Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 3 भारतीय लोकतंत्र की स्थापना एवं स्वरूप Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 3 भारतीय लोकतंत्र की स्थापना एवं स्वरूप
SST Guide for Class 9 PSEB भारतीय लोकतंत्र की स्थापना एवं स्वरूप Textbook Questions and Answers
(क) रिक्त स्थान भरें :
- भारतीय संविधान में निर्देशक सिद्धांत . …………………. के संविधान से लिए गए हैं।
- ………….. भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के प्रधान थे।
उत्तर-
- आयरलैंड
- डॉ० बी० आर० अंबेदकर
(ख) बहुविकल्पीय प्रश्न :
प्रश्न 1.
संविधान सभा के प्रधान थे.
(अ) पंडित जवाहर लाल नेहरू
(आ) महात्मा गांधी
(इ) डॉ० राजेंद्र प्रसाद
(ई) डॉ०बी०आर० अंबेदकर
उत्तर-
(इ) डॉ० राजेंद्र प्रसाद
प्रश्न 2.
गणतंत्र देश वह होता है
(अ) जिसका अध्यक्ष जन्मजात होता है।
(आ) जिसका अध्यक्ष सैनिक तानाशाह होता है।
(इ) जिसका अध्यक्ष लोगों द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ढंग से चुना जाता है।
(ई) जिसका अध्यक्ष मनोनीत किया जाता है।
उत्तर-
(इ) जिसका अध्यक्ष लोगों द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ढंग से चना जाता।
(ग) निम्नलिखित कथनों में सही के लिए तथा गलत के लिए चिन्ह लगाएं :
- संविधान के 42वें संशोधन में समाजवाद, धर्मनिरपेक्ष व अखंडता शब्दों को शामिल किया गया है।
- भारत एक प्रभुसत्ता संपन्न, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य देश है।
उत्तर-
- (✓)
- (✓)
अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
हमारा देश कब स्वतंत्र हुआ ?
उत्तर-
हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ।
प्रश्न 2.
‘संविधान उन नियमों का समूह है जिनके अनुसार सरकार की शक्तियों, प्रजा के अधिकारों एवम् इन दोनों के पारस्परिक संबंधों को निश्चित किया जाता है। यह कथन किसका है?
उत्तर-
यह कथन बूल्जे का है।
प्रश्न 3.
भारतीय संविधान के निर्माण में कितना समय लगा ?
उत्तर-
भारतीय संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 महीने व 18 दिन लगे।
प्रश्न 4.
संविधान निर्माण समिति के कुल कितने सदस्य थे ?
उत्तर-
संविधान निर्माण समिति के 389 सदस्य थे परन्तु स्वतन्त्रता के पश्चात् यह 299 रह गए थे।
प्रश्न 5.
भारत के विभाजन की घोषणा कब की गई ?
उत्तर-
3 जून, 1947 को भारत के विभाजन की घोषणा की गई थी।
प्रश्न 6.
भारत के विभाजन के पश्चात् भारत के लिए संविधान बनाने वाली सभा के कितने सदस्य रह गए थे ?
उत्तर-
299 सदस्य।
प्रश्न 7.
भारत के संविधान की कोई दो एकात्मक विशेषताएं लिखें।
उत्तर-
- सभी नागरिकों को एकहरी नागरिकता दी गई है।
- केन्द्र तथा राज्य सरकारों के लिए एक ही संविधान है।
प्रश्न 8.
भारतीय संविधान की कोई दो संघात्मक विशेषताएं लिखें।
उत्तर-
- हमारे देश का एक लिखित संविधान है।
- केंद्र तथा राज्यों के बीच शक्तियों को बंटवारा किया गया है।
प्रश्न 9.
संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदत्त कोई दो स्वतंत्रताओं के नाम लिखें।
उत्तर-
- कोई भी पेशा अपनाने की स्वतंत्रता।
- देश में कहीं भी आने जाने की स्वतंत्रता।
प्रश्न 10.
भारत के संविधान की प्रस्तावना किन शब्दों के साथ आरंभ होती है ?
उत्तर-
हम भारत के लोग।
प्रश्न 11.
सन् 1976 में 42वें संशोधन द्वारा भारत के संविधान में कौन-से नए शब्द जोड़े गए ?
उत्तर-
समाजवाद, धर्मनिरपेक्ष व अखंडता।
प्रश्न 12.
संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर-
डॉ० राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे।
प्रश्न 13.
संविधान का प्रारूप तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर-
डॉ०बी०आर० अंबेदकर संविधान का प्रारूप तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष थे।
लघु उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना कौन-कौन से मूल उद्देश्यों पर प्रकाश डालती है ?
उत्तर-
भारतीय संविधान की प्रस्तावना से हमें इसके उद्देश्यों के बारे में पता चलता है।
- हमारी प्रस्तावना के अनुसार भारत एक संपूर्ण प्रभुसत्ता संपन्न, समाजवादी, लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य है।
- यह भारत के सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक न्याय देने के लिए प्रतिबद्ध है।
- यह अवसर व पद की समानता प्रदान करती है तथा सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति, विश्वास व उपासना की स्वतंत्रता देती है।
- यह व्यक्तिगत गरिमा, राष्ट्रीय एकता व अखंडता के आदर्श को बनाए रखने की घोषणा भी करती है।
प्रश्न 2.
गणतंत्र देश किसे कहते हैं ?
