Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions History Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)
SST Guide for Class 7 PSEB भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Textbook Questions and Answers
(क) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लिखें
प्रश्न 1.
इतिहास में भारतीय उपमहाद्वीप के कौन-कौन से नाम रखे गए ?
उत्तर-
भारतीय महाद्वीप के दो नाम रखे गए–हिन्दुस्तान तथा भारतवर्ष।
प्रश्न 2.
इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को कितने युगों में बाँटा है ?
उत्तर-
प्राचीन युग, मध्यकालीन युग तथा आधुनिक युग।
प्रश्न 3.
भारतीय इतिहास के स्त्रोत कितनी प्रकार के हैं ?
उत्तर-
मध्यकालीन भारतीय इतिहास की जानकारी के लिए दो प्रकार के ऐतिहासिक स्रोत मिलते हैं –
I. पुरातत्त्व स्रोत
II. साहित्यिक स्रोत
I. पुरातत्त्व स्रोत- पुरातत्त्व स्रोतों में प्राचीन स्मारक, मन्दिर, शिलालेख, सिक्के, बर्तन, हथियार, आभूषण तथा चित्र शामिल हैं।
1. प्राचीन स्मारक अथवा इमारतें-इन इमारतों में मन्दिर, मस्जिद तथा किले शामिल हैं। मन्दिरों में खजुराहो, भुवनेश्वर, कोणार्क आदि का नाम लिया जा सकता है। मस्जिदों में जामा मस्जिद तथा मोती मस्जिद और किलों में जैसलमेर, जयपुर आदि मुख्य है।
2. शिलालेख-शिलालेख हमें आरम्भिक (पूर्व) मध्यकाल के भिन्न-भिन्न पहलुओं की जानकारी देते हैं। इनसे हमें मध्ययुग की महत्त्वपूर्ण घटनाओं, शासकों तथा उनके शासनकाल एवं गुणों, कला के नमूनों, प्रशासनिक गतिविधियों आदि का पता चलता है।
3. सिक्के-हमें मध्ययुग के बहुत अधिक सिक्के प्राप्त हुए हैं। ये इस युग की महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं तथा प्रसिद्ध व्यक्तियों की जानकारी देते हैं। कुछ सिक्के उस समय की आर्थिक दशा पर भी प्रकाश डालते हैं।
4. चित्रकारी-चित्रकारी से हमें मध्ययुग की साधारण जानकारी के साथ-साथ उस समय की कला के विकास का भी पता चलता है।
II. साहित्यिक स्रोत-साहित्यिक स्रोतों में आत्मकथाएं, जीवन कथाएं, राजा तथा राजवंशों के वृत्तांत, दस्तावेज़ आदि शामिल हैं। बाबर, जहांगीर की आत्मकथाएं हमें विभिन्न शासकों की महत्त्वपूर्ण जानकारी देती हैं। दस्तावेज़ भिन्न-भिन्न शासकों के बीच हुई सन्धियों पर प्रकाश डालते हैं।
प्रश्न 4.
विदेशी यात्रियों के लेख किस प्रकार ऐतिहासिक स्रोत हैं ?
उत्तर-
विदेशी यात्रियों के लेख मध्यकालीन इतिहास के महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्रोत हैं। मध्ययुग में कई मुस्लिम तथा यूरोपीय यात्रियों ने भारत की यात्रा की। उन्होंने भारत के बारे में अपने-अपने लेख लिखे। ये लेख मध्ययुग से सम्बन्धित कई बातों की जानकारी देते हैं।
- इन-बतूता के किताब ‘उल-रिहला’ लेख से मुहम्मद-बिन-तुगलक के शासन की जानकारी मिलती है।
- अलबेरूनी का भारत सम्बन्धी लेख भी काफ़ी महत्त्वपूर्ण है।
- अब्दुल राजाक ने विजय नगर राज्य की यात्रा की। उसने उस समय के विजय नगर राज्य की स्थिति के बारे में लिखा।
- यूरोपीयन यात्रियों ने अपनी भारत यात्रा के बारे में कई लेख लिखे जो उस समय की भारतीय दशा पर प्रकाश डालते हैं।
(ख) निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
- भारतीय उपमहाद्वीप को पूर्व काल में ……………… कहा जाता था।
- भारत में ………………. को परिवर्तन की शताब्दी माना जाता है।
- चीन निवासियों ने भारत को ……………… का नाम दिया।
- स्मारक, शिलालेख तथा सिक्के आदि भारतीय इतिहास के …………… स्रोत हैं, जबकि आत्मकथा तथा जीवनगाथा ………………… स्रोत हैं।
- इब्नबतूता एक ………………… यात्री था।
उत्तर-
- हिन्दुस्तान,
- आठवीं शताब्दी,
- ताइन चूँ,
- पुरातत्व, पुरातत्व साहित्य,
- विदेशी।
(ग) निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य के सामने ठीक (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाएं
- मध्यकालीन युग प्रारम्भिक मध्यकालीन युग एवं उत्तर-मध्यकालीन युगों में बँटा हुआ था।
- मध्यकालीन युग दौरान बहुत-से सामाजिक रीति-रिवाज और धार्मिक विश्वास अस्तित्व में नहीं आए थे।
- मध्यकालीन युग में व्यापार एवं वाणिज्य के विकास के लिए विशेष सुधार किए गए।
- मध्यकालीन युग दौरान हिन्दुओं तथा मुसलमानों में आपसी सम्बन्ध स्थापित नहीं थे।
उत्तर-
- (✓)
- (✗)
- (✓)
- (✗)
PSEB 7th Class Social Science Guide भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Important Questions and Answers
प्रश्न 1.
