Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 7 जनसंख्या Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 7 जनसंख्या
SST Guide for Class 10 PSEB जनसंख्या Textbook Questions and Answers
I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक वाक्य में लिखिए
प्रश्न 1.
किसी देश का सबसे बहुमूल्य संसाधन क्या होता है?
उत्तर-
बौद्धिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ नागरिक।
प्रश्न 2.
आजादी से पहले देश की जनसंख्या धीरे-धीरे बढ़ने के क्या कारण थे?
उत्तर-
महामारियों, लड़ाइयों तथा अकाल के कारण मृत्यु दर में वृद्धि।
प्रश्न 3.
वर्ष 1901 में भारत की जनसंख्या कितनी थी?
उत्तर-
वर्ष 1901 में भारत की जनसंख्या 23,83,96,327 (23.8 करोड़) थी।
प्रश्न 4.
जनसंख्या वर्ष 1921 तथा 1951 को जनसांख्यिकी विभाजक वर्ष क्यों माना जाता है?
उत्तर-
1921 तथा 1951 के जनगणना वर्षों के पश्चात् जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई।
प्रश्न 5.
वर्ष 2011 में भारत की जनसंख्या कितनी थी?
उत्तर-
वर्ष 2011 में भारत की जनसंख्या 121 करोड़ थी।
प्रश्न 6.
भारत का जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में कौन-सा स्थान है?
उत्तर-
भारत का जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में (चीन के पश्चात्) दूसरा स्थान है।
प्रश्न 7.
भारत के कितने राज्यों की जनसंख्या 5 करोड़ से अधिक है?
उत्तर-
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 10 राज्यों की जनसंख्या 5 करोड़ से अधिक है।
प्रश्न 8.
देश के सबसे अधिक और सबसे कम जनसंख्या वाले राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर-
देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश और सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य सिक्किम है।
प्रश्न 9.
पंजाब की जनसंख्या 2001 में कितनी थी और जनसंख्या की दृष्टि से पंजाब का राज्यों में कौनसा स्थान है?
उत्तर-
- वर्ष 2001 में पंजाब की जनसंख्या लगभग 2.4 करोड़ थी।
- जनसंख्या की दृष्टि से पंजाब का भारत के राज्यों में 15वां स्थान है।
प्रश्न 10.
पंजाब में पूरे देश की कितने प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है?
उत्तर-
पंजाब में पूरे देश की लगभग 2.3 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
प्रश्न 11.
एक लाख की आबादी से अधिक के भारत में कितने शहर हैं?
उत्तर-
भारत में एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की संख्या 300 से अधिक है।
प्रश्न 12.
मैदानी भागों में देश का कितने प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है?
उत्तर-
मैदानी भागों में देश की 40 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
प्रश्न 13.
देश की कितने प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है?
उत्तर-
देश की लगभग 71% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है।
प्रश्न 14.
देश में जनसंख्या का औसत घनत्व कितना है?
उत्तर-
देश में जनसंख्या का औसत घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर (2011 में) है।
प्रश्न 15.
देश के सबसे अधिक व सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों के नाम बताओ।
उत्तर-
2011 की जनगणना के अनुसार देश का सबसे अधिक घनत्व वाला राज्य बिहार तथा सबसे कम घनत्व वाला राज्य अरुणाचल प्रदेश है।
प्रश्न 16.
पंजाब में जनसंख्या का घनत्व कितना है?
उत्तर-
पंजाब में जनसंख्या का घनत्व 550 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर (2011 में) है।
प्रश्न 17.
किस केन्द्र शासित प्रदेश का जनसंख्या घनत्व सबसे अधिक है?
उत्तर-
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का जनसंख्या घनत्व सबसे अधिक है।
प्रश्न 18.
आयु संरचना को निर्धारित करने वाले चरों के नाम बताइए।
उत्तर-
- जन्मता (fertility)
- मर्त्यता (mortality)
- प्रवास (migration)
प्रश्न 19.
देश में 0-14 आयु वर्ग में कितने प्रतिशत जनसंख्या है?
उत्तर-
देश में 0-14 आयु वर्ग में 37.2 प्रतिशत जनसंख्या है।
प्रश्न 20.
देश में 15-65 आयु वर्ग में कितने प्रतिशत जनसंख्या है?
उत्तर-
देश में 15:65 आयु वर्ग में 58.4 प्रतिशत जनसंख्या है।
प्रश्न 21.
देश की जनसंख्या में मतदाताओं का कितना प्रतिशत है?
उत्तर-
देश की जनसंख्या में मतदाता 60 प्रतिशत हैं।
प्रश्न 22.
लिंग-अनुपात से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
लिंग-अनुपात से अभिप्राय प्रति एक हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या से है।
प्रश्न 23.
देश के सिक्ख समुदाय में लिंग अनुपात कितना है?
उत्तर-
देश के सिक्ख समुदाय में लिंग अनुपात 1000 : 888 है।
प्रश्न 24.
देश के ग्रामीण या शहरी क्षेत्रों में लिंग अनुपात तेजी से क्यों घट रहा है?
उत्तर-
लिंग अनुपात के तेज़ी से घटने के कारण हैं —
- स्त्रियों का दर्जा निम्न होना।
- जनगणना के समय स्त्रियों की अपेक्षाकृत कम गणना करना या पुरुषों की गणना बढ़ाकर करना।
- लड़कियों की जन्म दर कम होना।
- स्त्री भ्रूण-हत्या (Female foeticide)
प्रश्न 25.
आर्थिक आधार पर भारत की जनसंख्या को किन दो भागों में बांट सकते हैं?
उत्तर-
आर्थिक आधार पर जनसंख्या को दो भागों में बांट सकते हैं —
- श्रमिक जनसंख्या
- अश्रमिक जनसंख्या।
प्रश्न 26.
भारत में मुख्य श्रमिक किसे कहा जाता है?
उत्तर-
भारत में मुख्य श्रमिक वे श्रमिक हैं, जिन्होंने पिछले वर्ष 6 मास (या 183 दिन) से अधिक किसी आर्थिक क्रिया में काम किया है।
प्रश्न 27.
कार्य के आधार पर जनसंख्या का श्रमिकों एवं अश्रमिकों में बांटने का विचार भारतीय जनगणना में पहली बार किस वर्ष आया?
उत्तर-
कार्य के आधार पर जनसंख्या का श्रमिकों एवं अश्रमिकों में बांटने का विचार पहली बार 1961 की जनगणना के समय आया।
प्रश्न 28.
भारतीय लोग गिनती में पहली बार कब आये।
उत्तर-
1901.
प्रश्न 29.
ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों का प्रतिशत कितना है?
उत्तर-
ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों का प्रतिशत 40.1 है।
II. निम्न प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
राज्यों के बीच अत्यधिक असमान जनसंख्या वितरण से देश में क्या-क्या समस्याएं पैदा हो रही हैं?
उत्तर-
भारत में 28 राज्य हैं। इन राज्यों के बीच अत्यधिक असमान जनसंख्या वितरण है। जनसंख्या के असमान वितरण के कारण अनेक समस्याएं पैदा हो गई हैं, जिनका वर्णन निम्नलिखित है —
- दूर-दूर तक फैली ग्रामीण बस्तियों को आपस में सड़कों द्वारा तथा निकटवर्ती शहरों के साथ जोड़ने की भारी समस्या है।
- इन ग्रामीण. बस्तियों के निवासियों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करना बड़ा कठिन और महंगा कार्य है।
- बड़े-बड़े शहरों में प्रदूषण, यातायात, मकान का अभाव जैसी अनेक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
प्रश्न 2.
भारत में जनसंख्या वितरण पर किन-किन तत्त्वों का सबसे अधिक प्रभाव है?
