Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 3 मैट्रो रेल का सुहाना सफर Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 3 मैट्रो रेल का सुहाना सफर (2nd Language)
Hindi Guide for Class 8 PSEB पिंजरे का शेर Textbook Questions and Answers
मैट्रो रेल का सुहाना सफर अभ्यास
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।
3. शब्दार्थ
- उपहार = भेंज
- लिफ्ट = बड़ी इमारतों में ऊपर ले जाने वाला यान स्वरूप यंत्र
- अपाहिज = अपंग
- विस्फोटक सामग्री = विस्फोट करने वाला पदार्थ
- स्वचालित प्रवेश द्वार = अपने आप खुलने वाला दरवाजा
- दंडनीय अपराध = दंडित किए जाने योग्य अपराध
- उद्घोषणा = ऊँची आवाज़ में कहना, सरकारी घोषणा
- वातानुकूलित = हवा के तापमान के अनुकूल बनाया गया
- इलैक्ट्रॉनिक सूचना पट्ट = बिजली से चलने वाला पटल जिस पर लगातार सूचनाएँ दी जाती हैं
- भूमिगत प्लेटफार्म = भूमि के अंदर बना प्लेटफार्म
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।
4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :
(क) गुरु जी ने बच्चों को क्या वचन दिया था?
उत्तर :
गुरु जी ने बच्चों को प्रथम आने पर मैट्रो रेल के सुहावने सफर का उपहार देने का वचन दिया था।
(ख) कैसे पता चलता है कि ये बच्चे पंजाब से आये हैं?
उत्तर :
वे बच्चे पंजाब राज्य के योग टीम के सदस्य थे तथा इनके गुरु सुरेन्द्र मोहन इनके साथ थे।
(ग) मैट्रो रेल की पटरी कहाँ-कहाँ बिछाई जाती है?
उत्तर :
मैट्रो रेल की पटरी ज़मीन पर, सड़क पर पुल बनाकर ज़मीन के नीचे सुरंग खोदकर बिछाई जाती है।
(घ) लिफ्ट का प्रयोग किन लोगों के लिए किया जाता है ?
उत्तर :
लिफ्ट का प्रयोग वृद्धों, बीमारों और अपाहिज लोगों के लिए किया जाता है।
(ङ) स्टेशन पहुँचने पर बच्चे क्या देखकर हैरान हुये?
उत्तर :
पर बच्चे स्टेशन की साफ़ – सफ़ाई और सजावट को देखकर हैरान हुए।
(च) स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा-जाँच कैसे की जाती है?
उत्तर :
स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा – जाँच के लिए एक यन्त्र लगा होता है जो किसी भी विस्फोटक सामग्री के पास आते ही अपने आप विशेष ध्वनि निकालने लगता है। सुरक्षा के लिए अनेक सुरक्षाकर्मी भी लगे होते हैं।
(छ) स्वचालित प्रवेश द्वार किस प्रकार कार्य करता है?
उत्तर :
एक यात्री के लिए एक टोकन यात्रा के लिए दिया जाता है। इस टोकन को मशीन के पास लाने से स्वचालित प्रवेश द्वार खुल जाता है और यात्री इसमें से निकल जाता है।
(ज) स्मार्ट कार्ड का क्या उपयोग है ?
उत्तर :
स्मार्ट – कार्ड प्रतिदिन यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए होता है। इसे यात्री द्वारा मशीन के पास लाने से उनकी यात्रा के अनुसार अपने आप ही किराया कट जाता है। इससे समय की बचत भी होती है।
(झ) पर्यटक कार्ड द्वारा कितने दिन तक यात्रा कर सकते हैं ?
उत्तर :
पर्यटक – कार्ड द्वारा एक से तीन दिन तक अनियमित यात्रा कर सकते हैं।
(ञ) गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय कौन-से रंग की पट्टी से आगे नहीं जाना चाहिए?
उत्तर :
पीले रंग की पट्टी से आगे नहीं जाना चाहिए।
(त) प्लेटफार्म पर हमें क्या-क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर :
- प्लेटफार्म पर पीली पट्टी को पार नहीं करना चाहिए।
- रेल की पटरी पर कदापि नहीं जाना चाहिए।
- प्लेटफार्म पर थूकना नहीं चाहिए।
- गंदगी नहीं फैलानी चाहिए।
- कोई वस्तु खानी – पीनी नहीं चाहिए।
(थ) मैट्रो गाड़ी की खिड़कियाँ क्यों नहीं खुलती?