उत्तर-
भारत एक गणतंत्र देश है। गणतंत्र का अर्थ होता है कि देश का अध्यक्ष प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुना जाता है। अध्यक्ष का चुनाव एक निश्चित समय के लिए होता है तथा यहां पर वंशवाद का कोई स्थान नहीं है। गणतंत्र होना भारतीय संविधान की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता है।
प्रश्न 3.
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। इसके पक्ष में तर्क दें।
उत्तर-
- संविधान की प्रस्तावना में भारत को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है।
- सभी नागरिकों को अपने धर्म के प्रचार करने या धर्म परिवर्तन करने की स्वतंत्रता है।
- समानता के अधिकार में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।
- देश में व्यापार सभी धर्मों को एक समान समझा जाता है तथा देश, राज्य का कोई धर्म नहीं है।
प्रश्न 4.
संघीय संरचना अथवा संघात्मक सरकार से क्या अभिप्राय है ? भारतीय संविधान की यह विशेषता किस देश के संविधान से ली गई है ?
उत्तर-
संघात्मक सरकार का अर्थ है शक्तियों का सरकार के दो स्तरों में विभाजन तथा यह स्तर केंद्र व राज्य सरकारें होती हैं। भारत एक संघात्मक राज्य है जहां पर दो प्रकार की सरकारें-केंद्र सरकार व राज्य सरकारें बनाई गई हैं। इन दोनों प्रकार की सरकारों में शक्तियों का विभाजन किया गया है परंतु केंद्र सरकार को अधिक शक्तियां दी गई हैं। भारत में संघात्मक संरचना कनाडा के संविधान से ली गई है।
प्रश्न 5.
भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को निर्मित हो गया था। परंतु भारत सरकार ने इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया। 26 जनवरी की तिथि संविधान लागू करने के लिए क्यों नियत की गई ? व्याख्या करें।
उत्तर-
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में यह निर्णय किया गया था कि 26 जनवरी, 1930 को देश का प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा चाहे देश स्वतंत्र नहीं था। तब से 1947 तक 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। परंतु 1947 में देश का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त हो गया। इंसलिए 26 जनवरी के ऐतिहासिक महत्त्व को बरकरार रखने के लिए संविधान 26 जनवरी, 1950 में लागू किया गया तथा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।
प्रश्न 6.
संपूर्ण प्रभुसत्ता संपन्न राज्य का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
संपर्ण प्रभुसत्ता संपन्न राज्य का अर्थ है कि देश अपने बाहरी व आंतरिक विषयों तथा अपने निर्णय लेने के लिए पूर्णतया स्वतंत्र है। देश जब भी अपने आंतरिक व अन्य देशों से संबंध बनाने के लिए कोई भी नीति बनाएगा वह बिना किसी दबाव के व पूर्ण स्वतंत्रता से बनाएगा। देश पर कोई अन्य देश किसी प्रकार का दबाव नहीं डाल सकता।
प्रश्न 7.
सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
भारत का संविधान देश के सभी वयस्क नागरिकों को वोट देने का अधिकार प्रदान करता है तथा इसे ही सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार कहते हैं। देश के सभी नागरिक जिनकी आयु 18 वर्ष या इससे ऊपर है उन्हें वोट देने का अधिकार बिना किसी भेदभाव के दिया गया है। पहले यह आयु 21 वर्ष थी परंतु 1988 में 61वें संवैधानिक संशोधन से इसे घटा कर 18 वर्ष कर दिया गया था।
प्रश्न 8.
भारतीय संविधान की कोई चार एकात्मक विशेषताएं लिखो।
उत्तर-
- भारत के सभी नागरिकों को इकहरी नागरिकता दी गई है।
- जम्मू कश्मीर को छोड़ कर बाकी सभी सरकारों के लिए एक ही संविधान दिया गया है।
- संपूर्ण देश के लिए इकहरी न्यायपालिका का गठन किया गया है।।
- भारतीय संसद् को यह शक्ति दी गई है कि वह राज्यों की सीमा तथा नाम परिवर्तन कर सकती है।
- राज्यों के राज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं तथा इन्हें केंद्र सरकार नियुक्त करती है।
दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना को मूल रूप में लिखें।
उत्तर-
हम भारत के लोग, भारत के एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक, गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26.11.1949 ई० श्रीमती मार्गशीर्ष शुकला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
प्रश्न 2.
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है इस कथन की व्याख्या करें।
उत्तर-
भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य है। संविधान की प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से भारत को धर्म-निरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है। भारत का कोई धर्म नहीं है पर भारतीयों का धर्म है। भारत के सभी लोगों को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है। धर्म के आधार पर नागरिकों में कोई भेद-भाव नहीं किया जाता। सभी नागरिक स्वेच्छा से कोई भी धर्म अपनाने और उपासना करने को स्वतंत्र हैं।
प्रश्न 3.
संपूर्ण प्रभुसत्ता संपन्न राज्य से क्या अभिप्राय है ? व्याख्या करें।
उत्तर-
संपर्ण प्रभुसत्ता संपन्न राज्य का अर्थ है कि देश अपने बाहरी व आंतरिक विषयों तथा अपने निर्णय लेने के लिए पूर्णतया स्वतंत्र है। देश जब भी अपने आंतरिक व अन्य देशों से संबंध बनाने के लिए कोई भी नीति बनाएगा वह बिना किसी दबाव के व पूर्ण स्वतंत्रता से बनाएगा। देश पर कोई अन्य देश किसी प्रकार का दबाव नहीं डाल सकता।
प्रश्न 4.