मध्यकालीन युग से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
इतिहास के प्राचीन युग तथा आधुनिक युग के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहते हैं।
प्रश्न 2.
भारत में किस काल को मध्यकालीन युग कहा जाता है ?
उत्तर-
भारत में 8वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहा जाता है।
प्रश्न 3.
भारत में 8वीं शताब्दी को परिवर्तन की शताब्दी क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
भारत में 8वीं शताब्दी में समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था, सभ्याचार तथा धर्म में बहुत-से परिवर्तन आए। इसी कारण भारत में 8वीं शताब्दी को परिवर्तन की शताब्दी माना जाता है।
प्रश्न 4.
भारत को किस काल में ‘आर्यवर्त’ का नाम दिया गया है ? इसका शाब्दिक अर्थ क्या है ?
उत्तर-
भारत को वैदिक काल में आर्यवर्त का नाम दिया गया है। इसका शाब्दिक अर्थ है-आर्यों का देश।
प्रश्न 5.
भारत में मध्यकालीन युग को कौन-कौन से दो भागों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-
भारत में मध्यकालीन युग को निम्नलिखित दो भागों में बांटा जाता है –
- 8वीं शताब्दी से लेकर 13वीं शताब्दी के आरम्भ तक के समय को आरम्भिक अथवा पूर्व मध्यकालीन युग कहा जाता है।
- 13वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक का समय उत्तर मध्यकालीन युग कहलाता है।
प्रश्न 6.
अकबर के प्रसिद्ध संगीतकार का नाम बताओ।
उत्तर-
अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था।
प्रश्न 7.
इतिहास ने भिन्न-भिन्न युगों में भारत को भिन्न-भिन्न नाम दिए। व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
निम्नलिखित तथ्यों से पता चलता है कि इतिहास ने भिन्न युगों में भारत को भिन्न नाम दिए –
- वैदिक काल में भारत को आर्यवर्त कहा जाता था।
- महाभारत तथा पुराणों के समय में राजा भरत के नाम पर हमारे देश को भारतवर्ष कहा जाने लगा।
- ईरानियों ने इसे ‘हिन्दू’ तथा यूनानियों ने इसे इण्डस का नाम दिया।
- बाइबल में भारत को होडू कहा गया है।
- जब चीन में बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ तो चीनियों ने भारत को ताइन-चूं का नाम दिया।
- ह्यूनसांग की भारत यात्रा के बाद भारत को इंटू कहा जाने लगा।
प्रश्न 8.
भारत में मध्यकालीन युग का अंत कब माना जाता है ?
उत्तर-
भारत में मध्यकालीन युग का अन्त मुग़ल साम्राज्य के पतन तथा अंग्रेजों द्वारा शक्ति पकड़ने के साथ माना जाता है। ऐसा 18वीं शताब्दी के मध्य में हुआ।
प्रश्न 9.
संगीत ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। वर्णन कीजिए।
उत्तर-
इसमें कोई संदेह नहीं कि संगीत भी ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। उदाहरण के लिए हम मुग़ल काल को लेते हैं। मुग़ल शासक संगीत प्रेमी थे। इसलिए उनके शासन काल में संगीत का बहुत अधिक विकास हुआ। अकबर ने तो अपने दरबार में अनेक संगीतकारों को संरक्षण दिया हुआ था। तानसेन उसके समय का प्रसिद्ध संगीतकार था। मुग़लकाल में संगीत के माध्यम से ही हिन्दू तथा मुस्लिम संस्कृति का मेल हुआ।
प्रश्न 10.
मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में कौन-कौन से देश शामिल थे?
उत्तर-
मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में आज के छ: देश शामिल थे। ये देश थे-पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश तथा भारत।
प्रश्न 11.
