Punjab State Board PSEB 9th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar vachan वचन Exercise Questions and Answers, Notes.
PSEB 9th Class Hindi Grammar वचन
वचन परिवर्तन कीजिए। एकवचन से बहुवचन बनाइए:
उत्तर:
एक वाक्य में उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
वचन किसे कहते हैं?
उत्तर:
शब्द के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का पता लगता है, उसे वचन कहते हैं।
प्रश्न 2.
वचन का संबंध किससे माना जाता है?
उत्तर:
वचन का संबंध गिनती से माना जाता है।
प्रश्न 3.
वचन के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर:
वचन के दो प्रकार होते हैं।
प्रश्न 4.
वचन के प्रकार कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर:
वचन के दो प्रकार होते हैं-एकवचन, बहुवचन।
प्रश्न 5.
एकवचन किसे कहते हैं?
उत्तर:
शब्द के जिस रूप से किसी एक वस्तु के होने का पता चले, उसे एकवचन कहते हैं। उदाहरण लड़का, पुस्तक।
प्रश्न 6.
बहुवचन किसे कहते हैं?
उत्तर:
शब्द के जिस रूप से किसी वस्तु के एक से अधिक होने का पता चले उसे बहुवचन कहते हैं। उदाहरणलड़के, पुस्तकें।
प्रश्न 7.
वचन की पहचान किनसे होती है?
उत्तर:
वचन की पहचान संज्ञा, सर्वनाम और क्रिया से होती है।
प्रश्न 8.
एकवचन वाले शब्द का प्रयोग बहुवचन के रूप में कब-कब किया जा सकता है?
उत्तर:
एकवचन वाले शब्द का प्रयोग सम्मान, अभिमान, स्वाभिमान, अधिकार आदि की स्थिति में बहुवचन के रूप में किया जा सकता है।
प्रश्न 9.
बहुवचन के स्थान पर एकवचन का प्रयोग कब किया जा सकता है?
उत्तर:
बहुवचन के स्थान पर एकवचन का प्रयोग जनता, बारिश, जल आदि के लिए किया जा सकता है।
एक शब्द में उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
‘सभापति पधार चुके हैं’ इस वाक्य में एक बहुवचन के रूप में क्या प्रकट करता है?
उत्तर:
आदर।
प्रश्न 2.
‘हम आपको नौकरी दिला देंगे’-मंत्री जी ने कहा कि इसमें सर्वनाम क्या प्रकट करता है?
उत्तर:
बड़प्पन/महान्।
प्रश्न 3.
सोना बहुत महंगा हो गया है।-‘सोना’ क्या प्रकट करता है?
उत्तर:
धातु का बोध कराता है।
प्रश्न 4.
‘गुड़िया’ का वचन बदलकर लिखिए
उत्तर:
गुड़ियाँ।
प्रश्न 5.
‘माता’ का वचन बदलकर लिखिए
उत्तर:
माताएँ।
प्रश्न 6.
‘दवाइयाँ’ का वचन बदलकर लिखिए। उत्तर-दवाई।
प्रश्न 7.
‘रीतियाँ’ का वचन बदलकर लिखिए।
उत्तर:
रीति।
हाँ/नहीं में उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
शब्द के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का पता चलता है उसे वचन कहते हैं।
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 2.
हिंदी में वचन चार प्रकार के होते हैं।
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 3.
वचन की पहचान संज्ञा, सर्वनाम और क्रिया से होती है।
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 4.
आदर प्रकट करने के लिए एकवचन की जगह बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 5.
दर्शन, हस्ताक्षर, आँसू आदि का प्रयोग बहुवचन में होता है।
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 6.
अधिकार दर्शाने के लिए भी एकवचन की जगह बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 7.
घमंड प्रकट करने के लिए भी ‘मैं’ की जगह ‘हम’ का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
हाँ।
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
प्रश्न 1.
वचन का संबंध ………….. से होता है।
उत्तर:
गिनती।
प्रश्न 2.
स्वयं को महान् सिद्ध करने के लिए एकवचन की जगह ………….. प्रयुक्त किया जाता है।
उत्तर:
बहुवचन।
प्रश्न 3.
आँसू, प्राण, लोग, हस्ताक्षर, होश, आदि का प्रयोग प्रायः ………… किया जाता है।
उत्तर:
बहुवचन।
प्रश्न 4.
लोहा, सोना, चांदी आदि संज्ञाएँ वचन की दृष्टि से किस प्रकार प्रयुक्त की जाती हैं?
उत्तर:
एकवचन।
प्रश्न 5.
एकवचन से बहुवचन में बदल कर लिखिए
(क) छात्र
(ख) गुरु
(ग) शिक्षक
(घ) टिड्डी।
उत्तर:
(क) छात्र = छात्रगण
(ख) गुरु = गुरुजन
(ग) शिक्षक = शिक्षकवृंद
(घ) टिड्डी = टिड्डीदल।
प्रश्न 1.
वचन किसे कहते हैं?
