PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सन्धि

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sandhi सन्धि Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar सन्धि

प्रश्न 1.
सन्धि किसे कहते हैं ? इसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
दो वर्गों के परिवर्तन सहित मेल को संधि कहते हैं;
जैसे-पर + उपकार = परोपकार, जगत् + ईश = जगदीश।

सन्धि के तीन भेद :
1. स्वर सन्धि : स्वरों का स्वरों के साथ मेल होने पर स्वरों में जो परिवर्तन होता है, उसे स्वर सन्धि कहते हैं;
जैसे-विद्या + अर्थी = विद्यार्थी (आ + अ = आ)।

2. व्यंजन सन्धि : व्यंजनों का व्यंजनों के साथ या स्वरों के साथ मेल होने पर व्यंजनों में जो परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन सन्धि कहते हैं;
जैसे-तत् + लीन = तल्लीन (त् + ल = ल्ल), जगत् + अम्बा = जगदम्बा (त + अ = द)।

3. विसर्ग सन्धि : विसर्गों का स्वरों अथवा व्यंजनों के साथ मेल होने पर विसर्गों में जो परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग सन्धि कहते हैं;
जैसे-निः+ आकार = निराकार। नि: + छल = निश्छल।

नोट : सन्धि के नियम और उसके विस्तृत उदाहरण स्मरण तालिका में देखिए।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सन्धि

सन्धि :
समीपता के कारण दो अक्षरों या वर्गों में मेल हो जाने से उसमें जो विकार होता है, उसे सन्धि कहते हैं; जैसे-विद्या + आलय = विद्यालय। राका + ईश = राकेश।
सन्धि तीन प्रकार की होती है-
(क) स्वर सन्धि
(ख) व्यंजन सन्धि
(ग) विसर्ग सन्धि।

(क) स्वर सन्धि :
दो स्वरों में जो मेल होता है, उसे स्वर सन्धि कहा जाता है। जैसे-धर्म + अर्थ = धर्मार्थ। स्वर सन्धि के भेद इस प्रकार हैं

1. दीर्घ सन्धि
अ + अ = आ, अ + आ = आ
आ + अ = आ, आ + आ = आ
अधिक + अधिक = अधिकाधिक
खाद्य + अन्न = खाद्यान्न
स्थान + अन्तरण = स्थानान्तरण
दया + आनन्द = दयानन्द
देव + आलय = देवालय
राम + अवतार = रामावतार
दीर्घ + आयु = दीर्घायु
धर्म + अर्थ = धर्मार्थ
शास्त्र + अर्थ = शास्त्रार्थ
परम + आत्मा = परमात्मा
परम + अर्थ = परमार्थ
परा + अधीन = पराधीन
क्षुधा + आर्त = क्षुधात
पुरुष + अर्थ = पुरुषार्थ
श्रद्धा + अंजलि = श्रद्धांजलि
महा + आत्मा = महात्मा
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
अल्प + आहार = अल्पाहार
दीप + आवली = दीपावली
विद्या + आलय = विद्यालय
शिव + आलय = शिवालय
हिम + आलय = हिमालय
शरण + अर्थी = शरणार्थी
नर + इन्द्र = नरेन्द्र

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सन्धि

इ+ इ = ई, इ + ई = ई
ई + इ = ई, ई + ई = ई
कवि + इन्द्र = कवीन्द्र
कवि + ईश्वर = कवीश्वर
मुनि + ईश्वर = मुनीश्वर
गिरि + ईश = गिरीश
परि + ईक्षा = परीक्षा
प्रति + ईक्षा = प्रतीक्षा
प्रति + एक = प्रत्येक
मही + ईश = महीश
रवि + इन्द्र = रवीन्द्र
रजनी + ईश = रजनीश
हरि + इच्छा = हरीच्छा
हरि + ईश = हरीश
सती + ईश = सतीश