उत्तर :
मैट्रो गाड़ी की खिड़कियाँ इसलिए नहीं खुलती क्योंकि वह वातानुकूलित होती हैं।
(द) इलैक्ट्रॉनिक सूचना पट्ट पर क्या सूचनाएँ दी जाती हैं ?
उत्तर :
इलैक्ट्रॉनिक सचना पटट पर लगातार आने वाले स्टेशनों की सचनाएं दी जाती हैं।
5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :
(क) मैट्रो स्टेशन आम स्टेशन से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर :
- मैट्रो स्टेशन परिस्थिति और सुविधा अनुसार बना होता है। इसकी पटरी ज़मीन, सड़क पर पुल बनाकर या ज़मीन के नीचे सुरंग खोद कर बिछाई जाती है जबकि आम स्टेशन प्रायः ज़मीन पर ही होते हैं।
- मैट्रो स्टेशन पर लिफ्ट लगी होती है। आम स्टेशनों पर नहीं होती।
- मैट्रो – स्टेशन पर ऐसी साफ़ – सफ़ाई एवं सजावट होती है जो सामान्य रूप से स्टेशन पर अन्य स्टेशनों पर कहीं भी नहीं होती है।
- मैट्रो – स्टेशन पर संगमरमर का फ़र्श और अत्याधुनिक बिजली के उपकरण लगे होते हैं जो आम स्टेशन पर नहीं मिलते।
(ख) टोकन, स्मार्ट कार्ड और पर्यटक कार्ड में क्या अंतर है?
उत्तर :
इनमें निम्नलिखित अन्तर हैं-
(ग) मैट्रो गाड़ी के स्वचालित द्वार द्वारा जाने और निकलने में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिये?
उत्तर :
मैट्रो – गाड़ी के स्वचालित द्वार से जाने और निकलने में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
- द्वार खुलते ही तुरन्त गाड़ी में चढ़ जाना चाहिए।
- द्वार खुलते ही तुरन्त गाड़ी से बाहर निकल जाना चाहिए।
- द्वार के बन्द होने की स्थिति में न चढ़ना चाहिए और न ही उतरना चाहिए।
(घ) भूमिगत प्लेटफार्म से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
भूमिगत प्लेटफार्म भूमि के अन्दर सुरंगें खोदकर बनाया जाता है। भूमि के अन्दर ही पटरी बनाई जाती है।
6. बहुवचन रूप लिखें :
- खेल = _________________
- पंक्ति = _________________
- वृद्ध = _________________
- सीढ़ी = _________________
- स्टेशन = _________________
- खिड़की = _________________
उत्तर :
- खेल = खेलें
- पंक्ति = पंक्तियाँ
- वृद्ध = वृद्धों
- सीढ़ी = सीढ़ियाँ
- स्टेशन = स्टेशनों
- खिड़की = खिड़कियाँ
7. इन वाक्यों में सर्वनाम शब्द पर गोला लगायें :
(क) (हम) लाल किला देखने जायेंगे।
(ख) तुम्हें पता चल जायेगा।
(ग) मैं आपको गाड़ी में बैठाकर आता हूँ।
(घ) उसने कहा, “चलो, आपकी गाड़ी का समय होने वाला है।”
(ङ) उसे कन्हैया नगर स्टेशन से अधिकारियों ने हमारे आने की सूचना पहले ही दे दी थी।
उत्तर :
(क) (हम) लालकिला देखने जायेंगे।
(ख) (तुम्हें) पता चल जायेगा।
(ग) (मैं) आपको गाड़ी में बैठाकर आता हूँ।
(घ) (उसने) कहा, “चलो, (आपकी) गाड़ी का समय होने वाला है।”
(ङ) (उसे) कन्हैया नगर स्टेशन से अधिकारियों ने (हमारे) आने की सूचना पहले ही दे दी थी।
8. ‘असीमित’ शब्द में ‘अ’ लगाकर विपरीत शब्द बना है। इसी प्रकार अन्य विपरीत शब्द बनायें:
- अ + सुविधा = _________________
- अ+ सुर = _________________
- अ + सहयोग = _________________
