Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions खो-खो (Kho-Kho) Game Rules.
खो-खो (Kho-Kho) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education
याद रखने योग्य बातें
- खो-खो मैदान की लम्बाई और चौड़ाई = 29 × 16 मीटर
- केन्द्र लेन में वर्गों की गिनती = 8
- मैदान के अंत में आयताकार का माप = 16 मीटर × 2.75 मीटर
- एक वर्ग के दूसरे वर्ग की दूरी = 2.50 मीटर
- केन्द्रीय गली की चौड़ाई और लम्बाई = 23.50 मी०, 30 सैं० मी० चौड़ाई लम्बाई
- वर्ग का आकार = 30 × 30 सैं० मी०
- खो-खो के खिलाड़ियों की गिनती = 12 (9+3 बदलवें)
- बदलवें खिलाड़ी = 3
- मैच का समय = 9-5-9 (सात मिनट का आराम) 9-5-9
- मैच के इनिंग्ज = 2
- फ्री जोन का माप = 2.75 x 16 मी०
- लॉबी = 1.50 मीटर
- वर्गों में बैठे खिलाड़ियों को कहते हैं = चेजर
- वर्गों में विरोधी खिलाड़ी होते हैं = रनर 7-5-7(5)
- स्त्रियों के लिए समय = 7-5-7
- अधिकारी = एक रैफ़री, दो अम्पायर, एक टाइम कीपर, एक स्कोरर,
- पोल की ज़मीन से ऊंचाई = 1.20 मीटर
- क्रास लेन = 16 मी० × 30 सैं०मी०
- लास्ट लेन की रेखा की दूरी = 2.50 मी०
- मध्य रेखा द्वारा विभाजित प्रत्येक कोर्ट = 7.88 मी०
- फालोआन = 9 अथवा इसके अधिक अंक।
खो-खो खेल की संक्षेप रूप-रेखा
(Brief outline of the Kho-Kho Game)
- खो-खो का मैदान आयताकार होता है। यह 29 मीटर लम्बा तथा 16 मीटर चौड़ा होता है।
- खो-खो की खेल में एक टीम 12 खिलाड़ियों की होती है जिसमें 9 खिलाड़ी खेलते हैं तथा तीन खिलाड़ी स्थानापन्न (Substitutes) होते हैं।
- खेल का आरम्भ टॉस द्वारा होता है। टॉस जीतने वाली टीम का कप्तान चेज़र या रनर बनने का निर्णय करता है।
- एक चेज़र को छोड़कर शेष सभी चेज़र वर्ग में इस प्रकार बैठेंगे कि किसी पास पास बैठे चेज़र का मुंह एक दिशा में न हो।
- ‘खो’ बैठे हुए चेज़र को पीछे से देनी चाहिए। बिना खो प्राप्त किए बैठा हुआ चेज़र नहीं उठ सकता।
- खो-खो के मैच की दो इनिंग्ज़ होती हैं। दोनों इनिंग्ज़ में से अधिक प्वाईंट लेने वाली टीम को विजयी घोषित किया जाता है।
- खेल के दौरान किसी खिलाड़ी को चोट लग जाने की दशा में रैफरी की अनुमति से कोई अन्य खिलाड़ी उसके स्थान पर खेल सकता है।
- कार्यशील चेज़र के शरीर का कोई भी अंग केन्द्रीय पट्टी को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
- यदि कोई टीम बराबर रह जाती है तो फिर एक और इनिंग्ज़ लगाई जाती है। यदि फिर भी बराबर रह जाए तो एक इनिंग्ज़ और लगाई जाती है।
- यदि किसी खिलाड़ी के चोट लग जाए तो उसके स्थान पर स्थानापन्न (Substitutes) में से ले लिया जाता है।
- खेल का समय 9-5-9, (7) 9-5-9 का होता है।
प्रश्न
खो-खो के खेल के मैदान, पारिभाषिक शब्द, खेल के आरम्भ, खेल के नियम तथा खेल के अधिकारियों का वर्णन करें।
उत्तर-
खेल का मैदान