उत्तर:
शब्द के जिस रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु के एक या अनेक होने का बोध होता है उसे वचन कहते हैं; जैसे-लड़का खेल रहा है।’ ‘लड़के खेल रहे हैं।’ इन वाक्यों में लड़का’ एक की संख्या का तथा ‘लड़के’ एक से अधिक संख्या का बोध करा रहे हैं।
प्रश्न 2.
वचन की परिभाषा दीजिए। उत्तर-शब्द के जिस रूप से उसके एक या एक से अधिक होने का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं। प्रश्न 3. वचन के कितने और कौन-कौन से प्रकार हैं?
उत्तर:
हिंदी में वचन दो प्रकार के होते हैं
- एक वचन-शब्द के जिस रूप से किसी व्यक्ति अथवा पदार्थ के एक होने का बोध हो, उसे एक वचन कहते हैं; जैसे-लड़का, पुस्तक, नदी, कपड़ा, रानी, बालिका।
- बहुवचन-शब्द के जिस रूप से व्यक्तियों अथवा पदार्थों के एक से अधिक होने का बोध हो, उसे बहुवचन कहते हैं; जैसे-लड़के, पुस्तकें, नदियाँ, कपड़े, रानियाँ, बालिकाएँ।
प्रश्न 4.
गणनीय-अगणनीय से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
वचन के साथ गणनीय-अगणनीय भेद जुड़ा है। इसके दो भेद हैं-
- गणनीय शब्द-जो शब्द गिनने योग्य व्यक्तियों, प्राणियों, वस्तुओं आदि का बोध कराते हैं, उन्हें गणनीय शब्द कहते हैं; जैसे-मनुष्य, मेज़, किताब, पेंसिल आदि।
- अगणनीय शब्द-जो शब्द गिने नहीं जा सकते केवल मापा-नापा जा सकता है, अगणनीय शब्द कहलाते हैं; जैसे-दूध, पानी, सोना, आटा आदि।
प्रश्न 5.
वचन की पहचान कैसे होती है?
उत्तर:
वचन की पहचान तीन प्रकार से की जा सकती है
(i) संज्ञा से-संज्ञा शब्दों के प्रयोग से वचन की पहचान की जा सकती है; जैसे-
(क) घोड़ा दौड़ रहा है। (ख) घोड़े दौड़ रहे हैं।
इन वाक्यों में (क) वाक्य में एक ‘घोड़ा दौड़ रहा है, इसलिए यह एक वचन है। (ख) वाक्य में ‘घोड़े दौड़ रहे हैं’ से पता चलता है कि एक से अधिक घोड़े दौड़ रहे हैं, इसलिए यहाँ बहुवचन है।
(ii) सर्वनाम से-सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से भी वचन का ज्ञान होता है; जैसे(क) मैं खेल रहा हूँ। (ख) हम खेल रहे हैं।
इन वाक्यों में (क) वाक्य में ‘मैं’ (ख) वाक्य में ‘हम’ पुरुषवाचक सर्वनाम उत्तम पुरुष के शब्द हैं जिनमें से ‘क’ वाक्य से एकवचन तथा ‘ख’ वाक्य से बहुवचन का पता चलता है।
(iii) क्रिया से-क्रिया के प्रयोग से भी वचन का बोध होता है; जैसे(क) बालक पढ़ रहा है। (ख) बालक पढ़ रहे हैं।
इन वाक्यों में ‘क’ वाक्य में पढ़ रहा है’ तथा ‘ख’ वाक्य में पढ़ रहे हैं’ क्रियाओं से पता चलता है कि वाक्य ‘क’ में एक बालक तथा ‘ख’ वाक्य में एक से अधिक बालक पढ़ने की क्रिया कर रहे हैं, इसलिए ‘क’ वाक्य एकवचन तथा ‘ख’ वाक्य बहुवचन है।
प्रश्न 6.
वचन परिवर्तन के सामान्य नियमों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वचन परिवर्तन के सामान्य नियम निम्नलिखित हैंहिंदी में एक के लिए एकवचन और एक से अधिक के लिए बहुवचन का प्रयोग होता है। इस सामान्य नियम के अतिरिक्त वचन के संबंध में कुछ अन्य नियम भी ध्यान देने योग्य हैं-
(i) सम्मान या आदर देने के लिए एक व्यक्ति के साथ भी बहुवचन का प्रयोग होता है। जैसे-
- श्री कृष्ण महान् योद्धा भी थे।
- गांधी जी छुआछूत के विरोधी थे।
- श्री रामचंद्र वीर थे।
- पिताजी अमृतसर गए हैं।
- नेताजी आ रहे हैं।
इन वाक्यों में एक ही व्यक्ति का वर्णन है, परंतु आदर प्रदर्शन के लिए बहुवचन का प्रयोग किया गया है। इसे आदरार्थक बहुवचन कहते हैं।
(ii) हस्ताक्षर, प्राण, दर्शन, होश, लोग शब्द प्रायः बहुवचन में ही प्रयुक्त होते हैं। यथा-
- उनके हस्ताक्षर तो विचित्र हैं।
- गुरुजी के दर्शन तो दुर्लभ हैं।
- मेघा ने उनके आँसू पोंछे।
- आप लोग कब आए?