- अ + भिन्न = _________________
उत्तर :
- अ + सुविधा = असुविधा
- अ + सुर = असुर
- अ + सहयोग = असहयोग
- अ + भिन्न = अभिन्न।
9. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ बताकर वाक्यों में प्रयोग करें :
- दिल बल्लियाँ उछलना = _________________
- दंग रह जाना = _________________
- खुशी से झूम उठना = _________________
- मन बहलाना = _________________
उत्तर :
- दिल बल्लियाँ उछलना – बहुत प्रसन्न होना – वाक्य – मैट्रो रेल में बैठकर बच्चों के दिल बल्लियों उछलने लगे।
- दंग रह जाना – हैरान होना – वाक्य – रवि इतने बड़े शेर को देखकर दंग रह गया।
- खुशी से झूम उठना – बहुत खुश होना – आठवीं कक्षा में प्रान्त में प्रथम आने पर रेशमा खुशी से झूम उठी थी।
- मन बहलाना – समय गुज़ारना – वाक्य – बच्चों ने यात्रा के दौरान अंत्याक्षरी खेल कर अपना मन बहलाया।
10. नीचे लिखे शब्दों में अक्षरों को उचित क्रम में रखकर सार्थक शब्द बनायें :
- गालरेड़ी = _________________
- नुशाअसन = _________________
- लासफा = _________________
- पहाउर = _________________
- मगसंररम = _________________
- फालेप्टर्म = _________________
- लीजबि = _________________
- टवसजा = _________________
- अरोधनु = _________________
- पअराध = _________________
- किललाला = _________________
- वानुकूतलिता = _________________
- जापंब = _________________
- लतारगा = _________________
- भूतगमि = _________________
- कानिस = _________________
- रीजाकान = _________________
- अबाजू = _________________
उत्तर :
- गालरेड़ी = रेलगाड़ी
- नुशाअसन = अनुशासन
- पहाउर = उपहार
- मगसंररम = संगमरमर
- लीजबि = बिजली
- टवसजा = सजावट
- पअराध = अपराध
- किललाला = लाल किला
- जापंब = पंजाब
- लतारगा = लगातार
- कानिस = निकास
- रीजाकान = जानकारी
- लासफा = फासला
- वानुकूतलिता = वातानुकूलित
- फालेप्टर्म = प्लेटफार्म
- भूतगमि = भूमिगत
- अरोधनु = अनुरोध
- अबाजू = अजूबा।
11. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों में कारक बतायें :
(क) भास्कर रेलगाड़ी देखने के लिए प्लेटफार्म के किनारे पर जा पहुँचा।
उत्तर :
संप्रदान।
(ख) आज हम सभी मैट्रो रेल के द्वारा जायेंगे।
उत्तर :
करण।
(ग) प्रतिभा खिड़की वाली सीट पर बैठ गयी।
उत्तर :
अधिकरण।
(घ) सभी स्वचालित सीढ़ियों के द्वारा भूमिगत प्लेटफार्म पर पहुँच गये।
उत्तर :
करण।
(ङ) गुरु जी ने बच्चों को बड़े प्यार से समझाया।
उत्तर :
कर्ता।
(च) हमने राष्ट्रीय खेलों में भाग लिया।
उत्तर :
अधिकरण।
12. रचनात्मक अभिव्यक्ति :
(क) मौखिक अभिव्यक्ति
जिन शहरों में मैट्रो रेल की सुविधा हो वहाँ इस रेल की यात्रा का आनंद जरूर लें और अपने अनुभव सहपाठियों को बतायें।
उत्तर :
विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
(ख) लिखित अभिव्यक्ति
(i) अपनी सहेली/मित्र को पत्र लिखो जिसमें मैट्रो यात्रा का वर्णन किया गया हो।|
उत्तर :
91 – मॉडल टाऊन,
पटियाला।
18 सिंतबर, 20….
