है।

प्रश्न 22.
भौतिक अवस्था के आधार पर पदार्थ की अवस्थाएं कौन-कौन-सी हैं ?
उत्तर-
ठोस, द्रव और गैस।

प्रश्न 23.
ठोस पदार्थों के तीन गुण लिखिए।
उत्तर-
ठोस पदार्थों का निश्चित आकार, स्पष्ट सीमाएँ और स्थिर आयतन होता है।

प्रश्न 24.
बल लगाने से ठोस पदार्थों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
बल लगाने से भी ठोस पदार्थ अपना आकार बनाए रखते हैं। अधिक बल लगाने से वे टूट सकते हैं पर अपना आकार नहीं बदलते।

प्रश्न 25.
रबड़ को खींच कर इसका आकार बदला जा सकता है तो फिर यह ठोस क्यों है ?
उत्तर-
रबड़ पर बल लगाने से यह अपना आकार बदलता है पर बल हटा लेने से यह पुनः अपने मूल आकार को प्राप्त कर लेता है। अत्यधिक बल लगाने पर यह टूट जाता है। इसलिए यह ठोस है।

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प्रश्न 26.
चीनी, नमक, शक्कर आदि को जिन बर्तनों में रखते हैं, ये उन्हीं बर्तनों का आकार ले लेते हैं पर फिर भी ये ठोस क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर-
चीनी, नमक, शक्कर आदि को जिन बर्तनों में रखते हैं, ये उन्हीं का आकार ले लेते हैं। पर फिर भी ये ठोस हैं क्योंकि इनके क्रिस्टलों के आकार नहीं बदलते।

प्रश्न 27.
स्पंज का संपीडन संभव क्यों होता है ?
उत्तर-
स्पंज का संपीडन इसमें विद्यमान छिद्रों से हवा बाहर निकलने के कारण संभव होता है।

प्रश्न 28.
द्रव किसे कहते हैं ?
उत्तर-
द्रव निश्चित आयतन वाले तरल हैं जिनमें बहाव का गुण होता है और ये आकार बदलते हैं।

प्रश्न 29.
जल के किस गुण के कारण जलीय जंतु जीवित रह पाते हैं ?
उत्तर-
वातावरण में विद्यमान ऑक्सीजन गैस विसरित होकर जल में मिल जाती है जो जलीय जंतुओं के जीवन के लिए अनिवार्य होती है।

प्रश्न 30.
जल में कौन-सी गैस विसरित होकर पौधों के लिए आवश्यकताओं की पूर्ति करती है ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस।

प्रश्न 31.
द्रव में किन-किन का विसरण संभव है ?
उत्तर-
द्रव में ठोस, द्रव और गैस तीनों का विसरण संभव है।

प्रश्न 32.
ठोस की अपेक्षा द्रव में विसरण की दर अधिक क्यों होती है ?
उत्तर-
ठोस की अपेक्षा द्रव में पदार्थ के कण स्वतंत्र रूप से गति करते हैं और उन कणों में रिक्त स्थान भी अधिक होते हैं।

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प्रश्न 33.
ठोस, द्रवों और गैसों में अपेक्षाकृत संपीड्यता किसमें सबसे अधिक होती है ?
उत्तर-
गैसों में।

प्रश्न 34.
वाहनों में कौन-सी संपीडित गैस प्रयुक्त की जाती है ?
उत्तर-
संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG)।

प्रश्न 35.
घरों में ईंधन के रूप में कौन-सी गैस प्रयुक्त की जाती है ?
उत्तर-
द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG)।

प्रश्न 36.
इत्र और अगरबत्ती की सुगंध तेज़ी से क्यों फैल जाती है ?
उत्तर-
कणों की तेज़ गति और अत्यधिक रिक्त स्थानों के कारण गैसों का विसरण बहुत तीव्रता से हो जाता है।

प्रश्न 37.
पानी द्रव्य की किन-किन अवस्थाओं में पाया जाता है ?
उत्तर-
पानी ठोस (बर्फ), द्रव, गैस (वाष्प) अवस्थाओं में पाया जाता है।

प्रश्न 38.
ठोस की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
ठोस प्रायः कठोर होते हैं जिन पर दबाव नहीं डाला जा सकता। इनका निश्चित आकार और घनफल होता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 39.
द्रव की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
द्रव का निश्चित घनफल होता है पर कोई निश्चित आकार नहीं होता। इस पर भी अधिक दबाव नहीं डाला जा सकता। यह प्रायः बहते हैं।

प्रश्न 40.
गैस की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
गैस दबाव को सहन करने वाला द्रव्य है जिसे किसी भी आकार के बर्तन में भरा जा सकता है। इसका निश्चित आकार और घनफल नहीं होता।

प्रश्न 41.
ठोस, तरल और गैस के चार-चार उदाहरण दो।
उत्तर-
ठोस = लकड़ी, पत्थर, चीनी, नमक।
तरल = पानी, दूध, तेल, एल्कोहल।
गैस = वायु, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड।

प्रश्न 42.
CNG का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
Compressed Natural Gas (दबाव सहित प्राकृतिक गैस)।

प्रश्न 43.
ठोस प्रायः निश्चित आकार के क्यों होते हैं ?
उत्तर-
ठोस वस्तुओं को बनाने वाले कण एक-दूसरे के बहुत निकट होते हैं और उनके बीच आकर्षण बल बहुत अधिक होता है इसलिए ठोस प्रायः निश्चित आकार के होते हैं।

प्रश्न 44.
किसी टायर में हवा अधिक क्यों भरी जा सकती है ?
उत्तर-
गैसों के द्वारा अधिक दबाव सहने के गुण के कारण किसी टायर में अधिक हवा भरी जा सकती है। गैसों के कण गति करने में स्वतंत्र होते हैं और वे टायर में शीघ्र फैल सकते हैं।

प्रश्न 45.
गैसों की आकृति और आयतन निश्चित क्यों नहीं होता ?
उत्तर-
गैसों के अणु एक-दूसरे से काफ़ी दूरी पर होते हैं। इन्हें गति करने और अपने स्थान से चारों ओर घूमने में पर्याप्त स्वतंत्रता होती है इसलिए इनकी आकृति और आयतन निश्चित नहीं होता।

प्रश्न 46.
जल पदार्थ की कितनी अवस्थाओं में रहता है ?
उत्तर-
तीन अवस्थाओं में।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 47.
जल की तीनों अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
ठोस = बर्फ, द्रव = जल, गैस = जलवाष्प।

प्रश्न 48.
तापमान में वृद्धि के कारण जब ठोस पिघल कर द्रव बन जाता है तो उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
गलनांक।

प्रश्न 49.
तापमान की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
केल्विन।

प्रश्न 50.
0°C कितने केल्विन के बराबर होता है ?
उत्तर-
0°C सेल्सियस = 273.16K .

प्रश्न 51.
केल्विन से सेल्सियस में बदलने के लिए तापमान में कितना घटाना चाहिए ?
उत्तर-
273 घटाना चाहिए।

प्रश्न 52.
सेल्सियस से केल्विन में बदलने के लिए तापमान में कितना जोड़ना चाहिए ?
उत्तर-
273 जोड़ना चाहिए।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 53.
संगलन क्या है ?
उत्तर-
गलने की प्रक्रिया यानि ठोस से द्रव अवस्था में परिवर्तन को संगलन कहते हैं।

प्रश्न 54.
जल का क्वथनांक क्या है ?
उत्तर-
जल का क्वथनांक 373 K (100°C) है।

प्रश्न 55.
ऊर्ध्वपातन क्या है ?
उत्तर-
द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस और वापस ठोस में बदलने की प्रक्रिया को ऊर्ध्वपातन कहते हैं।

प्रश्न 56.
शुष्क बर्फ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ कहते हैं।

प्रश्न 57.
दाब के मापन की इकाई क्या है ?
उत्तर-
ऐटमॉस्फीयर (atm)।

प्रश्न 58.
दाब की SI इकाई क्या है ?
उत्तर-
पास्कल (Pa)।

प्रश्न 59.
सामान्य दाब किसे कहते हैं ?
उत्तर-
समुद्र की सतह पर वायुमंडलीय दाब एक ऐटमॉसफीयर होता है और इसे सामान्य दाब कहते हैं।

प्रश्न 60.
कोई द्रव बिना क्वथनांक पर पहुँचे वाष्प अवस्था में किस प्रकार पहुँचता है ?
उत्तर-
वाष्पन क्रिया से।

प्रश्न 61.
वाष्पन क्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
धूप में गीले कपड़ों का सूखना।

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प्रश्न 62.
क्वथनांक से कम तापमान पर द्रव के वाष्पन में परिवर्तन की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
वाष्पीकरण।

प्रश्न 63.
वाष्पीकरण की दर किन-किन कारणों से बढ़ती है ?
उत्तर-
सतह क्षेत्र बढ़ने से, तापमान में वृद्धि, आर्द्रता में कमी, हवा की गति में वृद्धि।

प्रश्न 64.
तापमान बढ़ने से वाष्पीकरण की क्रिया तेज़ क्यों हो जाती है ?
उत्तर-
कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा मिलने के कारण।

प्रश्न 65.
हवा की गति बढ़ने से कपड़े जल्दी क्यों सूखते हैं ?
उत्तर-
जल वाष्पों के कण हवा के साथ उड़ जाते हैं जिस कारण आस-पास के जल वाष्प की मात्रा घट जाती है।

प्रश्न 66.
आर्द्रता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वायु में विद्यमान जल वाष्प की मात्रा को आर्द्रता कहते हैं।

प्रश्न 67.
आर्द्रता का वाष्पन से क्या संबंध है ?
उत्तर-
वायु में जल कणों की मात्रा बढ़ने से वाष्पीकरण की दर घट जाती है।

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प्रश्न 68.
कपड़ों को सुखाने के लिए उन्हें फैलाया क्यों जाता है ?
उत्तर-
उनके सतही क्षेत्र को बढ़ाने के लिए ताकि वाष्पीकरण की दर बढ़ाई जा सके।

प्रश्न 69.
वाष्पीकरण का शीतलता से क्या संबंध है ?
उत्तर-
वाष्पीकरण से शीतलता बढ़ती है।

प्रश्न 70.
गर्मियों में सूती कपड़ों का प्रयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
सूती कपड़ों में जल का अवशोषण अधिक होता है जिसका वायुमंडल में सरलता से वाष्पीकरण हो जाता है जिस कारण तापमान कम हो जाता है।

प्रश्न 71.
प्लाज्मा अवस्था में कण किस रूप में होते हैं ?
उत्तर-
इस अवस्था में कणं अत्यधिक ऊर्जा वाले और अधिक उत्तेजित होते हैं। ये कण आयनीकृत गैस के रूप में होते हैं।

प्रश्न 72.
लोरसेंट ट्यूब और नियॉन बल्ब में क्या होता है ?
उत्तर-
प्लाज्मा होता है।

प्रश्न 73.
सूर्य और तारों में चमक किस कारण होती है ?
उत्तर-
प्लाज्मा के कारण।

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प्रश्न 74.
तारों में प्लाज्मा किस कारण बनता है ?
उत्तर-
उच्च तापमान के कारण।

प्रश्न 75.
BEC किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
सामान्य वायु के घनत्व के एक लाखवें भाग जितने कम घनत्व वाली गैस को बहुत ही कम तापमान पर ठंडा करने से BEC तैयार होता है।

प्रश्न 76.
‘बोस-आइंस्टीन कंडनसेशन’ की अवस्था प्राप्त करने के लिए भौतिकी में किसे नोबेल पुरस्कार दिया गया था ?
उत्तर-
सन् 2001 में अमेरिका के एरिक ए० कॉर्नेल, उलगैंग केटरले तथा कार्ल ई० वेमैन को।

प्रश्न 77.
किसे लॉग ऑन करके पदार्थ की चौथी और पाँचवीं अवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है ?
उत्तर-
WWW.Chem4kids.com

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਭੌਤਿਕ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਭੌਤਿਕ ਗੁਣ-
(i) ਧਾਤਵੀ ਲਿਸ਼ਕ (ਚਮਕ) – ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਤਹ ਚਮਕਦਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ | ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਧਾੜਵੀ ਚਮਕ (metallic lusture) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸੋਨੇ ਵਿੱਚ ਪੀਲੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ, ਕਾਪਰ ਦੀ ਲਾਲ-ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀ ਚਿੱਟੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(ii) ਕਠੋਰਤਾ ਕਰੜਾਈ) – ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਧਾਤਾਂ ਕਠੋਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਿਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਠੋਰਤਾ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰ (ਤਾਂਬਾ, ਆਇਰਨ (ਲੋਹਾ), ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਬਹੁਤ ਕਠੋਰ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ਜਦਕਿ ਸੋਡੀਅਮ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਆਦਿ ਨਰਮ ਹਨ ।

(iii) ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ – ਜਿਹੜੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਹਥੌੜੇ ਨਾਲ ਕੁੱਟ-ਕੁੱਟ ਕੇ ਪਤਲੀ ਚਾਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਚਾਂਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ।

(iv) ਖਿੱਚੀਣਯੋਗਤਾ – ਉਹ ਧਾਤਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਖਿੱਚ ਕੇ ਪਤਲੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਨੂੰ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਖਿੱਚੀਯੋਗਤਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਚਾਂਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ।

(v) ਤਾਪੀ ਚਾਲਕਤਾ – ਧਾਤਾਂ ਸਾਧਾਰਨ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
ਹੋਰ ਕੁੱਝ ਧਾਤਾਂ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਕੁਚਾਲਕ ਹਨ-
ਉਦਾਹਰਨ-ਕਾਪਰ, ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਦਿ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹਨ ।

(vi) ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕਤਾ-ਧਾਤਾਂ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਵਧੀਆ ਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸਿਲਵਰ, ਕਾਪਰ ਆਦਿ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹਨ ।

ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ – ਧਾਤਾਂ ਆਪਣੇ ਇਲੈੱਕਟਾਂ ਗੁਆ ਕੇ ਧਨਾਤਮਕ ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਬਿਜਲਈ ਧਨਾਤਮਕ ਤੱਤ ਹਨ ।

(1) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਧਾੜਵੀ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਖਾਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਭਿੰਨਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਉਹ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

(i) ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ Na, K ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਕਿ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹਨ ।
4Na(s) + O(g) → 2Na2O (s)
Na2 O(s) + H2O → 2NaOH (aq)

(ii) ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ (Mg) ਦੇ ਰਿਬਨ ਨੂੰ ਬਾਲ ਕੇ ਜਦੋਂ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਬਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 1

(iii) ਤਾਂਬਾ (Cu) ਅਤੇ ਲੋਹਾ (Fe) ਖ਼ੁਸ਼ਕ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਉੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 2

(2) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਹਲਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਧਾਤਾਂ ਹਲਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਿਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਦਰ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(i) Na, K, Zn, Mg, Fe ਆਦਿ ਘਟਦੇ ਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ-
2Na + 2HCl → 2NaCl +H2
Mg + 2HCl → MgCl2 + H2
Zn + H2SO4 → Zn SO4 + H2

(ii) ਪਤਲੇ ਨਾਈਟ੍ਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ Cu, Ag, Pb, Hg ਧਾਤਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ NO (ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਆਕਸਾਈਡ) ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
3Cu + 8HNO3 → 3Cu(NO3)2 + 2NO +4H2O
3Ag + 4HNO3 → 3AgNO3 + NO + 2H2O

(iii) Mg ਅਤੇ Mn ਨਾਲ ਪਤਲਾ ਨਾਈਟ੍ਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ, ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
Mg + 2HNO3 → Mg(NO3)2 + H2

(iv) ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਪਲਾਟੀਨਮ ਪਤਲੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।

(3) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਧਾਤਾਂ, ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਬਿਜਲੀ ਸੰਯੋਜਕ ਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
Ca + Cl2 → CaCl2

(4) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ Na, K ਅਤੇ Ca ਆਦਿ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 3

(5) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-
(i) ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਹੋਵੇ ਤਾਂ Na, K, Ca ਆਦਿ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 4

(ii) ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਉਬਲਦਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ Mg, Zn, Fe ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 5

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਭੌਤਿਕ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਭੌਤਿਕ ਗੁਣ-
(i) ਭੌਤਿਕ ਅਵਸਥਾ – ਅਧਾਤਾਂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਗੈਸ ਜਾਂ ਠੋਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰੰਤੂ ਬਰੋਮੀਨ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਉੱਤੇ ਦਵ ਹੈ ।
(ii) ਚਾਲਕਤਾ – ਅਧਾਤਾਂ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਕੁਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰੰਤੂ ਗਰੇਫ਼ਾਈਟ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਸੂਚਾਲਕ ਹੈ ।
(iii) ਅਧਾਤਾਂ ਨਾ ਹੀ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਹਨ ।
(iv) ਧਾਤਵੀ ਚਮਕ – ਅਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਚਮਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ, ਪਰੰਤੂ ਆਇਓਡੀਨ ਵਿੱਚ ਚਮਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਕਾਰਨ ਉਸਦੀ ਆਇਨਨ ਉਰਜਾ (lonisation Energy) ਦਾ ਘੱਟ ਹੋਣਾ ਹੈ ।
(v) ਨਰਮਈ – ਅਧਾਤਾਂ ਨਰਮ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਿਵਾਏ ਹੀਰੇ ਦੇ, ਜੋ ਬਹੁਤ ਸਖ਼ਤ ਹੈ ।

ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ-
ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਮੁੱਖ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਇਹ ਹਨ-
(i) ਕਾਰਬਨ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਕਾਰਬਨ, ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । CO2 ਦਾ ਸੁਭਾਅ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਹੈ । ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕਾਰਬੋਨਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 6

(ii) ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਅਤੇ ਸਲਫ਼ਰ ਦੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਅਨੁਕੂਲ ਹਾਲਤਾਂ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਅਤੇ ਸਲਫ਼ਰ, ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਅਮੋਨੀਆ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫ਼ਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
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(iii) ਸਲਫਰ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਸਲਫਰ, ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਸਲਫਰ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਹਾਈਡਰੋਜਨ, ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਪਾਣੀ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 8

(iv) ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ ਦੀ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਕੇ ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ ਡ੍ਰਾਈਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 9

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਾਤ ਕੂਮ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਪ੍ਰਕਰਮ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੁਕਤ ਚਰਨਾਂ ਦਾ ਵਿਸਥਾਰ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਤੋਂ ਧਾਤ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਵਿੱਚ ਵਰਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਚਰਨਾਂ ਦੇ ਬਾਰੇ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤ ਕੂਮ (Metallurgy) – ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਤੋਂ ਧਾਤ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਅਤੇ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਉਸਦੀ ਸੁਧਾਈ ਕਰਕੇ ਵਰਤੋਂ ਵਿਚ ਲਿਆਉਣ ਯੋਗ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਪ੍ਰਕਰਮ ਨੂੰ ਧਾਤ ਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਧਾਤ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਚਰਨ – ਧਾਤਭੂਮ ਵਿੱਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਚਰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-
(i) ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਦਾ ਸੰਘਣਾਪਨ
(ii) ਲਘੂਕਰਨ
(iii) ਸੁਧਾਈ ।

(i) ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਦਾ ਸੰਘਣਾਪਨ (Enrichment of Ores) – ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਕੱਢੀ ਗਈ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਆਮ ਕਰਕੇ ਬਹੁਤ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਮਿੱਟੀ, ਰੇਤ ਆਦਿ ਮਿਲੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਗੈਂਗ (Gangue) ਆਖਦੇ ਹਨ | ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਵਿੱਚੋਂ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਨੂੰ ਹਟਾਉਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਤੋਂ ਗੈਂਗ ਨੂੰ ਵੱਖ ਕਰਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਦਾ ਸੰਘਣਾਪਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਜੇ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਅਤੇ ਗੈਂਗ ਦੇ ਭੌਤਿਕ ਜਾਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣਾਂ ਉੱਪਰ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਮੰਤਵ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਵਰਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

(1) ਚੁੰਬਕੀ ਵਖਰੇਵਾਂ ਵਿਧੀ (Magnetic Separation Process) – ਇਹ ਵਿਧੀ ਚੁੰਬਕੀ ਕਣਾਂ (ਲੋਹਾ, ਕੋਬਾਲਟ, ਨਿਕਲ ਨੂੰ ਵੱਖ ਕਰਨ ਲਈ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜਿਹੜੇ ਖਣਿਜ ਚੁੰਬਕੀ ਗੁਣ ਰੱਖਦੇ ਹਨ, ਉਹ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵੱਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਦਕਿ ਗੈਂਗ ਆਦਿ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਝੋਮਾਈਟ ਅਤੇ ਪਾਇਰੋਲਿਉਸਾਈਟ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਇਸੇ ਵਿਧੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਸੰਘਣੀਆਂ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਵਿੱਚ ਪੀਸੀ ਹੋਈ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਇੱਕ ਕਨਵੇਅਰ ਬੈਲਟ ਉੱਪਰ ਰੱਖਦੇ ਹਾਂ | ਕਨਵੇਅਰ ਬੈਲਟ ਦੋ ਰੋਲਰਾਂ ਉੱਪਰੋਂ ਗੁਜ਼ਰਦੀ ਹੈ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਚੁੰਬਕੀ ਅਤੇ ਅਚੁੰਬਕੀ ਪਦਾਰਥ ਦੋ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਢੇਰਾਂ ਵਜੋਂ ਇਕੱਠੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਲੋਹੇ ਦੀ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਮੈਗਨੇਟਾਈਟ ਦਾ ਸੰਘਣਾਕਰਨ ਇਸੇ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 10

(2) ਵਚਾਲਿਤ ਧੋਣਾ (Hydraulic Washing) – ਇਸ ਵਿਧੀ ਵਿੱਚ ਬਾਰੀਕ ਜਾਂ ਪੀਸੀ ਹੋਈ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਦੀ ਤੇਜ਼ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਧੋਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੇਜ਼ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਹਲਕੇ ਗੈਂਗ ਕਣ ਵਹਿ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਦਕਿ ਭਾਰੀ ਖਣਿਜੀ ਕਣ ਤਲੀ ਤੇ ਹੇਠਾਂ ਬੈਠ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਟਿੱਨ ਅਤੇ ਲੈਂਡ ਦੀਆਂ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਇਸੇ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਸੰਘਣਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(3) ਝੱਗ ਤਰਾਉ ਵਿਧੀ (Froth Floatation Process) – ਇਸ ਵਿਧੀ ਵਿੱਚ ਮਹੀਨ ਪੀਸੀ ਹੋਈ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਤੇਲ ਨਾਲ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਟੈਂਕ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਖਣਿਜ ਕਣ ਪਹਿਲੇ ਹੀ ਤੇਲ ਨਾਲ ਭਿੱਜ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਜਦਕਿ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 11
ਗੈਂਗ ਦੇ ਕਣ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਿੱਜ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਮਿਸ਼ਰਨ ਵਿਚੋਂ ਹਵਾ ਗੁਜ਼ਾਰੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਖਣਿਜੀ ਕਣ ਯੁਕਤ ਤੇਲ ਦੀ ਝੱਗ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਹੜੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਾ ਤੇ ਤੈਰਨ ਲਗਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਬੜੀ ਸਹਿਜੇ ਪਾਣੀ ਉੱਪਰੋਂ ਕੱਢਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਤਾਂਬੇ, ਲੈਂਡ, ਜ਼ਿੰਕ ਦੇ ਸਲਫਾਈਡਾਂ ਨੂੰ ਸੰਘਣਾ ਕਰਨ ਲਈ ਇਸੇ ਵਿਧੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

(ii) ਰਸਾਇਣਿਕ ਵਿਧੀਆਂ (Chemical Methods) – ਰਸਾਇਣਿਕ ਵਿਧੀਆਂ ਵਿੱਚ ਖਣਿਜ ਅਤੇ ਗੈਂਗ ਵਿਚਲੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਭਿੰਨਤਾ ਨੂੰ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਇੱਕ ਮੁੱਖ ਵਿਧੀ ਹੈ-ਬੇਅਰ ਦੀ ਵਿਧੀ ਜਿਸ ਦੁਆਰਾ ਬਾਕਸਾਈਟ ਤੋਂ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(1) ਬੇਅਰ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਸੰਘਣਾ ਕਰਨਾ – ਇਸ ਵਿਧੀ ਵਿੱਚ ਬਾਕਸਾਈਟ ਦਾ ਗਰਮ ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਲਘੂਕਰਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਹੜਾ ਕਿ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੈ । ਗੈਂਗ ਨੂੰ ਛਾਣ ਕੇ ਵੱਖ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦਾ ਅਵਖੇਪ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਫਿਲਟ ਦੀ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਐਸਿਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਸ਼ੁੱਧ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹਨ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 12

(2) ਸੰਘਣਤ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਦਾ ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣਾ-
ਭੰਨਣ- ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਲਘੂਸ਼ਿਤ ਹੋ ਕੇ ਧਾਤ ਨੂੰ ਵੱਖ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਜ਼ਿੰਕ ਬੈਲੰਡੀ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫਾਈਡ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਸੰਘਣਤ ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫਾਈਡ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਆਕਸੀਕ੍ਰਿਤ ਹੋ ਕੇ ਜ਼ਿੰਕ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
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ਭਸਮੀਕਰਨ – ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਸਿਲ ਅਤੇ ਵਾਸ਼ਪਸ਼ੀਲ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਵੱਖ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਵਿਘਟਿਤ ਹੋ ਕੇ ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
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(3) ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਤੋਂ ਧਾਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨਾ – ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਤੋਂ ਧਾਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਉਸਨੂੰ ਕਿਸੇ ਲਘੂਕਾਰਕ ਦੇ ਨਾਲ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਿੰਕ, ਟਿੱਨ ਅਤੇ ਨਿੱਕਲ ਜਿਹੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਕਰਕੇ ਧਾਤਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕਾਰਬਨ ਲਘੂਕਾਰਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ZnO (s) +C (s) → Zn (s) + CO (g)
ਮੱਧਮ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਵਾਲੀ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਕਰਨ ਲਈ ਸੋਡੀਅਮ, ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਜਿਹੀਆਂ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਵੀ ਲਘੂਕਾਰਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ।
3MnO2 (s) +4Al(s) → 3Mn (s) + 2A l2O3(s) + ਤਾਪ

(iii) ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ (Refining of Metals) – ਧਾਤਵੀ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦੇ ਲਘੂਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਈਆਂ ਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕਈ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤਾਂ ਲੈਣ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਨੂੰ ਕੱਢਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਲਈ ਵਰਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਵਿਧੀ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਅਤੇ ਧਾਤਾਂ ਦੋਹਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

(1) ਕਸ਼ੀਦਣ ਵਿਧੀ (Distillation Method) – ਨੀਵੇਂ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਵਾਲੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਇਸ ਵਿਧੀ ਰਾਹੀਂ ਸ਼ੁੱਧ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਿੰਕ, ਕੈਡਮੀਅਮ ਅਤੇ ਮਰਕਰੀ ਆਦਿ ਧਾਤਾਂ ਬਹੁਤ ਛੇਤੀ ਵਾਸ਼ਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਸ਼ੀਦਣ ਵਿਧੀ ਰਾਹੀਂ ਸ਼ੁੱਧ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(2) ਗਲਣ ਵਿਧੀ, ਪਿਘਲਾਓ ਵਿਧੀ (Liquation) – ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਢਲਾਨ ਯੁਕਤ ਭੱਠੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਭੱਠੀ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ ਧਾਤ ਦੇ ਪਿਘਲਾਓ ਅੰਕ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਵੱਧ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਨੂੰ ਭੱਠੀ ਦੇ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰਲੇ ਸਿਰੇ ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਗਰਮ ਹੋਣ ਤੇ ਧਾਤਾਂ ਪਿਘਲ ਕੇ ਹੇਠਾਂ ਆ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਦਕਿ ਠੋਸ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਉੱਥੇ ਹੀ ਰਹਿ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਟਿੱਨ, ਲੈਂਡ ਅਤੇ ਬਿਸਮਥ ਦਾ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(3) ਬਿਜਲਈ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ (Electrolytic Refining) – ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਹੀ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂਬਾ, ਟਿਨ, ਲੈਂਡ, ਸੋਨਾ, ਜ਼ਿੰਕ, ਕੋਮੀਅਮ ਅਤੇ ਨਿਕਲ ਜਿਹੀਆਂ ਅਨੇਕਾਂ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਬਿਜਲਈ ਅਪਘਟਨ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦੀ ਪੱਟੀ ਨੂੰ ਕੈਥੋਡ ਅਤੇ ਅਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦੀ ਪੱਟੀ ਨੂੰ ਐਨੋਡ ਵਜੋਂ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਿਜਲਈ ਅਪਘਟਨ ਲਈ ਧਾਤ ਦਾ ਕੋਈ ਯੋਗਿਕ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਬਿਜਲਈ ਅਪਘਟਨ ਦੌਰਾਨ
ਐਨੋਡ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਧਾਤ ਕੈਥੋਡ ਤੇ ਜਮਾਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਐਨੋਡ ਤੇ ਸਥਿਤ ਹੋਰ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਘੋਲ (ਸ਼ੁੱਧ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਪੱਟੀ) ਧਾਤਾਂ ਅਪਘਟਨ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਚਲੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਘੱਟ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਚਾਂਦੀ ਬਿਜਲਈ ਚਿੱਤਰ-ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਅਪਘਟਨ ਸੈੱਲ ਦੀ ਤਲੀ ਤੇ ਜਾ ਡਿੱਗਦੀਆਂ ਹਨ ।
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ਜੇਕਰ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਸੁਧਾਈ ਕਰਨੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਬਿਜਲਈ ਅਪਘਟਨ ਵਜੋਂ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦਾ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸੈੱਲ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ-
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਧਾਤਾਂ (Metals) ਅਧਾਤਾਂ (Non-Metals)
ਭੌਤਿਕ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ-

(1) ਧਾਤਾਂ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ‘ਤੇ ਠੋਸ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਸਿਰਫ਼ ਪਾਰਾ ਹੀ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ‘ਤੇ ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

(1) ਅਧਾਤਾਂ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਤਿੰਨੇ ਅਵਸਥਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਠੋਸ ਰੂਪ ਵਿੱਚ, H2, O2, N2 ਗੈਸ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਬੋਮੀਨ ਤਰਲ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।
(2) ਧਾਤਾਂ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਅਤੇ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । (2) ਇਹ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਭੁਰਭੁਰੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(3) ਧਾਤਾਂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਚਮਕਦਾਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਰਥਾਤ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਧਾਤਵੀ ਚਮਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (3) ਅਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤਵੀ ਚਮਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਪਰ ਹੀਰਾ, ਗ੍ਰੇਫਾਈਟ ਅਤੇ ਆਇਓਡੀਨ ਇਸ ਦੇ ਅਪਵਾਦ ਹਨ ।
(4) ਧਾਤਾਂ ਤਾਪ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਸੂਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰ ਬਿਸਮਥ ਇਸ ਦਾ ਅਪਵਾਦ ਹੈ । (4) ਗੇਫਾਈਟ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਬਾਕੀ ਸਾਰੀਆਂ ਅਧਾਤਾਂ ਕੁਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(5) ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਪਿਘਲਾਓ ਅਤੇ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਕਾਫ਼ੀ ਵੱਧ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (5) ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਪਿਘਲਾਓ ਅਤੇ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਕਾਫ਼ੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(6) ਧਾਤਾਂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕਠੋਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰ ਸੋਡੀਅਮ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਚਾਕੂ ਨਾਲ ਕੱਟੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । (6) ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕਠੋਰਤਾ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਹੀਰਾ ਸਭ ਤੋਂ ਕਠੋਰ ਪਦਾਰਥ ਹੈ ।
(7) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਾਪੇਖ ਘਣਤਾ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਰ Na ਅਤੇ K ਇਸਦੇ ਅਪਵਾਦ ਹਨ । (7) ਅਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਾਪੇਖ ਘਣਤਾ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(8) ਧਾਤਾਂ ਅਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । (8) ਗੈਸੀ ਅਧਾਤਾਂ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ-

(1) ਧਾਤਾਂ ਖਾਰੇ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਖਾਰ ਬਣਦੇ ਹਨ ।

(1) ਅਧਾਤਾਂ, ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਅਤੇ ਉਦਾਸੀਨ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
(2) ਧਾਤਾਂ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉਸ ਅਨੁਸਾਰ ਲੂਣ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । (2) ਅਧਾਤਾਂ, ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਵਿਚੋਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਨੂੰ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ।
(3) ਧਾਤਾਂ ਧਨਾਤਮਕ ਚਾਰਜ ਯੁਕਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । (3) ਅਧਾਤਾਂ ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਾਰਜ ਯੁਕਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(4) ਧਾਤਾਂ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਬਿਜਲੀ ਸੰਯੋਜਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (4) ਅਧਾਤਾਂ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਸਹਿ-ਸੰਯੋਜਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(5) ਕੁੱਝ ਧਾਤਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਬਿਜਲੀ ਸੰਯੋਜਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (5) ਅਧਾਤਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਥਾਈ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਸਹਿ-ਸੰਯੋਜਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(6) ਧਾਤਾਂ ਲਘੂਕਾਰਕ ਹਨ । (6) ਅਧਾਤਾਂ ਆਕਸੀਕਾਰਕ ਹਨ ।
(7) ਧਾਤਾਂ ਜਲੀ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਧਨ-ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । (7) ਅਧਾਤਾਂ ਜਲੀ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਰਿਣ-ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਖੋਰਨ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਖੋਰਨ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਕਰੋਗੇ ? (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਉੱਤਰ-
ਖੋਰਨ (Corrosion) – ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਧਾਤ ਕੁਦਰਤੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸ਼ੁੱਧ ਅਤੇ ਸੁੰਦਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕੁਦਰਤ ਇਸ ਨੂੰ ਮੁੜ ਉਸੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਇਸ ਨੂੰ ਕੁਦਰਤ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਤਹਿ ਉੱਤੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਆਦਿ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਕਾਰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ, ਸਲਫਾਈਡ, ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਸਲਫ਼ੇਟ ਆਦਿ ਬਣਦੇ ਹਨ ਤੇ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧਾਤ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਖੁਰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ | ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਘੁਲਣ ਨੂੰ ਖੋਰਨ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਆਇਰਨ ਅਤੇ ਸਟੀਲ ਦੇ ਖੋਰਨ ਨੂੰ ਜੰਗ ਜਾਂ ਜੰਗਾਲ ਲੱਗਣਾ ਵੀ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਜੰਗ ਲੱਗਣਾ ਗੰਭੀਰ ਆਰਥਿਕ ਸਮੱਸਿਆ ਹੈ । ਜੰਗ ਲਾਲ ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦਾ ਪਾਊਡਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਜਲੀ ਆਇਰਨ ਆਕਸਾਈਡ (Fe2O3.4H2O) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਲਈ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੱਥ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਕਿਰਿਆ ਰਾਹੀਂ ਸਮਝਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
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ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਖੋਰਨ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਦੇ ਉਪਾਅ-

  1. ਧਾਤ ਨੂੰ ਸਿੱਲ੍ਹ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਕੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਧਾਤ ਦੀ ਉੱਪਰਲੀ ਸਤਹਿ ‘ਤੇ ਪੇਂਟ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਇਸ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦਾ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਸਿੱਲ੍ਹ ਨਾਲੋਂ ਸੰਪਰਕ ਟੁੱਟ ਜਾਵੇ ।
  3. ਧਾਤ ਦੀ ਸਤਹਿ ‘ਤੇ ਸ੍ਰੀਸ ਜਾਂ ਤੇਲ ਲਗਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਧਾਤ ਉੱਪਰ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਖੋਰਨ ਰੋਧੀ ਧਾਤ ਦੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹਾ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਧਾਤ ਨੂੰ ਪਿਘਲੇ ਹੋਏ ਜ਼ਿੰਕ ਵਿੱਚ ਡੁਬੋ ਕੇ ਬਾਹਰ ਕੱਢ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਇਸ ਉੱਪਰ ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਪਰਤ ਜੰਮ ਜਾਵੇ ਅਰਥਾਤ ਗੈਲਵਨੀਕਰਨ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਵੇਰਵਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਇਸ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਢੰਗ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ (Rusting of Iron) ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਦੇ ਕੋਈ ਪੰਜ ਢੰਗ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਜੰਗ ਲੱਗਣਾ ਕੀ ਹੈ ? ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਦੇ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣਾ (Rusting of Iron) – ਇਹ ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ਜੋ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗ ਨਾਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ
(ੳ) ਆਇਰਨ ਇਲੈਂਕਨ ਛੱਡ ਕੇ ਫੈਰਸ (Fe+2) ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
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(ਅ) ਇਹ ਫੈਰਸ ਆਇਨ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਫੈਰਿਕ ਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਭੂਰੀ ਪਰਤ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਅੱਠ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਆਇਨ ਵੀ ਬਣਦੇ ਹਨ ।
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(ੲ) ਫੈਰਿਕ ਆਕਸਾਈਡ Fe3O3 ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਜੰਗ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
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(ਸ) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਆਇਨ ਇਲੈਂਕਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ।
8H+ + 8e → 4H2

ਜੰਗ ਇਕ ਚਿਪਚਿਪਾਹਟ ਰਹਿਤ ਯੌਗਿਕ ਹੈ । ਇਹ ਪਰਤ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪਰਤ ਬਣ ਕੇ ਉੱਡਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਲੋਹੇ ਦੀ ਨਵੀਂ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਲਈ ਖੁੱਲਾ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ – ਕੁੱਝ ਬਚਾਓ ਕਾਰਜਾਂ ਨੂੰ ਅਪਣਾ ਕੇ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ-
(ੳ) ਪੇਂਟ ਲਗਾ ਕੇ ਬਚਾਅ ਕਰਨਾ – ਲੋਹੇ ਦੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਨੂੰ ਪੇਂਟ ਕਰਕੇ ਜਾਂ ਗ੍ਰਸ ਲਗਾਉਣ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਲੋਹੇ ਨਾਲੋਂ ਸੰਪਰਕ ਟੁੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ਅ) ਧਾਤਵੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹਾਉਣਾ – ਉਹ ਧਾਤ ਜਿਹੜੀ ਲੋਹੇ ਨਾਲੋਂ ਵਧੇਰੇ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਇਲੈੱਕਨ ਛੱਡ ਸਕੇ, ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗਾਲ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜ਼ਿੰਕ ਧਾਤ ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਵਧੇਰੇ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਇਲੈੱਕਵਾਂਨ ਛੱਡਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਇਸ ਉੱਤੇ ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਪਰਤ ਚੜਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਜਿਸਤ ਚੜ੍ਹਾਉਣਾ ਜਾਂ ਗੈਲਵੇਨੀਕਰਨ (Galvanization) ਆਖਦੇ ਹਨ ।