खो-खो का क्रीडा क्षेत्र आयताकार होता है। यह 29 मीटर x 16 मीटर होता है। मैदान के अन्त में दो आयताकार होते हैं। आयताकार की एक भुजा 16 मीटर और दूसरी भुजा 2.75 मीटर होती है। इन दोनों आयताकारों के मध्य में दो लकड़ी के स्तम्भ (खम्बे/पोल) होते हैं। केन्द्रीय गली 23.50 मीटर लम्बी और 30 सैंटीमीटर चौड़ी होती है। इसमें 30 सम x 30 सम के आठ वर्ग होंगे।
KHO-KHO GROUND
परिभाषाएं
- स्तम्भ का पोस्ट-मध्य लेन के अन्त में दो स्तम्भ गाड़े जाते हैं जो भूमि से 1.20 से 1.25 सैंटीमीटर के बीच ऊंचे होते हैं। इनकी परिधि 30 सम से कम या 40 सम से अधिक नहीं हो सकती।
- केन्द्रीय गली या लेन-दोनों स्तम्भों के मध्य में केन्द्रीय गली होती है। यह 23.50 मीटर लम्बी और 30 सम चौड़ी होती है।
- क्रॉस-लेन-प्रत्येक आयताकार 15 मीटर लम्बा और 30 सैंटीमीटर चौड़ा होता है। वह केन्द्रीय लेन को समकोण (90°) पर काटता है। यह स्वयं भी दो अर्द्धकों में विभाजित होता है। इसे क्रॉस-लेन कहते हैं।
पोल से पोल की दूरी = 23.50 मीटर
पोल की ऊंचाई = 1.20 से 1.25 मीटर। - वर्ग-केन्द्रीय लेन तथा क्रॉस-लेन के परस्पर काटने से बना 30 सम – 30 सम का क्षेत्र वर्ग कहलाता है।
- स्तम्भ रेखा–पोल के पास केन्द्र से गुज़रती हुई क्रॉस-लेन और केन्द्रीय लेन के समानान्तर रेखा को स्तम्भ रेखा कहते हैं।
- आयताकार-स्तम्भ रेखा का बाहरी क्षेत्र आयताकार कहलाता है।
- परिधियां-केन्द्रीय लेन तथा बाहरी सीमा निश्चित करने वाली दोनों आयताकारों की रेखाओं से 7.85 मीटर दूर दोनों पार्श्व-रेखाओं को परिधियां कहते हैं।
- अनुधावक या चेज़र-वर्गों में बैठे खिलाड़ी अनुधावक या चेज़र कहलाते हैं। विरोधी खिलाड़ियों को पकड़ने या छूने के लिए भागने वाला अनुधावक या चेज़र सक्रिय अनुधावक या चेज़र कहलाता है।
- धावक-चेज़रों या धावकों के विरोधी खिलाड़ी ‘धावक’ या ‘रनर’ कहलाते हैं।
- ‘खो’ देना-अच्छी ‘खो’ देने के लिए सक्रिय चेज़र को बैठे हुए चेज़र को पीछे से हाथ से छूते ही ‘खो’ शब्द ऊंचा तथा स्पष्ट कहना चाहिए। छूने और ‘खो’ कहने का काम एक साथ होना चाहिए।
- फाऊल-यदि बैठा हुआ (निष्क्रिय) या सक्रिय चेज़र किसी नियम का उल्लंघन करता है तो वह फाऊल होता है।
- दिशा ग्रहण करना-एक स्तम्भ से दूसरे स्तम्भ की ओर जाना ‘दिशा ग्रहण करना’ कहलाता है।
- मुंह मोड़ना-जब सक्रिय चेज़र एक विशेष दिशा की ओर जाते समय अपने कंधे की रेखा 90° के कोण से अधिक दिशा को मोड़ लेता है तो इसे ‘मुंह मोड़ना’ कहते हैं। यह फाऊल होता है।
- निवर्तन या पलटना-किसी विशेष दिशा की ओर जाता हुआ सक्रिय चेज़र जब विपरीत दिशा में जाता है तो उसे निवर्तन या पलटना कहा जाता है। यह फाऊल होता है।
- स्तम्भ रेखा से हटना-जब कोई सक्रिय चेज़र स्तम्भ का अधिकार छोड़ दे या आयताकार से परे चला जाए तो इसे स्तम्भ रेखा से हटना कहते हैं।
- पांव बाहर-जब रनर के दोनों पांव सीमाओं से बाहर भूमि को छू लें तो उसके पांव बाहर माने जाते हैं, उसे आऊट माना जाता है।