उत्तर-
भारत में जनसंख्या का वितरण एक समान नहीं है। इसके लिए निम्नलिखित अनेक तत्त्व उत्तरदायी हैं —
- भूमि का उपजाऊपन-भारत के जिन राज्यों में उपजाऊ भूमि का अधिक विस्तार है, वहां जनसंख्या का घनत्व अधिक है।
उत्तर प्रदेश तथा बिहार ऐसे ही राज्य हैं। - वर्षा की मात्रा-अधिक वर्षा वाले भागों में प्रायः जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। उत्तरी भारत में पूर्व से पश्चिम को जाते हुए वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। इसलिए जनसंख्या का घनत्व भी घटता जाता है।
- जलवाय-जहां जलवायु स्वास्थ्य के लिए अनुकूल है, वहां भी जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। इसके विपरीत ऐसे प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व कम होता है जहां की जलवायु स्वास्थ्य के लिए अच्छी न हो। असम में वर्षा अधिक होते हुए भी जनसंख्या का घनत्व कम है क्योंकि यहां अधिक नमी के कारण मलेरिया का प्रकोप अधिक रहता है।
- परिवहन के उन्नत साधन-परिवहन के साधनों के अधिक विकास के कारण व्यापार की प्रगति तीव्र हो जाती है जिससे जनसंख्या का घनत्व भी अधिक हो जाता है। उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, बिहार, झारखंड इत्यादि राज्यों में अधिक जनसंख्या होने का एक कारण परिवहन के साधनों का विकास है।
- औद्योगिक विकास-जिन स्थानों पर उद्योग स्थापित हो जाते हैं, वहां जनसंख्या का घनत्व बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि औद्योगिक क्षेत्रों में आजीविका कमाना सरल होता है। दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता आदि नगरों में औद्योगिक विकास के कारण ही जनसंख्या अधिक है।
प्रश्न 3.
जनसंख्या की आर्थिक संरचना अध्ययन का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
जनसंख्या की आर्थिक संरचना का विशेष महत्त्व है
- इससे हमें पता चलता है कि देश की जनसंख्या का कितना भाग कार्यशील है और वह किस-किस व्यवसाय में जुटा हुआ है।
- यह संरचना किसी क्षेत्र की जनसांख्यिकीय तथा सांस्कृतिक लक्षणों को प्रकट करती है। इसी पर उस क्षेत्र के भविष्य का सामाजिक तथा आर्थिक विकास का प्रारूप आधारित होता है।
- आर्थिक संरचना से हमें पता चलता है कि देश किस आर्थिक क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। अतः हम उस क्षेत्र के विकास के लिए उचित योजना बना सकते हैं।
प्रश्न 4.
मुख्य श्रमिकों को कितनी औद्योगिक श्रेणियों में बांटा जाता है? उनके नाम बताइए।
उत्तर-
निम्नलिखित सारणी से मुख्य श्रमिक श्रेणियां स्पष्ट हो जाएंगी। (दो औद्योगिक श्रेणियां-मुख्य श्रमिक तथा गौण श्रमिक)
प्रश्न 5.
भारत में स्त्री श्रमिकों का प्रतिशत पुरुषों की अपेक्षाकृत कम क्यों है?
उत्तर-
देश में मुख्य श्रमिकों का प्रतिशत (असम और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) 37.50 प्रतिशत है। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि देश की कुल जनसंख्या का लगभग एक तिहाई भाग ही आर्थिक रूप से कार्यशील है। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं.
- तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के कारण भारत में बच्चों (अश्रमिकों) का अनुपात अधिक बना रहता है। इससे श्रमिकों का प्रतिशत कम हो जाता है।
- हमारी सामाजिक मान्यताओं के कारण स्त्रियों को घर से बाहर काम नहीं करने दिया जाता।
- स्त्रियों में शिक्षा तथा जागरूकता का अभाव भी इसका कारण है।
प्रश्न 6.
भारत को गांवों का देश क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
इसमें कोई सन्देह नहीं कि भारत गांवों का देश है। निम्नलिखित तथ्यों से यह बात स्पष्ट हो जाएगी —
- देश की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में बसी है।
- देश की कुल जनसंख्या का लगभग 71% भाग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है।
- देश में 5 लाख 50 हजार से अधिक ग्रामीण अधिवासी (Rural Settlements) हैं जबकि कुल शहरी जनसंख्या का दो तिहाई भाग देश के बड़े नगरों में बसा हुआ है।
- देश में कुल मुख्य श्रमिकों का 40.1 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 30.2 प्रतिशत नगरों में निवास करता है।
प्रश्न 7.
देश में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं के नाम बताओ।
उत्तर-
भारत में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं। असमिया, उड़िया, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, गुजराती, तमिल, तेलुग, पंजाबी, बंगला, मराठी, मलयालम, संस्कृत, सिन्धी और हिन्दी भारत की प्रमुख भाषाएं हैं। इन सभी भाषाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। दक्षिण भारत की चार भाषाओं तमिल, तेलुगू, कन्नड़ तथा मलयालम की उत्पत्ति द्रविड़ से हुई है।
भारत में बहुत बड़ी संख्या में लोग हिन्दी बोलते हैं। साथ ही अनेक लोग इस भाषा को समझ लेते हैं, भले ही यह उनकी मातृभाषा नहीं है। हिन्दी को राजभाषा का स्थान मिला हुआ है।
प्रश्न 8.
भारत में जनसंख्या वितरण की महत्त्वपूर्ण विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर-
भारत में जनसंख्या के क्षेत्रीय वितरण की कुछ महत्त्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं —
- भारत में जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है। नदियों की घाटियों और समुद्र तटीय मैदानों में जनसंख्या वितरण बहुत सघन है, परन्तु पर्वतीय, मरुस्थलीय एवं अभाव-ग्रस्त क्षेत्रों में जनसंख्या वितरण बहुत ही विरल है।
- देश की कुल जनसंख्या का लगभग 71% भाग ग्रामीण क्षेत्रों में और 29% भाग शहरों में निवास करता है। शहरी जनसंख्या का भारी जमाव बड़े शहरों में है। कुल शहरी जनसंख्या का दो-तिहाई भाग एक लाख या इससे अधिक आबादी वाले प्रथम श्रेणी के शहरों में रहता है।
- देश के अल्पसंख्यक समुदायों का अति संवेदनशील एवं महत्त्वपूर्ण बाह्य सीमा क्षेत्रों में जमाव है। उदाहरण के लिए उत्तर-पश्चिमी भारत में भारत-पाक सीमा के पास पंजाब में सिक्खों तथा जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों का बाहुल्य है।
- एक ओर तटीय मैदानों एवं नदियों की घाटियों में जनसंख्या का भारी जमाव है तो दूसरी ओर पहाड़ी, पठारी एवं रेगिस्तानी भागों में जनसंख्या विरल है। यह वितरण एक जनसांख्यिकी विभाजन (Demographic divide) जैसा लगता है।
प्रश्न 9.
देश के अधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र कौन-से हैं?
उत्तर-
उत्तरी मैदान, पश्चिमी तटीय मैदान तथा पूर्वी तटीय मैदान के डेल्टाई क्षेत्रों में जनसंख्या घनी बसी हुई है। इन प्रदेशों की भूमि उपजाऊ है और कृषि सिंचाई की सुविधाएं पर्याप्त उपलब्ध हैं। इसलिए वहां की जनसंख्या सघन है। एक बात और, ज्यों-ज्यों हम पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते जाते हैं, सूखापन बढ़ता जाता है और जन घनत्व घटता जाता है। यही कारण है कि पूर्व में स्थित पश्चिमी बंगाल का घनत्व पंजाब और हरियाणा के अपेक्षाकृत पश्चिम की स्थिति की तुलना में अधिक है। केरल में जन घनत्व सबसे अधिक है क्योंकि भारी वर्षा के कारण वहां वर्ष में दो या तीन फसलें पैदा की जाती हैं।
प्रश्न 10.
देश के मैदानी भागों में जनसंख्या घनत्व अधिक होने के क्या कारण हैं?
उत्तर-
देश के मैदानी भागों में जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक है। इसके मुख्य कारण अग्रलिखित हैं —
- भारत का उत्तरी मैदान विशाल और उपजाऊ है।
- यहां वर्षा भी पर्याप्त होती है। इसलिए कृषि के लिए उचित सुविधाएं उपलब्ध हैं।
- यहां उद्योग के भी बड़े-बड़े केन्द्र हैं।
- यहां यातायात के साधन उन्नत हैं।
- तटीय मैदानी प्रदेशों में मछली पकड़ने तथा विदेशी व्यापार की सुविधाएं हैं। परिणामस्वरूप लोगों के लिए रोज़ी कमाना सरल है।
प्रश्न 11.