उ+ उ = ऊ, उ + ऊ = ऊ
ऊ + उ = ऊ, ऊ + ऊ = ऊ
गुरु + उपदेश = गुरुपदेश
भानु + उदय = भानूदय
मनु + उपदेश = मनूपदेश
वधू + उत्सव = वधूत्सव
सिन्धु + उर्मि = सिन्धर्मि

ऋ+ ऋ = ऋ
पितृ + ऋद्धि = पितृद्धि
पितृ + ऋण = पितृण
मातृ + ऋण = मातृण

2. यण् सन्धि
इ, ई, उ,ऊ, ऋ से परे कोई अन्य स्वर हो तो इ, ई,को य, उ, ऊ को व् और ऋ को र हो जाता है; जैसे,
इ, ई + विजातीय स्वर-र्
अति + आवश्यक = अत्यावश्यक
उपरि + उक्त = उपर्युक्त
अति + अधिक = अत्यधिक
अति + अन्त = अत्यन्त
अति + आचार = अत्याचार
प्रति + एक = प्रत्येक
यदि + अपि = यद्यपि
इति + आदि = इत्यादि
प्रति + उपकार = प्रत्युपकार

उ, ऊ + विजातीय स्वर-व्
अनु + एषण = अन्वेषण
वधू + आगमन = वध्वागमन
मधु + अरि = मध्वरि
प्रति + उत्तर = प्रत्युत्तर
सु + अल्प = स्वल्प
सु + आगत = स्वागत

ऋ + विजातीय स्वर-र्
पितृ + अर्पण = पित्रर्पण
पितृ + आदेश = पित्रादेश

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सन्धि

3. गुण सन्धि
यदि अ, आ से आगे इ, ई हों तो दोनों का ‘ए’ उ,ऊ हो तो दोनों का ‘ओ’ और ऋ हो तो दोनों का अर हो जाता है ; जैसे,

अ, आ + इ, ई = ए
उमा + ईश = उमेश
उप + इन्द्र = उपेन्द्र
गण + ईश = गणेश
गज + इन्द्र = गजेन्द्र
वीर + इन्द्र = वीरेन्द्र
धर्म + इन्द्र = धर्मेन्द्र
परम + ईश्वर = परमेश्वर
महा + इन्द्र = महेन्द्र
महा + ईश्वर = महेश्वर
देव + इन्द्र = देवेन्द्र
रमा + ईश = रमेश
महा + ईश = महेश
भारत + इन्दु = भारतेन्दु
राजा + इन्द्र – राजेन्द्र
सुर + इन्द्र = सुरेन्द्र
सुर + ईश = सुरेश

अ, आ + उ, ऊ = ओ
ईश्वर + उपासना = ईश्वरोपासना
गंगा + उदक = गंगोदक
चन्द्र + उदय = चन्द्रोदय
पर + उपकार = परोपकार
पुत्र + उत्सव = पुत्रोत्सव
भाग्य + उदय = भाग्योदय
महा + उदय = महोदय
महा + उत्सव = महोत्सव
हित + उपदेश = हितोपदेश
वीर + उचित = वीरोचित
सूर्य + उदय = सूर्योदय

अ, आ + ऋ = अर्
ग्रीष्म + ऋतु = ग्रीष्मर्तु
देव + ऋषि = देवर्षि
ब्रह्म + ऋषि ब्रह्मर्षि
महा + ऋषि = महर्षि

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सन्धि

4. वृद्धि सन्धि
अ, आ से आगे ए, ऐ हों तो दोनों को ऐ, और ओ, औ हों तो दोनों को औ हो जाता है ; जैसे,

आ + ए, ऐ = ऐ
तथा + एव = तथैव
एक + एक = एकैक
तद + एव = तदैव
सदा + एव = सदैव
महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्यवन + औषधि = वनौषधि
मत + एक्य = मतैक्य