भारत के संविधान की एकात्मक विशेषताओं की संक्षेप में व्याख्या करें।
उत्तर-
- भारत के सभी नागरिकों को इकहरी नागरिकता दी गई है।
- सभी सरकारों के लिए एक ही संविधान दिया गया है।
- संपूर्ण देश के लिए एकहरी न्यायपालिका का गठन किया गया है।
- भारतीय संसद् को यह शक्ति दी गई है कि वह राज्यों की सीमा तथा नाम परिवर्तित कर सकती है।
- राज्यों के राज्यपाल केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं तथा इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
- देश के लिए कानून बनाने की शक्ति संसद् को दी गई है।
- संपूर्ण देश की सर्वभारतीय सेवाओं के अफसरों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
- अगर राज्यों के बीच किसी विषय को लेकर झगड़ा हो जाए तो उसका निपटारा उच्चतम न्यायालय अथवा केंद्र सरकार करती है।
- अनुच्छेद 356 के अंतर्गत केंद्र सरकार राज्य सरकार को भंग करके वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू कर सकती है। राष्ट्रपति को अनुच्छेद 352 से 360 के साथ कुछ संकटकालीन शक्तियां दी गई हैं जिनके साथ वह देश में संकट घोषित कर सकता है।
PSEB 9th Class Social Science Guide भारतीय लोकतंत्र की स्थापना एवं स्वरूप Important Questions and Answers
बहुविकल्पीय प्रश्न :
प्रश्न 1.
स्वतंत्रता से पूर्व भारत में किस नेता के नेतृत्व में भारत के संविधान का मसौदा तैयार किया गया ?
(क) पं० मोती लाल नेहरू
(ख) पं. जवाहर लाल नेहरू
(ग) बाल गंगाधर तिलक
(घ) अब्दुल कलाम आजाद।
उत्तर-
(क) पं० मोती लाल नेहरू
प्रश्न 2.
भारत में संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव हुआ
(क) जनवरी, 1947
(ख) जुलाई, 1946
(ग) दिसंबर, 1948
(घ) सितंबर, 1946
उत्तर-
(ख) जुलाई, 1946
प्रश्न 3.
भारतीय संविधान का निर्माण किया गया
(क) ब्रिटिश सम्राट् द्वारा
(ख) ब्रिटिश संसद् द्वारा
(ग) संविधान सभा द्वारा
(घ) भारतीय संसद् द्वारा।
उत्तर-
(ग) संविधान सभा द्वारा
प्रश्न 4.
संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष का नाम बताओ
(क) महात्मा गांधी
(ख) डॉ० सच्चिदानंद सिन्हा
(ग) डॉ० राजेंद्र प्रसाद
(घ) डॉ० अंबेदकर।
उत्तर-
(ख) डॉ० सच्चिदानंद सिन्हा
प्रश्न 5.
संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष थे-
(क) डॉ० राजेंद्र प्रसाद
(ख) डॉ० अंबेदकर
(ग) डॉ० सच्चिदानंद सिन्हा
(घ) पं० जवाहर लाल नेहरू
उत्तर-
(क) डॉ० राजेंद्र प्रसाद
प्रश्न 6.
डॉ० अंबेदकर अध्यक्ष थे
(क) संसद्
(ख) संविधान सभा
(ग) स्वराज्य पार्टी
(घ) प्रारूप समिति
उत्तर-
(घ) प्रारूप समिति
प्रश्न 7.
संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन हुआ
(क) 24 जनवरी, 1950
(ख) 9 दिसंबर, 1946
(ग) 10 दिसंबर, 1947
(घ) 26 नवंबर, 1949
उत्तर-
(ख) 9 दिसंबर, 1946
प्रश्न 8.
भारत की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया
(क) 24 जनवरी, 1950
(ख) 26 नवंबर, 1949
(ग) 26 दिसंबर, 1949
(घ) 26 जनवरी, 1950.
उत्तर-
(ख) 26 नवंबर, 1949
प्रश्न 9.
भारत का संविधान लागू किया गया
(क) 26 नवंबर, 1949
(ख) 15 अगस्त, 1947
(ग) 26 जनवरी, 1950
(घ) 24 जनवरी, 1950
उत्तर-
(ग) 26 जनवरी, 1950
प्रश्न 10.
संविधान सभा प्रभुत्व संपन्न बनी
(क) 15 अगस्त, 1947
(ख) 26 जनवरी, 1948
(ग) 26 नवंबर, 1949
(घ) 26 दिसंबर, 1946
उत्तर-
(क) 15 अगस्त, 1947
रिक्त स्थान भरें:
- भारतीय संविधान …………… ने बनाया।
- संविधान सभा के …………. सदस्य थे।
- …………. संविधान सभा के स्थायी प्रधान थे।
- भारत में ………… शासन व्यवस्था अपनायी गई है।
- भारतीय संसदीय व्यवस्था ……….. से ली गई है।
उत्तर-
- संविधान सभा
- 389
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- संसदीय
- बिटेन
सही/गलत :
- भारतीय संविधान को संसद् ने बनाया था।
- संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर, 1946 को हुई।
- संविधान सभा को Objective Resolution जवाहर लाल नेहरू ने दिया.।
- 15 अगस्त, 1947 के पश्चात् संविधान सभा के 389 सदस्य थे।
- भारतीय संविधान को बनाने में 4 वर्ष लगे थे।
उत्तर-
- (✗)
- (✓)
- (✓)
- (✗)
- (✗)
अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
ब्रिटिश भारत के अंतिम और स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर-जनरल कौन थे ?