प्रिय सहेली,
सप्रेम नमस्ते।
पिछले सप्ताह मैं अपने परिवार के साथ दिल्ली में लगा अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला देखने गई थी। हम वहां दो दिन तक रुके। पहले दिन हमने पुस्तक मेले को देखा और दूसरे दिन नई दिल्ली से पुरानी दिल्ली तक मैट्रो तक की यात्रा करके अपने चाचा जी के घर पहुंचे। मैट्रो का स्टेशन बहुत साफ़ – सुथरा और अत्याधुनिक था। मैट्रो चलते – चलते ही आगे की सूचना देती थी। उसके द्वार स्वचालित हैं जो अपने आप खुलते और बंद होते थे। वह पूर्ण रूप से वातानुकूलित थी जिसमें यात्रा का खूब आनन्द आया। चाचा के घर से वापिस आते समय भी हम मैट्रो से नई दिल्ली स्टेशन तक आए। इस प्रकार हमारी मैट्रो रेल यात्रा बहुत अच्छी थी।
तुम्हारी सखी,
रमन कौर।
(ii) ‘मैट्रो रेल यात्रा’ का अनुभव डायरी में लिखें।
उत्तर :
छात्र अपनी यात्रा का अनुभव स्वयं लिखें।
परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर
बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें –
प्रश्न 1.
राष्ट्रीय खेलों में कहाँ की योग की टीम दिल्ली आई थी?
(क) पंजाब
(ख) हरियाणा
(ग) हिमाचल प्रदेश
(घ) उत्तराखंड।
उत्तर :
(क) पंजाब
प्रश्न 2.
पंजाब की टीम कहाँ के राजकीय विद्यालय में ठहरी थी?
(क) जलविहार
(ख) स्वास्थ्य विहार
(ग) अशोक विहार
(घ) खेल विहार।
उत्तर :
(ग) अशोक विहार
प्रश्न 3.
पंजाब की टीम ने प्रतियोगिता में कौन – सा स्थान प्राप्त किया था?
(क) प्रथम
(ख) द्वितीय
(ग) तृतीय
(घ) चतुर्थ।
उत्तर :
(क) प्रथम
प्रश्न 4.
टीम के सदस्य मैट्रो – रेल द्वारा क्या देखने जा रहे थे?
(क) कुतुब मीनार
(ख) लाल किला
(ग) संसद भवन
(घ) तीन मूर्ति संग्रहालय।
उत्तर :
(ख) लाल किला
प्रश्न 5.
लाल किला देखने के लिए टीम के सदस्य मैट्रो – रेल से किस स्टेशन पर उतरे?
(क) चावड़ी बाज़ार
(ख) चाँदनी चौंक
(ग) कश्मीरी गेट
(घ) दरियागंज।
उत्तर :
(ख) चाँदनी चौंक
प्रश्न 6.
मैट्रो पर बैठने के लिए टीम के सदस्य किस स्टेशन पर गए थे?
(क) कन्हैया नगर
(ख) शास्त्री नगर
(ग) प्रताप नगर
(घ) राम नगर।
उत्तर :
(क) कन्हैया नगर
प्रश्न 7.
पंजाब की टीम के गुरु कौन थे?
(क) सुरेंद्र सिंह
(ख) सुरेंद्रमोहन
(ग) सुरेंद्र कुमार
(घ) सुरेंद्र पाल।
उत्तर :
(ख) सुरेंद्रमोहन
प्रश्न 8.
मैट्रो – रेल की प्लेटफार्म पर प्रतीक्षा करते हुए किस रंग की पट्टी से आगे नहीं जाना चाहिए?
(क) लाल
(ख) हरी
(ग) पीली
(घ) नीली।
उत्तर :
(ग) पीली
प्रश्न 9.
मैट्रो – रेल के रुकने पर द्वार कैसे खुलता/बंद होता है?
