Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 3 राज्य सरकार Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 3 राज्य सरकार
SST Guide for Class 10 PSEB राज्य सरकार Textbook Questions and Answers
(क) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर एक शब्द/एक पंक्ति (1-15 शब्दों) में दें
प्रश्न 1.
राज्य विधानमण्डल के कितने सदन होते हैं?
उत्तर-
दो सदन-विधानसभा तथा विधानपरिषद्।
प्रश्न 2.
राज्य विधानसभा के बारे में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें
(i) सदस्य बनने के लिए क्या योग्यताएं हैं?
(ii) इसके कम-से-कम या अधिक-से-अधिक कितने सदस्य हो सकते हैं?
(iii) साधारण विधेयक को कानून बनने के लिए किन चरणों या पड़ावों में से गुजरना पड़ता है?
(iv) विधानसभा का सदस्य बनने के लिए कम-से-कम आयु कितनी है?
(v) अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है?
उत्तर-
(i) राज्य विधानसभा का सदस्य बनने की योग्यताएं
- वह भारत का नागरिक हो।
- उसकी आयु कम-से-कम 25 वर्ष हो।
- वह पागल या दिवालिया न हो।
- वह केन्द्र सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी लाभप्रद पद पर न हो। (कोई एक लिखो)
(ii) सदस्य संख्या-मूल संविधान के अनुसार राज्य विधानसभा के अधिक-से-अधिक 500 और कम-से-कम 60 सदस्य हो सकते हैं।
(iii) साधारण विधेयक के चरण-
- प्रस्तुति और परिचय
- विधेयक की प्रत्येक धारा पर बहस
- विधेयक पर समग्र रूप से मतदान
- विधेयक दूसरे सदन में।
(iv) विधानसभा सदस्य बनने के लिए कम-से-कम आयु-25 वर्ष।
(v) अध्यक्ष का चुनाव-विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव विधानसभा के सदस्य अपने में से करते हैं।
प्रश्न 3.
राज्य की विधान परिषद् के बारे में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें (i) विधान परिषद् के कितने सदस्य हो सकते हैं? (ii) विधान परिषद् का कार्यकाल कितना है ?
उत्तर-
(i) विधान परिषद् की सदस्य संख्या-विधान परिषद् के सदस्यों की संख्या राज्य विधानसभा के एक तिहाई सदस्यों से अधिक नहीं होनी चाहिए और कम-से-कम संख्या 40 होनी चाहिए।
(ii) विधान परिषद् का कार्यकाल-विधान परिषद् के प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल छः वर्ष होता है।
प्रश्न 4.
राज्य विधानमण्डल की चार शक्तियों का वर्णन करें।
उत्तर-
- मन्त्रिपरिषद् पर नियन्त्रण रखना।
- कर लगाने, कर संशोधन करने या बजट पास करने का अधिकार।
- राज्य सूची तथा समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाना।
- सदन की मर्यादा भंग करने वालों को दण्ड देने का अधिकार। (कोई एक लिखें)
प्रश्न 5.
राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति कैसे होती है?
उत्तर-
राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा पांच वर्ष के लिए की जाती है।
प्रश्न 6.
मुख्यमन्त्री की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है?
उत्तर-
मुख्यमन्त्री की नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है।
प्रश्न 7.
संवैधानिक संकट के समय राज्यपाल की क्या स्थिति होती है?
उत्तर-
संवैधानिक संकट के समय राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता है और राज्यपाल राज्य का वास्तविक कार्याध्यक्ष बन जाता है।
प्रश्न 8.
राज्यपाल का कार्यकाल कितना है?
उत्तर-
राज्यपाल का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें
(i) उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल कितना है?
(ii) इसकी योग्यताएं क्या हैं?
(ii) उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या कितनी होती है?
(iv) लोक अदालतों से आप क्या समझते हैं ?
(v) क्या आपके राज्य में दो सदनी विधानपालिका है?
उत्तर-
(i) उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल-उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक अपने पद पर बने रह सकते हैं।
(ii) उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की योग्यताएं-
- वह भारत का नागरिक हो।
- वह दस वर्ष तक किसी अधीनस्थ न्यायालय में न्यायाधीश रह चुका हो।
- उसने दस वर्ष तक किसी उच्च न्यायालय में वकालत की हो।
(iii) उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या-उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश तथा कुछ अन्य न्यायाधीश होते हैं। इनकी संख्या निश्चित नहीं होती है। इनकी संख्या राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर है।
(iv) लोक अदालतें-निर्धन और शोषित लोगों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए कुछ समय पूर्व देश में लोक अदालतें स्थापित की गईं। 6 अक्तूबर, 1985 को पहली लोक अदालत दिल्ली में बैठी थी। इसमें 150 दुर्घटना सम्बन्धी विवादों को निपटाया गया था।
(v) नहीं। हमारे राज्य पंजाब में दो सदनी विधानपालिका नहीं है।
(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में दें
प्रश्न 1.
राज्यपाल की प्रशासनिक शक्तियों का वर्णन करें।
उत्तर-
राज्यपाल की प्रशासनिक शक्तियां निम्नलिखित हैं
- राज्य का सारा शासन प्रबन्ध उसी के नाम पर चलता है।
- राज्य में शान्ति एवं सुरक्षा बनाए रखना उसका उत्तरदायित्व है। इसमें उसकी सहायता करने तथा परामर्श देने के लिए मुख्यमन्त्री सहित मन्त्रिपरिषद् का प्रावधान है।
- वह विधानसभा में बहुमत दल के नेता को मुख्यमन्त्री नियुक्त करता है। मुख्यमन्त्री के परामर्श पर वह अन्य मन्त्रियों की नियुक्ति करता है।
- वह राज्य के समस्त उच्च पदाधिकारियों को नियुक्त करता है। वह राज्य के महाधिवक्ता तथा राज्य सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों को नियुक्त करता है।
- वह उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति में राष्ट्रपति को परामर्श देता है। (कोई तीन लिखें!)