(ੲ) ਬਿਜਲਈ ਬਚਾਅ – ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਫੈਰਸ ਆਇਨਾਂ Fe+2 ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਨਾਲ ਉਦਾਸੀਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਲੋਹੇ ਦੀ ਜਿਸ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਜੰਗ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣਾ ਹੋਵੇ, ਉਸਨੂੰ ਕੈਥੋਡ ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ਸ) ਜੰਗ-ਰੋਧੀ ਘੋਲ ਵਰਤ ਕੇ – ਇਹ ਘੋਲ ਫ਼ਾਸਫੇਟ ਅਤੇ ਕਰੋਮੇਟ ਦੇ ਐਲਕਲੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਐਲਕਲੀਪਨ ਕਾਰਨ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਆਇਨ (H+) ਬਣਦੇ ਹਨ ਤੇ ਇਹ ਆਇਨ ਵਸਤੂ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਨਹੀਂ ਹੋਣ ਦਿੰਦੇ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਰ ਵਸਤੁ ਜੰਗ ਤੋਂ ਬਚੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਘੋਲ ਕਾਰ ਰੇਡੀਏਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਇੰਜਣ ਦੇ ਪੁਰਜ਼ਿਆਂ ਨੂੰ ਜੰਗ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

(ਹ) ਨਿਕਲ ਅਤੇ ਕ੍ਰੋਮੀਅਮ ਨਾਲ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਬਣਾ ਕੇ – ਜਦੋਂ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਨਿਕਲ ਅਤੇ ਸ਼੍ਰੋਮੀਅਮ ਨਾਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਬਣਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ (Fe = 74%, Cr = 18%, Ni = 8%) ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ ਜੰਗਰੋਧੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਸਾਧਾਰਨ ਗੁਣਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਗੁਣ – ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਸਾਧਾਰਨ ਗੁਣ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ :
(1) ਭੌਤਿਕ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ – ਧਨਾਤਮਕ ਅਤੇ ਰਿਣਾਤਮਕ ਆਇਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪ੍ਰਬਲ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੇ ਕਾਰਨ ਆਇਨੀ ਯੋਗਿਕ ਠੋਸ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਯੌਗਿਕ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਭੁਰਭੁਰੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਦਬਾਓ ਪਾਉਣ ਨਾਲ ਟੁੱਟ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

(2) ਪਿਘਲਣ ਅੰਕ ਅਤੇ ਉਬਾਲ ਅੰਕ – ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦਾ ਪਿਘਲਣ ਅੰਕ ਅਤੇ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸਦੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਅੰਤਰ ਆਇਨੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਨੂੰ ਤੋੜਨ ਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(3) ਘੁਲਣਸ਼ੀਲਤਾ – ਸੰਯੋਜਕ ਯੋਗਿਕ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹਨ, ਪਰੰਤੂ ਕੈਰੋਸੀਨ, ਪੈਟਰੋਲ ਆਦਿ ਜਿਹੇ ਘੋਲਕਾਂ ਵਿੱਚ ਅਣ-ਘੁਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

(4) ਬਿਜਲਈ ਚਾਲਕਤਾ – ਕਿਸੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਪ੍ਰਵਾਹ ਲਈ ਚਾਰਜਿਤ ਕਣਾਂ ਦੀ ਗਤੀਸ਼ੀਲਤਾ ਦਾ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਜਲੀ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਆਇਨ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਘੋਲ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਗੁਜ਼ਾਰੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਆਇਨ ਉਲਟੇ ਇਲੈੱਕਟੋਡ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਨ ਲਗਦੇ ਹਨ | ਠੋਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆਇਨੀ ਯੋਗਿਕ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਚਾਲਨ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਠੋਸ ਅਵਸਥਾ ਦੀ ਦ੍ਰਿੜ ਸੰਰਚਨਾ ਕਾਰਨ ਆਇਨਾਂ ਦੀ ਗਤੀ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰੰਤੂ ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕ ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਚਾਲਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਵਿਤ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਵਿਪਰੀਤ ਆਇਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਬਿਜਲਈ ਸਥਿਤਿਕ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਉਸ਼ਮਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਆਇਨ ਸੁਤੰਤਰ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਗਮਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਚਾਲਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੀ ਉਦੇਸ਼ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤ (Alloy) – ਕਿਸੇ ਧਾਤ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਧਾਤ ਜਾਂ ਅਧਾਤ ਨਾਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਬਣਾਏ ਗਏ ਸਮ-ਅੰਗੀ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨੂੰ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ, ਟਾਂਕਾ, ਪਿੱਤਲ, ਕਾਂਸਾ, ਬੈਂ-ਮੈਟਲ ਆਦਿ ਸਾਰੀਆਂ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ।

ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ-

  1. ਕਠੋਰਤਾ ਵਧਾਉਣ ਲਈ – ਲੋਹੇ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਮਿਲਾ ਕੇ ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਹੜਾ ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਠੋਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸ਼ਕਤੀ ਵਧਾਉਣ ਲਈ – ਇਸਪਾਤ, ਡਿਊਰਐਲੁਮਿਨ ਆਦਿ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤਾਂ ਕਠੋਰ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਵੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  3. ਖੁਰਨ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ – ਜਿਵੇਂ ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ, ਲੋਹੇ ਅਤੇ ਜ਼ਿੰਕ ਤੋਂ ਬਣੀ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਨੂੰ ਜੰਗ ਨਹੀਂ ਲਗਦਾ
  4. ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨ ਲਈ – ਤਾਂਬੇ ਅਤੇ ਟਿੱਨ ਤੋਂ ਬਣਾਈ ਗਈ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਬਿੱਲ ਮੈਟਲ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  5. ਪਿਘਲਾਓ ਦਰਜਾ ਘੱਟ ਕਰਨ ਲਈ – ਜਿਵੇਂ ਰੋਜ਼ ਮੈਟਲ ਇਕ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਪਿਘਲਾਓ ਅੰਕ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  6. ਉੱਚਿਤ ਸਾਂਚੇ ਵਿੱਚ ਢਲਾਈ ਲਈ – ਕਾਂਸਾ ਅਤੇ ਟਾਈਪ ਮੈਟਲ ।
  7. ਰੰਗ ਬਦਲਣ ਲਈ – ਤਾਂਬੇ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਤੋਂ ਬਣੀ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਜ਼ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਦਾ ਰੰਗ ਸੁਨਹਿਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  8. ਘਰੇਲੂ ਲੋੜਾਂ ਲਈ – ਘਰਾਂ, ਕਾਰਖ਼ਾਨਿਆਂ, ਦਫ਼ਤਰਾਂ ਆਦਿ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਜਗਾ ‘ਤੇ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ-ਘਰ ਵਿਚ ਅਲਮਾਰੀ, ਪੱਖੇ, ਫਰਿਜ, ਗਹਿਣੇ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਲੜੀ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਲੜੀ (Reactivity Series of Metals) – ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਘਟਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਅਨੁਸਾਰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਗਈ ਤਰਤੀਬ ਨੂੰ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਆਖਦੇ ਹਨ ।
ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਲੜੀ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 21
ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ ਸੋਡੀਅਮ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ, ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਆਦਿ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ । ਇਹ ਧਾਤਾਂ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ | ਕੁਝ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ ਲੋਹਾ, ਜ਼ਿੰਕ ਆਦਿ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ, ਪਰੰਤੂ ਕੁਝ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ ਸੋਨਾ, ਪਲਾਟੀਨਮ ਆਦਿ ਅਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ । ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਾਂ ਦੇਣ ਦੇ ਗੁਣ ’ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਜਿਹੜੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਸਥਿਤ ਹਨ ਵੱਧ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ । ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਤੋਂ ਥੱਲੇ ਵਾਲੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਘੱਟ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਤਿੰਨ ਭੌਤਿਕ ਅਤੇ ਦੋ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਭੌਤਿਕ ਗੁਣ-
(i) ਧਾਤਵੀ ਲਿਸ਼ਕ (ਚਮਕ) – ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਸਤਹ ਚਮਕਦਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ | ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਧਾੜਵੀ ਚਮਕ (metallic lusture) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸੋਨੇ ਵਿੱਚ ਪੀਲੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ, ਕਾਪਰ ਦੀ ਲਾਲ-ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀ ਚਿੱਟੇ ਰੰਗ ਦੀ ਚਮਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(ii) ਕਠੋਰਤਾ ਕਰੜਾਈ) – ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਧਾਤਾਂ ਕਠੋਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਿਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਠੋਰਤਾ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰ (ਤਾਂਬਾ, ਆਇਰਨ (ਲੋਹਾ), ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਬਹੁਤ ਕਠੋਰ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ਜਦਕਿ ਸੋਡੀਅਮ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਆਦਿ ਨਰਮ ਹਨ ।

(iii) ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ – ਜਿਹੜੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਹਥੌੜੇ ਨਾਲ ਕੁੱਟ-ਕੁੱਟ ਕੇ ਪਤਲੀ ਚਾਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਚਾਂਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕੁਟੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ।

(iv) ਖਿੱਚੀਣਯੋਗਤਾ – ਉਹ ਧਾਤਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਖਿੱਚ ਕੇ ਪਤਲੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਨੂੰ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਇਸ ਗੁਣ ਨੂੰ ਖਿੱਚੀਯੋਗਤਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਚਾਂਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਧਾਤਾਂ ਹਨ ।

(v) ਤਾਪੀ ਚਾਲਕਤਾ – ਧਾਤਾਂ ਸਾਧਾਰਨ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
ਹੋਰ ਕੁੱਝ ਧਾਤਾਂ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਕੁਚਾਲਕ ਹਨ-
ਉਦਾਹਰਨ-ਕਾਪਰ, ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਦਿ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹਨ ।

(vi) ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕਤਾ-ਧਾਤਾਂ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਵਧੀਆ ਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸਿਲਵਰ, ਕਾਪਰ ਆਦਿ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਸੁਚਾਲਕ ਹਨ ।

ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ – ਧਾਤਾਂ ਆਪਣੇ ਇਲੈੱਕਟਾਂ ਗੁਆ ਕੇ ਧਨਾਤਮਕ ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਬਿਜਲਈ ਧਨਾਤਮਕ ਤੱਤ ਹਨ ।

(1) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਧਾੜਵੀ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਖਾਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਭਿੰਨਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਉਹ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

(i) ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ Na, K ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਹੜੇ ਕਿ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹਨ ।
4Na(s) + O(g) → 2Na2O (s)
Na2 O(s) + H2O → 2NaOH (aq)

(ii) ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ (Mg) ਦੇ ਰਿਬਨ ਨੂੰ ਬਾਲ ਕੇ ਜਦੋਂ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਬਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
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(iii) ਤਾਂਬਾ (Cu) ਅਤੇ ਲੋਹਾ (Fe) ਖ਼ੁਸ਼ਕ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਉੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
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(2) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਹਲਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਧਾਤਾਂ ਹਲਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਿਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੀ ਦਰ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(i) Na, K, Zn, Mg, Fe ਆਦਿ ਘਟਦੇ ਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹਨ-
2Na + 2HCl → 2NaCl +H2
Mg + 2HCl → MgCl2 + H2
Zn + H2SO4 → Zn SO4 + H2

(ii) ਪਤਲੇ ਨਾਈਟ੍ਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ Cu, Ag, Pb, Hg ਧਾਤਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ NO (ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਆਕਸਾਈਡ) ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
3Cu + 8HNO3 → 3Cu(NO3)2 + 2NO +4H2O
3Ag + 4HNO3 → 3AgNO3 + NO + 2H2O

(iii) Mg ਅਤੇ Mn ਨਾਲ ਪਤਲਾ ਨਾਈਟ੍ਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ, ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
Mg + 2HNO3 → Mg(NO3)2 + H2

(iv) ਸੋਨਾ ਅਤੇ ਪਲਾਟੀਨਮ ਪਤਲੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।

(3) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਧਾਤਾਂ, ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਬਿਜਲੀ ਸੰਯੋਜਕ ਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
Ca + Cl2 → CaCl2

(4) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ Na, K ਅਤੇ Ca ਆਦਿ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
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(5) ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-
(i) ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਹੋਵੇ ਤਾਂ Na, K, Ca ਆਦਿ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਮੁਕਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
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(ii) ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਉਬਲਦਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ Mg, Zn, Fe ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਦੋ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਹੜੀਆਂ ਤਾਪ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਸੂਚਾਲਕ ਹੋਣ । ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਅਤੇ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਚਾਲਕ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੋਨੋਂ ਧਾਤਾਂ ਤਾਪ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਸੂਚਾਲਕ ਹਨ । ਚਾਂਦੀ ਤਾਪ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਤਮ ਚਾਲਕ ਹੈ ਜਦਕਿ ਲੈਂਡ ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਤਾਪ ਦੀ ਘੱਟ ਚਾਲਕ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਖਿੱਚੀਣਸ਼ੀਲਤਾ ਗੁਣ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਿੱਚੀਣਸ਼ੀਲਤਾ-ਧਾਤ ਦੇ ਪਤਲੇ ਤਾਰ ਖਿੱਚਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨੂੰ ਖਿੱਚੀਣਸ਼ੀਲਤਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਸੋਨਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਿੱਚੀਣਸ਼ੀਲ ਧਾਤ ਹੈ । ਸਿਰਫ਼ 1 ਗ੍ਰਾਮ ਸੋਨੇ ਦੀ ਲਗਭਗ 2 km ਲੰਬੀ ਤਾਰ ਬਣਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਗੁਣ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲੱਛਣ ਵਾਲਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਆਪਣੇ ਇਲੈਕਟ੍ਰਾਨ ਨੂੰ ਗੁਆ ਕੇ ਧਨਾਤਮਕ ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਬਿਜਲੀ ਧਨਾਤਮਕ ਤੱਤ ਹਨ ! ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਇਹ ਆਇਨੀਕਰਨ ਗੁਣ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ Mg ਧਾਤ ਨੂੰ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨ ਗੁਆ ਕੇ Mg2+ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
Mg → Mg2+ + 2e,

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕ ਕਿਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ? ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਅਤੇ ਪਿਘਲਣ ਅੰਕ ਤੇ ਟਿੱਪਣੀ ਕਰੋ !
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤ ਤੋਂ ਅਧਾਤ ਵੱਲ ਹੋਏ ਇਲੈੱਕਟਾਂਨ ਦੇ ਸਥਾਨਾਂ ਤੋਂ ਬਣੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨੂੰ ਆਇਨੀ ਯੋਗਿਕ ਜਾਂ ਬਿਜਲਈ ਸੰਯੋਜਕ ਯੌਗਿਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ – NaCl, CaCl2, CaO, MgCl2.

ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦਾ ਉਬਾਲ ਅੰਕ ਅਤੇ ਪਿਘਲਣ ਅੰਕ ਉੱਚੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸਦੇ ਪ੍ਰਬਲ ਅੰਤਰ-ਆਇਨੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਨੂੰ ਸਮਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਉਰਜਾ ਦੀ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਖਣਿਜ ਅਤੇ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਣਿਜ ਅਤੇ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਖਣਿਜ (Minerals) ਕੱਚੀ ਧਾਤ (Ores)
(1) ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਕਿਰਿਤਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਯੌਗਿਕ ਉਪਸਥਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਖਣਿਜ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ । (1) ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਖਣਿਜਾਂ ਤੋਂ ਲਾਭਦਾਇਕ ਅਤੇ ਸੌਖ ਨਾਲ ਧਾਤਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(2) ਕਈ ਖਣਿਜਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ ਮਾਤਰਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਦਕਿ ਹੋਰਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ ਮਾਤਰਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (2) ਸਾਰੀਆਂ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਧਾਤ ਦੀ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(3) ਕੁੱਝ ਖਣਿਜਾਂ ਵਿੱਚ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਦੀ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜੋ ਧਾਤ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਵਿਚ ਰੁਕਾਵਟ ਪਾਉਂਦੀ ਹੈ । (3) ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵੀ ਰੁਕਾਵਟ ਪਾਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(4) ਸਾਰੇ ਖਣਿਜਾਂ ਨੂੰ ਧਾਤ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸਾਰੇ ਖਣਿਜ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (4) ਸਾਰੀਆਂ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਧਾਤ ਨਿਸ਼ਕਰਸ਼ਨ ਦੇ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਵਿਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ, ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲ ਕੇ ਧਾਤ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਪਰੰਤੁ ਸਾਰੀਆਂ ਧਾਤਾਂ, ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਸੋਡੀਅਮ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਜਿਹੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਠੰਡੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਸੋਡੀਅਮ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਦੀ । ਕਿਰਿਆ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਅਤੇ ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਤੋਂ ਬਣੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨੂੰ ਇੱਕ ਦਮ ਅੱਗ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
2K (s) + 2H2O (l) → 2KOH (aq) + H2 (g) + ਤਾਪ ਊਰਜਾ
2Na (s) + 2H2O (l) → 2NaOH (aq) + H2 (g) + ਤਾਪ ਊਰਜਾ

ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਧੀਮੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
Ca (s) + 2H2 O (l) → Ca (OH)2 (aq) + H2 (g)

ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ, ਜ਼ਿੰਕ ਅਤੇ ਆਇਰਨ ਧਾਤਾਂ ਨਾ ਤਾਂ ਠੰਡੇ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਗਰਮ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਪਰੰਤੂ ਭਾਫ਼ ਦੇ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਧਾਤ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
2Al (S) + 3H2 O (g) → Al2O3 (s) + 3H2 (g).
3Fe (s) + 4H2O (g) → Fe3O4 (s) + 4H2(g)
ਲੈਂਡ, ਕਾਪਰ ਅਤੇ ਗੋਲਡ (ਸੋਨੇ) ਜਿਹੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਅਧਾਤਾਂ ਦੀ ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਨਾਲ ਰਿਕਿਆ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਆਕਸੀਜਨ
(b) ਤੇਜ਼ਾਬ
(c) ਕਲੋਰੀਨ
(d) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਧਾਤਾਂ ਬਿਜਲੀ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਂਨਾਂ ਨੂੰ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਕੇ ਰਿਣਾਤਮਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਚਾਰਜ ਯੁਕਤ ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

(a) ਅਧਾਤਾਂ ਦੀ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਅਧਾਤਾਂ ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਸਹਿ-ਸੰਯੋਜਕ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜੋ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਘੁਲ ਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
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(b) ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਅਧਾਤਾਂ, ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਵਿਚੋਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨੂੰ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੇ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਲਈ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੇ H+ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਜੋ ਅਧਾਤਾਂ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਅਧਾਤਾਂ ਦੀ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕੋਈ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਹੀਂ ਮੁਕਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(c) ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਅਧਾਤਾਂ, ਕਲੋਰੀਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਸਹਿ-ਸੰਯੋਜਕ ਬੰਧਨ ਵਾਲੇ ਕਲੋਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
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(d) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਅਧਾਤਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
H2 + S → H2S (ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ)
H2 + Cl2 → 2HCl (ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਲੋਰਾਈਡ)
C + 2H2 → CH4 (ਮੀਥੇਨ)
ਇਹ ਹਾਈਡਰਾਈਡ ਇਲੈੱਕਨਾਂ ਦੀ ਸਾਂਝੇਦਾਰੀ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸਹਿ-ਸੰਯੋਜਨ ਬੰਧਨ ਬਣਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕੁੰਨਣ ਕਿਰਿਆ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਦੋਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਲਈ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਨਾਂ ਲਿਖੋ !
ਉੱਤਰ-
ਭੁੰਨਣ ਕਿਰਿਆ (Roasting) – ਸੰਘਣਾਪਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਵਿਚ ਗਰਮ ਕਰਨਾ ਭੁੰਨਣ ਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ | ਜ਼ਿੰਕ ਅਤੇ ਲੈਂਡ ਦੇ ਕਾਰਬੋਨੇਟਾਂ ਅਤੇ ਸਲਫਾਈਡਾਂ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣ ਲਈ ਭੈਣਨ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਜੇਕਰ ਸਿਲਵਰ ਨਾਈਟਰੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਕਾਪਰ ਦੀ ਪੱਤੀ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਲਈ ਡੁਬੋ ਕੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਹੋ ਰਹੀ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ, ਸਿਲਵਰ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕਾਪਰ ਦੀ ਪੱਤੀ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਲਈ ਸਿਲਵਰ ਨਾਈਟਰੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਡੁਬੋ ਕੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਸਿਲਵਰ ਜਮਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਘੋਲ ਦਾ ਰੰਗ ਨੀਲਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਨੂੰ ਲੋਹੇ ਦੇ ਬਰਤਨ ਵਿੱਚ ਪਾ ਕੇ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਕੁੱਝ ਦਿਨਾਂ ਮਗਰੋਂ ਬਰਤਨ ਵਿੱਚ ਛੇਕ ਹੋ ਗਏ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਲਿਖੋ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ ਤੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਕ੍ਰਮ ਅਨੁਸਾਰ ਲੋਹਾ ਪਹਿਲਾਂ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਲੋਹਾ, ਕਾਪਰ ਦੀ ਤੁਲਨਾ । ਵਿਚ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ CusO4 ਦੇ ਘੋਲ ਤੋਂ ਲੋਹਾ, ਕਾਪਰ ਨੂੰ ਵਿਸਥਾਪਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਲੋਹੇ ਦੇ ਬਰਤਨ ਵਿੱਚ ਛੇਕ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ-
CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu
Cu2+ (aq) + Fe (s) → Fe+2(aq) + Cu (s)

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਕਾਪਰ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਛੱਡਣ ਨਾਲ ਉਸਦਾ ਰੰਗ ਹਰਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ, ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਸਿੱਲੀ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੇ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਇਸ ਦੀ ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦੀ ਲਿਸ਼ਕ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਉੱਪਰ ਹਰੇ ਰੰਗ ਦੀ ਪਰਤ ਜੰਮ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਹਰਾ ਪਦਾਰਥ ਬੇਸਿਕ ਕਾਪਰ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
24 ਕੈਰਟ ਸੋਨਾ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
24 ਕੈਰਟ ਮੋਨਾ – ਸ਼ੁੱਧ ਸੋਨੇ ਨੂੰ 24 ਕੈਰਟ ਸੋਨਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਬਹੁਤ ਹੀ ਨਰਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਸਖ਼ਤ (ਕਰਤਾ) ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਇਸ ਵਿੱਚ ਚਾਂਦੀ ਜਾਂ ਕੱਪਰ ਮਿਸ਼ਰਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਗਹਿਣੇ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ 22 ਕੈਰਟ ਸੋਨੇ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ 22 ਭਾਗ ਸ਼ੁੱਧ ਸੋਨੇ ਵਿੱਚ 2 ਭਾਗ ਕਾਪਰ ਜਾਂ ਚਾਂਦੀ ਮਿਸ਼ਰਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸਲਫਾਈਡ ਦੀ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਸੰਘਣਾ ਕਰਨ ਲਈ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ । ਸੰਘਣਿਤ ਸਲਫਾਈਡ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣ ਲਈ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਗਈ ਵਿਧੀ ਦਾ ਦੋ ਚਰਣਾਂ ਵਿੱਚ ਸੰਖੇਪ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਲਫਾਈਡ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਦੇ ਵੱਡੇ ਟੁੱਕੜਿਆਂ ਨੂੰ ਬਰੀਕ ਪੀਸ ਕੇ ਪਾਊਡਰ ਬਣਾ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹੁਣ ਇਸਨੂੰ ‘ਝੱਗ ਤਰਾਓ ਵਿਧੀ’ ਦੁਆਰਾ ਸੰਘਣਾ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੰਘਣੀ ਕੀਤੀ ਹੋਈ ਸਲਫਾਈਡ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣ ਲਈ ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਦੋ ਚਰਣ ਹਨ-

(1) ਭੰਨਣਾ (Roasting) – ਸੰਘਣੀ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਵਿਚ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿਚ ਬਦਲ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਭੰਨਣ ਆਖਦੇ ਹਨ ।
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(2) ਲਘੂਕਰਨ (Reduction) – ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਤੋਂ ਬਣਾਏ ਗਏ ਆਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਲਘੂਕਾਰਕ ਨਾਲ ਗਰਮ ਕਰਨ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਮੁਕਤ ਹੋਈ ਧਾਤੂ ਬਾਕੀ ਬੱਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ZnO + C → Zn + CO

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕੋਈ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਗਰਮ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਲਫਰ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ (SO2) ਗੈਸ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਤੋਂ ਧਾਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸ਼ਾਮਿਲ ਨਿਯਮ ਨੂੰ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ ਦੀ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਕਾਪਰ ਪਾਈਰਾਈਟ (CuS) ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਨ ‘ਤੇ SO2 ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਤੋਂ ਧਾਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਚਰਨ ਹਨ-
(i) ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਬਾਰੀਕ ਚਰਣ ਕਰਕੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਪਾਇਨ ਆਇਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਇਸ ਵਿਚੋਂ ਉੱਚ ਦਾਬ ਵਾਲੀ ਹਵਾ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਇਸ ਦੀਆਂ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਹੋ ਜਾਣ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਸੰਘਣੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਝੱਗ ਤਰਾਓ ਵਿਧੀ ਆਖਦੇ ਹਨ ।

(ii) ਹੁਣ ਸੰਘਣਿਤ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਭੰਨਣ ਦੁਆਰਾ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ Cus ਦਾ ਕੁੱਝ ਭਾਗ Cu0 ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਹਵਾ ਦੀ ਸਪਲਾਈ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
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ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਾਪਰ ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦਾ ਹੈ । ਹੁਣ ਇਸਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਸ਼ੁੱਧ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iii) ਬਿਜਲਈ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ – ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਅਸ਼ੁੱਧ ਕਾਪਰ ਦੀ ਛੜ ਨੂੰ ਐਨੋਡ ਅਤੇ ਸ਼ੁੱਧ ਕਾਪਰ ਪਲੇਟ ਨੂੰ ਕੈਥੋਡ ਬਣਾ ਕੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਧਰਮਿਟ (Thermite) ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਥਰਮਿਟ (Thermite) – ਕੁੱਝ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਬਹੁਤ ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਸਰਜਿਤ ਹੋਈ ਤਾਪ ਉਰਜਾ ਇੰਨੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿ ਧਾਤਾਂ ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਆਇਰਨ (III) ਆਕਸਾਈਡ (Fe203) ਦੇ ਨਾਲ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਤਾਪ ਉਤਸਰਜਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
Fe2O3(s) + 2Al (s) → 2Fe(l) + Al2O3 (s) + ਤਾਪ ਊਰਜਾ
ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਥਰਮਿਟ ਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਰੇਲ ਦੀਆਂ ਪਟੜੀਆਂ ਅਤੇ ਮਸ਼ੀਨੀ ਪੁਰਜ਼ਿਆਂ ਦੀਆਂ ਦਰਾੜਾਂ ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਪੰਜ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨੂੰ ਬਨਸਪਤੀ ਤੇਲਾਂ ਤੋਂ ਬਨਸਪਤੀ-ਘਿਓ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਕਾਰਬਨ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਅਧਾਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸਾਨੂੰ ਵਿਟਾਮਿਨ, ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਅਤੇ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡੇਟ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਗ੍ਰੇਫਾਈਟ ਵਿਭਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਸੈੱਲਾਂ ਵਿੱਚ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਡ ਵਜੋਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਅਮੋਨੀਆ, ਨਾਈਟ੍ਰਿਕ ਐਸਿਡ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਦਹਿਨ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
  4. ਆਕਸੀਜਨ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਆਧਾਰ ਹੈ । ਦਹਿਨ ਕਿਰਿਆ ਇਸ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੀ ਸੰਭਵ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  5. ਸਲਫਰ (ਗੰਧਕ) ਕਈ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਦਵਾਈਆਂ ਅਤੇ ਬਾਰੂਦ ਬਣਾਉਣ ਵਿਚ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਭੰਨਣ ਅਤੇ ਭਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਭੰਨਣ ਅਤੇ ਭਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਭੁੰਨਣ (Roasting) ਭਸਮੀਕਰਨ (Calcination)
(1) ਭੰਨਣ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਸਲਫਾਈਡ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (1) ਭਸਮੀਕਰਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਹਾਈਟਿਡ ਕੱਚੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(2) ਭੰਨਣ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿਚ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿਚ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (2) ਭਸਮੀਕਰਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕੱਚੀ-ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(3) ਇਸ ਵਿੱਚ SO2 ਗੈਸ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (3) ਇਸ ਵਿੱਚ CO2 ਗੈਸ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(4) ਉਦਾਹਰਨ – ਸੰਘਣਤ ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਜ਼ਿੰਕ ਬਲੈਂਡੀ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿਚ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਜ਼ਿੰਕ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (4) ਉਦਾਹਰਨ – ਜ਼ਿੰਕ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿਚ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਜ਼ਿੰਕ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਆਇਨੀ ਯੌਗਿਕ ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ, ਸੋਡੀਅਮ ਅਤੇ ਕਲੋਰੀਨ ਤੋਂ ਮਿਲ ਕੇ ਕਿਵੇਂ ਬਣਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ ਅਤੇ ਕਲੋਰਾਈਡ ਆਇਨ ਉਲਟ (ਵਿਪਰੀਤ) ਚਾਰਜਿਤ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਪਰਸਪਰ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਵੱਲ ਖਿੱਚੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਸਥਿਰ ਬਿਜਲਈ ਬਲ ਨਾਲ ਬੰਨ੍ਹੇ ਜਾਣ ਕਾਰਨ ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਅਣੂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦਾ, ਪਰੰਤੂ ਵਿਪਰੀਤ ਆਇਨਾਂ ਦੇ ਸਮੂਹ ਵਜੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 31

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਬਿਜਲਈ ਵਿਘਟਨੀ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਵਿਘਟਨੀ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ – ਕਾਪਰ, ਜ਼ਿੰਕ, ਟਿੱਨ, ਨਿੱਕਲ, ਚਾਂਦੀ ਅਤੇ ਸੋਨਾ ਆਦਿ ਅਜਿਹੀਆਂ ਕਈ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਬਿਜਲਈ ਵਿਘਟਨੀ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦਾ ਐਨੋਡ ਅਤੇ ਅਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦੀ ਪਤਲੀ ਪੱਤੀ ਨੂੰ ਕੈਥੋਡ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਧਾਤ ਦੇ ਲੁਣ ਦਾ ਘੋਲ ਬਿਜਲਈ ਵਿਘਟਨ ਵਜੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਬਿਜਲਈ ਵਿਘਟਨ (ਇਲੈੱਕਟੋਲਾਈਟ) ਵਿਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਐਨੋਡ ਤੋਂ ਅਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਘੁਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇੰਨੀ ਹੀ ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੋਲ ਵਿਚੋਂ ਕੈਥੋਡ ਤੇ ਜਮਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਚਲੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਅਣ-ਘੁਲ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਐਨੋਡ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਗਾਰ ਵਜੋਂ ਇਕੱਠੀਆਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਲਘੂਕਰਨ ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਅਪਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਘੂਕਰਨ (Reduction) – ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਤੋਂ ਧਾਤਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਵਾਲੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਲਘੂਕਰਨ ਆਖਦੇ ਹਨ | ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਮ ਅਨੁਸਾਰ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਵਿਧੀ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ-
(1) ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਹੇਠਾਂ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਸਿਰਫ਼ ਹਵਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕਰਨ ਤੇ ਹੀ ਧਾਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ-ਪਾਰੇ ਦੀ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਸਿਨੇਬਾਰ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਗਰਮ ਕਰਨ ਨਾਲ ਅਰਥਾਤ ਭੁੰਨਣ ਤੇ ਪਾਰਾ ਮੁਕਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 32

(2) ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦਾ ਮੁੱਖ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕੋਕ ਨਾਲ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਲਘੂਕਰਨ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ-ਲੋਹਾ, ਜ਼ਿੰਕ, ਨਿੱਕਲ, ਟਿੱਨ, ਧਾਤਾਂ ਆਦਿ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 33

(3) ਕੁਝ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅਤਿ-ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ K, Na, Ca ਆਦਿ ਲਈ ਵੀ ਲਘੂਕਰਨ ਵਿਧੀ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ-ਮੈਂਗਨੀਜ਼ ਆਕਸਾਈਡ ਦਾ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੁਆਰਾ ਲਘੂਕਰਨ ਕਰਕੇ ਮੈਂਗਨੀਜ਼ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
3MnO2 + 4Al → 3Mn + 2Al2O3

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਲਈ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੇ ਬਰਤਨ ਕਿਉਂ ਵਰਤੇ ਨਹੀਂ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਲਈ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੇ ਬਰਤਨ ਇਸ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਨਹੀਂ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਕਿਉਂਕਿ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ, ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਲੂਣ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
2Al + 2NaOH +2H2O → 2NaAlO2 + 3H2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਹਲਕੀ ਧਾਤ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੀ ਬਾਡੀ ਅਤੇ ਮੋਟਰ ਇੰਜਣ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਬਰਤਨ, ਫੋਟੋਫੇਮ ਅਤੇ ਘਰੇਲੂ ਵਰਤੋਂ ਦੀਆਂ ਹੋਰ ਵਸਤਾਂ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸੁਚਾਲਕ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਵਰਤੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।
  4. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀਆਂ ਪੱਤੀਆਂ, ਖਾਣ ਦਾ ਸਾਮਾਨ, ਦਵਾਈਆਂ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਦੀਆਂ ਬੋਤਲਾਂ ਆਦਿ ਨੂੰ ਪੈਕ ਕਰਨ ਲਈ ਵਰਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  5. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਪਾਊਡਰ ਸਿਲਵਰ ਪੇਂਟ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ।
  6. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਪਾਉਡਰ ਐਲੁਮੀਨੋ-ਥਰੈਮੀ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕਿਰਿਆ ਲੋਹੇ ਦੀਆਂ ਪਟੜੀਆਂ ਅਤੇ ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਦੇ ਟੁੱਟੇ ਭਾਗ ਜੋੜਨ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਦੋਂ-
(i) ਲੋਹੇ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਕੋਕ ਨਾਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(ii) ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਨੂੰ ਪਤਲੇ ਲੂਣ ਦੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਮਿਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(iii) ਨੀਲੇ ਥੋਥੇ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿੰਕ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਉੱਤਰ-
(i) ਲੋਹੇ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਕੋਕ ਨਾਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਜਦੋਂ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਲੋਹੇ ਦਾ ਆਕਸਾਈਡ ਲਘੁਕ੍ਰਿਤ ਹੋ ਕੇ ਲੋਹੇ ਦੀ ਧਾਤ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
C + O2 → CO2
CO2 + C → 2CO
Fe2O3 + 3CO → 2Fe + 3CO2

(ii) ਜਦੋਂ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਨੂੰ ਹਲਕੇ ਲੂਣ ਦੇ ਤੇਜ਼ਾਬ (ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ) ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 34

(iii) ਜਦੋਂ ਨੀਲੇ ਥੋਥੇ (CuSO4) ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿੰਕ ਨੂੰ ਡੁਬੋਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਜ਼ਿੰਕ ਧਾਤ, ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿਚੋਂ ਕੱਪਰ ਨੂੰ ਵਿਸਥਾਪਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਨੀਲੇ ਥੋਥੇ (CuSO4) ਦਾ ਨੀਲਾ ਰੰਗ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਇੱਕ ਕਿਰਿਆ-ਕਲਾਪ ਰਾਹੀਂ ਇਹ ਦੱਸੋ ਕਿ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਲਈ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਪ੍ਰਯੋਗ ਰਾਹੀਂ ਸਿੱਧ ਕਰੋ ਕਿ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਲਈ ਹਵਾ/ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਨਮੀ ਦਾ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਵੀ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 36
ਕਿਰਿਆ-ਕਲਾਪ – ਤਿੰਨ ਪਰਖਨਲੀਆਂ A, B ਅਤੇ C ਲਵੋ । A ਨਲੀ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਲੋਹੇ ਦੀਆਂ ਕਿੱਲਾਂ ਪਾਓ ਅਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰੋ । C ਪਰਖਨਲੀ ਵਿੱਚ ਕਿੱਲਾਂ ਪਾ ਕੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਪਾਓ । ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਪਾਣੀ ਸੋਖਣ ਵਾਲਾ ਪਦਾਰਥ ਹੈ । B ਨਲੀ ਵਿਚ ਕੁੱਝ ਕਿੱਲਾਂ ਰੱਖੋ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਇਕ-ਦੋ ਬੂੰਦਾਂ ਤੇਲ ਦੀਆਂ ਪਾਓ । ਕੁੱਝ ਦਿਨਾਂ ਬਾਅਦ ਅਸੀਂ ਦੇਖਦੇ ਹਾਂ ਕਿ A ਨਲੀ ਵਿਚ ਪਈਆਂ ਕਿੱਲਾਂ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਿਲ੍ਹ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੋਵੇਂ ਮਿਲ ਗਏ । B ਨਲੀ ਵਿੱਚ ਕਿੱਲਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ C ਵਾਲੇ ਨੂੰ ਸਿਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਨਹੀਂ ਹੋਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਹ ਕਿਉਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿਸ਼ਰਤ-ਧਾਤਾਂ (Alloys) – ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਧਾਤਾਂ ਜਾਂ ਇੱਕ ਧਾਤ ਅਤੇ ਇੱਕ ਅਧਾਤ ਦੇ ਸੰਯੋਗ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਸਮਅੰਗੀ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨੂੰ ਮਿਸ਼ਰਤ-ਧਾਤ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤ ਦੇ ਗੁਣ ਮੂਲ ਧਾਤਾਂ ਤੋਂ ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | ਸ਼ੁੱਧ ਧਾਤ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਮਿਸ਼ਰਤ-ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕਤਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਉਦੇਸ਼ – ਦੇਖੋ ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ” ਸਿਰਲੇਖ ਅਧੀਨ ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8 ਸਫ਼ਾ 72.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਮੁੱਖ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾੜਾਂ ਦੇ ਨਾਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੰਸ਼ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੁੱਖ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੰਸ਼ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ-

ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤ ਅੰਸ਼ ਉਪਯੋਗ
(1) ਸਟੀਲ ਲੋਹਾ, ਕਾਰਬਨ ਜਹਾਜ਼ਾਂ, ਬਿਲਡਿੰਗਾਂ ਅਤੇ ਆਵਾਜਾਈ ਦੇ ਸਾਧਨਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ।
(2) ਸਟੇਨਲੈਸ ਸਟੀਲ ਲੋਹਾ, ਕੋਮੀਅਮ, ਨਿਕਲ, ਕਾਰਬਨ ਬਰਤਨ, ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਦੇ ਪੁਰਜ਼ੇ, ਚਾਕੂ, ਬਲੇਡ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਉਦਯੋਗਾਂ ਲਈ ਉਪਕਰਨ ।
(3) ਪਿੱਤਲ ਤਾਂਬਾ, ਜ਼ਿੰਕ ਬਰਤਨ, ਮੂਰਤੀਆਂ, ਜਹਾਜ਼, ਤਗਮੇ (ਮੈਂਡਲ), ਭਾਫ਼ ਵਾਲੀ ਗੱਡੀਆਂ ਦੇ ਪੁਰਜ਼ੇ ।
(4) ਟਾਂਕਾ (ਸੋਲਡਰ) ਲੈਂਡ, ਟਿੱਨ. ਜੋੜਾਂ ਵਿੱਚ ਟਾਂਕਾ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ।
(5) ਜਰਮਨ ਸਿਲਵਰ ਤਾਂਬਾ, ਨਿੱਕਲ, ਜ਼ਿੰਕ ਬਰਤਨ ਅਤੇ ਹੋਰ ਉਪਕਰਨ ।
(6) ਬੈੱਲ ਮੈਟਲ ਕਾਪਰ, ਟਿੱਨ ਘੰਟੀਆਂ ਆਦਿ ਲਈ ।
(7) ਡਿਊਰਐਲੂਮਿਨ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ, ਕਾਪਰ, ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ ਦੇ ਪੰਖ, ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ ਦੀ ਰਸੋਈ ਦੇ ਬਰਤਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਮਿਸ਼ਰਤ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ । .
(i) ਪਿੱਤਲ
(ii) ਐਲਨਿਕੋ
(iii) ਡਿਊਰਾਲਊਮਿਨ
(iv) ਜਰਮਨ ਸਿਲਵਰ
(v) ਗੰਨ-ਮੈਟਲ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਪਿੱਤਲ (Brass) – ਇਸ ਵਿੱਚ 701 ਕੱਪਰ (Cu) ਅਤੇ 30% ਜ਼ਿੰਕ (Zn) ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਪਿੱਤਲ ਦੇ ਬਰਤਨ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

(ii) ਐਲਨਿਕੋ (Alnico) – ਇਸ ਵਿੱਚ 63% ਆਇਰਨ (Fe), 20 ਨਿੱਕਲ (Ni), 12% ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ (Al) ਅਤੇ 5% ਕੋਬਾਲਟ (Co) ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਸਥਾਈ ਚੁੰਬਕ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iii) ਡਿਊਰਾਲਊਮਿਨ – ਇਸ ਵਿੱਚ 4% ਤਾਂਬਾ (Cu), 95.5% ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ (Al) ਅਤੇ 5% ਮੈਂਗਨੀਜ਼ (Mn) ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੇ ਪੁਰਜ਼ੇ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iv) ਜਰਮਨ ਸਿਲਵਰ – ਇਸ ਵਿੱਚ 55-65% ਕਾਪਰ (C), 13-27% ਜ਼ਿੰਕ (Zn) ਅਤੇ 10-30% ਨਿਕਲ (Ni) ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਛੁਰੀਆਂ ਕਾਂਟੇ, ਖਾਣੇ ਵਾਲੇ ਬਰਤਨ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧੀ ਤਾਰਾਂ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(v) ਗੰਨ-ਮੈਟਲ – ਇਹ 88% ਕਾਪਰ (Cu), 10% ਟਿਨ (Sn), 2% ਜ਼ਿੰਕ (Zn) ਤੋਂ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਬੰਦੂਕਾਂ ਬਣਾਉਣ, ਗੀਅਰਾਂ ਦੇ ਬੇਅਰਿੰਗ ਆਦਿ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Question)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਧਾਤ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ਜਿਹੜੀ ਕਮਰੇ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ‘ਤੇ ਤਰਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਾਰਾ (ਮਰਕਰੀ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਅਧਾਤ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ਜਿਹੜੀ ਸਾਧਾਰਨ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਧਾਤ : ਬੋਮੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਧਾਤ ਸਰੀਰ ਤੇ ਤਾਪ (37) ਤੇ ਪਿਘਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਗੋਲੀਅਮ, ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ, ਸੀਜ਼ੀਅਮ, ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੈਲੀਅਮ ਅਤੇ ਸੀਜ਼ੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਅਧਾਤ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਹੜੀ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸੁਚਾਲਕ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਫਾਈਟ (ਕਾਰਬਨ ਦਾ ਭਿੰਨ ਰੂਪ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇਕ ਅਧਾਤ X ਦੋ ਵਿਭਿੰਨ ਰੂਪਾਂ Y ਅਤੇ 2 ਵਿਚ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ ।Y ਸਭ ਤੋਂ ਕਰੜੀ (ਸਖ਼ਤ) ਹੈ ਜਦਕਿ 1 ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸੁਚਾਲਕ ਹੈ ।Y ਅਤੇ 1 ਦੀ ਪਛਾਣ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
Y – ਹੀਰਾ (ਡਾਇਮੰਡ)
Z – ਫ਼ਾਈਟ ।
ਹੀਰਾ ਅਤੇ ਸ਼੍ਰੋਫ਼ਾਈਟ ਦੋਨੋਂ ਕਾਰਬਨ ਦੇ ਭਿੰਨ ਰੂਪ ਹਨ ਇਸ ਲਈ X ਕਾਰਬਨ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇਕ ਤੱਤ X ਆਕਸੀਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ X2O ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਆਕਸਾਈਡ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੈ ਅਤੇ ਨੀਲੇ ਟਮਸ ਨੂੰ ਲਾਲ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਤੱਤ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦੱਸੋ ਅਰਥਾਤ ਇਹ ਦੱਸੋ ਕਿ ਤੱਤ, ਧਾਤ ਹੈ ਜਾਂ ਅਧਾਤ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਨੀਲੇ ਲਿਟਮਸ ਨੂੰ ਲਾਲ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਕਿਉਂਕਿ ਤੱਤ X ਦਾ ਆਕਸਾਈਡ ਨੀਲੇ ਲਿਟਮਸ ਨੂੰ ਲਾਲ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਤੱਤ X ਅਧਾਤ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਆਕਸਾਈਡ ਖਾਰੀ ਆਕਸਾਈਡ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਦੋ ਉੱਚ ਕੁਟੀਣਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਚਾਂਦੀ (ਸਿਲਵਰ ਅਤੇ
  2. ਸੋਨਾ (ਗੋਲਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਦੋ ਮੈਟਾਲਾਇਡਸ (ਉਪ-ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਿਲੀਕਾਂਨ,
  2. ਆਰਸਨਿਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਛੱਡਣ ਨਾਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਰੰਗ ਫਿੱਕਾ ਕਿਉਂ ਪੈ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸਹਿ ਤੇ ਆਕਸਾਈਡ, ਕਾਰੋਬਨੇਟ ਜਾਂ ਸਲਫ਼ਾਈਡ ਦੀ ਪਰਤ ਬਣ ਜਾਣ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਅਜਿਹੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਚਾਕੂ ਨਾਲ ਕੱਟਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਅਤੇ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਵਿਭਿੰਨ ਆਕਾਰ ਦੇਣਾ ਕਿਉਂ ਸੰਭਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਕੁਟੀਯੋਗ ਅਤੇ ਖਿੱਚੀਣਯੋਗ ਗੁਣਾਂ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਇੱਕ ਤਾਪ ਚਾਲਕ ਧਾਤ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਲੈਂਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕਿਹੜੀ ਧਾਤ ਬਿਜਲੀ ਪ੍ਰਵਾਹ ਦਾ ਵੱਧ ਤਿਰੋਧ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਰਾ (ਮਰਕਰੀ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਚਾਰ ਅਜਿਹੀਆਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਖਿੱਚੀਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ, ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ, ਆਇਰਨ, ਲੈਂਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਖਾਰ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਖਾਰ ਦੀ ਇਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਰ – ਧਾਤਵੀ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ ਜਿਹੜੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਖਾਰ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ – ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਕਸਾਈਡ (NaOH) ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਦੋ ਐਮਫੋਟੈਰਿਕ ਆਕਸਾਈਡਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ
  2. ਜ਼ਿੰਕ ਆਕਸਾਈਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਨੂੰ ਇਸਦੇ ਜਲਣ ਤਾਪ ਤੱਕ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਚਿੱਟੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨਾਲ ਬਲਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਉਹ ਕਿਹੜੀ ਧਾਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਪਤਲੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਪਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਉਨ੍ਹਾਂ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਹੜੀਆਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਅਤੇ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਜਦੋਂ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਧਾਤ ਦੇ ਕਿਸੇ ਟੁਕੜੇ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਵਾਪਰਨ ਵਾਲੀ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
Ca + 2H2O → Ca (OH)2 + H2.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਲਾਲ ਗਰਮ ਲੋਹੇ ਉੱਪਰੋਂ ਭਾਫ਼ ਗੁਜ਼ਾਰਣ ਨਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ 37

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਜਦੋਂ ਕਾਪਰ ਧਾਤ ਦੀ ਪੱਤੀ ਨੂੰ ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਘੱਟਣ ਵਾਲੀ ਰਸਾਇਣਕ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਦੋ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਹੜੇ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਵਿੱਚ ਮੁਕਤ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਸੋਨਾ
  2. ਪਲਾਟੀਨਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਖੋਰਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੋਰਨ – ਹਵਾ ਅਤੇ ਨਮੀ ਦੀ ਉਪਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਉੱਪਰਲੀ ਸਤਹਿ ਦਾ ਸਮਾਪਤ/ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋਣਾ, ਧਾਤ ਦਾ ਖੋਰਨ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੁਟੀਯੋਗਤਾ (Mallability) – ਇਹ ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਉਹ ਗੁਣ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਕਾਰਨ ਧਾਤੂਆਂ ਨੂੰ ਹਥੌੜੇ ਨਾਲ ਕੁੱਟ ਕੇ ਬਗੈਰ ਟੁੱਟੇ ਧਾਤੂਆਂ ਨੂੰ ਪਤਲੀ ਚਾਦਰਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਖਿੱਚੀਣਯੋਗਤਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਿੱਚੀਣਯੋਗਤਾ (Ductility) – ਇਹ ਧਾਤੂਆਂ ਦਾ ਉਹ ਗੁਣ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਖਿੱਚ ਕੇ ਪਤਲੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਅਸੀਂ ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਪੇਂਟ ਕਿਉਂ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਪੇਂਟ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਜੋ ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਖੋਰਨ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਅਜਿਹੀ ਅਧਾਤ ਦੀ ਉਦਾਹਰਣ ਦਿਓ ਜੋ :
(i) ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸੁਚਾਲਕ ਹੈ
(ii) ਚਮਕੀਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਸੁਚਾਲਕ ਅਧਾਤ-ਗ੍ਰੇਫਾਈਟ
(ii) ਚਮਕੀਲੀ ਅਧਾਤ-ਆਇਓਡੀਨ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਾਧਾਰਨ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਦ੍ਰ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੀ ਅਧਾਤੂ ਹੈ-
(a) ਕਲੋਰੀਨ
(b) ਬੋਮੀਨ
(c) ਫਲੋਰੀਨ
(d) ਆਇਓਡੀਨ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਬੋਮੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਐਮਫੋਟੈਰਿਕ ਆਕਸਾਈਡ ਹੈ-
(a) Na2O
(b) BaO
(c) ZnO
(d) K2O.
ਉੱਤਰ-
(c) ZnO.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਕੁੱਟ ਕੇ ਪਤਲੀ ਚਾਦਰ ਵਿਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਧਾਤਾਂ ਦਾ ਇਹ ਗੁਣ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ-
(a) ਕੁਟੀਣਸ਼ੀਲਤਾ
(b) ਖਿੱਚੀਣਸ਼ੀਲਤਾ
(c) ਧਾਤਵੀ ਲਿਸ਼ਕ
(d) ਕਠੋਰਤਾ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਕੁਟੀਣਸ਼ੀਲਤਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਵਿਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤ ਕਿਹੜੀ ਹੈ ?
(a) Na
(b) Mg
(c) Au
(d) K.
ਉੱਤਰ-
(d) K.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
Fe2O3 + 2Al – 2Fe + Al2O3 + ਊਸ਼ਮਾ, ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਨਾਂ ਹੈ –
(a) ਐਲੋਡੀਕਰਨ
(b) ਥਰਮਾਈਟ
(c) ਐਮਲਗਮ
(d) ਉੱਪਰਲੇ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਥਰਮਾਣ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 3 ਧਾਤਾਂ ਅਤੇ ਅਧਾਤਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਗੈਲਵਨੀਕਰਨ ਸਮੇਂ ਕਿਸ ਧਾਤ ਦੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
(a) ਗੋਲੀਅਮ
(b) ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ
(c) ਜਿਸਤ
(d) ਚਾਂਦੀ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਜਿਸਤ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਵੱਧ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਦੁਆਰਾ ਘੱਟ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਨੂੰ ਉਸਦੇ ਲੂਣ ਦੇ ਘੋਲ ਤੋਂ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ………………….. ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਿਸਥਾਪਨ

(ii) ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਧਾਤ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਧਾਤਾਂ ਜਾਂ ਧਾਤ ਅਤੇ ਅਧਾਤ ਦਾ …………………… ਮਿਸ਼ਰਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮਅੰਗੀ

(iii) ਲੋਹੇ ਦੇ ਪੈਨ ਨੂੰ ਜੰਗ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ……………………. ਦੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਜ਼ਿੰਕ

(iv) ਸਲਫਾਈਡ ਕੱਚੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਉੱਚੇ ਤਾਪ ਤੇ ਗਰਮ ਕਰਨ ਨਾਲ ਇਹ ਆਕਸਾਈਡ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਨੂੰ …………………….. ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਭੰਨਣ

(v) ਧਾਤ ਦੇ ਪਤਲੇ ਤਾਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਖਿੱਚਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨੂੰ ………………………. ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਿੱਚੀਯੋਗਤਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਨੂੰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ – ਅਜਿਹੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨ ਕਰ ਦੇਣ ਅਤੇ ਲੂਣ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਬਣਾ ਦੇਣ, ਇਸ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 1

ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇਕ ਬੀਕਰ ਵਿੱਚ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਤਣੂ ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਦਾ ਘੋਲ ਲਉ । ਉਸ ਵਿੱਚ ਕੁਝ ਬੂੰਦਾਂ ਫਿਨਾਥਫਥੇਲੀਨ ਘੋਲ ਦੀਆਂ ਪਾਉ । ਇਸ ਦਾ ਰੰਗ ਗੁਲਾਬੀ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ । ਹੁਣ ਇਕ ਬਿਉਰੇਟ ਵਿੱਚ ਤਣੂ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਅਮਲ (HCl) ਭਰ ਕੇ ਉਸ ਨੂੰ ਚਿਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਲੰਬਕਾਰ ਸਟੈਂਡ ਤੇ ਫਿੱਟ ਕਰੋ ਅਤੇ ਬੀਕਰ ਨੂੰ ਉਸਦੇ ਹੇਠਾਂ ਰੱਖੋ । ਹੁਣ ਬਿਉਰੇਟ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਬੀਕਰ ਵਿੱਚ ਪਾਉਂਦੇ ਜਾਓ ਅਤੇ ਬੀਕਰ ਨੂੰ ਹਿਲਾਉਂਦੇ ਜਾਓ । ਜਦੋਂ ਘੋਲ ਦਾ ਰੰਗ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ਾਬ ਪਾਉਣਾ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ। ਹੁਣ ਇਸ ਘੋਲ ‘ਤੇ ਨੀਲੇ ਅਤੇ ਲਾਲ ਲਿਟਮਸ ਦਾ ਕੋਈ ਅਸਰ ਨਹੀਂ ਪਵੇਗਾ । ਇਸ ਲਈ ਬੀਕਰ ਵਿੱਚ ਸਿਰਫ਼ ਲੂਣ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਹੈ ਜੋ ਲਿਟਮਸ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਉਦਾਸੀਨ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ਕਿਰਿਆਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਅਨੇਕ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਹਨ-
(1) ਧਾਤੂਆਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤੂਆਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜ਼ਿੰਕ, ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ, ਲੋਹਾ, ਮੈਂਗਨੀਜ਼ ਆਦਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ-
Zn (s) + ਤਣ H2SO4 (aq) → Zn SO4(aq) + H2 (g)
Mg (s) + ਤਣ 2HCl (aq) → MgCl2 (aq) + H2 (g)

(2) ਧਾਤੂ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ ਧਾਤੂ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ CO2 ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
Na2 CO3 + H2SO4 → Na2 SO4 + H2O + CO2
NaHCO3 + HCI – NaCl + H2O + CO2

(3) ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਲੂਣ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
HCl + NaOH → NaCl + H2O
HCl + KOH → KCl + H2O

(4) ਧਾਤੂ ਸਲਫਾਈਟ ਅਤੇ ਬਾਈਸਲਫ਼ਾਈਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ, ਧਾਤੂ ਸਲਫ਼ਾਈਟ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਬਾਈਸਲਫ਼ਾਈਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਕੇ SO2 ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
CaSO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + SO2 (g)
NaHSO3 + HCl → NaCl + H2O + SO2 (g)

(5) ਧਾਤੂ ਸਲਫ਼ਾਈਡ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫ਼ਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-ਤੇਜ਼ਾਬ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਧਾਤੂ ਸਲਫ਼ਾਈਡਾਂ ਨਾਲ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫ਼ਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ H2S ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 2

(6) ਧਾਤੂ ਕਲੋਰਾਈਡਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਜਦੋਂ ਧਾਤੂ ਕਲੋਰਾਈਡ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
NaCl + H2SO4 → NaHSO4 + HCl (g)
NaCl + NaHSO4 → Na2SO4 + HCl (g)

(7) ਧਾਤੂ ਨਾਈਟਰੇਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-ਧਾਤੂ ਨਾਈਟਰੇਟ ਨਾਲ ਗਾੜਾ ਤੇਜ਼ਾਬ’ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
NaNO3 + H2SO4 → Na HSO4 + HNO3
NaNO3 + Na HSO4 → Na2SO4 + HNO3

(8) ਧਾਤੂ ਆਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਅਮਲਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆ – ਧਾਤੂ ਆਕਸਾਈਡ ਤਣੂ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਧਾਤੂ ਦੇ ਲੂਣ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
Na2O + 2HNO3 → 2Na NO3 + H2O
Cu0 + 2HCl → CuCl2 + H2O .

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਖਾਰਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਰਾਂ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਰਸਾਇਣਿਕ ਗੁਣ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-
(1) ਧਾਤੂਆਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਖਾਰ ਕੁਝ ਧਾਤੂਆਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ H2 ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
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(2) ਹਵਾ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਕੁਝ ਖਾਰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ CO, ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
2NaOH + CO2 → Na2 CO3 + H2O
2KOH +CO2 → K2 CO3 + H2O

(3) ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਖਾਰ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਕੇ ਲੂਣ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
NaOH + HCl → NaCl + H2O
Fe (OH)2 + 2HCl → FeCl2 + 2H2O
Ca (OH)2 + 2HCl → CaCl2 + 2H2O

(4) ਲੂਣਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤਾਂਬਾ, ਲੋਹਾ, ਜ਼ਿੰਕ ਆਦਿ ਦੇ ਲੂਣ, ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਅਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਧਾਤੂ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
ZnSO4 + 2NaOH → Na2SO4 + Zn (OH)2
CuSO4 + 2NH4OH → (NH2)4 SO4 + Cu (OH)2
Fe Cl3 + 3Na OH → 3NaCl + Fe (OH)3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ pH ਦਾ ਮਹੱਤਵ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
pH ਦਾ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ।

(1) ਮਨੁੱਖੀ ਅਤੇ ਜੰਤੂ ਜਗਤ ਵਿੱਚ – ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੀਆਂ ਵਧੇਰੇ ਕਿਰਿਆਵਾਂ 7.0 ਤੋਂ 7.8 pH ਤੱਕ ਕੰਮ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਅਸੀਂ ਇਸੇ ਪਤਲੀ ਜਿਹੀ pH ਦੀ ਰੇਂਜ ਵਿੱਚ ਹੀ ਜੀਉਂਦੇ ਰਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । ਸਾਡਾ ਲਹੂ, ਅਥਰੂ ਲਾਰ ਆਦਿ ਦਾ pH ਲਗਪਗ 7.4 ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਇਹ 7.0 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਾਂ 7-8 ਤੋਂ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੀਵਨ ਅਸੰਭਵ ਜਿਹਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਮੀਂਹ ਦੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ pH ਦਾ ਮਾਨ ਜਦੋਂ 7 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਕੇ 5-6 ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ ਦਾ ਪਾਣੀ ਜਦੋਂ ਨਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵੱਗਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਨਦੀ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦਾ pH ਦਾ ਮਾਨ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਪਾਣੀ ਦੇ ਜੀਵਾਂ ਦਾ ਜੀਵਨ ਮੁਸ਼ਕਲ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(2) ਪੇੜ – ਪੌਦਿਆਂ ਲਈ-ਪੇੜ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਚੰਗੇ ਵਾਧੇ ਅਤੇ ਚੰਗੀ ਉਪਜ ਲਈ ਮਿੱਟੀ ਦੇ pH ਪਰਾਸ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਬਣੀ ਰਹਿਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਇਹ ਵੱਧ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਜਾਂ ਖਾਰੀ ਹੋ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉਪਜ ‘ਤੇ ਮਾੜਾ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।

(3) ਪਾਚਨ ਤੰਤਰ – ਸਾਡੇ ਪੇਟ ਵਿੱਚ HCl ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਸਾਨੂੰ ਬਿਨਾਂ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਏ ਭੋਜਨ ਦੇ ਪਾਚਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਅਪਚ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਇਸ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧ ਬਣਨ ਲਗਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਪੇਟ ਵਿੱਚ ਦਰਦ ਅਤੇ ਜਲਨ ਦਾ ਅਨੁਭਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਰਦ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਐਂਟ ਐਸਿਡ ਵਰਗੇ ਖਾਰਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਅਕਸਰ ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਵਰਗੇ ਦੁਰਬਲ ਖਾਰ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(4) ਦੰਦ ਦਾ ਭੈ – ਸਾਡੇ ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ pH ਦਾ ਮੁੱਲ 5.5 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਣ ਤੇ ਦੰਦਾਂ ਦਾ ਖੈ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਾਡੇ ਦੰਦ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਫਾਸਫੇਟ ਤੋਂ ਬਣੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਕਠੋਰ ਪਦਾਰਥ ਹੈ । ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਘੁਲਦਾ ਪਰ ਮੂੰਹ ਵੀ pH ਦਾ 5.5 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਇਹ ਨਸ਼ਟ ਹੋਣ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਜੀਵਾਣੂ, ਅਵਸ਼ਿਸ਼ਟ ਸ਼ਕਰ ਅਤੇ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਿਮਨੀਕਰਨ ਨਾਲ ਤੇਜ਼ਾਬ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਖਾਰੀ ਦੰਦ ਮੰਜਨ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੀ ਅਧੀਨਤਾ ਉਦਾਸੀਨ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਦੰਦਾਂ ਨੂੰ ਭੈ ਤੋਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

(5) ਜੀਵ – ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਡੰਗ ਤੋਂ ਰੱਖਿਆ-ਜਦੋਂ ਜੀਵ-ਜੰਤੂ ਕਈ ਵਾਰ ਡੰਗ ਮਾਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਇਹ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਖ਼ਾਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਤੇਜ਼ਾਬ ਛੱਡਦੇ ਹਨ । ਮਧੂਮੱਖੀ, ਭਰਿੰਡ, ਚਿੱਟੀ ਆਦਿ ਮੈਥੇਨਾਇਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਡੰਗ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਨਾਲ ਪਹੁੰਚਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਪੀੜਾ ਤੋਂ ਮੁਕਤੀ ਲਈ ਡੰਗ ਮਾਰੇ ਗਏ ਅੰਗ ਤੇ ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡਾ ਵਰਗੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

(6) ਖ਼ਾਸ ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਰੱਖਿਆ – ਨੇਟਲ (Nettle) ਪੌਦੇ ਦੇ ਪੱਤਿਆਂ ਤੇ ਡੰਗਨੁਮਾ ਵਾਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਛੂਹ ਜਾਣ ਤੇ ਡੰਗ ਵਰਗਾ ਦਰਦ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਲਾਂ ਤੋਂ ਮੈਥਿਨਾਇਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦਾ ਰਿਸਾਓ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਦਰਦ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਪਰੰਪਰਿਕ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਇਸ ਪੀੜਾ ਤੋਂ ਮੁਕਤੀ ਲਈ ਪਲਾਹ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਪੱਤੀਆਂ ਨੂੰ ਡੰਗ ਵਾਲੀ ਜਗ੍ਹਾ ਤੇ ਰਗੜ ਕਰ ਕੇ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੂਚਕ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਸੂਚਕਾਂ ਦੀ ਵੰਡ ਕਿਸ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਚਕ ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ਜੋ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਅਤੇ ਖਾਰੀ ਘੋਲਾਂ ਵਿੱਚ ਨਿਸਚਿਤ ਰੰਗ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੂਚਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਸੂਚਕਾਂ ਦੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਅਤੇ ਗੁਣਾਂ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦੋ ਭਾਗ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

  1. ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਅਤੇ ਖਾਰੀ ਮਾਧਿਅਮਾਂ ਨੂੰ ਰੰਗ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਸੂਚਕ ।
  2. ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਅਤੇ ਖਾਰੀ ਮਾਧਿਅਮਾਂ ਵਿੱਚ ਗੰਧ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਸੂਚਕ ।

1. ਰੰਗ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਸੂਚਕ-
(ਉ) ਲਿਟਮਸ ਘੋਲ – ਲਿਚੇਨ ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲਾ ਲਿਟਮਸ ਬੈਂਗਣੀ ਰੰਗ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਨੀਲੇ ਅਤੇ ਲਾਲ ਰੰਗ ਦੇ ਘੋਲ ਜਾਂ ਪੇਪਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦਾ ਹੈ । ਨੀਲਾ ਲਿਟਮਸ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਲਾਲ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਲਾਲ ਲਿਟਮਸ ਖਾਰ ਨੂੰ ਨੀਲੇ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਹੈ । ਲਿਟਮਸ ਖ਼ੁਦ ਨਾ ਤਾਂ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਨਾ ਖਾਰੀ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 5

(ਅ) ਹਲਦੀ – ਹਲਦੀ ਦਾ ਘੋਲ ਖਾਰਾਂ ਨੂੰ ਲਾਲ ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਕੱਪੜੇ ਤੇ ਲੱਗਾ ਸਬਜ਼ੀ ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਖਾਰੀ ਸਾਬਣ ਨਾਲ ਧੋਣ ਤੇ ਲਾਲ-ਭੂਰਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ੲ) ਫਿਨਾਲਫਥੇਲਿਨ-ਇਹ ਸੰਸ਼ਲਿਸ਼ਟ ਸੂਚਕ ਹੈ । ਇਹ ਖਾਰਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਗੁਲਾਬੀ ਰੰਗ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

(ਸ) ਮਿਥਾਈਲ ਔਰੇਂਜ – ਇਹ ਵੀ ਸੰਸ਼ਲਿਸ਼ਟ ਸੂਚਕ ਹੈ । ਇਹ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ਨੂੰ ਗੁਲਾਬੀ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਖਾਰ ਨੂੰ ਪੀਲੇ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।

2. ਗੰਧੀ ਸੂਚਕ – ਪਿਆਜ਼ ਦੇ ਕੱਟੇ ਹੋਏ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਟੁਕੜੇ, ਲੌਂਗ ਦਾ ਤੇਲ, ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਅਤੇ ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਗੰਧ · ਪੈਦਾ ਕਰਕੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਰੀਖਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਾਡੇ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਚਾਰ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਸਿਰਕਾ ਸਾਡੇ ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਪਕਾਉਣ ਅਤੇ ਉਸ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਅਤੇ ਆਚਾਰ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਾਡੇ ਪੇਟ ਵਿੱਚ HC1 ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਭੋਜਨ ਦੇ ਨਾਲ ਉੱਥੇ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  3. ਟਾਰਟੇਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ।
  4. ਕਾਰਬੋਨਿਕ ਅਮਲ ਪੀਣ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਤੇਜ਼ ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਤੇਜ਼ਾਬ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਤੇਜ਼ ਤੇਜ਼ਾਬ ਕਮਜ਼ੋਰ ਤੇਜ਼ਾਬ
(1) ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਨਾਲ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ H+ ਆਇਨਾਂ ਅਤੇ ਰਿਣਾਤਮਕ ਆਇਨਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । (1) ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਤੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮਾਂ H+ ਯਆਇਨਾਂ ਅਤੇ ਰਿਣਾਤਮਕ ਆਇਨਾਂ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਬਦਲਦੇ ।
(2) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸਾਮਯ ਸਥਾਪਨਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।
ਉਦਾਹਰਨ- H2SO4, HNO3
(2) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਆਇਨਾਂ ਅਤੇ ਅਵਿਯੋਜਿਤ ਅਣੂਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਸਾਮਯ ਸਥਾਪਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉਦਾਹਰਨ- H2CO3, CH3 COOH

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਤੇਜ਼ ਖਾਰ (Strong base) ਅਤੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰ (Weak base) ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ ਖਾਰ ਅਤੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਤੇਜ਼ ਖਾਰ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰ
ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਘੁਲ ਕੇ OH ਆਇਨ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ- NaOH, KOH
ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਅੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਘੁਲਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ- Ca (OH)2 Mg (OH)2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨੂੰ ਕਮਜ਼ੋਰ ਅਤੇ ਤੇਜ਼ ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਖਾਰ ਵਿੱਚ ਵਰਗੀਕ੍ਰਿਤ ਕਰੋ ।
(i) HCl
(ii) H2SO4
(iii) CH3COOH
(iv) HCN
(v) HClO4
(vi) H3PO4
(vii) NaOH
(viii) Ca(OH)2
(ix) NH4OH.
ਉੱਤਰ-
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਖਾਰਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਰਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਸਾਬਣ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਖਾਰੀ ਬੈਟਰੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਐਂਟਐਸਿਡ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  4. ਪੈਟਰੋਲ ਰਿਫਾਈਨਿੰਗ ਅਤੇ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਉਦਯੋਗ ਵਿੱਚ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  5. ਕੱਪੜਿਆਂ ਤੋਂ ਗੀਸ ਦੇ ਦਾਗ ਹਟਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  6. ਇਹ ਫਿਨਾਲਫਥੇਲਿਨ ਦੇ ਘੋਲ ਨੂੰ ਗੁਲਾਬੀ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਖਾਰ ਅਤੇ ਖਾਰਕ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਰ ਅਤੇ ਖਾਰਕ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ – ਉਹ ਖਾਰਕ ਜੋ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਖਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਸਾਰੇ ਖਾਰ ਖਾਰਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਪਰ ਖਾਰਕ ਖਾਰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਉਦਾਹਰਨ ਲਈ ਫੈਰਿਕ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ [Fe(OH)3] ਅਤੇ ਕਿਊਪਰਿਕ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ [Cu(OH)2] ਖਾਰਕ ਹਨ ਪਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਖਾਰ ਨਹੀਂ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸਾਧਾਰਨ ਨਮਕ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਧਾਰਨ ਨਮਕ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਨਮਕ ਸਾਡੇ ਭੋਜਨ ਦਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਭਾਗ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਅਨੇਕ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਸਾਬਣ ਉਦਯੋਗ, ਪਾਟਰੀ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਵਰਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇਹ ਹਿਮਕਾਰੀ ਮਿਸ਼ਰਣ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਇਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ, ਰੰਗਕਾਟ, ਕਾਸਟਿਕ ਸੋਡਾ, ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ, ਮਿੱਠਾ ਸੋਡਾ ਆਦਿ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਆਮ ਗੁਣ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
Ca(OH)2 (s) + Cl2 (g) → CaOCl2 (s) + H2O (l)
ਉੱਤਰ-
ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਇਸਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਲਈ ਇਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਟਾਵਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਉੱਪਰ ਤੋਂ ਹੋਰ (Hopper) ਤੋਂ ਸੁੱਕਾ ਬੁਝਿਆ ਹੋਇਆ ਚੂਨਾ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਵਾਲੇ ਪਾਸੇ ਤੋਂ ਕਲੋਰੀਨ ਗੈਸ ਅਤੇ ਗਰਮ ਹਵਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਕਲੋਰੀਨ ਉੱਪਰ ਤੱਕ ਪੁੱਜਦੇ-ਪੁੱਜਦੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੋਖ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬੁਝਿਆ ਹੋਇਆ ਚੂਨਾ ਰੰਗਕਾਟ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਗੁਣ-

  1. ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਪੀਲੇ ਰੰਗ ਦਾ ਚੂਰਨ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕਲੋਰੀਨ ਦੀ ਤਿੱਖੀ ਗੰਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਹੀਂ ।
  3. ਇਹ ਹਵਾ ਦੀ CO2 ਦੇ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕਲੋਰੀਨ ਨੂੰ ਗੁਆ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
    CaOCl2 + CO2 → CaCO3 + Cl2
  4. ਇਹ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
    CaOCl2 + 2HCl → CaCl2 + H2O + Cl2
    CaOCl2 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + Cl2

ਉਪਯੋਗ-

  1. ਕਾਗ਼ਜ਼ ਅਤੇ ਕੱਪੜਾ ਉਦਯੋਗ ਵਿੱਚ ਰੰਗਕਾਟ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ।
  2. ਪੀਣ ਵਾਲੇ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਰੋਗਾਣੂ ਰਹਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ।
  3. ਬਿਨਾਂ ਸੁੰਗੜਨ ਵਾਲੀ ਉੱਨ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ।
  4. ਇਹ ਕਲੋਰੋਫਾਰਮ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਪ੍ਰਯੋਗਸ਼ਾਲਾ ਵਿੱਚ ਇਹ ਆਕਸੀਕਾਰਕ ਦਾ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਦੀ ਤਿਆਰੀ ਲਈ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ਅਤੇ ਇਸ ਦੇ ਲਾਭ ਵੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਨ-
Cal(OH)2(s) Cl2(g) → CaOCl2(s) + H2O(l)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ । ਜਦੋਂ ਇਸ ਦੇ ਕ੍ਰਿਸਟਲਾਂ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਸੂਤਰ Na2C03 10H20 ਹੈ ਜਦੋਂ ਇਸਦੇ ਕ੍ਰਿਸਟਲਾਂ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਛੱਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਤਫੁਲਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨੌਂ ਅਣੂ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
Na2CO3. 10H2O → Na2CO3. H2O + 9 H2O

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਘੋਲ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਨ ‘ਤੇ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਵਿੱਚ ਵਰਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਸਮੀਕਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਨੂੰ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
Ca0Cl2 ਯੌਗਿਕ ਦਾ ਆਮ ਨਾਮ ਕੀ ਹੈ ? ਉਸ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜੋ ਕਲੋਰੀਨ ਦੇ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਰੰਗਕਾਟ ਪਾਊਡਰ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਯੌਗਿਕ CaOCl2 ਦਾ ਆਮ ਨਾਂ ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਹੈ । ਜਿਸ ਪਦਾਰਥ ਦੇ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕਲੋਰੀਨ ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ਉਸਦਾ ਨਾਂ ਬੁਝਿਆ ਹੋਇਆ ਚੂਨਾ [Ca(OH)2] ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡੇ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡੇ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਪੇਟ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਣ ਦੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਇਹ ਦਵਾਈ ਦਾ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਸ ਨੂੰ ਅੱਗ ਬੁਝਾਊ ਯੰਤਰ ਵਿੱਚ ਵੀ ਭਰਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਤਾਜ਼ੇ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚੋਂ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਤਾਜ਼ੇ ਚਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚੋਂ ਥੋੜ੍ਹੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਲੰਘਾਈ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਅਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਸਦਾ ਰੰਗ ਦੁਧੀਆ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 8

ਇਸ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਜੇ ਹੋਰ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਲੰਘਾਈ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਹ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਵੇਗਾ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਚੂਨੇ ਦੇ, ਪਾਣੀ ਦਾ ਦੁਧੀਆਪਨ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 9