मध्यकालीन युग के दौरान प्रमुख ऐतिहासिक प्रवृत्तियों का वर्णन करो।
उत्तर-
मध्यकालीन युग की ऐतिहासिक प्रवृत्तियां इस युग को प्राचीन युग से अलग करती हैं। इनमें से प्रमुख प्रवृत्तियाँ निम्नलिखित हैं –
- मध्यकाल में भारत में मुसलमान आए और उनका हिन्दुओं से मेलजोल बढ़ा। परिणामस्वरूप मिश्रित सभ्यता
जन्म हुआ। - मध्यकाल में बहुत-सी भाषाओं का विकास हुआ जो हम आज भी बोलते हैं। इनमें से हिन्दी तथा उर्दू प्रमुख थीं।
- इस युग में हमारे बहुत से सामाजिक रीति-रिवाजों, रस्मों तथा धार्मिक विश्वासों की उत्पत्ति हुई।
- इस काल में भारत के बाहरी संसार के साथ गहरे आपसी सम्बन्ध स्थापित हुए। व्यापार के कारण संसार के भिन्न-भिन्न भागों में रहने वाले लोग एक-दूसरे के निकट आए। उन्होंने एक-दूसरे के रीति-रिवाज अपनाए। भारत ने भी अन्य देशों से अनेक रीति-रिवाज ग्रहण किये।
- भारत में भक्ति मत तथा सूफी मत का प्रचार हुआ। इससे हिन्दुओं तथा मुसलमानों को एक-दूसरे के धर्मों के सिद्धान्तों को समझने में सहायता मिली।
- मध्ययुग में व्यापार तथा वाणिज्य के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण सुधार किये गये।
(क) सही कथनों पर (✓) तथा ग़लत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :
- शिलालेख साहित्यिक स्त्रोत हैं।
- मुग़ल शासक संगीत प्रेमी थे।
- इब्न-बतूता के लेख से हमें अकबर के शासनकाल की जानकारी मिलती है।
उत्तर-
- (✗)
- (✓)
- (✗)
(ख) सही जोड़े बनाएं:
- अब्दुल रज्जाक – अकबर
- तानसेन – विजयनगर राज्य
- इण्डस – यूनसांग
- इंटू – ग्रीक
उत्तर-
- अब्दुल रज्जाक – विजयनगर राज्य
- तानसेन – अकबर
- इण्डस – ग्रीक
- इंटू – यूनसांग
(ग) सही उत्तर चुनिए :
प्रश्न 1.
‘किताब-उल-रिहला’ भारत में आने वाले एक विदेशी का लेख है। बताइए वह कौन था?
(i) अल्बेरुनी
(ii) इब्न-बतूता
(iii) अब्दुल रज्जाक।
उत्तर-
(ii) इब्न-बतूता।
प्रश्न 2.
चित्र में दिखाया गया व्यक्ति अकबर के समय का प्रसिद्ध संगीतकार था।
(i) तानसेन
(ii) अब्दुल रज्जाक
(iii) अलबेरुनी।
उत्तर-
(i) तानसेन।
प्रश्न 3.
चित्र में दिखाया गया स्रोत साहित्यिक स्रोतों में शामिल है? यह क्या है?
(i) आत्मकथा
(ii) अकबर का सिक्का
(iii) चित्रकारी।
उत्तर-
(ii) अकबर का सिक्का ।
भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) PSEB 7th Class Social Science Notes
- इतिहास के काल – किसी देश के इतिहास को प्रायः तीन कालों अथवा युगों में बांटा जाता है-प्राचीन युग, मध्यकालीन युग तथा आधुनिक युग।
- मध्यकालीन युग – इतिहास के प्राचीन युग तथा आधुनिक युग के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहते हैं। भारत में 8वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहा जाता है।
- 8वीं शताब्दी का महत्त्व – भारत में 8वीं शताब्दी को परिवर्तन शताब्दी माना जाता है क्योंकि इस शताब्दी में भारत में समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था, सभ्याचार तथा धर्म में बहुत-से परिवर्तन आए।
- मध्ययुग में भारत के नाम – मध्ययुग में भारतीय उपमहाद्वीप को हिन्दुस्तान अथवा भारतवर्ष के नाम से पुकारा जाता था।
- मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में शामिल देश – मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में आज के छ: देश शामिल थे। ये देश थे-पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश तथा भारत।
- मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत – मध्यकालीन भारतीय इतिहास की जानकारी के लिए दो प्रकार के ऐतिहासिक स्रोत मिलते हैं। पुरातत्त्व स्रोत तथा साहित्यिक स्रोत।
- पुरातत्त्व स्रोत – पुरातत्त्व स्रोतों में प्राचीन स्मारक, मंदिर, शिलालेख, सिक्के, बर्तन, हथियार, आभूषण तथा चित्र शामिल हैं।
- साहित्यिक स्रोत – साहित्यिक स्रोतों में आत्मकथाएं, जीवन कथाएं, राजा तथा राजवंशों के वृत्तांत, दस्तावेज़ आदि शामिल हैं।
- विदेशी यात्रियों के लेख – मध्ययुग में कई मुस्लिम तथा यूरोपीय यात्रियों ने भारत की यात्रा की। उन्होंने भारत के बारे में अपने-अपने लेख लिखे। ये लेख मध्ययुग से संबंधित कई बातों की जानकारी देते हैं।