खेल के नियम
- क्रीडा क्षेत्र (खेल का मैदान) को आकार में वर्णित अनुसार चिन्हित किया जाएगा।
- दौड़ने या चेज़र बनने का निर्णय टॉस द्वारा किया जाएगा।
- एक चेज़र के अतिरिक्त अन्य सभी चेज़र वर्गों में इस प्रकार बैठेंगे कि दो साथसाथ बैठे चेज़रों का मुंह एक ओर नहीं होगा। नौवां चेज़र (सक्रिय चेज़र) (Active Chaser) पीछा करने के लिए किसी एक स्तम्भ के पास खड़ा होगा।
- सक्रिय चेज़र के शरीर का कोई भी भाग केन्द्रीय गली से स्पर्श नहीं करेगा। वह स्तम्भों में अन्दर से केन्द्रीय रेखा पार नहीं कर सकता।
- ‘खो’ बैठे हुए चेज़र के पीछे से समीप जाकर ऊंची और स्पष्ट आवाज़ में देनी चाहिए। बैठा हुआ चेज़र बिना ‘खो’ प्राप्त किए नहीं उठ सकता और न ही वह अपनी टांग या भुजा फैला कर स्पर्श प्राप्त करने की कोशिश करेगा।
- यदि कोई सक्रिय चेज़र उस वर्ग की केन्द्रीय गली से बाहर चला जाए जिस पर कोई चेज़र बैठा है और यदि वह निष्क्रिय चेज़र की पकड़ छोड़ देता/देती है तो सक्रिय चेज़र उसे ‘खो’ नहीं देगा। कोई सक्रिय चेज़र ‘खो’ देने के लिए वापस नहीं आ सकता।
- नियम 4, 5 तथा 6 का उल्लंघन फाऊल होता है। इस पर सक्रिय चेज़र उस दिशा के विपरीत जाने के लिए बाध्य किया जाएगा जिस दिशा में वह जा रहा/रही थी। निर्णायक की सीटी के संकेत के साथ सक्रिय चेज़र सांकेतिक दिशा की ओर चल देगा। यदि इस तरह रनर आऊट हो जाता है तो उसे आऊट नहीं माना जाता।
- सक्रिय चेज़र ‘खो’ देने के पश्चात् तुरन्त खो पाने वाले चेज़र का स्थान ग्रहण कर लेगा। खो देना और साथ बैठे चेज़र से खो लेना एक साथ होना चाहिए।
- ठीक खो लेने के पश्चात् यदि एक्टिव चेज़र का पहला कदम सैंटर लेन को छूता हो तो वह फाऊल नहीं है। यदि सैंटर लेन को क्रॉस करे तो वह फाऊल है।
नोट-जब तक किसी खिलाड़ी का पांव क्रॉस लेन की भूमि को स्पर्श करता है तब तक वह उस लेन से बाहर नहीं माना जाएगा। - दिशा लेने के पश्चात् एक्टिव चेज़र पुनः क्रॉस लाइन में आक्रमण कर सकता है और इसको फाऊल नहीं माना जाता।
- सक्रिय चेज़र वह दिशा ग्रहण करेगा जिस ओर इसका मुंह मुड़ा हो अर्थात् जिस ओर उसने अपने कन्धे की रेखा को मोडा था।
- सक्रिय चेज़र नियम 9 तथा 10 के अनुसार किसी एक ओर दिशा ग्रहण करेगा।
- सक्रिय चेज़र किसी एक स्तम्भ की ओर दिशा ग्रहण करने के पश्चात् स्तम्भ रेखा की उसी दिशा में जाएगा जब तक वह ‘खो’ नहीं करता। सक्रिय चेज़र केन्द्र गली से दूसरी ओर नहीं जाएगा जब तक कि वह स्तम्भ के चारों ओर बाहर से न घूम ले।
- यदि कोई सक्रिय चेज़र स्तम्भ छोड़ देता है तो वह स्तम्भ छोड़ने वाले स्थान की ओर वाली केन्द्रीय लेन पर रहते हुए दूसरे स्तम्भ की दिशा में जाएगा। नोट-जब वह स्तम्भ पर है तो सक्रिय चेज़र गली को पार नहीं करेगा।
- सक्रिय चेज़र का मुंह सदैव उसके द्वारा ग्रहण की गई दिशा की ओर रहेगा। वह अपने मुंह को नहीं मोड़ेगा। उसे केन्द्रीय लेन के समानान्तर कंधे की रेखा मोड़ने की आज्ञा होगी।