उत्तर-
लॉर्ड माउंटबैटन।
प्रश्न 2.
नेल्सन मंडेला किस देश के नेता थे ?
उत्तर-
नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के नेता थे।
प्रश्न 3.
भारत का संविधान किसने बनाया ?
उत्तर-
संविधान सभा।
प्रश्न 4. संविधान सभा के सदस्यों का कब चुनाव हुआ ?
उत्तर-जुलाई, 1946.
प्रश्न 5.
संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर-
डॉ० राजेंद्र प्रसाद।
प्रश्न 6.
प्रारूप समिति (Draft Committee) के अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर-
डॉ० बी०आर० अंबेडकर।
प्रश्न 7.
संविधान सभा ने भारत का संविधान बनाने में कितना समय लगाया?
उत्तर-
2 वर्ष 11 महीने 18 दिन।
प्रश्न 8.
किन्हीं दो देशों का नाम लिखें जिनका संविधान लिखित है।
उत्तर-
- भारत
- संयुक्त राज्य अमेरिका।
प्रश्न 9.
किसी एक देश का नाम लिखें जिनका संविधान अलिखित है।
उत्तर-
इंग्लैंड।
प्रश्न 10.
भारत के स्वतंत्र होने के पश्चात् संविधान सभा के कितने सदस्य थे ?
उत्तर-
299 सदस्य।
प्रश्न 11.
‘संविधान’ शब्द का अर्थ लिखें।
उत्तर-
संविधान उन नियमों तथा सिद्धांतों का समूह होता है जिनके अनुसार शासन चलाया जाता है।
प्रश्न 12.
नेल्सन मंडेला ने किस शासन प्रणाली का समर्थन किया ?
उत्तर-
लोकतांत्रिक शासन प्रणाली।
प्रश्न 13.
संविधान सभा के किन्हीं चार महत्त्वपूर्ण सदस्यों के नाम लिखें जिन्होंने संविधान निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। ,
उत्तर-
- डॉ० राजेंद्र प्रसाद
- डॉ० अंबेदकर
- पं० जवाहर लाल नेहरू
- एच० सी० मुकर्जी।
प्रश्न 14.
भारत में संसदीय शासन प्रणाली किस देश से प्रभावित होकर ली गई है ?
उत्तर-
इंग्लैंड।
प्रश्न 15.
भारत में मौलिक अधिकार किस देश से प्रभावित होकर लिए गए?
उत्तर-
संयुक्त राज्य अमेरिका।
प्रश्न 16.
संविधान सभा ने कुल कितने दिन संविधान के मसौदे पर विचार किया?
उत्तर-
114 दिन।
प्रश्न 17.
किन्हीं चार देशों के नाम बताओ जिनके संविधान की मुख्य विशेषताओं को भारतीय संविधान में सम्मिलित किया गया है ?
उत्तर-
इंग्लैंड, अमेरिका, आयरलैंड, कनाडा।
प्रस्न 18.
भारतीय संविधान को ‘सजीव संविधान’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
भारतीय संविधान में समय तथा आवश्यकतानुसार संशोधन होते रहते हैं। भारतीय संविधान का निरंतर विकास हो रहा है।
प्रश्न 19.
भारतीय संविधान की मौलिक प्रस्तावना में भारत को क्या घोषित किया गया है ?
उत्तर-
भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना में भारत को एक प्रभुत्व संपन्न लोकतांत्रिक राज्य घोषित किया गया है।
प्रश्न 20.
प्रस्तावना में संविधान में दिए गए उद्देश्यों में से कोई एक उद्देश्य लिखें।
उत्तर-
संविधान का उद्देश्य है कि भारत के सभी लोगों को न्याय मिले।
प्रश्न 21.
भारत गणराज्य कैसे है ?
उत्तर-
भारत में राष्ट्रपति एक निर्वाचक मंडल (Electoral College) द्वारा चुना जाता है। इसलिए भारत गणराज्य
प्रश्न 22.
भारत के संविधान की प्रस्तावना में दिए गए शब्द ‘हम भारत के लोग’ से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
‘हम भारत के लोग’ से अभिप्राय है, कि भारत की सर्वोच्च सत्ता भारत के लोगों में केंद्रित है और भारत के संविधान का स्रोत कोई और नहीं बल्कि भारत की जनता है।
प्रश्न 23.
दो तर्क देकर स्पष्ट कीजिए कि भारत एक लोकतंत्रात्मक राज्य है।
उत्तर-
- देश का शासन लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि चलाते हैं।
- सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार प्राप्त हैं।
प्रश्न 24.
किस संशोधन द्वारा प्रस्तावना में समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, राष्ट्र की एकता के शब्द जोड़े गए हैं?
उत्तर-
42वां संशोधन।
प्रश्न 25.
भारत में 26 जनवरी का दिन किस दिवस के रूप में मनाया जाता है ?
उत्तर-
भारत में 26 जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रश्न 26.