प्रश्न 2.
मुख्यमंत्री, मन्त्रिमण्डल की नियुक्ति का वर्णन करें।
उत्तर-
केन्द्र की भान्ति राज्यों में भी शासन की संसदीय प्रणाली अपनाई गई है। राज्यपाल नाममात्र का अध्यक्ष होता है। इसकी सहायता एवं परामर्श के लिए मुख्यमन्त्री एवं उसका मन्त्रिमण्डल होता है। मन्त्रिमण्डल राज्य की वास्तविक कार्यपालिका होती है। राज्यपाल विधानसभा के बहुमत दल के नेता को मुख्यमन्त्री नियुक्त करता है। मुख्यमन्त्री के परामर्श पर वह अन्य मन्त्रियों को नियुक्त करता है। राज्यपाल मुख्यमन्त्री द्वारा दी गई सूची में न तो अपनी इच्छा से कोई नाम जोड़ सकता है और न ही सूची में दिए गए नामों में से किसी नाम को काट सकता है।
प्रश्न 3.
विधानमण्डल की चार शक्तियों का वर्णन करें।
उत्तर-
विधानमण्डल की शक्तियों का वर्णन इस प्रकार है
- वैधानिक शक्तियां-विधानमण्डल राज्य सूची तथा समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बना सकती है।
- कार्यपालिका शक्तियां-
- राज्य की मन्त्रिपरिषद् विधानमण्डल के प्रति उत्तरदायी होती है।
- वह राज्य मन्त्रिपरिषद् के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव पास करके उसे हटा सकता है।
- इसके सदस्य मन्त्रियों से प्रश्न पूछ सकते हैं।
- इसके सदस्य विभिन्न प्रस्ताव पेश करके भी मन्त्रिपरिषद् पर नियन्त्रण रखते हैं।
- वित्तीय शक्तियां-विधानमण्डल राज्य के आय-व्यय पर नियन्त्रण रखता है। वह राज्य का वार्षिक बजट पास करता है। इसकी स्वीकृति के बिना न तो कोई कर लगाया जा सकता है और न ही कुछ व्यय किया जा सकता है।
- विविध शक्तियां-
- विधानमण्डल के निम्न सदन (विधानसभा) के चुने हुए सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं।
- विधानसभा के सदस्य विधान परिषद् के 1/3 सदस्यों का निर्वाचन करते हैं।
- विधानसभा राज्य में विधानपरिषद् की स्थापना अथवा समाप्ति का प्रस्ताव पास करती है।
प्रश्न 4.
राज्यपाल की ऐच्छिक शक्तियों का वर्णन करें।
उत्तर-
राज्यपाल की स्थिति वैसी नहीं है जैसी केन्द्र में राष्ट्रपति की है। केन्द्र में यह संवैधानिक प्रावधान है कि राष्ट्रपति को मन्त्रिपरिषद् के परामर्श के अनुसार ही कार्य करना पड़ता है। इसके विपरीत राज्यपाल कुछ परिस्थितियों में अपने विवेक के अनुसार कार्य कर सकता है। राज्यपाल की इस शक्ति को स्व-विवेक की शक्ति अथवा ऐच्छिक शक्ति कहते हैं।
राज्यपाल निम्नलिखित परिस्थितियों में अपने स्वविवेक से कार्य कर सकता है
- यदि विधानसभा में किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त न हो तो वह स्वविवेक से मुख्यमन्त्री की नियुक्ति कर सकता है।
- वह राष्ट्रपति को संवैधानिक यन्त्र के विफल हो जाने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर सकता है।
- राज्य में अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा करने के लिए।
- राज्य विधानमण्डल द्वारा पास किए गए किसी विधेयक को राष्ट्रपति के विचारार्थ सुरक्षित रखने के लिए।
प्रश्न 5.
मन्त्रिमण्डल के चार कार्यों की व्याख्या करें।
उत्तर-
मन्त्रिमण्डल के तीन कार्यों का वर्णन इस प्रकार है-
- नीति-निर्माण-राज्य मन्त्रिमण्डल का मुख्य कर्त्तव्य राज्य के लोगों की समस्याओं का समाधान करना होता है। इसके लिए वह आर्थिक, सामाजिक, औद्योगिक तथा कृषि सम्बन्धी नीति का निर्माण करता है।
- प्रशासन-प्रत्येक मन्त्री राज्य के किसी विभाग का अध्यक्ष होता है। वह विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों की सहायता से अपने विभाग का प्रशासन चलाता है।
- वैधानिक शक्तियां-राज्य विधानमण्डल में अधिकतर बिल मन्त्रियों द्वारा पेश किए जाते हैं। मन्त्रिपरिषद् की इच्छा के विरुद्ध कोई भी बिल पास नहीं हो सकता। राज्य विधानमण्डल की बैठकें राज्यपाल मन्त्रिमण्डल की सलाह से ही बुलाता है। मन्त्रिमण्डल की सलाह से ही वह विधानसभा को भंग कर सकता है तथा अध्यादेश जारी करता है।
- वित्तीय शक्तियां-राज्य का वार्षिक बजट मन्त्रिमण्डल तैयार करता है। वित्तमन्त्री इसे विधानमण्डल में प्रस्तुत करता है। मन्त्रिमण्डल ही यह निर्णय करता है कि कौन-से नए कर लगाए जायें, किन करों को घटाया या बढ़ाया जाए तथा धन का प्रयोग किस प्रकार से किया जाए। (कोई तीन लिखें)
प्रश्न 6.