(iii) जनता, वर्षा और पानी शब्द एकवचन में प्रयुक्त होते हैं। यथा-
- सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।
- ऐसी वर्षा हुई कि सारे गाँव में पानी भर गया।
- जनता ने स्वामीजी की जय-जयकार की।
(iv) कुछ एकवचन संज्ञा शब्दों के साथ गुण, लोग, जन, समूह, वृंद शब्द जोड़कर उनका बहुवचन में प्रयोग किया जाता है; जैसे
- छात्रगण खेल की तैयारी में व्यस्त हैं।
- मज़दूर लोग विश्राम कर रहे हैं।
- मंत्रिमंडल चुनाव पर विचार कर रहा है।
- अध्यापक-वृंद विद्यार्थियों को पढ़ा रहा होगा।
जिन शब्दों के अंत में जाति, सेना या दल शब्द प्रयुक्त होते हैं उनका प्रयोग एकवचन में होता है। यथा-
- स्त्री-जाति समझौते में लगी है।
- सेवा-दल महत्त्वपूर्ण कार्य नहीं कर रहा है।
- जन-समूह प्रदर्शन कर रहा होगा।
(v) व्यक्तिवाचक और भाववाचक संज्ञा शब्द एकवचन में प्रयुक्त होते हैं। जैसे-
- अनन्या आठवीं कक्षा में पढ़ती है।
- सत्य की सदा ही विजय होती है।
- झूठ के कभी भी पाँव नहीं होते।
(vi) जातिवाचक शब्द समूहबोधक होते हुए भी एकवचन में प्रयुक्त होता है। जैसे-
- सदा से ही मनुष्य स्वार्थी रहा है।
- बाज़ार में आम आ गया है।
- मथुरा का पेड़ा सारे देश में प्रसिद्ध है।
- कुत्ता वफ़ादार होता है।
(vii) अधिकार, अभिमान, स्वाभिमान आदि व्यक्त करने के लिए भी ‘मैं’ एकवचन के स्थान पर ‘हम’ बहुवचन का प्रयोग होता है-
- हमसे ईमानदार कोई नहीं है।
- हम तुम्हारा काम कर देंगे।
- हमारा कहना मान जाओ, नहीं तो पछताओगे।
वचन परिवर्तन
1. अकारांत स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अंत में ‘अ’ को ‘एँ’ करके
2. ‘अकारांत पुल्लिग’ शब्दों के अंत में ‘आ’ के स्थान पर ‘ए’ लगाकर
अपवाद (i) संस्कृत की कुछ अकारांत संज्ञाएँ एकवचन तथा बहुवचन में एक जैसी रहती हैं। जैसे पिता, नेता, भ्राता, योद्धा, कर्ता आदि।
(ii) आकारांत संबंधसूचक शब्द जैसे–चाचा, मामा, नाना, ताया, फूफा, दादा आदि के रूप बहुवचन में परिवर्तित नहीं होते अर्थात् इनके दोनों वचन एक जैसे ही रहते हैं।
3. ‘अकारांत स्त्रीलिंग’ शब्दों के अंत में ‘एँ’ लगाकर
4. ‘उकारांत’, ‘ऊकारांत’ एवं ‘औकारांत’ स्त्रीलिंग शब्दों में ‘एँ’ लगाकर
यदि एकवचन में किसी शब्द का अंतिम स्वर ‘ऊ’ हो तो ‘एँ’ जोड़कर बहुवचन बनाते समय ‘दीर्घ’ स्वर ‘ऊ’ को ह्रस्व ‘उ’ में बदल दिया जाता है। जैसे-बहु-बहुएँ आदि।
5. इकारांत (इ) ईकारांत (ई) स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में ‘याँ’ लगाकर:
विशेष : ईकारान्त शब्दों में अंतिम दीर्घ ‘ई’ को बहुवचन बनाते समय ह्रस्व ‘इ’ में बदल दिया जाता है जैसे-नदीनदियाँ, नारी-नारियाँ आदि।
6. ‘इया’ अंत वाले स्त्रीलिंग शब्दों के अंतिम ‘या’ के स्थान पर ‘याँ’ लगाकर:
7. कुछ शब्दों के अंत में गण, वृंद, जन, वर्ग, दल, आदि लगाकर बहुवचन रूप बनते हैं। जैसे:
विशेष: (i) हिंदी में कुछ ‘अकारांत’, ‘आकारांत’ या ‘इकारांत’ आदि शब्द ऐसे हैं जिनका शब्द (विभक्ति चिह्न रहित) स्तर पर एकवचन तथा बहुवचन में एक ही रूप रहता है जैसे-
(ii) ‘अ’ और ‘आ’ अंत वाले एकवचन शब्दों के अंतिम स्वर को संबोधन के समय बहुवचन रूप में प्रयुक्त करते समय ‘ओ’ हो जाता है। जैसे-
(iii) कुछ ऐसे भी शब्द हैं जिनका विभक्ति चिह्नों से रहित तथा विभक्ति चिह्नों सहित दोनों तरह बहुवचन बनता है। जैसे-