देश में कम जनसंख्या वाले क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
भारत के थार मरुस्थल, पूर्वी हिमालय प्रदेश तथा छोटा नागपुर के पठार में जनसंख्या कम आबाद है।
कारण-
- इन प्रदेशों की शि उपजाऊ नहीं है। यह या तो रेतीली है या पथरीली।
- यहां यातायात के साधनों का विकास नहीं हो सका है।
- यहां की जलवायु स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है। यह या तो अत्यधिक गर्म है या अत्यधिक ठण्डी। हिमालय क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक वर्षा होती है।
- छोटा नागपुर क्षेत्र को छोड़कर अन्य भागों में निर्माण उद्योग विकसित नहीं है।
प्रश्न 12.
देश के चावल उत्पादक क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक क्यों है?
उत्तर-
देश के परम्परागत चावल उत्पादक क्षेत्र (तमिलनाडु, पश्चिमी बंगाल आदि) सबसे अधिक सघन जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र हैं।
इसका कारम यह है कि ये क्षेत्र बहुत उपजाऊ हैं तथा यहां पर्याप्त वर्षा होती है। दूसरे, चावल की खेती से सम्बन्धित अधिकतर कार्य हाथों से करने पड़ते हैं। इसलिए अधिक संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता अनुभव की जाती है जिससे लोगों के लिए आजीवकिा कमाने के अवसर बढ़ जाते हैं। तीसरे, चावल का उतपादन अधिक होने से लोगों को सस्ता भोजन उपलब्ध होता है। पास ही में मछली पकड़ने के क्षेत्र होने के कारण उन्हें प्रोटीनयुक्त भोजन भी मिल जाता है।
प्रश्न 13.
देश की जनसंख्या की संरचना का अध्ययन करना क्यों जरूरी है?
उत्तर-
किसी देश की जनसंख्या की संरचना को जानना क्यों आवश्यक है, इसके कई कारण हैं —
- सामाजिक एवं आर्थिक नियोजन के लिए किसी भी देश की जनसंख्या के विभिन्न लक्षणों जैसे जनसंख्या की आयु-संरचना, लिंगसंरचना, व्यवसाय संरचना आदि के आंकड़ों की जरूरत पड़ती है।
- जनसंख्या की संरचना के विभिन्न घटकों का देश के आर्थिक विकास से गहरा सम्बन्ध है। जहां एक ओर ये जनसंख्या संरचना घटक आर्थिक विकास से प्रभावित होते हैं, वहीं ये आर्थिक विकास की प्रगति एवं स्तर के प्रभाव से भी अछूते नहीं रह पाते। उदाहरण के लिए यदि किसी देश की जनसंख्या की आयु संरचना में बच्चों तथा बूढ़े लोगों का प्रतिशत बहुत अधिक है तो देश को शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं पर अधिक-से-अधिक वित्तीय साधनों को खर्च करना पड़ेगा। दूसरी ओर, आयु संरचना में कामगार आयु-वर्गों (Working age-groups) का भाग अधिक होने से देश के आर्थिक विकास की दर तीव्र हो जाती है।
प्रश्न 14.
आयु संरचना के अध्ययन के क्या लाभ हैं?
उत्तर-आयु संरचना के अध्ययन के अनेक लाभ हैं —
- बाल आयु वर्ग (0-14) की कुल जनसंख्या ज्ञात होने से सरकार को इन बातों का स्पष्ट पता लग सकता है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में कितनी सुविधाओं की आवश्यकता है। इसी के अनुसार नये स्कूलों, स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक केन्द्रों आदि का निर्माण कराया जाता है।
- साथ ही देश में कितने लोग मताधिकार वर्ग में हैं, इस बात की जानकारी भी हो सकती है। मताधिकार वर्ग के लोगों की जानकारी होना प्रजातन्त्र में अत्यन्त आवश्यक है। आयु संरचना के आंकड़ों के हिसाब से लगभग 58 प्रतिशत मतदाता होने चाहिएं, परन्तु देश में 60 प्रतिशत मतदाता हैं।
प्रश्न 15.
भारत में लिंग अनुपात कम होने के क्या कारण हैं?
उत्तर-
भारत में लिंग-अनुपात कम होने के कारणों के बारे में निश्चित तौर पर कुछ भी कहना सम्भव नहीं है। परन्तु भारतीय समाज में स्त्री का दर्जा निम्न होना इसका एक प्रमुख कारण माना जाता है। परिवार व्यवस्था में उसे निम्न दर्जा दिया गया है और पुरुष को ऊँचा। इसी कारण कम आयु में लड़कियों के स्वास्थ्य, खान-पान तथा देख-भाल की ओर कम ध्यान दिया जाता है। परिणामस्वरूप निम्न आयु वर्ग (0-6 वर्ष) में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की मृत्यु-दर अधिक है।
लिंग अनुपात कम होने के अन्य प्रमुख कारण हैं-जनगणना के समय स्त्रियों की अपेक्षाकृत कम गणना करना या पुरुषों की गणना बढ़ाकर करना, लड़कियों की जन्म दर कम होना तथा स्त्री भ्रूण-हत्या (Female Foeticide)।
प्रश्न 16.
भारत में शहरी आबादी के हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ने के क्या कारण हैं?
उत्तर-
उत्तर के लिए भाग III का प्रश्न नं० 4 पढ़ें।
III. निम्नलिखित के विस्तृत उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या घनत्व के प्रादेशिक प्रारूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि. मी. है। परन्तु प्रादेशिक स्तर पर जनसंख्या घनत्व में भारी अन्तर है। जनसंख्या घनत्व बिहार में सबसे अधिक है तो सबसे कम अरुणाचल प्रदेश में है। केन्द्र शासित प्रदेशों में यह अन्तर और भी अधिक है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में जनसंख्या धनत्व सबसे अधिक (9340 व्यक्ति) है, जबकि अण्डमान तथा निकोबार द्वीप समूह में यह मात्र 46 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० है।
- अधिक जनसंख्या घनत्व-प्रादेशिक स्तर परं, अधिक जनसंख्या घनत्व (400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० से अधिक) वाले क्षेत्र सतलुज, गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, कृष्णा एवं कावेरी नदियों के डेल्टे हैं। यहां पर उपजाऊ मिट्टी तथा अच्छी वर्षा के कारण कृषि का विकास अच्छा है। इसके अतिरिक्त बड़े औद्योगिक एवं प्रशासनिक नगरों जैसे लुधियाना, गुड़गांव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, कानपुर, पटना, कोलकाता, मुम्बई, चेन्नई, अहमदाबाद, बंगलौर (बंगलुरू) एवं हैदराबाद के आसपास भी अधिक जनसंख्या घनत्व पाया जाता है।
- कम जनसंख्या घनत्व-कम जनसंख्या घनत्व (200 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी० से कम) वाले क्षेत्र ऐसे हैं जो भौतिक विकलांगता से ग्रस्त (Physical handicapped) हैं। ऐसे क्षेत्र हैं
- उत्तर में हिमालय पर्वत श्रेणियों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल के पहाड़ी भाग,
- पूर्व में अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, मेघालय तथा त्रिपुरा राज्यों में,
- पश्चिमी राजस्थान के मरुस्थलीय भाग, गुजरात के दलदलीय क्षेत्रों तथा
- दक्षिण आन्तरिक प्रायद्वीपीय पठार में मध्य प्रदेश, पूर्वी महाराष्ट्र, पूर्वी कर्नाटक, तेलंगाना एवं तमिलनाडु का कुछ भाग शामिल है।
- औसत जनसंख्या घनत्व-अधिक जनसंख्या घनत्व के क्षेत्रों के बाह्य भाग औसत जनसंख्या घनत्व (200 से 300 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मी०) के क्षेत्र कहलाते हैं। सामान्यतः ये क्षेत्र कम और अधिक जनसंख्या घनत्व के क्षेत्रों के बीच पड़ते हैं। ऐसे क्षेत्र संख्या में कम ही हैं।
इससे इस बात का आभास हो जाता है कि भारत में जनसंख्या वितरण एवं घनत्व में भारी प्रादेशिक असमानताएं हैं।
प्रश्न 2.