संवैधानिक संकट की घोषणा का राज्य प्रशासन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति में राज्यपाल की सलाह पर राष्ट्रपति राज्य में संवैधानिक आपात्काल की घोषणा कर सकता है। इसका परिणाम यह होता है कि सम्बद्ध राज्य की विधानसभा को भंग अथवा निलम्बित कर दिया जाता है। राज्य की मन्त्रिपरिषद् को भी भंग कर दिया जाता है। राज्य का शासन राष्ट्रपति अपने हाथ में ले लेता है। इसका अर्थ यह है कि कुछ समय के लिए राज्य का शासन केन्द्र चलाता है। व्यवहार में राष्ट्रपति राज्यपाल को राज्य का प्रशासन चलाने की वास्तविक शक्तियां सौंप देता है। विधानमण्डल की समस्त शक्तियां अस्थाई रूप से केन्द्रीय संसद् को प्राप्त हो जाती हैं।
प्रश्न 7.
लोक अदालतों के कार्यों/शक्तियों की व्याख्या करें।
उत्तर-
लोक अदालतें न्याय करने के लिए बिल्कुल नवीन व्यवस्था है। इसके जनक न्यायमूर्ति पी० एन० भगवती माने जाते हैं। इसका मुख्य कार्य निर्धन और शोषित लोगों को शीघ्र न्याय दिलाना है। हमारे न्यायालयों में काम का बड़ा बोझ है। लाखों विवाद फाइलों में बन्द पड़े हैं। लोक अदालतों में आपसी सहमति द्वारा सैंकड़ों अभियोगों का निपटारा किया जाता है। अत: लोक अदालतों में लम्बे समय से लम्बित पड़े मुकद्दमे शीघ्रता से निपट जाएंगे और न्यायालयों का कार्य भार हल्का हो जाएगा। 1987 में लोक अदालतों को कानूनी मान्यता प्राप्त हो गई।
PSEB 10th Class Social Science Guide राज्य सरकार Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
I. उत्तर एक शब्द अथवा एक लाइन में
प्रश्न 1.
भारतीय संघ में कितने प्रकार की इकाइयां हैं? नाम बताइए।
उत्तर-
भारतीय संघ में दो प्रकार की इकाइयां हैं-राज्य तथा केन्द्र शासित क्षेत्र।
प्रश्न 2.
(i) राज्यों का वर्गीकरण किस आधार पर किया गया है?
(ii) राज्यों को भाषायी राज्य क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
(i) भारत में राज्यों का वर्गीकरण भाषा के आधार पर किया गया है।
(ii) राज्यों का गठन भाषा के आधार पर होने के कारण इन्हें भाषायी राज्य कहा जाता है।
प्रश्न 3.
केन्द्र शासित प्रदेश किसे कहते हैं?
उत्तर-
केन्द्र शासित प्रदेश वह प्रशासनिक इकाई है जिसका शासन केन्द्र सरकार के अधीन होता है।
प्रश्न 4.
दो केन्द्र शासित प्रदेशों के नाम लिखो।
उत्तर-
पाण्डिचेरी और चण्डीगढ़।
प्रश्न 5.
(i) राज्य सरकार किस सूची के विषयों पर कानून बना सकती है?
(ii) राज्य सूची में कौन-कौन से विषय हैं?
उत्तर-
(i) राज्य सरकार राज्य सूची के विषयों पर कानून बना सकती है।
(ii) कृषि, भूमि, सिंचाई, सार्वजनिक स्वास्थ्य आदि राज्य सूची के विषय हैं।
प्रश्न 6.
(i) धन सम्बन्धी विधेयक राज्य विधानमण्डल के किस सदन में पेश किए जा सकते हैं?
(ii) विधानसभा द्वारा भेजे गए विधेयक को विधान परिषद कितने समय तक रोक सकती है?
उत्तर-
(i) धन सम्बन्धी विधेयक विधानसभा में पेश किए जा सकते हैं।
(ii) विधानसभा द्वारा परामर्श के लिए भेजे गए विधेयक को विधान परिषद् अधिक-से-अधिक 14 दिनों तक रोक सकती है।
प्रश्न 7.
(i) राज्य सरकार का वास्तविक प्रधान (कार्याध्यक्ष) कौन होता है?
(ii) मुख्यमन्त्री की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है?
उत्तर-
(i) राज्य सरकार का वास्तविक प्रधान मुख्यमन्त्री होता है।
(ii) मुख्यमन्त्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।
प्रश्न 8.
राज्यपाल के पद के लिए कम-से-कम कितनी आयु होनी चाहिए?
उत्तर-
35 वर्ष।
प्रश्न 9.
(i) राज्य विधानसभा के एक वर्ष में कितने अधिवेशन होना आवश्यक है?
(ii) राज्य विधानमण्डल के दो अधिवेशनों में कम-से-कम कितने समय का अन्तर होना चाहिए?
उत्तर-
(i) राज्य विधानमण्डल के एक वर्ष में दो अधिवेशन होना आवश्यक है।
(ii) राज्य विधानमण्डल के दो अधिवेशनों में 6 मास से अधिक का अन्तर नहीं होना चाहिए।
प्रश्न 10.
राज्यपाल का प्रमुख परामर्शदाता कौन होता है?
उत्तर-
राज्यपाल का प्रमुख परामर्शदाता मुख्यमन्त्री होता है।
प्रश्न 11.
भारत में कितने राज्य (राज्य सरकारें) हैं?
उत्तर-
28.
प्रश्न 12.
भारत में कितने संघीय क्षेत्र हैं?
उत्तर-
8.
प्रश्न 13.
दो राज्यों के नाम बताओ जहां द्विसदनीय विधानमण्डल हैं।
उत्तर-
महाराष्ट्र तथा कर्नाटक।
प्रश्न 14.
पंजाब में कितने सदनीय विधानमण्डल/विधानपालिका हैं?
उत्तर-
एक सदनीय।
प्रश्न 15.
विधानपरिषद् के सदस्यों की कम-से-कम कितनी संख्या निश्चित की गई है?
उत्तर-
40.