संविधान संशोधन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संविधान में समय-समय पर आवश्यकतानुसार होने वाले परिवर्तनों को संविधान संशोधन कहते हैं।
लघु उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
संविधान से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
संविधान उन सिद्धांतों तथा नियमों का समूह होता है जिनके अनुसार शासन चलाया जाता है। प्रत्येक राज्य में कुछ ऐसे सिद्धांत तथा नियम निश्चित कर लिए जाते हैं जिनके अनुसार शासन के विभिन्न अंगों का संगठन किया जाता है, उनको शक्तियां प्रदान की जाती हैं, उनके आपसी संबंधों को नियमित किया जाता है तथा नागरिकों और राज्य के बीच संबंध स्थापित किए जाते हैं। इन नियमों के समूह को ही संविधान कहा जाता है।
प्रश्न 2.
हमें संविधान की आवश्यकता क्यों है ? व्याख्या करें।,
उत्तर-
हमें संविधान की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से है-
- लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के लिए संविधान का होना अनिवार्य है।
- संविधान सरकार की शक्ति तथा सत्ता का स्रोत है।
- संविधान सरकार की संरचना तथा सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों की व्यवस्था करता है।
- संविधान सरकार के विभिन्न अंगों के पारस्परिक संबंध निर्धारित करता है।’
- संविधान सरकार और नागरिकों के संबंधों को निर्धारित करता है।
- संविधान सरकार की शक्तियों पर सीमाएं लगाता है।
- संविधान सर्वोच्च कानून है जिनके द्वारा समाज के विभिन्न लोगों में समन्वय किया जाता है।
प्रश्न 3.
हमारा संविधान जनता का संविधान क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
भारत का संविधान जनता का संविधान है। यह सत्य है कि संविधान सभा के सदस्य वयस्क मताधिकार के आधार पर ही चुने गए थे। संविधान सभा के सदस्य प्रांतीय विधानमंडलों द्वारा चुने गए थे। वास्तव में संविधान सभा में देश के सभी महत्त्वपूर्ण नेता संविधान सभा के सदस्य थे। सभी वर्गों (हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, महिलाएं) के प्रतिनिधि संविधान सभा में थे। यदि वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनाव होता तो यही व्यक्ति चुनाव जीत कर आते। अतः हमारा संविधान जनता का संविधान है।
प्रश्न 4.
आपके विचार में लोकतांत्रिक देशों में संविधान का महत्त्व अपेक्षाकृत क्यों अधिक होता है ?
उत्तर-
लोकतंत्र में देश के नागरिक प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप में शासन में भाग लेते हैं। संविधान में जहां एक ओर सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों का वर्णन होता है, वहां पर उन पर प्रतिबंध भी लगाए जाते हैं। नागरिकों के अधिकारों का वर्णन संविधान में किया जाता है। कोई सरकार संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकती। न्यायालय नागरिकों के अधिकारों व संविधान की रक्षा करते हैं। अतः संविधान का लोकतंत्र में विशेष महत्त्व है।
प्रश्न 5.
संविधान सभा कैसे गठित हुई थी ?
उत्तर-
भारतीय नेता काफी समय से यह मांग करते आ रहे थे कि भारत का संविधान बनाने के लिए संविधान सभा बनाई जाए। 1946 में कैबिनेट मिशन ने संविधान सभा की स्थापना की सिफारिश की। सभी राजनीतिक दलों ने संविधान सभा की स्थापना का स्वागत किया। संविधान सभा के 389 सदस्यों का जुलाई, 1946 में चुनाव हुआ। इस प्रकार संविधान सभा गठित की गई।
प्रश्न 6.
संविधान की प्रस्तावना का महत्त्व लिखें।
उत्तर-
- प्रस्तावना संविधान की आत्मा का दर्पण है।
- जब संविधान की कोई धारा संदिग्ध या अस्पष्ट हो तो न्यायालय उसकी व्याख्या करते समय प्रस्तावना की सहायता ले सकते हैं।
- प्रस्तावना संविधान निर्माताओं के मन की कुंजी है।
- प्रस्तावना संविधान का अभिन्न अंग है जो संविधान के मौलिक ढांचे को व्यक्त करती है।
प्रश्न 7.
कठोर तथा लचीले संविधान से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
भारतीय संविधान कठोर भी है तथा लचीला भी है। कठोर संविधान का अर्थ है इसमें आसानी से परिवर्तन या संशोधन नहीं किया जा सकता। संशोधन करने के लिए काफी अधिक बहुमत की आवश्यकता है जो सरकार के पास नहीं होता है। लचीले संविधान का अर्थ है कि अगर सरकार के पास निर्णायक बहुमत हो तो इसे बदला भी जा सकता है। अगर राजनीतिक दल इकट्ठे हो जाएं तो इसे आसानी से बदला जा सकता है।
प्रश्न 8.
भारत का संविधान सर्वाधिक विस्तृत व लंबा संविधान है। स्पष्ट करें।
उत्तर-
भारतीय संविधान विश्व के संविधानों में सबसे विस्तृत तथा लंबा है। मूलरूप से इसमें 395 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियां थीं। 1950 के पश्चात् से ही इसमें कुछ नई-चीजें शामिल की गईं जिस कारण इसमें अब 450 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां हैं। समय के साथ साथ इसमें 103 संशोधन भी किए गए। इन सब के कारण हमारा संविधान सबसे विस्तृत तथा लंबा हो गया।
प्रश्न 9.