(क) दोनों हाथों से
(ख) बायें हाथ से
(ग) दाहिने हाथ से
(घ) अपने आप।
उत्तर :
(घ) अपने आप।
मैट्रो रेल का सुहाना सफर Summary in Hindi
मैट्रो रेल का सुहाना सफर पाठ का सार
मैट्रो – रेल का सुहाना सफ़र लेखक महेश कुमार शर्मा द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने मैट्रो रेल की सुहानी यात्रा का वर्णन किया है। राष्ट्रीय खेलों में पंजाब की योग टीम में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आई जहाँ वह झलकरी बाई राजकीय उच्चतर विद्यालय अशोक विहार में ठहरी थी। पूरी टीम बहुत खुश थी क्योंकि उनके गुरु जी ने उनके प्रथम आने पर मैट्रो – रेल के सुहावने सफर का उपहार देने को कहा था। टीम ने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। अगले दिन बच्चे मैट्रो – रेल से लाल किला देखने गए। वे कन्हैया नगर स्टेशन पर गए।
एक बच्चे की बात सुनकर गुरु जी ने बताया कि दिल्ली में मैट्रो – रेल परिस्थिति और सुविधानुसार चलाई जाती है। उसकी पटरी ज़मीन या सड़क पर पुल बनाकर या सुरंग खोदकर बिछाई गई है। यह सुनकर प्रतिभा ने गुरु जी से अपनी गाड़ी का रास्ता पूछा। गुरु जी ने गाड़ी में बैठकर स्वयं रास्ता देखने को कहा। भास्कर ने गुरु जी से पूछा कि हम सीढ़ियों की अपेक्षा लिफ्ट से क्यों नहीं जा रहे। गुरु जी ने सभी को समझाते हुए बताया कि लिफ्ट का प्रबन्ध बूढ़ों, बीमारों और अपाहिजों के लिए किया जाता है। स्टेशन पहुँचकर बच्चे वहाँ पर साफ़ – सफ़ाई और सजावट देखकर चकित हो गए।
गुरु जी ने सभी बच्चों के समूह पास बनवाकर सुरक्षा जांच यन्त्र में से निकालने को कहा। ज्ञानीजन के पूछने पर गुरु जी ने बताया कि वे जालन्धर रेलवे स्टेशन पर भी ऐसे ही यन्त्र से निकलकर आए थे। यह यन्त्र सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी विस्फोटक सामग्री के पास आते ही अपने आप ही एक विशेष ध्वनि निकालने लगता है। बच्चों के पूछने पर एक रेलवे कर्मचारी ने बताया कि यात्रा के लिए एक टोकन प्रति यात्री दिया जाता है जिसे इस मशीन के निकट लाने से प्रवेश द्वार खुल जाता है और यात्री इसमें से निकल जाता है। प्रतिदिन यात्रा करने वालों के लिए स्मार्ट कार्ड की सुविधा उपलब्ध है।
गुरु जी ने बच्चों को बताया कि प्लेटफार्म पर गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय कभी भी पीली पट्टी पार नहीं करनी चाहिए। कुछ देर बाद गाड़ी आने की उद्घोषणा हुई। गुरु जी ने किरण को बताया कि वे कश्मीरी गेट पहुँचकर वहाँ से चाँदनी चौंक जाने वाली मैट्रो में बैठेंगे और वहाँ से लालकिला के लिए पैदल जा सकते हैं। थोड़ी देर बाद बच्चे गाड़ी में बैठकर खुशी से वहाँ से रवाना हुए। सभी बच्चे खुशी से झूमते हुए मैट्रो के सफर का आनंद ले रहे थे।
इसमें आगे आने वाले स्टेशन की भी स्पीकरों के द्वारा उदघोषणा हो रही थी। स्टेशन आने पर गाड़ी के रुकते ही स्वचालित द्वार अपने आप खुल जाते और यात्रियों के चढ़ने पर स्वत: बंद हो जाते। गाड़ी में स्थान – स्थान पर इलैक्ट्रानिक सूचना पट्ट लगे हुए थे। गाड़ी कन्हैया नगर स्टेशन से चलकर इन्द्रलोक स्टेशन, शास्त्री नगर, प्रताप नगर, तथा तीस हज़ारी स्टेशनों पर रुकती हुई कश्मीरी गेट पहुंची जहां सभी बच्चे उतर गए।
वहाँ से वे चाँदनी चौक मैट्रों के मिलन के स्थान पर पहुँच गए। बच्चे वहाँ से मैट्रो में सफ़र कर चांदनी चौक पहुँच गए। चाँदनी चौक से वे लाल किले की तरफ बढ़ते हुए मैट्रो रेल की ही बातें कर रहे थे।
मैट्रो रेल का सुहाना सफर शब्दार्थ –