प्रश्न 16.
विधानसभा का सदस्य बनने के लिए नागरिक की कम-से-कम कितनी आयु होनी चाहिए?
उत्तर-
25 वर्ष।
प्रश्न 17.
विधानपरिषद् का सदस्य बनने के लिए नागरिक की कम-से-कम कितनी आयु होनी चाहिए?
उत्तर-
30 वर्ष।
प्रश्न 18.
विधानपरिषद् के प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल कितना होता है?
उत्तर-
6 वर्ष।
प्रश्न 19.
विधानपरिषद् में राज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्यों की संख्या कितनी होती है?
उत्तर-
12.
प्रश्न 20.
राज्य का संवैधानिक मुखिया कौन होता है?
उत्तर-
राज्यपाल।
प्रश्न 21.
राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है?
उत्तर-
राष्ट्रपति।
प्रश्न 22.
राज्य में अध्यादेश कौन जारी कर सकता है?
उत्तर-
राज्यपाल।
प्रश्न 23.
राज्यपाल अपनी कौन-सी शक्तियों का प्रयोग अपनी इच्छानुसार कर सकता है?
उत्तर-
विवेकशील।
प्रश्न 24.
राज्य में राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य की वैधानिक शक्तियां किसे प्राप्त हो जाती हैं?
उत्तर-
संसद् को।
प्रश्न 25.
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या कितनी है?
उत्तर-
26.
प्रश्न 26.
उच्च न्यायालय का न्यायाधीश कितनी आयु तक अपने पद पर रह सकता है?
अथवा
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का कार्यकाल कितना होता है?
उत्तर-
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक अपने पद पर रह सकते हैं।
प्रश्न 27.
पंजाब और हरियाणा का संयुक्त उच्च न्यायालय कहां स्थित है?
उत्तर-
चंडीगढ़ में।
प्रश्न 28.
जिला न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है?
उत्तर-
राज्यपाल।
प्रश्न 29.
लोक अदालतों की धारणा का जनक किसे माना जाता है?
उत्तर-
पी० एन० भगवती को।
प्रश्न 30.
संघ सूची में कितने विषय शामिल हैं?
उत्तर-
97.
प्रश्न 31.
राज्य सूची में कितने विषय शामिल हैं?
उत्तर-
66.
प्रश्न 32.
समवर्ती सूची में कितने विषय शामिल हैं?
उत्तर-
47.
प्रश्न 33.
संघ सूची के कोई दो विषय बताओ।
उत्तर-
रेलवे तथा रक्षा।
प्रश्न 34.
समवर्ती सूची का कोई एक विषय बताइए।
उत्तर-
मजदूर कल्याण।
II. रिक्त स्थानों की पूर्ति
- भारत में ……….. राज्य हैं।
- भारत में …………… संघीय (केंद्र शासित) क्षेत्र हैं।
- पंजाब में ……………. सदनीय विधानमंडल है।
- विधानसभा का सदस्य बनने के लिए कम-से-कम ……….. वर्ष की आयु होनी चाहिए।
- संवैधानिक संकट के समय …………. राज्य का वास्तविक कार्याध्यक्ष बन जाता है।
- राज्य के सबसे बड़े न्यायालय को ……….. न्यायालय कहते हैं।
- राज्यपाल अपनी ………….. शक्तियों का प्रयोग अपनी इच्छा से कर सकता है।
- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश …………. वर्ष की आयु तक अपने पद पर रह सकते हैं।
- राज्यपाल की नियुक्ति ………… करता है।।
- विधान परिषद् में ………….. सदस्य राज्यपाल मनोनीत करता है।
उत्तर-
- 28,
- 8,
- एक,
- 25,
- राज्यपाल,
- उच्च,
- विवेकशील,
- 62
- राष्ट्रपति,
- 1/6.
III. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न राज्य में द्वि-सदनीय विधान मंडल है
(A) बिहार
(B) महाराष्ट्र
(C) उत्तर प्रदेश
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(D) उपरोक्त सभी।
प्रश्न 2.
निम्न राज्य में द्वि-सदनीय विधानमंडल/विधान परिषद् नहीं है
(A) पंजाब/हरियाणा
(B) झारखंड
(C) जम्मू और कश्मीर
(D) कर्नाटक।
उत्तर-
(A) पंजाब/हरियाणा
प्रश्न 3.
विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव होता है
(A) राज्यपाल द्वारा
(B) विधानसभा के सदस्यों द्वारा
(C) मुख्यमन्त्री द्वारा
(D) विधान परिषद् के सदस्यों द्वारा।
उत्तर-
(B) विधानसभा के सदस्यों द्वारा
प्रश्न 4.
निम्न में से कौन-सा केंद्र शासित (संघीय) क्षेत्र नहीं है?
(A) राजस्थान
(B) दिल्ली
(C) चंडीगढ़
(D) पांडिचेरी।
उत्तर-
(A) राजस्थान
प्रश्न 5.
राज्य विधानमंडल के कौन-कौन से दो सदन होते हैं?
(A) लोकसभा तथा विधानसभा
(B) विधानसभा तथा राज्यसभा
(C) विधानसभा तथा विधान परिषद
(D) लोकसभा तथा राज्यसभा।
उत्तर-
(C) विधानसभा तथा विधान परिषद
प्रश्न 6.
राज्य में राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य की वैधानिक शक्तियां किसे प्राप्त होती हैं?
(A) विधानपरिषद् को
(B) संसद् को
(C) प्रधानमन्त्री को
(D) राज्यसभा को।
उत्तर-
(B) संसद् को
प्रश्न 7.
शक्तियों के बंटवारे के संबंध में निम्न में से कौन-सा कथन सही है?