भारत में लिंग अनुपात के राज्य स्तरीय प्रारूप का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर-
लिंग अनुपात से अभिप्राय है-प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की औसत संख्या। लिंग अनुपात को आजकल समाज में स्त्री के सम्मान को आंकने का पैमाना भी माना जाता है। अधिकतर धनी देशों में स्त्रियों की संख्या पुरुषों के बराबर है या उससे अधिक। विकसित देशों में 1050 स्त्रियां प्रति 1000 पुरुष हैं, जबकि विकासशील देशों में यह औसत 964 स्त्रियां प्रति 1000 पुरुष है। भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार लिंग अनुपात 944 स्त्रियां प्रति हज़ार पुरुष हैं। यह औसत विश्व की सबसे कम औसतों में से एक है।
राज्य स्तरीय प्रारूप-देश के सभी राज्यों में लिंग अनुपात एक समान नहीं है। भारत के केवल दो ही राज्य ऐसे हैं। जहां लिंग अनुपात स्त्रियों के पक्ष में है। ये राज्य है-केरल तथा तमिलनाडु। केरल में प्रति हज़ार पुरुषों पर 1099 स्त्रियां (2011 में) हैं। देश के अन्य राज्यों में अनुपात पुरुषों के पक्ष में है अर्थात् इन राज्यों में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या कम है जो निम्नलिखित उदाहरणों से स्पष्ट है
- पंजाब 899
- हरियाणा 885
- राजस्थान 935
- बिहार 912
- उत्तर प्रदेश 910
- तमिलनाडु 1000
लिंग अनुपात से राज्य प्रारूप में से एक बात और भी स्पष्ट हो जाती है कि देश के उत्तरी राज्यों में दक्षिणी राज्यों की तुलना में लिंग अनुपात कम है। यह बात समाज में स्त्री के निम्न स्थान को दर्शाती है। यह निःसन्देह एक चिन्ता का विषय है।
प्रश्न 3.
देश में जनसंख्या वितरण के प्रादेशिक प्रारूप की प्रमुख विशेषताओं को बताते हुए प्रारूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारत में जनसंख्या वितरण का प्रादेशिक प्रारूप तथा उसकी महत्त्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं —
- भारत में जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है। नदियों की घाटियों और समुद्र तटीय मैदानों में जनसंख्या बहुत सघन है, परन्तु पर्वतीय, मरुस्थलीय एवं अभाव-ग्रस्त क्षेत्रों में जनसंख्या बहुत ही विरल है। उत्तर के पहाड़ी प्रदेशों में देश के 16 प्रतिशत भू-भाग पर मात्र 3 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है, जबकि उत्तरी मैदानों में देश के 18 प्रतिशत भूमि पर 40 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। राजस्थान में देश के मात्र 6 प्रतिशत भू-भाग पर 6 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
- अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में बसी है। देश की कुल जनसंख्या का लगभग 71% भाग ग्रामीण क्षेत्रों में और लगभग 29% भाग शहरों में निवास करता है। शहरी जनसंख्या का भारी जमाव बड़े शहरों में है। कुल शहरी जनसंख्या का दो-तिहाई भाग एक लाख या इससे अधिक आबादी वाले प्रथम श्रेणी के शहरों में रहता है।
- देश के अल्पसंख्यक समुदायों का जमाव अति संवेदनशील एवं महत्त्वपूर्ण बाह्य सीमा क्षेत्रों में है। उदाहरण के लिए उत्तर-पश्चिमी भारत में भारत-पाक सीमा के पास पंजाब में सिक्खों तथा जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों का बाहुल्य है। इसी तरह उत्तर-पूर्व में चीन व बर्मा (म्यनमार) की सीमाओं के साथ ईसाई धर्म के लोगों का जमाव है। इस तरह के वितरण से अनेक सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक कठिनाइयां सामने आती हैं।
- एक ओर तटीय मैदानों एवं नदियों की घाटियों में जनसंख्या घनी है तो दूसरी ओर पहाड़ी, पठारी एवं रेगिस्तानी भागों में जनसंख्या विरल है। यह वितरण एक जनसांख्यिकी विभाजन (Demographic divide) जैसा लगता है।
प्रश्न 4.
बड़े शहरों में तेजी से आबादी बढ़ने के कारणों को समझाते हुए यह भी बताएं कि इससे कौन-सी समस्याएं बड़े-बड़े शहरों में उत्पन्न हो गयी हैं?
उत्तर-बड़े शहरों में आबादी बढ़ने का मुख्य कारण शहरी आकर्षण के अतिरिक्त निम्नलिखित तत्त्व हैं
- आधुनिक सुविधाएं-बड़े नगरों में अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, स्कूल तथा सिनेमाघर होते हैं। ये सब सुविधाएं गांवों में नहीं होतीं। अत: गांवों से बहुत सारे लोग शहरों में पलायन कर जाते हैं।
- ग्रामों में शिक्षा का प्रसार-गांवों का शिक्षित वर्ग गांवों में ही नौकरी नहीं करता। उसे नौकरी करने के लिए बहुत दूर नगरों में जाना पड़ता है।
- गांवों के भ्रमित नवयुवक-गांवों के कुछ शिक्षित लोग खेती करना पसन्द नहीं करते। वे वहां की संयुक्त परिवार प्रणाली से दुःखी होने के कारण भी नगरों की ओर पलायन करते हैं।
- नगरों में रोजगार के साधन-नगरों में कारखाने तथा व्यापार की अधिक सुविधाएं होने के कारण शीघ्र रोजगार मिल जाता है। अतः कई ग्रामीण बेरोज़गार होने के कारण शहरों में आकर बस जाते हैं।
प्रभाव (प्रमुख समस्याएं)-भारत गांवों का देश है। बीसवीं शताब्दी के आरम्भ में 10 में से 9 व्यक्ति गांवों में रहते थे। परन्तु अब स्थिति बदल गई है। प्रत्येक वर्ष लाखों व्यक्ति गांवों को छोड़कर शहरों की तरफ बढ़ रहे हैं। इससे शहरी जनसंख्या में बड़ी तेज़ी से वृद्धि हुई है। अब हर 4 में से 1 व्यक्ति शहर में रहता है। इसके अतिरिक्त शहरी जनसंख्या का अधिकांश भाग महानगरों में केन्द्रित हो गया है। बड़े नगरों में तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या आज चिन्ता का विषय बन गई है। इसके कई दुष्परिणाम सामने आए हैं जिन्होंने अनेक समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं:
- नगरों में वर्तमान साधनों तथा उपलब्ध जन-सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ गया है। लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना कठिन होता जा रहा है।
- नगरों में सफाई आदि की समस्या निरन्तर बनी रहती है। इससे प्रदूषण फैलता है।
- शहरी जनसंख्या बढ़ने से रोज़गार के अवसर कम होते जा रहे हैं जिससे निर्धनता बढ़ रही है।
- शहरी जनसंख्या में वृद्धि के साथ-साथ अपराधों में भी वृद्धि हो रही है।
- शिक्षा दिन-प्रतिदिन महंगी होती जा रही है।
- संयुक्त परिवार टूट गए हैं जिससे वृद्ध मां-बाप के लिए समस्याएं पैदा हो गई हैं।
- लोगों द्वारा गांवों को छोड़कर शहरों में जाने से कृषि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
प्रश्न 5.
भारत की जनसंख्या की सांस्कृतिक संरचना पर एक लेख लिखिए।
उत्तर-
- अनेक प्रजातियां-भारत में अनेक प्रजातियों के लोग रहते हैं-द्राविड़, मंगोल, आर्य आदि। इनके अतिरिक्त कुछ काकेशियन भी हैं। समय के साथ-साथ ये प्रजातियाँ आपस में एक-दूसरे से इस प्रकार घुल-मिल गई हैं कि अब उनके मूल लक्षण लुप्त हो गए हैं। फिर भी भारत के लोगों में बड़ी विविधता दिखाई पड़ती है। वास्तव में, भारतीय संस्कृति की सम्पन्नता इसकी विविधता में ही निहित है। सहिष्णुता की भावना, आदान-प्रदान तथा सब को अपने में मिलाने की प्रवृत्ति भारतीय संस्कृति के विशिष्ट गुण हैं।
- विभिन्न धर्म एवं भाषाएं-
- भारत के लोग भिन्न-भिन्न धर्मों का पालन करते हैं। वे धर्म, प्रदेश, राजनीति तथा भाषा के बन्धनों से मुक्त हैं। एक ही धर्म को मानने वाले लोग भिन्न-भिन्न भाषाएं बोलते हैं। भाषाएं प्रजातियों, धर्मों, जातियों तथा प्रदेशों की सीमाओं में नहीं बंधी हैं। इन प्रजातीय, धार्मिक, भाषायी तथा प्रादेशिक विविधताओं के बावजूद हम सभी भारतीय हैं।
- भारत हिन्दू, इस्लाम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी तथा अन्य कई धर्मों को मानने वाले लोगों का घर है। यहां किसी भी व्यक्ति को धर्म के आधार पर कोई विशेष अधिकार नहीं मिले हैं और न ही उसे किसी विशेष धर्म के कारण आर्थिक, राजनीतिक या सामाजिक क्षेत्र में कोई हानि ही उठानी पड़ती है।
- भारत में अनेक भाषाएं बोली जाती हैं। इनमें से कुछ का उद्गम संस्कृत से तथा कुछ का द्रविड़ से है। असमिया, उड़िया, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, गुजराती, तमिल, तेलुगू, पंजाबी, बंगला, मराठी, मलयालम, संस्कृत, सिन्धी और हिन्दी भारत की प्रमुख भाषाएं हैं। इनमें से दक्षिण भारत की चार भाषाओं-तमिल, तेलुगू, कन्नड़ तथा मलयालम की उत्पत्ति द्रविड़ भाषा से हुई है।
- भाषायी तथा साहित्यिक समानता-भाषा वैज्ञानिकों का मत है कि भारत की विभिन्न भाषाओं तथा उनके साहित्य में ऊपरी अन्तर के बावजूद, कई बातों में बहुत-सी समानताएं हैं। सभी भारतीय भाषाओं का सम्बन्ध ध्वनि से है। सभी की संरचना भी लगभग एक-सी है।
प्रश्न 6.