- हर्षित = खुश।
- अत्याधुनिक = बहुत अधिक आधुनिक।
- स्वचालित = अपने द्वारा चालित।
- स्वतः = अपने आप।
- उद्घोषणा = घोषणा।
- एकाएक = अचानक।
- भूमिगत = भूमि के अन्दर।
- पर्यटक – कार्ड = घूमने – फिरने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला कार्ड।
मैट्रो रेल का सुहाना सफर सप्रसंग व्याख्या
1. आज सभी बच्चे बहुत प्रसन्न हैं क्योंकि गुरु जी ने उन्हें वचन दिया था कि यदि उनकी टीम प्रथम आती है तो उनकी तरफ से सभी बच्चों को ‘मैट्रो – रेल’ के सुहावने सफर का उपहार दिया जाएगा। गुरु जी भी बहुत हर्षित हैं क्योंकि उनकी टीम ने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त कर पंजाब प्रदेश के नाम को चार चाँद लगा दिए हैं। बच्चों के दिल भी बल्लियों उछलने लगे जब गुरु जी ने कहा, “बच्चो ! आज हम सभी ‘मैट्रो – रेल के द्वारा लाल किला देखने जायेंगे।”
प्रसंग – यह गद्यांश महेश कुमार शर्मा द्वारा लिखित ‘मैट्रो – रेल का सुहाना सफर’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने गई पंजाब राज्य की योग टीम के मैट्रो – रेल के सफर का वर्णन किया है।
व्याख्या – लेखक कहता है कि राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने गई पंजाब की योग टीम अपने गुरु सुरेन्द्र मोहन के साथ अशोक विहार में ठहरी हुई थी। उस दिन सभी बच्चे बहुत प्रसन्न थे क्योंकि उनके गुरु जी ने उन्हें यह वचन दिया था कि यदि उनकी टीम प्रथम आई तो उनकी तरफ से सभी बच्चों को मैट्रो रेल की सुहावनी यात्रा का उपहार दिया जाएगा। गुरु जी भी बहुत खुश हुए थे क्योंकि उनकी टीम ने पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त कर पंजाब प्रदेश का नाम बहुत चमका दिया था। जब गुरु जी ने बच्चों को कहा कि आज वे सब मैट्रो रेल के द्वारा लाल किला देखने जायेंगे तब बच्चों के दिल भी बहुत खुश हुए।
भावार्थ – राष्ट्रीय खेलों में पंजाब योग टीम के प्रथम स्थान आने को दर्शाया है।
2. जैसे ही सभी बच्चे स्टेशन पर पहुँचे वे स्टेशन की साफ़ – सफ़ाई और सजावट देखकर दंग रह गए। चमकता संगमरमर का फर्श, अत्याधुनिक बिजली उपकरणों और सामान्य सुविधाओं से सजे स्टेशन को देखकर बच्चे खुशी से झूम उठे। स्टेशन पर स्थान – स्थान पर यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए बड़ी ही सुन्दर वर्दी में सुरक्षा – कर्मी तैनात थे। गुरु जी ने सभी का समूह पास बनवाकर बच्चों को सुरक्षा – जाँच के लिए बने एक यन्त्र में से निकलने के लिए पंक्ति में आने को कहा।
प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हिन्दी पाठ्य – पुस्तक में संकलित मैट्रो – रेल का सुहाना सफर नामक पाठ से लिया गया है। यह महेश कुमार शर्मा द्वारा लिखित है। सभी बच्चे दिल्ली मैट्रो – स्टेशन की साफ़ – सफ़ाई को देखकर चकित रह गए। इसका वर्णन किया है।
व्याख्या – लेखक कहता है कि जैसे ही सभी बच्चे स्टेशन पर पहुँचे तो वे स्टेशन की साफ़ – सफ़ाई और सजावट को देखकर हैरान हो गए। स्टेशन पर चमकते हुए संगमरमर का फर्श था आधुनिक युग के बिजली के उपकरण लगे थे। बच्चे सामान्य सुविधाओं से सजे धजे स्टेशन को देखकर खुशी से झूम उठे। स्टेशन पर जगह – जगह पर यात्रियों की सुविधा तथा सुरक्षा के लिए बहुत सुन्दर वर्दी में सुरक्षा कर्मचारी मौजूद थे। गुरु जी ने सभी बच्चों पर एक समूह पास बनाकर उन्हें सुरक्षा जांच के लिए बने हुए एक यन्त्र में से निकलने के लिए पंक्ति में आने के लिए कहा।