(A) संघ सूची 47 विषय; राज्य सूची 97 विषय; समवर्ती सूची 66 विषय
(B) संघ सूची 66 विषय; राज्य सूची 47 विषय; समवर्ती सूची 97 विषय
(C) संघ सूची 97 विषय; राज्य सूची 66 विषय; समवर्ती सूची 47 विषय
(D) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(C) संघ सूची 97 विषय; राज्य सूची 66 विषय; समवर्ती सूची 47 विषय
प्रश्न 8.
राज्य का संवैधानिक मुखिया कौन होता है?
(A) राज्यपाल
(B) मुख्यमन्त्री
(C) विधानसभा अध्यक्ष
(D) राष्ट्रपति।
उत्तर-
(A) राज्यपाल
IV. सत्य-असत्य कथन
प्रश्न-सत्य/सही कथनों पर (✓) तथा असत्य/ग़लत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं
- विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव विधानसभा के सदस्य अपने में से करते हैं।
- विधान परिषद् के प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल छः वर्ष होता है।
- मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है।
- पंजाब तथा हरियाणा केंद्र शासित प्रदेश हैं।
- राज्य में मुख्यमंत्री ही अध्यादेश जारी कर सकता है।
उत्तर-
- (✓),
- (✓),
- (✓),
- (✗),
- (✗).
V. उचित मिलान
- मुख्यमन्त्री द्वि-सदनीय विधानमंडल
- राज्यपाल एक सदनीय विधानमंडल
- पंजाब राज्य सरकार का वास्तविक प्रधान
- बिहार राज्य का संवैधानिक मुखिया
उत्तर-
- मुख्यमन्त्री-राज्य सरकार का वास्तविक प्रधान,
- राज्यपाल-राज्य का संवैधानिक मुखिया,
- पंजाबएक सदनीय विधानमंडल,
- बिहार-द्वि-सदनीय विधानमंडल।
छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
विधानसभा की रचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
विधानसभा के सदस्यों की संख्या राज्य के आकार तथा वहां की जनसंख्या पर निर्भर करती है। परन्तु संविधान के अनुसार किसी राज्य की विधानसभा में अधिक-से-अधिक 500 सदस्य हो सकते हैं। इनका चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष रूप से लोगों द्वारा किया जाता है। विधानसभा का सदस्य बनने के लिए किसी व्यक्ति की आयु 25 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए। विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
विधानसभा की कार्यवाही का संचालन करने के लिए एक अध्यक्ष तथा एक उपाध्यक्ष होता है। इनका चुनाव विधानसभा के सदस्य अपने में से ही करते हैं।
प्रश्न 2.
विधान परिषद् की रचना कैसी होती है?
उत्तर-
किसी राज्य की विधान परिषद् के सदस्यों की संख्या उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों के एक-तिहाई भाग से अधिक नहीं हो सकती। इस सदन की रचना इस प्रकार होती है —
- इसके एक-तिहाई सदस्य स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों द्वारा चुने जाते हैं।
- इसके अन्य एक-तिहाई सदस्य राज्य की विधानसभा के सदस्यों द्वारा निर्वाचित होते हैं।
- सदस्य संख्या का बारहवां भाग स्नातकों द्वारा निर्वाचित होता है।
- एक अन्य बारहवां भाग सैकेण्डरी स्कूलों, कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों के अध्यापकों द्वारा चुना जाता है।
- शेष 1/6 सदस्यों को राज्य का राज्यपाल मनोनीत करता है। ये सदस्य साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारी आन्दोलन या सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त होते हैं।
विधान परिषद् के प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष होता है। प्रत्येक दो वर्ष के पश्चात् इसके एक-तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं और उनके स्थान पर नये सदस्य चुन लिए जाते हैं। इस प्रकार विधान परिषद् एक स्थायी सदन है।
प्रश्न 3.
केन्द्रीय सरकार के प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल की स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
राज्यपाल राज्य सरकार का सर्वोच्च अधिकारी होता है, परन्तु वह केन्द्रीय सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपना कार्य करता है। निम्नलिखित तथ्य इसकी पुष्टि करते हैं —
- वह केन्द्र तथा राज्य सरकार के बीच कड़ी (Link) का काम करता है। वह विधायिका द्वारा पारित किसी बिल को राष्ट्रपति के विचार के लिए सुरक्षित रख सकता है।
- राज्यपाल द्वारा राज्य में संवैधानिक तन्त्र की असफलता की सूचना मिलने पर राष्ट्रपति सम्बन्धित राज्य में ‘राष्ट्रपति शासन’ लागू कर सकता है। ऐसी स्थिति में राज्य की विधानसभा तथा मन्त्रिपरिषद् को भंग अथवा स्थगित कर दिया जाता है और राज्य का प्रशासन राज्यपाल के अधीन हो जाता है। ऐसे समय पर राज्यपाल राष्ट्रपति का व्यावहारिक प्रतिनिधि बन जाता है। वह राज्य का प्रशासन कुछ सलाहकारों की सहायता से चलाता है।
प्रश्न 4.
जिन आधारों पर राज्यपाल अपने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर सकता है, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर-
राज्यपाल निम्नलिखित आधारों पर अपने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर सकता है —
- जब राज्य का शासन संविधान के अनुसार चलाने में बाधा पड़ रही हो।
- जब राज्यपाल के लिए यह निश्चित करना कठिन हो जाए कि विधानसभा में किस राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है।
प्रश्न 5.
केन्द्र शासित क्षेत्र पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
भारत में 8 केन्द्र शासित क्षेत्र हैं। ये जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से छोटे प्रदेश हैं। इसीलिए उन्हें पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान नहीं किया गया है। वे स्वायत्त नहीं हैं। इन क्षेत्रों का प्रशासन केन्द्र के अधीन है तथा इन्हें उसके नियन्त्रण में चलाया जाता है। केन्द्र शासित क्षेत्र के प्रशासन का प्रधान उप-राज्यपाल, मुख्य आयुक्त अथवा प्रशासक होता है। उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। संसद् कानून बना कर किसी क्षेत्र के लिए विधानसभा की स्थापना भी कर सकती है। ऐसे क्षेत्र का शासन मुख्यमन्त्री तथा उसकी मन्त्रिपरिषद् चलाती है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली में यही व्यवस्था है।
प्रश्न 6.