अ, आ + ओ, औ = औ
जल + ओघ = जलौघ
दन्त + ओष्ठ = दन्तौष्ठ
महा + औषधि = महौषधि
परम + औदार्य = परमौदार्य

5. अयादि सन्धि ए, ऐ, ओ, औ, इनके आगे यदि इनसे भिन्न स्वर हो तो एक को अय, ऐ को आय, ओ को अव् और औ को आव हो जाता है ; जैसे-

ए + कोई स्वर = अय्
च + अन = चयन
ने + अन = नयन

ऐ + कोई स्वर = अय्
गै + अक = गायक
गै + अन = गायन
नै + अक = नायक

ओ + कोई स्वर = अव्
पो + अन = पवन
भो + अन = भवन

औ + कोई स्वर = आव्
पौ + अक = पावक
नौ + इक = नाविक
भौ + अक = भावुक

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सन्धि

(ख) व्यंजन सन्धि :
व्यंजन के आगे स्वर या व्यंजन आने से जो सन्धि होती है, उसे व्यंजन सन्धि कहते हैं; जैसे जगत् + नाथ = जगन्नाथ। अन्य उदाहरण

1. च, छ, ज् परे होने पर त् को च ज हो जाता है
उत् + चारण = उच्चारण
सत् + जन = सज्जन
विपत् + जाल = विपज्जा
शरत् + चन्द्र = शरच्चन्द्र
सत् + चरित्र = सच्चरित्र
उत् + ज्वल = उज्ज्वल

2. ड् परे होने पर त् को ड् और ट् परे होने पर त् को ट् हो जाता है।
उत् + डयन = उड्डयन
बृहत् + टीका = बृहट्टीका

3. म.परे होने पर पहले वर्ण को उसका पाँचवाँ वर्ण हो जाता है।
उत् + नति = उन्नति
तत् + मय = तन्मय
उत् + नत = उन्नत
वाक् + मय = वाड्मय
उत् + मत्त = उन्मत्त
षट् + मास = षण्मास
जगत् + नायक = जगन्नायक
षट् + मुख = षण्मुख
जगत् + नाथ = जगन्नाथ
चित् + मय = चिन्मय

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सन्धि

4. पूर्व वर्ण को तीसरा वर्ण
अप् + ज = अब्ज
तद् + भव = तद्भव
अच् + अन्त = अजन्त
तद् + रूप = तद्प
उत् + गार : उद्गार
दिक् + गज = दिग्गज
उत् + घाटन = उद्घाटन
दिक् + विजय = दिग्विजय
उत् + ज्वल = उज्वल
वाक् + ईश = वागीश
उत् + यान = उद्यान
भगवत् + भक्ति = भगवद्भक्ति
उत् + योग = उद्योग
विदत् + जन = विद्वज्जन
जगत् + ईश = जगदीश
सत् + गति = सद्गति
जगत् + बन्धु = जगबन्धु
सत् + भाव = सद्भाव
सत् + आनन्द = सदानन्द
सत् + जन = सज्जन
सत् + धर्म = सद्धर्म
षट् + आनन = षडानन

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सन्धि

5. पूर्व त् को द् और आगे ह को पूर्व वर्ण का चौथा वर्ण हो जाता है।
उत् + हार = उद्धार
तत् + हित = तद्धित
उत् + हरण = उद्धरण
वाक् + हरि = वाग्घरि

6. पूर्व त् को च् और आगे के श् को छ हो जाता है।
उत् + शृंखल = उच्छृखल
तत् + शिव = तच्छिव
उत् + शिष्ट = उच्छिष्ट
विद्युत् + शक्ति = विधुच्छक्ति

7. स्वर के आगे छ जाने पर छ के साथ च भी आ जाता है।
आ + छादन = आच्छादन
वृक्ष + छाया = वृक्षच्छाया
परि + छेद = परिच्छेद
सन्धि + छेद = सन्धिच्छेद