लिखित संविधान का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
हमारा संविधान लिखित है जिसे हमारी संविधान सभा ने 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिनों के कड़े परिश्रम से तैयार किया। भारत में संघात्मक सरकार रखी गई जिस कारण इसका लिखित रूप में होना आवश्यक था ताकि केंद्र तथा राज्य सरकार के बीच के मुद्दों को आसानी से सुलझाया जा सके। इसके विपरीत ब्रिटेन का संविधान अलिखित है जो कि परिभाषाओं व मान्यताओं पर आधारित है। हमारा संविधान लिखित है जिस कारण इसमें पारदर्शिता भी है।
दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत का संविधान किस प्रकार बना ?
उत्तर-
भारत का संविधान एक संविधान सभा ने बनाया। इस सभा के गठन तथा इसके द्वारा संविधान के निर्माण का वर्णन इस प्रकार है संविधान सभा का गठन-भारतीय नेता काफी समय से यह मांग करते आ रहे थे कि भारत का संविधान बनाने के लिए संविधान सभा बनाई जाए। 1946 ई० में उनकी मांग स्वीकार कर ली गई और संविधान सभा की 389 सीटों के लिए चुनाव हुए। संविधान सभा में पूरे देश के उच्च नेता शामिल थे। पं० जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद आदि कांग्रेस के सदस्य थे। अन्य दलों के सदस्यों में डॉ० भीमराव अंबेदकर, डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी तथा फ्रेंक एंथनी प्रमुख थे। श्रीमती सरोजिनी नायडू तथा विजय लक्ष्मी पंडित महिला सदस्या थीं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे।
प्रारूप समिति की नियुक्ति तथा संविधान का निर्माण-संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए एक प्रारूप समिति की नियुक्ति की गई। प्रारूप समिति के प्रधान डॉ० भीमराव अंबेदकर थे। इस समिति ने विभिन्न देशों के संविधानों का अध्ययन करके बड़े परिश्रम से संविधान की रूप-रेखा बनाई। इसी रूप-रेखा के आधार पर ही देश के लिए विस्तृत संविधान तैयार किया गया। संविधान को तैयार करने में कुल 2 वर्ष, 11 मास, 18 दिन का समय लगा। इस दौरान संविधान सभा की 166 बैठकें हुईं। अंततः 26 नवंबर, 1949 को संविधान को पारित कर दिया गया। इसे 26 जनवरी, 1950 ई० को लागू किया गया। इस प्रकार भारत गणतंत्र बना।
प्रश्न 2.
“भारत प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रीय गणराज्य है।” व्याख्या करें।
उत्तर-
- प्रभुत्व संपन्न-प्रभुत्व संपन्न से अभिप्राय यह है कि राज्य आंतरिक तथा बाहरी रूप से स्वतंत्र है, वह किसी बाहरी सत्ता के अधीन नहीं है।
- धर्म-निरपेक्ष-धर्म-निरपेक्ष राज्य में राज्य का कोई अपना विशेष धर्म नहीं होता। धर्म के आधार पर नागरिकों से कोई भी भेदभाव नहीं किया जाता। प्रत्येक नागरिक स्वेच्छा से कोई भी धर्म अपनाने और अपने ही ढंग से उपासना करने में स्वतंत्र होता है।
- समाजवादी-समाजवादी राज्य का अर्थ ऐसे राज्य से है जिसमें नागरिकों को सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में समानता प्राप्त हो। इसमें धनी-निर्धन का भेदभाव नहीं होता।
- लोकतांत्रिक-लोकतांत्रिक राज्य का अर्थ यह है कि सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हैं। वे निर्धारित चुनावों द्वारा अपने प्रतिनिधि चुनते हैं जो सरकार का निर्माण तथा संचालन करते हैं।
- गणतंत्र-गणतंत्र का अर्थ है कि राज्य का अध्यक्ष कोई बादशाह नहीं होगा। वह निश्चित समय के लिए अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति होगा।
प्रश्न 3.
लोकतांत्रिक देशों में संविधान का महत्त्व अधिक क्यों होता है ?
उत्तर-
निम्नलिखित कारणों से लोकतांत्रिक देशों में संविधान का महत्त्व अधिक है-
- लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के लिए संविधान का होना अनिकर्य है।
- संविधान सरकार की शक्ति तथा सत्ता का स्रोत है।।
- संविधान सरकार के ढांचे तथा सरकार के विभिन्न अंगों की शक्तियों की व्यवस्था करता है।
- संविधान सरकार के विभिन्न अंगों के पारस्परिक संबंध निर्धारित करता है।
- संविधान सरकार और नागरिकों के संबंधों को निर्धारित करता है।
- संविधान सरकार की शक्तियों पर सीमाएं लगाता है।
- संविधान सर्वोच्च कानून है जिसके द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों में समन्वय किया जाता है।
प्रश्न 4.
भारतीय संविधान कई स्रोतों से लिया गया संविधान है। स्पष्ट करें।
उत्तर-
संविधान सभा ने संविधान का निर्माण करने से पहले अलग-अलग देशों के संविधानों तथा ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत के लिए 1947 से पहले कानूनों का सूक्ष्म अध्ययन किया। फिर उन्होंने इन सब के अच्छे प्रावधानों को हमारे संविधान में शामिल किया। यह सब निम्नलिखित हैं-
- ब्रिटेन-संसदीय व्यवस्था, कानून पास करने की विधि, संसद् के विशेषाधिकार, कानून का शासन, इकहरी नागरिकता, कैबिनेट व्यवस्था, दो सदनों की व्याख्या।
- संयुक्त राज्य अमेरिका-मौलिक अधिकार, सर्वोच्च न्यायालय की संरचना एवम शक्तियां, न्यायिक पुनर्निरीक्षण, उपराष्ट्रपति का पद, न्यायपालिका का स्वतंत्रता, प्रस्तावना।
- कैनेडा-संघीय संरचना, बची हुई शक्तियां (Residuary powers), राज्यपालों की केंद्र द्वारा नियुक्ति।
- आयरलैंड-राज्य के नीति के निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया, राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के सदस्यों को मनोनीत करना, उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया। .