भारत में जनसंख्या वृद्धि की समस्या पर लेख लिखिए जिसमें समस्या के समाधान के उपायों को भी बताएँ।
उत्तर-जब किसी देश की जनसंख्या इसके प्राकृतिक साधनों की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ती है तो उसका देश के साधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भारत में प्रत्येक 10 वर्ष के बाद जनगणना होती है। सन् 1921 तक भारत की जनसंख्या कुछ घटती-बढ़ती रही अथवा स्थिर रही, परन्तु 1921 के पश्चात् जनसंख्या निरन्तर बढ़ रही है। जनसंख्या की इस वृद्धि के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं, जिनका वर्णन इस प्रकार है
- निम्न जीवन स्तर-अन्य देशों के जीवन स्तर के मुकाबले में भारतीय लोगों का जीवन स्तर बहुत निम्न है। यह समस्या वास्तव में जनसंख्या की वृद्धि के कारण ही उत्पन्न हुई है।
- वनों की कटाई-बढ़ती हुई जनसंख्या को आवास देने तथा भोजन जुटाने के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता पड़ती है, ताकि कृषि का विस्तार किया जा सके। यह भूमि वनों को काट कर प्राप्त की जाती है। इसके कारण वनों के कटाव से जुड़ी समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं; जैसे- भूमि का कटाव, बाढ़ों का अधिक आना, पर्यावरण का प्रदूषित होना तथा वन्य सम्पदा की हानि।
- पशुओं के लिए चारे का अभाव-भारत में केवल चार प्रतिशत क्षेत्र पर चरागाहें हैं। जनसंख्या की समस्या के कारण यदि इन्हें भी कृषि अथवा आवासों के निर्माण के लिए प्रयोग किया गया तो पशुओं के लिए चारे की समस्याएं और भी जटिल हो जाएंगी।
- भूमि पर दबाव-जनसंख्या की वृद्धि का सीधा प्रभाव भूमि पर पड़ता है। भूमि एक ऐसा साधन है जिसे बढ़ाया नहीं जा सकता। यदि भारत की जनसंख्या इस प्रकार बढ़ती रही तो भूमि पर भी दबाव पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप कृषि उत्पादों का और भी अधिक अभाव हो जाएगा।
- खनिजों का अभाव-हम बढ़ती हुई जनसंख्या की आवश्यकताओं को उद्योगों का विकास करके पूरा कर रहे हैं, परन्तु उद्योगों के विकास के लिए खनिजों की और भी अधिक आवश्यकता होगी। परिणामस्वरूप हमारे खनिजों के भण्डार शीघ्र समाप्त हो जाएंगे।
- पर्यावरण की समस्या-जनसंख्या में वृद्धि के कारण पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः स्वच्छ जल, स्वच्छ वायु की आपूर्ति एक समस्या बन गई है। वनस्पति की कमी के कारण ऑक्सीजन की भी कमी हो रही है।
समस्या का समाधान-जनसंख्या की वृद्धि की समस्या से निपटने के लिए निम्नलिखित उपाए किए जाने चाहिएं
- सीमित परिवार योजनाओं को अधिक महत्त्व देना चाहिए।
- लोगों को फिल्मों, नाटकों तथा अन्य साधनों द्वारा सीमित परिवार का महत्त्व समझाया जाए।
- देश में अनपढ़ता को दूर करने का प्रयास किया जाए ताकि लोग स्वयं भी बढ़ती हुई जनसंख्या की हानियों को समझ सकें। स्त्री शिक्षा पर विशेष बल दिया जाए।
- विवाह की न्यूनतम आयु में वृद्धि की जाए ताकि विवाह छोटी आयु में न हो सकें।
प्रश्न 7.
देश में शिक्षा के फैलाव के प्रयासों का आलोचनात्मक अध्ययन कीजिए।
उत्तर-
शिक्षा मानव के सम्पूर्ण विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक है। आजादी के समय देश में मात्र 14 प्रतिशत लोग ही साक्षर थे। साक्षरता का अर्थ कम-से-कम नाम लिखने और पढ़ने तक ही सीमित है। वर्ष 2001 में हुई जनगणना के अनुसार साक्षरता दर 74.01 प्रतिशत थी। पहले हमारे देश में केवल 6 करोड़ व्यक्ति ही साक्षर थे परन्तु अब इनकी संख्या बढ़कर 70 करोड़ से भी अधिक हो गयी है। इस प्रकार साक्षरता में 11 गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई है। परन्तु इस बीच जनसंख्या वृद्धि के कारण देश में निरक्षर लोगों की संख्या भी बढ़ गयी है। हमारे देश के संविधान के अनुसार चौदह वर्ष तक की आयु के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की गई है। परन्तु अभी भी इस लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सका है। इसका कारण यह है कि देश के हर गांव में स्कूल खोलना तथा हर माँ-बाप को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मनाना एक बहुत ही कठिन कार्य है। पहले 15 प्राथमिक स्कूलों के पीछे एक मिडिल स्कूल था, अब चार के पीछे एक मिडिल स्कूल है। इसके अतिरिक्त कई राज्य सरकारों ने चलते-फिरते स्कूलों तथा रात्रि स्कूलों का भी प्रबन्ध किया है। लड़कियों की शिक्षा पर विशेष जोर देने हेतु लड़कियों के लिए छात्रवृत्तियों का आकर्षण दिया गया है। परन्तु कई राज्यों में बच्चों का बीच में ही स्कूल की शिक्षा छोड़ देना चिन्ता का विषय बना हुआ है। यह बात उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार या राजस्थान में आम है। इन चारों ही राज्यों में साक्षरता प्रतिशत देश के सभी राज्यों से कम है। इसके विपरीत केरल राज्य देश का एक ऐसा राज्य है जहां साक्षरता दर न केवल सबसे अधिक है बल्कि बहुत ऊंची है।
अभी भी देश में 100 बच्चों में से मात्र 25 बच्चे ही आठवीं कक्षा तक पहुंच पाते हैं। इस प्रकार तीन चौथाई बच्चे शिक्षा के वास्तविक लाभ से वंचित हैं। देश में उच्च एवं औद्योगिक शिक्षा का भी भारी अभाव है।
IV. निम्नलिखित को मानचित्र पर दिखायें:
- अधिक जनसंख्या वाले चार क्षेत्र।
- अधिक साक्षरता दर वाले दो राज्य।
- सबसे अधिक व सबसे कम जनसंख्या वाले दो राज्य।
- अधिक जनसंख्या वृद्धि वाले चार क्षेत्र।
उत्तर-
विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
PSEB 10th Class Social Science Guide जनसंख्या Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
I. उत्तर एक शब्द अथवा एक लाइन में
प्रश्न 1.
जनसंख्या वितरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
जनसंख्या वितरण से तात्पर्य किसी क्षेत्र में जनसंख्या प्रारूप फैलाव लिए हुए है अथवा उसका एक ही जगह पर जमाव है।
प्रश्न 2.