8. पूर्व म् को अगले वर्ण का पाँचवाँ वर्ण हो जाता है।
अहम् + कार = अहंकार
सम् + चय = संचय
सम् + गति = संगति
सम् + तति = सन्तति
सम् + पूर्ण = सम्पूर्ण
सम् + जय = संजय
सम् + तोष = सन्तोष
सन् + कल्प = संकल्प

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सन्धि

9. स, ल, र, व, श परे होने पर म् को अनुस्वार हो जाता है
सम् + सार = संसार
सम् + वाद = संवाद
सम् + लग्न = संलग्न
सम् + हार = संहार
सम् + योग = संयोग
सम् + सद् = संसद्
सम् + रक्षण = संरक्षण
सन् + शय = संशय
सम् + यम = संयम

10. ऋ, ष, र से परे न को ण हो जाता है।
ऋ+ न = ऋण
पोष् + अन = पोषण
तृष् + ना = तृष्णा
भर + अन = भरण
निर् + नय = निर्णय
भूष् + अन = भूषण
परि + नाम = परिणाम
निर् + मान = निर्माण

11. इ, उ से परे स को ष और ल परे होने पर त् को ल हो जाता है।
अभि + सेक = अभिषेक
वि + सम = विषम
नि + सेध = निषेध
सु + समा = सुषमा
नि + सिद्ध = निषिद्ध
सु + सुप्ति = सुषुप्ति
उत् + लंघन = उल्लंघन
तत् + लीन = तल्लीन
उत् + लास = उल्लास
उत् + लेख = उल्लेख

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सन्धि

(ग) विसर्ग सन्धि :

पूर्व विसर्ग को ओ हो जाता है
मनः + अनुकूल = मनोनुकूल
यशः + अभिलाशी = यशोभिलाषी
मनः + अनुसार = मनोऽनुसार
यशः + अर्जन = यशोर्जन
तेजः + मय = तेजोमय
यशः + गान = यशोगान
तपः + वन = तपोवन
मनः + योग = मनोयोग
मनः + रंजन = मनोरंजन
मनः + हर = मनोहर
मनः + रथ = मनोरथ
मनः + रम = मनोरम

र परे होने पर पूर्व र का लोप और इ को ई हो जाता है
निर् + रव = नीरव
निर् + रज = नीरज
निर् + रोग = नीरोग
निर् + रस = नीरस

पूर्व विसर्ग को र हो जाता है।
दुः + ग = दुर्ग
निः + गुण = निर्गुण
दुः + गुण = दुर्गुण
नि: + आकार = निराकार
दुः + गति = दुर्गति
निः + विघ्न = निर्विघ्न
दुः + गन्ध = दुर्गन्ध
नि: + जन = निर्जन
दुः + बल = दुर्बल
निः + धन = निर्धन
दुः + आशा = दुराशा
‘निः + बल = निर्बल
दुः + गम = दुर्गम

श परे होने पर विसर्ग को श हो जाता है
दुः + शासन = दुश्शासन
निः + छल = निश्छल
दुः + चरित्र = दुश्चरित्र
निः + चय = निश्चय

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सन्धि

प, क, ख फ परे होने पर विसर्ग को ष् हो जाता है
चतुः + पाद = चतुष्पाद
धनुः + टंकार = धनुष्टंकार
दुः + परिणाम = दुष्परिणाम
धनुः + पाणि = धनुष्पाणि

त, स, क के परे होने पर पूर्व विसर्ग को स् हो जाता है
अन्तः + तल = अन्तस्तल
नमः + ते = नमस्ते
दुः + तर = दुस्तर
नमः + कार = नमस्कार
निः + तार = निस्तार
पुरः + कार = पुरस्कार
निः + सन्देह = निस्सन्देह
श्रेयः + कर = श्रेयस्कर
उत्तर + अधिकारी = उत्तराधिकारी
निर् + दोष = निर्दोष

Leave a Comment