- चेज़र इस प्रकार बैठेंगे कि धावकों (रनरों) के मार्ग में रुकावट न पहुंचे। यदि ऐसी रुकावट से कोई रनर आऊट हो जाता है तो उसे आऊट नहीं माना जाएगा।
- दिशा ग्रहण करने वाले और मुंह मोड़ने वाले नियम आयताकार क्षेत्र में लागू नहीं होंगे। (नियम 9 से 11 तथा 14)
- पारी (इनिंग) के दौरान सक्रिय चेज़र सीमा (परिधि) से बाहर जा सकता है परन्तु सीमा से बाहर उसे दिशा लेने और मुंह मोड़ने के नियमों का पालन करना होगा।
- कोई भी रनर बैठे हुए चेज़र को छू नहीं सकता। यदि वह ऐसा करता है तो उसे चेतावनी दी जाती है। यदि वह फिर उस हरकत को दोहराता है तो उसे मैदान से बाहर भेज दिया जाता है। अभिप्राय यह कि आऊट दिया जाता है।
- यदि रनर के दोनों पैर सीमा से बाहर हों तो वह आऊट हो जाता है।
- यदि सक्रिय चेज़र बिना नियम का उल्लंघन किए रनर को छू लेता है तो रनर आऊट माना जाएगा।
- सक्रिय चेज़र नियम 4 से 14 तक के किसी नियम का उल्लंघन नहीं करेंगे। इन नियमों का उल्लंघन फाऊल माना जाता है। यदि ऐसे फाऊल के कारण कोई रनर आऊट हो जाता है तो उसे आऊट नहीं माना जाएगा।
- यदि कोई सक्रिय चेज़र नियम 8 से 14 तक के किसी नियम का उल्लंघन करते हैं तो अम्पायर तुरन्त ही उचित दिशा लेने और कार्य करने के लिए बाध्य करेगा।
मैच सम्बन्धी नियम
- प्रत्येक टीम में खिलाडियों की संख्या 9 होगी और 3 खिलाड़ी स्थानापन्न (Substitutes) होते हैं।
- (क) प्रत्येक पारी (इनिंग) में नौ-नौ मिनट छूने तथा दौड़ने का काम बारी-बारी होगा। प्रत्येक मैच में 4 पारियां (इनिंग्ज) होंगी। दो पारियां छूने की और 2 पारियां दौड़ने की होती हैं।
(ख) रनर खेलने के क्रमानुसार स्कोरर (फलांकनकर्ता) के पास अपने नाम दर्ज कराएंगे। पारी के आरम्भ में पहले तीन खिलाड़ी सीमा के अन्दर होंगे। इन तीनों
के आऊट होने के पश्चात् तीन और खिलाड़ी ‘खो’ देने से पहले अन्दर आ जाएंगे। जो इस अवधि में प्रवेश न कर सकेंगे उन्हें
आऊट घोषित किया जाएगा। अपनी बारी के बिना प्रविष्ट होने वाला खिलाड़ी भी आऊट घोषित किया जाएगा।
यह प्रक्रिया पारी के अन्त तक जारी रहेगी। तीसरे रनर (जो तीन के समूह में प्रवेश करते हैं) को निकालने वाला सक्रिय चेज़र नए प्रविष्ट होने वाले रनर का पीछा नहीं करेगा, वह ‘खो’ देगा। प्रत्येक टीम खेल के मैदान के केवल एक पक्ष से ही अपने रनर प्रविष्ट करेगी। - चेज़र तथा प्रत्येक रनर समय से पहले भी अपनी पारी समाप्त कर सकते हैं। केवल चेज़र या रनर टीम के कप्तान के अनुरोध पर ही अम्पायर खेल रोक कर पारी समाप्त की घोषणा करेगा। एक पारी के बाद 5 मिनट तथा दो पारियों के बीच 9 मिनट का अवकाश होगा।