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
pH ਸਕੇਲ ਕੀ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿਸੇ ਘੋਲ ਦੀ ਅਮਲਤਾ ਅਤੇ ਖਾਤਾ ਕਿਵੇਂ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ? ਇਕ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ pH ਅਤੇ (H3O+) ਦੇ ਪੂਰੇ ਪਰਿਸਰ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰੋ !
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਆਇਨ ਦੀ ਸਾਂਦਰਤਾ ਪਤਾ ਕਰਨ ਲਈ ਜਿਹੜੀ ਸਕੇਲ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਇਸ ਨੂੰ pH ਸਕੇਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਵਿੱਚ ‘p` ਪੁਸੀਂਸ (Potenz) ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਇਕ ਜਰਮਨ ਸ਼ਬਦ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦਾ ਅਰਥ ‘ਸ਼ਕਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਸਕੇਲ ਤੋਂ ਜ਼ੀਰੋ ਤੋਂ 14 ਤਕ pH ਦਾ ਪਤਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜ਼ੀਰੋ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਤੇਜ਼ਾਬੀਪਣ ਨੂੰ ਅਤੇ 14 ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਾਰੇਪਣ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਹਾਈਡਰੋਨੀਅਮ ਆਇਨ ਦੀ ਸਾਂਦਰਤਾ ਜਿੰਨੀ ਵੱਧ ਹੋਵੇਗੀ ਉਸਦਾ pH ਉੱਨਾ ਹੀ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ । ਕਿਸੇ ਉਦਾਸੀਨ ਘੋਲ ਦੇ pH ਦਾ ਮਾਨ 7 ਹੁੰਦਾ ਹੈ । 7 ਤੋਂ ਘੱਟ ਮਾਨ ਅਮਲੀ ਘੋਲ ਅਤੇ 7 ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਾਰੀ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦੇ ਹਨ | ਆਮ ਕਰਕੇ pH ਨੂੰ ਵੈਸ਼ਵਿਕ ਸੂਚਕ ਵਾਲੇ ਪੇਪਰ ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 10
ਕੁਝ ਆਮ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ pH ਪੇਪਰ ਤੇ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ pH ਪੇਪਰ ‘ ਤੇ ਨਿੰਬੂ ਦੇ ਰਸ ਦਾ pH = 2.2 ਅਤੇ ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਆ ਦਾ pH = 10 ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
(ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 11
ਉੱਤਰ-
ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ ਜਿਸਦਾ pH 2.2 ਹੈ ਜੋ ਕਿ 7 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੈ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦਾ ਹੈ ਅਤੇ 7 ਤੋਂ ਵੱਧ pH ਵਾਲਾ · ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਆ (pH = 10) ਖਾਰੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਧੋਣ ਵਾਲਾ ਸੋਡਾ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧੋਣ ਵਾਲਾ ਸੋਡਾ (Na2CO3 TOH) ਇਕ ਰਸਾਇਣ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡੇ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦੇ ਮੁੜ ਕ੍ਰਿਸਟਲੀਕਰਨ ਤੋਂ ਧੋਣ ਵਾਲਾ ਸੋਡਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਇਕ ਖਾਰੀ ਲੂਣ ਹੈ :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 12
ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਾਰਬੋਨੇਟ, ਕਈ ਉਦਯੋਗਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੇ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਰਸਾਇਣ ਹੈ ।

ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੱਚ, ਸਾਬਣ ਅਤੇ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਉਦਯੋਗਾਂ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬੋਰੈਕਸ ਵਰਗੇ ਸੋਡੀਅਮ ਯੌਗਿਕ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਘਰਾਂ ਦੀ ਸਾਫ਼ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  4. ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਥਾਈ ਕਠੋਰਤਾ ਨੂੰ ਹਟਾਉਣ ਲਈ ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਉਫੁਲਨ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਇਕ ਅਜਿਹੇ ਯੌਗਿਕ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜੋ ਉਰਫੁਲਨ ਦਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਆਪਣੇ ਉੱਤਰ ਨੂੰ ਇਕ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਤਫੁਲਨ – ਉਤਫੁਲਨ ਉਸ ਕਿਰਿਆਂ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਯੌਗਿਕ ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਪਾਣੀ ਦੇ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੁਕਤ ਹੋਣ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਨ ਨਾਲ ਜਾਂ ਆਪਣੇ ਆਪ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਵਿੱਚ ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਪਾਣੀ ਮਿਲਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਦਾ ਸੁਤਰ Na2CO3 10H2O ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਸ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਪਾਣੀ ਦੇ 9 ਅਣੂ ਗੁਆ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਕੱਲਾ ਹਾਈਡਰੇਟ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਰਹਿ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
Na2 CO3 10H2O → Na2 CO3 H2O + 9H2O
ਗਰਮ ਕਰਨ ‘ਤੇ ਇਹ ਆਪਣੇ ਸਾਰੇ ਕ੍ਰਿਸਟਲੀ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਗੁਆ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 13

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਇਕ ਬੇਕਰ ਨੇ ਦੇਖਿਆ ਕਿ ਉਸ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਇਆ ਕੇਕ ਸਖ਼ਤ ਤੇ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਛੋਟਾ ਹੈ । ਉਹ ਕਿਹੜਾ ਸੰਘਟਕ ਹੈ ਜੋ ਉਹ ਇਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਉਣਾ ਭੁੱਲ ਗਿਆ ਜਿਸ ਨਾਲ ਕੇਕ ਫੁਲ ਸਕਦਾ ਸੀ। ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੇਕ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਬੇਕਰੀ ਵਾਲਾ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਪਾਉਣਾ ਭੁੱਲ ਗਿਆ । ਜਦੋਂ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ (ਸੋਡੀਅਮ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਟਾਰਟਰਿਕ ਅਮਲ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਪਾ ਕੇ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਟਾਰਟਰਿਕ ਅਮਲ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਸੋਡੀਅਮ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਕੇਕ ਫੁੱਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਹਲਕਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਬੇਕਰੀ ਵਾਲਾ ਕੇਕ ਸਖ਼ਤ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਛੋਟਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਨਿਸਚਿਤ ਹੈ ਕਿ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਮਿਲਾਉਣਾ ਭੁੱਲ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਛੱਡ ਦੇਣ ਤੇ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲਾ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਆਪਣੇ ਗੁਣਾਂ ਵਿੱਚ ਖ਼ਰਾਬੀ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ CO ਇਸ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਕਲੋਰੀਨ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਦੇ ਗੁਣ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
CaOCl2 + CO2 → Ca CO3 + Cl2

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਹਸਪਤਾਲਾਂ (Hospitals) ਵਿੱਚ ਟੁੱਟੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਹੱਡੀਆਂ ਨੂੰ ਜੋੜ ਕੇ ਬੈਠਾਉਣ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਂਦੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਯੌਗਿਕ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ । ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਨਿਰਮਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਟੁੱਟੀ ਹੋਈ ਹੱਡੀ ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਲਈ ਜਿਹੜੇ ਯੌਗਿਕ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਉਸ ਨੂੰ ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ਼ ਪੈਰਿਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਨਾਂ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਸਲਫੇਟ ਹੇਮੀ ਹਾਈਡਰੇਟ (CaSO4. \(\frac {1}{2}\) H2O) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਭੱਠੀ ਵਿੱਚ ਜਿਪਸਮ ਨੂੰ 373 K ਤਾਪ ਤੇ ਗਰਮ ਕਰ ਕੇ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ਼ ਪੈਰਿਸ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਅਤੇ ਲਾਭ ਲਿਖੋ
ਉੱਤਰ-
ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ ਪੈਰਿਸ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ : CaOCl2 ,\(\frac {1}{2}\) H2O.

ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ ਪੈਰਿਸ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਇਸ ਨੂੰ ਸਾਂਚੇ, ਖਿਡੌਣੇ, ਸਿਰੇਮਿਕ, ਬਰਤਨ ਆਦਿ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ |
  2. ਸਜਾਵਟੀ ਸਮਾਨ, ਮੂਰਤੀਆਂ ਆਦਿ ਇਸ ਤੋਂ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  3. ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਹੱਡੀਆਂਵਾਲਾ ਵਿਭਾਗ ਅਤੇ ਦੰਦਾਂ ਦਾ ਵਿਭਾਗ ਇਸ ਨੂੰ ਕਾਫ਼ੀ ਵਰਤਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਟੁੱਟੀਆਂ ਹੱਡੀਆਂ ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਟੁੱਟੇ ਹੋਏ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਨਕਲੀ ਦੰਦ ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਸਾਂਚੇ ਇਸ ਤੋਂ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  4. ਘਰਾਂ ਦੀਆਂ ਕੰਧਾਂ ਅਤੇ ਛੱਤਾਂ ਨੂੰ ਸਮਤਲ ਕਰਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਡਿਜ਼ਾਇਨ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਅੱਗ ਬੁਝਾਉ ਸਮੱਗਰੀ ਇਸ ਤੋਂ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  6. ਪ੍ਰਯੋਗਸ਼ਾਲਾ ਵਿੱਚ ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਰਿਸਾਵ ਇਸ ਤੋਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਅਨੇਕ ਲੋਕ ਪੇਟ ਵਿੱਚ ਗੈਸ ਦੀ ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਤੋਂ ਆਰਾਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਲੋਕ ‘ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਆ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਿਉਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਐਂਟ ਐਸਿਡ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿਹਦੇ ਵਿੱਚ ਜਠਰ ਰਸ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਐਂਜ਼ਾਈਮ ਪੇਪਸਿਨ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਅਮਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਐਂਜ਼ਾਈਮ ਪੇਪਸਿਨ ਅਮਲੀ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਹੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਨਿਕਲਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਮਿਹਦੇ ਵਿੱਚ ਜਲਨ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਗੈਸ (acidity) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਅਮਲ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨ ਕਰਨ ਲਈ ਜਿਹੜੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਐਂਟੀ ਐਸਿਡ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਆਮ ਕਰਕੇ ਲੋਕ ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਆ’ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਇਕ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰ ਹੈ । ਇਹ ਵਧੇਰੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨ ਕਰਕੇ ਆਰਾਮ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਦੰਦ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਟੁਥਪੇਸਟ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ? ਕਿਉਂ ?
ਜਾਂ
pH ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਿਵੇਂ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਖੈ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਖਾਣਾ ਖਾਣ ਦੇ ਬਾਅਦ ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ ਸ਼ਕਰ ਆਦਿ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਭੋਜਨ ਦੇ ਕਣ ਆਦਿ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਡੇਜ਼ਾਬ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਮੁੰਹ ਵਿੱਚ pH ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਖੈ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਭੋਜਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਖਾਰੀ ਟੁਥਪੇਸਟ ਜਾਂ ਟੁਥਮੰਜਨ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰ ਵਾਧੂ ਜਾਂ ਫ਼ਾਲਤੂ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨੂੰ ਉਦਾਸੀਨ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਖੈ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ ਕੀ ਹੈ ? ਮਿੱਟੀ ਦੀ pH ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਪਤਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ-ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ SO2 SO3 NO2 ਆਦਿ ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਵਰਖਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਤੇ ਵਾਪਸ ਡਿੱਗਣ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਮਿੱਟੀ ਦਾ pH ਵੈਸ਼ਵਿਕ ਸੂਚਕ ਪੇਪਰ ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਜਾਂ ਖਾਰੀ ਹੋਣ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਵਰਖਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦਾ pH ਮਾਨ ਜਦੋਂ 5-6 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਵਰਖਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਮਿੱਟੀ ਦਾ pH ਪਤਾ ਕਰਨ ਲਈ ਪਰਖਨਲੀ ਵਿੱਚ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਘੋਲ ਕੇ, ਇਸ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਵੈਸ਼ਵਿਕ ਸੂਚਕ ਪੇਪਰ ਤੋਂ pH ਦੀ ਜਾਂਚ ਕਰ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਦੰਦ ਸੜਨ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੰਦ ਸੜਨ-ਖਾਣਾ ਖਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੁੰਹ ਵਿੱਚ ਚੀਨੀ ਦੀ ਅਧਿਕਤਾ ਹੋਣ ਤੇ ਜੀਵਾਣੁਆਂ ਦੁਆਰਾ ਭੋਜਨ ਦੇ ਕਣ ਤੇਜ਼ਾਬ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਤੋਂ pH ਦਾ ਮਾਨ 5.5 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਦੰਦ ਸੜਨ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਕੱਪੜੇ ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਨਾਂ ਅਤੇ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ । ਇਸ ਦੇ ਦੋ ਲਾਭ ਵੀ ਲਿਖੋ ।

ਕੱਪੜੇ ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਨਾਂ-ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ।
ਕੱਪੜੇ ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ-Na2CO3.10H2O
ਕੱਪੜੇ ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦੇ ਲਾਭ-ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਸਿਰਲੇਖ ਅਧੀਨ ਦੇਖੋ 15(ੳ) ਪ੍ਰਸ਼ਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਧੋਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ (Washing Soda) ਦੇ ਦੋ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਦੇਖੋ ਅਭਿਆਸ ਦਾ ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15 (ੳ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 15 ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 16
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ 17

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਆਇਓਡੀਨ ਯੁਕਤ ਲੂਣ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਦੀ ਸਲਾਹ ਕਿਉਂ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਜਨ ਵਿੱਚ ਆਇਉਡੀਨ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਗਲਗੰਡ (Goitre) ਨਾਂ ਦਾ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਰੋਗ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਭੋਜਨ ਵਿੱਚ ਆਇਉਡੀਨਯੁਕਤ ਲੂਣ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਦੀ ਸਲਾਹ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

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ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਭੋਜਨ ਦਾ ਖੱਟਾ ਸੁਆਦ ਕਿਸ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੌੜੇ ਸੁਆਦ ਦਾ ਕਾਰਨ ਕੌਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਖਾਰਾਂ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋ ਆਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਨ ‘ਤੇ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਧਾਤੂ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਾਰਬੋਨੇਟ, ਅਮਲਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5. ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚੋਂ CO2 ਨੂੰ ਲੰਘਾਉਣ ਤੇ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੂਨੇ ਦਾ ਪਾਣੀ ਦੁਧੀਆ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ CO2 ਲੰਘਾਉਣ ਤੇ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਦੁਧੀਆਪਨ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਲ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲCa (HCO3)2 ਬਣਨ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਅਧਾਤੂ ਆਕਸਾਈਡ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਇਨਾਂ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ਕਿਹੜੇ ਆਇਨ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਆਇਨ H+ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਖਾਰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਆਇਨ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ (OH) ਆਇਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਖਾਰ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਖਾਰਕ ਨੂੰ ਖਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਨੂੰ ਪਤਲਾ (ਤਣੂ) ਕਰਨ ਲਈ ਕੀ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸਾਂਦਰ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨੂੰ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਮਿਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਨਾ ਕਿ ਸਾਂਦਰ ਤੇਜ਼ਾਬ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
pH ਸਕੇਲ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਆਇਨ ਦੀ ਸਾਂਦਰਤਾ ਪਤਾ ਕਰਨ ਦੀ ਸਕੇਲ ਨੂੰ pH ਸਕੇਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
pH ਸਕੇਲ ਵਿੱਚ ਕਿੱਥੋਂ ਤੋਂ ਕਿੱਥੋਂ ਤੱਕ pH ਮਾਨ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
0 ਤੋਂ 14 ਤੱਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕਿਸੇ ਉਦਾਸੀਨ ਘੋਲ ਦੇ pH ਦਾ ਮੂਲ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
pH ਦਾ 7 ਹੋਵੇਗਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
pH ਸਕੇਲ ਵਿੱਚ ਘੋਲ ਦਾ ਮਾਨ 7 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਇਸ ਦਾ ਕੀ ਮਤਲਬ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
pH ਸਕੇਲ ਦੇ ਘੋਲ ਦਾ ਮਾਨ 7 ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਘੋਲ ਵਿੱਚ OHਦੀ ਸਾਂਦਰਤਾ ਅਰਥਾਤ ਖਾਰ ਦੀ ਵੱਧਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ pH ਸਕੇਲ ਤੇ ਕਿੰਨਾ ਮਾਨ ਦਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਗਪਗ 2.2.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਮਿਲਕ ਆਫ਼ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਆ pH ਸਕੇਲ ‘ਤੇ ਕੀ ਮਾਨ ਦਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
10.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ pH ਸਕੇਲ ‘ਤੇ ਕੀ ਮਾਨ ਦਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਗਪਗ 14.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਸ਼ੁਕਰ ਗ੍ਰਹਿ ਦਾ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਕਿਸ ਨਾਲ ਘਿਰਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਲਫ਼ਿਊਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੇ ਮੋਟੇ ਸਫ਼ੈਦ ਅਤੇ ਪੀਲੇ ਬੱਦਲਾਂ ਨਾਲ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਸਾਡੇ ਪੇਟ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਤੇਜ਼ਾਬ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਪੇਟ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦਾ ਉਪਚਾਰ ਕਿਸ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਐਂਟਐਸਿਡ ਵਰਗੇ ਖਾਰਕਾਂ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਮੂੰਹ ਵਿੱਚ ਦੰਦਾਂ ਦਾ ਖੈ ਕਦੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
pH ਦਾ ਮਾਨ 5.5 ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਣ ‘ਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਡੰਗ ਮਾਰੇ ਗਏ ਅੰਗ ਤੇ ਕਿਸ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਤੋਂ ਆਰਾਮ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡਾ ਵਰਗੇ ਕਮਜ਼ੋਰ ਖਾਰਕ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਸਿਰਕੇ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਤੇਜ਼ਾਬ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਐਸਿਟਿਕ ਐਸਿਡ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਦਹੀ ਅਤੇ ਖੱਟੇ ਦੁੱਧ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਤੇਜ਼ਾਬ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੈਕਟਿਕ ਐਸਿਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ (Exothermic reaction) ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਤਾਪ ਸੋਖੀ (Endothermic reaction) ਕਿਰਿਆ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਹੜੀਆਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਦਾ ਸੋਸ਼ਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤਾਪ ਸੋਖੀ ਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਠੋਸ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ (NaCl) ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਚਾਲਕ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਠੋਸ ਸੋਡੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ਵਿੱਚ Na+ ਅਤੇ Cl ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਮਜ਼ਬੂਤ ਕੁਲਾਮੀ ਬਲਾਂ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵੀ ਆਜ਼ਾਦ ਆਇਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਇਹ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਚਾਲਕ ਨਹੀਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਘੋਲਕ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਘੋਲਕ ਉਹ ਯੌਗਿਕ ਹੈ, ਜੋ ਜਲੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆ ਕੇ ਧਨਾਤਮਕ ਜਾਂ ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਾਰਜਾਂ ਵਾਲੇ ਆਇਨਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਘੋਲਕ (Strong Electrolytes) ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਯੌਗਿਕ ਜਿਸ ਦੀ ਜਲੀ ਘੋਲ ਦੀ ਵਿਛੇਦਨ ਮਾਤਰਾ 30% ਹੋਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਘੋਲਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਕਮਜ਼ੋਰ ਘੋਲਕ (Weak Electrolyte) ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਯੌਗਿਕ ਜਿਸ ਦੇ ਜਲੀ ਘੋਲ ਦੀ ਵਿਛੇਦਨ ਮਾਤਰਾ 30% ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਕਮਜ਼ੋਰ ਘੋਲਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਮਿੱਠਾ ਸੋਡਾ ਅਤੇ ਟਾਰਰਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਕੇਕ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਬੇਕਿੰਗ ਪਾਊਡਰ ਵਿੱਚ ਜੇ ਟਾਰਟਰਿਕ ਅਮਲ ਨਾ ਵਰਤਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੇਕ ਦਾ ਸਵਾਦ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਕਾਰਨ ਕੌੜਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਅੱਗ ਬੁਝਾਉਣ ਲਈ ਯੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ ਰਸਾਇਣ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਸਲਫਿਊਰਿਕ ਐਸਿਡ ਦਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਸੋਡਾ ਐਸਿਡ ਅੱਗ ਬੁਝਾਊ ਯੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 38.
ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਸੰਕਰਮਣ ਰਹਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਹੜੇ ਯੌਗਿਕ ਦੀ ਆਮ ਕਰਕੇ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ (CaOCl2) ਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 39.
ਰੰਗਕਾਟ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਦੀ ਗੰਧ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਲੋਰੀਨ ਗੈਸ ਦੀ ਗੰਧ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 40.
ਕਈ ਵਾਰ ਤਰਨ ਤਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਤੈਰਨ ਨਾਲ ਅੱਖਾਂ ਲਾਲ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰੰਗਕਾਟ ਚੂਰਨ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਕਾਰਨ ਅੱਖਾਂ ਲਾਲ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 41.
ਇਮਲੀ ਅਤੇ ਕੀੜੀ ਦੇ ਡੰਗ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਮਲੀ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਤੇਜ਼ਾਬ-ਟਾਰਟਰਿਕ ਐਸਿਡ ।
ਕੀੜੀ ਦੇ ਡੰਗ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਤੇਜ਼ਾਬ-ਮੇਥੈਨਾਂਇਕ ਐਸਿਡ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 42.
ਸਾਰੇ ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਸਾਰੇ ਖਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕੀ-ਕੀ ਸਾਂਝਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਅਤੇ ਖਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਮਾਨਤਾ-

  1. ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਖਾਰ ਕੁੱਝ ਧਾਤਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  2. ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਖਾਰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲ ਕੇ ਹਾਈਡਰੋਨੀਅਮ ਆਇਨ (H3O+), ਹਾਈਡੁਕਸਿਲ ਆਇਨ (OH) ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਘੋਲ ਬਣਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ਦਾ pH ਮਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-
(a) pH > 7
(b) pH < 7
(c) pH = 7
(d) pH = 14.
ਉੱਤਰ-
(b) pH < 7.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਉਦਾਸੀਨ ਘੋਲ ਦਾ pH ਮਾਨ ਹੈ-
(a) 7
(b) > 7
(c) < 7
(d) 14.
ਉੱਤਰ-
(a) 7.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
Na2CO3 ਦਾ ਪ੍ਰਚਲਿਤ ਨਾਂ ਹੈ-
(a) ਬਲੀਚਿੰਗ ਪਾਊਡਰ
(b) ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡਾ
(c) ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ਼ ਪੈਰਿਸ
(d) ਵਾਸ਼ਿੰਗ ਸੋਡਾ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਵਾਸ਼ਿੰਗ ਸੋਡਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਐਸਿਡ ਨਾਲ ਖਾਰ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਲੂਣ ਅਤੇ ਜਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ’
(a) ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ
(b) ਤਣੂਕਰਨ
(c) ਕਲੋਰੋਬਾਰ
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਵੀ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਡਾਕਟਰ ਟੁੱਟੀ ਹੋਈ ਹੱਡੀ ਨੂੰ ਸਹੀ ਜਗ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਸਥਿਰ ਰੱਖਣ ਲਈ ਕਿਸੇ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
(a) ਸੀਮੇਂਟ
(b) ਜਿਪਸਮ
(c) ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ਼ ਪੈਰਿਸ
(d) ਸੋਡਾ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਪਲਾਸਟਰ ਆਫ਼ ਪੈਰਿਸ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਖਾਰ ਨੂੰ …………………….. ਆਖਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਐਲਕਲੀ

(ii) ਸਲਫ਼ਰ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਗੈਸ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ …………………… ਹੋਵੇਗੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬੀ

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 2 ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣ

(iii) ਤੇਜ਼ਾਬੀ ਘੋਲ ਦਾ pH ਮਾਨ 7 ਤੋਂ ………………….. ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਘੱਟ

(iv) ਧਾਤਾਂ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ………………………. ਗੈਸ ਬਣਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ

(v) ਖਾਰ ਦਾ ਜਲੀ ਘੋਲ …………………….. ਨੂੰ ਨੀਲਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਲਾਲ ਲਿਟਮਸ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੰਤੁਲਿਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਲਿਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਚਰਨਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਤੁਲਿਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਲਿਖਣ ਦੇ ਤਰੀਕੇ ਬਾਰੇ ਜਾਣਨ ਲਈ ਇਕ ਉਦਾਹਰਣ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ ।
ਜ਼ਿੰਕ + ਸਲਫਿਊਰਿਕ ਐਸਿਡ → ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫੇਟ + ਹਾਈਡਰੋਜਨ ।
ਇਸ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2

ਤੀਰ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਪਾਸੇ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ।

ਤੱਤ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ (LHS) ਉਤਪਾਦਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ (RHS)
Zn 1 1
H 2 2
S 1 1
O 4 4

ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਤੀਰ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਦੇ ਦੋਨੋਂ ਪਾਸੇ ਹਰ ਤੱਤ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਬਰਾਬਰ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਇੱਕ ਸੰਤੁਲਿਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਹੈ ।
ਹੁਣ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਾਂ-
Fe + H2O → Fe3O4 + H2

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਚਰਨ 1.
ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹਰ ਸੂਤਰ ਦੇ ਚਾਰੋਂ ਪਾਸੇ ਇਕ ਬਾਕਸ ਬਣਾ ਲਉ । ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਬਾਕਸ ਅੰਦਰ ਕੁਝ ਵੀ ਬਦਲਾਅ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 1

ਚਰਨ 2.
ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਦੀ ਸੂਚੀ ਬਣਾਉ ।

ਤੱਤ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ (LHS) ਉਤਪਾਦਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ (RHS)
Fe 1 3
H 2 2
0 1 4

ਚਰਨ 3.
ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪਰਮਾਣੂ ਵਾਲੇ ਯੌਗਿਕ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰੋ ਬੇਸ਼ੱਕ ਉਹ ਅਭਿਕਾਰਕ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਉਤਪਾਦ ॥ ਉਸ ਯੋਗਿਕ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪਰਮਾਣੂ ਵਾਲੇ ਤੱਤ ਨੂੰ ਚੁਣ ਲਉ । ਇਸ ਆਧਾਰ ਤੇ ਅਸੀਂ Fe੦, ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਆਕਸੀਜਨ ਤੱਤ ਨੂੰ ਚੁਣ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ । ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਚਾਰ ਪਰਮਾਣੂ ਹਨ ਅਤੇ ਖੱਬੇ ਪਾਸੇ ਸਿਰਫ਼ ਇੱਕ ਆਕਸੀਜਨ ਪਰਮਾਣੂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਲਈ-

ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦ ਵਿੱਚ
(i) ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ 1 (H2O ਵਿੱਚ) 4 (Fe3O4 ਵਿੱਚ)
(ii) ਸੰਤੁਲਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ 1 × 4 4

ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਨੂੰ ਬਰਾਬਰ ਕਰਨ ਲਈ ਅਸੀਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਤੱਤਾਂ ਅਤੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਸੂਤਰਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਬਦਲ ਸਕਦੇ , ਜਿਵੇਂ ਆਕਸੀਜਨ ਪਰਮਾਣੂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਅਸੀਂ 4 ਗੁਣਾਂਕ ਲਗਾ ਕੇ 4H2O ਲਿਖ ਸਕਦੇ ਹਾਂ, ਪਰ H2O4 ਜਾਂ (H2O)2 ਜਾਂ (H2O)4 ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ! ਅੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ ਹੁਣ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲੱਗੇਗਾ ।
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ਚਰਨ 4.
Fe ਅਤੇ ਸ ਪਰਮਾਣੂ ਅਜੇ ਵੀ ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਇਕ ਤੱਤ ਨੂੰ ਚੁਣ ਕੇ ਅੱਗੇ ਵਧਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਪਰਮਾਣੁ ਨੂੰ ਬਰਾਬਰ ਕਰਨ ਲਈ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਅਣੁ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਨੂੰ ‘4’ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਾਂ ।

ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਾਂ ਵਿੱਚ
(i) ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ 8 (4H2O) ਵਿੱਚ 2 (H2 ਵਿੱਚ)
(ii) ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਲਈ 8 2 × 4

ਹੁਣ ਸਮੀਕਰਣ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲੱਗੇਗਾ
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ਚਰਨ 5.
ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਸਮੀਕਰਣ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕਰੋ ਅਤੇ ਤੀਸਰਾ ਤੱਤ ਚੁਣ ਲਉ ਜੋ ਅਜੇ ਤਕ ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਹੈ । ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਸਿਰਫ਼ ਲੋਹਾ ਹੀ ਇੱਕ ਤੱਤ ਹੈ ਜੋ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨਾ ਬਾਕੀ ਹੈ ।

ਲੋਹਾ ਪਰਮਾਣੂ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਾਂ ਵਿੱਚ
(i) ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ 1 (Fe ਵਿੱਚ) 3 (Fe3O4 ਵਿੱਚ)
(ii) ਸੰਤੁਲਨ ਲਈ 1 × 3 3

Fe ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਅਸੀਂ Fe ਦੇ 3 ਪਰਮਾਣੂ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ ।
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ਚਰਨ 6.
ਅੰਤ ਵਿੱਚ, ਇਸ ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ ਦੀ ਜਾਂਚ ਦੇ ਲਈ ਸਮੀਕਰਣ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਪਾਸੇ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਕਰਨ ਤੇ
3Fe +4H2O → Fe3O4 + 4H2
(ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ)
ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਦੋਵੇਂ ਪਾਸੇ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਬਰਾਬਰ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਸਮੀਕਰਣ ਹੁਣ ਸੰਤੁਲਿਤ ਹੈ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਹਿਟ ਐਂਡ ਟਾਇਲ ਵਿਧੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਕਿਉਂਕਿ ਸਭ ਤੋਂ ਛੋਟੀ ਪੂਰਨ ਅੰਕ ਸੰਖਿਆ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ।

ਚਰਨ 7.
ਭੌਤਿਕ ਅਵਸਥਾ ਦੇ ਸੰਕੇਤ ਲਿਖਣਾ – ਉੱਪਰ ਲਿਖੇ ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਭੌਤਿਕ ਅਵਸਥਾ ਦੀ ਕੋਈ ਜਾਣਕਾਰੀ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਵਾਲਾ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਭੌਤਿਕ ਅਵਸਥਾ ਨੂੰ ਵੀ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅਭਿਕਾਰਕ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੇ ਠੋਸ, ਗੈਸ ਅਤੇ ਤਰਲ ਤੇ ਜਲੀ ਅਵਸਥਾ ਨੂੰ ਵਾਰੀ-ਵਾਰੀ (s), (g), (1) ਅਤੇ (aq) ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ | ਅਭਿਕਾਰਕ ਜਾਂ ਉਤਪਾਦ ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੋਲ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਤਾਂ (aq) ਲਿਖਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਮੀਕਰਣ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹੋਵੇਗਾ-
3Fe(s) + 4H2O(g) → Fe3O4(s) + 4H2(g)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਸਹਿਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਕਿਸੇ ਇਕ ਤੱਤ ਦਾ ਪਰਮਾਣੂ ਦੂਸਰੇ ਤੱਤ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਬਦਲਦਾ ਹੈ । ਨਾ ਹੀ ਕੋਈ ਪਰਮਾਣੂ ਮਿਸ਼ਰਣ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਨਾ ਹੀ ਬਾਹਰ ਤੋਂ ਮਿਸ਼ਰਣ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦਾ ਹੈ । ਅਸਲ ਵਿੱਚ, ਇਸੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੇ ਆਪਸੀ ਬੰਧਨ ਦੇ ਟੁੱਟਣ ਅਤੇ ਜੁੜਨ ਨਾਲ ਨਵੇਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

1. ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਅਭਿਕਾਰਕ ਮਿਲ ਕੇ ਏਕਲ ਉਤਪਾਦ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਉਸ ਨੂੰ ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਜਿਵੇਂ-ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਕੇ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਗਰਮੀ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 5
ਇਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਮਿਲ ਕੇ ਏਕਲ ਉਤਪਾਦ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

2. ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਉਹ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਯੌਗਿਕ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸਰਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਟੁੱਟਦਾ ਹੈ, ਉਸ ਨੂੰ ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 6

3. ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਤੱਤ ਦੂਸਰੇ ਤੱਤ ਨੂੰ ਉਸ ਦੇ ਯੌਗਿਕ ਵਿੱਚੋਂ ਵਿਸਥਾਪਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉਦਾਹਰਨ-
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4. ਦੂਹਰੀ-ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਦੂਹਰੀ-ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਦੋ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪਰਮਾਣੂ ਜਾਂ ਪਰਮਾਣੂਆਂ ਦੇ ਸਮੂਹ ਦਾ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਆਦਾਨ-ਪ੍ਰਦਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉਦਾਹਰਨ-
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਲਘੂਕਰਨ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਲਘੂਕਰਨ – ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਆਕਸੀਜਨ ਉਦੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਉਸ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਵਾਧਾ ਜਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਉਲਟ ਜਦੋਂ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ, ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਹਾਨੀ ਜਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦਾ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਉਦਾਹਰਨ – ਕਾਪਰ ਚੂਰਣ ਵੀ ਸਤਹਿ ‘ਤੇ ਕਾਪਰ (II) ਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਕਾਲੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਕਾਲਾ ਪਦਾਰਥ ਕਿਉਂ ਬਣਿਆ ? ਇਹ ਕਾਪਰ ਆਕਸਾਈਡ, ਕਾਪਰ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਯੋਗ ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਹੈ ।
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ਜੇ ਇਸ ਗਰਮ ਪਦਾਰਥ ਦੇ ਉੱਪਰ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਕਿ ਉਸਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋਇਆ ਹੈ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਪਦਾਰਥ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਕਿ ਉਸਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਹੋਇਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕਾਪਰ (II) ਆਕਸਾਈਡ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਇਸਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਵਾਧਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋਇਆ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਇਕ ਅਭਿਕਾਰਕ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਦੂਸਰੇ ਪ੍ਰਤੀਕਾਰਕ ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਕਰਨ ਲਘੂਕਰਨ ਜਾਂ ਰੇਡਾਕਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 10
ਰੇਡਾਕਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੇ ਕੁੱਝ ਹੋਰ ਉਦਾਹਰਨ ਹਨ-
(i) ZnO+C → Zn + CO
ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋ ਕੇ CO ਅਤੇ ZnO ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਹੋ ਕੇ Zn ਬਣਦਾ ਹੈ ।
(ii) MnO2 + 4HCl → MnCl2 + Cl2 + 2H2O
ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ HCl ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋ ਕੇ Cl2 ਅਤੇ MnO2 ਦਾ ਲਘੂਕਰਨ ਹੋ ਕੇ MnCl2 ਬਣਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਤੇਜ਼ਾਬ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਚਾਰ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ਾਬ- ਅਜਿਹੇ ਯੌਗਿਕ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਜਾਂ ਇੱਕ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਪਰਮਾਣੂ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲ ਕੇ ਚਾਰਜਿਤ ਹਾਈਡਰੋਨੀਅਮ ਆਇਨ (H3O+) ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਤੇਜ਼ਾਬ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ। ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦਾ ਸੁਆਦ ਖੱਟਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਤੇਜ਼ਾਬਾਂ ਦੇ ਗੁਣ-
(1) ਧਾਤੂਆਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਧਾਤਾਂ ਜਿਵੇਂ-ਜ਼ਿੰਕ, ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ, ਲੋਹਾ, ਮੈਗਨੀਜ਼ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
Zn(s) + ਤਣ H2SO4(aq) → ZnSO4(aq) + H2(g) ↑
Mg(s) + ਤਣ 2HCl (aq) → MgCl2(aq) + H2(g) ↑

(2) ਧਾਤੂ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ-ਤੇਜ਼ਾਬ ਧਾਤੂ ਕਾਰਬੋਨੇਟਾਂ ਅਤੇ ਧਾਤੂ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ CO2 ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
Na2CO3 + H2SO4 → Na2SO4+ H2O + CO2
NaHCO3 + HCl → NaCl + H2O + CO2

(3) ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ ਖਾਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਉਦਾਸੀਨੀਕਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਲੂਣ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
HCl + NaOH → NaCl + H2O
HCl + KOH → KCl + H2O

(4) ਧਾਤੂ ਸਲਫਾਈਡ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ – ਤੇਜ਼ਾਬ, ਵੱਖ-ਵੱਖ ਧਾਤੂ ਸਲਫਾਈਡਾਂ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ H2S ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
FeS + H2SO4 → FeSO4 + H2S(g)
KHS + 2HCl → 2KCl + 2H2S(g)
(ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਈ ਗਈ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਲਿਖੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 11
ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਲੂਣਾਂ ਦੇ ਘੋਲਾਂ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਈ ਗਈ ਹੈ ਇਹ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ।
ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ-ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਤੱਤ ਦੂਸਰੇ ਤੱਤ ਨੂੰ ਉਸ ਦੇ ਯੌਗਿਕ ਵਿੱਚੋਂ ਵਿਸਥਾਪਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਉਦਾਹਰਨ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 12

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਨੂੰ ਲਿਖਦੇ ਸਮੇਂ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਰਸਾਇਣਿਕ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਨਾ ।
  2. ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੇ ਸਾਰੇ ਤੱਤਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਤੀਕਾਂ ਨਾਲ ਦਰਸਾਉਣਾ ।
  3. ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੇ ਹਰ ਤੱਤ ਦੇ ਕੁੱਲ ਪਰਿਣਾਮਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਦਾ ਦੋਵੇਂ ਪਾਸੇ ਬਰਾਬਰ ਹੋਣਾ ।
  4. ਭੌਤਿਕ ਅਵਸਥਾ, ਤਾਪ ਅਤੇ ਹਾਲਤਾਂ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਸਮਝਾਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਅਭਿਕਾਰਕ ਮਿਲ ਕੇ ਏਕਲ ਉਤਪਾਦ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਉਸ ਨੂੰ ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ-
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਅਤੇ ਉਸਦਾ ਇਕ ਉਪਯੋਗ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ – Ca(OH)2
ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਦੇ ਘੋਲ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੰਧਾਂ ਤੇ ਸਫ਼ੇਦੀ ਕਰਨ ਲਈ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸਫ਼ੇਦੀ ਕਰਨ ਦੇ ਦੋ ਤਿੰਨ ਦਿਨ ਬਾਅਦ ਚਮਕ ਕਿਉਂ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰੋਆਕਸਾਈਡ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੇ ਨਾਲ ਧੀਮੀ ਗਤੀ ਨਾਲ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਕੰਧਾਂ ਤੇ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦੀ ਇਕ ਪਤਲੀ ਪਰਤ ਬਣਾ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਸਫ਼ੈਦੀ ਕਰਨ ਦੇ ਦੋ-ਤਿੰਨ ਦਿਨਾਂ ਬਾਅਦ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨਾਲ ਕੰਧਾਂ ਤੇ ਚਮਕ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੰਗਮਰਮਰ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਬਣਨ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਗਮਰਮਰ ਨੂੰ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਇਸਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਹੈ- CaCO3
ਇਸਦੇ ਬਣਨ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 14

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਅਤੇ ਦੋ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ (Exothermic Reaction) – ਜਿਹੜੀਆਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਤਾਪ ਵੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
A + B → C +D+ ਤਾਪ ਊਰਜਾ
ਇਨ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਦੀ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੀ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ > ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ
ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੇ ਕੁਝ ਹੋਰ ਉਦਾਹਰਨ ਹਨ-
(i) ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ਦਾ ਦਹਿਣ-
CH4(g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O(g) + ਊਰਜਾ