केन्द्र तथा राज्य सरकारों के बीच रचना सम्बन्धी तीन प्रमुख समानताएं बताइए।
उत्तर-
भारत में केन्द्र तथा राज्य सरकारों के बीच रचना सम्बन्धी तीन प्रमुख समानताएं निम्नलिखित हैं —
- केन्द्र तथा राज्य दोनों संसदीय कार्यपालिकाएं हैं।
- केन्द्र और राज्यों में स्वतन्त्र तथा निष्पक्ष न्यायपालिका है।
- केन्द्र में विधानमण्डल (संसद्) के दो सदन हैं। इसी प्रकार कुछ राज्यों के विधानमण्डलों में भी दो-दो सदन हैं।
प्रश्न 7.
केन्द्र तथा राज्य सरकारों के बीच रचना सम्बन्धी तीन प्रमुख विषमताएं बताइए।
उत्तर-
केन्द्र तथा राज्य सरकारों के बीच रचना सम्बन्धी तीन विषमताएं निम्नलिखित हैं —
- केन्द्र में निर्वाचित राष्ट्रपति होता है जबकि राज्यों में मनोनीत राज्यपाल होते हैं।
- केन्द्र की संसद् के दो सदन हैं, परन्तु अधिकांश राज्यों में एक सदनीय विधानमण्डल है।
- राज्य में भारत के उप-राष्ट्रपति के समान स्तर का कोई पद नहीं है।
प्रश्न 8.
राज्य विधानमण्डलों के चार गैर-विधायी कार्य बताइए।
उत्तर-
राज्य विधानमण्डलों के निम्नलिखित चार गैर-विधायी कार्य हैं
- विधानमण्डल के सदस्य मन्त्रियों से प्रश्न पूछ सकते हैं।
- विधानमण्डल राज्य के मन्त्रिपरिषद् के विरुद्ध अविश्वास के प्रस्ताव पर विचार करता है।
- राज्य विधानमण्डल के निर्वाचित सदस्य राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव करते हैं।
- विधानमण्डल का प्रत्येक सदन अपने अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव करता है।
प्रश्न 9.
राज्यपाल की तीन प्रमुख विधायी शक्तियां बताइए।
उत्तर-
राज्यपाल की तीन विधायी शक्तियां निम्नलिखित हैं
- वह राज्य विधानमण्डल की बैठक बुला सकता है और उसे सम्बोधित कर सकता है।
- वह राज्य विधानमण्डल द्वारा पारित किए गए विधेयकों को स्वीकार कर सकता है, पुनर्विचार के लिए वापस कर सकता है अथवा राष्ट्रपति के विचार के लिए सुरक्षित रख सकता है।
- वह राज्य विधानमण्डल के अवकाश काल में अध्यादेश जारी कर सकता है।
प्रश्न 10.
राज्यपाल की तीन प्रमुख कार्यकारी शक्तियां बताएं।
उत्तर-
राज्यपाल की तीन प्रमुख कार्यकारी शक्तियां निम्नलिखित हैं —
- वह मुख्यमंत्री का चयन करता है तथा मुख्यमन्त्री की सलाह से राज्य मन्त्रिपरिषद् के अन्य सदस्यों की नियुक्ति करता है।
- वह राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों तथा एडवोकेट जनरल की नियुक्ति करता है।
- वह अपने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकता है।
प्रश्न 11.
राज्य सरकारों के चार प्रमुख कार्य बताइए।
उत्तर-
मान्य सरकारें चार प्रमुख कार्य करती हैं —
- वे अपने राज्य में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कानून बनाती हैं और उन्हें लागू करती हैं।
- वे अपने राज्य में आवश्यक वस्तुएं लोगों को लगातार उपलब्ध करने के कार्य करती हैं।
- वे अपने राज्य में शिक्षा का प्रसार तथा अन्य कल्याणकारी कार्य करती हैं।
- वे अपने राज्य में कृषि को प्रोत्साहन देती हैं।
प्रश्न 12.
मुख्यमन्त्री की चार शक्तियों तथा स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मुख्यमन्त्री की शक्तियां-मुख्यमन्त्री की शक्तियां निम्नलिखित हैं —
- मन्त्रियों की नियुक्ति-मुख्यमन्त्री अपने मन्त्रियों की सूची तैयार करके राज्यपाल को भेजता है। राज्यपाल उन्हीं सदस्यों को मन्त्री पद की शपथ दिलाता है।
- विभागों का बंटवारा-मुख्यमन्त्री मन्त्रियों में विभाग बांटता है।
- मन्त्रियों को हटाना-वह किसी भी मन्त्री से त्याग-पत्र मांग सकता है। यदि वह त्याग-पत्र देने से इन्कार कर दे तो मुख्यमन्त्री उसे राज्यपाल से कह कर हटा सकता है।
- मन्त्रिपरिषद् का अध्यक्ष-मुख्यमन्त्री मन्त्रिपरिषद् की बैठक का कार्यक्रम निश्चित करता है तथा इसकी बैठकों की अध्यक्षता करता है।
मुख्यमन्त्री की स्थिति-सच तो यह है कि मुख्यमन्त्री राज्य का एक महत्त्वपूर्ण तथा शक्तिशाली अधिकारी है। राज्य प्रशासन का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं होता जिस पर उसका नियन्त्रण न हो। कोई भी मन्त्री मुख्यमन्त्री की इच्छा के बिना मन्त्री पद पर नहीं रह सकता। वह ऐसी धुरी है जिसके चारों ओर राज्य का प्रशासन चक्कर काटता है।
प्रश्न 13.