भावार्थ – दिल्ली मैट्रो रेलवे स्टेशन की साफ़ – सफ़ाई एवं आधुनिकता को प्रस्तुत किया गया है।
3. प्लेटफार्म पर पहुँचकर बच्चों ने महसूस किया कि वहाँ पर इतनी साफ़ सफ़ाई है जैसे, यहाँ कभी किसी ने पैर भी न रखा हो। तभी भास्कर रेलगाड़ी देखने के लिए प्लेटफार्म के किनारे पर जा पहुँचा। गुरु जी ने और उस कर्मचारी ने उसी समय भास्कर को दौड़कर पकड़ा और बाकी बच्चों के पास लाकर प्यार से समझाया कि गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय कभी प्लेटफार्म पर बनी पीली – पट्टी को पार नहीं करना चाहिए। गुरु जी ने कर्मचारी को अनुरोध किया कि जब तक गाड़ी नहीं आती तब तक बच्चों को वे मैट्रो – रेल के विषय में और जानकारी दें।
प्रसंग – यह गद्यांश महेश कुमार शर्मा द्वारा लिखित ‘मैट्रो – रेल का सुहाना – सफ़र’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। यहाँ लेखक ने प्लेटफार्म की साफ़ – सफ़ाई का वर्णन किया है।
व्याख्या – लेखक ने कहा है कि प्लेटफार्म र सभी बच्चों ने यह महसूस किया था कि वहाँ पर इतनी साफ़ – सफ़ाई है जैसे मानो यहाँ कभी किसी ने पैर ही न रखा हो अर्थात यहाँ कोई आदमी ही न आया हो। तभी भास्कर रेलगाडी देखने के लिए प्लेटफार्म के किनारे पर चला गया। गुरु जी और उस कर्मचारी ने तुरन्त भास्कर को दौड़कर पकड़ा तथा बाकि बच्चों के पास लाकर प्यार से समझाया कि गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय कभी भी प्लेटफार्म पर बनी पीली – पट्टी को पार नहीं करना चाहिए। गुरु जी ने कर्मचारी को यह अनुरोध किया कि जब तक गाड़ी नहीं आती तब तक बच्चों को वे मैट्रो – रेल के विषय में और अधिक जानकारी दें।
भावार्थ – मैट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म के दृश्य का वर्णन किया गया है। इसके माध्यम से हमारे देश के निरंतर होने वाले विकास को दर्शाया गया है।
4. “डरने की कोई बात नहीं है, अगला स्टेशन चाँदनी चौंक ही है। इस बार बच्चे बड़े आराम से निश्चिन्त होकर मैट्रो में चढ़े और खुशी – खुशी चाँदनी चौंक स्टेशन पर उतरे। सभी यात्री अपना – अपना टोकन, स्मार्ट कार्ड या पर्यटक – कार्ड निकास द्वार की मशीन के पास लाते और स्वचालित द्वार खुलने पर बाहर निकल जाते। सभी बच्चों ने यह नज़ारा विशेष निकास द्वार से निकलते हुए देखा। चाँदनी चौंक से लाल किले की तरफ बढ़ते बच्चे बस मैट्रो – रेलगाड़ी की ही बातें कर रहे थे जैसे उन्होंने कोई अजूबा देख लिया हो।”
प्रसंग – यह गद्यांश लेखक महेश कुमार शर्मा द्वारा लिखित है। इसे मैट्रो – रेल का सुहाना सफर नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने चाँदनी चौंक से लाल किले की तरफ जाने एवं बच्चों की मनःस्थिति के बारे में बताया है।
व्याख्या – गुरु जी ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डरने की कोई बात नहीं है क्योंकि अगला स्टेशन चाँदनी चौंक है। इस बार बच्चे बड़े आराम से निश्चित होकर मैट्रो में चढ़े तथा खुशी – खुशी चाँदनी चौंक स्टेशन पर उतर गए। सभी यात्री अपना – अपना टोकन स्मार्ट कार्ड अथवा पर्यटक कार्ड निकलने वाले द्वार की मशीन के पास लाते तथा स्व:चालित दरवाजा खुलने पर बाहर निकल जाते। सभी बच्चों ने यह दृश्य विशेष निकलने वाले दरवाज़े से निकलते हुए देखा। बच्चे चांदनी चौंक से लाल किले की तरफ बढ़ रहे थे। वे केवल मैट्रो रेलगाड़ी की ही बातें कर रहे थे जैसे उन्होंने कोई अजूबा देख लिया हो।
भावार्थ – दिल्ली मेट्रो रेल के सफर के आनन्द एवं सुहावने दृश्य का वर्णन है।