(ii) ਸਾਗ-ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਦਾ ਵਿਘਟਨ ਹੋ ਕੇ ਕੰਪੋਸਟ ਬਣਾਉਣਾ ਵੀ ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਤਾਪ-ਸੋਖੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਸਹਿਤ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਾਪ-ਸੋਖੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ (Endothermic Reaction) – ਜਿਹੜੀਆਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਦਾ ਸੋਖਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤਾਪ-ਸੋਖੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
A+B + ਤਾਪ → C+D
ਇਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਅਭਿਕਾਰਕਾਂ ਦੀ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੀ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਪ੍ਰਤੀਕਾਰਕਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ < ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ
ਉਦਾਹਰਨ-
(1) ਕੋਕ ਦੀ ਭਾਪ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ
C(s) + H2O(g) + ਤਾਪ → CO(g) + H2(g)

(2) N2 ਅਤੇ O2 ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ
N2(g) + O2(g) + ਤਾਪ → 2NO(g)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵੱਖ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪਦਾਰਥ ਮਿਲ ਕੇ ਇਕ ਨਵਾਂ ਪਦਾਰਥ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਜਦੋਂ ਕਿ ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਇਸ ਤੋਂ ਉਲਟ ਹੈ । ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਏਕਲ ਪਦਾਰਥ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਕੇ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪਦਾਰਥ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਅਤੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ-ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਤੱਤ ਦੂਸਰੇ ਤੱਤਾਂ ਨੂੰ ਉਸਦੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨਾਲ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਹ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 15
ਉਪਰੋਕਤ ਉਦਾਹਰਨ ਵਿੱਚ Zn ਕਾਪਰ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਵਿਚੋਂ ਕਾਪਰ ਦਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਰਕੇ ਖ਼ੁਦ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਨਾਲ ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫੇਟ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਦੂਹਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਅਤੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਦੂਹਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ – ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਤੀਕਾਰਕਾਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਆਇਨਾਂ ਦਾ ਆਦਾਨ-ਪ੍ਰਦਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਦੂਹਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 16
ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ Cl ਅਤੇ \(\mathrm{SO}_{4}^{2-}\) ਆਇਨਾਂ ਦਾ ਆਦਾਨ ਪ੍ਰਦਾਨ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਦੂਹਰੀਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 17
ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰੋ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦ ਦਾ ਰੰਗ ਵੀ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੈ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 18
ਇਹ ਉਤਪਾਦ PbO ਪੀਲੇ ਰੰਗ ਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੰਗ ਲੱਗਣਾ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੰਗ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ । ਇਸ ਨਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਹਾਨੀ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੋਹੇ ਦੀਆਂ ਬਣੀਆਂ ਨਵੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਚਮਕੀਲੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਲਾਲਿਮਾ ਯੁਕਤ ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਜੰਗ ਲੱਗਣਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਜੰਗ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੁਤਰ ਹੈ ।
Fe2O3. x H2O
ਜੰਗ ਹਾਈਡਰੇਟ ਆਇਰਨ (III) ਆਕਸਾਈਡ ਹੈ ।
ਇਹ ਭੁਰਭੁਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਸਮੇਂ ਦੇ ਨਾਲ ਧਾਤੁ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੋਂ ਵੱਖ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਲੋਹੇ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਖ਼ਰਾਬ ਹੁੰਦੀਆਂ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਛੜ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਰੱਖੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜ਼ਿੰਕ ਕਾਪਰ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਹੈ । ਇਹ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਘੋਲ ਵਿਚੋਂ ਕਾਪਰ ਨੂੰ ਵਿਸਥਾਪਤ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜ਼ਿੰਕ ਸਲਫੇਟ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦਾ ਨੀਲਾ ਘੋਲ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਸਫ਼ੇਦ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 19

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਚੂਨਾ ਬੁੱਝਣਾ (ਸ਼ਮਨ) ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਸੁੰ-ਸੂ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਸੰਬੰਧਿਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਵਾਲੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਮਨ – ਜਦੋਂ ਚਨੇ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਇਹ ਬੜੇ ਚਨੇ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਚੂਨਾ ਬੁੱਝਣਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਇਕ ਤਾਪ ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਉਰਜਾ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਸੂੰ-ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 20

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਹੇਠਾਂ ਲਿਖੀਆਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰੋ ।

1. H2 + N2 → NH3
2. BaCl2 + Al2(SO4)3 → AlCl3 + BaSO4
3. H2S + O2 → SO2 + H2O
4. KBr + BaI2 → KI + BaBr2
5. Al + CuCl2 → AlCl3 + Cu

6. AgNO3 + Cu → Cu(NO3)2 + Ag
7. Al(OH)3 → Al2O3 + H2O
8. NH3 + CuO → Cu + N2 + H2O
9. KClO3 → KCl + O2
10. KNO3 → KNO2 + O2
11. BaCl2 + K2SO4 → 2BaSO4 + KCl.
ਉੱਤਰ-
1. 3H2 + N2 → 2NH3

2. 3BaCl2 + Al2(SO4)3 ) → 2AlCl3 + 3BaSO4

3. 2H2S + 3O2 → 2SO2 + 2H2O

4. 2KBr + BaI2 → 2KI + BaBr2

5. 2Al + 3CuCl2 → 2AlCl3 + 3Cu

6. 2AgNO3 + Cu → Cu(NO3)2 + 2Ag

7. 2Al(OH)3 → Al2O3 + 3H2O

8. 2NH3 + 3CuO → Cu + N2 + 3H2O

9. 2KClO3 → 2KCl + 3O2

10. 2KNO3 → 2KNO3 + O2

11. BaCl2 + K2SO4 → BaSO4 + 2KCl.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਲਘੂਕਰਣ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਾਮ ਲਿਖੋ ।
1. SO2 + 2H2S → 2H2O + 3S
2. 2Al + 3HCl → 2ACl3 + 3H2
3. 2H2S + SO2 → 3S + 2H2O
4. Zn + 2AgNO3 → Zn(NO3)2 + 2Ag
5. H2 + CuO → Cu + H2O.
ਉੱਤਰ-
1. SO2 ਵਿੱਚ S ਦਾ ਲਘੂਕਰਣ ਅਤੇ H2S ਵਿੱਚ S ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋਇਆ ।
2. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਕਲੋਰੀਨ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਹੋਇਆ ।
3. ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਦਾ ਲਘੂਕਰਣ ਹੋਇਆ ।
4. ਜ਼ਿੰਕ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਸਿਲਵਰ ਦਾ ਲਘੂਕਰਣ ਹੋਇਆ ।
5. ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਤਾਂਬੇ ਦਾ ਲਘੂਕਰਣ ਹੋਇਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਲਈ ਸੰਕੇਤਾਂ ਅਤੇ ਸੂਤਰਾਂ ਨਾਲ ਸੰਤੁਲਿਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਲਿਖੋ ।
(i) ਜ਼ਿੰਕ + ਸਿਲਵਰ ਨਾਈਟਰੇਟ → ਜ਼ਿੰਕ ਨਾਈਟਰੇਟ + ਸਿਲਵਰ
(ii) ਕਾਪਰ ਆਕਸਾਈਡ + ਹਾਈਡਰੋਜਨ → ਕਾਪਰ + ਪਾਣੀ
(iii) ਬੇਰੀਅਮ ਕੋਲਰਾਈਡ + ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਸਲਫੇਟ → ਬੇਰੀਅਮ ਸਲਫੇਟ + ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਕਲੋਰਾਈਡ ।
ਉੱਤਰ-
(i) Zn (s) + 2AgNO3 (aq) → Zn (NO3)2 (aq) +2Ag(s)
(ii) CuO(s) + H2(g) → Cu(s) + H2O(l)
(iii) 3BaCl2 (ag) + Al2(SO4)3(aq) → 3BaSO4(aq) + 2AlCl3(aq).

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਲਿਖੋ :
(i) ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ + ਕਾਰਬਨ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ → ………… + ………….
(ii) ਸੋਡੀਅਮ + ਪਾਣੀ → ………… +………….
(iii) ਹਾਈਡਰੋਜਨ + ਕਲੋਰੀਨ → ……….. + ………….
ਉੱਤਰ-
(i) ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ + ਕਾਰਬਨ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ → ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ + ਪਾਣੀ
(ii) ਸੋਡੀਅਮ + ਪਾਣੀ → ਸੋਡੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ + ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ
(iii) ਹਾਈਡਰੋਜਨ + ਕਲੋਰੀਨ → ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਕਲੋਰਾਈਡ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸੂਤਰਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਥਨਾਂ ਨੂੰ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖ ਕੇ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰੋ :
(i) ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਤੱਤ, ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
(ii) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ ਗੈਸ ਹਵਾ/ਆਕਸੀਜਨ ਵਿੱਚ ਬਲਦੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਸਲਫਰ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ?
(iii) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਨਾਲ ਜੁੜ ਕੇ ਅਮੋਨੀਆ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i) 2K + 2H2O → 2KOH + H2
(ii) 2H2S + 3O2 → 2H2O + 2SO2
(iii) 3H2 + N2 → 2NH3.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਫਲਾਸਕ ਵਿੱਚ ਵਾਪਰ ਰਹੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਲਿਖੋ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਗੈਸ ਦਾ ਨਾਂ ਅਤੇ ਇੱਕ ਗੁਣ ਲਿਖੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 21
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ-
Zn + H2SO4 → ZnSO4 + H2
ਜਿਸਤ + ਹਲਕਾ ਸਲਫਿਊਰਿਕ ਐਸਿਡ → ਜਿਸਤ ਸਲਫੇਟ + ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ
ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਹੋ ਰਹੀ ਗੈਸ ਦਾ ਨਾਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਹੈ ।
ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ ਦਾ ਗੁਣ – ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਇੱਕ ਜਲਣਸ਼ੀਲ ਗੈਸ ਹੈ ਜੋ ਨੀਲੀ-ਪੀਲੀ ਲੌ ਨਾਲ ਧਮਾਕੇ ਨਾਲ ਬਲਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਸਾਹਮਣੇ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਪਰਖ-ਨਲੀ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ ? ਇਹ ਗੈਸ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ/ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ ਨਾਲ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੀ/ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਾਂਦੀ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 22
ਉੱਤਰ-
(1) ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਪਤਲਾ ਹਾਈਡਰੋਕਲੋਰਿਕ ਅਮਲ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਕਾਰਬਨ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(2) ਕਾਰਬਨ ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਚਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ (ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਹਾਈਡਰਾਕਸਾਈਡ) ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਕੇ ਸਫ਼ੈਦ ਰੰਗ ਦਾ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਰੰਗ ਦੁੱਧੀਆ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 23

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਸਾਹਮਣੇ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਪਰਖ ਨਲੀ ਵਿੱਚ ਹੋ ਰਹੇ ਘੋਲਾਂ/ਰਸਾਇਣਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਸਮੀਕਰਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ ਘੋਲ ਦੇ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਰਿਵਰਤਨ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ? ਮੇਖਾਂ/ਕਿੱਲਾਂ ਦੇ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਕੀ ਪਰਿਵਰਤਨ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 24
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ ਦੀ ਸਮੀਕਰਣ :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 25
ਜਦੋਂ ਲੋਹੇ ਦੀਆਂ ਕਿੱਲਾਂ ਨੂੰ ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਡੁਬੋਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਨੀਲੇ ਰੰਗ ਦਾ ਘੋਲ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਫਿੱਕਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿੱਲਾਂ ਦਾ ਰੰਗ ਭੂਰਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਦੀ ਇਕ ਵਰਤੋ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਦੀਵਾਰਾਂ ਤੇ ਸਫ਼ੈਦੀ ਕਰਨ ਲਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸੰਗਮਰਮਰ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
CaCO3.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ਦਾ ਦਹਿਣ ਕਰਨ ‘ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
CO2, H2O ਅਤੇ ਉਰਜਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਫੋਰਸ ਸਲਫੇਟ ਦਾ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
FeSO4, 7H2O.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਚਿਪਸ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲੇ ਚਿਪਸ ਦੀ ਥੈਲੀ ਵਿੱਚ ਕੀ ਭਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਉਸ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਕਰਨ ਨਾ ਹੋ ਸਕੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਆਕਸੀਕਰਨ-ਲਘੂਕਰਣ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦਾ ਦੂਸਰਾ ਨਾਂ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੇਡਾਕਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਿਸੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਆਕਸੀਕਰਨ ਕਦੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ O2 ਦੀ ਹਾਨੀ ਅਤੇ H2 ਦਾ ਵਾਧਾ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਤਾਪ ਦੇਣ ਤੇ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਕਿਸ ਵਿੱਚ ਟੁੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਬੁਝੇ ਹੋਏ ਚੂਨੇ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
CaO.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ਦਾ ਦਹਿਣ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
CH4(g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O(g) + ਉਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਕੋਇਲੇ ਦੇ ਦਹਿਣ ਅਤੇ H2 ਅਤੇ O2 ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਿਸ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 26
ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ A ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਲੋਰੋਫਿਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕਰਣ ਕਿਰਿਆ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਰ-
ਲਘੂਕਰਣ ਇਕ ਅਜਿਹੀ ਕਿਰਿਆ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ O2 ਦੀ ਹਾਨੀ ਅਤੇ H2 ਨ ਦਾ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਆਕਸੀਕਰਣ ਕਿਰਿਆ ਕੀ ਹੈ ?
ਆਕਸੀਕਰਣ ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ H2 ਦੀ ਹਾਨੀ ਅਤੇ O2 ਦਾ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਰਿੱਬਨ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਕਿਹੜਾ ਪਦਾਰਥ ਬਣਦਾ ਹੈ ? (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਟਾ ਪਾਊਡਰ ਮੈਗਨੀਸ਼ੀਅਮ ਆਕਸਾਈਡ (MgO) ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਵਾਂ ਭਰੋ । (ਮਾਡਲ ਪੇਪਰ)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 27
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 28

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜ਼ਿੰਕ ਦੀ ਪਤਲੇ ਸਲਫਿਊਰਿਕ ਐਸਿਡ ਨਾਲ ਕਿਰਿਆ ਹੋਣ ਤੇ ਕਿਹੜੀ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਗੈਸ (H2).

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਖਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :
BaCl2 + Na2SO4 → ………………. +…………..
ਉੱਤਰ-
BaCl2 + Na2SO4 → BaSO4 + 2NaCl.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘਾਉਣ ਨਾਲ ਚੂਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕੀ ਪਰਿਵਰਤਨ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੂਨੇ ਦਾ ਪਾਣੀ ਦੁਧੀਆ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰੋ :
Fe(s) + CuSO4(aq) → ……… + ……………….
ਉੱਤਰ-
Fe + CuSO4 → FeSO4(aq) + Cu(s).

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸਮੀਕਰਣ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰੋ :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 29
ਉੱਤਰ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ 30

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
Zn(s) + CusO4(aq) → ZnSO4(aq) + Cu(s)
ਉਪਰੋਕਤ ਸਮੀਕਰਣ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਈ ਗਈ ਹੈ ?
(ਉ) ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ।
(ਅ) ਵਿਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ
(ੲ) ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ
(ਸ) ਦੋਹਰਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ।
ਉੱਤਰ-
(ੲ) ਵਿਸਥਾਪਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ- 23.
Na2SO4(aq) + BaCl2(aq) → BaSO4(s) + NaCl(aq)
ਉਪਰੋਕਤ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸਮੀਕਰਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਉਦਾਹਰਣ ਹੈ ?
(ਉ) ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ ।
(ਅ) ਅਪਘਟਨ ਕਿਰਿਆ
(ੲ) ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ
(ਸ) ਦੂਹਰਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਦੂਹਰਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
BaCl2(aq) + Na2SO4(aq) → Basq1(s) + 2NaClaq) ਹੈ ।
(a) ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ
(b) ਦੁਹਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ
(c) ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ
(d) ਅਪਘਟਨ ਕਿਰਿਆ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਦੁਹਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿਰਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਦਾ ਵੀ ਉਤਸਰਜਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ-
(a) ਬਹੁਲੀਕਰਨ ਕਿਰਿਆ
(b) ਤਾਪਸੋਖੀ ਕਿਰਿਆ
(c) ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ
(d) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ ਕਿਰਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜਲ ਦੇ ਬਿਜਲਈ ਅਪਘਟਨ ਨਾਲ ਉਤਪੰਨ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਮੋਲ ਅਨੁਪਾਤ ਹੈ-
(a) 2 : 1
(b) 1 : 1
(c) 2 : 2
(d) 4 : 1.
ਉੱਤਰ-
(a) 2 : 1.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜੰਗ ਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਸੂਤਰ ਹੈ-
(a) Fe2O3
(b) FeCO3
(c) Fe2O3.xH2O
(d) FeCO3. xH2O.
ਉੱਤਰ-
(c) Fe2O3.xH2O

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਅਪਘਟਨ ਕਿਰਿਆ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਹੈ-
(a) CH4 + 2O2 → CO2 +2H2O
(b) Pb(NO3)2 → 2PbO + 4NO2 + O2
(c) NH3 + HCl → NH4Cl
(d) Pb + CuCl2 → PbCl2 + Cu.
ਉੱਤਰ-
(b) Pb(NO3)2 → 2PbO + 4NO2 + O2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਲੋਹਾ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਕਿਹੜੀ ਧਾਤ ਨੂੰ ਉਸਦੇ ਘੋਲ ਤੋਂ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
(a) Al
(b) Zn
(c) Cu
(d) Au.
ਉੱਤਰ-
(c) Cu.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਅਧਾਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਧਾਤਾਂ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲੜੀ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ?
(a) ਆਕਸੀਜਨ
(b) ਕਲੋਰੀਨ
(c) ਬੋਮੀਨ
(d) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਹਾਈਡਰੋਜਨ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਅਪਘਟਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ……………….. ਦੀ ਵਿਪਰੀਤ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਯੋਜਨ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ

(ii) ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਖਾਰ ਦੀ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਮਾਤਰਾ ਅਤੇ ਆਇਤਨ ਮਿਲਾਉਣ ਤੇ …………………… ਅਤੇ ………………. ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਲੂਣ, ਪਾਣੀ

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 1 ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮੀਕਰਣਾਂ

(iii) ਆਕਸੀਜਨ ਦਾ ਸਮਾਵੇਸ਼ ……………………. ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਕਸੀਕਰਨ

(iv) ਉਹ ਪ੍ਰਤਿਕਿਰਿਆਂ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਉਸ਼ਮਾ ਦਾ ਉਤਸਰਜਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, …………………… ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਾਪ-ਨਿਕਾਸੀ

(v) ਆਕਸੀਕਰਨ ਅਤੇ ਲਘੂਕਰਨ ਇਕ-ਦੂਜੇ ਦੀ ……………………… ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੂਰਕ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਚਿੱਤਰ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਬਨਾਵਟ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਸੁਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਬਨਾਵਟ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦਾ ਇੱਕ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਲੇਬਲ ਕੀਤਾ ਹੋਇਆ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਪਰਾਵਰਤਕ ਅਤੇ ਸੂਰਜੀ ਸੰਕੇਂਦਰਿਕ ਕੀ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿੱਥੇ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇੱਕ ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਪਰਾਵਰਤਕ – ਇਹ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸੂਰਜੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਪਰਾਵਰਤਕ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਪਰਾਵਰਤਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਉਨ੍ਹਾਂ ਯੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਮੱਧਮ ਤਾਪਮਾਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇੱਥੇ ਸੂਰਜੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਦਾ ਪਰਾਵਰਤਨ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣਾਂ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਦੇ ਬਰਤਨ ਦੇ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਕਾਲੀ ਸਤਹਿ ਵਾਲੇ ਬਰਤਨ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸੋਖ ਕੇ ਗਰਮ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਅਯੋਜਨ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰਾਂ ਅਤੇ ਸੂਰਜੀ ਹੀਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਸਰਜੀ ਸੰਕੇਂਦਰਿਕ – ਇਹ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਅਭਿਸਾਰੀ ਲੈਂਨਜ਼ ਜਾਂ ਦਰਪਣ ਹੈ ਜਿਸ ਦੁਆਰਾ ਸਰਜੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਕੇਂਦਰਿਤ ਕਰਕੇ ਉੱਚ ਤਾਪ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸੂਰਜੀ ਸੰਕੇਂਦਰ ਕੁੱਕਰਾਂ ਵਿੱਚ ਜਿੱਥੇ ਬੇਕ ਕਰਨਾ ਜਾਂ ਤਲਣ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੋਵੇ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਪੈਰਾਬੋਲਿਕ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸਤਹਿ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਊਰਜਾ ਇਕ ਵੱਡੇ ਖੇਤਰ ਤੋਂ ਛੋਟੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਂਦਰਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ 1000 ਜਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਵੱਧ ਲੋਕਾਂ ਲਈ ਰਸੋਈ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਭਾਫ਼ ਉਤਪਾਦਨ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਸਿਧਾਂਤ – ਕਾਲੀ ਸਤਹਿ ਵਧੇਰੇ ਤਾਪ ਦਾ ਸੋਖਣ ਕਰਦੀ ਹੈ ਪਰ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਪਿੱਛੋਂ ਕਾਲੀ ਸਤਹਿ ਇਸ ਸੋਖਿਤ ਤਾਪ ਦਾ ਵਿਕਿਰਨ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ। ਤਾਪ ਦੀ ਇਸ ਹਾਨੀ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਕਾਲੀ ਪੱਟੀ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਤਾਪ ਦੇ ਕੁਚਾਲਕ ਬਕਸੇ ਵਿੱਚ ਰੱਖ ਕੇ ਉਸ ਨੂੰ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਨਾਲ ਢੱਕ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਕਸੇ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦੀਆਂ ਦੀਵਾਰਾਂ ਨੂੰ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਨਾਲ ਪੇਂਟ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਤਾਪ ਦਾ ਸੋਖਣ ਹੋ ਸਕੇ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੁਆਰਾ ਤਾਪ ਦੀ ਹਾਨੀ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਸਕੇ ।

ਬਨਾਵਟ – ਆਮਤੌਰ ਤੇ ਇਹ ਇੱਕ ਲੱਕੜ ਦਾ ਬਕਸਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਬਾਹਰੀ ਬਕਸਾ ਵੀ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਬਕਸੇ ਅੰਦਰ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਜਾਂ ਲੋਹੇ ਦਾ ਬਣਿਆ ਇੱਕ ਹੋਰ ਬਕਸਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸਨੂੰ ਅੰਦਰਲਾ ਬਕਸਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਅੰਦਰਲੇ ਬਕਸੇ ਦੀਆਂ ਦੀਵਾਰਾਂ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਵਾਲੀ ਸਤਹਿ ਕਾਲੀ ਪੇਂਟ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਦਾ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸੋਖਣ ਹੋ ਸਕੇ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੁਆਰਾ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹਾਨੀ ਹੋਵੇ ।

ਅੰਦਰਲੇ ਅਤੇ ਬਾਹਰਲੇ ਬਕਸੇ ਦੇ ਵਿੱਚ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂ ਨੂੰ ਥਰਮੋਕੋਲ ਜਾਂ ਕੱਚ ਦੀ ਰੂੰ ਨਾਲ ਭਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੀ ਊਸ਼ਮਾ ਬਾਹਰ ਨਾ ਜਾ ਸਕੇ । ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਦੇ ਬਕਸੇ ਉੱਪਰ ਇੱਕ ਮੋਟੇ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਦਾ ਢੱਕਣ ਲੱਗਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਸ੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਮਤਲ
ਚਿੱਤਰ-ਬਾਕਸਨੁਮਾ ਸੋਲਰ ਕੁੱਕਰ ਦਰਪਣ ਵੀ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਲ ਵਜੋਂ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 1

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਪਕਾਉਣ ਵਾਲੇ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥ ਨੂੰ ਸਟੀਲ ਜਾਂ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੇ ਬਰਤਨ ਜਿਸ ਦੀ ਬਾਹਰਲੀ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਕਾਲੀ ਪੇਂਟ ਕੀਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਾ ਕੇ ਬਕਸੇ ਅੰਦਰ ਰੱਖ ਦਿੰਦੇ ਹਾਂ । ਹੁਣ ਇਸ ਨੂੰ ਕੱਚ ਦੇ ਢੱਕਣ ਨਾਲ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਰਾਵਰਤਕ ਸਤਹਿ M ਅਰਥਾਤ ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਖੜ੍ਹਾ ਕਰਕੇ ਕੁੱਕਰ ਨੂੰ ਧੁੱਪ ਵਿੱਚ ਰੱਖ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਸੂਰਜ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਲ ਤੇ ਆਪਾਤੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤੀਬਰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪੁੰਜ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੁੱਕਰ ਦੇ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਬਰਤਨ ਉੱਪਰ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਸੜ੍ਹਾਵਾਂ ਸੂਰਜੀ ਤਾਪ ਨੂੰ ਸੋਖਿਤ ਕਰ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਹੁਣ ਇਹ ਸੜਾਵਾਂ ਤਾਪ ਦੀਆਂ ਪਰਾ-ਵੈਂਗਣੀ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਨਿਕਾਸ ਕਰਨ ਲਗਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰ ਉੱਪਰਲੀ ਸਤਹਿ ਉੱਤੇ ਸਥਾਪਿਤ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਨਹੀਂ ਜਾਣ ਦਿੰਦੀ । ਇਸ ਲਈ ਬਕਸੇ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦਾ ਤਾਪ ਅੰਦਰ ਹੀ ਰਹਿ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਕੁੱਕਰ ਦਾ ਅੰਦਰਲਾ ਤਾਪਮਾਨ 2-3 ਘੰਟੇ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ 100°C ਤੋਂ 140°C ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਗਰਮੀ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਇਸ ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਵਿੱਚ ਸੌਖੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਕਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸੋਲਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਇਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰ ਕੇ ਪਾਣੀ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸੋਲਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦਾ ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਹੇਠਾਂ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 2

ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਪਰੋਧੀ ਬਕਸਾ B ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਹੜਾ ਅੰਦਰੋਂ ਕਾਲਾ ਪੇਂਟ ਕੀਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਦੇ ਅੰਦਰ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਨਾਲ ਪੇਂਟ ਕੀਤੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਉਬ T ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦਾ ਬਕਸਾ ਅਤੇ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਊਬ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਦੀ ਇਸ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਅਧਿਕ ਸਮਰੱਥਾ ਨਾਲ ਸੂਰਜ ਦੀਆਂ ਤਾਪਨ ਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸੋਖਤ ਕਰ ਸਕੇ । ਸੰਵਹਨ ਅਤੇ ਵਿਕਿਰਨ ਦੁਆਰਾ ਤਾਪ ਦੀ ਹਾਨੀ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਬਕਸੇ ਦੇ ਉੱਪਰ ਸ਼ੀਸ਼ੇ ਦਾ ਢੱਕਣ ਲੱਗਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀਆਂ ਟਿਊਬਾਂ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਸਿਰੇ ਪਾਣੀ ਭੰਡਾਰ ਟੈਂਕ D ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਸੂਰਜੀ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ ਨੂੰ ਮਕਾਨ ਦੀ ਛੱਤ ਦੇ ਉੱਪਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿ ਸੂਰਜ ਦੀ ਰੌਸ਼ਨੀ ਸਾਰਾ ਦਿਨ ਮਿਲ ਸਕੇ ।

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਠੰਢਾ ਪਾਣੀ ਪਾਈਪ P ਦੇ ਰਸਤੇ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ D ਵਿੱਚ ਦਾਖਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਈਪ Q ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਤਾਪਨ B ਦੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਉਬ 1 ਵਿੱਚ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਉਬ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਖ ਕਰਕੇ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਠੰਡਾ ਪਾਣੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਗਰਮ ਤਾਂਬੇ ਦੀਆਂ ਟਿਊਬਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਗਰਮ ਪਾਣੀ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਟਿਊਬ ਦੇ ਦੂਜੇ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਨਿਕਲ ਕੇ ਪਾਈਪ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ ਦੇ ਦੂਸਰੇ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਈਪ S ਦੁਆਰਾ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਬਾਹਰ ਕੱਢਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੌਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਟੈਂਕ ਦਾ ਸਾਰਾ ਪਾਣੀ ਕਾਫ਼ੀ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
(i) ਅੰਕਿਤ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਗੁੰਬਦ ਆਕਾਰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਸਮਝਾਓ ।
(ii) ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਤੈਰਦੇ ਹੋਏ ਗੈਸ ਹੋਲਡਰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਸਮਝਾਓ ।
ਜਾਂ
ਜੀਵ-ਅਪਸ਼ਿਸਟ ਤੋਂ ਜੀਵ ਗੈਸ (ਬਾਇਓ ਗੈਸ) ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੀ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਿਸਥਾਰ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । ਇਸ ਗੈਸ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਗੈਸ (ਬਾਇਓ ਗੈਸ) ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ – ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਹਾਜ਼ਰੀ ਵਿੱਚ ਜੈਵ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਅਪਘਟਨ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਘਟਕ ਮੀਥੇਨ (CH4) ਗੈਸ ਹੈ ਜੋ ਇੱਕ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਹੈ । ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਗੋਬਰ, ਮਲ-ਮੂਤਰ, ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਫਲ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਅਤੇ ਖੇਤੀਬਾੜੀ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਉਦਯੋਗਾਂ ਦੇ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਆਦਿ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਲਾਂਟ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
(i) ਸਥਿਰ ਗੁੰਬਦ ਕਿਸਮ ਦਾ ਪਲਾਂਟ
(ii) ਤੈਰਦਾ ਹੋਇਆ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ।

(i) ਸਥਿਰ ਗੁੰਬਦ ਕਿਸਮ ਦੇ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਬਰਾਬਰ ਮਾਤਰਾ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ M ਵਿੱਚ ਮਿਲਾ ਕੇ ਉਸ ਦਾ ਘੋਲ ਬਣਾ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਇਸ ਘੋਲ ਦਾ ਪਵੇਸ਼ ਚੈਂਬਰ ਦੇ ਰਸਤੇ ਤੋਂ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ T ਵਿੱਚ ਭੇਜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ ਦਾ ਕਾਫ਼ੀ ਭਾਗ ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨਾਲ ਭਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਉਸ ਦੇ ਉੱਪਰ ਦਾ ਗੁੰਬਦ D ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਇਕੱਠੀ ਕਰਨ ਲਈ ਖ਼ਾਲੀ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨੂੰ 50-60 ਦਿਨ ਰੱਖੇ ਰਹਿਣ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਗੋਬਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਅਨਆਸੀ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਨਿਮਨੀਕਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਨ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਪਾਈਆਂ ਦੁਆਰਾ ਗੁੰਬਦਨੁਮਾ ਟੈਂਕੀ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੁੰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਗੁੰਬਦ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੋਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਨੂੰ ਗੈਸ ਨਿਕਾਸ S ਦੁਆਰਾ ਘਰਾਂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਲਗਾਤਾਰ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਘੋਲ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ ਵਿੱਚ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਬਾਕੀ ਬਚਿਆ ਗੋਬਰ ਦਾ ਘੋਲ ਨਿਕਾਸ ਚੈਂਬਰ ਦੇ ਰਸਤੇ ਟੈਂਕ Fਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਟੈਂਕ ਤੋਂ ਗੋਬਰ ਦੇ ਬਚੇ-ਖੁਚੇ ਘੋਲ ਜਾਂ ਸਲਰੀ ਨੂੰ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 3

(ii) ਤੈਰਦੇ ਹੋਏ ਗੈਸ ਹੋਲਡਰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਜਾਂ ਜੈਵ ਗੈਸ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਪਦਾਰਥ ਹੈ-ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ । ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਬਰਾਬਰ ਮਾਤਰਾ ਟੈਂਕ M ਵਿੱਚ ਮਿਲਾ ਕੇ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪਤਲਾ ਘੋਲ ਜਾਂ ਸਲਰੀ (Slurry) ਬਣਾ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ । ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਇਸ ਘੋਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਪਾਈਪ I ਦੁਆਰਾ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ T ਵਿੱਚ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਕ ਨੂੰ ਗੋਬਰ ਦੇ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨਾਲ ਭਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਰੰਤੂ ਉਸ ਦੇ ਉੱਪਰ ਤੈਰਦੀ ਹੋਈ ਟੈਂਕੀ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਇਕੱਠੀ ਕਰਨ ਲਈ ਖ਼ਾਲੀ ਛੱਡ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 4

ਗੋਬਰ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਘੋਲ ਨੂੰ ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ ਵਿੱਚ ਲਗਭਗ 60 ਦਿਨ ਲਈ ਰੱਖਿਆ ਰਹਿਣ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਗੋਬਰ ਜਾਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਅਨਆਕਸੀ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਨਿਮਨੀਕਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਨਾਲ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਤੈਰਦੀ ਹੋਈ ਟੈਂਕੀ H ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੁੰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ। ਤੈਰਦੀ ਹੋਈ ਗੈਸ ਟੈਂਕੀ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠੀ ਹੋਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਨੂੰ ਨਿਕਾਸ S ਵਿੱਚੋਂ ਪਾਇਪਾਂ ਦੁਆਰਾ ਘਰਾਂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਲਗਾਤਾਰ ਬਣਾਏ ਰੱਖਣ ਲਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਗੋਬਰ ਦਾ ਘੋਲ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਟੈਂਕ T ਵਿੱਚੋਂ ਬਾਈਓ ਗੈਸ ਬਣਨ ਦੇ ਬਾਅਦ ਬਚੀ ਹੋਈ ਸਲਰੀ ਨਿਕਾਸ ਪਾਈਪ O ਦੇ ਰਸਤੇ ਟੈਂਕ F ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਟੈਂਕ F ਤੋਂ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਜਾਂ ਸਲਰੀ ਨੂੰ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਲਿਜਾ ਕੇ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਲਾਭ – ਇਹ ਇੱਕ ਵਧੀਆ ਬਾਲਣ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਬਲਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਕੋਈ ਸੁਆਹ ਵਰਗਾ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ ਨਹੀਂ ਬਚਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਹ ਇੱਕ ਪਰਿਆਵਰਣ ਦਾ ਹਿਮਾਇਤੀ ਬਾਲਣ ਹੈ । ਡਾਇਜੈਸਟਰ ਤੋਂ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਬਾਕੀ ਬਚੀ ਹੋਈ ਸਲਰੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਦੇ ਯੌਗਿਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਸਾਨੂੰ ਨਾ ਕੇਵਲ ਵਧੀਆ ਬਾਲਣ ਹੀ ਮਿਲਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਖਾਦ ਵੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਿਆਵਰਣ ਵੀ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬੱਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਅਨਾਕਸੀ-ਅਪਘਟਨ – ਡਾਈਜੈਸਟਰ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਅਨਾਕਸੀ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਹਾਜ਼ਰੀ ਵਿੱਚ ਸਲਰੀ ਦਾ ਅਪਘਟਨ ਕਰਦੇ ਹੈ । ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਹਾਜ਼ਰੀ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਅਪਘਟਨ ਅਨਾਕਸੀ ਅਪਘਟਨ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦਾ ਕਾਰਜ ਸਿਧਾਂਤ ਕੀ ਹੈ ? ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਸਮਝਾਓ ।
ਜਾਂ
ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੇ ਕਾਰਜ ਸਿਧਾਂਤ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਚੱਕੀ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਰਚਨਾ ਦਾ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਸਮਝਾਓ। ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਮੁੱਖ ਉਪਯੋਗ ਅਤੇ ਹਾਨੀਆਂ ਵੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਚੱਕੀ- ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਪੰਣ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੁਆਰਾ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 5

ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੀ ਰਚਨਾ – ਜਦੋਂ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਘੁੰਮਣ ਵਾਲੀ ਸ਼ਾਫਟ ਵਗਦੀ ਹੋਈ ਪੌਣ, ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਉਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਇਕ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਘੁੰਮਣ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਉਸ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬਣਤਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੇ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪੱਖਾ ਸਮਝਿਆ। ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਕਿਉਂਕਿ ਜਦੋਂ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ, ਪਰੰਤ ਜਦੋਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 6

ਘੁੰਮਦੇ ਹੋਏ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਨਾਲ ਕਣਕ ਪੀਸਣ ਵਾਲੀ ਚੱਕੀ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਘੁਮਿਆਰ ਦਾ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਬਰਤਨਾਂ ਦਾ ਚੱਕਾ ਘੁੰਮਾਉਣਾ ਆਦਿ ਕਾਰਜ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਅਜਿਹੇ ਹੀ ਸਥਾਨ ਤੇ ਲਗਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਹਵਾ ਵੀ ਲਗਭਗ ਪੂਰਾ ਸਾਲ ਤੀਬਰ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੀ ਬੈਂਕ ਇੱਕ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦੇ ਪਿਸਟਨ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਹਵਾ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਚੱਕੀ ਦਾ ਪਹੀਆ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨਾਲ ਜੁੜਿਆ ਧੁਰਾ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਧੁਰੇ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬੈਂਕ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਹੋਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪੰਪ ਦੀ ਪਿਸਟਨ ਛੜ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਉਪਯੋਗ – ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਉਪਯੋਗ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਕਿ-

  1. ਪੌਣ ਕਿਸ਼ਤੀਆਂ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  2. ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਨਾਲ ਆਟਾ ਚੱਕੀਆਂ ਤੇ ਜਲ ਪੰਪ ਆਦਿ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  3. ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੁਆਰਾ ਉਡਾਨ ਭਰਨ ਲਈ ।
  4. ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ।

ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੀਆਂ ਹਾਨੀਆਂ – ਭਾਵੇਂ ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਲਾਭ ਹਨ ਪਰੰਤ ਇਸ ਦੀਆਂ ਕਈ ਹਾਨੀਆਂ ਵੀ ਹਨ। ਕਈ ਕਮੀਆਂ ਵੀ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਮੰਨ ਲਓ ਜਦੋਂ ਸਾਨੂੰ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਦਾ ਵਹਾਓ ਨਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਹ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਨਾ ਵਗਦੀ ਹੋਵੇ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਖੁੱਲਾ ਖੇਤਰ ਵੀ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਕ ਹੋਰ ਕਮੀ ਇਹ ਵੀ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਨਿਰਮਾਣ ਲਾਗਤ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੀ ਉਪਯੋਗ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀ ਬਣਤਰ ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ । ਕੋਈ ਚਾਰ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੈ ? ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਅਤੇ ਉਪਯੋਗ ਤੇ ਟਿੱਪਣੀ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ – ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ (ਯੰਤਰ) ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਸਿੱਧੇ ਹੀ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਊਰਜਾ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਵੀ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਵਿੱਚ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ (ਜਾਂ ਯੰਤਰ) ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਵਿੱਚ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਜਿਵੇਂ ਸਿਲੀਕਾਨ ਅਤੇ ਗੇਲੀਅਮ ਦੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ (ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਆਰਸਨਿਕ, ਬੋਰੋਨ, ਇੰਡਿਅਮ ਆਦਿ) ਮਿਲਾ ਦੇਣ ਨਾਲ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਵਧਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਤਾਪਮਾਨ ਵਧਾਉਣ ਨਾਲ ਵੀ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦਾ ਵਿਕਾਸ – ਅੱਜ ਤੋਂ ਲਗਭਗ 100 ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਇਹ ਖੋਜ ਹੋ ਚੁੱਕੀ ਸੀ ਕਿ ਸਲੇਨੀਅਮ ਦੀ ਪਤਲੀ ਪਰਤ ਨੂੰ ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਵੀ ਪਤਾ ਸੀ ਕਿ ਸਲੇਨੀਅਮ ਦੇ ਕਿਸੇ ਟੁਕੜੇ ਤੇ ਆਪਾਤੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਿਰਫ਼ 0.8% ਭਾਗ ਹੀ ਬਿਜਲੀ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਅਜਿਹੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਸੀ ਇਸ ਲਈ ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ ਇਸ ਪਰਿਘਟਨਾ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੀ ਕੋਈ ਅੱਗੇ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਨਹੀਂ ਹੋਈ ।

ਪਹਿਲਾਂ ਵਿਹਾਰਿਕ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਸੰਨ 1954 ਵਿੱਚ ਬਣਾਇਆ ਗਿਆ ਸੀ । ਇਹ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਲਗਭਗ 10% ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤਾ ਪੁਲਾੜ ਕਾਰਜਾਂ ਦੀ ਵੱਧਦੀ ਮੰਗ ਦੇ ਕਾਰਨ ਜ਼ਿਆਦਾ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਮਰੱਥਾ ਵਾਲੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਕਸਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਵਧੀ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਲਈ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨਾਲ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਵੱਧ ਗਈ ਹੈ । ਸਿਲੀਕਾਂਨ, ਗੈਲੀਅਮ ਅਤੇ ਜਰਮੇਨੀਅਮ ਜਿਹੇ ਅਰਧ-ਚਾਲਕਾਂ ਤੋਂ ਬਣੇ ਹੋਏ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ 10% ਤੋਂ 18% ਤੱਕ ਹੈ । ਸਲੇਨੀਅਮ ਤੋਂ ਬਣੇ ਆਧੁਨਿਕ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ 25% ਤੱਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 7

ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਪੁਲਾੜ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ – ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿਆਂ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਵਿੱਚ ਭੇਜੇ ਗਏ ਖੋਜ ਦੇ ਯੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਪ੍ਰਯੋਜਨ ਕਰਨ ਲਈ ।
  2. ਪੇਂਡੂ ਬਿਜਲੀਕਰਨ – ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿਣ ਕਰਕੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੇਂਡੂ ਖੇਤਰਾਂ ਨੂੰ 24 ਘੰਟੇ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
  3. ਗਲੀਆਂ ਨੂੰ ਰੌਸ਼ਨ ਕਰਨਾ – ਛੋਟੇ ਸੁਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਅਤੇ ਸਟੋਰੇਜ ਬੈਟਰੀ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਸਟਰੀਟ ਲਾਈਟ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਤੰਭਾਂ (Light house) ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ !
  4. ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣਾ – ਖੇਤੀ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਲਈ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਜਲ ਪੰਪ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣ ਲਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਪਾਣੀ ਦਾ ਖਾਰਾਪਨ ਦੂਰ ਕਰਨ/ਸ਼ੁੱਧ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਯੰਤਰ – ਕਈ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਸ਼ਕਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਸ਼ੋਧਨ ਕਰਨ ਲਈ ਉਦਯੋਗ ਲਗਾਏ ਗਏ ਹਨ ।
  6. ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਉਤਪਾਦਨ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਦਾ ਬਿਜਲੀ ਅਪਘਟਨ ਕਰਕੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  7. ਸ਼ਕਤੀ ਫਾਰਮ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਵੱਡੇ ਪੈਨਲਾਂ ਨੂੰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਜੋੜ ਕੇ ਅਧਿਕ ਸ਼ਕਤੀ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਉੱਚਿਤ ਵੈਗਾਂ ਨਾਲ ਇਸ ਨੂੰ ਦਿਸ਼ਟ ਧਾਰਾ (D.C.) ਅਤੇ ਪਰਤਵੀ ਧਾਰਾ (A.C.) ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਫਿਰ ਲੱਗੇ ਸ਼ਕਤੀ ਗਿੱਡ ਨਾਲ ਜੋੜ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  8. ਹੋਰ ਉਪਯੋਗ – ਉੱਚ ਸੁਯੋਗਤਾ ਵਾਲੇ ਸੈੱਲ ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨੀ ਘੜੀਆਂ ਜਾਂ ਕੈਲਕੂਲੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵੀ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰਨ ਲਈ ਇੱਕ ਬਲਾਕ ਰੇਖਾ-ਚਿੱਤਰ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ – ਇਹ ਪੈਨਲ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਤੋਂ ਬਣਾਈ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਬਣਾਵਟ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਸਮੂਹਿਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਕੰਮ ਕਰਨ ਦੀ ਯੋਗਤਾ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤਰਤੀਬ ਦੇ ਕੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਅਜਿਹੀ ਥਾਂ ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੁੱਪ ਆਉਂਦੀ ਹੋਵੇ। ਪੈਨਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਬਦਲਣ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਵੀ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਸਿਲੀਕਾਨ ਅਤੇ ਗੈਲੀਅਮ ਵਰਗੇ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਣਾਏ ਗਏ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਪੈਨਲ ਤੇ ਜਦੋਂ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਦੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਾਰ ਵਰਗ ਸੈਂ.ਮੀ. ਦੇ ਇਕ ਸਰਜੀ ਸੈੱਲ ਨਾਲ 60 ਮਿ.ਲੀ. ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ ਤੋਂ ਡੀ.ਸੀ.ਆਉਟਪੁਟ ਲਗਪਗ 0.4 – 0.5 ਵੋਲਟ ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਘੱਟ ਜਾਂ ਵੱਧ ਗਿਣਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਘੱਟ ਜਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉਪਯੋਗ-

  1. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਬਣਾਉਟੀ ਵਿੱਚ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਖੋਜ ਯਾਨਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ । ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਨਿਊਕਲੀ (ਨਾਭਿਕੀ) ਵਿਖੰਡਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਨਿਊਕਲੀ (ਨਾਭਿਕੀ) ਵਿਖੰਡਨ ਦਾ ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਜਾਂ
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ-ਇਹ ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਭਾਰੀ ਪਰਮਾਣੂ (ਜਿਵੇਂ ਯੂਰੇਨੀਅਮ, ਪਲੂਟੋਨੀਅਮ ਜਾਂ ਥੋਰੀਅਮ) ਦੇ ਨਾਭਿਕ ਨੂੰ ਘੱਟ ਊਰਜਾ ਵਾਲੇ ਨਿਊਨ ਨਾਲ ਬੰਬਾਰੀ ਕਰਾ ਕੇ ਹਲਕੇ ਨਾਭਿਕਾਂ ਵਿੱਚ ਤੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਬਹੁਤ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਮੁਕਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਥੋੜ੍ਹੇ ਜਿਹੇ ਪੁੰਜ (mass) ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਅਤਿ ਅਧਿਕ ਊਰਜਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਮੁਲ ਨਾਭਿਕ ਅਤੇ ਉਪਜੇ ਨਾਭਿਕਾਂ ਦੇ ਪੁੰਜਾਂ ਦਾ Δm, ਉਰਜਾ E ਵਿੱਚੋਂ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ E = mc2 ਦੇ ਦੁਆਰਾ ਕੰਟਰੋਲ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਇਥੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਨਿਰਵਾਯੂ (ਖਲਾਅ ਵਿੱਚ ਚਾਲ ਹੈ । ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਇਲੈਕਟ੍ਰਾਨ ਵੋਲਟ ਦੇ ਨਾਭਿਕ ਨਾਲ ਪ੍ਰਗਟਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
1 ev = 1.602 × 10-19 J

ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ – ਯੂਰੇਨੀਅਮ-235 ਵਿੱਚ ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਧੀਮੀ ਗਤੀ ਵਾਲੇ ਨਿਊਾਨਾਂ ਦੀ ਬੰਬਾਰੀ ਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਯੂਰੇਨੀਅਮ-235 ਪਰਮਾਣੁਆਂ ਤੇ ਧੀਮੀ ਗਤੀ ਵਾਲੇ ਨਿਊਵਾਨਾਂ ਦੀ ਬੰਬਾਰੀ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਯੂਰੇਨੀਅਮ ਦਾ ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕ ਟੁੱਟ ਕੇ ਦੋ ਮੱਧਮ ਭਾਰ ਵਾਲੇ ਪਰਮਾਣੂ ਬੇਰੀਅਮ-139 ਅਤੇ ਕ੍ਰਿਪਾਨ94 ਬਣਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਤਿੰਨ ਨਿਉਟਾਂਨ ਉਤਸਰਜਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਖੰਡਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਯੂਰੇਨੀਅਮ ਦੇ ਕੁੱਝ ਪੁੰਜ ਦਾ ਨੁਕਸਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦੇ ਬਦਲੇ ਵਿੱਚ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 8

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਲਯਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਇਸ ਦਾ ਇੱਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ – ਇਹ ਉਹ ਕਿਰਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਦੋ ਹਲਕੇ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਪਰਸਪਰ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਇੱਕ ਭਾਰੀ ਨਿਉਕਲੀਅਸ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਰਜਾ ਦੀ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਥੋੜੇ ਜਿਹੇ ਪੁੰਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਉਦਾਹਰਨ – ਭਾਰੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਜਿਸਨੂੰ ਡਿਊਟੀਰੀਅਮ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਤੱਤ ਦਾ ਇੱਕ ਆਈਸੋਟੋਪ ਹੈ ਜਿਸਨੂੰ \({ }_{1}^{2} \mathrm{H}\) ਸੰਕੇਤ ਨਾਲ ਟਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਡਿਊਟੀਰੀਅਮ ਦੇ ਪਰਮਾਣੂ ਨੂੰ ਉੱਚੇ ਤਾਪਮਾਨ ਤੇ ਗਰਮ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਡਿਉਟੀਰੀਅਮ ਦੇ ਦੋ ਨਾਭਿਕ (ਨਿਊਕਲੀਅਸ) ਪਰਸਪਰ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਹੀਲੀਅਮ ਦਾ ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕ ਬਣਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਮੁਕਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਸਮੀਕਰਨ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 9
ਸੂਰਜ ਅੰਦਰ ਭਾਰੀ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦਾ ਹੀਲੀਅਮ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਹੈ !

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਨਾਭਿਕੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਨਾਭਿਕੀ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ (Nuclear Fission) ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ (Nuclear Fusion)
(1) ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕ ਹਲਕੇ ਨਾਭਿਕ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (1) ਹਲਕੇ ਨਾਭਿਕ ਭਾਰੀ ਨਾਭਿਕਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਦੇ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਲਈ ਤਾਪ ਦੀ ਲੋੜ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (2) ਇਸ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਹੋਣ ਲਈ ਤਾਪ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(3) ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਦੀਆਂ ਉਪਜਾਂ ਆਮਤੌਰ ਤੇ ਰੇਡੀਓ ਐਕਟਿਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਨਿਪਟਾਨ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (3) ਨਿਊਕਲੀ ਸੰਯਨ ਦੀ ਉਪਜ ਰੇਡੀਓ ਐਕਟਿਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਨਿਪਟਾਉਣ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(4) ਇਹ ਇੱਕ ਨਿਯੰਤ੍ਰਿਤ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਹੈ । (4) ਇਹ ਇੱਕ ਅਨਿਯੰਤ੍ਰਿਤ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਹੈ ।
(5) ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (5) ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਵਿਸ਼ਾਲ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(6) ਇਹ ਪਰਮਾਣੂ ਬੰਬ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਆਧਾਰ ਹੈ । (6) ਇਹ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਬੰਬ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਆਧਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(7) ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਵਿਖੰਡਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਬਾਲਣ ਬਹੁਤ ਮਹਿੰਗਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (7) ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥ ਸਸਤੇ ਅਤੇ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪਥਰਾਟ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਜਾਂ ਫਾਂਸਿਲ – ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਕਠੋਰ ਭਾਗ ਜਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਚੱਟਾਨਾਂ ਤੇ ਬਣੇ ਕੁੱਝ ਪੁਰਾਣੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਜਿਹੜੇ ਸਾਨੂੰ ਚੱਟਾਨਾਂ ਦੀ ਖੁਦਾਈ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਮਿਲਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਫਾਂਸਿਲ ਲਾਤੀਨੀ (Latin) ਭਾਸ਼ਾ ਦਾ ਸ਼ਬਦ ਹੈ, ਜਿਸ ਦਾ ਅਰਥ ‘ਪੁੱਟ ਕੇ ਕੱਢੀ ਗਈ ਵਸਤੂ’’ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀਆਂ ਹੱਡੀਆਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਿੰਜਰ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪੈਰ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਪੰਜੇ ਜਾਂ ਪੰਜਿਆਂ ਦੇ ਛਪੇ ਹੋਏ ਨਿਸ਼ਾਨ ਸਾਰੇ ਪਥਰਾਟ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਜੀਵ ਵਿਕਾਸ ਬਾਰੇ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਇਸ ਦੀਆਂ ਢੁੱਕਵੀਆਂ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ । ਉਰਜਾ ਸੰਕਟ ਨਾਲ ਨਿਪਟਣ ਲਈ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਲਈ ਧਿਆਨ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੋ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ-ਜੀਵ – ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਜੋ ਧਰਤੀ ਹੇਠਾਂ ਦੱਬੇ ਰਹੇ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਕੇ ਬਣੇ ਬਾਲਣ, ਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ-ਕੋਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।
ਊਰਜਾ ਸੰਕਟ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ-
ਊਰਜਾ ਸੋਮੇ ਜਿਵੇਂ ਕੋਲਾ, ਤੇਲ ਅਤੇ ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ) ਦੇ ਖ਼ਤਮ ਹੋਣ ਦੇ ਡਰ ਤੋਂ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗਾਂ ਰਾਹੀਂ ਬਚਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

  1. ਸਾਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਬਹੁਤ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕੇਵਲ ਉਸ ਸਮੇਂ ਇਸ ਬਾਲਣ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਨਵਿਆਉਣਯੋਗ ਸਰੋਤ ਨਾ ਮਿਲੇ ।
  2. ਸਾਨੂੰ ਨਵੀਂ ਟੈਕਨਾਲੋਜੀ ਪਤਾ ਲਰਵਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਜੋ ਅਸੀਂ ਊਰਜਾ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਨਵੇਂ ਊਰਜਾ ਸਰੋਤ ਜਿਵੇਂ-ਜੈਵ ਪੁੰਜ (ਬਾਇਓਮਾਸ) ਜਾਂ ਸੂਰ ਆਦਿ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਸਕੀਏ ।
  3. ਸਾਨੂੰ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਵਿਅਰਥ ਨਸ਼ਟ ਨਹੀਂ ਹੋਣ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਤੇਜ਼ ਦਰ ਨਾਲ ਕਰੀਏ ਤਾਂ ਉਸ ਦਾ ਸਿੱਟਾ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ? ਕਾਰਨ ਸਹਿਤ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਧਰਤੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਬਹੁਤ ਧੀਮੀ ਗਤੀ ਨਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਅਸਾਧਾਰਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਬਣੇ ਹਨ । ਵੱਖ ਹੋਏ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਤੋਂ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਬਣਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਕਰੋੜਾਂ ਸਾਲ ਲੱਗ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤੇ ਜਿਹੜੇ ਫਾਂਸਿਲ ਬਾਲਣ ਅਸੀਂ ਅੱਜ-ਕੱਲ੍ਹ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚੋਂ ਖੋਦ ਕੇ ਕੱਢ ਰਹੇ ਹਾਂ ਉਹ ਕਰੋੜਾਂ ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚ ਦੱਬੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਤੋਂ ਬਣੇ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਕਰਾਂਗੇ ਤਾਂ ਉਹ ਛੇਤੀ ਹੀ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
L.P.G. ਨੂੰ ਇੱਕ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਕਿਉਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
L.P.G, ਇੱਕ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ-L.P.G. ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਕਰਕੇ ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-

  1. L.P.G. ਦਾ ਕੈਲੋਰੀ ਮੁੱਲ ਵੱਧ ਹੈ ।
  2. L.P.G. ਦਾ ਪ੍ਰਚਲਨ ਤਾਪਮਾਨ ਵਧੇਰੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. LP.G. ਦੇ ਬਲਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  4. L.P.G. ਦੀ ਬਲਣ ਦਰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  5. L.P.G. ਵਿੱਚ ਅਜਲਣਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕਿਸੇ ਚੰਗੇ ਬਾਲਣ ਦੀਆਂ ਕੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? (ਮਾਂਡਲ ਪੇਪਰ)
ਜਾਂ
ਚੰਗੇ ਬਾਲਣ ਦੀਆਂ ਘੱਟੋ-ਘੱਟ 6 ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਈਆਂ ਲਿਖੋ ।
ਜਾਂ
ਚੰਗੇ ਬਾਲਣ ਦੇ ਗੁਣ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗੇ (ਆਦਰਸ਼ ਬਾਲਣ ਦੇ ਗੁਣ-

  1. ਇਸ ਦਾ ਕੈਲੋਰੀ-ਮੁੱਲ ਵੱਧ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਬਾਲਣ ਦਾ ਪ੍ਰਜਲਣ ਤਾਪਮਾਨ ਉੱਚਿਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਬਾਲਣ ਦੀ ਬਲਣ ਦਰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਬਾਲਣ ਵਿੱਚ ਅਜਲਣਸ਼ੀਲ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਜਿੰਨੀ ਘੱਟ ਹੋਵੇ ਓਨਾ ਹੀ ਚੰਗਾ ਹੈ ।
  5. ਬਲਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  6. ਬਾਲਣ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਸੁਖਾਲੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਬਾਲਣ ਸਸਤਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਸਟੋਰ ਕਰਨਾ ਅਤੇ ਲਿਜਾਣਾ ਸੌਖਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਕਿਵੇਂ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਅਤੇ ਹਾਨੀਆਂ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਹਾਈਡਲ (ਪਣ) ਪਾਵਰ ਪਲਾਂਟ ਵਿਚ ਬਿਜਲੀ ਕਿਵੇਂ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਦਾ ਬੁਨਿਆਦੀ ਸਿਧਾਂਤ – ਨਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵਹਿੰਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਬੰਨ੍ਹ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਇਕੱਠਾ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹੁਣ ਬੰਧ ਪੱਧਰ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਤਲ ਦੇ ਨੇੜੇ ਲਗਾਏ ਗਏ ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ਤੇ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਡਿੱਗਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਨੂੰ ਘੁੰਮਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦੇ ਆਰਮੇਚਰ ਨੂੰ ਘੁੰਮਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 10
ਲਾਭ-

  1. ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਫਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ |
  2. ਪਣ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਨਹਿਰਾਂ ਤੋਂ ਸਿੰਚਾਈ ਲਈ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਹਾਨੀਆਂ-

  1. ਵਾਤਾਵਰਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕਈ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੀਵ ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦਾ ਕੁਦਰਤੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਮਾਜਿਕ ਜੀਵਨ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਲੋਕ ਆਪਣੀ ਜ਼ਮੀਨ ਤੋਂ ਵਾਂਝੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜੈਵ ਪੁੰਜ ਜਾਂ ਬਾਇਓ ਮਾਸ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੈਵ ਪੰਜ – ਪੌਦਿਆਂ (ਜਾਂ ਬਨਸਪਤੀਆਂ) ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਜੈਵ ਪੁੰਜ ਜਾਂ ਬਾਇਓਮਾਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਕੋਈ ਚਾਰ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ – ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਦੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਹੋਂਦ ਅਤੇ ਆਕਸਜੀਨ ਦੀ ਗੈਰਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਲਘੂਕਰਨ ਨਿਮਨੀਕਰਨ) ਦੌਰਾਨ ਮੀਥੇਨ (CH4) ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ (CO2), ਹਾਈਡਰੋਜਨ (H2) ਅਤੇ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ (N2) ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਤੱਤ ਮੀਥੇਨ ਹਨ ।

ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਅਤੇ ਸੰਘਟਨ
ਮੀਥੇਨ = 50% ਤੋਂ 70%
ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ = 30% ਤੋਂ 40
ਹਾਈਡਰੋਜਨ = 5% ਤੋਂ 10%
ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ = 1% ਤੋਂ 25%
ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਸਲਫਾਈਡ = ਥੋੜ੍ਹੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ

ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਇਹ ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣ ਲਈ ਬਾਲਣ ਦੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਇੰਜਣ ਚਲਾਉਣ ਦੇ ਲਈ ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । (iii) ਇਹ ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਰੌਸ਼ਨੀ ਕਰਨ ਲਈ ਵੀ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੇ ਕਾਰਨ-

  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਸਿੱਧੇ ਹੀ ਪਾਥੀਆਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਉਸ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਵਰਗੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਾਫ-ਸੁਥਰਾ ਬਾਲਣ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਫਾਲਤੂ ਸਲਰੀ ਨੂੰ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਪਾਥੀਆਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਧੂੰਆਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਾਰਨ ਦੱਸੋਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਸਮਝੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਧੁਨਿਕ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਦਰਅਸਲ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਲਾਹੇਵੰਦ ਹੈ । ਇਸ ਪਲਾਂਟ ਦੁਆਰਾ ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਨੂੰ ਸੌਖ ਨਾਲ ਆਕਸੀ-ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਦੀ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਤੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਮੀਥੇਨ, CO2, H2, H2S ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਹੜੀ ਕਿ ਇਕ ਬਹੁਤ ਲਾਭਦਾਇਕ ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਬਾਲਣ ਹੈ । ਇਸ ਬਾਲਣ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਗੈਸ ਸਟੋਵ ਵਿੱਚ ਤਾਪ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੁੱਟ ਜਿਹੜਾ ਘੋਲ ਬਾਕੀ ਬਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਉਸ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਹੜੀ ਕਿ ਇਕ ਵਧੀਆ ਅਜੈਵਿਕ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਸਾਰੀ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵੀ ਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਕੇ ਕਿਸਾਨ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਸਿੰਜਾਈ ਕਰਨ ਲਈ ਪੰਪ ਸੈਟ ਤੇ ਇੰਜਣ ਚਲਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਡੀਜ਼ਲ ਨਾਲੋਂ ਸਸਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਉਪਯੋਗਾਂ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਸਮੂਹਿਕ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਿਲ ਕੇ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਸਮੂਹਿਕ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਲਾਂਟ ਅੱਗੇ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਲਗਾਏ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ-

  1. ਕਈ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਲਾਂਟ ਨੂੰ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲ ਰੱਖਣ ਲਈ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਸ਼ੂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ।
  2. ਪਰਿਵਾਰ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਖ਼ਰਚੇ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਅਸਮਰੱਥ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  3. ਕਈ ਪਲਾਂਟ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਥਾਂ ਇਕ ਹੀ ਪਲਾਂਟ ਲਗਾਉਣਾ ਸਸਤਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ (ਜੀਵ ਗੈਸ) ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੇ ਕਾਰਨ-

  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਸਿੱਧਾ ਹੀ ਕੰਢਿਆਂ (ਪਾਥੀਆਂ) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਾਲਣ ਨਾਲ ਉਸ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਜਿਹੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜੀਵ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਗੋਬਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਸੁਥਰਾ ਬਾਲਣ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਅਵਸ਼ੇਸ਼ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਲਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਵਜੋਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਕੰਢਿਆਂ (ਪਾਥੀਆਂ) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਾਲਣ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੂੰਆਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
    ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਜੀਵ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਭੋਜਨ ਪਕਾਉਣ ਲਈ ਕੰਢਿਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਦੀ ਥਾਂ ਤੇ ਗੋਬਰ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਕਿਉਂ ਚੰਗਾ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਤਿੰਨ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਗੋਬਰ ਜਲਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੂੰਆਂ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਤੋਂ ਹਵਾ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਗੋਬਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਕਰਨ ਨਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਕਾਰਨ ਇਸ ਨੂੰ ਚੰਗਾ ਸਮਝਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

  1. ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਬਲਦੀ ਹੈ ।
  2. ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਾਫੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਸ਼ਮਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
  3. ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਬਚਿਆ ਹੋਇਆ ਬੇਲੋੜਾ ਪਦਾਰਥ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਫਾਸਫੋਰਸ ਦੇ ਯੌਗਿਕਾਂ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਖਾਦ ਦੇ ਰੂਪ ਵਜੋਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਸੂਰਜ ਦੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਮਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਦੀ ਕੋਰ ਵਿੱਚ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਚਾਲ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਇਹ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਟਕਰਾਉਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਸੰਯੋਜਿਤ ਹੋ ਕੇ ਵੱਧ ਪੁੰਜ ਵਾਲੇ ਭਾਰੀ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਨਿਉਕਲੀ ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਸੂਰਜ ਦੇ ਕੋਰ ਵਿੱਚ ਲਗਭਗ 1.4 × 107K ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਦਕਿ ਬਾਹਰ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ 6000 K ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਾਪਮਾਨ ਦੇ ਅੰਤਰ ਕਾਰਨ 4 × 1026 ਵਾਟ (ਜੁਲ ਪ੍ਰਤੀ ਸੈਕਿੰਡ) ਉਰਜਾ ਵਿਕਸਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰੰਤੁ ਇਸ ਕਾਰਨ ਸੂਰਜ ਠੰਢਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਊਰਜਾ ਦੇ ਵਿਕਿਰਿਤ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਪੁੰਜ ਵਿੱਚ ਕਮੀ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਜੋ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਊਰਜਾ ਸਾਨੂੰ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਧਰਤੀ ਸੂਰਜ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸੂਰਜ ਵਿਚਲੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਭਾਰੇ ਆਈਸੋਟੋਪ ਡਿਊਟੀਰੀਅਮ ਨਿਊਕਲੀਅਸ ਸੂਰਜ ਅੰਦਰ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਟਕਰਾ ਕੇ ਹੀਲੀਅਮ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਊਰਜਾ ਵੀ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ । ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਸੰਯੋਜਨ ਲਈ ਨਿਊਕਲੀਅਸਾਂ ਦਾ ਅਧਿਕ ਚਾਲ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਣਾ ਤਾਂ ਹੀ ਸੰਭਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੇਕਰ ਸੂਰਜ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ 4000000°C ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਸੂਰਜ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਉਰਜਾ ਸੰਯੋਜਨ ਕਿਰਿਆ ਦਾ ਸਿੱਟਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਜੇਕਰ ਸੂਰਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾਲ ਸੋਮਾ ਹੈ ਫਿਰ ਵੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਕੇਵਲ ਸੀਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਕਿਉਂ ਲਿਆਈ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਸਾਡੀ ਧਰਤੀ ਤੇ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵਿਸ਼ਾਲ ਸਰੋਤ ਹੈ । ਇਹ ਊਰਜਾ ਸਾਡੇ ਤਕ ਬਹੁਤ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਦੇ ਓਪਰੀ ਭਾਗ ਦੇ ਹਰੇਕ ਵਰਗ ਮੀਟਰ ਦੁਆਰਾ 136kJ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਤੀ ਸੈਕਿੰਡ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ 47% ਭਾਗ ਧਰਤੀ ਤਲ ਦੇ ਹਰੇਕ ਵਰਗ ਮੀਟਰ ਤਕ ਇਕ ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚਦਾ ਹੈ । ਉਰਜਾ ਦੀ ਇਹ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਮਾਤਰਾ ਵੀ ਸਮਾਨ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਹੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਕੇਵਲ ਸੀਮਿਤ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਕੰਮਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਉਪਯੋਗ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਚਾਰ ਦੈਨਿਕ ਉਪਯੋਗ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ।

  1. ਕੱਪੜੇ ਸੁਕਾਉਣ ਲਈ
  2. ਸਮੁੰਦਰੀ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਲੂਣ ਬਣਾਉਣ ਲਈ
  3. ਫ਼ਸਲ ਕੱਟਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਅਨਾਜ ਵਿੱਚ ਨਮੀ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਕਰਨ ਲਈ
  4. ਸਬਜ਼ੀਆਂ, ਫਲ ਅਤੇ ਮੱਛੀ ਸੁਕਾਉਣ ਲਈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਿੱਧੇ ਜਾਂ ਅਸਿੱਧੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਤਾਪ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠਾ ਕਰਕੇ ਜਾਂ ਬਿਜਲੀ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਰਸਾਇਣਿਕ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਮੁੰਦਰੀ ਲਹਿਰਾਂ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਦਾ ਦੋਹਨ ਕਰਕੇ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਅਸਿੱਧੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਦਾ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਦਾ ਮਹੱਤਵ-ਤਾਪ ਰੋਧੀ ਬਕਸੇ ਵਿੱਚ ਕਾਲੀ ਪੱਟੀ ਦੀ ਉੱਪਰਲੀ ਸਤਹਿ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਨਾਲ ਢੱਕ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਦਾ ਇਹ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਗੁਣ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਇਨਫਰਾਰੈਡ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਅੰਦਰ ਲੰਘਣ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਸ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕੱਚ ਦੀ ਪੱਟੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਇਨਫਰਾਰੈੱਡ ਵਿਕਿਰਨਾਂ ਲਈ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਅਧਿਕ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਤਸਰਜਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਤੋਂ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਤੁਲਨਾਤਮਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਤਾਪ ਤੇ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਦੋ ਪਰਿਸੀਮਾਵਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਦੀਆਂ ਪਰਿਸੀਮਾਵਾਂ-

  • ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਉੱਚ ਤਾਪ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਜੁਗਤਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਇਲਾਵਾ ਇਕ ਹੀ ਸਥਾਨ ਤੇ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਸਮਾਨ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਬਲਕਿ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਬਦਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਜੁਗਤ ਮੀਂਹ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਅਸਮਰੱਥ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਸਾਰੇ ਸੂਰਜੀ ਤਾਪਨ ਜੁਗਤਾਂ ਨੂੰ ਸੂਰਜ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਬਦਲਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਧੁੱਪ ਸਿੱਧੀ ਪਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਸਾਡੀ ਊਰਜਾ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਦੀ ਅਪੂਰਤੀ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨਾਲ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ? ਦੋ ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੇਕਰ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਬਹੁਤ ਸੁਵਿਧਾਜਨਕ ਹੈ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਸੰਬੰਧਿਤ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਲਈ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ । ਇਸ ਦੇ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਹਨ-

  1. ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਕਾਰਜ ਸਮਰੱਥਾ ਕੇਵਲ 20% ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਰਾਤ ਨੂੰ ਆਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਜਾਂ ਬੱਦਲ ਦੇ ਸਮੇਂ ਕੰਮ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।
  3. ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਬਹੁਤ ਮਹਿੰਗਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਉਨ੍ਹਾਂ ਚਾਰ ਖੇਤਰਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ਜਿੱਥੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਊਰਜਾ ਸਰੋਤ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ-

  1. ਬਣਾਉਟੀ ਭੂ-ਉਪਹਿ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਖੋਜ ਵਿੱਚ ।
  2. ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਿਕ ਉਪਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ।
  3. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿਵਸਥਾ ਅਤੇ ਦੂਰਦਰਾਜ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਟੈਲੀਵਿਜ਼ਨ ਕਾਰਜਕੂਮਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਸਾਰਿਤ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ।
  4. ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਤੰਭਾਂ (Light House) ਅਤੇ ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਵਾਲੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਇਹ ਸਮਝਾਓ ਕਿ ਪਿਛਲੇ ਕੁਝ ਦਹਾਕਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਮਹੱਤਵ ਕਿਉਂ ਵੱਧ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਤੱਤ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਕੀਮਤ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਅਧਿਕ ਸਮਰੱਥਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਤੋਂ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿਆਂ, ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਉਪਕਰਨਾਂ, ਦੂਰ ਸੰਚਾਰ ਸਾਧਨਾਂ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਸਰਲਤਾ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਨਾਂ ਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਸੋਲਰ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਮਹੱਤਵ ਪਿਛਲੇ ਦਹਾਕੇ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਕੇਵਲ ਕੁੱਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਕਿਉਂ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ? ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਸਾਰੇ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ਇਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਸੰਭਵ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਅਨੁਕੂਲ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਹੋਣ । ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰਤਾਂ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ-

  1. ਪੌਣ ਦੀ ਗਤੀ 15 ਕਿ.ਮੀ. /ਘੰਟਾ ਜਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  2. ਸਾਰਾ ਸਾਲ ਪੌਣ ਨੂੰ ਇਸੇ ਗਤੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਦਿਨ 12 ਘੰਟੇ ਜਾਂ ਇਸ ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਸਮੇਂ ਲਈ ਵਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਹ ਸ਼ਰਤਾਂ ਪੂਰੀਆਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਰਧ ਚਾਲਕ-ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕ ਚਾਲਕਾਂ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਪਰੰਤੂ ਰੋਧਕਾਂ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਪਦਾਰਥ ਜਰਮੇਨੀਅਮ ਅਤੇ ਸਿਲੀਕਾਂਨ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਪੌਣ-ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚੱਲਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ-ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹਵਾ ਨੂੰ ਪੌਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਪੌਣ ਦਾ ਚਲਨਾ – ਧਰੁਵੀ ਖੇਤਰਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਫਲਸਰੂਪ ਭੂਮੱਧ ਰੇਖੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੇ ਤਲ ਦੇ ਨੇੜੇ ਹਵਾ ਛੇਤੀ ਹੀ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉੱਪਰ ਵਲ ਨੂੰ ਉੱਠਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਖਾਲੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ਨੂੰ ਭਰਨ ਲਈ ਧਰੁਵੀ ਖੇਤਰਾਂ ਦੀ ਠੰਢੀ ਹਵਾ ਭੂ-ਮੱਧ ਖੇਤਰਾਂ ਵੱਲ ਵਹਿਣ ਲਗਦੀ ਹੈ । ਹਵਾ ਦੇ ਇਸ ਬਹਾਓ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਦਾ ਘੁੰਮਣਾ ਲਗਾਤਾਰ ਰੁਕਾਵਟ ਪਾਉਂਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਅਜਿਹੇ ਤਿੰਨ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ਜਿਹੜੇ ਪੌਣ ਨੂੰ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਕਰਨ ਲਈ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹੋਣ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਨੂੰ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ-

  1. ਸੂਰਜ ਦੀ ਸਥਿਤੀ
  2. ਹਵਾ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਦਾ ਅੰਤਰ
  3. ਹਵਾ ਦੇ ਦਬਾਓ ਦਾ ਅੰਤਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਕਿਸੇ ਬੰਨ੍ਹ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤੀ ਗਈ ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਨੂੰ ਸੋਲਰ ਊਰਜਾ ਦਾ ਹੀ ਹੋਰ ਰੂਪ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਹਿੰਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਬਿਜਲੀ ਨੂੰ ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਸੂਰਜੀ ਸੋਲਰ ਊਰਜਾ ਦੀ ਊਸ਼ਮਾ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰ, ਦਰੱਖ਼ਤਾਂ ਦੇ ਪੱਤੇ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਉਪਸਥਿਤ ਜਲ ਸਰੋਤਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਜਲ ਦਾ ਵਾਸ਼ਪੀਕਰਨ ਕਰਨ ਲਈ ਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਤਪਾਦਿਤ ਜਲਵਾਸ਼ਪ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਉੱਪਰ ਵਲ ਉੱਠਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਜਲਵਾਸ਼ਪ ਠੰਢੇ ਹੋ ਕੇ ਵਾਪਸ ਮੀਂਹ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗਦੇ ਹਨ । ਮੀਂਹ ਦਾ ਪਾਣੀ ਜਾਂ ਫਿਰ ਬਰਫ਼ ਦੇ ਪਿਘਲਣ ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਪਾਣੀ ਬੰਨ੍ਹ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠਾ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੁਰਜੀ ਉਰਜਾ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਇਕੱਠੇ ਕੀਤੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਤੀਬਰ ਗਤੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਹੁਣ ਇਹ ਤੀਬਰ ਗਤੀ ਦਾ ਪਾਣੀ ਟਰਬਾਈਨ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਯੰਤਿਕ ਉਰਜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਪਣਬਿਜਲੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਇਕ ਹੋਰ ਰੂਪ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਪਣ-ਊਰਜਾ ਦਾ ਇੱਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਪ੍ਰਤਿਬੰਧ ਦੱਸੋ । ਇਸ ਦਾ ਲਾਭ ਵੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਣ – ਊਰਜਾ ਦਾ ਇਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਪ੍ਰਤਿਬੰਧ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਪਣ-ਚੱਕੀ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਵਹਿ ਰਿਹਾ ਜਲ ਹਰੇਕ ਥਾਂ ਤੇ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਲਈ ਪਣ-ਉਰਜਾ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੇਵਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਵਹਿੰਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋਵੇ । ਪਣ-ਊਰਜਾ ਦਾ ਇਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਲਾਭ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨਾਲ ਪਰਿਆਵਰਣ ਦਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ (Ocean Thermal Energy) – ਸਮੁੰਦਰ, ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਵੱਡੇ ਭੰਡਾਰ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਉਰਜਾ ਦੇ ਇਸ ਸੋਮੇ ਨੂੰ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਂਦਾ ਜਾ ਸਕੇ ਤਾਂ ਸਾਨੂੰ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ । ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਇਸ ਦੀ ਲਗਭਗ 1000 m ਡੂੰਘਾਈ ਵਿਚਕਾਰ ਤਾਪਮਾਨ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਕਈ ਥਾਂਵਾਂ ‘ਤੇ ਤਾਂ ਤਾਪ ਵਿੱਚ ਇਹ ਅੰਤਰ 20°C ਤਕ ਵੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਡੂੰਘਾਈ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਤਾਪ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਪਲੱਬਧ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਉਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ ਦੋ ਰੂਪਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  • ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨਾਲ ਪੌਣਾਂ ਚਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਮੁੰਦਰ ਤਲ ਤੇ ਵਹਿਣ ਵਾਲੀਆਂ ਪੌਣਾਂ ਜਲ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਤਟਾਂ ਨਾਲ ਲਗਾਤਾਰ ਵਹਿਣ ਲਈ ਗਤੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮਾਂ ਨੂੰ ਕਰਵਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਬਣਦੀ ਹੈ ।
  • ਸ਼ਰਜ ਦੀ ਗਰਮੀ ਤੋਂ ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਦਾ ਪਾਣੀ ਗਰਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਸ ਦੀਆਂ ਲਹਿਰਾਂ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ ਬਦਲਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ (OTE) ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਸਮੁੰਦਰ ਊਰਜਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਭੰਡਾਰ ਹਨ । ਇਸ ਕਥਨ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁੰਦਰ ਊਰਜਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਭੰਡਾਰ-ਸਮੁੰਦਰ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਭੰਡਾਰ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਉਰਜਾ ਉਤਪੱਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-