जनसंख्या घनत्व का क्या अर्थ है?
उत्तर-
किसी क्षेत्र के एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोगों की औसत संख्या को उस क्षेत्र का जनसंख्या घनत्व कहते हैं।
प्रश्न 3.
भारत के जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक कौन-सा है और क्यों ?
उत्तर-
कृषि उत्पादकता।
प्रश्न 4.
(i) भारत में किस धर्म के लोगों में लिंग अनुपात सबसे अधिक तथा
(ii) किस धर्म के लोगों में सबसे कम है?
उत्तर-
(i) भारत में ईसाई धर्म के लोगों में लिंग अनुपात सबसे अधिक तथा।
(ii) सिक्खों में सबसे कम है।
प्रश्न 5.
भारत के अति सघन आबाद दो भागों के नाम बताइए।
उत्तर-
भारत में ऊपरी गंगा घाटी तथा मालाबार में अति सघन जनसंख्या है।
प्रश्न 6.
भारत के किन प्रदेशों की जनसंख्या का घनत्व कम है?
उत्तर-
भारत के उत्तरी पर्वतीय प्रदेश, घने वर्षा वनों वाले उत्तर-पूर्वी प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान के अत्यन्त शुष्क क्षेत्र और गुजरात के कच्छ क्षेत्र में जन-घनत्व कम है।
प्रश्न 7.
नगरों में जनसंख्या के बहुत तेजी से बढ़ने से क्या दुष्परिणाम हुए हैं?
उत्तर-
नगरों में जनसंख्या के बहुत तेजी से बढ़ने के कारण उपलब्ध संसाधनों और जन-सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ा है।
प्रश्न 8.
स्त्री-पुरुष अथवा लिंग अनुपात से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
प्रति हजार पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या को लिंग अनुपात कहते हैं।
प्रश्न 9.
अर्जक जनसंख्या से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
अर्जक जनसंख्या से अभिप्राय उन लोगों से है जो विभिन्न व्यवसायों में काम करके धन कमाते हैं।
प्रश्न 10.
आश्रित जनसंख्या क्या होती है ?
उत्तर-
आश्रित जनसंख्या में वे बच्चे तथा बूढ़े आते हैं जो काम नहीं कर सकते अपितु अर्जक जनसंख्या पर आश्रित रहते हैं।
प्रश्न 11.
भारत में रहने वाली चार प्रजातियों के नाम बताएं।
उत्तर-
भारत में रहने वाली चार प्रजातियां हैं-द्रविड़, मंगोल, आर्य और काकेशियन।
प्रश्न 12.
वे कौन-सी चार भाषाएं हैं जिनकी उत्पत्ति द्रविड़ भाषा से हुई है?
उत्तर-
तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम की उत्पत्ति द्रविड़ भाषा से हुई है।
प्रश्न 13.
मृत्यु-दर के तेज़ी से घटने का मुख्य कारण बताएं।
उत्तर-
मृत्यु-दर के तेज़ी से घटने का मुख्य कारण स्वास्थ्य सेवाओं का प्रसार है।
प्रश्न 14.
भारत में सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य है?
उत्तर-
सिक्किम।
प्रश्न 15.
भारत में जनसंख्या घनत्व कितना है?
उत्तर-
382 व्यक्ति प्रति वर्ग कि० मीटर।
प्रश्न 16.
पश्चिमी बंगाल में जनसंख्या घनत्व कितना है?
उत्तर-
1082 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर।
प्रश्न.17.
भारत में सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्य का नाम बताइए।
उत्तर-
बिहार।
प्रश्न 18.
भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य कौन-सा है?
उत्तर-
उत्तर प्रदेश।
प्रश्न 19.
भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार लिंग-अनुपात है?
उत्तर-
944 स्त्रियां प्रति एक हज़ार पुरुष।
प्रश्न 20.
भारत में सबसे अधिक साक्षरता दर वाला राज्य कौन-सा है?
उत्तर-
केरल।
प्रश्न 21.
भारत में सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य है?
उत्तर-
अरुणाचल प्रदेश।
II. रिक्त स्थानों की पूर्ति
- 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल शहरी जनसंख्या लगभग ………. है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों का प्रतिशत ………….. है।
- 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में जनसंख्या घनत्व ………… प्रति वर्ग किलोमीटर है।
- देश में मुख्य श्रमिकों का प्रतिशत ……………. है।
- देश में मुख्य श्रमिकों का सबसे अधिक प्रतिशत …………… में है।
- देश में 15-65 आयु वर्ग में ……………. प्रतिशत जनसंख्या है।
उत्तर-
- 1.35 करोड़,
- 40 %,
- 382,
- 37.50,
- आंध्रप्रदेश,
- 58.4।
III. बहुविकल्पीय
प्रश्न 1.
जनसंख्या की दृष्टि भारत का विश्व में स्थान है
(A) दूसरा
(B) चौथा
(C) पाँचवां
(D) नौवां।
उत्तर-
(A) दूसरा
प्रश्न 2.
पंजाब में पूरे देश की लगभग जनसंख्या निवास करती है
(A) 1.3%
(B) 2.3 %
(C) 3.2%
(D) 1.2%
उत्तर-
(B) 2.3 %
प्रश्न 3.
देश की कितने प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है?
(A) 79%
(B) 75%
(C) 78%
(D) 71%
उत्तर-
(D) 71%
प्रश्न 4.
2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब में जनसंख्या घनत्व है
(A) 888
(B) 944
(C) 550
(D) 933
उत्तर-
(C) 550
प्रश्न 5.
2011 की जनगणना के अनुसार देश में प्रति 1000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या थी —
(A) 944
(B) 933
(C) 939
(D) 894
उत्तर-
(A) 944
IV. सत्य-असत्य कथन
प्रश्न-सत्य/सही कथनों पर (✓) तथा असत्य/ग़लत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं
1. जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में भारत का पहला स्थान है।
2. देश के पर्वतीय तथा मरुस्थलीय क्षेत्रों में जनसंख्या बहुत सघन है।
3. निर्धन देशों में बाल्य आयु वर्ग (0-14 वर्ष) की जनसंख्या का प्रतिशत अधिक है।
4. भारत में लिंग-अनुपात कम अर्थात् प्रतिकूल है।
5. जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि दर जन्म-दर तथा मृत्यु दर के अन्तर पर निर्भर करती है।
उत्तर-
1. (✗),
2. (✗),
3. (✓),
4. (✓),
5. (✓).
V. उचित मिलान
- प्रति हजार पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या – आश्रित जनसंख्या
- बच्चे और बूढ़े – बिहार
- भारत का सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला राज्य – उत्तर प्रदेश
- भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य – लिंग अनुपात
उत्तर-
- प्रति हज़ार पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या-लिंग अनुपात,
- बच्चे और बूढ़े-आश्रित जनसंख्या,
- भारत का सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला राज्य–बिहार,
- भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्यउत्तर प्रदेश।
छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
भारत में असमान जनसंख्या वितरण के तीन कारण दीजिए।
उत्तर-
भारत में असमान जनसंख्या वितरण के तीन कारण निम्नलिखित हैं —
- भूमि का उपजाऊपन-भारत के जिन राज्यों में उपजाऊ भूमि का अधिक विस्तार है, वहां जनसंख्या का घनत्व अधिक है। उत्तर प्रदेश तथा बिहार ऐसे ही राज्य हैं।
- वर्षा की मात्रा-अधिक वर्षा वाले भागों में प्रायः जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। उत्तरी भारत में पूर्व से पश्चिम को जाते हुए वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। इसलिए जनसंख्या का घनत्व भी घटता जाता है।
- जलवायु-जहां जलवायु स्वास्थ्य के लिए अनुकूल होती है, वहां भी जनसंख्या घनत्व अधिक होता है। असम में वर्षा अधिक होते हुए भी अधिक नमी के कारण मलेरिया का प्रकोप बना रहता है। यही कारण है कि वहां जनसंख्या का घनत्व कम है।
प्रश्न 2.
भारतीय जनसंख्या की वृद्धि भारत के लिए समस्या क्यों बनी हुई है?