उच्च न्यायालय के अपील सम्बन्धी क्षेत्राधिकार का वर्णन करो।
उत्तर-
मूल रूप से उच्च न्यायालय एक अपीलें सुनने वाला न्यायालय होता है। यह अपने अधीनस्थ न्यायालयों के विरुद्ध विभिन्न दीवानी और फ़ौजदारी मामलों में अपीलें सुन सकता है। उदाहरण के लिए किसी अपराधी को तब तक फांसी नहीं लगाई जा सकती. जब तक कि सैशन न्यायालय द्वारा दिये गये फांसी के निर्णय का उच्च न्यायालय अनुमोदन नहीं करता। यदि उच्च न्यायालय फांसी के दण्ड को उचित घोषित करता है, तभी मृत्यु दण्ड दिया जा सकता है।
प्रश्न 14.
उच्च न्यायालय के प्रशासकीय क्षेत्राधिकार का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
उच्च न्यायालय को निम्नलिखित प्रशासकीय अधिकार प्राप्त हैं —
(क) अधीनस्थ न्यायालयों का निरीक्षण करना तथा उन पर नियन्त्रण रखना।
(ख) जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति में राज्यपाल को परामर्श देना।
(ग) न्यायाधीशों की पदोन्नति इत्यादि के मामले।
प्रश्न 15.
जिला न्यायालय पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
न्यायिक प्रशासन के लिए प्रत्येक राज्य को विभिन्न जिलों में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक जिला एक जिला न्यायाधीश के अधीन कार्य करता है। जिला न्यायालयों के न्यायाधीशों को राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के परामर्श से राज्यपाल नियुक्त करता है, उन्हीं व्यक्तियों को जिला न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया जा सकता है जो कि कम-से-कम सात वर्ष तक वकील के रूप में कार्य कर चुके हों या जो कि संघ या राज्य सरकार की सेवा में अधिकारी के रूप में कार्य कर चुके हों। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि जज स्वतन्त्रतापूर्वक न्याय कर सकें और जनता का न्यायपालिका में विश्वास दृढ़ हो।
प्रश्न 16.
भारतीय संघ की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर-
भारतीय संघ में संघीय ढांचे की भान्ति केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर अलग सरकारें हैं। शक्तियों का विभाजन : भी तीन सूचियों-संघ, राज्य तथा समवर्ती में किया गया है। स्वतन्त्र न्यायालय की भी व्यवस्था है, परन्तु भारतीय संघ में केन्द्र अधिक शक्तिशाली बनाया गया है। सभी महत्त्वपूर्ण विषय केन्द्रीय-सची में रखे गए हैं। केन्द्र साझी सूची पर भी कानून बना सकता है। आपात्काल में इसे राज्य-सूची के विषयों पर भी कानून बनाने का अधिकार है। इस देश में सभी को इकहरी नागरिकता प्राप्त है। भारतीय संघ अमेरिका की भान्ति एक संघ नहीं है।
प्रश्न 17.
संघ और राज्य के मध्य वैधानिक अधिकारों का विभाजन किस प्रकार किया गया है?
उत्तर-
संघीय शासन से हमारा अभिप्राय ऐसे शासन से है जिसमें शक्तियां संघ तथा उसकी इकाइयों में बांट दी जाती है। संक्षेप में शक्तियों का बंटवारा इस प्रकार होता है —
- संघीय-सूची-संघीय सरकार को उन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार है जो राष्ट्रीय महत्त्व के होते हैं। सुरक्षा, डाक-तार, मुद्रा आदि सभी संघीय विषय होते हैं।
- राज्य-सूची-राज्य-सूची में वे विषय होते हैं जिन पर केवल राज्य विधानमण्डलों को कानून बनाने का अधिकार होता है। बिक्री-कर, राज्य-वित्त, कृषि आदि राज्य सूची के विषय हैं। यदि कोई राज्य-सूची का विषय राष्ट्रीय महत्त्व धारण कर ले तो एक विशेष प्रक्रिया द्वारा संघीय सरकार को उस विशेष विषय पर कानून बनाने के अधिकार प्राप्त हो जाते हैं।
- समवर्ती-सूची-इस सूची में दिए गए विषयों पर राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार दोनों ही कानून बना सकती हैं, परन्तु यदि किसी एक ही विषय पर राज्य तथा केन्द्र द्वारा बनाए गए कानून में विरोध हो तो केन्द्र द्वारा बनाए गए कानून को ही मान्य समझा जाता है।
प्रश्न 18.
राज्यपाल और मन्त्रिपरिषद् का सम्बन्ध बतलाओ।
उत्तर-
राज्यपाल भारतीय संघ में राज्य का मुखिया होता है, परन्तु वह नाममात्र का ही मुखिया है। उसे राज्य की मन्त्रिपरिषद् के परामर्श से कार्य करना पड़ता है। फिर भी कुछ विशेष परिस्थितियों में वह राज्य का वास्तविक मुखिया भी होता है। वह राज्य के मुख्यमन्त्री की नियुक्ति करता है। अन्य मन्त्री भी उसी के द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। वह राज्य मन्त्रिपरिषद् के निर्णयों के विषय में मुख्यमन्त्री से पूछताछ कर सकता है, परन्तु मुख्यमन्त्री तथा अन्य मन्त्रियों की नियुक्ति करते समय राज्यपाल अपनी इच्छा से काम नहीं ले सकता है। वह केवल राज्य विधानसभा के बहुमत दल के नेता को ही मुख्यमन्त्री नियुक्त कर सकता है। अन्य मन्त्रियों की नियुक्ति वह मुख्यमन्त्री के परामर्श से करता है।
प्रश्न 19.
राज्यपाल के क्या अधिकार हैं?