  1. ਸਮੁੰਦਰ ਦੀਆਂ ਲਹਿਰਾਂ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਵਿਭਿੰਨ ਸੜਾਵਾਂ ਦੇ ਤਾਪ ਦੇ ਅੰਤਰ ਤੋਂ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  3. ਚੰਨ ਅਤੇ ਸੂਰਜ ਦੇ ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੈਦਾ ਜਵਾਰ ਭਾਟਾ ਤੋਂ ਟਰਬਾਈਨ ਘੁੰਮਾ ਕੇ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸਾਗਰ ਤੱਟਾਂ ਤੇ ਰਹਿਣ ਵਾਲਿਆਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਬਣ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  4. ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਦੇ ਵਿਭਿੰਨ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਲੂਣਾਂ ਦੀ ਸੰਘਣਤਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  5. ਸਮੁੰਦਰੀ ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਲਾਭ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ (Geothermal Energy) – ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਹੇਠਲੇ ਗਰਮ ਚੱਟਾਨਾਂ ਦੇ ਸੋਮੇ ਨੂੰ ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਧਰਤੀ ਦੇ ਮੱਧ ਭਾਗ ਦੇ ਬਹੁਤ ਗਰਮ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਹੈ । ਇਹ ਸਿੱਧੇ ਜਾਂ ਅਸਿੱਧੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸੂਰਜ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੇ ਹੇਠਲੀਆਂ ਪਿਘਲੀਆਂ ਚੱਟਾਨਾਂ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਮੈਗਮਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਭੂ-ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਮਾ ਹਨ ।

ਜਦੋਂ ਮੈਗਮਾ ਕੁੱਝ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਨੇੜੇ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਗਰਮ ਸਥਾਨ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਵਾਲਾ ਪਾਣੀ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਭਾਫ਼ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਭਾਫ਼ ਚੱਟਾਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਫਸ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬਹੁਤ ਉੱਚੇ ਦਬਾਅ ਤੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਜ਼ਮੀਨ ਅੰਦਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਗਰਮ ਸਥਾਨਾਂ ਤਕ ਪਾਈਪ ਖੋਭੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਭਾਫ਼ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਦਬਾਅ ਨਾਲ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਭਾਫ਼ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਟਰਬਾਈਨਾਂ ਦੇ ਚਲਣ ਨਾਲ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਲਾਭ-

  1. ਸਾਰਾ ਸਾਲ ਪ੍ਰਤੀਦਿਨ 24 ਘੰਟੇ ਤੱਕ ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  2. ਕਿਉਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਬਾਲਣ ਨਹੀਂ ਜਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਇਸ ਲਈ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।
  3. ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਲਾਗਤ ਵੀ ਘੱਟ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਸੰਯਨ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਉਰਜਾ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਿਖੰਡਨ ਅਤੇ ਸੰਯਨ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਅੰਤਰ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਕ ਗ੍ਰਾਮ ਯੂਰੇਨੀਅਮ ਨੂੰ ਵਿਖੰਡਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਲਗਭਗ 6.2 × 1010 ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰੰਤੂ ਜਦੋਂ 1 ਗ੍ਰਾਮ ਡਿਊਟੇਰੀਅਮ ਨੂੰ ਸੰਧਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ 2.3 × 1012J ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰਮਾਣੂ ਵਿਖੰਡਨ ਨੂੰ ਸੰਯਨ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਅਧਿਕ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਵਿਖੰਡਨ ਕਿਰਿਆ ਨਾਲ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਰੇਡੀਓ ਸਭਿਅਤਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਪਰਿਣਾਮਸਰੂਪ ਗੁਣ ਸੂਤਰਾਂ ਅਤੇ ਜੀਨਸ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਲੱਡ ਕੈਂਸਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕਈ ਦੋਸ਼ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਊਰਜਾ ਦੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਅਤੇ ਅਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਊਰਜਾ ਦੇ ਨਵੀਨੀਕਰਨ ਅਤੇ ਅਨਵੀਨੀਕਰਨ ਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਰਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਊਰਜਾ ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੋਮਿਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੁਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ-ਉਰਜਾ ਦੇ ਉਹ ਸੋਮੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਖ਼ਪਤ ਹੋ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਦੁਬਾਰਾ ਉਤਪਾਦਿਤ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ, ਊਰਜਾ ਦੇ ਅਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣ ਲਈ ਅਸੀਂ ਕੋਲਾ, ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਲ, ਐਲ. ਪੀ. ਜੀ. ਆਦਿ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹਾਂ । ਸਰਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਕੋਲਾ ਵੀ ਗਰਮੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਬਾਲਦੇ ਹਨ । ਇਕ ਵਾਰ ਵਰਤੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੁਬਾਰਾ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ । ਦਰੱਖ਼ਤਾਂ-ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਲੱਕੜੀ ਵੀ ਇਸੇ ਸੋਮੇ ਅਧੀਨ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਸੀਮਿਤ ਹਨ । ਇਹ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪੂਰਤੀਯੋਗ ਸੋਮੇ – ਉਰਜਾ ਦੇ ਉਹ ਸੋਮੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਪੁਨਰ-ਉਤਪਾਦਨ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਰਜਾ ਦੇ ਪੁਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸੂਰਜ, ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਮਿੱਟੀ ਆਦਿ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਇਹ ਦੁਬਾਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਤੋਂ ਕੋਈ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਨਹੀਂ ਫੈਲਦਾ । ਇਹ ਅਸੀਮ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਕੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਸਾਰੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ? ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਊਰਜਾ ਦੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਰਕੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਲਗਭਗ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਰਹਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਊਰਜਾ ਦੇ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਸੂਰਜ, ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਖੇਤੀ ਦਾ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ, ਲੱਕੜੀ ਅਤੇ ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਗੋਬਰ ਆਦਿ । ਸੂਰਜ, ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੋਮਾ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜੈਵ ਮਾਤਰਾ (ਜਲਾਉਣ ਵਾਲੀ ਲੱਕੜੀ, ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਗੋਬਰ, ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਵਿਘਟਨਕਾਰੀ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥ, ਫ਼ਸਲਾਂ ਦਾ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਆਦਿ) ਨੂੰ ਜਲਾਉਣ ਤੇ ਇਹ ਊਰਜਾ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਤਸਰਜਿਤ ਹੋਇਆ ਧੂਆਂ ਹਵਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੇ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਚੱਕੀ- ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਪੰਣ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੁਆਰਾ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 5

ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੀ ਰਚਨਾ – ਜਦੋਂ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਘੁੰਮਣ ਵਾਲੀ ਸ਼ਾਫਟ ਵਗਦੀ ਹੋਈ ਪੌਣ, ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਉਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਇਕ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਘੁੰਮਣ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਉਸ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬਣਤਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡਾਂ ਦੇ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪੱਖਾ ਸਮਝਿਆ। ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਕਿਉਂਕਿ ਜਦੋਂ ਪੱਖੇ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ, ਪਰੰਤ ਜਦੋਂ ਪੌਣ ਵੱਗਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 6

ਘੁੰਮਦੇ ਹੋਏ ਬਲੇਡਾਂ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਨਾਲ ਕਣਕ ਪੀਸਣ ਵਾਲੀ ਚੱਕੀ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦਾ ਚਲਾਉਣਾ, ਘੁਮਿਆਰ ਦਾ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਬਰਤਨਾਂ ਦਾ ਚੱਕਾ ਘੁੰਮਾਉਣਾ ਆਦਿ ਕਾਰਜ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਅਜਿਹੇ ਹੀ ਸਥਾਨ ਤੇ ਲਗਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਹਵਾ ਵੀ ਲਗਭਗ ਪੂਰਾ ਸਾਲ ਤੀਬਰ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੀ ਬੈਂਕ ਇੱਕ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਦੇ ਪਿਸਟਨ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਹਵਾ ਪੌਣ-ਚੱਕੀ ਦੇ ਬਲੇਡ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਚੱਕੀ ਦਾ ਪਹੀਆ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨਾਲ ਜੁੜਿਆ ਧੁਰਾ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਧੁਰੇ ਦੀ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬੈਂਕ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਹੋਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪੰਪ ਦੀ ਪਿਸਟਨ ਛੜ ਉੱਪਰ-ਹੇਠਾਂ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਵਾਲੇ ਪੰਪ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਉਪਯੋਗ – ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਉਪਯੋਗ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਕਿ-

  1. ਪੌਣ ਕਿਸ਼ਤੀਆਂ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  2. ਪੌਣ ਚੱਕੀਆਂ ਨਾਲ ਆਟਾ ਚੱਕੀਆਂ ਤੇ ਜਲ ਪੰਪ ਆਦਿ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ।
  3. ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੁਆਰਾ ਉਡਾਨ ਭਰਨ ਲਈ ।
  4. ਬਿਜਲੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ।

ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੀਆਂ ਹਾਨੀਆਂ – ਭਾਵੇਂ ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਦੇ ਕਈ ਲਾਭ ਹਨ ਪਰੰਤ ਇਸ ਦੀਆਂ ਕਈ ਹਾਨੀਆਂ ਵੀ ਹਨ। ਕਈ ਕਮੀਆਂ ਵੀ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਮੰਨ ਲਓ ਜਦੋਂ ਸਾਨੂੰ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਦਾ ਵਹਾਓ ਨਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਹ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੌਣ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਨਾ ਵਗਦੀ ਹੋਵੇ । ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਖੁੱਲਾ ਖੇਤਰ ਵੀ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਕ ਹੋਰ ਕਮੀ ਇਹ ਵੀ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਨਿਰਮਾਣ ਲਾਗਤ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕਿਵੇਂ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਚਿੱਤਰ ਬਣਾ ਕੇ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ – ਇਹ ਪੈਨਲ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਤੋਂ ਬਣਾਈ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਬਣਾਵਟ – ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦਾ ਸਮੂਹਿਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਕੰਮ ਕਰਨ ਦੀ ਯੋਗਤਾ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤਰਤੀਬ ਦੇ ਕੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਅਜਿਹੀ ਥਾਂ ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਧੁੱਪ ਆਉਂਦੀ ਹੋਵੇ। ਪੈਨਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਬਦਲਣ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਵੀ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ – ਸਿਲੀਕਾਨ ਅਤੇ ਗੈਲੀਅਮ ਵਰਗੇ ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਣਾਏ ਗਏ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਪੈਨਲ ਤੇ ਜਦੋਂ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਅਰਧ ਚਾਲਕ ਦੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਾਰ ਵਰਗ ਸੈਂ.ਮੀ. ਦੇ ਇਕ ਸਰਜੀ ਸੈੱਲ ਨਾਲ 60 ਮਿ.ਲੀ. ਐਮਪੀਅਰ ਕਰੰਟ
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ ਤੋਂ ਡੀ.ਸੀ.ਆਉਟਪੁਟ ਲਗਪਗ 0.4 – 0.5 ਵੋਲਟ ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਘੱਟ ਜਾਂ ਵੱਧ ਗਿਣਤੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਘੱਟ ਜਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉਪਯੋਗ-

  1. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਬਣਾਉਟੀ ਵਿੱਚ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਅਤੇ ਪੁਲਾੜ ਖੋਜ ਯਾਨਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ । ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਊਰਜਾ ਦਾ ਅਨੰਤ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਕਿਹੜਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮਿਆਂ ਨੂੰ ਕਿੰਨੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਦੇ ਸੋਮਿਆਂ ਨੂੰ ਦੋ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

  1. ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਊਰਜਾ ਸੋਮੇ ਅਤੇ
  2. ਪੂਰਤੀ ਅਯੋਗ ਊਰਜਾ ਸੋਮੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਤੱਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਤੱਤ-CH4, CO2 ਅਤੇ H2S ਹਨ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਮੀਥੇਨ 65% ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਸੇ ਦੋ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੋਲਾ,
  2. ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇਕ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ਜਿਸ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਅਸੀਂ ਇਹ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਇੱਕ ਚੰਗਾ ਬਾਲਣ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਸ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਹਿੱਸਾ ਮੀਥੇਨ ਹੈ ਜੋ ਇਕ ਚੰਗਾ ਬਾਲਣ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਵਰਦਾਨ ਕਿਉਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਨਾਲ ਗੈਸੀ ਬਾਲਣ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸਲਰੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਖਾਦ ਵੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
L.P.G ਦੇ ਤੱਤ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਈਥੇਨ, ਪੇਨ ਅਤੇ ਬਿਊਟੇਨ । L.P.G. ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੰਘਟਕ ਬਿਊਟੇਨ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਉੱਚ ਦਬਾਅ ਹੇਠ ਤਰਲ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਗੈਰ-ਨਵਿਆਉਣਯੋਗ ਬਾਲਣ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ਅਤੇ ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕੋਲ ਗੈਸ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ, ਮੀਥੇਨ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ ਮੋਨੋਆਕਸਾਈਡ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਜੈਵ-ਪੁੰਜ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੈਵ-ਪੰਜ – ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤ ਸਮੱਗਰੀ ਨੂੰ ਜੈਵ-ਪੁੰਜ ਆਖਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਊਰਜਾ (Wind Energy) – ਹਵਾ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਪੁੰਜ ਦੀ ਗਤੀਸ਼ੀਲਤਾ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਗਤੀ ਊਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਗੋਹੇ ਦੀਆਂ ਪਾਥੀਆਂ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਦੋ ਹਾਨੀਆਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਦਿਨ, ਅਪੂਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਧੂੰਆਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਗੋਹੇ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਲਾਭਦਾਇਕ ਤੱਤ ਬਰਬਾਦ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਗੋਬਰ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਬਾਲਣ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਇਕ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸੜਕਾਂ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨ ਲਈ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ ਕਿਹੜੀ-ਕਿਹੜੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਥਾਈ ਗੁੰਬਦ ਪਲਾਂਟ
  2. ਤੈਰਦੀ ਗੈਸ ਟੈਂਕੀ ਪਲਾਂਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲ – ਇਹ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਬਣਾਈ ਗਈ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੋਲਰ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਪਯੋਗੀ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਕੋਈ ਚਾਰ ਅਰਧਚਾਲਕਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
ਜਾਂ
ਅਜਿਹੇ ਦੋ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜੋ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਿਲੀਕਾਂਨ, ਗੇਲੀਅਮ, ਸੇਲੀਨਿਅਮ, ਜਰੇਨਿਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਨਾਲ ਬਣਨ ਵਾਲੇ ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਕਿੰਨੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
10%-18%.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਹੜੇ ਉਪਯੋਗੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਰਧ ਚਾਲਕਾਂ ਦੀ ਚਾਲਕਤਾ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਪਦਾਰਥ (ਅਸ਼ੁੱਧੀ) ਮਿਲਾ ਕੇ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਪਰੰਪਰਾਗਤ ਰੂਪ ਨਾਲ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਦੇ ਦੋ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੱਪੜੇ ਸੁਚਾਉਣ ਵਿੱਚ
  2. ਸਮੁੰਦਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਲੂਣ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਦੇ ਦੋ ਲਾਭ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨਾ
  2. ਜਲ-ਪੰਪ ਚਲਾਉਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਕਿਹੜੇ ਸਾਧਨ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਪੈਨਲਾਂ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ-ਜੀਵ – ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਧਰਤੀ ਹੇਠ ਦੱਬੇ ਰਹੇ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਅਣਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਿਤ ਹੋ ਕੇ ਬਾਲਣ ਬਣ ਗਿਆ ਜਿਸ ਨੂੰ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਆਖਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ – ਕੋਲਾ, ਪੈਟਰੋਲੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਅਨਵੀਨੀਕਰਨ ਸਾਧਨਾਂ ਦੀਆਂ ਤਿੰਨ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ :
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੋਲਾ
  2. ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਲ
  3. L.P.G.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਕਿਸੇ ਦੋ ਪੂਰਤੀ ਯੋਗ ਸੋਮਿਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੂਰਤੀਯੋਗ ਸੋਮਿਆਂ ਦੇ ਨਾਂ-

  1. ਪਾਣੀ
  2. ਹਵਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਰਹਿੰਦ-ਖੂੰਹਦ ਦੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਹੋਂਦ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਗੈਰ-ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਲਘੂਕਰਨ ਦੌਰਾਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ – ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਡੂੰਘਾਈ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਕਾਰਨ ਉਪਲੱਬਧ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਸਰੀਰਿਕ ਕਾਰਜਾਂ ਦੇ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਸ ਊਰਜਾ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੱਠਿਆਂ ਦੀ ਉਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਕਿਸ ਬਾਲਣ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨੇ ਉਦਯੋਗਿਕ ਕ੍ਰਾਂਤੀ ਨੂੰ ਸੰਭਵ ਬਣਾਇਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲੇ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦੇ ਸੋਮੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੂਰਤੀਅਯੋਗ ਸਰੋਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕਿਸ ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਜਲਾ ਕੇ ਭਾਫ਼ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ (ਫਾਸਿਲ ਬਾਲਣ) ਕੋਲਾ ਜਲਾ ਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਬਾਲਣ ਨੂੰ ਜਲਾ ਕੇ ਊਸ਼ਮਾ ਊਰਜਾ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਾਪ ਬਿਜਲੀ ਪਲਾਂਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਪਲਾਂਟ ਵਿੱਚ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਤੋਂ ਬਿਜਲੀ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਪੌਣ ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਿਸ਼ਾਲ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਪਣ-ਚੱਕੀਆਂ ਲਗਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਤਾਂ ਉਸ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਪੌਣ-ਊਰਜਾ ਫਾਰਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਕਿਸ ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਪੌਣਾਂ ਦਾ ਦੇਸ਼ ਕਿਹਾ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੈਨਮਾਰਕ ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਪੌਣ ਉਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਪੌਣਾਂ ਦੀ ਚਾਲ ਕਿੰਨੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
15 km/h ਤੋਂ ਵੱਧ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 38.
ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ਵਿੱਚ ਕੱਚ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਦਾ ਕਵਰ ਕਿਉਂ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 39.
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਸ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 40.
ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦਾ ਲੇਵਲ ਕਿਸੇ ਕਾਰਨ ਚੜ੍ਹਦਾ ਅਤੇ ਡਿੱਗਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੰਨ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਕਾਰਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 41.
ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਉਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 42.
ਭਾਰੀ ਨਿਉਕਲੀ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਤਿੰਨ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਯੂਰੇਨੀਅਮ,
  2. ਪਲੂਟੋਨੀਅਮ,
  3. ਥੋਰੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 43.
ਅਲਬਰਟ ਦਾ ਨਿਊਕਲੀ ਵਿਖੰਡਨ ਸੰਬੰਧੀ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
E = Δmc2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 44.
ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਨਿਊਕਲੀਅਰ ਬਿਜਲਈ ਰੀਐਕਟਰ ਕਿੱਥੇ-ਕਿੱਥੇ ਸਥਿਤ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਡਾਰਾਪੁਰ (ਮਹਾਂਰਾਸ਼ਟਰ), ਰਾਣਾ ਪ੍ਰਤਾਪ ਸਾਗਰ (ਰਾਜਸਥਾਨ) ਕਲਾਕਮ (ਤਾਮਿਲਨਾਡੂ), ਨਰੋਗ (ਉੱਤਰ ਪ੍ਰਦੇਸ਼), ਕੈਗਾ (ਕਰਨਾਟਕ) ਅਤੇ ਕਟਰਾਪੁਰ (ਗੁਜਰਾਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 45.
CNG ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੰਪੀੜਤ ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ (Compressed Natural Gas) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 46.
ਊਰਜਾ ਦਾ ਵਾਸਤਵ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਸਰੋਤ ਕਿਹੜਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 47.
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜੀ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 48.
ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਸ ਊਰਜਾ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਨ ਨਾਲ ਪਰਿਵਆਵਰਣ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? .
ਉੱਤਰ-
ਪੌਣ ਉਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 49.
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਲਰ ਸੈੱਲ-ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜੁਗਤ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 50.
ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਕਿਸ ਸਾਧਨ ਨਾਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਲਰ ਪੈਨਲ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 51.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਯੰਤਰ ਵਿਚ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦਾ ਦਰਪਣ ਵਧੇਰੇ ਢੁੱਕਵਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 11

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 52.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਕੀ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 12
ਉੱਤਰ-
ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ – ਸਥਿਰ ਗੁੰਬਦ ਕਿਸਮ ਦਾ ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਪਲਾਂਟ । ਇਸ ਯੰਤਰ ਵਿੱਚ ਬਾਇਓ ਗੈਸ (ਜੈਵ ਗੈਸ) ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 53.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 13 ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ 14
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਮਤਲ ਦਰਪਣ
  2. ਬਾਹਰੀ ਲੱਕੜ ਦਾ ਬਕਸਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਨਾ-ਨਵਿਆਉਣ ਯੋਗ ਸ੍ਰੋਤ ਹੈ-
(a) ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ
(b) ਪੌਣ ਊਰਜਾ
(c) ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ
(d) ਪਾਣੀ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਕੁਦਰਤੀ ਗੈਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪਣ-ਬਿਜਲੀ ਸੰਯੰਤਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ-
(a) ਪੌਣ ਉਰਜਾ
(b) ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਉਰਜਾ
(c) ਕੋਲੇ ਦੇ ਜਲਣ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਉਰਜਾ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਊਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਤਾਪ ਬਿਜਲੀ ਯੰਤਰ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ-
(a) ਪੌਣ ਊਰਜਾ
(b) ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਊਰਜਾ
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਈਂਧਨ ਦੇ ਜਲਣ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਊਰਜਾ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਈਂਧਨ ਦੇ ਜਲਣ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਊਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਬਕਸਾਨੁਮਾ ਸੋਲਰ ਕੁੱਕਰ ਨੂੰ 2-3 ਘੰਟੇ ਸੂਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਉਸਦਾ ਤਾਪ ਰੇਂਜ ਹੋਵੇਗਾ-
(a) 60°C ਤੋਂ 80°C
(b) 80°C ਤੋਂ 100°C
(c) 100°C ਤੋਂ 140°C
(d) 140°C ਤੋਂ 180°C.
ਉੱਤਰ-
(c) 100°C ਤੋਂ 140°C.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਹੈ-
(a) ਸੋਲਰ ਪਾਣੀ ਹੀਟਰ
(b) ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ
(c) ਸੌਰ ਭੱਟੀ
(d) ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਪੈਨਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ-
(a) ਕਾਰਬਨ
(b) ਸਿਲੀਕਾਨ
(c) ਸੋਡੀਅਮ
(d) ਕੋਬਾਲਟ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸਿਲੀਕਾਨ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਉਹ ਉਪਕਰਨ ਜੋ ਊਰਜਾ ਦੇ ਇੱਕ ਰੂਪ ਨੂੰ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦਾ ਹੈ, ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ –
(a) ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ
(b) ਸੂਰਜੀ ਸੈੱਲ
(c) ਇੰਜਨ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਇੰਜਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਜੈਵ ਮਾਤਰਾ ਉਰਜਾ ਸੋਤ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਨਹੀਂ ਹੈ ?
(a) ਲੱਕੜ
(b) ਗੋਬਰ ਗੈਸ
(c) ਕੋਲਾ
(d) ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਨਿਊਕਲੀ ਊਰਜਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਠੋਸ ਈਂਧਨ ਨਹੀਂ ਹੈ ?
(a) ਕੋਲਾ
(b) ਲੱਕੜ
(c) ਕੋਕ
(d) ਕਿਰੋਸੀਨ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਕਿਰੋਸੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਨਾ-ਨਵਿਆਣਯੋਗ ਊਰਜਾ ਸ੍ਰੋਤ ਹੈ ?
(a) ਪੌਣ ਊਰਜਾ ।
(b) ਸੂਰਜੀ ਊਰਜਾ ।
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਈਧਨ
(d) ਪਣ ਊਰਜਾ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਫਾਂਸਿਲ ਧਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਊਰਜਾ ਦਾ ਵਾਸਤਵਿਕ ਇੱਕੋ ਹੀ ਸ੍ਰੋਤ ਕੀ ਹੈ ?
(a) ਸੂਰਜ
(b) ਪਾਣੀ
(c) ਯੂਰੇਨੀਅਮ
(d) ਫਾਂਸਿਲ ਈਂਧਨ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਸੂਰਜ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 14 ਊਰਜਾ ਦੇ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬਾਇਓ ਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਘਟਕ ਹੈ-
(a) CO2
(b) CH4
(c) H2
(d) H2S.
ਉੱਤਰ-
(b) CH4

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਸੂਰਜੀ ਕੁੱਕਰ ……………… ਊਰਜਾ ਨੂੰ ……………… ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਕਾਸ਼, ਤਾਪ

(ii) ਟਾਰਚ ਦਾ ਜਗਣਾ ……………… ਊਰਜਾ ਦਾ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਨ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਰਸਾਇਣਿਕ

(iii) ……………… ਗੈਸ, ਬਾਇਓਗੈਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਘਟਕ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੀਥੇਨ

(iv) ਪੌਣ ਚੱਕੀ ਵਿੱਚ ਪੌਣ ਦੀ ……………… ਊਰਜਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਕਾਰਜਾਂ ਦੇ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਗਤਿਜ

(v) ਹਾਈਇਲੈੱਕਟ੍ਰਿਕ ਜਨਰੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉੱਚਾਈ ਤੋਂ ਡਿੱਗਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ . ……………. ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਥਿਤਿਜ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਵੱਡੇ ਉੱਚਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਰੱਖੀ ਲੋਹੇ ਦੀ ਕੋਰ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਹੈ ? ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਬਨਾਉਣ ਲਈ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਉਪਾਅ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਲੀਨਾਇਡ – ਇਹ ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਸ਼ਕਲ ਦੀ ਤਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਰੋਧਕ ਚਾਲਕ ਤਾਰ ਦੇ ਕਈ ਲਪੇਟੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕੋਰ (core) ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਲਪੇਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਸ ਸੋਲਨਾਇਡ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਚੁੰਬਕੀ ਗੁਣ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਨ ਲਗਦੀ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 1
ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਲੋਹਾ ਕੋਰ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ-
ਜਦੋਂ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਅੰਦਰ ਲੋਹੇ ਦੀ ਕੋਰ ਰੱਖ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਵੇਲੇ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੀ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਕਾਫ਼ੀ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਚੁੰਬਕ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦਾ ਪਤਾ ਚੁੰਬਕੀ ਸੁਈ ਵਿੱਚ ਹੋਏ ਵਿਖੇਪਣ ਤੋਂ ਲਗਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਾਰਨ ਚੁੰਬਕ ਬਣਨ ਵਾਲੀ ਲੋਹਾ ਕੋਰ ਨਾਲ ਯੁਕਤ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਨੂੰ ਹੀ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਯਾਦ ਰਹੇ ਕਿ ਨਰਮ ਲੋਹੇ ਦੇ ਕੋਰ ਨਾਲ ਬਣਿਆ ਹੋਇਆ ਚੁੰਬਕ ਸਟੀਲ ਕੋਰ ਵਾਲੇ ਚੁੰਬਕ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 2

ਇੱਕ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਕਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ-

  1. ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ – ਜੇਕਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਜ਼ਿਆਦਾ ਜਾਵੇਗੀ ਤਾਂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਵੀ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗੀ ।
  2. ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ – ਜੇਕਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਅਧਿਕ ਹੋਵੇਗੀ ਤਾਂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗੀ ।
  3. ਕੋਰ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਜਿਸ ਉੱਪਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਲਪੇਟੀ ਹੋਈ ਹੈ – ਜੇਕਰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਅੰਦਰ ਰੱਖੇ ਹੋਏ ਨਰਮ ਲੋਹੇ ਦੀ ਛੜ ਹੈ ਤਾਂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵੱਧ ਪ੍ਰਬਲ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਈਆਂ-

  • ਇੱਕ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ, ਉਸ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਅਤੇ ਕੋਰ ਪਦਾਰਥ ਦੇ ਸੁਭਾਅ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
  • ਕਾਰਖ਼ਾਨਿਆਂ ਵਿੱਚ ਭਾਰੀ ਵਜ਼ਨ ਚੁੱਕਣ ਲਈ ਕੁੰਨ ਦੇ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੋਟ ਬਿਜਲੀ ਘੰਟੀ ਟੈਲੀਗ੍ਰਾਫ਼ ਅਤੇ ਮੋਟਰ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਇਸਦਾ ਉਪਯੋਗ ਲੋਹੇ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਚੁੰਬਕ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਅਪਰਤਵੀਂ (ਡੀ. ਸੀ.) ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਸੰਖੇਪ ਵਿੱਚ ਵਰਣਨ ਕਰੋ !
ਜਾਂ
ਬਿਜਲਈ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ, ਬਣਤਰ ਅਤੇ ਕਾਰਜਵਿਧੀ ਦਾ ਚਿੱਤਰ ਸਹਿਤ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ – ਜੈਨਰੇਟਰ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਯੰਤਰ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕੇਵਲ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਇੱਕ ਰੂਪ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜੈਨਰੇਟਰ ਵਿੱਚ ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਸਿਧਾਂਤ – ਜੈਨਰੇਟਰ ਇਸ ਸਿਧਾਂਤ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੈ ਕਿ ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਚਾਲਕ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਫੈਰਾਡੇ ਦੇ ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਕਾਰਨ ਇਸ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਚਾਲਕ ਬਲ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਚਾਲਕ ਸਰਕਟ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਬਨਾਵਟ-ਅਪਰਤਵੀ ਧਾਰਾ ਜੈਨਰੇਟਰ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਮੁੱਖ ਭਾਗ ਹਨ-

  • ਆਰਮੇਚਰ (Armature) – ਇਸ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਆਇਤਾਕਾਰ ਕੁੰਡਲੀ ABCD ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਸਿਲੰਡਰ ਨੂੰ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਨਰਮ ਲੋਹੇ ਦੇ ਰੋਧੀ ਤਾਰ ਦੀ ਵੱਡੀ ਸੰਖਿਆ ਵਿੱਚ ਲਪੇਟ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸਨੂੰ ਆਰਮੇਚਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਇੱਕ ਧੁਰੇ ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸਨੂੰ ਭਾਫ ਜਾਂ ਵਹਿੰਦੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਘੁਮਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਖੇਤਰ ਚੁੰਬਕ (Field Magnets) – ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਦੋ ਚੁੰਬਕੀ ਧਰੁਵਾਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਇਸ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਛੋਟੇ ਜੈਨਰੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਥਾਈ ਚੁੰਬਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਵੱਡੇ ਜੈਨਰੇਟਰਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕ ਲਗਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਸਪਲਿਟ ਰਿੰਗ ਜਾਂ ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲੇ (Split Rings) – ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਦੋਨਾਂ ਸਿਰਿਆਂ ਤੇ ਤਾਂਬੇ ਦੇ ਬਣੇ ਹੋਏ ਅੱਧੇ ਰਿੰਗ R1 ਅਤੇ R2 ਨਾਲ ਜੋੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਕੰਮਿਊਟੇਟਰ ਵਜੋਂ ਕਾਰਜ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  • ਕਾਰਬਨ ਬੁਰਸ਼ (Carbon Brush) – ਕਾਰਬਨ ਦੇ ਦੋ ਬਰੁੱਸ਼ B1 ਅਤੇ B2 ਦੋਨੋਂ ਅੱਧੇ ਰਿੰਗਜ਼ਾਂ R1 ਅਤੇ R2 ਦੇ ਨਾਲ ਛੂੰਹਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਘੁੰਮਦੀ ਹੈ ਤਾਂ R1 ਅਤੇ R2 ਵਾਰੀ-ਵਾਰੀ B1 ਅਤੇ B2 ਨੂੰ ਛੂੰਹਦੇ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪਾਦਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਲੋਡ (Load) – ਬਰੁੱਸ਼ B1 ਅਤੇ B2 ਰਾਹੀਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਲੋਡ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਲੋਡ ਦੀ ਥਾਂ ਤੇ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਲਗਾ ਕੇ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 3

ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ (Working) – ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਧੁਰੇ ਤੇ ਘੁਮਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਭੁਜਾਵਾਂ AB ਅਤੇ CD ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜਾ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਪੇਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਮੰਨ ਲਓ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਕੁੰਡਲੀ ਲੰਬਾਕਾਰ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਹੈ । ਇਸਦੀ ਭੁਜਾ AB ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਅਤੇ ਭੁਜਾ CD ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਧੁਰੇ ਦੇ ਦੁਆਲੇ ਘੁਮਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪਹਿਲੇ ਅੱਧੇ ਚੱਕਰ ਦੌਰਾਨ ਭੁਜਾ AB ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਅਤੇ ਭੁਜਾਂ CD ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਪੇਰਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਭੁਜਾ AB ਵਿੱਚ ਤੋਂ 8 ਵੱਲ ਅਤੇ ਭੁਜਾ CD ਵਿੱਚ Cਤੋਂ CD ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰੇਗੀ । ਇਸ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਭੁਜਾਵਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੀ ਵਿਪਰੀਤ ਹੋਵੇਗੀ । ਲੋਡ (load) ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਦੀ ਉਹੀ ਦਿਸ਼ਾ ਰੱਖਣ ਲਈ ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲਿਆਂ (Split Rings) ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਦੂਜੇ ਅੱਧ ਚੱਕਰ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਇਸ ਦਾ ਸਿਰਾ ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲੇ R, ਨਾਲ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਸਿਰਾ D ਵਿਭਾਜਿਤ ਛੱਲੇ R, ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਲੋਡ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਉਹੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਓ ਕਿ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਰੱਖੇ ਹੋਏ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਤੇ ਇੱਕ ਬਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਨਿਯਮ ਵੀ ਦੱਸੋ ਜਿਸ ਦੁਆਰਾ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਯੋਗ – ਕਿਸੇ ਸਥਿਰ ਸਹਾਰੇ ਖੜਵੀਂ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸਪਰਿੰਗ ਲੱਗੀ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦੀ ਇੱਕ ਛੱੜ ਘੋੜੇ ਦੀ ਨਾਲ ਰੂਪੀ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਦੋਨਾਂ ਧਰੁਵਾਂ ਵਿੱਚ ਲਟਕਾਓ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਹੁਣ ਕੁੰਜੀ K ਦੁਆਰਾ ਛੜ ਨੂੰ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਜੋੜੋ । ਹੁਣ ਕੁੰਜੀ K ਨੂੰ ਦਬਾ ਕੇ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 4

AB ਕਾਗਜ਼ ਦੇ ਤਲ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਹੈ ਪਰੰਤੂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ (N ਤੋਂ S ਵੱਲ ਹੈ) ਦੇ ਅਭਿਲੰਬ ਹੈ । ਛੜ AB ਵਿੱਚ ਧਾਰਾ A ਤੋਂ B ਵੱਲ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ
ਗਤੀ (ਬਲ) ਹੈ । ਜਿਉਂ ਹੀ ਛੜ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਵੇਗੀ ਛੜ ਇੱਕ ਬਲ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰੇਗੀ ਅਤੇ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਹੋਵੇਗੀ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਛੜ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਖਿੱਚੀ ਜਾਵੇਗੀ ਅਤੇ ਸਪਰਿੰਗ ਲੰਬੇ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 5

ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਬਲ ਵਿਪਰੀਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਕਰੇਗਾ । ਚੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਰੱਖੇ ਗਏ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਤੇ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਹੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਨਿਯਮ । ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦਾ ਨਿਯਮ – ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਆਪਣੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੀ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ, ਦੂਜੀ ਉਂਗਲੀ ਅਤੇ ਅੰਗੂਠੇ ਨੂੰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਲਾਓ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਤਿੰਨੋਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਤੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਹੁਣ ਆਪਣੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਨੂੰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਰੱਖੋ ਕਿ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰੇ N ਤੋਂ S ਵੱਲ ਅਤੇ ਦੂਜੀ ਉਂਗਲੀ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਅੰਗੂਠੇ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਪਤਾ ਲੱਗ ਜਾਵੇਗੀ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਕਿਰਿਆ-ਕਲਾਪ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕਰੋ ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੋਵੇ ਕਿ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਡਰ-
ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ XY ਲਓ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਲਪੇਟ ਹੋਣ । ਇਸ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਜੋੜੋ । ਇਸ ਆਯੋਜਨ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਕੋਈ ਸਰੋਤ ਨਹੀਂ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 6