- जर्मनी-राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां।
- भूतपूर्व सोवियत संघ-मौलिक कर्त्तव्य।
- फ्रांस-गणतंत्र, स्वतंत्रता, समानता व भाईचारा।
- आस्ट्रेलिया-समवर्ती सूची।
- दक्षिण अफ्रीका-संवैधानिक संशोधन।
प्रश्न 5.
संविधान की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर-
- भारतीय संविधान एक लिखित संविधान है जिसमें शासन प्रबंध से संबंधित सभी नियम लिखित रूप में मिलते हैं।
- भारतीय संविधान संसार के सभी संविधानों में से सबसे विस्तृत और लंबा है जिसमें 395 अनुच्छेद (वर्तमान 450) तथा 12 अनुसूचियां हैं।
- संविधान की शुरुआत प्रस्तावना से होती है जिसमें हमारे संविधान के प्रमुख उद्देश्य लिखे गए हैं।
- हमारा संविधान लचीला भी है तथा कठोर भी है। यह लचीला इस तरह है कि इसे बहुमत के साथ परिवर्तित किया जा सकता है। कठोर इस तरह कि इसे आसानी से परिवर्तित नहीं किया जा सकता।
- हमारे संविधान ने हमें एक स्वतंत्र तथा इकहरी न्यायपालिका दी है जिसके नियम संपूर्ण देश में चलते हैं।
- संविधान ने देश को लोकतांत्रिक गणराज्य बनाया है जिसमें सरकार को निश्चित समय के पश्चात् चुनने का अधिकार जनता को दिया गया है। साथ ही राष्ट्राध्यक्ष हमेशा जनता द्वारा एक निश्चित समय के पश्चात् चुना जाता है।
- संविधान ने देश को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य बनाया है जिसके अनुसार देश का अपना कोई धर्म नहीं है तथा देश के सभी धर्मों को समानता दी गई है।
- भारत को एक संघात्मक ढांचा दिया गया है जिसमें दो प्रकार की सरकारें-केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारें होती हैं। इन दोनों सरकारों की शक्तियां पूर्णतया विभाजित की गई है।
प्रश्न 6.
संघवाद में किस आधार पर केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का बंटवारा हुआ है ?
अथवा
किस प्रकार भारतीय संघ में केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच शक्तियां विभाजित की गई हैं ?
अथवा
भारतीय संविधान में शासन शक्तियों संबंधी कितनी सूचियाँ हैं ? प्रत्येक सूची के दो-दो उदाहरण अथवा विषय लिखिए।
उत्तर-
हमारे देश भारत में, संविधान ने साफ़ शब्दों में प्रत्येक स्तर की शक्तियों को विभाजित किया है। प्रत्येक स्तर को अपने कार्य क्षेत्र के लिए कानून बनाने के लिए कुछ विषय दिए गए हैं तथा उन्हें एक-दूसरे के अधिकतर क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। वास्तव में यह बंटवारा तीन प्रकार का है। संविधान में विषयों के बंटवारे से संबंधित तीन प्रकार की सूचियां दी गई हैं। ये तीन सूचियां तथा उनके अधिकार क्षेत्र इस प्रकार हैं-
- संघीय सूची-संघीय सूची 97 विषयों (वर्तमान 100) की एक सूची है जिन पर केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है। संघीय सूची में संपूर्ण देश से संबंधित विषय हैं जैसे कि रक्षा, वित्त, विदेशी मामले, डाक तथा तार, बैंकिंग इत्यादि। केवल केंद्र सरकार ही इन विषयों से संबंधित निर्णय ले सकती है।
- राज्य सूची-राज्य सूची 66 (वर्तमान 61) विषयों की एक सूची है जिन पर राज्य सरकारें कानून बना सकती हैं। केंद्र सरकार का इससे कुछ लेना-देना नहीं है। स्थानीय महत्त्व के विषय इसमें आते हैं जैसे कि पुलिस, कृषि, सिंचाई, व्यापार, इत्यादि। राज्य सरकार ही इन विषयों पर कानून बना सकती है।
- मवर्ती सूची-समवर्ती सूची भी 47 विषयों (वर्तमान 52) की सूची है जिसमें केंद्र तथा राज्य दोनों के हित होते हैं। विषय जैसे कि वन, शिक्षा, ट्रेड यूनियन इत्यादि इसमें आते हैं। केंद्र तथा राज्य सरकारें दोनों ही इन पर कानून बना सकती हैं। परंतु अगर दोनों के कानून आमने-सामने हो जाएं तो केंद्र सरकार वाला कानून मान्य होगा।
इस प्रकार भारतीय संघ व्यवस्था में केंद्र तथा राज्य सरकारों में शक्तियों का विभाजन किया गया है।
प्रश्न 7.
संघीय सरकार की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
अथवा
आप कैसे कह सकते हैं कि भारत में संघीय व्यवस्था की सरकार है ?
उत्तर-
संघवाद का निर्माण उस समय होता है जब कुछ अलग-अलग हिस्से तथा उनमें एक केंद्रीय सत्ता हो। इसमें केंद्र सरकार या तो अधिक शक्तिशाली होती है या फिर राज्यों के पास भी केंद्र सरकार के समान ही शक्तियां होती हैं परंतु भारत में सरकार की व्यवस्था देखने के बाद हम कह सकते हैं कि भारत में संघीय प्रकार की सरकार है जिसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
- लिखित तथा कठोर संविधान-संघीय प्रकार की सरकार में संविधान लिखित तथा कठोर होता है जो कि केंद्र तथा राज्य सरकारों में शक्तियों का बंटवारा कर देता है तथा यह प्रावधान भी रखता है कि कोई भी स्तर अपने हितों के लिए अकेले ही संविधान में परिवर्तन न कर सके।
- संविधान की सर्वोच्चता-संघवादी सरकार में संविधान सर्वोच्च होता है। अगर सरकार कोई ऐसा कानून बनाती हैं जो कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुकूल न हो तो उसे न्यायपालिका द्वारा असंवैधानिक भी करार दिया जा सकता हैं।
- स्वतंत्र न्यायपालिका-संघीय राज्यों में न्यायपालिका स्वतंत्र होती हैं। न्यायपालिका के मुख्य कार्य कानूनों का सही व्याख्यान तथा संविधान की रक्षा करना होता है। न्यायपालिका ही केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच के मतभेदों का समाधान करती हैं।
- दो स्तरीय विधायिका-संघीय प्रकार की सरकार में विधायिका दो स्तरों की होती है। एक सदन राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है तथा दूसरा स्तर जनता का प्रतिनिधित्व करता है।
- शक्तियों का विभाजन-संघीय प्रकार की सरकार में सरकारी शक्तियों को केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों में ठीक प्रकार से बांटा जाता है। ताकि उनमें कोई मतभेद उत्पन्न न हों।
इस प्रकार इन विशेषताओं को देखकर हम कह सकते हैं कि भारत में संघीय सरकार है।
भारतीय लोकतंत्र की स्थापना एवं स्वरूप PSEB 9th Class Civics Notes
- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में रहते हुए उसे कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है जिससे उसके व्यक्तित्व का भी विकास हो जाता है तथा समाज भी सुचारु रूप से चलता रहता है।
- समाज को सुचारु रूप से चलाने के लिए राज्य कुछ नियम बनाता है तथा यह नियम देश के संविधान के अनुसार बनाए जाते हैं।
- संविधान नियमों का एक दस्तावेज होता है जिसमें देश के शासन प्रबंध को चलाने के सभी नियम दिए जाते हैं।
- भारतीय संविधान को बनाने का कार्य स्वतंत्रता से पहले ही शुरू हो गया था। 1946 के कैबिनेट मिशन की सिफारिशों अनुसार संविधान सभा का निर्माण अप्रत्यक्ष चुनाव पद्धति से किया गया जिसके कुल 389 सदस्य थे। देश में विभाजन के पश्चात् यह संख्या 299 रह गई क्योंकि पाकिस्तान की संविधान सभा अलग से बना दी गई थी तथा कुछ सदस्य पाकिस्तान चले गए थे।
- संविधान निर्माण में कुछ लोगों का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान था जिनमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जवाहर लाल नेहरू, डॉ०बी०आर० अंबेदकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, जे०पी० कृपलानी, टी०टी० कृष्णामचारी प्रमुख थे।
- 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने संविधान को पास कर दिया था परंतु इसे लागू 26 जनवरी, 1950 को किया गया। इससे हमारा देश गणराज्य बन गया।
- संविधान की शुरुआत प्रस्तावना से होती है तथा इसे हम संविधान का निचोड़ भी कह सकते हैं। संविधान के सभी मूल सिद्धांत प्रस्तावना में दिए गए हैं।
- हमारा संविधान एक लिखित संविधान है जिसमें शासन चलाने के सभी नियम दिए गए हैं। इस कारण यह विश्व में सबसे लंबा संविधान है।
- हमारे संविधान का निर्माण करने में कई स्रोतों का सहारा लिया गया था जिनमें ब्रिटेन, अमेरिका, कैनेडा, आयरलैंड, जर्मनी, भूतपूर्व सोवियत संघ, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका इत्यादि के संविधान प्रमुख थे। 1947 से पहले जो कानून ब्रिटिश संसद् ने भारत के लिए बनाए थे वह भी इसका महत्त्वपूर्ण भाग बने।
- संविधान ने भारत को एक प्रभुता संपन्न, लोकतांत्रिक गणराज्य, धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र का दर्जा दिया है।
- भारत के संविधान ने भारत में संघात्मक ढांचा दिया है जिसका अर्थ है कि शक्तियां केंद्र तथा राज्य सरकारों में विभाजित होंगी। परंतु इसके साथ ही देश में एकात्मकता के लक्षण भी दिए है जिसके अनुसार केंद्र सरकार अधिक शक्तिशाली है।
- देश के संविधान ने देश में लोकतंत्र की स्थापना की है तथा देश के सभी वयस्क नागरिकों को सरकार चुनने का अधिकार दिया है जिसे सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार कहते हैं।
- हमारे संविधान में परिवर्तन अथवा संशोधन किया जा सकता है परंतु इसके लिए संसद के 2/3 बहुमत तथा आधे से अधिक राज्यों की सहमति की आवश्यकता है। पहला संवैधानिक संशोधन 1951 में किया गया था। अब तक इसमें 103 संशोधन हो चुके हैं।