उत्तर-
भारत का क्षेत्रफल तो उतना ही है, परन्तु स्वतन्त्रता के बाद देश की जनसंख्या लगभग तिगुनी हो गई है। आज यह 1.95 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इतनी बड़ी जनसंख्या की मूल आवश्यकताएं पूरी करना बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। देश के इन लोगों के लिए स्कूलों, अस्पतालों तथा अन्य सेवाओं की व्यवस्था करना आसान नहीं है। जनसंख्या की वृद्धि के साथ संचार तथा यातायात की सेवाओं में भी वृद्धि करनी होगी। सबसे बड़ी समस्या मानवीय संसाधनों में गुणवत्ता का समावेश करना है।
प्रश्न 3.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के तीन बुरे प्रभाव बताइए।
उत्तर-
भारत में जनसंख्या वृद्धि के तीन बुरे प्रभाव निम्नलिखित हैं
- लोगों को जीवन की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं तथा उनका जीवन स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है।
- भारत में बेरोज़गारी की समस्या गम्भीर रूप धारण करती जा रही है।
- जनसंख्या वृद्धि से कृषि पर दबाव बढ़ गया है। इसके परिणामस्वरूप लोग गांवों से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। इससे शहरों में प्रदूषण, बेरोजगारी तथा अपराध की दर में वृद्धि हुई है।
प्रश्न 4.
भारत की जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना क्यों असन्तुलित है?
उत्तर-
भारत की जनसंख्या का दो-तिहाई भाग कृषि पर आश्रित है। भारत में कुल अर्जक जनसंख्या का केवल 10 प्रतिशत भाग ही उद्योगों में लगा हुआ है। जनसंख्या का शेष एक-चौथाई भाग तृतीयक व्यवसायों अर्थात् सेवाओं में लगा हुआ है। इस व्यावसायिक संरचना से एक बात स्पष्ट है कि हमारी जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग अर्थव्यवस्था के गौण क्षेत्र में काम करता है। गौण क्षेत्र में निर्माण उद्योग आते हैं, जिनके द्वारा हम कच्चे माल से उपयोगी वस्तुएं बनाकर राष्ट्रीय आय में वृद्धि करते हैं। अतः जिन क्षेत्रों में अधिक लोग लगे होने चाहिएं, वहां नहीं लगे हैं। इसलिए हमारी जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना असन्तुलित है।
प्रश्न 5.
उत्तरी भारत का मैदान अधिक घना आबाद क्यों है? दो कारण दीजिए।
उत्तर-
उत्तरी भारत के मैदान के घने आबाद होने के दो कारण निम्नलिखित हैं —
- इन प्रदेशों की जलवायु स्वास्थ्य के लिए अच्छी है तथा यहां की मिट्टी उपजाऊ है और कृषि व्यवसाय उन्नत है।
- यहां यातायात के साधन उन्नत हैं और ये प्रदेश औद्योगिक दृष्टि से काफ़ी विकसित हैं।
प्रश्न 6.
भारत के कौन-से तीन भाग विरल आबाद हैं ? इसके लिए उत्तरदायी तीन महत्वपूर्ण कारण भी बताइए।
उत्तर-
भारत के थार मरुस्थल, पश्चिमी हिमालय प्रदेश तथा छोटा नागपुर के पठार में जनसंख्या विरल आबाद है।
कारण —
- इन प्रदेशों की भूमि उपजाऊ नहीं है। यह या तो रेतीली है या पथरीली।
- यहां यातायात के साधनों का विकास नहीं हो सका है।
- यहां की जलवायु स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है।
प्रश्न 7.
भारत को दृष्टि में रखते हुए निम्नलिखित की व्याख्या करो
1. जनगणना 2. जनसंख्या का औसत घनत्व 3. मृत्यु-दर।
उत्तर-
- जनगणना-सरकार प्रत्येक 10 वर्ष के बाद देश के सभी लोगों की गणना करवाती है। इस प्रक्रिया को जनगणना कहते हैं। इसमें कुछ सामाजिक तथा आर्थिक आंकड़े भी एकत्र किए जाते हैं। भारत में अन्तिम जनगणना 2011 ई० में हुई थी।
- जनसंख्या का औसत घनत्व-किसी प्रदेश के एक इकाई क्षेत्र में रहने वाले लोगों की औसत संख्या उस प्रदेश की जनसंख्या का औसत घनत्व कहलाती है। इसे प्राय: ‘व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर’ में व्यक्त किया जाता है। 2011 ई० की जनगणना के अनुसार भारत में जनसंख्या का औसत घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
- मृत्यु दर-इससे हमारा अभिप्राय मरने वालों की संख्या से है। जन्म-दर की भान्ति मरने वालों की संख्या को भी हम प्रति हज़ार में व्यक्त करते हैं। प्रति हज़ार व्यक्तियों के पीछे जितने व्यक्तियों की मृत्यु होती है, उसे मृत्यु-दर कहते हैं।
प्रश्न 8.
आश्रित अनुपात का क्या अर्थ है? भारत में आश्रित अनुपात अपेक्षाकृत ऊंचा क्यों है? दो कारण दीजिए।
उत्तर-
आश्रित अनुपात से अभिप्राय जनसंख्या का वह भाग है, जो स्वयं आय अर्जित नहीं करता। काम न करने वाले बूढ़े और बच्चे आश्रित जनसंख्या में गिने जाते हैं। कुल जनसंख्या का जितने प्रतिशत भाग आश्रित जनसंख्या होती है उसका अनुपात ही आश्रित अनुपात कहलाता है।
कारण —
- भारत में परम्परागत रूप से संयुक्त परिवार प्रणाली चली आ रही है। इसलिए वहां बूढ़ों और बच्चों को अन्य देशों की तुलना में रोजी रोटी की गारण्टी होती है।
- निरक्षरता तथा रूढ़िवादिता ने भी इस बात को बढ़ावा दिया है।
प्रश्न 9.
भारतीय नियोजन की सबसे बड़ी भूल क्या है? इसके क्या परिणाम निकले हैं?
उत्तर-
अर्थशास्त्री प्रोफेसर अमर्त्य सेन के अनुसार मानव संसाधनों के विकास पर समुचित ध्यान न देना भारतीय नियोजन (Indian Planning) की बहुत बड़ी भूल है। यह हमारी आर्थिक विफलताओं का मूल कारण है। ऐसा माना जाता है कि सामाजिक न्याय के पहलुओं पर समुचित ध्यान न देने के कारण स्वतन्त्र भारत में हुए आर्थिक विकास का लाभ निर्धनों, महिलाओं तथा समाज के कमजोर एवं शोषित वर्गों तक नहीं पहुंच पाया। परिणामस्वरूप देश में आर्थिक विकास के साथ-साथ गहरी सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक व राजनीतिक विषमताएं पैदा हो गई हैं। आजकल हमें देश में जो जातीय, धार्मिक एवं क्षेत्रीय संघर्ष देखने को मिल रहे हैं, इनके मूल में मानव संसाधनों के विकास की अवहेलना है।
प्रश्न 10.
जनसंख्या वितरण तथा जनसंख्या घनत्व में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जनसंख्या वितरण का सम्बन्ध स्थान से तथा घनत्व का सम्बन्ध अनुपात से है। जनसंख्या वितरण का अर्थ यह है कि देश के किसी एक भाग में जनसंख्या का क्षेत्रीय प्रारूप (Pattern) कैसा है। हम यह भी कह सकते हैं कि जनसंख्या वितरण में इस बात की जानकारी प्राप्त की जाती है कि जनसंख्या प्रारूप फैलाव लिए है या इसका एक ही स्थान पर अधिक जमाव है। इसके विपरीत जनसंख्या घनत्व में, जिनका सम्बन्ध आकार एवं क्षेत्र से होता है, मनुष्य तथा क्षेत्र के अनुपात पर ध्यान दिया जाता है।
प्रश्न 11.
संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है? दो कारण बताइए।
उत्तर-
जनसंख्या की वृद्धि और आर्थिक विकास के कारण साधनों का निरन्तर उपभोग हुआ है। यदि साधनों के उपभोग की यही गति रही तो एक दिन आर्थिक विकास रुक जाएगा और मानव सभ्यता का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। अत: साधनों का संरक्षण अनिवार्य हो गया है। निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट हो जाएगा कि साधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है —
- आज मानव-आवास के कारण घने बसे देशों में भूमि दुर्लभ हो गई है। कृषि के लिए उपयोगी भूमि पर भी मकान बन रहे हैं। अतः यह आवश्यक हो गया है कि उपलब्ध भूमि का सर्वोत्तम उपयोग किया जाए।
- भूमिगत जल के निरन्तर उपयोग से जल-स्तर नीचा हो गया है, जिससे कृषि पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए भूमिगत जल का संरक्षण भी आवश्यक हो गया है।
प्रश्न 12.