- चेज़र पक्ष को प्रत्येक रनर के आऊट होने पर एक अंक मिलेगा। सभी रनरों के समय से पहले आऊट हो जाने पर उनके विरुद्ध एक ‘लोना’ दे दिया जाता है। इसके पश्चात् वह टीम उसी क्रम से अपने रनर भेजेगी। लोना प्राप्त करने के लिए कोई अतिरिक्त अंक नहीं दिया जाता है। पारी का समय समाप्त होने तक इसी ढंग से खेल जारी रहेगी। पारी के दौरान रनरों के क्रम में परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
- नॉक आऊट (Knock out) पद्धति में मैच के अन्त में अधिक अंक प्राप्त करने वाली टीम को विजयी घोषित किया जाएगा। यदि अंक बराबर हों तो एक और इनिंग (प्रत्येक टीम के लिए चेज़र तथा रनर की) खेली जाएगी। यदि फिर भी अंक बराबर रहें . तो टाईब्रेकर रूल (नियम) का प्रयोग किया जाएगा। इस स्थिति में यह जरूरी नहीं कि टीमों में वही खिलाड़ी हों। लीग प्रणाली में विजेता टीम को 2 अंक प्राप्त होंगे। पराजित टीम को शून्य (0) अंक तथा बराबर रहने की दशा में प्रत्येक टीम को एक-एक अंक दिया जाएगा। यदि लीग प्रणाली में लीग अंक बराबर हों तो टीम अथवा टीमें पर्चियों द्वारा पुनः मैच खेलेंगी। ऐसे मैच नॉक-आऊट प्रणाली के आधार पर खेले जाएंगे।
- यदि किसी कारणवश मैच पूरा नहीं होता है तो यह किसी अन्य समय खेला जाएगा और पिछले अंक नहीं गिने जाएंगे। मैच शुरू से ही खेला जाएगा।
- यदि किसी एक टीम के अंक दूसरी टीम से 12 या उससे अधिक हो जाएं तो पहली टीम दूसरी टीम को चेज़र के रूप में पीछा करने को कह सकती है। यदि दूसरी टीम इस बार अधिक अंक प्राप्त कर ले तो भी उसका चेज़र बनने का अधिकार बना रहता है।
खेल के लिए अधिकारी
मैच की व्यवस्था के लिए निम्नलिखित अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं—
(1) अम्पायर (दो)
(2) रैफरी (एक)
(3) टाइम कीपर (एक)
(4) स्कोरर (एक)
- अम्पायर-अम्पायर लॉबी से बाहर खड़ा होगा और केन्द्रीय गली द्वारा विभाजित अपने स्थान से खेल की देख-रेख करेगा। वह अपने अर्द्धक में सभी निर्णय देगा। वह निर्णय देने में दूसरे अर्द्धक के अम्पायर की सहायता कर सकता है।
- रैफरी-रैफरी के कर्त्तव्य इस प्रकार हैं
- वह अम्पायरों की उनके कर्त्तव्य पालन में सहायता करेगा और उसमें मतभेद होने की दशा में अपना फैसला देगा।
- वह खेल में बाधा पहुंचाने वाले, असभ्य व्यवहार करने वाले, नियमों का उल्लंघन करने वाले खिलाड़ियों को दण्ड देता है।
- वह नियमों की व्याख्या सम्बन्धी प्रश्नों पर अपना निर्णय देता है।
- इनिंग्ज़ के अन्त में वह टीमों के अंक और परिणामों की घोषणा करता है।
- टाइम-कीपर-टाइम-कीपर का काम समय का रिकार्ड रखना है। वह सीटी बजाकर पारी के आरम्भ या समाप्ति का संकेत देता है।
- स्कोरर–स्कोरर इस बात का ध्यान रखता है कि खिलाड़ी निश्चित क्रम से मैदान में उतरते हैं। वह आऊट हुए रनरों का रिकार्ड रखता है। प्रत्येक पारी के अन्त में वह स्कोर शीट पर अंक दर्ज करता है और चेज़रों का स्कोर तैयार करता है। मैच के अन्त में वह परिणाम तैयार करता है और रैफरी को सुनाने के लिए देता है।
SCORE SHEET
PSEB 10th Class Physical Education Practical खो-खो (Kho-Kho)
प्रश्न 1.