उत्तर-
राज्यपाल को अनेक वैधानिक, कार्यकारी, धन सम्बन्धी तथा न्यायिक अधिकार प्राप्त हैं।
- वह मन्त्रिपरिषद् का गठन करता है तथा राज्य लोक-सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति करता है।
- वह राज्य विधानमण्डल द्वारा पारित बिलों को स्वीकृति दे कर कानून बनाता है तथा अप्रैल से पूर्व वित्तमन्त्री से बजट पेश करवाता है।
- वह उच्च न्यायालयों के जजों की नियुक्ति में राष्ट्रपति को सलाह देता है।
- वह अपने विवेकानुसार किसी बिल को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए आरक्षित रख सकता है।
- वह राष्ट्रपति को राज्य में शासन-तन्त्र की विफलता की सूचना अपने विवेकानुसार दे सकता है।
प्रश्न 20.
राज्य की व्यवस्थापिका में वित्तीय-विधेयक किस प्रकार पारित होता है?
उत्तर-
वित्तीय विधेयक मन्त्रियों द्वारा रखे जाते हैं। ये विधेयक केवल विधानसभा में पेश किए जा सकते हैं। जिन राज्यों में दो सदन होते हैं, वहां विधानसभा से पारित होने के बाद विधेयक विधान परिषद् में भेजा जाता है। विधान परिषद् इसे चौदह दिन तक रोक सकती है। तत्पश्चात् यह विधेयक को विधानसभा को सुझावों या बिना सुझावों के भेज देती है। विधानसभा इन सुझावों को अस्वीकार भी कर सकती है। इस प्रकार पारित विधेयक राज्यपाल की अनुमति के लिए भेजा जाता है। राज्यपाल की अनुमति मिलने पर विधेयक कानून बन जाता है।
राज्य सरकार PSEB 10th Class Civics Notes
- राज्य विधानमण्डल-कुछ राज्यों के विधानमण्डलों में दो सदन हैं तथा अन्य में केवल एक ही सदन है। द्विसदनीय विधानमण्डल में निम्न सदन को विधानसभा तथा उच्च सदन को विधानपरिषद् कहते हैं। एक सदनीय विधानमण्डल में केवल विधानसभा होती है।
- विधानसभा-विधानसभा की सदस्य संख्या राज्य की जनसंख्या के आधार परअधिक-से-अधिक 500 सदस्य। चुनाव के लिए योग्यताएं-25 वर्ष या इससे अधिक आयु तथा लाभप्रद सरकारी पद पर न हो। इसका कार्यकाल 5 वर्ष है।
- विधानपरिषद्-राज्य का उच्च तथा स्थायी सदन। एक तिहाई सदस्य हर दो वर्ष पश्चात् सेवानिवृत्त। इसके एक तिहाई सदस्य विधानसभा द्वारा, एक तिहाई नगर पालिकाओं तथा परिषदों द्वारा, बारहवां भाग स्नातकों द्वारा, एक अन्य बारहवां भाग स्कूलों, कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों के अध्यापकों द्वारा चुना जाता है। शेष सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाते हैं।
- राज्य कार्यपालिका-राज्यपाल, मुख्यमन्त्री तथा मन्त्रिपरिषद्।
- राज्यपाल-राज्यपाल राष्ट्रपति द्वारा पांच वर्ष के लिए नियुक्त किया जाता है। राज्य की सारी कार्यपालिका शक्तियां राज्यपाल में निहित हैं, परन्तु उनका वास्तविक प्रयोग मुख्यमन्त्री करता है। सारी महत्त्वपूर्ण नियुक्तियां राज्यपाल के नाम पर की जाती हैं। राज्यपाल के हस्ताक्षर के पश्चात् ही कोई विधेयक कानून का रूप लेता है। वह अध्यादेश भी जारी कर सकता है। उसके पास स्वविवेक शक्तियां भी हैं।
- राष्ट्रपति शासन-राष्ट्रपति किसी राज्य के राज्यपाल की रिपोर्ट मिलने पर वहां संवैधानिक आपात्काल की घोषणा कर राष्ट्रपति शासन लागू कर देता है। इस अवधि में राज्य की सभी कार्यपालिका शक्तियों का प्रयोग राज्यपाल करता है।
- मुख्यमन्त्री तथा मन्त्रिपरिषद-राज्यपाल विधानसभा में बहमत दल के नेता को मुख्यमन्त्री नियुक्त करता है और. उसकी सिफ़ारिश से अन्य मन्त्रियों की नियुक्ति करता है। मन्त्रिपरिषद् संयुक्त रूप से विधानसभा के प्रति उत्तरदायी होती है।
- उच्च न्यायालय-प्रत्येक राज्य के शिखर पर.उच्च न्यायालय होता है। कभी-कभी दो या दो से अधिक राज्यों का साझा उच्च न्यायालय भी हो सकता है।
- उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार-आरम्भिक, अपील सम्बन्धी तथा प्रशासकीय क्षेत्राधिकार।
- आरम्भिक क्षेत्राधिकार- इसमें संविधान की व्याख्या तथा नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा सम्बन्धी मामले आते हैं।
- अपील सम्बन्धी क्षेत्राधिकार-इसके अन्तर्गत अधीनस्थ न्यायालयों के निर्णय के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई करना आता है।
- प्रशासकीय क्षेत्राधिकार-इस क्षेत्राधिकार में उच्च न्यायालय राज्य के सभी अधीनस्थ न्यायालयों का निरीक्षण करता है तथा उन पर कड़ा नियन्त्रण रखता है।
- अधीनस्थ न्यायालय-उच्च न्यायालय के अधीन अधीनस्थ न्यायालय आते हैं। इसमें जिले के न्यायालय तथा उससे नीचे के न्यायालय शामिल हैं।
- लोक अदालत-निर्धन तथा पिछड़े वर्ग के लोगों को शीघ्र तथा कम खर्चीला न्याय दिलाने के लिए लोक अदालतों की व्यवस्था है।