राजस्थान तथा अरुणाचल प्रदेश में जनसंख्या कम क्यों है?
उत्तर-
भारत में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां जीवन की सुविधाएं काफ़ी कठिनता से प्राप्त होती हैं। इन क्षेत्रों में या तो जलवायु कठोर है अथवा भूमि उपजाऊ नहीं है या ये क्षेत्र पहाड़ी हैं। ऐसे क्षेत्रों में कृषि करना बड़ा कठिन कार्य है। इसके अतिरिक्त सिंचाई की सुविधाएँ भी कम हैं। इसके कारण उत्पादन भी कम होता है। ऐसे क्षेत्रों में उद्योग भी उन्नति नहीं कर सकते। राजस्थान तथा अरुणाचल प्रदेश में जनसंख्या कम होने के यही कारण हैं।
छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या के असमान वितरण के लिए उत्तरदायी किन्हीं पाँच कारकों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भारत में जनसंख्या का वितरण एक समान नहीं है। इसके लिए निम्नलिखित अनेक तत्त्व उत्तरदायी हैं —
- भूमि का उपजाऊपन-भारत के जिन राज्यों में उपजाऊ भूमि का अधिक विस्तार है, वहां जनसंख्या का घनत्व अधिक है। उत्तर प्रदेश तथा बिहार ऐसे ही राज्य हैं।
- वर्षा की मात्रा-अधिक वर्षा वाले भागों में प्रायः जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है। उत्तरी भारत में पूर्व से पश्चिम को जाते हुए वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। इसलिए जनसंख्या का घनत्व भी घटता जाता है।
- जलवायु-जहां जलवायु स्वास्थ्य के लिए अनुकूल है, वहां भी जनसंख्या घनत्व अधिक होता है, इसके विपरीत जिन प्रदेशों में जलवायु स्वास्थ्य के लिए अच्छी न हो, वहां जनसंख्या का घनत्व कम होता है। असम में वर्षा अधिक होते हुए भी जनसंख्या का घनत्व कम है, क्योंकि वहां अधिक नमी के कारण मलेरिया का प्रकोप अधिक रहता है।
- परिवहन के उन्नत साधन-परिवहन के साधनों के अधिक विकास के कारण व्यापार की प्रगति तीव्र हो जाती है जिससे जनसंख्या का घनत्व भी अधिक हो जाता है। उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार इत्यादि राज्यों में अधिक जनसंख्या होने का एक कारण परिवहन के साधनों का विकास है।
- औद्योगिक विकास-जिन स्थानों पर उद्योग स्थापित हो जाते हैं, वहां पर भी जनसंख्या का घनत्व बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि औद्योगिक क्षेत्रों में आजीविका कमाना सरल होता है। दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता आदि नगरों में औद्योगिक विकास के कारण ही जनसंख्या अधिक है। इसके अतिरिक्त ऐसे क्षेत्रों में जहां प्राकृतिक संसाधन अधिक होते हैं, वहां भी जनसंख्या अधिक होती है।
प्रश्न 2.
नीचे भारत की जनसंख्या से सम्बन्धित पाँच समस्याएं दी गई हैं। नीचे लिखी प्रत्येक समस्या से सम्बन्धित एक दुष्प्रभाव बताइए तथा प्रत्येक दुष्प्रभाव का एक व्यावहारिक समाधान सुझाइए।
- जनसंख्या का उच्च घनत्व
- असंतुलित स्त्री-पुरुष अनुपात
- सभी के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं
- पर्यावरण (बढ़ती हुई जनसंख्या के सन्दर्भ में)
- स्त्रियों की आर्थिक सहभागिता।
उत्तर-
- जनसंख्या का उच्च घनत्व-जनसंख्या के उच्च घनत्व से भोजन तथा आवास की समस्या पैदा होती है। इस समस्या के समाधान के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम को अधिक-से-अधिक लोकप्रिय बनाना चाहिए।
- असंतुलित स्त्री-पुरुष अनुपात-यह अनुपात पुरुषों के पक्ष में होने के कारण देश में आज भी स्त्रियों की स्थिति कमज़ोर बनी हुई है। इस समस्या से निपटने के लिए लोगों में इस बात की जागृति पैदा करना आवश्यक है कि वे कन्याजन्म को अशुभ न माने और उनके पालन-पोषण की ओर उचित ध्यान दें।
- सभी के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं-जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के कारण देश में सभी के लिए उचित स्वास्थ्य सेवाएं जुटा पाना असंभव है। अत: देश में अनेक रोगग्रस्त लोग चिकित्सा के अभाव में दम तोड़ देते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए हमें स्वास्थ्य सेवाओं का ‘सचल साधनों’ तथा अन्य तरीकों द्वारा विस्तार करना चाहिए।
- पर्यावरण की समस्या-बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है और पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। पर्यावरण के बचाव के लिये जनसंख्या की वृद्धि पर रोक लगानी चाहिए तथा वन क्षेत्रों का विस्तार करना चाहिए।
- स्त्रियों की आर्थिक सहभागिता- भारत में अधिकांश स्त्रियां अब भी घर के काम-काज तक सीमित हैं और उनकी आर्थिक सहभागिता नगण्य है। इसलिए अधिकांश परिवारों की वार्षिक आय सीमित है। अतः स्त्री-शिक्षा के विस्तार से स्त्रियों की आर्थिक सहभागिता को बढ़ाना चाहिए।
जनसंख्या PSEB 10th Class Geography Notes
- मानव संसाधन-मनुष्य अपने पारितन्त्र का मात्र एक अंग ही नहीं रह गया, अब वह अपने लाभ के लिए पर्यावरण में परिवर्तन भी कर सकता है। अब उसकी शक्ति उसकी गुणवत्ता में समझी जाती है। राष्ट्र को ऊंचा उठाने के लिए हमें अपने मानवीय संसाधनों को विकसित, शिक्षित एवं प्रशिक्षित करना अनिवार्य है। तभी प्राकृतिक संसाधनों का विकास सम्भव हो सकेगा।
- 2011 की जनगणना-2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 121 करोड़ है। यह संसार की कुल जनसंख्या का 17.2% भाग है।
- देश की अधिकतर जनसंख्या मैदानी भागों में निवास करती है। देश में जनसंख्या का घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
- ग्रामीण तथा शहरी विभाजन-2011 की जनगणना के अनुसार भारत में शहरी जनसंख्या 29 प्रतिशत है। शेष 71% लोग गांवों में रहते हैं।
- व्यावसायिक संरचना-हमारी जनसंख्या का 2/3 भाग आज भी कृषि पर आश्रित है। भारत की अर्जक जनसंख्या का केवल 10% भाग ही उद्योगों में लगा हुआ है। शेष एक चौथाई भाग तृतीयक अर्थात् सेवाओं में लगा हुआ है।
- स्त्री-पुरुष अनुपात-स्त्री-पुरुष के सांख्यिकी अनुपात को स्त्री-पुरुष अनुपात कहते हैं। इसे प्रति हज़ार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है।
- आयु संरचना-जनसंख्या को सामान्यतः तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है-(1) 15 वर्ष से कम आयु-वर्ग (2) 15 से 65 वर्ष का आयु वर्ग तथा (3) 65 वर्ष से अधिक का आयु वर्ग। इस विभाजन को जनसंख्या का पिरामिड कहा जाता है।
- अर्जक तथा आश्रित जनसंख्या-भारत में जनसंख्या का 41.6% भाग आश्रित है। शेष 58.4% अर्जक जनसंख्या को आश्रित जनसंख्या का निर्वाह करना पड़ता है।
- बढ़ती जनसंख्या-जनसंख्या की वृद्धि दर जन्म-दर तथा मृत्यु-दर के अन्तर पर निर्भर करती है। भारत की मृत्यु दर तो काफ़ी नीचे आ गई है परन्तु जन्म-दर बहुत धीमे से घटी है। मृत्यु-दर के घटने का मुख्य कारण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार रहा है।
- साक्षरता-स्वतन्त्रता के समय हमारे देश में केवल 14% लोग ही साक्षर थे। 2011 में यह प्रतिशत बढ़कर 74.01% हो गया।