खो-खो में कितने खिलाड़ी होते हैं ?
उत्तर-
खो-खो में 12 खिलाड़ी होते हैं जिनमें से 9 खिलाड़ी खेलते हैं और तीन खिलाड़ी अतिरिक्त (Substitutes) होते हैं।
प्रश्न 2.
खो-खो के मैदान की लम्बाई और चौड़ाई बताओ।
उत्तर-
खो-खो के मैदान की लम्बाई 29 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर होती है।
प्रश्न 3.
खो-खो के खेल में चेज़र और रनर किसे कहते हैं ?
उत्तर-
खो-खो के खेल में चेज़र (Chaser) उसे कहते हैं जो खिलाड़ी बैठते हैं और रनर (Runner) वे होते हैं, जो दौड़ते हैं।
प्रश्न 4.
खो-खो के मैच में कितनी इनिंग्ज होती हैं ?
उत्तर-
खो-खो के मैच में दो इनिंग्ज़ होती हैं।
प्रश्न 5.
खो-खो के खेल का कितना समय होता है ?
उत्तर-
खो-खो के खेल का समय 9-5-9, 10 आराम, 9-5-9 की दो पारी होंगी।
प्रश्न 6.
मैच कैसे शुरू होता है ?
उत्तर-
मैच शुरू करने से पहले टॉस होता है। टॉस जीतने वाली टीम चेज़र या रनर की बारी का फ़ैसला करती है।
प्रश्न 7.
रनर के आऊट होने पर कितने अंक मिलते हैं ?
उत्तर-
रनर के आऊट होने पर एक अंक मिलता है।
प्रश्न 8.
जीत-हार का फैसला कैसे होता है?
उत्तर-
जो टीम अधिक प्वाइट बना ले उसे विजयी कहते हैं।
प्रश्न 9.
खो-खो के खेल में कितने वर्ग होते हैं और उनका आकार कितना होता
उत्तर-
खो-खो के खेल में 8 वर्ग या पट्टियां होती हैं जिनका आकार 30 cm × 30 cm होता है।
प्रश्न 10.
क्या खो-खो की खेल लॉबी होती है ? उसकी चौड़ाई बताओ।
उत्तर-
खो-खो की खेल लॉबी होती है जिसकी चौड़ाई 3 मीटर होती है।
प्रश्न 11.
खो-खो के पोल की लम्बाई और घेरा बताओ।
उत्तर-
खो-खो के पोल की लम्बाई 1.22 मीटर और घेरा 20 सैंटीमीटर होता है।
प्रश्न 12.
खो-खो की पोल से पोल की लम्बाई कितनी होती है ?
उत्तर-
खो-खो के पोल से पोल की लम्बाई 24.40 मीटर होती है।
प्रश्न 13.
खो-खो के खेलाने वाले अधिकारियों की कुल गिनती बताओ।
उत्तर-
दो अम्पायर, एक रैफ़री, एक टाइम कीपर, एक स्कोरर।
प्रश्न 14.
खो-खो के खेल में खिलाड़ी कैसे आऊट माना जाता है ?
उत्तर-
जब चेज़र रनर को हाथ लगा दे या रनर अपने आप मैदान से बाहर चला जाए तो आऊट माना जाता है।
प्रश्न 15.
खो-खो के मुख्य 5 फाऊल बताओ।
उत्तर-
मुख्य फाऊल निम्नलिखित हैं—
- खो देने से पहले उठना।
- सैंटर लाइन कट करनी।
- पोल को हाथ लगाए बिना मुड़ना।
- चेज़र का ग़लत भागना।
- भागने वाला अपने-आप बाहर चला जाए।
प्रश्न 16.
खो-खो की खेल में बराबर होने की हालत क्या होती है?
उत्तर-
यदि खो-खो की खेल में टीमें बराबर रह जाएं तो फिर एक-एक इनिंग्ज़ और लगाई जाती है। यदि फिर भी बराबर रह जाए तो एक और इनिंग्ज़ लगाई जाएगी। यदि फिर भी बराबर रह जाए तो मैच दोबारा खेला जाएगा।