ਹੁਣ ਚਿੱਤਰ (a) ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਨੇੜੇ ਲਿਆਓ, ਪਰੰਤੂ ਚੁੰਬਕ ਕੁੰਡਲੀ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਛੂਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ । ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਦਾ ਵਿਖੇਪਣ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਜੋ ਇਸ ਗੱਲ ਦਾ ਸਬੂਤ ਹੈ ਕਿ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ । ਸੂਈ ਵਿੱਚ ਹੋਏ ਵਿਖੇਪਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੋਟ ਕਰੋ । ਹੁਣ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਤੋਂ ਪਰ੍ਹਾਂ ਲਿਜਾਓ । ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਵਿੱਚ ਫਿਰ ਵਿਖੇਪਣ ਹੋਇਆ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਹੁਣ ਪਹਿਲੇ ਵਿਖੇਪਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾਂ ਤੋਂ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੈ [ਚਿੱਤਰ (b)] । ਜਦੋਂ ਚੁੰਬਕ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੇ ਸਥਿਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵਿਖੇਪਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਤੋਂ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ ਜਦੋਂ ਚੁੰਬਕ ਅਤੇ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਸਾਪੇਖ ਗਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਵਰਤੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਸਾਰੇ ਜੋੜ ਬਿਜਲੀ ਰੋਧਕ ਟੇਪ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਢੱਕੇ ਹੋਏ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  2. ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਤਾਰ ਦਾ ਜ਼ਰੂਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਫਿਉਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਜ਼ਰੂਰ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਸਾਰੇ ਪੇਚ ਜਾਂ ਟਰਮੀਨਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੱਸੇ ਹੋਏ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  5. ਸਰਕਟ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਕਰਨ ਵੇਲੇ ਰਬੜ ਦੇ ਦਸਤਾਨੇ ਅਤੇ ਜੁੱਤੇ ਪਾਏ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  6. ਜਦੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਿਸੇ ਉਪਕਰਨ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹ ਕਰ ਰਹੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਉਪਕਰਨ ਦੇ ਧਾਤਵੀਂ ਖੋਲ ਜਾਂ ਫਰੇਮ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਛੂਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  7. ਪੇਚਕਸ, ਪਲਾਸ, ਟੈਸਟਰ ਆਦਿ ਉੱਪਰ ਬਿਜਲੀ ਰੋਧਕ ਕਵਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਖ਼ਰਾਬ ਸਵਿੱਚ ਨੂੰ ਛੇਤੀ ਬਦਲ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  9. ਅੱਗ ਲੱਗਣ ਜਾਂ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਸਰਕਟ ਦਾ ਸਵਿੱਚ ਛੇਤੀ ਹੀ ਬੰਦ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  10. ਪਰਵੀਂ ਧਾਰਾ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਫਿਊਜ਼ ਅਤੇ ਸਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਵਾਹਕੀ ਤਾਰ ਵਿੱਚ ਜ਼ਰੂਰ ਲਗਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  11. ਉੱਚਿਤ ਸਮਰੱਥਾ ਵਾਲਾ ਫਿਊਜ਼ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਤੁਸੀਂ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਿੱਧ ਕਰੋਗੇ ਕਿ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਇੱਕ ਮੋਟੀ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਉਣ ਨਾਲ ਤਾਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਪਈ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਇਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨੂੰ ਸਮਝਾਉਣ ਲਈ ਉਸਟੈਡ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ – ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ (ਤਾਰ) ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸਦੇ ਚਹੁੰ ਪਾਸੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਊਰਸਟੈਡ ਨੇ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਕਿ ਜਦੋਂ ਚੁੰਬਕੀ ਸੂਈ ਉੱਪਰ ਰੱਖੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਸੂਈ ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੁਸਰੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੂਸਰੀ (ਉਲਟ) ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਸੂਈ ਤਾਰ ਦੇ ਉੱਪਰ ਰੱਖੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੀ ਵਿਖੇਪਣ ਦਿਸ਼ਾ SNOW ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਯਾਦ ਰੱਖੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
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ਨੋਟ – SNOW ਨਿਯਮ ਇਹ ਦੱਸਦਾ ਹੈ ਕਿ ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ 5 ਤੋਂN ਵੱਲ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਸੂਈ, ਤਾਰ ਦੇ ਉੱਪਰ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੱਖਣ ਵੱਲ ਵਿਖੇਪਿਤ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਅਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਗੁਣ . ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ (Magnetic Field) – ਕਿਸੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦਾ ਉਹ ਖੇਤਰ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਚੁੰਬਕ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਆਕਰਸ਼ਣ ਜਾਂ ਤਿਕਰਸ਼ਣ ਬਲ) ਅਨੁਭਵ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਰੇਖਾਵਾਂ (Magnetic lines of forces) – ਜਦੋਂ ਇਕਾਈ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਗਤੀ ਕਰਨ ਲਈ ਸੁਤੰਤਰ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਜਿਸ ਪੱਥ ਤੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਗੁਣ-

  1. ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਕੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੇ ਜਾ ਕੇ ਖ਼ਤਮ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਕੋਈ ਵੀ ਦੋ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਕੱਟਦੀਆਂ ਹਨ। ਜੇਕਰ ਕੱਟਦੀਆਂ ਹੋਣ ਤਾਂ ਇਸ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀਆਂ ਦੋ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ ਹੋਣਗੀਆਂ ਜੋ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੈ ।
  3. ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾ ਦੀ ਸਪੱਰਸ਼ ਰੇਖਾ (ਟੇਜੈਂਟ) ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਤੁਸੀਂ ਸਮਾਨ ਅਤੇ ਅਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਸਮਾਨ ਦਰੀ ਵਾਲੀਆਂ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਅਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਦੁਰੀਆਂ ਵਾਲੀ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀਆਂ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਕੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਗੁਣ ਵੀ ਦੱਸੋ ।
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ਉੱਤਰ-
ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਗੁਣ-

  1. ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਬਾਹਰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ਅਤੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਬਲ ਰੇਖਾ ਦੇ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਖਿੱਚੀ ਗਈ ਸਪੱਰਸ਼ ਰੇਖਾ (ਟੇਜੇਂਟ) ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਤੁਸੀਂ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈਆਂ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਵੇਂ ਗਿਆਤ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਪਤਾ ਲਗਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ
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ਕਰਨ ਲਈ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਕੜੋ ਤਾਂ ਜੋ ਤੁਹਾਡਾ ਅੰਗੂਠਾ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਸੰਕੇਤ ਕਰੇ ਤਾਂ ਤੁਹਾਡੀਆਂ ਉਂਗਲੀਆਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਚਾਲਕ ਦੇ ਚਹੁੰ ਪਾਸੇ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਖੇਤਰੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਏਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਮੈਕਸਵੈਲ ਦਾ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦਾ ਅੰਗੂਠਾ ਨਿਯਮ ਕੀ ਹੈ ? ਉਸ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਿਸ ਉਦੇਸ਼ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੈਕਸਵੈਲ ਦਾ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦਾ ਅੰਗੂਠਾ ਨਿਯਮ – ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਸਿੱਧੇ ਚਾਲਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਨ ਲਈ ਜੇਕਰ ਚਾਲਕ ਨੂੰ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਕੜਿਆ ਜਾਏ ਕਿ ਤੁਹਾਡਾ ਅੰਗਨਾ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਅਤੇ ਤੁਹਾਡੀਆਂ ਉਂਗਲੀਆਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ, ਚਾਲਕ ਦੇ ਦੁਆਲੇ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕ ਖੇਤਰ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਏਗੀ । ਇਸ ਨਿਯਮ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਚੁੰਬਕ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਕੀ ਹਨ ? ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਜਿੱਥੇ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਕਰਸ਼ਣ ਜਾਂ ਪ੍ਰਤਿਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਨੂੰ ਅਨੁਭਵ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।ਉਹ ਪੱਥ ਜਿਸ ਉੱਪਰ ਚੁੰਬਕ ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਮੁਕਤ ਅਵਸਥਾ ਹੋਣ ਤੇ ਗਤੀ ਕਰੇਗਾ ਉਸਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ! ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

(1) ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਦੁਆਰਾ – ਇੱਕ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਉੱਤੇ ਇੱਕ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਰੱਖੋ । ਹੁਣ ਉਸ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਤੇ ਲੋਹ-ਚੂਰਨ ਛਿੜਕ ਕੇ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਨੂੰ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਥਪਥਪਾਓ । ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦੇ ਅਨੁਰੂਪ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਵਿਵਸਥਿਤ ਹੋ ਜਾਏਗਾ ।
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(2) ਇੱਕ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਖਿੱਚਣਾ-
ਕਿਰਿਆ ਕਲਾਪ-ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਦੇ ਨੇੜੇ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕੀ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਰੱਖੋ । ਹੁਣ ਇੱਕ ਨੁਕੀਲੀ ਪੈਂਨਸਿਲ ਨਾਲ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਦੇ ਧਰੁਵਾਂ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ । ਹੁਣ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਨੂੰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅੱਗੇ ਚਲਾਓ ਤਾਂ ਜੋ ਇਸਦਾ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਉਸੇ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇ ਜਿੱਥੇ ਪਹਿਲੇ ਇਸਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਸੀ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ। ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦੁਹਰਾਓ ਤਾਂ ਜੋ ਤੁਸੀਂ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਜਾਓ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਬਿੰਦੂਆਂ ਨੂੰ ਵਕਰ ਰੇਖਾ ਦੁਆਰਾ ਮਿਲਾਓ ਜੋ ਇੱਕ ਬਲ ਰੇਖਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਨੇੜੇ ਚੁੰਬਕੀ ਦਿਸ਼ਾ ਸੂਚਕ ਦੀਆਂ ਸਥਿਤੀਆਂ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ : ਤੁਹਾਨੂੰ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦਾ ਇੱਕ ਨਮੂਨਾ ਪੈਟਰਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਸਿੱਧ ਕਰੋ ਕਿ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨ ਨਾਲ ਉਸ ਦੇ ਚਹੁ ਪਾਸੇ ਚੰਬੜੀ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਚਾਲਕ ਦੇ ਚਹੁੰ ਤਰਫ ਇੱਕ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇੱਕ ਕਾਰਡ ਬੋਰਡ ਦਾ ਸਮਤਲ ਟੁਕੜਾ ਲਓ । ਇਸ ਤੇ ਇੱਕ ਚਿੱਟਾ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਲਗਾ ਕੇ ਉਸਨੂੰ ਸਟੈਂਡ ਵਿੱਚ ਖਿਤਿਜ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਲਓ। ਇਸ ਦੇ ਵਿੱਚ-ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਤਾਰ ਲੰਘਾਓ ! ਤਾਰ ਨੂੰ ਇੱਕ ਸੈੱਲ ਕੁੰਜੀ K ਨਾਲ ਜੋੜ ਕੇ ਸਰਕਟ ਪੂਰਾ ਕਰੋ : ਹੁਣ ਕੁੰਜੀ X ਨੂੰ ਦਬਾ ਕੇ ਤਾਰ XY ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਲੰਘਾਓ । ਤਾਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਇੱਕ
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ਚੁੰਬਕੀ ਸੂਈ ਲਓ । ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਸੂਈ ਇੱਕ ਖ਼ਾਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਆ ਕੇ ਰੁਕਦੀ ਹੈ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਸ ਪ੍ਰਯੋਗ ਤੋਂ ਇਹ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਗੁਜ਼ਾਰਨ ਨਾਲ ਇਸਦੇ ਚਹੁੰ ਪਾਸੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਵੇਂ-ਉਵੇਂ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਪਰਿਮਾਣ ਵਿੱਚ ਵੀ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਇੱਕ ਚੱਕਰੀ ਕੁੰਡਲੀ ਕਾਰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਰੂਪ-ਰੇਖਾ ਖਿੱਚੋ ।
ਉੱਤਰ-
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ਚੱਕਰੀ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ – ਚੱਕਰੀ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖਿਆ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰੋ ।

ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇੱਕ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮੁੜੇ ਹੋਏ ਤਾਰ ਦੇ ਟੁੱਕੜੇ ਨੂੰ ਇੱਕ ਖਿਤਿਜੀ ਗੱਤੇ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਾਓ । ਹੁਣ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚੋਂ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰੋ ਅਤੇ ਗੱਤੇ ਤੇ ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਖਿਲਾਰ ਕੇ ਥਪਥਪਾਓ ! ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਲੋਹ ਚੂਰਨ ਇੱਕ ਨਿਸਚਿਤ ਢੰਗ ਨਾਲ ਵਿਵਸਥਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਕੁੰਡਲੀ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਜਿਉਂ-ਜਿਉਂ ਕੁੰਡਲੀ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਦੂਰ ਜਾਵੋਗੇ ਓਨਾ ਤੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਦਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ ਵੱਧਦਾ ਜਾਵੇਗਾ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਖੇਤਰੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਵਧਾਉਣ ਦੇ ਕਾਰਕ-

  1. ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਲਪੇਟਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਵਧਾਉਣ ਨਾਲ ।
  2. ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ।
  3. ਕੁੰਡਲੀਆਂ ਦਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ ਘਟਾ ਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਕਿਸਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹਿਤ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਅਧਿਕਤਮ ਕਦੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਣ (Electromagnetic Induction) – ਕਿਸੇ ਸਰਕਟ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਤ ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ ਰੇਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਬਿਜਲੀ ਵਾਹਕ ਬਲ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਬਿਜਲੀ ਵਾਹਕ ਬਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਬਲ ਆਖਦੇ ਹਨ ।

ਇਸਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੇਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਜਾਂ ਤਾਂ ਕਿਸੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਗਤੀ ਕਰਵਾ ਕੇ ਜਾਂ ਫਿਰ ਉਸ ਦੇ ਚਹੁੰ ਤਰਫ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਉਤਪੰਨ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਗਤੀ ਕਰਾ ਕੇ ਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨਾ ਬਹੁਤ ਸੌਖਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕੁੰਡਲੀ ਦੀ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਕੁੰਡਲੀ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਪ੍ਰੇਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਅਸੀ ਕਦੀ-ਕਦੀ ਵੇਖਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਅਚਾਨਕ ਬਿਜਲੀ ਬਲਬ ਸਾਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਜਾਂ ਵੱਧ ਤੀਬਰਤਾ ਨਾਲ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸਪਲਾਈ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪੁਟੈਂਸ਼ਲ 220 ਵੋਲਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕਈ ਵਾਰ ਇਸ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸਦੇ ਕਾਰਨ ਬਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਾਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਅਧਿਕ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਕਦੀ ਇਸ ਦੀ ਵੋਲਟਤਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਬਲਬ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਾਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਤਾਂਬੇ ਦੀ ਤਾਰ ਦੀ ਕੁੰਡਲੀ ਕਿਸ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਹੋਣੀ ਹੈ । ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਛੜ ਚੁੰਬਕ-
(i) ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਲਿਜਾਇਆ ਜਾਵੇ ।
(ii) ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਸਥਿਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ।
(iii) ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰੋਂ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਖਿੱਚ ਲਿਆ ਜਾਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸਈ ਵਿਖੇਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ਜਿਸ ਨਾਲ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਹੋਂਦ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਤੀਬਰਤਾ ਨਾਲ ਗਤੀਮਾਨ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਵਿਖੇਪਨ ਹੋਰ ਵੱਧ ਜਾਵੇਗਾ ।

(ii) ਜੇਕਰ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਸਥਿਰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਕੋਈ ਵਿਖੇਪਨ ਨਹੀਂ ਦਰਸਾਏਗੀ ।

(iii) ਜੇਕਰ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਕੁੰਡਲੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਖਿੱਚਿਆ ਜਾਵੇਗਾ ਤਾਂ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿੱਚ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿਖੇਪਨ ਵੱਲ ਹੋਵੇਗਾ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕੁੱਝ ਅਜਿਹੇ ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਮੋਟਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੋਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਉਹ ਸਾਰੇ ਉਪਕਰਨ ਕਾਰਜ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ-ਬਿਜਲੀ ਪੱਖਾ, ਟੇਪ ਰਿਕਾਰਡਰ, ਮਿਕਸਰ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਅਤੇ ਅਪਰਤਵੀਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਅਤੇ ਅਪਰਤਵੀਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਪਤਵੀਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ (Alternating Current) ਅਪਰਤਵੀਂ ਜਾਂ ਸਿੱਧੀ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ (Direct Current)
(1) ਇਹ ਧਾਰਾ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (1) ਇਹ ਧਾਰਾ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੱਧਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । (2) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ ਹਮੇਸ਼ਾ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਹੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
(3) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ ਦੇ ਬਾਅਦ ਬਦਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (3) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨਹੀਂ ਬਦਲਦੀ ਹੈ ।
(4) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਗਰਾਫ਼ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਨਾ ਹੋ ਕੇ ਲਪੇਟੇਦਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (4) ਇਸ ਧਾਰਾ ਦਾ ਗਰਾਫ਼ ਇੱਕ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਫਿਉਜ਼ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਫਿਊਜ਼ – ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਉਪਕਰਨ ਹੈ ਜੋ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਜਿਹੜਾ ਬਿਜਲੀ ਕਾਰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਲੱਗੇ ਹੋਰ ਉਪਕਰਨਾਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਦਾ ਹੈ : ਵਿਉਜ਼ ਤਾਰ ਜਿਸ ਧਾਤੂ ਦੀ ਬਣੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਉਸਦਾ ਪਿਘਲਾਓ ਦਰਜਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਲਾਭ – ਜੇਕਰ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਕਾਰਨ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਨਿਯਤ ਮਾਤਰਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਫਿਊਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਪਿਘਲ ਕੇ ਸਰਕਟ ਨੂੰ ਤੋੜ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਦੁਰਘਟਨਾ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਫਿਉਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਉੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਤੇ ਘੱਟ ਪਿਘਲਾਓ ਦਰਜੇ ਵਾਲੀ ਕਿਉਂ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਿਊਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਉੱਚ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਅਤੇ ਘੱਟ ਪਿਘਲਾਓ ਦਰਜੇ ਵਾਲੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਜਦੋਂ ਇਸਨੂੰ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਸ਼੍ਰੇਣੀਕੂਮ ਵਿੱਚ ਵਿਵਸਥਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਹ ਤਾਰ ਪਿਘਲ ਜਾਵੇ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਬਿਜਲੀ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਹਾਨੀ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਹੋ ਜਾਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ (ਝੱਟਕਾ) ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ (Electric shock) – ਜਦੋਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਕੋਈ ਅੰਗ ਬਿਜਲੀ ਲਿਜਾ ਰਹੀ ਨੰਗੀ ਤਾਰ ਨੂੰ ਛੂਹ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਟੈਂਸ਼ਲ ਅੰਤਰ ਸਥਾਪਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚੋਂ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸਾਨੂੰ ਝੱਟਕਾ ਮਹਿਸੂਸ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਝੱਟਕੇ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸ਼ੱਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਕਈ ਵਾਰ ਅਜਿਹੇ ਝੱਟਕੇ ਨਾਲ ਆਦਮੀ ਦੀ ਮੌਤ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ ਅਤੇ ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ (Over loading) – ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਇਸ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੀ ਬਿਜਲਈ ਸਮਰੱਥਾ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਅਧਿਕਤਮ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਸਾਰੇ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸੀਮਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਪਕਰਨ ਆਪਣੀ ਸਮਰੱਥਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਧਾਰਾ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਖਿੱਚਦੇ ਹਨ ਜਿਸਨੂੰ ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ (Short Circuit) – ਕਈ ਵਾਰ ਬਿਜਲਈ ਵਾਹਕ ਤਾਰ ਅਤੇ ਉਦਾਸੀਨ ਤਾਰ (ਨਿਊਟਰਲ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਪਰਸਪਰ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਅਜਿਹਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸਰਕਟ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਸਿਫਰ (ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਰਤਾਰੇ ਨੂੰ ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਹੋਣ ਸਮੇਂ ਤਾਰ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਉਪਕਰਨ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਸੰਕਟ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਸੰਕਟਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਦੇ ਉਪਾਅ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸੰਕਟ ਅਤੇ ਬਚਾਓ ਦੇ ਉਪਾਅ-

  1. ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਝੱਟਕਾ ਲੱਗਣ ਕਾਰਨ ਸਰੀਰ ਦੇ ਸੈੱਲ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
  2. ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ ਲੱਗਣ ਕਾਰਨ ਦਿਲ ਦੇ ਪੱਠਿਆਂ ਤੇ ਬੁਰਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  3. ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ ਕਾਰਨ ਸਰੀਰ ਦੇ ਪੱਠਿਆਂ ਤੇ ਭੈੜਾ ਅਸਰ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਘੱਟ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  4. ਜੇਕਰ ਬਿਜਲਈ ਸਰਕਟ ਵਿੱਚ ਮੋਟੀ ਫਿਉਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਅਧਿਕ ਤੀਬਰ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪਵਾਹ ਹੋਣ ਤੇ ਇਹ ਤਾਰ ਨਹੀਂ ਪਿਘਲੇਗੀ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਅੱਗ ਲੱਗ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਬਚਾਓ ਲਈ ਉਪਾਅ
ਬਿਜਲਈ ਸ਼ਾਂਕ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਜਿਸ ਤਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਪ੍ਰਵਾਹ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ ਉਸ ਨੂੰ ਗਿੱਲੇ ਹੱਥਾਂ ਨਾਲ ਨਹੀਂ ਛੂਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  2. ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਉਪਕਰਨ ਵਧੀਆ ਕੁਆਲਟੀ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਆਈ. ਐੱਸ. ਆਈ. ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਮਾਣਿਤ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  3. ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਬਿਜਲਈ ਉਪਕਰਨਾਂ ਨਾਲ ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਤਾਰ ਜ਼ਰੂਰ ਲੱਗੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਖ਼ਰਾਬ ਪਲੱਗਾਂ ਅਤੇ ਸਵਿੱਚਾਂ ਨੂੰ ਫੌਰਨ ਬਦਲ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਧਾਰਾਵਾਹੀ (ਲਾਇਵ), ਉਦਾਸੀਨ ਅਤੇ ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਜੋੜਕ ਤਾਰਾਂ ਨੂੰ ਆਮਤੌਰ ਤੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਰੰਗ ਦੇ ਤਾਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁਰਾਣੀ ਮਾਨਤਾ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਲਈ ਲਾਲ, ਉਦਾਸੀਨ ਲਈ ਕਾਲੀ ਅਤੇ ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਲਈ ਕਾਲੇ ਰੰਗ ਦੀ ਤਾਰ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਸਤਰ ਤੇ ਇੱਕ ਨਵੀਂ ਮਾਨਤਾ ਅਨੁਸਾਰ ਲਾਇਵ ਤਾਰ ਲਈ ਭੁਰੀ, ਉਦਾਸੀਨ ਲਈ ਹਲਕੀ ਨੀਲੀ ਅਤੇ ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਤਾਰ ਲਈ ਹਰੀ ਜਾਂ ਹਰੀ-ਪੀਲੀ ਤਾਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਤਾਰ ਮੋਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਸਹਿ ਸਕੇ । ਹੋਰ ਤਾਰਾਂ ਦੀ ਮੋਟਾਈ ਉਪਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਹਰੇਕ ਤਾਰ ਧਾਰਾ ਦੀ ਸੀਮਿਤ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਸਹਿ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਧਾਰਾ ਇਸ ਸੀਮਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਵੱਧ ਤਾਪਨ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਸਨੂੰ ਅੱਗ ਲਗ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ 220V ਦੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਦਕਿ ਅਮਰੀਕਾ ਜਿਹੇ ਵਿਕਸਿਤ ਅਤੇ ਅਮੀਰ ਦੇਸ਼ਾਂ ਵਿੱਚ ਇਹ 110V ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਵਿਅਕਤੀ 220V ਦੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਤਾਰ ਨੂੰ ਛੂੰਹਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਾਂ ਫਿਰ ਉਹ ਬੁਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਝੁਲਸ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੁ 110V ਤੇ ਇਹ ਖ਼ਤਰਨਾਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਘੱਟ ਵੋਲਟਤਾ ਤੇ ਦਿੱਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਵਿੱਚ ਸੰਚਾਰਣ ਨੁਕਸਾਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੁੱਟ ਇਸਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਵੱਡੀ ਸੰਖਿਆ ਵਿੱਚ ਟ੍ਰਾਂਸਫਾਰਮਰ ਲਗਾਉਣੇ ਪੈਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਆਰਥਿਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਤੋਂ ਅਵਿਕਾਸਸ਼ੀਲ ਦੇਸ਼ਾਂ ਲਈ ਔਖਾ ਕੰਮ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਚੁੰਬਕ ਵਾਂਗ ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡੇ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕਾਰਜ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਸਤਹਿ ਤੋਂ 3 × 104 ਕਿ.ਮੀ. ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਅਨੁਭਵ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਕੋਈ ਚੁੰਬਕ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਅੱਗੇ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨ ਮੰਨੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ-

  1. ਧਰਤੀ ਹੇਠਾਂ ਪਿਘਲੀ ਹੋਈ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਧਾਤਵੀ ਵ ਲਗਾਤਾਰ ਘੁੰਮਦੇ ਹੋਏ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ਚੁੰਬਕ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਧਰਤੀ ਆਪਣੇ ਧੁਰੇ ਦੁਆਲੇ ਘੁੰਮਣ ਕਾਰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਗੁਣ ਪ੍ਰਗਟਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
  3. ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਦੀ ਰਚਨਾ ਲੋਹੇ ਅਤੇ ਨਿਕਲ ਨਾਲ ਹੋਈ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੇ ਘੁੰਮਣ ਕਾਰਨ ਇਸ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਵਿਵਹਾਰ ਪ੍ਰਗਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਅਜਿਹਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਇਸਦੇ ਅੰਦਰ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਚੁੰਬਕ ਮੌਜੂਦ ਹੈ। ਇਸਦਾ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਕੈਨੇਡਾ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਅਰਧ ਗੋਲੇ ਵਿੱਚ 70.5 ਉੱਤਰੀ ਅਕਸ਼ਾਂਸ਼ ਅਤੇ 96° ਪੱਛਮੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਤੇ ਸਥਿਤ ਹੈ । ਇਹ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਲਗਭਗ 1600 ਕਿ. ਮੀ. ਦੂਰ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘ ਰਿਹਾ ਖਿਤਿਜ ਤਲ ਭੂਗੋਲਿਕ ਮੀਰੀਡਿਅਨ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ।ਉੱਤਰ ਅਤੇ ਦੱਖਣ ‘ਚੋਂ ਲੰਘ ਰਿਹਾ ਤਲ ਚੁੰਬਕੀ ਮੀਰੀਡਿਅਨ ਦੇ ਨਾਂ ਨਾਲ ਜਾਣਿਆ। ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਨੂੰ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ? ਨਿਯਮ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ । ਇਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਸ ਯੰਤਰ ਵਿਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 17
ਉੱਤਰ-
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਖੱਬਾ ਹੱਥ ਨਿਯਮ – ਇਸ ਨਿਯਮ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ‘‘ਆਪਣੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੀ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ, ਵਿਚਕਾਰਲੀ ਉਂਗਲੀ ਅਤੇ ਅੰਗੂਠੇ ਨੂੰ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਫੈਲਾਓ ਕਿ ਇਹ ਤਿੰਨੋਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਪਰਸਪਰ ਲੰਬ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੋਣ, ਜੇਕਰ ਪਹਿਲੀ ਉਂਗਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ, ਵਿਚਕਾਰਲੀ ਉਂਗਲੀ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਅੰਗੂਠਾ ਚਾਲਕ ਦੀ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਜਾਂ ਚਾਲਕ ਉੱਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਸੰਕੇਤ ਕਰੇਗਾ ।”
ਇਸ ਨਿਯਮ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।”

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਏ ਨਿਯਮ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ । ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 18 ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 19
ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਸੱਜਾ ਹੱਥ ਨਿਯਮ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 20 ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 21 ਮ੍ਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਨਿਯਮ ਦਰਸਾਇਆ ਹੈ ? ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 18 ਨੂੰ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 22
ਉੱਤਰ-
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਫਲੇਮਿੰਗ ਦਾ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦਾ ਨਿਯਮ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 20 ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 21 ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਬੜਾ ਵੱਡਾ ਚੁੰਬਕ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਚੁੰਬਕੀ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਕਿਸ ਪਾਸੇ ਸਥਿਤ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੂਗੋਲਿਕ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਤਿੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਪਦਾਰਥ-

  1. ਲੋਹਾ
  2. ਕੋਬਾਲਟ
  3. ਨਿਕਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਕਿਸ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਆਕਰਸ਼ਣ ਸ਼ਕਤੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪ੍ਰਬਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਰਿਆਂ ਤੇ (ਅਰਥਾਤ ਧਰੁਵਾਂ ਤੇ) ।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਚੁੰਬਕ ਨੂੰ ਸੁਤੰਤਰ ਪੂਰਵਕ ਲਟਕਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਤਰ-ਦੱਖਣ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੁਕਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਟਕਾਏ ਗਏ ਚੁੰਬਕ ਦਾ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਕਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੂਗੋਲਿਕ ਉੱਤਰ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਫਿਉਜ਼ ਦੀ ਤਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਧਿਕ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਤਾਂ ਜੋ ਗਰਮ ਹੋ ਕੇ ਪਿਘਲ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਹੜੀ ਦਿਸ਼ਾ ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਰੱਖੀ ਕੰਪਾਸ ਸੂਈ ਦੇ ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ਤੋਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਵੱਲ ਖਿੱਚੀ ਗਈ ਰੇਖਾ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਜੇਕਰ ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਪੂਰਵਕ ਲਟਕ ਰਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲਣ ਨਾਲ ਸੋਲੀਨਾਇਡ 180° ਘੁੰਮ ਜਾਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਉਦਾਸੀਨ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਨੇਟ ਚੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਦਾ ਮਾਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਦਾਸੀਨ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਤੀਬਤਾ ਦਾ ਮਾਨ ਜ਼ੀਰੋ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਧਾਰਾ ਵਾਹੀ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਨੇੜੇ ਚੁੰਬਕੀ ਸੁਈ ਲਿਆਉਣ ਨਾਲ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਸੂਈ ਵਿਖੇਤ ਹੋ ਕੇ ਸੁਈ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਠਹਿਰੇਗੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਅਤੇ ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ਵਿੱਚ ਸਿਧਾਂਤਕ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਯੰਤਿਕ ਉਰਜਾ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਬਿਜਲਈ ਜੈਨਰੇਟਰ ਵਿੱਚ ਯੰਤਿਕ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੇਕਰ ਛੜ ਚੁੰਬਕ ਦੇ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ ਨੂੰ ਸੋਲੀਨਾਇਡ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਦੂਰ ਲਿਜਾਇਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਸ ਸਿਰੇ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਧਰੁਵ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੱਖਣੀ ਧਰੁਵ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਖੱਬਾ ਹੱਥ ਅੰਗੂਠਾ ਨਿਯਮ ਕਿਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਵਿੱਚ ਅੰਗੂਠਾ ਕਿਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਗਤੀਮਾਨ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਕ੍ਰਿਤ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਕੀਤੀ। ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ਦੀ ਘਟਨਾ ਦੀ ਖੋਜ ਕਿਸ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਇਕਲ ਫੈਰਾਡੇ ਨੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਸਾਡੇ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਉਪਲੱਬਧ ਮੇਨਜ਼ ਬਿਜਲੀ ਸਪਲਾਈ ਦੀ ਵੋਲਟਤਾ ਕਿੰਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
220 ਵੋਲਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਘਰੇਲੂ ਸਰਕਟ ਨੂੰ ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ ਅਤੇ ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਜੁਗਤ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਿਉਜ਼ ਤਾਰ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ਤਾਰ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਰੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਧਾਤਵੀ ਫਰੇਮ ਵਾਲੇ ਬਿਜਲੀ ਉਪਕਰਨਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਸ਼ੱਕ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਕੀ ਸਾਵਧਾਨੀ ਵਰਤਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਰੇਮ ਨੂੰ ਭੋ-ਸੰਪਰਕਿਤ ਕਰੋ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਚਾਲਕ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਪਤਾ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਅੰਗੁਠਾ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲਈ ਮੋਟਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
MRI ਸ਼ਬਦ ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੰਬਕੀ ਅਨੁਨਾਦ ਪ੍ਰਤਿਬਿੰਬਨ (Magnetic Resonance Imaging) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਣ ਵਾਲੇ ਯੰਤਰ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਜੈਨਰੇਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਡਾਇਨਮੋ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਯੰਤਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਡਾਇਨਮੋ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿਸ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
50 ਸਾਈਕਲ ਦੀ ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਦਾ ਦੋਲਨ ਕਾਲ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
1/50 ਸੈਕਿੰਡ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਇੱਕ ਪਰਤਵੀਂ ਧਾਰਾ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ 50 ਹਰਟਜ਼ (Hz) ਹੈ । ਦੱਸੋ ਇੱਕ ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਕਿੰਨੀ ਵਾਰੀ ਬਦਲੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
100 ਵਾਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਅੰਗੂਠਾ ਕਿਸ ਗੱਲ ਦਾ ਸੰਕੇਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
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ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਕਿਹੜੀ ਬਿਜਲਈ ਕਿਰਿਆ ਕਾਰਨ ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ ਦੀ ਸੂਈ ਵਿਖਪਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 13 ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦੇ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ 24
ਉੱਤਰ-
ਬਿਜਲੀ ਚੁੰਬਕੀ ਪ੍ਰੇਰਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਦੋ ਚੁੰਬਕਾਂ ਦੀਆਂ ਚੁੰਬਕੀ ਰੇਖਾਵਾਂ ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਦਿੱਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੋਨਾਂ ਚੁੰਬਕਾਂ ਦੇ ਆਹਮਣੇਸਾਹਮਣੇ ਵਾਲੇ ਧਰੁੱਵਾਂ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
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ਉੱਤਰ-
ਦੋਵੇਂ ਉੱਤਰੀ ਧਰੁਵ (N) ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿਚ ਲੋਹਚੂਨ ਇਕ ਖ਼ਾਸ ਪੈਟਰਨ ਵਿਚ ਸੈੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪੈਟਰਨ ਕੀ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
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ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਰੇਖਾਵਾਂ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਸਾਧਾਰਨ ਬਿਜਲੀ ਮੋਟਰ ਦੇ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ P ਅਤੇ Q ਕੀ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦਾ ਕੀ ਕੰਮ ਹੈ ?
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ਉੱਤਰ-
ਸਪਲਿਟ ਰਿੰਗ ।

ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਸੇ ਚਾਲਕ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ-
(a) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(b) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(c) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(d) ਫੈਰਾਡੇ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕਿਸੇ ਤੀਬਰ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਧਾਰਾਵਾਹੀ ਕੁੰਡਲੀ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਉਤਪੰਨ ਹੋਏ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ-
(a) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ
(b) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ
(c) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ
(d) ਫੈਰਾਡੇ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਫਲੈਮਿੰਗ ਦੇ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਘਰੇਲੂ ਪਰਿਪੱਥ ਵਿੱਚ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੀ ਗਈ ਉਦਾਸੀਨ ਤਾਰ ਦਾ ਰੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ
(a) ਕਾਲਾ
(b) ਲਾਲ
(c) ਹਰਾ
(d) ਕੋਈ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਕਾਲਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਦੋਂ ਬਿਜਲੀ ਲਿਜਾਣ ਵਾਲੀ ਅਤੇ ਉਦਾਸੀਨ ਤਾਰ ਆਪਸੀ ਸੰਪਰਕ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸੇ ਅਵਸਥਾ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
(a) ਓਵਰਲੋਡ
(b) ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ
(c) ਭੋ-ਸੰਪਰਕ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(b) ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਉੱਚ-ਸ਼ਕਤੀ ਵਾਲੇ ਬਿਜਲੀ ਉਪਕਰਨਾਂ ਦੇ ਧਾਤਵੀਂ ਫਰੇਮ ਨੂੰ ਘਰੇਲੂ ਪਰਿਪਥ ਦੀ ਝੋ-ਤਾਰ ਨਾਲ ਜੋੜਨਾ ਕੀ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
(a) ਓਵਰਲੋਡਿੰਗ
(b) ਸ਼ਾਰਟ ਸਰਕਟ
(c) ਭੋ-ਸੰਪਰਕ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਭੋ-ਸੰਪਰਕ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਸਿੱਧੀ ਬਿਜਲਈ ਧਾਰਾ ਦਾ ਸ੍ਰੋਤ ਹੈ ?
(a) ਖ਼ੁਸ਼ਕ ਸੈੱਲ
(b) ਬਟਨ ਸੈੱਲ
(c) ਲੈਡ ਬੈਟਰੀ
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(d) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨ ਦੀ ਜੁਗਤ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ-
(a) ਜਨਰੇਟਰ
(b) ਗੈਲਵੈਨੋਮੀਟਰ
(c) ਮੀਟਰ
(d) ਐਮਮੀਟਰ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਜਨਰੇਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸਮਾਨ ਚੁੰਬਕੀ ਧਰੁਵਾਂ ਦਾ ਆਪਸੀ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ?
(a) ਅਪਕਰਸ਼ਣ
(b) ਆਕਰਸ਼ਣ
(c) ਦੋਨੋਂ ਅਪਕਰਸ਼ਣ ਅਤੇ ਆਕਰਸ਼ਣ
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਅਪਕਰਸ਼ਣ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰਨਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ-ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਉਹ ਜੁਗਤ ਜਿਹੜੀ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ …………………………. ਅਖਵਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਨਰੇਟਰ

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(ii) ਫਲੇਮਿੰਗ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੁਆਰਾ ……………… ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰੇਮ੍ਰਿਤ ਧਾਰਾ

(iii) ਮੈਕਸਵੈਲ ਦੇ ਸੱਜੇ ਹੱਥ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨਾਲ ……………… ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗਿਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ

(iv) ……………… ਦੀ ਕੂਡ ਨਾਲ ਅਧਿਕ ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਰਮ ਲੋਹੇ

(v) ਧਰਤੀ ਇੱਕ ਵੱਡੇ ……………… ਵਿਵਹਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੁੰਬਕ ।